Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
06-13-2019, 01:42 PM,
#71
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी:पहले हमारी आगे से मालिश करो फिर पीछे मालिश करना,ओर अगर तुमने हमे मालिश से खुश कर दिया तो हम भी तुम्हे इनाम देकर खुश करेंगे



मम्मी अब बिल्कुल सीधी लेट गयी ,मेने अपने हाथ मे सरसो के तेल की कुछ बूंदे ली,हाथ का मसाला ऑर मम्मी के पेट पे रख दिए,ऑर मसल्ने लगा,मम्मी के मुँह से सिसकारिया निकलने लगी,बहुत ही जल्द मम्मी का पेट इतना चिकना हो गया जैसे कि किसी चमकीले पत्थर को तेल मे डुबोकर बाहर निकालने पे चमकता है,मेने कुछ बूंदे सरसो के तेल की ऑर ली ऑर इस बार मेने अपना हाथ चुचि पे लेजा कर मम्मी की चुचियो की मालिश करने लगा,मे अपनी उंगलियो से मम्मी के निपल को मसल्ने लगा धीरे धीरे पता ही नही चला कि मे ज़ोर ज़ोर से चुचिया मसल्ने लग गया था ,मुझे इसका आससास तब हुआ तब मम्मी के मुँह से दर्द की कराह सुनी



मे होश मे आया ऑर फिर कुछ बूंदे ऑर लेकर मैं इस बार मम्मी की चूत की मालिश करने लगा,जैसे ही मैं अपने हाथ मम्मी की चूत पे ले गया मम्मी के मुँह से"आअहह" निकल गयी,मम्मी की चूत बहुत गरम थी,मे बस मम्मी की फूली हुई चूत की मालिश कर रहा था ,मेरा एक हाथ धीरे धीरे मम्मी की जांघों पे चला गया था,बहुत ही मांसल जांघे थी मम्मी की एक दम मखमल जैसी,बहुत मज़ा आ रहा था,मम्मी की चूत की मालिश की वजह से चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था,



मेरे मन मे आ रहा था कि मम्मी की चूत का स्वाद चखू,आज तक हिम्मत नही हुई थी पर आज सोचा जो होगा देखा जाएगा,देखे तो सही चूत का स्वाद कैसा होता है,पॉर्न मूवीस मे तो बहुत चूस्ते है चूत,बस ये सोचकर मेने अपना मुँह मम्मी की चूत पे रख दिया,मम्मी की चूत बहुत गर्म थी

पता नही चल रहा था कि चूत की खुसबू है या बदबू,या शायद ये सेक्स का नशा था ,पर मम्मी की चूत पे मुँह रखने मे बहुत मज़ा आया जैसे कुछ हासिल कर लिया हो,मम्मी भी चौंक गयी गयी कि ये मेने क्या किया पर मम्मी ने मज़ा आने के कारण मुझे कुछ बोला नही ऑर आनंद लेने लगी

अब मे अपनी जीब निकाल कर मम्मी की चूत को चाट रहा था,चूत के पानी का स्वाद थोड़ा खारा खारा सा था पर चूत चूसने मे बहुत मज़ा आ रहा था,काश ये सब पहले ही कर चुका होता,मेने खुद पे अफ़सोस जाहिर किया,मे अपनी जीब से चूत को उपर से नीचे तक चाट रहा था,

मम्मी ये सब बर्दास्त नही कर सकी मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया,पता नही कैसे लेकिन मे सारा पानी पी गया,मम्मी अपने हाथ मेरे सिर पे रखकर मेरे सिर को अपनी चूत की तरफ धकेल रही थी ,मैं भी अब अपनी जीब को चूत मे घुसाने लगा था,

मम्मी "हाँ बेटा ऐसे चूसे जा,बहुत मज़ा आ रहा है""

मे अपनी जीब से मम्मी की चूत को चोदने लगा था,मेरी जीब लगभग पूरी अंदर जा रही थी ,ऑर मम्मी ज़ोर ज़ोर से मेरे सिर को चूत की तरफ धकेल रही थी जिससे मेरी जीब ऑर अंदर तक घुस सके,कुछ देर यूही चलता रहा ऑर एक बार फिर मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया था,इस बार चूत का पानी मेरे मुँह पे फैल गया था,ऐसा लग रहा था जैसे मे नहा कर आया हूँ,मेने अपना सिर उपर किया,ऑर ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगा,मम्मी की भी साँसे तेज हो चुकी थी ,फिर हम दोनो एक दूसरे को देखकर हँसने लगे

मैने पूछा मम्मी मज़ा आया,

""हाँ बेटे बहुत मज़ा आया,तूने तो कमाल ही कर दिया"मम्मी ने जवाब दिया

मम्मी अब तुम पेट के बल लेट जाओ,

मम्मी बोली"बेटा,तुमने मुझे खुश किया है,अब ये शरीर तुम्हारा है इनाम के रूप पे,जो मर्ज़ी आए करो इसके साथ"ऑर ये कह कर मम्मी पेट के बल लेट गयी,

मुझे मम्मी की गान्ड का उभार बहुत अच्छा लग रहा था,पहले गोरी गोरी पीठ,उसके बाद नीचे की ओर जाती कमर ऑर उसके बाद उपर चढ़ती हुई गान्ड ,ये सब देखकर तो कोई जन्नत भूल जाए,मेने तेल लेकर मम्मी की पीठ से मालिश शुरू की ,तेल का स्पर्श पाकर मम्मी की पीठ चमक उठी,मे मम्मी की मालिश बहुत अच्छे से कर रहा था,पूरा हाथ घुमा घुमा कर,धीरे धीरे मे हाथ को नीचे की ओर ले जाने लगा,ऑर बहुत ही जल्द मेरा हाथ गान्ड के अगले हिस्से मे पहुँच गये जहाँ से गान्ड की दरार शुरू होती है,मे मम्मी की कमर पे भरपूर तेल डाल कर मालिश कर रहा था
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06-13-2019, 01:43 PM,
#72
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
अब मे अपने हाथ को मम्मी की गान्ड के उपर ले जाने लगा,मेने मम्मी की गान्ड को तेल से चिकना कर दिया था,मे भर भर के तेल मम्मी की गान्ड पे डाल कर मालिश कर रहा था,इस तरह मे मम्मी की जाँघो तक मालिश करने लगा,मुझसे अब रहा नही जा रहा था मम्मी की गान्ड को थिरकता देख,मैं मम्मी की गान्ड नीचे से उपर धकेल कर चोद देता कभी उपर से नीचे,इससे गान्ड मे एक थिरकन पैदा हो रही थी,जिसे देखकर मेरा दिल धक धक हो रहा था,मे अब ऑर ज़्यादा देर नही रुक सकता था ,इसलिए मेने मम्मी की गान्ड के दोनो हिस्सो को विपरीत दिशा मे खोला,जैसे ही मम्मी की बड़ी सी गान्ड की दरार चौड़ी हुई,मुझे वो छेद दिखाई दिया जिसने मुझे पागल बना रखा था,जिसके कारण मेने चाची से धोका किया जिन्होने मुझे चोदना सिखाया था,छेद इतना प्यारा था कि किसी को भी एक ही नज़र मे अपना दीवाना बना दे


छेद इतना छोटा था कि उसमे एक उंगली घुसाने मे भी बहुत ताक़त लगानी पड़े,सुखी गान्ड मे तो किसी भी हालत मे ही नही घुसा सकता चाहे गान्ड लहू लुहान हो जाए,ऑर थूक से ज़्यादा फ़र्क नही पढ़ने वाला था ,थूक से केवल ज़्यादा से 2 उंगलिया घुसाइ जा सकती है जिसमे एक छोटी उंगली भी शामिल थी,3 इंच मोटा लंड तो थूक के साथ नही घुसाया जा सकता,अगर घुसाया तो इसके बहुत घातक परिणाम हो सकते थे


मेने मन ही मन सोचा कि मामी को कैसे पता चला कि मम्मी की गान्ड अभी खुली नही है ,कुवारि है,तभी तो उन्होने ने मुझे सरसो का तेल दिया है ,जिससे मे बहुत मज़े से मम्मी की गान्ड मार सकूँ,मुझे मामी से ये पूछना पड़ेगा ऑर मेने मन ही मन मामी को धन्यवाद दिया

गान्ड का छेद इतना प्यारा था कि उसको चाटने के बारे मे मुझे सोचना ही नही पड़ा जैसे मुझे चूत चाटने मे सोचना पड़ गया था ऑर मेने अपना मुँह गान्ड के छेद पे रख दिया,मेरा मुँह गान्ड के छेद पे रखने पर मम्मी उस हालत मे पहुच गयी जहाँ मज़े की कोई सीमा नही थी,मम्मी के मुँह से बस यही बात निकल रही थी कि मे छेद को चाटना रोकू नही,

""हाँ बेटा ऐसे ही चाटे जा गान्ड को ,रुकना मत , बस चाटे जा,""

ऑर मैं अपनी जीब निकाल कर छेद को चाटने लगा पता नही क्या बात थी उस छेद मे,पर उसे चाटने मे मज़ा बहुत आ रहा था,मेरे लगातार चाटने की वजह से मेरा बहुत सारा थूक मम्मी की गान्ड पे आ गया था ,ऑर गान्ड के छेद से होते हुए चूत के उपर से ज़मीन पे टपक रहा था,ऑर साथ मे चूत का पानी भी टपक रहा था,मम्मी की ऐसी हालत शायद कभी नही हुई थी ,उनकी चूत ने कई बार पानी छोड़ दिया था,इधर मे बस गान्ड के छेद को चाटे जा रहा था,काफ़ी देर चाटने के बाद के गान्ड का छेद थोड़ा सा खुला,हालाँकि वो इतना नही खुला था कि उसमे एक उंगली घुसाइ जा सके,पर इतना खुल गया था कि एक उंगली डालकर उसको थोड़ा चौड़ा कर सके

मे छेद चाटे जाने वाला खेल ख़तम करना चाहता था जिससे मैं गान्ड मे लंड डालने वाला गेम शुरू कर सकूँ,पर ना तो मम्मी का अपने शरीर पे बस था ना ही मेरा,मे बस छेद को चाटे जा रहा था अब तो मेने अपना हाथ लेजा कर एक उंगली चूत मे डालकर उसको आगे पीछे करना शुरू कर दिया था,एक तरफ चूत मे उंगली अंदर बाहर हो रही थी ऑर एक तरफ गान्ड के छेद पर मेरी जीभ लगातार चल रही थी ,मम्मी की चूत एक बार फिर पानी छोड़ने वाली थी ,मुझे पता नही कैसे पता चल गया,इसलिए मैं एक उंगली से चूत को चोदने लगा ,मेरी उंगली इतनी तेज अंदर बाहर हो रही थी कि उसमे से "फॅक फेच फॅक"की आवाज़े आने लग गयी थी ऑर कुछ ही देर मे मम्मी एक चीख के साथ झड गयी,आज चूत ने इतना पानी छोड़ा था कि नीचे की ज़मीन बहुत गीली हो गयी थी

अब मैं रुका ,अपनी उंगली चूत से निकाली ऑर अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा ऑर चूत के पानी का स्वाद लेने लगा,मे बोला मम्मी आपकी चूत के पानी का स्वाद तो बहुत अच्छा है,

मम्मी ने जवाब दिया हर औरत की चूत का पानी अच्छा होता है,अब मेने अपनी उंगली मुँह से निकाली जिस पर थूक लगा हुआ था ऑर रख दी मम्मी की गान्ड के छेद पे ऑर वही घूमने लगा,पहले ही थूक था छेद पे ऑर उंगली पे थूक लगा होने के कारण छेद कोई विरोध नही कर रहा था,जैसे ही मेरी उंगली छेद के ठीक उपर हो जाती छेद खुलने लगता


अब मुझसे रहा नही गया मेने अपनी उंगली छेद के उपर रोकी ऑर अपना दबाव बढ़ाने लगा,शुरू शुरू मे छेद ने साथ दिया लेकिन एक लिमिट आने के बाद उसने भी विरोध करना शुरू कर दिया,मम्मी को अनुभव नही था कि गान्ड मरवाना क्या चीज़ होती है इसलिए अक्सर बचने की कॉसिश करती रहती थीं,यहाँ भी एक बार फिर कॉसिश की ,

"बेटा रहने दे ना गान्ड को ,चूत चोद ले"मम्मी बोली ,,,

ऐसे कैसे रहने दूं मम्मी ,आज तो आपकी गान्ड मार कर ही रहूँगा ,इस गान्ड के पीछे मे कब से पड़ा हूँ ,तुम नही जानती कि कैसे मेने ये गान्ड सलीम से चुदने से बचाई है वहाँ तुम उससे गान्ड मरवाने को तैयार हो गयी थी ऑर यहाँ अपने सगे बेटे को मना कर रही हो,,
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06-13-2019, 01:43 PM,
#73
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
ऐसे कैसे रहने दूं मम्मी ,आज तो आपकी गान्ड मार कर ही रहूँगा ,इस गान्ड के पीछे मे कब से पड़ा हूँ ,तुम नही जानती कि कैसे मेने ये गान्ड सलीम से चुदने से बचाई है वहाँ तुम उससे गान्ड मरवाने को तैयार हो गयी थी ऑर यहाँ अपने सगे बेटे को मना कर रही हो,,

मम्मी थोड़ा चिंता मे शायद उन्हे लगा मुझे बुरा लग गया है

"अरे नही बेटा वो तो मे बहक गयी थी ,चाची ने गान्ड के बारे मे इतना बताया ऑर मज़ा दिया कि मुझ मे गान्ड मरवाने की इच्छा इतनी तीव्र हो गयी थी कि मुझसे रुका नही जा रहा था ऑर तब मे तुमसे चुदि भी नही थी इसलिए मुझे सलीम से गान्ड मरवाने को राज़ी होना पड़ा, नही तो मे क्यो अपने बेटे को मना करूगी""मम्मी ने जवाब दिया


मैं बस मुस्कुराया मैं जानता था कि अब मेरा रास्ता सॉफ हो चुका है अब चाहे मम्मी को कितना भी दर्द क्यो ना हो जाए मुझे रोकेगी नही ,ऑर मेने अपनी इस होशियारी के लिए अपने आप को धन्यवाद दिया,ऑर मेने अपना ध्यान वापस गान्ड के छेद पे लगाया,,मेने एक बार फिर उंगली मुँह मे ली ऑर वापस गान्ड के छेद पे ले गया,ऑर इस बार थोड़ा ज़्यादा दबाव बनाया,ऑर मम्मी की हल्की सी "आअहह" के साथ मेरी उंगली थोड़ी सी अंदर सरक गयी थी ,गान्ड का छल्ला इतना चौड़ा तो हो चुका था कि उसने एक उंगली को अंदर जाने की अनुमति दे दी थी,उसके बाद मेने थोड़ा सा थूक छेद पे थुका ऑर दूसरे हाथ की मदद से उस छेद के आस पास चिकना कर दिया जिससे मेरी उंगली अंदर जाते समय थूक को भी अंदर ले जा सके ,ऑर फिर मे धीरे धीरे उंगली को अंदर धकेल्ता गया ऑर आधी अंदर ले गया,ऑर उसे बिना बाहर निकाले अंदर ही घुमाने लगा,ऐसा करने से मम्मी मे एक बार फिर सेक्स की भावना जाग गयी क्यो मेरा ऐसा करना उन्हे बहुत अच्छा रहा था ,ऑर सबूत था चूत का पानी छोड़ना,


मेने अबकी बार उंगली पूरी बाहर निकाली ऑर एक बार फिर जीब से गान्ड के छेद को चाटने लगा ,अबकी बार थोड़ी सी जीब अंदर जा रही थी ,मेने अब सरसो का तेल लिया ऑर कुछ बूंदे गान्ड के छेद पे डाल दी ,ऑर फिर से उंगली रखी ,मुझे विस्वास नही हुआ कि मेरी उंगली बिना किसी दिक्कत के गप्प के अंदर घुस गयी,ऑर कुछ ही देर मे पूरी अंदर घुस गयी

,अब मेने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया,ऐसा करने से मम्मी को भी मज़े आ रहे थे,मेने अगला कदम उठाने की सोची ,मेने अब दो उंगली एक साथ छेद पे रखकर दबाब बनाया,सरसो के तेल की वजह से बिना ज़्यादा दिक्कत के दोनों उंगली अंदर जाने लगीं ,मम्मी को इतना दर्द नही हो रहा था जिसे वो सहन नही कर सके,शायद अगर सरसो का तेल नही होता तो मम्मी मुझे गान्ड मे उंगली नही घुसाने देती,बहुत जल्द मेरी दोनो उंगलियो बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी ,

मेने पूछा "मम्मी कैसा लग रहा है"",

अच्छा लग रहा है बेटे,मम्मी ने जवाब दिया

कुछ देर यौही चलता रहा जब मुझे लगा गान्ड का छल्ला इतना तो खुल गया है कि थोड़ी बहुत मेहनत मे वो लंड को घुसने दे


मे खड़ा हुआ ,अपने लंड पे तेल की बूंदे डालकर मसल्ने लगा,हालाँकि मेरे लंड पे पहले ही तेल लगा हुआ था,ऑर तेल डालने से बिल्कुल चिकना हो गया कि तेल मेरे लंड से टपकने लगा,मेरे लंड की नसें फूलकर फटने जैसी हालत मे हो गयी थी ,शायद मेरी उत्सुकता थी जिसकी वजह से लंड इतने झटके खा रहा था,इस वक्त लंड लोहे जैसा सख़्त हो गया था,

मे बोला ""मेरी रानी आज अपनी पहली बार गान्ड मरवाने को तैयार हो""

मम्मी ने जवाब दिया "हाँ मेरे स्वामी,इस शरीर पे आपका हक है ,मे बिल्कुल तैयार हूँ""

मम्मी नीचे लेटी हुई अपने सिर को घुमा के मेरे लंड को देख कर "आज तो तुम्हारा लंड बहुत बड़ा लग रहा है,कहीं मेरी गान्ड फाड़ ना दे",

मेने जवाब दिया "मम्मी आपकी ये मस्त गान्ड देखकर ही मेरा लंड उतावला हो रहा है ,देखो फूलकर कितना बड़ा हो गया है कि इसकी नसें तक दिखने लगी है


मम्मी मेरे लंड को देखकर थोड़ा घबरा भी जाती है ,

मैं बोला"मम्मी मेरे लंड को अपनी गान्ड मे लेने के लिया तैयार हो जाओ"

मैं तो तैयार हूँ पर थोड़ी सी घबराहट हो रही है" मम्मी ने जवाब दिया


मे मम्मी से बोला"बस मम्मी आप पीछे मत देखो,ऑर भूल जाओ कि आप गान्ड मरवाने वाली हो देखना लंड कब पूरा अंदर घुस जाएगा पता भी नही चलेगा"


जब ये मोटा लंड अंदर घुसेगा तो कहाँ से भूल जाउ कि मैं गान्ड नही मरवा रही हूँ,जो होगा देख जाएगा
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06-13-2019, 01:43 PM,
#74
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी पेट के बल सीधी लेटी हुई थी ,सोचा मम्मी को घोड़ी बनाके चोदु ,पर हो सकता है मम्मी दर्द सहन ना कर सके और आगे की तरफ भाग जाए ऑर मेरा लंड गान्ड से बाहर निकल जाए ,ऐसा हुआ तो शायद मे कभी गान्ड ना मार पाउ,ये सोच कर मेने मम्मी को पेट के बल लिटाते हुए ही गान्ड मारने का निश्चय किया,इससे मेरा बजन पूरा मम्मी के शरीर पे रहेगा ऑर मेरे दोनो हाथ भी फ्री रहेगे तो चुचियाँ दबाने के काम आएगे


मैं ये सोचकर दोनो टांगे मम्मी की जाँघो के साइड मे रखकर बैठ गया,मे इस पोज़िशन मे था कि मे अपने लंड का टोपा मम्मी की गान्ड के छेद पे लगा सकूँ,


मैं अपने हाथो से गान्ड के हिस्सो को विपरीत दिशा मे खिचकर गान्ड के छेद को देखने लगा,तेल मे सना हुआ लाल कलर का मस्त छेद

मुझे गान्ड के छेद पे बहुत तरस आ रहा था जैसे वो कह रहा हो मुझे छोड़ दो ,मेने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा ,मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे एक बकरा हलाल होने से पहले कसाई से इशारो मे कहता है कि मेरी जान बक्श दो,पर आजतक किस बकरे की विनती किसी कसाई ने सुनी है वैसे ही आज मैं गान्ड के छेद की विनती भी कहाँ सुनने वाला था,ऑर मैं मुस्कुराया जैसे मे कह रहा हूँ ,बेटा तू तो गया आज तुझे ऐसा रगड़ के चोदुन्गा कि तेरी हालत ना बिगड़ जाए तो मेरा नाम मोहित नही


मे बोला "मेरी जान तैयार हो ,आज तुम्हारी गान्ड मरने वाली है "ऑर ये कहकर मेने अपने लंड का टोपा मम्मी की गान्ड के छेद पे लगाया,लेकिन मम्मी की गान्ड बड़ी होने के कारण मे सही जगह नही लगा पा रहा था ऑर मम्मी का शरीर ज़मीन से चिपका हुआ था ,इस पोज़िशन मे छेद ऑर टाइट हो जाता है,


मम्मी आप अपने हाथो से गान्ड को थोड़ी चौड़ी कर लो ना मुझे लंड घुसाने मे थोड़ी आसानी हो जाएगी

मम्मी बोली"ठीक है बेटा"ऑर ये कहकर मम्मी ने अपने दोनो हाथो से एक एक चूतड़ के हिस्से को पकड़ कर विपरीत दिशा मे खिच लिया ,अब मुझे गान्ड का छेद सही तरीके से दिखाई दिया,

छेद तेल से भीगा हुआ था फिर भी मेने थुका ,ऑर मेरा थूक ठीक गान्ड के छेद के उपर गिरा,अब मेने अपने लंड का टोपा छेद पे रखा ,मेरा टोपा इतना बड़ा था कि छेद को पूरा ढक लिया ,कोई ये नही कह सकता था कि यहाँ छेद है,मेरे टोपे के साइज़ का अंदाज़ा तो शायद मम्मी को भी हो गया था ,क्योकि जैसे ही मेने टोपा रखा मम्मी सहम गयी थी कि अब घुसने वाला है लंड गान्ड मे


मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था,फिर भी मेने अपने आप को तैयार किया ऑर लंड को पकड़ कर निशाने पे रखा ऑर एक ज़ोर का दबाव डाला,मेरे लंड ने ज़ोर लगाया लेकिन गान्ड का छल्ला इतना नही खुल पाया कि मेरा टोपा अंदर घुस जाए,ऑर नीचे की ओर चला गया,मम्मी तैयार थी , लंड गान्ड मे घुसने के दर्द के डर के कारण मम्मी की हल्की सी चीख निकल गयी
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06-13-2019, 01:44 PM,
#75
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी ने भी अपनी गान्ड से हाथ हटा लिए थे ,जिससे वो अपनी निकलने वाली चीख को दबा सके ,मे बोला"मम्मी अपनी गान्ड चौड़ी करो"मम्मी ने फिर गान्ड के हिस्सो को विपरीत दिशा मे खिचा ,मेने एक बार फिर लंड लगाया ऑर इस बार एक जबरदस्त धक्का दिया,टोपा सरसो का तेल होने की वजह से अंदर घुसने लगा ,लंड का टोपा गान्ड के छल्ले को चौड़ा करते हुए लगभग आधा घुस गया ,लेकिन मेरा धक्का इतना दमदार नही था कि गान्ड के छल्ले को टोपा के बराबर चौड़ा किया जा सके,इसके कारण टोपा आधा अंदर जाने के बाद भी बाहर निकल कर नीचे की स्लिप हो गया


मुझे अब गुस्सा आ रहा था एक तो गान्ड कुवारि है जिसकी वजह से गान्ड का छल्ला टाइट है जो कि मेरे मोटे लंड को अंदर नही घुसने दे रहा है,ऑर दूसरा मम्मी दर्द के डर के कारण अपनी गान्ड भी टाइट कर लेती है,मुझे कुछ करना होगा


कुछ ही सेकेंड्स बाद मे मुस्कुराया क्योकि अब मेरे मन मे एक आइडिया आ गया था

मेरे मन मे एक आइडिया आ गया कैसे मम्मी की कुवारि गान्ड के छेद मे लंड फसाऊ

मेने एक बार फिर अपने आपको तैयार किया ऑर लंड का टोपा मम्मी की गान्ड के छेद पे रखकर मे ज़ोर से चिल्लाया ""साप्प्प्प"

मम्मी साँप का नाम सुनकर सकपका गयी ऑर उनका ध्यान गान्ड मे लंड घुसने से हट कर साँप की ओर चला गया,मुझे तो बस मोका चाहिए था ,जैसे ही मम्मी का ध्यान हटा मेने एक जोरदार झटका मम्मी की गान्ड पे मार दिया



इस बार गान्ड का छल्ला मेरे लंड के दबाव को झेल नही सका ऑर "घाककचह"के अंदर घुस गया

मम्मी का मुँह खुला का खुला रह गया था,मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था,आज उस गान्ड मे मेरा लंड चला गया था जिसने मेरी नींद हराम कर रखी थी

मेने मम्मी की चुचियो को हल्के हल्के दबाना शुरू किया ऑर मम्मी की गर्दन पर किस करने लगा

मम्मी को जैसे ही होश आया मम्मी दर्द से चिल्लाने लगी ऑर बोली

मम्मी:बेटा मे तेरे हाथ जोड़ती हूँ ,निकाल ले लंड ,ऑर झटपटाते हुए अपनी गान्ड से मेरा लंड निकालने की नाकाम कॉसिश करने लगी

मे:बस मम्मी हो गया ,शुरू शुरू मे दर्द होता है ,ऑर ये कहकर मे मम्मी को सहलाने लगा

कुछ देर यू ही चलता रहा ,जब मुझे लगा कि मम्मी का दर्द थोड़ा कम हो गया है

मे:मम्मी अब तो दर्द कम हो गया

मम्मी कुछ बोली नही बस सिर हिलाया

मेने एक बार फिर हल्का सा धक्का दिया ,जिससे मेरा लंड थोड़ा अंदर सरक गया

मम्मी: ""आाऐययईईईईई"बेटा रहने दे ,बहुत दर्द हो रहा है,

मे फिर मम्मी को सहलाने लगा,मे बोला

मे:मम्मी एक बार पूरा लंड अंदर घुस जाए दो ,फिर बाद मे बहुत मज़े है

मुंम्मी:तेरा पूरा लंड अंदर जाने तक तो मे मर जाउन्गी

मे:कुछ नही होगा मम्मी,बस मेरी खातिर थोड़ा सा दर्द झेल लो



ओर ये करकर मे मम्मी के उपर पूरा सीधा लेट गया ऑर मम्मी को कस कर अपनी बाहों मे पकड़ लिया,ऑर मेने दमदार 2 धक्के मम्मी की गान्ड पे जमा दिया जिससे मेरा लंड मम्मी की गान्ड फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया



मुंम्मी: "आआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई,"माँाररर्ररर ग्ाआययययययीीईईईई,

अब ऑर आगे नही ,,,,,मे मर जायायूवूवययियैयीयैआइयियीयियी,बेटा निकाालल्ल्ल्ल्ल्ल ले



आआआआआअहह





लेकिन इन धक्को से मम्मी का शरीर काँप गया,मम्मी पूरी तरफ काँप रही थी ,मम्मी ने अपनी मुट्ठी बंद कर रखी थी

मुझे मम्मी की दर्दनाक चीखो सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था



मेने देखा जो होगा देखा जाएगा पूरा लंड अंदर घुसा देता हूँ,



मेने तेल की शीशी ली ऑर मम्मी के गान्ड के छेद के आस पास तेल डाला ,ऑर इस तरह फैला दिया कि लंड अंदर जाते समय तेल को अंदर ले जाए जिससे लंड घुसने मे आसानी हो



मेने मम्मी को बाहों मे कस लिया जिससे मम्मी बिल्कुल नही हिल पाए ऑर 3 धक्के कस के मार दिए ,सरसो के तेल की चिकनाहट ऑर मेरे लंड का ज़ोर ,दोनो मिलकर मम्मी की गान्ड के छेद की अकड़ ढीली कर दी थी ,ऑर लंड अंदर समा गया था



मम्मी: "आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई,ऑर मम्मी ज़ोर ज़ोर से सासे लेने लगी, आआआआआहह बेटा आआआआआआआअहह तूने तो मार दिया आआआअहह फाड़ दी आज तूने तो



गाँव वालो को क्या मुँह दिखाउन्गी आआहह



मम्मी साँस अंदर लेते हुए ,अपने हाथो से मुझे रूकने को बोलती है,मम्मी को शायद बहुत दर्द हुआ था ये बात मम्मी के गले की नसें ही बता रही थी ,जो कि फूल कर बाहर आने को थी



मे:बस मम्मी हो गया ,पूरा अंदर घुस गया
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06-13-2019, 01:45 PM,
#76
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे:बस मम्मी हो गया ,पूरा अंदर घुस गया

मम्मी को शायद मेरी बातो पे विस्वास नही था इसलिए मम्मी एक हाथ अपनी गान्ड के छेद पे लेजा कर देखने लगती है,जैसे ही मम्मी को मेरे आँड पकड़ मे आए जो कि मम्मी की चूत से चिपके हुए थे ऑर लंड पूरा अंदर छेद मे गायब हो गया था



मम्मी:कमिने आख़िर तूने पूरा अंदर घुसा ही दिया,

मे:हाँ मम्मी बहुत दिनो से परेशान कर रखा था इस गान्ड ने



आज जाकर घुसा है अंदर,आइ लव यू मम्मी,जो आपने इतनी मस्त गान्ड मे लंड घुसने दिया

मे:तैयार हो मम्मी ,ये कह कह कर मेने थोड़ा सा लंड बाहर निकाल कर वापस अंदर घुसा दिया,गान्ड का छल्ला अभी भी इतना ढीला नही हुआ था कि मेरा लंड आराम से घुस सके



मम्मी को अभी भी दर्द हो रहा था था,मम्मी मुँह बंद करके दर्द पीने की कोशिस कर रही थी ,लेकिन मे धीरे धीरे मम्मी की गान्ड मार रहा था,जैसे जैसे मेरा लंड बाहर आता ,मम्मी की गान्ड का छल्ला भी लंड के साथ बाहर आने की कॉसिश करता ,बहुत ही मादक नज़ारा था ,ऐसा लग रहा था कि किसी छोटे से बिल मे एक बड़ा साँप अंदर अंदर बाहर हो रहा है



अब मम्मी का दर्द भी ख़तम होना शुरू हो गया था,ऑर मेरा लंड लगभग आधा अंदर बाहर होने लग गया था

मे:मम्मी कैसा लग रहा था

मम्मी:बेटा अच्छा तो लग रहा है लेकिन यूँ लग रहा है तेरा लंड मेरी गान्ड बस फाड़ने ही वाला है

मे:अरे नही मम्मी,गान्ड चोदने के लिए बनी है,ऐसे कैसे फटेगी

ऑर ये कहकर मेने अपना लंड बाहर निकाल कर वापस अंदर डाल दिया

मम्मी: आअहह बेटा

मम्मी के गान्ड के छल्ले ने मेरे लंड को बुरी तरह जकड रखा था ,मुझे बहुत ताक़त लगानी पड़ रही थी लंड को आगे पीछे करने मे



मेरे धक्के कुछ ही देर मे तेज हो गये थे ,मम्मी की गान्ड ने भी सहमति जता दी थी चोदने के लिए ,मेरा लंड अब तकरीबन पूरा पूरा बाहर आकर अंदर जा रहा था,जैसे कोई पिस्टन चल रहा हो,मेरे हर धक्के के साथ मम्मी के मुँह से आअहह आआहह निकल रही थी

आधे घंटे तक यूही चलता रहा उसके बाद तो मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी,,अब मेरा लंड सटा सट मम्मी की गान्ड से अंदर बाहर हो रहा था,पूरी कुटिया मे फॅक फॅक की आवाज़े आ रही थी,ऑर मम्मी भी अपनी गान्ड मेरे लंड पे मारने लग गयी थी ,
मे अब बहुत ही बेरहमी से मम्मी की गान्ड चोदे जा रहा था,और मम्मी के चिल्लाने पे कोई ध्यान नही दे रहा था

मेने तकरीबन आधा घंटा ऑर मम्मी की गान्ड चोदि ऑर फिर मम्मी की गान्ड मे ही झड गया



जैसे ही मेने लंड निकाला ,पुक्क्ककक से मेरा लंड मम्मी की गान्ड से बाहर आ गया ऑर मम्मी की गान्ड का छेद खुला का खुला रा गया,बड़ा ही प्यारा ल्गा रहा था वो खुला हुआ लाल कलर का छेद

मम्मी:अरे बेटा तूने तो फाड़ दी आज ,मम्मी अपना हाथ गान्ड के छेद पर ले जाकर गाड़ के छेद का जाएजा लेते हुए,मम्मी की बड़ी सी गान्ड के बीच खुले हुए लाल कलर के छेद को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था,मैने एक बार फिर मम्मी की गान्ड के छेद को सरसो के तेल से भर दिया

मम्मी:तेरा अभी भी जी नही नही भरा क्या जो ऑर मारने की कॉसिश कर रहा है

मे:मम्मी ,मुझे मामी ने कसम दी है कि आज मे आपकी जी भर के गान्ड मारूगा

सरसो के तेल की मालिश के बाद तो मम्मी की गान्ड का छेद ऑर भी मस्त दिखने लगा,बड़ी गान्ड के बीच छेद एक सुरंग जैसा लग रहा था जिसकी गहराई मे एक बार अपने लंड से नापने वाला था

मेने अपने लंड पे भी सरसो का तेल लगाया ऑर मसलने लगा जब तक लंड तेल से बिल्कुल चमक नही गया ऑर तेल की बूंदे लंड से टपकने नही लग गयी

फिर मैने लंड के टोपे को मम्मी की गान्ड के छेद पे रखा ओर बोला "मम्मी तैयार हो"

मम्मी;तू तो मार ले ,मम्मी की बात पूरी होते ही मेने एक जोरदार झटका दिया ,इस बार तेल अच्छी तरह से लगा होने के कारण ""गप्प्प्प्प्प"" से आधे से ज़्यादा गान्ड मे फिसल गया

मम्मी: """"आआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईई""बेटा आराम से मार,मुझे दर्द होता है

मे:मम्मी बड़ी गान्ड को जोरदार ही मारना चाहिए नही तो वो नखरे करने लगती है
ऑर ये कहकर एक ऑर जोरदार झटका दिया,ये झटका इतना तेज था कि मेरा पूरा लंड सरसराता हुआ मम्मी की गान्ड मे घुस गया ऑर मेरे आँड मम्मी की चूत से चिपक गये

इस धक्के के साथ एक बार फिर मम्मी के मुँह से चीख निकली "आाआऐययईईईईईईईई"तूने कसम खा रखी है क्या अपनी मम्मी को मारने की""


मेने मम्मी की बातो पे कोई ध्यान नही दिया ,ऑर अपना लंड निकाल कर वापस अंदर डालने लगा,धीरे धीरे मे तेज़ी से लंड अंदर बाहर करने लग गया था

सरसो के तेल की चिकनाहट होने के कारण मेरा लंड मम्मी की गान्ड से यूँ फिसल रहा था जैसे कोई पिस्टन मम्मी के अंदर बाहर हो रहा था,मेरा लंड तकरीबन पूरा बाहर आकर अंदर जा रहा था

मम्मी को भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था,ऑर मम्मी अपनी गान्ड मेरे लंड पे मार रही थी जिससे मेरा लंड ऑर अंदर तक गान्ड मे जा सके
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06-13-2019, 01:46 PM,
#77
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
सरसो के तेल की चिकनाहट होने के कारण मेरा लंड मम्मी की गान्ड से यूँ फिसल रहा था जैसे कोई पिस्टन मम्मी के अंदर बाहर हो रहा था,मेरा लंड तकरीबन पूरा बाहर आकर अंदर जा रहा था

मम्मी को भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था,ऑर मम्मी अपनी गान्ड मेरे लंड पे मार रही थी जिससे मेरा लंड ऑर अंदर तक गान्ड मे जा सके

मुझे ये देखकर और भी खुमार आ गया ऑर मे अपने हाथो ऑर पाव के पंजो पे खड़ा हो कर मम्मी की गान्ड मारने लगा,इस बार तो मे पागल सा हो गया था मे मम्मी के उपर चढ़ चढ़ कर मम्मी की बेरहमी से गान्ड मार रहा था,मेरी गान्ड मम्मी की गान्ड से इतनी तेज टकरा रही थी कि मम्मी की गान्ड लाल पड़ गयी थी ,ऑर पूरे कमरे मे थप थप की आवाज़े सुनाई दे रही थी

कोई अगर ये नज़ारा देखता तो कहता ,क्या जबरदस्त गान्ड मार रहा है,मेरा लंड एक सेकेंड से कम मे मम्मी की गान्ड की पूरी गहराई नाप आता ऑर वापस गहराई नापने घुस जाता

मेरी इतनी जबरदस्त गान्ड चुदाई के कारण मम्मी की चूत ने इतना पानी छोड़ दिया था जैसे मम्मी ने पेशाब कर दिया हो,मम्मी अब बिल्कुल पस्त हो गयी थी

मम्मी:बेटा ऑर कितनी मारेगा गान्ड,तूने गान्ड मार मार कर लाल कर दी है ऑर अब सहन नही हो रही ये गान्ड मराई

मे:अभी तो मेने शुरू किया है ,ऑर एक जोरदार थप्पड़ मुंम्मी की गान्ड पे जमा दिया ""चटाआक्कककक"

मम्मी के मुँह से "आआआआआहह,बेटा ऐसे तो कोई किसी रंडी को भी नही चोदता,मुझे थोड़ा आराम कर लेने दे,मेरी गान्ड बहुत जल रही है"

मे काफ़ी देर से मम्मी की बेरहमी से गान्ड मार रहा था ,शायद हो सकता है इस वजह से मम्मी की गान्ड जलने लग गयी हो,लेकिन मेने खुद को रोकना मुनासिब नही समझा,ऑर मम्मी की गान्ड को फैलाकर ऑर ज़ोर से गान्ड मारने लगा,इस बार मेरा लंड पानी नही छोड़ रहा था,मे तो बस मम्मी की गान्ड मारे जा रहा था,,फॅक फॅक फॅक फॅक ऑर मम्मी के मुँह आअहह आअहह आआअहह आआहहा आआहह निकल रही थी

मे बीच बीच मे लंड बाहर निकालता ऑर मम्मी की गान्ड के छेद को देखता जो जबरदस्त गान्ड मराई के बाद सूज़ गया था ऑर खुला का खुला रह गया था,ऑर मैं फिर से लंड डाल कर ज़ोर से चुदाई करने लग जाता

मुझे यकीन नही हो रहा था कि मे मम्मी की गान्ड की इतनी जबरदस्त ठुकाई कर रहा हूँ,मम्मी को ये गान्ड की ठुकाई जिंदगी भर याद रहने वाली थी,मेरा दूसरी बार था शायद इसलिए मेरा लंड मेरा साथ दे रहा था,लंड सख़्त था ऑर पानी भी नही निकल रहा था

मम्मी तो बिल्कुल पस्त हो गयी थी ,उनका शरीर बिल्कुल ढीला पड़ गया था,ऑर अब कोई विरोध नही कर रही थी,मेने भी अपनी ताक़त जुटाई ऑर पूरे ज़ोर से गान्ड मारने लगा,ये मेरा आखरी पड़ाव था इसलिए कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से ऑर गहरे धक्के मार रहा था जिससे मम्मी को दर्द हो रहा था

मम्मी अपनी मुट्ठी ज़ोर से बंद किए हुई थी ऑर ,अपने दाँत भिचते हुए दबी दबी उउउहह उउउहहुउऊउऊहह उुउऊहहू उउउहह की आवाज़ निकाल रही थी

जल्दी ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया ,मेने सारा पानी मम्मी की गान्ड मे निकाल दिया,ऑर पुक्क्ककक की आवाज़ के साथ लंड बाहर निकाल कर लेट गया,मम्मी की गान्ड का छेद खुला का खुला रह गया था,ऑर मेरी दमदार गान्ड चुदाई के कारण छेद बिल्कुल लाल पड़ गया था ओर थोड़ा सूज़ गया था,ऑर छेद तगभग 10 रुपये के सिक्का जितना खुला पड़ा था,फिर धीरे धीरे मेरा वीर्य गान्ड से बाहर आता हुआ चूत के उपर से होते हुए ज़मीन पर गिरने लगा,बहुत ही शानदार नज़ारा था,जिस गान्ड ने मुझे परेशान कर रखा था आज मेने उसकी ऐसी हालत कर दी थी कि मुझे उसपे तरस आ रहा था,अब जाकर मेरे मन को शांति मिली थी

ऑर मैं भी पड़ा पड़ा मुस्कुरा रहा था ऑर मम्मी साइड मे अपनी गान्ड की दुर्दशा को देखते हुए पेट के बल सोने की कॉसिश करने लगी ,लेकिन शायद मम्मी को पता नही था कि कुछ समय बाद उनकी क्या हालत होने वाली थी, वो ढंग से नही चल पाने वाली थी,क्योकि मेरे पास मामी की गान्ड का अनुभव था,उनकी गान्ड चुदि हुई थी फिर भी वो गान्ड मरवाने के बाद ढंग से नही चल पा रही थी ऑर यहाँ तो मम्मी की गान्ड कुवारि थी ऑर उनकी गान्ड की भी जबरदस्त ठुकाई हुई थी,तो ये तो पक्का था ,मम्मी की हालत बुरी होने वाली थी

मुझे पता ही नही चला कि मुझे कब नींद आ गयी ,सुबह ही जाकर नींद खुली,मम्मी और मैं नंगे ही पड़े हुए थे,मेने उठकर मम्मी की गान्ड के छेद को देखा तो छेद अब सिकुड गया था लेकिन सूजन बढ़ आ गई थी,मेने मम्मी को उठाया ,मम्मी उठाने पर अंगड़ाइयां लेने लगी ऑर जैसे ही मम्मी कुल्हो के बल बैठी मम्मी के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल गयी "आआआहह""

मम्मी को अब ध्यान आया कि रात को जबरदस्त गान्ड ठुकाई हुई थी ,जिसके कारण गान्ड मे अभी तक दर्द था

मम्मी:हरामख़ोर,अब कभी मत बोलना गान्ड मारने को,कल इतनी बुरी तरफ गान्ड मारी कि मुझसे कुल्हो के बल बैठा तक नही जा रहा,पूरी रात सोने के बाद भी गान्ड दुख रही है

मे:मम्मी के गालो पे हल्की सी पप्पी देते हुए,मम्मी पहली बार गान्ड मारते है तो दर्द होता है,अब आगे से नही होगा पक्का,अब आपको मज़ा आएगा

मम्मी मुझे धकेलते हुए,हट शैतान,गान्ड का बाज़ा बजाने के बाद बोलता है अब मज़ा आएगा,चल अब घर चलना है ऑर ये कह कर मम्मी खड़ी होने लगी,मम्मी जैसे ही खड़ी हुई मम्मी अपनी गान्ड के उपर वाले हिस्से पे हाथ रखकर वही बैठ गयी

मम्मी:हे भगवान ,तूने गान्ड मारी या क्या किया मुझसे खड़ा तक नही हुआ जा रहा,लगता है तूने गान्ड फाड़ दी,

मे:नही मम्मी ऐसा कुछ नही हुआ है,वो क्या है जब गान्ड पहली बार खुलती है तो थोड़ा दर्द होता है,आपकी आज पहली बार गान्ड खुली है,अब आगे से दिक्कत नही होगी

मम्मी:थोड़ा दर्द ,कमिने मुझसे चला नही जा रहा

मे:मम्मी आपकी जब पहली बार चूत खुली होगी तब भी दर्द हुआ होगा ना,आज गान्ड खुली है इसलिए दर्द हो रहा है ,जल्दी ही ठीक हो जाएगा,

मेरी बातो से मम्मी थोड़ी शांत होती हुई ,चल ठीक है ,अब मेरी थोड़ी मदद कर उठने मे

मे मम्मी के पास गया ऑर मम्मी को सहारा देकर खड़ा किया ऑर घर की तरफ जाने लगे
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06-13-2019, 01:46 PM,
#78
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी मेरे कंधे पर ज़ोर देकर चल रही थी,मेने देखा मम्मी लंगड़ा कर चल रही थी जिससे मम्मी की गान्ड उपर नीचे हो रही थी,शायद मम्मी की गान्ड दर्द कर रही थी

बहुत ही मादक नज़ारा था ,मम्मी की घाघरे मे उपर नीचे होती हुई बड़ी गान्ड जिसकी मेने बहुत अच्छी तरह से ठुकाई की थी,

मम्मी रास्ते मे "आहह बेटा,बहुत दर्द हो रहा है ,जैसे किसी ने मिर्च डाल दी हो"

मे:मम्मी आप की पहली बार गान्ड खुली है,इसलिए गान्ड थोड़ी दर्द कर रही होगी

तभी सामने से बहादुर चाचा आते नज़र आए,उन्होने देखा कि मेरी मम्मी सुधा लंगड़ा कर चल रही है

चाचा:क्या हुआ सुधा,ऐसे लंगड़ा कर क्यो चल रही हो

मम्मी:वो चाचा जी पाँव मे मोच आ गयी है

चाचा:अरे तो आओ,मेरे साथ घर चलो,पूरे गाँव मे मेरे जितना अनुभवी कोई नही होगा मोच निकालने ,चाहे कैसी भी मोच हो

(((((ये तो सारा गाँव जानता है कि चाचा मोच निकालने मे महारत हासिल थी)))

मम्मी:नही ,आज मैं आराम कर लेती हूँ,अगर आराम नही आया तो कल तुम्हारे पास आती हूँ

चाच्चा:देख लेना ,नही तो मे तुम्हारे घर आ जाउन्गा

मम्मी:नही इसकी ज़रूरत नही

चाच्चा:ऑर भैया भाभी ठीक है

मम्मी:हाँ सब ठीक है,

चाचा:अभी भाभी से पूछना,एक दिन उन्हे भी मोच आ गयी थी ,तेरे भैया खुद तेरी भाभी को मेरे पास छोड़ कर गये थे,ऑर जब वो शाम को आए तो तेरी भाभी बिल्कुल ठीक हो गयी थी,मेने सारी मोच निकाल दी थी

मम्मी:हाँ ठीक है चाचा

ऑर ये कहकर हम जाने लगे,मम्मी मेरे कंधे पे ज़ोर देकर लंगड़ाते हुए चल रही थी

चाचा मम्मी की उपर नीचे होती गान्ड को देखकर मुस्कुरा जाते है,उनकी मुस्कुराहट मे कमीनपन नज़र आ रहा था जैसे वो मेरी मम्मी को चोदना चाहते हो

खेर लेकिन हम आगे निकल गये

जैसे ही हम घर पहुचे,मामी पलंग पर बैठी हुई थी,उन्होने देखा ऑर बोला
मामी:क्या हुआ सुधा,ऐसे लंगड़ा कर क्यो चल रही हो

मम्मी:कुछ नही भाभी कल काम करते हुए मोच आ गयी

मामी:ये मोच मोहित की वजह से ही आई है ना(( मामी मुस्कुराते हुए))

मम्मी भी थोड़ी खुल के बोलने लगी थी
मम्मी:हाँ इसने ही मेरी हालत की है

मामी:लगता है तुझे कुछ ज़्यादा ही मोच लगी है,तुझसे तो चला भी नही जा रहा

मम्मी:हाँ भाभी बहुत ज़्यादा मोच आई है

मामी:चल आज़ा,तेरी मालिश कर देती हूँ

मम्मी:रहने दो भाभी,ठीक हो जाउन्गी ऐसे ही

मामी:अरे मोच बढ़ गयी तो ज़्यादा दर्द होगा,चल चुप चाप लेट जा

मम्मी चुप चाप पलंग पे लेट जाती है

मामी मुझे इशारो मे जाने को कहती है,मे उपर वाले कमरे मे चला जाता हूँ

मम्मी पलंग पे पेट के बल लेट जाती है जिससे मम्मी की बड़ी सी गान्ड का उभार नज़र आने लगता है

मामी भी मम्मी की गान्ड देखकर आहे भरे लगती है

मामी मम्मी के घाघरे को पाँव से खिचकर घुटनो तक चढ़ा देती है ऑर सरसो के तेल की कुछ बूंदे डाल कर मालिश करने लगती है

मामी:कुछ आराम मिला,

मम्मी:नही भाभी थोड़ा उपर की ओर दर्द हो रहा है

मामी अब धीरे धीरे अपना हाथ घाघरे के अंदर से ही मम्मी की जाँघो पे ले जाकर मालिश करने लगती है,मम्मी की मखमली जाँघो की मालिश करके मामी भी मस्त हो जाती है

मम्मी भी मामी की मालिश से गरम होने लग जाती है

मामी:अब आराम मिला

मम्मी:नही भाभी ,थोड़ा ऑर उपर

मामी भी मम्मी के इस खुलेपन पे मुस्कुरा जाती है ऑर बोलती है

मामी:सुधा तो घाघरे का नाडा खोल दे,अंदर तेल लगाउन्गी तो तेरा घाघरा तेल से खराब हो जाएगा

मम्मी:भाभी मुझसे शर्म आती है,आप ही उचा कर दो ना

मामी:बड़ी शर्म कर रही है,ऑर ये कहकर मामी ने मम्मी के घाघरे को गान्ड के उभार तक उचा कर दिया

मम्मी की बड़ी बड़ी गोल मटोल गान्ड देखकर मामी बोली "सुधा तेरे कूल्हे तो बड़े मस्त है,तभी सब तेरी गान्ड के पीछे पड़े रहते है"

मम्मी:भाभी आप भी ना

मामी:हाँ सच कह रही हूँ मे,तेरे भैया खुद तेरी गान्ड पे फिदा है,मुझे बोल रहे थे काश एक बार मिल जाए तेरी गान्ड मारने को

मम्मी आश्चर्य से "क्या सच मे भैया भी मेरी गान्ड मारना चाहते है"

मामी -हाँ सुधा तेरी गान्ड तो कॉन नही मारना चाहता ,तेरा बेटा भी तो तेरी गान्ड मारना चाहता था

मम्मी कुछ नही बोलती

मामी:क्यो सुधा,कल तेरे बेटे ने तेरी गान्ड नही मारी

ऑर ये कहकर मामी ने मम्मी के कुल्हो को चौड़ा कर दिया ऑर गान्ड के छेद को देखकर बोली "" तेरी गान्ड के छेद की क्या हालत हो गयी ,तेरे बेटे ने खूब जमकर ठुकाई की लगती है""ऑर मामी तेल की कुछ बूंदे छेद पे डालकर मालिश करने लगी
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06-13-2019, 01:47 PM,
#79
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी:हाँ भाभी आपने ही तो कहा था कि मेरी जमकर गान्ड मारे

मामी:क्या करें तेरी गान्ड ही ऐसी है,तो बता मोहित ने अच्छी गान्ड मारी

मम्मी:भाभी क्या बताऊ ,मोहित ने तो मेरी हालत खराब कर दी इतनी बुरी तरह गान्ड मारी,अभी भी दर्द कर रही है गान्ड

मामी:पहली बार गान्ड मरवाते है तब दर्द होता है ,अब देख तेरी गान्ड खुल गयी है इसलिए अब आगे से दर्द नही होगा,

मम्मी:मोहित ने आपकी भी तो गान्ड मारी थी

मामी मम्मी की गान्ड के छेद के उपर उंगलियो को घुमा घुमा कर मालिश करते हुए "" हाँ मारी तो थी,लेकिन बहुत दिनो बाद गान्ड मरवाई थी इसलिए थोड़ा दर्द हुआ,लेकिन मोहित ने बहुत मस्त गान्ड मारी थी,पूरी गान्ड की अकड़ निकाल दी थी

मामी धीरे धीरे एक उंगली गान्ड के अंदर डालकर अंदर से मालिश करने लगी

मामी:मोहित ने गान्ड तो मस्त मारी होगी,एक तो तेरा बेटा ऑर उपर से इतनी मस्त कुवारि गान्ड ,इसलिए मार मार कर सूजा दी,देख अभी भी सूज़ी पड़ी हुई है

मामी की गान्ड मालिश से मम्मी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था

मम्मी के मुँह से भी सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गयी

मामी:सुधा तेरी चूत ने तो पानी छोड़ना शुरू कर दिया,ऑर चुदना चाह रही है क्या

ऑर ये कहकर मामी मम्मी की उंगली से ही गान्ड चुदाई करने लगी

मामी मम्मी की गान्ड मे उंगली अंदर बाहर करने लगी,

मामी द्वारा उंगली की गान्ड चुदाई से मम्मी गरम हो गयी ऑर चूत पानी छोड़ने लगी

मामी: सुधा तेरी चूत तो पानी छोड़ने लग गयी

मम्मी:हाँ भाभी ,आपके जमाई तो काम मे ही मस्त रहते है ,मुझे चोदते ही नही,बहुत दिनो बाद चुदाई का मज़ा लिया है

मामी:चुदाई का मज़ा भी लिया तो बेटे से,बुलाऊ क्या उसे

मम्मी:नही भाभी,मुझे इस हालत मे आपके सामने शरम आएगी

मामी:कल जब अपनी गान्ड मरवा रही थी तब तो शरम नही आई

मम्मी:तब मे बहक गयी थी ऑर अकेली भी थी

मामी:अरे तेरा बेटा ने दोनो को चोद चुका है,ऑर तू शरमा रही है

मम्मी:लेकिन अभी मत बुलाओ,मुझे शर्म आती है

मामी:शर्म करेगी तो मज़े कहाँ से लेगी,तेरे भैया मुझे कहाँ चोदते थे ,तो मेने अपने हिसाब से लंड ढूँढ लिया,शर्म करती तो अब तक मे ही चुदाई की आग मे जलती रहती

मम्मी:तो भाभी आप किससे चुदती थी

मामी:हाई गाँव मे बहुत सारे ठरकी बैठे हैं,जो चोदने को तैयार रहते है

मम्मी:अच्छा है

मामी:अगर तुझे अपने बेटे से चुदने मे शर्म आती है ,तो मे लंड का इंतज़ाम करूँ

मम्मी:रहने दो भाभी

मामी:मे तुझे चुदते हुए देखना चाहती हूँ,तू कहे तो तेरे भैया पे चढ़वा दूं तुझे,बहुत मस्त चुदाई करेंगे,बहुत दम है उनमे

मम्मी:अरे नही भाभी

मामी:देख अब तू चुदे बिना रहेगी नही,या तो सीधे सीधे बोल दे नही तो मे ऐसे बहुत से ठरकीयो को जानती हूँ जो मेरे एक इशारे मे तुझे ज़बरदस्ती चोद देगे

मम्मी:भाभी थोड़ा मोका तो दो

मामी:कोई मोका वॉका नही है,तू हाँ कर नही तो मे बुलाती हूँ किसी को

मम्मी:ठीक है भाभी आप ज़िद कर रही हो तो ठीक है,लेकिन अभी थोड़ा मज़ा लेने दो

मामी हँसते हुए ठीक है मेरी सुधा रानी,ऑर ये कहकर मामी दो उंगलिया गान्ड मे घुसा के अंदर बाहर करने लगती है
मम्मी गान्ड चुदाई से झड गयी

मामी:चल अब तू मेरी चूत चूस मे तेरी चुस्ती हूँ

ऑर देखते देखते ही मामी ने भी अपना घाघरा उतार दिया ऑर मम्मी के घाघरे का नाडा खोल दिया
दो औरतो के भारी शरीर देखकर मेरा सिर घूम गया

मे खुद से बोला:इन दोनो औरतो को एक साथ चोदने मे तो मज़ा आ जाएगा,ऐसी चुदाई करूगा कि दोनो मस्त हो जाएगी

ऑर
मामी ऑर मम्मी उल्टा हो गयी एक दूसरे की चूत चूसने लगी

मुझसे रहा नही गया मे अपना लंड निकाल के
मे उपर से ये नज़ारा देख पागल हुए जा रहा था

मुझसे रहा नही गया मे अपना लंड निकाल कर हिलाने लगा

मामी ऑर मम्मी दोनो गरम हो गयी दोनो की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी

मम्मी:भाभी अब रहा नही जा रहा ,कुछ करो

मामी:अभी करती हूँ ऑर मामी ने मुझे इशारा किया

मे तुरंत नीचे आ गया

मम्मी को पता था कि मे आ गया हूँ लेकिन शर्म के मारे अपना ध्यान मामी की चूत चूसने मे लगाया
मामी ने मम्मी को उपर ले लिया था ऑर मुझे इशारे से बोली लंड घुसा दे

मामी का मुँह मम्मी की चूत मे था इसलिए मेने अपना मुँह मम्मी की गान्ड पे रखा ऑर चाटने लगा

मम्मी शर्म के मारे कुछ नही कर पा रही थी,जब मेने देखा कि मम्मी गान्ड गीली हो गयी है तो मैने अपने लंड पे थूक लगाया ऑर लंड मम्मी की गान्ड पे रख दिया ऑर एक जोरदार झटका दिया,मम्मी के मुँह आह निकल गयी,मम्मी की रातभर गान्ड ठुकाई की थी इसलिए मुझे ज़्यादा परेशानी नही हुई लंड घुसाने मे ऑर मम्मी को भी ज़्यादा दर्द नही हुआ

मामी आँख मार कर इशारो मे कहती है बहुत बढ़िया ऑर आगे लंड घुसाने को कहती है

मामी की आँखो के सामने मम्मी की गान्ड मे मेरा लंड घुसा हुआ था

मामी आँखे फाड़ फाड़ के मेरे लंड को गान्ड से अंदर बाहर होते देख रही थी,मे जल्द ही धुआँधार गान्ड मारने लग गया,
अगले 15 मिनट बाद मेने मम्मी की गान्ड से लंड निकाला ऑर मामी के मुँह मे डाल दिया,मामी मेरे लंड को प्यार से चूसने लगी ,
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06-13-2019, 01:47 PM,
#80
RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे:मामी अब आप पलट जाओ ऑर मम्मी की चूत चूसो मे आपकी गान्ड मारता हूँ

मामी ने पलट कर मम्मी को अपने आगे ले लिया ऑर मम्मी की चूत चूसने लगी

मेने मामी की गान्ड पे ढेर सारा थूक लगाया ऑर लंड रखकर एक जोरदार झटका दिया,मेरा लंड माम्मी की गान्ड फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया

मामी:àआाआआईयईईईईईईई बेटा

इससे पहले ही मेने एक ऑर जोरदार झटका दिया ऑर मेरा पूरा लंड मामी की गान्ड मे उतर गया
मामी की फिर चीख निकली

लेकिन मम्मी ने मामी का सिर अपनी चूत मे दबा रखा था इसलिए काफ़ी हद तक मामी की चीख दब गयी लेकिन फिर भी एक दबी दबी चीख निकली

इसके बाद तो मेने मामी की गान्ड की ऐसी ठुकाई कि मेरे लंड की मार से मामी की गान्ड लाल पड़ गयी ,मेने फिर मम्मी को अपने निशाने पे लिया ऑर इस बार मेने मम्मी की गान्ड ठोकी

पूरा कमरे मे ठप ठप की आवाज़े सुनाई दे रही थी,दोनो बड़ी गान्ड की औरतो को अपनी गान्ड ठुकाई का अहसास बड़ा मोहक लग रहा था पर अब दर्द भरा होता जा रहा था

,मेरे लंड की मार से दोनो औरते की गांडे लाल पड़ गयी थी ,ऑर बचने की कोशिश करते हुए अपनी गान्ड पे पड़ रहे धक्कों को अपनी गान्ड इधर उधर हिलाकर बचने की कॉसिश करती

जब मे मम्मी की गान्ड मार रहा होता तो मामी को थोड़ा चैन मिलता ऑर जब मे मामी की गान्ड मार रहा होता तो मम्मी को चैन मिलता

बहुत देर हो गयी थी ,मुझे समझ नही आ रहा इतनी मस्त बड़ी बड़ी 2 गान्ड होने के वाबजूद मेरा पानी नही निकल रहा,मे बस अपनी ही धुन मे मामी ऑर मम्मी की गान्ड की ठुकाई कर रहा था

मम्मी:बेटा ऑर कितना मारेगा ,अब गान्ड भी जलने लगी है

मे:बस हो गया मम्मी

उसके बाद मे जितना दम था उतनी तेज़ी से धक्के मार रहा था,ऑर 10 मिनट बाद मेने थोड़ा थोड़ा पानी मम्मी ऑर मामी को पिला दिया

मामी:बेटा जबरदस्त गान्ड ठुकाइ की तूने तो ,क्यो सुधा

मम्मी:हाँ भाभी ,आज तो जबरदस्त ठुकाई हुई है गान्ड की

मे:मज़ा आ गया,मस्त गान्ड है तुम दोनो की

अब तूने दोनो की गान्ड की ठुकाई कर दी ,हमसे तो खेतो पे नही जाया जाएगा ,अब खेतो पे कॉन जाएगा,

मे:मे जाउन्गा

मामी:अकेला

मे:हाँ

मे थोड़ी देर वहाँ रुका ,फिर खेतो की तरफ निकल गया

रास्ते मे मुझे बदाहूर चाचा मिले

चाचा:अरे मोहित ,तुम्हारी माँ की हालत कैसी है

मे:ठीक है

चाच्चा:अच्छा,चलो कोई नही मे उधर ही जा रहा था देखता जाउन्गा

मे:ठीक है कह कर आगे बढ़ गया,तभी कालू मिला

कालू:ऑर दोस्त क्या हाल है ,चल आज़ा सिगरेट पीके आते है ,

मे:नही यार खेतो मे जाना है

कालू:तो मेरे पास है सिगरेट,तेरे खेतो मे चल कर पी लेंगे

खेतो मे बैठ कर सिगरेट पीने लगे ,ऑर इधर उधर की बाते करने लगे
तभी कालू ने पूछा

कालू:ये चाचा से क्या बात कर रहा था

मे:कुछ नही यार वो कल मम्मी को मोच आ गयी थी ,इसलिए पूछ रहा था

कालू:घर तो नही गया

मे:हाँ घर ही गया है

कालू:घर पे मम्मी अकेली है

मे:नही मामी है

कालू:मामा नही है

मे:नही

कालू:अबे भाग,इससे पहले कि चाचा तेरी मम्मी को भी अपना शिकार बना ले

मे थोड़ा घबराते हुए "क्या मतलबा है तुम्हारा"

कालू:अबे रास्ते मे बताउन्गा,चल आज़ा

ऑर हम दोनो घर की तरफ भागने लगे
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