Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
07-05-2019, 02:06 PM,
#1
Lightbulb  Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
रेशमा - मेरी पड़ोसन

मेरा नाम अवी है
ये स्टोरी मेरी पड़ोसन और मेरे बीच शुरू हुए नये रिश्ते की है
इस रिश्ते की शुरुआत 6 महीने पहले मुंबई मे हुई थी
पहले मैं अपने बारे में बताता हूँ
मेरी एज 27 है , दिखाने मे ठीक ठाक हूँ , पढ़ाई मे भी आव्रेज हूँ
मैं इंजिनियर हूँ पर बेरोज़गार नही हूँ
जब इंजिनियरिंग कर रहा था तब सीनियर ने पहले दिन ही रॅगिंग लेते हुए इंजिनियरिंग का मीनिंग
पूछा था
हम सब जूनियर अजीब अजीब आन्सर दे रहे थे
किताबी कीड़े ने तो लंबी लंबी डेफ़िनेशन बता दी
पर सीनियर ने कहा कि सबका आन्सर ग़लत है
इंजिनियरिंग का दूसरा मीनिंग होता है बेरोज़गार
उस दिन तो सीनियर की बात पे हँसी आई थी
लेकिन जैसे इंजिनियरिंग कंप्लीट हुई तो समझ मे आ गया कि सीनियर सही थे
इंजिनियरिंग मतलब बेरोज़गारी होती है
पर मेरा मतलब इतना भी खराब नही था
6 महीने तक तो मैं भी बेरोज़गार ही था
पर मेरी किस्मत भी चमक गयी
मुझे भी जॉब मिल गयी
इंजिनियरिंग को जॉब मिलना मतलब रेगिस्तान मे पानी मिलने जैसा था
जॉब मिलते ही मेरी जान मे जान आई
मेरी तो निकल पड़ी पर मेरे फ्रेंड अभी भी लगे हुए थे जॉब की तलाश मे
तो मुझे इंजिनियर बनते ही 6 महीने मे जॉब मिल गयी
जॉब मिलते ही जेब मे पैसे आ गये
शुरुआत कम सॅलरी से हुई पर बेरोज़गार होने से अच्छा है कि कुछ पैसे कमा लो
जॉब छोटी हो तो उसको मेहनत से बड़ी बना सकते है , इंजिनियर तो कुछ भी कर सकते है ,
मेरे पिताजी तो खुश थे कि मैं कमाने लगा हूँ
जॉब जाय्न करते ही मैं अपनी मेहनत से तरक्की के रास्ते खोलने लगा
देखते देखते मेरे पास प्रॉजेक्ट आने लगे
मेरी टीम मे मेरा पर्फॉर्मेन्स अच्छा था
हर प्रॉजेक्ट के साथ मुझे ज़्यादा वर्क और इम्पोर्टेंट वर्क मिलता जो मैं अपनी लगन से पूरा करता
देखते देखते मैं टीम लीडर बन गया
मेरे टीम मेंबर तो इस बात से जलने लगे कि मैं जूनियर होकेर टीम लीडर बन गया
सॅलरी का ग्रॅफ तो रुकने का नाम.नही ले रहा था बस बढ़ रहा था
सॅलरी जेब मे जाते ही कब ख़तम होती पता ही नही चलता
बाइक , मोबाइल , गिफ्ट , एट्सेटरा , बस सॅलरी कम थी तो कम पड़ती और ज़्यादा सॅलरी मिलने लगी तो वो भी कम
पड़ने लगी
मेरे पिताजी तो कहते कि सेविंग करनी चाहिए
इस बात का अहसास तब हुआ जब पिताजी बीमार पड़े और मेरे पास पैसे नही थे उस समय उनको अड्मिट
करने के लिए
ऐसे एक्सपीरियेन्स के बाद ही मैं सेविंग के साथ खर्च करने लगा
धीरे धीरे मेरा प्रमोशन होने लगा
जलने वाले जले मैं तो खुश था
पर इस बार मेरा प्रमोशन मुंबई मे हुआ था
प्रमोशन के नाम से तो मैं खुश था पर जब सुना कि मुझे मुंबई जाना पड़ेगा तो मेरी
खुशी हवा मे उड़ गयी
मुझे अपने शहर को छोड़ कर जाना पसंद नही था
इस शहर मे मेरी फॅमिली थी मेरे दोस्त थे मेरा बचपन था ,
इस शहर को छोड़ने के नाम से डर लग रहा था
यहाँ मेरी गर्लफ्रेंड है
मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से दूर रहना होगा
अपनी फॅमिली से दूर रहना होगा
मुंबई जैसे बड़े शहर मे ऑपर्चुनिटी तो बहुत है
वहाँ जाते ही लाइफ सेट हो जाएगी
मुंबई मे जाकर एक नयी लाइफ जी पाउन्गा
मुंबई की लाइफ स्टाइल के बारे में बचपन से सुनता आया हूँ
मेनेज़र ने मुझे प्रमोशन लेटर दिया
सॅलरी तो डबल हो गयी थी , साथ मे एक 2बीएचके प्लाट मिला था ,
पर मुझे तो अपना शहर पसंद था
प्रमोशन लेटर लेते हुए मुझे खुश ना देख कर मेनेज़र ने मुझसे बात की
मेनेज़र- क्या हुआ तुम खुश नही हो
अवी-प्रमोशन से तो हर कोई खुश होता है
मेनेज़र- पर तुम्हारे चेहरे पे खुशी दिखाई नही दे रही है
अवी-प्रमोशन से खुश हूँ पर मुंबई जाना पड़ेगा
मेनेज़र- तो ये बात है , देखो इस शहर ने कुछ नही रखा है , मुंबई मे जाते ही तुम्हारी लाइफ बदल
जाएगी
अवी-मुंबई के बारे में बहुत सुना है
मेनेज़र- अब जाकर एंजाय करो , इतना अच्छा चान्स मिलता नही किसी को
अवी-क्या मेरी जगह किसी और को नही भेजा जा सकता
मेनेज़र- अगर मैं ऐसा कहूँगा तो सब कहेंगे कि मुझे मुंबई भेज दो , मुंबई मे जाएँगे
तो तुम दूसरी कंपनी मे ट्राइ कर पाओगे , वहाँ जाकर देखो , अगर अड्जस्ट नही हुए तो मुझसे
कहना मैं तुम्हें वापस बुला लूँगा
अवी-ऐसा हो सकता है
मेनेज़र- हाँ , तुम्हें वहाँ पसंद नही आया तो बता देना मैं वापस बुला लूँगा पर
अवी-पर क्या
मेनेज़र- देखना तुम खुद कहोगे कि तुम्हें पहले मुंबई क्यूँ नही भेजा
अवी-मैं ऐसा क्यूँ कहूँगा
मेनेज़र- मुंबई मे जो एक बार जाता है उसको वापस आने का दिल नही करता
अवी-देखते है
मेनेज़र- तो अब खुश हो जाओ और अपनी फॅमिली को बता दो कि तुम्हारा प्रमोशन हुआ है
अवी-थॅंक यू सर
प्रमोशन तो मिला ,
अब मुझे मुंबई जाना होगा
मुझे अपनी फॅमिली अपने दोस्तो और अपनी गर्लफ्रेंड से दूर जाना होगा
चलो जाके देखता हूँ कि मुंबई मुझे वहाँ रोक पाती है या मैं वापस अपने शहर आउन्गा
अब तो मुझे मुंबई मे जाना होगा , उस मुंबई मे जहाँ रात मे भी दिन जैसा उजाला रहता है , या
कहूँ तो रात मे भी सूरज निकलता है , जगमगाती मुंबई , सपनो का शहर ,
Reply
07-05-2019, 02:08 PM,
#2
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
रेशमा - मेरी पड़ोसन

मेरा नाम अवी है
ये स्टोरी मेरी पड़ोसन और मेरे बीच शुरू हुए नये रिश्ते की है
इस रिश्ते की शुरुआत 6 महीने पहले मुंबई मे हुई थी
पहले मैं अपने बारे में बताता हूँ
मेरी एज 27 है , दिखाने मे ठीक ठाक हूँ , पढ़ाई मे भी आव्रेज हूँ
मैं इंजिनियर हूँ पर बेरोज़गार नही हूँ
जब इंजिनियरिंग कर रहा था तब सीनियर ने पहले दिन ही रॅगिंग लेते हुए इंजिनियरिंग का मीनिंग
पूछा था
हम सब जूनियर अजीब अजीब आन्सर दे रहे थे
किताबी कीड़े ने तो लंबी लंबी डेफ़िनेशन बता दी
पर सीनियर ने कहा कि सबका आन्सर ग़लत है
इंजिनियरिंग का दूसरा मीनिंग होता है बेरोज़गार
उस दिन तो सीनियर की बात पे हँसी आई थी
लेकिन जैसे इंजिनियरिंग कंप्लीट हुई तो समझ मे आ गया कि सीनियर सही थे
इंजिनियरिंग मतलब बेरोज़गारी होती है
पर मेरा मतलब इतना भी खराब नही था
6 महीने तक तो मैं भी बेरोज़गार ही था
पर मेरी किस्मत भी चमक गयी
मुझे भी जॉब मिल गयी
इंजिनियरिंग को जॉब मिलना मतलब रेगिस्तान मे पानी मिलने जैसा था
जॉब मिलते ही मेरी जान मे जान आई
मेरी तो निकल पड़ी पर मेरे फ्रेंड अभी भी लगे हुए थे जॉब की तलाश मे
तो मुझे इंजिनियर बनते ही 6 महीने मे जॉब मिल गयी
जॉब मिलते ही जेब मे पैसे आ गये
शुरुआत कम सॅलरी से हुई पर बेरोज़गार होने से अच्छा है कि कुछ पैसे कमा लो
जॉब छोटी हो तो उसको मेहनत से बड़ी बना सकते है , इंजिनियर तो कुछ भी कर सकते है ,
मेरे पिताजी तो खुश थे कि मैं कमाने लगा हूँ
जॉब जाय्न करते ही मैं अपनी मेहनत से तरक्की के रास्ते खोलने लगा
देखते देखते मेरे पास प्रॉजेक्ट आने लगे
मेरी टीम मे मेरा पर्फॉर्मेन्स अच्छा था
हर प्रॉजेक्ट के साथ मुझे ज़्यादा वर्क और इम्पोर्टेंट वर्क मिलता जो मैं अपनी लगन से पूरा करता
देखते देखते मैं टीम लीडर बन गया
मेरे टीम मेंबर तो इस बात से जलने लगे कि मैं जूनियर होकेर टीम लीडर बन गया
सॅलरी का ग्रॅफ तो रुकने का नाम.नही ले रहा था बस बढ़ रहा था
सॅलरी जेब मे जाते ही कब ख़तम होती पता ही नही चलता
बाइक , मोबाइल , गिफ्ट , एट्सेटरा , बस सॅलरी कम थी तो कम पड़ती और ज़्यादा सॅलरी मिलने लगी तो वो भी कम
पड़ने लगी
मेरे पिताजी तो कहते कि सेविंग करनी चाहिए
इस बात का अहसास तब हुआ जब पिताजी बीमार पड़े और मेरे पास पैसे नही थे उस समय उनको अड्मिट
करने के लिए
ऐसे एक्सपीरियेन्स के बाद ही मैं सेविंग के साथ खर्च करने लगा
धीरे धीरे मेरा प्रमोशन होने लगा
जलने वाले जले मैं तो खुश था
पर इस बार मेरा प्रमोशन मुंबई मे हुआ था
प्रमोशन के नाम से तो मैं खुश था पर जब सुना कि मुझे मुंबई जाना पड़ेगा तो मेरी
खुशी हवा मे उड़ गयी
मुझे अपने शहर को छोड़ कर जाना पसंद नही था
इस शहर मे मेरी फॅमिली थी मेरे दोस्त थे मेरा बचपन था ,
इस शहर को छोड़ने के नाम से डर लग रहा था
यहाँ मेरी गर्लफ्रेंड है
मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से दूर रहना होगा
अपनी फॅमिली से दूर रहना होगा
मुंबई जैसे बड़े शहर मे ऑपर्चुनिटी तो बहुत है
वहाँ जाते ही लाइफ सेट हो जाएगी
मुंबई मे जाकर एक नयी लाइफ जी पाउन्गा
मुंबई की लाइफ स्टाइल के बारे में बचपन से सुनता आया हूँ
मेनेज़र ने मुझे प्रमोशन लेटर दिया
सॅलरी तो डबल हो गयी थी , साथ मे एक 2बीएचके प्लाट मिला था ,
पर मुझे तो अपना शहर पसंद था
प्रमोशन लेटर लेते हुए मुझे खुश ना देख कर मेनेज़र ने मुझसे बात की
मेनेज़र- क्या हुआ तुम खुश नही हो
अवी-प्रमोशन से तो हर कोई खुश होता है
मेनेज़र- पर तुम्हारे चेहरे पे खुशी दिखाई नही दे रही है
अवी-प्रमोशन से खुश हूँ पर मुंबई जाना पड़ेगा
मेनेज़र- तो ये बात है , देखो इस शहर ने कुछ नही रखा है , मुंबई मे जाते ही तुम्हारी लाइफ बदल
जाएगी
अवी-मुंबई के बारे में बहुत सुना है
मेनेज़र- अब जाकर एंजाय करो , इतना अच्छा चान्स मिलता नही किसी को
अवी-क्या मेरी जगह किसी और को नही भेजा जा सकता
मेनेज़र- अगर मैं ऐसा कहूँगा तो सब कहेंगे कि मुझे मुंबई भेज दो , मुंबई मे जाएँगे
तो तुम दूसरी कंपनी मे ट्राइ कर पाओगे , वहाँ जाकर देखो , अगर अड्जस्ट नही हुए तो मुझसे
कहना मैं तुम्हें वापस बुला लूँगा
अवी-ऐसा हो सकता है
मेनेज़र- हाँ , तुम्हें वहाँ पसंद नही आया तो बता देना मैं वापस बुला लूँगा पर
अवी-पर क्या
मेनेज़र- देखना तुम खुद कहोगे कि तुम्हें पहले मुंबई क्यूँ नही भेजा
अवी-मैं ऐसा क्यूँ कहूँगा
मेनेज़र- मुंबई मे जो एक बार जाता है उसको वापस आने का दिल नही करता
अवी-देखते है
मेनेज़र- तो अब खुश हो जाओ और अपनी फॅमिली को बता दो कि तुम्हारा प्रमोशन हुआ है
अवी-थॅंक यू सर
प्रमोशन तो मिला ,
अब मुझे मुंबई जाना होगा
मुझे अपनी फॅमिली अपने दोस्तो और अपनी गर्लफ्रेंड से दूर जाना होगा
चलो जाके देखता हूँ कि मुंबई मुझे वहाँ रोक पाती है या मैं वापस अपने शहर आउन्गा
अब तो मुझे मुंबई मे जाना होगा , उस मुंबई मे जहाँ रात मे भी दिन जैसा उजाला रहता है , या
कहूँ तो रात मे भी सूरज निकलता है , जगमगाती मुंबई , सपनो का शहर ,
Reply
07-05-2019, 02:08 PM,
#3
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
मेरा प्रमोशन हो गया , मैं मुंबई जा रहा हूँ , और अब तो मैं चाचा बन रहा हूँ
ये सारी खुशख़बरी मेरी गर्लफ्रेंड को बताने को बेताब था
मैं दूसरे दिन अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने चला गया
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम माला है , वो फाइनल एअर बी टेक मे है , मैं जिस कॉलेज मे था उसी कॉलेज
मे वो पढ़ रही है ,
जब मैं कॅनवोकेशन सेरेमनी को गया था तब उस से मुलाकात हुई थी ,
और मुलाकात धीरे धीरे बढ़ने लगी
और देखते देखते प्यार हो गया
टाइम पास प्यार नही था , मैं तो इस प्यार को शादी का नाम देने वाला हूँ
मैं ने माला को फोन करके बता दिया कि मैं उससे मिलने आ रहा हूँ
तो माला ने भी कॉलेज से छुट्टी ली
मैं मिठाई और उसके लिए गिफ्ट लेकर उसके रूम पर गया
माला मेरा ही इंतज़ार कर रही थी
मेरे आते ही माला ने मेरे गले लग कर विश किया
माला- तुम चाचा बनने वाले हो
अवी- तुम्हें कैसे पता
माला- भाभी ने बताया
मैं ने माला और भाभी की मुलाकात करवाई थी , भाभी को माला के बारे में सब पता है ,
भाभी ने ही माला को बताया होगा पता नही प्रमोशन के बारे में बताया कि नही
अवी- ये भाभी भी ना , वैसे और कुछ बताया
माला- नही पर बोल रही थी कि तुम भी कोई खुश खबरी सुनाने वाले हो
अवी- हाँ , मेरा प्रमोशन हुआ है
माला- सच
अवी- और तुम्हारे लिए गिफ्ट लाया हूँ ,
माला- तुम तो हर प्रमोशन पर गिफ्ट लाते हो
अवी- इस बार मोबाइल लाया हूँ
माला- मेरे पास तो मोबाइल है
अवी- इस मोबाइल से वीडियो कॉलिंग भी होती है
माला- वीडियो कॉलिंग की क्या ज़रूरत है
अवी- क्यूँ कि मुझे मुंबई जाना होगा ,
माला- व्हाट
अवी- प्रमोशन मे मुंबई मिली है
माला- मतलब तुम मुझसे दूर रहोगे
अवी- दूर नही अब और पास आएँगे , 2 साल बाद शादी करेंगे
माला- तब तक मैं कैसे रहूंगी
अवी- तभी तो मोबाइल लाया हूँ ,
माला- पर
अवी- पर क्या
माला- मुंबई मे तुम्हें कोई और मिल गयी तो
अवी-तुमसे अच्छी मिली तो भी तुमसे ही शादी करूँगा
माला- वादा
अवी- तुम कहो तो चलो कोर्ट चलते है ,
माला- इतना विश्वास है तुम पर , पर मुंबई की लड़कियो से दूर रहना
अवी- ट्राइ करूँगा पर प्रॉमिस नही करूँगा
माला- तुम ......!
और माला ने मेरे चेस्ट पर मुक्का मारा
माला- और शादी के बाद क्या हम मुंबई मे रहेंगे
अवी- देखेंगे , अगर मुंबई पसंद आई तो वही रहेंगे ,
माला-मुझे तो कुछ भी चलेगा , बस तुम साथ हो यही चाहती हूँ
अवी- अच्छा
माला- तुम्हारे बिना तो मैं रह नही सकती
अवी-तो मुंबई जाने से पहले रोज तुम्हारे रूम पर आउन्गा , प्यार करने
माला- तो ये बात है , चलो इस बार मैं भी मना नही करूँगी
अवी- तुम्हारी रूम पार्टनर
माला- उसको कहा कि शाम तक रूम पर मत आना
अवी- मतलब तुम्हारा भी दिल कर रहा है
माला- भाभी ने कहा कि मैं चाची बन रही हूँ तो मुँह मीठा किए बिना तुम्हें जाने थोड़ी देती
अवी-मैं भी तो देखु कि मुँह कैसे मीठा कराती हो तुम
और माला ने मेरे गले मे बाहें डाल दिए
और धीरे धीरे अपने होंठो को मेरे होंठो के पास लाने लगी
आज तो मुँह मीठा होकर रहेगा
और माला ने अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो से मिला दिया
माला का मुँह मीठा करने से डाइबीटियेज़ का डर भी नही लगता
बस मैं माला के होंठो का रस पीने मे खो जाता हूँ
माला भी वाइल्ड किस कर रही थी
मेरे होंठो को चूसने लगी
मैं भी उसका पूरा साथ देने लगा
किस करते हुए मैं ने माला को बेड पर गिरा दिया
Reply
07-05-2019, 02:08 PM,
#4
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
बेड पर गिरते ही हमारे होंठो के साथ हमारे बदन भी रगड़ने लगे
होंठो के छूते ही बदन मे आग सी लग गयी थी
इस लिए अब मैं जितने दिन यहाँ हूँ उतने दिन माला को प्यार करूँगा
माला के प्यार की यादे साथ लेकर जाउन्गा
माला भी मेरे बिना कैसे रहेगी पता नही
मैं भी माला को बहुत याद करूँगा
जल्दी मैं माला को अपने पास बुला लूँगा
पर अभी तो माला मेरी बाहों मे है
मैं माला को प्यार कर रहा हूँ
मैं माला के गुलाबी होंठो को चूसने लगा
माला तो मुझसे दूर जाने के नाम से मुझे इस तरह प्यार कर रही थी कि उसका किस ख़तम ही नही हो
रहा होंठो के साथ मेरे चेहरे पे किस कर रही थी

माला मेरे सामने ब्लॅक ब्रा और पैंटी मे थी. माला की गंद देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया .
मैं ने अपने कपड़े निकाल दिए .और लंड को पैंटी के उपर से गंद की दरार मे घुसने लगा .
और माला के कान मे कहा. जल्दी प्यार शुरू करते है
मैं ने माला को अपनी तरफ घुमा दिया और दीवार से लगा कर ब्रा के उपर से बूब्स दबाने
लगा.
माला शीष्कारिया लेने लगी और अपने हाथ को पीछे ले जाकर ब्रा को खोल दिया.
मैं माला के बूब्स को दबाने के साथ चूसने लगा.
माला ज़ोर से शीष्कारियाँ लेने लगी.
अहह रीईई अहह
माला की शीष्कारियाँ सुन कर जोश बढ़ रहा था
मैं थोड़ी देर माला के बूब्स चूस्ता रहा.
फिर मैं ने माला के बूब्स को छोड़ कर माला के होंठो को चूसने लगा.
माला भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.हम एक दूसरे के होंठो को और जीभ को चूसने लगा.
माला पूरी तरह से गरम हो गयी थी.और मैं तो सुबह से गरम था.
फिर मैं ने होंठो को चूसना बंद किया और माला के हाथो मे अपना लंड दिया.
मैं ने माला को वही नीचे लिटा दिया. और एक झटके मे माला की पैंटी निकाल दी.
फिर माला की टाँगो के बीच आ गया और अपना मुँह माला की चूत पे रख दिया .
माला ने एक ठंडी सीईईई की आवाज़ निकाली और मैं ने माला की चूत मे अपनी जीभ को
घुसा के चूसना शुरू किया
माला शीष्कारिया लेने लगी अहह उन्मह हान्ंनणणन् और ज़ोर सीईईईई
चोसूऊऊ खाओ जाओ अपनी माला की चूत को उन्मह आहह
मैं माला की शीष्कारियाँ सुनकर और भी ज़ोर से माला की चूत को चूसने और चाटने लगा. जिस से
माला पागल हो रही थी और शिसक रही थी.
माला की चिकनी चूत को चूसने मे मज़ा आ रहा था
.
माला मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी और हलकी आवाज़ो मे अहह उन्मह
हान्ंननणणन् करने लगी.
मैं भी कभी अपनी जीभ को माला की चूत मे घुसाता और कभी माला की चूत को चूसने मे लग जाता
फिर माला ने मेरे सर को अपनी चूत पे ज़ोर से दबा दिया और माला का बदन झटके खाने लगा और
माला ने चूत का पानी सारा मेरे मुँह मे डाल दिया.
मैं ने बड़े मज़े से पी लिया .और अपना मुँह अलग कर लिया
फिर माला अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी. माला का स्टाइल मज़ेदार था जिस से मैं पागल
हो गया .
माला ने अपना हाथ लंड से हटाया नही बल्कि अपनी जीभ से लंड को चाटना शुरू कर दिया.
टोपे को चाटने के बाद माला ने मेरे लंड को धीरे धीरे अपने मुँह मे लेना शुरू कर दिया.
आधा लंड माला के मुँह मे जाते ही मेरा मन हुआ कि माला के सर को पकड़ कर मुँह मे धक्के
मारू . मुँह को चोदु,
लेकिन पहले माला को उसका काम करने देता हूँ. माला लंड को ज़्यादा से ज़्यादा मुँह मे लेने की कोशिश
कर रही थी.
जितना लंड माला के मुँह मे गया था वो काफ़ी था. फिर माला ने लंड को चूसना शुरू किया. 3 4 बाहर
लंड को मुँह से बाहर निकाल कर फिर अंदर ले लिया.
उसके बाद लंड को मुँह से बाहर निकाल कर माला आंडों को चूसने लगी.माला का तो जवाब नही था.
माला मेरे लिए इतना कर रही है मैं भी माला के लिए उसकी चूत चूसूंगा.
मैं ने माला को रोक दिया. और मेरी तरफ गंद करके लंड चूसने को कहा. माला ने वैसा ही किया
पर उसके दोनो पैर एक तरफ थे. मैं ने माला को सही पोज़ीशन मे लाया.
मैं इधर क्या कर रहा हूँ उस से माला को क्या लेना देना वो तो लंड चूस कर खुश थी.
चूत पर मेरी जीभ महसूस करते माला ने लंड चूसना बंद किया और मेरी तरफ देखा,
मुझे चूत चूस्ते हुए देख कर माला खुश हो गयी. और लंड को मज़े लेकर चूसने लगी.
हम दोनो एक दूसरे को चूस कर मज़ा देने लगे और लेने लगे.
मैं ने माला को अपने उपर से अलग किया
और बेड पर लिटा दिया.
मैं लंड को माला की चूत पे रख कर रगड़ने लगा.
और आराम से पुश करने लगा. लंड धीरे धीरे अंदर जाने लगा .लंड 4 इंच तक अंदर गया था और
माला सीईईई की आवाज़ निकालने लगी .
फिर मैं ने एक जोरदार झटके के साथ पूरा अंदर डाल दिया .
इतना ज़ोर दार धक्का था कि माला रो पड़ी . जैसे पहली बार चुदि हो.मेरा लंड था ही इतना मोटा कि किसी
की भी चूत को चीर के रख देता.
माला के मुँह से अहह हरामी ने फाड़ दी मेरी तो अहह और मैं ने फिर
लंड को बाहर निकाला और फिर पूरा लंड माला की चूत मे डाल दिया . ऐसा 3 4 बार किया तो माला ने
अपनी टाँगो को मेरी कमर के साथ लपेट लिया
और खुद मेरी छाती से लिपट गयी और बोली प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ रुक जाओ थोड़ी देर . मैं थोड़ी देर रुक गया.
माला थोड़ी देर ऐसे ही मुझे पकड़ कर लंड को चूत मे महसूस कर रही थी .कुछ देर उसी तरह
रहने के बाद अपनी गंद को हिलाने लगी .
फिर मैं ने भी धक्के मारना शुरू किया.माला ने मुझे छोड़ दिया और मेरे धक्को के साथ मज़े
से गंद उपर करने लगी.
माला शीष्कारियाँ लेने लगी अहह इसी तरह आराम से करते रहूऊऊ उन्मह
हान्ंननननणणन् मज़ा आ रहा है
Reply
07-05-2019, 02:09 PM,
#5
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
कुछ देर मैं ने धीरे धीरे धक्के मारने लगा .जब माला ने पानी छोड़ दिया तो मैं ने अपनी गति
बढ़ा दी.माला भी मज़े मे मेरा साथ देने लगी.
माला ने फिर पानी छोड़ दिया.
फिर कुछ देर इसी तरह माला की चुदाई करने के बाद मैं ने माला को घोड़ी बना दिया.
माला घोड़ी बन गयी मैं माला के पीछे जाकर अपने लंड को माला की चूत मे घुसा दिया
और माला की चुदाई करने लगा .
माला भी मज़े लेने लगी उन्मह तुम कितनीईई अच्छे से.. हूऊऊओ अहह और ज़ोर
से करो .
मैं ने माला की बात सुनकर अपनी गति को बढ़ा दी.
माला क्या चूत है आपकी उन्मह ऊफफफफफफफफफ्फ़ और साथ ही अपनी अपनी गति और धक्के बढ़ाता गया.
माला भी हान्ंनणणन् और चोदो मुझे आहह मैं गैिईईईईईईईई
उन्मह और ज़ोर से चोदो अहह की लंबी आवाज़ के साथ ही माला ने फिर पानी
छोड़ दिया.
अब मेरा भी होने लगा था मैं ने अपनी गति को बढ़ा दिया और कुछ धक्को के साथ अपना वीर्य माला
की चूत मे डाल दिया.
मैं ने लंड बाहर निकाला .माला ज़मीन पर गिर गयी और मैं किचन मे चला गया..

जितने दिन मैं यहाँ रहा उतने दिन रोज अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाता
जिस दिन मैं जाने वाला था उस दिन उसकी आँखो मे आसू थे
पर क्या करूँ , मैं हम दोनो के लिए ही मुंबई जा रहा था
मैं ने उसको वादा किया कि हम जल्दी एक हो जाएँगे
मेरी माँ भी रो रही थी , भाभी ने कहा की वादा मत भूलना उनको साड़ी देने का
मेरे दोस्त भी छोड़ने आए थे
बड़ा अजीब लग रहा था अपने शहर को छोड़ कर जाना
पर पंछी बड़ी के होने के बाद घोसला छोड़ कर जाना ही होता है
मेरे साथ भी यही हो रहा था
नयी जगह जाने से एग्ज़ाइट भी था
बड़े शहर जा रहा था , मायानगरी जा रहा था मुंबई जा रहा था
ट्रेन मे बैठते ही माँ का रोना बढ़ गया
मैं ने अपनी फॅमिली की तरफ देखा ही नही क्यूँ कि अगर उनको रोता हुआ देखता तो कमज़ोर पड़ जाता
पिताजी ने कहा कि अब मैं अपने फ़ैसले खुद लूँ
और मैं भी मुंबई जाना ही चाहता था
ट्रेन का हॉर्न बजते ही मैं निकल पड़ा मुंबई को
लंबा सफ़र था पर नयी जगह जाने का जोश भी था
सफ़र तो देखते ही देखते निकल गया
जैसे ही ट्रेन मंज़िल पर रुकी तो मेरी धड़कने तेज चलने लगी , ट्रेन से नीचे उतरते ही एक लंबी सास
छोड़ दी
और मैं कंपनी के भेजे हुए आदमी तो ढूँढने लगा
स्टेशन के बाहर कंपनी की भेजी हुई कार और आदमी मिल गया
मैं ने उसको अपना नाम बताया
आदमी- सर चलिए मैं आपको आपके अपार्टमेंट मे लेकर चलता हूँ
अवी- तुम्हें पता हैना
आदमी- यस सर,
अवी- तो चलो
और हम कंपनी के दिए हुए फ्लॅट की तरफ निकल पड़े
अवी- तुम भी उस कंपनी मे काम करते हो
आदमी- नही , मैं मेनेज़र का ड्राइवर हूँ , मेनेज़र ने आपकी देखभाल के लिए बोला है
अवी- और फ्लॅट पर कुछ समान है या बस खाली खाली होगा
आदमी- पिछले साब जो थे उनका समान है , वो तो विदेश चले गये तो उनका समान वही पर है
अवी- क्या क्या है
आदमी- टीवी फ़्रीज़ और ज़रूरत का समान बाकी तो आपको ही देखना होगा
अवी- चलो जल्दी
और मैं अपनी बिल्डिंग मे आ गया
इस से पहले कभी इस तरह की बिल्डिंग मे नही रहा था
मेरा फ्लॅट 7थ फ्लोर पर था
समान ले जाने मे उस आदमी ने ही मदद की
अपार्टमेंट मे मेरी ज़रूरत की बहुत चीज़े थी
उस आदमी ने अपार्टमेंट क्लीन करके रखा था
मैं ने उसको कुछ पैसे दे कर वापस भेज दिया
और अपार्टमेंट को अपनी तरह से हॅंडल करने लगा
मुझे ज़्यादा चीज़े ख़रीदनी नही पड़ी
अपार्टमेंट को सेट करने मे बहुत टाइम निकल गया
जब लगा कि सब सेट हो गया है तो मैं ने चैन की सास ली और घर पर फोन किया
मेरा फ़ोन आते ही माँ की चिंता ख़तम हुई तो मेरी गर्लफ्रेंड भी मुझसे वीडियो कॉल करके खुश थी
अब तो मोबाइल पर कॉल करके वो मुझे देख भी सकती थी
इसी लिए तो उसको मोबाइल फोन गिफ्ट किया है
सब को कॉल करने के बाद तो शाम हो गयी
शाम होते ही मैं अपनी बिल्डिंग और नयी जगह को ध्यान से देखने लगा
देखने लगा कि मुंबई कैसी है
बिल्डिंग मे सब कुछ तो नॉर्मल ही लग रहा था
सब अपने काम से काम रख रहे थे
उनकी बिल्डिंग मे कोई नया आदमी आया है रहने उस से किसी को ज़्यादा फरक नही पड़ रहा था
बस सोसायटी के सेक्रेटरी ने मुझसे मुलाकात की
मेरे अपार्टमेंट के साथ उस फ्लोर पे 3 और अपर्तेमेंट थे पर उनको तो कुछ लेना देना ही नही था
मैं ने भी उनसे जान पहचान करने का नही सोचा
वैसे मेरा फ्लोर तो सबसे उपर था , उसके बाद डाइरेक्ट छत ही थी
शाम मे सोसायटी के गार्डन मे लोग बैठ कर बातें कर रहे थे मैं भी वहाँ घूमने लगा
लेकिन किसी ने भी ज़्यादा ध्यान नही दिया मुझ पर
शाम होने से और गार्डन सोसायटी के अंदर होने से लॅडीस घर मे पहनने वाले नॉर्मल ड्रेस मे थी
औरते नाइटी मे थी तो लड़किया शॉर्ट मे थी
मैं तो गार्डन मे जाते ही अपनी आँख सेकने लगा
लड़कियो की फिगर देखते ही मुँह मे पानी आ रहा था
मैं भी ठीक ठाक ही था फिर भी कुछ लड़किया मेरी तरफ देख रही थी
मेरी तो हिम्मत ही नही हुई किसी लड़की से बात करने की
सबकी बाते इतनी हाइ फाइ थी कि क्या बताऊ
मेरे तो पसीने निकल रहे थे
एक लड़की तो अपने बाय्फ्रेंड को किस कर रही थी
ऐसे खुले मे किस करना थोडा अजीब लगा
बड़े शहरो मे तो ऐसा होता ही है
और मुझे कंपनी ने अच्छी सोसायटी मे अपार्टमेंट दिया था जिस से मेरे मज़े ही थे
लेकिन मैं अभी तो आया हूँ
पहले कुछ दिन यहाँ अड्जस्ट तो हो जाउ
गार्डन मे घूमने के बाद मैं ने खाने का समान और कुछ ज़रूरत का समान भी खरीद लिया
और अपार्टमेंट मे आकर आराम से खाना खा कर टीवी देखने लगा
बाल्कनी मे बैठ कर बीयर भी पी
मुंबई की हवाओं के साथ दोस्ती भी कर लूँ
Reply
07-05-2019, 02:09 PM,
#6
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
बाल्कनी से मुंबई की जगमगाती दुनिया देखने लगा
कल से मुझे भी इसका हिस्सा बनना होगा
कल से मुझे कंपनी जाय्न करनी थी
अब तो मुझे अपने सारे काम भी खुद करने थे
बहुत मुश्किल होगी
कुछ दिन भारी पड़ेंगे जब तक मुझे इसकी आदत नही पड़ जाती

मुंबई मे आते ही मुझे कुछ दिन लग गये सेट्ल होने मे
शुरू शुरू मे बहुत प्राब्लम हुई
मुझे आदत नही थी खाना बनाना और खुद काम करना
घर पर तो माँ और भाभी थी जो घर काम और मुझे अच्छा अच्छा खाना बना कर खिलाती
पर यहाँ तो सब मुझे ही करना पड़ रहा था
सुबह उठ कर मुझे अपने लिए ब्रेकफास्ट बनाना पड़ता , फिर फ्रेश होकर कंपनी जाकर काम
करना ,
दोपेहर का लंच तो कंपनी मे हो जाता था
लेकिन रात का डिन्नर कभी मैं अपार्टमेंट मे बना लेता तो कभी होटेल मे जाकर खा लेता
मुंबई की भाग दौड़ लाइफ की आदत नही थी
लोकल मे धक्के खाने से परेशानी हो रही थी
पर कंपनी मे कुछ फ्रेंड बन गये उनसे कुछ बाते सीख ली
अपने काम फास्ट करने लगा
मैं तो खुद को अड्जस्ट करने मे इतना खो गया कि अपनी मस्ती मज़ाक को भूल ही गया
वहाँ मैं अपने शहर मे होता था तो गर्लफ्रेंड या फ्रेंड के साथ हसी मज़ाक हो जाती थी
पर यहाँ तो सारा दिन निकल जाता कंपनी मे
कंपनी मे तो हरियाली ही हरियाली थी
यहाँ की लड़कियो के ड्रेस देख कर तो मेरा लंड दिन भर खड़ा रहता
बड़ी मुश्किल हो जाती
एक बार तो मेरी जूनियर स्कर्ट पहन कर मेरे कॅबिन मे आई थी
उसकी चिकनी जांघे देख कर तो एसी कॅबिन मे मेरे पसीने निकल गये
बहुत दिन हो गये थे मुझे सेक्स किए हुए
जूनियर ने जब झुक कर अपनी नीचे गिरी हुई पेन उठाई तो उसकी पैंटी दिख गयी मुझे
ऐसा लग रहा था कि अभी उठ कर उसकी गंद मार दूं
जब जूनियर वापस चली गयी तो मैं ने अपने कैबन मे ही मूठ मारी
कंट्रोल ही नही हुआ था
यहाँ लड़कियो को टाइट ड्रेस मे देख कर कंट्रोल खो ही देता
मुझे मुंबई मे आए 1 महीना हो गया
अब तो उस सब की आदत पड़ गयी
अब तो मुझे मुंबई पसंद आने लगी
यहाँ तो लड़किया खुद आगे आकर बात करती है
अब तो कंपनी मे मुझे अच्छे दोस्त मिल गये
धीरे धीरे मैं सब मे घुल.मिल गया
लेकिन मेरे बिल्डिंग मे कोई जान पहचान नही बनाई
कंपनी से थक कर आने के बाद मुझ मे जान ही नही रहती
सुबह भी काम करना पड़ता जिस से मेरे पास टाइम नही था
फिर भी सोसायटी के गर्दन मे शाम को.घूमने जाता
लेकिन किसी से बात करने की हिम्मत नही होती
ऐसे मे मैं ने वॉचमन से जान पहचान बना ली
क्यूँ कि उसकी बात करने के तरीके से लग रहा था कि वो मेरे शहर के पास का है
अवी- भैया कैसे हो
वॉचमन- साब आपने कुछ कहा
अवी- तुमसे ही बात कर रहा हूँ
वॉचमन- मैं यहाँ 5 साल से हूँ पर आज तक किसी ने पूछा नही की मैं कैसा हूँ
अवी- मैं तो यहाँ नया हूँ
वॉचमन- हन देखा है आपको , आप 7 फ्लोर पर रहते हैना
अवी- हाँ वैसे तुम कहाँ से हो
वॉचमन- मैं शहर से आया हूँ
अवी- मैं भी वही से हूँ
वॉचमन- सेक्रेटरी ने बताया कि आप कहाँ से हो ,
अवी- फिर तो हम एक ही शहर के है , चलो अच्छा है कोई तो है जिस से बात हो सकती है
वॉचमन- जी , यहाँ आकर आप को कैसा लगा
अवी- धीरे धीरे आदत पड़ रही है , वैसे तुम क्या अकेले रहते हो यहाँ पर
वॉचमन- नही , मेरी बीवी भी है , वैसे आप भी अकेले हो
अवी- हां , बड़ा अपार्टमेंट है , कंपनी ने मेरे अकेले को दिया है
वॉचमन- आपसे पहले जो साब वहाँ रहते थे वो भी अच्छे थे , वो भी मुझसे बात करते थे ,
मैं उनकी मदद करता था
अवी- फिर तो तुम मेरी भी मदद कर देना ,
वॉचमन- आप तो मेरे गाओं वाले हो आपकी तो मदद करूँगा , वैसे आप यहाँ गार्डन मे लड़कियो
को देखने आए है ना
ये क्या बक रहा है
इसको कैसे पता
अवी- ये तुम क्या बोल रहे हो
वॉचमन- साब मैं यहाँ 5 साल से हूँ जब भी कोई नया आदमी यहाँ आता है तो वो ऐसे लड़कियो
को घूर्ने गार्डन मे आता है
अवी- अपने शहर मे ऐसा नज़ारा कहाँ मिलता है
वॉचमन- साब ये तो रिच लोगो का काम है , वैसे आप भी रिच ही लगते हो
अवी- रिच तो वो होता है जिस के पास गर्लफ्रेंड हो
वॉचमन- हो जाएगी साब , यहाँ गर्लफ्रेंड जल्दी बन जाती है
अवी- मेरा मतलब था कि
वॉचमन- समझ गया , टाइम पास वाली चाहिए , वो भी मिलती है
अवी- तुम तो बड़े काम के लग रहे हो
वॉचमन- मैं हर काम आ जाता हूँ
अवी- देखते है , कभी काम निकला तो तुम्हें याद करूँगा
वॉचमन- ज़रूर याद करना साब
और मैं ने एक हरी नोट वॉचमन को दे कर खुश किया
वॉचमन ने कड़क सॅलुट मारा
और मैं गार्डन मे आकर आंखसेकने लगा
काफ़ी देर गार्डन मे रुकने के बाद मैं वापस अपनी बिल्डिंग मे आ गया
सोचा कि चलो आज सीडियो से उपर जाता हूँ
इसी बहाने से पता तो चले कि कौन कहाँ रहता है
मैं सीडियो से उपर जाने लगा
पर सब के घर के डोर बंद थे , दो औरते दिखी जो बाते कर रही थी
Reply
07-05-2019, 02:09 PM,
#7
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
जैसे ही मैं उनके पास से जाने लगा तो वो मेरी बाते करने लगी कि मैं यहाँ नया आया हूँ
किसी के घर मे जाने के सिवा यहाँ जान पहचान नही होगी
पर बिना वजह जान पहचान बनाना मुझे पसंद नही था
मैं अपने फ्लोर पे आ गया
जैसे ही मैं अपने अपार्टमेंट मे जाने वाला था कि लिफ्ट आकर रुक गयी
मैं ने डोर खोलते हुए लिफ्ट की तरफ देखा तो वहाँ से एक खूबसूरत औरत बाहर निकली
मेरा मुँह तो खुला का खुला रहा गया
क्या खूबसूरत थी
लगता है जैसे गुलाब का फूल हो
तारीफ करने को वर्ड नही थे
इतनी हॉट और सेक्सी औरत भी हो सकती है सोचा नही था
वो लिफ्ट से निकल कर जब चलने लगी तो उसके टुमके लाजवाब थे
सर से पैरो तक कयामत थी
उसके माथे की बिंदी हो या उसके पैरों की पायल की आवज़ सब मेरा ध्यान उसकी तरफ कर रहे थे
उसके बालो का बार बार उसके चेहरे पे आना
उसकी हिरनी जैसी चाल
उसका गोरा बदन
उसके नशीले गुलाबी होंठ
कोई अप्सरा लग रही थी
उसके गोरे बदन पर लाल साड़ी कमाल लग रही थी
वो तो सीधा मेरी तरफ आ रही थी
मैं तो डोर खोलने की जगह मुँह खोल कर उसको देखता रह गया
उसने मुझे ऐसे घूरते हुए देख लिया
और वो तो मेरे बाजू वाले अपार्टमेंट का डोर खोल रही थी
ये तो मेरी पड़ोसन निकली
इतनी हॉट और सेक्सी औरत मेरे पड़ोस मे रहती है और मुझे पता ही नही चला
मुझे खुद पे गुस्सा आ रहा था
जब तक वो मेरे सामने थी तब तक मैं ने अपनी पलके नही झुकने दी

बस उसको देखता रह गया
जब वो अपने अपार्टमेंट मे गयी तब जाके मैं होश मे आया
लेकिन मेरा होश तो मेरी पड़ोसन ले गयी
मैं अपने अपार्टमेंट मे आते ही मैं अपने पड़ोसन के सपनो मे खो गया

मुझे मुंबई मे आए 1महीना हो गया और मुझे अब तक पता नही था कि मेरे पड़ोस मे इतनी हॉट
और सेक्सी पड़ोसन रहती है
आज तो मैं अपनी पड़ोसन को देखते पागल हो गया
उसकी खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम थी
वो शादी शुदा थी फिर भी कली से फूल बनने का इंतज़ार कर रही हो ऐसा लग रहा था
उसके गुलाबी होंठ , उसके आँख मे लगा हुआ काजल , उसकी अदाए सब घायल कर गये पहली नज़र
मे ,
पहली नज़र मे मैं घायल हो गया
यकीन नही हो था कि कोई इतनी भी खूबसूरत हो सकती है
जन्नत की अप्सरा लग रही थी
मैं तो उसी के सपने देखने लगा
मेरी पड़ोसन
मुझे खुद पे गुस्सा आ रहा था कि मैं ने यहाँ जान पहचान क्यूँ नही बधाई
पहले दिन आते ही अपने पड़ोस से पूछताछ की होती तो अब तक उसका नाम पता चल जाता
उस से बाते भी हो जाती
मैं गधा हूँ जो अब तक किस से घुल मिल नही सका
मैं तो अब कल से ट्राइ करूँगा
देखता हूँ मेरे पड़ोस मे कौन कौन रहती है
आज तो मुझे मेरे पड़ोसन का चेहरा ही दिखाई देगा
आज तो मुझे नींद नही आएगी
मैं तो अपने अपार्टमेंट मे इधर से उधर घूम रहा था
बाल्कनी मे जाकर पड़ोसन की एक झलक पाना चाहता था
मेरी बाल्कनी और पड़ोसन की बाल्कनी पास मे थी
लेकिन बाल्कनी मे लोहे की ग्रिल लगी हुई थी वरना मैं जंप मार कर पड़ोसन के अपार्टमेंट मे
चला जाता
क्या करूँ क्या ना करूँ समझ नही आ रहा था
2 बार मूठ मार चुका हूँ
फिर भी दिल को सुकून नही मिल रहा है
मेरी पड़ोसन जब से रहने आई है तब से मेरी नींद उड़ गयी है
मैं ने लॅपटॉप से पड़ोसन मूवी का गाना तक डाउनलोड किया
और रिपीट कर कर के वही सॉंग लगाने लगा
मैं अपने अपार्टमेंट से बाहर आकर पड़ोसन के अपार्टमेंट के पास भी गया लेकिन डोर पे
नॉक वो भी रात के 12 बजे करने वाला था कि रुक गया
मैं तो पागल हो गया था
Reply
07-05-2019, 02:09 PM,
#8
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
बड़ी मुश्किल से मैं ने खुद के दिल को समझाया और सो गया
रात मे देर से सोने से मैं ने कंपनी से छुट्टी ले ली
आज मैं अपने बिल्डिंग मे ही रहने वाला था
आज तो अपने पड़ोसन के दीदार अच्छे से करूँगा
मैं सुबह उठ कर बार बार डोर खोल कर पड़ोसन के अपार्टमेंट की तरफ देखता पर वो बाहर नही
आई
उसके एक दीदार के लिए छुट्टी ली
पर वो थी कि पर्दे से बाहर नही आ रही थी
दोपेहर होते मेरी बेचैनी बढ़ गयी
अचानक मुझे डोर खोलने की आवाज़ आई तो मैं अपने अपार्टमेंट से बाहर आया
लेकिन ये सामने वाले अपार्टमेंट का डोर था
वहाँ एक अंकल आंटी रहते है
60+ एज थी दोनो की
वॉचमन उनसे कुछ बात कर रहा था
चलो वॉचमन से अपनी पड़ोसन के बारे में पूछ लेता हूँ
वॉचमन जैसे नीचे जाने वाला था कि मैं ने उसको रोक लिया
अवी- सुना
वॉचमन- जी साब
अवी- तुम क्या दिन रात जॉब करते हो
वॉचमन- मेरी तो रात मे ड्यूटी होती है , और मैं इसी सोसायटी मे रहता हूँ तो लोगो के छोटे मोटे
काम भी करता हूँ उस से थोड़ी आमदनी भी हो जाती है
अवी- मतलब एक्सट्रा कमाई करते हो
वॉचमन- एक्सट्रा कमाई के बिना बड़ी मुश्किल से पेट भरता है
अवी- मेरा भी काम कर दो
वॉचमन- जी बोलिए
अवी- कुछ बीयर लाकर दोगे
वॉचमन- ज़रूर लाउन्गा ,
अवी- ये लो पैसे कुछ बीयर लाना और खाने मे नॉनवेज लाना
वॉचमन- आप दोपेहर मे पिएँगे
अवी- हाँ , वो आज छुट्टी ले ली हैना इसी लिए आज मन कर रहा है
वॉचमन- अभी लाता हूँ
और वॉचमन जल्दी जाकर मेरे लिए बीयर लाया
वॉचमन ने बड़ी फास्ट काम कर दिया
अवी- तुम तो जल्दी आ गये
वॉचमन- मैं तो फास्ट काम करता हूँ
अवी- ये लो तुम्हारी बख्सीस , और ये एक बीअर तुम रख लो
वॉचमन- मैं कैसे ले सकता हूँ
अवी- रख लो , तुम मेरे गाओं वाले जो हो
वॉचमन खुश हो गया
और मैं वॉचमन के साथ बीयर पीने लगा
अवी- तुम यहाँ तो काफ़ी दिनो से काम करते हो फिर तो तुम्हें यहाँ के बारे में सब पता होगा
वॉचमन- सब कुछ पता है
अवी- मैं तो यहाँ नया हूँ , मेरी तो यहाँ किसी से जान पहचान नही है
वॉचमन- मैं करवा देता हूँ
अवी- तो ये बताओ मेरे सामने वाले अपार्टमेंट मे कौन रहता है
वॉचमन- एक अपार्टमेंट तो खाली है , और दूसरे मे मिस्टर मिसेज़ गुप्ता रहते है , दोनो बूढ़े है ,
दिन भर घर मे पड़े रहते है , उनके सारे काम मैं ही करता हूँ
अवी- और मेरे बाजू वाले अपार्टमेंट मे कौन रहता है
वॉचमन- रहता है नही ,रहती है
अवी- कौन रहती है
वॉचमन- गुलाब का फूल रहती है , इस सोसायटी की सबसे खूबसूरत औरत रहती है
अवी- अच्छा पर मैं ने तो उसको कभी देखा नही
वॉचमन- आप मेरी तरह वॉचमन बन जाओ तो रोज देखोगे
अवी- मैं ने तो उसको कभी बाहर नही देखा
वॉचमन- वो तो सुबह जॉब पर जाती है और शाम मे वापस आती है
अवी- और
वॉचमन- और क्या , बहुत अच्छी है , पर अकेली है वो
अवी- अकेली मतलब , वो यहाँ अकेली रहती है
वॉचमन- हाँ , उसका हज़्बेंड दुबई मे रहरा है , अबी 2 साल पहले ही यहाँ रहने आई है ,
उसका हज़्बेंड 6 महीने मे एक बार आता है
अवी- तो वो अकेली है
वॉचमन- हाँ , अगर वो मेरी बीवी होती तो उसको एक सेकेंड के लिए अकेला नही छोड़ता , उसका
हज़्बेंड पागल है
अवी- अच्छा , तो तुम उसको पाना चाहते हो
वॉचमन- सोसायटी का हर आदमी उसको पाना चाहता है , मैं तो हर रोज उसको समझ कर अपनी बीवी की
चुदाई करता हूँ
अवी- क्या बात करते हो
वॉचमन- वो तीखी मिर्ची भी है , एक बार तो उसने सेक्रेटरी को थप्पड़ मारा था जब उसको सेक्रेटरी
ने छेड़ा था तब से सब उस से दूर रहते है
अवी- और तुम
वॉचमन- मैं तो आज भी उसके सपने देखता हूँ , एक बार मिल जाए तो अपनी जान कुर्बान कर दे
अवी- इतनी तरफ़ कर रहे हो तो उसका नाम भी बता दो
वॉचमन- रेशमा है उसका नाम , रेशम की तरह है रेशमा
अवी- रेशमा
वॉचमन- आप बहुत लकी है जो रेशमा के पड़ोस मे रहते हो
अवी-तुम इतनी तारीफ कर रहे हो तो एक बार मिलना पड़ेगा
वॉचमन- आप भी देखोगे तो देखते रह जाओगे
अवी- फिर तो मिलना ही पड़ेगा
वॉचमन- आप मिल लेना अब मैं चलता हूँ
अवी- बीयर तो ख़तम करो
वॉचमन- बीयर अपने साथ लेकर जाता हूँ क्यूँ कि सेक्रेटरी ने बुलाया है , छत पर कुछ काम
करने का बोल रहे थे
अवी- ठीक है
वॉचमन- बीयर के लिए शुक्रिया
और वॉचमन नीचे चला गया
तो मेरी पड़ोसन का नाम रेशमा है
Reply
07-05-2019, 02:10 PM,
#9
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
रेशमा के रेशमी बालो के साथ खेलना ही पड़ेगा
थोड़ी तीखी है
अच्छा हैना रेशमा के पास भंवरे नही होंगे
अब सिर्फ़ मैं अकेला उसकी खुसबु का मज़ा लूँगा
सच कहा वॉचमन ने कि रेशमा का हज़्बेंड पागल है जो रेशमा को छोड़ कर दुबई मे रहता
है
रेशमा को कोई खुद से एक सेकेंड के लिए दूर ना करे
बस अब रेशमा से मुलाकात हो जाए
रेशमा को कैसे अपना दीवाना बना लूँ उसका प्लान बनाना होगा
रेशमा रेशमा रेशमा
अब तो उसके बारे में सब पता करता हूँ तभी कुछ कर पाउन्गा
रेशमा कब अपार्टमेंट से बाहर निकलती है
कब ऑफीस जाती है
कब वापिस आती है सब पता करना होगा
कल से ही काम पर लग जाता हूँ

मैं रेशमा के लिए पागल हो रहा था
रेशमा की खूबसूरती मे खोया रहने लगा
ऑफीस मे भी मन नही लग रहा था
मेरे ऑफीस मे भी एक रेशमा नाम की लड़की थी
उसको देखता तो उस मे भी मुझे मेरी पड़ोसन नज़र आ जाती
कोई मेरे ऑफीस की रेशमा को आवाज़ देता तो मेरी नज़र उसकी तरफ जाती लगता कि मेरी पड़ोसन तो नही
है
ऐसे दिन निकल रहे थे
मैं ने मेरी पड़ोसन के बारे में सब कुछ पता किया
रेशमा की शादी 3 साल पहले हुई है पर यहाँ 2 साल से रह रही है
शादी के 6 महीने बाद उसका हज़्बेंड दुबई चला गया
रेशमा की यहाँ जॉब थी जिस से वो जा नही पाई , ऐसा सुनने मे आया था लेकिन अंदर की बात ये थी कि
उसका पति उसको ले नही गया
सुबह जॉगिंग करना उसके बाद ऑफीस जाती है और शाम मे वापस आती है
अपने अपार्टमेंट और ऑफीस मे बिज़ी रहती है
ज़्यादा किसी से बात नही करती पर आते जाते बाकी औरतो को हाई हेलो कर ही देती है
मैं अभी भी उस से बात करने की हिम्मत नही जुटा पाया था
वो एक हफ्ते मे 3 बार ही मेरे सामने आई पर मुझमे हिम्मत ही नही हुई
बस मूठ मार कर काम चला रहा था
ऐसे मे मेरे ऑफीस मे एक दिन मैं सपने देख रहा था
मेरी पड़ोसन के सपने देखने लगा था दिन मे
रेशमा के सपने देखने से मेरा लंड टाइट हो गया पर क्या करूँ मैं थक गया था मूठ मार
मार कर
इस लिए मैं देर तक ऑफीस मे रुका रहा
लंड था कि ठंडे होने का नाम नही ले रहा था
इस बीच मेरे ऑफीस वाली रेशमा मेरे कॅबिन मे आ गयी
ऑफीस मे सिर्फ़ रेशमा और मैं रुके हुए थे कुछ इम्पोर्टेंट काम था जिसको कंप्लीट करना था
एक तो पड़ोसन के सपने देख कर लंड खड़ा उपर से ऑफीस की रेशमा स्कर्ट पहन कर आई थी
उसने जो रिपोर्ट बनाई उसको देख रहा था वो मेरे पास खड़ी होकर झुक कर बता रही थी
उसके इस तरह मेरे पास खड़े रहने से उसके सेक्सी कपड़े पहनने से मैं पागल हो रहा था
रिपोर्ट देखते देखते मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर चला गया
उसने कुछ नही कहा
मैं रिपोर्ट देखते देखते उसकी कमर सहलाने लगा तो उसने बस एक स्माइल दी
फिर क्या था मेरा हाथ पीठ से उसकी स्कर्ट के अंदर चला गया
रेशमा- सर ये आप क्या कर रहे है
अवी- तुम्हारे प्रमोशन के बारे में सोच रहा हूँ
रेशमा- सर कोई देख लेगा
अवी- ऑफीस मे हमारे अलावा कोई नही है
रेशमा- सर ये ग़लत है
अवी- तुमने ही तो कहा था की तुम्हें प्रमोशन चाहिए
रेशमा- सर पिछली बार के मेनेज़र ने प्रमोशन देने का कहा था , मेरे साथ सब किया पर
प्रमोशन नही मिला
मैं ने उसका हाथ पकड़ कर अपने गोद मे बैठा दिया
अवी- प्रमोशन के लिए तुमने ये सब पहले भी.किया
रेशमा- किया था , जॉब के लिए भी किया था
फिर क्या था
मैं ने उसको किस करना शुरू कर दिया
वो भी मेरा साथ दे रही थी
मैं तो.उसको मेरी पड़ोसन समझ कर किस कर रहा था
मैं तो अलग ही जोश मे था
मैं तो पड़ोसन समझ कर उसको मसल रहा था
वो तो ये सब कर चुकी थी
वो तो मेरा जोश देख कर डर ही गयी थी
मेरे अंदर तो जानवर घुस गया था
किस करने से ज़्यादा ज़रूरी मेरे लंड की प्यास बुझानी थी
लंड मे बहुत दर्द हो रहा था
मैं ने उसको टेबल पर झुका दिया
उसकी स्कर्ट उपर करके उसकी पैंटी निकाल दी
और बिना देर किए एक वार मे पूरा लंड अंदर पेल दिया
रेशमा की तो चीख निकल गयी
पर ऑफीस मे सिर्फ़ हम दोनो थे
जिस से बिना डरे मैं धक्के लगाता गया
रेशमा तो दर्द से तड़पने लगी
मैं बिना रुके पड़ोसन के सपने देखते हुए उसकी चुदाई करने लगा
रेशमा तो बहाल हो गयी
और मैं अपने अंदर की आग शांत करना चाहता था
मेरे अंदर की आग जल्दी ठंडी हो जाएगी तो चैन मिलेगा
मैं उसकी बिना रुके चुदाई करता गया
और हम दोनो एक साथ ठंडे पड़ गये
दमदार चुदाई करके मैं तो हाँफने लगा
रेशमा की तो बुरी हालत हो गयी थी
मैं अपनी आग बुझा कर रिलॅक्स हो गया
रेशमा लंगड़ाकर चलते हुए बाथरूम मे चली गयी
और कहने लगी कि ऐसी चुदाई उसकी पहले कभी नही हुई
मैं ने उसको प्रमोशन देने का वादा किया
रेशमा ने कहा कि अगर उसका प्रमोशन हुआ तो वो मुझे खुश करती रहेगी
ये तो मेरे लिए अच्छा रहेगा
रेशमा ने अपना नंबर दिया और हम अपने अपने घर चले गये
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-05-2019, 02:10 PM,
#10
RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
मुझे कोई आइडिया नही मिल रहा था कि कैसे अपनी पड़ोसन के साथ शुरुआत करू
अगर एक बार बात बन गयी तो काम शुरू हो जाएगा
एक बार बात हो गयी , पहचान बढ़ गयी तो फिर खेल शुरू हो जाएगा
धीरे धीरे सिड्यूस कर पाउन्गा
पर कुछ समझ नही आ रहा था
इस बीच ऑफीस की रेशमा की चुदाई भी कर डाली
चलो आग बुझाने को कोई तो मिली
मैं रेशमा की जोरदार चुदाई करके घर के लिए निकल पड़ा
अपनी सोसायटी मे आते ही कुछ देर वॉचमन से बात की
फिर ऑफीस वाली रेशमा का कॉल आया
रेशमा- हेलो अवी सर
अवी-रेशमा तुम
रेशमा- सर आपने तो आज मेरी फाड़ ही डाली
अवी-सॉरी , जोश मे आकर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा दिया
रेशमा- उस वक्त तो मुझे भी मज़ा आया पर अब दर्द हो रहा है
अवी-तुम प्रमोशन के बारे में सोचो दर्द ख़तम हो जाएगा
रेशमा से बात करते हुए मैं लिफ्ट के पास आ गया
और लिफ्ट का नीचे आने तक बात करता गया
रेशमा- सर प्रमोशन कब मिलेगा
अवी-जल्दी दूँगा , अगले मंडे तक तुम्हारा प्रमोशन हो जाएगा
रेशमा- थॅंक यू सर , वैसे आप की तो देवानी हो गयी हूँ मैं
अवी-तुम भी कुछ कम नही थी
तुम्हारी चूत भी टाइट थी , लगा ही नही था कि तुम कुवारि ना हो
और तुम ना रोज स्कर्ट पहन कर आया करो
रेशमा- क्यूँ ?
अवी-ताकि स्कर्ट उपर करते जल्दी तुम्हारी ले सकता हूँ
अब तो तुम्हारी रोज चुदाई करूँगा
रेशमा- मैं भी अब देर तक ऑफीस मे रहूंगी
अवी-ओवरटाइम मेरे साथ करना चाहती हो
कोई बात नही
उस ओवरटाइम का इनाम भी तुम्हें मिलेगा
बस मुझे खुश करते रहना
रेशमा- आप बस देखते रहिए कि मैं क्या क्या करती हूँ
अवी-फिर तो कल तुम्हारी पीछे से लूँगा
रेशमा- फिर तो ऑफीस की जगह कहीं और मिलना होगा सर
अवी-क्यूँ ?
रेशमा- वहाँ अब तक कोई गया ही नही
अवी-कोई बात नही , वैसे भी ओवरटाइम सिर्फ़ तुम्हें ही करना होता है
रेशमा- सर कल मत करना , एक दिन आराम दीजिए फिर जो करना है करना
अवी-ठीक कर , पर कल पैंटी पहन कर मत आना
रेशमा- नही सर ऐसा नही कर सकती
अवी-कल बिना पैंटी के आना , थोड़ा मज़ा तो लेकर देखो
रेशमा- ठीक है
अवी-तो कल ऑफीस मे मिलते है , कल भी तुम्हारी जमकर लूँगा
और मैं ने फोन रख दिया
मैं तो भूल ही गया था कि मैं लिफ्ट के पास खड़ा था
और मैं बिंदास चूत और गंद की बात कर रहा था
मैं ने जैसे फोन रख कर पीछे मुड़ा तो मेरे होश उड़ गये
मेरे पीछे मेरी पड़ोसन खड़ी थी
मेरी बाते उसने सुन ली थी
तभी वो मुझे गुस्से से देख रही थी
ये क्या हो गया
मैं तो पड़ोसन को पटाना चाहता था लेकिन यहाँ तो मेरी इमेज खराब हो गयी
मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था
मेरी पड़ोसन मुझे घूर कर देख रही थी
पर कुछ कहा नही
लिफ्ट ओपन होते ही मेरी पड़ोसन अंदर चली गयी पर मुझ मे हिम्मत ही नही हुई कि लिफ्ट मे जाउ
अब तो पड़ोसन को कभी सपने मे भी पा नही सकूँगा
क्या हो गया मुझसे
ग़लती से मैं ने अपनी इमेज खराब कर दी
मैं अपने अपार्टमेंट मे आकर खुद पे गुस्सा हो रहा था
अब तो मैं ने अपनी पड़ोसन के सपने देखने शुरू कर दिए थे
अब कुछ नही हो सकता
अब तो बस ऑफीस की रेशमा से ही काम चलना होगा

मेरी और रेशमा की बात मेरी पड़ोसन ने सुन ली थी
अब मेरा कोई चान्स बन ही नही सकता उसके साथ
अब किस मुँह से उसके सामने जाउन्गा
वैसे भी अब तक कुछ बात होती तो सॉरी बोल देता
लेकिन वो तो मुझे जानती भी नही ऐसे मे मैं क्यूँ उसको सॉरी बोलू
और वो कन्फ्यूज़ हो जाएगी कि मैं क्यूँ उसको सॉरी बोल रहा हूँ
मैं कुछ भी बोलू , उससे माफी क्यूँ माँग रहा हूँ इस पे वो डाउट कर सकती है
ऐसे मे मैं ने अपने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए
वैसे भी अब तो मुझे रेशमा मिल गयी थी
आग बुझाने का इंतज़ाम भी हो गया था
फिर जाने दो उसको
उसके जैसी हज़ारो मिल जाएगी
मैं ने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए और वापस अपने ऑफीस और अपनी लाइफ को एंजाय
करने लगा
अब तो मुझे अच्छी नींद आने लगी
ओफिस मे जब भी ओवरटाइम होता तो रेशमा की जम कर चुदाई करता
उसको प्रमोट भी कर दिया
अब तो वो जहाँ चाहे वहाँ चुदाई करने को तैयार होती है पिछले हफ्ते तो उसको एक ड्रेस भी गिफ्ट की
मेरे आग बुझाने का इंतज़ाम हो गया था
बड़ी हॉट चीज़ थी ऑफीस वाली रेशमा भी
पर पड़ोसन मिल जाती तो मज़ा आ जाता
धीरे धीरे मैं ने अपनी पड़ोसन को भुला दिया
कभी कभी नज़र से नज़र मिलती पर मैं वैसे ही चुप चाप चला जाता
वो भी मुझे घूर कर देखती
रेशमा की चुदाई को एक महीना हो गया
मैं वापस मुंबई की लाइफ को एंजाय करने लगा
इस बीच सनडे को तो पूरा दिन खाली रहता
सनडे की कभी कभी मूवी देखने जाता लेकिन इस सनडे को मैं रूम पर ही रुका
शाम मे मैं हमेशा की तरह नीचे गार्डन मे घूमने आ गया
आज छुट्टी होने से जल्दी घूमने आ गया
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,298,040 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,101 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,150,221 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,407 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,541,281 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,046 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,795,313 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,510,911 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,823,860 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,002 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)