Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:03 PM,
#1
Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--1

'मेम्साब रात बहुत हो चुकी है आप कब तक रहेंगी यहा' राजकुमार ने पूछा.

'बस काका जा रही हूँ' पद्‍मिनी ने टेबल पर बिखरे कागजॉ को एक फाइल कवर में रखते हुवे कहा.

पद्‍मिनी ऑफीस के चोकीदार को काका कह कर ही बुलाती थी.

जैसे ही पद्‍मिनी अपने कॅबिन से बाहर निकली ऑफीस के सन्नाटे को देख कर उसका डर के मारे गला सुख गया.

'ओह... कितनी देर हो गयी. पर क्या करूँ ये असाइनमेंट भी तो पूरी करनी ज़रूरी थी वरना वो कमीना सेक्शेणा मेरी जान ले लेता कल. भगवान ऐसा बॉस किसी को ना दे' पद्‍मिनी पार्किंग की तरफ तेज़ी से बढ़ती हुई बड़बड़ा रही है.

कार में बैठते ही उसने अपने पापा को फोन लगाया,'पापा मैं आ रही हूँ. 20 मिनिट में घर पहुँच जाउन्गि.

पद्‍मिनी शादी शुदा होते हुवे भी 5 महीने से अपने मायके में थी. कारण बहुत ही दुखद था. उसका पति सुरेश उसे दहेज के लिए ताने देता था. हर रोज उसकी नयी माँग होती थी. माँगे पूरी करते करते पद्‍मिनी के परिवार वाले थक चुके थे. जब पानी सर से उपर हो गया तो पद्‍मिनी अपने ससुराल(देल्ही) से मायके(देहरादून) चली आई.

'उह आज बहुत ठंड है. सड़के भी शुन्सान है. मुझे इतनी देर तक ऑफीस नही रुकना चाहिए था.'

रात के 10:30 बज रहे थे. सर्दी में जन्वरी के महीने में इस वक्त सभी लोग अपने-अपने घरो में रज़ाई में दुबक जाते हैं.

पहली बार पद्‍मिनी इतनी देर तक घर से बाहर थी. कार चलाते वक्त उसका दिल धक-धक कर रहा था. जो रास्ते दिन में जाने पहचाने लगते थे वो रात को किसी खौफनाक खंडहर से कम नही लग रहे थे.

पद्‍मिनी के हाथ स्टीरिंग पर काँप रहे थे.'ऑल ईज़ वेल...ऑल ईज़ वेल' वो बार बार दोहरा रही थी.

अचानक उसे सड़क पर एक साया दीखाई दिया. पद्‍मिनी ने पहले तो राहत की साँस ली कि चलो सुनसांसड़क पर उसे कोई तो दिखाई दिया. पर अचानक उसकी राहत घबराहट में बदल गयी. वो सामने बिल्कुल सड़क के बीच आ गया था और हाथ हिला कर गाड़ी रोकने का इशारा कर रहा था.

पद्‍मिनी को समझ नही आया कि क्या करे. जब वो उस साए के पास पहुँची तो पाया कि एक कोई 35-36 साल का हॅटा कॅटा आदमी उसे कार रोकने का इशारा कर रहा था.

पद्‍मिनी को समझ नही आ रहा था कि क्या करे क्या ना करे. पर वो शक्स बिल्कुल उसकी कार के आगे आ गया था. ना चाहते हुवे भी पद्‍मिनी को ब्रेक लगाने पड़े.

जैसी ही कार रुकी वो आदमी पद्‍मिनी के कार को ज़ोर-ज़ोर से ठप-थपाने लगा. वो बहुत घबराया हुवा लग रहा था.

पद्‍मिनी को भी उसके चेहरे पर डर की शिकन दीखाई दे रही थी. पद्‍मिनी ने अपनी विंडो का शीसा थोड़ा नीचे सरकाया और पूछा, “क्या बात है, पागल हो क्या तुम.”

“मेडम प्लीज़ मुझे लिफ्ट दे दीजिए. मेरी जान को ख़तरा है. कोई मुझे मारना चाहता है,”

“मेरे पास ये फालतू बकवास सुनने का वक्त नही है,” पद्‍मिनी के मूह से ये शब्द निकले ही थे कि उस आदमी की चीन्ख चारो तरफ गूंजने लगी.

एक नकाब पोश साया उस आदमी को पीछे से लगातार चाकू घोंपे जा रहा था.

“ओह गॉड…” पद्‍मिनी का पूरा शरीर ये दृश्य देख कर थर-थर काँपने लगा.”

वो इतना डर गयी कि कार को रेस देने की बजाए ब्रेक को दबाती रही. उसे लगा कि कार स्टार्ट नही होगी. वो कार से निकल कर फॉरन उस साए से ऑपोसिट दिसा में भागी.

जो साया उस आदमी को मार रहा था फुर्ती से आगे बढ़ा और पद्‍मिनी को दबोच लिया, “च…चओडो मुझे…मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है.”

बिगाड़ा तो उस आदमी ने भी मेरा कुछ नही था.

“फिर…फिर… तुमने उसे क्यों मारा.”

“आइ जस्ट लाइक किल्लिंग पीपल.”

“ओह गॉड क्या तुम्ही हो वो साइको सीरियल किल्लर.”

“बिल्कुल मैं ही हूँ वो…आओ तुम्हे जंगल में ले जाकर आराम से काटता हूँ. तेरे जैसी सुंदर परी को मारने में और मज़ा आएगा.”

“बचाओ…” इस से ज़्यादा पद्‍मिनी चिल्ला नही सकी. क्योंकि उस साए ने उसका मूह दबोच लिया था.”

“हे भगवान मैं किस मुसीबत में फँस गयी. इस किल्लर का अगला शिकार मैं बनूँगी मैने सोचा भी नही था. काश दरिंदे का चेहरा देख पाती”

पीछले 2 महीनो में चार मर्डर हो चुके थे. उनमे से 3 आदमी थे और एक कॉलेज गर्ल. पूरे देहरादून में लोग ख़ौफ़ में जी रहे थे. उसके पापा उसे रोज कहते थे कि कभी शाम 6 बजे से लेट मत होना. पद्‍मिनी भी इस घटना से घबराई हुई थी पर काम में बिज़ी होने के कारण उसे वक्त का ध्यान ही नही रहा.

जंगल की गहराई में ले जा का उस साए ने पद्‍मिनी के मूह से अपना हाथ हटाया और बोला,”बताओ पहले कहा घुसाऊ ये तेज धार चाकू.”

“प्लीज़ मुझे जाने दो. मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, मेरे पर्स में जितने पैसे हैं रख लो. मेरी कार भी रख लो…मुझे मत मारो प्लीज़.”

“वो सब तुम रखो मुझे वो सब नही चाहिए. मुझे तो बस तुम्हे मार कर तस्सल्ली मिलेगी. वैसे तुम्हारे पास कुछ और देने को हो तो बताओ.”

“पद्‍मिनी समझ रही थी कि कुछ और से उसका मतलब क्या है. मेरे पास इस वक्त कुछ और नही है प्लीज़ मुझे जाने दो”

“अब तो यहा से तुम्हारी लाश ही जाएगी फिर,” वो चाकू को उसके गले पर रख कर बोला.

“रूको अगर चाहो तो मैं ब्लो जॉब दे सकती हूँ”

“वो क्या होता है.”

“ब…ब…ब्लो जॉब मतलब ब्लो जॉब,” पद्‍मिनी ने हकलाते हुवे कहा.

“हां पर इसमें करते क्या हैं. समझाओ तो सही तुम्हारा पेर्पोजल समझ में आया तो ही बात आगे बढ़ेगी वरना में तुम्हे काटने को मरा जा रहा हूँ. मेरा मज़ा खराब मत करो.”
Reply
01-01-2019, 12:03 PM,
#2
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
पद्‍मिनी से कुछ कहे नही बन रहा था. उसे समझ नही आ रहा था कि वो इस दरिंदे को कैसे समझाए. वो बस जिंदा रहना चाहती थी इश्लिये उसने ये पेरपोजल रखा था. “क्या गारंटी है कि ये साइको वो करने पर भी मुझे जिंदा जाने देगा. इसे तो लोगो को मारने में मज़ा आता है.”

“अरे क्या सोच रही हो. कुछ बोलॉगी कि नही या काट डालूं अभी के अभी.”

“देखो मुझे उसका मतलब नही पता जो करना है करो.”

“अरे समझाओ तो सही. मैं वादा करता हूँ कि अगर मुझे पसंद आया तो मैं तुम्हे जाने दूँगा.”

“तुम झूठ बोल रहे हो. तुम्हारा इन सब बातो में कोई इंटेरेस्ट नही है. तुम बस मुझसे खेल रहे हो. मुझे सब पता है उस कॉलेज गर्ल को तुमने बिना कुछ किए मारा था.”

“कोन सी कॉलेज गर्ल.”

“अछा तो तुम लोगो को मार-मार कर भूल भी जाते हो. वही जिसको मार कर तुमने बस स्टॅंड के पीछे फेंक दिया था.”

“अछा वो…उसने ऐसा पेर्पोजल रखा होता तो हो सकता है आज वो जिंदा होती.”

“अछा क्या कपड़े पहने थे उस लड़की ने उस दिन. जिस दिन तुमने उसे मारा था.” पद्‍मिनी को शक हो रहा था कि ये नकाब पॉश वही साइको किल्लर है कि नही.

“देखो में यहा तुम्हे मारने लाया हूँ तुम्हारे साथ कोई क़्विज़ में हिस्सा लेने नही. बहुत हो चुक्का लगता है मुझे अब तुम्हे ख़तम करना ही होगा.” उसने ये कहते ही चाकू पद्‍मिनी के गले पर रख दिया.

“रूको…”

“क्या है अब. मुझे कुछ नही सुन-ना. अगर ब्लो जॉब का मतलब सम्झाओगि तो ही रुकुंगा वरना तुम गयी काम से.”

“अछा चाकू तो गले से हटाओ.”

“हां ये लो बोलो अब.”

“तुम सब जानते हो है ना…” पद्‍मिनी ने दबी आवाज़ में कहा.

'देखो मेरे पास ज़्यादा बकवास करने का वक्त नही है. तुम बताती हो या नही या फिर उस आदमी की तरह तुम्हे भी मार डालूं'

'बताती हूँ, मुझे थोड़ा वक्त तो दो'

'जल्दी बोलो वरना फिर कभी नही बोल पाओगि'

'ब्लो जॉब मतलब कि मूह में उसे रख कर सकिंग करना'

'ये उसे का क्या मतलब है सॉफ-सॉफ बताओ'

'इस से ज़्यादा मैं नही जानती'

'चल ठीक है जाने दे सुरू कर ये तेरी ब्लो जॉब'

'क्या गारंटी है कि ये सब करने के बाद तुम मुझे मारोगे नही'

'किया ना वादा तुझ से मैने...चल अब जल्दी कर'

'उसे बाहर तो निकालो'

'तुम खुद निकालो...'

'खुद निकाल कर दो वरना मैं नही करूँगी'

'ऐसा है तो तुम्हे जिंदा रखने का क्या फ़ायडा. अभी काट डालता हूँ तुम्हे' उसने पद्‍मिनी के गले पर चाकू रख कर कहा.

'रूको निकालती हूँ' पद्‍मिनी ने दबी आवाज़ में कहा

पद्‍मिनी के काँपते हाथ उस नकाब पोश साए की पॅंट की ज़िप की तरफ बढ़े.

उसने धीरे से ज़िप खोलनी सुरू की. पर अभी वो थोड़ी सी ही खुली थी कि वो अटक गयी.

'ये अटक गयी है...मुझसे नही खुल रही'

'थोड़ा ज़ोर लगाओ खुल जाएगी'

पद्‍मिनी ने कोशिस की पर ज़िप नही खुली

'अफ हटो तुम. मुझे खोलने दो'

उसने एक झटके में ज़िप खोल दी और बोला,'चलो अपने काम पे लग जाओ'

पद्‍मिनी ने अपनी जान बचाने के लिए बोल तो दिया था कि वो ब्लो जॉब करेगी पर अब वो दुविधा में थी. 'क्या करूँ अब. मन नही मानता ये सब करने का पर अगर नही किया तो ये ज़रूर मुझे मार देगा. पर अगर ये सब करने के बाद भी इसने मुझे मार दिया तो? '

'हे जल्दी करो मेरे पास सारी रात नही है तुम्हारे लिए.'

दोस्तो क्या पद्‍मिनी ने उस कातिल को ब्लॉजोब दिया या कातिल ने पद्‍मिनी को मार दिया पढ़े इस कहानी का अगला भाग

क्रमशः..............................
Reply
01-01-2019, 12:05 PM,
#3
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--2

गतान्क से आगे.................

पद्‍मिनी ने दाया हाथ उसकी ज़िप में डाला. जैसे ही उसका हाथ नकाब पॉश के तने हुए लंड से टकराया उसके पसीने छूटने लगे. उसे अहसास हो चला था कि वो जिसे बाहर निकालने की कोशिस कर रही है वो बड़ी भारी भरकम चीज़ है. 'ओह गॉड ये तो बहुत बड़ा है' उसने अपने मन में कहा. उसने अब तक अपने पति का ही देखा और छुआ था और वो अब इस नकाब पोश के हतियार से बहुत छोटा मालूम पड़ रहा था. पद्‍मिनी इतने लंबे लंड को अपने हाथ में पाकर अचंभित भी थी और परेशान भी.

'कैसे सक करूँगी इसे...ये तो बहुत बड़ा है.'

'अरे निकालो ना जल्दी बाहर और जल्दी से मूह में डालो. मुझ से इंतजार नही हो रहा.'

पद्‍मिनी ने धीरे से उसके लंड को ज़िप से बाहर निकाला. और अपना मूह बिल्कुल उसके लंड के नज़दीक ले आई. उसने उसे मूह में लेने के लिए मूह खोला ही था कि......

एक दर्द भरी ज़ोर की चीन्ख अचानक वहा गूंजने लगी.

'एक मिनट रूको. मुझे देखना होगा कि ये कौन चीन्खा था' नकाब पॉश ने अपने लंड को वापिस पॅंट के अंदर डालते हुए कहा.

पद्‍मिनी को कुछ भी समझ में नही आ रहा था कि आख़िर हो क्या रहा है.

‘’चलो मेरे साथ और ज़रा भी आवाज़ की तो अंजाम बहुत बुरा होगा,’’ नकाब पोश ने पद्‍मिनी के गले पर चाकू रख कर कहा.

पद्‍मिनी के पास कोई और चारा भी नही था. वो चुपचाप उसके साथ चल दी.

वो नकाब पोश पद्‍मिनी को ले कर सड़क के करीब ले आया. पर वो दोनो अभी भी घनी झाड़ियों के पीछे थे. वाहा पहुँच कर पद्‍मिनी ने देखा कि उसकी कार के पास कोई खड़ा है. वो तुरंत नकाब पोश को ज़ोर से धक्का दे कर भाग कर अपनी कार के पास आ गयी.

“प्लीज़ हेल्प मी वो दरिन्दा मुझे मारना चाहता है. उसी ने इस आदमी को भी मारा है जो मेरी कार के पास पड़ा है.”

"अच्छा ऐसा है क्या बताओ मुझे कहा है वो,’’ उस आदमी ने कहा.

“वो वाहा उन झाड़ियों के पीछे है,” पद्‍मिनी ने इशारा करके बताया.

उस आदमी ने टॉर्च निकाली और झाड़ियों की तरफ रोशनी की. “वाहा तो कोई नही है, आपको ज़रूर कोई वेहम हुआ है”

“मेरा यकीन कीजिए वो यहीं कहीं होगा. इस आदमी को भी उसी ने मारा है. क्या ये लाश आपको दिखाई नही दे रही”

“हां दिखाई दे रही है…पर हो सकता है इसे आपने मारा हो.”

“क्या बकवास कर रहे हैं. मैं क्या आपको खूनी नज़र आती हूँ”

“खूनी नज़र तो नही आती पर हो सकता है कि तुमने ही ये सब किया हो और अब कहानियाँ बना रही हो. चलो मेरे साथ पोलीस स्टेशन.”

“देखिए मेरा यकीन कीजिए…मैने किसी का खून नही किया. मैं आपको कैसे समझाऊ.”

“मुझे कुछ समझाने की ज़रूरत नही है. ये खून तुमने ही किया है बस.”

तभी एक मोटरसाइकल सवार वाहा से गुज़रते हुए ये सब देख कर रुक जाता है.

“ठीक है जो भी होगा सुबह देखा जाएगा अभी मैं घर जा रही हूँ,” पद्‍मिनी ने उस आदमी से कहा

“तुम कहीं नही जाओगी.” वो आदमी ज़ोर से बोला.

“क्या हुआ मेडम कोई प्राब्लम है क्या.” मोटरसाइकल सवार ने उनके पास आकर पूछा.

पर इस से पहले कि वो कुछ बोल पाती उस आदमी ने उस मोटरसाइकल सवार को शूट कर दिया. 2 गोलियाँ उसके शीने में उतार दी. ये देख कर पद्‍मिनी थर-थर काँपने लगी. “ओह माइ गोद, त…त…तुमने उसे मार दिया. क…क…कौन हो तुम.”

“कोई प्राब्लम है क्या. क्या किसी ने सिखाया नही की दूसरो के मामले में टाँग नही अदाते.” वो आदमी पागलो की तरह बोला.

“वो तो बस मुझसे पूछ रहा था…”

“चुप कर साली…अब तेरी बारी है. पागल समझती है मुझे. बता क्या नाटक चल रहा है यहा.”

“मैं सच कह रही हूँ. इस आदमी को एक नकाब पोश ने मारा था. वो मुझे भी घसीट कर झाड़ियों में ले गया था…”

“फिर कहा गया वो नकाब पोश.”

“म…म…मुझे नही पता.”

“तुम सरा सर झूठ बोल रही हो.”

“आप इतने यकीन से कैसे कह सकते हैं.”

“क्योंकि इस आदमी को जो तुम्हारी कार के पास पड़ा है, मैने मारा है. वो भी इस चाकू से. और अब इसी चाकू से मैं तुम्हारी खाल उधहेड़ूँगा.”

पद्‍मिनी का डर के मारे वैसे ही बुरा हाल था. अब उसका सर घूम रहा था. वो जो कुछ भी देख और सुन रही थी वो सब यकीन के परे थे. एक बार तो उसने ये भी सोचा की कहीं ये सब सपना तो नही. पर अफ़सोस ये सब सपना नही हक़ीकत थी.

उस आदमी ने चाकू को हवा मैं लहराया और बोला, “तैयार हो जाओ मरने के लिए…आज तो ,मज़ा आ गया एक ही रात में तीसरा खून करने जा रहा हूँ.”

पर तभी उसके सर पर एक बड़े डंडे का वार हुआ और वो नीचे गिर गया. ठीक पद्‍मिनी के कदमो के पास.
Reply
01-01-2019, 12:05 PM,
#4
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
पद्‍मिनी ने देखा कि उस आदमी को नीचे गिराने वाला कोई और नही वही नकाब पोश था जिसके चुंगुल से बच कर वो भागी थी.

इस से पहले कि पद्‍मिनी कुछ कह और सोच पाती उस आदमी ने फुर्ती से अपनी पिस्टल से नकाब पोश की ओर फाइरिंग की. पर वो बच गया.

नकाब पोश ने पद्‍मिनी का हाथ पकड़ा और उसे खींच कर झाड़ियों में ले गया.

“भागते कहा हो तुम बचोगे नही.” वो आदमी खड़ा हो कर चिल्लाया.

“ये…ये सब हो क्या रहा है. कौन हो तुम.”

“चुप रहो…सब बताउन्गा. अभी वो हमे ढूँढ रहा है. पिस्टल है उसके पास. हमे ज़रा भी आवाज़ नही करनी ओके.”

“यू कॅन रन बट यू कन्नोट हाइड. ज़्यादा देर तक मुझसे बचोगे नही….”

उस आदमी ने पद्‍मिनी की कार का दरवाजा खोल कर उसकी कार की चाबी निकाल ली. “तुम लोग यहा से बच कर नही जा सकते. नौटंकी करते हो मेरे साथ…हा”

जब वो उन्हे ढूँढते हुए थोड़ा दूर निकल गया तो पद्‍मिनी ने कहा, “क्या तुम मुझे बताओगे अब की यहा हो क्या रहा है. ये सब कुछ नाटक है या हक़ीकत.”

“जो कुछ हम तुम्हारे साथ कर रहे थे वो सब नाटक था. पर अब जो हो रहा है वो हक़ीकत है.”

“क्या…तुम्हारा मतलब तुम उस साइको किल्लर की कॉपी कर रहे थे पर क्यों.”

“तुम्हे परेशान करने के लिए.” नकाब पॉश ने कहा

“पर मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है. मैं तो तुम्हे जानती तक नही.”

“तुम मुझे जानती हो…”

“क्या…कौन हो तुम…सॉफ-सॉफ बताओ मेरा वैसे ही सर घूम घूम रहा है.”

“तुमने तीन महीने पहले मुझे नौकरी से निकलवाया था याद करो…”

“क्या…तुम वो हो! एक तो तुम काम ठीक से नही करते थे. मेरी जगह कोई भी होता तो तुम्हे निकाल ही देता.”

“श्ह्ह. धीरे से कहीं वो सुन ला ले”

“ह्म्म क्या नाम था तुम्हारा?”

“मोहित…” नकाब पोश ने कहा.

“हाँ मोहित…उस बात के लिए तुमने मेरे साथ इतना घिनोना मज़ाक किया…और…और तुम तो मेरा रेप करने वाले थे…”

“ऐसा नही है मेडम… मैं तो बस”

“क्या मैं तो बस तुमने मुझे वो सब करने पर मजबूर किया”

“हां पर ब्लो जॉब का प्रपोज़ल तो आपने ही रखा था. मेरा मकसद तो आपको बस डराना था. थोड़ी देर में मैं आपको जाने देता पर आप ही ब्लो जॉब करना चाहती थी.”

“चुप रहो ऐसा कुछ नही है… मैं बस अपनी जान बचाने की कोशिस कर रही थी. तुम मेरी जगह होते तो तुम भी यही करते.”

“मैं आपकी जगह होता तो ख़ुसी-ख़ुसी मर जाता ना की किसी का लंड चूसने के लिए तैयार हो जाता.”

“चुप रहो तुम”

“श्ह्ह…किसी के कदमो की आवाज़ आ रही है” नकाब पोश ने पद्‍मिनी के मूह पर हाथ रख कर कहा.”

“मुझे पता है तुम दोनो यहीं कहीं हो. चुपचाप बाहर आ जाओ. प्रॉमिस करता हूँ कि धीरे-धीरे आराम से मारूँगा तुम्हे.” उस साइको ने चिल्ला कर कहा.

“यही वो साइको किल्लर है.” पद्‍मिनी ने धीरे से कहा.

“इसमे क्या कोई शक बचा है अब. थोड़ी देर चुप रहो.”

“तुमने मुझे इस मुसीबत में फँसाया है.”

“चुप रहो मेडम वरना हम दोनो मारे जाएँगे. बंदूक है उस पागल के पास. मुझे लगता है यहा रुकना ठीक नही पास ही मेरा घर है वाहा चलते हैं.”

“तुम्हारे पास फोन तो होगा, अभी पोलीस को फोन लगाओ.”

“फोन मेरे दोस्त के पास था.”

“कौन दोस्त?”

“वही जिसकी लाश तुम्हारी कार के पास पड़ी है.”

“तुमने उसे मारने का नाटक किया था है ना.”

“हां…हमारा प्लान था कि तुम्हे डराया जाए. मेरा मकसद तुम्हे जंगल में ले जाना नही था. पर जब तुम कार से निकल कर भागी तो मैने सोचा थोड़ा सा खेल और हो जाए.”

क्रमशः..............................
Reply
01-01-2019, 12:05 PM,
#5
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
raj sharma stories

बात एक रात की--3

गतान्क से आगे.................

“तुम्हारा दोस्त सच में मारा गया. वाह क्या खेल खेला है. जो दूसरो के लिए खड्‍डा खोदत्ते हैं वो खुद उसमें गिर जाते हैं. तुम्हे भी अपने दोस्त के साथ मर जाना चाहिए था.”

“मैने तुम्हारी जान बच्चाई है और तुम ऐसी बाते कर रही हो.”

“तुम्हारे कारण ही मैं यहा फँसी हूँ समझे. उपर से इतनी ठंड.”

“ब्लो जॉब कर लो गर्मी आ जाएगी.”

“एक बार यहा से निकल जाउ फिर तुम्हे बताती हूँ.” पद्‍मिनी ने मन ही मन कहा.

“वैसे एक बात बताओ…मेरा लंड अपने हाथ में ले कर तुम्हे कैसा महसूस हो रहा था.”

“शट अप मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी…एक तो मेरे साथ ज़बरदस्ती करते हो फिर ऐसी बाते करते हो.”

“मैने अपना लंड तुम्हारे हाथ में नही रखा था ओके…तुमने खुद निकाला था मेरी ज़िप खोल कर. वो भी इसलिए क्योंकि तुम मेरा लंड अपने मूह में लेना चाहती थी.”

“तुम्हे शरम नही आती एक लड़की से इतनी गंदी बाते करते हुए.”

“पर तुमने ही तो ब्लो जॉब करने को कहा था. और तुमने ही तो ब्लो जॉब का मतलब समझाया था.”

“तुम अच्छे से जानते हो कि ये सब मैने क्यों किया इसलिए इतने भोले मत बनो. सुबह होते ही तुम भी सलाखो के पीछे होगे. मैं पोलीस को सब कुछ बता दूँगी. तुमने मेरा रेप करने की कोशिस की है.”

“तुम्हारी जान बच्चाने का ये सिला दोगि तुम मुझे…मैं अगर वक्त पर आकर उस के सर पर डंडा नही मारता तो अब तक तुम्हारी भी लाश पड़ी होती वाहा.”

“और अगर तुम इतनी घिनोनी हरकत ना करते तो में इतनी रात को इस जंगल में ना फँसी होती.”

“और अगर तुम मुझे बिना किसी मतलब के नौकरी से ना निकालती तो मैं ये सब तुम्हारे साथ नही करता.”

“इसका मतलब तुम्हे कोई पछतावा नही…”

“पछतावा है…मेरे दोस्त की जान चली गयी इस खेल में…”

“मेरे लिए तुम्हे कोई पछतावा नही…”

“तुम्हे तुम्हारे किए की सज़ा मिली है…भूल गयी कितनी रिक्वेस्ट की थी मैने तुम्हे. फिर भी तुमने मुझे ऑफीस से निकलवा कर ही छोड़ा.”

“देखो ये मेरे अकेले का डिसिशन नही था. फाइनली ये डिसिशन बॉस का था.”

“हां पर सारा किया धारा तो तुम्हारा ही था ना.”

“मुझे तुम्हारा काम पसंद नही था. प्राइवेट सेक्टर में ये हर जगह होता है. हर कोई तुम्हारी तरह बदले लेगा तो क्या होगा…और वो भी इतनी घिनोकी हरकत…च्ीी तुम तो माफी के लायक भी नही हो. ये सब करने की बजाए तुम किसी और काम में मन लगाते तो अच्छा होता.”

“ठीक है मुझसे ग़लती हो गयी…बस खुस”

“पर अब यहा से कैसे निकले…वो साइको मेरी कार की चाबी भी ले गया.”

“मेरे घर चलोगि…थोड़ी दूर ही है.”

“नही…मैं सिर्फ़ अपने घर जाउन्गि.”

“पर कैसे तुम्हारी कार की चाभी वो ले गया. फोन हमारे पास है नही…वैसे तुम्हारा फोन कहा है.”

“कार में ही था.”

“मेरी बात मानो मेरे घर चलो. वो पागलो की तरह हमे ढूँढ रहा है. हमे जल्द से जल्द यहा से निकल जाना चाहिए”

“क्या तुम्हारे घर फोन होगा.”

“फोन तो नही है वाहा भी…पर हम सुरक्षित तो रहेंगे.”

“कितनी दूर है तुम्हारा घर.”

“नज़दीक ही है आओ चलें.”

“पर वो यही कहीं होगा वो हमारे कदमो की आहट सुन लेगा.”

“दबे पाँव चल्लेंगे…ज़्यादा दूर नही है घर मेरा. और ये जंगल भी ज़्यादा बड़ा नही है. 5 मिनट में इसके बाहर निकल जाएँगे और बस फिर 5 मिनट में मेरे घर पहुँच जाएँगे.”

“घर में कौन-कौन है.”

“मैं अकेला ही हूँ…”

“क्यों तुम्हारी बीवी कहा गयी…”

“तलाक़ हो गया मेरा उस से. या यूँ कहो कि मेरी ग़रीबी से तंग आकर उसने मुझे छ्चोड़ दिया. वक्त बुरा होता है तो परछाई भी साथ छ्चोड़ जाती है. नौकरी छूटने के बाद बीवी भी छ्चोड़ गयी.”

“क्या ये सब मेरे कारण हुआ.”

“जी हां बिल्कुल…चलो छ्चोड़ो यहा से निकलते हैं पहले.”

वो धीरे धीरे जंगल से बाहर आ गये.

“कितना अंधेरा है यहा. क्या कोई और रास्ता नही तुम्हारे घर का.”

“रास्ते तो हैं…पर इस वक्त ये सब से ज़्यादा सुरक्षित है. अंधेरे में हम आराम से उस को चकमा दे कर निकल जाएँगे.”

“मैने उस की शक्ल देख ली है. मैं कल पोलीस को सब बता दूँगी.”

“मुझे तो नही फसाओगि ना तुम.”

“वो कल देखेंगे.”

“वैसे इस कम्बख़त ने आकर मज़ा खराब कर दिया. वरना आज पहली बार ब्लो जॉब मिल रही थी…” मोहित ने मज़ाक के अंदाज में कहा.

“अच्छा क्या तुम्हारी बीवी ने नही किया कभी.” पद्‍मिनी ने भी मज़ाक में जवाब दिया.

“नही…तुमने ज़रूर किया होगा अपने हज़्बेंड के साथ है ना.”

“छ्चोड़ो ये सब…और जल्दी घर चलो.”

“हां बस हम पहुँचने ही वाले हैं.”

“ये आ गया मेरा घर.” मोहित ने एक छोटे से कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा.

“ये घर है तुम्हारा…ये तो बस एक कमरा है. और आस पास ज़्यादा घर भी नही हैं” पद्‍मिनी ने कहा

“हां छोटा सा कमरा है ये…पर यही मेरा घर है. ये छोटा सा कस्बा है. जो भी हो इस वक्त जंगल में रहने से तो अच्छा ही है.”
Reply
01-01-2019, 12:06 PM,
#6
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
मोहित ने दरवाजा खोला और पद्‍मिनी को अंदर आने को कहा, “आ जाओ… डरो मत यहा तुम सुरक्षित हो.”

पद्‍मिनी को कमरे में जाते हुए डर लग रहा था. पर उसके पास कोई चारा भी नही था.

“अरे मेडम सोच क्या रही हो… आ जाओ यहा डरने की कोई बात नही है.”

“जो कुछ मेरे साथ हुआ उसके बाद कोई भी डरेगा.”

“समझ सकता हूँ.” मोहित ने गहरी साँस ले कर कहा

पद्‍मिनी कमरे के अंदर आ गयी.

“देखो इस छोटे से कमरे में बस एक ही बेड है और एक ही रज़ाई” मोहित ने कहा

“मुझे नींद नही आएगी तुम सो जाओ, मैं इस कुर्सी पर बैठ कर रात गुज़ार लूँगी.”

“अरे ये सब करने की क्या ज़रूरत है.तुम आराम से बिस्तर पर सो जाओ मैं कंबल ले कर नीचे लेट जाउन्गा.”

“पर मुझे नींद नही आएगी.”

“हां पर ठंड बहुत है…तुम रज़ाई में आराम से बैठ जाओ. सोने का मन हो तो सो जाना वरना बैठे रहना.”

“ठीक है…पर याद रखो कोई भी ऐसी वैसी हरकत की तो…”

“चिंता मत करो मैं ऐसा कुछ नही करूँगा. जंगल में भी मेरा कोई इरादा नही था. वो तो तुमने ब्लो जॉब का ऑफर किया इसलिए मैं बहक गया वरना किसी के साथ ज़बरदस्ती करने का कोई इरादा नही मेरा.”

“तो तुम अब मानते हो कि वो सब ज़बरदस्ती कर रहे थे तुम मेरे साथ.”

“हां पर तुम्हारी रज़ामंदी से हहे…अगर वो काम अब पूरा कर सको तो देख लो”

“उसके लिए तुम्हे मेरी गर्देन पर चाकू रखना होगा और मुझे डराना होगा. मैं वो सब ख़ुसी से हरगिज़ नही करूँगी.” पद्‍मिनी ने गंभीर मुद्रा में कहा.

“फिर रहने दो…उस सब में मज़ा नही है.”

पद्‍मिनी रज़ाई में बैठ गयी और मोहित कंबल ले कर ज़मीन पर चटाई बीचा कर लेट गया.

“क्या लाइट बंद कर दूं या फिर जलने दूं.” मोहित ने पूछा.

“जलने दो…” पद्‍मिनी ने कहा.

“ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.”

कोई 5 मिनट बाद कमरे का दरवाजा ज़ोर-ज़ोर से खड़का.

पद्‍मिनी घबरा गयी कि कहीं वो उनका पीछा करते-हुए वाहा तक तो नही आ गया.

पद्‍मिनी ने धीरे से पूछा, “कौन है?’

“शायद कोई पड़ोसी होगा. तुम चिंता मत करो मैं दरवाजा खोलता हूँ पर पहले ये लाइट बंद कर देता हूँ ताकि जो कोई भी हो तुम्हे ना देख सके.”

“ठीक है…”

क्रमशः..............................
Reply
01-01-2019, 12:06 PM,
#7
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
raj sharma stories

बात एक रात की--4

गतान्क से आगे.................

मोहित ने दरवाजा खोला और दरवाजा खुलते ही सरपट एक लड़का अंदर आ गया.

“कहा चले गये थे तुम गुरु…मैं कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ.” उस लड़के ने कहा

“कुछ काम से गया था” मोहित ने जवाब दिया

“हां बहुत ज़रूरी काम था इसे आज…” पद्‍मिनी ने मन ही मन कहा.

“क्या तुम भी गुरु…जब भी मैं जुगाड़ लगाता हूँ तुम गायब हो जाते हो. और ये अंधेरा क्यों कर रखा है… लाइट जला ना.”

“राज अभी नींद आ रही है…कल बात करेंगे.”

“अरे मैं कब से तुम्हारी वेट कर रहा हूँ गुरु… और तुम कह रहे हो नींद आ रही है.”

“हाँ यार बहुत तक गया हूँ…तू अभी जा कल बात करेंगे.”

“गुरु नगमा है साथ मेरे.”

“नगमा! कौन नगमा?”

“वही मोटू पान्वाले की लड़की जिसकी गान्ड मारी थी तुमने हा…याद आया.”

“हे भगवान ये कैसी-कैसी बाते सुन-नी पड़ रही है मुझे.” पद्‍मिनी ने मन ही मन खुद से कहा

“अच्छा वो….यार तू भी ना हमेशा ग़लत वक्त पर प्लान बनाता है. मैं आज बहुत थका हुआ हूँ. जा तू मौज कर उसके साथ.”

“अरे गुरु कैसी बाते करते हो…आज क्या हो गया है तुम्हे…रोज मुझे कहते थे कब दिलाओगे दुबारा उसकी…आज वो आई है तो…”

“राज तू नही समझेगा… ये सब फिर कभी देखेंगे.”

“ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी...”

“सॉरी यार..जाओ मज़े करो.” मोहित ने कहा.

“अच्छा यार ये तो बता…मुझे तो वो गान्ड देने से मना कर रही है. कह रही है…दर्द होता है बहुत. कैसे करूँ पीछे से उसके साथ.”

“मैं क्या गान्ड मारने में स्पेशलिस्ट हूँ. थूक लगा के डाल दे गान्ड में. हो जाएगा सब.”

“च्ीी कितने गंदे लोग हैं ये. इतनी गंदी बाते कोई नीच ही कर सकता है. और इस मोहित को ज़रा भी शरम नही है. मेरे सामने ही सब बकवास किए जा रहा है.” पद्‍मिनी ने अपने मन में कहा.

“अरे यार तुझे तो पता है…वो नखरे बहुत करती है. कुछ उल्टा-सीधा हो गया तो अगली बार नही देगी.” राज ने कहा

“ऐसा कुछ नही होगा…पहले धीरे से डालना गान्ड में…फिर धीरे-धीरे मारना…धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा…और उसे मज़ा आने लगेगा. हां बस जल्दबाज़ी मत करना”

“क्या तुमने ऐसे ही ली थी उसकी गान्ड?”

“हां किसी की भी गान्ड लेने का यही तरीका है. थोड़ा संयम से काम लेना होता है. पता है ना संयम का मतलब.”

“समझ गया.”

“क्या समझे बताओ तो.”

“धीरे से गान्ड में डालना है.”

“हां ठीक समझे…जाओ अब फ़तेह कर्लो नगमा की गान्ड.”

“अब तो फ़तेह ही समझो.”

“हां…और ज़बरदस्ती मत करना बेचारी की गान्ड के साथ. अगर ना जाए तो रहने देना… अगली बार में कर के दिखाउन्गा… ओक.”

“पहले फ़तेह करने को कहते हो फिर मायूस करते हो.”

“मेरा कहने का मटकलब है कि आराम से शांति से काम लेना. ठीक है.”

“ओके गुरु… तुम सच में गुरु हो.”

“हां-हां ठीक है जाओ अब.”

“अगर मन करे तो आ जाना मेरे कमरे पे ठीक है गुरु.”

“ठीक है…बाइ”

राज के जाने के बाद. पद्‍मिनी गुस्से में आग-बाबूला हो कर बोली, “तुम्हे शरम नही आई मेरे सामने ऐसी बाते करते हुए.”

“इसमें शरम की क्या बात है…तुम कोई बच्ची तो हो नही. शादी-शुदा हो.”

“मुझे ये सब अच्छा नही लगा. तुम मुझसे अभी भी कोई बदला ले रहे हो है ना.”

“ऐसा कुछ नही है…देखो वो अचानक आ गया…मैं तो बस नॅचुरली बात कर रहा था उसके साथ.”

“इसे तुम नॅचुरल कहते हो.”

“हम तो रोज ऐसे ही बात करते हैं.”

“च्ीी…शरम आनी चाहिए तुम्हे ऐसी गंदी बाते करते हुए. उस बेचारी नगमा का सोशण कर रहे हो तुम.”

“जिसे तुम सोशण कह रही हो, हो सकता है उसके लिए वो जन्नत हो. वैसे अभी एक बार ही ली है मैने उसकी. आज तुम साथ ना होती तो सारी रात मज़े करता मैं.”

“हां तो मुझसे बदला लेने का प्लान तो तुम्हारा ही था ना…भुग्तो अब…वैसे तुम जाना चाहो तो जा सकते हो.”

“नही जब साथ में तुम्हारे जैसी हसीना हो तो उसके साथ कुछ करने का मन नही करेगा.” मोहित ने धीरे से कहा
Reply
01-01-2019, 12:06 PM,
#8
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
“क्या कहा तुमने…” पद्‍मिनी ने सुन तो सब लिया था पर फिर भी उसने यू ही पूछ लिया.

“कुछ नही सो जाओ…” माहित ने जवाब दिया.

“कमीना कहीं का. इसकी नीयत ठीक नही है. मुझे सावधान रहना होगा. पता नही क्या हो रहा है आज मेरे साथ,” पद्‍मिनी से अपने सर पर हाथ रख कर खुद से कहा.

“वैसे एक बात कहूँ.” मोहित ने कहा.

“क्या है अब.”

“जिस कामुक अंदाज से तुमने मेरा लंड मेरी ज़िप खोल कर बाहर निकाला था उसने बहुत उत्तेजित कर दिया था मुझे.”

“वो कोई कामुक अंदाज नही था. डरी हुई थी मैं. मेरे हाथ काँप रहे थे.”

“वैसे मेरे लंड को हाथ में ले कर तुम किसी सोच में डूब गयी थी. इतना बड़ा पहले नही देखा ना तुमने?”

“बकवास बंद करो और चुपचाप सो जाओ.”

“मुझे तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लग रहा है.”

“बस्टर्ड…” पद्‍मिनी ने दाँत भींच कर कहा.

पद्‍मिनी रज़ाई में दुबक कर चुपचाप बैठी थी. ऐसी हालत में उसे नींद आना नामुमकिन था. उसे बस सुबह होने का इंतेज़ार था.

“हे भगवान किसी तरह से ये रात बीत जाए. ना जाने किसका मूह देखा था सुबह.”

“मेडम एक बात बताना भूल गया.” मोहित ने अचानक कहा.

पद्‍मिनी जो की अपनी सोच में दुबई थी अचानक मोहित की आवाज़ सुन कर चोंक गयी.

“क्या है अब?”

“तुम्हारी दाई तरफ पर्दे के पीछे टाय्लेट है…”

“ठीक है…ठीक है”

“मुझे लगा तुम्हे बता दूं... कहीं तुम परेशान रहो.”

“ठीक है…तुम सो जाओ”

“वैसे सच कहूँ तो मुझे भी नींद नही आ रही.”

“क्यों तुम्हे क्या हुआ है…तुम्हे तो खुश होना चाहिए आज. तुम्हारा बदला जो पूरा हो गया.”

“बहुत अच्छा दोस्त था विकास मेरा.”

“कौन विकास?”

“वही जिसने तुम्हारी कार रुकवाई थी.”

“उसके परिवार में कौन-कौन है.”

“उसका छोटा भाई है और मा है. उसके बापू का बहुत पहले देहांत हो गया था. शादी अभी तक उसकी हुई नही थी. बड़ी मुस्कलिल से माना था मेरा साथ देने के लिए. आख़िर तक मुझे समझाता रहा कि सोच लो…मुझे ये सब ठीक नही लग रहा”

“पर तुमपे तो मुझसे बदला लेने का भूत सवार था है ना.” पद्‍मिनी ने कहा.

“ठीक है जो हो गया सो गया…पर मुझे विकास के लिए बहुत दुख है.”

“मुझे बस सुबह होने का इंतेज़ार है.”

………………………………………………………….

क्रमशः..............................
Reply
01-01-2019, 12:07 PM,
#9
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--5

गतान्क से आगे.................

इधर राज अपने कमरे में वापिस आ जाता है.

“गुरु नही आएगा…वो थका हुआ है…”

“तो मैं कौन सा उसे बुला रही थी…तुम ही चाहते थे उसे बुलाना.” नगमा ने कहा.

“क्यों अच्छे से नही मारी थी क्या गान्ड गुरु ने तुम्हारी पिछली बार जो ऐसे कह रही हो.”

“मुझे बहुत दर्द हुआ था राज…इसीलिए तो मैं दुबारा वाहा से नही करूँगी…”

“ये खूब कहा…तू मेरी गर्ल फ्रेंड है…गुरु को तो गान्ड दे दी…मुझे देने से मना कर रही है.”

“तुम ही लाए थे उस दिन उसे वरना मैं कभी नही होने देती ऐसा…”

“चल छ्चोड़ ये सब आ ना घूम जा…आज बहुत मन कर रहा है गान्ड मारने का, देखूं तो सही कि इसमे कैसा मज़ा आता है.” राज ने नगमा के चुतड़ों पर हाथ रख कर कहा.

“आगे से करो ना…वाहा ऐसा कुछ अलग नही है.” नगमा ने कहा.

“मुझे एक बार टेस्ट तो कर लेने दे…”

“नही मुझे दर्द होता है वाहा.”

“कुछ नही होगा…मैं गुरु से सीख कर आया हूँ.”

“क्या सीख कर आए हो.”

“यही कि गान्ड कैसे मारनी है.”

“मुझे नही करना ये सब…आगे से करते हो तो ठीक है वरना मैं चली…मुझे सुबह बहुत काम देखने हैं…लेट हो रही हूँ.”

“तू तो कहती थी कि सारी रात रहेगी मेरे साथ.”

“तो तुमने कौन सा बताया था कि तुम ये सब करोगे…”

“तो तुमने गुरु को क्यों डालने दिया था गान्ड में”

“वो उसने मुझे बातो में फँसा लिया था बस…वरना मेरा कोई इरादा नही था.”

“ह्म्म…यार ऐसे मत तडपा मान जा ना.” राज ने नगमा को बाहों में भर के कहा.

“ठीक है एक शर्त पर…दुबारा नही करूँगी…ये पहली और आखरी बार होगा.”

“ठीक है मंजूर है मुझे…” राज ने हंस कर कहा. उसकी आँखो में चमक आ गयी थी.

नगमा जो कि पूरी तरह नंगी थी उल्टी घूम कर पेट के बल लेट गयी.

“ऐसे नही…कुतिया बन जाओ…गान्ड मारने का मज़ा कुत्ता-कुत्ति बन कर ही आएगा.”

नगमा ने पोज़िशन ले ली और बोली, “भो-भो”

“ये क्या है…”

“तुम्ही तो कह रहे थे कुतिया बन जाओ…अब तुम भी कुत्ते की तरह ही करना ओके…” नगमा ने हंस कर कहा.

“वह यार क्या आइडिया है…तू सच में हॉट आइटम है…मज़ा आएगा तेरी गान्ड मार कर.”

“अब मारेगा भी या बकवास ही करता रहेगा, मेरा मूड बदल गया तो मैं कुछ नही करने दूँगी.”

“ओके…ओके…बस डाल रहा हूँ…वो मैं गुरु की बताई बाते सोच रहा था. उसने मुझे बताया था कि कैसे करना है.”

“गुरु को छ्चोड़ो…उसने बहुत दर्द किया था मुझे…तुम अपने दिमाग़ से काम लो…आराम से धीरे से डालो.”

“अरे हां यही तो गुरु भी कह रहा था…अच्छा ऐसा करो दोनो हाथो से अपनी गान्ड के पुथो को फैला लो, लंड को अंदर जाने में आसानी होगी.” राज ने अपने लंड पर थूक रगड़ते हुए कहा.

“थोडा सा मेरे वाहा भी थूक लगा देना…” नगमा ने सर घुमा कर कहा और अपने चुतड़ों को राज के लंड के लिए फैला लिया.

“हां-हां लगा रहा हूँ पहले अपने हथियार को तो चिकना कर लू. चिंता मत कर तेरी गान्ड को चिकनी करके ही मारूँगा.” राज ने बहके-बहके अंदाज में कहा.

“वैसे तुम्हे आज ये सब करने का भूत कैसे सवार हो गया.”

“गुरु ने मुझे बताया था कि उसे तेरी गान्ड मार के बड़ा मज़ा आया था. तभी से मैं भी लेने को तड़प रहा था.” राज ने जवाब दिया.

“वैसे मुझे ज़्यादा मज़ा नही आया था.”

“कोई बात नही अब आएगा मज़ा तुझे.” राज ने कहा

राज ने नगमा के होल पर ढेर सारा थूक गिरा दिया और उस पर अपने लंड को रगड़ने लगा.

“आह… धीरे से डालना…” नगमा सिहर उठी.

“अभी तो तेरे छेद को चिकना कर रहा हूँ. चिंता मत कर धीरे-धीरे ही अंदर डालूँगा.” राज ने कहा.

नगमा की गान्ड को अच्छे से चिकना करने के बाद राज ने अपने लंड को नगमा की गान्ड पर तान दिया. जैसी की किसी के सर पे बंदूक रखते हैं.

“मैं आ रहूं हूँ तुम्हारे अंदर.” राज ने कहा और अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया.

“ऊऊई मा मर गयी…निकालो इसे बाहर मुझसे नही होगा.”

खेल बिगड़ता देख राज ने अपने लंड को पूरा का पूरा नगमा की गान्ड में धकेल दिया. “अगर बाहर निकालना ही है तो पूरा डाल कर निकालूँगा. एक बार अच्छे से गान्ड में लंड डालने का मज़ा तो ले लू” राज ने खुद से मन ही मन कहा.

“नहियीईई ये क्या कर रहे हो राज…निकालो इसे मैं मर जाउन्गि…तुमने तो एकदम से पूरा डाल दिया.”

“सॉरी नगमा…वो लंड चिकना होने के कारण खुद-बा-खुद अंदर फिसल गया.”

“झूठ बोल रहे हो तुम…तुम तो अपने गुरु के भी बाप निकले…निकालो वरना मैं फिर कभी तुम्हारे पास नही आउन्गि.”

“अच्छा थोड़ा रूको तो सही…मुझे ठीक से अहसास तो होने दे कि मैं तेरी गान्ड के अंदर हूँ.”

“तेरे अहसास के चक्कर में मैं मर जवँगी.”

“ऐसा कुछ नही होगा धीरज रखो…” राज ने नगमा के सर पर हाथ फिरा कर कहा.

नगमा छटपटाती रही पर राज ने अपने लंड को बाहर नही निकाला.
Reply
01-01-2019, 12:07 PM,
#10
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
कुछ देर बाद नगमा का दर्द कम हो गया और वो बोली, “तुम बहुत खराब हो.”

“आराम है ना अब.”

“हां…पर मैं तुम्हे करने नही दूँगी…निकालो बाहर,.”

“ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.”

राज ने अपना लंड नगमा की गान्ड की गहराई से बाहर की तरफ खींचा. लेकिन इस से पहले कि वो पूरा बाहर आ पाता एक झटके में उसे पूरा का पूरा फिर से अंदर धकेल दिया. राज के आँड नगमा की गान्ड पर जा कर सॅट गये.

“ऊओयइी….तुम नही मानोगे.”

“बिल्कुल नही…बड़े दिन से तम्मानना थी तेरी गान्ड मारने की. आज अच्छे से मार कर ही दम लूँगा.”

“आहह…धीरे से मारो ना फिर…तुम तो ज़ोर से डाल रहे हो.” नगमा ने कहा

“क्या करूँ कंट्रोल ही नही होता.”

“आगे से तुम्हारे पास नही आउन्गि मैं.” नगमा ने गुस्से में कहा.

“सॉरी बाबा ग़लती हो गयी…अब मैं धीरे-धीरे करूँगा.”

राज धीरे-धीरे अपना लंड नगमा की गान्ड में रगड़ता रहा. कुछ ही देर में दोनो की साँसे फूलने लगी. और राज के धक्को की स्पीड खुद-बा-खुद तेज होती चली गयी.

“सॉरी अब धीरे से करना मुस्किल हो रहा है…बहुत मज़ा आ रहा है…क्या कहती हो… बना दूं तूफान मैल तुम्हारी गान्ड को.”

“ठीक है पर जल्दी ख़तम करना मुझसे सहा नही जा रहा.”

राज ने अपने धक्के तेज कर दिए…वो अपने चरम के करीब था. कोई 2 मिनट तेज-तेज धक्के मारने के बाद वो नगमा की गान्ड में झाड़ गया.

“आआहह मज़ा गया कसम से…गुरे ठीक कहता था…तेरी गान्ड बड़ी मस्त है.”

“हटो अब…मुझे लेटना है…थक गयी हूँ इस पोज़िशन में.”

राज बहुत खुश था आख़िर उसकी मुराद जो पूरी हो गयी थी…..

………………………………………..

पद्‍मिनी अभी भी जाग रही है. रात के 2:30 हो गये हैं.

पर मोहित के ख़र्राटों की गूँज पूरे कमरे में गूँज रही है.

“कम्बख़त मुझे मुसीबत में फँसा कर खुद चैन से सो रहा है"

ऐसे-जैसे रात बीत रही थी पद्‍मिनी मन ही मन राहत की साँस ले रही थी. 4 बजने को थे. कमरे में अभी भी मोहित के ख़र्राटों की आवाज़ गूँज रही थी. पद्‍मिनी रात भर आँखे खोले बैठी रही. भूल कर भी उसकी आँख नही लगी. जैसे हर बुरा सपना बीत जाता है ये रात भी बीत ही रही थी. कब 5 बज गये पता ही नही चला.

'क्या मुझे चलना चाहिए...पर सर्दी का वक्त है सड़के अभी भी शुन्सान ही होंगी. मुझे 6 बजने तक वेट करना चाहिए. उस वक्त शायद कोई ऑटो मिल जाए. जहा इतना वेट किया थोड़ा और सही.' पद्‍मिनी ने सोचा.

अचानक कमरे का दरवाजा ज़ोर-ज़ोर से खड़कने लगा. मोहित गहरी नींद में था उसे कुछ सुनाई नही दिया. 'कौन हो सकता है...मुझे क्या लेना होगा कोई मोहित की पहचान वाला...पर मोहित उठ क्यों नही रहा' पद्‍मिनी ने सोचा.

क्रमशः..............................
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,398,162 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 532,941 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,190,923 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 899,944 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,597,377 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,031,862 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,870,943 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,785,660 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,930,060 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 275,510 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)