02-27-2021, 12:47 PM,
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desiaks
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RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
आपडेट 40
दीदी भी बहुत खुश थी और वो भी मुझे नहीं छोड़ना चाहती थी, पर कल चाचा-चाची आ रहे थे और कल जिजु भी बाहर से लौट रहे थे. दूसरे दिन में उठा तो दीदी हमेशा की तरह मेरे से पहले उठ चुकी थी और मैंने फ्रेश हो कर बाहर आया तो मेरे मोबाइल पर दीदी का मैसेज आया था की वो माँ डैड को रिसीव करने जा रही हे और एक घंटे में लौटेंगी.
मैं बाहर आ कर ब्रेकफास्ट करने बैठा और जैसे ही मैंने ब्रेकफास्ट ख़त्म किया की दीदी की कार के आने की आवाज़ आई और में फट से डरवाजा खोलने दौड़ा और मैंने देखा तो में सही था चाची आ चुकी थी. मैंने चाचा चाची के पाँव छुए और चाची और कोमल दीदी बातें करने लगी, में भी पास में ही बैठा था पर में तो बस दोनों को देखे जा रहा था और में दीदी के पास में बैठा था इसीलिए में चाची को देख रहा था और इस बात का दीदी को शायद पता नहीं था जब की चाची अच्छे से जानती थी, की में बस उन्हें निहार रहा हू, चाची ब्लैक साडी में और मैचिंग ब्लाउज में थी और चाची की कमर क्या मस्त लग रही थी, चाची का भी अब ध्यान दीदी से बातों से हट कर मेरी और था की में क्या देख रहा था फिर उन्हें शर्म आई तो चाची ने अपनी साडी ठीक की और अपने पल्लू से अपने आप को कवर किया, मैंने थोड़े ग़ुस्से में चाची को देखा पर कुछ कर नहीं सकता था इतने में दीदी ने कहा की उन्हें अब चलना चहिये, क्यूँकि जिजु भी आने वाले थे, इसीलिए वो उठी और कहा की वो अपना लगेज पैक करने जा रही हे, और चाची ने भी कहा की वो चाय बनाती हे, सबके लिये. तो वो दोनों उठी और जैसे ही दीदी अपने रूम में गयी, और चाची किचन में जा रही थी की मैंने पीछे से चाची को धक्का देते हुए सीधा किचन में लाते हुए मैंने चाची को पीछे से अपनी बाँहों में थाम लिया और फिर चाची भी घूम गयी और मेरी और देखा और मैंने भी उनकी और और मैंने अपने हाथ में उनका चेहरा रक्खा और चाची के लिप्स को चूसने लगा और चाची भी मेरे लिप्स को अपने लिप्स में भर रही थी. वो भी १५ दिन से प्यासी थी, मैंने फिर चाची को गांड से पकड़ा और उठा के किचन के प्लेटफार्म पे बिठा दिया और चाची के लिप्स को सक करने लगा और चाची ने भी अपनी बाहें मेरे गले के आसपास फैला दी और में सच में चाची को किस करने में खो गया और चाची भी.
फिर एक दम से चाची ने मुझे छोड़ दिया और धक्का दे दिया और प्लेटफार्म से उतर गयी, मैंने देखा तो किचन के दरवाजे पर दीदी खड़ी हो के सब देख रही थी, चाची शर्म के मारे बेहाल हो रही थी, चाची अपने पल्लू से अपने फेस को छूपाने की कोशिश करने लगी, दीदी भी अदब बना के देख रही थी और फिर वो मेरे पास आई और मुझे कस के एक थप्पड़ जड़ दिया. आई वास् टोटली शॉकड. की दीदी मेरे साथ ऐसा कर सकती हे. चाची तो कुछ बोलने के हालत में नहीं थी, चाची तो क्या अब तो में भी कुछ बोलने के हालत में नहीं था और फिर दीदी ने मेरी चाची की और देखा और चाची ने फिर से अपने फेस को पल्लू से ढकने की कोशिश की, मेरा तो हाथ ही अपने गाल से हट नहीं रहा था एक मिनट तक किचन में एक दम शांती रही थी और फिर दीदी ने फिर से मेरी और देखा और मुझे अपने हाथों से पकड़ा और मेरे लिप्स पर किस कर दिया. चाची के लिए तो यह डबल शॉक था और चाची का मुँह शॉक से खुला ही रह गया और फिर दीदी ने चाची की और देखा और चाची से कहा की माँ यु हैव मेड नाइस चोइस..यह बहुत नालायक लड़का हे, लेकिन अच्छा हे. चाची कुछ समझ नहीं पाई और फिर दीदी चाची को ले कर अपने रूम में चलि गयी.
****छोटी चाची की चुदाई ****
फ्रेंड्स, दीदी को पता तो चल गया, और बाद में चाची को भी पता चल गया की मैंने दीदी के साथ सेक्स किया था चाची बहुत नाराज़ हुई थी मुझसे भी और दीदी से भी. पर फिर दीदी चाची को समझाने में सफल रही और फिर दोनों ने कहा की यह बात हम तीनो में ही रहेगि, कोई किसी से कुछ भी नहीं कहेगा, और यह भी तय हुआ की सुबह जैसे में चाची से किस करते दीदी के हाथो से पकड़ा गया, वैसे ही किसी और से पकड़ा जा सकता हूँ तो अगली बार से ओपन में छूना मना था
मुझे बात में दम लगा और में भी सब मान गया. सब सही चल रहा था की एक दिन सुबह १० बजे छोटी चाची का कॉल आया की दादाजी की तबियत ठीक नहीं हे, तो आप सब लोग आ जाइये और हम फ़टाफ़ट से पहुंचे और सूरत से माँ डैड भी आ गए थे. वहा पहुंचे तो छोटी चाची ने दादाजी को इंजेक्शन दे कर रिलैक्स तो कर दिया था पर उन्हें तेज़ बुखार था तो बड़े चाचा ने कहा की वो दादाजी को साथ ले चलते हे और वहीँ पर उनका अहमदाबाद में ठीक से ख्याल भी हो पायेगा. सब तय हुआ, और फिर में माँ और दोनों चाची के साथ बैठा था और ऐसे में माँ ने कहा .
रेशु तुम ऐसा क्यों नहीं करते. की हमारे साथ क्यों नहीं चलते..? यहाँ से साथ में जाएंगे. वैसे भी बहुत दिन हो गए हे.. तब छोटी चाची ने कहा “रेशु ऐसे देखा जाये तो तुम तो आज यहाँ पर पूरे पांच साल बाद आये हो, तो तुम यहाँ क्यों नहीं रुक जाते”.?
ओर फिर बहुत डिस्कशन के बाद तय हुआ की में गाँव में ही रुकूँगा, थोड़ा सा मेरा रुक्ने का मन नहीं था पर इतना भी बुरा नहीं था लेकिन फिर मेरी मम्मी ने भी कहा की “रेशु तुम बड़े दिनों बाद आये हो तो रुक जाओ, अपने गाँव को शायद भूल चुके होंगे, तो यहाँ रुको और फिर बाद में बड़ी चाची के पास चले जाना”. .”एक दम सही हे दीदी.. रेशु तुम यही रुकोगे और जब तक में नहीं कहती तुम कहीं नहीं जा सकते”.. छोटी चाची ने आखरी आर्डर दे दिया और मुझे वहीँ पर रुकना पडा दोपहर को लंच के बाद बड़े चाचा-चाची और मम्मी पापा सब निकल गये,
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02-27-2021, 12:48 PM,
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RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 41
घर पर में छोटी चाची और चाचा ही थे.
मैं थोड़ा बोरिंग फील कर रहा था क्यों की यहाँ मेरी उमर का कोई नहीं था चाची की एक लड़की थी पर वो मुंबई में अपने मामा के घर पर रहकर पड़ती थी.
गाँव का घर था इसीलिए मेरे लिए कोई अलग से रूम नहीं था एक रूम अलग से था वहाँ पर चाचा और चाची सोते थे.
मैं वहीँ हॉल में अपनी खाट बिछाके सो गया और सोच्ने लगा.
बड़ी चाची के बारे और सेक्स के बारे मे.
छोटी चाची भी एक दम सेक्सी तो थी,
पर उनसे कभी ऐसे बात नहीं की थी.
और यह भी सोचा की क्या छोटी चाची को सिड्यूस करना और सेक्स करना सही होगा?
क्यूंकि घर में आलरेडी २ फीमेल को मैंने सिड्यूस कर दिया था फिर मैंने मन बनाया की नही,
छोटी चाची के साथ ऐसा कुछ नहीं करूँगा क्यूँकि उनसे वैसे ही मेरी अच्छी पट्ती थी और वो वैसे ही मुझसे अच्छे से बीहेवे करती थी.
और वैसे भी इतना चुदक्कड़ बन्ने में भी मज़ा नहीं था लेकिन ऐसे ही में सोचते सोचते छोटी चाची के बारे में फेंटीसी करने लगा.
वो सच में इतनी सिडक्टिव थी की में सोच्ने से अपने आपको रोक नहीं पा रहा था वो एक दम एक्ट्रेस स्वाति वर्मा की तरह लगती हे.
क्या कमर और क्या बॉब्स हे चाची के,
पर मैंने सोच लिया की नहीं रेशु, गाँव में किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी हो जायेगी और ऐसे सोचते सोचते ही में सो गया.
अचानक 11 बजे उठा तो देखा की चाची कही जाने को रेडी थी,
वो बस निकलने ही वाली थी की में उठा तो मुझे देखकर चाची ने कहा
“अरे रेशु इतनी जल्दी क्यों उठ गये..?
अब उठ गए हो तो सुनो, तुम्हारे चाचा अपने क्लिनिक पर गए हे और में भी गाँव वाले क्लिनिक पर जा रही हू, तो अच्छे से घर को देखना, और चिंता मत करना, में जल्दी ही आ आउंगी”..
चाची ने कहा और चाबि मुझे दे कर मेरे गाल पर किस दे कर चलि गयी.
बॉस..नीन्द में से जागने की बारी अब थी,
क्यूँकि आज से पहले कभी छोटी चाची ने ऐसे मुझे किस नहीं किया था में बेड पे बैठे बैठे सोचता रहा और चाची को फैंटेसी करते करते सोचता रहा की आखिर चाची ने किस किया क्यों..
कहीं वो मेरे बारे में भी तो नहीं सोच रही,
जैसे में चाची के बारे में फैंटसी करता हू,
पर फिर सोचा की नहीं वो तो में बोर न हो जाऊं इसीलिए ऐसे किया होगा. फिर में सोचना छोड और टीवी ऑन कर के देखने लगा.
अब मेरे चाचा के बारे में, जी मेरे चाचा अपने ही गाँव में एक क्लिनिक चलाते थे,
पर फिर उनकी प्रैक्टिस अच्छी चल्ने लगी इसीलिए उन्होंने पास के शहर में एक हॉस्पटल खोल दिया,
लेकिन अभी अभी यह सब करने से वो काम में बहुत बिजी रहते थे,
डॉक्टर्स का इंनरोलमेंट,
एडमिनिस्ट्रेशन और वो भी घर से दुर, इसीलिए वो सुबह ९ बजे चले जाते और शाम को ८ बाजे आते थे, इसीलिए अब गाँव के क्लिनिक में छोटी चाची पेशेंट को देखति थी और वो भी दोपहर को 12 से 5.
क्यूंकि सारे काम से उन्हें भी फूर्सत नहीं मिलति थी, वैसे भी अब सारे पेशंट, चाचा के हॉस्पिटल में ही जाते थे.
तो जैसे तइसे मैंने 2 तो घडी में बजा दिये,
पर फिर बोर होने लगा तो मैंने फिर चाची के क्लिनिक पे जाने का सोचा, क्यों न वहॉ जा कर चाची से बातें की जाए,
वैसे भी वहा पर पेशेंट्स तो कम आते हे.
मैंने घर को लॉक किया और निकला की तभी बूंदा बांदी होने लगी और अभी में गाँव के बाहर निकला ही था की तेज़ बारिश होने लगी,
मुझे मज़ा आने लगा, क्यूँकि यह मौसम की पहली बारिश थी.
बॉस भिगने में मज़ा आ गया,
रस्ते के किनारे मुझे छोटी सी बस्ती दीखि थोड़ी दूर पे स्कूल भी था जहा बच्चें खेल रहे थे वहा से लगभग हाफ की मि आगे निकला ही था की बहुत तेज़ बारिश होने लगी
अब में रोड के दोनों तरफ रुक्ने के लिए जगह देख रहा था पर कोई रुक्ने की जगह नहीं दिख रही थी तभी मुझे रोड के लेफ्ट साइड में ५०-६० मीटर दूर एक बहुत बडा पीपल का पेड दिखा जिसके आस पास ४-५ फीट के पत्थर भी थे,
मैने वहि पर रुक्ने का मन बनाया और उस तरफ चल दिया वहा पहुच के मैंने पेड के पास जा के खडा हो गया बारिश और भी तेज़ हो गई थी २५-३० मीटर के बाद कुछ भी दिखाई नहीं देरहा था.
की तब मुझे लगा पेड के पीछे कुछ है मैं थोड़ा घबराया और उस तरफ जा के देखा तो वहा २ लडकिया बैठि थी दोनों स्कूल ड्रेस में थि,एक ने फ्रॉक पहना था जो की उसके घुटनो तक था और दूसरी ने सलवार-सूट पहनी थी.
मुझे सामने देख के दोनों घबरा गई,मैं भी २ मिनट के लिए समझ नहीं पा रहा था की क्या रियेक्ट करु,
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02-27-2021, 12:48 PM,
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RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 42
मैने वहि पर रुक्ने का मन बनाया और उस तरफ चल दिया वहा पहुच के मैंने पेड के पास जा के खडा हो गया बारिश और भी तेज़ हो गई थी २५-३० मीटर के बाद कुछ भी दिखाई नहीं देरहा था.
की तब मुझे लगा पेड के पीछे कुछ है मैं थोड़ा घबराया और उस तरफ जा के देखा तो वहा २ लडकिया बैठि थी दोनों स्कूल ड्रेस में थि,एक ने फ्रॉक पहना था जो की उसके घुटनो तक था और दूसरी ने सलवार-सूट पहनी थी.
मुझे सामने देख के दोनों घबरा गई,मैं भी २ मिनट के लिए समझ नहीं पा रहा था की क्या रियेक्ट करु,
खैर मैं उनके पास गया तो वो दोनों खडी हो गई मैने पूछा…
तुम दोनों यहाँ क्या कर रही हो और तुम लोगो का घर कहा है,
तो उनमे से एक लडकी ने कहा वो पास वाली प्रायवेट स्कूल में १०थ क्लास में पढ़ती है,
ओर सुबह लेट हो जाने की वजह से वो स्कूल नहीं गई स्कूल में लेट होने पे टीचर से मार पड़ती है और वापस घर जाती तो डाँट पड़ती.
इसलिए दोनों यही रुक के स्कूल छूटने का इंतज़ार कर रही थि,इनका घर यहाँ से २ किमी आगे राईट साइड में एक गाव है वहा पर था.
थोड़ी देर उनसे मैंने बात की अब तक मैंने उन्हें अपने बारे में कुछ भी नहीं बताया था,वह दोनों बहुत भोलि और मासूम थि, तब तक मेरे मन में कुछ भी गलत नहीं था उनको लेकर .
अब तक हम लोग खडे होकर ही बातें कर रहे थे मैंने उनको बैठ जाने को कहा और खुद भी वही पडे २ फ़ीट के पत्थर पे बैठ गया और वो दोनों मेरे सामने दो छोटे पत्थरो पे घुटने को अपने गर्दन से चिपका के बैठ गई,
गिली होने के वजह से उन्हें थोडी ठण्ड भी लग रहा थी उनके होंठ कांप रहे थे,तभी मेरी नज़र उस लडकी पे गई जिसने फ्रॉक पहना था उसका फ्रॉक निचे से उसके घुटने से निकल कर निचे चला गया था और उसकी लाल चड्डी मुझे दिखि,उस्की चड्डी दीखते ही मानो मुझे करंट का झटका लगा हो,
अब मेरे अंदर का शैतान मुझ पे हावि होने लगा था मुझे सेक्स किये हुये भी बहुत दिन हुये थे अब एका-एक वो लडकिया मुझे सेक्सी और कामुक लगने लगी थी उसकी गोरी-गोरी जाँघे देख के मेरा लंड टाइट हो गया था,
अब मैं उन दोनों लड़कियों को चोदने का प्लान करने लगा था वो दोनों लड़कियां मेरी इस मानसिकता से अन्जान बारिश में ठण्ड से कांप रही थी और एक दूसरे से चिपक कर बैठि थि,
अब मैं उन दोनों को घुर रहा था दोनों का रंग साफ था अब गाव की लड़कियां तो शहर की लड़कियों की तरह गोरी होती नहीं है,
उन दोनों का ऐज x6 या x7 साल होगा.
गाल फुले हुए थे होंठ पतले और लाल-लाल थे उनके बॉब्स मुझे नहीं दिख रहे थे उनके बैठे होने के कारण अब मैं उनको थोड़ा डराना चाहता था ताकि मैं जो करना चाहता हूँ उसमे आसानी हो,
मैने उन दोनों लड़कियों की तरफ देखा और पूछा तुम दोनों झूठ तो नहीं बोल रही मुझ से,कहि किसी और कारन से तो यहाँ इतने सुन्सान जगह पे तुम दोनों रुकि नहीं हो?
उनमे से एक लडकी ने घबराते हुए कहा नहीं -नहीं हम सच कह रही है,मैने थोडा टाइट आवाज़ में कहा देखो मैं एक पुलिस बाला हूँ अगर झूठ बोली तो अभी फ़ोन कर के पुलिस वालों को बुलाउंगा और तुम्हे ठाणे में ले जा के वो सब सच उगलवा लेंगे अब वो लडकिया डरणे लगी थी पुलिस का नाम सुन के तो अच्छे-अच्छे डरणे लगते है वो तो गाव की मासूम और भोली-भाली लडकिया थी.
मैने उन्हें अब और डराया ….मैने पूछा तुम दोनों यहाँ किसी लड़के के साथ तो कुछ करने नहीं आई हो या कर चुकी और मुझे देख के वो लड़के भाग गये,बोलो?
ओ दोनों लड़कियां अब और घबरा गई और रोने जैसी शकल बनाते हुए बोलने लगी की नहीं वो सच कह रही है और यहाँ किसी लड़के से मिलने नहीं आए है,..अब वो दोनों खडी हो गई थि, मैंने कहा ठीक है मैं अभी फ़ोन कर के गाडी मंगवाता हूँ और तुमलोगो को ठाणे ले के चलता हूँ वहा जब गांड पे डण्डे पडेंगे तो सब सच बोल दोगी और डॉक्टर भी तुम्हे चेक कर के बता देगा की तुमलोगो ने किसी लडके से करवाया है या नहि, मै अपना मोबाइल निकाल के ऐसे ही नम्बर डायल करने लगा वो दोनों रोने लगी और रोते हुए बोली नहीं हमे ठाणे नहीं ले जाइये गाव में हमारी बदनामी होगी.
मैने कहा तब तो मुझे ही चेक करना पड़ेगा की तुमने किसी लड़के के साथ कुछ किया है या नहि,वो दोनों झट से मान गई मैने उनका नाम पूछा तो जिसने फ्रॉक पहना था उसने अपना नाम गीता बताया और दूसरी का नाम रानी अब जब वो दोनों खडी थी तो उनके बॉब्स अब मुझे दिख रहे थे गीता के बॉब्स थोड़े बड़े और रानी के बॉब्स उससे थोड़े छोटे थे.
मैं गीता के पास गया और उसके पीठ पे हाथ फिराते हुए उसके गांड तक गया और दोनों हांथों से उसके गांड के दोनों पार्ट को दबाया उसकी गांड बहुत प्यारी थी छोटी और बहुत कोमल.
फिर मैंने उसके बॉब्स को देखा और पूछा ये क्या है वो शरमाई और सर निचे कर ली मैंने फिर पूछा तो उसने बताया ये स्तन है
मैंने उसके दोनों बॉब्स को पकड़ के थोडा दबाया और फिर हाथ निचे की तरफ सहलाते हुए उसके नवी से निचे उसकी कमर पे लेगया उसकी कमर बहुत पतली लगभग २४ साइज की थी
और उसके गांड का साइज ३२, मैने उसके फ्रॉक के उप्पर से ही ऊसके चुत को सहलाया और पूछा
इसे क्या कहते है तो उसने डरते हुए और शरमाते हुए कहा की ये चुत है, अब मैं रानी की तरफ गया और उसके अंगों का साइज मैं लेने लगा वो गीता से थोड़ी लम्बी थी
पर उसके बॉब्स गीता से छोटे थे गीता का बॉब्स जहा ३४ साइज का था
वहि रानी का साइज ३२ था लेकिन जैसे ही मैं रानी की गांड पे अपने हाथ फिराये उसकी गांड बहुत मस्त और फुली हुई थी उनका साइज ३६ था या उससे ज्यादा होगा.
मैने रानी के बॉब्स को दुबारा से दबाया और कहा
"अरे ये तो गीता के बॉब्स से छोटे है मतलब गीता ने जरूर किसी लडके से चुदाया है और अपना बॉब्स चुसवाया है तभी उसके बॉब्स बडे है….
ये सुन के गीता घबरा गई और बोली
"नहीं अभी तक किसी लड़के ने मुझे नहीं छुआ न ही मैंने किसी से चुदवाया है".
मैने कहा "
ठीक है फिर अपने कपड़े उतारो फिर चेक करते है"
वो बोली …"नहीं आप ऊपर से ही चेक कर लीजिये"..
मैने थोडा ऊँचे आवाज में दुबारा कपड़े उतारने क लिए कहा तो वो झिझकते हुए कपड़े उतारने लगी फिर मैंने रानी से भी कहा की तू भी अपने कपड़े उतार तेरा भी चेक अप करना है वो दोनों अब भी झिझक रही थी तो मैंने कहा
"देखो मैं यहा पे अकेला हूँ और तुम्हे जानता भी नहीं अभी तुम लोगो का चेकअप कर के मैं यहाँ से चला जाउँगा और तुम अपने घर चलि जाना किसी को कुछ पता नहीं चलेगा".
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