Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
01-19-2019, 07:24 PM,
#21
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
बाजी जानती थी मैं कभी झूठ नही बोल सकता...पर उनके आँखो में सख़्त गुस्सा और सवाल था मैने बाजी को रोका कि फिलहाल हमे यहाँ से निकलना होगा लूसी ने सब संभाल लिया है

हम जैसे तैसे अपने कमरे से बाहर आए....गंध पाते ही उन शैतानो ने लूसी को धकेल दिया और बड़ी ही रफ़्तार से घुर्राते हुए मेरे करीब आके अपने अपने नुकीले दांतो से फूँकार मारने लगे....बाजी भी अपने रूप में आके मुझे बचाने की कोशिश करने लगी 

"आपका भाई गुस्ताख़ी कर रहा है हमे राजा का हुकम है कि आपको हम कैसे भी यहाँ से जाने ना दे".......

.बाजी इससे पहले कुछ कह पाती मेने गुस्से में आके उन दोनो को अपने पंजो से जकड लिया था...बाजी ने उस पिशाच का गला काट धढ़ से अलग करके फ़ैक् डाला...भेड़िए में तब्दील होते ही आसिफ़ ने उस शैतान को दीवार में जैसे धसा दिया....."वक़्त नही है चलो जल्दी"..........लूसी ने बाजी को कंबल ओढ़ा दिया थी हम तीनो छुपते छुपाते बरामदे के करीब आए...नीचे के द्वार से बाहर निकलना मुनासिब नही था....मैने उन दोनो औरतो को अपनी बाहों में उठाया..और सीधे छलाँग लगा दी...हम जल्द ही नीचे कूद चुके थे....जल्द ही हम तेज़ रफ़्तार से जितना हो सका उतना तेज़ किले से दूर जाने लगे....अबतक तो तहख़ाने में पश्त लेटे राजा को महसूस हो चुका था...उसने अपनी आँखे खोल डाली और ज़ोर से दहाड़ उठा...उसकी दहाड़ ने हम तीनो को रुकने पे मज़बूर कर दिया....बाजी क़िले के रास्ते की ओर देख रही थी वो आवाज़ उनके कानो में गूँज़ रही थी"चली आओ मेरे पास कहाँ जा रही हो मुझसे दूर एसस्शााआअ".........वो आवाज़ बाजी के जैसा कान फाड़ रही थी...हम उस खौफनाक रात में सिर्फ़ घोड़े पे सवार दौड़ रहे थे...घोड़ा बहुत तेज़ रफ़्तार से दौड़ रहा था...बीच बीच में लूसी को लगता जैसे कोई हमारा पीछा तो नही कर रहा...ना जाने कब हमने उस ठंडी नदी के उपर के पुल से जैसे तैसे खुद को पार किया....और कब पहाड़ी के दूसरी ओर आ गये....क़िला बहुत दूर छूट चुका था धीरे धीरे सुबह होने लगी रात ढलने लगी....

लूसी ने बताया कि जैसे जैसे दिन होगा राजा स्किवोच वापिस अपने ताबूत में चला जाएगा क्यूंकी उसकी सारी शक्तिया सूरज के सामने फीकी पड़ जाती है और वो फिर अगली रात का इंतेज़ार करेगा....मैने काफ़ी दूर आके घोड़े को रोका तो सामने दूर रोशनीया जल रही थी....

ये इंसानी बस्ती का रास्ता था..बाजी बेसूध मेरी बाहों में गिर गयी...मैने घोड़ा रोका और बाजी को फर्श पे लिटा के उनके चेहरे को थपथपाने लगा "राजा ने इनको पूरी तरीके से अपने क़ब्ज़े में कर लिया है उनके बुलावे पे ही यह उनकी तरफ खींची चली जाएँगी"............

"इसका कोई तोड़ है".........

लूसी के पास इसका कोई जवाब नही था...और ठीक उसी पल मुझे महसूस हुआ कि कोई ज़ोर से चिल्ला उठा "ठहरो वही रुक जाओ"......उस शक्स के हाथ में एक गन थी और उसने कंबल ओढ़ रखा था वो अपने घोड़े पे से उतरा और हम तीनो की ओर लगभग सावधानी से पास आया

लालटेन उसके एक हाथ में थी जब वो उसे बाजी के करीब लाया तो लूसी और बाजी मेरे पीछे थी....ये इंसानी गंध थी और बेहद जानी पहचानी....मेरे सामने कोई और नही टोपी पहना शॅक्स चार्ल्स खड़ा था...

"वही ठहर जाओ और एक कदम भी आगे नही बढ़ाना"........चार्ल्स ने चौकते हुए जब मेरी ओर लालटेन फिराई तो उसे यक़ीनन मालूमात हो गया था कि मेरे साथ खड़ी वो दोनो क्या है? वो फ़ौरन घबराते हुए सम्भल गया और हम तीनो की ओर गन पॉइंट किया....

"चार्ल्स सर आप मुझे ग़लत समझ रहे है".......

.चार्ल्स मेरी बात को फ़ौरन काटते हुए चिल्लाया "चुप रहो तुम शैतान की ज़ात मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था कि जिसे मैने आसरा दिया वो खुद इन पिशाचो से मिला हुआ है तभी तो तुम दो दिन से गायब थे आसिफ़ तो यही है तुम्हारा राज़".........चार्ल्स ने गुस्से से जवाब दिया

"देखिए मैं आपको सब सच बता देना चाहता हूँ पर फिलहाल सुबह हो रही है मेरी बाजी जैसे ही सूरज के सामने आएँगी वो जलने लगेंगी"........चार्ल्स मान नही रहा था....और मुझे उगते सूरज का अंदेशा हो रहा था अंधेरा सॉफ होने लगा और चारो ओर रोशनी फैलने लगी सुबह के पाँच बज चुके थे लेकिन इस गहरे कोहरे में भी सुबह की रोशनी आराम से उज्ज्वल हो जाती थी

लूसी को लगा शायद बचाव ही एक ज़रिया है और उसने अपने रूप में आके चार्ल्स पे फूँकार मारना चाही ...

"रुक जा बदजात शैतान".......चार्ल्स ने दूसरे हाथो में एक गोल्डन रंग का क्रॉस उसके चेहरे के करीब ला दिया...और लूसी दाँतों पे दाँत रखके बहुत ही तिलमिलाते हुए उससे दूर होने लगी...

.मैं लूसी के सामने आके खड़ा हो गया "वही रुक जाइए प्लस्सस चार्ल्स सर आप बात समझने की कोशिश कीजिए हम लोग कॅसल से भागके आ रहे है और ये दोनो मेरे अज़ीज़ है मेरी अपनी है ये मेरी बाजी है शीबा और ये लूसी जिसने हमे फरार करने में मदद की".......
Reply
01-19-2019, 07:24 PM,
#22
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
चार्ल्स कुछ देर के लिए शांत हुआ लेकिन उसकी आँखे बड़ी बड़ी हो गयी

"क्या ?? ओह माइ गॉड तुम लोग उस पहाड़ी के पीछे जो बंद खंडहर है वहाँ से आ रहे हो...ओ खुदा ये ठीक नही तुम ग़लत कर रहे हो आसिफ़ ये तुम्हारी बेहन अब नही रही ये एक पिशाच है ये दोनो एक पिशाच है और सिर्फ़ इंसान के खून के प्यासे तुम जानते भी हो उस खंडहर में आज भी राजा पिशाच बनके घूम रहा है और उसके सभी लोग . हमारी पूजा पाठ की वजह से हमने उनका रास्ता बाँध रखा है....इस जंगल का राज़ बेहद ख़तरनाक है...और तुम तहरीक इंसान हो जिसपे इस क्रॉस का कोई असर नही हुआ पर ये दोनो पीछे हट रही है ज़ाहिर है ये दोनो पिशाच है इन्हें मुझे मारने दो आज इन्ही लोगो की वजहों से आज मेरी बेहन मुझसे दूर हो गयी"...........चार्ल्स के बातों में गुस्साज़रूर था पर आँखो में दुख अपनी बेहन को खोने का था जिसे स्किवोच ने अपने झासे में लाके उसे भी पिशाच बनाके आधी चाँद की ही रात को बलि दी थी 

मैं : मैं समझता हूँ आपका दुख चार्ल्स लेकिन ट्रस्ट मी ये आपको कुछ नही करेंगी और रही बात इंसान की तो शायद ये मेरे ही करमो की सज़ा थी जो मैं आज भुगत रहा हूँ एक शापित भेड़िया बनकर लेकिन अब मैने उसपे काबू करना सीख लिया है मुझे उस राजा को मारने का एक मात्र ज़रिया आपमें दिख रहा है प्लीज़ सर हाथ जोड़ता हूँ गाँव वालो को कुछ ना कहें वरना वो लोग इन्हें ज़िंदा जला देंगे

चार्ल्स कुछ देर तक चुप रहा....फिर उसने मेरी बाजी शीबा और लूसी को घूरा "ठीक है लेकिन मैं इन दोनो पिशाचो को क़ैद रखूँगा ताकि ये किसी का कोई नुकसान ना कर सके".........

लूसी उसकी बातों से गुस्से से उबल रही थी जबकि शीबा बाजी बहुत ज़्यादा कमज़ोर पड़ चुकी थी...."ठीक है लेकिन मुझे शीबा बाजी को ठीक करना है आपकी मदद चाहिए"..........चार्ल्स ने देखा मैने अपनी पिशाच बेहन को अपनी बाहों में ले लिया है....चार्ल्स ने लूसी को क्रॉस दिखाना ज़ारी रखा...मेरे मना करने के बावजूद भी उसके हाथो को बाँध दिया अब घोड़े के पीछे पीछे किसी कैदी की तरह लूसी क्रॉस के प्रभाव से कमज़ोर पड़ के चल रही थी मुझे उसकी इस हालत पे तरस आ रहा था लेकिन मैं कुछ नही कर सकता था

सुबह के 6 बज गये....सूरज निकला ज़रूर पर कुछ ही देर मे बर्फ का तूफान उमड़ने लगा हम घाटी को पार करके बस्ती आ गये...चार्ल्स ने अपने अस्तबल में लूसी को एक कोने में बाँध के वही बैठने की हिदायत दी.....शीबा बाजी अब भी बिस्तर पे बेसूध लेटी हुई थी....कॉफी की चुस्किया लेते हुए मैने आग की ओर देख कर अपनी शुरूवात से लेके अबतक की सारी कहानी चार्ल्स को बताई कि इस हालत का शायद कहीं ना कहीं मैं ही ज़िम्मेदार हूँ कैसे राजा स्किवोच की मुलाक़ात मेरी बेहन से हुई सबकुछ...

"माइ गॉड ये तो बहुत बुरा हुआ"..........चार्ल्स ने मेरी ओर देखा....बाहर बदल गरज रहे थे....आग को तेज़ करते हुए चार्ल्स बाजी के बदन को घूर्रने लगा....और उसने फ़ौरन अपना क्रॉस जैसे ही उसके हाथ पे रखा....बाजी चिल्ला उठी उसके नुकीले दाँत बाहर आ गये और उसकी आँख एकदम सुर्ख लाल हो गई....जिस जगह पे क्रॉस टच हुआ उस जगह पे उसका निशान बन गया और माँस जल गया
Reply
01-19-2019, 07:24 PM,
#23
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
मैने चार्ल्स को डांटा....पर चार्ल्स ने मुझे रोका "तुम्हारी बेहन पूरी तरीके से एक पिशाच बन चुकी है तुम्हें इसे इसकी मौत से जगाना नही चाहिए था....इसका पूरा जिस्म सफेद पड़ रहा है इन काले घेरो को देखो जो आँखो में एक मरे हुए इंसान जो अब भी खून की प्यास से जीवित है".........

मैं दुख में डूबा एक तरफ खामोशी से बैठ गया बाजी की इस हालत को मैं देख नही सकता था.....

"नही आसिफ़ तुम गुस्सा नही करोगे वरना तुमपे भी शाप फिरसे हावी होगा इन शैतानी अमल में सिर्फ़ दर्द और नुकसान के सिवा कुछ नही होता जो राह तुमने चुनी आज उसकी ही सज़ा वो खुदा तुम्हें दे रहा है".........

मेरी आँखो से आँसू बहने लगे...."मैं उस शैतान को नही बख्सुन्गा उसे ज़िंदा नही छोड़ूँगा".........

चार्ल्स ने मुझे शांत किया "एक रास्ता है".......

.चार्ल्स की बात को सुनके मैं थोड़ा हैरान हुआ

"आमतौर पे कहानियो में भी सुना होगा कि ड्रॅक्यूला की ताक़त सूरज के आगे फीकी पड़ जाती है इसलिए वो लोग खुद को ताबूत में किसी अंधेरी कोठरी में रह कर खुद को जीवित रखते है वरना सूरज के कहेर से वो बच नही पाते....इसी तरह इस शैतान को मारने की मैं बरसो से कोशिशें कर रहा हूँ जो उत्पात इसने पूरे गाओं में मचाया था उससे हम परेशान थे लेकिन सच पूछो तो सूरज के सामने उसे लाना इतना आसान नही और उसे मारने का भी कोई रास्ता नही है सिवाय उस खुदा के वो जब चाहे इस नापाक शैतान का ख़ात्मा कर सकता है मैं खुद इस शैतान को मरते देखना चाहता हूँ उसका ख़ात्मा चाहता हूँ".........लाचारी चार्ल्स के पास भी थी उसके पास भी कोई ठोस ज़रिया नही था कि इस शैतान को मार पाए...बहरहाल जल्द ही अंधेरा हो जाएगा और ड्रॅक्यूला वापिस अपनी दुल्हन को पाने के लिए इस बस्ती तक अपने पिशाचो के साथ पहुच जाएगा मेरे पास यक़ीनन कोई ज़रिया नही था उन्हें रोकने का 

जल्द ही अंधेरा हो गया....कमरे में सिर्फ़ चिम्नी की नीचे लगाई आग सुलग रही थी...चारो ओर खामोशी थी....लूसी आँखे मुन्दे सोए हुई थी उसका एक हाथ लोहे के सिकाड़ से बँधा था...जबकि दूसरी ओर बिस्तर पे आँखे मुन्दे शीबा बाजी भी गहरी नींद में थी....जल्द ही दरवाजे पे दस्तक हुई मैने झाँकके दरवाजा खोला "मैने घर को चारो ओर से बाँध दिया है अपने रस्मों के तौर से किसी भी शैतानी रूह का अंदर आना नामुमकिन है....लेकिन मुझे डर है कि कोई हमारी बस्ती में ना आ जाए....

"तुमने मेरी वजह से इतना बड़ा जोखिम उठाया है मुझसे जो बनेगा मैं करूँगा उस शैतान को अब हम मारके ही रहेंगे".........मैं मुस्कुराया 

चार्ल्स ने मेरे कंधे पे हाथ रखा "कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे साथ हूँ अपनी बेहन को तो ना बचा सका पर उस शैतान के मंसूबो को मैं पूरा नही होने दूँगा तुम्हारी बाजी शीबा को बचा कर रहूँगा"........

मैने चार्ल्स की ओर आँसू भरी निगाहो से देखा

रात 12 बज चुके थे टिक टिक करते हुए घड़ी की सुई 12 से पार हो रही थी....सोफे पे मैं आँखे मुन्दे झपकी ले रहा था....जबकि चार्ल्स भी एक ओर कुर्सी पे लेटा लेटा किताब को बंद किए सो रहा था.....लूसी भी बदहवास लेटी हुई थी....हावव हववव करते हुए खामोशियो में कहीं दूर जंगलों से जंगली जानवरों की रोने की आवाज़ आ रही थी.....हो हो करती हवाओं का शोर ना जाने कैसे इतना बढ़ गया....और उस खिड़की के छेद से वो हवा शीबा बाजी के चेहरे पे पड़ने लगी.....

"ईस्स्शाअ ईएस्शाा मेर्र्रीि आवाजज्ज सुन्नूओ एसस्स्शाअ"....... उस आवाज़ को सुनते ही बाजी की आँखो में हलचल पैदा होने लगी 

"ईस्स्शाआ क्यउउूउ मुझहहसी दूर्र चालिइी गाइ तूमम्म तुम्हाररीए बिना मेरा क्या वजुउडूद्द चालीी आओ"........बाजी को दिख रहा था कि वो सफेद निगाहें उन्हें ही घूर्र रही थी वो नुकीले दांतो पे लपलपाति ज़ुबान वो शैतान राजा अपने तहख़ाने से शीबा को बुला रहा था..शीबा बाजी की आँखे अपने आप खुलने लगी और फिर उसने चारो ओर देखा सब खामोशी में सोए हुए थे

शीबा बाजी ने अपनी चादर हटा ली और उस आवाज़ को सुनते हुए अपने कानो में धीरे धीरे चलते हुए दरवाजे तक आई...दरवाजा चर चराते हुए अपने आप खुल गया...हो हो करती बाहर की तेज़ सर्द हवा उनके चेहरे से टकराई उन्हें कोई अहसास नही हुआ वो बस उस आवाज़ को सुनते हुए चौखट से अभी पाँव रखके बाहर निकलने ही वाली थी....कि इतने में मैने उनका हाथ पकड़के वापिस घर के अंदर खींच लिया और इस बार वो मेरे बाहों से टकरा गई 

"अहः उम्म"....उनकी नींद टूटी मानो "म..मैं यहाँ कैसी?".........

मैने बाजी के बालों को सहलाया "बाजी आप कहाँ जा रही थी? क्या उस शैतान में इतना खीचाव है जो आप अपने भाई को एक बार फिर अकेले छोड़के जा रही थी क्यूँ बाजी क्यूँ?"......

.बाजी रोने लगी उनके खून से निकलते आँसू मेरी छाती पे लगने लगे...मैने उनके आँसुओं को पोंच्छा और झट से दरवाजा बंद कर दिया "तू चाहे कितनी कोशिश भी कर ले मेरी बाजी को मेरी मुहब्बत से तू खींच नही पाएगा कमीने"........मैने दहाड़ते हुए उन सर्द खामोश वादियो में चिल्लाते हुए कहा मैं जानता था वो शैतान ज़रूर मेरी बातों को सुन रह था....

"क्या हुआ सब ठीक है?"....चार्ल्स ने अपनी गन निकालते हुए कहा

"हां बाजी फिरसे हाइप्नोटाइज्ड हो गयी थी".......

."ह्म्म वो शैतान ऐसे ही औरतो को अपनी ओर खींचता है बस इस बात की फिकर रखना कि ये चौखट से बाहर ना निकल जाए"........

"ठीक है".........चार्ल्स ने अपनी गन जेब में रखी और वापिस अपने कुर्सी पे जाके बैठ गया....मैने बाजी को बिस्तर पे लिटा या और उसके माथे को सहलाने लगा....बाजी की इस हालत को देख कर मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था बाजी फिर रात गये क्या पता? उस शैतानी राजा के खींचाव से फिर निकल जाए बाहर..."क्या मेरी मुहब्बत इतनी नाज़ुक है जो अपनी बाजी को किसी शैतान और मौत के आगोश में यूँ जाने दे रही है".......मैने अपने आप से सवाल किया और बाजी के साथ ही बिस्तर पे लैत गया.....मैं जानता था मुझे क्या करना है? मैने चादर को अच्छे से अपने उपर ढक लिया......चार्ल्स गहरी नींद में था....सिवाय लूसी के जो मुस्कुरा के हम दोनो की काम वासना को देख सकती थी वो जानती थी मैं ऐसा सिर्फ़ उस शैतान से बाजी को भटकाने के लिए कर रहा हूँ....बाजी के गाउन को उपर करते हुए मेरा लंड सख्ती से उनकी चूत की दरारो में घुसने लगा...फिर कुछ देर में मैने उन्हें अपने आगोश में जकड लिया और चादर के अंदर ही उनकी चुचियों को दबाते हुए उनके साथ प्रेम मिलन करने लगा.....
Reply
01-19-2019, 07:25 PM,
#24
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
"नहियीईईईईईईई"...........राजा की चीख को बाजी अपने कानो मे महसूस कर सकती थी....उसके गुस्से और दहाड़ती उन खौफनाक निगाहो को देख सकती थी....वो बस मुस्कुराई मेरे होंठो को चूमने लगी और लूसी भी सख्ती से अपने गाउन के अंदर हाथ डाले हम दोनो की वासना में खुद जलते हुए रस निकाल रही थी



"जाओ और उसे मेरे पास ले आओ"........उस क़िले में वो ख़ौफफनाक आवाज़ गूँज़ी और धीरे धीरे चरचराते हुए वो ताबूत खुलने लगा उस ताबूत से निकलते सैकड़ो पिशाच किसी रूह की तरह दीवार से आर पार हो गये.....राजा स्किवोच अपनी ख़ौफफनाक निगाहो से उन पिशाचो को रास्ते में चलते हुए देख रहा था उस ठंड कोहरे में वो लोग घुर्राते हुए पंजो के बल इंसानी बस्ती की ओर ही आ रहे थे.....चारो ओर खामोशिया थी और एक अज़ीब सा ख़ौफ़..जिससे बेख़बर मैं भी था चार्ल्स और खुद शीबा बाजी भी



कोई चीज़ बिल्कुल तैरते हुए बस्ती के करीब आ रही थी...घोड़े कुत्ते सभी जानवर ख़ौफ़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगे...अस्तबल के पास लेटे शक्स ने उठके घोड़े की बड़ी बड़ी आँखे और उसे बार बार सहँटे हुए पाया "अर्रे क्या हुआ तुझे? उफ़फ्फ़ हो ये सब क्या हो रहा है?".........चारो ओर के अस्तबलो में घोड़े ही ही आवाज़ निकाले सहमे जा रहे थे मानो जैसे कोई बला गाओं के आसपास मंडरा रही हो....बाहर के धुन्ध में कुछ कुछ आवाज़ें बस्ती के लगभग सभी लोगो को एक साथ सुनाई देने लगी....हावव हावव करते कुत्ते एकदम ज़ोरो से रोने लगे..



."उफ्फ हो इन्हें क्या हुआ है? ये इतना भौंक क्यूँ रहे है?"......एक आदमी अपने घर से निकलके बाहर आया उसकी बीवी खिड़की से उसे सड़क पे कुत्तो को भगाते देख रही थी.....इतने में धुन्ध में कुछ लोग उस आदमी को दिखते है....जो अज़ीब सी राइज़ माली सी वेश भूषा में करीब करीब हवा में तैरते हुए उसके करीब आ रहे थे...धुन्ध के सॉफ होते ही जब उन चेहरो की ओर उस आदमी की निगाह पड़ी तो वो चिल्ला उठा..लेकिन इससे पहले वो कुछ और कह पाता....उस पिशाच ने आके उसकी गर्दन को कस के जकड़ते हुए उसे काट खाया आआआआआआआहह...उस चीख को सुन उसकी बीवी भी चिल्ला उठी...बचाओ बचाओ....बस्ती में अज़ीबो ग़रीब चीखो को सुन चार्ल्स उठ बैठा...



.इधर नींद को तोड़ते हुए मैं भी चार्ल्स की ओर देखने लगा....लूसी को गंध महसूस होते ही उसने ख़ौफ़ भरी निगाहो से कहा "वो सब आ गये है मालकिन को लेने".........



मैने शीबा बाजी को मोटा कंबल ओढ़ा दिया



और चार्ल्स के संग दरवाजे के करीब आया धड़ध धड़धह...कोई बहुत ज़ोरो से दरवाजा पीट रहा था..."मालिक मालिक"..........



चार्ल्स ने दरवाजा आधा खोला "क्या हो रहा है?? बस्ती में ये शोर कैसा?".........चार्ल्स ने उस शक्स से पूछा 



"मालिकक्क शैतान का प्रकोप आ गया है पिशाचो ने हम इंसानो पे हमला कर दिया है हम सब मारें जाएँगे मालिक हम सब".......



.चार्ल्स ने देखा कि कुछ पिशाचो का दल उसके करीब आ रहा था..मैं एकदम ठिठक सा गया....चार्ल्स ने फ़ौरन गोली उनपे दाग दी....लेकिन हर गोली उनके सीने से आरपार निकल गयी वो लोग घुर्राते हुए चार्ल्स के करीब आने लगे "चार्ल्स दरवाजा बंद कर दो"..........जो शक्स चार्ल्स को बोलने आय था वो खुद जान बचाने की परवाह में भाग गया..."चार्ल्स ये देखो"........चार्ल्स ने खिड़की से घर के पीछे की ओर देखा....पूरे घर को इन पिशाचो ने घैर लिया था.....



"डरो नही ये अंदर नही आ पाएँगे"........धम्म्म चार्ल्स ने अभी कहा ही था कि इतने में कोई आवाज़ बंगले के उपर से आई जो चिम्नी के रास्ते से नीचे उतर रही थी



चार्ल्स ने मुझे बाजी की देख रेख के लिए पीछे कर दिया....लूसी अपने ज़ंजीर को तोड़ने लगी....तभी एक हाथ दीवार को फाड़के अंदर आ गया..."चार्ल्स".....



चार्ल्स ने फ़ौरन पास रखे क्रॉस को उस हाथ में घुसा दिया...एकबेहद घूंटति दोहरी आवाज़ बाहर से आई और वो हाथ सॅट से बाहर हो गया....चिम्नी बुझ चुकी थी....चार्ल्स ने फ़ौरन शराब की एक बोतल आग की लपटों पे डाली और उसे सुलगा दिया.....उसकी तेज़ आग से ही चिम्नी से कोइचीज़ बड़े ही तेज़ी से उपर की ओर आई...फिर छत पे.."आआहह".......एक बड़ी दाहड़ती चीख निकली और वो पिशाच छत की टाइल्स से गिरते हुए सीधे खींची लकीर पे गिर पड़ा...मैने सॉफ देखा उसका आधा बदन जल गया...



"हम यहाँ ज़्यादा देर तक महफूज़ नही रहेंगे इन पिशाचो से".........मैने चार्ल्स की ओर देखा..."एक ही रास्ता है फिर तुम लोग फ़ौरन यहाँ से भाग जाओ कहीं दूर...




"ये आसान नही सस्स तुम लोग राजा की ताक़त को नही जानते"..........लूसी अपने पिशाची रूप में आके चार्ल्स की ओर फूँकार मारते हुए बोली उसके चेहरे का ख़ौफ़ सॉफ हमे दिख रहा था....पर मुझे शीबा बाजी को किसी भी हाल में राजा से महफूज़ रखना था....
Reply
01-19-2019, 07:25 PM,
#25
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
"एक रास्ता है इन पिशाचो से बचने का".......लूसी की बातों को सुनके चार्ल्स उसकी ओर गौर से देखने लगा....जल्द ही पिशाचो की आँखो के सामने दरवाजे से बाहर निकलते हुए कंबल ओढ़े दो शक्स घोड़े पे सवार होके भागने लगे....जो पिशाच इंसानो का खून पी रहे थे वो उस ओर देखने लगे....और कुछ पिशाच उनके पीछे दौड़ने लगे....घोड़ा काफ़ी तेज़ था वो ही ही शब्द निकाले डर रहा था....तेज़ दौड़ रहा था....जंगल के रास्ते से वो जंगल के अंदर तक जा रहे थे....तभी कंबल को उतारे चार्ल्स ने पीछे देखा और अपने पास आए पिशाच को अपनी नंगी तलवार से काट डाला

घोड़े से लूसी भी कंबल फैक के उतार चुकी थी....और वो उन पिशाचो के उपर मानो जैसे टूट पड़ी....ये सब एक तरक़ीब थी मुझे और शीबा बाजी को महफूज़ रखने के लिए.....इधर हम बंगले में छुपे हुए थे...लेकिन पिशाच बाहर मारे हुए उन इंसानो की लाषो से खून पी रहे थे उन लोगो की मौत का कहीं न कहीं ज़िम्मेदार मैं ही था....मेरी आँखो में आँसू घुल गये....इन पिशाचो का उत्पात इतना ज़्यादा था उधर चार्ल्स ने भी अपनी जान पर खेलके हमे बचाया था और लूसी भी लड़ रही थी....तभी मुझे महसूस हुआ जैसे किसी घोड़े की आहट सुनाई दी

और वो घोड़ा उन लाषो के उपर से चलता हुआ हमारे बंगले की ओर रुका..जो पिशाच लाषो का खून पी रहे थे उन्होने उसे घैर लिया...और फिर वो बड़े बड़े जुतो से नीचे उतरा और उसके भारी कदम हमारे बंगले के करीब आने लगे....उसके चेहरे को देखते ही ख़ौफ़ मेरे चेहरे पे आ गया ये कोई और नही राजा स्किवोच ड्रॅक्यूला था...."ससस्स मेरि जानणन्न् बाहर आअऊओ".......

शीबा बाजी ख़ौफ़ से मेरी ओर देखने लगी 

"बाजी आप कहाँ जा रही हो?".........बाजी के हाथ को मैने रोकते हुए कहा..

"तुम नही जानते अगर मैं नही गयी तो वो शैतान तुम्हें जान से मार देगा जो ग़लती मैने की है उसकी सज़ा मुझे भुगतने दो"........

"बाजी दिमाग़ तो नही खराब हो गया आपका मैं आपको कहीं नही जाने दूँगा कही न्नहि".........मैने बाजी को सख्ती से पकड़ लिया बाजी ने मुझे दूर धकेल दिया...इतने में एक एक चौखट पे कदम रखते हुए ड्रॅक्यूला कमरे के अंदर प्रवेश कर चुका था

क..क्या इस्पे पवित्र जल का असर क्यूँ नही हुआ?....

"हा हा हा खुदा का कोई बंधन मुझे नही रोक सकता चली आओ मेरे पास"......उसने अपने नुकीले दाँत और सफेद निगाहो से बाजी की ओर हिंसा भरी निगाहो से कहा....

बाजी उसके निगाहो में देखते हुए आगे बढ़ने लगी....लेकिन इससे पहले कुछ हो पाता...मैने पास रखी जीसस के क्रॉस को उठाके सीधे उस बेजान ड्रॅक्यूला के जिस्म में गाढ दिया...खचह.....आहहह वो इतनी ज़ोर से दहाड़ा कि हवा का एक झोका पूरे कमरे में फैल गया

और बाजी एकदम से मुझे और ड्रॅक्यूला के दर्द भरे सफेद निगाहो की ओर देखने लगी...

."कम्बख़्त इंसांन्न आअहह"......उसकी दोहरी आवाज़ के साथ उसने उस क्रॉस को अपने ज़ख़्म से बाहर खीचा उसके ज़ख़्म से धुआ उठ रहा था..."सस्सह आहह"....उसने ज़्यादा देरी भी नही की और बाजी को हाथो से उन्हें अपनी ओर खींचा..बाजी भी पिशाच बन चुकी थी और उन्होने फ़ौरन उसपे नाख़ून का वार किया उसके चेहरे के पे तीन खरॉच बन गये....

वो मुस्कुराया "हा हा हा तुम अपने पति पे अब हमला करोगी".........

"अगर मेरे भाई के लिए मुझे तुमसे भी बड़े शैतान से लड़ना पड़े तो मुझे मंज़ूर है...तुम जैसे धोखेबाज़ आदमी पे मुझे कभी भरोसा करना ही नही चाहिए था तुम्हारी असलियत अब मेरे सामने है".........

.हा हा हा हा हा बाजी की बातों को काटते हुए वो बहुत ज़ोर से ठहाका लगाने लगा उसकी एक एक हँसी मेरे दिल को धध्काये जा रही थी...बाजी मेरे बचाव के लिए उसके सामने खड़ी थी उसने फ़ौरन बाजी की निगाहो में कुछ देखा और तभी बाजी अपने आप बदहवास होने लगी..."बाजी"...किसी अनचाही शक्ति ने मुझे पीछे धकेल दिया....उसके कंधे पे मेरी बाजी थी....और वो उसे सीडियो से उतरते हुए ले जा रहा था मेरी आँखो के सामने से और जल्द ही उसने मेरी बाजी को घोड़े पे लादा और खुद घोड़े पे सवार होके जंगल के रास्ते मुड़ने लगा...अब उन पिशाचो ने मुझे घैर लिया था और अब मेरे ही करीब आने लगे

"बाजी या....आआआ".......मैं गुस्से में एक दहाड़ उठा...ड्रॅक्यूला मुस्कुराए घोड़े को तेज़ी से दौड़ाने लगा...कपड़े फॅट चुके थे हड्डिया ऐंठने लगी थी..और जल्द ही उन पिशाचो के सामने एक ख़ूँख़ार भेड़िया बनके मैं खड़ा था...उन पिशाचो ने मुझे हर जगह काटने की कोशिश की लेकिन भेड़िया ने उन सबके हाथ पाँव को उनके जिस्मो से अलग करके फ़ैक् दिया किसी की गर्दन को अपने दांतो से पकड़ के दूर फ़ैक् दिया....उधर चार्ल्स के उपर शैतानी पिशाच हावी हो चुका था...लूसी ने उसकी गर्दन पे अपने दाँत गढ़ा दिए....तब्तलक चार्ल्स ने उस पिशाच के पेट पे तलवार घुसा दी..वो दहाड़ता हुआ राख बनके गायब हो गया उसने लूसी को शुक्रिया भरी निगाहो से देखा..और फिर दोनो घोड़े पे सवार होके पिशाचो का अंत करके वापिस रास्ते की ओर लौटने लगे....जल्द ही उन्हें एक घोड़ा दूसरे रास्ते से घाटी की ओर जाते दिखा...लूसी सहम उठी....चार्ल्स भी बौखलाए वापिस बस्ती लौटा
Reply
01-19-2019, 07:25 PM,
#26
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
[i]भेड़िया ने उन पिशाचो को काट खाया था..उनका काम तमाम कर चुका था...."आसिफफ्फ़ आसिफफफ्फ़".....बहुत देर हो चुकी थी....भेड़िया बनके आसिफ़ जंगल की झाड़ियो से गुज़रता हुआ दूर जा चुका था..."अगर वो उसे महल ले गया तो आसिफ़ की बेहन को बचाया नही जा पाएगा"..........लूसी ने चार्ल्स की ओर देखते हुए कहा...

.बस्ती में खामोशी छाई हुई थी सब डरे सहमे घरो में बंद हो चुके थे जो पिशाच वहाँ मौज़ूद थे वहाँ सिर्फ़ उनकी कटी हुई लाशें थी....जंगल के रास्ते भागता हुआ घोड़े पे चाबुक बरसाए राजा बहुत तेज़ी से भाग रहा था...इतने में उसे गंध महसूस हुई और ठीक उसके करीब भी भेड़िया दौड़ रहा था...."नही"......

भेड़िया ड्रॅक्यूला पे झपट पड़ा और घोड़ा सहित तीनो ज़मीन पे लूड़कते हुए गिर पड़े....."सस्सस्स आअहह".......ड्रॅक्यूला वापिस खड़ा होके फुक्कार्ते हुए भेड़िए की ओर देखने लगा...भेड़िया भी उसके करीब ही खड़ा था और वो भी दहाड़ रहा था उसके नुकीले दाँत ड्रॅक्यूला पे हमले के लिए मानो बेताब थे

"हा हा हा तुम हममे से एक हो तुम्हारा वजूद हमारे बीच है मुझे मेरा प्रण पूरा करने दो उसके बाद मैं हमेशा के लिए सबसे ताक़तवर हो जाउन्गा खुदा से भी बढ़कर इस दुनिया से भी बढ़कर लोग मेरे ही आगे अपना सर झुकाएँगे इंसानो पे हमारा राज होगा अगर तुम मेरे रास्ते में और मेरे आड़े आए तो तुम्हें जान से मार डालूँगा सोच लो".........ड्रॅक्यूला के उपर भेड़िया झपट चुका था

दोनो एक दूसरे पे जानवरों की तरह हमला करने लगे....जल्द ही एक नाख़ून भरा पंजा ड्रॅक्यूला के चेहरे को चीरता हुआ निकल गया ड्रॅक्यूला अपने गहरे ज़ख़्म पे दर्द से कराहते हुए हाथ रखता है....और जल्द ही भेड़िया की गर्दन को जकड़ने की कोशिश करता है...लेकिन भेड़िया उसकी ताक़त से ज़्यादा था इस बात का उसे मालूमत था....उसने ड्रॅक्यूला को गर्दन से जकड़ा और उसे घाटी की खाई में फ़ैक् दिया....ड्रॅक्यूला चिल्लाता हुआ करीब 120 फुट की गहरी अंधेरी खाई में गिरता चला गया..भेड़िया दहाड़ता हुआ खाई की गहराइयो में झाँकते हुए पीछे मुड़ा....


शीबा बाजी उठ चुकी थी अचानक से उनपे फिर पिशाचो का हमला हुआ पर इस बार उन्होने खुद उन पिशाचो को गले से उन्हें अलग कर डाला और एक पिशाच के गले में अपने दाँत गढ़ा दिए...वो पिशाच दहाड़ता हुआ रहेम की भीक माँगने लगा...लेकिन शीबा बाजी ने उसका भी काम तमाम कर दिया....नदी के किनारे से ड्रॅक्यूला गीला बाहर निकल आया उसका पूरा जिस्म ठंडे पानी से भीगा हुआ था..वो चीखता चिल्लाता हुआ बस उँची पहाड़ी की ओर देख रहा था और फिर तेज़ कदमो से वहाँ से चलता हुआ साया बनके उड़ गया


मैं वापिस अपने इंसानी रूप में तब्दील हो गया था...बाजी ने मेरे चेहरे को हाथो में लिया अभी हमारे होंठ एक दूसरे से मिले ही थे...कि चार्ल्स और लूसी घोड़े से उतरते हुए पास आए "तुम दोनो ठीक हो?"........

हम दोनो ने मुस्कुरा के गंभीर होके कहा..."वो ज़रूर अपनी हार ख़ाके नही बैठेगा ज़रूर फिर हमला करेगा"......

.चार्ल्स ने गहरी सोच सोचते हुए कहा...."तो उसे हमेशा के लिए ख़तम क्यूँ नही कर देते हम?".......

मैने गुस्से में कहा...क्या ये इतना आसान है

"एक रास्ता है अब लेकिन मुस्किल".......चार्ल्स की बात को सुनके हम तीनो उसकी ओर देखने लगे..

."पिशाच खुद को धूप के सिवाय कहीं नही बाहर निकालता अगर सूरज की रोशनी उनपे पड़ेगी तो वो लोग जल जाएँगे और और उनकी आत्मा इस दुनिया से रुखसत हो जाएगी".....

.उसकी बातों में दम था पर ये ख़तरनाक था
[/i]
Reply
01-19-2019, 07:25 PM,
#27
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
[i]मैने शीबा बाजी की ओर देखा और वो मेरी ओर फ़िकरमंद निगाहो से देख रही थी...."यही एक रास्ता है बाजी".......
[/i]


"पर तुम वापिस आसानी से लौट नही सकते मालिक तुम्हें मारने का एक मौका भी नही".......





.मैने लूसी की ओर गरज के कहा "ये ज़रूरी है बस्तीवालो के लिए मेरी बाजी के लिए उस शैतान के लोगो का मरना ज़रूरी है और उस शैतान का भी"........लूसी चुपचाप हो गयी 



"तो फिर यही तय रहा सुबह होने वाली है हम यहाँ और इंतेज़ार नही करेंगे उनकी लाशें इस वक़्त सोई हुई पाई जाएँगी उन्हें फ़ौरन जला डालेंगे हमारे पास सिर्फ़ एक पूरा दिन है और अंधेरा होते ही वो शैतान अपनी क़ब्रों से बाहर अगर आ गये तो उन्हें संभालना मुस्किल हो जाएगा".........चार्ल्स ने ख़ौफ़ खाते हुए हिदायत दी......



जल्द ही हमारी कठोर नज़रें एक दूसरे से मिली....और हम सूरज निकलते निकलते ही घाटी की उस तरफ के लिए रवाना हो गये..हमारे घोड़े ने जैसे ही पहाड़ी को क्रॉस किया....जल्द ही हम उसी सुनसान क़िले के सामने आने लगे...उस जैसे मनहूस खौफनाक क़िले को देखते ही जैसे रोंगटे खड़े हो जाते थे....घोड़ो के तेज़ कदम पूरी वादियो में गूँज़ रहे थे...ही ही करते हुए घोड़े आधे दूर में ही खड़े हो गये और आगे नही बढ़ पाए



"हमे यही उतरना होगा".....चार्ल्स ने हिदायत दी....



मैं और चार्ल्स धीरे धीरे क़िले के पास आए....."इसके अंदर भी क़ब्र हो सकती है".....मैने जवाब मे कहा...





"नही राजा स्किवोच के मुलाज़िम पिशाचो की लाशें बाहर की क़बरो में दफनाई गयी थी जहाँ जिस इंसान को दफ़नाया गया है वो वही आते है....रही बात राजा की उसकी क़बर किसी ताबूत में बंद होगी किसी अंधेरे तहख़ाने में"......



मैने पूरी बात सुनते हुए हामी भरी.."एक काम करते है आप उन लाशो को खोदिए मैं ड्रॅक्यूला की लाश को ढूंढूंगा".......



"ये बहुत जोखिम भरा है बात समझने की कोशिश करो"........



"ये ज़रूरी है"........मैने चार्ल्स की बात को काट के उसे हौसला दिया



मैं द्वार को आधा खोलके उसके अंदर जाने लगा...चार्ल्स कब्रिस्तान की तरफ बढ़ा....और उसने जल्दी जल्दी क़ब्रों को खोदना शुरू कर डाला...



उस खंडहर में एक अज़ीब सी घुटन महसूस हो रही थी मानो जैसे मौत एक और ज़िंदगी का गला घोटने के लिए तय्यार थी....चार्ल्स ने मुझे जो तलवार दी थी उस पवित्र तलवार को मैं हवा में फिराते हुए चारो ओर घूम के चौक्कना देखने लगा.....इतने में अंधेरे में कुछ आवाज़ आई...मैने फ़ौरन उस दरवाजे को लात मारके खोला और अंदर आया.....एक अज़ीब सी चीख मुझे महसूस हुई और इससे पहले कि वो पिशाच मुझपे अंधेरे में ही हमला कर पाता...मेरी तलवार उसके तैरते जिस्म के आर पार हो गयी और उसका जिस्म जलकर खाक हो गया...मैने अपने कलेजे को कस्स्के पकड़ लिया था..



चार्ल्स ने उन ताबूतो को बाहर खींचा और उन्हे खोल डाला उसमें से एकदम गंदी महेक से सड़ती लाषो को देख कर उसे उल्टिया आने लगी..उसने अपने मुँह पे हाथ रखा और दूसरी क़ब्र को खोलने के लिए चला गया.....धीरे धीरे उसने सारे क़ब्रो को जैसे तैसे खोदके उन्हे ताबूत से बाहर निकाला और उनके अंदर क़ैद लाषो को खोला...बदल गरजने लगे "अये खुदा इस मौसम को भी आज बिगड़ना था."....सूरज धीरे धीरे छुपने लगा और बादल घिरने लगे....बाहर की गड़गड़ाहट को सुन मैं चौक्कना होके बाहर आया तो मौसम की तब्दीलियत को देख चारो ओर दौड़ते हुए राजा के कमरे को तलाशने लगा....अचानक मुझे किसी की आहट महसूस हुई कोई इस ओर से उस ओर गया...इससे पहले मैं कुछ समझ पाता किसी ने मुझे एक तेज़ धक्का दिया मैं चर्वी खुली मंज़िल से बाहर गिरने ही वाला था मैने खुद को किसी तरह संभाला और चारो ओर देखने लगा...वहाँ कोई खड़ा नही था...इतनें मे मुझे महसूस हुआ कि गाउन पहनी एक पिशाचनी मुझे ऊपर से घूर रही थी उसकी भयंकर निगाहो को देख कर फ़ौरन मैने तलवार हाथो में ले ली और उसके मुझपे हावी होने से पहले ही उसका सर कलम कर दिया...उसकी खोपड़ी 4वी मंज़िल से नीचे गिरके राख बन गयी



चार्ल्स ने उन सभी लाषो को बाहर खींचके निकाल लिया था और उनपे पवित्र पानी चिढ़कने लगा...वो लाशें अपने आप जलने लगी....उनकी चीख को सुनके चार्ल्स सहमता हुआ पीछे हो गया...इधर मैं चारो ओर घूमता हुआ खंडहर को जाँच चुका था...."लगता है जैसे पिशाच कहीं छुप गये हैं"........आगे कदम रखते ही एक के बाद एक पिशाच जो बंद गुफाओ में छुपे थे खून की महेक से मेरी ओर बढ़ने लगे...चमगादड़ो की तरह छुपे उन शैतानो ने मुझपे हमला किया....लेकिन मेरी तेज़ धार तलवार उनकी गर्दानो को छू चुकी थी....एक के बाद एक हमलो के बाद उन शैतानो का आख़िर अंत हो ही गया....मैं ख़ौफ़ से एकदम घबरा चुका था....तभी मुझे याद आया कि राजा स्किवोच का असल ताबूत कहाँ है?"....इस क़िले में एक कमरा था जहाँ वो बाजी के साथ रहता था उस कमरे एक ताबूत था..मैं उस कमरे की ओर आया और अपनी मशाल जलाई





अंदर काफ़ी धूल और मिट्टी जमी हुई थी...मानो जैसे रात को ये सब बदलके एकदम शीश महल बन जाता हो..और अब देखने में किसी जर्जर इमारत से कम नही था...मैने उस क़बर को जल्दी से खिसकाना शुरू किया....लेकिन मैं ठिठक गया क्यूंकी अंदर कोई लाश नही थी....मैं उल्टे पाओ दौड़ते हुए बाहर निकला....सीडियो से नीचे उतरते हुए नीचे आया...और बरामदे से मुझे चार्ल्स दिखा..."चार्ल्स मैने सभी पिशाचो को मार दिया है...लेकिन अभी भी उस शैतान राजा की लाश मुझे नही मिली वो ज़रूर तहख़ाने में है मैं वही जा रहा हूँ".........



"ऐसा मत करना वहाँ बहुत ख़तरा होगा मैं भी तुम्हारे साथ आता हूँ".........



"नही जिस रानी के लिए पिशाच हर रोज़ आधी चाँद में अपनी दुल्हन की बलि देता है वो लाश उसी क़बर के आस पास है उसकी लाश को ढुंढ़ो और जला दो"......



."मुझे ऐसा लगता है कि ये मुस्किल है मौसम बिगड़ रहा है ठीक मैं जल्दी करने की कोशिश करता हूँ उसे ढूँढ कर जला दूँगा".......



."ठीक है"........मैं वापिस सीडियो से नीचे उतर चुका था


[i]मौसम को बिगड़ते देख चार्ल्स वापिस कब्रिस्तान के अंदर दाखिल हुआ चारो ओर खामोशी छाई हुई थी....हो हो करती हवाओं का शोर तेज़ होने लगा....और ठीक उसी पल चार्ल्स से दूर एक पुरानी सी क़बर अपने आप खिसकने लगी....चार्ल्स की निगाह मौसम की ओर हुई...."ये अच्छा पैगाम नही है ईश्वर बता रहा है कि हम ख़तरे में है अये ईश्वर आसिफ़ को महफूज़ रखना उन शैतानी बलाओ से".....[/i]
Reply
01-19-2019, 07:26 PM,
#28
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
मैं धीरे धीरे सीडियो से नीचे तहख़ाने में आया...चारो ओर एक अज़ीब सी बदबू छाई हुई थी.....मैने माशालो में आग लगाई जो दीवार में फासी हुई थी वो जली नही मैं मशाल लिए नीचे उतरा अचानक देखता हूँ एक क़बर बंद पड़ी है उसपे धूल मिट्टी जमी हुई है....मुझे उसी रात याद आया कि किस तरह पिशाच अपने रानी को लिए इस तहख़ाने में दाखिल हुआ था

मेरा पूरा बदन सिहर उठा...मैने जल्दी से पास जाके उस क़बर को खिसकाने की कोशिश की पूरी ताक़त लगाई और मैने उस क़बर को खोल डाला और तभी एक हाथ एकदम से बाहर निकला वो हाथ किसी इंसान का नही था....

.चार्ल्स के पाँव को अचानक किसी हाथ ने पकड़ लिया...."आहह"......चार्ल्स चिल्लाके गिर पड़ा....उसके उपर हावी होती वो पिशाच उसके करीब आने लगी उसकी गर्दन पे उसकी निगाहें थी.."ब..चाओ नहियिइ नहिी".......चार्ल्स ने क्रॉस को निकालना चाहा पर उसे पिशाच ने बहुत कस्स्के जकड़ा हुआ था.....और ठीक उसी पल वो दाँत उसके चेहरे के एकदम करीब बढ़ने लगे......और ठीक तभी उसे बला को जकड़ते हुए शीबा ने दूसरी ओर फ़ैक् डाला चार्ल्स शीबा को देख कर हड़बड़ा उठा

शीबा उसे अपनी खौफनाक भरी निगाहो से देख रही थी...वो पिसाच उसे ही घूर्र रहा था और दोनो एक दूसरे पे जैसे हावी हो गये...चार्ल्स घबराए हुए उनकी ओर देख रह था....शीबा ने उसकी गर्दन पे दाँत गढ़ा दिए और उसकी गर्दन को मरोड़ डाला....वो पिशाच तड़प्ते हुए ज़मीन पे गिर पड़ा..चार्ल्स ने उसकी छाती पे क्रॉस गाढ दिया.....वो चिल्ला उठी और उसके बाद राख बनके गायब 

चार्ल्स : तुमने मेरी जान बचाई उसका शुक्रिया

शीबा : आसिफ़ कहाँ है?

चार्ल्स : वो तहखानो में गया है ड्रॅक्यूला की लाश को ढूँढने

शीबा : क..क्या? आपने उसे अकेले क्यूँ भेजा???

चार्ल्स : वो माना नही 

शीबा की निगाहें भारी होने लगी और वो तेज़ी से क़िले की ओर भागने लगी....चार्ल्स चिल्लाता रह गया पर वो नही रुकी..

.धीरे धीरे उस तहख़ाने से निकलता एक जिस्म ठहाका लगाते हुए बाहर निकाला....आसिफ़ एकदम घबरा गया वो पिशाचनी कोई और नही राजा की बीवी रानी क्रिसटीना थी....जो खून की महेक को सूंघते हुए अपने सामने खड़े आसिफ़ की ओर देखने लगी...

"वही ठहर जाओ तुम नापाक शैतान वरना तुम्हारी गर्दन को सर से अलग कर दूँगा"........आसिफ़ ने उसे ललकारा...

लेकिन वो पिशाचनी धीरे धीरे क़बर से उतरते हुए उसकी ओर आने लगी..."हा हा हा हा शिकार खुद यहाँ चलके आया है और अब तुम्हें अहसास होगा मौत के कहेर का".......


दीवार के उपर के माले पे घूम रहे राजा स्किवोच ने मेरी ओर देख कर ठहाका लगाते हुए कहा...."मेरे पास आओ मेरे करीब"......वो शैतान बेहद मेरे करीब था....अब धीरे उसका चेहरा मेरी गर्दन के करीब आने लगा...कोई चीज़ मुझे उसकी तरफ खींचें जा रही थी....मेरे हाथ बार बार तलवार को नीचे किए जा रहे थे

और ठीक उसी पल ड्रॅक्यूला मुस्कुराने लगा.....इतने मे एक आवाज़ मुझे अपने कानो में पड़ी "रुक्क जाऊओ"........शीबा बाजी की आवाज़ को सुन मैं काँप उठा और इतने मे उस पिशाचनी ने मुझपे अभी हमला करा ही था...कि इतने में मेरी तलवार उसके पेट के आर पार होती चली गयी.... 

"आहह उघह"......."क्रिस्ट्टिन्नॅयायया".........दहाड़ उठा राजा स्किवोच

और ठीक तलवार को आर पार करते हुए एक ही झटके में उसे बाहर खींचा क्रिसटीना अपने ज़ख़्म पे हाथ रखके ज़मीन पे गिरने को हो गयी और उसे ड्रॅक्यूला ने उसी पल बाहों में समा लिया..."ओह्ह क्रिस्टीना न्हीई नहिी मुझी तुम छोड़के नही जा सकती क्रस्टिना क्र्स्टिना".....और गूँज़ उठी कान के पर्दो को फाड़ देने वाली वो दहाड़...जिसे सुनके चार्ल्स भी क़िले की ओर देखने लगा ख़ौफ़ से.....तूफान काला बादल बनके पूरे क़िले को घेर चुका था....क्रिसटीना की लाश राख बनके ड्रॅक्यूला के हाथो से गिरती चली गयी....लेकिन इस बार उसकी नज़रों मे हिंसा थी और वो बहुत ही तेज़ी से फुकार मारते हुए मेरी ओर दहाड़ उठा....पूरा क़िला मानो काँपने लगा.."तुमने मुझसे प्यार छीन लिया मैं तुम दोनो मार डालूँगा"........राजा हमारी ओर आने लगा...शीबा बाजी की गर्दन उसके हाथो में जकड़ी जा चुकी थी...उसकी खौफनाक आखे शीबा बाजी की ओर गढ़ सी चुकी थी
Reply
01-19-2019, 07:26 PM,
#29
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
मैने फ़ौरन बाजी की गर्दन पे जकड़े उन हाथो पे तलवार चला दी….और ठीक उसी पल हाथ कट के नीचे गिर पड़े….दहाड़ते हुए वो शातान पीछे होने लगा…..बाहर का तूफान थमने का नाम नही ले रहा था चारों ओर एक गहरा अंधेरा सा छाया हुआ था…

.और ठीक उसी वक़्त मशाल लिए बस्ती का हर आदमी क़िले की तरफ बढ़ने लगा….चार्ल्स ने उन्हें रोका लोगो के दिलो में गुस्सा फैल चुका था और अब वो मिलके उस खंडहर को आग लगाने वाले थे….चारो ओर की हवाओं में एक अज़ीब सा ख़ौफ़ था

ड्रॅक्यूला दहाड़ते हुए किसी जानवर की तरह शीबा बाजी और मेरे पीछे दौड़ पड़ा…मैं शीबा बाजी का हाथ पकड़े सीडियो से उपर आके तहख़ाने का दरवाजा जैसे ही बंद करने को हुआ इतनी देर में दरवाजा अपने आप खुल गया….

”तुम लोग यहाँ से ज़िंदा नही जाने वाले”….एक बेहद दोहरी आवाज़ हमारे कानो के पर्दे को फाड़ने को हो गयी

शीबा बाजी ने चिल्लाया कि मैं वहाँ से भाग जाउ पर मैं उन्हें राजा के करीब आने से रोक रहा था….तभी बादल की गरजते हुए बिजलिया शीशे को तोड़ते हुए अंदर दाखिल हुई ठहाका लगाते हुए वो राजा बेहद करीब आने लगा उसके नुकीले दाँत मेरी ओर ही बढ़ने लगे...लेकिन उसी पल लूसी उनके सामने खड़ी हुई थी 

और मेरी उसी पल चीख निकली “लूसी”……उस शैतान की निगाहें लूसी की ओर थी और उसे अपने सम्मोहन में खीचते हुए उसने अपने दाँत उसकी गर्दन पे गाढ दिए थे…उग्घ्ह लूसी की सिर्फ़ इतनी सी आहह निकली उसकी आवाज़ उसके गले में घुट के रह गयी…राजा के दाँतों से निकाला पुर्ज़ ज़हेर उसके मृत शरीर में जाने लगा….फिर उसका खून बहने लगा..बाजी ने मुझे कस्के पकड़ लिया था मैं बस छटपटाया और बेबसी में रोए जा रहा था

और जब उसने लूसी को अपनी गिरफ़्त से छोड़ा तो उसका बेजान जिस्म ज़मीन पे गिर पड़ा…मैने उसे जगाया लूसी कराह रही थी “आहह उग्घह मार दो मुझे आसिफ्फ म..मेरे अंदर..र्र शैत्तान्नू का ज़हेर आ गया..आया हाईईइ शा..यद ये साथ कुछ पॅलो का ही सही लेकिन मैं अपने निर्दयी हाथो से तुम्हें जान से नही मार सकती आहह मुझे..ही मांफ करना”……

मैं चुपचाप बस आँखो में आँसू लिए उन पलों को याद करने लगा जब मुझे लूसी मिली थी शायद वो अपनापन दोस्ती से बढ़के था….उसकी वजह से आज मैं और बाजी एक हो सके…मैने अपनी आँखो को बंद करके उसके सीने में तलवार घुसा डाली..उसकी एक चीख निकली और उसके बाद उसका जिस्म जलता हुआ कोयले की तरह राख में तब्दील हो गया…

चार्ल्स और गाओं वाले अंदर दाखिल हुए क़िले को आग लगा चुके थे…”फ़ौरान चले आओ आसिफ्फ एशा”….उसकी आवाज़ को सुन मैं जैसे ही पीछे मुड़ा शीबा बाजी को अपनी गिरफ़्त में लिए राजा बाहर की ओर उड़ने लगा…मैने अपनी तलवार को लिया और दौड़ते हुए उसी दिशा की ओर कुदा मेरी तलवार राजा के पाँव को छूते हुए निकल गयी…राजा मेरी ओर ठहाका लगाए हँसने लगा

“आहह आअहह य्ाआअ”……..एक बार और वो दहाड़ उठी…और इस बार मैं अपने कपड़ों को फाड़ भेड़िए में तब्दील हो चुका था गाओं वाले ख़ौफ़ से बाहर की ओर भागे 

“ठहर जाओ उससे डरो नही”……..शापित भेड़िया दीवारो पे चढ़ता हुआ ड्रॅक्यूला को महल से निकलने से पहले ही उसके जुतो को पकड़ चुका था और उसकी टाँगों को मज़बूती से पकड़े ज़मीन की ओर उसे गिरा दिया…राजा के बाजुओं से शीबा बाजी का बेहोश जिस्म छूट गया….और फुरती से भेड़िया उसे अपनी बाहों मे लेके फर्श पे कूद गया….बाजी बेहोश पड़ी थी जिसे उसने लिटा दिया….भेड़िया दहाड़ता हुआ ड्रॅक्यूला की गर्दन को जकड़े उसपे हावी हो चुका था

इस बार दो शैतान आपस में अंधाधुंध लड़ाई करने लगे….दोनो एक दूसरे पे पंजो का वार करने लगे…ड्रॅक्यूला भेड़िए को काटने की कोशिश करने लगा भेड़िया ने उसे दीवार में धसा दिया और उसे गर्दन से पकड़े फिर दूसरी ओर फ़ैक् डाला….ड्रॅक्यूला दर्द से कराहते हुए भेड़िए पे झपट पड़ा….इन शैतानों की लड़ाई का हर कोई गवाह था जो सामने दिख रहा था…दोनो आपस में काफ़ी देर तक लड़ाई करते रहे भेड़िए ने बेदर्दी से ड्रॅक्यूला की गर्दन पे दाँतों को गाढ दिया और उसे खींचता हुआ किसी लाश की तरह बाहर ले जाने लगा…हर कोई रास्ते से हट चुका था…क़िला ढहने लगा सब लोग भांगने को हुए

तब तक चार्ल्स भी बचते हुए शीबा बाजी को अपनी कंधे पे उठाए बाहर की ओर भागा….क़िले के अंदर रह गये दोनो शैतान….आपस में लड़ते हुए…डार्क्युला चीख रहा था चिल्ला रहा था दहाड़ रहा था….भेड़िया उसे छत पे ले आया….चारो ओर आग की लपटें जर्जर इमारत को गिरा रही थी बलाओ की चीख गूँज़ रही थी पूरे महल में

जल्द ही वो उमड़ा तूफान सॉफ होने लगा और सूरज फिरसे निकलने को हुआ…..”नही नहियीई”……..खुदा की वो रोशनी थी जो इस इब्लीस पे पड़ने वाली थी जिसके ख़ौफ़ से वो अपने चेहरे पे हाथ रखे हुए था ना जाने क्यूँ आसिफ़ को विश्वास था यकीन था कि एक ना एकदिन वो इस रास्ते पे ज़रूर भटक के वापिस लौटेगा जहाँ खुदा उसकी मदद करेगा उसने ड्रॅक्यूला को हवा में दूर फ़ैक् दिया और ठीक उसी पल सूरज की तेज़ रोशनी काले बदल के आर पारहोती हुई ड्रॅक्यूला के उपर पड़ी
Reply
01-19-2019, 07:26 PM,
#30
RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
नहियीईईईईई…एक तेज़ चीख निकली और ड्रॅक्यूला का शरीर धीरे धीरे धुए में तब्दील होने लगा और कुछ ही पलों में उसकी हड्डिया चटकने लगी और उसकी अबतक की जीवित लाश जल के राख होने लगी.…ड्रॅक्यूला अपनी बेदर्द मौत को महसूस करता हुआ मारा गया….और लाश की बजाय रह गया वहाँ चारो ओर एक काला निशान 

“हवववववववववववव”…….भेड़िए ने एक बहुत ज़ोर की आवाज़ निकाली और इस बार गाओं के सभी लोग उस दृश्य को देखने लगे…धूप की रोशनी में भेड़िए का जिस्म जलने लगा और जल्द ही उसके पूरे बदन से धुआ निकलने लगा और जल्द ही वो इंसान में तब्दील होता चला आया उसने फ़ौरन छलाँग लगा दी

और ठीक उसी पल वो ज़मीन पे कूदके गिर पड़ा…उसके पूरे जिस्म से धुआ निकलने लगा “आए खुदा इस बात का मैं पहला गवाह हूँ”…….चार्ल्स ने खुदा का शुक्रिया अदा किया और आसिफ़ की ओर देखा जो निढाल होके बदहवास उठ खड़ा हुआ….उसने आसमान की तरफ देखा और उस निकलते सूरज की आगे अपने हाथ फैलाए “या अल्लहह तूने मुझे मांफ किया है शायद ये तेरा ही करिश्मा था जो आज मुझे मेरी बाजी वापिस मिली और शायद मैं इस शाप से आज़ाद हो गया वरना मैं भी जलकर राख हो जाता मैं तेरे आगे अपने गुनाहो के लिए तेहदिल से मँफी माँगता हूँ”……आसिफ़ ने घुटनों के बल बैठके अपने हाथ सूरज की ओर उठाए और अपनी आँखे बंद कर ली उसकी मुस्कान में जीत की खुशी थी और खंडहर की जर्जर इमारत अपने आप एक एक करके ढहते हुए तबाह हो गयी

चार्ल्स जीत की खुशी में अपने आँसू पोछ रहा था ड्रॅक्यूला का अंत हो चुका था और उसके पिशाचो का भी गाओं वाले आसिफ़ को देख कर सहम उठे थे पर अब उनकी नज़रों में भी आसिफ़ किसी फरिश्ते से कम नही था उनके लिए शीबा जो कपड़ा ओढ़े हुए अपने भाई की जीत पे खुश हो रही थी आख़िरकार उसके भाई ने एक बार फिर अपनी बाजी को दोजख जाने से वापिस खींच लिया था

अगले दिन काफ़ी ज़ोरो से बरफबारी हुई थी....पिछली रात जब मैने राजा स्किवोच और उसके पिशाचो का ख़ात्मा किया उसी ही पल गाओं वालो की निगाहो में मैं किसी फरिश्ते से उन्हे कम ना लगा...आजतक उस बस्ती पे हो रहे ज़ुल्म का ख़ात्मा आज जाके हुआ...राजा स्किवोच उर्फ ड्रॅक्यूला का आतंक अब थम चुका था....और यही नही अल्लाह के फ़ज़ल से सूरज की रोशनी के बावजूद भी मैं बचा रहा...लेकिन मुझे महसूस हो सकता था कि मेरे अपने जिस्म से कुछ भारीपन मानो उतर सा गया था...शाप से मैं आज़ाद था...अब मैं कोई दरिन्दा बनने वाला नही था लिलिता का शाप टूट चुका था...शायद अल्लाह ने मुझे मांफ कर दिया था..पूरे रात जश्न मनाया गया था जिसमें मैं और बाजी शरीक हुए हालाँकि उनकी निगाहो में बाजी एक मात्र पिशाच बची हुई थी पर उन्हें ख़ौफ़ नही सताया कि वो उन्हें कोई नुकसान पहुचाएगी...रात कब कैसे ढली थी मालूम नही? पर वो चैन और खामोशी की रात थी काले साए इस इलाक़े से दूर दूर तक हट चुके थे...अब वो जंगल महेज़ सिर्फ़ एक जंगल ही लग रहा था खून पीते पिशाच और शैतानी भेड़ियों का आतंक ख़तम हो चुका था जिस बात का हरपल ये लोग फिकर किया करते थे...लेकिन अब उनके फरिश्ते को विदा लेनी थी मुझे अब बाजी के साथ एक नयी ज़िंदगी तलाशने अपने लिए जाना था

"हम तुम्हारा यह अहसान ज़िंदगी भर नही भूलेंगे".......चार्ल्स और बस्ती के लोग बरफ बारी के वक़्त सड़क पर खड़े हमे विदा करने आए थे...

"ऐसा नही है ये सब सिर्फ़ आपकी बदौलत हुआ".......मैने मुस्कुरा के चार्ल्स के हाथ पे हाथ रखा....

"तुम जिस नेक इरादे से आए थे वो तो ईश्वर की इच्छा से तुम्हें मिल गया तुम्हारी बाजी सच में ये मुहब्बत मौत से भी बढ़कर है खून के प्यास से भी बढ़कर जो एक दरिंदे को एक इंसान से यूँ जोड़ देता है"............चार्ल्स ने शीबा बाजी की ओर देखा जिन्होने मुस्कुरा के नज़रें झुका ली 

मैं : शायद लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि आपने और इन बस्तीवालो ने हमारी इतनी मदद की अब ना तो कोई साया इस बस्ती पे गुज़रेगा और ना ही कभी कोई क़बर से पिशाच निकलेगा बस दुख है कि कुछ अपनो को छोड़ने जा रहा हूँ कूछो को खोया सिर्फ़ अपनी बाजी को लेके ही यहाँ से जा रहा हूँ (दुख लूसी के लिए था जो मुझे बेहद याद आ रही थी इन्ही हाथो से मैने उसे ख़तम कर डाला था जिस बात का बेहद अफ़सोस था)
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,449,359 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,525 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,211,230 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 915,662 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,623,157 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,055,755 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,909,546 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,918,892 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,978,274 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,004 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)