Porn Sex Kahani पापी परिवार
10-03-2018, 03:27 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
इन मुंबई :-
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घर से निकल कर दीप सीधा मेन रोड पर आ गया ...ना तो उसके पास कार थी ना ही पहन'ने को फॉर्मल कपड़े, बस पागलो की तरह भटकता हुआ चला जा रहा था ...तभी उसे सरकारी ( नगर निगम उद्द्यान ) पार्क दिखाई पड़ा और खुद ब खुद उसके कदम पार्क के अंदर जाने के लिए बढ़ गये.
हलाकी अभी इतनी धूप नही निकली थी कि पार्क टोटल खाली होता ...कुछ इकके - दुक्के कपल और आस - पड़ोस की गलियों के लड़के उसे वहाँ उच्छल खूद करते हुए दिखाई पड़े, वो पार्क के सेंटर में लगी सेमेंट की पट्टी पर बैठ गया.
" साला !!! ये बैठ क्यों नही रहा ? " ........निक्कर में बने तंबू को कोसते हुए उसने उस पर हल्के हाथ की चपत लगा दी, यकीन से परे था ...अभी थोड़ी देर पहले उसकी सग़ी छोटी बेटी उसका लंड चूसने वाली थी.
" सब उल्टा - पुल्टा मेरे साथ ही क्यों होता है ? " ......उसने खुद से सवाल किया और तभी उसे कम्मो की कही बात याद आ गयी ...... " निम्मी आज कल बहुत गरम रहने लगी है " .......फॉरन दीप झुंझला गया ...... " अगर गरम रहती है तो क्या अपनी गर्मी बाप के हाथो ख़तम करवाएगी ..पूरी दुनिया पड़ी है, जिससे चाहे ..उससे चुदवा ले "
कुछ देर इसी उधेड़ बुन में लगे रहने के बाद उसके दिमाग़ की बत्ती जली ....... " तौबा !!! यह गुस्से में मैं क्या बोल गया ..वो मेरी बेटी है, ऐसे तो समाज में मेरी नाक कट जाएगी और उसकी लाइफ खराब होगी सो अलग ..नही - नही मैं ऐसा कभी नही होने दूँगा, सम्झाउन्गा उसे ..लेकिन कैसे ? " .......दीप का दिमाग़ घूमने लगा, उसकी आँखें अब भी वही सीन देख रही थी ...जब निम्मी ने उसके लंड को नेकेड देखा था, वो एक - दम से कितना डर गयी थी ...लेकिन बाद में उसी लंड को चूसने के लिए मचल उठी, वो तो भला हो निक्की का जिसकी आवाज़ सुनने के बाद निम्मी ने उसे बक्श दिया ...वरना आज अनर्थ हो जाता.
" मैं खुद भी तो पापी हूँ, ज़रा भी सहेन नही कर पाया ..अकेले निम्मी की ग़लती नही, मैं तो खुद चाह रहा था वो मेरा लंड चूसे " .....आख़िरकार सच बात दीप के होंठो पर आ ही गयी ...उसकी के इशारे पर तो निम्मी ने लंड के सुपाडे को चूमा था, यदि वो उस वक़्त खुद पर कंट्रोल कर लेता ...तो शायद अभी चूतियों जैसा पार्क मे नही बैठा होता.
" मैं अब कहाँ जाो, घर जा नही सकता ..जेब भी खाली पड़ी है, भिखारी बन गया हूँ आज तो " .......पार्क के बीचों - बीच सूर्यादेव का प्रकोप बढ़ा और दीप तुरंत पसीने से तर - बतर होने लगा.
" फोन होता तो निक्की का पता कर लेता, भरोसा नही निम्मी का ..कहीं उसी के सामने मेरा रेप ना कर दे " .........चिलचिलाती धूप दीप की सहेंशक्ति से बाहर हो गयी, थक हार कर वो बैंच से उठा और वापस घर की तरफ जाने लगा.
" अब जो होगा देखा जाएगा ..घर पहुचते ही चुपके से अपने कमरे में घुस जाउन्गा, निम्मी लाख दरवाज़ा पीटे ..गेट नही खोलूँगा " .......दीप के बढ़ते कदम बार - बार लड़खड़ा कर उसे घर ना जाने की चेतावनी दे रहे थे ...पर उसके लिए एक - एक पल की गर्मी बर्दास्त से बाहर होती जा रही थी, जैसे - तैसे वो घर के बाहरी कॉंपाउंड तक आया और सबसे पहले उसने निक्की की अक्तिवा चेक ही ...जो वहाँ मौजूद नही थी.
" उफफफफफ्फ़ !!! बच गया " ......इसके बाद उसके कदम घर की चौखट तक पहुचे, किसी चोर की भाँति उसने अंदर झाक कर निम्मी की वर्तमान स्थिति का जायज़ा लिया ...लेकिन महारानी हॉल में बिछे सोफे पर आँखें मूंद कर लेटी दिखाई दी.
वो दबे पाओ घर के अंदर आया और बिना कोई खटपट किए हौले - हौले सीढ़ियों तक पहुच गया ...लेकिन यहाँ उसकी किस्मत खराब रही, जो स्लीपर पहने सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था ...ज़रा सी आहट से निम्मी उठ कर बैठ गयी.
" डॅड सुनो तो सही ..मुझे आप से ज़रूरी काम है " .......एक कामुक अंगड़ाई लेते हुए निम्मी ने कहा और सोफे से नीचे उतरने लगी ......" अभी कोई काम नही ..मुझे नींद आ रही है " ........बेटी के सोफे से फ्लोर पर पाओ रखते ही दीप ने दौड़ लगा दी, जैसे कोई पागल कुत्ता उसके पीछे छोड़ दिया गया हो और सीधा वो अपने कमरे में एंटर हो गया ...उतनी ही तेज़ी से उसने गाते भी अंदर से बोल्ट कर लिया.
" हहेहहे !!! कब तक बचोगे डॅड " .......एक चिर - परिचित कमीनी मुस्कान छोड़ते हुए निम्मी वापस सोफे पर ढेर हो गयी ...... " मैं भी थोड़ा सो लेती हूँ ..रात में डॅड की नींद जो हराम करनी है " .......थोड़ी देर तक अपनी कुँवारी चूत को सहलाने के बाद उसने भी आँखें मूंद ली और नींद के आगोश में जाने लगी.

इन पुणे :-
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निकुंज के कमरे से बाहर जाते ही कम्मो ने गेट को अंदर से बोल्ट कर लिया और कुछ गहरी साँसें लेने के बाद, सामने लगे बड़े से मिरर में अपना अक्स देखने लगी.
" हे भगवान !!! यह मैं कितना नीचे गिरती जा रही हूँ " .......ब्रा और टवल नुमा स्कर्ट में खुद का उघरा बदन देखते ही कम्मो की सिट्टी पिटी गुम हो गयी और वो तेज़ कदमो से शीशे के सामने आ कर खड़ी हो गयी.
" औरत चाहे 100 साल की उमर पार क्यों ना कर ले पर शीशा उसे कभी बूढ़ा नही होने देता " ........यही इस वक़्त कम्मो के साथ भी हुआ, दो चार पल अपने बदन को निहारने के बाद उसे कुछ कमी सी दिखाई पड़ी ...एक लंबी साँस खिचते हुए उसने अपना पेट अंदर को सिकोडा और खुद ब खुद उसका सीना बाहर की तरफ निकल आया, फॉरन उसके होंठ फैल गये ...वो मुस्कुरा उठी.
गीले बालों का जूड़ा बनाने के बाद उसने ड्रेसिंग टेबल का पहला ड्रॉयर खोला और जिस चीज़ के मिलने की उसे आशा थी ...वो उसके हाथो के क़ब्ज़े में आ गयी.
होटेल काफ़ी महँगा था और अक्सर वहाँ रुकने वाले गेस्ट भी वीआइपी ही आते थे, शायद किसी ने रूम छोड़ने से पहले ध्यान ना दे पाया हो और जो मेक - अप कीट कम्मो के हाथ लगी ...वो ज़रूर किसी गेस्ट की भूल का नतीजा जान पड़ी.
" इसमें तो सब कुछ है " ........वो खुशी से झूमते हुए बोली और इसके तुरंत बाद उसने अपना चेहरा सजाना शुरू कर दिया.

कम्मो ने जी जान लगा दी, जैसे आज के बाद उसे अपने प्रेमी को रिझाने का मौका दोबारा नही मिलने वाला ...पर वह प्रेमी है कौन, कहीं स्वयं उसका लाड़ला निकुंज तो नही ...वो इस बात से भी अंजान नही थी, बस उसे तो सनक चढ़ि थी अपने बेटे को उत्तेजित करने की ...वो चाहती थी आज उसे कुछ भी करना पड़ जाए लेकिन बेटे का लिंग तनाव में आना चाहिए.
" बस एक बार मैं अपनी आँखों से उसका वीर्य - पात देख लूँ ...फिर अपने कदम वापस पीछे खीच लूँगी, जानती हूँ यह सरासर ग़लत है ...एक मा हो कर मेरे मन में अपने सगे बेटे के लिए इस तरह की पापी भावना नही आनी चाहिए, पर मैं उसका उदास चेहरा और उदास नही देख सकती ...मेरे बेटे को ज़रूर न्याय मिलेगा और मेरी बहू तनवी को भी, फिर चाहे जीवन पर्यंत मुझे अपनी नज़रो से नीचे गिरना क्यों ना पड़े ...मुझे मज़ूर है " ...कम्मो ने प्रन करते हुए कहा, उसका दृढ़ - संकल्प देखने लायक था ...फिर अपने बालो को संवार कर वो सोफे पर बैठ गयी और निकुंज के लौट आने का इंतज़ार शुरू हो गया.
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कमरे से बाहर निकल कर निकुंज लिफ्ट तक पहुचा जो टॉप फ्लोर से नीचे लौट रही थी, बटन प्रेस करने के 10 सेकेंड्स बाद उसका डोर ओपन हुआ और वह उसके अंदर एंटर कर गया.
कुछ ही पल बीत पाए होंगे, उसे अपने पीछे से ख़ुसर - फुसर की आवाज़ें सुनाई देने लगी, ऐसा लगा जैसे कोई हंस रहा हो ...उसने पलट कर देखा तो अपने पीछे एक यंग कपल खड़ा पाया, थोड़ा नाराज़गी भरा फेस एक्सप्रेशन देते हुए वो अपनी पहली पोज़िशन में मुड़ा ही था कि उसकी नज़र उन दोनो के चेहरे पर पड़ी और उनकी आँखों का पीछा करते हुए वह अपने हाथ तक पहुच गया ...तुरंत उसे मालूम पड़ गया, वह हसी का पात्र क्यों बना.
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10-03-2018, 03:51 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
शर्मिंदा होते हुए उसने अपनी मा का ब्लाउस फोल्ड कर अपनी शर्ट के अंदर कर लिया और इसके बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर टच कर गयी ...तीनो बारी - बारी लिफ्ट से बाहर निकले लेकिन निकुंज का झुका सर क्षुब्ड़ अवस्था में और झुक चुका था ...काश उसके आंतरिक मन की पीड़ा यूँ आम ना होती और वो मज़ाक का पात्र नही बनता, उसने कपल से आगे निकलते हुए मेन गेट क्रॉस किया और जल्दी ही उसकी सफ़ारी हवा से बातें करने लगी ...चलती कार से उसकी आँखें किसी माल या लॅडीस गारमेंट स्टोर ढूँढने में व्यस्त हो गयीं और 2 किमी बाद ही उसे एक छोटा सा माल दिखाई पड़ गया.
सफ़ारी पार्क कर वो माल में एंटर हुआ और सीधे अपनी मतलब की शॉप पर पहुच गया.
काउंटर गर्ल से मिलने के पश्चात उसने जल्द ही एक सिंपल ब्लॅक साड़ी पसंद कर ली लेकिन जब उसके माप का ब्लाउस और पेटिकोट की बारी आई, वह बुरी तरह झेप गया ...थक हार कर उसने अपनी शर्ट के अंदर हाथ डाला और ब्लाउस को काउंटर गर्ल के सुपुर्द करते हुए, वहाँ से थोड़ा दूर बने वॉश - रूम की तरफ बढ़ गया ...शायद वह शर्मिंदा था और उसकी शर्मिंदगी जायज़ भी थी.
" पहले निक्की और अब मोम ..मेरा सर फटा जा रहा है " .......बाथ - रूम के अंदर आते ही उसने अपना सर पकड़ लिया ....... " क्या इस तरह कभी किसी बेटे ने अपनी मा के लिए शॉपिंग की होगी ..लानत है मुझ पर " ........वह रुवासे स्वर में बोला, इस वक़्त उसकी तीन प्रॉब्लम्स बढ़ कर चार में तब्दील हो चुकी थी ...निक्की, कम्मो, नमार्दी और अब बाहरी लोगो का तिरस्कार, उनकी तोचना ...जो उसे लिफ्ट में मिले कपल के हाथो झेलनी पड़ी थी और अब काउंटर गर्ल का मुस्कुराना उस पर सितम धाने को काफ़ी था.
वह ज़्यादा देर तक वॉश - रूम में नही रुका और वापसी में उसने देखा उसका सामान लगभग पॅक हो चुका था.
" सर !!! इस ड्रेस के अंदर पहनने के लिए हमारे पास एक से बढ़ कर एक लाइनाये सेट हैं ..आप वे भी देख सकते हैं, होप आप की पार्ट्नर को बेहद पसंद आएगा " .......पॅकेट हाथ में उठाते ही काउंटर गर्ल ने उससे पूछा.
" शुक्रिया !!! अभी ज़रूरत नही ..फिर कभी ले जाउन्गा " ......इतना कह कर उसने मैं काउंटर पर बिल चुकाया और शॉप से बाहर निकल गया.
सफ़ारी वापस होटेल की तरफ लौटने लगी, पर उसकी रफ़्तार मानो साइकल से भी कम थी ...शॉप की काउंटर गर्ल द्वारा कही बात उसके दिमाग़ में थी ज़रूर पर अब उसने रिक्ट करना छोड़ दिया था.
" पार्ट्नर !!! हुह ..इनका बस चले तो ज़रूर एक ना एक दिन हर बेटा अपनी मा के लिए लाइनाये खरीद कर ले जाएगा, ज़रा भी शरम नही आती इन्हे ..बस अपने बिज़्नेस से मतलब है " .......कार पार्किंग में लगाते हुए निकुंज ने पॅकेट थामा और टूटे कदमो से अपने कमरे की तरफ चल पड़ा.
रूम के ठीक सामने आ कर उसने अपना सर ऊपर उठाया ...शायद भगवान से प्रार्थना करना चाहता था कि कमरे के अंदर के हालात सही हों ....... " क्या पता मोम अंदर किसी सिचुयेशन में होंगी ? " .......उसने सोचा लेकिन तभी कॉरिडर की स्टार्टिंग से होटेल के दो करम्चारि उसे अपनी तरफ आते दिखाई दिए ...यहीं उसकी सोच पर पूरी तरह से विराम लग गया और उसने 2न्ड के लॉक के अंदर प्रवेश करवा दी.
" बड़ी जल्दी आ गया बेटा " ........जिस स्पीड से वो अंदर आया सेम उसी स्पीड से उसे दरवाज़ा वापस बंद करना पड़ा, नही तो स्टाफ के बंदे कमरे के अंदर झाँक सकते थे.
" हां मोम !!! शॉप पास में थी तो ज़्यादा वक़्त नही लगा " ......दरवाज़ा बोल्ट करते हुए वा बोला और उसके पलटने पर कम्मो सोफे से उठ कर बेड पर बैठ गयी.
" ला दिखा !!! देखूं तेरी पसंद " ....कम्मो ने उसे स्माइल दी और अपना हाथ हवा में ऊपर उठाते हुए कहा.
निकुंज जहाँ खड़ा था अपलक उसका चेहरा देखने में खो गया ...ना एक कदम इधर ना एक कदम उधर, वह अपनी मा की खूबसूरती देखने के बाद बुत बन चुका था ...लेकिन अबकी बार इसका सीधा असर कम्मो की चूत पर हुआ, टवल के अंदर पैंटी ना पहनी होने की वजह से उसकी योनि की कोमल फांके फदक उठी और ना चाहते हुए भी उसे अपनी टाँगो में हलचल पैदा करनी पड़ी ...सिर्फ़ ब्रा और एक छोटी सी टवल उसका भारी व सुडोल बदन धाँकने में बिल्कुल असमर्थ थी, ऊपर से बेटे का अपनी मा को इस तरह से देखना ...कम्मो की पलकें झुक गयी और चेहरा शरम से लाल हो गया.
" जानती हूँ !!! एक मा को अपने बेटे के सामने इस हालत में कभी नही आना चाहिए ..माफ़ करना निकुंज, पर मेरे पास और कोई चारा भी तो नही है " .......मा के द्वारा कही बात सुनकर निकुंज अपने होश में लौटा और फॉरन कदम आगे बढ़ा कर उसके हाथ में पॅकेट थमा दिया.
" ऐसी बात नही है मोम !!! मजबूरी और लाचारी इंसान से कुछ भी करवा सकती है, आप फिकर ना करो मुझे कोई आपत्ति नही " ........यह बोलते वक़्त निकुंज मुस्कुराया या शायद जान कर मुस्कुराने का नाटक किया ताकि कम्मो और ज़्यादा शर्मिंदा ना हो ....... " आप चेक कर लीजिए, मुझे तो यही पसंद आया " .......इतना कह कर वह बेड के सामने रखे सोफे पर बैठ गया, चाहता तो नही था लेकिन उसके यहाँ - वहाँ होने से कम्मो का दिल दुख़्ता.
" अरे वाह !!! बड़ी अच्छी साड़ी है और मॅचिंग का ब्लाउस - पेटिकोट भी है ..लेकिन ... " .........कम्मो बोलते - बोलते रुक गयी ..वहीं उसका आशय समझ कर निकुंज ने कहा ....... " भूल गया मोम ..वापस जाउ क्या ? "
" नही ज़रूरत नही ..वैसे भी कलर ब्लॅक है, बिना अंडरगार्मेंट्स के भी काम चल जाएगा ..इधर आ ज़रा " ......कम्मो ने उसे अपने पास बुलाते हुए कहा और निकुंज के खुद के पास आते ही वह भी बेड से उठ खड़ी हुई.
अब दोनो आमने - सामने थे और इसके फॉरन बाद कम्मो अपने बेटे के गले लग गयी ...... " निकुंज !!! मुझे माफ़ कर दे " ......उसने कस कर उसे को अपने अंदर समेटा, जैसे इसी पल उसकी सारी हड्डियाँ चूर - चूर कर देगी ...वहीं निकुंज एक पल के लिए हड़बड़ाया और हतप्रत हो कर पीछे हटना चाहा, लेकिन ऐसा मुमकिन ना हो सका ...उसे खुद किसी अपने के सहारे की ज़रूरत थी ...एका - एक उसके मूँह से ....." मोम !!! " .....शब्द फूटा और उसने अपनी तरफ से ज़ोर देते हुए कम्मो की बाहों के नीचे अपने दोनो हाथ डाल दिए.
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10-03-2018, 03:51 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
हालात बनते - बिगड़ते देर नही लगती ...यहाँ कम्मो ने उसकी पीठ को सहलाना शुरू किया और खुद - ब - खुद निकुंज के हाथ भी आगे बढ़ते हुए उसकी अधनंगी पीठ से लिपट गये ...शुरूवात में कम्मो की पकड़ अपने बेटे पर ज़्यादा मजबूत थी लेकिन जैसे ही निकुंज ने अपने हाथ उसकी पीठ पर कसे, कम्मो को अपने पैरो के पंजो पर खड़ा होना पड़ा और साथ ही निकुंज उस पर झूल सा गया ...हलाकी हाइट में वह निकुंज से ज़्यादा छोटी नही थी पर इस वक़्त दोनो लगभग बराबरी पर आ चुके थे और यहीं से उनके दरमियाँ जो प्यार भरा एहसाह था ...अब छट कर वासना का रूप लेने लगा.
ब्रा में क़ैद कम्मो की पहाड़ सी चूचियों का निकुंज की छाती से टकराना कमरे में चिंगारियाँ पैदा कर चुका था ...कम्मो !!! जिसे काफ़ी बरसो बाद महसूस हुआ आख़िर सही गले लगाना किसे कहते हैं, वहीं निकुंज भी कयि दिनो से दुख और अजीबो - ग़रीब हलातो से गुज़र रहा था ...वह इस वक़्त उत्तेजित तो था, लेकिन उसके लिंग में तनाव ना आ पाना उसे मजबूर कर रहा था अपनी मा के और भी ज़्यादा नज़दीक जाने के लिए ...सहसा उसके हाथो की उंगलिया घूमती हुई कम्मो की ब्रा स्ट्रीप मे उलझने लगी और जुंझलाहट में वह ब्रा का हुक खोलने की कोशिश करने लगा.
दोनो के चेहरे बिल्कुल करीब थे और आँखें थी जो झपकने का नाम नही ले रही थी ...दोनो की गरम साँसे टकरा जाती और दोनो आनंद के सागर में गोते लगाने लगते.
इसी बीच कम्मो के बदन में अकड़न आना शुरू हुई और जिसकी मुख्य वजह थी उसकी कमर पर लिपटी टवल का झटके से खुल जाना, पर यह जानते हुए भी कि टवल हौले - हौले नीचे को सरकती जा रही है ...वो टस से मस ना हुई, बल्कि उसने अपना निचला धड़ बेटे के सुप्त लिंग से रगड़ना शुरू कर दिया और इसी जद्दो - जहद में टवल खुल कर नीचे ज़मीन पर आ गिरी.
अब कम्मो आज़ाद थी, उसने पूरी ताक़त लगा कर अपनी रस भीगी योनि बेटे के लंड से चिपका दी और अपने बदन का सारा भार भी उसके ऊपर डाल दिया ...वहीं निकुंज उसकी ब्रा का हुक खोलने में नाकाम रहा और फॉरन उसके हाथ तेज़ी से मा के चूतड़ो की दिशा में बढ़ गये.
ज्यों - ज्यों उसकी कपकापाती उंगलियों का स्पर्श कम्मो के निचले धड़ की ओर बढ़ता, वह कसमसा कर उससे दोगुनी तेज़ी से लिपट जाती ...आख़िर वक़्त आ गया जब बेटे के दोनो हाथ मा के नंगे चूतड़ो को छु गये और ठीक इसी वक़्त कम्मो ने कामुकता भरी सिसकी ले कर अपने खुश्क होंठ, उसके होंठो से चिपकाने के लिए आगे बढ़ा दिए.
पल भर में एक तगड़े झटके के साथ निकुंज इस गहरी नींद से बाहर आया और होश समहालते ही उसे अपने हाथों में मा के नगन कोमल चूतड़ो के पाट महसूस हुए, लेकिन इसे उसकी हड़बड़ी कहें या ग़लती, उसने कन्फर्म करने की गरज से अपने हाथ के पंजो को 2 - 4 बार तेज़ी से पंप किया और वाकाई उसका अनुमान सही निकला ...नरम - नरम चूतड़, जिनमें सिवाए माँस भरा होने के कुछ और नही था ..... " मोम !!! " ......फॉरन उसके मूँह से दर्दनाक चीख निकली, जिसे सुनकर कम्मो भी सपने से बाहर आ गयी और एक प्रश्नवाचक निगाह से अपने बेटे की आँखों में झाँका ..... " जैसे पूच्छ रही हो क्या हुआ ? " ......लेकिन जब तक निकुंज उसके नंगे बदन से अपने हाथ दूर कर चुका था.
बेटे द्वारा छितकाए जाने से कम्मो को अपने निचले धड़ पर काफ़ी हलकापन महसूस हुआ और यह संकेत मिलते ही कि टवल उसके बदन से हट चुकी है ...वह भौचक्की रही गयी और जिन हाथो से वह अपने बेटे की पीठ को सहला रही थी ...अपने आप लकवा मार जाने की स्थिति में नीचे गिरते चले गये.
दोनो एक दूसरे की पकड़ से अब पूरी आज़ाद थे ...कम्मो की आँखों की कीनोर छलक पाती उससे पहले ही निकुंज ने नीचे गिरा टवल उठा कर अपनी मा कर उघरा बदन ढँक दिया और खुद तेज़ी से दौड़ता हुआ कमरे का गेट खोलने लगा.
" निकुंज !!! " .....कम्मो ने उसे पुकारा, रोकने की कोशिश की लेकिन उसकी आवाज़ में दम नही था ...वहीं निकुंज ने एक पल भी व्यर्थ नही जाने दिया और गेट बंद हुए कमरे से बाहर निकल गया.
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10-03-2018, 03:51 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--42

इतना सब हो जाने के बाद भी कमरे के हालात तेज़ी से बदले ...एक अंजाने भय ने कम्मो को झगझोर कर रख दिया, निकुंज का इस तरह दौड़ कर कमरे से बाहर जाना यक़ीनन किसी बड़ी अनहोनी का पूर्व संकेत था.

आँसू बहाती कम्मो ने फॉरन टवल उतार फेका और साथ ही ब्रा का हुक खोलने लगी ...इसके बाद उसने पॅकेट से पेटिकोट निकाल कर पहना और उतनी ही तेज़ी से ब्लाउस पहन कर, साड़ी बदन पर लपेटने लगी ...उसने ज़्यादा प्लेट्स नही बनाई, बस एक मजबूत गठान बाँध कर उसे पेटिकोट के अंदर ठूंस लिया और रूम की 1स्ट के खोजने की परवाह ना करते हुए ...कमरे से बाहर जाने को अपने कदम बढ़ा लिए.

होटेल के बाहर पहुचने के बाद निकुंज के मन में भी सेम यही ख़याल आया और डर से बुरी तरह काँप कर वह, कमरे में वापस जाने को मूड गया ...दोनो जल्द से जल्द अपने जायज़ मुक़ाम पर पहुचना चाहते थे, जिसके लिए कम्मो को लिफ्ट का सहारा मिल गया पर बेचारा निकुंज दौड़ता हुआ सीढ़ियाँ चढ़ने लगा.

कम्मो रिसेप्षन से होती हुई होटेल के बाहर निकल गयी, रास्ते में उसकी बाज़ नज़र ने अपने बेटे को कहीं नही पाया था ...बाहर आने पर उसने पार्किंग में अपनी सफ़ारी तलाश की और उस पर निगाह पड़ते ही उसकी जान में जान वापस आई ...... " इसका मतलब वह यहीं कहीं है या ज़्यादा दूर नही गया होगा " .....अपने मन में ऐसा विचार कर वह मेन रोड की तरफ चल पड़ी.

दूसरी तरफ निकुंज हान्फ्ते हुए कमरे के सामने पहुचा और बिना कोई अग्रिम सूचना दिए गेट धकेल कर अंदर एंटर हो गया ...... " मोम !!! " ......उसे चिल्लाते देर नही हुई और फ्लोर पर उतरी पड़ी ब्रा और टवल से उसका सामना हुआ ...बेड पर रखा पॉलीबेग भी खाली था, यह देखते ही उसकी साँस फूलने लगी.

" मैं खुद को कभी माफ़ नही करूँगा " .......कदम पीछे खीचते हुए वह फिर से दौड़ पड़ा और इस बार भी उसके नसीब में सीढ़ियाँ ही लिखी थी ...थकान से चूर वह जल्दी ही होटेल के बाहर पहुच गया, चारो तरफ नज़र दौड़ाने के बाद उसने मेन रोड की तरफ अपनी निगाह कस दी ...जहाँ आख़िरी चोर पर उसकी मा उसे पागलो की तरह भटकती दिखाई दी.

" मोम !!! " .......वह पुरज़ोर ताक़त लगा कर चीखा और उसकी आवाज़ सुनकर फॉरन कम्मो ने पीछे पलट कर देखा ...निकुंज को देखते ही उसके आँसुओ की गति उतनी ही तेज़ हो गयी, जितनी तेज़ उसका बेटा दौड़ता हुआ उसके नज़दीक चला आ रहा था.

मेन रोड पर आने - जाने वालो का अंबार लगा हुआ था, लेकिन उनकी परवाह किसे थी ...निकुंज बिल्कुल अपनी मा के करीब पहुच कर रुका गया, एक नज़र गुस्से से उसके रोते चेहरे को निहारा और अगले ही पल उसे अपने आगोश में समेट'ते हुए ...डाँट लगाने लगा ...... " अगर दो पल की देरी और हुई होती मोम ..मैं अपनी जान दे देता, मत रूठो मुझसे ..मैं अपनी ग़लती के लिए शर्मिंदा हूँ " ......यह कहते ही उसका रहा - सहा सबर टूट गया और वह भी भावुक हो उठा ...कम्मो ने तो इसकी कल्पना तक नही की थी और यहाँ उसकी परेशानी बढ़ गयी, खुद रोना बंद करे या अपने बेटे को चुप करवाए ...उसकी समझ से परे था.

" नही बेटा !!! मैं तुझसे कभी नाराज़ नही हो सकती ..चुप हो जा निकुंज और जो हुआ उसका सच मैं तुझे बताती हूँ " .......सेकेंड्स मे फ़ैसला कर कम्मो ने उसे अपने सीने से अलग किया और अगली बात कहने से पहले निकुंज ने उसके खुले होंठो पर अपना हाथ रख उसे चुप करवा दिया.

" मुझे कोई सच नही सुन'ना मोम, अब हॉस्पिटल चलो ..रघु की बहुत याद आ रही है " .......इतना कहने के बाद उसने मा का हाथ थामा और वे दोनो हॉस्पिटल जाने के लिए सफ़ारी में बैठ गये, जहाँ कम्मो का रोम - रोम अपने बेटे के इस बिहेवियर से पुलकित हुआ वहीं निकुंज भी बीती बात भुला कर कार में गियर डालने लगा ...गियर डालने के उपरांत उसकी आँखें अपने पॅंट पर बने उस गीले दाग पर टिक गयी, जो ठीक उसके लंड वाले पार्ट पर लगा हुआ था ...वापस दोनो का आइ कॉंटॅक्ट जुड़ा और इस बार कम्मो बुरी तरह लजा गयी ...निकुंज भी गंभीर हो उठा, समझदार को इशारा काफ़ी होता है ...यह गीला निशान प्रमाण था उसकी माँ की उत्तेजना का, मा का अपनी रस से सराबोर योनि उसके सुप्त लिंग पर रगड़ना फॉरन उसे याद आ गया.
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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" रूमाल नही है तेरे पास ? " .......जाने कम्मो क्या सोच कर बोल गयी और तभी निकुंज कार को मेन रोड पर दौड़ाने लगा ...... " रहने दीजिए मोम !!! सूख जाएगा " ......बात कहते वक़्त निकुंज को भी भान नही रहा वह अपनी मा के साथ है, ना की किसी गर्ल फ्रेंड के साथ ...मगर एक बात जो दोनो ने महसूस की वह थी ओपेनेसस, कहाँ पहले ऐसे टॉपिक होने की गुंजाइश तक नही होती थी और आज कितने आराम से दोनो खुल कर बात करने लगे थे.

इसी तरह आँख मिचोली होती रही, कभी बेटा संकोची हो जाता तो कभी मा और कुछ देर बाद दोनो हॉस्पिटल पहुच गये.

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ड्र. शर्मा !!! जो विगत पिच्छले 4 सालो से रघु की देख रेख कर रहे थे ...उन्होने मा - बेटे का स्वागत किया और पर्मिशन लेटर मिलने के बाद तीनो रघु से मिलने उसके प्राइवेट रूम की तरफ बढ़ गये.

वे कमरे में एंटर हो पाते तभी ड्र. शर्मा की सहायक ड्र. नीलिमा भी वहाँ पहुच गयी और उन्हें बताया, आज किसी भी मरीज़ को उनके रिलेटिव्स से मिलने की अनुमति नही है ...पूच्छने पर पता चला आज हॉस्पिटल में फॉरिन से आए कुछ सीनियर्स की विज़िट है, इस वजह से मरीज़ को किसी से भी मिलने नही दिया जा सकता ...बल्कि उन की दिनचर्या पर आज पूरे दिन गौर किया जाएगा.

कम्मो और निकुंज तड़प उठे ...उनके और रघु के दरमियाँ सिर्फ़ एक दरवाज़े का फासला था फिर भी वे उससे कोसो दूर जान पड़े ...कम्मो के बहते आँसू देख कर दोनो डॉक्टर'स ने उसे साहस दिया और निकुंज को समझाइश देने के बाद वे अपने रेग्युलर कामो को पूरा करने निकल गये.

" चलो मोम !!! हम कल आ जाएँगे " .......अपनी मा का कंधा थामे निकुंज हॉस्पिटल से बाहर आने लगा, वह खुद भी बेहद दुखी था ...रघु से मिलने का सोच कर तो उसके माइंड से बीती सारी बातें जाती रही थी, पर वे दोनो अब कर भी क्या सकते थे ...दोनो वापस होटेल लौट आए.

लंच पर भी दोनो के बीच कोई बात नही हुई और देखते ही देखते रात का वक़्त नज़दीक आने लगा.

रात के 8 बजे हैं ...होटेल के रूम में एक दम सन्नाटा छाया हुआ है ...निकुंज सोफे पर और कम्मो बेड पर, लेकिन इतने दूर - दूर बैठे होने के बावजूद भी दोनो एक दूसरे के बारे में ही सोच रहे थे.

हलाकी निकुंज अपने मन से दोपहर वाली घटना को काफ़ी हद्द तक बाहर निकाल चुका था, पर फिर भी बात कोई छोटी - मोटी तो थी नही, जो इतनी जल्दी भुलाई जाती ...उसकी हैरत भरी सोच की मुख्य वजह, अपनी मा के बिहेवियर में काफ़ी सारे चेंजस का आना था ...वो भी सिर्फ़ 1 दिन में.

जिस औरत ने कभी अपने बदन से पल्लू नही सरकने दिया हो, आज वह कयि घंटो तक अपने सगे बेटे के सामने ...बिना किसी संकोच के केवल ब्रा में खुले आम घूमती रही थी और साथ ही बिना पैंटी पहने उसने बेटे का छोटा सा टवल अपने निच्छले धड़ पर लेपेट रखा था ...चलो यह तो उसकी मजबूरी मानी जा सकती है क्यों कि उस औरत के पास कपड़ो से रिलेटेड, कोई दूसरा ऑप्षन नही था ...पर यह कैसे मुमकिन हुआ कि कामुकता वश अंधी होकर वह औरत अपने बेटे के जिस्म से लिपट कर, सारी दीन - दुनिया ...लाज - शरम, पल भर में सब कुछ भूल गयी ...यहाँ तक की उत्तेजना में भरने के बाद उसे अपने निच्छले धड़ के बे - परदा होने का भी कोई अनुमान नही लग पाया और बेतहाशा अपनी रस भीगी योनि बेटे के लिंग पर रगड़ती जा रही थी, वो तो उसके बेटे को सही वक़्त पर होश आ गया ...वरना आज उन मा - बेटे का पवत्र रिश्ता ज़रूर पाप की बलि चढ़ जाता.

" सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली बात, वह औरत कोई पराई स्त्री नही ...मेरी सग़ी मा है " ......निकुंज ने गंभीरता पूर्वक इस पूरे वाक़या को अपने गहन - चिंतन में कयि बार उतारा ...पर उसे इसका उत्तर कहीं से कहीं तक नही मिल पा रहा था ...... " क्या एक औरत उत्तेजना की कामग्नी में रिश्ते नाते तक भूल जाने को विवश हो जाती है ..अगर ऐसा नही तो मा को मेरे साथ उस हालत में इतना आनंद क्यों मिल रहा था " .......सहसा सोचते हुए निकुंज की नज़र अपने पॅंट के उस हिस्से पर पहुच गयी, जहाँ उसकी मा की योनि से निकला तरल पदार्थ अब सूख कर दाग बना चुका था.
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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
वहीं कम्मो की सोच में भी अपने बेटे की सोच की मिलावट देखी जा सकती थी ...उसकी सारी प्रतिग्या, सारा द्रढ संकप चुटकियों में समाप्त होता नज़र आया.

" जाने निकुंज मेरे बारे में क्या - क्या सोच रहा होगा ..कहीं मैने कोई जलबाज़ी तो नही कर दी " ......कम्मो ने टीस में भरते हुए सोचा ......" लेकिन मैं नंगी हो गयी और पता भी नही चला, यह कैसे संभव हुआ ..क्या उस वक़्त मैं अपने होश - ओ - हवास खो चुकी थी, फिर मेरी चूत में रस क्यों आया ..जबकि मेरे दिल में तो अब तक उसके लिए कोई ग़लत ख़यालात नही हैं " .......कम्मो ने महसूस किया, जबसे उसने नीमा और उसके बेटे की चुदाई वाली बात सुनी है ...तब से लेकर अभी तक उसकी चूत एक पल को भी सूखी नही रह पाई है, लेकिन क्यों ...बस यही उसकी समझ में नही आ रहा था.

निकुंज ने चोर नज़र से अपनी मा का चेहरा देखा लेकिन हाल पकड़ा गया ...कम्मो उसकी तरफ ही देख रही थी, हड़बड़ाहट में उसके मूँह से कुछ शब्द फूटे, पर वह क्या बोला ...ना उसे पता चला ना ही उसकी मा को.

कम्मो ने बेड पर पसरते हुए अपनी आँखें बंद कर ली, शायद वह अब सोना चाहती थी ....... " मोम !!! डिन्नर कर के सोना ..मैं ऑर्डर कर देता हूँ " .......फॉरन निकुंज सोफे से उठ खड़ा हुआ और लॅंड लाइन पर नंबर डाइयल करने लगा ...... " मुझे भूख नही ..तू खा ले " ...... बिना आँखें खोले कम्मो ने जवाब दिया और सोने की व्यर्थ कोशिश शुरू कर दी.

" अब तक नाराज़ हो मुझसे ? " ......निकुंज ने उससे पूछा पर कम्मो ने कोई जवाब नही दिया.

निकुंज ने कॉल कट कर दिया और हौले हौले कदमो से बेड के नज़दीक आ कर खड़ा हो गया ....... " मोम मैने अपनी ग़लती मान तो ली !!! हां उस वक़्त मैं बहेक गया था ..पर यदि आप इस तरह रूठ गयी मुझसे, मैं जी नही पाउन्गा " .......अपने बेटे के मूँह से निकली इस बात को सुनकर कम्मो के होश उड़ गये ....... " यह क्या कह रहा है ..सारी ग़लती इसने अपने ऊपर ले ली " .......कम्मो ने अपनी आँखें खोल कर देखा, निकुंज ठीक बेड के सामने अपने कान पकड़े खड़ा हुआ था.

" माफ़ कर दो ना मोम " .......एक याचक की भाँति उसका बेटा गिडगिडाने लगा था ...कम्मो हत्प्रद कभी उसके काँपते होंठो को देखती तो कभी हाथो को, जिन्होने बड़ी कठोरता से उसके के कान मरोड़े हुए थे ...यह दृश्य कम्मो ज़्यादा देर का देख नही पाई और उसके बेड पर बैठते ही निकुंज ने अपने हाथ जोड़ लिए ...... " मोम !!! रघु को घर छोड़ने के बाद मैं खुद कहीं दूर चला जाउन्गा और फिर कभी आप की नज़रो के सामने वापस नही आउन्गा ..बस एक बार माफ़ कर दो, मैं बहुत शर्मिंदा हूँ अपने किए पर " ........निकुंज रुवासे स्वर में बोला और मजबूरन उसके प्रार्थना स्वरूप जुड़े हाथो को खुलवाने के लिए कम्मो को बेड से नीचे उतरना पड़ा.

" तू पागल हो गया है क्या ..मैं तेरे बागेयर जी पाउन्गि ..बोल ? " ........कम्मो ने उसके जुड़े हाथ तो खुलवा लिए पर दोबारा हिम्मत ना कर सकी उसे अपने गले से लागाने की.

" फिर आप खाना क्यों नही खा रही मोम और क्या इतनी जल्दी आप को नींद आ सकती है ..बोलो ? " .......उल्टे निकुंज ने उससे सवाल किया ....... " मोम !!! क्या एक आख़िरी बार आप के गले लग सकता हूँ, फिर चाहे लाइफ टाइम के लिए मुझे अपने करीब मत आने देना " ......यह कहते हुए उसने अपना सर शरम से नीचे झुका लिया.
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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" क्या इसके लिए भी तुझे मेरी इजाज़त की ज़रूरत है और अगर तू मेरे करीब नही आएगा तो क्या मैं तेरे करीब नही आ पाउन्गि ..पागल लड़के !!! मैं तेरी मा हूँ, तुझे पूरा हक़ है मेरे गले लगने का, लाड करने का ..प्यार करने का ..आजा निकुंज !!! तेरी मा तुझे बहुत प्यार करती है ..और मत सता उसे " .......यह कहने के बाद कम्मो ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर अपने कंधे के पार निकाल दिए और उससे लिपट गयी ....... " आज तो तूने इतनी बड़ी - बड़ी बातें कह दी, लेकिन आज के बाद फिर कभी कही ..वरना मैं तुझसे कभी बात नही करूँगी " .......कम्मो ने उसकी छाति पर अपना चेहरा टिकाते हुए कहा, जिसके सहारे वह फुट - फुट कर रोना चाहती थी ...लेकिन यह पल तो खुशी का था, उसने अपनी पलकें तक गीली नही होने दी.

" नही कहूँगा मोम ..कभी नही " .......निकुंज ने अपने हाथ उसकी पीठ पर कस दिए और दोनो सही आलिंगन की पोज़िशन में गुथ गये.

हाइट ज़्यादा होने से निकुंज ने अपना चेहरा मा के कंधे पर रख लिया था और मन ही मन खुद के प्लान पर मुस्कुराने लगा ....... " ग़लती मोम की थी तो क्या हुआ ..आख़िर झूट बोल कर भी मैने उन्हें मना ही लिया ......वह खुशी से झूम उठा था.

" थोड़ा ताक़त तो लगा बदमाश ..एहसाह तो करा मुझे, मैं अपने बेटे के गले लगी हूँ " .......कम्मो ने हँसते हुए कहा और निकुंज ने फॉरन अपना एक हाथ उसके कंधे से नीचे उतारते हुए उसकी कमर पर लपेट लिया.

" देखोगी अपने बेटे की ताक़त " ......अगले ही पल कामो उसकी गोद में टंग गयी ...... " बचपन में तो आप ने मुझे हमेशा ऐसे ही उठाया होगा ना ..आज मैने आप को उठा लिया मोम " ......निकुंज ने उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा.

" मेरा लाड़ला इतना बड़ा हो गया और मुझे पता भी नही चला " ......कम्मो ने खुश होते हुए उसके माथे को काई बार चूमा और प्यार के वशीभूत उसके गले में अपनी बाहें डाल कर मुस्कुराने लगी.

" ये हुई ना बात ..मोम आप हँसते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो, अब कभी उदास मत होना " ......निकुंज ने कहा और उसे बेड पर बैठाते हुए खुद भी उसके नज़दीक बैठ गया.

" मेरा बेटा भी उदास अच्छा नही लगता " .......वह कहना तो यही चाहती थी पर बोल ना सकी और तुरंत उसके जहेन में पुरानी बात ने अपना क़ब्ज़ा जमा लिया.

" चल बहुत हुआ लाड - प्यार, अब खाना ऑर्डर कर और सो जाते हैं ..कल जल्दी हॉस्पिटल चलेंगे " .......काफ़ी चिंतन करने के बाद कम्मो बोली और निकुंज ने उसकी पसंद का खाना ऑर्डर कर दिया, खाना भी यूँ ही हसी - मज़ाक में ख़तम हुआ और इसके बाद दोनो सोने की तैयारी में जुट गये.

बाथ - रूम में निकुंज ने एक शॉट्स और टी-शीत अपने बदन पर डाल ली और कम्मो के बगल में आ कर लेट गया ...फिर दोनो एक दूरसे की आँखों में देखते हुए नींद की गिरफ़्त में जाने लगे.

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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
दोनो को लेटे अभी 30 मिनिट भी नही हो पाए और निकुंज बेहोशी की हालत में पहुच गया ...पिच्छली रात से ही बेचारा सोने को तरस रहा था, लेकिन अब जा कर उसे नींद नसीब हो पाई थी.

कम्मो अपनी आँखें खोल चुकी थी और एक - टक उसके सोते चेहरे को निहारती रही, जब उसका पूरी तरह से मन भर गया ..वा बेड से नीचे उतरी और सीधे बाथ - रूम में एंटर हो गयी.

बालो का जूड़ा खोलने के बाद उसने अपनी साड़ी उतार कर हॅंगर पर टाँग दी ...फिर बारी आई पेटिकोट और फिर ब्लाउस की ...पूर्न रूप से नगन होने के बाद उसने शवर ऑन कर दिया और उसके नीचे खड़ी हो कर अपना गरम बदन ठंडा करने लगी.

लगभग 20 मीं तक नहाने के बाद उसने अपने गीले नीचूड़ते बालो की गठन बाँधी और बिना बंदन पोंछे नंगी ही बाथ - रूम से कमरे में लौट आई.

इस वक़्त उसके अंदर की मा मर कर पूरी तरह से बाज़ारू रंडी में परिवर्तित हो चुकी थी, कोई लाज - कोई शरम नही और वह बेड पर आ कर बैठ गयी.

निकुंज तेज़ी से अपनी साँसे - अंदर बाहर कर रहा था ....... " मेरा बेटा अब कभी उदास नही रहेगा " .......उसने झुक कर निकुंज का माथा चूमा और ठीक उसके बाद कुछ पल के लिए अपने गीले होंठो को बेटे के होंठो से सटा दिया ...तेज़ी एक करेंट उसके तन - बदन को झकझोर गया और वह फॉरन सीधी होकर बैठ गयी ...इतने में ही उसे हन्फायि आना शुरू हो गयी थी.

निकुंज नींद में कुछ बड़बड़ाया ...कम्मो ने बड़े गौर से उसके होंठो को हिलते देखा पर कोई अनुमान नही लगा सकी ...आख़िर उसका बेटा कह क्या रहा है.

उसने उसके चेहरे से अपनी नज़रें हटा कर नीचे को उतारनी शुरू कर दी ...जो पहले उसका सीना, फिर पेट और फिर उस जगह आ कर थम गयी ...जहाँ उसके बेटे की मर्दानगी का अंत हुआ था.

" माफ़ करना निकुंज !!! पर यह तेरी ज़िंदगी का सवाल है " .......इतना कह कर उसने अपने कपकापाते हाथो को बेटे की जाँघो पर रख दिया और हौले - हौले ऊपर की तरह ले जाते हुए अचानक से रुक गयी.

" ऐसा नही कि इसकी नींद ना खुले और जागने के बाद यह मेरे नंगे शरीर को देख कर घबरा जाएगा ..मुझे ज़रूर कुछ पहन लेना चाहिए " ........ऐसा सोच कर कम्मो बेड से नीचे उतरती हुई, उसके के बॅग तक पहुचि और कुछ देर बॅग को खंगालने के बाद उसके हाथ ...निकुंज का कुर्ता - पाजामा लग गया.

" कुर्ता तो मुझे आ जाएगा पर इस पाजामे का कोई मतलब नही " .......उसने देर ना करते हुए कुर्ते को अपने ऊपरी जिस्म पर चढ़ा लिया ...हलाकी वह कुर्ता उसे बेहद टाइट था और काफ़ी कोशिशों के बाद उसके बदन से नीचे खिसक पाया था ...पर फिर भी कम्मो खुश हो गयी.

" नंगी रहने से तो अच्छा ही है " .......इतना सोच कर वा सीधा बेड पर चढ़ गयी ...अब उसे कोई बंधन या दुनिया की कोई ताक़त, अपने मन की करने से नही रोक सकती थी.

उसने अपने दोनो हाथो की उंगलियों से निकुंज के शॉर्ट्स की एलास्टिक पकड़ी और उसे नीचे खीचने लगी, शॉर्ट्स आगे की तरफ से तो नीचे सकारने लगा पर दूसरी तरफ से भी उसका उतरना ज़रूरी था ...कम्मो को शॉट्स के अंदर पहनी हुई ग्रे अंडरवेर दिखाई दी और उसने अपनी उंगलियों की पकड़ में उसे भी शामिल कर लिया.

थोड़ी ताक़त की आज़माइश काम आई और वह अपने बेटे का निचला धड़ नेकेड करने में कामयाब हो गयी ...उसे एक अनुमान भी मिल गया, उसका बेटा वाकाई काफ़ी गहरी नींद में था.

कम्मो ने अब तक अपनी आँखें लंड से नही मिलाई थी, शॉर्ट्स और अंडरवेर उसके पैरो से बाहर निकालते हुए उसने उन्हें दूर फेक दिया.

" अब मालिश के लिए तेल कहाँ से लाउ ? " .......यह तो उसने सोचा ही नही था पर तेल के अलावा भी दूसरा ऑप्षन उसके पास मौजूद था.

उसने अपना जी कठोर किया और बेटे के लंड पर अपनी आँखें गढ़ा दी, जो अगले ही पल बड़ी से बड़ी होती चली गयी ...एका - एक उसका हाथ भी अपने खुले मूँह पर पहुच गया ...... " हे भगवान !!! " .....इससे पहले उसे चक्कर आता उसने अपने फ्री हाथ को लंड पर रख दिया ...ताकि कुछ पल के लिए वह विकराल वास्तु उसकी आँखों से ओझल हो सके.

हाथ लंड पर रख देने से उसे और ज़्यादा तक़लीफ़ महसूस होने लगी, लगा जैसे उसकी चूत में सैकड़ो चींतियों ने काटना शुरू कर दिया हो ...अपने दिल की धड़कती धधकने वह सॉफ सुन पा रही थी ...उसके लिए तो वहाँ बैठना तक मुश्क़िल जान पड़ा.

" मैं पीछे नही हट सकती " .......अपना यही संकल्प उसने काई बार मन में दोहराया और लंड के ऊपर से हाथ हटा लिया ...वाकाई उसका बेटा मर्दो का मर्द था, खाल से बाहर निकला एक दम गुलाबी सुपाड़ा, काफ़ी मोटा और गोलाई में 2½" से ज़्यादा दिखाई दे रहा था और लंबाई सुषुप्त अवास्ता मैं भी 6" से कम नही जान पड़ी.

" थूक !!! " .......कम्मो ने पाया उसका गला तो बिल्कुल सूखा पड़ा था, ज़रा भी गीलापन उसके मूँह के अंदर मौजूद नही ....... " फिर कैसे होगी मालिश " .......उसके लिए परेशानी ख़तम होने का नाम ही नही ले रही थी.

थक हार कर भी जब उसका सलाइवा नही बन पाया, वह लंड को अपने हाथ मे पकड़ने लगी ...कुछ देर उसे अपनी मुट्ठी में दबा कर रखा और फिर हल्के - हल्के स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए.

इसी बीच निकुंज के बदन में कंपन आना शुरू हो गया, उसने नींद में कसमसाते हुए अपने हाथ को लंड पर ले जाना चाहा ...पर कम्मो ने उसे ऐसा नही करने दिया और उसे हाथ को बीच में रोक दिया ...फॉरन निकुंज की नींद खुल गयी और आँखें खोलने के बाद वह हड़बड़ा कर उठने लगा.

" लेटा रह निकुंज ..मैं कर रही हूँ ना, तू फिकर मत कर, इस में तनाव आएगा " .......कम्मो ने लंड पर हाथ के झटको की स्पीड को तेज़ करते हुए कहा ..... " मोम !!! " ......निकुंज नही माना और उसके स्ट्रोक देते हाथ को अपने हाथ से पकड़ लिया.
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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" मोम !!! आप यह क्या करी रही हो ..मैं ठीक हूँ " .......और इतना बोल कर वह बेड पर बैठने लगा ...कम्मो दुखी हो गयी, अगर आज वह सफल नही हुई ...तो अपने आप को कभी माफ़ नही कर पाएगी.

" निकुंज समझ मेरी बात ..मैं तेरी मा हूँ, मुझसे तेरा दर्द नही सहा जाता बेटे ...मत उठ, लेटा रह " ......उसने एक बार फिर लंड पर अपना हाथ कस दिया और दूसरे से उसकी छाति नीचे की तरफ दबाने लगी.

" मोम !!! मैं किसी डॉक्टर को दिखा लूँगा ..आप रहने दो " ......निकुंज की यह बात पूरी नही हो पाई और कम्मो ने उसके होश उड़ा दिए ....... " डॉक्टर या वह लड़की ..जिसका नंबर तेरा दोस्त तुझे दे रहा था " .......बस यहीं निकुंज की बोलती बंद हो गयी और वह कुछ भी कहने की स्थिति में नही आ पाया.

" मुझे सब पता है बेटा ..यह चोट भी तुझे मेरी ही वजह से लगी है, अब अगर मैं इस वक़्त अपने बेटे का साथ नही दूँगी ..तो कब दूँगी " ......बात कहते हुए कम्मो ने भरकस कोशिश की पर लंड मुठियाने की सही ग्रिप नही बन पा रही थी.

" फिर भी मोम ..मुझे सही नही लग रहा है, नही होगा आप से ..छोड़ दो प्लीज़ " .......निकुंज ने वापस अपना हाथ उसके हाथ पर रख कर कहा ...... " कैसे नही होगा ..मैं सब कर लूँगी, तू चुप चाप लेटा रह " .....कम्मो ने उसे डाँट लगाते हुए कहा और वापस स्ट्रोक देने लगी.

वह इस वक़्त अपने घुटने मोड बैठी थी ...कुर्ते के साइड कट्स से उसके भारी - भरकम चूतड़ो के पाट बाहर को निकले दिखाई दे रहे थे, और साथ ही कुर्ता बेहद टाइट होने से उसकी चूचियाँ ...निप्पल सहित अपना सही आकार शो रही थी ...कम्मो ने अपनी आँखें निकुंज के चेहरे पर डाली तो पाया वह उसके निचले धड़ को बड़े गौर से देख रहा था ...या कहो, उसके चूतड़ की खूबसूरती मे खो सा गया था.

" तुझे अंदर से कुछ महसूस हो रहा है बेटा ? " ......अचानक से पूछे गये सवाल को सुन कर निकुंज होश में लौटा, उसकी मा उसकी चोरी को पकड़ चुकी थी ...वह झेप गया और अपनी आँखें बंद कर ली.

" कैसा महसूस मोम ? " .......बात समझ में ना आने पर निकुंज ने रिटर्न सवाल किया.

" मतलब ..मतलब " ......कम्मो को भी अपनी बात समझाने का सही वर्ड नही मिल पा रहा था ...एका - एक उसके मूँह से उत्तेजना शब्द निकल गया ....... " तुझे उत्तेजना महसूस हो रही है क्या ? " ......और अपनी ही बात पर वह शर्मा गयी ...उसकी योनि तो इस वक़्त लावा ही लावा उगले जा रही थी, जो नीचे की तरफ बह कर उसकी गान्ड के छेद को टच कर रहा था, सिकोड रहा था ...लगातार उसके बूब्स भी आकार में बढ़ते जा रहे थे और निपल तन कर कॅंटो मे परिवर्तित हो चुके थे.

" नही मोम !!! नही महसूस हो रही, आप रहने दो " ......निकुंज ने बिना अपनी आँख खोले जवाब दिया ...आँख खोल कर तो वह एक पल को भी अपनी मा की तरफ नही देख पाता ...जिन में सिवाए शरम के अब कुछ भी बाकी नही था ...अपनी मा का हाथ लंड पर स्ट्रोक लगाता हुआ उसे रोमांचित ज़रूर करने लगा था पर लंड में तनाव का ना आ पाना, सारे रोमांच की धज्जियाँ बिखेरने को काफ़ी था.

कम्मो के हाथ अब दुखने लगे, बारी - बारी वह अपने दोनो हाथो से बहुत ज़्यादा काम ले चुकी थी ...अचानक से उसने निकुंज को बैठने को बोला और वह बेड पर बैठ गया.

" बेटा अपनी आँखें खोल ...मुझे कुछ बात करनी है " .........अब कम्मो ने अपना बीता सेक्षुयल एक्सपीरियेन्स यूज़ करने का सोचा ...वह इतना तो जानती थी, सेक्स के वक़्त मर्द सबसे ज़्यादा उत्तेजित तब होता है जब औरत खुल कर उससे बातें करे ...उसकी आँखों में झाँक कर उसका सपोर्ट करे, यही एक आख़िरी रास्ता बचा था कम्मो के पास ...जो वह अब यूज़ करने जा रही थी.

" म .. मोम !!! मैं कह रहा हूँ नही होगा ..आप मानिए " .......निकुंज के लिए यह दृश्य बेहद कामुक बन गया ...आँखे खोलने के बाद उसने देखा, उसकी मा लंड को अपनी मुट्ठी में कसे तेज़ी से उसे स्ट्रोक कर रही है ...तभी बोलते वक़्त उसके होंठ काँपने लगे थे.

" होगा बेटा, ज़रूर होगा !!! अच्छा यह बता, तुझे इस में कहीं दर्द महसूस हो रहा है क्या ? " ........कम्मो ने अपना आइ कॉंटॅक्ट उसकी आँखों से जोड़ते हुए पूछा ...साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके अंडकोष थाम लिए, इस बार उसने लंड के गुलाबी सुपाडे पर अपनी उंगलियों का क़ब्ज़ा ज़्यादा कस रखा था.

" नही मोम दर्द तो नही है " ......उसकी आँखें नीचे झुकती उससे पहले ही कम्मो ने उसके अंडकोष ताक़त से दबा दिए ....... " आहह !!! मोम " .......निकुंज चीख पड़ा और स्वतः उसके हाथ लंड को थामने के लिए आगे बढ़ गये.

" नही निकुंज छुना मत !!! यह जो दर्द तुझे अभी महसूस हुआ ..सबूत है तेरे लिंग में ज़रा भी खराबी नही, बस कोई नस वगेरा ग़लत दब जाने से इस में तनाव आना बंद हो गया है ..एक तो मेरे हाथो की सही ग्रिप नही बन पा रही " .......कम्मो बोलते - बोलते रुक गयी, एक नज़र अपने बेटे की आँखों से हटाई और उसकी टाँगो को विपरीत दिशा में फैलाने लगी ....... " मुझे इनके बीच में आने दे ..साइड में बैठ कर ठीक से स्ट्रोक नही दे पा रही " .......और इतना कह कर वह अपने बेटे की टाँगो के बीच आ कर बैठ गयी.

पहली बार निकुंज ने अपनी मा के मूँह से लिंग शब्द का उच्चारण सुना और चौुक्ते हुए उसका सीना ज़ोरो से धड़कने लगा ...इसकी एक और वजह भी थी, कम्मो के जगह चेंज करते वक़्त उसका कुर्ता नीचे से काफ़ी ऊपर उठ गया था, जिससे निकुंज को अनुमान लग गया उसकी मा ने कुर्ते के नीचे ना तो ब्रा पहनी है ना पैंटी ...उसे कुछ पल के लिए अपनी मा के गोल चूतड़ का साइड व्यू दिखाई पड़ा था, कुर्ते के साइड कट्स लोंग होने से ऐसा मुमकिन हो पाया.
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10-03-2018, 03:52 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" तेरा यह कुर्ता तो बेहद टाइट है " ........कम्मो वापस अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अब उसके मूँह में लार बन'ना भी शुरू हो गयी थी ..उसने निकुंज की आँखों में देखते हुए उसकी टांगे थोड़ा नीचे को सर्काई और अपना सर हौले - हौले उसकी जड़ में झुकाने लगी ...... " नही मोम !!! प्लीज़ " .......निकुंज हड़बड़ा गया, उसे लगा मोम उसके लंड को मूँह में ले जाने वाली हैं और वह अपनी गान्ड को बेड पर मटकाने लगा.

" इहह इहह " .......कम्मो ने अपनी आँखें बड़ी कर उसे हिलने से रोका और मूँह में इकट्ठा किया थूक लंड पर उडेल दिया ....फॉरन निकुंज के मूँह से करारी आह निकल गयी, जैसे उसके गरम लंड पर किसी ने बरफ का टुकड़ा रख दिया हो.

" अब ठीक है " ......कम्मो मुस्कुराइ लेकिन अब उसकी साँसें भी उखाड़ने सी लगी थी ...वह बहुत गरम हो चुकी थी पर बेटे को अपनी हालत का एहसास कराना उसे गवारा ना हुआ ...अपने थूक से लंड को नहलाने के बाद उसने उसे वापस अपने हाथ में पकड़ा, थोड़ी देर ताक़त से पंप किया और फिर ज़ोरो से ऊपर नीचे कर ...हिलाने लगी.

" एक बात कहूँ निकुंज ..इसकी लंबाई बहुत अच्छी है, काफ़ी कम मर्दो के पास इतना विकराल लिंग होता है " ........कम्मो ने लगातार उसे अपनी बातों से गरम करना ज़ारी रखा ........ " और हां तनवी नसीब वाली है " .........वह ज़ोरो से हसी तो निकुंज की आँखें बंद हो गयी.

" शरमा रहा है ..अब मैने ऐसा क्या ग़लत कह दिया, तारीफ़ ही तो कर रही हूँ ..आँखें खोल निकुंज " .......कम्मो ने वापस उसके अंडकोष दबाए ...हलाकी इस बार उसने ज़्यादा प्रेशर नही लगाया था पर फिर भी निकुंज के चेहरे पर दर्द भरे भाव ज़रूर आ गये और साथ ही उसकी आँखें भी खुल गयी.

" मोम आप कितनी कोशिश कर लो ..यह खड़ा नही होगा " .......निकुंज अपने अंदर आते सेडक्षन को झेल नही पा रहा था और यह उसने बात थोड़ी नाराज़गी में कह दी ...कम्मो भी समझ रही थी यह बहुत मुश्क़िल भरा काम है, पर इतने आगे जा कर वापस पीछे कैसे लौटा जा सकता था ...अब उसके दिमाग़ में फाइनल बात आई और जल्द ही उसने उसे अपने बेटे पर ज़ाहिर भी कर दी.

" निकुंज मैं आज कुछ भी करूँगी पर तेरा उदास चेहरा खुशी में ज़रूर बदलेगा " .........कम्मो ने अपना सर तेज़ी से लंड के ऊपर झुका लिया और अगले ही पल उस पर से अपना हाथ हटाते हुए ...थूक से भीगा सुपाड़ा, अपने होंठो के अंदर प्रवेश करा लिया.

दोनो के जिस्म मे सनसनी फैल गयी, जहाँ निकुंज पत्थर में तब्दील हो गया वहीं कम्मो को एक दम से हक - बकाई आने लगी, लगा उसे फॉरन उल्टी हो जाएगी.
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