Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
01-18-2019, 01:31 PM,
#11
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
भाभी: माँ बोल रहे थे अभी तुम?
मैं: माँ, तुम मेरी अपनी सगी माँ भी होती तो तुम्हे चोदता मैं। मैं अगर राहुल की जगह होता तो मैं तेरी दूसरी शादी नहीं करता बल्कि तुझे विधवा ही अपने घर ले जा के लंड पे चढ़ाये रखता। मैं चाहे अपनी बीवी को छोड़ देता पर तुझे नहीं छोड़ता माँ। खैर राहुल ने तुम्हे मुझे सौंप के मेरा जीवन बना दिया। मेरे उम्र के शायद ही किसी लड़के को ऐसे भड़काऊ बदन की औरत पे चढ़ना नसीब होगा।

भाभी: तुम इतने गंदे कब से हो गए। बहुत गन्दी-गन्दी बातें करते हो तुम सुनील|
मैं: माँ, तुम्हारे बदन का किया हुआ है सब|

भाभी: मुझे तो अब ऐसा लगता है तुमने मुझे कभी भाभी की नज़र से देखा ही नहीं, सूरज के रहते भी मुझमे तुम एक चुदने वाली औरत देखते थे। मेरे बदन के अलावा तुम्हे कुछ दीखता नहीं है। मुझे गाय बोलते हो जैसे मैं बस एक मांस की बनवाट हूँ बिना दिमाग की। जैसे गाय बस खाती और फिर दुही जाती है, तुम मुझे खिलाते हो और दिन भर चोदते हो!

मैं: माँ, तुम सच कह रही हो। मैं जानता हूँ की तुमने अच्छी पढाई की है और फिर तुम काम भी किया करती थी। पर मैं तुम्हे एक पालतू जानवर की तरह पालना चाहता हूँ। मैंने तुम्हारे बदन से शादी की है तुमसे नहीं। वैसे विधवा औरतों की शादी तो किसी तलाक़शुदा बूढ़े से हो जाती है तुम्हे तो हट्टा-कट्टा जवान मर्द मिला है जो तुम्हारे जिस्म की हर अकड़न तोड़ सकता है। भाभी के भरे जिस्म को आलिंगन में करके उनको चाटते हुए मैंने कहा की - तुम्हे मेरे ही जैसे मर्द की जरुरत है जो तुम्हारे जिस्म को रगड़ सके। माँ तुम्हे खुश होना चाहिए की राहुल ने तुम्हे किसी बूढ़े को नहीं बेचा। राहुल जो चाहता था वो मैं कर रहा हूँ - तुम्हारे बदन की हिफाजत।

भाभी: मुझे पता है तुम्हारा बस चले तो तुम मुझे गाय की तरह खूंटे में बाँध कर रख दोगे| कहीं भी नहीं जाने देते अकेले। मुझे जैसी खुद की दासी बना रखा है।

मैं: हाँ माँ, मैं नहीं चाहता की तुम अकेली बाहर निकलो। वो डिलीवरी बॉय का याद है न- वो नीचे तुम्हारे फेर में रुका हुआ था। तुम अगर अकेली बाहर निकलोगी तो बिना चुदी तुम वापस घर नहीं आ पाओगी। फिर ये दिल्ली है, किसी अमीर की आँख पड़ी तो वो तुम्हे जीवन भर के लिए घर में खूंटे से बाँध देगा। तुम्हारे बदन की औरतें छुप के ही रहें तो अच्छा है। रोहन भैया भी रीता को नहीं निकलने देते होंगे। मैं जब बात करने आया था तो मैंने रीता को देखा भी नहीं था। गदराई औरतें हमेशा घरों की चारदीवारी के अंदर रखी जातीं हैं ताकि वो पालतू रहें।

भाभी: छी! कितनी गन्दी सोच है तुम्हारी

मैं: अच्छा मेरी गन्दी सोच है! और तुम जो सूरज भैया को बेटा बुला के चुदवाती थी वो क्या सोच थी? (भाभी झेप गयीं)। एक दिन में तो फैली नहीं तुम, रात दिन भैया से चुदवाती थी तब क्या सोच थी तुम्हारी? मैंने तो तुमसे कोई जबरदस्ती नहीं की, न ही तुम्हारे भाई और तुम्हारे पिताजी ने, तुमने खुद ही तो मुझे अपना बदन दिया है वो कैसी सोच है?

भाभी: मैंने तुमसे शादी की है!
मैं: मैंने तुम्हारे बदन से शादी की है, माँ।

मैं अब उनको जोर-जोर से चोद रहा था। वो सीसियाने लगीं मैंने अभी रफ़्तार और बढ़ा दी। लम्बी पेलम-पेल के बाद मैं उनके बदन पे निढाल हो गया। पूरे एक महीने हो चुके थे भाभी के बदन को मथते हुए पर मेरी ऊर्जा बढ़ते ही जा रही थी।

खाना खा-कर मैं सो गया। सुबह मैं ऑफिस जाने लगा तो भाभी से बोलै की - माँ, आज तुम्हे बाजार ले जाऊँगा और नए घर की शॉपिंग करेंगे।

शाम में भाभी के साथ शॉपिंग की, ढेर सारा सामान लिया फिर भाभी lingerie शॉप पे भी गयीं और खुद के लिए 3 bras लिए और ब्लाउज के kapde। घर पहुंच के मैंने पूछा -
मैं: माँ, तुमने कुछ दिन पहले ही तो bras लिए थें फिर क्या जरुरत पड़ गयी
भाभी: सुनील बेटे, वो चुस्त हो गए हैं, पहने रहने में दिक्कत होती है
मैं: तो फिर मत पहनों न, दिखाओ मुझे (मैंने भाभी के साड़ी का पल्लू उतर दिया और उनके ब्लाउज के ऊपर हाथ रखते हुए दोनों स्तनों को एक-दुसरे से दबाया, वो एकदम सख्त थे एक दुसरे से दबे हुए। वैसे नए वाले का क्या साइज है, माँ?
भाभी: 50 "
मैं: मालती ने लगता है जम कर मसले हैं इन थनों को। एक महीने में ही 48 " से 50 " कर दिया। देखा माँ, तुम्हारे बेटे ने क्या कर दिया। तुम बस देखती जाओ, तुम्हारे बदन का मैं क्या करता हूँ। मैंने भाभी के स्तनों को पीछे से नंगा करते हुए मसलने लगा और कहा- वैसे माँ, मेरे प्यार की निशानी कैसी लगी तुम्हे?

भाभी: क्या चाहते हो तुम? क्यों मसल रहे हो इन्हे?
मैं: माँ, ये कितने बड़े हैं। मसलने से ये जवान और सख्त रहेंगे। किसी भी मर्द तो हिला सकते हैं ये थन आपके। ये 50 " वाले भी छोटे हो जाएंगे बेहतर है की आप इन्हे खुले रखो। मेरे से क्या शर्माना माँ!

फिर मैंने भाभी को बिस्तर पे पेट के बल लिटा के उनके थनों को पकड़े हुए उनके गांड को ठोकने लगा। क्या कसी औरत है तू माँ? तेरी गांड फाड़ूँगा मैं आज। भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं। (तभी गेट की बेल बजी, आभा थी गेट पर)

मैं और भाभी चरम पे पहुंचने ही वाले थे सो मैंने उनके गांड की ठुकाई जारी रखी, हम दोनों आवाज़ें भी निकाल रहे थे जो शायद गेट तक सुनाई दे सकती थी पर दोनों के दोनों होश में नहीं थे। कुछ देर में मैं झड़ गया। भाभी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगीं और मैं अपने। 2 मिनट रुक-कर मैंने गेट खोल दिया और बोला वो माँ जरा कपड़े बदल रहीं थीं। मैंने तब केवल हाफ- पैंट और टी-शर्ट पहन रखा था और भाभी ने उतेज्जक nighty डाली थी। आभा ने पहले मेरी तरफ देखा फिर भाभी की तरफ और बोली माँ जी इतना समय लग गया nighty डालने में। भैया की मदद ले लेतीं। और वो मेरी तरफ देख के मुस्काई। (शायद उसे हमारी आवाज़ें सुनाई दे गयीं थीं)

मैं चुपचाप अपने कमरे में चला गया । आभा भाभी के साथ किचन में आ गयी और बोली मुझे पता है की आप दोनों क्या कर रहे थे। आपकी आवाज़ें आ रहीं थीं। पर एक दुसरे को चोदते हुए भी आप दोनों एक दुसरे को माँ-बेटे बुला रहे थे। चुदाई में मज़े के लिए, हाँ!

रोहन भैया ने भी अपने गाँव से एक बड़े उम्र की आपके जैसी गदराई औरत को लाकर साथ रखा है। इसके पहले वाले किरायदार को माँ-बेटे बताकर रहते थे दोनों, घर में दिन भर एक दुसरे से चिपके। आप दोनों को पति-पत्नी बताया है। आपको भी भैया ने गाँव से चोदने के लिए लाया है न!

भाभी को पता था की उसे सब पता चल गया था। सो वो धीरे से बोलीं- तुम्हे मैं सब बता दूंगी पर तुम किसी को मत बताना। दरअसल मैं और सुनील पति-पत्नी हैं। मैं उसके बड़े भाई की बीवी थी। उनके देहांत के बाद हमारी शादी हो गयी। हमारे उम्र के अंतर की वजह से लोग शक न करें इसलिए हम माँ बेटे बताकर रहते हैं। आपस में माँ-बेटा एक दुसरे को तो सिर्फ सेक्स में उत्तेजना के लिए बोलते हैं।

आभा: कोई मज़बूरी रही होगी जो आपके मायके वालों ने आपकी शादी आपके देवर से ही करवा दी। आपने भी कम उम्र के लड़के से चुदने के लिए हामी भर दी, हाँ!

भाभी: लगता है वही गलती कर दी। छुप करके रहना पड़ता है! किसी को बता नहीं सकते की हम पति-पत्नी हैं, पर छुपा भी नहीं सकते क्यूंकि ये बात पता भी चल जायेगी। वैसे रीताजी उनकी बीवी हैं न?

आभा: नहीं दीदी (वैसे मैं आपको माँ जी बुलाया करुँगी!)। रीता रोहन भैया के गाँव की चाची लगेंगी। उनके मर्द ने रोहन भैया से पैसे उधर लिए थें। जब वो पैसे नहीं चूका पाए तो बदले में उनकी बीवी ही ले आये। दरअसल रीता पूरे गाँव में अपने बदन के लिए मशहूर थीं। सभी उसके बदन का भोग लगाना चाहते थे। रोहन भैया ने तरकीब निकाली की कैसे उनके निकम्मे पति को मजबूर करके रीता को शहर ले आएं। पहले उसे उधार दे दिया जो वो कभी चुका ही नहीं सकता था। जब उसने मन कर दिया तो बोला की उनके बिज़नेस में रीता काम कर सकती थी और ऐसे वो पैसे भी चुका देगी और घर पे भी अपने पति और बच्चे के लिए पैसे भेजा करेगी। रीता वैसे समझती थी पर उसकी भी इज्जत दांव पर थी सो वो तैयार हो गयी। गाँव में सबको ये कह दिया है की रीता उनके बिज़नेस में एक employee की तरह काम करती है। और पैसे कमाकर घर भेजती है। यहां उसे तीन साल से घर में रख-कर दिन-रात चोदते हैं।

भाभी: कैसी औरत है अपने पति और बच्चे को छोड़कर यहां नाजायज़ रिश्ते में रह रही है। और रोहन की वाइफ कहाँ रहती है?

आभा: माँ जी (हॅसते हुए)! वो रीता के आते ही घर छोड़ कर चलीं गयीं। उनसे एक बेटा था जो की विदेश में पढाई कर रहा है। औरतों के बदन ने कितने मर्दों का घर बर्बाद कर दिया! अब देख लो- सुनील भैया भी अच्छी जॉब करते हैं। कोई काम करने वाली से शादी करते, दोनों खूब कमाते और बहुत अच्छी जिंदगी जी सकते थे। पर आपके बदन के नशे में वो ऑफिस से आते ही आपसे चिपक जाते होंगे और फिर जब तक कल ऑफिस का समय नहीं होता होगा आपको चोदते होंगे। हैं ना, माँ जी?

भाभी: मैं भी काम कर सकती हूँ। पहले में जॉब करती थी। पर सुनील मुझे काम नहीं करने देता। मुझे बाहर अकेले निकलने तक को मना किया है।

आभा: माँ जी, सुनील भैया सही कर रहे हैं। बाहर वाले तो बाद में, रोहन भैया ही आपके फेर में पड़ जायेंगे अगर आप उन्हें दिखीं तो।

भाभी: तू भी ना!

आभा: माँ जी, आप बड़ी शर्माती हैं। रीता आपके ही उम्र की होगी पर वो एकदम खुली हुई है। मेरे सामने ही रोहन भैया उसे चूमते रहते हैं, और वो बिना किसी शर्म से उनके चिपकती है। आपको गर्व होना चाहिए की आपका देवर आपके बदन के नशे में ही सही आपके साथ रह के खुश है।
(आभा जब भी माँ जी बोलती जोर से बोलती, जिस-से मुझे सुनाई दे जाता। मुझे पता चल गया था की आभा को हमारे बारे में सब-कुछ पता चल गया था।)
Reply
01-18-2019, 01:31 PM,
#12
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
मैं जान-बूझकर किचन की और आने लगा और भाभी को मधु दीदी बोल के पुकारते हुए कहा: मधु दीदी, खाना बन गया क्या?
आभा: भैया, मधु दीदी या मधु माँ? (और वो जोर-जोर से हसने लगी)

मैं शर्माता हुआ वापस दुसरे कमरे में जाने लगा। आभा बोली क्यों शरमाते हो भैया, मुझे सब कुछ पता है। ले जाओ अपनी माँ को भी, मैं थोड़ी देर में ही आवाज़ दूँगी खाना बन जाने पर। मैं भाभी के पास जाकर उनके बदन को nighty के ऊपर से ही मसलते हुए उन्हें उन्हें उनके कमरे की तरफ ले जाने लगा।

आभा: भगवान् ने क्या जोड़ी बनाई है! भैया आपकी माँ जितनी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखि। इन्हे कभी मत छोड़ना।
मैं: हाँ आभा, मेरी गाय माँ बहुत खूबसूरत है। (मैंने भाभी के होठों को आभा के सामने ही चूसते हुए कहा)। वहीं खड़े-खड़े मैंने भाभी की nighty उतार दी और उन्हें पूरा नंगा कर दिया।

आभा: ओह.. क्या गदराई औरत है आपकी मधु माँ! आप तो थक जाते होंगे इनकी चुदाई करने में।

मैं: हाँ, आभा.... (मैं भाभी को कमरे में लाते हुए बोला। फिर मैंने कमरे का गेट सटा दिया और भाभी की जोर-जोर से चुदाई शुरू कर दी )

कुछ ही देर में आभा खाना बना करके कमरे के अंदर आ गयी और मेरी और भाभी की चुदाई देखने लगी।

मैं हांफने लगा भाभी के बदन पर उछलते हुए। मैं अपना लंड भाभी के चुत में जोर-जोर से पेल रहा था। फच-फच के आवाज़ के साथ मेरा लंड और अंदर जाता जा रहा था।

आभा: भैया, बड़े भरे बदन की औरत है न मधु माँ, देखो कितना थका दिया इसने आपको। पर ये आपसे ही संभलेगी, आपके इतना ही हट्टा-कट्टा आदमी रख सकता है इसे खुश।

कुछ ही देर में मैं और भाभी झड़ गएँ। मैंने आभा से पानी लाने को कहा।

आभा: (तुरंत पानी ले आयी) भैया, ये लो।आपको मैं रोज गरम दूध दिया करुँगी आज से। ताकि आप माँ जी की चुदाई और हुमच-हुमच के करें।

आप दोनों थोड़ी देर में खा लेना, मैं चलती हूँ।

आभा चली गयी और फिर मैं भाभी को आलिंगन में करके उनके होठों को चूसने लगा। भाभी का नंगा मांसल जिस्म जब मेरे नंगे जिस्म से सटता था अजब सी सिरहन पैदा होती थी। उनके स्तनों का मर्म स्पर्श मेरे सीने से होता तो मुझे बड़ी उत्तेजना होती। मैंने उन्हें चूमते हुए कहा - माँ, तुम्हे मैंने बड़ी चूतड़ वाली ऑफिस की औरत के बारे में बताया था न। उसने अपने पति को तलाक़ दे दिया है। और ऑफिस के ही एक 25 साल के लड़के के साथ रह रही है।

भाभी: ऑफिस में ये बात सबको पता है?
मैं: नहीं माँ। मुझे पता है क्यूंकि वो लड़का मेरा दोस्त ही है। मुझसे हमेशा उसकी ही बातें किया करता था।

भाभी: वो शादी करेगा उस-से या फिर यूँही?
मैं: उसने अपने माँ-पिताजी से बात तो की है, पर वो अभी मान नहीं रहे। दरअसल प्रकाश (मेरा दोस्त) 25 साल का है और वो औरत 44 साल की।

भाभी: तुम्हारे दोस्त भी तुम्हारे ही तरह बड़े उम्र की औरतें चाहते हैं। (मैंने भाभी के ये बोलते ही उनके गालों को चूमते हुए उनके चूतड़ों पे हाथ रख-कर उनको खुद से और चिपका लिया)
मैं: बड़े उम्र की भरे बदन की औरतों में जो मज़ा है वो किसी और में कहाँ!

भाभी: तुमने जरूर उसे भी हमारे बारे में बताया होगा?
मैं: नहीं माँ, मुझे उसपे भरोसा नहीं है, वो तुम्हारे पे ही डोरे डालने लगेगा। उस औरत को भी उसने जिद से ही पाया है। वो बस सेक्स का भूखा है!

भाभी: और तुम? दिन भर मुझे चोदते रहते हो। कहाँ से आती है इतनी ऊर्जा? दोस्त भी ऐसे ही बनाएं हैं।
मैं: (भाभी को अपने ऊपर चढ़ाते हुए) उनके नितम्बों पे अपना हाथ रख-कर बोला- अच्छा माँ, एक बात बताओ, जब तुम अपने घर पे राहुल और सुमन के साथ रहती थी। तब भी तुम्हारा बदन पूरा कसा हुआ था। इतनी गदराई औरत घर पे होते हुए कभी तुम्हारे छोटे भाई राहुल या तुम्हारे पिताजी ने तुम्हारे साथ कुछ नहीं किया। देखो भाभी गुस्सा मत करना, मैं बस पूछ रहा हूँ। सूरज भैया अगर होते भी तो मैं खुद को ज्यादा दिन नहीं रोक पाता, और किसी-न-किसी दिन तुमसे चिपकने की कोशिश जरूर करता। इसलिए मुझे ये बात अजीब लगती है की तुम्हारे जैसी दुधारू औरत पास में होते दोनों में से किसी का मन नहीं किया होगा की तुम्हारे बदन को चखे। (मुझे भाभी कुछ मूड में दिख रहीं थीं आज सो मैं भी आगे बढ़ने लगा।)

भाभी कुछ बोल नहीं रहीं थीं। मैंने उनके आँखों में देखते हुए प्यार से कहा - बताओ न, माँ।

भाभी: पिताजी, नहीं। हाँ, राहुल कभी कभी मेरे से चिपकने की कोशिश करता था। हम तीनो भाई-बहिन एक कमरे में ही सोते थें। राहुल बीच में सोता था और रात में कितनी बार मुझे अपने से चिपका लेता था। शुरू में तो मुझे ये बात ऐसे ही लगी पर बाद में मुझे कुछ अटपटा सा लगा सो मैंने सुमन को बीच में सोने के लिए कह दिया। बस ये बात यहीं ख़त्म हो गयीं।

मैं: (भाभी को नीचे करके उनके ऊपर चढ़ते हुए) बेचारा राहुल, प्यासा ही रह गया। वैसे माँ, तुम्हारा भाई परसों आ रहा है। बचा के रखना खुद को, कहीं वो फिर न चिपकने लगे।
भाभी और हम दोनों हॅसते हुए एक दुसरे को चूमने लगे। करीब दस मिनट तक एक दुसरे के चेहरे को चाटने के बाद हम दोनों खाना खाने के लिए उठे।

भाभी को मैंने नंगे ही डाइनिंग टेबल की कुर्सी पर खुद के जाँघों पर बैठा लिया और प्यार से उनको खिलाने लगा।

मैं: राहुल मुझसे पूछ रहा था की मैं तुम्हारा ध्यान रखता हूँ की नहीं माँ। मैंने उससे बोलै को वो खुद ही आके देख ले।

खाना खाने के बाद मैंने भाभी की उँगलियों और होठों को चूस-चूस कर साफ़ किया। उन्हें पानी की जरुरत नहीं पड़ी। भाभी को बाहों में भरे मैं बिस्तर पे लिटाने लगा। उन्होंने बोला की वो पिशाब करेंगी। मैंने उन्हें बाथरूम में फर्श पर खुद के ऊपर बैठा लिया। मैं दीवाल से पीठ टिका के बैठा हुआ था।

और फिर मैंने बोला- माँ, करो न पिशाब। मैंने भाभी के दोनों मांसल पैरों को खुद के पैरों के बीच कर रखा था। भाभी के पिशाब से हम दोनों के पैर भींग गए। जब भाभी ने पूरा पिशाब कर लिया हम फिर भी वहीं बैठे रहे। मैंने भाभी के जाँघों को सहलाते हुए बोला की माँ तुम्हारे पिशाब की गंध बहुत अच्छी लगती है।

ऐसी गदराये चुस्त बदन की औरतों की जाँघों को मीचने से वो बड़ी उत्तेजित हो जाती हैं। मैं उनके जाँघों पे अपने हाथ फेरने लगा।

मैं: (भाभी के मुँह को अपने तरफ करके उनके होठों को चूसते हुए) माँ और करो न पिशाब!
भाभी: छी! चलो यहाँ से। और भाभी उठने लगीं।

भाभी ने अपने हाथ जमीन पर रख-कर जैसे ही अपने चूतड़ को मेरे जाँघों से उठाने की कोशिश की, मैंने उनके हाथ ज़मीन से हटा कर उनके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें दुबारा ऐसे बिठाया की उनकी जांघें मेरी जाँघों के ऊपर थीं और मेरा लैंड उनके चूतड़ में घुसा हुआ। भाभी फिर भी ज़ोर लगा रहीं थीं। उन्हें ऐसे रोकना मुश्किल था सो मैंने उन्हें बाथरूम की फर्श पे ही पेट के बल लिटा दिया और खुद उनके स्तनों को पकडे उनकी गांड में लंड घुसा के उनके ऊपर लेट गया।

स्तनों के नीचे से उनका बदन अब उनके पिशाब में पूरा भींग गया था। मैंने अपने एक हाथ को फर्श पे उनके पिशाब से भींगा के उनके गालों और होठों को गीला कर दिया। भाभी छी छी करके मुँह झटकने लगीं। मैंने भाभी के मुँह को अपनी तरफ करके उनके पिशाब से सने होठों को चूसने लगा। मैं एक तरफ उनके होठों, गालों को चूस रहा था और अपने लंड को धीरे-धीरे उनके पिछवाड़े में धक्का दे रहा था। पिशाब के बदबू से पूरा बाथरूम भर गया था और मैं भाभी के पिशाब से सने नंगे मांसल बदन चिपके होने से खुद भी पिशाब से सन गया था।

पिशाब तो बह ही चूका था पर भाभी के बदन का गीलापन भी हमारे बदन के एक-दुसरे से मसलने से कम हो रहा था। भाभी का बदन अभी भी लथ-पथ ही था उनके पिशाब में की मैं उन्हें उठा के बैडरूम में ले आया और उनको बाँहों में करके उनके स्तनों को चूसने लगा।

भाभी के बदन के आगोश में जो मादक अहसास था वो मुझे मदहोश किया जा रहा था। मैं उनके बाहों के बंदिश में उनके मखमली मांसल बदन को मसले जा रहा था। बैडरूम में पंखे और हमारे बदन के आपस में मसलने से पिशाब का गीलापन सूख रहा था पर बैडरूम में पिशाब की बदबू आ गयी थी।

मैं: (भाभी के आँखों में देखते हुए) क्या औरत है तू माँ! तेरे पिशाब में भी मादक गंध है!
भाभी: छी! मेरे पिशाब को चाट रहा है तू बेटे।
Reply
01-18-2019, 01:32 PM,
#13
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
मैं खुद भी मुँह में पिशाब चाट के ले रहा था फिर उन्ही होठों को भाभी के होठों पे लगा रहा था। उन्हें ये अच्छा नहीं लग रहा था पर उन्हें पता था की वो कुछ कर नहीं सकतीं थीं)

मैं अब भाभी के छूट में अपना लंड जोर-जोर पेल रहा था। भाभी ने अपने पैरों से मेरे पैरों को बाँध दिया था हम एक-दुसरे में पूरी तरह घुस गए थे। हम दोनों जोर-जोर से आवाज़ें निकाल रहे थे। करीब आधे घंटे की कश-म-कश के बाद भाभी और मैं झड़ गए।

कुछ ही देर में हमें नींद आ गयी। अगले दिन मैं ऑफिस गया और घर लौटे ही भाभी को बाजार ले जा के उनके लिए कपड़े लिए क्यूंकि राहुल आने वाला था। मैं नहीं चाहता था की उसे ऐसा लगे की भाभी को किसी चीज की कमी हो। घर में पहनने के लिए भाभी के लिए मैंने 2 loose टॉप टी-शर्ट और हाफ पैंट लिए। भाभी ने शौक से खुद के लिए 2 -3 साड़ी और ब्लाउज लिए।

घर पहुंचते ही मैंने भाभी को टॉप और पैंट दिए। टॉप इतने पतले कपड़े का था की भाभी ने स्तनों का उभर आसानी से दीखता था। उनके स्तनों के उभर पे का निप्पल स्पष्ट था। स्तनों के उन्नत उभर की वजह से वो आगे तक लटका हुआ था। वो गले में बहुत ज्यादा कटी हुई थी। भाभी अगर उसके कटे हिस्से का पूरा भाग सामने करतीं तो आधे स्तन नंगे दीखते, और अगर पीछे करतीं तो वो टॉप पेट तक उठ के आज जाती और उनकी नाभि दिखने लगती। दरअसल ये टॉप घर में गर्मियों में पहनने के लिए था। हाफ पैंट बस थोड़े ही नीचे तक आते थे और उनके मोटे नंगे जांघ खुले हुए ही थे।

भाभी को ऐसे कोई भी देख ले तो वो सीधा उनको चोदने की ही सोचे। भाभी थोड़ी असहज महसूस कर रहीं थीं पर उन्हें पता था की अगर वो ना की तो मैं उन्हें नंगी ही कर देता।

थोड़े देर में आभा आ गयी और भाभी को देख-कर मुझसे बोली।
आभा: क्या भैया! माँ जी का कपड़ा और छोटा कर दिया। आपकी भी क्या गलती है! आपकी औरत ही ऐसे बदन की है।

आभा ने भाभी को पीछे से अपनी बाहों में कसके उनके स्तनों को मसलते हुए बोली- इधर आओ भैया। फिर आभा खुद डाइनिंग टेबल पर बैठ गयी और भाभी को खड़ा करके पीछे से उनके थनों को मेरे मुँह में डालते हुए बोली: भैया आपकी गाय का जब बछड़ा होगा तो ये खूब दूध देगी। ऐसी गाय तो रोज 2 लीटर दूध देगी, रोज अगर इसके थनों को दूहोगे। आपको पता है रोहन भैया अपनी चाची रीता के दूध से ही खुद के लिए चाय बनवाते हैं। आपकी माँ तो रीता से भी ज्यादा दूधारू बनेंगी|

मैं: अच्छा! (मैं लगातार भाभी के स्तनों को चूस रहा था)
आभा: भैया, औरत के बदन की खासियत है की वो खाने को दूध में बदल देती है। जैसे गाय को चारा खिलाते हो, बदले में वो दूध देती है, उस दूध का गाय के लिए कोई काम नहीं होता। औरतों के थनों में बना दूध भी बच्चों और मर्दों के पीने के लिए होता है। अगर आपकी माँ को 2 दूध पीने वाले बच्चे भी हों तब भी इसके दूध को ख़तम करने के लिए आपको रोज़ दूध पीना पड़ेगा।

मैं लगातार भाभी के थनों को चूसे जा रहा था| भाभी कुछ ही देर में गाय की तरह रम्भाने लगीं। आभा ने भाभी के गालों को पीछे से चूमते हुए बोला: भैया देखो कैसे रंभाती है तुम्हारी गाय। आभा भाभी के गालों को अपने होठों से चूमती हुई बोली - माँ जी आप कितनी प्यारी हैं। इतनी शालीनता से सुनील भैया और मेरे से अपने बदन को मसलवा रही हैं।

कुछ देर बाद आभा ने मुझे सोफे पे बैठने को कहा और भाभी को मेरी गोदी में देते हुए कहा - भैया आप सम्भालो अपनी गाय को, मैं खाना बना देती हूँ। भाभी का भारी चूतड़ मेरे जाँघों पे आ गया था

मैंने भाभी के स्तनों को मसलना शुरू कर दिया और उनके कानों में बोला- ये आभा मालती से कम नहीं है, औरतें भी तुम्हारे बदन से उतेज्जित हो जाती हैं, माँ। (फिर मैंने भाभी के टॉप और हाफ-पैंट को उतार दिया और पूरी नंगी उन्हें अपने जाँघों पर गोदी में बिठा के उनके बदन को मसलने लगा। आभा हमदोनों को किचन से आसानी से देख सकती थी। भाभी जब भी पूरी नंगी ऐसे मेरे जिस्म से चिपकती, मुझे अजीब सुख की अनुभूति होती थी। उनके नंगे जिस्म में एक महक थी जो मुझे मदहोश कर देती थी।) माँ, अगर औरतों को इंसान नहीं समझा जाता और उन्हें नंगे ऐसे ही मर्द रखते तो कितना अच्छा होता न! तुम चार पैर से चलती और मैं तुम्हे दूहता। (मैं अब भाभी के स्तनों को जोर-जोर से निचोड़ रहा था। वो इतने विशाल पर सख्त थे की उन्हें दबाने में बड़ा मजा आता था|)

भाभी: बेटे अब रहने दो, मत मसलो इन्हे इतना।
मैं: क्यों माँ, तभी तो बड़े होंगे ये।

भाभी: बेटे, ये इतने बड़े तो हैं। सभी इन्हे ही घूरते हैं, अब और बड़े क्यों चाहिए।
मैं: मेरा बस चले तो मैं इन्हे इतना बारे कर दूँ की इनके वजन से तू चल ही न पाए।
तभी आभा खाना बनाकर वहाँ आ गयी और भाभी से बोली- माँ जी, इन मर्दों को स्तन बहुत आकर्षित करते हैं। आपको कपड़ों में भी देख-कर कोई भी आपको चोदने के लिए ही सोचेगा। बस भैया को खुश रखिये। भैया आपके दूध को मसलते हैं माँ जी, तो आप भी उनके औज़ार को मसलिये।

और फिर उसने भाभी को निचे बिठा के उनके पीछे से उनके हाथ में मेरा लंड पकड़ाते हुए बोली- माँ जी, थोड़ा आगे आईये, इसे हिलाइये। (पहली बार भाभी ने अपने हाथ में मेरा लंड लिया था। भाभी के मुलायम मांसल हथेली के स्पर्श से वो जोर-जोर से झटके मारने लगा।) आभा ने बोला- माँ जी, भैया आपके ग़ुलाम रहे इसके लिए जरुरी है इनका लंड आपके ग़ुलाम रहे। (फिर आभा ने भाभी को आगे करके उनके मुँह में मेरे लंड को घुसा दिया और बोली चूसिये अपने बेटे के औज़ार को। इसे से सताते हैं न भैया आपको)

भाभी बड़े प्यार से अपने मोटे होठों से मेरे लंड को चूसने लगीं। मैं उन्हें देख रहा था की कैसे अगर मेरे भैया अभी होते तो ये गाय उनके पास होती। भाभी के लगातार चूसने से मेरा लंड झड़ने को होने लगा तो आभा ने भाभी को थोड़ा पीछे करके मेरे लंड को उनके मुँह के ऊपर करके भाभी के हाथों के ऊपर हाथ रख-के मेरे लंड को हिलाने लगी। तुरंत जोर से पिचकारी के साथ मैं झड़ गया। भाभी का चेहरा और उनके बाल वीर्य से सन गए। फिर आभा ने उसे साफ़ कर दिया और मेरी गोदी में उन्हें दुबारा बिठा कर डाइनिंग टेबल पर खाना लगा दिया और फिर चली गयी।

मैं भाभी को वैसे ही अपनी गोदी में डाइनिंग चेयर पे बैठ गया और उन्हें अपने हाथों से खिलाने लगा।

भाभी: बेटे, तुम्हे बुरा लगा क्या। वो आभा ने जो करवाया?
मैं: नहीं माँ, (मैंने उनके मोटे होठों को चूम लिया) मर्दों को तो इस चीज से सबसे ज्यादा ख़ुशी मिलती है की कोई औरत उसके लंड को अपने मुँह में ले। देखा तुमने एक औरत कैसे-कैसे सुख दे सकती है किसी मर्द को। भैया ने तुम्हे ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया और वैसे भी मर्दों को सेकंड हैंड औरत बहुत पसंद आती हैं।
भाभी: तुम मुझे सेकंड हैंड औरत समझते हो?
मैं: मन, हमने शादी की, पर तुम पहले किसी और का बिस्तर गरम करती थी न माँ? तो सेकंड हैंड ही हुई न! वैसे भाभी, आपको कैसा लगता है दुसरे मर्द जो की आपके ही देवर है उसके साथ बिस्तर साझा करके। जब आपके देवर आपके इन दूध से भरे थनों को मसलता है तो आपको कैसा लगता है? (मैंने भाभी से जाँघों को मीचते हुए उनके कान में कहा- भाभी दो मर्दों से चुद के कैसा लगा)
भाभी: (सीसियाने लगीं और बोली) -.. तुममम. बहुत गंदे हो, बेटे।

आपके इन दूध से भरे थनों को मसलता है तो आपको कैसा लगता है? (मैंने भाभी से जाँघों को मीचते हुए उनके कान में कहा- भाभी दो मर्दों से चुद के कैसा लगा)
भाभी: (सीसियाने लगीं और बोली) -.. तुममम. बहुत गंदे हो, बेटे।

कुछ देर तक भाभी के बदन से खेलने के बाद हम सोने के लिए चले गए। अगली सुबह ही राहुल, अपनी माँ और पिताजी के साथ आ गया। भाभी को मैंने सख्त हिदायत दी थी की वो सिर्फ टॉप और हाफ पैंट ही पहने घर में। राहुल, उसके पिता और माँ तीनो भाभी को ऐसे देख-के आवाक रह गए। राहुल और राहुल के पिता ने तो मुँह घुमा लिया और अंदर कमरे में चले गए। मैंने भाभी के कंधे पे हाथ रख रखा था और उन्हें तीनो के पास लेकर खुद प्रणाम किया और भाभी से करवाया। फिर बरामदे में सोफे के एक तरफ राहुल की माँ बैठ गयीं और दूसरी तरफ मैं टी-शर्ट और हाफ पैंट में और भाभी भी टी-शर्ट और हाफ पैंट में थीं। मैंने भाभी को खुद के काफी करीब बैठाया था और मेरे एक हाथ उनके जाँघों पे था।

राहुल की माँ ने भाभी की और देखते हुए पूछा: कैसी हो मधु, सुनीलजी ध्यान रखते हैं न?
भाभी: हाँ माँ, बहुत खुश हूँ मैं, जो आप लोग आ गए। मैं कह रही थी सुनील से हमीं चलते हैं पर इन्हे भी ऑफिस से छुट्टी मिलती नहीं जल्दी।
फिर राहुल की माँ ने मुझसे पुछा: और आप कैसे हो बेटे?
मैं: (भाभी के नंगे जाँघों पे हाथ फेरते हुए) बहुत अच्छा, माँ। दरअसल आप लोगों का शुक्रिया, इतनी सुन्दर बीवी देने के लिए। भाभी सहज होने का प्रयास कर रही थीं मेरे सहलाने से वो खुश नहीं थीं। राहुल और उसके पिता झेप रहे थे।
राहुल की माँ ने बात आगे बढ़ाते हुए भाभी से बोला: सुनीलजी को खुश रखना मधु, अब वो ही तुम्हारे प्राणदाता हैं।
Reply
01-18-2019, 01:32 PM,
#14
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
मैंने भाभी को उठा के अपनी गोदी में करके उनके नंगे जाँघों पर अपना हाथ फेरते हुए अपने गालों को उनके गालों से सटाते हुए कहा: भाभी थोड़ी शर्माती हैं, शायद हमारे उम्र के अंतर की वजह से। (मैंने भाभी कहा था उनकी माँ के सामने, उनकी माँ ने कुछ बोला नहीं पर वो भी धीरे धीरे असहज हो रही थी। उनकी 38 साल की बेटी को 23 साल का लड़का उनके सामना अनुपयुक्त तरीके से छु रहा था।) भाभी ने खुद को मेरे बाहों से निकलने की कोशिश की। मैंने उनकी माँ को देखते हुए बोला: देखा माँ, ऐसे ही करती हैं।

राहुल की माँ: बैठी रह बेटी, सुनीलजी तुझे प्यार कर रहे हैं, और तू नखरे दिखा रही है।
मैंने भाभी पे अपनी गिरफ्त बढ़ा दी, और उन्हें गालों पे धीरे-धीरे चूमने लगा। राहुल की माँ उठ-कर अंदर जाने लगीं और बोलीं- सुनीलजी आप प्यार कर लीजिये अगर मधु फिर तंग करे तो बताइयेगा। उनके जाते मैंने बोला- राहुल को माँ जी बहार भेजिएगा थोड़ी देर में।

उनके जाते ही भाभी ने गुस्से में दबा के आवाज़ से बोला- ये क्या है, दो मिनट शान्ति से नहीं बैठ सकते क्या, और मुझे भाभी क्यों बुला रहो हो उनके सामने? दिन भर चोदते रहते हो, और माँ को ऐसे बता रहे हो जैसे मैं तुम्हे बदन छूने भी नहीं देती। भरोसेमंद नहीं हो तुम, सुनील। गन्दगी भरी है तुम्हारी सोच में।
मैं: माँ तुम नाराज़ मत हो, वो तो मैं उतेज्जित हो गया था इसलिए।
भाभी: माँ? तब भाभी? आदमी नहीं हो तुम! केवल हवस सूझता है तुम्हे (भाभी अब वकाई गुस्से में थी, पर मुझे अच्छा लग रहा था क्यूंकि आज वो खुल के बोल रही थीं)

तभी वहाँ राहुल आ गया, और वो उसकी माँ जहां बैठी थी वहीं बैठ गया। मैं उससे पूछा: और राहुल जी, मैडमजी को क्यों नहीं ले आये? (मैं बेशर्मी से राहुल के सामने ही भाभी के स्तनों को धीरे धीरे मसलने लगा, भाभी गुस्से से जल रहीं थी पर वो सहज बने रहना चाहती थीं)।
राहुल: (भाभी की और देखा और फिर मेरी और देखते हुए बोला) दरअसल वो प्रेग्नेंट हैं तो मैंने उन्हें मायके भेज दिया है।
मैं: अरे वाह congratulations । भाभी तुम भी congrats करो राहुल को।
भाभी: Congrats राहुल
राहुल: (हैरान था की मैं उसकी दीदी को भाभी बुला रहा था और उन्हें अध्नंगी किये अपनी गोदी में बिठाये उनके स्तनों को मसल रहा था।) थैंक्स मधु दीदी एंड सुनील जी।

भाभी के विशाल स्तनों पे हाथ रखे मैंने राहुल से पूछा: आपकी मधु दीदी आपको खूब याद करती हैं!

तभी राहुल के पापा भी बाहर आ गए। भाभी बड़े गुस्से में दबे आवाज़ से बोलीं छोडो, मैंने उनके स्तनों पे अपने बाहों की पकड़ और बढ़ा दी। वो जिद कर सकती थीं पर उन्हें पता था की मैं किस भी हद तक जा सकता था वासना के लिए। वो चुपचाप बैठी रहीं मेरे लंड पे।

भाभी से स्तनों को हाथों में भर के मसलते हुए मैंने भाभी के पापा से बोला: नमस्ते डैड, आप अच्छे तो हैं!
राहुल के पापा: नीचे देखते हुए, हाँ ठीक हूँ, बेटे।
भाभी: पापा, आप सब की बहुत याद आती थी, अच्छा किया आप सब आ गए।
राहुल: जीजाजी आपको ऑफिस नहीं जाना क्या?
मैं: हाँ , मुझे आज ऑफिस जाना है, आज तो जरुरी काम है।

फिर मैंने भाभी को वहीँ सोफे पे छोड़ के तैयार होने लगा, अपने कमरे में भाभी के कपड़ों को almirah के लॉकिंग सेक्शन में बंद करके मैं ऑफिस चला गया।

वो जिद कर सकती थीं पर उन्हें पता था की मैं किस भी हद तक जा सकता था वासना के लिए। वो चुपचाप बैठी रहीं मेरे लंड पे।

भाभी से स्तनों को हाथों में भर के मसलते हुए मैंने भाभी के पापा से बोला: नमस्ते डैड, आप अच्छे तो हैं!
राहुल के पापा: नीचे देखते हुए, हाँ ठीक हूँ, बेटे।
भाभी: पापा, आप सब की बहुत याद आती थी, अच्छा किया आप सब आ गए।
राहुल: जीजाजी आपको ऑफिस नहीं जाना क्या?
मैं: हाँ , मुझे आज ऑफिस जाना है, आज तो जरुरी काम है।

फिर मैंने भाभी को वहीँ सोफे पे छोड़ के तैयार होने लगा, अपने कमरे में भाभी के कपड़ों को almirah के लॉकिंग सेक्शन में बंद करके मैं ऑफिस चला गया।

राहुल तब तक वैसे ही उतेज्जित हो चूका था। उसके माँ, बाप समझ रहे थे की मैं थोड़ा मॉडर्न था और मुझे इस बात की कोई शर्म नहीं थी, पर राहुल को पता था की बात क्या है। उसने भाभी के बदन के फैलाव को भी नोटिस किया होगा। मेरे जाने के बाद भाभी मेरे कमरे में आ गयी और वो तीनो दुसरे कमरे में। थोड़ी देर में आभा आयी और भाभी के कमरे में चली गयी और भाभी से बोली- माँ जी, आपके घर वाले आने वाले थे न?

भाभी: हाँ, आभा! माँ, छोटा भाई और बाबूजी आये हैं। उन्होंने सारे कपड़े almirah में बंद कर दिया है, इन कपड़ों में शर्म आती है इसलिए नहीं जाती।
आभा: माँ जी, अपनों से क्या शर्माना। मैं बुला लाती हूँ, और फिर तुरंत जा के राहुल को बुला लायी और बोली- आप माँ जी के छोटे भाई हैं।
राहुल: माँ जी ? (राहुल के साथ-साथ भाभी भी आश्चर्यचकित थीं। माँ जी तो बस आभा को उनके और मेरे होते हुए बोलना था पर आभा ने ये जान-बूझकर किया था दरअसल मैंने जाते हुए आभा को फ़ोन कर दिया था की वो राहुल और भाभी को करीब लाये)

आभा: हाँ, सुनील भैया की माँ ही तो हैं ये। आप इनके भाई तो सुनील भैया के मामा। नहीं? (और फिर आभा हसने लगी)
राहुल: (अचरज से भाभी को देखते हुए) ये क्या कह रही है दीदी?

भाभी: दरअसल हमें मकान मिलने में दिक्कत होती है इसलिए हम यहां माँ-बेटे बता के रहते हैं। (ये तो मजाक कर रही है इसे बता रखा है)
आभा: सुनील भैया बच्चे से भी लगते हैं न! अगर राहुल भैया आप होते सुनील भैया की जगह तो ऐसे बताने की जरुरत नहीं पड़ती।

राहुल ने अपने सर नीचे कर लिया और कुछ पल के लिए सन्नाटा छा गया।
आभा: (भाभी के पीछे जा के उनके बदन को अपने बाहों में जोर से करके राहुल से बोली) और करीब आ जाओ भैया, आप बड़े दूर-दूर से बैठे हो। माँ जी काटेंगी नहीं।

फिर आभा धीरे-धीरे भाभी के स्तनों और जाँघों पर हाथ फेरने लगी। ) दरअसल सुनील भैया माँ जी से बहुत प्यार करते हैं, वो चाहते हैं की मैं इनकी खूब मालिश किया करूँ।आप-लोग माँ जी की मालिश नहीं करते थे न! इन्हे मालिश की कमी लगती है।
राहुल: (उतेजना से भर रहा था, उसके सामने उसकी गदराई बहिन को पहले मैं फिर आभा मसल रही थी) हाँ, पर अब भाभी अच्छी लगती हैं। लगता है आप दोनों के मसलने की वजह से ही है (राहुल अब सीधे खुल गया था, भाभी के चेहरे पे डर था राहुल को देख के)
आभा ने मौका नहीं गवांते हुए बोला- राहुल भैया जरा अपनी दीदी को संभालना मैं किचन में खाना चढ़ा के आती हूँ।

भाभी थोड़ी हिलीं, पर तब तक राहुल ने उन्हें अपने बाहों में जकड लिया। अनजान बनता हुआ वो बोला- दीदी, ऐसे ही बैठे रहो, हिलो मत, मैं धीरे धीरे ही मसलूंगा तुम्हे।
भाभी: बिना खुले हुए) नहीं राहुल तुम रहने दो, जरुरत नहीं है।

राहुल: (पूरे नशे में था) नहीं दीदी, जीजाजी चाहते हैं।
भाभी: मैं कह रहीं हूँ न, छोड़ दे मुझे, राहुल।
राहुल: (अपनी जकड और बढ़ाते हुए) माँ जी प्लीज। (भाभी को माँ जी सुनते हुए ही लग गया की अब राहुल नहीं छोड़ने वाला था)

राहुल ने फिर खुद को दीवाल के सहारे करके भाभी के स्तनों को रगड़-रगड़ के मसलने लगा और उनके गालों और होठों को पीछे से चाटने लगा।
राहुल: दीदी, क्या औरत हो तुम! इतनी गरम, सुनील ने तो तुझे एक पूरी चुदासी औरत बना दिया है।
भाभी: गन्दी बातें मत कर राहुल, छोड़ दे मुझे

राहुल ने फिर भाभी के टॉप और पैंटी को खोल दिया और उनको पेट के बल लिटा के उनके नितम्बों में अपना लंड घुसाते हुए बोला- मादरजात, क्या औरत है तू! तुझे खुद के ही पास रखता मैं। मत मारी गयी थी जो मैंने तुझे सुनील को दे दिया। अहह.. जोर से फिर राहुल भाभी के नितम्बों में अपना लंड पेलने लगा।

आभा गेट पे आयी और भाभी को छुड़ता देख-कर बोली- हाय ये दइया रे दइया क्या औरत है माँ जी आप! अपने भाई को ही चढ़ा लिया अपने ऊपर (राहुल ये सुन के और उतेज्जित हो गया और बोला- मेरी दीदी हैं, मेरा तो पहला अधिकार है)
आभा- हाँ भैया, आपकी दीदी है, कुछ दिन के लिए ले जाओ इन्हे अपने घर।

भाभी: खुद को छुड़ाना चाह रही थीं पर बगल वाले कमरे में उसके माँ-पिता थे सो वो दबी जुबान में बोल रही थी वो राहुल अनसुना कर रहा था। आभा अंदर आ गयी और गेट अंदर से बंद कर दिया। फिर वो राहुल के पास आके उसके पीठ को सहलाते हुए बोली- इतने धीरे धीरे तो ये घोड़ी नहीं चुदेगी थोड़ी रफ़्तार बढ़ाओ भैया। राहुल ने तुरंत जोर-जोर से भाभी के नितम्बों पर उछलने लगा। पूरे कमरे में जोर-जोर से आवाज़ें आने लगीं- भाभी भी सीसिया रहीं थीं और साथ में छोड़ो राहुल छोड़ो राहुल बोल रहीं थीं।

राहुल: तू मेरी माँ होती तो तुझे नहीं छोड़ता अभी कैसे छोड़ दूँ मधु दीदी।
Reply
01-18-2019, 01:32 PM,
#15
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
आभा: वाह भैया, माँ जी तो तुम्हारे ही जैसे मर्द की जरुरत है। दरअसल माँ जी ऐसे ही मन करती हैं ये इनके सेक्स करने की आदत है, पर ये आपसे खूब चुदेंगी। पलंग की लगातार आवाज़ से राहुल के माँ और पिता गेट पर आ गए और बोले सब कुछ ठीक तो है न।

आभा गेट के पास जा के बोली- सब कुछ ठीक हैं, वो हम जरा सामान इधर-उधर कर रहे हैं, गेट के पास almirah है इसलिए खोल नहीं सकते, थोड़ी देर में सब सेट हो जाएगा।

कुछ देर के बाद राहुल फिर भाभी को पेलने लगा। वो जब थक के झड़ गया तो आभा ने भाभी को सीधा करके राहुल के मुँह में भाभी का स्तन डालते हुए बोला- ये चूसो भैया, तुरंत ताकात आएगी और फिर आप इस गाय को दूहने लगोगे। राहुल ने भाभी के होठों को मुँह में लेते हुए बोला- दीदी, क्या से क्या हो गयी तुम! मुझे बहनचोद बना दिया तुमने।

भाभी: जबरदस्ती चोद रहे हो अपनी बड़ी दीदी को! और शर्म भी नहीं आती तुम्हे?
राहुल: सच में! तुम्हारे छोटे भाई ने तुम्हे चोद दिया और तुम पूछ रही हो 'शर्म आती की नहीं उसे'! क्या चुड़क्कड़ औरत हो तुम मधु? नहीं आती शर्म मुझे। (फिर राहुल ने भाभी के ऊपर चढ़ते हुए उनके होठों और गालों को चाटना शुरू कर दिया )

आभा: भैया जल्दी कर लो, कभी कभी सुनील भैया दिन में भी आ जाते हैं, ये तो खुश है आपसे चुद के पर वो काफी गुस्सा करेंगे आपको ऐसे देख के। (आभा जानबूझ कर भाभी को एक चुड़क्कड़ औरत के रूप में पेश कर रही थी, राहुल इसे सही समझ रहा था और भाभी के ना को वो महज इतराना समझ रहा था)
आभा: देखो कैसे इतराती है ये गाय, दिन भर भैया और मैं इसे मसलते हैं ताकि इसके दूध के थन और बड़े हों, बड़े अच्छे से मसलवाती है, फिर भैया इसे जम के चोदते हैं पर आपके साथ नखरा कर रही है। वैसे भैया आपने इसे सुनील भैया को क्यों दे दिया? अपने पास रखते इस गदराई गाय को और इसे दिन-भर चोदते!
(राहुल अब भाभी को चूमते हुए उनके चूत में अपना लंड पेल रहा था। आभा ने उसे पूरा उतेज्जित कर रखा था। फिर आभा भाभी से बोली- माँ जी, आपके भाई के पास चली जाओ, ये तुम्हे खूब खुश रखेंगे। ये सुनील भैया से बड़े भी लगते हैं (राहुल ने बोला- पूरा 9 साल बड़ा हूँ मैं उससे)।
आभा: माँ जी, बोलो जाओगी राहुल भैया के पास?

राहुल: सही कहा तूने आभा, मुझे दीदी की शादी नहीं करवानी चाहिए थी।

फिर राहुल ने भाभी के बदन को जमकर मथा। आभा के चले जाने के बाद भी वो गेट लगाकर भाभी के बदन को चूमता रहा। बहुत देर के बाद उसने भाभी को छोड़ा और दुसरे कमरे में चला गया।

रात में जब मैं आया तबतक आभा खाना बनाकर चली गयी थी। हम रात में खाने के टेबल पर बैठे तो मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठा लिया और उन्हें खुद के हाथों से खिलाने लगा। भाभी के नंगे बाहों और जाँघों पे मेरे हाथ को राहुल घूरते हुए देख रहा था। भाभी सर झुकाये हुए थी और मैं उन्हें अपने हाथों से खिला रहा था। मैं उन्हें गले में और उनके गालों को चुम भी लेता था। मेरे लिए ये बड़ा मादक पल था। भाभी के माँ पापा बड़ा असहज महसूस कर रहे थे और वो चुप-चाप नीचे सर करके खा रहे थे। कुछ देर बाद भाभी की माँ बोलीं- सुनील बेटे, हम सोच रहे हैं की कल निकल जाएँ।

भाभी: माँ, आज ही तो आये हैं आपलोग, कुछ दिन और रुकिए प्लीज। (भाभी जब ये बोल रही थी तब भी मैं उनके गले में किश कर रहा था)
भाभी की माँ: नहीं बेटी, वो तो बस हम मिलने आ गए, हमें वहाँ जरुरी काम है।

मैं: (भाभी को चूमते हुए) माँ जी, पर राहुल को तो रहने दे। एक हफ्ते बाद वो चला जाएगा।
भाभी की माँ: हाँ, राहुल रुक सकता है

(मुझे पता था की राहुल रुकना भी चाहता था, मैंने ही तो आभा को बोल के भाभी को राहुल से चुदवाया था। पर भाभी को अभी भी नहीं भनक थी उसकी। वो चाहती तो नहीं थी की राहुल रुके क्यूंकि उन्हें पता था वो क्या करेगा उनके साथ पर वो चुप रहीं। )

खाना खा कर हम अपने कमरे में आ गए। भाभी मुझसे पूरी नाराज़ थीं।
भाभी: सबके सामने ऐसे क्यों करते हो
मैं: अपने घर के ही तो लोग हैं। उन्हें अच्छा लगेगा की उनकी बेटी तो इतना प्यार करने वाला पति मिला है।
भाभी: तुम एक नंबर के हरामी हो। मुझे अफ़सोस होता है तुमसे शादी करके। दिन भर बस मेरे बदन को चूमना, मसलना!
मैं: (भाभी को चूमता हुआ) तुम चीज ही ऐसी हो। तुम्हे दूसरों के सामने प्यार करने में बड़ा मज़ा आता है। सुबह जब मैं तुम्हारे जाँघों पे हाथ फेर रहा था तो राहुल का लंड खड़ा होने लगा था।
भाभी: इसीलिए तुमने राहुल को रोक लिया है ताकि उसके सामने मुझे बेइज्जत करो।

मुझे तो भाभी और राहुल वाली बात पता थी पर भाभी खुद नहीं बता रहीं थी। मैंने भाभी को अपने आगोश में करते हुए कहा- तुम्हारा भाई भी तुम्हारे बदन से उतेज्जित हो जाता है। सोचो, माँ, तुम कितनी गदराई औरत हो।)
फिर मैंने भाभी को जम के चोदा और उन्हें चोदते हुए दीदी बुला रहा था। चोदते वक़्त भाभी मुझे खुद से जकड़ लेती थीं फिर उनके मांसल शरीर के आगोश में मैं जोर से धक्के लगता। भाभी की एक बात विशेष थी- वो गुस्सा जरूर करतीं मेरे पे पर चुदते वक़्त पूरा साथ देती।

अगले सुबह भाभी के माँ पिताजी घर वापस चले गए और मैं ऑफिस आ गया। मेरे ऑफिस के लिए जाते ही राहुल ने आभा के सामने भाभी को अपनी बाहों में कर लिया और बिस्तर पर लाकर उन्हें पेट के बल पटक दिया। उनके हाफ पंत को नीचे करके उनके नितम्बों में अपना लंड घुसाते हुए उनके बदन को मजबूती से जकड़ के उनके गालों को चूमने लगा।
राहुल: मादरजात क्या चुड़क्कड़ औरत हो गयी है तू मधु दी। तेरे जिस्म ने पागल कर दिया है मुझे।
भाभी: छोड़ दे मुझे राहुल। ये सही नहीं है।

राहुल: (भाभी के होठों को अपने मुँह में लेते हुए) तुझे कैसे छोड़ दूँ, मधु दी। तू चोदने के लिए ही बनी है साली।

आभा: (पलंग के पास कड़ी राहुल को भाभी के बदन को अपने बाहों में जकड़ते हुए देख रही थी) माँ जी बहुत भारी हैं न! बहुत मेहनत होती है इन्हे चोदने में । सुनील भैया इनकी जम के चुदाई करते हैं ।

राहुल: सुनील ने सच में मेरी बहिन को एक मोती गदराई रंडी बना दिया है। दिन-भर इसे मसलता है और रात में चोदता है। साले ने क्या किस्मत पायी है, मेरी बहिन उसे बीवी के रूप में मिली है।
(फिर राहुल भाभी के नितम्बों को जम के पेलने लगा, वो भाभी के मांसल जिस्म के ऊपर जोर जोर से उछाल रहा था। अपनी सगी बहिन जिसने उसे पढ़ाया था को वो ऐसे पेल रहा था जैसे वो उसकी दीदी नहीं अपनी बीवी हो)आभा: भैया, आपकी शादी हो चुकी है न, माँ जी को आप बहुत प्यार कर रहे हैं। अच्छा लग रहा होगा काफी दिनों बाद स्वाद बदल के।
राहुल: मेरी बीवी तो इसके सामने कुछ नहीं है, ये मेरी बीवी हो तो मैं इसे सुनील की तरह ही हमेशा चोदता।

आभा कुछ देर के बाद चली गयी पर दोनों की चुदाई जारी रही। राहुल दीदी के अकेले होने पर थोड़ा शर्मा गया था। अहसास तो उसे भी था की वो गलत कर रहा है पर वो खुद को रोक नहीं पा रहा था।

राहुल अब भाभी को सीधे करके उनके होठों को बड़े प्यार से चूस रहा था। भाभी बीच-बीच में थोड़ा मन करती पर वो अपनी पकड़ बढ़ा देता फिर भाभी हिम्मत छोड़ देती। पर भाभी ने अभी तक उसका साथ नहीं दिया था। उन्होंने बस अपने को ढीला छोड़ा हुआ था और राहुल हवस के नशे में उन्हें चोदे जा रहा था।

कुछ देर में राहुल रुका तो भाभी ने धीरे से उसके आँखों में देखते हुए पूछा: राहुल, मैं तेरी दीदी हूँ, तुझे शर्म नहीं आती।

राहुल: मेरे सामने क्यों सुनील से मसलवाती है तू।
भाभी: ऐसे बोलेगा अपनी दीदी से तू। वो मेरे पति हैं।
राहुल: तू मेरी दीदी भी तो है, भाई के सामने अपने बदन को मसलवाने में तुझे बड़ा मजा आता है, और जब भाई तुझे मसल रहा है तो बड़ी दिक्कत है।
भाभी: क्या हो गया है तुझे। तुम्हारी बड़ी दीदी हूँ मैं।
राहुल: (भाभी के होठों को चूसते हुए) मुझे तुम्हारे बदन के आगोश में बड़ा मज़ा आ रहा है दीदी। एक बार तुम भी मेरा साथ दे दो न, फिर मैं तुम्हे छोड़ दूंगा। सुनील की तरह मुझे भी प्यार कर लो।

भाभी चुपचाप राहुल के हवस के सामने शांत रहीं, राहुल ने उन्हें जम के चोदा फिर उनके नंगे बदन के आलिंगन में पड़े-पड़े दोनों सो गए।

शाम में मैं आया तो आभा शाम का खाना बना के जा चुकी थी। राहुल दुसरे कमरे में जा चूका था और भाभी खुद मेरी गोदी में आके डाइनिंग स्पेस में सोफे में बैठ गयीं। मैं भाभी को चूमता हुआ उनसे पूछा: क्या हुआ मेरी गाय, आज तू बड़ी मादक लग रही है।

मैं उनके गालों को चाट रहा था तभी राहुल बाहर आ गया और सामने बैठ गया। मैंने भाभी को चूमना जारी रखा। पर आज मेरी उत्तेजना बढ़ी हुई थी। मैं भाभी के टॉप के ऊपर के हुक खोलने लगा। भाभी के स्तन अब आधे नंगे थे फिर मैं उन्हें जोर-जोर से मसलने लगा। भाभी ने अपने हाथ स्तनों के ऊपर रख के उसको छुपाने की कोशिश की। आज राहुल भी एकटक हमें देख रहा था उसका लंड बॉक्सर में पूरा तन गया था। उसे भी उत्तेजना हो रही थी।
Reply
01-18-2019, 01:32 PM,
#16
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
राहुल: बहुत प्यार करते हो आप दीदी से न।
सुनील: (भाभी के स्तनों को पूरा नंगा करके हाथों से मसलते हुए) हाँ, भाभी से मैं बहुत प्यार करता हूँ, पर ये देखो बड़ी शरमातीं हैं। (फिर मैंने भाभी के नंगे जाँघों पे हाथ फेरते हुए कहा- मेरी भाभी अभी भी मुझसे शर्माती हैं)

राहुल: दीदी बचपन से ही थोड़ी शर्मीली हैं, धीरे धीरे ठीक हो जाएंगी
सुनील: (टॉप को खोल के उतारते हुए भाभी के नंगे स्तनों को मसलता हुए उनके गालों को चाटने लगा- ठीक तो इन्हे मैं दो दिन मैं कर दूँ) भाभी हैं इसलिए जिद नहीं करता।

थोड़ी देर राहुल रुका रहा पर फिर शायद उसे शर्म आ गयी और वो चला गया फिर मैं अधनंगी भाभी को गोदी में उठाये उन्हें अपने कमरे में ले आया। मैंने ध्यान नहीं दिया पर उनके आँखों में आंसू आ गए थे और उन्होंने रोते हुए बोला- सुनील, क्यों कर रहे हो ऐसा? ऐसे जीने से तो अच्छा मर जाना ही है।

सुनील- मैंने भाभी के आँखों के आंसू होठों से चूमा और बोला- क्यों भाभी आप खुद ही तो आयीं थीं मेरे पास बाहर।
भाभी- अकेले में मैंने कभी रोका है तुम्हे कुछ भी बोलने या करने से। दूसरों के सामने क्यों करते हो ऐसा?
सुनील- भाभी, वो दूसरा थोड़े ही न है, तुम्हारा अपना भाई है। चलो ठीक है अब नहीं करूँगा।

भाभी पर पूरे गुस्से में थी और एकदम असहाय लग रहीं थीं। मुझे भी दया आ गयी और मैंने भाभी से सॉरी बोला और उनके कपड़े बाहर कर दिए और बोला अब आपसे पूछ के ही कुछ भी करूँगा।

भाभी पर पूरे गुस्से में थी और एकदम असहाय लग रहीं थीं। मुझे भी दया आ गयी और मैंने भाभी से सॉरी बोला और उनके कपड़े बाहर कर दिए और बोला अब आपसे पूछ के ही कुछ भी करूँगा।

अगले दिन सुबह जब मैं ऑफिस चला गया तो राहुल भाभी को अपनी बाहों में करके चूमता हुआ बोला- दीदी सुनील तुम्हे कितना तंग करता है, तुम्हे बुरा नहीं लगता है।
भाभी: क्या करूँ, तुम लोगों ने ही शादी की है, निभा रही हूँ।
राहुल: (भाभी के नंगे जाँघों पे हाथ फेरता हुआ)- छोड़ दो न उसे। तुम्हे तो कोई दूसरा लड़का भी मिल जाएगा दीदी।
भाभी: क्या बोल रहे हो राहुल तुम?

राहुल: (भाभी के गालों को चूमता हुआ) और नहीं तो क्या वो इतना तंग करता है, उसे छोड़ दो, चलो हमारे घर। हम तुम्हारे लिए एक दूसरा लड़का खोज देंगे।

दरअसल राहुल भाभी के बदन के उतेजना में इतना चढ़ गया था की वो छोड़ना नहीं चाह रहा था। हवस के चरम पे पहुंच गया था वो।

भाभी: मुझे पता है तुम मेरी शादी-वादी नहीं करोगे, मुझे खुद की रखैल बना कर रखोगे। तुम्हे भी बस मेरे बदन का नशा है।

राहुल की शादी हो चुकी थी पर भाभी (उसकी दीदी) को नंगे अपनी बाहों में भरकर बड़े प्यार से उन्हें चूम रहा था। भाभी के नंगे बदन को देखते ही किसी की भी उत्तेजना चरम पे पहुंच जाए, राहुल तो उन्हें अपने आलिंगन में किये हुए मदहोश हुआ जा रहा था। भाभी की रखैल वाली बात पे उसने भाभी के होठों को चूमते हुए कहा।

राहुल: ऐसा क्यों सोचती हो तुम मधु दी, तुम इतनी सुन्दर हो, अगर मेरी दीदी नहीं होती तो तुमसे शादी करके तुम्हे अपनी बीवी बनता।
भाभी: दीदी को नंगी करके चोदने में तुम्हे शर्म नहीं आती।

भाभी आज राहुल से गुस्सा नहीं थीं और बेबस से उसकी बाहों में पड़ी हुईं थीं। भाभी ने अभी तक राहुल का साथ नहीं दिया था पर राहुल उनके मांसल जिस्म से लगातार खेल रहा था।
राहुल: (भाभी के स्तनों को मसलते हुए उनके गालों को चाटने लगा) दीदी, मैं तो बस तुम्हे प्यार कर रहा हूँ। तुम्हार जैसी खूबसूरत औरत को बहुत प्यार की जरुरत होती है।
भाभी: अब रहने दो राहुल, प्लीज।
राहुल: दीदी, तुम मुझे प्यार नहीं करती, एक बार तुम प्यार करो फिर मैं तुम्हे छोड़ दूंगा।

फिर राहुल ने भाभी को पीठ के बल लिटा के अपने लंड को भाभी के चुत में डाल के उनके बदन से चिपक के उनके होठों को चूसते हुए धीरे धीरे लंड को चुत में घुसाने लगा।
राहुल: (हवस की उत्तेजना में) दीदी, मुझे प्यार करो न।
भाभी: (धीरे धीरे राहुल के होठों को चूसने लगी)
राहुल: कितनी अच्छी दीदी हो तुम।

भाभी ने फिर राहुल को अपने आलिंगन के जोर में कर लिया और राहुल वासना में मदहोश भाभी के जिस्म को अपनी पूरी ताकत से मथने लगा। अब भाभी भी पूरे जोश से उसका साथ दे रहीं थी। जिस रफ़्तार से राहुल भाभी को पेल रहा था उसकी सांसें चलने लगीं। भाभी के साथ देने की वजह से उसकी उत्तेजना एक दम चरम पे थी। काफी देर तक उसने भाभी के भारी मांसल जिस्म को चोदा फिर उनके ऊपर ही लेट गया।

भाभी के होठों को अपने होठों में लेके चूसते हुए बोला- दीदी आज तो मज़ा आ गया। ऐसे ही सुनील के साथ चुदवाती हो तुम तभी तो वो हमेशा उत्तेजित रहता है।
भाभी: वो मेरे पति हैं
राहुल: काश तुम मेरी बीवी होती मादरजात।
समाप्त
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,447,781 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,296 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,210,493 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 915,056 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,622,190 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,054,942 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,908,059 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,913,868 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,976,385 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,832 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)