Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
07-04-2018, 12:35 PM,
#1
Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
चंपा रानी की चुदाई


ये घटना उस समय की है जब मनु सिर्फ़ 16-17 साल का था. मनु की एक छोटी बहन थी ममता. माँ का नाम था चंपा और वो औरत चंपा फूल की तरह महकती रहती थी. उस समय वो करीब 33-34 साल की थी. एक दम जवान और मस्त. गठा हुआ बदन, भारी पूरी भंहे, थोड़ा सावला रंग लेकिन गजब की चमक थी चेहरे पर. मस्त हथिनी की तरह कूल्हे हिला हिला कर चलती थी तो देखनेवालो की साँस रुक जाती थी. मोहल्ले मे अपनी खूबसूरती और हाजिर जवाबी के लिए बहुत पसंद की जाती थी. बड़े बड़े मम्मे थे उसके. शायद 38” या उससे भी बड़े. लंबे बाल और मुस्कुराता चेहरा लेकर हरदम बहकती रहती थी लेकिन उसने कभी किसिको दाना नही डाला. उसे क्या पता था की वो बहुत जल्द रंडी बनने बाली है. शादी के 18 साल बीत गये और उसका घरवाला अब उसमे ज़्यादा रुची नही रखता था. सच तो यह था की वो चंपा की प्यास नही बुझा पाता था. चुदाई तो रोज करता था लेकिन थोड़े धक्को के बाद मे पानी गिरा कर सो जाता था और चंपा रात भर बुर को सहलाती रहती थी. उसे मालूम था की एक इशारा करने पर गाव के सारे मर्द उसे छोदने आ जाएँगे लेकिन अभी इतनी बेशरम नही हुई थी. वो पति को खूब खिलाती पिलाती थी लेकिन कोई फायदा नही. वो चंपा की गर्मी नही उतार पाता था.
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07-04-2018, 12:36 PM,
#2
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
नई कहानी शुरू करने के लिए बधाई मित्र 

इस कहानी को आज तक कोई भी हिन्दी में नही बदल पाया है क्योंकि बीच बीच मे ये कहानी इंग्लीश मे है .
आज पहली बार आपने ये हौंसला दिखाया है दोस्त ये कहानी हिन्दी फ़ॉन्ट मे एक मील का पत्थर साबित होगी .

आपको मेरी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
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07-04-2018, 12:36 PM,
#3
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
उनका साधारण परिवार था. घरवाला एक सेठ के यहा मुनीम था काफ़ी सालो से. सेठ उसे तनख़्वाह के अलावा समय समय पर कपड़े लत्ते और चंपा के लिए गहने भी देता था. सेठ ने कई बार इशारो इशारो मे चंपा की जवानी की बात की और हमेशा उसकी तारीफ़ करता रहता था. पूजा त्योहार के अवसर पर चंपा बच्चो के साथ सेठ के घर जाती रहती थी. सेठ उसे घूरता रहता था, इशारा भी करता था लेकिन कभी उसने खुलकर चंपा से चुदवाने की बात नही की. सेठानी को मालूम था की उसका सेठ चंपा को चोदना चाहता है और उसने चंपा को जतला दिया था की सेठ को अपनी जवानी दिखाने की ज़रूरत नही है. वैसे भी चंपा को सेठ बिल्कुल पसंद नही था. वो सोच भी नही सकती थी की इतना मोटा आदमी सेठानी की बुर मे लंड कैसे पेल पाता होगा.
इधर चंपा का बेटा मनु जवान हो गया था. उसका लंड उसे तंग करने लगा था. वो अपनी बहन ममता के साथ एक ही कमरे मे अलग अलग बिस्तर पर सोता था. पिछले दो सालो से मूठ भी मार रहा था. लेकिन उसका मन अभी तक अपनी माँ के या बेहन के उपर नही आया था. वो हमेशा सेठ की बेटी जो उससे 2-3 साल बड़ी थी, के बारे मे सोच सोच कर मूठ मारता था. उसे मालूम था की उसकी माँ के बारे मे लोग गंदी बाते करते है लेकिन किसीने भी मनु के सामने अबतक चंपा को चोदने की बात नही की थी. लेकिन उसने एक दिन अपने ख़ास दोस्त विनोद को चंपा के बारे मे कहते सुना.
“ अरे यार, मनु की माँ क्या जबरदस्त माल है. साली को देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगता है. मन करता है की रोड पर ही पटक कर चोद दू. कभी उसकी बड़ी बड़ी गोल गोल चुचि देखी है! चूसने मे क्या मज़ा आएगा. साली की जाँघो पर हाथ फ़ेरने मे जो मज़ा आएगा उतना मज़ा मख्खन छूने मे भी नही आएगा. एक बार चोदने के लिए मै उसका गुलाम बनने को तैयार हूँ. मै तो रोज चंपा के बुर के बारे मे सोच कर लंड हिलाता रहता हूँ. मादरचोद, मनु साला बहुत किस्मतवाला है. रोज उसकी चुचि और चूत देखता होगा. मै उसका बेटा होता तो कबका उसे चोद देता…… मै उस को एक चुदाई का दस हज़ार दूँगा...”
विनोद बोलता रहा और मनु वहा से हट गया.
इतना सुनकर मनु को बहुत गुस्सा आया लेकिन वो गुस्सा पीकर रह गया. विनोद उससे उम्र मे बड़ा था और वहा चार पाँच लड़के खूब मस्ती मे विनोद की बातो का मज़ा ले रहे थे.
मनु चार बजे घर वापस आया. दरवाजा उसकी माँ, चंपा ने खोला. मनु भाग कर चंपा के पास आया और उसका हाथ पकड़ कर पूछा..
“माँ, तुम बहुत सुंदर हो क्या ?”
“क्यो , क्या हुआ ?” कहते हुए चंपा चौकी पर बैठ गयी और मनु को खींच कर गोद मे बिठा लिया.
मनु को बहुत अच्छा लगा . मनु माँ की तरफ घूम कर बैठ गया. चंपा ने मनु के गालो को सहलाते हुए फीर पूछा "क्या हुआ?"
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07-04-2018, 12:39 PM,
#4
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
“हट... तुम ग़लत बोल रहे हो. लड़की जब जवान होती है तो उसकी चुचि अपने आप ही बढ़ने लगती है. मेरी चुचि तो अभी और बढ़ेगी. किसीके छूने 

से हो सकता है की जल्दी बढ़ जाए.” ममता ने मन ही मन कहा की तुम क्यो नही दबा रहे हो और फिर बिल्कुल चित लेट गयी. ममता अचानक चित हुई थी और मनु का हाथ सीधा 

ममता की एक चुचि पर रह गया. मनु को बहुत अच्छा लगा और उसने हौले से चुचि को दबा दिया. भाई का हाथ चुचि पर पाकर ममता खुश हो गयी. 

“भाई, तुमने कभी किसी की चुचि दबाई है ?

“नही” बोलकर मनु बहन की चुचि को हौले हौले मसलने लगा. कभी एक चुचि को तो कभी दूसरी चुचि को. मनु ने महसूस किया की ममता की चुचि 

पानी से भरे बलून की तरह टाइट है जब की चंपा की चुचि स्पंजी और गुदाज़ है.

“बहन , तुमने कभी नंगे आदमी को देखा है?”

“नही, भैया” ममता ने धीरे से कहा .

“कभी मन नही करता है.?”

“जब सुधा अपनी नौकरानी और अपने पापा की बात सुनाती है तो मेरा भी मन करता है की कोई मुझे भी बाहों मे लेकर खूब मसले और चूमे. मेरे अंग अंग को दबाए और तब तक दबाता रहे की मै थक ना जाऊ.”

ममता का इतना कहना मनु के लिए खुला निमंत्रण था. मनु झट से उठकर बैठा और दोनो हाथो से बहन को उठा कर बैठा लिया. 

ममता को ज़्यादा मालूम था. वो अपनी दोनो टांगे भाई के उगल बगल रख कर उससे बिल्कुल सट गयी. 

ममता अपनी भाई के लंड पर बैठी थी. मनु दोनो हाथो मे लपेट कर ममता को चूमने लगा. ममता ने भी पूरा साथ दिया. 

उसकी चुचि भाई के छाती से बिलकुट सटी हुई थी और नीचे कमर भी उचका रही थी. 

चूमते चूमते मनु बहन को खूब ज़ोर से दबा भी रहा था जैसे की एक लड़की को नही किसी प्लास्टिक की गुड़िया को मसल रहा हो.

“और ज़ोर से दबाऊ ? ” उसने बहन से पूछा.

“मुझे तोड़ डालो , मेरी चुचि को मसल मसल कर चटनी बना दो. जहां मन करता है वहां मसलो खूब दबाओ, बहुत अच्छा लग रहा है.”

मनु चुचि को मसलता था तो कभी दोनो हाथो मे भर कर पूरी ताक़त से उसे जकड कर बहन की जवानी का मज़ा ले रहा था.

“कपड़े उतार कर मसलने मे और भी मज़ा आएगा.”

“जो मन करता है करो, बस चोदना मत.”

मनु ने फटाफट अपने कपड़े उतरे फिर बहन का फ्रॉक ओर पनटी उतार दिया और फिर पहले की तरह दोनो चिपक कर चुम्मा छाती करने लगे. 

मनु का तना हुआ लंड ममता के चूत पर दस्तक दे रहा था. ममता एक हाथ से लंड को पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगी.

मनु का ध्यान बहन की चुचि से खेलने मे था. अब उसने चुचि को चूसना सुरू किया और उसके चिकने बदन को मसलता रहा. 

ममता बहुत गर्म हो गयी थी और ज़ोर ज़ोर से लंड से अपने चूत को रग़ड रही थी. अचानक वो भाई से बिल्कुल चिपक गयी और सिसकारी मारते हुए कहा.

“मै…गयी…भैया” और ज़ोर से चूत का लंड पर धक्का मारा. मनु के लंड का सूपड़ा बहन के चूत के अंदर चला गया. 

लेकिन तुरंत ही ममता को होश आया और उसने लंड को चूत से बाहर निकाल दिया.

“ओह बहन, लंड बाहर क्यो निकाला अंदर जाने देती.”

ममता पैर फैला कर लेट गयी और कहा “आज बहुत मज़ा आया. पहली बार जवानी का मज़ा लिया है.

जितने दिन चूत को संभाल सकती हूँ संभालने दो फिर तो तुम्ही को अपनी बहन की सील तोड़नी है. 

वादा करती हू पहली बार तुम्हारे लंड को ही चूत के अंदर लुंगी.” 

ममता लंड को सहलाने लगी और कहा “साला कितनी जल्दी अंदर घुस रहा था, लगता है भूखा है. मै जल्द ही इसके लिए एक मस्त माल लाउंगी .”

मनु भी बगल मे बहन के उपर झुक कर लेट गया. उसने बहन की चूत को सहलाया.

इतनी देर मे पहली बार उसने चूत को छुआ था. मनुने चूत को सहलाते हुए कहा,

“सुधा कौन है? तुम उसके बादे मे क्या कह रही थी”.

ममता ने लंड को दबाते हुए कहा “सुधा मेरी क्लास मेट है और मेरी अच्छी दोस्त. उसका बाप अपनी नौकरानी को रोज चोदता है और सुधा सब कुछ देखती है. 

सुधा की माँ भी सुबह काम पर चली जाती है. सुधा चुदाई की पूरी कहानी मुझे बताती है. 

उसकी नौकरानी रेणु हमारे ही आगे की है लेकिन पिछले एक साल से चुदवा रही है. 

जब पहली बार रेणु चुदवा रही थी तो सुधा ने देखा था और बाद मे बताया की रेणु के बुर से बहोत खून निकला था.”

ममता ने भाई के लंड को अपनी जांघो से रगड़ा और कहा “चूत मे उँगुली डाल कर मज़ा लो..’

मनु ने चूत मे उँगुली पेल दी और पूछा “ सुधा के बाप को नही मालूम की उसकी बेटी सब कुछ देखती है?”

“ अरे भैया, उसका बाप तो जान बुझकर सुधा को दिखा दिखा कर रेणु की चुदाई करता है.’

“ तब तो उसने अपनी बेटी को भी चोद डाला होगा.’

“हो सकता है, लेकिन सुधा कहती है अभी तक उसके बाप ने उसे चोदा नही है ना ही कभी चोदने की बात की है. 

लेकिन सुधा डरती है की जल्द ही उसका बाप उसे चोदेगा.’

अब मनु चूत मे दो उंगली डाल कर मज़ा ले रहा था. “बहन तुम्हारी चूत लंड लेने के लिए तैयार है.”

“भैया बस तोड़ा इंतज़ार करो. धीरे धीरे प्यार से मज़ा दूँगी, घर का माल है, जल्दी क्या है ?”

उसने भाई को चूमा और कहा अब मुझे पकड़ कर सो जाओ. ममता मनु की ओर पीठ करके सोने की कोशिश करने लगी. 

मनुने अपनी टाँग बहन के कमर पर रखी और एक चुचि को जकड़ कर सोने की कोशिश करने लगा.

ममता ने चुत्तर को आगे पिछे किया और लंड उसकी गांड मे फँस गया.

बीच रात मे मनु ने लाइट जला दी और आँख फाड़ कर अपनी बहन की नंगी जवानी का दीदार करने लगा. 

ममता शांत होकर सो रही थी. उसकी गठी हुई चुचि हौले हौले उपर नीचे हो रही थी. चूत के उपर हल्के हल्के घुँगराले बाल थे, लेकिन चूत साफ दिख रही थी. 

उसने हल्के से चूत की फाँक को फैलाया तो उसे गुलाबी माल दिखाई दिया. थोड़ी देर तक देखने के बाद उसने चूत को चूमा और लाइट ऑन रखकर सोने लगा और कब सो गया मालूम नही.

सुबह दरवाजे पर मा की आवाज़ सुनकर दोनो की नींद खुली. फटाफट दोनो ने कपड़े पहने. ममता भाई को चूमकर बाहर निकल गयी 

और मनु आँख बंद कर लेटा रहा. माँ अंदर आई और उसने भी मनु को चूमा और बाहर आने को कहा.

मनु बहुत खुश था. ना विनोद चंपा के बारे मे गंदी बात करता, ना ही मनु माँ की मस्त चुचि दबा पाता, ना ही अपनी प्यारी बहन की नंगी जवानी से खेल पता. 

उसने सोचा की विनोद को थॅंक्स कहे और उससे चुदाई के बादे मे जाने. मनु यही सोचता जा रहा था की उसकी बगल मे एक कार आकर रुकी और किसी लड़की ने उसे पुकारा. 

उसे यकीन नही हुआ. सेठ की बेटी रेखा उसे बुला रही थी. मनु के नज़दीक पहुँचते ही रेखा ने दरवाजा खोलकर उसे अपनी बगल मे बैठा लिया.

रेखा के बगल मे सेठ जी बैठे थे. मनु ने उन्हे विश किया. कार चल दी. रेखा उससे बात करने लगी और मनु को पता नही चला कब उसने अपना एक हाथ रेखा के जांघो पर रख दिया था. 

कार चल रही थी , बात चल रही थी और मनु का हाथ रेखा के जांघो पर उपर बढ़ रहा था. मनु को तब होश आया जब उसके हाथ को गर्म महसूस हुआ. 

मनु की आँख रेखा से टकराई तो उसने देखा की रेखा मुस्कुरा रही है और मनु के हाथ को आँचल से धक रखा है. कल की घटना के बाद मनु की हिम्मत बहुत बढ़ गयी थी. 

वो रेखा की जांघो को सहलाने लगा और सहलाते सहलाते दोनो जाँघो के बीच ठीक रेखा के चूत के उपर हाथ रखकर दबाया. 

रेखा ने आँख बंद कर ली और होठों को काटा. मनु को लगा की रेखा को मज़ा आ रहा है तो वह कपड़े के उपर से ही चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा. 

दोनो मज़ा ले ही रहे थे की कार रुकी . मनु का स्कूल आ गया था. मन मार कर मनु उतरा तो रेखा ने उसकी तरफ नही देखा , शायद शरम से. 

लेकिन सेठ जी कार से उतर गये. उन्होने मनु को किनारे बुलाया और उसका हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा,

“बेटा, अब तुम मेरी मदद कर सकते हो..”

“क्या मदद , सेठ जी.”

“मै चंपा को चोदना चाहता हूँ, अगर जल्दी नही चोद पाया तो मै पागल हो जाऊंगा.”

“माँ तो आपके घर जाती है, उससे बोलते क्यो नही. मै क्या करू?”

“बेटा कुछ भी करो, जितना बोलेगी दूँगा.. 10,20,30,50 हज़ार दूँगा, ज्वेलरी दूँगा . बस तुम कुछ करो और हम दोनो की मुलाकात करा दो.’

इतना कहकर सेठ जी ने मनु का हाथ छोड़ा और कार मे बैठ गये. 

कार स्टार्ट होने पर रेखा मनु की तरफ देखकर मुस्कुराई. मनु स्कूल की तरफ बढ़ा तो उसने देखा की सेठ जी ने उसकी हाथ मे 100 के दस नोट रख दिए थे. 

“माँ को चुदवाने की पेशगी.’ 

उसने रुपये पॉकेट मे रख लिए. उसके हाथ मे पहली बार इतना रुपया आया था.
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07-04-2018, 12:44 PM,
#5
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
स्कूल मे मनु खुलकर विनोद के साथ अपनी माँ के बारे मे बात करने लगा. उसके पूछने पर विनोद ने बताया की चुदाई कैसे की जाती है. 

पहले औरत को नंगा करके उसके अंग –अंग को खूब चूमना चाहिए और मसलना चाहिए और जब औरत खुद गरम होकर चोदने को बोले तब 

बुर मे लंड पेल कर खूब दबा दबा कर चुदाई करनी चाहिए. उसने कहा की कुछ भी हो चंपा को जल्द ही अपना लंड का स्वाद चखाएगा 

और पलट कर उसकी मस्त उठी उठी गांड मारेगा और शहर ले ज़ाकर अपने दोस्तो से भी चुदवाएगा. 

उसने मनु से कहा की एक चुदाई का दस हज़ार देगा. 

मनु हसने लगा और बोला, "अरे उसने सेठजी का 30 हज़ार लौटा दिया और तुम दस हज़ार मे चोदोगे ? मुझे लगता है की 50 हज़ार मे शायद मान जाए."

विनोद ने यह भी बताया की पिछले एक साल से अपनी माँ और शादीशुदा बड़ी बहन को चोद रहा है. उसके अलावा जब कोलकता जाता है तो रंडी को चोद कर आता है. 

मनु ने उदास होकर कहा की उसने अभी तक कोई नंगी औरत भी नही देखी है और चंपा तो हाथ भी छुने नही देती है.

“अरे जब सोती है तो धीरे धीरे उसके बदन को नंगा करो और अपना कड़क लंड दिखाओ. 

उससे खूब गंदी गंदी बाते करो, साली खुद ही तेरा लंड अपनी रसीली बुर मे लेगी.”

विनोद ने मनु को थपथपाया और कहा जल्दी ही मै तुम्हे एक साथ दो दो बुर के दर्शन कराउंगा लेकिन तुम चंपा को चुदवाने के लिए तैयार करो.’

घर वापस आते हुए मनु ने कल से लेकर आज तक की बात सोची . उसे सबसे ज़्यादा मज़ा रेखा की बुर को कपड़े के उपर से दबाने मे आया था. 

लेकिन मनु सबसे पहले आपनी माँ को ही चोदना चाहता था. ममता को तो जब चाहे तब चोद सकता है. 

उसने अपने भगवान से प्रार्थना की कि रेखा के चूत का दर्शन करवा दे. भगवान ने उसकी सुन ली.

घर वापस आया तो देखा की ममता भी आ चुकी है. मनु ने कपड़े बदले और तब उसकी माँ सामने आई. 

उसने सिर्फ़ पेटिकोट और उपर ब्लाउज पहन रखा था. ब्लाउज के उपर से आधी चुचि दिख रही थी.

“बेटे, जल्दी से नाश्ता करके कपड़े बदल लो. मुझे सेठानी ने बुलाया है. नाश्ता ख़तम होने के बाद ममता बाथरूम गयी और मनु ने पिछे से माँ को जकड़ लिया. 

दोनो हाथो से माँ की चुचि को दबाने लगा.

“अभी छोडो, बेटी घर मे है. वापस आकर मौका मिलेगा तो मज़ा दुंगी.”

चंपा ने बेटी को कुछ समझाया और फिर साडी पहनकर मनु के साथ बाहर निकल गयी. सायकल रिक्शा मे बैठ कर दोनो सेठ के यहा जाने लगे. 

मनु माँ से सटकर बैठा था और रास्ते मे जान पहचान के लोगो को विश भी करता जा रहा था. चंपा आराम से छाती तान कर बैठी थी. 

मनु ने सेठ और विनोद की सारी बात माँ को बतलाई. मनु को लगा की 50 हज़ार का बात सुनकर माँ को अच्छा लगा.

चंपा ने फुस फुसाकर कहा “आज तक मै सेठ के साथ अकेली नही मिली हूँ. सेठानी या तेरा बाप हमेशा साथ रहता है.”

चंपा ने बेटे का हाथ पकड़ कर अपनी जांघो पर रखा और कहा “ मौका मिलेगा तो शायद मै उससे चुदवा लूँगी.’

मनु ने हाथ बढ़ा कर माँ के जांघो के बीच हाथ रखकर बुर को दबाया. और सेठ का घर आने तक दबाता रहा.

दोनो घर के अंदर गये. सेठानी अपनी बेटी रेखा के साथ दिवान पर बैठी थी. मनु को देखते ही रेखा अंदर चली गयी.

मनु को सुबह वाली घटना याद आई और उसका मन किया की रेखा को प्यार करे. चंपा और सेठानी कुछ बाते कर रहे थे.

“सेठानी जी , मै रेखा के कमरे मे जाऊ.” मनु ने पूछा.

“हा, जाओ”

मनु तुरंत अंदर गया. वहां रेखा सोफा पर बैठी थी. मनु को देखते ही उसने दोनो हाथो से अपनी आंखे बंद कर ली. 

रेखा ने फ्रॉक पहन रखी थी जो उसके आधे जांघो तक ही थी. मनु उसके सामने ज़मीन पर बैठ गया ओर बिना झीझक के रेखा के दोनो घुटनो पर हाथ रख दिया.

रेखा ने अपने दोनो हाथो को आंखे से हटाकर जांघो के बीच रख लिया.

“तुम बहुत गंदे हो, कार मे क्या कर रहे थे.”

“और तुम बहुत सुंदर हो.” मनु धीरे धीरे रेखा की नंगी जांघो को सहलाने लगा.

“क्या कर रहे हो, हाथ हटाओ...” रेखा ने फ्रॉक को बुर के उपर और ज़ोर से दबाया.

मनु का हाथ धीरे धीरे जांघो पर उपर बढ़ा.

“रेखा तुम्हारी शादी होने वाली है. तेरा घरवाला बहुत किस्मत वाला होगो जो तुम्हारी मस्त जवानी का मज़ा लेगा.”

“मनु हाथ हटाओ” लेकिन मनु ने फ्रॉक को पूरा उपर तक हटा दिया. अब कमर के नीचे सिर्फ़ चूत का भाग फ्रॉक से ढका था और रेखा ने उसे हाथो से दबा रखा था.

“मनु प्लीज़ छोड़ दो. कोई आ जाएगा”

“ श.. कितनी चिकनी है.. बिल्कुल बटर जैसी. मन करता है की चाट जाऊ.”

इतना कहकर मनु ने रेखा के पैर को फैलाया और अंदरकी जांघो को चाटने लगा.

रेखा सिहर गयी. उसको भी मज़ा आ रहा था. उसका मन किया की हाथ हटा कर मनु को अपनी चूत चटवाए लेकिन उससे लाज आ रही थी.

पहला मौका था की कोई उसकी जांघो को चूस रहा था. उसे लगा की मनु थोड़ी देर और उसे चुसेगा तो अपने को नही रोक पाएगी.

इधर मनु की जुबान जांघो के अंदरकी हिस्सो को चूम रही थी. 

उसकी जुबान ने रेखा के हाथ के नीचे से चूत को छुना चाहा लेकिन रेखा दोनो हाथो से चूत के उपर कपड़े को दबा कर बैठी थी. 

मनु का हाथ रेखा के कमर से उपर बढने लगा और उसने दोनो चुचिओं को दबोच लिया और कस कर दबाया.

रेखा की चुचि भी बहन ममता के चुचि जैसी टाइट थी लेकिन उससे बड़ी बड़ी थी. अब रेखा को लगा की अगर उसने मनु को नही रोका तो खुद

ही नंगी होकर मनु से चुदवाएगी. 

पर उसने मन ही मन निश्चय किया की कुछ भी हो शादी के पहले चूत मे लंड नही लेगी. 15 दिन के बाद ही शादी थी. 

मनु खूब प्यार से जांघो को चाट रहा था और चुचिओं को मसल रहा था. रेखा चुचि पर से मनु का हाथ हटाना चाहती थी लेकिन उसे मालूम था की 

अगर उसने अपना हाथ हटाया तो मनु चूत को चाटने लगेगा फिर रेखा चुदाई नही रोक पाएगी.

“आह.. मनु बस... बहुत हो गया. अभी तुम जाओ कल तीन बजे आना जो देखना चाहते हो सूब दिखाउंगी.”

उसने मनु को ढकेल दिया और खुद खड़ी हो गयी. मनु चुप चाप खडा हो गया.

“रेखा एक बार चूत को सहलाने दो.”

रेखा ने उसका हाथ पकड़ कर कहा,

“तुम शैतान हो गये हो. तुम्हारी माँ से कहना पडेगा.”

दोनो बाहर आ गये. उसे दुख था की वो रेखा की चूत नही देख पाया. लेकिन साथ ख़ुशी थी की कल रेखा अपना चूत और चुचि दिखाएगी.. कल तक इंतेज़ार करना पड़ेगा. 

तभी रेखा की एक सहेली आ गयी. रेखा सहेली के साथ अंदर गयी और तुरंत कपड़े बदल कर बाहर आई.

"माँ मै एक घंटे मे रंजू के घर से आती हूँ" कहकर सहेली के साथ चली गयी. चंपा सेठानी का पैर दबा रही थी. अचानक मनु बोल उठा,

"तुम हट जाओ माँ, थक गयी होगी. सेठानी जी को मै दबा देता हूँ."

"सेठानीजी, मनु बहुत अच्छा दबाता है, मै भी इससे दबवाती हूँ." चंपा ने कहा.

"ठीक है, चंपा तुम कुछ पराठे बना दो. तुम्हारे सेठ आते ही खाने को माँगेंगे." सेठानी ने कहा.

फिर चंपा का हाथ पकड़ कर पूछा " सेठ को अपना "ख़ज़ाना" दिखाया की नही ?" तुझे बहुत पसंद करता है." 

"छी.... सेठानी जी, क्या बोलती है आप !"

चंपा वहां से उठ कर किचन मे भाग गयी. सेठानी ने चिल्ला कर कहा " एक मीठी डाल भी बना देना." 

सेठानी ने मनु की तरफ देखा और कहा, "चलो बेटे पूरा बदन दबा दो, बहुत टूट रहा है." 

सेठानी पीठ के बल लेट गयी. उसने एक भारी भरकम सारी पहन रखी थी और नीचे पेटिकोट. उपर ब्लाउज था. ब्लाउज चुचि को ढकने मे असफल था. 

चुचि का उपरी हिस्सा ब्लाउज से बाहर निकला हुआ था. मनु सेठानी से सटकर बैठा और दोनो हाथो से एक पैर को दबाने लगा. 

कभी दबाता था तो कभी पिंडली की मांसपेशी को सहला देता था. मनु ने आहिस्ता आहिस्ता हाथ घुटने के उपर रखा और निचली जांघो को हल्के से मरोडकर कर दबाने लगा. 

"कैसा लग रहा है सेठानी जी?" 

"अच्छा लग रहा है, दबाते रहो." सेठानी ने कहा. 

मनु की हिम्मत बढ़ी और उसने घुटने से लेकर ऊपरी जांघो तक खूब दबा दबा कर मज़ा लिया.

इसी तरह उसने दूसरे पैर को भी पूरा ऊपरी जांघो तक दबाया. बुर से थोड़ा नीचे तक. 

उसने अपनी बहन और रेखा की जांघो को सहलाया था लेकिन सेठानी का जांघे खूब मोटी और गुदाज़ थी.

उसने देखा की सेठानी को मज़ा आ रहा है और सेठानी ने दोनो पैर को फैला दिया है और सारी पूरी तरह तन गयी है. 

"सेठानी जी आपकी सारी और अंदर का कपड़ा बहुत भारी है. आपको दबाने का पूरा मज़ा नही मिलता होगा. 

पतली सारी होती तो दबाने मे आपको और आराम मिलता." 

इतना कहकर मनु दोनो पैरों को एक साथ दबाने लगा और दबाते दबाते बिलकूल बुर के पास दबाने लगा. सेठानी मोटी थी. खूब मस्त बाहें थी और पेट भी थोड़ा उठा हुआ था. 

उसकी उम्र 50 के करीब थी. दुध जैसा गोरा रंग और मख्खन जैसा बदन. मनु का मन किया सेठानी के बुर के दर्शन करने को. उसे नंगा तो नही कर सकता था. 

उसने एक उपाय सोचा. कभी कभी पिताजी के ऐसे ही पैर दबाता था तब उसे कई बार पिताजी का लंड दिखाई दिया था. उसने सोचा कोशिश करके देखते है.

रेखा भी घर मे नही थी और चंपा अंदर खाना बना रही थी. 

"आप एक पैर मेरे कंधे पर रख दीजिए मै मसल मसल कर दबाउंगा तो आपकी पूरी थकान उतार जाएगी." 

मनु उठकर दोनो पैरों के बीच आया और बिना पूछे उसने कपड़े को खिसका कर सेठानी के घुटनो के ऊपर कर दिया और एक टाँग उठाकर अपने कंधे पर रख ली. 

"आप आंखे बंद कर लीजिए, अच्छा लगेगा....."

मनु एक हाथ से पैर को सहारा देकर दूसरे हाथ से घुटने के उपर जांघो को मरोडकर मसलने लगा और तभी उसे सेठानी की मोटी फूली हुई बुर दिखाई दी. 

बुर पद छोटे छोटे झाँटे थे......शायद 8-10 दिन पहले झाँटे साफ किया हो. मनु का हाथ सेठानी के जांघो से नीचे से बुर तक फिसल रहा था.

सेठानी ने हौले से कहा, "खूब ज़ोर से मसलो...." 

मनु ने अंदरकी जांघो को दबाते दबाते बुर को मुठ्ठी मे भरकर मसलने लगा. 

"और आगे आ जाओ..." 

मनु ने पैर को कंधे से उठाया और कपड़े को बिल्कुल उपर तक उठा दिया. सेठानी की बुर साफ दिख रही थी. मनु दोनो हाथो से बुर को मसलने लगा.

"सेठानीजी, आप अकेली कब रहती है मै आकर पूरा मज़ा दूँगा." 

"बेटा अभी 15-20 दिन कोई मौका नही मिलेगा... जहां दबाना है आज ही दबा दो."

बुर को मसलते मसलते मनु सेठानी के जांघो के बीच आ गया. एक हाथ से वो बुर को दबा रहा था और दूसरे हाथ से चुचि को दबाने लगा. 

"बुर बहुत मस्त और रसीली है, लगता है सेठजी चुदाई नही करते है...?" 

"6 महीने से उसने मुझे चोदा नही है, लेकिन तुम्हारी माँ को चोदना चाहता है. चंपा को बोलो की एक बार अपनी बुर मे सेठजी का लंड घुसा ले." 

मनु को लगा की उसकी पैंट फट जाएगी और उसने पैंट का बटन खोलकर नीचे धकेल दिया. 

मनु का लंड तना हुआ था उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा. 

पूरा लंड गुप से अंदर चला गया. सेठानी ने मनु को जकड़ लिया और मनु चुचि को दबाते दबाते चुदाई करने लगा.

उसे 50 साल की औरत को चोद कर एसा लग रहा था की सेठानी की बेटी रेखा को चोद रहा हो. सेठानी की बुर बहुत गर्म थी. 

"आओ बेटा... ज़ोर ज़ोर धक्के मारो, बहुत मज़ा आ रहा है, जल्दी जल्दी .....कही तुम्हारी माँ ना आ जाए." 

"वो देखेगी तो किसिको नही बोलेगी. उसके सामने भी तुम्हे चोदुंगा." 

"सेठानी तेरा बुर पहला बुर है जिसे मै चोद रहा हूँ लेकिन मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है." 

"बेटा.... रेखा चली जाएगी तो रोज मुझे चोदना."

"हा रानी रोज चोदुंगा लेकिन मै तुम्हारी बेटी को चोदना चाहता हूँ."

"उसको भी चोदो, मेरी बहुओ (डॉटर इन लॉ) को भी चोदो... मै मना नही करूँगी, लेकिन मुझे हर दो तीन दिन मे आकर चोदना." 

"चोदुंगा रानी और गांड भी मारूँगा." 

मनु ने ज़ोर से धक्का मारते मारते कहा, "लंड नही चुसोगी ? " 

"चुसूंगी... लेकिन आज नही कभी अकेले मे."

फिर दोनो जम कर चुदाई करने लगे और थोडी ही देर में सेठानी पस्त हो गयी. 

"लंड बाहर निकाल लो, अब दर्द कर रहा है. मै चंपा जैसी जवान नही हूँ की लंड खाती राहु." 

मनु धक्का मारता रहा और उसके लंड ने सेठानी के बुर मे पानी छोड दिया.

ठंडा होने के बाद मनु सेठानी के उपर से उतरा और दोनो ने अपने कपड़े ठीक किए. थोड़ी देर बाद चंपा बाहर निकली. 

"सेठानी जी सूप बना दिया है. अब हम लोग जाते है." 

चंपा ने कहा और फिर पूछा " मनु तुमने ठीक से पाव दबाया ना." 


"अरे तेरा बेटा तो बहुत अच्छा दबाता है. फिर आना बेटा...."

सेठानी उठी और 1000 रुपया चंपा को दिया. "रख लो" और जब तक शादी है आती रहना और मनु को भी लाना. और हा, एक बार मेरे सेठ को खुश कर दो". 
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07-04-2018, 12:45 PM,
#6
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
यह सुनकर चम्पा के गाल लाल हो गये। वो केवल मुस्कुराई और घर चली गई। वापसी में मनु रिक्शे पर चम्पा के बगल में बैठकर पूरे रास्ते बुर को सहलाता रहा और सेठ से चुदवाने के लिए मनाता रहा। दोनों घर आ गये। मनु सेठानी को चोदकर बहुत खुश था और उसने निश्चय किया की कल ही वो अपनी माँ को चोदेगा। 
रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में आया तो देखा की उसकी बहन बिल्कुल नंगी बैठी है और चूत को मसल रही है। मनु ने ममता को बांहों में जकड़कर चूमा और चूची को दबाया। ममता ने फटाफट अपने भाई को भी नंगा कर दिया और बेड पर सीधा लिटा दिया। ममता भाई की जांघों के बीच घुटनों पर बैठ गयी और झुककर भाई के लण्ड को मुँह में ले लिया। एक हाथ से लण्ड को जड़ से पकड़ी थी और दूसरे हाथ से बाल्स को भी दबा रही थी। 
मनु को बहुत अच्छा लग रहा था। ये पहला मौका था की किसी ने उसके लण्ड को मुँह में लिया था। मनु बहन के बालों को सहला रहा था और आह्ह… आह्ह… करके मजा ले रहा था। 
ममता अपनी जीभ को पूरे लण्ड पर चला रही थी और कभी-कभी लण्ड को मुँह से निकालकर बल्स को चाटती थी और गाण्ड के छेद पर भी जीभ चलाती थी। इस तरह ममता खूब मजे से भाई के लण्ड का मजा ले रही थी। जीभ से सहला-सहलाकर गाण्ड का छेद खुल गया था। ममता ने भाई की गाण्ड में एक उंगली गाड़ दी और उंगली से भाई की गाण्ड मारने लगी। 
फिर उसने गाण्ड पर थूका और दो उंगली घुसाकर गाण्ड मारने लगी। करीब 15 मिनट तक लण्ड को चूसने और गाण्ड मारने के बाद मनु के लण्ड ने पानी छोड़ दिया और जोश में अपनी बहन के सिर को लण्ड पर दबा दिया। ममता ने पूरा पानी गले के नीचे उतार लिया। लण्ड को जीभ से साफ करने के बाद उसने मुँह से लण्ड को निकाला और छपाक से दोनों उंगली को गाण्ड से बाहर निकाला। 
मनु ने बहन को अपने सीने पर खींच लिया और पूछा- “कहाँ से ये सीखा… बहुत मजा आया बहना…”
ममता ने भाई को किस करते हुवे कहा की उसकी दोस्त सुधा ने सिखाया- “आज उसका बाप और नौकरानी रिंकू ऐसे ही प्यार कर रहे थे। अब तुम मेरी चूत चाटो…” ममता दोनों पाँव फैलाकर सीधा लेट गयी- “भैया मेरी चूत तुम्हारा इंतजार कर रही है…”
मनु ने जांघों के बीच बैठकर दोनों हाथों से उसकी कमर को जकड़कर चूत के क्लिट पर जीभ को ऊपर-नीचे किया। 
ममता- “आहह… भैया… बहुत अच्छा…”
मनु अपनी उंगली और जीभ से बहन की चूत और गाण्ड को चाट रहा था। कभी-कभी दाँत से क्लिट को दबाकर खींचता था और ममता उछल पड़ती थी। चूत को चाटते-चाटते मनु दोनों हाथ आगे बढ़ाकर टाइट चूची को भी दबाने लगा। कभी उंगली से चूत की फांक को फैलाकर जीभ अंदर करता, तो कभी गाण्ड चूसने लगता था। करीब 10 मिनट चाटने के बाद उसने एक उंगली बहन की गाण्ड में घुसाया। गाण्ड गीली हो गयी थी और एक नहीं दो-दो उंगली आराम से गाण्ड के अंदर चली गयी। 
ममता ने अपने हाथों से दोनों टांगों को पकड़कर अपनी ओर खींच लिया था और चूतड़ उछाल-उछाल कर चूत चुसाई का मजा ले रही थी। मनु एक साथ चूची दबा रहा था, चूत चाट रहा था और बहन की गाण्ड में उंगली पेल रहा था। ममता खूब जोर-जोर से कमर उछाल रही थी और भाई से चुसाई का मजा ले रही थी। ममता की चूत ने पानी छोड़ दिया। 
चूत से सफेद गाढ़ा रस बाहर आने लगा और मनु ने चूत फैलाकर सारा रस चाट लिया। मनु ने बहन की चूत चाटते हुए सोचा की कल दो और चूत, चम्पा और रेखा की भी इसी तरह चाटेगा। मनु से अब बर्दास्त नहीं हुआ। उसे लगा की झड़ जाएगा और फटाक से सीधा बैठकर लण्ड को बहन की चूत पर रखा। लण्ड से सफेद रस निकलकर चूत पर फैलने लगा। ममता ने रस को चूत पर फैलाया और हाथों में उठा-उठाकर रस को प्यार से चाटने लगी। दोनों थक चुके थे। एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गये। 
अगले दिन मनु स्कूल नहीं गया। उसने सोच रखा था की आज माँ (चम्पा) को चोदना है। माँ ने बार-बार उसे स्कूल जाने के लिए कहा लेकिन मनु नहीं माना। मनु मौके का इंतेजार करता रहा। करीब 10:30 बजे चम्पा नहाने गयी। 15 मिनट के बाद बाहर आई एक ब्लैक पेटीकोट और सफेद ब्रा में। बालों को तौलिया से बाँध रखा था। मनु ने सोचा बस यही मौका है। जैसे ही चम्पा मनु के बगल से निकली, मनु ने दोनों हाथों से माँ के कंधों को दबाकर उसे दीवाल से सटा दिया और खूब जोर से चूमने लगा। फिर कंधों से हाथ हटाकर दोनों मस्त चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसलने लगा। 
मनु चम्पा को बहुत बेदर्दी से मसल रहा था। कल मनु ने रेखा की चूचियों को प्यार से सहलाया था और अभी माँ की चूची को आँटे की तरह मसल रहा था। 5 मिनट तक चूमने और मसलने के बाद मनु ने अपना मुँह माँ के होंठों पर से हटाया और कहा- “तुम बहुत ही रसीली हो। तुम्हारे होंठ बहुत टेस्टी हैं…”
चम्पा ने अपनी चूची सहलाते हुए कहा- “तुम तो मुझे मार ही डालोगे। ऐसे कोई मसलता है, प्यार से सहलाओ और मजा लो…” कहते हुए चम्पा ने अपनी ब्रा का हुक खोल दिया। चूचियों को ब्रा से बाहर निकाला और कहा- “अब मजा लो, प्यार से…”
मनु ने थोड़ी देर तक दोनों नंगी चूचियों को मसलकर मजा लिया। कभी चूची को नीचे से उठाकर दबोचता था, तो कभी घुंडियों को मसलता था। थोड़ा मसलने के बाद ही निपल कड़े हो गये और लंबे भी, ½ इंच से बड़े निपल्स के चारों ओर एक ब्राउन कलर का घेरा करीब एक इंच की गोलाई में फैला था। चूची और भी टाइट हो गयी। मनु ने एक निपल को मुँह में लेकर चुभलाना चालू किया और दूसरी चूची को मसलता रहा। बारी-बारी से दोनों चूचियों को चूसा और एक हाथ को नीचे नाभि पर लाया। पेट को सहलाते-सहलाते नाभि के छेद पर उंगली गोल-गोल घुमाया और हाथ नीचे बढ़ाया। 
पेटीकोट का नाड़ा हाथ में आया और झटके से नाड़ा खींच दिया। नाड़ा खुलते ही पेटीकोट जमीन पर गिर पड़ा। मनु का हाथ उसकी बुर पर था। बुर पर हल्के-हल्के बाल थे। मनु उंगली से बुर के होंठों को मीजने लगा। माँ का बदन तन गया। चम्पा की बुर का मजा लेते लेते मनु ने अपना पायजामा खोलकर नीचे गिरा दिया। लण्ड पूरा तना हुआ था और चम्पा की बुर पर खटखटाने लगा। चूमना और सहलाना छोड़कर दोनों हाथों से चम्पा के दोनों उभरे हुये चूतरों को जकड़कर लण्ड को बुर में जोर से दबाया। फिर उसी पोज में उसे बेतहासा चूमने लगा। 
चम्पा आँखें बंद करके चुपचाप खड़ी थी, शायद उसे शरम आ रही थी। कुछ देर के बाद चम्पा दीवाल से सटकर नीचे फिसलने लगी और अपने को फर्श पर सीधा लिटा लिया। 
मनु उसके ऊपर छा गया। मनु चम्पा को बेतहाशा चूम रहा था, होंठों को, गालों को काट रहा था और चूचियों को मसल रहा था। 
चम्पा ने महसूस किया की मनु का लण्ड पूरा तन गया है। चम्पा ने सोचा की अगर जल्दी नहीं चुदवाएगी तो उस दिन जैसा मनु का लण्ड फिर पानी छोड़ देगा। यह सोचकर चम्पा ने हाथ बढ़ाकर लण्ड को पकड़ा और बुर के मुहाने पर रखा और नीचे से गाण्ड को उछाला। पूरा लण्ड बुर के अंदर चला गया। उसकी बुर भी चुदवाने को बेताब थी और मनु का लण्ड चोदने को। मनु चम्पा को जोर-जोर से चोदने लगा। 
लेकिन जमीन पर घुटनों में चोट लग रही थी। वह जोर-जोर से धक्का नहीं मार पा रहा था। 
चम्पा को भी चूतड़ उछलने से चोट लग रही थी।- “चलो बेटे, बेड पर चुदाई करेंगे…”
दोनों अलग हो गये। तुरंत चम्पा बेड पर सीधा हो गयी। लेकिन मनु ने लण्ड अंदर नहीं घुसाया। उसने चम्पा की टांगों को पूरा फैला दिया और पूरी बुर को मुँह में भरकर चूसने लगा। बुर को चूसते-चूसते क्लिट को काट लेता था और चम्पा उछल पड़ती थी। अभी तक चम्पा ने 8 लण्ड का मजा लिया था लेकिन कभी किसी मर्द ने उसकी बुर को चूमा या चाटा नहीं था। सिर्फ़ उसकी एक नौकरानी और माँ ने कभी-कभी बुर को चूमा चाटा था लेकिन ऐसा मजा कभी नहीं आया था। 
मनु पूरी जीभ बुर में डालकर बुर का स्वाद ले रहा था और दो उंगली गाण्ड में घुसाकर मजा ले रहा था। पिछली रात बहन ने चूत को चटवाकर मजा लेना सिखाया था और मनु माँ की बुर को चूस-चूसकर मजा ले रहा था। उंगली करते करते गाण्ड बिल्कुल गीली हो गयी थी और मनु को लगा की गाण्ड में लण्ड भी घुस जाएगा लेकिन पहले वो बुर का पूरा मजा लेना चाहता था। उसने एक बार फिर पूरी बुर को चूसा और आगे बढ़कर माँ के होंठों को चूमने लगा और एक हाथ से लण्ड को बुर में डालकर चोदने लगा। जोर-जोर से धक्का मारने लगा। हर धक्के के साथ चम्पा की आह्ह निकल जाती थी। 
चम्पा- “कैसा लग है बेटे, माँ को चोदने में…”
मनु- “आह्ह माँ बहुत अच्छा लग रहा है। रोज चुदवाओगी?” 
चम्पा- “मैं हमेशा लण्ड लेने को तैयार हूँ। बहुत साल पहले एक साथ 5-5 आदमियों से चुदवाई थी उस दिन भी इतना मजा नहीं आया था। धीरे-धीरे चोदो…”
मनु चुदाई करता रहा। कभी रुक कर चूची को मसलने लगता था। 
चम्पा चीख उठती थी- “मादरचोद, रुकता क्यों है? गाण्ड में दम नहीं है तो चोदना शुरू क्यों किया?” 
और मनु जोर-जोर से धक्का मरने लगा और पूछता- “विनोद का लण्ड खाओगी?”
चम्पा- “हाँ… बेटा, विनोद से चुदवाऊँगी…”
मनु- “सेठ का लण्ड बुर में लोगी?”
चम्पा- “हाँ… सेठ से भी चुदवाऊँगी…”
मनु- “सेठानी के सामने सेठ का लण्ड चूसोगी?”
चम्पा- “हाँ… चूसूँगी…”
मनु- “अपनी बेटी के सामने मेरा लण्ड बुर और गाण्ड में लोगी?”
चम्पा- “हाँ… लूँगी…”
मनु- “मेरे और दोस्तों से भी चुदवाओगी?”
चम्पा- “हाँ… सबसे चुदवाऊँगी…”
मनु- “साली, रंडी बनोगी?”
चम्पा- “हाँ… मैं रंडी हूँ… हाँ…”
दोनों गंदी-गंदी बातें करते-करते चुदाई कर रहे थे। दोनों ने एक दूसरे को कसकर जकड़ लिया और मनु ने माँ की बुर में पानी छोड़ दिया। चम्पा उसे चूमने लगी और तब तक चूमती रही जब तक दोनों बिल्कुल ठंडे ना हो गये। मनु बेड से उतरकर खड़ा हो गया और घूर-घूर कर प्यार से चम्पा के बदन को देखने लगा।
मनु- “आखिर क्या है चम्पा में की सभी मर्द उसकी जवानी से खेलना चाहते हैं…” मनु ने अबतक चम्पा के अलावा अपनी बहन ममता और रेखा को ही ध्यान से देखा था। 
कल सेठानी को जोश में आकर चोद लिया लेकिन आज जो मजा माँ को चोदने में आया वैसा कल नहीं आया था। सेठानी थोड़ी मोटी थी और कोई सुंदर भी नहीं थी। 
लेकिन चम्पा का एक-एक अंग छील-छील कर बनाया गया था, करीब 5’5” लंबी, घने काले और लंबे बाल, आलमोस्ट गोल चेहरा, बहुत गोरा नहीं लेकिन बहुत आकर्षक रंग, बड़ी और चमकीली आँखें, गालों में बड़े-बड़े गड्ढे, आकर्षक होंठ, ऊपरी होंठ पतले जब की निचले होंठ मोटे और कूबसूरत कताव, जब वो हँसती थी तो उसके सफेद चमकदार दाँत दिखाई देते थे। उसकी आँखों और चेहरे पर हमेशा मुशकुराहट रहती थी। मनु की नजर उसकी लंबी गर्दन और चौड़े कंधों के नीचे फिसली, उसकी बांहें मोटी नहीं लेकिन मांसल थीं बिना मोटापा के, कुहनी तक शंकु के आकार में। उसकी चूचियां पूरी गोल, कसी और रसीली थीं, जिसका मज़ा वो ले चुका था। अब निपल्स सामान्य आकार में थे, आधा इंच लंबे और मोटे। 
मनु अपनी कुँवारी बहन, सेठानी और अपनी प्रेमिका रेखा कि चूचियां मसल चुका था। हालांकी ममता और रेखा की चूचियां कसी थीं, जब की चम्पा की चूची स्पंजी थी। ये अपने भार के कारण थोड़ा लटक गईं थीं। 
चम्पा मुश्कुराई और मनु से पूछा- “अब तो चोद लिया, फिर क्या देख रहा है?” उसने अँगड़ाई ली- “फिर चोदना है तो चढ़ जाओ। मेरी बुर तैयार है…”
मनु- “मैं देख रहा हूँ की आखिर तुममें क्या है की सभी तुम्हें चोदना चाहते हैं…”
चम्पा ने बेटे का लण्ड हाथ में लिया और मसलने लगी- “बहुत मस्त लण्ड है। बाप के लण्ड से करीब दो इंच लंबा और मोटा भी, सुपाड़ा भी बहुत मस्त है। लेकिन तेरे बाप का सुपाड़ा इससे भी बड़ा है। जब उसने पहली बार मेरी बुर में सुपाड़ा पेला था तो लगा की मैं मर जाऊँगी जबकि मेरी चूत को उससे पहले 5-5 लोगों ने चोद डाला था…” वो मनु के सुपाड़े को चुभलाने लगी। 
मनु ने कई बार माँ की पहली चुदाई और उन 5 लण्डों के बारे में पूछा लेकिन वो बस सुपाड़ा चूसती रही। मनु शहर की सबसे आकर्षक और मशहूर महिला को चोदकर बहुत खुश था, सौभाग्य से वो उसकी माँ थी। उसने चम्पा की पहली चुदाई का आनंद लिया। उसको पिछली शाम सेठानी (रेखा की मां) की चुदाई से भी ज्यादा आनंद आया। 
अब मनु रेखा की चूत में अपना लण्ड पेलना चाहता था। 
मनु से छूटने के बाद चम्पा ने खाना पकाने से पहले कुछ समय के लिए विश्राम किया। लंच के बाद उसने फिर से खुद को अपने बेटे को पेश किया और इस बार बेटे के पूरे शरीर पर अपने फूले स्तन को रगड़ा- “बेटा, तुमने मेरे चरित्र को खराब कर दिया है। शादी के बाद मैंने सोचा था, मैं किसी और को मुझे चोदने की अनुमति नहीं दूँगी, लेकिन तुमने मेरे चरित्र को खराब कर दिया। तुमने मुझे इतनी मस्ती दे दिया है की मेरी बुर अब अधिक से अधिक लण्ड चाहती है। बोलो अब किससे पहले चुदवाना है। उस मादरचोद विनोद से या तेरी रानी रेखा के बाप से…” 
उसने मनु के खड़े लण्ड को सहलाया और कहा- “तुम केवल देखो कि मैं कैसे तुम्हारे सेठजी और गांव के अन्य अमीर लोगों से कैसे लूटने जा रही हूँ…” उसने लण्ड को निगला और चूसा। कुछ समय बाद उसने मनु से जोर से चोदने के लिए कहा। मनु ने चम्पा को चोदकर संतुष्ट कर दिया और उसके बाद दोनों सो गये। 
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07-04-2018, 12:45 PM,
#7
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
लेकिन मनु लंबे समय के लिए सो नहीं सका। उसके अचेतन मन ने उसे जगा दिया। उसे याद आ गया की रेखा (सेठजी की बेटी) ने 3:00 बजे दोपहर में उसे बुलाया है। उसने समय देखा, लगभग 2:30 बज रहे थे। 
नग्न सो रही युवती को देखा, उसने उसे उठाया- “माँ… मैं सेठजी के घर जा रहा हूँ। रेखा ने मुझे बुलाया था…”
चम्पा- “ओके, आज जरूर चोदना उसे…” और कहा की वापस आते हमय सेठ से ₹ 50000 ले लेना और पूछना की वह मेरी चुदाई कब करना चाहता है…” वह उठी और मनु के पीछे दरवाजा बंद किया। 
मनु आधे घंटे में अपने गंतव्य पर पहुंच गया। गार्ड उसे जानता था इसलिये उसे अंदर आने दिया। उसे ना तो सेठानी दिखाई दी और ना ही कोई नौकर। वह सीधे रेखा के कमरे में चला गया। 
रेखा मनु को अंदर देखकर वह उठी और मुश्कुराई- “तुम समय पर हो…” उसने टिप्पणी की।
मनु- “मैं देर कैसे कर सकता हूँ प्रिये। मैं पूरी रात सो नहीं सका…” मनु ने झूठ बोला। 
पिछली शाम को रेखा के स्तन मसलने के बाद से, वह दो महिलाओं को पहले ही चोद चुका था, उसकी माँ के साथ ही अपनी माँ को भी। उसने रेखा को दोनों बाहों में लिया और उसे चूमा। वह भी इस पल का इंतजार कर रही थी। उसने जोश में जवाब दिया। जल्द ही उसकी फ्राक उसके शरीर से अलग थी, अब वह केवल ब्रा और पैंटी में थी। 
मनु ने रेखा से पूछा- “तुमने पहले ब्रा कभी नहीं पहनी थी…”
रेखा- “तुम्हें कैसे पता है? तुमने तो बिना फ्राक मुझे पहले कभी नहीं देखा…”
मनु- “मुझे पता है…” मनु बोला- “ओह, प्रिये तुम सुंदर हो। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ…” यह कहते हुवे मनु ने उसके स्तनों को सहलाया और चूमा। हालांकि मनु ने पहले से ही कुछ महिलाओं और उसकी बहन को चखा था, उसको रेखा वास्तव में पसंद आई। वह उसके शरीर को सहलाने के साथ ही चूम रहा था।
“हमारे पास समय बहुत कम है…” रेखा फुसफुसाई। उसने ब्रा को खोलकर उसके स्तनों को मुक्त कर दिया और मनु के मुँह में एक निपल पेल दिया- “बेटा मुझे चूसो, तुमको बहुत भूख लगी है…” 
मनु न सिर हिलाया और एक के बाद एक दोनों स्तनों को चूसा और रेखा को बिस्तर पर धक्का दे दिया। मनु ने रेखा के पैरों से चड्डी को नीचे खींच लिया और उसको नंगा कर दिया। वह खड़ा होकर उसके सौंदर्य को देखता रहा। वह केवल 18 साल की थी और पतले शरीर की थी। न तो वह अपनी बहन ममता की तरह नाजुक और प्यारी थी और न ही चम्पा की तरह सेक्सी और आकर्षक। फिर भी वह सुंदर थी। मनु को बुरा लगा की वह उससे शादी नहीं कर सकता था।
रेखा- “मनु… जैसा मैंने पिछली शाम को तुमसे कहा था, मैंने तुमको सबकुछ दिया है। तुम्हें और अधिक देखना है या मैं कपड़े पहन लूँ?”
मनु नीचे झुका और योनी को सहलाया- “रेखा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। मैं शादी करना चाहता था, हालांकि की मैं जानता हूँ की यह संभव नहीं है…” उसने योनी के होठों को चूमा और झाँटों को सहलाया। वह योनी को सहलाता और क्लिट को मसलता रहा। 
उसकी मां चम्पा ने चोदते समय उसे सिखाया था की सिर्फ सहलाने और क्लिट मसलने से एक मृत महिला को भी कैसे उत्तेजित किया जा सकता है। 
जैसे ही मनु ने क्लिट दबाया, रेखा उछल गई- “आह…” 
मनु ने उसके क्लिट को दांत से पकड़ा लिया और धीरे-धीरे उसे चबाने लगा। रेखा उत्तेजित हो गई। मनु क्लिट के साथ ही योनी के होंठों को चबा गया था और आनंद ले रहा था। उसने तो चम्पा के क्लिट और योनी को भी चखा था लेकिन उसकी स्वाद और गंध बेहतर थी। वह अपनी बहन की चूत का स्वाद भूल गया जो उसने कल रात को खाया था। अब उसने रेखा को उंगली की।
“ओह मनु, इसे मत करो… मैं कुंवारी रहना चाहती हूँ, मेरी शादी सिर्फ कुछ ही दिन दूर है। आह्ह… मनु, बहुत मजा मत करो, मैं मर जाऊँगी। ओह्ह… मुझे मेरी अपनी आँखों में मत गिराओ… जो आपने किया है उससे मेरी चूत जल रही है, मेरी चूची कस रही है। उसने अपनी चूची को मसला। आह्ह… नहीं, एक उंगली और पुश करो दोनों एक साथ। हाँ हाँ, तेजी से, तेजी से और जोर से, तुम क्या कर रहे हो? आह्ह… मेरी गाण्ड खोद रहे हो, चाटो, मेरी गाण्ड चाटो। आह तेजी से गाण्ड में दो उंगली से चोदो। मैं चुदना चाहती हूँ, लेकिन मैं कुंवारी रहना चाहती हूँ। आप चाहेंगे कि कुछ दिन बाद मेरे पति मेरी ‘सील’ (कौमार्य) टूटी हुई देखकर मुझे गाली दें… और साथ ही मेरे परिवार को भी… मुझे चोदो। आह्ह…” 
मनु ने उसके शरीर से मुँह और उंगली हटा लिया और अचानक अपनी प्रेमिका की गाण्ड के अंदर अपने लण्ड को पेल दिया। 
“ओह राजा… मेरी गाण्ड में दर्द हो रही है…”
लेकिन मनु ने धीरे-धीरे उसकी गाण्ड के छेद को चिकना बनाया और फिर उसकी गाण्ड में पेल दिया। वह उसे अपने सीने की ओर करके उसके पैरों को धक्का देकर आगे से उसे गाण्ड में चोदा था। उसने रेखा को चूमा और उसके कसे स्तन को निचोड़ा। बोला- “रानी, मैं तुम्हारे पास चुदाई करने के लिए आया था, लेकिन टूटी सील देखकर तुम्हारा पति तुम पर क्रोधित हो सकता है, इसलिए मैंने अपने लण्ड को तम्हारी कसी गाण्ड का स्वाद देने के बारे में सोचा…”
तब मनु उसकी गाण्ड चोदता रहा। लगा वो उसके लण्ड से खुल जाएगी। उसे चम्पा और सेटानी की चुदाई किया था जो कभी दर्द महसूस कर रही थी। रेखा कि गाण्ड का छेद बहुत तंग था। रेखा के पूरे शरीर में अकड़न हो गयी।
रेखा “मनु प्लीज लण्ड बाहर निकालो, बहुत दर्द कर रहा है। मेरी छोटी सी गाण्ड फट गयी। लगता है खून भी निकलेगा आह्ह… मनु जिद मत करो इससे अच्छा है की लण्ड निकालकर मेरी चूत ही फाड़ डालो, मर जाऊँगी… आ कोई मजा नहीं… आह… मनु धीरे-धीरे पेलो। थोड़ा और धीरे… आह्ह अब ठीक लग रहा है…” 
कुछ समय के बाद रेखा ने भी आराम किया और अपने जीवन की पहली चुदाई का मज़ा लिया। उसकी गाण्ड का कौमार्य टूटा चुका था और असली कौमार्य बचा हुअ था। उन लोगों ने चुदाई किी। जब मनु चरमोत्कर्ष के कगार पर आया तो उसने रेखा के मुँह में झड़ने का अनुरोध किया। वो शुरू में विरोध की लेकिन बहुत मनाने के बाद मान गई। मनु ने गाण्ड से लण्ड बाहर निकाला और सीधे उसके मुँह में पेल दिया। उसको निश्चित रूप से गंध पसंद नहीं आई और उसने मुँह बनाया लिकिन सब पी गयी, कुछ वीर्य उसके होठों से बाहर बहने लगा। 
उसने उंगलियों से उसे साफ किया। लण्ड सिकुड़ने के बाद उसने बाहर खींच लिया। मनु ने चूत को सहलाया और कहा- वह हमेशा से इस सुंदर माल को चाहता था और अब कोई और इसका मज़ा लेगा।
रेखा ने उसे चूमा और कहा- पति के अलावा केवल मनु का लण्ड ही इस चूत के अदर जायेगा। 
शादी के बाद जब भी वो यहाँ आयेगी तो वो चुदाई के लिए मनु के घर आयेगी। मनु उसकी चूत से खेलता रहा और उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया। रेखा फिर से सीधा लेट गई और मनु को उसके पैरों के बीच बैठने के लिए कहा। उसने मनु से उसके ऊपर लेटने को कहा और उसने लण्ड को अपनी योनी की दरार पर रगड़ा। मनु अपना लण्ड पकड़ना चाहता था लेकिन रेखा ने उसे रोक दिया और उसने खुद लण्ड को अपनी क्लिट और योनी के छेद पर रगड़ा। रगड़ने से चूत की फांकें चौड़ी होने के साथ चूत गीली हो गयी। मनु ने महसूस किया कि उसका लण्ड योनी की फांकों के बीच फँस गया है तो उसने दबा दिया। 
रेखा ने चेतावनी दी- “तुम दबाओ मत दो, मुझे करने दो…” 
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07-04-2018, 12:46 PM,
#8
RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
उसने लण्ड चलाने की गति बढ़ाई और थोड़ा लण्ड योनी में घुस गया । रेखा बंद आँखों से मज़ा ले रही था लेकिन 

उसका हाथ बड़ी सफाई से कर रहा था । मनु अपने लण्ड पर रेखा की चूत की कोमलता और गीलापन महसूस कर सकता था । 

उसने उसके गालों और होठों को चूमा और अपने चूतड़ों को धक्का दिया जिससे आधा लण्ड चूत के अंदर सरक गया । 

मनु ने रुकावट महसूस की, रेखा ने भी दर्द महसूस किया और वो तुरंत लण्ड को थोड़ा ऊपर खींची ।

लेकिन मनु नियंत्रण नहीं रख सका और चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ दिया । 

दोनों ने आराम महसूस किया । उसने उसके टांगों को उसकी कमर पे लपेट लिया, 

उसे सहलाया और मज़ा देने के लिए धन्यवाद दिया । 

“तुमने तो मुझे लगभग चोद ही दिया है…” यह कहकर रेखा ने मनु को नीचे धकेल दिया । दोनों ने कपड़े पहने 

और रेखा ने मनु को आश्वासन दिया की ससुराल से वापस आने पर वो उसका पूरा लण्ड अपनी चूत के अंदर लेगी ।

कुछ समय के बाद सेठानी कुछ अन्य महिलाओं के साथ लौट आई । उसने नशीली आँखों से मनु को देखा लेकिन 

मनु के लण्ड को उसकी बुर में लेने का कोई मौका नहीं था । 

उसने मनु को आँख मारी और उसने सिर हिलाया जैसे कह रहा हो कि उसने उसकी बेटी को नहीं चोदा है । 

उसने उसे आते रहने और जितना हो सके काम में उनकी मदद करने के लिए कहा । 

जो हुआ उससे रेखा खुश थी । 

अगर मनु उसकी चूत के अंदर लण्ड पुरा पेल भी देता, तो निश्चित रूप से वो उसे मना नहीं करती । 

उसने उसके कौमार्य को बरकरार रखते हुए लण्ड का मजा देने के लिये मनु को धन्यवाद दिया ।

मनु बहुत बहुत खुश था । उसने विनोद के प्रति आभार भी व्यक्त किये की चम्पा (अपनी मां) के बारे में उसकी 

अश्लील बातोंनेही उसे महिलाओं के साथ चुदाई करने के लिये प्रेरित किया था और पिछले कुछ दिनों में वह दो 

कुंवारी और दो परिपक्व महिलाओं के साथ चुदाई का मजा ले चुका था । 

मनु सोच रहा था की उसकी खुद की आंखों के सामने में विनोद द्वारा चोदे जाने के लिए चम्पा को समझाना पडेगा ।

तभी उसे याद आ गया कि चम्पा ने सेठजी से पैसे लेके आने के लिए उससे कहा था । उसने सेठजी के कार्यालय में 

प्रवेश किया और अपने पिता वहाँ बैठे देखा । उनके पिता से पूछताछ की कि वह वहां क्या कर रहा है ।

मनु ने उनको बताया कि सेठानीने सेठजी के लिए कुछ संदेश भिजवाया था । 

उसने सेठजी की केबिन में प्रवेश किया और सेठजी की तरफ देखकर मुस्कुराया । 

सेठजीने उसे बैठने के लिये कहा ।

मनु :- “सेठजी, चम्पा आपसे चुदवाने को तैयार हो गयी है । 

उसने रुपये लाने को कहा है । पूरा 50000/- जो आपने कहा था…”

सेठ के चेहरा ख़ुशी से चमक उठा । उन्होंने मनु का हाथ पकड़ा और पूछा, “चंपा ने ऐसा कहा?"

“हाँ, सेठजी.... लेकिन आप उसे चोदेंगे कहाँ पर ? आपके घर में…? सेठानी तैयार नहीं होगी… !” 

“अरे नहीं, यही पीछे वाले कमरे में ।" 

उस कमरे को दो दरवाजे है । एक दरवाजा इस कार्यालय से और एक दरवाजा पीछे से है । 

मैं और मेरे दोस्त इस कमरे का उपयोग आराम करने के लिए करते है । 

एक चाबी तुम अपने पास रख लो और चंपा को पीछले दरवाजे से अंदर ले आना । 

सेठजीने उनके मुनीमको (चम्पा के पति) आवाज देकर बुलाया और उसे कुछ निर्देश दिये । 

मनु के पिता ने तिजोरी से पैसे निकाल लिए और एक बैग में डालके सेठ को दिये । 

मुनीम के कमरे से बाहर जाने के बाद सेठजीने वो बैग मनु के हाथ में थमा दिया और कहा, 

“कल शाम को चंपा को साथ लेकर आना.... मैं वो पीछे वाला कमरा तैयार रक्खुंगा और 

किसीको इस बात का पता भी नही चलने दुंगा…!”

“मेरे बाप को इस बारेमे भनक भी नही पडनी चाहीए.... इस बात का भी 

आपको खयाल रखना पडेगा…”, मनु ने कहा ।

एक नौकर शरबत के दो गिलास ले आया । अपने बेटे के साथ सेठ इतनी अच्छी तरह पेश आ रहा 

है यह देखकर मुनीम को आश्चर्य हुआ ।

वो बेचारा तो इस बात से अनजान था कि कल पीछे के कमरे में उसकी नाक के नीचे उसकी 

अपनी बीवी सेठ के लण्ड अपने मुँह में और चूत में लेने वाली है ।

शरबत पिते पिते मनु ने अचानक पूछा, “सेठजी, आपकी बेटी रेखा बहोत प्यारी है, 

जब वो ससुराल चली जाएगी …आप बहोत अकेला महसूस करेंगे ।"

“हाँ मनु, मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ..... इकलौती बेटी है वो मेरी ! 

मुझे पता है... वह भी तुम्हे बहुत ज्यादा पसंद करती है । है ना?"

“हाँ… सेठजी, शादी के बाद वो कही दूर चली जाएगी ये सोच के ही मुझे बहुत दु:ख होता है । 

उसने मेरी जिंदगी खुशियोंसे भर दी थी…..!”

सेठजी को कहां पता था यह जवान लड़का पहले ही उसकी मोटी बिवी और बेटी को चोद चुका है ।

मनु:- “सेठजी, आप चम्पा के पीछे क्यों पडे हैं ? क्या सेठानी आपको अच्छी नही लगती? 

मुझे तो वो बहुत प्यारी लगती है."

सेठजी:- “तू बच्चा है, तुझे नहीं मालूम, साली (सेठानी) बिल्कुल थूल थूल हो गयी है । 

उसमें कुछ मजा नहीं है कही भी हाथ लगाओ तो लगता है की माँस के लोथडे (मीट लोफ) को दबा रहा हूँ । 

लेकिन चम्पा को देखते ही पूरे बदन में खुन दौड़ने लगता है... बहुत मजा आएगा साली को दबाने में…”

सेठ पुरा गरमा गया था । मनु ने फिर पूछा, “सेठानी के अलावा और किस किस को चोदा है अब तक ?”

“अरे बेटे, जवानी के दिनों में तो बहुतो को चोदा है, जो औरत घर में आती थी सबको

बहला फुसलाकर या पैसा देकर चोद लेता था…”

“तो फिर चम्पा को क्यों नहीं चोदा । वो भी तो आपके घर में आती जाती थी । 

आज 30 साल की उम्रमें ऐसी मस्त लगती है तो पहले कैसी लगती होगी…?”

“पुछ मत बेटा, उसको देख-देखकर मैंने जितना पानी गिराया है उतना मैंने सेठानी को चोदकर भी नहीं गिराया होगा । 

लेकिन साली चम्पा ने कभी मौका ही नहीं दिया..... अभी तक मैं उसका हाथ

नहीं पकड़ पाया...... लेकिन कल चोदूँगा साली को... 

लण्ड चूसा चूसा कर चोदूँगा…”, सेठ वासना के नशे में बडबडाता रहा,

“ बढती उम्र के साथ साथ तुम्हारी मां की जवानी भी खिलती जा रही है… 

वो पहले कभी इतनी चुदासी नही दिखी..…जितनी अब दिखती है.”

सेठ बिल्कुल जवान लौन्डो की तरह मस्ता गया था ।

50 साल से ऊपर था और …… साल के लड़के के साथ चुदाई की बात कर रहा था । 

मनु सेठ की बहुओं के बारे में भी गंदी बाते करना चाह रहा था….इसलिए उसने पूछा,

“ सेठजी, अगर आपको मेरी बहन ममता, रेखा और आपकी दोनों बहुओं में से सिर्फ किसी एक

को चोदनेका मौका दिया जाए , तो आप किसको चोदना चाहेंगे ?” 

सेठ गहरी सोंच में डूब गया । मनु को लगा की कहीं यह सुनकर शायद सेठ उसपर घुस्सा न हो जाये ।

लेकिन सेठ तो मन ही मन चारों लडकियोंकी तुलना करनेमें मशगुल था । 

थोड़ी देर सोचने के बाद उसने कहा, “ युं तो तुम्हारी बहन उम्र में सबसे छोटी होने की वजह से 

चुदाई का बहूत मजा देगी, लेकिन फिर भी मै अपनी छोटी बहु को, लीला को, चोदना पसंद करूँगा …. 

वो गजब की सुन्दर और चुस्त शरीर की मालकिन है….इसलिए चंपा के अलावा अगर मै किसी और के 

चूत में अपना लंड डालने के लिए बेक़रार हूँ तो वोह है मेरी छोटी बहु….लीला !”

मनु:- “लेकिन मैं तो आपकी बेटी रेखा को चोदना चाहता हूँ….साली बहुत मस्त-मस्त माल है… 

क्या आपने कभी अपनी छोटी बहु को नंगा देखा है ? 

सेठने इधर उधर देखा और कहा- “देखा तो नहीं है लेकिन देखना चाहता हूँ …” 

सेठने मनु की पीठ थपथपाई और फिर से कहा, “मैंने लीला बहू को कपड़े बदलते हुए देखा है और चोरी 

चोरी कई बार कुतिया को खाली पेटीकोट और ब्रा में देखा है । क्या टाइट माल है । 

चम्पा को पटाने के बाद उसे ही बोलूँगा की वो मेरी छोटी बहू को मेरा लण्ड खाने के लिए तैयार करे…”
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