Sex Kahani गाओं की मस्ती
06-22-2017, 10:36 AM,
#11
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
थोरी डेक तक कमरे मे बहुत शान्ती छई रही और सिर्फ़ साँसों की और धरकन की आवाज़ सुनाई देती रही. एह वक़्त जगन के लिए बहुत ही नाज़ुक था. थोरी देर के बाद देवकी उठ कर बैठ गयी और अपने पेटिकोट से अपनी चूत को पोंचछते हुए जगन से बोली,

"कोई चिंता की बात नही. मेरे पति को सब बात मालूम है. हुमारी और तुम्हारी चुदाई के तीसरे दिन ही देव सब कुच्छ देख लिया था और फिर मैने ही देव को सारी बात बता दिया है. मैने देव को अपनी चूत की भूख के बारे मे भी बता दिया है और उसको समझाया है कि वो तुमको मेरे दूसरे पति के रूप मे देखे. चूँकी देव को मालूम है कि उसके लंड मे मेरी चूत की भूख मिटाने की ताक़त नही है और इसलिए देव मेरी बात मान गया है. देव को हमारी चूत मे तुम्हारे लंड का घुसाना और फिर मुझे चोद्ते हुए देखने मे बहुत मज़ा आता है और वो हर रात छुप छुप कर हुमारी चुदाई देखता है. हुमारी चुदाई देख कर उसका लंड खरा हो जाता है और जैसे तुम हमे चोद कर वापस अपने घर जाते हो वो मुझ पर पिल परता है और फिर हमे खूब चोद्ता है." देवकी थोरी देर रुक कर और देव का मुरझाया हुआ लंड अपने मुथी मे लेते हुए जगन से बोली,

"देव ने हमसे कहा रखा है कि उसे हुमारी और तुम्हारी चुदाई से कोई लेना देना नही है, लेकिन एह बात गाओं मे फैलने ना पाए." जगन को एह सब सुन कर बहुत ताज्जुब हुआ लेकिन वो फिर भी चुप रहा. एह एक बहुत मज़ेदार मामला था कि एक आदमी जिसकी बीवी को मैं अभी अभी चोद चुक्का हूँ वो कहे की मैं फिर उसकी बीवी को चोद सकता हूँ.

फिर देवकी और देव ने जगन को सारी बात बता दी. उसे पता चला कि:-

क्रमशः......................
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06-22-2017, 10:36 AM,
#12
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............

देव अपने 15 साल की उमर मे अनाथ हो गया था. देव को उसके चाचा चाची अपने गाओं मे लेजकर पल पोस कर बरा किया. उनके चाचा चाची को शादी के कई साल के बाद भी कोई संतान नही था. देव के पिताजी की ज़मीन थी पर कोई दूसरा आदमी जोत'ता था. देव के चाचा को देव के हिस्से की ज़मीन पर ज़्यादा इंटेरेस्ट था और देव पर कम. उसकी चाची बहुत कोमल ह्रिदय की औरत थी और वो देव की हर तरह से देख भाल किया करती थी. बाद मे देव को पता चला कि उसकी चाची को उस'से प्यार भी था.

देव के चाचा चाची एक छ्होटे से एक कमरे के मकान मे रहते थे. वो हॉल मे सोता था, उसकी चाची कमरे के अंदर सोती थी और उसका चाचा बाहर वारंडे मे सोता था क्योंकी अंदर कमरे मे बहुत गर्मी हुआ करती थी. एक रात देव को गर्मी से परेशान नीद नही आ रही थी और उसने देखा कि उसका चाचा उठ कर चुप चाप उसके चाची के कमरे में जा रहें है. चाचा अंदर कमरे मे जाकर चुप चाप चाची के पास लेट गये और धीरे से उनको जगा दिया. उनलोगो मे अपने कमरे का दरवाजा बंद नही किया था क्योंकी वो लोग सोच रहे थे देव अपनी गहरी नींद मे सो रहा होगा.

कमरे मे एक हल्की से लाइट जल रही थी और उसकी रोशमी मे देव को कमरे के अनदर सब कुच्छ साफ साफ दिख रहा था. चाचा ज़मीन पर चाची के पास बैठ कर उनके कपड़ो को उतरना शुरू किया. उसने पहले चाची की ब्लाउस को फिर ब्रा को उतार दिया. चाची खरी हो गयी और देव अपने चाची की नंगी चूंची देख रहा था. फिर उसके चाचा चाची की सारी को उठा कर उसके अंदर घुस गये और कुच्छ करने लगे. चाची उसके चाचा का सारी के उपर से सर पकर कर अपनी चूतर हिला रही थी.

फिर चाची धीरे से अपनी सारी उतार कर पूरी तरह से नंगी हो गयी. देव को एह देख कर बहुत तजुब हुआ कि उसका चाचा अपनी बीवी के चूत पर मूह लगा कर उसकी झांतों से भरी चूत चट रहा है. कुच्छ मिनटों के बाद चाचा अपनी बीवी को अप'ने पास ज़मीन पर लिटा दिया और खुद उसके उपर चढ़ गये. उपर चढ़ने के बाद चाचा अपना चूतर उपर नीचे करने लगे. देव पहले से ही सेक्स के बारे मे सुन रखा था लेकिन आज वो पहली बार चूत की चुदाई देख रहा था. जल्दी ही उसके चाचा शांत हो गये और थोरी देर के बाद उठ कर बाहर वारंडे मे सोने के लिए चले गये.

चाची थोरी देर के बाद बाथरूम मे गयी और फिर नंगी ही वापस आ गयी. चाची नंगी ही अपने बिस्तेर पर लेट कर अपने पैरों के बीच कुच्छ करने लगी. उनका हाथ अपने पैरों के बीच बहुत ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था और थोरी देर के बाद चाची शांत हो कर लेट गयी. फिर चाची मुर कर देव की तरफ अपनी चूतर कर के नंगी ही सो गयी. अपनी चाची की नंगी चूतर देख देख कर और एह सोचते हुए कि उसने अभी अभी क्या देखा देव अपने लंड पर हाथ फेरने लगा और थोरी देर के बाद झार कर सो गया.

अगले दिन देव की चाची ने ऐसा बरतब किया कि जैसे कुच्छ हुआ ही नही है. एह सिलसिला कुच्छ दीनो तक चलता रहा और देव अपने चाचा और चाची की चुदाई देखता रहा. लेकिन एक दिन जब देव के चाचा गाओं से बाहर गये थे तो चाची देव से पुछि,

"क्यों तुम रोज रात को हुमारी कारवाही देख देख कर मज़ा लूट'ते हो? मैं सोच रही हूँ की मैं एह बात तुम्हारे चाचा से कह दूँ," चाची देव से बोली. देव डर गया और अपने चाची से एह सब बात चाचा से ना कहने के लिया बोला.

"चाचा मुझको बहुत मारेंगे और मुझको अपने घर से निकाल देंगे. मेरे पास और कोई ठिकाना नही है, मैं कहा जौंगा? चाची प्लीज़ चाचा से एह बात मत कहना."

"ठीक है, मैं नही बोलूँगी, लेकिन मैं कहूँ वैसे ही करना परेगा, ठीक है?" चाची देव से बोली.

"तुम जो भी कहोगी, मैं वैसे ही करूँगा" देव अपनी चाची से बोला.

"देव तुम तो जानते ही हो कि तुम्हरा चाचा जल्दी जल्दी से अपना काम ख़तम करके सोने चला जाता है और मैं कैसे अपने आप को अपनी उंगली से शांत करती हूँ. अब मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे जहाँ जहाँ कहूँ शांत करो. समझ गये" चाची देव से बोली.

"हाँ चाची मैं सब कुच्छ समझा गया, लेकिन मैं कुच्छ नही जनता हूँ," देव धीरे से अपनी चाची से बोला.

"मैं तुझे सब कुच्छ अभी आज से समझा दूँगी" चाची देव से बोली. फिर चाची देव को अपने कमरे मे ले गयी. ज़मीन पर चटाई बिछाई और उसपर दो तकिया लगा दिया. अब वो देव के सामने खरी हो गयी और अपनी ब्लाउस उतारने को बोली. देव बहुत घबराया गया और उसका हाथ ब्लाउस के हूक्क खोलते वक़्त कांप रहा था. देव का डर देख कर चाची उसको धीरे धीरे बातों से समझाया और फिर अपने बाहों मे भर लिया.

चाची तब देव को अपने ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद करने लगी और फिर अपना ब्लाउस उतार दिया. फिर वो मूर कर खरी हो गयी और अपनी ब्रा की हुक खोलने के लिए बोली. जब ब्रा की हुक खुल गयी तो चाची फिर से देव के सामने हो गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी चूंची ब्रा के उपर से पकर कर खरी हो गयी और धीरे से अपना ब्रा उतार दिया. देव मूह बाए फटी फटी आँखो से अपनी चाची की नंगी चूंची देखने लगा. एह पहला मौका था कि देव किसी औरत की नंगी चूंची देख रहा था और वो भी अपनी चाची की चूंची.

"तुम्हे एह चूंची पसंद है?' चाची अपनी दोनो चूंची अपने हाथों से उठती हुई पुच्छी.

"लो इनको छु कर देखो, इनसे खेलो" चाची अपनी चूंची देव के हाथों मे थमाते हुए बोली. चाची देख रही थी कि देव कुच्छ हिचकिचा रहा है. फिर चाची देव के हाथों को पकर कर अपने चूंची से लगा दिया. देव उन चूंची की गर्मी और करा पन से उत्तेजित हो कर उन चूंचियो से खेलने लगा. देव उन चूंची की निपल को पकर देखने लगा. चाची देव का सर पकर कर उसके चहेरे से अपनी चूंची रगर दी और बोलने लगी,

"देव मेरी चूंची को चूसो, जैसा एक बच्चा मा का दूध पीता है वैसे ही तुम मेरी चूंची को चूसो." देव को जैसा बोला गया वो करने लगा. पहले उसने निपल को अपने मूह मे लिया फिर थोरी सी चूंची अपने मूह मे भर कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर चाची अपनी दूसरी चूंची उसके मूह से लगा कर बोली,

"अब तुम दूसरी चूंची को भी चूसो." "अब मेरी सारी उतारो" चाची देव से बोली.

"और मैं तुम्हे अपनी झांतो से भरी छूट दिखौँगी. मैं तुम्हे सब कुच्छ दिखौँगी. मैं तुम्हे आसमान की सैर कर्वौन्गी." देव तब अपनी चाची की सारी और फिर उनकी पेटिकोट उतार दिया.
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06-22-2017, 10:37 AM,
#13
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
चाची अपना चूतर हिला दूला कर अपना पेटिकोट उतार दिया और नंगी देव के सामने खरी हो गयी. फिर चाची देव का पायजामा और उसका अंडरवेर उतार कर उसको भी अपनी तरह नंगा कर दिया. देव अपने चाची के सामने नंगा हो कर खरा होने से शर्मा रहा था. लेकिन उसका लंड अब तक खरा हो चुक्का था और अपना सिर हिला हिला चाची की चूत को अपने पास बुला रहा था. चाची देव के खरे लंड को अपने हाथों से पकर कर अपनी तरफ खींची.

"वाह, तुम्हारा लंड तो तुम्हारे उमर से कुच्छ ज़्यादा ही लंबा और मोटा है. क्यों है ना?" चाची बोली. फिर झुक कर देव के लंड को अपने होठों से लगा कर चूमी और फिर मूह मे भर लिया और उस पर अपनी जीव फिराने लगी. थोरी देर देव के लंड पर अपनी जीव फिराने के बाद चाची बोली,

"चलो तुम्हारा खेल अभी से शुरू किया जाए". चाची ज़मीन पर बिछी चटाई पर लेट कर अपने पैरों का फैला दिया और देव को अपने पावं के बीच मे बैठने के लिए बोली. अपने चूतर के नीचे एक तकिया रखने के बाद चाची अपने जांघों को और खोल दिया और देव से बोली,

"और पास आ कर मेरी चूत को देखो." देव का चहेरा अपने चाची की चूत से करीब चार इंच दूर था और उसके नाक मे अपनी चाची की चूत से निकलती हुई सोंधी सोंधी खुसबू घुस रही थी. चाची अपने हाथों से अपनी झांतो भरी चूत को और फैला दिया और देव से अपनी चूत के अंदर लाल लाल हिस्सा देखने के लिए बोली. फिर अपने हाथों से देव को अपनी चूत के दाने को दिखा कर उसको चूसने के लिए बोली. देव तब अपनी चाची की चूत के दाने को अपने होठों मे लेकर चूसना शुरू किया और इस'से उसको बहुत मज़ा मिलने लगा.

चाची अपनी चूत की होठों के बीच का हिस्सा भी देव से चाटने के लिया बोली. देव वैसे ही किया. उसने अपनी जीव अंदर तक डाल कर अपनी जीव घुमा घुमा कर चूसना शुरू किया. फिर चाची देव से चोदने के लिए बोली और देव अपनी चाची की चूत मे अपना लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया. पहले देव चाची जो ज़मीन पर लेता कर, फिर उनको कुतिया की तरह झुका कर और खुद उनके पिछे से, और फिर खुद ज़मीन पर लेट कर और चाची को अपने उपर चढ़ कर चोदा. देव की जवानी अपने पूरे जोश पर थी.

अब चाचा की गैर हाजरी में यह काम रोज होने लगा. चाची देव को अपने कमरे में बुला लेती. फिर चाची निढाल हो कर चुप चाप ज़मीन पर लेट जाती और अपनी टाँगे फैला कर देव से अपनी चूत पिछे से चोदने के बोलिती. देव धीरे से अपन खरा लंड उनकी चूत के अंदर उतार देता था और उनको अपने हाथों मे भर कर अपना लंड जितना जा सके उतना डाल कर रगर के चोद्ता. वो जैसे ही अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता था उसकी चाची गलियाँ बकने लगती,

"अरे हरमज़ड़ा, क्या तू अपनी चाची को मार ही डालेगा क्या. तेरा लंड तो पूरा गधे का लंड जैसा है. आई मैं मेरीयी जा रही हूँ छोड मेरी चूत निकल ले अपना लंड, मेरी चूत फटी जा रही है. देख तेरे लंड के धक्के से मेरी गुलाबी चूत काली पड़ चुकी है." तब देव अपना लंड पूरे जर तक चाची की चूत मे डाल कर चोद्ता. देव झरने के बाद चुप चाप अपनी चाची की पीठ पर लेट गया और महसूस करने लगा कि चाची की चूत से पानी निकल कर उसके अंडों को गीला कर रहा है.

रात को जब देव के चाचा अपनी बीवी को चोद्ते थे तो देव उनकी चुदाई अंधेरे में लेट कर देखता था और अपने लंड पर हाथ फेरता था. जब चाचा अपनी बीवी को चोद कर वरेंड़े मे सोने के लिए चले जाते थे तब चाची देव को अपने कमरे मे बुला लेती थी और उस'से अपनी चूत को फिर से चोदने के लिए बोलती थी.

यह चाची और भतीजे की चुदाई का किस्सा बहुत दीनो तक चलता रहा लेकिन एक दिन चाचा ने देव और चाची को रंगे हाथ चुदाई करते हुए पकर लिया. चाचा देव को इसके लिया बहुत मार मारा और देव को अपने घर से अगले दिन निकाल दिया. चाचा अपनी बीवी को भी बहुत लतारा लेकिन उसने जो सुख अपनी चूत से दिए हैं एह सोच कर चाचा चाची को घर से नही निकाला.

देव पर तरस खा कर और जो सुख देव अपने लौरे से उसकी चूत को दिया है एह सोच कर चाची देव को ढेर सारा रुपया पैसे छुप कर दिया. देव अप'ने गाओं वापिस आ गया और अपनी खेती सम्हलने लगा.

थोरे दीनो के बाद देव की शादी देवकी के साथ हो गयी. शुरू शुरू मे सब कुच्छ ठीक ठाक था और जब भी वो चाहता था वो देवकी को पकर कर उसके कापरे खोल कर चोद लेता था. लेकिन देवकी बहुत ही कामुक औरत थी और इसलिए उसकी चुदाई की भूख बहुत ज़यादा थी और वो भूख उस'से शांत नही होती थी.

जब देव का लंड देवकी की चूत की गर्मी शांत करने के काबिल नही रहा तो देवकी ने एह बात देव को भी समझा दिया था.
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06-22-2017, 10:37 AM,
#14
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
देव को भी कुच्छ परेशानी थी. हालाँकि अपने शादी के शुरू के दीनो मे वो अपनी पत्नी देवकी की चूत की भूक शांत कर सकता था, लेकिन बाद मे जब देवकी उसको हर वक़्त मौका मिलते ही चोदने के लिए बोलती थी तो वो अपने आप को मजबूर समझने लगा. देव खुले शबड़ों मे देवकी को एह बात बता दिया था. उसने एह बता दिया का कि उसका लंड तभी खरा होता है जब वो नंगी औरत की तसबीर देखता है या मन ही मन मे एह सोचता है कि कोई दूसरा आदमी देवकी को चोद रहा है. देव देवकी से एह भी बोला कि एह सब उसकी बचपन की बातों के लिए है.

समय के साथ साथ देव का लंड ढीला पर गया और वो देवकी की चूत की गर्मी शांत करने के काबिल ना रहा. देव ने बहुत कोशिश की. देवकी ने भी देव को काफ़ी मदद किया, लेकिन देव का लंड अब थक चुक्का था. इसके तीन साल बाद देवकी की मुलाकात हरिया हो गयी. शुरू शुरू मे देवकी हरिया के साथ चुदाई की कहानी देव से छुपा कर रखी. देवकी और हरिया कभी कभी मिलते थे और देवकी अपनी चूत की भूख हरिया के लंड से शांत कर लेती थी. उस को हरिया की ज़रूरत सिर्फ़ अपने चूत मे उसका लंबा और मोटा लंड के लिए थी. यह हरिया के साथ चुदाई देवकी जगन से मिलने तक जारी रखी. जगन से मुलाकात के कुच्छ ही दीनो के बाद देव देवकी और जगन को अपने कमरे के दरवाजे की झेरी से देख लिया.

देव को देवकी और जगन की चुदाई देख कर अपने पुराने जमाने की बात याद आ गयी. वो जब देवकी को जगन से मज़े ले ले कर चुड़वते देखा तो उसके लंड मे भी कुच्छ कुच्छ होने लगा और थोरी देर के बाद उसका लंड भी तन कर खरा हो गया. बाद मे जब देवकी अपनी चूत जगन से ठुकवा कर वापस अपने कमरे मे सोने के लिए आई तो देव देवकी को अपनी बाहों मे जकर लिया और देवकी को नंगा कर के उसकी चूत पर बुरी तरह से पिल परा और काफ़ी देर तक देवकी को चोद्ता रहा. देवकी अपने पती की चुदाई से बहुत दीनो के बाद खुस हुई.

जब देव और देवकी की जबरदस्त चुदाई की गर्मी शांत हो गयी तब देव देवकी को कहा कि कैसे वो देवकी और जगन की चुदाइ देख देख कर गरमा गया था और उसका लंड खरा हो गया था. उस दिन के बाद से देव और देवकी का एह सिलसिला चलता रहा. देव अपनी बीवी की चूत की ठुकाई जगन से होते देखता और फिर जगन के जाने के बाद देव अपना खरा लंड देवकी की चूत मे पेलता था.

फिर देव और देवकी जगन को अपने घर पर एक कमरा दे दिया रहने के लिए.

क्रमशः.......................
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06-22-2017, 10:37 AM,
#15
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............

"तुमको मेरे घर से रोज रात को घुसना और आधी रात को निकलना कोई भी देख सकता है और एह बात अक्च्ची नही है. इसलिए हुमलोगों के पास तुम्हारे लिए एक सुझाब है. अगर तुम मानो तो" देवकी जगन से कही. जगन देव और देवकी को कुच्छ आश्चर्या से देखता रहा और सोचता रहा कि इस'से और क्या असचर्या की बात हो सकती है इस समय हम तीनो लोग नंगे एक कमरे मे बैठे हैं और इसकी चिंता किसी को भी नही है."

"देवकी की एक छोटी बहन है जो कि देवकी से 5 साल छोटी है, अगर तुम चाहो तो हम उस'से तुन्म्हरी शादी करवा सकते हैं. इस तरह से तुम हुमारे घर मे रह सकते हो और इस'से किसी को भी कोई एतराज नही होगा" देव जगन से बोला.

"देवकी कल ही अपने घर जा सकती है और तुम्हारी शादी की बात पक्की कर सकती है."

"एह तो बहुत ही अcछी बात है. मुझे कोई एतराज नही है. लेकिन क्या देवकी की बहन इस शादी के लिए राज़ी होगी?" जगन देव से पुचछा.

"तुम घहबराव मत. मैं खुद अपनी साली को मना लूँगा. एह तो तुम जानते ही हो कि हम लोगों का परिवार बहुत घुला मिला है. मेरी साली मेरी बात मान जाएगी. खास कर मैं जब उसको हम लोगों का प्लान बतुआंगा. मैं अपनी साली को भी अपने प्लान मे शामिल करना चाहता हूँ," देव की यह बात सुन देवकी जगन का हाथ अपने हाथों मे पकड़ कर बोली.

"मैं अपनी छोटी बहन को यहाँ अपने साथ कुच्छ दीनो के लिए रहने के लिए बोलूँगी और धीरे धीरे उसको भी अपने खेल मे शामिल कर लूँगी," . इस तरह से देवकी अगले दिन ही अपने मैके चली गयी और दो दीनो के बाद अपनी बहन को साथ के कर लौटी. देवकी की बहन हालंकी देवकी से 5 साल छोटी थी लेकिन उसका रूप रंग और कद कती बिल्कुल देवकी जैसा था.

"एह जया है" देवकी अपने बहन की मुलाकात जगन से उस्दीन शाम को करवा दिया,

"और एह जगन है, जिसके बारे मे मैने तुझको पहले ही बताया था", जया जगन को श्रमेली आँखो से देखती रही. जगन सोचता रहा कि देवकी अपनी बहन को कितना बता चुकी है. वो लोग जया के रहने तक अपना क्रिया क्रम बंद रखे. जया धीरे धीरे जगन से घुल मिल गयी और उसने अपनी दीदी से जगन से शादी करने की हामी भर दी. एह सुन कर सब लोग बहुत खुस हो गये और देवकी अपनी बहन की शादी की तैय्यारि मे लग गयी. देवकी के माता पिता भी इस बात पर खुस थे की उनकी बेटी के लिए एक सरकारी नौकर मिल गया और एह की दोनो बहने एक साथ एक ही गाओं मे रहेंगी. जगन और जया की शादी बहुत धूम धाम से हुई. उनके सारे परिवार के लोग शादी मे शामिल हुए और खूब दावत उड़ाई.

धीरे धीरे सारा परिवार के लोग शाम को नये दूल्हा और दुल्हन को असिर्वाद देकर अपने अपने घर वापस चले गये. जया के माजी और पिताजी भी शाम को बेटी और दामाद को असिर्वाद देकर अपने गाओं वापस चले गये. जैसा की रीत और रिवाज है, जगन और जया की सुहाग रात देव के घर मे होना था.

देवकी अपनी बहन की सुहाग रात के लिए सारी तैयारिया कर चुकी थी. जया को नहला कर उसके शरीर पर अच्छा सा सेंट लगाया गया और उसको सजाया गया. जगन और जया फिर रात का खाना खाया और देवकी नये दुल्हन को अंदर के कमरे मे ले गयी. कमरे मे जगन पहले से ही अपनी पत्नी के लिए इंतेजर कर रहा था. कमरे मे बीचो बीच एक बरा सा बिस्तर लगा हुआ था. कमरे के अंदर एक बरा सा दिया जल रहा था और उसकी रोशनी से पूरा कमरा साफ साफ दिख रहा था. जगन बिस्तेर पर बैठा था और बिस्तेर पर बेला के फूल फैले हुए थे.

जैसा की रेवज़ है, देवकी ने उन्हे दूध से भरा गिलास थमाया. जगन जया को खींच कर अपने पास बैठा लिया. फिर जगन गिलास से थोरा सा दूध पी कर गिलास को जया के मूह से लगा दिया. वह शरमाती हुई गिलास से दूध पीने लगी. फिर जगन गिलास रख कर जया को अपने बाहों मे भर लिया और उसके गाल पर चुम्मा दे दिया. जया पहले तो शरमाई पर फिर उसने भी जगन को चुम्मा देना शुरू कर दिया. जया को कुच्छ अजीब सी हलचल महसूस हो रही थी. हालंकी जया को मालूम था की सुहाग रात मे क्या होने वाला है और उसने अपनी मा और अपने पिताजी या अपने चाचा की चुदाई भी देख रखी थी फिर भी जया कुच्छ कुच्छ घबरा रही थी.

एह जया के लिए पहली बार था. जया को जगन का हाथ अपने चूंची पर जाते ही बहुत अक्च्छा लगा. जगन थोरी थोरी देर मे जया का चुम्मा ले रहा था. जया ने अपने आप को जगन के हाथों मे सौप दिया और जगन जो भी कर रहा था जया को अक्च्छा लग रहा था. जगन उसकी सारी की पल्लू को धीरे से हटाया और उसकी ब्लाउस के अंदर चूंची तन कर दिखने लगी. जगन तब धीरे धीरे जया की ब्लाउस की हुक खोलना शुरू किया. जया ने जगन को अपनी ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद किया. जया अपने ब्लाउस के नीचे एक काले रंग का ब्रा पहने हुए थी. जया की चूंची ब्रा के अंदर से फट कर बाहर आने को हो रही थी और एह देख कर जगन बहुत उत्तेजित हो गया. जगन पहले तो उसके ब्रा के उपर से चूंची पर हाथ फेरता रहा और इस'से जया की शरीर मे करेंट दौरने लगा.

जगन तब ब्रा का हुक भी खोल दिया और चूंची पर से ब्रा को हटा दिया. अब जया की चूंची बिल्कुल नंगी हो गयी थी. जगन उन नंगी चूंची को देख पागल सा हो गया और उनको बुरी तरह से मसल्ने लगा. जया अपनी चूंची मस्लाई से ओह! ओह! आह! हाँ हाँ दबओ, मेरी चूंची और दबओ बोलने लगी. जगन फिर जया को बिस्तर पर लेटा दिया और जया की चूंची के दोनो निपल को अपने मूह मे भर कर बारी बारी से चूसने लगा.

जया की निपल जो की चूंची मसल ही तन गयी थी अब चुसाइ से फूल गयी. जगन अपने मुँह मे एक चूंची जितना भर सकता था भर कर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने हाथों से मसालने लगा. जया अपने हाथों से जगन का सर पकर अपनी चूंची पर दबाने लगी. जगन ने तब अपना हाथ जया के जांघों के तरफ बढ़ाया. उसने जया की जांघों को पहले सारी के उपर से सहलाया और फिर अपने हाथों से सारी को उठा कर उसकी गरम गरम जांघों पर हाथ फेरने लगा.
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06-22-2017, 10:37 AM,
#16
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
जया ने अपनी जांघों को और फैला दिया और जगन का हाथ को अपने जांघों पर दबाने लगी. थोरी देर के बाद जगन का हाथ चूत पर चला गया. अपना हाथ चूत पर पहुँचते ही उसको मसल्ने लगा. जया की चूत पर काफ़ी झांते थी और इस समय वो बहुत गीली हो चुकी थी. अब तक जगन का लंड धोती के अंदर खरा हो कर जया की चूत मे घुसने के लिए बेचैन हो रहा था. जया अपनी जांघों को और फैला कर अप'ने पैर मोर लिया और इस'से जगन को जया की चूत से खेलने के लिया सूबिधा हो गयी.

जगन अपना एक उंगली उसकी चूत मे घुसेरना चाहा लेकिन जया अपने हाथों अपनी चूत ढँक ली. फिर उसने जया को सारी उतारने के लिया कहा और जब तक जया अपनी सारी उतारती जगन अपना धोती और अंडरवेर उतार कर पूरी तरह से नंगा हो गया. जैसे ही जया अपनी सारी उतार कर जगन के तरफ मूडी तो उसकी आँख फटी फटी रह गयी क्योंकी उसकी आँखों के सामने जगन का 10" लूंबा लंड खरा था और उसका लाल लाल सुपरा भी खुला था. जया बिल्कुल चौंक परी और उसके मूह से सिसकारी निकल परी.

"इतना बरा! मुझे डर लग रही है! प्लीज़, मुझको फार मत देना!" जया जगन से बोली.

"नही जया, डरो मत मई बहुत सम्हल कर करूँगा, मैं तुमको चोट नही पहुचावंगा," जगन जया को समझाया.

"तुम देखना, एह तुमको बिल्कुल कोई चोट नही पहुँचाएगा, तुम बस चुप छाप अपने आप को ढीला कर के बिस्तर पर लेट जाओ," जगन जया से बोला. जया बिस्तेर पर बैठ गयी और जगन की कोई बात सुनने के लिए तैइय्यार नही थी. जगन भी जया के बगल मे बैठ गया और जया का एक हाथ पकर कर अपने लॉर पर रख दिया. जया चौंक कर जगन के लौरे से हाथ हटा लिया जैसे की वो कोई गरम लोहा छ्छू लिया हो.

"इसको अपने हाथो मे पकर देखो, फिर तुमको कोई डर नही लगेगा" जगन जया को समझाया. जगन अपने लौरे का सुपरा खोल कर जया से बोला,

"देखो जया देखो एह कैसे तुम्हारी हाथों से प्यार माँग रहा है. इसको कम से कम एक बार तो अपने हाथों से पकर कर देखो." जगन फिर से जया का हाथ अपने लौरे पर रख दिया. जया ने इस बार अपना हाथ नही हटाया. जया जगन के लौरे को ध्यान से देखी और अपने हाथों से सहलाने लगी.

"एह कितना बरा है, मुझे डर लग रहा है की एह मुझको फार डालेगा" जया फिर से जगन से बोली. फिर जया ज़ोर ज़ोर से डर के मारे रोने लगी. अपनी बहन की रोने की आवाज़ सुन कर देवकी जल्दी से कमरे के अंदर आ गयी और जया से पुच्छने लगी,

"क्या बात है जया?" "क्यों? क्या हुआ? तू रो क्यों रही है?" देवकी जया से पुच्छी.

"मूज़े डर लग रही है. इनका वो कितना बरा है!" जया सूबकते हुए देवकी से बोली. जया को इस समय इस बात का एहसास भी नही था कि उसकी दीदी इस समय उनके बेडरूम मे है और वो और उसका आदमी दोनो बिना कोई कपड़े के नंगे है.

"जया बहुत डरी हुई है, मैने बहुत समझने की कोशिश किया लेकिन एह अपने बात पर अरी हुई है" जगन देवकी से बोला.

"बेबकूफ़ लर्की. हटो मैं इसको समझाती हूँ" देवकी जगन से बोली और फिर अपने कपड़े उतारने लगी और थोरी देर मे वो भी अपनी बहन के सामने बिल्कुल नंगी हो गयी. जया अपनी दीदी को फटी फटी आँखों से देख रही थी और उसको अपने आप पर बिश्वास नही हो रहा था.

"दीदी, तुम? मैं कुच्छ समझ नही पा रही हूँ" जया अपनी दीदी से बोली.

"बहुत से ऐसी बात है जो तू नही जानती, मैं अभी तुझको सब समझाती हूँ," देवकी मुस्कुरा कर अपनी बहन से बोली और उसकी गाल्लों पर चुम्मा दिया.

"जगन तुम इधर हमारे पास आओ, जया को सब करके दिखाना है की कैसे एह सब काम किया जाता है, और तू जया तू बिल्कुल डर मत, तू बस हम लोगो के काम काज को देखती जा. हम लोग के काम काज को देखने से ही तेरे को एह पता चलेगा की हम औरत कितना भी बरा लंड क्यों ना हो आराम से ले सकती है. " देवकी ज़मीन पर बीचे बिस्तेर पर लेट गयी और अपनी टाँगों को फैला दिया और फिर जगन से बोली,

"जगन मेरे पास आओ और जया को दीखाओ कि कैसे चुदाई की जाती है." जगन एह सुन कर देवकी की खुली टाँगों की बीच बैठ गया और उस की चूत को चाटने लगा. देवकी ने तब अपनी टाँगों को और फैला दिया और जया को अपने पास बुला कर नज़दीक से और ध्यान से देखने की लिया बोली. जब देवकी की चूत काफ़ी गीली हो गयी तब देवकी जगन को मस्त खरा लंड चूत मे घुसेरने के लिए बोली. जया फटी फटी आँखों से देखने लगी की उसका आदमी का मोटा फूला हुआ लंड आसानी से दीदी की चूत मे धीरे धीरे घुस रहा है.

जया को एह देख बरा ताज़्ज़ूब हुआ की कैसे जगन का लंड खाने से दीदी की चूत फूल गयी है और कैसे दीदी की चूत बरे आराम से लंड को खा रही है. थोरी देर के बाद जया देखी की जगन का पूरा का पूरा लंबा और मोटा लंड दीदी की चूत मे घुस गया और दीदी की चूत फैल गयी है. दीदी को इतना बरा और मोटे लंड को अपनी चूत मे लेने से कोई तकलीफ़ नही हो रही है उल्टे दीदी काफ़ी खुश लग रही है. जया अपने आप को रोक ना सकी और अपनी दीदी से पुच्छी,

"दीदी तुमको कोई तकलीफ़ नही हो रही है? देवकी अपने बहन की नंगी चूंची पर हाथ फेरते हुए बोली,

"तकलीफ़ कैसी, इतना लंड खा कर मेरी चूत बहुत खुश है और तू मेरी चूत मे अपना हाथ लगा कर देख की कैसे वो अपनी लार बहा रही है."

"बेबकूफ़ लर्की, इसमे कोई दर्द नही है उल्टे मज़े ही मज़े है. देख ना कैसे मेरी चूत इतना लंबा और मोटा लंड खा कर फूल गयी है. तू अपना हाथ मेरी चूत पर लगा कर देख कैसे वो लंड पा कर खुशी से अपनी लार बहा रही है. जगन अब तुम मेरी चूत चॉड कर जया को दीखा दो कैसे चुदाई की जाती है." एह सुनते ही जगन अपना चूतर उठा कर देवकी की चूत मे अपना लंड पेलना शुरू कर दिया. अपने चूत मे लंड अंदर बाहर होते ही देवकी फिर से जया से बोली,

"देख! देख! जया देख! कैसे जगन का मोटा और लंबा लंड मेरी चूत मे अंदर जा रहा है और कैसे बाहर निकल रहा है. देवकी अपना सर उठा कर अपनी चूत मे जगन का लंड का आना जाना देखती रही और जया को दिखाती रही. फिर देवकी अपनी बहन की चूंची अपने हाथों से मसल्ते हुए बोली,

"देखी जगन का लंड घुसने से मुझे कोई तकलीफ़ नही हो रही है और देख कैसे जगन मुझे चोद रहा है और कैसे मेरी चूत चुद रही है. क्या अब तू अपनी चूत मे ले सकती है? देवकी जया की चूंची मसल्ते फिर पूछी.

"ठीक है दीदी, मई कोशिश करती हूँ. लेकिन एक शर्त है की तू भी मेरे पास बैठी रहोगी." तब देवकी अपने उपर से जगन को हटाया और बैठ कर जया को चूम कर बोली,

"ठीक है तेरी चूत की पहली चुदाई पूरा होने तक मैं तेरे सामने ही बैठी रहूंगी. तू बिल्कुल मत चिंता कर. सब ठीक हो जाएगा." फिर देवकी जगन से बोली,

"जगन इधर आओ और नयी बीवी की संभलो." देवकी अपने हाथ से जया की चूत को छ्छू कर देखी तो पाया की जया की चूत भीगी तो है लेकिन पूरी तरह से गीली नही है तो देवकी बोली,

"तुमलोग फिर शुरुवत करो." मैं तुमलोगों के पास बैठ कर तुमलोगों की मदद करूँगी" . देवकी तब जगन को जया के सामने बैठा दिया और अब जया के सामने जगन का खरा लंड था. देवकी अपने हाथों से जगन का लंड पकर कर सहलाते हुए जया से बोली,

"जया ले जगन का लंड अपने हाथों से पकर कर इस तरह इसको सहला. देख एह कितना करा है. देख इसको इस तरह अपने हाथों से पाकर कर सहला. तूने तो हमारी मा को भी इस तरह से पिताजी और चाचा का लंड सहलाते हुए देखा है, है ना?" देवकी जया से बोली.

क्रमशः.......................
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06-22-2017, 10:37 AM,
#17
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............

"हाँ मैने देखा तो ज़रूर है, पर मैने नही सहलाया नहीकभी, और पिताजी और चाचा का लंड भी इतना बरा नही था," जया देवकी से बोली. जया तब अपनी दीदी की बात मानते हुए अपने पती का लंड अपने कोमल हाथों मे पकर कर उसके उपर अपना हाथ फेरने लगी.

"हाँ ऐसे ही अपने पती का लंड अपने हाथों से पकर कर सहला और उसको हाथों से कस मसल, इस'से जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी बोली.

"क्या तुमको मज़ा मिल रहा है जगन?" देवकी जगन से पूछी. जगन तब एक हाथ से जया की एक चूंची और दूसरे हाथ से देवकी की एक चूंची को दबाते हुए अपना सर हिलाया.

"ठीक है अब इस लंड को अपने मूह मे लेकर इसके सुपरे को चूस" देवकी फिर जया से बोली.

"देख ऐसे इसको अपने मूह मे भर ले" इतना कह कर देवकी जगन का लंड अपने मूह मे भर लिया और उसके सुपरे को अपने होठों से चूसने लगी. देवकी तब जगन का लंड अपने मूह मे पूरा का पूरा भर कर अपना सर उपर नीचे कर के ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. जया अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. अपनी दीदी के कहे अनुसार जया ने लंड अपने मूह मे ले लिया और जैसा देवकी ने दिखाया था उसको चूसने लगी. लंड चूसने से जया को बहुत मज़ा मिल रहा था, क्योंकी वो पहली बार कोई लंड अपने मूह मे भर कर चूस रही थी. देवकी जया के पिछे जा कर उसकी दोनो चूंची अपने हाथों मे ले कर मसल्ने लगी.

जया की चूंची देवकी की चूंची के बराबर बरी थी और उस'से और करी थी. जया की निपल को अपने उंगलेओं के बीच ले कर देवकी उनको मरोर्ने लगी. देवकी उसके बाद जया को अपनी बाहों मे भर कर उसकी गर्दन और कंधों मे चुम्मा दिया. देवकी पिछे से झाँक कर देखी कि जया अपने पती के हथियार को बरा मन लगा कर चूस रही है. देवकी तब अपना एक हाथ जया की गंद के नीचे से ला कर जया की चूत को टटोलने लगी.

उसने जया की चूत पर हाथ फेरने के बाद अपनी एक उंगली उसकी चूत के उपर घूमने लगी. देवकी ने फिर जया की क्लिट को अपने हाथों मे लेकर मसलना शुरू कर दिया, इससे जया बहुत गर्म हो गयी और उसकी गले से तरह तरह की आवाज़ निकालने लगी. देवकी तब अपनी एक उंगली जया की चूत के अंदर डाल दिया. जया अब बहुत उत्तेजीत हो गयी थी और उसकी चूत से ढेर सारा रस निकल रहा था. देवकी अपनी बहन को और गरमना चाहती थी. उसने जगन को जया की खुली जांघों की बीच जा कर उसकी चूत को चाटने को बोली. जगन जैसे ही देवकी की बात सुना, खुशी खुशी जया की चूत को अपनी जीव से चाटने लगा और अपना जीव जितना हो सके अंदर डाल कर चूत का रस पीने लगा.

देवकी को अब लगा की उसकी बहन अपनी चूत चुद्वने के लिए तैइय्यार है. उसने जया को बिस्तेर पर लेटा दिया और उसके पैर घुटने से मोर कर उसकी जांघों को अपने हाथों से फैला दिया. फिर देवकी एक तकिया जया की चूतर के नीचे रख दिया जिससे की जया की चूत पहली बार लंड खाने के लिए और खुल जाए और जया से आराम से लेटने के लिए बोली. देवकी तब जगन से अपनी बीवी के उपर चढ़ने के लिए बोली.

"देख छ्होटी, बिल्कुल घबराना मत, मैं तेरे साथ ही हूँ. मैने जगन से कह दिया है की वो अपना लंड धीरे धीरे तेरे चूत मे डाले. जगन तेरे को बहुत आराम के साथ चोदेगा. मैं अपने हाथों से जगन का लंड तेरी चूत मे डालूंगी, तू बस ज़ोर ज़ोर से सांस ले," देवकी अपने छोटी बहन को समझाते हुए बोली. फिर देवकी जगन का खरा लंड अपने हाथों मे लेकर उसको जया की चूत के दरवाजे पर रख दिया. फिर देवकी जगन से धीरे धीरे अपने लंड को जया की चूत मे डालने के लिया बोली. जगन वैसे ही किया. जया चुप चाप अपनी टाँगे उठाए और जांघों को फैलाए बिस्तेर पर परी रही.

जगन अपना लंड थोरा सा और जया की चूत मे घुसेरा. जैसे जैसे जगन का लंड जया की चूत मे घुसता गया, देवकी अपने हाथों से जया की चूत पर मालीश करने लगी. थोरी देर मे जगन का करीब आधा लंड जया की चूत मे चला गया. जगन अपना लंड अपनी बीवी की चूत मे अंदर बाहर करने लगा. जया की चूत मे अब तक पानी रिसने से काफ़ी फिसलन हो गयी थी और बहुत टाइट और गरम थी. धीरे धीरे देवकी के समझाने से जया अपने जांघों को और फैला लिया और जगन का पूरा का पूरा लंड अपनी चूत मे पिलवाने के कोशिश करने लगी.

"दीदी चूत मे दर्द हो रही है. लगता है की मेरी चूत जगन के लंड से फॅट जाएगी" जया अपनी दीदी से बोली.

"देख छ्होटी बस अब थोरा सा लंड ही बाहर रहा गया है, तू बस अब और थोरा सा बर्दस्त कर ले, फिर तो मज़े मज़े है. अभी जगन अपना पूरा का पूरा लंड तेरी चूत मे घुसेर कर तुझको चोदेगा, और इससे तेरेको और जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी जया की चूंची पर हाथ चलाते हुए बोली.

"ठीक है दीदी, जैसा तुम और जगन चाहते हो, जगन से बोलो की वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे. चाहे मेरी चूत रहे या ना रहे मैं भी पूरे लंड की चुदाई का मज़ा लेना छ्चाहती हूँ. अब मुझको कोई डर नहीं है दीदी, तुम जगन से बोलो वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे." जया मारे उत्तेजना से देवकी से बोली. फिर जया अपने पती की तरफ देखते हुए बोली,

"जगन मेरे राजा तुम अपना लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुसेर दो और मुझको अक्च्चे तरह से चोदो". जगन तब धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा मूसल जैसा लंड जया की चूत मे डाल दिया और अपनी बीवी को मज़े से चोदने लगा. जया अब पूरी तरह से खुल चुकी थी और अपनी चूत की पहली चुदाई का मज़ा ले रही थी. जैसे जैसे जगन अपना चोदने का रफ़्तार बढ़ा ने लगा जया अपनी जांघों को और फैला कर जगन को अपने हाथों से बाँध लिया और बर्बाराने लगी.

"ओह! ओह! आह! है मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारे लंड को खा कर हुमारी चूत का भाग्या खुल गया. हाँ हाँ ऐसे ही चोद्ते रहो. है देखो देखो मेरी चूत कैसे तुमहरी लंड पिलवा कर फूल गयी है. बस ऐसे ही पेलते रहो. अब मुझको कोई डर नही है. अब रोज, नही नही हर वक़्त तुम मुँझे ऐसे ही चोदना. अब तुम जब चाहो, जहाँ चाहो और जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो. मैं हुमेशा तुम्हरे लंड खाने के लिए अपना चूत खुला रखूँगी."
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06-22-2017, 10:37 AM,
#18
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
देवकी तब अपनी बहन से दूर जा कर बैठ गयी और अपनी बहन की चूत अपने यार के लंड से चुद्ते देखती रही और अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाती रही. ठीक उसी समय देव बिल्कुल नंगा हो कर कमरे मे घुस गया. देवकी कमरे मे नंगे देव को देखते ही उसका लंड अपने हाथों से पकर लिया और देव से बोली,

"आओ मेरे राजा, मेरी चूत के मलिक, मुझे इस समय तुम्हारी बहुत ज़रूरत है." देवकी देव को अपने पास बुला लिया और खुद पिछे मूर कर अपने चार हाथ और पैर के बल झुक गयी. देव जब देवकी को झुक कर अपनी गंद उठा कर बैठते देखा तो वो भी झट देवकी के पिछे से जा कर अपना लंड देवकी की चूत मे एक झटके के साथ डाल दिया. जया अपनी दीदी और जीजा को चुदाई करते देख बहुत शर्मा गयी, लेकिन इस समय उसकी चूत मे भी बहुत बरा तूफान चल रहा था. इसलिए जया अपनी दीदी और जीजा का चुदाई देख देख कर अपनी कमर उच्छलने लगी और अपनी चूत मे जगन का लंड अंदर लेने लगी. कमरे के अंदर दो जोरों की चुदाई से अब बहुत गर्मी हो गयी थी. इस समय जगन और देव दोनो अपनी बीवियों को अपनी कमर हिला हिला कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे.

कमरे के अंदर इस समय चुदाई की सिसकारी और चूत और लंड की खोस्बू भर गया था. दोनो जोरे अपनी चुदाई करते करते एक दूसरे को देख रहे थे और मस्ती से भर रहे थे. देवकी अपने पती के लंड की ताक़त को अपनी चूत से महसूस करके बहुत खुश हो रही थी. देवकी अपने पती के हर धक्को के साथ अपना कमर आगे पिछे कर के जवाब दे रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. देवकी को देव का लंड अपने बछेदनि के मूह मे धक्के मारने का एहसास हो रहा था. देव इस समय देवकी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अपनी बीवी को रगर कर चोद रहा था. इसी तरह से धक्के मारते हुए देव अपना पूरा का पूरा लंड देवकी की चूत मे थॅन्स कर अपनी पिचकारी छोड दी और अपने पानी से देवकी की चूत को भर दिया.

देव और देवकी अपनी चुदाई ख़तम करके धीरे धीरे अलग हो कर जगन और जया की चुदाई देखते रहे. इस समय जगन और जया दोनो एक दूसरे को अपने बाहों मे समेट कर अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई कर रहे थे. जया अपनी कमर उच्छाल उच्छाल कर जगन का लंड के झटके का जवाब दे रही थी. थोरी देर के बाद जगन ने एक ज़ोर दार झटका मारा और जया की चूत के अंदर अपना पिचकारी छोड दिया. जगन की पिचकारी छूटने से जया का चूत लाबा लब भर गया और वो अपने हाथों से जगन को पाकर कर हफने लगी. पूरा कमरे मे शान्ती छा गयी.

देवकी लेते लेते ही जया के पास पहुँच गयी और जया को अपने बाहों मे ले लिया और उसको चूम कर पुच्छी,

"बता छ्होटी कैसा रहा तेरी चूत की चुदाई अपने पती के लंड से? क्या बहुत तकलीफ़ हुई?" टीबी जया भी अपनी दीदी को चूमते हुए बोली,

"बहुत अक्चा था मेरी चूत की चुदाई. मुझे बहुत मज़ा आया दीदी," फिर जया कमरे के चारो तरफ देखी तो पाया की कमरे मे सब के सब नंगे लेते हुए हैं. जया को बहुत शरम महसूस हुई और अपने शरीर को कपरे से ढकने लगी, लेकिन देवकी ने जया को रोक दिया. फिर देवकी बोली,

"यह हम लोगों का परिवार है, और हम सब लोग एक हैं. इस कमरे मे हम लोग जो भी करते हैं वो हम लोगों का अपना राज़ है. छोटी तू बिल्कुल मत शर्मा. तेरे पती ने हुमलोगों पर कई उपकार किए हैं और हम लोग जगन के आभारी हैं. जब हम लोगोने तेरी शादी जगन से करनी चाही तो मुझे पता था कि तू मान जाएगी. हम लोग जब छोटे थे, हम लोग आपस मे बहुत मज़ा लूटा है. अब हम लोगों के पास अपने अपने पती है और उनको हम लोग मिल बात कर मज़ा लेंगे, ठीक जैसे हम लोगों की मा हुमारे पिताजी और चाचा को मिल बात मज़े लेती थी. जब हम लोगों की मा को यह बात मालूम चलेगा तो ओ भी बहुत खुस होंगी." जया अपनी दीदी से बोली,

"दीदी मैं तुम्हारी हर बात को समझ रही हूँ. लेकिन मेरे लिए बिल्कुल नया है."

"जया तुम बिल्कुल चिंता मत करो, हम सब लोग तुम्हारी हर तरफ से ख़याल रखेंगे," देव अपनी साली से बोला.

"एक तरफ से तुम भी देवकी और मुझको मदद कर रही हो" देव फिर से बोला. इन सब बातों को सुन कर और सुसताने के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. जगन के लंड को खरा होते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,

"जा छोटी जा, तेरे पती का लंड फिर से खरा हो रहा है. जा तू फिर अपनी चूत को चुदवा कर मज़े ले."

"दीदी, जैसे अभी तुम चुदवा रही थी मैं भी उसी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ" जया अपनी दीदी से बोली. एक बार की चुदाई से ही जया अब अपनी सारी शरम और हया भूल चुकी थी और चुदाई के बारे मे खुल कर सब के सामने बोल रही थी. जगन जैसे ही जया की बात सुना, उठ कर जया के पास गया और जया को अपने घुटने बल झुका कर उसके पिछे से अपना तन तनया हुआ लंड चूत मे पेल दिया. जया भी कम नही थी, वो भी अपनी कमर को आगे पिछे हिला कर जगन का लंड अपने चूत मे पिलवा रही थी.
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06-22-2017, 10:38 AM,
#19
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
जगन तब अपना एक उंगली जया की गंद मे पेल दिया और गंद के अंदर घुमाने लगा. जया को इस'से बहुत मस्ती चढ़ गयी और अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और अपनी दीदी से बोली,

"दीदी देखो तो तुम्हारी छोटी बहन अपने पती का लंड ठीक तरीके से अपने अंदर ले रही या नही. दीदी ठीक ठीक बोलना में ठीक तरह से अपनी चूत चुदवा रही हूँ की नही? अगर कोई कमी है तो बोलो दीदी, मैं अभी ठीक कर लेती हूँ." जया को कुतिया की तरह चुद्ते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,

"सबाश मेरी बहन सबाश, तूने मेरा नाम रख लिया और दूसरी चुदाई के समय ही तूने अपने पती का लंड पिछे से अपनी चूत मे पिलवा लिया. आगे चल कर तू बहुत चुद्दकर बनेगी और हम लोगों की मा का नाम रोशन करेगी. चुड़वा छोटी चुदवा, खूब चुद्व अपने पती के लंड का सारा का सारा रस नीचोर ले अपनी चूत से." देव अपनी साली की चुदाई देख कर फिर से गरम हो गया और अपना खरा हुआ लंड देवकी को दिखलाया.

क्रमशः.....................
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06-22-2017, 10:38 AM,
#20
RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............

देवकी ने जैसे ही देव का लंड खरा हुआ देखा तो झट से देव को ज़मीन पर लेटा कर खुद देव के उपर चढ़ बैठी और देव के लंड को अपने चूत मे ले कर देव को चोदने लगी. कमरे के अंदर फिर से चुदाई का माहौल बन गया और जगन और देव दोनो फिर से अपनी अपनी बीवी की चूत को जम कर चोदना शुरू कर दिया. थोरी देर के बाद चारो लोग हांफ रहे थे लेकिन अपनी अपनी कमर उठा उठा कर धक्के मार रहे थे या धक्को का जवाब दे रहे थे.

थोरी देर के बाद जब जगन और देव अपना अपना पिचकारी अपनी अपनी बीवी की चूत मे छोड चुके तो चारों बिस्तेर पर लुरख गये और सुसताने लगे. उस समय किसी को कुच्छ होश नही था कि कौन कहाँ लेटा हुआ है सब के सब एक ही जगह पर परे हुए थे. जया अपने हाथों के पास झांतों से भरा हुआ लंड को खरा होते हुए पाया और बिना कुच्छ समझे बुझे उसको जगन का लंड समझ कर अपने हाथों मे ले कर उसके साथ खेलने लगी. थोरी देर के बाद जब देवकी तकिया ठीक करने के लिया उठी तो देखा की जया अपने हाथों से देव का लंड मारोर रही है.

"ओह! बह रे मेरी चुड़ककर बहन, तू तो बहोत जल्दी ही सब कुच्छ सीख गयी. तेरे को मेरे पती का लंड कैसा लग रही है? आज तेरी सुहाग रात है और तूने आज ही मेरे पती का लंड अपने हाथों मे लेकर मसलना शुरू कर दिया?" देवकी जया से बनावटी गुस्से मे बोली. तब शर्मा कर जया बोली,

"दीदी इस लंड को मैं अपने पती का लंड समझ रही थी, मेरे मन मे ऐसी कोई ग़लत भावना नही थी."

"ठीक है, कोई बात नही. अब देखते है की तू इस लंड को क्या करती है. मैं तेरे से मज़ाक कर रही थी और कोई गुस्सा नही कर रही थी" देवकी अपने छोटी बहन से बोली. देवकी फिर जया की मदद की और जया को देव का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने के लिया कहा. जया शरम के मारे अपनी आँखे झुका कर देव का आधा खरा लंड अपने मूह मे भर लिया और उसको चूसने लगी.

देव अपने जांघों को और फैला दिया जिससे की जया को लंड चूसने मे आसानी हो. देवकी अपने घुटने के बल जया के मूह के पास अपना चहेरा ले कर देखने लगी की कैसे जया उसके पाती का लंड चूस रही है. जगन जब देखा कि देवकी अपने घुटने के बल झुकी है तो फ़ौरन देवकी के पिछे जा कर देवकी की चूत मे अपनी उंगली पेल दिया और उंगली को अंदर बाहर करने लगा.

देवकी भी अपनी गंद हिलाने लगी. इस'से जगन को बहुत मज़ा मिला और अपना दूसरी उंगली देवकी की गंद मे भर दिया और अपना उंगली से देवकी की गंद चोदने लगा. देवकी थोरी देर के बाद जया के साथ मिल कर देव के अंडों को सहलाने लगी. दोनो बहने थोरी देर तक कोशिश की पर कोई फ़ायदा नही मिला. देवकी तब अपनी चूंची देव के सामने कर दिया और देव उन चूंची को पकर मसला और फिर पीना शुरू कर दिया. अपनी चूंची चूसा से देवकी तो गर्म हो गयी लेकिन देव का लंड फिर से खरा नही हुआ.

जगन अब तक तैइय्यार हो गया था. जगन अपने उंगलेओं से देवकी की चूत की होठों को फैला कर उसमे अपना लंड डाल दिया और देवकी की चूतदों को पकर कर अपना कमर चला कर देवकी को चोदना शुरू कर दिया. देव जैसे ही देखा की जगन का लंड देवकी की चूत का पानी झार रहा है, वो बहुत उत्तेजित हो गया और उसका लंड तन कर खरा होने लगा. जया को भी अपने मूह मे देव के लंड का खरा होने का अहसास होने लगा. जब देव का लंड पूरा खरा हो गया तो उसको जया अपने मूह से निकाल दिया और देव जया को अपने उपर उठा लिया और बोला,

"सालीजी अब तुम मुझको अपनी चूत से चोदो." जया को जैसा बताया गया उसने वैसे ही किया. वो देव के उपर चढ़ कर उसके कमर के पास बैठ गयी और उसका अपने हाथों से ले कर अपनी गंद उठा कर चूत से लगा दिया. लंड को चूत से भीरते ही जया उस पर बैठ गयी और अपनी गंद उठा उठा कर देव को चोदने लगी. देव और जया के बगल मे ही जगन और देवकी अपनी चुदाई चालू रखे हुए थे. देवकी इस समय गंद हिला हिला कर जगन का लंड अपने अंदर पिलवा रही थी और मूह से जीव निकाल कर हाफ़ रही थी.

देवकी को अपने पती की चुदाई का ज़ोर देख कर बहुत ताज़्ज़ूब हो रहा था. देवकी सोच रही थी आज क्या बात हो गयी है और कैसे आज देव तीन तीन बार लंड खरा करके हुमारी और जया की चूत को धुन रहा है. देव को जया की चूत बहुत टाइट और कसी कसी लग रही थी. देव जया को नीचे गिरा दिया और उसको पल्ट कर पिछे से जया की चूत मे फिर से अपना लंड घुसेर दिया और दना दान चोदने लगा.
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