Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
08-07-2017, 10:33 AM,
#11
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
मैंने देखा भाई के लण्ड पर अभी भी कुछ बूंदें माल की उनके लण्ड पर रह गई थी। इसलिए मैंने अपनी जीभ निकली और भाई का लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया क्योंकि मैं अपने भाई का माल बर्बाद नहीं होने दे सकती थी।

मैं साजन- उसके बाद मैंने अपना लोअर ठीक किया और प्रिया से बोला– अब ऊपर चलते है क्योंकि हमें बहुत देर हो गई है।

प्रिया- हाँ भाई, ऊपर चलते हैं बहुत देर हो गई हैं। पर एक बात तो बताओ आप मेरी मसाज कब करोगे?

प्रिया ने कहा- वैसे भाई खाने का भी टाइम हो गया है आप कहो तो पहले खाना लगा दूँ?

मैंने कहा- अभी नहीं, भूख भी नहीं लग रही और फिर पहले यह काम ख़त्म कर लेते हैं, कहीं कोई आ गया तो यह भी अधूरा रह जाएगा।

प्रिया ने कहा- सही कह रहे हो भाई आप !

फिर मैंने प्रिया को तेल लाने को कहा तो प्रिया सरसों के तेल की शीशी ले आई।

मैंने प्रिया को कहा- अब तुम अपने कपड़े उतार कर इस चादर पर लेट जाओ।

मेरी बात सुन कर प्रिया अपने कपड़े उतारने लगी पर उससे कपड़े उतर नहीं रहे थे, अब उसको मेरे सामने शर्म आ रही थी उसे अपने कपड़े उतारते हुए।

मैं प्रिया की उलझन को समझ रहा था, और वैसे भी जब लड़की गर्म होती है और सेक्स के अधीन होती है तो उसकी शर्म गायब हो जाती है पर अब प्रिया को फिर से गर्म करना पड़ेगा तभी यह खुल कर मज़े दे पाएगी, इसलिए मैंने उससे कहा- एक काम करो, तुम मेरे मोबाईल में कोई मूवी देखो, तब तक मैं अपने कपड़े चेंज कर लेता हूँ, नहीं तो ये भी तेल में हो जायेंगे।

मैंने अपने फ़ोन में फिर वही फ़ोल्डर ओपन कर के प्रिया को दे दिया फिर मैं उसके सामने ही अपने कपड़े चेंज करने लगा।

मैंने पहले अपनी टी शर्ट उतारी, फिर मैंने अपना बनियान ऊपर दिया, फिर उसके बाद मैंने अपने लोअर भी उतार भी उतार दिया।

मैं प्रिया के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था और प्रिया मुझे एकटक देखे जा रही थी।

मैंने प्रिया से कहा- ऐसे क्या देख रही हो? वो जो तौलिया रखा है वो दे दो।

प्रिया मेरे खड़े होते हुए लण्ड को अपनी प्यासी निगाहों से देखते हुए अपने होठों पर अपनी जीभ फिरा रही थी।

जब प्रिया ने मुझे तौलिया नहीं दिया तो मैं नंगा ही उसके सामने पहुँच गया जैसे ही में उसके करीब पहुँचा तो प्रिया ने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया।

मैंने अपने लण्ड को उसके हाथों से छुड़ाते हुए कहा- इसको बाद में पकड़ लेना, पहले मुझे वो तौलिया दो।



तो प्रिया बोली- भाई, आप ऐसे ही अच्छे लग रहे हो, और फिर तौलिया तो आपको उतरना ही पड़ेगा। तो उसे रहने ही दो।

मुझे उसकी बात ठीक लगी।

मैंने प्रिया को देखा, उसकी शर्ट के बटन सारे खुले हुए थे, उसके दोनों बूब्स सही से दिखाई दे रहे थे।

प्रिया के जिस्म पर अभी उसकी शर्ट मौजूद थी और उसका एक पैर दूसरे पैर पर रखा था जिससे उसकी योनि का क्या हाल है यह मुझे नजर नहीं आ रहा था।

प्रिया की गोदी में मेरा फ़ोन रखा हुआ था, मैंने देखा, फ़ोन में उस वक़्त चुदाई का सीन चल रहा था और प्रिया भी अब तक गर्म हो चुकी थी, वो मेरे लण्ड को ऊपर के नीचे अपने हाथ से कर रही थी।

मैंने प्रिया के कंधे पर अपना एक हाथ रखा तो उसका शरीर कांपने लगा।

अब मैं भी ज्यादा देर न करते हुए प्रिया की शर्ट उतारने लगा जिसमें प्रिया ने मेरी मदद की।

जब मैं प्रिया की शर्ट उतार रहा था तो उसने मोबाईल फ़ोन बंद करके एक तरफ रख दिया और फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी।
अब प्रिया ऊपर से पूर्ण रूप से नग्न हो चुकी थी, प्रिया के बूब्स मुझे साफ साफ दिखाई दे रहे थे।

उसके बूब्स तो पहले से ही सख्त थे पर वो अब और भी सख्त दिखाई दे रहे थे, उसके बूब्स की गुलाबी निप्पल तन चुकी थी।

मैंने अपने दोनों हाथ प्रिया के दोनों बूब्स पर रखते ही प्रिया के मुंह से स्स्स्सीईईईइ की आवाज आई।

उसके बाद मैं उसके बूब्स को सहलाने लगा और उनको हल्का हल्का दबाने भी लगा।

कमरे में प्रिया की आवाज ‘ऊउअन्न्हाह्ह्ह’ और भी ज्यादा होने लगी थी।

प्रिया की चूची पर मेरा हाथ लगते ही मेरा लण्ड भी सलामी देने लगा था और काफी हद तक तन गया था जो प्रिया अभी भी प्रिया के हाथों में था।

कुछ देर ऐसे ही प्रिया के बूब्स दबाता रहा, फिर मैंने प्रिया को उस चादर पर चलने के लिए कहा जो कुछ देर पहले ही प्रिया ने बिछाई थी।

अब प्रिया मेरी हर बात को सहजता से मान रही थी उसने अपनी आँखें खोली और उठ कर उस चादर पर जाकर खड़ी हो गई और मेरी तरफ़ देखने लगी जैसे मुझसे पूछ रही हो की उसको कैसे लेटना है।

मैं प्रिया की मौन भाषा को समझ गया और उसको बोला- रुको, पहले तुम्हारे बचे हुए कपड़े निकाल देता हूँ।

प्रिया मेरी बात सुनकर हल्की सी मुस्कुराई और फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली।

दोस्तो, मैंने उसकी एक बात नोटिस की वो यह कि अब प्रिया मुझसे बात नहीं कर पा रही थी जैसा वो पहले कर रही थी, बस अपनी आँखों के इशारे से ही मुझे बता देती थी।

मैं भी प्रिया के पास पहुँच गया, उसके चेहरे को देखा तो उसकी आँखें बंद थी।

मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमर पर रखे तो उसकी सांसें थोड़ी ओर जोर से चलने लगी।

फिर मैंने प्रिया के स्कर्ट के हुक को खोल दिया और आहिस्ता आहिस्ता उसकी स्कर्ट को नीचे की ओर सरकने लगा।

जैसे जैसे मैं उसकी स्कर्ट को नीचे कर रहा था वैसे वैसे प्रिया की चूत बेपर्दा हो रही थी।

मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि अभी कुछ देर पहले तो उसने पेंटी पहनी हुई थी पर अब उसके जिस्म पर पेंटी नहीं थी।

मैंने प्रिया से पूछा- तुमने पेंटी कब उतार दी?

तो प्रिया शर्माते हुए बोली- भाई, जब नीचे मैं मूवी देख रही थी वो मैंने तभी उतार दी थी।

इतना कह कर वो फिर चुप हो गई और मैं उसकी नंगी चूत देख रहा था।

बड़ा ही मस्त नजारा था उस वक़्त, जब उसकी स्कर्ट पूरी नीचे हो गई तो मैंने प्रिया को कहा- अपना पैर उठाओ, स्कर्ट निकालनी है।

जैसे प्रिया ने मेरी आवाज सुनी तो वो जैसे होश में आई हो, उसने मेरी तरफ देखा और फिर अपनी तरफ देखा और जैसे ही उसने अपने आपको देखा तो उसको अहसास हुआ कि वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी है।

तुरन्त ही उसने अपने एक हाथ से अपने वक्ष को ढक लिया और दूसरे हाथ से अपनी योनि को छुपा लिया जबकि एक एक हाथ से बूब्स और योनि को छुपा पाने में असमर्थ हो रही थी।

उसकी आँखें मुझे ही देख रही थी और मैं तो प्रिया के यौवन को निहार रहा था।

मैंने अब बिना कुछ कहे उसके पैर को अपने एक हाथ से पकड़ा और उसको थोड़ा सा ऊपर उठाने लगा।

अब की बार प्रिया ने अपना पैर थोड़ा सा ऊपर किया तो मैंने उसकी स्कर्ट एक पैर से निकाल दी, फिर वैसा ही मैंने उसके दूसरे पैर को ऊपर किया और पूरी स्कर्ट उसके जिस्म से अलग करके एक तरफ रख दी।

अब वो सम्पूर्ण रूप से मेरे सामने नंगी खड़ी थी अपने यौवन के खजाने को छुपाये हुए।

मेरा लण्ड उतेजना के मारे ऊपर नीचे हो रहा था जोकि उसे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था क्योंकि मैं तो पहले से ही नंगा हो चुका था।
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08-07-2017, 10:33 AM,
#12
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जैसे प्रिया ने मेरी आवाज सुनी तो वो जैसे होश में आई हो, उसने मेरी तरफ देखा और फिर अपनी तरफ देखा और जैसे ही उसने अपने आपको देखा तो उसको अहसास हुआ कि वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी है।

तुरन्त ही उसने अपने एक हाथ से अपने वक्ष को ढक लिया और दूसरे हाथ से अपनी योनि को छुपा लिया जबकि एक एक हाथ से बूब्स और योनि को छुपा पाने में असमर्थ हो रही थी।

उसकी आँखें मुझे ही देख रही थी और मैं तो प्रिया के यौवन को निहार रहा था।

मैंने अब बिना कुछ कहे उसके पैर को अपने एक हाथ से पकड़ा और उसको थोड़ा सा ऊपर उठाने लगा।

अब की बार प्रिया ने अपना पैर थोड़ा सा ऊपर किया तो मैंने उसकी स्कर्ट एक पैर से निकाल दी, फिर वैसा ही मैंने उसके दूसरे पैर को ऊपर किया और पूरी स्कर्ट उसके जिस्म से अलग करके एक तरफ रख दी।

अब वो सम्पूर्ण रूप से मेरे सामने नंगी खड़ी थी अपने यौवन के खजाने को छुपाये हुए।

मेरा लण्ड उतेजना के मारे ऊपर नीचे हो रहा था जोकि उसे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था क्योंकि मैं तो पहले से ही नंगा हो चुका था।

मैंने अपना हाथ प्रिया के हाथ पर रख दिया जिस हाथ से उसने अपनी योनि को छुपा रखा था और धीरे धीरे उसके हाथ को सहलाने लगा और फिर मैंने प्रिया का हाथ पकड़ा और उसकी योनि से हटा दिया।

प्रिया ने कोई न नुकुर नहीं की और अपना हाथ अपनी योनि से हटा लिया पर उसने अपनी आँखें जरूर बंद कर ली थी।

अब प्रिया की चूत मेरी आँखों के सामने थी बड़ी ही मस्त लग रही थी योनि के ऊपर हल्के सुनहरी बाल उसकी चूत पर गजब ढा रहे थे।
प्रिया की चूत के दोनों तरफ की पत्ती उभरी हुई थी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसकी चूत से कुछ बूँदें रस की नीचे गिर रही थी और कुछ बूँदें उसकी चूत से निकल कर गिरने वाली थी।

इससे पहले चूत के रस की बूँदें बिस्तर पर गिरती, मैंने अपने मुँह से अपनी जीभ बाहर निकली और प्रिया की चूत पर उस जगह रख दी जहाँ से रस निकल कर बाहर आ रहा था।

मेरी जीभ ने जैसे ही प्रिया की चूत को टच किया ‘स्सस्सस्सीईईईईम्म्माआआआअ’ प्रिया मुंह से सिसकारी निकल गई।

प्रिया की चूत से रस टपकने से पहले ही मैं वो रस चाट गया, बहुत ही अच्छा स्वाद था उसकी चूत के रस का।

फिर मैंने उसकी चूत पर एक लम्बा सा चुम्बन किया।

अब तो प्रिया की हालत ओर भी खराब हो गई थी।

फिर मैं प्रिया की चूत की बीच की लकीर में अपनी जीभ डाल कर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर करने लगा।

प्रिया की टांगों में कम्पन होने लगा था और अब उसकी चूत ओर भी पानी छोड़ने लगी थी जिसे मैं अपनी जुबान से चाट जाता था।

मैंने प्रिया को इशारे से पैरों को और फैलाने के लिए कहा तो उसने तुरन्त ही अपने पैरों को और फैला लिया।

मैं थोड़ा सा नीचे की तरफ हुआ और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा।

‘ऊऊऊऊईईईम्म्म्माआआआअ’ प्रिया के मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी और साथ ही उसका एक हाथ मेरे सर पर आ गया और वो मेरे बालों को सहलाने लगी।

इस वक़्त प्रिया बेड पर खड़ी थी और मैं बेड से नीचे जमीन पर खड़ा था।

मैंने भी अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में घुसा दी अब तो प्रिया ने मेरे सर के बालों को छोड़ कर अपने दोनों हाथों से अपनी चूची को मसलने लगी।

उस वक़्त प्रिया को बहुत ही आनन्द आ रहा था जिसे वो अपनी सिसकारियों में बयान कर रही थी।

मैं जितना उसकी चूत को छेड़ता, उतना ही वो अपनी चूची को मसलती।

कुछ देर बाद प्रिया झड़ने लगी, उसने मेरा सर अपनी जांघों के बीच दबा लिया, मैं प्रिया की चूत का सारा माल चट कर गया।

जब वो पूरी तरह झड़ गई तो उसने मेरा सर अपनी जांघों से आजाद कर दिया।

अब प्रिया की वो हालत थी की उससे अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।

फिर मैंने उसको मैंने बेड पर लेटने का इशारा किया और वो मेरा इशारा समझ गई।

वो बेड पर लेट गई।

प्रिया अब मेरे सामने बेड पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी, उसका सर बेड के किनारे पर था।

प्रिया ने अपनी आँखें बंद की हुई थी और जो मैं अब करने वाला था वो बस अब उसका इंतजार कर रही थी।

मैं प्रिया के सर की तरफ खड़ा था।

फिर मैंने तेल की शीशी उठाई और सबसे पहले मैंने उसकी चूची को पकड़कर उस पर तेल डाला।

दोनों चूचियों पर तेल डालने के बाद मैंने तेल की शीशी एक तरफ़ रख दी और अपने हाथों से उसकी चूची पर तेल मसलने लगा।
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08-07-2017, 10:33 AM,
#13
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
जब दोनों चूची पूरी तेल में हो गई तो मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों के बीच में रखे और अपने दोनों हाथ उसके बदन पर रगड़ते हुए नीचे की ओर लाने लगा फिर उसके मम्मों के नीचे से होता हुआ उसकी बगल तक हाथ ले गया फिर अपने दोनों हाथ फिर से ऊपर लाया।

अब मेरे हाथों ने प्रिया के बूब्स को इस तरह से पकड़कर ऊपर उठाये हुए थे कि उसके दोनों बूब्स आपस में मिल गए और फिर हाथ ऊपर ले जाकर एक एक उसकी चूची के ऊपर से लाता हुआ उनको दबा देता।

उसकी चूचियों की अपने दोनों हाथों से इसी तरह से मालिश करने लगा मैं।

प्रिया के बूब्स को मैं कभी कभी बड़ी ही बेदर्दी से मसल देता जिसके कारण प्रिया की मस्ती से डूबी हुई ऊऊऊउईईईईईई सिसकारियाँ निकल जाती।

पूरे कमरे में प्रिया की सिसकारियाँ गूंज रही थी।

फिर मैं उसकी दोनों चूचियों के निप्पल पकड़ कर उसको मसलने लगा।

अब तो प्रिया की और भी हालत और भी ख़राब हो गई थी इसलिए तो वो ‘स्स्स्सीईईईईइ’ करते हुए अपने ही दांतों से अपने होंठ काटने लगी थी।

प्रिया के होंठ और भी गुलाबी और भी सेक्सी हो गए थे।

मैंने भी अपने होठों पर अपनी जीभ फिराई और उसके बूब्स को पूरी ताकत से मसलते हुए मैं थोड़ा सा नीचे की ओर झुका, अपने होंठ प्रिया के होंठों पर रख कर उसके रस भरे होंठों को चूसने लगा।

प्रिया भी मेरा पूरा पूरा सहयोग कर रही थी।

कभी मैं उसके होंठों को चूसता तो कभी वो मेरे होंठों को चूसती और साथ-साथ मैं उसकी चूचियों को भी मसल रहा था।

प्रिया को पूर्ण नग्न करके उसके रसीले होंठों को चूसने का मज़ा ही कुछ अलग था।

प्रिया का तो शायद लाइफ इस तरह का पहला चुम्बन था इसलिए मुझसे ज्यादा मज़ा तो उसको आ रहा होगा।

मैं प्रिया को दोहरा मज़ा दे रहा था किस का और बूब्स के मर्दन का भी।

कुछ देर बाद जब मैं प्रिया से अलग हुआ तो प्रिया के होंठ ऐसे हो गए थे जैसे कि अभी उनमें से खून निकल पड़ेगा।

फिर मैंने प्रिया के पेट पर तेल डाला और उसकी मालिश करने लगा, उसका नाजुक पेट और उसकी गहरी नाभि बड़ी ही मनमोहक लग रही थी।

फिर मैंने अपना हाथ पेट से नीचे ले जाकर उसकी चूत की उभरी हुई पत्तियों की मालिश करने लगा।

मालिश करते हुए मैं अपनी उंगली प्रिया की चूत के अन्दर कर दिया करता जिससे वो उछल पड़ती थी।

प्रिया की चूत फिर से गीली हो चुकी थी, उसकी चूत से रह रहकर पानी निकल रहा था।

कुछ देर मैं ऐसा ही करता रहा, और फिर मैंने उसको पलटने के लिए कहा तो वो पलट कर लेट गई।

उसके लेटने के बाद मैंने कुछ तेल उसकी कमर और गांड के उभरे हुए चूतड़ों और उनकी दरार में डाल दिया।

इससे आगे मेरे हाथ नहीं जा सकते थे, यह बात प्रिया भांप गई और वो खुद ही आगे की ओर सरक गई।
अब उसकी गर्दन बेड से बाहर की ओर निकली हुई थी।

उसके बाद मैंने अपने दोनों हाथ उसके नंगे जिस्म पर रखे और तेल को उसके बदन पर फैलाने लगा।

अब मेरे हाथ उसकी गांड पर से होते हुए चूत पर भी पहुँच रहे थे और उसके चूतड़ों की मालिश करता हुआ मैं प्रिया की चूत भी सहला देता था।

प्रिया का मुंह अब मेरे लण्ड के बहुत ही करीब था तो उसने भी अब अपने हाथों को हरकत दी और उसने अपने एक हाथ से मेरी कमर को पकड़ कर, दूसरे हाथ से मेरा लण्ड धीरे धीरे अपने हाथों से सहलाने लगी।

मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा हुआ मचल रहा था।
मैंने प्रिया को देखा और उसने मुझे देखा और नजरें मिलते ही वो मुस्कुरा दी और फिर थोड़ा सा आगे की ओर आ गई मेरे लण्ड के और करीब।

उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत आनन्द आ रहा था इसलिए मैं भी अपने दोनों हाथों से प्रिया की कमर को कसकर मसलने लगा, फिर कुछ देर बाद ही प्रिया मेरे लण्ड का टोपा खोलकर उसको अपने नाजुक होंठों के बीच रखकर उसको चूसने लगी।

अब तो मेरी भी हालत और भी खराब होने लगी तो मैं भी प्रिया की गांड के ऊपर अपने हाथ फिराता हुआ उसकी चूत को छेड़ने लगा।
अब प्रिया और मैं दोनों ही मदहोशी के आलम में खोते जा रहे थे, मैं खड़ा था और प्रिया उलटी पेट के बल लेट कर मेरा लण्ड चूस रही थी।

प्रिया की चूत तो इतना पानी छोड़ रही थी मानो वो मूत रही हो और मुझे भी अब लगने वाला था कि मैं कहीं इसके मुंह में ही न झड़ जाऊँ।
इसलिए मैंने उसकी मालिश रोक दी।

मेरे रुकते ही प्रिया ने मेरा लण्ड अपने मुंह से निकाला और मुझसे पूछने लगी- क्या हुआ भाई? आप रुक क्यों गए? बहुत मज़ा आ रहा था।
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08-07-2017, 10:33 AM,
#14
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प्रिया की चूत तो इतना पानी छोड़ रही थी मानो वो मूत रही हो और मुझे भी अब लगने वाला था कि मैं कहीं इसके मुंह में ही न झड़ जाऊँ।
इसलिए मैंने उसकी मालिश रोक दी।

मेरे रुकते ही प्रिया ने मेरा लण्ड अपने मुंह से निकाला और मुझसे पूछने लगी- क्या हुआ भाई? आप रुक क्यों गए? बहुत मज़ा आ रहा था।
इतनी देर बाद उसके मुख से ये शब्द निकले जो अभी तक चुप थी।

मैंने प्रिया को कहा- अब टाइम बहुत हो गया है, कहीं ऐसा न हो कोई आ जाये और फिर…?

इतना कह कर मैं चुप हो गया प्रिया ने घड़ी की तरफ देखा और कहने लगी- भाई, अभी तो मम्मी और पारुल को आने में टाइम है।

उसकी आवाज में वासना साफ़ साफ़ झलक रही थी।

मैंने कहा- वो तो ठीक है पर मुझे इतनी ही मालिश आती है, और वो मैंने कर दी। पर तुमसे एक बात पूछूँ?

तो वो बोली- आप बाद में पूछना, पहले आप मेरी मालिश पूरी करो।

तो मैं बोला- हो तो गई, अब क्या बचा है?

तो उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में जो अभी तक पकड़ा हुआ था, उसको दबाते हुए बोली- अभी इससे तो आपने कुछ किया ही नहीं।

मैं– मैं कुछ समझा नहीं?
जबकि मैं सब समझ चुका था।

प्रिया– भाई, आपने मेरी इसकी (अपनी चूत पर हाथ रखते हुए बोली) तो मालिश की ही नहीं, अपने इससे (मेरे लण्ड को दबा कर) करो न भाई!

मैं– यह तुमको कैसे पता कि चूत की मालिश लण्ड से होती है।

प्रिया शर्माते हुए- भाई इतना सब कुछ होने के बाद और वो वीडियो देखने के बाद मुझे सब पता चल गया है। भाई, क्यों तड़पा रहे हो अपनी इस छोटी बहन को, पहले इसमें अपना लिंग डाल कर मेरी योनि की भी मालिश कर दो।

कंट्रोल तो मुझसे भी नहीं हो रहा था तो अब मैं भी देर न करते हुए बेड के ऊपर आ गया।
तब तक प्रिया भी सीधी लेट चुकी थी, मैंने प्रिया की चूत पर हाथ फेरा तो प्रिया बोली- भाई, अब जल्दी करो न, पता नहीं मेरी इसमें क्या हो रहा है।

मैंने प्रिया को समझाते हुए बोला- तुमको पता है कि इसको योनि के आलावा और क्या कहते हैं?

तो उसने कहा- हाँ भाई।

मैंने कहा- तो बताओ फिर क्या है ये?

मैंने उसकी चूत में एक उंगली डालते हुए कहा तो वो उछल गई ‘आआह्ह्ह्ह्ह भाई… इसको चूत भी आआह्ह्ह और बुर भी कहते हैं और आपके लिंग को ऊऊम्म्म्म्म लण्ड, लौड़ा कहते हैं।’

प्रिया इतनी उत्तेजित हो गई थी कि अब उसको यह लग रहा था कि कहीं इन बातों में समय न बीत जाए और उसकी चुदाई ही न हो पाए।

मैं भी मौके की नजाकत को समझते हुए प्रिया की दोनों टांगों के बीच आ गया और अपना लण्ड उस नाजुक चूत पर रगड़ने लगा और कहने लगा- जब मैं अपना लण्ड तेरी चूत में डालूँगा तो तुझे थोड़ा दर्द होगा और यह दर्द पहली बार सब को होता है।

प्रिया– भाई, आप डालो न… कुछ भी नहीं होगा ! जो होगा वो मैं सहन कर लूँगी, बस आप डाल दो।

प्रिया को मेरा लण्ड अपनी चूत में लेने की इतनी जल्दी थी कि इतना कहने बाद वो खुद ही अपनी गांड उठा कर अपनी चूत मेरे लण्ड पर दबाने लगी।

फिर क्या था ! मैंने भी अपना लण्ड प्रिया की चूत के छेद पर लगाते हुए उसकी कमर को पकड़ कर एक झटका उसकी चूत पर मारा।

‘आआईई म्म्माआआआआअ मरर गैईईईईईईईई…’ उसकी मुंह से चीख निकल गई मेरे लण्ड उसकी चूत को चीरते हुए उसकी चूत में जाने लगा।

पर अभी प्रिया की चूत में मेरे लण्ड का टोपा प्रिया ही अन्दर घुसा था।
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08-07-2017, 10:34 AM,
#15
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
प्रिया की चीखे सुनने वाला पूरे घर में नहीं था इसलिए मैं निश्चिंत था।

प्रिया– भाई, धीरे से करो आआआऐईईईईईइ… न बहुत दर्द होता है।

मैं– मैंने तो पहले ही कहा था, तू ही कह रही थी डालो डालो, अब डाल दिया तो कह रही हो धीरे डालो।

प्रिया– हाँ भाई, पर धीरे से करो न !

मैं– ठीक है धीरे धीरे ही करूँगा अब।

मैंने धीरे से अपना लण्ड उसकी चूत में हल्का सा सरका दिया तो वो बोली- हाँ भाई, ऐसे ही करो, ऐसा करने से दर्द कुछ कम होता है।
पर मैं सोच रहा था कि अगर मैं ऐसे ही करता रहा तो हमारी चुदाई पूरी भी नहीं हो सकेगी और जिस हिसाब से यह करने के लिए कह रही है उस हिसाब से तो बहुत टाइम लग जाएगा।

इसलिए मैंने कुछ और ही सोच लिया पर इसके बारे में मैंने प्रिया को नहीं बताया और फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूची पकड़ी और बहुत तेज धक्का प्रिया की चूत पर दे मारा।

‘आआआऐईईईईइ म्मम्मा गईईईईईईईस्सस्सस…’ प्रिया की चीखें पूरे घर में गूंजने लगी।

मैंने भी उसकी चीखों को दबाने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि मुझे पता था घर में कोई नहीं है, और मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था उसको चीखते चिल्लाते हुए देखकर।

मेरा आधा लण्ड प्रिया की चूत में समां गया था।

प्रिया को बहुत तेज दर्द हो रहा था और वो मुझे अपने दोनों हाथों से पीछे की ओर धकेल रही थी जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत से निकल जाए पर मैंने भी उसको कस कर पकड़ा हुआ था नहीं तो मेरा लण्ड उसकी चूत से निकल गया होता।

वो अभी भी सिसक रही थी पर मैंने उसकी भी परवाह न करते हुए उसके कंधों को अपने दोनों हाथो से मजबूती से पकड़ा और फिर एक धक्का और उसकी चूत पर दे मारा।

‘आऐईईईइ आआऐईईईईईइ माआआअ मार्र्रर्र्र गआआआईईईईईईईइ…’

अबकी बार धक्का इतना तेज था कि वो बेड से कुछ ऊपर उछल गई, अगर मैंने उसको मजबूती से न पकड़ा होता तो यक़ीनन वो अब तक भाग गई होती, पर मैंने उसको हिलने तक नहीं दिया।

प्रिया मुझे बार-बार अपने से अलग करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही थी, प्रिया की चूत से खून निकल कर बाहर आ गया था और अबकी बार उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे।

प्रिया की सील को मैंने आज तोड़ ही दिया, जिसके कारण मैं तो बहुत खुश था पर इस वक्त प्रिया की हालत बहुत ख़राब हो रही थी।
प्रिया मुझे बहुत कुछ कह रही थी- आप को बोला था, आराम से करो पर तुम तो ऐसा कर रहे हो? आआईईईईईईईईइ जैसे मैं कहीं भागी जा रही थी।

और वो अपनी टांगों से मुझे हटाने की भरपूर कोशिश कर रही थी।

मैं उसके ऊपर लगभग लेट गया और उसके आँसू को अपने हाथ से साफ़ करते हुए बोला- सॉरी यार… पर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और फिर टाइम भी ज्यादा नहीं था।

मैंने प्रिया से कहा- तुम्हें जो दर्द होना था, वो हो गया, अब तुमको भी कुछ देर बाद मज़ा आएगा।

तो प्रिया तुनक कर बोली- अच्छा ठीक है, पर अभी कुछ देर के लिए अपना लण्ड मेरी योनि से बाहर निकाल लो, बहुत दर्द कर रहा है।
मैंने प्रिया को बातों में लगाये रखा और साथ साथ ही उसकी चूचियों को भी सहलाता रहा पर उसकी चूत से अपना लण्ड बाहर नहीं निकाला।

कुछ देर बाद शायद प्रिया को दर्द में आराम हो गया था इसलिए वो अपनी गांड को बार बार हिला रही थी।
जैसे ही मुझे इस बात का एहसास हुआ तो मैंने भी अपना लण्ड चूत से बस इतना ही बाहर निकाला की चूत के अन्दर बस मेरे लण्ड का ही टोपा ही रहे।
क्योंकि पूरा लण्ड तो अभी तक प्रिया की चूत में गया ही नहीं था, कुछ लण्ड बाहर ही रह गया था इसलिए मैंने सोचा कि लण्ड बाहर निकाल कर फिर पूरा लण्ड डाल दूंगा उसकी चूत में।

बस फिर क्या था, जिस गति मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला था, फिर वापस उसी गति से डाल दिया चूत में !
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08-07-2017, 10:34 AM,
#16
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
मैं उसके ऊपर लगभग लेट गया और उसके आँसू को अपने हाथ से साफ़ करते हुए बोला- सॉरी यार… पर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और फिर टाइम भी ज्यादा नहीं था।

मैंने प्रिया से कहा- तुम्हें जो दर्द होना था, वो हो गया, अब तुमको भी कुछ देर बाद मज़ा आएगा।

तो प्रिया तुनक कर बोली- अच्छा ठीक है, पर अभी कुछ देर के लिए अपना लण्ड मेरी योनि से बाहर निकाल लो, बहुत दर्द कर रहा है।
मैंने प्रिया को बातों में लगाये रखा और साथ साथ ही उसकी चूचियों को भी सहलाता रहा पर उसकी चूत से अपना लण्ड बाहर नहीं निकाला।

कुछ देर बाद शायद प्रिया को दर्द में आराम हो गया था इसलिए वो अपनी गांड को बार बार हिला रही थी।

जैसे ही मुझे इस बात का एहसास हुआ तो मैंने भी अपना लण्ड चूत से बस इतना ही बाहर निकाला की चूत के अन्दर बस मेरे लण्ड का ही टोपा ही रहे।
क्योंकि पूरा लण्ड तो अभी तक प्रिया की चूत में गया ही नहीं था, कुछ लण्ड बाहर ही रह गया था इसलिए मैंने सोचा कि लण्ड बाहर निकाल कर फिर पूरा लण्ड डाल दूंगा उसकी चूत में।

बस फिर क्या था, जिस गति मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला था, फिर वापस उसी गति से डाल दिया चूत में !

‘ऊऊऊऊईईईम्म्म्माआआअ माआआआअ ग्ग्गाआऐईई…’ वो फिर से चीख पड़ी पर अब उसकी चीखो में दर्द के साथ-साथ आनन्द की भी झलक थी।

मैंने उसके होंठों को चूमते हुए कहा- अब कैसा लग रहा है तुमको?

तो वो बोली- भाई, दर्द तो अभी भी हो रहा है पर अब मज़ा भी आ रहा है, करते जाओ।

फिर वो मस्ती में चूर होकर बड़बड़ाने लगी- और लगाओ जोर से धक्का… आज से मैं आपकी हूँ… आज से तुम मेरे साजन भाई हो और मैं आपकी सजनी बहना।


मैंने भी उसकी चूत से अपना लण्ड खींचते हुए फिर से उसकी चूत में लण्ड पलते हुए कहा– हाँ मेरी सजनी बहना। अब तो मैं जब भी आऊँगा यहाँ पर तो मुझसे चुदाई तो करवओगी न?

तो प्रिया बोली– हाँ मेरे साजन भाई, आपका जब मन हो चोद लेना अपनी सजनी बहना को।

प्रिया की बातें सुनते सुनते मुझे और जोश आ गया और फिर मैं पूरी ताकत से उसकी चुदाई करने लगा।
वो मेरे हर धक्के पर चीख उठती- आआआऐईईईईइह य्यूऊओआआआ’
और वो हर धक्के पर कहती- भाई और जोर से…

तो मैं और जोर लगा कर उसकी चूत पर धक्का मारता।

कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरे लण्ड से लावा निकलने वाला है तो मैंने प्रिया की चुदाई और तेज कर दी।

इधर प्रिया की चूत भी पानी छोड़ने वाली थी, प्रिया भी बोल रही थी- भाई, मेरा भी होने वाला है… और तेज और तेज आआह… आआ… आआऐईईईइ आआअह्ह ह्हह…

और इसके साथ साथ प्रिया ने अपनी चूत में मेरा लण्ड जकड़ लिया और अपनी चूत से पानी छोड़ने लगी, और वो मुझसे ऐसे चिपक गई जैसे दीवार पर छिपकली।

जैसे ही प्रिया की चूत के पानी ने मेरे लण्ड को नहलाया तो मुझसे भी नहीं रहा गया तो मेरे लण्ड अपना सारा लावा उसकी चूत की गहराई में छोड़ दिया।

‘आआअह्ह ह्ह…’ मैं प्रिया की चूत पर जब तक धक्के लगाता रहा जब तक मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में खाली ना हो गया।

फिर मैं भी उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को अपने लबों में दबा कर चूसने लगा।
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08-07-2017, 10:34 AM,
#17
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे, फिर मैंने प्रिया से पूछा- तुमको कैसा लगा?

तो बोली- बहुत मज़ा आया भाई, अगर मुझे पहले पता होता कि इस खेल में इतना मज़ा आता है तो मैं रात को ही आपसे चुद गई होती।

मैंने प्रिया को कहा- चोद तो मैं तुझे रात को ही देता पर रात को घर में सब थे इसलिए तुझे मैंने रात को छोड़ दिया था।

प्रिया ने मुझसे कहा- भाई, अब जल्दी से उठो, सबके आने का समय हो रहा है।

मैंने टाइम देखा तो प्रिया सही कह रही थी, इसलिए मैं उठा और फिर प्रिया को उठाने के लिए अपना हाथ दिया तो प्रिया मेरा हाथ पकड़ कर उठ गई।

उठते ही उसने बिस्तर पर देख तो कुछ खून के धब्बे देखे तो उसने पूछा- भाई, ये क्या है?

तो मैंने उसको बताया- जब कोई लड़की पहली बार चुदती है तो उसकी चूत से कुछ खून निकलता है, पर अब कोई फ़िक्र की बात नहीं है, अब तुम कली से फ़ूल बन गई हो।

मैंने और प्रिया ने देखा कि उसकी चूत से मेरा वीर्य और प्रिया का कामरस और खून तीनों मिक्स हो कर निकल रहा था।

यह देख कर हम दोनों ही मुस्कुरा दिए।

फिर प्रिया की चूत को मैंने अपने रूमाल से साफ़ किया और अपने लण्ड को भी साफ़ किया, फिर मैंने अपने कपड़े पहने और प्रिया ने वो कपड़े न पहन कर सूट सलवार पहने।

उस बिस्तर को प्रिया ने छुपाकर रख दिया जो की हमारी प्रेमलीला की गवाही दे रहा था।

कुछ देर बाद पारुल और मुकेश भी आ गए, प्रिया को कुछ चलने में दिक्कत हो रही थी पर उसने यह महसूस नहीं होने दिया कि उसको कोई दिक्कत है।

मैं उन दोनों के आने से पहले ही टी वी चला कर बैठ गया था और प्रिया खाना गर्म कर रही थी जब वो दोनों आये।
फिर हम चारों ने मिलकर खाना खाया, खाना खाने के बाद प्रिया बर्तन साफ़ करने के लिए नीचे चली गई और पारुल अपनी बुक निकाल कर पढ़ने बैठ गई और साथ में मुकेश को भी पढ़ने के लिए अपने पास बैठा लिया।

मैं भी टीवी बंद करके नीचे प्रिया के पास रसोई में पहुँच गया, प्रिया रसोई में खड़ी होकर सिंक में बर्तन धो रही थी।

मैंने उससे पीछे से पकड़ लिया और उसके बूब्स को दबाने लगा तो प्रिया ने चौंकते हुए पीछे देखा, तो पीछे मैं खड़ा था।

उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा– भाई, अभी कुछ मत करो, मुझे बूब्स में और नीचे दर्द हो रहा है और फिर मम्मी भी आने वाली हैं। अब जो भी करना हो रात को करना, मैं रात को बिल्कुल भी मना नहीं करुँगी।

मुझे भी लगा कि प्रिया सही कह रही है, अगर लड़की की पहली बार चुदाई हुई है तो उसको कुछ समय तक दर्द तो रहता ही है और उसकी चूत सूज भी जाती है।

उस वक़्त सिर्फ मैंने प्रिया के सेब जैसे गाल पर एक चुम्बन किया और उसके पीछे से हट गया और उससे बोला- अगर तुमको ज्यादा तकलीफ हो रही है तो मैं मदद कर देता हूँ काम करवाने में।

इस पर प्रिया हंसती हुई बोली- रहने दो मेरे सजना, मैं खुद कर लूँगी और यह दर्द तो बहुत मीठा मीठा सा है, इस दर्द में भी मुझे मज़ा आ रहा है।

अभी हम बात कर ही रहे थे कि तभी मामी भी आ गई, मैं तो उससे अलग ही था तो कोई ऐसे बात नहीं हुई जिससे उनको जरा सा भी शक होता कि दाल में कुछ काला है।

मामी के आते ही प्रिया ने उनको खाना लगा कर दिया।

मामी खाना कहते हुए मुझसे बात कर रही थी, कुछ घर की तो कुछ बाहर की, बस ऐसे ही समय निकलता चला गया।

शाम को सात बजे तक मामा जी भी आ गए, मामाजी के आने के कुछ देर बाद ही फिर से बारिश शुरू हो गई।

आज की बारिश कल की बारिश से बहुत तेज थी, बारिश के साथ साथ हवा भी चल रही थी जिसके कारण आज शाम को ठण्ड भी क्यों ज्यादा ही हो गई थी।

रात को खाना खाने के बाद मामी ने प्रिया को बोला- आज ठण्ड ज्यादा ही हो गई है, तुम बेड के अन्दर से रजाई निकाल लेना, नहीं तो रात में ठण्ड लगेगी।

प्रिया ने कहा- ठीक है मम्मी, हम रजाई निकाल लेंगे।

इसके बाद मामा और मामी हमें जल्दी सोने के लिए बोल कर अपने कमरे में आज कुछ ज्यादा ही जल्दी अन्दर चले गए।

फिर हम चारों भी ऊपर के रूम में आ गए।

तब तक बारिश भी थम चुकी थी पर हवा अभी भी चल रही थी जिसके कारण हम सभी को ठण्ड भी लग रही थी, इसलिए सबसे पहले प्रिया ने बेड से दो ही रजाई निकाली और हम चारों उन दोनों रजाई में बैठ कर बातें करने लगे क्योंकि अभी 9:30 ही बजे थे।

मुकेश और पारुल एक रजाई में बैठे थे और प्रिया और मैं दूसरी रजाई में।
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08-07-2017, 10:34 AM,
#18
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
रात को खाना खाने के बाद मामी ने प्रिया को बोला- आज ठण्ड ज्यादा ही हो गई है, तुम बेड के अन्दर से रजाई निकाल लेना, नहीं तो रात में ठण्ड लगेगी।

प्रिया ने कहा- ठीक है मम्मी, हम रजाई निकाल लेंगे।

इसके बाद मामा और मामी हमें जल्दी सोने के लिए बोल कर अपने कमरे में आज कुछ ज्यादा ही जल्दी अन्दर चले गए।

फिर हम चारों भी ऊपर के रूम में आ गए।

तब तक बारिश भी थम चुकी थी पर हवा अभी भी चल रही थी जिसके कारण हम सभी को ठण्ड भी लग रही थी, इसलिए सबसे पहले प्रिया ने बेड से दो ही रजाई निकाली और हम चारों उन दोनों रजाई में बैठ कर बातें करने लगे क्योंकि अभी 9:30 ही बजे थे।

मुकेश और पारुल एक रजाई में बैठे थे और प्रिया और मैं दूसरी रजाई में।

मेरी जाँघ प्रिया की जाँघ से सटी हुई थी पर न तो प्रिया ने कुछ हरकत रजाई के अन्दर की और न ही मैंने क्योंकि अभी लाईट जल रही थी और हम नहीं चाहते थे कि ऐसी कोई हरकत उन दोनों की नजर में आये जिससे उन्हें कोई भी शक हो।

कुछ देर बात करने के बाद पारुल ने कहा भी- चलो भाई आज अन्ताक्षरी खेलते हैं।

तो मुकेश भी बोल पड़ा- हाँ दीदी, मैं भी खेलूँगा।

फिर सबकी सहमति से हम चारो अन्ताक्षरी खेलने लगे।

हमें अन्ताक्षरी खेलते हुए रात के 10:30 बज चुके थे और ठण्ड भी बहुत हो रही थी इसलिए मुकेश और पारुल अपनी रजाई में लेट चुके थे।
मुकेश और पारुल एक रजाई में बेड के एक कोने में लेट हुए थे, प्रिया भी अब लेटने की तैयारी में थी जो अब तक मेरे साथ रजाई में बैठी थी।

प्रिया ने लेटते हुए मुझसे कहा- भाई, लाईट बंद कर दो, कहीं ऐसा न हो कि हम सो जाएँ और लाईट जलती रहे।

मैं उठा और कमरे की लाईट बंद कर दी, अब कमरे में इतना अँधेरा हो चुका था कि हमें एक दूसरे के चेहरे भी नजर नहीं आ रहे थे।

तब तक प्रिया भी लेट चुकी थी और उसका मुँह पारुल की तरफ था क्योंकि वो करवट लेकर लेटी हुई थी।

मैं फिर से प्रिया की रजाई में घुस गया, जैसे ही मैं रजाई के अन्दर बैठा तो मेरा हाथ प्रिया के चूतड़ से छू गया।

मुझे कुछ अजीब सा लगा तो मैंने उसके चूतड़ को सही से हाथ फेर कर देखा तो पता चला कि प्रिया ने सलवार उतार दी थी, वो नीचे से पूरी नंगी थी।

हम अब भी चारों अन्ताक्षरी खेल रहे थे और मैं बैठा हुआ प्रिया की नंगी चूत को सहला रहा था।

कुछ ही देर में प्रिया की चूत गीली हो गई।

फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और उसकी चूत को अपनी उंगली से ही चोदने लगा।

कुछ देर बाद प्रिया ने मुझसे कहा- भाई आप भी लेट जाओ।

प्रिया के कहने पर मैं भी उसी रजाई में लेट गया, उसकी गांड अब भी मेरी तरफ थी, तो मैं भी करवट ले कर लेट गया।

मेरा लण्ड प्रिया की गांड से छू रहा था और मैं अपने एक हाथ से प्रिया की चूची दबा रहा था।

प्रिया के बदन पर अभी कमीज बाकी था जिसके कारण मैं उसकी चूची को सही से पकड़ नहीं पा रहा था इसलिए मैंने प्रिया के कमीज को ऊपर की ओर खींचते हुए इशारा किया कि वो अपना कमीज भी उतार दे।

मेरी यह बात प्रिया आसानी से मान गई और वो थोड़ा ऊपर हुई और रजाई के अन्दर ही अपना सूट उतरने लगी।

उसके सूट उतारने मैं मैंने भी उसकी मदद की और कुछ ही पलों बाद उसका कमीज उतर गया।

अँधेरा इतना था कि उसके कमीज उतारने का किसी को कुछ भी पता नहीं चला।
अब प्रिया पूरी नंगी मेरे साथ लेटी थी।

कुछ देर बाद मेरा लण्ड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया और अब शायद प्रिया की गांड में चुभ रहा था इसलिए तो प्रिया ने अपना एक हाथ पीछे की ओर किया और मेरे लोअर को पकड़ कर नीचे करने लगी।

हम अभी तक अन्ताक्षरी ही खेल रहे थे और उन दोनों को यह नहीं पता था कि हम अन्ताक्षरी के साथ साथ कुछ और भी खेल रहे हैं।
रजाई के अन्दर की हलचल को वो देख नहीं सकते थे क्योंकि पूरे कमरे में अँधेरा जो था।

मैंने भी प्रिया की मन की बात को समझते हुए अपना लोअर और अपनी टी शर्ट पूरी तरह से निकाल दी।

अब प्रिया और मैं पूरी तरह से नंगे थे।

फिर मैंने अपने हाथ से अपना खड़ा लण्ड प्रिया की चूत से सटा दिया और उसके मम्मे दबाते हुए हम ऐसे ही लेटे हुए हम अन्ताक्षरी खलते रहे थे।

मेरा लण्ड प्रिया की चूत से सटा हुआ था इसलिए प्रिया की चूत और भी गीली हो गई, उसकी चूत से इतना पानी निकला कि मेरा लण्ड भी उसकी चूत के पानी से गीला हो गया।

जब मुझे अपने लण्ड पर गीलेपन का एहसास हुआ तो मैंने उसकी चूची जरा जोर से दबा दी।

जैसे ही मैंने प्रिया की चूची जोर से दबाई, तो वो कुछ ऊपर की तरफ उछल पड़ी पर अपने मुंह से जरा भी आवाज नहीं निकाली और उसी वक़्त मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी नीचे वाली बगल में डाल दिया।

फिर जैसे ही वो नीचे हुई तो मैंने उसकी दूसरी चूची भी पकड ली।
अब मेरे दोनों हाथो में प्रिया के मम्मे थे और उनको मैं धीरे धीरे दबा रहा था।

इधर प्रिया ने अपनी गांड ओर भी पीछे की ओर कर दी और अपना एक हाथ अपनी चूत के नीचे लाकर मेरे लण्ड को पकड़ा ही था।

तभी पारुल ने कहा- मुकेश तो सो गया है तो हम तीनों ही अन्ताक्षरी खेलते हैं क्योंकि मुझे अभी नींद नहीं आ रही।

पारुल की आवाज सुनकर प्रिया ने मेरा लण्ड नहीं छोड़ा बल्कि जो वो कर रही थी वो करते करते रुक जरुर गई थी।

पारुल की बात सुनकर प्रिया ने भी कहा- मुझे भी नींद आ रही है तो तुम दोनों ही खेल लो और इतना कह कर प्रिया ने अपना मुंह भी रजाई में छुपा लिया।

मैंने प्रिया के चूचे दबाते हुए पारुल से कहा- कोई बात नहीं, इनको सोने दो, हम दोनों ही खेलते हैं।

फिर पारुल और मैं अन्ताक्षरी खेलने लगे और रजाई के अन्दर प्रिया अपना काम करने लगी।

प्रिया ने मेरा लण्ड अपनी चूत के छेद पर लगाया और फिर खुद ही अपनी गांड पीछे की ओर कर दी जिससे मेरे लण्ड का टोपा उसकी चूत में घुस गया और वो कुछ पल के लिए रुक गई, फिर प्रिया ने अपना हाथ पीछे ले जाकर मेरे नंगे चूतड़ पर हाथ से इशारा किया की पूरा लण्ड चूत में पेल दो।

प्रिया का इशारा मेरी समझ में आ गया था तो मैंने उसके चूचे को दोनों हाथ से दबाते हुए नीचे अपना लण्ड प्रिया की चूत पर दबा दिया।

मेरा लण्ड अभी आधा ही गया था कि प्रिया ने फिर से मुझे मेरे चूतड़ को पकड़ कर रुकने का इशारा किया तो मैं रुक गया और उसके चूचे दबाते हुए उसकी पीठ पर चुम्बन करने लगा।

तभी पारुल ने अपना गाना ख़त्म किया और बोली- भाई, ‘य’ से गाना है।

मैं प्रिया के मम्मे मसलते हुए गाना सोच रहा था, अभी कुछ ही देर हुई थी कि प्रिया ने फिर इशारा किया कि अब डालो, तभी मुझे भी गाना याद आ गया।
‘याहूऊऊऊऊऊऊऊ’ इतना कहते ही मैंने प्रिया की दोनों चूची को मसलते हुए एक जोर का घक्का उसकी चूत पर मारा और फिर गाना गाने लगा।


मेरा पूरा लण्ड प्रिया की चूत की गहराई में जाकर खो गया था।

प्रिया के मुंह से बस ‘ऊऊह्ह्ह्हूऊऊऊऊ’ की ही आवाज निकल पाई थी क्योंकि उसने अपना मुंह अपने एक हाथ दबा लिया था और जो आवाज निकली भी थी तो वो इतनी तेज नहीं थी कि पारुल उसको सुन सके।

मेरा गाना ख़त्म होने के बाद पारुल मेरे दिए हुए शब्द से गाना सोचने लगी और मैं प्रिया के बूब्स दबाता हुआ उसकी पीठ और गर्दन पर किस कर रहा था।

हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे, न तो प्रिया ने ही अपनी चूत हिलाई और न ही मैंने अपना लण्ड।
बस चूत में लण्ड डाले दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे।

कुछ देर बाद पारुल भी गाना सोचते सोचते वो भी सो गई।

जब काफी देर हो गई तो मैंने प्रिया के बूब्स दबाते हुए पारुल को आवाज दी- पारुल ! पारुल ! पारुल सो गई क्या?

पर पारुल ने कोई जवाब नहीं दिया वो सो चुकी थी।

प्रिया ने मुझसे धीरे से कहा– मेरे सजना, पारुल सो गई है।

यह तो मुझे भी पता चल चुका था इसलिए मैंने पीछे से ही अपने लण्ड को बाहर खींचा और कई धक्के उसकी चूत पर मार दिए।

प्रिया के मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थी पर बहुत धीरे धीरे।

फिर मैंने उसकी चूत से अपना लण्ड निकाला और उसको अपनी ओर घुमा लिया।

अब हमारे चेहरे एक दूसरे के सामने थे।
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08-07-2017, 10:34 AM,
#19
RE: Sex Chudai Kahani ममेरी बहन के साथ कबड्डी
मैंने प्रिया को अपनी बांहों के आगोश में लेते हुए उसके लबों को चूमने लगा और प्रिया नीचे मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

फिर कुछ देर बाद मैं थोड़ा सा नीचे की ओर सरक गया अब प्रिया के मम्मे मेरे मुंह के सामने थे, मैं उसकी एक चूची को अपने मुंह में लेकर उसके चूसने लगा और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को मसल रहा था।

मैं प्रिया की चूची बदल बदल कर चूस और पी रहा था, कभी कभी तो मैं उसकी चूची के निप्पल को अपने दांतों से काट लेता।

बड़ा ही मज़ा आ रहा था प्रिया के दूध पीकर।

मेरे ऐसा करने से उसकी और भी ज्यादा हालत खराब हो गई थी वो अब धीरे धीरे ‘ऊऊह्ह्ह्हूऊऊऊऊ आअह्ह्ह्ह’ कर रही थी।

जब प्रिया से नहीं रहा गया तो वो मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालने की कोशिश करने लगी पर इस पोजीशन में मेरा लण्ड प्रिया की चूत के अन्दर नहीं जा रहा था तो प्रिया खुद ही मेरे ऊपर चढ़ गई, मैं उसके दोनों पैरों के बीच में लेटा हुआ था और प्रिया घुटने मोड़ कर मेरे लण्ड के ऊपर बैठी थी।

प्रिया ने अपने एक हाथ से मेरे लण्ड को अपनी चूत के छेद पर लगाया और थोड़ा सा नीचे को बैठने लगी।

मेरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर जाने लगा, जब मेरे लण्ड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया तो वो मेरे ऊपर लेट सी गई और उसने मेरे होंठ को अपने होंठ में दबाकर के जोर का धक्का मेरे लण्ड पर दे मारा।

‘ऊऊईईईईम्म्म्माआआआ!’

मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा समा गया, प्रिया की आवाज मेरे और उसके मुंह के अन्दर ही घुट कर रह गई।

प्रिया की चूची मेरे छाती पर दबी ही थी और मेरे दोनों हाथ उसके चूतड़ को सहला रहे थे।

प्रिया कुछ देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेटी रही और फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी।

मैं उसकी जीभ को चूसने लगा और वो अपनी चूची मेरी छाती पर रगड़ने लगी।

कुछ देर बाद उसने अपनी गांड उठाकर मेरे लण्ड पर मारने लगी, एक तो हम दोनों के बदन में आग लगी हुई थी ओर ऊपर से हमारे ऊपर रजाई थी।

रजाई के अन्दर इतनी गर्मी हो गई थी कि हम दोनों को पसीने आ गए।

फ़िर मैं उसकी चूची अपने मुंह में डालकर पीने लगा और साथ ही मैंने उसके चूतड़ को अपने दोनों हाथों से कुछ ऊपर किये और फिर नीचे से उसकी चूत में लण्ड पेलने लगा।

मैं लगातार उसके बूब्स को चूसे जा रहा था और साथ ही मैं उसकी चूत पर नीचे से धक्के लगाये जा रहा था।

कमरे में हमारी चुदाई का मधुर संगीत गूंज रहा था, प्रिया की चूत से इतना पानी निकल रहा था कि जब भी मेरा लण्ड उसकी चूत में अन्दर बाहर होता तो फच फच फच फच की आवाज आती।

हमारी चुदाई के मधुर संगीत को कोई सुनने वाला नहीं था क्योंकि पारुल और मुकेश तो सोये हुए थे।

कुछ देर बाद ही प्रिया मेरे ऊपर लेटे लेटे थक गई तो उसने में कान में धीरे से कहा- भाई, मुझे नीचे लेकर चोदो।

प्रिया मेरे ऊपर से उतर कर नीचे बेड पर लेट गई उसके नीचे लेटते ही मैं उसके पैरों के बीच आया और पहले उसकी चूत को किस किया फिर उसकी चूत को चाटने लगा, अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा।

कुछ देर ऐसे ही चूत चाटने के बाद मैं प्रिया के मुंह की तरफ आया और अपने हाथ से अपना लण्ड उसके होंठों पर रख दिया।

प्रिया ने अपना मुंह खोल कर मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया, मेरे लण्ड के सुपाड़े को अपने होंठों में दबा कर उसको चूसने लगी। मेरा लण्ड चूसते हुए वो अपनी जीभ से मेरे लण्ड के सुपाड़े के छेद को कुरेदने लगी, उसके ऐसा करने से मुझे अपार आनन्द आ रहा था।

मेरा लण्ड प्रिया ने चूस चूस कर अपने थूक से तर कर दिया।

जब मेरा लण्ड प्रिया के थूक से तर हो गया तो मैं फिर से प्रिया के पैरों के बीच आ गया और उसके पैरों को चौड़ा करके अपना लण्ड उसकी चूत पर लगा कर एक जोरदार धक्का उसकी चूत पर दे मारा।

‘ऊऊऊईईम्म्म्माआआअ…’ वो धीरे से चीखी मेरा लण्ड पूरा उसकी चूत में उतर गया।

फिर मैंने उसकी चूची को पकड़ा और जोर जोर से धक्के मारने लगा।

हर धक्के पर उसके मुंह से ‘अऊऊआअय्य्य’ करके आवाज आती।

प्रिया चुदते हुए मेरी कमर को सहलाती तो कभी मेरे चूतड़ों को।

कुछ देर बाद ही मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने प्रिया को कहा- जान, मेरा होने वाला है।

तो प्रिया भी बोल पड़ी- भाई रुकना नहीं, रुकना नहीं मेरा भी होने वालाआआआआअ है!
और इतना कहते ही उसने मुझे जकड़ लिया, उसकी चूत से काम रस बह निकला जो मेरे लण्ड को तर कर रहा था।

मेरा भी अब होने की कगार पर था, मैंने आठ दस धक्के उसकी चूत पर कस कस के मारे और फिर मेरे लण्ड ने भी प्रिया की चूत में लावा उगल दिया, हम दोनों ही झड़ चुके थे।
मैं प्रिया के ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा जब तक मेरे लण्ड सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर न आ गया।

फिर प्रिया ने मुझे अपने ऊपर से हटने को कहा तो मैं उसके ऊपर से हट कर साइड में लेट गया।

वो उठी और बाथरूम में अपनी चूत को साफ़ करके फिर से मेरे पास आकर लेट गई।

मैंने प्रिया को बोला- कर लिया अपनी चूत को साफ़?

तो वो बोली- हाँ भाई!

तो मैंने कहा- मेरा लण्ड कौन साफ़ करेगा?

तो उसने कहा- सॉरी भाई, मैं भूल गई।

इतना कहने के बाद वो मेरे लण्ड के पास गई और फिर मेरे लण्ड को अपने हाथ में पकड़ा और उसको अपनी जुबान से चाट चाट कर साफ़ कर दिया।

मेरा लण्ड साफ़ करने के बाद वो फिर से मेरे पहलू में आकर लेट गई।

प्रिया नंगी ही बाथरूम गई थी जिसकी वजह से उसको ठण्ड लग रही थी, वो मुझसे लिपट कर लेटी हुई थी, वो अब भी कांप रही थी तो उसको मैंने अपने आगोश में पूरी तरह ले लिया।

कुछ देर बाद मेरे शरीर की गर्मी मिलने के कारण उसका बदन भी गर्म हो गया था।

कुछ देर बाद प्रिया ने कहा- भाई, चलो अब कपड़े पहन लेते हैं नहीं तो मुझे आपके आगोश में पड़े हुए बहुत जल्द ही नींद आ जायेगी।

मैंने प्रिया के लबों को चूमते हुए कहा- मेरा मन तेरे साथ नंगे सोने का है।

तो प्रिया ने मुझे समझाते हुए कहा- मेरे सजना, मेरे बलम… मेरी बात मान जाओ, जिद नहीं करते, अगर किसी ने हमको इस हालत में देख लिया तो बहुत मुश्किल हो जायेगी। जब घर में कोई नहीं होगा, तब तुम जो कहोगे, मैं वो सब करुँगी पर अभी खुद भी कपड़े पहन लो और मुझे भी पहने दो।

प्रिया की बात तो सही थी, इसलिए मैंने उसको कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने कपड़े पहन लिए और प्रिया भी सूट सलवार पहन कर मुझसे चिपक कर लेट गई और मुझसे पूछा- भाई, आप मुझसे नाराज तो नहीं हो न?

तो मैंने कहा- नहीं जान, मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ।

और इतना कह कर हम दोनों एक दूसरे की कोली भर कर सोने की कोशिश करने लगे।

दोस्तो, यह थी मेरी और प्रिया की कबड्डी…
आपको कैसी लगी।
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