Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 01:46 PM,
#1
Star  Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
वो शाम कुछ अजीब थी

भाइयो आपके लिए राजेश सरहदी की लिखी हुई एक और मस्ती से भरी कहानी लेकर आया हूँ , उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरा साथ ज़रूर देंगे , 

अपने मा बाप की तरहा सोनल भी डॉक्टर बन गयी. आज उसे उसकी डिग्री मिलनेवाली थी. सोनल बिल्कुल अपनी मा पे गयी थी – खूबसूरती की इंतेहा – जो भी उसे देखता तो बस देखता रह जाता. उसकी यही खूबसूरती उसकी सहेलियों में जलन का बायस बन गयी. क्यूंकी हर लड़का बस सोनल की ही कामना करता था और किसी ना किसी तरहा उसे पाटने की कोशिश करता था. चूँकि सोनल के मा बाप दोनो विख्यात डॉक्टर थे और कभी कभी कॉलेज में गेस्ट लेक्चर भी लिया करते थे इसलिए कभी किसी लड़के में इतनी हिम्मत ना हुई की सीधा उसे प्रपोज़ कर सके – क्यूंकी सब जानते थे की एक बार कोई भी प्रोफेसर उनके बारे में ग़लत राय बना लेगा तो ये पक्का है की वो जिंदगी भर डॉक्टर नही बन पाएँगे.

आज डिग्री मिलने के बाद सबके रास्ते अलग हो जाने थे इसलिए कुछ लड़के जो हर कीमत पर सोनल को पाना चाहते थे उन्होने एक प्लान बनाया था आज शाम की पार्टी में सोनल को नशा दे के उसके रूप रस का पान करने की और इसमे उनका साथ दे रही थी सोनल की ख़ास सहेली सोनालिका जो अंदर ही अंदर उस से बहुत जलती थी – ना सिर्फ़ खूबसूरती की वजह से बालिक लियाक़त की वजह से भी.

सोनल का एक ही छोटा भाई है सुनील जो उसे दो साल छोटा है वो भी सबके नक़्शे कदमों पे चलता हुआ उसी कॉलेज में म्बबस की पदाई कर रहा था. सुनील भी हमेशा क्लास में अवल रहता था और साथ ही उसे बॉडी बिल्डिंग का भी शोक था तो नियमित व्यायाम करने से उसने अपना जिस्म लोहे का बना डाला था. 

दोनो भाई बहन किसी और चीज़ में कोई दिलचस्पी नही दिखाते थे – उन्हें बस अपने मा बाप की तरहा अपना नाम बनाना था – इसलिए दोनो के एक आध ही दोस्त थे और दोनो किसी भी पार्टी वगेरह में नही जाते थे.

क्यूंकी सुनील वहीं हॉस्टिल में रहता था उसके कानो में उड़ती उड़ती खबर पहुँच चुकी थी की आज कुछ लड़के सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाले हैं. पर क्या और कोन ये सब उसे पता नही चल पाया था.

इधर सुनील सोच रहा था कि कैसे पता करे कॉन सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाला है – तो अचानक उसके दिमाग़ में आरुसि का ख़याल आ गया – आरुसि उसकी साथ ही पढ़ती थी और उसकी बड़ी बहन कामया सोनल के साथ. सुनील ने आरषि को फोन किया सारी बात उसे बताई और कामया को इस काम पे लगने के लिए कहा साथ ही ये बात भी की पार्टी के टाइम कामया जौंक की तरहा सोनल के साथ रहे – और जैसे ही कोई गड़बड़ दिखे तो सुनील को फोन कर दे. आरषि दिल ही दिल में सुनील से प्यार करने लगी थी – पर सुनील लड़कियों से सिर्फ़ काम की बात किया करता था कभी किसी को कोई खास लिफ्ट नही दी थी और ना ही किसी को ये जताया कि वो किसी को पसंद भी करता है – उसका सारा ध्यान बस पढ़ाई पे और टॉप करने में लगा रहता था.

सुनील के दिल के द्वार पे दस्तक देने के लिए आरषि को ये एक अच्छा मोका लगा और उसने काफ़ी देर तक कामया से इस बारे में बात करी. हालाँकि कामया और सोनल सिर्फ़ उपरी बातचीत करती थी दोनो में कोई खास दोस्ती नही थी पर जब कामया को पता चला कि कुछ लड़के सोनल की इज़्ज़त से खेलना चाहते हैं तो वो दिल से इस काम के लिए तयार हो गयी. पहला काम उसने ये किया कि सोनल को फोन कर उसे अपने साथ रहने की रिक्वेस्ट करी जिसे सोनल ने मान लिया क्यूंकी उसे तो किसी में कोई दिलचस्पी ना थी.

उधर हॉस्टिल के सीनियर विंग में रंजीत के कमरे में सोनालिका उसके बिस्तर पे नग्न लेटी हुई थी. सामने खड़ा रंजीत अपने कपड़े उतार रहा था.
Reply
01-12-2019, 01:46 PM,
#2
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘जल्दी करो ना – कोई आ गया तो’

‘हाई मेरी जान बड़ी आग लगी हुई है तुझे’

‘आग तो तुमने ही लगाई थी – अब इसे भुजाओ भी तो’ एक कातिलाना अंगड़ाई लेते हुए सोनालिका बोली.

अपने कपड़े उतार रंजीत बिस्तर पे चढ़ गया और सोनालिका को दबोचते हुए उसके होंठ चूसने लग गया.

सोनालिका रंजीत के लंड को सहलाने लगी और उसे अपने उपर खींचने लगी. रंजीत भी जानता था कि दोनो के पास आज ज़यादा वक़्त नही है वो भी उसके उपर चढ़ गया और उसके मम्मो को मसलते हुए अपने लंड को उसकी चूत से रगड़ने लग गया.

‘अहह अब डाल दो अंदर…..’ सोनालिका ज़ोर से सिसकी और अपनी गान्ड उपर करते हुए उसके लंड को अपनी चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी.

तभी रंजीत ने ज़ोर का धक्का लगाया और खच एक ही बार में पूरा लंड सोनालिका की चूत में घुसा दिया.

‘उूुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्ममममममममाआआआआआ’

सोनालिका ज़ोर से चिल्लाई और रंजीत ने उसी वक़्त बिना रुके सोनालिका को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया.

‘आह आह चोदो और ज़ोर से चोदो उम्म्म मज़ा आ रहा है’

सोनालिका ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेते हुए बड बड़ा रही थी और रंजीत तूफ़ानी मैल की तरहा उसकी चूत की कुटाई कर रहा था.

5 मिनट में ही दोनो साथ साथ झाड़ गये.

रंजीत हांफता हुआ उसकी बगल में गिर पड़ा.

जब उसकी सांस संभली तो उसने सोनालिका से कहा – ध्यान रखना आज सोनल को पार्टी में जो कोक मैं तुझे दूँगा वही पिलाना. 3 ग्लास अंदर जाते ही वो कब्ज़े में आ जाएगी.

सोनालिका – एक बार फिर सोच लो उसके माँ बाप दोनो बड़ी हस्ती है. 

रंजीत : सब सोच लिया है – उसकी वीडियो खींच लेंगे फिर सबकी ज़ुबान बंद रहेगी – तू वैसे कर जैसा तुझे कहा है.

सोनालिका : मैं तो कर दूँगी आगे तुम जानो – अच्छा चलती हूँ सोनल को पटाने में भी टाइम लगेगा.

सोनालिका के जाते ही रंजीत ने फोन कर अपने दो दोस्तों को बुलाया जिनके साथ मिल के आज उसने सोनल का गंगबॅंग करने का सोचा था.

आरषि : दी क्या बात है आज तो बिजलियाँ गिरा दोगि. संभाल के रहना कहीं कोई…..

कामया : चल हट – जो भी आए बोल देती है

आरषि : नही दी कसम से – काश मैं लड़का होती.

कामया : तो ?

आरषि : फिर तो अभी चढ़ जाती आप पे – क्या रस भरे होंठ हैं – कसम से जलन होती है – काश मैं भी आपकी तरहा सुंदर होती.

कामया : बन्नो अभी पढ़ाई पे ध्यान दे और तू भी किसी से कम नही है

आरषि ; अच्छा दी वो आज आप सोनल के साथ ही चिपक के रहना – कुछ भी 
गड़बड़ लगे तो सुनील को मिस कॉल मार देना. मैने उसे आपका नंबर दे दिया है और आप भी उसका नंबर सेव कर लो.
Reply
01-12-2019, 01:46 PM,
#3
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
कामया सुनील का नंबर अपने मोबाइल में सेव कर लेती है.

कामया : वैसे ये लफडा है क्या- तू तो जानती है मेरी सोनल से कुछ ज़यादा दोस्ती नही है – फिर वो क्यूँ मेरे साथ रहेगी.

आरषि : दी वो सुनील को किसी ने बताया है कि कुछ लड़के आज सोनल के साथ कुछ गड़बड़ करनेवाले हैं. इसलिए सुनील ने रिक्वेस्ट करी है कि आप सोनल के साथ रहो उसपे नज़र रखो और कुछ भी गड़बड़ लगे तो उसे मिस कॉल मार दो.

कामया : ह्म्म देख कोशिश करूँगी – बाकी देखते हैं क्या होता है.

आरषि : थॅंक्स दी. लव यू ( और वो कामया के गले लग जाती है)



इधर आरषि अपनी बहन को सोनल के साथ चिपके रहने के लिए समझा रही थी उधर रंजीत अपनी प्लॅनिंग कर रहा था.

सोनालिका के जाने के बाद ऊस्तम और शंकर उसके खास दोस्त पहुँच गये.

रंजीत : सुनो तुम दोनो – पार्टी में हम में से कोई भी सोनल के आसपास नही मंडराएगा. पार्टी में हम उसे ओवरलुक करेंगे.

ऊस्तम : क्या यार यही तो मोका है अंजान बनते हुए उसके जिस्म के लम्स का अहसास लेने के लिए.

रंजीत : शंकर समझा इस चूतिए को – भोंसड़ी के अगर उसके आसपास्स मंडराते हुए दिखे तो शक़ हम पे जाएगा – उसके पास सिर्फ़ सोनालिका रहेगी जो उसे कोक में वोड्का और आफ्रोडीज़िक की डोज देती रहेगी. हमारा काम पार्टी में सिर्फ़ सोनालिका को कोक के तयार ग्लास देने का है.


अंड तुम साले कुछ ना कुछ गड़बड़ कर दो गे पार्टी में. सोनालिका और सोनल को मैं हॅंडल करूँगा तुम दोनो पार्टी शुरू होने के आधे घंटे बाद बाहर निकल जाओगे और वॅन ले कर एक दम कॉलेज के गेट के पास ला कर इधर उधर हो जाओगे – जैसे ही सोनालिका सोनल को वॅन तक लाएगी घर छोड़ने के बहाने और वॅन में बिठाएगी तब तुम दोनो वॅन के एक एक दरवाजे से अंदर घुस जाओगे – बस उसके बाद वॅन मेरे फार्म हाउस पे ही रुकेगी.

सोनल जब शाम को रेडी होकर अपने कमरे से बाहर निकली तो सुनील भी वहीं था वो खास तौर पे हॉस्टिल से घर आया था ताकि वो सोनल के साथ रह सके ये बात अलग थी कि वो पार्टी के अंदर नही जा सकता था.

सुनील ने जब सोनल को देखा तो देखता ही रह गया. आज उसे इस बात का अहसास हुआ था कि उसकी बहन कितनी सुंदर है. सुनील की नज़रों में सोनल के लिए प्रशंसा का भाव था उसमे कोई भी वासनात्मक भाव नही था. सुनील ने कभी भी अपनी बहन की तरफ वासनाकमक दृष्टि नही डाली थी. दोनो का प्रेम आपस में स्वच्छ था.

तभी वहाँ कामया भी आ गयी, कामया ने जब सोनल को देखा तो उसका भी मुँह खुला रह गया दिल ही दिल में नश्तर चुभने लगे क्यूंकी पार्टी में सब की नज़रें सोनल पे ही ठहर जाएँगी. ये बात वो समझ गयी थी.
Reply
01-12-2019, 01:46 PM,
#4
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील ने दोनो को कॉलेज छोड़ दिया जहाँ पार्टी होनी थी और खुद वहीं आस पास मंडराने लगा. उसने सोनल को बिल्कुल भी भनक नही लगने दी थी कि उसने कुछ सुना है आज की पार्टी के बारे में.

पार्टी में सबकी नज़रें सोनल पे टिक गयी हर लड़का उसके करीब होने की उसे बात करने की कोशिश करता, कामया भी उसके पास रही.

प्रोफेस्सर्स ने एक दो लेक्चर दिया पूरे बॅच की प्रशंसा करी और फिर सब को मस्ती करने की छूट दे दी.

कुछ देर डॅन्स हुआ जिससे सोनल ने अवाय्ड करा इसी बीच कामया को उसे अलग होना पड़ा क्यूंकी उसका बाय्फ्रेंड उसे डॅन्स के लिए खींच कर ले गया और यही टाइम था जब सोनालिका सोनल के करीब गयी और उसे कोक ऑफर करी. ये वो कोक थी जिसमे वोडका और आफ्रोडीज़िक मिली हुई थी. सोनल को अजीब टेस्ट लगा पर सोनालिका को पीते देख वो भी पीने लगी.

जब तक कामया वापस सोनल के पास पहुँचती सोनल 3 ग्लास पी चुकी थी. उसके कदमो में थोड़ी लड़खड़ाहट आ गयी थी. उसका जिस्म जलने लग गया था एक अंजान सी उत्तेजना उसके जिस्म में बढ़ती जा रही थी. दिल कर रहा था कि कपड़े फाड़ डाले.

इससे पहले की कामया सोनल से कुछ बात कर पाती.

सोनालिका : यार सोनल तेरी तबीयत कुछ ठीक नही लग रही है. चल हॉस्टिल में चलते हैं कुछ देर आराम कर लेना फिर घर चली जाना.

यही वक़्त था जिसे कामया ताड़ गयी थी और उसने सुनील को मिस कॉल कर दी.

सुनील कॉलेज के बाहर इधर उधर टहल रहा था. कामया की जैसे ही कॉल आई वो फटाफट अपनी कार ले के कॉलेज की तरफ बढ़ा ज़यादा दूर नही था. इससे पहले कि वो कार कॉलेज के अंदर ले जाता एक और कार उससे पहले कॉलेज के गेट पे आके रुकी. सुनील ये सोचा कि ये कार भी कॉलेज में घुसेगी वहीं अपनी कार में बैठा रहा. 

तभी उसकी नज़र डोर अंदर से लड़खड़ाती हुई सोनल पे पड़ी. वो कार से निकल अंदर की तरफ भागने वाला ही था कि रंजीत के दोस्तों ने उसपे हमला कर दिया हमला अचानक था सुनील को संभलने का मोका नही मिला और वो पिटने लगा पर बीच बीचमें उसके भी तगड़े हाथ उनपे पड़ ही जाते थे. तब सोनालिका ने सोनल को उस कार में बिठाया और उसी वक़्त किसी ने सुनील के सर पे बियर की बॉटल दे मारी. सुनील लड़खड़ा के गिरा पर इससे पहले कि रंजीत कार में बैठ पाता- सुनील ने उसकी टांग पकड़ उसे गिरा दिया और अपने दर्द को भूल वो पागलों की तरहा रंजीत पे टूट पड़ा.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#5
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल ने सोनालिका के कंधों पे सर टिका दिया था और उसके सहारे वो बाहर निकली अब तक उसे होश ना रहा था कि वो कहाँ जा रही है बस कदम चल रहे थे किसी तरहा. सोनल को कोई होश ना था जब सोनालिका ने उसे कार में धकेला.

इधर कामया ने मार पिटाई देखी उसने लगातार तीन फोन करे – पहला एक प्रोफेसर को जो हॉस्टिल में ही रहता था- दूसरा पोलीस को और तीसरा सोनल के घर.

रंजीत के दोस्तों ने जब रंजीत को पिट देखा तो वो फिर सुनील पे टूट पड़े. इस वक़्त सुनील पागल हो चुका था दर्द क्या होता है वो भूल चुका था उसे बस अपनी बहन को बचाना था.

वो तीनो से लड़ता रहा किसी को कार तक ना पहुँचने दिया.

जिस प्रोफेसर को कामया ने फोन किया था वो हॉस्टिल से कुछ लड़के ले वहाँ पहुँचा तब तक सुनील बहुत ज़ख्मी हो चुका था. वो लड़के अब रंजीत और उसके साथियों पे पिल पड़े – मदद मिलती देख सुनील को राहत पहुँची उसने सोनल को अपनी कार में किसी तरहा डाला और ज़ख्मी हालत में कार ले भागा. कार सीधा उसके घर के दरवाजे पे जा के रुकी और उसका सर स्टियरिंग व्हील पे गिर गया जिससे लगातार हॉर्न बजने लगा – वो बेहोश हो चुका था.

पोलीस के आने से पहले रंजीत और उसके साथी किसी तरहा जान बचा के भाग गये सोनालिका भी मोके का फ़ायदा उठा के गायब हो गयी.

रंजीत को तो पहचान लिया गया था इसलिए प्रोफेसर और बाकी लड़कों ने उसका हुलिया पोलीस को दे दिया. बाकी दोनो ने अपने चेहरे पे नक़ाब ओढ़ रखा था इसलिए पहचाने ना जा सके..

इधर सोनल की माँ कॉलेज की तरफ निकल चुकी थी और उसके डॅड हॉस्पिटल से कॉलेज की तरफ निकल चुके थे, घर पे एक नोकर ही था जो बहुत पुराना था और बुजुर्ग था. वो काफ़ी टाइम से इनके यहाँ नोकरी करता था.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#6
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
घर के बार लगातार हॉर्न बजने से वो बाहर निकला तो देखा गाड़ी घर के गेट से सटी हुई है और लाइट्स जल रही हैं, उसने कार को पहचान लिया और भाग कर कार की तरफ लपका.

सामने स्टियरिंग पे सुनील ज़ख्मी बेहोश पड़ा था और पीछे सोनल बेहोश पड़ी थी. 

नोकर अंदर भाग के दो चद्दर लाया – उसने सोनल को चद्दर से ढका और फिर किसी तरहा सुनील को आगे दूसरी सीट पे कर ड्राइविंग सीट संभाली जो खून से लथपथ थी – इतना टाइम नही था कि वो सीट वगेरह सॉफ करता.

उसने अपने मालिक यानी सुनील के डॅड और मोम को फोन किया और कार हॉस्पिटल की तरफ दौड़ा दी.

सुनील को सीधा ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सोनल को आइक्यू में दोनो का उपचार शुरू हो गया.

सुनील को सर पे काफ़ी घाव थे सर पे बॉटल के मारे जाने से उसके सर में बहुत जगह छोटे छोटे काँच के टुकड़े धँस चुके थे. जिस्म में जगह जगह चोट के निशान थे और बाई टाँग और दाँये हाथ में फ्रॅक्चर था.

करीब चार घंटे बाद डॉक्टर्स की टीम बाहर निकली ऑपरेशन थियेटर से बाहर सुनील के मोम दाद दोनो माजूद थे. डॉक्टर्स की टीम में जो मेन डॉक्टर था वो सुनील के डॅड का खास दोस्त था.

ऑपरेशन सफल रहा था बस सुनील को 24 घंटे में होश आ जाना चाहिए.
उधर सोनल का पेट सॉफ किया जा चुका था और उसे नशे की एंटी दवाइयाँ दी जा चुकी थी – जब सोनल कोई दो घंटे बाद होश में आई तो उसने सीधा सुनील के बारे में पूछा बेहोश होते होते उसने देख लिया था कि उसका भाई उसकी आबरू बचाने के लिए लड़ रहा है.

सोनल को बहुत दिमागी तौर पे झटका लगा था – इसलिए उसे नींद का इंजेक्षन लगा दिया गया था.

सोनल की माँ सोनल के सिरहाने बैठी आँसू बहा रही थी अपने बच्चों की हालत पे – एक तरफ उसके दिल को ये सकून था कि उसके बेटे ने राखी का फ़र्ज़ अदा कर दिया था दूसरी तरफ उसकी हालत बर्दाश्त नही हो पा रही थी.

रात भर दोनो माँ बाप कभी सोनल को देखते तो कभी सुनील को.

24 घंटे हो गये सोनल नींद से जाग चुकी थी पर सुनील को होश नही आया था.

सोनल अब नॉर्मल थी. जब वो नींद से जागी तो उसकी माँ उसके पास ही बैठी हुई थी. 

जागते ही उसने सुनील के बारे में पूछा. माँ की आँखों से आँसू टपक पड़े. 

‘माँ बताओ ना भाई कहाँ है? कैसा है?’

माँ के मुँह से कोई बोल ना निकले और वो रोने लगी. तभी सोनल के डॅड भी वहाँ पहुँच गये. अपनी बीवी को यूँ रोते देख उसे दिलासा देने की कोशिश करने लगे.

‘सुमन – ये क्या बच्पना है – तुम खुद एक डॉक्टर हो फिर ऐसे क्यूँ बिहेव कर रही हो. ठीक हो जाएगा वो – ऑपरेशन ठीक हुआ है. मैने सारी रिपोर्ट्स चेक कर ली हैं.’

सुमन रोते हुए ही बोली ‘ सागर डॉक्टर हूँ तो क्या एक माँ भी तो हूँ – जिसका बेटा मौत से लड़ रहा है’

सोनल : ये क्या कह रही हो माँ – मुझे अभी भाई के पास ले चलो – डॅड कहाँ है वो क्या हुआ उसे.

सागर : बेटी तेरे भाई ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है तेरी राखी की लाज रखने के लिए. उसे बहुत गहरी चोटे आई हैं. सर में काँच घुस गये थे हाथ और टाँग में फ्रॅक्चर भी है. 24 घंटे में उसे होश आ जाना चाहिए था पर अभी तक उसे होश नही आया.

सोनल : नही नही ये क्या कह रहे हो भाई को इतनी चोट लगी – मुझे अभी ले चलो भाई के पास.

सागर : बेटी वो आइसीयू में है – और तुम जानती हो आइसीयू के टाइमिंग्स होते हैं.

सोनल : मैं एक डॉक्टर की हैसियत से तो जा के उसे देख सकती हूँ.

सागर : ठीक है जाओ मिल आओ अपने भाई से.

सागर खुद अंदर से टूट चुका था पर बीवी और बेटी के सामने उसने अपनी हिम्मत को टूटता हुआ नही दिखाया.

सोनल आइसीयू में जाती है जहाँ सुनील जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था. सोनल उसका हाथ अपने हाथ में थाम लेती है.

‘होश में आओ भाई – देखो तुम्हारी सोनल तुम्हारे पास है- आँखे खोलो भाई नही तो मैं रो पड़ूँगी’

कुछ दिलों के तार आपस में जुड़े होते हैं. सुनील के हाथ में थोड़ी हरकत होती है. वो सोनल के हाथ को पकड़ लेता है.

सोनल उसके उपर झुकती है और उसके आँसू टॅप टॅप सुनील के चेहरे पे गिरने लगते हैं. 
‘भाई होश में आओ भाई – मुझ से बात करो – मुझ से बात करो भाई – देखो में बिल्कुल ठीक हूँ – तुम तो मेरे हीरो हो भाई – अब इस बहन को और मत तडपाओ – मोम भी रो रही हैं’

सुनील की पलकें झपकने लगती हैं और वो धीरे धीरे अपनी आँखें खोलता है पर उन आँखों में एक शुन्य था – वो अपने उपर झुकी सोनल को पहचान नही पाता.

सोनल उसे पुकरती जा रही थी. पर सुनील कोई जवाब नही देता.

सोनल घबरा जाती है और भाग के अपने मोम डॅड के पास जाती है.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#7
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘डॅड – मोम – भाई होश में आ गया पर पर वो वो….’ और सोनल की रुलाई फुट पड़ती है.


सुमन और सागर फटाफट सुनील के पास जाते हैं. डॉक्टर्स की टीम भी इस बीच वहाँ पहुँच जाती है.

सुनील इस वक़्त शॉक में था – वो किसी को पहचान नही पा रहा था. उसका चेक अप करने के बाद डॉक्टर उसे नीद का इंजेक्षन देदेते हैं ताकि दिमाग़ पे ज़ोर ना पड़े.

सोनल वहीं सुनील का हाथ पकड़ बैठ जाती है - वो वहाँ से हिलने को बिल्कुल तयार ना थी.

अगले दिन सुनील जब जागा तो देखा सोनल वहीं उसके पास उसके हाथ को अपने हाथ में पकड़े स्टूल पे बैठी बिस्तर पे सर टिकाए सो रही थी.

सुनील को सारे जिस्म में काफ़ी दर्द हो रहा था. उसके मुँह से कराह निकली जिसने 
सोनल की नीड तोड़ी और उसने सर उठा अपने भाई की तरफ देखा.

‘भाई तुझे होश आ गया – ओह गॉड – थॅंक यू गॉड – हम सब बहुत डरे हुए थे भाई – कल तू किसी को पहचान नही रहा था- आइ आम सो हॅपी भाई – अभी मोम डॅड को फोन करती हूँ’

‘अहह’ सुनील फिर कराहा ‘ बहुत दर्द हो रहा है यार’

सोनल – नर्स को इशारा करती है जो ऑन ड्यूटी डॉक्टर को बुला लाती है.

वो सुनील को अच्छे से चेक करता है और दर्द से निवारण दिलाने के लिए एक इंजेक्षन लगा देता है. 

इतने मे सोनल मोम डॅड को फोन कर देती है और आधे घंटे में दोनो वहाँ पहुँच जाते हैं.

अपने बेटे को होश में आया देख दोनो बहुत खुश थे.

सागर : आइ आम प्राउड ऑफ यू सोन – यू सेव्ड युवर सिस.

सुमन : मेरा राजा बेटा बहुत बहादुर है – तूने मेरे दूध की लाज रख ली वरना किसी को मुँह दिखाने के काबिल ना रहते.

सुनील : अहह (दर्द की वजह से बोल नही पा रहा था)

तभी वहाँ पोलीस इनस्पेक्टर भी पहुँच जाता है सुनील का बयान लेने जिसे उसके डॅड रफ़ा दफ़ा करते हैं कि जब तक वो कुछ ठीक नही होता उसे कोई डिस्टर्ब ना करे.

सुनील पे दवाइयाँ अपना असर दिखाने लगती हैं और उसे फिर नींद आ जाती है – 

सुनील को ड्रिप्स के ज़रिए ग्लूकोस और नमक दिया जा रहा था – और उन्ही बॉटल में इंजेक्षन भी डाल दिए जाते थे.

दो घंटे बाद सुनील फिर जागा तो उसके एक्स्रे लिए गये – सर में जो चोटे थी वो ठीक हो रही थी. उसकी सभी ड्रेसिंग बदली गयी और नर्स ने ही उसे हल्के गरम पानी में भिगोएे तोलिये से उसकी सपंगिंग करी .

शाम तक सुनील को आइसीयू से प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया गया. ये रूम किसी होटेल के रूम से कम ना था अटेंडेंट के लिए बाक़ायदा एक अलग बेड था कमरे में टीवी फ्रिज दोनो थे और विज़िटर्स के लिए दो चेर्स भी थी.

शाम को ही जब वो रूम में शिफ्ट हुआ तो उसके सारे प्रोफेस्सर्स और उसकी पूरी क्लास के लड़के लड़कियाँ उसे मिलने आए. देखा जाए तो पूरा कॉलेज उससे मिलने आया था. पूरा कमरा गेट वेल सून के कार्ड्स और फूलों से भर गया.
सब उसे मिलके चले गये और एक लड़की पीछे रह गयी रजनी जिससे सुनील की अच्छी दोस्ती थी पर अभी तक दोनो में ऐसी कोई बात नही हुई थी और नाएक दूसरे को प्रपोज़ किया था.

रजनी : सोनल तुम घर जा के थोड़ा आराम कर लो तब तक मैं रुकती हूँ यहाँ.

सोनल : नही नही ऐसी कोई ज़रूरत नही – इट’स ऑल ओके जब ज़रूरत पड़ेगी तो ज़रूर तुम्हें तकलीफ़ दूँगी.

रजनी : सुमन की तरफ मुड़ते हुए. – आंटी कहिए ना इसे थोड़ा आराम कर ले घर जा के वरना इस तरहा तो ये बीमार पड़ जाएगी.

सागर : हां सोनल चलो बेटी – घर चलो सुनील अब ठीक है बस जख्म भरने में थोड़ा समय लगेगा.

सोनल : डॅड – मोम प्लीज़ – आप बस मेरे कुछ कपड़े ले के आ जाना – जब तक भाई यहाँ है मैं इसके साथ ही रहूंगी.

रजनी ने एक हसरत भर नज़र सुनील पे डाली और मन मसोस के वहाँ से चली गयी.

थोड़ी देर में सागर भी चला गया उसे हॉस्पिटल में राउंड लेना था अपने पेशेंट्स देखने के लिए. सुमन ने तो लंबी छुट्टी ले ली थी. वो घर जा के सोनल के कपड़े ले आई.

सोनल वहीं बाथरूम में नहाई फ्रेश हुई और साथ लगे बिस्तर पे लेट गयी.

सुमन अपने बेटे के पास बैठी प्यार भरी नज़रों से उसे देख रही थी.

सुनील को फिर नींद ने घेर लिया था. इतने लोगो से मिलने की वजह से वो कुछ थक सा गया था.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#8
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
एक हफ्ते बाद सुनील के घाव भर चुके थे बस प्लास्टर रह गया था हाथ और टाँग में. उसके सारे दोस्त हॉस्पिटल पहुँच चुके थे उसे घर ले जाने के लिए जहाँ उसका पूरा मोहल्ला भी इंतेजार कर रहा था उसके स्वागत के लिए- और करते भी क्यूँ ना एक ऐसी मिसल कायम कर दी थी जिसका जिक्र हर रोज एक माँ अपने बेटे से किया करती थी – कि वक़्त पड़ने पे उसे भी ऐसे ही अपनी बहन की लाज की रक्षा करनी थी.

रंजीत और उसके दोस्त शायद शहर छोड़ के भाग चुके थे क्यूंकी उनका कोई सुराग नही मिल रहा था.


खैर सुनील घर पहुँचता है अपनी बहन सोनल और दोस्तो के साथ तो उसके स्वागत की भव्य तैयारी थी. सुमन ने पूरा घर महकते हुए फूलों से सज़ा रखा था और अपने हीरो बेटे के लिए दरवाजे पे तिलक का थॉल लिए खड़ी थी.

अपने दोस्त और सोनल के कंधों का सहारा ले सुनील अपनी माँ के सामने जा खड़ा हुआ सुमन ने उसका तिलक किया और उसके सर पे प्यार भरा एक चुंबन जड़ दिया – फिर उसकी बालाएँ लेते हुए नोटों का एक बंडॉल उछाल दिया ग़रीब बच्चों के लिए जो आस पास आस लगाए इंतेज़ार कर रहे थे.

सुनील को घर के अंदर ले जाया गया और आराम से उसके बिस्तर पे उसे लिटा दिया गया.

बहुत से मिलनेवाले आते रहे और सुमन और सागर को बधाई देते रहे ऐसे होनहार और साहसी बेटे के माँ बाप होने का गौरव प्राप्त करने के लिए.

इस दोरान सोनल सुनील की हर छोटी से छोटी तकलीफ़ और उसकी ज़रूरत को समझ चुकी थी और वही उसका ख़याल रख रही थी.

सुनील लोगो से मिल के थक चुका था और फिर सोनल एक दीवार बन के खड़ी हो गयी की अब उसे आराम करना है जिसने भी मिलना हो बाद में मिले.

गर्मी का मौसम था इसलिए सुनील को प्लास्टर के अंदर बहुत खारिश होती थी और वो बहुत तड़प्ता था पर इस बात का कोई इलाज नही था हां उसके कमरे में ए/सी लगवा दिया गया था.

हॉस्पिटल में तो नर्स सुनील की स्पॉंगिंग करा करती थी अब घर में कॉन करे ये बात सुमन सोच रही थी – जवान बेटे का नग्न जिस्म देखना उसके दिल को गवारा ना था वो इन बातों को सोच ही रही थी और जब वो सुनील के कमरे की तरफ बढ़ी तो देखा की सोनल ने सिर्फ़ अंडरवेर छोड़ उसके सारे कपड़े उतार रखे थे और बड़े प्यार से भाई की सपंगिंग कर रही थी ठंडे पानी में भीगे तोलिये से.

जवान बड़ी बहन अपने छोटे जवान भाई के जिस्म की सपंगिंग कर रही थी ये देख सुमन को पहले तो गुस्सा चढ़ा फिर उसके दिमाग़ में ये ख़याल आया की सोनल की जगह उसे खुद ये काम करना चाहिए. 

अभी वो ये सोच रही थी कि सपंगिंग ख़तम हुई और सोनल ने सुनील को कपड़े पहना दिए फिर दवाई दे कर बाहर निकलने को हुई तो सुमन वहाँ से हट गयी. 

दोनो भाई बहन में पवित्र प्रेम था और सोनल अपने भाई का पूरा ख़याल रख रही थी यहाँ तक कि उसने एमडी के लिए अड्मिशन भी नही लिया ताकि हर समय वो आवने भाई के साथ रह सके. सुनील का भी इस हादसे की वजह से पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा था.

अपने जवान बेटे की ये हालत देख सुमन अंदर ही अंदर बहुत रोती थी पर बस में कुछ होता तो ही कुछ कर पाती.
दोनो भाई का अटूट प्रेम देख उसके दिल को बहुत खुशी मिलती थी पर सोनल का यूँ स्पॉंगिंग करना उसे अंदर ही अंदर जाने क्यूँ खल रहा था. वक़्त क्या कुछ नही करवा देता और जब दो जवान जिस्म एक दूसरे के बहुत करीब रहने लगें तो आग का भड़कना निश्चित ही होता है.

हालाँकि दोनो के व्यवहार में ऐसा कुछ भी नही झलकता था पर सुमन को अंदर ही अंदर ये डर लगने लग गया था कि कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए – उसने भी अपने काम से लंबी छुट्टी ले ली थी.

सुमन ने सोनल को बहुत समझाया कि वो अपनी एमडी ना छोड़े अपना साल मत बर्बाद करे पर सोनल का एक ही जवाब होता – जब तक उसका हीरो बिल्कुल ठीक नही हो जाता वो उसके साथ ही रहेगी उसकी देखभाल करेगी.

सोनल की ज़िद के आयेज सुमन चुप रह गयी.

कुछ देर बाद घर की बेल बजी – रजनी आई थी सुनील से मिलने.

उस वक़्त सोनल नहाने चली गयी थी अपने कमरे में. सुमन ने रजनी को सुनील के कमरे में बिताया और खुद उसके लिए चाइ बनाने चली गयी.

रजनी : अब कैसे हो?

सुनील : देख लो तुम्हारे सामने हूँ बिस्तर से बँधा हुआ.

रजनी : तुम्हारे बिना कॉलेज बहुत सूना सूना लगता है. जल्दी ठीक हो जाओ यार.

सुनील : यार मेरा तो ये साल गया – तीन महीने लग जाएँगे टाँग के प्लास्टर को खुलने में और इतनी क्लासस मिस करने के बाद कोप अप नही कर पाउन्गा बाद में.

रजनी : क्लासस की तुम चिंता मत करो. मैने सर से बात कर ली है – जब वो लेक्चर देंगे तो साथ ही रेकॉर्ड होता रहेगा और मैं रोज आ कर तुम्हें रिकोडिंग और नोट्स दे दिया करूँगी ताकि तुम क्लास के साथ बने रहो.

सुनील : अरे वाह ये हुई ना बात. ये सब हो गया तो कोई चिंता नही. बिस्तर पे पड़े पड़े तो वैसे ही बोर हो जाता इस बहाने साथ साथ पड़ता रहूँगा और क्लास में पीछे भी नही रहूँगा.

रजनी : तुम्हारे लिए कुछ भी – ये तो कुछ भी नही है.

सुनील : इधर तो आओ – मेरे पास बैठो.

रजनी उठ के सुनील के पास उसके बिस्तर पे बैठ गयी.

सुनील : और पास आओ ना.

रजनी : ना बाबा कोई आ गया तो. तुम तो मेरा यहाँ आना भी बंद करवा दोगे.

सुनील : यार प्लीज़ एक छोटा सा किस देदो जल्दी.

रजनी : छी बेशर्म.

सुनील : प्लास्टर में बँधा ना होता तो बताता तुम्हें.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#9
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
रजनी की साँसे तेज हो गयी दिल की धड़कन बढ़ गयी. उसने झुक के सुनील के होंठों पे अपने होंठ सटा दिए और फिर एक दम हट के कुर्सी पे बैठ गयी. उसका चेहरा पूरा लाल सुर्ख था. 

सुनील और रजनी दोनो ही नही जानते थे कि दो आँखें इन्हें देख रही थी और उनमे काफ़ी गुस्सा आ गया था.

इधर रजनी कुर्सी पे बैठती है उधर सुमन चाइ ले कर कमरे में आ जाती है.
चाइ पीते वक़्त इधर उधर की बातें होती रहती हैं और रजनी अगले दिन का आने को कह चली जाती है.

सुमन दूसरे कामो में लग जाती है और सोनल सुनील के पास आ के बिस्तर पे बैठ जाती है.

गीले बालों से टपकती बूंदे जो कभी उसके गालों पे गिरती तो कभी उसके उरोजो की घाटी में . गुलाबी चेहरा इस वक़्त गुस्से से लाल सुर्ख था. उसने रजनी को सुनील का चुंबन लेते देख लिया था. 

वैसे तो दोनो भाई बहन एक दूसरे को पूरी स्पेस देते थे कभी पर्सनल मामलों में टाँग नही अड़ाते थे पर आज जब रजनी ने सुनील को किस किया तो सोनल जाने क्यूँ बर्दाश्त नही कर पाई.

सुनील ने सोनल को बताया कि रजनी रोज आएगी और क्लासस की रेकॉर्डिंग देके जाएगी तो सोनल अंदर ही अंदर और जल गयी कि रजनी अब रोज सुनील के साथ वक़्त बिताएगी.

सोनल : तू चिंता मत कर वो आए या ना आए मैं तुझे रोज पढ़ाउंगी – तेरा कोर्स साथ साथ चलेगा और मेरी भी रिविषन होती रहेगी. पर अभी कुछ दिन रेस्ट कर ज़ोर मत डाल खुद पे.

सुनील सोनल के चेहरे की तरफ ही देख रहा था. गालों पे पानी की बूंदे बहुत प्यारी लग रही थी पर आँखों में कुछ था जो सुनील समझ नही पा रहा था और सोनल की आवाज़ में भी कुछ तल्खी थी जो उसने आज तक नही देखी थी.

सुनील : दी बात क्या है? कुछ उखड़ी सी लग रही हो.

सोनल अपने दिल की बात छुपा जाती है ‘ ना कुछ नही – बस यूँ ही गुस्सा चढ़ गया था तेरा कितना नुकसान हो रहा है ना और वो भी मेरी वजह से’

सुनील : किसने कहा मेरा कोई नुकसान हो रहा है. और तुम ये उटपटांग क्या सोचने लग गयी हो.

सोनल : यार मैं सोच रही थी कि अगर तू ना होता तो मेरा क्या हश्र हुआ होता. 

आज सोनल ने सुनील को पहली बार यार बोला था. लेकिन सुनील ने इस पर कोई ध्यान नही दिया. 

सुनील : अब दुबारा ऐसी कोई बात बोली तो कभी बात नही करूँगा.

सोनल मुस्कुराते हुए अपने कान पकड़ लेती है ‘ सॉरी बाबा अब नही बोलूँगी’

और सोनल सुनील की छाती पे अपना सर रख देती है.

एक अजीब सा सकुन मिलता है सोनल को और सुनील प्यार से उसके सर पे हाथ फेरने लगता है.

तभी सागर आता है और सोनल पहले से ही ठीक होके बैठ जाती है.

अगले दिन रजनी शाम को पहुँच गयी और सुनील को अब तक हुई पढ़ाई के बारे में नोट्स देते हुए समझाने लगी.

जाने क्यूँ सोनल को रजनी का आना अच्छा नही लगा दिल तो किया कि बाहर चली जाए – पर उस दिन दोनो का चुंबन देख वो अब दोनो को तन्हा नही छोड़ना चाहती थी. 

अंदर ही जलती हुई वो दोनो के पास बैठी रही.
Reply
01-12-2019, 01:47 PM,
#10
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
वक़्त गुजरने लगा रजनी रोज आती रही और सोनल अंदर ही अंदर जलती रही. जब भी अकेली होती तो खुद से पूछती उसे रजनी का आना बुरा क्यूँ लगता है पर उसके पास कोई जवाब नही होता. अपने आप में वो परेशान रहने लगी और सुनील का देखभाल और भी ज़यादा करने लगी.



यूँ ही तीन महीने गुजर गये और सुनील के दोनो प्लास्टर काट दिए गये. अब उसे कुछ एक्सरसाइज़ज़ करनी थी कि जिस्म में वही ताक़त वापस आ सके.



सोनल खुद उसे वो एक्सर्साइज़ कराने लगी. हफ्ते बाद सुनील ने कॉलेज जाना शुरू कर दिया. सोनल ने अपने डॅड को मजबूर कर कॉलेज से पर्मिशन ले ली कि सुनील अभी हॉस्टिल में नही रहेगा जब तक वो पूरी तरहा ठीक नही हो जाता.



सोनल सुनील को रोज एक्सर्साइज़ करवाती खुद उसे कॉलेज छोड़ती और शाम को लेने भी पहुँच जाती.



सुनील प्रॅक्टिसस में बहुत पीछे रह गया था उसने प्रीसिपल से पर्मिशन ली कि वो सनडे को आ कर लॅब में प्रॅक्टिसस कर सके और जल्द से जल्द क्लास के बराबर पहुँच सके.



सुनील पूरे कॉलेज का चहेता बन चुका था इसलिए प्रिन्सिपल ने उसे इज़ाज़त दे दी यहाँ तक कि प्रोफेस्सर्स भी सनडे को आते उसे प्रेक्टिकल करने के लिए.



सुनील सनडे को भी बिज़ी हो गया और सोनल के लिए घर में सनडे काटना मुश्किल हो गया. जाने क्यूँ उसके दिल में यही ख्वाहिश रहने लगी कि वो हर दम सुनील के साथ रहे.



सागर ने ये सोचा कि उसकी बेटी सोनल क्यूंकी अब घर में खाली बैठी रहती है इसलिए उदास रहती है. उसकी उदासी का असली कारण तो वो जान नही पाया पर उसके ख़ालीपन को दूर करने के लिए उसने अपने ही हॉस्पिटल में उसे ट्रेनी लगवा दिया.



सोनल का भी वक़्त हॉस्पिटल में गुजरने लगा. यहाँ उसकी मुलाकात माधवी से हुई जो उससे एक साल सीनियर थी पर किसी और मेडिकल कॉलेज से आई थी. दोनो बहुत जल्द एक दूसरे की सहेली बन गयी.



सोनल का वक़्त तो गुजरने लगा मरीजों और अपनी नयी सहेली के साथ पर दिल हमेशा एक आवाज़ लगाता सुनील के पास चल ना – देख कितने दिन हो गये उससे ढंग से बात भी नही हो पाती.



पर सुनील के पास वक़्त ही कहाँ था एमबीबीएस करना कोई मज़ाक तो था नही और वो भी तब जब 3 महीने की क्लासस मिस हो चुकी हूँ.

सुनील अपनी पढ़ाई में खो गया और उसे इस बात का तनिक भी एहसास नही हुआ कि सोनल उसे मिस करने लगी है.
..................................................
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,296,692 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 521,925 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,149,782 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,126 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,540,644 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,985,523 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,794,382 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,506,558 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,822,600 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 265,873 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)