11-07-2018, 10:46 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
मैने जब हरिया की खटिया को देखा तो उस पर चंदा अकेली सो रही थी मैं समझ गया कि हरिया किसी और रास्ते
से तालाब की ओर सुधिया को चोदने के चक्कर मे गया होगा, सुधिया सर झुकाए खड़ी थी और मैं उसके बिल्कुल
करीब पहुच कर
राज- बेटी अब तुम अपने इन उतरे हुए कपड़ो को यहा बिच्छा कर बैठ जाओ और अपनी आँखे बंद कर लो मैं अब
तुम्हारे बदन को जल लगा लगा कर पवित्र करूँगा, ध्यान रहे जब मैं तुम्हारे बदन को हाथ लगा लगा कर जल
से रागडूंगा तब तुम उत्तेजित भी हो सकती हो लेकिन तुम्हे अपनी आँखे बंद रखना होगा और अपने हाथो को अपनी
जाँघो पर रख कर मुट्ठी बाँधे रखना होगा, चाहे कितनी भी उत्तेजना लगे अपने हाथो से अपने अंगो को
च्छुना नही है, फिर मैने उसे उसके कपड़े दिए और सुधिया ने उसे बिच्छा कर उस पर बैठ गई और अपनी आँखे
बंद कर ली,
राज- बेटी क्या तुम तैयार हो
सुधिया- जी बाबा जी
राज- ठीक है अब मैं क्रिया शुरू करता हू और फिर मैने अपने लोटे से पानी लेकर सबसे पहले सुधिया के हाथो
मैं पानी लगाना शुरू किया और उसके हाथो को जब मैं उसकी गोरी बाँहो तक सहलाने लगा तो मेरा लंड कड़क
होने लगा, सुधिया गहरी साँसे लेटी हुई आँखे बंद करके बैठी थी,
राज - बेटी अपनी दोनो टाँगो को खोल कर फैला कर बैठो ताकि मैं तुम्हारे बदन के हर हिस्से को पवित्र कर सकु
मेरा इतना कहना था कि सुधिया ने अपनी मोटी मोटी टाँगो को खोल दिया और खूब फैला कर बैठ गई, सुधिया का
गुदाज फूला हुआ भोसड़ा भी पूरा खुल कर मेरे सामने आ गया और मैं उसकी फूली चूत देख कर मस्त हो गया,
उसकी चूत अंदर से पूरी लाल नज़र आ रही थी और उसकी बुर से पानी बाहर आ रहा था, मैं समझ गया रंडी अब पूरी
चुदासी हो रही है,
अब मैने अपने हाथ मे पानी लेकर सुधिया की एक टांग को हाथो मे पकड़ कर उसकी गोरी पिंडलियो को सहलाते
हुए जब उसकी मोटी मोटी गोरी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर दबोचा तो मज़ा आ गया, इतनी गुदाज और मोटी
जंघे तो रुक्मणी की भी नही थी सच सुधिया रुक्मणी से कई गुना ज़्यादा मस्त माल थी जिसे चोदने मे वाकई
मज़ा आ जाता होगा, मैं उसकी मोटी जाँघो को खूब कस कस कर मसल रहा था और अपने हाथो को सुधिया की
जाँघो की जड़ो तक लेजाकार सहला रहा था, जी तो ऐसी कर रहा था कि उसकी फूली हुई चूत मे अपना हाथ मार दू लेकिन
मैं उसे पूरी तरह चुदासी बनाना चाहता था, बस इसी लिए उसकी गुदाज मोटी जाँघो को महसूस करता हुआ दबोच
रहा था,
कुच्छ देर तक सुधिया की मोटी मखमली जाँघो की मसाज करने के बाद मैने थोड़ा सा जल अपने हाथो मे लिया
और एक दम से सुधिया की खुली हुई फुल्ली चूत मे मार दिया, अपनी चूत पर पानी के च्चीटे महसूस करते ही सुधिया
के मूह से एक कराह निकल गई,
राज- क्या हुआ बेटी क्या तुझे उत्तेजना महसूस हो रही है, सुधिया अपने सूखे गले से थूक गटकते हुए अपनी जीभ
अपने होंठो पर फेर कर बोली नही बाबा जी मैं ठीक हू, मैने अपनी हथेली मे और जल लेकर फिर से उसकी चूत
मे ज़ोर से पानी का छिंता मारा और सुधिया के मूह से सीईइ की आवाज़ फिर से निकल गई, सुधिया का चेहरा पूरी तरह
कम वासना मे लाल हो चुका था मैं उकड़ू उसके सामने बैठा था और वह अपनी मोटी जाँघो को पूरी तरह मोड़ कर
फैलाए हुए अपने दोनो हाथो को पिछे टीका कर बैठी थी, मेरे पानी मारने से सुधिया ने धीरे से अपनी मोटी
गंद को थोडा आगे सरका कर अपनी फूली हुई चूत को और उपर उठा दिया था, मेरा लंड मेरी धोती से बाहर निकल
कर पूरी तरह तना हुआ था,
फिर मैने एक दम से सुधिया की फूली हुई चूत के उपर अपना हाथ रख कर अपनी उंगली से उसकी चूत की फांको के
बीच की दरार को सहलाते हुए पुछा
राज- क्यो बेटी क्या तुम्हे उत्तेजना हो रही है,
सुधिया- सीयी आ, नही बाबा जी मुझे उत्तेजना नही हो रही है, आप आराम से करते रहिए,
मैने सुधिया की बात सुन कर उसकी चूत को खूब कस कर दबोच लिया और सुधिया के मूह से आ सीयी ओह जैसे शब्द
निकलने लगे, मैने सुधिया के मोटे दूध को अपने हाथो मे पानी लेकर सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसकी
चूत के दाने को रगड़ते हुए फिर से पुंच्छा
राज- बेटी अब कैसा लग रहा है,
सुधिया- आ सीईइ ओह बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है,
राज- बेटी क्या तुमने रामू से अपनी चूत यही मरवाई थी ना,
क्रमशः........
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11-07-2018, 10:46 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--25
गतान्क से आगे......................
सुधिया- हाँ बाबा जी मैं यही चुदी थी अपने बेटे से,
मैं सुधिया की चूत और बोबे एक साथ खूब दबोच दबोच कर सहलाते हुए अब बिल्कुल गंदी ज़ुबान मे बाते करने
लगा था और सुधिया अपनी आँखे बंद किए हुए मुझसे अपनी चूत और बोबे दब्वा रही थी और बिना किसी झिझक
के मेरे सभी सवालो का बिल्कुल सही जवाब दे रही थी, आज मैं उसके जीवन के किसी भी रहस्य को जान सकता था,
राज- मैने सुधिया के मोटे मोटे बोबो को कस कर दबाते हुए उसकी चूत की फांको को खुरेदते हुए पुछा, बेटी
तुम्हे यह सब अच्छा तो लग रहा है ना,
सुधिया- सीईईईईईईईईईई ओह, हाँ बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है, आपके हाथो मे जादू है ऐसा मज़ा पहले कभी
नही मिला आ आ सीईईईईईईईई ओह बाबा जी ऐसे ही मेरी चूत को सहलाते रहिए आह आह सीईईईईईई ओह बाबाजी,
सुधिया पूरी तरह मस्ताने लगी थी और खूब ज़ोर ज़ोर से बिना किसी डर के सीसीयाने लगी थी, मैं भी पूरी मस्ती के
साथ उसके मोटे मोटे बोबे खूब दबोच दबोच कर मसल रहा था और उसकी फूली चूत की गहराई मे अपनी उंगलिया
चला रहा था,
राज- बेटी एक बात बताओ, उस दिन तुमने यहाँ से किसी दूसरे मर्द का लंड भी देखा था ना,
सुधिया- हाँ बाबा जी
राज- तो उसका लंड तुम्हे ज़्यादा मोटा लगा या अपने बेटे रामू का,
सुधिया- बाबा जी लंड तो दोनो के तगड़े थे लेकिन हरिया के लंड का सूपड़ा बहुत फूला हुआ था, जब उसका लंड
उसकी बेटी चंदा की चूत मे घुसता तो उसकी चूत पूरे सुपाडे के आकार मे फैल जाती और एक बड़ा सा छल्ला बन
जाता था,
राज- तो बेटी क्या तुम्हे उस आदमी का लंड लेने की इच्छा होने लगी थी,
सुधिया- सीईईईईईईईईई आह, हाँ बाबाजी मन तो कर रहा था कि जाकर उसके मोटे लंड से अपनी चूत मरवा लू लेकिन मेरे
पास मेरा बेटा रामू खुद बैठ कर मेरी चूत सहला रहा था और मैं उसके मोटे लंड को खूब कस कर दबोच
रही थी,
राज- बेटी एक बात बताओ, क्या तुम्हारा मन उन दोनो के लंड से भी मोटे और लंबे लंड से चुदने का मन करता है
सुधिया- आह हाँ बाबा जी मेरा मन खूब मोटे मोटे लंड से चुदने का करता है,
राज- बेटी क्या तुमने कभी उस आदमी और अपने बेटे के लंड से भी ज़्यादा मोटा लंड देखा है,
सुधिया- बहुत पहले कभी देखा था बाबाजी लेकिन अब तो शकल भी याद नही कि मोटे मोटे लंड कैसे होते है,
राज- अच्छा बेटी अब तुम्हारे बदन के पिछे के हिस्से मे जल लगा कर उसे शुद्ध करना है इसलिए तुम यहाँ
पीठ के बल लेट जाओ, सुधिया ने मेरी बात सुनते ही कहा बाबाजी क्या मैं आँखे खोल लू, तब मैने कहा बस बेटी
तुम्हारे पिछे के हिस्से मे जल लगा दू उसके बाद तुम आँखे खोल सकती हो, सुधिया मेरी बात सुन कर पेट के बल
अपने घाघरे को बिच्छा कर लेट गई,
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11-07-2018, 10:46 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
मैने जैसे ही सुधिया की गुदाज गंद को देखा मैं तो पागल हो गया आज पहली बार इतना भारी माल मेरे सामने
पूरा नंगा लेटा हुआ था, मैने जल लेकर सुधिया की पीठ पर च्चिड़क कर हाथ फेरना शुरू कर दिया और सुधिया
अपने दोनो हाथो को अपने दूध से सताए चुपचाप लेटी हुई थी, फिर मैने थोड़ा जल लेकर सुधिया की मोटी
जाँघो और पेरो तक हाथ फेरते हुए लगाना शुरू कर दिया, उसके बाद मैने थोड़ा पानी लेकर सीधे सुधिया की
गंद के छेद मे टपकाना शुरू कर दिया और सुधिया ने तुरंत अपनी जाँघो को थोड़ा अलग कर लिया, अब मुझे
सुधिया की चूत की खुली हुई फांके भी नज़र आने लगी थी, मैने फिर से थोडा पानी लिया और इस बार उसकी चूत की
फांको के उपर डालने लगा और सुधिया का नंगा बदन तड़पने लगा,
राज- बेटी क्या उत्तेजना लग रही है,
सुधिया- बाबा जी जब आप हाथ से जल रगड़ते हो तब थोड़ी उत्तेजना लगती है,
राज- बेटी अब तुम्हे जैसे ही उत्तेजना हो तुम मर्द के उस अंग का नाम लेना जो तुम्हारे यहाँ घुसता है बस इतना कह
कर मैने सुधिया की मोटी गुदा को अपने हाथो मे भर कर सहलाना शुरू कर दिया और सुधिया एक बार फिर ज़ोर से
सीसीयाने लगी,
राज- बेटी उत्तेजना हुई ना
सुधिया- सीईईईईई आअहह बाबाजी बहुत उत्तेजना हो रही है खूब चुदवाने का मन कर रहा है, अया आह
राज- तो बेटी तुम क्या सोच रही हो,
सुधिया- सीईईईईईई आहह बाबाजी मैं बहुत उत्तेजित हो गई हू और खूब मोटे लंड से चुदवाने के लिए तड़प
रही हू,
राज- मैं उसकी मोटी गंद और चूत को खूब मसल्ते हुए, बेटी तेरी गंद और चूत वाकई बहुत सुंदर है तुझे
देख कर किसी का भी मन तुझे चोदने का होने लगे, लगता है तेरा बेटा तुझे बहुत समय से चोद रहा है,
सुधिया- आह सीयी बाबा जी आप नही जानते कि चुदने मे कितना मज़ा आता है आप तो बाबाजी ठहरे आप को क्या पता
चुदाई मे कितना मज़ा है,
राज- बेटी अब तुम उठ कर फिर से उसी पोज़िशन मे बैठ जाओ,
सुधिया उठ कर फिर से मेरे सामने उसी तरह टाँगे फैला कर बैठ गई और मैने उसकी चूत मे पूरे लोटे का
पानी डाल कर उसे अच्छी तरह धोना शुरू कर दिया और सुधिया ओह बाबा जी आह अहः सीईस सी बहुत मज़ा आ रहा
है, कितना ठंडा पानी है आपका,
राज- बेटी तुम चाहो तो मैं तुम्हे अपनी शक्ति से लंड का भी एहसास करा सकता हू, बोलो क्या तुम लंड के एहसास को
अपने मन मे महसूस करना चाहोगी और मैने सुधिया की चूत मे एक साथ तीन उंगलिया डाल कर उसकी गुदा को
अपने अंगूठे से रगड़ने लगा,
सुधिया-आह आह सिई सीई हाँ बाबा जी मैं लंड को महसूस करने के लिए तड़प रही हू,
मैने सुधिया का हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लोदे पर रख दिया और उसकी मुट्ठी अपने हाथो से दबा कर
बंद कर दी, सुधिया ने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे एक बार पूरी तरह अपने हाथो मे भर कर
दबोचा और एक दम से अपनी आँखे खोल कर मेरे लंड को देखने लगी,
सुधिया की आँखे फटी की फटी रह गई मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ था और रामू और हरिया के लंड के मुक़ाबले
बहुत विकराल नज़र आ रहा था,
सुधिया- आश्चर्या से मेरे लंड को देखती हुई, बाबा जी आपका लंड तो बहुत मोटा है,
राज- बेटी यह बाबाजी का लंड है इसलिए इतना मोटा और तगड़ा है, लेकिन बेटी तुम्हारी चूत भी तो कितनी बड़ी और फूली
हुई है, मेरी बात सुन कर सुधिया हल्के से मुस्कुरा कर फिर से मेरे लंड को देखने लगी,
राज- बेटी हमने अभी अपनी क्रिया पूरी नही की और तुमने आँखे खोल दी,
सुधिया- मुस्कुराते हुए, बाबाजी इतना बड़ा मूसल जिसके हाथ मे जाएगा उसकी आँखे तो वैसे ही डर के मारे फट
जाएगी,
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11-07-2018, 10:46 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
राज- बेटी हम जानते है तुम्हारा मन हमारे लंड को अपने हाथो मे लेकर सहलाने का कर रहा है, हम जब तक
तुम्हे अच्छे से पवित्र करते है तुम हमारे लंड को सहला सकती हो और अपनी आँखे भी खुली रख सकती हो,
फिर मैने सुधिया की चूत को अपने हाथो मे भर लिया और सुधिया का हाथ अपने लंड पर रख लिया, सुधिया ने
मेरे मोटे लंड को अपने हाथो मे भर कर दबाते हुए अपनी आँखे बंद कर ली और मेरे लंड की पूरी मोटाई
को अच्छे से महसूस करने लगी, मैने जैसी ही सुधिया की चूत मे उंगली डाल कर आगे पिछे करना शुरू किया
सुधिया भी मेरे मोटे लंड को हिलाने लगी, सुधिया की चूत बहुत पानी छ्चोड़ रही थी और मैं उसकी चूत खूब कस
कस कर रगड़ रहा था, अब काफ़ी उजाला हो चुका था और चंदा जो कि कुच्छ दूरी पर हमे नज़र आ रही थी उठ
कर बैठ जाती है और फिर इधर उधर देख कर वह खड़ी होती है और अपनी स्कर्ट उठा कर वही ज़मीन पर मूतने
लगती है, मैने सुधिया की ओर इशारा करते हुए कहा,
राज- बेटी वह बालिका कौन है जो पेशाब कर रही है,
सुधिया- सीसियते हुए बाबा जी वह हरिया की बेटी चंदा है हरिया हमारा पड़ोसी है और रिश्ते मे मेरा देवेर
लगता है,
राज- तुमने और रामू ने मिल कर इन्ही बाप बेटी की चुदाई देखी थी ना,
सुधिया- हाँ बाबाजी उस दिन हरिया इसी चंदा को चोद रहा था,
राज- पर बेटी यह तो बहुत छ्होटी है
सुधिया- मेरे लंड को जोश से मसल्ते हुए, अरे बाबाजी काहे की छ्होटी खूब अपनी गंद उठा उठा कर अपने बाप का
लंड लेती है, बड़ी चुदासी है रंडी, तभी मैने सुधिया की गुदा मे एक उंगली डाल कर हल्के से दबाया तो मेरी
पूरी उंगली सुधिया की मुलायम गंद मे घुस गई और सुधिया ने मेरे लंड को खूब कस कर दबोचते हुए कहा
ओह बाबा जी कितना मस्त लंड है आपका अब मुझसे नही रहा जाता है, अब मुझे चोद दीजिए बाबाजी,
राज- मुस्कुराते हुए बेटी क्या तुम हमारे लंड से चुदना चाहती हो,
सुधिया- सीईईईई आह आह हाँ बाबाजी मैं आपके इस मूसल को पूरा अपनी चूत मे घुसाना चाहती हू,
राज- मैने अपनी धोती मे च्छूपे बड़े बड़े अंडकोष निकाल कर जब सुधिया को दिखाते हुए कहा बेटी क्या तुम्हे
मेरा लंड बहुत पसंद आया है,
सुधिया- एक दम से मेरे अंडकोषो को दबोच कर मेरे लंड को मसल्ते हुए कहती है हाँ बाबाजी आपका मोटा
लंड और यह बड़े बड़े गोटे बहुत ही मस्त है, बाबा जी कोई आ जाए इससे पहले मुझे खूब कस कस कर चोद
दीजिए,
राज- बेटी ठीक है तुम कहती हो तो मैं तुम्हे आज अपने मोटे लंड से चोदुन्गा, तुम आराम से किसी घोड़ी की तरह
अपने भारी चूतादो को उपर उठा कर झुक जाओ, मेरी बात सुनते ही सुधिया ने सबसे पहले मेरे मोटे लंड को झुक
कर अपने मूह मे भर कर चूस लिया और फिर तुरंत घोड़ी बन कर अपने भारी चूतादो को उपर तक उठा कर अपनी
चूत को खूब फैला कर मुझे दिखाती हुई कहने लगी बाबा जी अब डाल भी दीजिए आपके मूसल को देख कर अब
मुझसे रहा नही जा रहा है,
मैने अपने लंड को सुधिया की चूत की फांको से भिड़ा कर उपर से नीचे तक उसकी चूत और गंद मे रगड़ा और फिर
जब मैने अपने हाथो से सुधिया की मोटी गंद की दरार और फूली हुई चूत की फांको को फैला कर देखा तो
मुझसे रहा नही गया और मैने झुक कर सुधिया की गंद की दरार से लेकर चूत के फूले हुए भाग तक खूब
ज़ोर से चूसना और चाटना शुरू कर दिया,
सुधिया- ओह बाबाजी आह सीई आह आह सीईईईईईईईईईई ओह बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है आप तो बहुत मस्त चाटते हो
खूब चूसो बाबाजी खूब कस कर चोदो बाबाजी, मैं सुधिया की चूत और गंद को खूब दबा दबा कर चाट और चूस
रहा था, और सुधिया अपनी मोटी गंद कभी इधर कभी उधर मटका रही थी, मैने अपनी जीभ सुधिया की गंद
के छेद मे पेलना शुरू कर दिया और सुधिया खूब सीसियाते हुए अपनी गंद हिलाने लगी,
मुझे भी लगा कि अब
इसकी चूत मे लंड पेल देना चाहिए और मैने अपने लंड का सूपड़ा सुधिया की चूत से लगाया और एक करारा
धक्का मार कर अपना पूरा लंड उसकी चूत मे जड़ तक फसा दिया और सुधिया,
सुधिया- ओह बाबाजी कहते हुए अपनी गंद को अड्जस्ट करते हुए कहने लगी बाबाजी सचमुच खूब मस्त लंड है
आपका, जिस औरत की चूत मे घुसेगा उसे मस्त कर देगा, सुधिया की बात सुन कर मेरे मन मे एक दम से ख्याल
आया कि संगीता और अपनी मम्मी रति को जब मैं पूरी नंगी करके चोदुन्गा तब क्या उन्हे भी मेरा लंड मस्त कर
देगा,
राज- अब मैं सुधिया की मोटी गंद को सहलाते हुए उसकी चूत मे धीरे लेकिन खूब गहराई तक धक्के मारता हुआ
उससे पुछ्ने लगा, बेटी क्या मेरा लंड देख कर कोई भी औरत मेरे लंड को लेने के लिए तड़पने लगेगी,
सुधिया- हाँ बाबाजी आपका लोडा तो इतना मस्त है कि जिस औरत को अपना लोडा दिखा दोगे वह आपके लोड से चुदने के
लिए आपके पीछे पिछे घूमने लगेगी,
राज- बेटी तुम्हे मेरे लंड की मार अच्छी लग रही है ना
सुधिया- हाँ बाबाजी बस ऐसे ही मुझे आराम आराम से ठोकते रहिए, आपका लंड मेरी चूत मे बहुत मस्त फस फस
कर जा रहा है मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है,
राज- अच्छा बेटी यह बताओ अगर किसी औरत को चोदने का मन करे और वह औरत रिस्ते मे लगे तब उस औरत को
कैसे चोदने के लिए फसाया जाता है,
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11-07-2018, 10:47 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--26
गतान्क से आगे......................
सुधिया- बाबाजी हर औरत को चूत मरवाने की इच्छा होती है, पर जब औरत को बातो बातो मे कही उसकी मोटी
गंद को सहला दो कही उसके दूध पर हाथ मार दो कभी उसका चिकना पेट सहला दो, कभी अगर उसे चूमने का
मोका मिले तो अपनी जीभ निकाल कर उसे चाटने लगो और जब भी मोका मिले औरत को अपने मोटे लोदे के दर्शन
ज़रूर कर्वाओ, तब बाबाजी कैसी भी औरत हो उसकी चूत से पानी आना ज़रूर शुरू हो जाएगा, एक बार औरत आपके मोटे
लंड से चुदने के बारे मे अगर सोच लेती है तो फिर उसे भी बार बार आपके मोटे लंड को अपनी फूली चूत मे
भरने की इच्छा होने लगती है,
राज- मैने सुधिया की बात सुन कर उसकी चूत मे अपने लंड के धक्के थोड़े तेज़ी से मारना शुरू कर दिया और फिर
मैने उससे पुछा, क्या रामू से चुदने से पहले कभी तुमने उसके लंड को देखा था,
सुधिया- हाँ बाबाजी मैं तो उसके लंड को कई बार देख चुकी थी और कई बार मेरा मन उसके लंड को सहलाने और
चूसने का भी होने लगा था, आप नही जानते बाबाजी हम औरतो को ऐसे मोटे लंड से अपनी चूत कुटवाने मे कितना
मज़ा आता है,
सुधिया बहुत चुदासी लगने लगी थी और अपनी गंद उठा उठा कर मेरे लंड पर खूब झटके मार रही थी मैं
उसकी नंगी गंद को दबोच दबोच कर खूब उसे कस कस कर चोद रहा था, उसकी चूत से फॅक फॅक की आवाज़ आ
रही थी और मेरा लंड उसकी चिकनाई मे फिसल फिसल जा रहा था, कुच्छ देर बाद मैने सुधिया को सीधा होकर लेटा
दिया और जब मैने उसकी फूली चूत मे लंड डाल कर उसके नंगे बदन पर लेट कर उसके गुदाज मोटे दूध को
मसल्ते हुए उसे चोदना शुरू किया तो सुधिया ने अपनी जाँघो को मोड़ कर मुझे जाकड़ लिया और मेरे मूह को
चूमने की कोशिश करने लगी मैं अपना मूह उससे बचाते हुए उसकी बुर मे खूब कस कस कर धक्के मारने
लगा,
मुझे डर था कभी चिपकाने के चक्कर मे मेरी दाढ़ी मुछ ना निकल जाए इसलिए मैं अपना मूह उसके
चेहरे से दूर ही रख कर उसे चोद रहा था,
मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो चुकी थी और ऐसा लग रहा था की सुधिया भी चरम पर पहुचने वाली है वह खूब
सीसियते हुए मुझसे चोदने के लिए कह रही थी,
सुधिया- आह आह सीयी सीईईई ओह बाबाजी चोदिये खूब चोदिये फाड़ दीजिए मेरी चूत आह आह आह
मैं ताबड़तोड़ उसकी बुर मे अपने लंड के धक्के दे रहा था, और तभी मैने दो तीन खूब गहरे धक्के उसकी
चूत मे मार दिए और सुधिया की चूत और मेरे लंड से पानी की फुहार छूट पड़ी और दोनो एक दम से कस कर
चिपकते हुए अपने लंड और चूत को एक दूसरे की ओर खूब दबा दबा कर रगड़ने लगे,
सच सुधिया की चूत
चोदने मे मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आया था, आज मैने उसके भारी बदन को यह सोच सोच कर खूब दबोचा
और मसाला था कि मेरी मम्मी रति भी जब पूरी नंगी होकर मेरे सामने आएगी तो ऐसी ही भारी भरकम जवानी
होगी उसकी,
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11-07-2018, 10:47 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
सुधिया- नंगी पड़ी पड़ी हाफ़ रही थी और मैने अपने लंड को धोती मे वापस डाल लिया था, कुच्छ देर बाद सुधिया
को होश आया और वह भी एक दम से उठ कर बैठ गई, सुधिया मुझसे नज़र नही मिला रही थी और मैं उसकी ओर ही
देख रहा था,
राज- मैने सुधिया के गालो को सहलाते हुए कहा, क्या हुआ बेटी थक गई क्या,
सुधिया- मुस्कुराते हुए, नही बाबाजी मैं ठीक हू,
राज- बेटी तुम्हारा बेटा रामू यहा खेतो मे कब तक आता है,
सुधिया- बाबाजी वह तो अभी बहुत देर से आएगा,
सुधिया की बातो मे और भी चुदवाने की झलक नज़र आ रही थी, मैने उससे कहा बेटी क्या तुम्हे मेरे साथ
संभोग करने मे बहुत मज़ा आया है
सुधिया- मुस्कुराकर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है
राज- मैने सुधिया की मोटी जाँघो को सहलाते हुए पूच्छा, बोलो बेटी अब तुम हमसे ना शरमाओ, और हमे
बताओ
सुधिया- हाँ बाबाजी आपका लंड बहुत मोटा है मुझे बहुत मज़ा आया
राज- बेटी अब तुम कहो तो हम उस दूसरे आदमी को अपनी शक्ति से यहाँ बुला लेते है और फिर तुम्हे उससे और मुझसे
एक साथ चुदना होगा, क्या तुम इसके लिए तैयार हो,
सुधिया- शरमाते हुए मुस्कुरकर मुझे देखती है और कहती है, बाबाजी आप जैसा कहेगे अब मैं वैसा ही
करूँगी,
राज- ठीक है बेटी अब तुम अपनी आँखे बंद कर लो और फिर से उसी तरह बैठ जाओ, हम अभी अपनी शक्ति से उस आदमी
को यहाँ बुला लेते है जो तुम्हारा यह राज गुप्त रखेगा, फिर मैने कुच्छ देर अपनी आँखे बंद करके ध्यान
लगाया और फिर अपनी आँखे खोल कर सुधिया की ओर देखा जो कि आँखे बंद किए हुए बैठी थी,
राज- बेटी हमने अपनी शक्ति से यह मालूम कर लिया है कि वह आदमी भी तुम्हे काफ़ी दिनो से चोदना चाहता है
मेरी बात सुन कर सुधिया ने तुरंत आँखे खोली और कहने लगी कौन है बाबाजी वह
राज- बेटी वह कोई और नही बल्कि तुम्हारा देवेर हरिया है,
सुधिया- अपनी आँखे फाडे मुझे देखती हुई, क्या हरिया मुझे चोदना चाहता है,
राज- हाँ बेटी हमने अपनी शक्ति से सब देख लिया है और हरिया ही एक ऐसा आदमी है जो इस पूरे गाँव मे सबसे
ज़्यादा तुम्हे चोदने के लिए तड़प्ता है, अब बताओ बेटी क्या तुम हरिया से अपनी चूत मर्वओगि,
सुधिया- लेकिन बाबाजी यह कैसे होगा कही उसने किसी को कह दिया तो और फिर उसके सामने मुझे शरम भी आएगी,
राज- नही बेटी मैं देख रहा हू वह तुम्हे बहुत चाहता है और वह तुम्हारे बारे मे कभी किसी को नही कहेगा
और रही बात शर्म की तो तुम अपनी आँखे बंद कर लो मैं उसे बस कुच्छ ही समय मे पूरा नंगा तुम्हारे सामने
खड़ा कर दूँगा, बोलो अब तैयार हो ना,
सुधिया- अपने सूखे होंठ गीला करती हुई, ठीक है बाबाजी जैसी आपकी आग्या,
सुधिया फिर से आँखे बंद करके बैठ जाती है और मैं उसका मस्त भोसड़ा देखते हुए हरिया को खड़ा होकर
इधर उधर देखने लगता हू, जब मुझे हरिया नज़र नही आता है तब मैं सुधिया को यह कह कर खेत से बाहर
आ जाता हू कि मैं अभी इस लोटे मे जल लेकर आता हू, सुधिया कहती है बाबाजी हमारी झोपड़ी के पास के पाइप से पानी
भर लीजिएगा,
मैं जब वहाँ से बाहर आकर इधर उधर देखता हू तब मुझे दूर से हरिया आता हुआ नज़र आता है और मेरी जान
मे जान आती है, हरिया का मूह देखने लायक था और वह निराश लग रहा था,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
राज- अरे हरिया कहाँ घूम रहे हो,
हरिया- अरे क्या बताए बाबाजी हम तालाब पर गये थे लेकिन वहाँ सुधिया भाभी का तो कोई पता ही नही है
राज- हरिया- माफ़ करना हमने सोचा तालाब का स्थान ठीक नही रहेगा इसलिए थोड़ा प्लान चेंज करके हम सुधिया
को तुमसे चुदवाने के लिए यही ले आए है, तुम अपनी बेटी चंदा को किसी काम मे लगा कर चुपचाप रामू के
गन्नो के खेत के बीचो बीच आ जाओ मैं वही तुम्हारा इंतजार कर रहा हू,
मेरे इतना कहते ही हरिया के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और उसने जेब से चिलम निकाल कर कहा बाबूजी
पहले थोड़ा सा इसका मज़ा ले ले तब उस घोड़ी को चोदने मे ज़्यादा मज़ा आएगा, मुझे भी लगा की हरिया की चिलम
पी कर नशा तो मस्त आता है,
इस बार मेरा मूड सुधिया की गुदाज मोटी गंद मारने का था इसलिए मैने भी हरिया
से कहा ठीक है जल्दी से बना लो सुधिया मेरी राह देख रही होगी उसे मैं गन्नो के बीच नंगी ही बैठा कर आया
हू, हरिया कहने लगा, मान गये बाबू जी आपको, एक बार हम सुधिया की चूत मार ले फिर देखना बाबूजी आप हमसे
जो कहोगे हम करेगे आख़िर आपका इतना बड़ा एहसान जो हम पर रहेगा,
हम दोनो ने बाते करते हुए चिलम पी और पीकर एक दम मस्त हो गये,
हरिया- अपनी लाल आँखो से मेरी ओर देख कर, सच बाबूजी इसको पीते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है आप चलिए
मैं दो मिनिट मे आ गया,
मैं वापस वही पहुच गया और सुधिया के सामने बैठ गया जो आँखे बंद किए बैठी थी,
राज- बेटी अब तैयार हो जाओ मैं हरिया को अपनी शक्ति से यहाँ बुला रहा हू,तुम बस आराम से लेट जाओ और अपनी
जाँघो को खूब अच्छे से फैला लो, और फिर जब सुधिया ने अपनी चूत को उठा कर फैला लिया तो मैने उसके मस्त
उठे हुए भोस्डे मे हाथ मारते हुए कहा बेटी आज तुम्हे अपने इन दोनो छेदो मे लंड लेना है, क्या तुम
तैयार हो,
सुधिया- हाँ बाबाजी मैं पूरी तरह तैयार हू, सुधिया की बुर मेरी बातो से फिर से पिघलने लगी थी तभी धीरे से
हरिया मेरे पास आ जाता है और जब वह सुधिया को पूरी नंगी अपनी मस्त चूत फैलाए लेटा हुआ देखता है तो
उसके होश उड़ जाते है, उसकी नशीली लाल आँखो मे एक चमक सी आ जाती है, वह मेरी ओर मुस्कुराकर देखता है
और फिर अपने खड़े लंड को धोती के उपर से मसलता हुआ मुझसे इशारे से पुछ्ता है कि अब मैं क्या करू,
मैने हरिया को पूरा नंगा होने का इशारा किया और हरिया ने तुरंत अपनी धोती हटा कर अपने मोटे लंड को
बाहर निकाल लिया, अब मैने हरिया को सुधिया की फूली हुई चूत को चाटने का इशारा किया और हरिया ने अपने
काँपते हाथो से जब सुधिया की मोटी गुदाज जाँघो को मसला तो वह खुशी के मारे मुझे देखते हुए झुक कर
सुधिया की बुर को पागलो की तरह फैला कर चूसना शुरू कर देता है,
सुधिया- आह बाबाजी बहुत अच्छा चाटते है आप, पर अभी तक हरिया क्यो नही आया,
राज- बेटी तुम अपना मूह खोलो हम तुम्हे मस्त मीठा गन्ना चूसाने वाले है मेरा इतना कहना था कि सुधिया
ने अपनी आँखे खोल कर अपना सर उठा कर नीचे देखा तो उसकी साँसे थम गई हरिया उसकी बुर को खूब फैला
फैला कर चाट रहा था, मैने सुधिया को इशारे से चुप रहने को कहा और अपने लंड को निकाल कर सुधिया के
मूह के पास उकड़ू बैठ गया और सुधिया मेरे लोदे को अपना मूह खोल कर पीने लगी,
हरिया सुधिया की चूत को पूरी खोल कर उसका रस चूस रहा था और उसकी चूत के दाने को अपने होंठो से दबा
दबा कर कभी खिचता और कभी उसे चूसने लगता, हरिया जितनी ज़ोर से सुधिया की चूत चाटता और चूस्ता था
सुधिया भी जोश मे आकर मेरे लंड को उतनी ही तेज़ी से दबा दबा कर चूसने लगती थी वह मेरे सूपदे को खूब
चूस चूस कर लाल कर चुकी थी और मैं उसके पास बैठा उसके मोटे मोटे दूध खूब दबोच कर मसल रहा था,
कुच्छ देर बाद मैने हरिया को कहा बेटा तुम अब सीधे खड़े हो जाओ और सुधिया बेटी तुम खड़ी होकर हरिया के
लंड को चूसो,
सुधिया ने शरमाते हुए हरिया की ओर देखा जिसकी नज़र सुधिया की मस्त फूली हुई चूत पर ही टिकी थी,
राज- बेटा हरिया सुधिया तुमसे शर्मा रही है ज़रा तुम खुद अपनी सुधिया भाभी को उठा कर अपने सीने से लगा
लो वह बहुत तड़प रही है तुम्हारे नंगे बदन से चिपकने के लिए,
हरिया- बाबाजी हम तो आपके भक्त है आप जो कहोगे करेगे और वैसी भी हम तो अपनी सुधिया भाभी को पूरी
नंगी करके कब से चोदने के लिए तड़प रहे है और फिर हरिया ने सुधिया को खड़ी करके उसे अपने सीने से
चिपका लिया और मैने मोका देखते ही सुधिया की मोटी गंद से अपने लंड को सटा कर उसके पिछे से चिपकते
हुए कहा
राज- सुधिया बेटी
सुधिया- जी बाबा जी
राज- बेटी अब क्या तुम दो मर्दो से एक साथ चुदने के लिए तैयार हो, और फिर मैने अपने हाथो से सुधिया की
गुदा को फैला कर उसकी गुदा को सहलाना शुरू कर दिया, उधर हरिया सुधिया के बोबे मसलता हुआ उसके होंठो
को चूसने की कोशिश करने लगा,
राज- बेटी अब तुम्हे अच्छा लग रहा है कि नही
सुधिया- आह बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है
हरिया- भौजी तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है, कितना मस्त बदन है तुम्हारा पूरी नंगी करके चिपकाने मे
मज़ा आ जाता है,
राज- हरिया अब तुम लेट जाओ और सुधिया को अपने लंड पर बैठा लो, मेरी बात सुनते ही हरिया लेट गया और सुधिया
उसके लंड पर बैठ गई और उसके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गई, हरिया का लंड सुधिया की चिकनी चूत मे
पूरा घुस चुका था, हरिया ने नीचे से धक्के मारते हुए सुधिया को थोड़ा आगे झुका कर उसके मोटे मोटे
पपितो को खूब कस कस कर मसलना शुरू कर दिया,
मैं सुधिया की मोटी गंद के पास आकर बैठ गया और उसकी मस्त गुदाज मखमली गंद को अपने हाथो से दबाते
हुए उसकी भूरे रंग की बड़ी सी गुदा को सहलाने लगा, सुधिया ने हरिया के लंड पर कूदते हुए मेरे लंड को कस
कर अपने हाथो मे दबोच कर मसलना शुरू कर दिया,
क्रमशः........
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--27
गतान्क से आगे......................
मैने अपनी उंगली पर थूक लगा कर सुधिया की गंद मे दबा दी और मेरी उंगली सुधिया की मुलायम कसी हुई गंद
मे समा गई, मैं सुधिया की गुदा मे उंगली अंदर बाहर करने लगा और सुधिया आह आह करती हुई सीसीयाने लगी,
सुधिया की चूत को हरिया बराबर नीचे से चोदे जा रहा था और उसके मोटे मोटे दूध को खूब चूसे जा रहा
था,
मैं लगातार सुधिया की गुदाज मोटी गंद को दबाते हुए उसकी गुदा मे उंगली डाल रहा था, जब मैने देखा कि
अब सुधिया खूब कूदने लगी है और खूब सीसियाते हुए हरिया को ज़ोर ज़ोर से चोदने को कहने लगी है तब मैने
अपने मोटे लंड पर खूब सारा थूक लगा कर उसे सुधिया की गुदाज गंद मे लगा कर एक कस कर धक्का उसकी गुदा
मे मार दिया और मेरे लंड का मोटा सूपड़ा सुधिया की गुदा खोल कर उसमे फिट बैठ गया,
सुधिया- ओह बाबाजी मार डाला रे आह सीईइ सीईईईईईईईईई आह ओह
हरिया- उसके मोटे मोटे दूध दबाते हुए, क्या हुआ भौजी बाबाजी ने तुम्हारी गंद मे लंड फसा दिया क्या,
सुधिया- हाँ रे हरिया बाबाजी का बहुत मोटा है पूरी गंद फाडे डाल रहा है,
हरिया- तो क्या हुआ भौजी तुम्हारी गंद है भी तो कस कर मोटे लंड से चोदने लायक, मैं तो कब से तुम्हारी इस
मोटी गंद को खूब कस कस कर चोदना चाहता हू,
सुधिया- आह आ हरामी मैं तो पहले से जानती थी जब तू मुझे जाते हुए मेरे चूतादो को खूब घूरा करता था
हरिया- बाबाजी कैसी है हमारी रामू की मा की मोटी गंद
राज- मैने हरिया की बात सुनी और एक दूसरा धक्का कचकचा कर सुधिया की मोटी गंद मे मार दिया और फिर क्या
था मैं तो समझो मस्त हो गया मेरा पूरा लंड सुधिया की गंद ऐसे जकड़े हुए थी जैसे निचोड़ के रख देगी
सुधिया- आआआआआआ ओह बाबाजी मैं मर जाउन्गि बाबाजी निकाल लो बहुत मोटा लंड है तुम्हारा,
सुधिया की बात सुन कर हरिया समझ गया कि मैने उसकी गंद मे लंड फसा दिया है और हरिया उस घोड़ी को अपने
लंड पर बैठाए उसके दूध के निप्पल को चूस्ता हुआ दबाने लगा, इधर मैं रुका नही और धीरे धीरे अपने लंड
को थोडा बाहर लाता और फिर गच्छ से सुधिया की गुदा मे घुसा देता,
सुधिया कुच्छ ऊह आह सीई ओह बाबाजी आह आह सीयी की आवाज़ निकल रही थी, तभी मैने थोड़ा लंड बाहर खींचा और
कस कर सुधिया की गंद मे मार दिया और सुधिया सीधे हरिया के सीने पर अपनी मोटी मोटी चूचियाँ रख कर
लुढ़क गई, हरिया ने सुधिया की पीठ के आसपास अपने हाथ लेजकर उस गुदाज औरत को अपनी छाती से खूब कस के
जाकड़ लिया और अपनी कमर उठा उठा कर सुधिया की चूत मे लंड पेलने लगा,
अब मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा था, मैं उकड़ू बैठा सुधिया की गंद चोद रहा था और वह रंडी हरिया के उपर
लेटी हुई अपनी चूत और गंद हम दोनो से मरवा रही थी, उसकी सिसकारियो से ऐसा लग रहा था कि उसे बहुत मज़ा आ
रहा है,
तभी मैं भी सुधिया की मोटी गंद मे लंड फसाए उसके उपर लेट गया और उसकी चिकनी पीठ से चिपक
कर खूब गहराई तक सुधिया की गंद मे अपने लंड की घुसाने लगा,
मैं उपर से सुधिया की गंद मे खूब तबीयत से लंड पेल रहा था, मेरे पूरे बदन का वजन सुधिया के जिस्म
पर था और नीचे से हरिया अपनी पूरी ताक़त से सुधिया की चूत मे लंड पेल रहा था, हरिया और मैं दोनो पूरी
ताक़त से नीचे से और उपर से सुधिया की गंद और छूट को उसके नंगे बदन को खूब दबा दबा कर ठोक रहे
थे और सुधिया, ओह ओह आ आ सीईसीई स स आ आ हरिया दूध दबा ना, आ आ ओह बाबा जी बहुत मज़ा आ रहा
है और ठोकिए बाबाजी और चोदिये पूरी गंद फाड़ दीजिए मेरी,
सुधिया की बाते मेरा और हरिया का जोश और बढ़ा रही थी और हम दोनो उपर से और नीचे से उसकी गंद और चूत
को खूब ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे,
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11-07-2018, 10:47 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
हरिया जहाँ उसकी चूत मे लंड को दबाने की कोशिश कर रहा था वही मैं पूरी
आज़ादी के साथ सुधिया की गंद चोद रहा था, अब मेरा लंड बड़ी आसानी से सुधिया की गंद मे जा रहा था और
उसकी चूत खूब पानी छ्चोड़ रही थी, हरिया ने सुधिया के होंठो को चूसना शुरू कर दिया तब सुधिया थोड़ा
उपर अपने सीने को उठाने लगी तभी मैने उसके दूध को नीचे हाथ लेजाकार पकड़ लिया और कस कस कर तीन चार
धक्के सुधिया की गंद मे मार दिए और सुधिया धदाम से हरिया की छाती से चिपक गई और हरिया ने नीचे
से कस कस कर तीन चार धक्के मारे और उसको खूब कस कर दबोचते हुए मुझसे कहने लगा
हरिया- बाबाजी लगता है भौजी मूतने वाली है,
राज- हरिया अपनी भौजी से पुंछ लो अगर मूतने वाली हो तो हम तीनो एक साथ मुतेन्गे और आज तुम्हारी भौजी की
गंद और चूत को अपने रस से भर देंगे,
हरिया- सुधिया के मूह को उठा कर चूमते हुए, बोलो भौजी तुम मूतने वाली हो ना
सुधिया- सीयी आहह आहह हाँ रे हाँ रे हरिया खूब चोद मैं अब मूतने वाली हू जल्दी चोद कमिने नही तो तेरे मूह
मे मूत दूँगी,
हरिया- मूत दे ना भौजी मैं तो कब से तेरी चूत से मूत पीने को तरस रहा हू, एक बार मैने तुझे छुप कर
मुतते हुए देखा था बस तब से तेरी मोटी धार का मैं दीवाना हो गया हू,
राज- हरिया अब एक साथ मैं और तुम सुधिया बेटी की चूत और गंद को चोद्ते हुए अपना पानी निकालेंगे और फिर
मैने उसकी गंद मे सतसट धक्के मारना शुरू कर दिया और नीचे से हरिया खूब खचा खच लंड पेलने
लगा और सुधिया अपनी जाँघो को और भी खोल कर बुरी तरह गंद हिलाने लगी वह कभी अपनी गंद उपर मारने की
कोशिश करती और कभी नीचे मारने की कोशिश करती, फिर सुधिया के मूह से एक गहरी कराह निकल गई और वह बुरी
तरह हरिया से चिपक गई, मैने भी सुधिया को पूरी तरह जाकड़ लिया और उसकी गंद मे अपने लंड को खूब
गहराई तक ठोक कर अपने पानी को छ्चोड़ना शुरू कर दिया, उधर हरिया ने भी सुधिया की चूत मे अपने लंड को
खूब अंदर तक पेल कर अपना पानी निकाल दिया और फिर मैं और हरिया सुधिया को उपर और नीचे से नंगी अपने
बीच मे दबाए हाफ्ते हुए पड़े रहे,
कुच्छ देर बाद मैं उठा और जब मैने सुधिया के भारी चूतादो को देखा तो वह पूरे लाल हो चुके थे,
मेरे उठने के बाद भी सुधिया हरिया के उपर पड़ी हाफ़ती रही, फिर मैने जल्दी से अपनी धोती पहनी और फिर सुधिया
भी उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी, हरिया ने अपनी धोती पहन कर कहा बाबाजी हम चंदा के पास जा रहे है
आप हमे भी आशीर्वाद देते हुए जाना,
हरिया वहाँ से उठ कर चला जाता है और फिर मैं सुधिया को हाथ पकड़ कर उठा लेता हू और
राज- बेटी तुम ठीक तो हो ना
सुधिया- मुस्कुराते हुए अपनी नज़रे झुका कर, हाँ बाबाजी
राज- बेटी हमने अपना वादा पूरा कर दिया अब हमे भी यहा से प्रस्थान करना होगा क्यो कि हम सिर्फ़ तुम्हारी
खातिर रुके थे अब हमे किसी और का भला करने के लिए जाना होगा,
सुधिया- बाबाजी फिर कब पधारेंगे आप
राज- बेटी हमने तेरे सुख के लिए ही हरिया के दिमाग़ को घुमा कर तेरा दीवाना बना दिया है, अब रामू के अलावा
जब भी तेरा दिल करे तू हरिया से अपनी इच्छा पूरी करवा लेना और शरमाना मत, तू शरमाती बहुत है,
सुधिया- बाबाजी मुझे तो आपकी याद हमेशा आएगी, अब आप कब आओगे
राज- बेटी तू फिकर मत कर हम तो इतनी शक्ति लेकर घूमते है कि कभी भी किसी भी रूप मे आकर हम तुझे अपने
मोटे लंड से भरपूर आनंद पहुचाएगे, अभी तू हमे जानती नही है, तू कहे तो हम किसी जवान लोंडे के रूप
मे आकर भी तुझे चोद सकते है,
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11-07-2018, 10:47 PM,
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RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
सुधिया- क्या आप सच कह रहे है बाबा जी
राज- तूने देखा ना हमने अपनी शक्ति से हरिया को यहा बुलाया और उसके दिमाग़ को कैसे घुमा दिया है कि उसने
एक बार भी तुझसे कोई सवाल किया या और किसी को बताने के बारे मे सोचा है,
सुधिया- आप सच कहते है बाबाजी नही तो हरिया जैसा कमीना मुझे नंगी देख कर ना जाने क्या क्या कहता आज
आपने मुझे धन्य कर दिया बाबाजी और फिर सुधिया मेरे पेरो मे गिर गई,
मैने उसकी गोरी बाँहो को पकड़ कर उसे उठाया और उसके भरे हुए गालो को सहलाते हुए कहा बेटी अब तुम यहाँ
से जाओ हम भी यहाँ से अब निकलते है,
सुधिया- बाबाजी जब भी आप आओ मेरे घर ज़रूर आना,
सुधिया की चुदाई तो बड़े मस्त तरीके से हमने की लेकिन वह अब भी यही समझ रही थी कि मैं बहुत पहुचा
हुआ आदमी हू और वह मुझसे बहुत प्रभावित थी, उसके जाने के बाद मैं हरिया के पास पहुचा जहाँ मुझे
हरिया ने पानी पिलाया उसके बाद मैने हरिया के साथ एक चिलम और लगाई,
हरिया- वाह बाबू जी मान गये आपको, लेकिन अभी भी हमारा मन सुधिया को और चोदने का कर रहा है बाबूजी
राज- हरिया - हमने उसके सर पर ऐसा हाथ फेरा है कि अब जब भी तुम्हे मोका मिले तुम सुधिया को चोद लेना
वह खुद तुमसे आगे रह कर चुदवायेगि,
हरिया- सच बाबूजी, यह आपने हम पर बड़ा उपकर किया है, अब देखना बाबूजी मैं कैसे दिन रात सुधिया को
खेतो मे नंगी करके चोद्ता हू,
राज- लेकिन रामू का क्या करोगे,
हरिया- कुच्छ नही बाबूजी रामू को चंदा के साथ अपने घर भेज दिया करूँगा वह भी चंदा और रुक्मणी के
साथ मस्ती मार लेगा आख़िर मेरा परिवार का खून ही तो है,
राज- मुस्कुराते हुए वाकई हरिया भाई तुम बहुत बदमाश आदमी हो
हरिया- हस्ते हुए लेकिन बाबूजी आपसे ज़रा सा कम,
मैने हरिया की बात सुन कर उसकी पीठ ठोकते हुए कहा ठीक है हरिया अब मैं ज़रा अपनी साइट पर जा रहा हू और
शाम को घर निकलूंगा, वहाँ मम्मी और संगीता परेशान होगी,
हरिया- बाबूजी काम के चक्कर मे इधर आना मत भूलिएगा और कैसा भी काम हो बस एक बार कहिएगा हरिया
आपके लिए जान भी लगा देगा,
राज- अरे हरिया तुमने इतना कह दिया यही बहुत है, फिर भी कभी ज़रूरत पड़ी तो तुमसे ही कहूँगा, अच्छा अब
मैं चलता हू और फिर मैं तालाब के पास आ गया, मजदूर आ चुके थे और मैने उन्हे काम पर लगा दिया,
दोपहर को जैसे तैसे समय गुजरा और शाम के 4 बजते ही मैं घर की ओर भाग गया,
जब मैं घर पहुचा और मैने दरवाजा अंदर ढकाया तो वह खुल गया और मैं सीधे अंदर चला गया, मैं
वैसे तो जाते ही संगीता को आवाज़ देने लगता था लेकिन आज मैं चुपचाप जब अंदर पहुचा तो मुझे हॉल मे कोई
नही दिखा और जब मैं मम्मी के रूम की ओर बढ़ा और मैने जैसे ही मम्मी के रूम के पर्दे को थोड़ा सा
हटा कर अंदर देखा तो........
अंदर मम्मी मिरर के सामने केवल एक पिंक कलर की ब्रा और पॅंटी पहने अपने गुदाज चिकने बदन को देख रही
थी,
मैं तो मम्मी को ब्रा पॅंटी मे देख कर एक दम से पागल हो गया, मेरा लंड पूरी तरह तन कर खड़ा हो
गया और मेरी मम्मी अपने सुडोल भारी भरकम चूतादो को कभी इधर कभी उधर करके मटका रही थी,
सुधिया को नंगी देख कर मुझे भारी भरकम शरीर वाली औरते अच्छी लगने लगी थी लेकिन मम्मी का शरीर तो
सुधिया से भी जबरदस्त था, मम्मी की मोटी-मोटी गोरी जाँघो ने मुझे पागल कर दिया उनका उठा हुआ पेट और
मोटे-मोटे दूध बहुत सुडोल और गोरे लग रहे थे, कुच्छ देर तक अपने जिस्म को शीशे मे निहारने के बाद
मम्मी ने पास मे पड़े पेटिकोट को उठा कर पहन लिया और फिर ब्लौज और उसके बाद अपनी साडी लपेटने लगी तभी
मैने आवाज़ लगा दी,
राज- मम्मी क्या कर रही हो
रति- अरे राज आ गया तू, क्या बेटा बिना बताए गोल हो जाता है हम मा बेटी को कितनी फिकर हो रही थी,
मैं मम्मी के पीछे से उन्हे अपनी बाँहो मे भर कर उनके गालो को चूमते हुए सॉरी कहने लगा,
मम्मी ने
अपनी साडी बाँधते हुए मेरे गालो को जब चूमा तो उसके रसीले होंठो और उसके बदन से उठने वाली मादक
गंध ने मेरे लंड को पूरी तरह कड़ा कर दिया था, मुझे बार बार मम्मी केवल पॅंटी मे अपनी मोटी गंद
मतकते हुए नज़र आ रही थी, दिल तो ऐसा कर रहा था कि मम्मी की फूली हुई चूत को पॅंटी के उपर से पकड़ कर
मसल दू लेकिन मैं कंट्रोल किए हुए मम्मी से पुच्छने लगा, मम्मी संगीता कहाँ है,
रति- बेटे वह अपनी सहेली के यहाँ गई है तू हाथ मूह धो ले मैं चाइ बना कर लाती हू, मैने मम्मी को गौर से
देखा,
बड़ा मस्त माल लग रही थी, उसके भरे हुए मदमस्त जिस्म के आयेज सुधिया की गदराई जवानी भी फैल थी
और सबसे ज़्यादा जानलेवा तो मम्मी के मोटे मोटे चूतड़ थे जिन्हे अभी भी वह इधर उधर घूमते हुए मटका
कर चल रही थी,
क्रमशः........
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