XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-18-2021, 12:14 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

कॉलेज डांस की हॉट प्रैक्टिस


अगले दिन इतवार था और दोपहर को डांस प्रैक्टिस करने वाले सहपाठी आने शुरू हो गए, सबसे पहले पहुंचने वाली सलोनी (लोनी) ही थी, वो अपनी कार में आई थी अपने ड्राइवर के साथ, आज उसने बहुत ही टाइट सलवार कमीज पहन रखी थी जिसमें उसके शरीर के अंग काफ़ी उभर कर दिखाई दे रहे थे खासतौर पर उसके स्तन और नितम्ब जो आम लड़कियों से काफी बड़े थे और बहुत ही सेक्सी लग रहे थे.
हम दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और फिर लोनी ने एक झटके से मुझ को अपनी बाहों में ले लिया और मेरे लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी.मैं हतप्रभ और हैरान हो गया और जब संभला तो मैंने भी आगे बढ़ कर लोनी को अपनी शक्तिशाली बाहों में भर कर एक बहुत ही टाइट जफ़्फ़ी मारी और उसके लबों पर गर्म चुम्बनों की झड़ी लगा दी.
मैं आलिंगन से छूटा तो बोला- उफ़ लोनी, तुम तो कमाल की चीज़ हो… क्या हॉट और सेक्सी शरीर है तुम्हारा!यह कहते हुए मैंने उसके गोल गुदाज़ मम्मों पर हाथ फेरा और फिर दोनों हाथों से उसके उभरे हुए चूतड़ों को सहलाया..

लोनी इस वक्त बहुत ही गर्म हो चुकी थी और उसने बिना किसी हिचक के मेरे पैंट के अंदर खड़े लौड़े को पकड़ लिया और उसको हल्के से दबाने लगी. मुझको उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी जल्दी मेरे से इतनी खुल जायेगी, मैं अभी सोच ही रहा था कि लोनी को कैसे पटाया जाए. लेकिन वो मेरी उम्मीदों के खिलाफ बहुत शीघ्र ही पके हुए आम के तरह मेरी झोली में आ गिरी.
हम बड़े बेखबर हुए एक दूसरे को चूमने चाटने में व्यस्त थे कि हमने नोट ही नहीं किया कि कब नैना बैठक में आ गई और हल्की सी खांस कर दी जिससे हम दोनों चौंक कर एक दूसरे से अलग हो गए.नैना बोली- मैं यह बताने आई हूँ कि बाहर 2-3 कारें रुकी हैं, आप दोनों सम्भल जाओ.
फिर एक एक कर के सारे डांस करने वाले आने लगे और आखिर में हमारी डांस इंस्ट्रक्टर मिस अंजलि दास भी आ गई.नैना ने सब नौकरों के साथ मिल कर बैठक का फर्नीचर साइड में लगा दिया था ताकि हमको काफी खुला हाल जैसा स्थान मिल जाए.
अंजलि मैडम के कहने पर हम सब अपने पार्टनर्स के साथ डांस की प्रैक्टिस करने लगे.रति और मैं मिल कर डांस कर रहे थे और एक अन्य विद्यार्थी लोनी के साथ प्रैक्टिस कर रहा था.
अंजलि मैडम की नज़र हम दोनों पर टिकी हुई थी, वो हमारे पास आकर बोली- बहुत खूब सतीश और रति, बहुत अच्छा डांस कर रहे हो. लगे रहो ऐसे ही!फिर वो लोनी और दूसरे विद्यार्थी के पास गई और लड़के को थोड़ा समझाया और फिर वो बारी बारी सब के पास गई और कुछ न कुछ उनको डांस ठीक करने के लिए हिदायतें दी.
रति अब मुझसे बहुत ही घुल मिल कर डांस कर रही थी और इस बात की ज़रा भी परवाह नहीं कर रही थी कि डांस के दौरान हमारे सब अंतरंग अंग एक दूसरे को छू रहे थे.अंजलि मैडम फिर लोनी और उसके साथी छात्र के पास पुनः गई और कहा- लोनी, तुम थोड़ी देर सतीश के साथ डांस प्रक्टिस करो, वो तुम्हारे स्टेप्स ठीक कर देगा और रति तुम उस लड़के के साथ डांस करो और उसके स्टेप्स ठीक करने की कोशिश करो.
अंजलि मैडम का यह हुक्म रति को पसंद नहीं आया लेकिन वो चुपचाप अशोक के साथ डांस करने लगी और लोनी मेरी बाहों में आ गई.
अब लोनी बहुत ही अधिक बेबाकी से मेरे साथ डांस कर रही थी और बार बार उसके गोल मोटे मम्मों को वो जानबूझ कर मेरी चौड़ी छाती से टकरा रही थी.एक दो बार उसका हाथ जानबूझ कर मेरे लंड पर भी लगा और मैंने भी उसकी चूत पर उसके कपड़ों के ऊपर से हाथ फेर दिया.मैं समझ गया कि लोनी चुदाई के लिए तैयार है तो मैं उसकी फीलिंग्स को और भड़काने लगा ताकि भट्टी पूरी तरह से तप जाए तो मैं अपनी रोटी उसके जलते हुए तंदूर में लगाऊँ.
थोड़ी देर बाद अंजलि मैडम फिर हमारे पास आई और मेरे को लेकर एक दूसरी लड़की के पास गई और बोली- सुधा, अब तुम कुछ देर सतीश के साथ डांस करो क्यूंकि इसको सारे डांस स्टेप्स समझ आ गये हैं.सुधा देखने में एक सुन्दर लेकिन काफी पतली और स्लिम लड़की थी और न तो उसकी छातियों के उभार दिखाई देते थे और ना ही उसके चूतड़ों में कोई आकर्षण था.
शारीरिक रूप सो वो बहुत ही साधारण लड़की थी लेकिन उसके चेहरे के नयन नक्श बहुत ही आकर्षक थे और रंग भी सांवला सलोना और नमकीन सा था.उस डांस के दौरान मेरी आँखें तो रति और लोनी के ऊपर ही थी क्यूंकि वो ही मेरी आशिकी के अनुरूप थीं.
थोड़ी देर ही सुधा के साथ डांस करने के बाद मैं सुधा के डांस करने के ढंग का आशिक हो गया.क्या नपे तुले स्टपेस के साथ वो डांस करती थी और ऐसा लगता ही नहीं था कि वो साधारण सा डांस कर रही है.अब मैं और सुधा डांस करते हुए सारे कमरे का चक्कर लगा रहे थे और धीरे धीरे दूसरे डांस करने वाले जोड़े अपने डांस को छोड़ कर हमारे डांस को बड़े ही गौर से देख रहे थे.
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जब हमारा डांस खत्म हुआ तो सबने ज़ोर ज़ोर से तालियाँ बजाई और अंजलि मैडम ने कहा- आज से सतीश सब लड़के लड़कियों को डांस के स्टेप्स सिखाएगा और उनकी प्रैक्टिस रोज़ शाम को इसी कोठी में हुआ करेगी. क्यों सतीश, कोई प्रॉब्लम तो नहीं?मैं बोला- नहीं मैडम, कोई प्रॉब्लम नहीं है, आप सबका इस कोठी में हर समय स्वागत है.
यह सुन कर सबने तालियां बजाई और मैंने कहा- अब कुछ देर के लिए कुछ नाश्ते के लिए थोड़ा समय डांस बंद करते हैं.नैना और पारो ने टेबल पर कई मिष्ठान और नमकीन और चाय इत्यादि को परोस दिया और सब विद्यार्थी नाश्ता करने में जुट गए.
अंजलि मैडम भी मेरे साथ ही नाश्ते की प्लेट लिए हुए खड़ी थी, अब मैंने ध्यान से अंजलि मैडम को देखा तो उसको काफी आकर्षक पाया. वो शारीरिक तौर से थोड़ी स्लिम थी लेकिन उसकी गुलाबी सिल्क साड़ी में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
मैंने नोट किया, वो भी मुझको काफी ध्यान से देख रही थी और एक दो बार हमारी नज़रें मिली तो वो ज़रा सा मुस्करा दी.
नाश्ते के बाद मैडम ने मुझको हर लड़की के साथ डांस करने के लिए कहा, मेरे डांस करने के ढंग से वो बहुत ही इम्प्रेस हुई और मेरे निकट आकर पूछने लगी- सतीश, एक बात बताओ, यह इतना अच्छा डांस तुमने किसी से सीखा है क्या?मैं थोड़ा शर्माते हुए बोला- नहीं मैडम, वो पिछले साल दशहरे की छुट्टियों में हमारे गाँव में एक फिल्म कम्पनी आई थी जिसमें मुझको डांस करने के लिए चुना गया था, वहीं से मैंने डांस के ये सारे स्टेप्स सीखे हैं.
अंजलि मैडम बोली- तभी तो तुम्हारे डांस करने के स्टाइल में एक ट्रेंड डांसर का आभास मिलता है. उस पिक्चर का नाम क्या है जिस में तुमने डांस किया था?मैंने पिक्चर नाम बता दिया कोई छात्र बोला- मैडम वो पिक्चर तो सिनेमा हाल में लगी हुई है लखनऊ में!
सब छात्र बोल पड़े- चलो सतीश, हमको वो पिक्चर ज़रूर देखनी है, कैसे डांस कर रहे हो तुम उस पिक्चर में, यह हम देखना चाहते हैं.मैं बोला- ठीक है, मैडम जी से पूछ लो, जैसा वो कहें?अंजलि मैडम बोली- ज़रूर देखेंगे वो पिक्चर लेकिन पहले अपनी रिहर्सल तो पूरा कर लें, फिर चलेंगे.
अब तो सब लड़के और लड़कियों ने मुझको घेर लिया जैसे कि मैं कोई फ़िल्मी स्टार हूँ.रति और लोनी तो मेरे दोनों तरफ खड़ी हो गई जैसे कि मैं उन दोनों की प्रॉपर्टी हूँ.मैंने उस लड़के से पूछा- कौन से सिनेमा में वो पिक्चर लगी है?तो उसने नाम बताया और उसका फ़ोन नम्बर भी बताया.
तब मैंने उस सिनेमा में फ़ोन किया और पूछा- कौन सी पिक्चर लगी है?तो उसने बताया पिक्चर का नाम और बोला- क्या आप जानते हैं हमारे लखनऊ के कॉलेज के एक लड़के का काफी बड़ा और सेक्सी डांस है इस पिक्चर में?मैंने पूछा- उस लड़के का नाम क्या है, बताएंगे?सिनेमा हाल का मैनेजर बोला- उसका नाम शायद सोमेश्वर सिंह है और हम उसकी बड़ी तलाश कर रहे हैं क्यूंकि फिल्म कंपनी के मालिक चाहते है फिल्म की पब्लिसिटी उस लड़के को मिला कर करवाई जाए!मैं बोला- अच्छा, क्या तुम उस लड़के को पहचान लोगे अगर वो तुम्हारे सामने आता है?मैनेजर बोला- क्यों नहीं, उस लड़के ने इतना सेक्सी डांस किया है कि कुछ पूछो मत!
मैं बोला- अच्छा, अगला शो कब है इस पिक्चर का?मैनेजर बोला- 6 बजे शाम को और फिर 9 बजे रात को… लेकिन आप यह सब क्यों पूछ रहे हैं?मैं बोला- आप हमारे लिए 15 सीटें बुक कर सकते हैं क्या? बालकनी में?मैनेजर बोला- ज़रूर कर दूंगा लेकिन किस के नाम से बुकिंग करूँ?मैं बोला- सोमेश्वर सिंह जी के नाम कर दीजीए. पैसे हम टिकट लेते हुए आप को दे देंगे.
अंजलि मैडम सब सुन रही थी, बोली- क्या बात हुई है?मैंने कहा- मैंने 15 सीटें बुक कर दीं हैं, हमको साढ़े पांच तक वहां पहुँच जाना चाहिए. आप चलेंगी ना मैडम जी?अंजलि मैडम बोली- हाँ ज़रूर चलेंगे लेकिन बाकी लड़के लड़कियाँ भी सिनेमा देखने जाना चाहते हैं क्या?
सब ने ज़ोर से हाँ बोला.तब मैडम ने उनसे कहा- वो सब अपने घरों में फ़ोन कर सकते हैं क्यूंकि पिक्चर से निकलते हुए काफी देर हो जायेगी और आप लोगों के घरवाले फ़िक्र ना करें.सब छात्रों ने ऐसा ही किया.
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08-18-2021, 12:14 PM,
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मेरे डांस वाली पिक्चर सिनेमा में


सब कॉलेज के लड़के और लड़कियाँ अपनी कारों में बैठ गए और फिर मैंने नैना को बुलाया और कहा कि तुम भी चलो हमारे साथ पिक्चर देखने!और जब मैंने उसी पिक्चर का नाम लिया जिसमें सबने बहुत ही ज्यादा मेहनत से काम किया था तो वो और पारो दोनों झट ही तैयार हो गई.मेरी इसी कहानी के 112 से 138 भाग देखिये.
हम ठीक समय पर सिनेमा में पहुंचे तो मैं और एक दो लड़के लड़कियाँ सीधे मैनेजर के कमरे में चले गए.जब उसने मुझ को देखा तो एकदम से चिल्ला पड़ा- अरे, ये तो फ़िल्मी सोमेश्वर सिंह जी हैं! आपकी तो हम बड़े दिनों से तलाश कर रहे थे क्यूंकि फिल्म कंपनी चाहती है कि फिल्म की पब्लिसिटी में आप हमारा साथ दें!
यह सुन कर सिनेमा का सारा स्टाफ वहाँ जमा हो गया और हैरानी से और ख़ुशी से मुझको देख रहा था.सबने बारी बारी से मेरे से हाथ मिलाया और साथ यह भी कहा- क्या कमाल का डांस किया है आपने फिल्म में सोमेश्वर जी, आपने तो लखनऊ का नाम रोशन कर दिया. वाह वाह!
इतने में पहला शो खत्म हुआ और जब उन सबको पता चला कि मैं भी वहाँ आया हुआ हूँ तो सारी भीड़ उमड़ पड़ी मुझको देखने के लिए और खूब धक्का पेल शुरू हो गई.मैं और मेरे साथी मैनेजर के कमरे में छुप गए.
मैनेजर साहिब ने मुझसे पूछ कर घोषणा कि कल दिन मैं सिनेमा की लॉबी में सब चाहने वालों को मिलूंगा 3 बजे के बाद और उनको अपने हस्ताक्षर भी दूंगा.यह सुन कर सब लोग धीरे धीरे वहाँ से जाने लगे और कुछ ने फिर भी मुझ से हाथ मिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

फिर मैनेजर साहिब ने टिकट के पैसे लेने से मना कर दिया और हम सब को हाल के अंदर तक छोड़ कर आये और यह भी कहा कि हम सबकी जलपान व्यस्था कर दी है और वो हाल में पहुंचा दिया जायेगा.
हाल में मेरे साथ बैठने की कश्मकश लड़कियों के बीच लगी हुई थी और मैडम के कहने के मुताबिक एक तरफ वो स्वयं बैठी थी और मेरे दूसरी तरफ सलोनी को बिठा दिया गया और उसके साथ ही रति को बैठा दिया था.बाकी की सारी लड़कियाँ रति के बाद बैठा दी गई और अंत में लड़कों को बिठाया गया.
पिक्चर शुरू हुई तो वही रोना धोना था लेकिन कोई 15 मिन्ट बाद हमारे गाँव को दिखाना शुरू कर दिया, नदी और उसके किनारे के सुन्दर जंगल की फोटोग्राफी बड़ी ही मनमोहक थी!फिर वह गाँव की लड़कियों का डांस शुरू हो गया और साथ में गाँव वाले लड़कों की ड्रेस में मुझ को गाँव की बालाओं को छुप छुप देखते हुए दिखाया गया.
फिर मेरे साथ डांस वाली सब लड़कियों के साथ डांस शुरू हो गया और यह देख कर मेरे साथ बैठे सब सहपाठियों ने तालियाँ मारनी शुरू कर दी.थोड़ी देर बाद ही मेरा चिपको डांस शुरू हुआ जिसको देख कर तो सारा हाल तालियों और सीटियों से गूँज उठा.बालकनी में बैठे हुए सभी लोगों को मेरे वहाँ होने का आभास मिल चुका था तो सब मुड़ मुड़ कर मुझको देख कर तालियाँ बजा रहे थे और मैं भी उठ उठ कर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहा था.
सलोनी मेरे चिपको डांस से इतनी प्रभावित हो चुकी थी कि उसके हाथ मेरे लौड़े पर टिके हुए थे.और जब उसने महसूस किया कि मेरा लंड खड़ा हुआ है तो उसने अजीब हिम्मत दिखाई और मेरे लौड़े को पैंट से आज़ाद कर अपने हाथ में ले लिया.
मैंने अपनी दूसरी तरफ देखा तो अंजलि मैडम पिक्चर देखने में मगन थी तो मैंने भी सलोनी की टाइट चूत के ऊपर उसकी सलवार के ऊपर से हाथ रख दिया.फ़िर सलोनी ने अपनी कमीज को ऊपर कर दिया और मेरे हाथ के ऊपर उसको रख दिया.अब मेरा हाथ लोनी की चूत पर रखा था और मैं धीरे धीरे से उसकी सलवार के ऊपर से चूत पर हाथ फेरने लगा, बालों से भरी चूत के बालों को महसूस करने लगा.
फिर धीरे धीरे उसकी चूत में गीलापन आना शुरू हो गया और वो उसकी पतली सलवार से बाहर तक महसूस होने लगा.सलोनी के साथ बैठी हुई रति को शक हो रहा था कि सलोनी ज़रूर मेरे साथ कुछ ना कुछ कर रही होगी इसलिए वो बार बार उचक उचक कर देखने की कोशिश कर रही थी कि हम दोनों क्या कर रहे हैं.
थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया अंजलि मैडम जो मेरी बाईं तरफ बैठी थी, उनका एक हाथ मेरे बाईं जांघ के ऊपर पड़ा हुआ था और वो हल्के हल्के मेरी जांघ पर जैसे चल रहा था.मैंने भी अपना हाथ मैडम के हाथ के ऊपर रख दिया और उन्होंने मेरा हाथ अपनी सिल्की साड़ी वाली जांघ पर रख दिया.
अब हम दोनों एक दूसरे की जांघों पर अपने हाथ फेर रहे थे और दूसरी तरफ सलोनी मेरी जांघों और लंड के साथ खेल रही थी.मैडम के हाथ को देखते हुए मैंने अपने लंड को अपनी पैंट के अंदर कर लिया ताकि कहीं गलती से मैडम का हाथ मेरे अकड़े लंड पर ना पड़ जाए.
सलोनी को भी सर हिला कर मना कर दिया कि वो मेरे लंड को ना छेड़े.इंटरवल में मैनेजर साहिब के कहने पर हम सब के लिए कोल्ड ड्रिंक्स और समोसे आ गये और हम सबने ही बड़े चाव से खाए.
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08-18-2021, 12:14 PM,
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इंटरवल के बाद मेरी दाईं सीट पर रति आ बैठी.जैसे ही हाल में अँधेरा हुआ, वो शुरू हो गई मुझसे छेड़ छाड़ करने लेकिन मैंने उसके कान में फुसफुसा दिया कि मैडम का कुछ तो लिहाज़ करो!
इंटरवल के बाद मैडम भी काफी बोल्ड हो चुकी थी और अब वो खुल कर मेरे लंड और शरीर के साथ खेलने लगी, मैं भी मैडम का पूरा साथ दे रहा था.मैम ने मेरे लंड को निकाल रखा था पैंट से और मैं भी उनके मम्मों और चूत पर साड़ी के ऊपर से हाथ फेरता रहा.
पिक्चर खत्म हुई तो मैडम बोली- सतीश तुम वापस मेरी कार से चलना, मैं तुमको रास्ते में ड्राप कर दूंगी.मैंने भी हामी भर दी.मैडम के साथ जाने से पहले मैंने नैना और पारो और रति को एक कार में बिठा दिया जो उनको घर तक छोड़ आने वाली थी क्यूंकि वो लड़की भी उसी तरफ की रहने वाली थी.
मैडम बड़ी अच्छी कार चलाती थी और वो कार को चलाती हुई मुझको एक रेस्तराँ में ले गई.वहाँ जाते ही उसने हम दोनों के लिए बड़ा ही हॉट डिनर मंगवाया जिसमें मटन के कई बड़ी स्वादिष्ट व्यंजन थे.
खाना खाते हुए अंजलि मैडम ने अपना बायाँ हाथ मेरी जांघ पर ही रखा हुआ था और वो बार बार चुदाई के हिंट्स दे रही थी.मुझको समझते देर नहीं लगी कि वो चुदाई के लिए काफी बेकरार हो रही थी तो मैंने भी अपनी रज़ामंदी उनकी जांघों पर अपने हाथ को फेरते हुए ज़ाहिर कर दी.
खाने के दौरान मैडम ने मुझसे पूछा- सतीश, तुम्हारी कोठी में कौन कौन रहता है?मैं बोला- मैडम जी, मैं और मेरे सर्वेन्ट्स ही रहते हैं अभी तो, आप आ सकती हैं जब आप की मर्ज़ी हो लेकिन ज़रा पहले बता देंगी तो मैं सारे इंतज़ाम कर के रखूंगा.अंजलि मैडम बोली- कल तो तुम बिजी होगे सिनेमा में, तो क्या मैं परसों आ जाऊँ?
मैं बोला- मैडम जी, आप कल शाम को फ्री हैं क्या? यदि हाँ तो आप कल ही आ जाएँ मेरे घर, तब तक मैं भी सिनेमा से फ्री हो जाऊंगा.मैडम मान गई और खाना खाने के बाद वो मुझ को घर छोड़ते हुए अपने घर चली गई.
अगले दिन कॉलेज में रिहर्सल करने के बाद मैं और रति दोनों सिनेमा चले गए जहाँ काफी लोग मुझसे मिलने के लिए आये और मेरे ऑटोग्राफ लेने के लिए सब काफी उत्सुक थे.सबने मेरे डांस की काफी तारीफ की और 3-4 लड़कियों ने तो मेरा फ़ोन नंबर भी ले लिया और वायदा किया कि वो मुझ से दुबारा मिलेंगे.
सिनेमा का काम खत्म कर के मैं घर वापस आया और रति को उस के घर भेज दिया, अब मैं अपनी कोठी में अंजलि मैडम का इंतज़ार करने लगा.इससे पहले कि अंजलि मैडम आती, उर्वशी भाभी तेज़ी से कोठी के अंदर आ गई और सीधे मुझको लेकर मेरे वाले बैडरूम में चली गई.
आते ही उन्होंने बेतहाशा मुझ को होटों पर चूमना शुरू कर दिया और मैं कहता भी रहा ‘भाभी यह क्या कर रही हो?’ लेकिन तब तक उन्होंने मेरे सारे शरीर पर हाथ फेरने शुरू कर दिये.भाभी ने झट से मेरे लौड़े को पैंट से निकाला और उसको चूसने लगी..
अब मुझको थोड़ा गुस्सा आने लगा था, मैंने एक झटके से भाभी को अपने से अलग किया और कहा- भाभी यह आप क्या कर रही हो? अभी मेरे कॉलेज के प्रोफेसर्स आने वाले हैं, वो क्या सोचेंगे आपके बारे में? आप जल्दी से घर जाओ!भाभी- सॉरी सतीश, वो क्या है अभी रति ने मुझको बताया कि तुमने पिक्चर में कितना अच्छा डांस किया है तो मैं अपने आप को रोक नहीं सकी. क्या एक छोटी सी चुदाई मेरी कर सकते हूँ अभी? प्लीज सतीश, मैं बहुत हॉट हो रही हूँ… प्लीज प्लीज!
मैंने भी अपने लंड को पैंट के बाहर निकाला और भाभी की साड़ी ऊपर करके बेड के सहारे उनको खड़ा करके उनकी गर्म चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया और गीली चूत में लंड सर्र से अंदर चला गया पूरा का पूरा.मैंने भी सरपट भागते घोड़े की तरह से भाभी की चुदाई शुरू कर दी और 5-7 मिन्ट में ही भाभी का पानी छूट गया और भाभी अपनी चूत को अपने पेटीकोट से पौंछती हुए एक आखरी चुम्बन मेरे लबों पर देकर जल्दी से कोठी से बाहर निकल गई.
करीब दस मिन्ट बाद ही मैडम भी आ गई और मैंने उनका अच्छी तरह से स्वागत किया.

कहानी जारी रहेगी.
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08-18-2021, 12:14 PM,
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अंजलि मैडम की चुदासी चूत की चुदाई


नैना हमारे लिए कोक ले आई और कोक पीकर हम सब एकदम फ्रेश हो गए.फिर मैं मैडम को लेकर अपने बैडरूम में आ गया.
बैडरूम में पहुँचते ही अंजलि मैडम ने आगे बढ़ कर मुझको एक बहुत ही कामुक जफ्फी डाली और उसके जवाब में मैंने भी उसको अपनी बलिष्ठ बाहों में लेकर उनके लबों पर एक गर्म चुम्बन कर दिया.
थोड़ी देर हम इसी तरह एक दूसरे को चूमते चाटते रहे और फिर मैंने पहल करते हुए मैडम की शिफ़ॉन की गुलाबी साड़ी पर हाथ डाला और धीरे से उसको उतार दिया.फिर मैंने मैडम के ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया और आखिर में उनके सफ़ेद पेटीकोट को उतार दिया.

अब थोड़ा पीछे हट कर मैं उनकी ख़ूबसूरती का रसपान करने लगा, वो वाकयी में बहुत ही सुन्दर स्त्री थी और उनकी उम्र होगी तकरीबन 25 साल!वो देखने में बड़ी ही मोहक लग रही थी जैसे साँचे में ढला हुआ शरीर और खूब मोटे और शानदार मम्मों और मोटे गुदाज़ चूतड़ों के साथ वो एक ख़ूबसूरती का मुजस्समा ही लगती थी.उनकी चूत पर घने काले रेशमी बाल छाये हुए थे जो मुझको बेहद पसंद थे.
उन्होंने बताया कि वो अभी तक शादी नहीं कर पाई क्यूंकि उनको कोई लड़का पसंद ही नहीं आ रहा था.अंजलि मैडम ने आगे बढ़ कर मेरी पैंट को उतार डाला और फिर शर्ट और बनियान.और फिर मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर एक झटके में उन्होंने उसको नीचे खींच डाला और साथ ही अपना मुंह भी पीछे कर लिया जैसे उसको यह अंदाजा हो गया था कि मेरा लंड आज़ाद होने पर क्या गुल खिलायेगा.
मैंने आगे बढ़ कर मैडम को अपनी बाहों में ले लिया और उनके लबों पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी.मैडम भी मेरे अकड़े हुए लम्बे और मोटे लंड के साथ खेल रही थी. वो नीचे झुकी और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और हाथों से मेरे अंडकोष के साथ खेलने लगी.
मैंने मैडम को उठाया और बेड पर लिटा दिया, स्वयं उनकी जांघों के बीच में बैठ कर उनकी चूत की चुसाई शुरू कर दी. मेरी जीभ मैडम की भग के साथ खलने लगी और उनकी चूत के अंदर गोल गोल घूमने लगी.मैडम का सर आनन्द से इधर उधर होने लगा और उस ने दोनों हाथ से मेरे सर को अपनी चूत में दबा रखा था.
जैसे जैसे ही मैं उनकी भग को चूसता जा रहा था, मैडम का तिलमिलाना और भी तेज़ हो गया और उनकी जांघें कभी मेरे सर को जकड़ रही थी और कभी उसको और छोड़ रही थी.फिर मैडम का कंपकंपी के साथ मेरे सर को जांघों में जकड़ कर एक ज़ोरदार स्खलन हो गया और मैडम उसके बाद निढाल होकर लेट गई.
फिर मैंने महसूस किया कि मैडम की चूत लबालब पानी से भर गई है तो मैडम की टांगें चौड़ी करके मैंने उनके बीच में बैठ कर लंड का निशाना चूत के मुख पर लगा कर एक ज़ोर का धक्का लंड से मारा तो वो सुपारे समेत अंदर जा घुसा.अंजलि मैडम के मुंह से यकलख्त ही निकल गया- हाय मैं मरी रे!
लंडम लाला को धीरे धीरे जड़ तक पूरा अंदर डाल कर मैं मैडम के मम्मों को चूसने लगा. उनके निप्पल एकदम खड़े हो गए थे और उन चूचुकों को चूसने से और ही आनन्द आ रहा था.मैडम ने अब नीचे से चूतड़ों की थाप देना शुरू कर दी और मैं भी लयबद्ध हो कर चुदाई में संलग्न हो गया, कभी तेज़ स्पीड और कभी आहिस्ता स्पीड को जारी रखते हुए मैंने मैडम को कुछ क्षणों में पुनः झड़ने पर मजबूर कर दिया.
झड़ते समय मैडम की कंपकंपाहट काफी तीव्र थी और उसकी दोनों जांघें मेरी कमर के चारों और लिपटी हुई थी और उन्होंने मुझको अपने निचले हिस्से के साथ पूरी तरह से बाँध रखा था.मैडम के स्खलित होने के बाद मैंने मैडम को बेड पर दोनों हाथों को नीचे टिका कर खड़ा कर दिया, फिर मैंने अपना गीला लंड धीरे से उसकी चूत में पीछे से डाल दिया.
इस पोज़ में मैडम ने शायद पहले कभी नहीं चुदवाया था इस लिए वो बार बार पीछे मुड़ कर देख रही थी कि मैं क्या कर रहा हूँ.मैंने अक्सर यह नोट किया है कि कई औरतों को यह संदेह होता है कि इस पोज़ में शायद उनका प्रेमी उनकी गांड तो नहीं मार रहा इसलिए वो बार बार पीछे मुड़ कर चेक करती रहती हैं.
अब मैंने शुरू में आहिस्ता चुदाई से बढ़ते हुए फुल स्पीड पर मडम की चूत की चुदाई शुरू कर दी. मैडम अपनी चुदाई का पूरा आनन्द लेने लगी और पूरे जोश से वो चुदाई में मेरा पूरा साथ देने लगी.चुदाई के दौरान मेरा हाथ उसकी चूत के ऊपर रखा हुआ था जिससे मैं मैडम की भग को छेड़ रहा था ताकि मैडम काफी गर्म होकर जल्दी ही स्खलित हो सकें.
मेरी कोशिश के कारण मैडम का शरीर लहलहाते हुए झड़ने के निकट पहुँच गया लेकिन मैंने उसकी भग को मसलना छोड़ दिया और फिर हल्के धीमे धक्कों में पुनः वापस आ गया जिसके कारण मैडम के झड़ने को टाल दिया.मेरी चुदाई की कला के कारण मैडम को पूरा आनन्द तो आ रहा था लेकिन उसके स्खलित होने का समय मैं टालता जा रहा था.
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08-18-2021, 12:14 PM,
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तीन चार बार ऐसा करने के बाद मैडम ने मुझको पीछे से हटा दिया और मुझको एक झपाटे से बिस्तर पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ बैठी और बड़ी ही तेज़ रफ़्तार से उन्होंने मुझको चोदना शुरू कर दिया.वो आँखें बंद करके बिना रुके मुझको चोद रही थी और वो झड़ने के निकट पहुँच रही थी, वो जल्दी जल्दी से ऊपर नीचे हो रही थी और ऐसी मेहनत के बाद वो शीघ्र ही स्खलित हो गई और इस बार उसकी चूत में से काफी गाढ़ा पदार्थ निकला जो मेरे पेट पर फ़ैल गया और वो स्वयं निढाल हो कर मेरे पेट पर लेट गई.
मैंने उसके होटों पर गर्म गर्म चुम्बन देने शुरू कर दिए और इसके कारण वो मुस्कराते हुए मेरे ऊपर लेटी रही और कुछ अस्फुट शब्दों में बोलने लगी- थैंक यू सतीश यार, तुमने मेरी महीनों की प्यास मिटा दी!मैं मैडम को चूमते हुए बोला- आपका स्वागत है मैडम जी, जब भी आपका दिल करे, आप एक फ़ोन कर के आ जाओ, मैं आपके लिए सदा हाज़िर हूँ.
फिर हम एक दूसरे की बाहों में कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.थोड़े समय बाद मैंने फिर कोशिश की मैडम को पुनः चुदाई के लिए तैयार कर लूं लेकिन मैडम ने मेरा हाथ रोक दिया और प्यार से कहने लगी- बस सतीश, अब और नहीं!और यह कहते हुए मैडम उठी, अपने कपड़े पहनने लगी और मैं भी उसके अनुकरण में कपड़े पहनने लगा.
मैंने मैडम से पूछा- क्या लोगी मैडम, ठंडा या फिर गर्म?मैडम बोली- एक कप गर्म कॉफी का मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए!
मैंने नैना को आवाज़ दी और जब वो आई तो मैंने उसको दो कप कॉफ़ी बनाने के लिए कहा.दस मिन्ट में काफी तैयार हो गई और हम मज़े से उसका स्वाद ले ही रहे थे कि नैना तेज़ी से आई और बोली- छोटे मालिक, बाहर कुछ लड़कियाँ आई हैं जो आपसे मिलने के लिए ज़िद कर रही हैं.मैंने मैडम की तरफ देखा और बोला- सॉरी मैडम, शायद मेरे कुछ फैन आई हैं, अगर आपकी इजाज़त हो तो अंदर बुला लेता हूँ उनको?
मैडम ने सहमति में सर हिला दिया और नैना बाहर जा कर 5-6 बड़ी ही स्मार्ट लड़कियों को अंदर लेकर आ गई.उनमें से जो सबसे शोख और तेज़ तर्रार लड़की थी, वो बोली- सतीश जी, हमने आपकी पिक्चर देखी है और हम सब आपके डांस की मुरीद हो गई हैं.मैंने ख़ुशी जताते हुए उनका थैंक्स किया और पूछा- आप सबकी क्या सेवा करें?सबने अपनी ऑटोग्राफ कापी आगे बढ़ा दी और मैंने बारी बारी से उन सब पर अपने दस्तखत कर दिए.
अब अंजलि मैडम बोली- अच्छा सतीश, मैं अब चलती हूँ, कल कॉलेज में मिलते हैं.मैं उनको बाहर कार तक छोड़ आया, अंदर आकर मैंने उन लकड़ियों से पूछा- आप क्या लेंगी? ठंडा या फिर गर्म?उनमें से तेज़ तर्रार लड़की बोली- मेरा नाम श्रुति है, आपके कॉलेज में फर्स्ट ईयर आर्ट्स में पढ़ती हूँ और ये सब भी वहीं पढ़ती हैं.
फिर श्रुति ने सबसे मिलवाया और कहा- ये सब भी आपका चिपको डांस देख कर आप पर पागल हो रही हैं, क्या करना चाहिए?नैना जो यह सब बातें सुन रही थी, बोली- छोटे मालिक ने जो डांस किया है, वो तो सिर्फ पिक्चर तक ही है ना… उसके बाद आप क्या करना चाहती है?श्रुति बोली- हम सतीश जी से दोस्ती करना चाहती हैं.मैं बोला- तो ठीक है, कल कॉलेज में मिलते हैं, वहीं पक्की दोस्ती कर लेते हैं. क्यों ठीक है ना?
सबने बड़ी मुश्किल से हाँ की और फिर सबको नैना ने कोल्ड ड्रिंक्स पिला कर रवाना कर दिया.
थोड़ी देर बाद उर्वशी भाभी और रति दोनों ही आ टपकी और दोनों ही मेरे साथ हल्की फुल्की चुहलबाज़ी करने लगी.उर्वशी भाभी भी मेरी डांस वाली पिक्चर देख आईं थी तो वो और रति दोनों मेरे साथ चिपको डांस करने के लिए काफी उतावली हो रही थी.मैंने भी उन दोनों का दिल रखने के लिए चिपको डांस करने के लिए हामी भर दी.
और तब रति ने आगे बढ़ कर मेरे रिकॉर्ड प्लेयर पर चिपको डांस वाला गाना लगा दिया और हम तीनों मज़े मज़े से चिपको डांस की नक़ल उतारने लगे.रति के साथ डांस पहले शुरू किया और वो इतनी ज़्यादा कामुक हो चुकी थी कि वो बिना किसी शर्मो लिहाज़ के अपनी सलवार कमीज में लिपटी हुई गांड मेरे लौड़े के ठीक सेंटर में रख कर खूब सेक्सी डांस करने लगी, यहाँ तक कि मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो चूका था और रति की गांड की दरार में तकरीबन घुसा हुआ था.
अब भाभी को भी होशियारी आनी शुरू हो गई थी और जैसे ही रति और मैंने डांस का एक चक्कर खत्म किया, भाभी ने लपक के रति को हटा दिया और स्वयं मेरे साथ अपनी गोल और उभरी हुई गांड को लंड के ऊपर रगड़ने लगी और मुझको अपनी बाहों में लेकर कभी आगे से और कभी पीछे से अपने शरीर को मेरी पैंट में खड़े हुए लंड से रगड़ने लगी.
भाभी तो इतनी कामुक हो गई थी कि मुझको लगा कि दूसरे चक्कर के दौरान में वो पूरी तरह से स्खलित हो गई और उनके शरीर में एक हल्की सी कंपकंपी दौड़ गई और वो मुझसे चिपक कर झूमने लगी.
रति की चुदासी चूत
नैना यह सब देख रही थी, वो आगे बढ़ी और उसने भाभी को पकड़ कर सोफे पर बिठा दिया और इसका इंतजार करती हुई रति दौड़ कर मुझसे आकर चिपक गई और अपनी गांड को पुनः मेरे लंड से रगड़ने लगी.रति ने कान में फुसफुसा कर कहा- अब मुझको कब चोदोगे सतीश?.
मैं उसको चुप रहने के इशारे कर रहा था लेकिन वो अब अपने गोल गदाज़ मुम्मे मेरी छाती से रगड़ रही थी बिना भाभी की परवाह किये हुए.मैं और कंम्मो हैरान थे लेकिन वो दोनों मस्त हुई मेरे साथ काफी देर चिपको डांस करती रहीं एक के बाद एक!
फिर अचानक भाभी की नज़र घड़ी पर पड़ी और वो चौंक कर बोली- चलो रति, तुम्हारे भैया आने वाले होंगे.रति बोली- आप चलो भाभी, मैं थोड़ी देर में आती हूँ.
भाभी ने मेरी आँखों में देखा और बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई.अब रति तो मुझको तकरीबन घसीटती हुए बैडरूम में ले गई और मेरे खड़े लंड को पैंट से निकाल कर चूसने लगी और फिर बोली- जल्दी करो सतीश, एक छोटी सी चुदाई कर दो मेरी प्लीज!
मैं अब काफी चिढ़ गया था, मैंने उसको बेड पर हाथ टिका कर खड़ा किया और रति ने स्वयं ही अपनी सलवार ढीली कर नीचे खिसका दी और मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में पीछे से डाल दिया.मैं तो धक्के मारने की लय के बारे में सोच ही रहा था, रति ने बड़ी तेज़ी से अपनी गांड को आगे पीछे कर के मुझको ही चोदना शुरू कर दिया.
तकरीबन 10 मिन्ट की तीव्र धक्काशाही में रति का तीव्र स्खलन हो गया और वो बेड में औंधे मुंह ही लेट गई.

कहानी जारी रहेगी.
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08-18-2021, 12:14 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
मेरे फ़िल्मी डांस की फैंस की चूत चुदाई

तकरीबन 10 मिन्ट की तीव्र धक्काशाही में रति का तीव्र स्खलन हो गया और वो बेड में औंधे मुंह ही लेट गई.मैं वहाँ से उठा और बैठक में आकर बैठ गया.
तब तक रति भी अपने कपड़े ठीक ठाक कर के बैठक में आ गई और बोली- सतीश, तुम तो बहुत ही पॉपुलर हो गए हो सारे लखनऊ में! अब हमारा क्या होगा?मैं भी मुस्कराते हुए बोला- तुम्हारा क्या होना है?रति उदास होते हुए बोली- वही तो… अब तुम्हारा प्यार तो कई लड़कियों में बंट जाएगा, फिर हमारा नंबर तो लगना मुश्किल हो जाएगा ना?
मैं बोला- नहीं री रति, तू तो मेरी फेवरिट कुंवारी कन्या है, तेरे बिना कैसे कटेगी यह दोपहरिया? क्या तुम को अपने भैया से डर नहीं लगता? क्या सोचेंगे वो तुम्हारे यहाँ बार बार आने के बारे में?रति बड़ी बेरुखी से बोली- क्या सोचना है हमारे बारे में? हम कॉलेज में एक साथ पढ़ते हैं और फिर हम दोनों भी हम उम्र हैं तो मैं नहीं समझती वो कुछ भी सोचेंगे हमारे बारे में.

मैं बोला- ठीक है, अब तुम जाओ अपने घर, मैं थोड़ा लेट लेता हूँ.यह कह कर मैं उसको बाहर जाने के दरवाज़े तक छोड़ने के लिए चल पड़ा और जाते हुए उसके चूतड़ों पर हाथ भी फेरता हुआ गया.जाने से पहले रति मुझको कल अपने साथ कॉलेज ले जाने के लिए ज़ोर दे कर याद करा गई.
अगले दिन कॉलेज में हम दोनों पहुंचे तो कई लड़के और लड़कियों ने हम को घेर लिया, तरह तरह के सवाल पूछे जाने लगे ‘कैसे करी शूटिंग? कौन कौन सी हीरोइन के साथ डांस करा? कैसे करा? खूब ऐश लूटी होगी?’
मैं सिर्फ चुप रहा और केवल मुस्कराता रहा और फिर रति का हाथ पकड़ कर हम अपनी अपनी क्लासों में आ गए.वहाँ भी सबने मुझको घेर लिया और मेरे साथ हाथ मिलाने की भरसक कोशिश करने लगे.लड़कियों ने तो काफी करीब आ कर हाथ मिलाया और इस अफ़रा-तफरी में उनके मम्मे और चूतड़ों के साथ हाथ लगाई का कार्यक्रम चलता रहा.उनके भी हाथ यदा कदा मेरे लौड़े का भी नाप लेते रहे.
और यह कार्यक्रम चलता रहता यदि हमारे प्रोफेसर साहिबा क्लास में ना आ जाती.उन्होंने भी मुझको संबोधन करके मुझको बधाई दी.
लंच इंटरवल में कैंटीन वो कल वाली पांचों लड़कियों ने घेर लिया, बड़ी बेशर्मी से मेरे साथ चिपक कर बातें करने लगी जिसके कारण कैंटीन में सबकी नज़रें हम पर ही थी.
मैंने चुपके से उनको समझाया कि सार्वजानिक जगह पर तो कुछ लिहाज़ करें और उन्होंने भी शाम को मेरे घर मिलने का वायदा ले कर ही पीछा छोड़ा.डांस रिहर्सल भी काफी हॉट रहा, सब लड़कियाँ यह चाहती थी कि चिपको डांस उनके साथ भी किया जाए.
जब तक अंजलि मैडम नहीं आई, तब तक लड़के और लड़कियाँ आपस में मेरे चिपको डांस की नक़ल करते रहे.मैडम के आ जाने के बाद सबने अपने निर्धारित डांस स्टेप्स शुरू कर दिए.
रिहर्सल खत्म कर के मैं और रति बाइक पर और हमारे पीछे कार पर वो पांचों लड़कियाँ भी हमारी कोठी पहुँच गई. नैना ने सब का स्वागत किया.रति तो अपने घर चली गई और हम सब बैठक में बैठ गए.
नैना जलपान ले आई और उसके बाद मैंने सब लड़कियों का परिचय पूछा तो श्रुति ने सबके नाम बताये और कहा- सब यहीं के आस पास कोठियों में ही रहती हैं और पैदल हमारे घर आ जा सकती हैं.मैं श्रुति की तरफ देखते हुए बोला- तो कहिये श्रुति मैडम, आप क्या करना चाहती हैं?श्रुति बोली- थोड़ी देर चिपको डांस हो जाए हम सब के साथ, तो मज़ा आ जाए?
मैं बोला- एक साथ तो आप सबके साथ नहीं नाच सकता ना… सो आप भी दो दो के ग्रुप में डांस करिये जैसे कि मैं और श्रुति करेंगे. ठीक है?अब मैं और श्रुति बैठक में एक दूसरे के गले में बाहें डाल कर चिपको डांस करने लगे.श्रुति के छोटे लेकिन सॉलिड मम्मे मेरी छाती से चिपके हुए थे और मेरे दोनों हाथ भी उसके चूतड़ों पर टिके हुए थे और मेरा अकड़ा हुआ लंड श्रुति की चूत पर सलवार कमीज के बाहर से रगड़ा मार रहा था.
बाकी चारों लड़कियाँ भी आपस में एक साथ चिपक के डांस कर रही थी और एक दो आपस में किसिंग भी कर रही थी.श्रुति अब काफी कामुक हो चुकी थी और उसका हाथ 2-3 बार लौड़े को छू चुका था, मैंने भी उसकी चूत को कपड़ों के बाहर से सहलाया और वो मेरी आँखों में झाँक कर यह देखने की कोशिश कर रही थी कि मैं उसको चोदने के लिए तैयार हुआ कि नहीं.
डांस के अगले दौर में श्रुति ने शर्म को ताक पर रख कर मेरे लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी जिसको उसकी सहेलियों ने भी देखा और जवाब में मैंने उसको अपनी बाहों में भींच लिया और उसके चुम्बन का जवाब हॉट फड़कती हुई किस से दिया.
अब हम वास्तव में चिपक कर डांस कर रहे थे जिसमें मेरा लंड तो तकरीबन उसकी चूत में घुसा हुआ था कपड़ों के ऊपर से!फिर श्रुति मेरे कान में फुसफुसाई- आपकी इच्छा कुछ बनी क्या?मैं मुस्कराया- वो तो सब आपकी इच्छा पर निर्भर करता है.श्रुति भी मुस्करा दी- मेरी तो इच्छा हो रही है, बाकी मैं अपने फ्रेंड्स से भी पूछ लेती हूँ.
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08-18-2021, 12:15 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
वो मुझ को छोड़ कर अपनी सहेलियों के पास गई और उन्होंने भी थोड़ा शर्माते हुए हामी भर दी.मैंने नैना को आवाज़ दी और वो जल्दी ही बैठक में आ गई और मैंने उसको लड़कियों की इच्छा बताई तो वो बोली- छोटे मालिक, आप पाँचों के साथ कैसे कर पाओगे? मेरे ख्याल से यही अच्छा होहा कि आप इन में से दो के साथ आज चुदाई कर लें और बाकी के साथ फिर किसी और दिन का टाइम दे दें.
श्रुति ने बाकी लड़कियों से पूछा तो वो कहने लगी क़ि करेंगी तो एक साथ नहीं तो नहीं करेंगी.नैना मेरी तरफ देखने लगी और साथ ही उसने हल्के से हाँ में सर हिला दिया.
फिर नैना उन सबको लेकर बैडरूम में आ गई और फिर उनसे चुपके से कुछ पूछा और फिर बोली- सब ठीक है छोटे मालिक, आप एक एक करके इन सबको चोदो और हम मिल कर इन कुंवारी लड़कियों को चुदाई के लिए तैयार कर देंगी.
नैना उनको बोल गई- आप अपने कपड़े उतारो और छोटे मालिक के भी कपड़े भी उतारो, मैं अभी आती हूँ.श्रुति ने सबसे पहले अपने कपड़ों को उतारने के लिए हाथ बढ़ाया ही था, कि मैं उसके पास पहुँच गया और एक कामुक जफ्फी उसको मारी और उसके लबों पर एक ज़ोरदार चुम्मी कर दी.
फिर मैं उसके कपड़े उतारने में संलग्न हो गया और एक एक कर के जैसे ही उसके कपड़े उतरे, वो काफी हसीं लड़की के रूप में निकलती आ रही थी. उसके मम्मे बड़े गोल और सॉलिड थे लेकिन साइज में मध्यम से थे और उसके चूतड़ भी गोल और काफी सख्त थे और उसकी चूत भी काले बालों की काली घटा में छिपी हुई थी.
मैंने बाकी दूसरी लड़कियों की तरफ देखा तो वो भी प्रायः नग्न हो चुकी थीं और लाइन में खड़ी हो गई थी.चारों काफी खूबसूरत थीं और उनके शरीर भी बहुत उत्तेजक और मादक थे. नंबर तीन लड़की का शरीर उन सबसे बहुत अधिक सुन्दर था क्यूंकि उसके मम्मे बहुत ही मोटे और सॉलिड थे और उसके चूतड़ भी गोल और उभरे हुए थे.
श्रुति ने बताया कि उसका नाम नाज़ो था और वो एक नवाबी खानदान से सम्बन्ध रखती थी और काफी रईस थी.वो ही अपनी कार में सब लड़कियों को बिठा कर हमारी कोठी ले कर आई थी.नाज़ो हमारी बातें सुन कर हमारे पास आ गई थी और आते ही उसने मेरे लौड़े पर पैंट के बाहर से हाथ रख दिया.
नाज़ो ही मेरे कपड़े उतारने लगी और जल्दी ही उसने मुझ को अल्फ़ नंगा कर दिया और झुक कर मेरे लौड़े को अपने मुंह में ले लिया और उधर बाकी की सब लड़कियों ने मुझ को घेर लिया और मेरे अंगों से अपने सुन्दर शरीरों के अंग रगड़ने लगी.
मेरा लंड अब इतना सख्त खड़ा था कि वो पूरी तरह से खड़ा होकर मेरे पेट से चिपका हुआ था.इससे पहले कि श्रुति मुझ पर कब्ज़ा करती, नाज़ो ने आगे बढ़ कर मुझ पर अपना हक जमा दिया और अपने गोल मोटे और सॉलिड मम्मों को मेरी चौड़ी छाती से रगड़ने लगी और मेरे मुंह को खींच कर उसने अपने लबों को मेरे होटों के साथ चिपका दिया और उन को खूब मज़े से चूसने लगी.
बाकी की चार लड़कियाँ भी मेरे साथ चिपकने की कोशिश करने लगी लेकिन नाज़ो उन सबसे तेज़ थी, उसने मुझको झट से पलंग पर लिटा दिया, खुद मेरे पर ऊपर चढ़ बैठी और जल्दी से मेरे अकड़े हुए लंड को बालों भरी चूत के मुंह पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा 7-8 इंच का लौड़ा उसकी फूली हुई और निहायत ही गीली चूत में एकदम से पूरा समा गया.
अब तक नैना भी वापस आ गई थी, वो भी एकदम निर्वस्त्र होकर लड़कियों को लेकर पलंग पर विराजमान हो गई और सबको एक दूसरी के साथ चूमा-चाटी में व्यस्त कर दिया.
अब मैं भी नाज़ो को पूरी तल्लीनता से चोदने लगा और हर धक्के का मैं नीचे से जवाब देने लगा.मेरा लंड उसकी चूत के अंत तक जा रहा था, उसको भी महसूस हो रहा था और मैं भी उसके गोल मोटे मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने की कोशिश करने लगा, उसके गोल मोड़े चूचुकों को मुंह में लेकर बहुत ही तेज़ी से चूसने लगा और एक ऊँगली से उसकी चूत पर स्थित उसकी भग में भी ऊँगली से घर्षण करने लगा.
मेरे ऐसा करने के कुछ क्षण बाद ही नाज़ो की चूत में खुलना बंद होने की प्रकिया शुरू हो गई और कुछ ही धक्कों के बाद ही नाज़ो का शरीर कंपकंपी करता हुआ स्खलित हो गया और वो अपने मोटे मम्मों के साथ मेरे ऊपर पूरी तरह से पसर गई.
नैना ने उठ कर नाज़ो को मेरे ऊपर से हटाया और श्रुति को लाकर मेरे साथ लिटा दिया.
मैंने हल्के से उससे पूछा- कैसे चुदोगी मैडम? घोड़ी या फिर खड़े होकर या फिर नीचे लेट कर या गोद में बैठ कर या फिर कमरे का चक्कर लगाते हुए?श्रुति बोली- यह कमरे में चक्कर वाला फ़क कैसा होता है? यह तो मैंने कभी नहीं सुना और ना ही देखा है, आज यही आज़मा लेते हैं, क्यों सतीश जी?मैं बोला- ठीक है श्रुति जी जैसा आप कहो!
फिर श्रुति के साथ भी हॉट चुम्बन और गहरी जफ्फी लगाने के बाद जब उसको उंगली से टेस्ट किया गया तो वो भी पूरी तरह से तैयार थी और काफी पनियाई हुई थी.अब मैंने खड़े होकर श्रुति को उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उठा लिया और निशाना साध कर अपने लौड़े को उसकी गीली चूत के मुंह पर रख कर एक धक्का मारा तो सम्पूर्ण गृह प्रवेश!
श्रुति की बाहें मेरे गले में थी और वो अपने चूतड़ उठा उठा कर स्वयं ही धक्के मार रही थी, मैं तो केवल उसको उठा कर कमरे में घूम रहा था जैसे मैं हज़रत गंज में घूम रहा हूँ.
कोई 4-5 चक्कर ही काटें होंगे तो श्रुति ने अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने की स्पीड बड़ी तेज़ कर दी और अपनी बाहों के घेरे को मेरे गले में बहुत ही टाइट कर दिया और फिर वो हुंकार भरते हुए मेरी छाती से चिपक गई और ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी.
जब वो कुछ रुकी तो मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और साथ मैं भी लेट गया.नैना ने अब कुछ देर का इंटरवल घोषित किया और बाकी तीनो लड़कियाँ मेरे साथ आकर लेट गई.
मेरे साथ वाली लड़की का नाम पूछा तो उसने अपना नाम रोशनी बताया और मेरे दूसरी तरफ लेटी लड़की ने अपना नाम शमा बताया और तीसरी ने अपना नाम मधु बताया.तब नैना ने हम सब को कोकाकोला की बोतलें खोल कर दे दी और स्वयं भी कोक पीने लगी.
रोशनी ने घोड़ी बन कर चुदवाने की इच्छा जताई, मैं उसको चोदने के लिए तैयार हो गया और उसे गर्म करने की ज़रूरत नहीं थी क्यूंकि उसको नैना और उसकी सहेलियों ने उसको पूरी तरह से तैयार कर रखा था बस सिर्फ चूत में लंड डालने की ही कसर थी.
अगले आध घंटे में बाकी तीनों लड़कियों का भी कल्याण कर दिया, उन सबकी चुदाई उनकी इच्छा के मुताबिक कर दी और फिर मिलने का वायदा करके हमने उनको रवाना कर दिया.सबने जाते हुए कहा- सतीश राजा, तुम सिर्फ एक अच्छे डांसर ही नहीं हो बल्कि एक मदमस्त चोदू राजा भी हो!मैंने जवाब में कहा- थैंक यू वेरी मच!

कहानी जारी रहेगी.
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08-18-2021, 12:15 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
कॉलेज की छात्राओं सलोनी और रूही की चुदाई

सब ने जाते हुए कहा कि सतीश राजा तुम सिर्फ एक अच्छे डांसर ही नहीं हो बल्कि एक मदमस्त चोदु राजा भी हो.थैंक यू वेरी मच- मैंने कहा.मैं उन लड़कियों को छोड़ कर आया ही था कि इतने में सलोनी के आने की खबर चौकीदार लखन लाल ने दी, उसके पीछे ही सलोनी जल्दी से अंदर आ गई और उसके साथ एक और लड़की भी थी जो हमारे डांस ग्रुप में थी.
मैंने हैरानी जताते हुए कहा- क्या बात है सलोनी? तुम इस वक्त यहाँ?सलोनी बोली- मैं इधर से गुज़र रही थी तो सोचा सतीश को याद करवा दूँ कि मेरा नंबर अभी बाकी है, तो कब लगा रहे हो मेरा नम्बर?मैंने कहा- कल कॉलेज के बाद इकट्ठे आ जाएंगे और तुम्हारा काम भी कर देंगे. और यह कौन हैं तुम्हारे साथ?सलोनी बोली- अरे इन को नहीं पहचाना क्या? हमारे डांस ग्रुप की रूही है जो लास्ट डांस रिहर्सल में यहाँ आई थी.मैं अपनी भूल सुधारते हुए बोला- अरे हाँ याद आया, इनके साथ तो डांस भी किया था.
तब सलोनी बोली- वो दरअसल मैं सतीश, तुम को न्योता देने आई हूँ, कल रात हमारे घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिस में 6 जोड़े लड़के लड़कियों को डांस गाना और मौज मस्ती के लिए बुलाया है, तुमको भी आना पड़ेगा अपने पार्टनर के साथ… बोलो आओगे क्या?मैं बोला- लेकिन मेरी तो कोई पार्टनर नहीं है?सलोनी बोली- क्यों रति तो है ना, उसको ले कर आ जाना.मैं बोला- मैं उससे पूछूंगा, अगर मान गई तो आऊंगा, नहीं तो सॉरी!
सलोनी बोली- मैं खुद तुम को लेने आ जाऊँगी, हमारी कोठी तुम्हारे घर के पास ही है.सलोनी ने मुझ को बड़ी सेक्सी नज़र से देखा और इशारा किया कि अंदर बैडरूम में चलने का!
मैं सलोनी की सेक्सी फिगर से काफी आकर्षित था तो उन दोनों को लेकर बैडरूम में आ गया और दरवाज़ा भी बंद कर दिया.सलोनी ने बिना किसी देर के झट से मुझ को आलिंगनबद्ध कर लिया और अपने मोटे और ठोस स्तन मेरी छाती से रगड़ने लगी और उसकी सहेली भी मेरे पीछे खड़े होकर अपने मुम्मों को मेरे शरीर से रगड़ रही थी.हम तीनों ने एक दूसरे के शरीर के साथ पकड़म पकड़ाई का खेल जारी कर दिया.

दोनों जवान लड़कियों के चूतड़ काफी मोटे और उभरे हुए थे, मैं उन पर हाथ फेर कर और थोड़ा टीप कर आनन्द ले रहा था.सलोनी बोली- एक छोटी सी चुदाई कर दो हम दोनों की अभी… हम दोनों ही बहुत गर्म हो चुकी हैं. प्लीज सतीश, क्यों रूही तुम भी तैयार हो ना?
रूही ने जवाब देने के बजाये अपनी सलवार को ढीला करना शुरू कर दिया और सलोनी ने मेरी पैंट के बटन खोल दिए और मेरे खड़े लंड को पैंट से निकाल लिया.जब दोनों की सलवारें उतर चुकी तो मैंने उन को पलंग पर हाथ टेक कर खड़ा कर दिया और फिर मैं अपने खड़े लंड को पीछे से सलोनी की चूत के मुंह पर रख कर उससे पूछा- क्यों सलोनी डार्लिंग, डालूँ क्या?सलोनी ज़ोर से बोली- डाल दो सैयां… पूरा डालो, चूत के अंत तक डालो, जल्दी डालो!
उसकी चूत को हाथ लगाया तो उसमें से खूब रस टपक रहा था. अब मैंने बिना कुछ देर किये एक ज़ोर का धक्का लंड का मारा तो वो पूरा का पूरा अंदर घुस गया.अंदर डाल कर मैं कुछ क्षण के लिए रुक गया और रूही के चूतड़ों पर हाथ फेरता रहा और साथ में उसकी चूत में ऊँगली डाल कर उसकी भग को मसलता रहा.
सलोनी ने अपने चूतड़ों को आगे पीछे कर चुदाई की स्पीड खुद ही निश्चित कर दी और मैं रूही की चूत और भग को हाथ की ऊँगली से छेड़ता रहा और वो भी अब पूरी तरह से पनिया गई थी.
मैंने अब सलोनी के मोटे गदाज़ मम्मों को पीछे से पकड़ लिया और तेज़ धक्काशाही शुरू कर दी.लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर अंदर डाला और फिर बाहर निकाला और ऐसे मैंने कोई 9-10 बार किया और तभी ही सलोनी ‘उईईइ आआहा…’ करती हुई झड़ गई.
मैंने गीले लंड को सलोनी की चूत से निकाल कर रूही की उभरी हुई चूत में डाल दिया और वो घुप कर के अंदर समा गया.सलोनी चुपचाप बिस्तर पर लेट गई थी और मैं उसकी साइड से उसकी प्रिय सहेली को चोद रहा था.वो चुदवाने में ज्यादा एक्सपर्ट लग रही थी क्यूंकि मेरे हर धक्के का वो बराबर जवाब दे रही थी.
वो मेरी अंदर बाहर करने की स्पीड को समझ चुकी थी और उसी के मुताबिक वो अपने चूतड़ों को भी आगे पीछे कर रही थी और हर बार लंड को पूरा अंदर ले कर ही दम लेती थी.मैंने उसके मम्मों को पकड़ रखा था उसकी कमीज के ऊपर से और उसको हल्के हल्के टीपते हुए रूही की चुदाई में मग्न रहा.
जब उसकी चूत सिकुड़ना शुरू हो गई तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड अति तीव्र कर दी और ऐसा करते ही रूही थोड़ी देर में ही स्खलित हो गई.
स्खलित होने के बाद वो भी सलोनी के साथ पलंग पर लेट गई और आँखें बंद कर के अभी हुई चुदाई का आनन्द महसूस करने लगी.मैं आज की चुदाई से इतना उत्तेजित हो चुका था कि मेरा दिल कर रहा था कि किसी की टाइट चूत में अपना वीर्य स्खलित करूँ.लेकिन ऐसी सेफ चूत का मिलना भी तो कठिन था जिसमें मैं अपने वीर्य की तीव्र धार छोड़ दु,
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08-18-2021, 12:15 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
लेकिन मेरे मन में सलोनी के नग्न शरीर को देखने की बड़ी इच्छा था, मैंने उन दोनों को अपने कपड़े उतार कर अपने हुस्न के जलवे दिखाने का अनुरोध किया.दोनों मान गई सिर्फ इस शर्त पर कि दोनों की चुदाई एक बार फिर मैं करूँ जिस पोज़ में वो चाहें!
भला मुझको क्या ऐतराज़ हो सकता था…मैंने पहले सलोनी की सलवार उतार दी और फिर उसकी कमीज भी उतार दी और जब दोनों पूर्ण नग्न हो गई तो रूही ने आगे बढ़ कर मेरी पैंट को भी उतार दिया और मेरे अंडरवियर में छुपे हुए सर्प राज को बाहर निकाल कर आज़ाद कर दिया.
मैं उन दोनों के मस्त नग्न शरीर देख रहा था जिसमें उन दोनों के उन्नत उरोज खजुराहो के मंदिरों में यक्षिणी की मूर्तियों से किसी तरह भी कम नहीं थे.दोनों आकर मेरे से लिपट गई और अपने हाथों से मेरे लंड के साथ खेलने लगी और मैं भी उनके मुम्मों को बारी बारी से चूम रहा था और चूचुकों को चूस रहा था.
रूही पहल करते हुए मुझको बेड के पास ले गई और मुझको लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठी और जल्दी से अपनी बालों से भरी चूत में मेरा अकड़ा हुआ लंड डाल दिया और ऊपर से तेज़ तेज़ धक्के मारने लगी.
मैं भी उसके उन्नत उरोजों को मस्ती से मसल रहा था और साथ साथ ही उसके मोटे चूतड़ों को भी मसल रहा था.थोड़ी देर की धक्काशाही में ही रूही धराशाई हो गई और हांफ़ती हुई मेरी चौड़ी छाती पर लेट गई और उसके अंदर से निकल रही अविरल पानी की धारा से अंदाजा लगा कि वो काफी दिनों के बाद ठीक ढंग से चुदी है.
मैंने जल्दी से रूही को अपने ऊपर से उतारा और साथ में ही लेटी हुई सलोनी को अपनी तरफ खींचा. वो फ़ौरन से घोड़ी बन गई और मैंने भी शीघ्र ही अपने गीले लंड को उसकी चूत में पीछे से डाल दिया और आहिस्ता आहिस्ता उसकी चुदाई शुरू कर दी.वो बड़ी मस्ती से चुदा रही थी जैसे उसको यकीन हो कि यह शहसवार जल्दी से घोड़ी से उतरने वाला नहीं.
सलोनी की आशा के अनुरूप ही मैं उसको बड़े ही प्यार से कभी धीरे कभी तेज़ स्पीड चोद रहा था और साथ ही हाथों से उसके चूतड़ों और मुम्मों को सहला भी रहा था.
पूरा अंदर और पूरा बाहर वाला कार्यक्रम चालू करने पर सलोनी को बहुत अधिक आनन्द आ रहा था और इसी तरह सलोनी भी स्खलित होने के कगार पर पहुँच चुकी थी.और जब मैंने अपना घोडा सरपट दौड़ाया तो ‘ओओओ ओओ ओओ आआअह…’ करते हुए एक कंपकंपाहट के साथ झड़ गई.
मैंने भो अपना लौड़ा निकाल कर उसके विजयी होने पर उसको बीच मैदान में खड़ा कर के लहलहाने दिया.दोनों लड़कियाँ यह देख कर चकित थी और बार बार हाथ लगा कर महसूस करने के कोशिश कर रही थी कि वो कोई सपना तो नहीं देख रही हैं.फिर दोनों ने मुझ को प्यार भरे थैंक्स करने के लिए बड़ी ही संतुष्टि से जफ्फी मारी.
थोड़ी देर में मैंने दोनों लड़कियों को उठाया और कहा- अब तुम तैयार होकर घर जाओ, वरना तुम्हारे घर वाले ढूँढते हुए यहाँ आ जाएंगे.दोनों हड़बड़ा कर उठ बैठी और जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी.
जाने से पहले मैंने सलोनी से पूछा- कल वाली पार्टी जो तुम्हारे यहाँ होने वाली है, उसमें क्या करने का इरादा है?सलोनी बोली- वाह सतीश, तुम नहीं जानते कि हाई सोसाइटी की पार्टियों में हर चीज़ मुमकिन है तो यहाँ भी हर चीज़ हो सकती है जिस में पीना पिलाना और ग्रुप सेक्स भी शामिल है.
मैं हैरान होकर बोला- यानि दस लड़के लड़कियाँ आपस में खुले आम सेक्स करेंगे?रूही बोली- यही नहीं, वो एक दूसरे के पार्टनर्स को भी आपस में बदल बदल कर चुदाई कर सकते हैं.मैं बोला- उफ़… यह तो कमाल हो जाएगा. लेकिन एक बात है मैंने आज़मा कर देखी है हमारे लड़के लड़कियों का चुदाई के मामले में पूरा साथ नहीं दे पाते, वो जल्दी ही आउट हो जाते हैं जबकि लड़कियाँ डटी रहती हैं.
सलोनी बोली- हाँ यह तो अक्सर हम देखती हैं, पर सतीश यह सब तुमको कैसे मालूम है?मैं मुस्कराते हुए बोला- पिछले साल कुछ लड़के लड़कियों ने मिल कर ऐसी ही पार्टी हमारी कोठी में की थी. लड़के सब एक दो बार के बाद ही मैदान छोड़ गए और लड़कियाँ डटी रहीं आखिर तक!
सलोनी और रूही ने भेद भरी नज़रों से मुझको देखा और पूछा- तो फिर हम क्या करें? ऐसे तो पार्टी फेल हो जायेगी ना?मैं हँसते हुए बोला- हाँ, वो तो संभव है.दोनों ने घबरा कर पूछा- फिर कैसे करें हम?
मैंने नैना को आवाज़ दी और वो झट अंदर आ गई फिर मैंने उसको सारी बात बताई तो उसने कहा- लड़कों को देर तक सेक्स के लिए डटे रहने की समस्या है, क्यों ठीक है ना?दोनों लड़कियों ने हाँ में सर हिला दिया.नैना बोली- इसका इंतज़ाम मैं कर दूँगी कि कोई भी लड़का जल्दी आउट ना हो! तुम यही चाहते हो ना?
मैं बोला- तो ठीक है नैना कुछ इंतज़ाम कर देगी लेकिन इस काम के लिए उसको भी पार्टी में शामिल करना पड़ेगा. बोलो मंज़ूर है?दोनों एक साथ बोली- मंज़ूर है नैना दीदी, आप पूरी तैयारी के साथ आ जाना और पार्टी को ठीक से चलाने की देखभाल आपकी जिम्मेदारी हो गई दीदी.नैना ने हँसते हुए हामी भर दी.

कहानी जारी रहेगी
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