प्यारे बंधुओ एक नई कहानी शुरू कर रहा हूँ हो सकता कुछ ने नही पढ़ी हो कुछ ने पढ़ी हो पर हाँ आरएसएस पर ये कहानी नहीं है इसलिए बंधुओ आरएसएस पर इस कहानी को पोस्ट कर रहा हूँ धन्यवाद
निदा 16 साल की उमर में ही भरपूर शबाब का पैमाना बनकर अपने जिश्मानी हुश्न, खूबसूरत आँखों, लंबे क़द और सीधे बालों की वजह से देखने वाले हर लड़के को बिस्तर का माल ही नज़र आती थी। लेकिन जिंदगी की कुछ हकीकतें अक्सर देखने वालों की नज़रों से ओझल ही रहती हैं। ये कहानी निदा की जिंदगी के उन पहलुओं को उजागर करेगी जो उसके बहुत करीबी लोगों से भी हमेशा छुपे रहे।
16 साल से लेकर आज 23 साल की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते निदा ने जिंदगी में सेक्स, हवस, दरिंदगी और नाजायज़ रिश्तों समेत मर्द के बिस्तर की ज़ीनत बनने का हर वो मज़ा चख लिया है। जिसकी इंसान आसानी से कल्पना भी नहीं कर सकता।
निदा के पिता एक अदालत में स्टाम्प-नवीस थे। माँ बिल्कुल अनपढ़ थीं। 3 बहन भाई थे। उसकी बड़ी बहन सोबिया उमर में 3 साल बड़ी थी निदा से और भाई रेहान दो साल छोटा था। पाकिस्तान के खराब होते हालात की वजह से घर में उतना पैसा नहीं आ पाता था, जितनी ज़रूरत थी। निदा ने अभी मेट्रिक ही किया था कि घर में पैसों की ज्यादा तंगी हो गई, जिसकी वजह से उसकी बड़ी बहन सोबिया ने जॉब शुरू कर दी।
निदा के एस॰एस॰सी॰ में मार्क्स काफी अच्छे थे इसलिए सोबिया ने उसका एडमिशन शहर के अच्छे कॉलेज में करवा दिया और उसकी फीस देने का भी वादा कर लिया। छोटा भाई अभी गवर्नमेंट स्कूल में ही था कि इस स्टेज पर उसका स्कूल चेंज नहीं किया जा सकता था।
निदा के छोटे से घर में 4 कमरे थे, नीचे सामने एक कमरा गेस्टरूम के तौर पर इश्तेमाल होता था, पीछे एक बड़ा रूम सोबिया के पास था, जबकि ऊपर की मंजिल पर एक कमरे में निदा के माता-पिता और एक में निदा और उसका छोटा भाई होते थे। गली के कोने में घर होने की वजह से सोबिया के रूम के साथ एक छोटा सा बॅकयार्ड भी था। सोबिया के रूम का एक दरवाजा अंदर को और एक बॅकयार्ड को खुलता था, जबकि मकान के सामने से भी एक रास्ता बॅकयार्ड को जाता था।
निदा ने बहुत कोशिश की कि वो अपनी बहन के साथ रूम शेयर करे लेकिन बहन ने कभी उसे अपने रूम में घुसने नहीं दिया। जॉब के तीसरे महीने में ही सोबिया के पास अच्छा खासा पैसा आने लगा और उसने गैर महसूस तरीके से घर के खचों में अम्मी की काफी हेल्प शुरू कर दी और निदा को भी खामोशी से अच्छा खासा जेब खर्च देने लगी।
सोबिया इलाके की मोस्ट डिज़ायर्ड लड़की थी। लेकिन जवानी में कदम रखते ही निदा ने जो कद-काठी और रंग रूप निकाला था, उसने खानदान और इलाके के कई लड़कों की रातों की नींद हराम कर दी थी। जॉब ने बहुत जल्दी सोबिया की लाइफ बदल दी, घर में एक टीवी पहले से था, लेकिन सोबिया अपने रूम के लिये भी एक बड़ा टीवी लेकर आई, जिसके कलर काफी अच्छे थे। वो रेडीमेड ड्रेसेस इश्तेमाल करने लगी और अक्सर जब वो दिन के वक़्त जॉब पर होती तो निदा उसके रूम में जाकर उसकी अलमारी से चीज़ें निकाल-निकालकर पहनती रहती।
निदा की हाइट 5 फिट 7 इंच थी जबकि सोबिया की 5 फिट 4 इंच। इसलिए अक्सर उसके ड्रेसेस निदा पर फिट ना आते। अंडरगारमेंट्स की सुपर क्लास और ब्रांडेड कलेक्सन थी सोबिया के पास। उनमें अक्सर ब्रा बहुत ज्यादा रिवीलिंग थी और अंडरवेर भी ऐसे जिसे आम तौर पर लड़कियाँ इश्तेमाल नहीं करती थी, ये तो बाद में निदा को पता चला कि हाइ टांगें और थांग्ज क्या चीज़ होती हैं।
सोबिया की चुचियाँ और चूतड़ काफी बड़े हो चुके थे, इसलिए उसके अंडरगारमेंट्स भी निदा के जिश्म पर नहीं आते थे। डीवीडी प्लेयर में अक्सर ओन करके चेक करती थी कि उसमें कहीं कोई डीवीडी तो लगी नहीं रह गई, लेकिन वो हमेशा खाली ही मिलता। अलमारी में जो दराज थी उनको डबल लाक लगे हुए थे इसलिए सोबिया का रूम अच्छा लगने के बावजूद, निदा वहाँ से कुछ हाँसिल नहीं कर पाती थी।
गरीबी के माहौल में पलने बढ़ने की वजह से निदा काफी कांप्लेक्स का शिकार थी। खूबसूरत और मजबूत शरीर की नज़र आने वाली लड़की अंदर से काफी कमजोर थी। स्कूल चूंकी घर के बहुत करीब था, इसलिए मेट्रिक तक वो समझ ही ना पाई कि वो कितनी नज़रों से गुजरकर घर पहुँचती है। लेकिन कॉलेज घर से दूर होने की वजह से कुछ अरसा बाद ही उसको अंदाज़ा हुआ कि हर थोड़े फासले पर कोई ना कोई आशिक उसका स्वागत कर रहा होता।
निदा ने कई दफा सोबिया से इस बात का जिकर किया लेकिन सोबिया ने यही कहा कि इन चीज़ों से छुटकारा मुमकिन नहीं, बर्दाश्त करना पड़ेगा, बस तुम नज़रअंदाज किया करो और पतले कपड़े बिल्कुल ना पहनो जिनमें जिश्म और खासकर टांगें नज़र आयें।
निदा थी तो बला की हसीन लेकिन उसकी लंबी टांगें और कर्वी जिश्म कमाल का था जिसे देखकर लड़कों के तन बदन में आग तो लगनी ही थी। सोबिया की तरफ से जेबखर्च की सूरत में अच्छा खासा पैसा मिलने की वजह से निदा ने कॉलेज में दोस्ती करना शुरू कर दिया।
अच्छा कॉलेज था इसलिए उसमें कुछ लड़कियाँ ऐसी भी थीं जो बड़े घरानों से थीं, उनकी चाल-ढाल भी अलग थी और रंग-ढंग भी। निदा अहिस्ता-अहिस्ता उन लड़कियों में घुलने मिलने लगी। दोस्तों के ग्रुप के साथ उसकी सोच भी बदलने लगी और उसकी खूबसूरती में किसी हद तक गुरूर की झलक भी आने लगी। वो ये जान चुकी थी कि लड़के उसकी किन अदाओं के दीवाने हैं।
उसकी एक फ्रेंड अक्सर कहा करती थी-“लड़की की चाल से अगर लड़के की खाल में आग लगती है तो उस आग को सींचो, उससे खुद को ना जलाओ…”
निदा के दोस्तों के ग्रुप की बातचीत के विषय बदलने लगे थे, अब वो लड़कियाँ ज्यादातर सेक्स को डिस्कस करती थीं और किस लड़की का कौन सा प्लस पाइंट है और किसका किसके साथ चक्कर है, या कौन किससे मिलती है और पॉर्न में क्या कुछ होता है? यहाँ तक कि परिवार की बातें भी एक दूसरे से डिस्कस होने लगीं। सोचकर साथ-साथ निदा के लक्षण भी बदलने लगे और वो अपनी बहन की काफी महंगी चीज़ें नुमाइश के लिये संकलन और कॉलेज लेकर जाने लगी। अब निदा को अच्छा सा मोबाइल भी चाहिए था और सोबिया की मेहरबानी की वजह से उसके हाथ में एच॰टी॰के॰ का नया मोबाइल भी आ गया। निदा की सोच हफ्तों में महीनों का सफर तय करने लगी।
गर्मियों की एक सुबह थी, जब निदा कॉलेज पहुँची तो कँटीन के पास ही उसके दोस्त उसका इंतजार कर रहे थे, उन्होंने निदा पर दबाव डाला कि आज कोई क्लास नहीं लेनी और पाँचों ने निशी के घर जाना है। निदा भी राज़ी हो गई। रास्ते में उन्होंने कोल्ड-ड्रिंक्स, चिप्स और ढेर सारा फ्रूट खड़ीदा और निशी के घर पहुँच गये।
निशी ने जब बंगलो का गेट अपनी चाभी से खोला तो निदा ने फौरन पूछा-घर में कोई नहीं है क्या?
निशी बोली-कोई नहीं है इसीलिये तो हम लोग आए हैं।
निदा को कुछ अजीब लगा। लेकिन चूंकी दोस्तों के साथ थीं इसलिए वो भी बंगलो में घुस गई। सामने ही एक बड़ा रूम था जिसमें जबरदस्त कालीन बिछे थे, इतने नरम कि पूरा पाओं उनमें धँस जाये और लेदर के बड़े-बड़े सोफे जिन पर बैठा भी जा सकता था और लेटा भी।
रूम में एक बड़े स्क्रीन का टीवी था और खूबसूरत फानूस लटक रहे थे । निदा के दोस्त वहाँ काफी आराम से थीं जिससे अंदाज़ा हुआ कि वो यहाँ आती रहती हैं, क्योंकी सब लड़कियों को पता था कि टाय्लेट कहां है और घर के अंदर को कौन सा रास्ता जाता है।
इतने बड़े घर में पहुँचकर निदा को अंदाज़ा हुआ कि इतनी कोन्फीडेंट वो है नहीं, जितना वो कुछ अरसे में खुद को समझने लगी थी।
निशी घर के अंदर चली गई और बाकी 4 दोस्त रूम में रहीं। एक ने सबको कोल्ड-ड्रिंक सर्व की आइस डालकर, तो दूसरी बीच में खड़ी होकर हाथ में पकड़े केले का छिलका उतारकर कहने लगी-“लड़कियों कुछ सीखो, कुछ सीखो, ये देखो केला कैसे खाते हैं…” और उसके साथ ही केले को मुँह में लेकर चूसने लगी।
बाकी की दोस्त हँसने लगीं और निदा कंफ्यूज हो गई कि इसमें हँसने वाली ऐसी कौन सी बात है?
कुछ देर में निशी अपने कुछ ड्रेसेस लेकर आई और दोस्तों को दिखाने लगी। टीवी ओन था लेकिन दोस्त आपस में गपशप है लगाती रहीं। इतनी देर में निशी का फोन बजा और वो काल रिसीव किये बगैर बँगलो के मेन गेट की तरफ दौड़ पड़ी। कुछ ही लम्हों के बाद निशी के साथ दो लड़के भी रूम में दाखिल हो गये।
निदा को काफी गुस्सा आया कि ये लड़के इस तरह मुँह उठाए रूम में कैसे घुस आए?
उन लड़कों के हाथ में एक छोटा सा ब्लैक बैग और साथ में कुछ बोतलें थीं। निशी ने वो बैग और बोतलें लेकर निदा की दूसरी फ्रेंड को दे दीं और खुद अंदर चली गई। निदा की फ्रेंड ने उन लड़कों का परिचय कराते हुए कहा-“इनमें जो पहला वाला है वो निशी का कजिन है और जो साथ में है वो उसका फ्रेंड।
निदा को थोड़ा-थोड़ा खौफ आने लगा, जो उसकी एक फ्रेंड ने फौरन भाँप लिया और निदा से बोली-“यार डरो मत, हमारा कोई काम नहीं है इनसे…”
उन लड़कों ने सबसे गपशप की कोशिश की लेकिन निदा बिल्कुल खामोश रही और अपनी बहन सोबिया को फौरन खामोशी से टेक्स्ट मेसेज कर दिया कि वो अपनी फ्रेंड निशा के घर में है और साथ ही वहाँ का अड्रेस और हाउस नंबर भी भेज दिया। निदा को डर था कि अगर कुछ हो जाये तो कम-आज-कम उसकी बहन को पता हो कि वो कहाँ है?
अगले ही लम्हे निदा को सोबिया की काल आ गई और निदा ने सबके सामने बताना शुरू कर दिया कि वो निशा के घर पर है और उसके साथ कौन-कौन सी दूसरी दोस्त हैं।
सोबिया ने उससे कहा-“ओके, कोई प्राब्लम हो तो फौरन मुझे काल कर देना…”
निदा का ऐसा अनएक्सपेक्टेड रियेक्शन देखकर वो लड़के थोड़ा परेशान हो गये और उनको अंदाज़ा हो गया कि उनकी मौजूदगी की वजह से निदा परेशान हो गई है। जिस पर उनमें से निशी के कजिन ने अपने फ्रेंड से धीरे से कुछ कहा, जिस पर वो लड़का गुडबाइ कहकर बंगलो से बाहर चला गया और निशी का कजिन रूम के इन्टरनल दरवाजे से बँगलो के अंदर।
निदा की फ्रेंड ने जल्दी से जाकर बँगलो को अंदर से लाक कर दिया और रूम में वापिस आ के शापर में से वाइन की 4 बोतलें निकाली और ब्लैक बैग में से डीवीडी।
निदा ने पूछा-ये क्या है?
तो उसकी फ्रेंड बोली-“बोतलों में नशा है और डीवीडी में सेक्स। और घर के अंदर प्रेक्टिकल सेक्स…”
निदा ने पूछा-प्रेक्टिकल सेक्स का क्या मतलब?
तो फ्रेंड बोली-“कुछ देर रूको, निशी आकर खुद बता देगी…”
निदा समझ गई कि निशी बंगलो के अंदर अपने कजिन के साथ सेक्स कर रही है। निदा के होश उड़ने लगे, जबकि उसकी दोस्तों ने वाइन की एक बोतल खोलकर अपने लिये ड्रिंक बनाई और दूसरी ने डीवीडी प्लेयर में एक पॉर्न वीडियो लगा ली। वाइन की आफर तो निदा ने फौरन मना कर दिया और मोबाइल पे सोबिया का नंबर डाइयल पे लगाकर अपने हाथ में पकड़ लिया कि कोई ऐसी वैसी हरकत हुई तो वो फौरन डाइयल दबा देगी।
वीडियो के शुरू में कुछ लड़कियाँ अपना इंट्रोडक्शन करवा रही थीं, निदा की एक फ्रेंड ने फारवर्ड करने की कोशिश की तो दूसरी ने उसके हाथ से रिमोट लेकर दूर सोफा पर फेंक दिया। निदा की वीडियो पे ज्यादा नज़र नहीं थी और वो दरवाजे के पास जाकर बैठ गई।
इतने में उसे आवाज़ आई कि बाहर किसी ने बँगलो का मेन गेट खोला है और फिर उसने देखा के निशी का कजिन अपनी कार में बैठकर चला गया। और उसके पीछे निशी बँगलो का मेन गेट लाक करके दौड़ती हुई सीधा रूम में आ गई।
निदा की सांसें बहाल होना शुरू हो गईं और उसने मोबाइल अपने पर्स में रख लिया।
निशी अंदर आई तो उसके चेहरे पर खुशी की इंनतहा थी, निशी बोली-“ओ गरम-गरम कूडियो, जिश्म में ठंड पड़ गई मेरे तो…”
निदा की दूसरी फ्रेंड ने पूछा-“ एक, हे एक दफा में इतनी ज्यादा ठंड?”
जिस पर निशी बोली-“ एक हो, लेकिन क्वालिटी का हो, मैं तो बगैर शराब के नशे में थी, अगर तू लेती तो इस वक़्त तेरी फुद्दी के होंठ भी खुशी से आपस में किसिंग कर रहे होते…
”
इस बात पर निदा के सिवा सबने जोर का कहकहा लगाया।
निशी ग्लास में वाइन लेकर निदा के पास बैठ गई ताकी उसे ईज़ी कर सके। पॉर्न मूवी में सेक्स शुरू हो चुका था और निदा ने पहली बार पॉर्न आक्टर का इतना बड़ा लंड देखा था। निदा को यकीन नहीं आ रहा था कि लड़कों का लंड इतना बड़ा होता है। मूवी में लड़की ने आते ही जब लड़के की पैंट की जिप खोलकर उसका लंड चूसना शुरू किया, तब निदा को पता चला कि उसकी सभी दोस्त केले चूसने पर इतना क्यों हँस रही थीं। निदा की नज़र पॉर्न मूवी पर थी क्योंकी ये सब उसके लिये बहुत नया और उत्तेजक था। मूवी में जब लड़के ने लड़की की चूत को चाटना शुरू किया तो सब लड़कियाँ भी अलर्ट हो गईं।
और निशी निदा की गोद में सर रखकर लेट गई और निदा से बोली-“ओ हमारे कॉलेज की सोनाली बेंद्रे, तुम अपना महूरत कब करवाओगी?”
निदा ने पूछा-“कैसा महूरत?
तो निशी बोली-“वोही महूरत जो अभी इस लड़की का होने वाला है…”
निदा ने वीडियो की तरफ देखा तो उसमें लड़का बेड पे सीधा लेटा हुआ था और लड़की उसके बॉडी पर टांगें क्रॉस करके और लड़के के फेस की तरफ कमर करके लंड पर बैठ रही थी। निदा ने सोचा कि अभी लड़की चीख मारेगी दर्द की वजह से, लेकिन वहाँ तो मंज़र ही और था।
इतना बड़ा लंड बहुत आराम से लड़की की चूत में चला गया और लड़की बगैर किसी तकलीफ के लंड पर सवारी करने लगी।
निदा ने निशी से पूछा-क्या इतनी आसानी से अंदर चला जाता है?
जिस पर निशा बोली-“सिर्फ़ अंदर नहीं जाता बल्की इसको नशे और शुरूर की किसी नई दुनियाँ में भी ले जाता है, मैं अभी उसी दुनियाँ का चक्कर लगाकर आई हूँ…” निशा ये कहकर बंगलो के अंदर चली गई और निदा सोफा से उतरकर नीचे कालीन पर दूसरी दोस्तों के साथ बैठ गई।
निदा की सभी दोस्त तो थोड़ा-थोड़ा करके शराब पी रही थी लेकिन उनमें कोई भी उस तरह नशे में नहीं हो रही थी, जिस तरह कि निदा ने फिल्मों में देखा था। निदा की दूसरी फ्रेंड उसके साथ बैठ गई और निदा से पूछा-“यार, सेक्स नहीं किया अभी तक तो किस का रोजा तो तोड़ दो…”
निदा ने पूछा-“वो कैसे टूटता है?”
तो वो फ्रेंड अचानक निदा के पाओं के ऊपर चढ़कर बैठ गई और निदा के होंठ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। निदा ने ये सब बर्दास्त करते हुए कुछ देर बाद उसे खुद से हटाया तो फ्रेंड बोली-“चलो किस का रोजा तो टूट गया…”
निदा को फ्रेंड का किस करना कुछ ज्यादा बुरा नहीं लगा क्योंकी पॉर्न देखने की वजह से उसकी इन्टरनल फीलिंग्स में कुछ तब्दीली आ रही थी। इस दौरान निशी दोबारा रूम में आई और उसने झट से मूवी आफ करके डीवीडी निकाली और अपने साथ जो डीवीडी लाई थी वो लगा ली और रिमोट से उसे फास्ट फारवर्ड करने लगी। थोड़ा सा फारवर्ड करने के बाद उसने मूवी प्ले कर दी। अब मूवी में एक लड़की सोलो प्ले कर रही थी और धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार रही थी डांस के साथ। कुछ देर बाद लड़की ने सारा कुछ उतारकर अपने टांगें खोलकर चूत में उंगली देना शुरू कर दी।
निशी भी निदा के कंधे पे हाथ डालके उसके साथ बैठकर मूवी देखने लगी, जबकि साथ बैठी फ्रेंड ने अपनी शलवार थोड़ी सी उतारकर अपनी चूत पे हाथ फेरना शुरू कर दिया। निदा मूवी में खोई हुई थी कि इस दौरान मूवी में अचानक एक और लड़की एंटर होती है बिल्कुल नंगी और उसके हाथ में नकली सेक्स के खिलोने होते हैं। वो लड़की फौरन आकर दूसरी लड़की के ऊपर चढ़ जाती है और उसके साथ किसिंग शुरू कर देती है।
जबकि उधर रूम में निशी ने निदा के कंधों को जोर से पकड़कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया था, निशी के मुँह से शराब की अजीब सी स्मेल आ रही थी लेकिन कुछ देर बाद वो स्मेल बुरी नहीं लगी। मूवी में जैसे ही एक लड़की दूसरी लड़की की चूत में अपनी उंगली देती है, तो इधर निशी ने निदा को कालीन पे लिटा दिया और उसके ऊपर बैठकर अपनी कमीज़ फौरन उतार दी। ब्रा तो निशी ने कजिन के साथ सेक्स के दौरान उतारने के बाद दोबारा पहनी ही नहीं थी।
निदा ने असली लाइफ में सोबिया के बाद पहली बार किसी और लड़की की चुचियाँ इस तरह अपने सामने देखी थी । निशी अपनी शर्ट उतारकर फिर निदा के ऊपर लेटकर उसे किसिंग करने लगी। निदा की जब साइड पे नज़र पड़ी तो उसकी बाकी की दो दोस्त भी आपस में किसिंग कर रही थीं, जिनमें एक की सिर्फ़ कमीज़ उतरी हुई थी और दूसरी की कमीज़ और शलवार दोनों गायब थी।
निदा को अंदाज़ा हो गया था कि उसकी सब दोस्त भी वोही करना चाहती हैं जो उस मूवी में हो रहा था। लेकिन मूवी में तो कुछ और ही चल रहा था, उसमें एक लड़की दूसरी लड़की की गान्ड के छेद में अनल-प्लग घुसाकर उसकी चूत में रब्बर का लंड (डिल्डो) डाल रही थी। निशी की चुचियाँ निदा की चुचियों से ज्यादा बड़ी थीं और बहुत मज़े से हिल रही थीं। जबकि निदा की चुचियों का साइज़ तो नेचुरली अच्छा था लेकिन वो कुछ सख्त थीं। निशी ने निदा से कहा कि वो सोफे पर चले उसके साथ, जहाँ जाते ही निशी ने निदा की चूत पे हाथ रखकर उसकी बेल्ट वाली शलवार का नाड़ा खोलना शुरू कर दिया।
निदा को अंदाज़ा हो गया था कि उसकी सब दोस्त भी वोही करना चाहती हैं जो उस मूवी में हो रहा था। लेकिन मूवी में तो कुछ और ही चल रहा था, उसमें एक लड़की दूसरी लड़की की गान्ड के छेद में अनल-प्लग घुसाकर उसकी चूत में रब्बर का लंड (डिल्डो) डाल रही थी। निशी की चुचियाँ निदा की चुचियों से ज्यादा बड़ी थीं और बहुत मज़े से हिल रही थीं। जबकि निदा की चुचियों का साइज़ तो नेचुरली अच्छा था लेकिन वो कुछ सख्त थीं। निशी ने निदा से कहा कि वो सोफे पर चले उसके साथ, जहाँ जाते ही निशी ने निदा की चूत पे हाथ रखकर उसकी बेल्ट वाली शलवार का नाड़ा खोलना शुरू कर दिया।
ये सब इतनी तेज़ी से हो रहा था कि निदा समझ ही ना पाई कि उसे किस तरह रेस्पान्स करना है। निदा लेटी रही ये सोच करके कि जो भी हो, कम से कम ये लड़कियाँ उसे चोद तो नहीं सकतीं। निशी ने जैसे ही निदा की शलवार उतारने के बाद उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत की तरफ देखा तो उत्तेजना में उसके मुँह से एक चीख सी निकल गई। और उसने फौरन दूसरी दोस्तों की तरफ देखकर कहा-“वावूओ क्या चूत है यार… अरी कमीनी तुमने तो गोरियों को भी मात दे दी, इतनी साफ सूथरी, गोरी चिट्टी और गुलाबी होंठ, चूत के आस-पास और नीचे तो बालों का नाम-ओ-निशान तक नहीं, सिर्फ़ ऊपर के हिस्से में ही बाल हैं, जो इत्तेफाक से निदा ने साफ कर रखे थे, क्योंकी वो सफाई के मामले में कुछ ज्यादा है सेन्स्टिव थी।
निदा की एक फ्रेंड बोली-“निदा की बच्ची, तुम्हें देखने वाला हर लड़का तुम्हें रोज ख्वाब में तो जरूर चोदता होगा, लेकिन कशम खुदा की अगर वो तुम्हें एक मर्तवा नंगी देख ले तो उसकी तो रातों की नींद ही उड़ जाये…”
निदा के लिये ये सब बहुत ज्यादा हैरतअंगेज था कि उसने अपनी जिश्मानी खूबसूरती की इससे ज्यादा तारीफ कभी नहीं सुनी थी। सोबिया ने उसे कई बार नंगा देखा था लेकिन उसकी बहन ने कभी इस तरह तारीफ नहीं की उसकी। निदा के सेक्सुअल जज़्बात उस वक़्त भड़क चुके थे।
निशी ने उसकी चूत के बिल्कुल बीच से जब नीचे से ऊपर की तरफ उंगली फेरी तो उसकी उंगली निदा की चूत के दोनों होंठों को चीरती हुई ऊपर को आकर बाहर निकल गई। निदा की नज़र निशी की उभरी हुई चुचियों की तरफ थी और उसके दिल में ये ख्वाहिश जनम ले रही थी कि काश उसकी चुचियाँ भी इसी तरह बड़ी-बड़ी होतीं जैसी निशी और बाजी की हैं।
निदा की दो दोस्त इस वक़्त उसके साथ चिपकी ही थीं, तीसरी शर्ट उतारकर सोफा पे बैठी मज़े से वाइन की चुस्कियाँ ले रही थी, जबकी चौथी सोफा पर लेटी मूवी देख रही थी। निदा की दोस्त उसके साथ जो भी कर रही थीं, उसके लिये उन्हें निदा से पर्मीशन लेने की ज़रूरत हरगिज़ महसूस नहीं हो रही थी। निशी निदा की टाँगों के बीच बैठी आराम-आराम से उसकी चूत पे उंगलियाँ फेर रही थी, जबकि दूसरी दोस्त होंठों में अपने होंठ दिए शर्ट के अंदर अपना हाथ घुसा चुकी थी।
इतनी क्रुशियल सिचुयेशन में भी निदा को याद था कि उसने ब्रा बहुत साधारण किश्म की और सस्ती वाली पहनी हुई है। निदा को ये लगता था कि कहीं सब दोस्त उसकी ब्रा देखकर मज़ाक ना उड़ायें, इसीलिये वो फौरन उठी और अपना पर्स लेकर टाय्लेट की तरफ चली गई और टाय्लेट में अपनी ब्रा उतारकर पर्स में नीचे की तरफ डाल दी, ताकी किसी को नज़र ना आए। वाशरूम के शीशे में निदा ने जब अपना चेहरा देखा तो उसका रंग रूप ही बिल्कुल बदला हुआ था। वो खुद को बहुत अलग महसूस कर रही थी।
पहली बार निदा को ये पता चला कि सेक्सुअल फीलिंग्स इंसान के चेहरे पर किस तरह नुमाया हो जाती हैं। वो वाशरूम से बाहर आई तो टीवी पर वीडियो में डीवीडी चेंज हो चुकी थी और नई मूवी में दो लड़कियों के साथ एक लड़का सेक्स कर रहा था।
निदा की फ्रेंड ने उससे कहा-“हमारे दर्शन तो तुमने कर लिये, अब अपने दर्शन भी ज़रा कराओ ना ऊपर से नीचे तक के…”
निदा के लिये ये ज़रूरी था के वो अपनी दोस्तों को ये बावर करे के वो भी उनसे कम नहीं और उन्हीं के लेवेल की बोल्ड है। ये सोचकर दोस्तों के बीच में खड़े खड़े निदा ने अपनी शर्ट उतार दी।
निदा के शर्ट उतारते ही निशा और उसकी दूसरी दोस्तों की आँखें खुली की खुली रह गईं। वो फौरन उठकर निदा के करीब आईं और उसकी गोरी-गोरी चुचियों के लाइट पिंक सर्कल में पूरी तरह से खड़े निप्पल्स पर गुलाब की पंखुड़ियों की तरह उंगलियाँ फेरते हुए कहा-“कूडियो ज़रा पता तो करवाओ, क्योंकी देसी फुद्दी में से इतना ज्यादा विलायती चूजा नहीं निकला करता…”
निदा ने टीवी पर चलने वाली पॉर्न मूवी की तरफ इशारा करते हुए कहा-“विलायती मुर्गे और मुर्गियाँ तो तेरे घर में सेक्स कर रही होती हैं, तुम अपनी मोम से पता करो कि तुम कहाँ से आ गई?”
दूसरी फ्रेंड निदा के गिर्द घूमकर उसे ऐसे देख रही थी जैसे नुमाइश में कोई मूर्ति रखी गई हो और सब उसे हैरत से देख रहे हों।
निशा बोली-“निदा, तू बस एक दफा राज़ी हो जा, कशम से इसी हफ़्ते तेरी नथ खुलवाते हैं…”
जिस पर निदा की दूसरी फ्रेंड फौरन बोली-“मैं तो पहली बार इसकी फुद्दी में लंड डालने वाले लड़के के फेस एक्सप्रेशन देखना चाहूँगी कि वो किन हवाओं में खुद को महसूस कर रहा होगा…”
निदा के इस तरह नंगी हो जाने से लड़कियों की महफ़िल में फिर से गर्मी आ चुकी थी। दिन के दो बज चुके थे इसलिए निशी ने फौरन वाइन की बोतलें शापर में डालकर छुपाया और सोफे पर बैठकर पॉर्न देखने लगी, जबकि दूसरी फ्रेंड कालीन पर ही निदा को लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गई थीं और उसके होंठों को होंठों में लेकर एक हाथ से उसकी चूत में उंगली डालकर एंजाय करने लगी।
थोड़ी देर बाद जब निदा की सांसें उखड़ने लगीं तो उसने फ्रेंड को फौरन खुद से अलग कर लिया और अपनी टांगें जोर से आपस में बंद करके बैठ गई। पॉर्न मूवी पर जब नज़र पड़ी तो उस वक़्त एक लड़की के साथ दो लड़के सेक्स कर रहे थे। एक लड़के का लंड उस लड़की की चूत में था लेकिन जब दूसरा लड़का लड़की की पिछली साइड पर गया तो मैं अलर्ट हो गई कि ये क्या होने वाला है, और जब लड़के ने अपना लंड लड़की की गान्ड की सुराख में अंदर करने की कोशिश की तो निदा की आँखें हैरत से फट गईं। उसने सोचा था कि लड़की अभी चीखने लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्की लड़की के चेहरे पर तो खुशी बहुत बढ़ गई।
थोड़ी देर बाद जब निदा की सांसें उखड़ने लगीं तो उसने फ्रेंड को फौरन खुद से अलग कर लिया और अपनी टांगें जोर से आपस में बंद करके बैठ गई। पॉर्न मूवी पर जब नज़र पड़ी तो उस वक़्त एक लड़की के साथ दो लड़के सेक्स कर रहे थे। एक लड़के का लंड उस लड़की की चूत में था लेकिन जब दूसरा लड़का लड़की की पिछली साइड पर गया तो मैं अलर्ट हो गई कि ये क्या होने वाला है, और जब लड़के ने अपना लंड लड़की की गान्ड की सुराख में अंदर करने की कोशिश की तो निदा की आँखें हैरत से फट गईं। उसने सोचा था कि लड़की अभी चीखने लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्की लड़की के चेहरे पर तो खुशी बहुत बढ़ गई।
निशा मूवी में कुछ ज्यादा हो खोई हुई थी और इसी कैफियत में वो अपने रूम में गई और हाथबैग उठाकर लाई जिसमें से उसने हेयर ब्रश निकाला और उसके हॅंडल पर पहले से सर्कल में कटे हुए प्लास्टिक की डाटेड पॅकिंग शीट चढ़ाकर और उसपर कॉन्डम चढ़ाकर सोफे पर बैठे-बैठे ब्रश का हॅंडल अपनी चूत में अंदर कर दिया। अभी हॅंडल अंदर गये हुए 30-35 सेकेंड ही हुए होंगे कि वो एक झटके से कालीन पर आ गई और अपनी टांगें मोड़ते हुए साइड पर लेटकर जोर-जोर से हिलने लगी, ब्रश उसकी चूत से बाहर आ चुका था। वो कुछ देर इसी तरह पड़ी रही और फिर उठकर फौरन वाशरूम की तरफ भाग गई।
निदा ने खामोशी से कपड़े पहन लिये और उसको देखते हुए उसकी बाकी दोस्तों ने भी अपने ड्रेसेस चढ़ा लिये। निशा वाशरूम से खामोशी के साथ अपने रूम में गई और दूसरा ड्रेस पहनकर वापिस आ गई। निदा के दोस्तों ने कोल्ड-ड्रिंक और पानी जमकर पिया ताकी जो थोड़ा बहुत नशे का असर है वो उतर जाये। कुछ देर माहौल में खामोशी रही। लेकिन फिर दोबारा से दोस्तों का आपस का चंचलपन लौट आया और वो ऐसे घुलमिलकर बातें करने लगीं जैसे कुछ हुआ ही नहीं था आज वहाँ।
निदा के जिश्म में कुछ अजीब से एहसास चल रहे थे लेकिन वो दिल ही दिल में खुश थी कि वो भी ऊँची सोसाइटी में बैठ रही है और अमीर लड़कियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के काबिल हो रही है। 5:00 बजे तक वहीं रहने के बाद निदा को सोबिया का फोन आया और वो टैक्सी में घर की तरफ चल पड़ी।
निदा ने आज मन की एक नई दुनियाँ दररयाफ़्त की थी। उसके खयाल में यही असल जिंदगी का मज़ा था जो उसने आज पॉर्न में देखा और दोस्तों के साथ मस्ती ही मस्ती में डिसकवर किया था। घर में कदम रखते ही वो थोड़ी ठिठक सी गई, क्योंकी उसकी बहन सोबिया 3 आदमियों के साथ घर के सहन में खड़ी थी और उन्हें बता रही थी कि घर में कौन-कौन सी जगह मरम्मत करनी है।
निदा को लगा कि बाजी तो घर का पूरा रंग रूप ही बदलने वाली हैं। अम्मी खामोशी से किचन में खड़ी ये सब सुनती रही और निदा इस ताक में थी कि कब मोका मिले और वो बाजी से अपने रूम के बारे में भी बात करे।
हादसे कभी बता कर नहीं हुआ करते। निदा दिन भर कॉलेज में दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में रहती और दूसरी तरफ सोबिया घर का पूरा नक़्शा बदल रही थी। घर की दीवारों के तमाम उखड़े हुए प्लास्टर नये हो चुके थे, पेंट ने चूने की जगह ले ली थी, कमरों के नये दरवाजे, बॅकयार्ड में दोनों तरफ से खुलने वाला नया दरवाजा और फर्श पर टाइल्स, बाजी के रूम का डबलबेड ऊपर के रूम में जा चुका था और बाजी के रूम में सारा नया फनीचर आ चुका था।
अब बाजी के रूम में एक लग्ज़ीरियस डबलबेड और कोने में एक सिंगल बेड लग चुका था। उनकी अलमारी में दराज का साइज़ काफी बड़ा था और ताले भी मजबूत वाले थे, इतने मजबूत कि अब उनको डबल ताले की ज़रूरत ही नहीं थी। गेस्टरूम का भी नक़्शा बदल चुका था और कुर्सियों की जगह सोफों ने ले ली थी। सोबिया ने अपनी ढेर सारी इश्तेमाल शुदा चीज़ें निदा को दे दीं, जिनमें नकली ज्वेलरी, हाथबेग्जस और मेकप का सामान था, एक कलाई घड़ी भी थी।
सोबिया के कमरे में सब कुछ बिल्कुल नया आ चुका था। निदा की फरमाइश पर उसके कमरे में कालीन डलवा दिया गया, लेकिन सोबिया के रूम से संबंधित निदा की जिज्ञासा अहिस्ता-अहिस्ता बढ़ती जा रही थी। वो सेक्स की दुनियाँ में अपनी हद तक तो आशना हो चुकी थी। लेकिन सेक्स हकीकत में क्या रंग दिखाता है, इस बात की अभी उसके फरिश्तों को भी खबर नहीं थी।
केबल के साथ-साथ सोबिया के रूम में कंप्यूटर भी आ चुका था और निदा के रूम में म्यूजिक सिस्टम ने उसकी डांस की ख्वाहिश को पूरा कर दिया था। गरीबी से अमीरी के निचले से दर्जे में कदम रखने में उनको ज्यादा टाइम नहीं लगा था। अब घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी।
निदा अक्सर कहती थी कि चूंकी उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया, इसीलिये ऊपर वाला अचानक उन पर मेहरबान हो गया। निदा को यकीन था कि उसी की कोई अच्छाई काम आई होगी, लेकिन अच्छाई के इस गुमान ने बहुत जल्दी उसे अपना असली रूप दिखा दिया और वो दिन आ गया जब निदा को कुछ दिन के लिये सोबिया के रूम में उसके साथ रहना पड़ा और उन चंद रातों ने उसकी जिंदगी को अंधेरों और अज़ाब में ढकेल दिया।
मैंने उस वक़्त तक सेक्स तो नहीं किया था लेकिन दोस्तों के साथ पॉर्न देखने की वजह से मैं सेक्स की कल्पना को अच्छी तरह समझ चुकी थी। हम लड़कियाँ लेज्बियन नहीं थीं लेकिन लड़की से लड़की की पॉर्न देखने की वजह से हमने आपस में बहुत सारी मस्ती की थी और मुझे किसिंग, चुचियाँ छूना, पुस्सी और गान्ड के छेद में उंगलियों का मज़ा पड़ चुका था।
दूसरी तरफ सोबिया बाजी ने घर की जाहिरी डेकॉरेशन तो ठीक ठाक करवा ली थी, लेकिन ऊपर के कमरों की छत बारिश की वजह से खराब हो गई थी और बिल्डर ने कहा था कि ये किसी भी वक़्त गिर सकती है। वो रूम मैं और मेरा भाई इश्तेमाल करते थे। सोबिया ये बात सुनकर परेशान हो गई और उसने बिल्डर से कहा कि इस रूम पे नई छत डाल दो और मुझे और छोटे भाई से कहा कि हम फौरन नीचे गेस्टरूम में शिफ्ट हो जायें। मुझे रात में जल्दी सोने की आदत थी क्योंकी सुबह कॉलेज जाना होता था इसलिए गेस्टरूम में मेरे होने की वजह से मेहमान नहीं आ सकते या फिर अगर मेहमान होते तो मैं अब्बू को तंग करती रहती की मेहमानों को रुखसत करो क्योंकि मेरे सोने का टाइम हो चुका है।
इस बात पर घर में नोंक झोंक शुरू हो गई और आख़िरकार वो वक़्त आ गया कि बाजी ने मजबूरन मुझे अपने रूम में सोने की पर्मीशन दे दी। बाजी का रूम मेरे लिये किसी जन्नत से कम नहीं था। डबलबेड उनका था और साथ के कोने में सिंगल बेड मुझे मिल गया। बाजी ने वहाँ मेरे लिये बार्बी प्रिन्सेस की बेड शीट भी बिछा दी और बिल्डर्स से कहा कि वो जल्द से जल्द रूम की छत ठीक करें।
मेरी दुनियाँ बदल गई थी क्योंकी जवानी में कदम रखते ही अमीर और मॉडर्न लड़कियों जैसे चोंचलों का शौक बढ़ना शुरू हो गया था।
मैं बाजी की गैर मौजूदगी में उनकी वार्डरोब खंगालती रहती और मेरी खास नज़र उनकी पैंटी और ब्रा पर होती। उनकी वो पैंटी जिसमें पीछे पतली सी लाइन चूतड़ में घुस जाती है मुझे बहुत अट्रेक्ट करती थी। उनकी बंद दराज को खोलने की कोशिश अब फिूल थी क्योंकी उन पर मजबूत फिटेड लाक था और बाजी कभी अपनी चाभियाँ घर भूलकर नहीं गईं क्योंकी उन्हीं में उनकी ओफिस की चाभी भी होती थी। बाजी कुछ पैसे खुली दराज में रखने लगीं, ताकी अगर मुझे ज्यादा ज़रूरत हो तो मैं खुद से ले लिया करूँ।
कॉलेज में निशी और दूसरी ग्रुप दोस्तों के साथ मेरी दोस्ती बढ़ती चली गई। अब अगर मैं उनके घर जाती तो मुझे कोई खौफ ना होता। पॉर्न के साथ-साथ मैंने थोड़ी बहुत शराब भी चखना शुरू कर दिया क्योंकी बाकी लड़कियाँ भी थोड़ी सी पीती थीं और मैंने उन्हें कभी शराबियों की तरह झूमते नहीं देखा, ना ही उनके घर वालों को पता चलता था।
निशी के एक कजिन का मेरी दूसरी फ्रेंड के साथ रीलेशन बन गया था इसलिए कॉलेज टाइम में वो अक्सर अपनी लड़की दोस्त को तीन चार घंटों के लिये साथ ले जाता और वापसी पे मेरी दोस्त मज़े ले-लेकर सारी कहानी हमारे पास बयान कर देती।
मेरी दोस्तों को बड़ा शौक था कि किसी तरह मुझे कोई लड़का पसंद आए और वो मेरी पहली चुदाई के लिये जगह का बंदोबस्त करें। लोगों की बातें सुन-सुनकर अहिस्ता-अहिस्ता मुझे भी ये यकीन होने लगा कि मैं शायद कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की हूँ और सिर्फ़ बाहर के लड़के ही नहीं बल्की कॉलेज की कुछ लड़कियाँ भी मुझ पर आशिक हो रही थीं।