Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
12-09-2018, 02:42 PM,
#51
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
हम ने अपनी पोज़िशन बदली और वो अपनी पीठ के बल लेट गये. मैं उनके उपर 69 पोज़िशन मे आ गई और उनका नरम लंड मेरे मूह मे आ चुका था. मैं उनके नरम लंड को चूसने का मज़ा ले रही थी और साथ मे अपनी चूत के आस और उनके रस का मिला जुला स्वाद भी ले रही थी. उनका लंड नरम होने की वजह से छ्होटा भी हो गया था और पूरे का पूरा मेरे मूह मे था. जल्दी ही मैने उनके लंड को चूस चूस कर सॉफ कर दिया. उधर मेरी चूत के होंठ उनके होठों के बीच मे थे और वो मेरी चूत को ऐसे चूम रहे थे जैसे मेरे होठों को चूमते है. मैं अपनी गंद उपर कर के अपने घुटनों पर थी और अपनी चूत को उन के मूह पर दबा रही थी. मेरे चूसने की वजह से उन का लंड फिर से बड़ा होने लगा जैसे गुब्बारे मे हवा भर रही हो. जैसे जैसे उनका लंड बड़ा होता गया, मेरे मूह से बाहर आता गया. उनका लंड बड़ा….. और बड़ा होने लगा, कड़क……. और कड़क होने लगा, मज़बूत और मज़बूत, मोटा और मोटा, गरम और गरम होने लगा. मैं उनके सुपाडे पर से चॅम्डी नीचे करके उनके लंड का सूपड़ा चूस रही थी. मैं उनका लंड चूसने का मज़ा ले रही थी और उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत मे डाल दी. हे भगवान… …. फिर से एक बार उनकी जीभ मेरी चूत को चोद रही थी. मैं जानती थी कि मैं तो जीभ की चूत चुदाई से जल्दी ही झाड़ जाने वाली थी पर उनके लंड का पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. मैं अपना पूरा अनुभव इस्तेमाल कर रही थी ताकि उन के लंड रस को जल्दी ही पी सकूँ.

हमारा मुख चोदन पूरी बुलंदियों और ऊफान पर था और मैने अपनी चूत उन की जीभ से चोद्ते हुए मूह पर दबाई क्यों कि मैं फिर से पहुँच चुकी थी, मेरा हो गया था, मैं झाड़ गई थी.

मेरी चूत उनके मूह पर होने की वजह से उनका साँस लेना मुश्किल हो रहा था इस लिए मैं उठ कर उनके पास बैठ गई और उनका तना हुआ लंड कस कर पकड़ कर उपर नीचे करते हुए मूठ मारने लगी. उनका लंड पानी बरसने से बहुत दूर था फिर भी मैं उनके लंड से जल्दी से जल्दी पानी पानी निकालने की पूरी कोशिश कर रही थी.

मैने मूठ मारते हुए फिर से उनके लंड का सूपड़ा अपने मूह मे ले लिया ताकि उनके लंड का पानी निकालने मे आसानी हो. मैने उनके लंड पर अपनी मूठ मारने की रफ़्तार बढ़ा दी. मेरे हाथ किसी मशीन की तरह जल्दी जल्दी चलने लगे. थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि उनके लंड का पानी निकलने वाला है तो मैने जितना हो सका, उतना लंड अपने मूह मे ले लिया. मैने अपने मूह मे उनके लंड का सुपाडा फूलता महसूस किया और अचानक ही उन्होने अपनी गंद उठा कर अपने लंड का पानी मेरे मूह मे छ्चोड़ दिया. उनके लंड से निकला ज़्यादातर पानी तो मैं पी गई और उनके लंड के आस पास, उनके पेट पर गिरा लंड रस भी चाट कर, उनके लंड को चाट कर सॉफ कर दिया.

हम दोनो ही जोरदार और लगातार चुदाई के कारण कुछ थक गये थे और एक दूसरे के नंगे बदन को अपनी बाहों मे भर कर प्यार की बातें करने लगे. हमे पता ही नही चला कि कब हम बातें करते करते नंगे सो गये.

सुबह घर मे होती कुछ आवाज़ों के कारण मेरी आँख खुली तो मैने घड़ी मे देखा. सुबह के 6.45 हो चुके थे. मेरे पति अभी भी गहरी नींद मे थे और मुश्करा रहे थे. शायद कोई सुहाना सपना देख रहे थे. उनका लंड पूरी तरह तन कर खड़ा था और मैं अपने आप को उनके खड़े लंड को चूमने से नही रोक सकी. मैने उनके लंड को चूमा और उनके होंठो को भी चूमा. उन्होने अपनी आँखें खोली और मुझे गुड मॉर्निंग चुंबन वापस दिया.

मैं बिस्तर से कूद कर बाथरूम मे घुसी क्यों कि मुझे जल्दी तय्यार हो कर अपनी ससुराल मे पहली सुबह सब को मिलना था. मेरी गंद अभी भी थोड़ी सूजी हुई थी पर ज़्यादा दर्द नही हो रहा था. सुबह करने मे थोड़ी तकलीफ़ हुई पर कुछ खास नही.

मैं नहा कर आई तो देखा मेरे पति फिर से सो गये थे. मैं जल्दी जल्दी तय्यार हुई और उन को उठा कर बाथरूम मे भेजा.

जब मैने अपने कमरे का दरवाजा खोला तो मेरे पति की दो चचेरी बहने मेरे कमरे के बाहर खड़ी थी. वो कमरे मे आई और बारी बारी से मुझे गले लगाया.. मैं उनका प्यार पा कर बहुत खुशी महसूस कर रही थी.

अचानक एक ने मुझे फिर से अपनी बाहों मे भर लिया और बोली – ” भाभी ! मुझे विश्वास नही होता. इतने सालों तक भैया से प्यार का संभंध होने के बावजूद तुम अपनी शादी तक कुँवारी थी?”

मुझे समझ मे नही आया कि वो क्या और क्यों कह रही है. मैने उसकी तरफ आस्चर्य से देखा तो उसने पलंग पर सफेद तकिये और सफेद चादर पर खून के निशानों की तरफ इशारा किया.

अब उसे क्या पता था कि वो खून मेरी चूत से नही, कुँवारी गंद से निकला था.

वो दोनो मुश्करा रही थी और मैं भी ज़मीन की तरफ देखती हुई मुश्करा रही थी.

क्रमशः...............................
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12-09-2018, 02:42 PM,
#52
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली--14

गतान्क से आगे...................

मैं शाम को अपने बिस्तर पर बैठी अपने पति का इंतज़ार कर रही थी जो की बाज़ार गये थे. मैने ही उन को सब के लिए क्रिस्मस के तोहफे खरीदने के लिए बाज़ार भेजा था.

अगले दिन हम को हमारे हनी मून के लिए युरोप जाना था. मेरे ससुराल मे ये मेरा पहला क्रिस्मस था, और मेरे सास ससुर दोनो ही मेरे लिए क्रिस्मस की तय्यारी कर रहे थे. मेरे ससुराल मे सब लोग मेरे व्यवहार से और सब को इज़्ज़त देने की वजह से बहुत खुश थे. मैने पहले ही लिखा है कि मेरे सास ससुर मुझ से इतना प्यार करतें है कि मुझे उनको सास ससुर कहना अच्छा नही लगता. मैं उन को मा और पिताजी कहना पसंद करती हूँ. मुझे इस घर मे कभी भी मेरे मा बाप की याद नही आई क्यों कि मुझे प्यार ही इतना मिला है इस घर मे. भगवान करे ऐसा सास ससुर हर लड़की को मिले.

मेरे पति बाज़ार से लौटे तो उनके हाथों मे बहुत से पॅकेट्स और थैलियाँ थी. वो सब की पसंद के तोहफे लाए थे. उन्होने हाथ का सामान पलंग पर फेंक कर मुझे बाहों मे ले लिया. मैने भी उन को कस कर पकड़ा. उन्होने मेरे होठों का चुंबन लिया और मैने उनको प्यार से हल्का सा धक्का दिया और बोली – सबर करो डियर. दरवाजा खुला है.

वो बोले – तो क्या हुआ? अब तुम मेरी पत्नी हो मैं दरवाजा खुला रख कर भी तुम से प्यार कर सकता हूँ.

मैने जवाब दिया – हां! मैं तुम्हारी पत्नी हूँ, पर ये मत भूलो कि मैं इस घर की बहू हूँ. मेरी मर्यादा मुझे निभानी है.

वो – मुझे तुम्हारे मूह से ये सुन कर आस्चर्य हो रहा है. तुम पहले वाली जूली नही हो. तुम बदल गयी हो पर तुम्हारा ये बदलाव मुझे पसंद है. मैं अब समझा कि मेरे मा बाप क्यों तुम्हे इतना पसंद करतें है.

मैं – वो मुझे पसंद करतें है क्यों कि उनका दिल बहुत बड़ा है. वो मुझे बेटी की तरह प्यार करतें है और मेरा भी फ़र्ज़ है कि मैं भी वैसा ही व्यवहार और उनकी इज़्ज़त करूँ.

वो – ठीक है बाबा. ये रहे सबके लिए तोहफे और अब तुम तय्यार हो जाओ.

इतना कह के वो बाथरूम मे नहाने को घुस गये और मैने एक सुंदर सी साड़ी पहन ने के लिए निकाली.

जब वो बाथरूम से बाहर आए तो मैं साड़ी पहन रही थी. मैने उन को हल्के रंग का सूट और गहरे रंग की शर्ट पहन ने को दी. हमेशा की तरह वो बहुत सुंदर लग रहे थे. मैने अपने आप को शीशे मे देखा और मन ही मन मुश्कराई क्यों कि मैं जानती हूँ कि मैं खूबसूरत हूँ.

हमारे घर मे क्रिस्मस पार्टी हो रही थी. मेरे माता पिता भी आमंत्रित थे हम से मिलने के लिए क्यों कि अगले दिन हम हमारे हनी मून के लिए विदेश जा रहे थे.

मैं पार्टी का पूरा वर्णन ना कर के सिर्फ़ इतना बता दूं कि पार्टी आधी रात तक चली थी. मैं अपने मा बाप और मेरे पति के मा बाप की खुशी देख कर खुश थी. दोनो ही परिवार हमारी शादी से खुश थे.

हम अपने बेडरूम मे आए और थोड़ी सी थकान फील कर रहे थे.

मैं बोली – हम जल्दी सो जातें है ताकि सुबह समय पर उठ कर समान बाँध सकें.

वो बोले – ठीक है डार्लिंग! जैसा तुम कहो. अब जल्दी से, बिना कपड़ों के मुझे गुड नाइट किस दो ताकि मैं जल्दी सो सकूँ.
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12-09-2018, 02:42 PM,
#53
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
मैने मुश्कराते हुए अपने कपड़े उतारने शुरू किए. उन्होने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैने उनका सूट हॅंगर मे लगा कर अच्छी तरह से रख दिया.

वो बिना कुछ पहने, नंगे बिस्तर मे सोए थे. उनका प्यारा लॉडा पूरी तरह से नही खड़ा था, आधा तना हुआ था, पर मैं जानती थी कि वो जल्दी ही, मेरे बिस्तर मे पहुँचने से पहले ही, तन कर लंबा, कड़क और तय्यार हो जाने वाला था.

मुझे ये भी पता था कि उन्होने बात तो गुड नाइट किस की कही है मगर वो मुझे चोद्ने से पहले, अपने लंड से पानी निकालने से पहले सोने वाले नही थे. सच कहूँ तो मैं भी केवल गुड नाइट किस नही, उस से थोड़ा ज़्यादा चाहती थी.

मैने आख़िर मे अपनी चड्डी उतार कर उन के पास बिस्तर मे पहुँची. और हमेशा की तरह कमरे की लाइट ऑन थी.

हम ने एक दूसरे को कस कर बाहों मे लिया और हमारे होंठ आपस मे एक लंबे समय के लिए जुड़ गये. हम आमने सामने लेटे हुए थे. उनका बड़ा और गरम लॉडा, चुदाई का हथियार मेरे पेट पर हिल डुल रहा था और चुभ रहा था. मैं उनके गरमा गरम और लंबे चुंबन और उनके मेरे पेट पर नाचते हुए खड़े लंड की वजह से गरम होने लगी थी. मेरी सफाचत फुददी जल्दी ही अपने रस से गीली होने लगी.

चुंबन काफ़ी लंबा था. उन्होने चुंबन पूरा कर के मुझे अपने उपर खींच लिया.

उनका खड़ा लंड मेरी टाँगों के बीच था, बिल्कुल मेरी गोल गोल गंद की दरार पर, मेरी रसीली चूत से ज़रा ही नीचे. अपनी लंबाई के कारण उन का लंड मेरी गंद के उपर तक पहुँच रहा था. मैने उनके तने हुए लॅंड को पकड़ कर अपनी जाँघो के नीचे दबाया तो उन्होने मुझे अपने उपर, मेरी चुचियाँ चूसने के लिए खेंचा तो उनका लंड मेरे पैरों की पकड़ से निकल गया मगर अभी भी मेरी टाँगों के बीच मे था.

वो मेरी, उनके मूह के पास झूलती हुई चुचियों की तनी हुई निपल चूसने लगे जो गुलाबी गुलाबी होने लगी थी. चुदवाने की आग मेरे जिस्म मे भड़क चुकी थी. जिस तरह से वो मेरी चुचियाँ चूस्ते है, मेरा मन करता है कि वो कभी भी उनको अपने मूह से बाहर ना निकाले, हमेशा चूस्ते ही रहें.

उन की मेरी चुचियों की सेक्स से भरी चुसाइ मेरी निपल्स को और भी कड़क बनाती गई और मैं जल्दी से जल्दी चुद्वाने की ज़रूरत महसूस करने लगी.

मैने अपना सेक्सी और नंगा बदन उन के मज़बूत बदन से रगड़ना सुरू किया जब कि मेरी चुचियों की, मेरी निपल्स की चूसा लगातार जारी थी. मैने उनका सिर अपनी दोनो नंगी चुचियों के बीच दबा लिया जो शायद उन को भी अच्छा लगा.

कुछ देर बाद जब मेरी चुचियों की चुसाइ पूरी हुई तो मैं उन की चौड़ी और बालों भारी छाती पर अपना सिर रख कर लेटी हुई उन की चौड़ी छाती के बालों के बीच अपने हाथ घुमाती रही. मेरे हाथ मे उनकी छ्होटी छ्होटी निपल्स आई जो कि मेरे छुने से कड़क हो गई थी.

मैने उनकी एक छ्होटी सी निपल अपनी उंगलियो के बीच ले कर मसली. वो और भी ज़्यादा कड़क हो गई. मैने उनकी निपल्स के आस पास के बालों को हटाया ताकि मैं उनकी छ्होटी छ्होटी निपल्स को सॉफ देख सकूँ. वो बहुत ही छ्होटी मगर प्यारी प्यारी निपल्स थी और मैं अपने आप को उनकी निपल मेरे मूह मे ले कर चूसने से नही रोक सकी. मेरा उनकी निपल को चूसना उनको भी बहुत पसंद आया. मैने अपनी पूरी क़ाबलियत के साथ उनकी निपल को काफ़ी देर तक चूसा और इस दौरान उन का खड़ा हुआ लंड अपनी मौजूदगी मेरे पेट के नीचले हिस्से पर जता रहा था.
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12-09-2018, 02:42 PM,
#54
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
हम दोनो ही प्यार और चुदाई का खेल जल्दी ही ख़तम कर के सोना चाहते थे क्यों कि सुबह हम को जल्दी उठना था, अपना सामान पॅक करना था. शाम को हमारी फ्लाइट गोआ से मुंबई की थी जहाँ से हम अपनी आगे की ज़ूरिच ( स्विट्ज़र्लॅंड) की फ्लाइट हमारे हनी मून के लिए पकड़ने वाले थे.

मैं उनके उपर थी और वो अपनी पीठ के बल लेटे हुए थे. मैं उनके उपर, उनका लंबा और गरम चोद्ने का हथियार लंड अपनी रसीली चूत मे ले कर बैठी थी. मैं उनके उपर बैठी होने के कारण उनका लॉडा मेरी चूत मे आख़िर तक घुस गया था. माने अपना वजन अपने घुटनों पर डाला तो मेरी गंद उन से ज़रा सी उपर हो गई ताकि वो नीचे से अपने लंड से मेरी चूत को चोद सके और मैं उपर बैठ कर चुद्वा सकूँ.

मैं हमेशा की तरह गरम और मेरी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मेरी चूत का काफ़ी गीला होना हमेशा उन का लंबा और मोटा लंड मेरी चूत मे दो तीन झटकों मे लेने मे बहुत मददगार होता है.

मैं उन के लंड पर बैठी, उनके लंड को अपनी चूत मे डाले, अपनी गंद को गोल गोल घुमाने लगी. उन का मोटा तगड़ा लंबा लंड मेरी चूत की अन्द्रुनि दीवारों पर रगड़ खा रहा था.

कुछ देर अपनी गंद उनका लंड अपनी चूत मे लिए घुमाने के बाद मैं रुक गई. मैने अपनी दोनो हथेलिया उन की चौड़ी छाती पर रख कर उनको चोद्ने का सिग्नल दिया. मेरी झूलती हुई चुचियों को मसल्ते हुए, दबाते हुए उन्होने नीचे से मुझे चोद्ना शुरू किया. उनका लंबा लॉडा मेरी फुददी मे अंदर बाहर होना शुरू हुआ और मैं चुद्वाते हुए स्वर्ग की सैर करने लगी.

उनकी चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई और उनका लंड जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा और साथ ही साथ वो मेरी चुचियों को भी ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगे जिस से मेरा चुद्वाने का आनंद बढ़ता गया .

मेरे मूह से आनंद और मज़े के मारे आवाज़ें निकलने लगी और मैं तो जैसे उनकी क़ाबलियत भरी चुदाई से सातवें आसमान की सैर करने लगी.

मैं मस्ती मे बोलती जा रही थी “ओह डियर…….. हां डार्लिंग………. लव यू जान….. हां …… हां… आ…… आ….. ओह………. ओह……… हां………. चोदो…….. चोदो……..और………. हां……”

उन को भी अपनी पसदीदा प्यारी चूत चोद्ने मे बहुत मज़ा आ रहा था. आप तो जानते ही है कि मैं बहुत जल्दी गरम हो जाती हूँ. यहाँ तक कि चुदाई की बात भी मुझे सेक्सी बना देती है. और इसीलिए मैं हमेशा ही बहुत जल्दी झाड़ जाती हूँ, अपने चोद्ने वाले से बहुत पहले, चोदते हुए लंड का पानी निकलने से बहुत पहले ही मैं अपनी चुदाई की मंज़िल पर पहुँच जाती हूँ. एक तरह से ये अच्छा भी है. मेरे चोद्ने वाले की एक चुदाई मे मैं दो बार चुद्वाने का मज़ा ले लेती हूँ. वैसे भी मेरे चाचा और मेरे पति, दोनो ही चुदाई के मामले मे बहुत मज़बूत है, उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है जो एक अच्छे चुड़दकड़ होने का सबूत है. किसी भाग्यशाली लड़की का ही ऐसा नसीब होता है जिसे कोई मज़बूत और बहुत देर तक चोदने वाला पति मिलता है.

मेरी हलचल से वो समझ गये कि मैं चुदाई की मंज़िल के बहुत पास हूँ तो उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार और बढ़ा दी और उनका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत मे जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था. अब उन्होने मेरी चुचिया छ्चोड़ कर मेरी गोल गोल गंद को पकड़ रखा था और मेरी गीली चूत मे अपने लंड के धक्कों के साथ मेरी गंद को उपर नीचे करने मे मेरी मदद करने लगे. मेरी चूत अपने ही रस से बहुत ही गीली हो गई थी और इसी वजह से हमारा चहेता चुदाई का संगीत, “फ़चा फॅक ……….. फ़चा फॅक ……फ़चा फॅक” हमारे कानों मे गूंजने लगा. चुदाई का संगीत दुनिया मे सबसे पसंदीदा संगीत है. हर चुदाई करने वाला जोड़ा चुदाई मे ये संगीत सुन ना पसंद करता है.

वो नीचे से अपनी गंद उठा उठा कर मेरी चूत को चोद्ने का मज़ा ले रहे थे और मुझे चूत चुद्वाने का मज़ा दे रहे थे. मैं तो जैसे पहुँचने ही वाली थी. मेरा नंगा बदन अकड़ने लगा, नसें खींचने लगी और मेरे मूह से निकला ” ओह डियर…….. हां डियर………… हां…… हां……. आअह…. मैं गई जानुउऊउउ….. आ…… ओह…………ऑश.. आआआअहह………. ऊऊऊ हह…………..”

और मैने उन के तनटनाते हुए खड़े लंड को अपनी रसीली चूत मे जाकड़ लिया. मैं अपनी मंज़िल पर पहुँच चुकी थी…….. मेरा हो गया था और मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गयी.
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12-09-2018, 02:42 PM,
#55
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
मेरी चूत से रस निकलता जा रहा था, मेरी आँखें बंद हो गई थी और मैं झड़ने का मज़ा उनके लंबे और तने हुए लंड को अपनी चूत मे लिए ले रही थी.

मैं उनके लंड को अपनी चूत मे जकड़े उनके उपर अपनी टाँगों को सीधा कर के लेट गई.

हम कुछ देर ऐसे ही रहे. मैं तो चुद्वा कर, झाड़ कर अपना मज़ा ले चुकी थी पर वो अभी बीच मे ही थे. उन का लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार लॉडा मेरी चूत मे नाच रहा था और अपना लंड रस बरसाने को बेकरार था. उनका लंड जैसे मेरी चूत से बोल रहा था ” तुम्हारा हो गया डार्लिंग? मेरा होना तो अभी बाकी है. मैने तो तुम्हारा रस चख लिया है पर तुम भी तो मेरा रस निकालो और चखो.”

मैने अपना मूह उपर कर के उनके होठों को चूमा.

मैं बोली – आओ डार्लिंग! मैं तो स्वर्ग मे हूँ. तुम भी मेरे साथ आओ.

वो बोले – अभी आता हूँ. मुझे शुरू करने दो.

और मैं नीचे लेट कर चुद्वाने को तय्यार हो गई. मैने देखा कि उनका लंबा और मोटा लंड किसी लोहे के डंडे की तरह तना हुआ कड़क है. वो मेरी चूत के रस से गीला, पर गरम था. मैने उन के लंड को छुआ तो वो सचमुच काफ़ी गरम था.

वो बोले – जूली……….. मैं तुम्हारे प्यार के रास्ते को अपने लंड के प्रेम रस से भरना चाहता हूँ, घूम जाओ और मुझे पीछे से चोद्ने दो.

एक बार तो मैने सोचा कि वो मेरी गंद मारने वाले है. मैं तो उस के लिए भी तय्यार थी. मैं अपनी पीठ उनकी तरफ करके घूम गई और अपने बदन को थोड़ा मोड़ कर अपनी गंद उनके लंड की तरफ की. उन्होने अपने हाथ मेरी नंगी पीठ पर, मेरी गंद की दरार मे, मेरी गंद के मूह पर फिराए और मुझे मज़ा आने लगा. जल्दी ही ये सॉफ हो गया कि वो मेरी गंद नही मारने वाले थे, मेरी चूत मे पीछे से अपना लंड डाल कर मुझे चोद्ने वाले थे.

मैं बिस्तर पर अपनी करवट मे, अपनी गंद उनकी तरफ करके लेटी थी. उन्होने मेरा उपर का पैर ज़रा उठाया ताकि वो पीछे से अपना गरम लंड मेरी गीली चूत मे डाल कर मुझे चोद सके. हम थोड़ा आगे पीछे हुए और अब उनका तना हुआ लंड मेरी चूत के दरवाजे पर था. उन्होने अपना लंड हाथ से पकड़ कर सही जगह लगाया और ज़ोर लगाया तो उनका लंड मेरी चूत मे घुसने लगा.

उन्होने फिर ज़ोर लगाया तो उनका आधा लंड मेरी चूत मे पहुँच गया . वो मेरी पीठ पर चुंबन लेते हुए अपना लंड मेरी चूत मे घुसा रहे थे और मुझे मज़ा आ रहा था. उन्होने अपना नंगा बदन मेरे नंगे बदन से थोड़ा दूर किया. अब हम दोनो का उपरी नंगा बदन एक दूसरे से थोड़ी दूर था पर हमारे नंगे बदन का नीचला हिस्सा जुड़ा हुआ था. उन्होने अपने पैर अपने घुटनों से मोड और मैने भी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर, अपनी गंद को ज़रा पीछे करके चुद्वाने के लिए तय्यार हो गई. हमारे पैर एक दूसरे के परों मे फँसे थे और मेरी गंद का एक भाग बिस्तर पर था तो दूसरा भाग ज़रा सा उनके उपर था. चोदने और चुद्वाने के लिए ये बिल्कुल मस्त पोज़िशन थी. अब पीछे से वो मुझे आराम से चोद सकते थे. जब उन्होने थोड़ा ज़ोर लगाया तो उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों तक घुस गया . वो अपना लंड मेरी चूत मे घुमाना और अंदर बाहर करना शुरू कर चुके थे और मैं भी अपनी गंद आगे पीछे कर के उनका साथ देने लगी.

मैं अपनी दूसरी पारी खेल रही थी पर वो तो अभी तक अपनी पहली पारी मे ही नोट आउट खेल रहे थे. जब भी मेरी गंद उनके धक्के मारते बदन से टकराती तो वोही प्यार का. चुदाई का संगीत पैदा होने लगा. दूसरा संगीत उन के लंड के मेरे चूत मे आने जाने से बज रहा था क्यों कि मेरी चूत काफ़ी गीली थी. वो पीछे से मेरे कंधे पकड़ कर मुझे चोद रहे थे, मेरी आँखें बंद थी और मैं चुद्वाने का आनंद ले रही थी.

मैं इतनी नसीब वाली हूँ कि मैने हमेशा ही चुद्वाने का पूरा मज़ा लिया है. मैं जानती हूँ कि कई मर्द होते है जो चुदाई मे ज़्यादा देर तक नही टिक पाते और जल्दी ही उनके लंड का पानी निकल जाता है और बेचारी लड़की प्यासी ही रह जाती है. शुक्र है भगवान का कि मेरे साथ ऐसा नही है. मैं इतनी सेक्सी हूँ कि मैं चुद्वाने के लिए कभी ना नही करती. कभी भी, कहीं भी चुद्वाने के लिए तय्यार रहती हूँ, बस मौका मिलना चाहिए. मैं अपनी जिंदगी मे ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती हूँ. और शायद इसी लिए मुझे चुदाई का मज़बूत साथी मिला है.

मेरे पति भी मेरे जैसी पत्नी पा कर भाग्यशाली है क्यों कि मैं चुदाई मे बराबर उनका साथ देती हूँ.

मैं कई औरतों को जानती हूँ जो ज़्यादा चुद्वाना पसंद नही करती, शायद अपने साथी की कमजोर चुदाई की वजह से या किसी दूसरी वजह से. लेकिन मैं तो ऐसी लड़की हूँ जो चुदाई से प्यार करती है, जब भी साथी चोद्ना चाहे चुद्वाती हूँ और जब भी चुद्वाना चाहती हूँ, साथी चोद्ता है.
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12-09-2018, 02:42 PM,
#56
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
हम दोनो पति पत्नी बहुत किस्मत वाले है और जब भी मन करता है, हम अपना पसंदीदा चुदाई का खेल खेलतें है. खैर……………….

वो अपने लंड के मेरी फुददी मे जोरदार धक्कों के साथ मेरी चुदाई मे व्यस्त थे और हम आनंद लूट रहे थे. उनको धक्के लगाने मे मेरी गीली चूत का पूरा साथ मिल रहा था और उनका लंड बिना किसी तकलीफ़ के मेरी चूत मे अपना सफ़र कर रहा था.

हम दोनो ही जल्दी सोना चाहते थे पर जब एक बार हम ने चुदाई शुरू करदी तो हम ने समय के बारे मे कभी नही सोचा. बिना किसी बात की चिंता किए हम अपना चुदाई का खेल खेल रहे थे.

अब तक कि उनकी जोरदार चुदाई की वजह से मैं और भी गरम और सेक्सी हो गई. मेरे अंदर फिर एक बार झड़ने का मज़ा पनपने लगा. मैं दोबारा झड़ने के लिए तय्यार थी और वो मुझे तेज़ी से चोदे जा रहे थे…… चोदे जा रहे थे……… मैं चुद्वा रही थी……… चुद्वा रही थी…….. ,

बस अब तो इंतज़ार था उनके लंड से होने वाली प्यार के पानी की, आज रात की पहली बरसात का.

मैं उनका पूरा साथ दे रही थी चुदाई मे और मेरा नंगा बदन फिर एक बार अकड़ने लगा जो कि झड़ने के पहले होता है. उन के कड़क और तने हुए मोटे लौडे के मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मैं आसमान मे उड़ने लगी, मेरे मूह से निकलने लगा ” हां जानू……….. मेरी जान……. तेज…. और तेज……. और ज़ोर से………. ऑश……… आआअहह…. चोदो जान…… हाआँ.”

वो बोले ” रूको डार्लिंग! मैं भी आ रहा हूँ……. रूको…. रूको….. ऑश आआहहाा………………”

मैं पूरी कोशिश कर रही थी कि उनके साथ ही झाड़ू. पर……… पर….. अचानक ही मैं अपने आप को रोक नही सकी और मेरी चूत ने बहुत सा रस झाड़ते हुए छ्चोड़ दिया. मैं फिर एक बार झाड़ चुकी थी, पर वो भी ज़्यादा दूर नही थे. मैं तो झाड़ चुकी थी और 4 – 5 जोरदार लंड के धक्कों के बाद

वो भी अपनी मंज़िल पर पहुँच गये. उन्होने मुझे पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनके लंड के मूह से प्यार के पानी की बरसात मेरी गीली चूत के अंदर होने लगी.

उनके मूह से निकला ” ओह जुलीईई….. आअहह”

उनका लोहे जैसा मज़बूत चुदाई का औज़ार लॉडा मेरी चूत मे नाच नाच कर अपना रस तेज़ी से फेंक रहा था और हम एक दूसरे से चिपके हुए सोए रहे. वो पीछे से मुझे चिपके हुए मेरी चुचियों से खेलने लगे. हम दोनो को ही चुदाई का भरपूर मज़ा आया, मुझे दो बार और उनको एक बार. उनका कड़क लंड अभी भी मेरी चूत मे था.

थोड़ी देर बाद जब उनका लॉडा नरम होना शुरू हुआ तो उन्होने मेरी चूत से अपना लंड मेरी गीली चूत से बाहर निकाल लिया.

मैं खड़ी हो कर बाथरूम मे अपनी चूत सॉफ करने गई. वहाँ बैठ कर मैने अपने मूत के साथ ही उनका लंड रस बहा दिया और अपनी प्यारी सी, सफाचट चूत को पानी से धोया और जब मैं वापस आई तो उन्हे अपना इंतज़ार करते पाया. वो भी मूतने के लिए बाथरूम जाना चाहते थे.

उनके वापस आने के बाद हमने बत्ती बुझाई और एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए, एक जोरदार चुदाई के बाद गहरी नींद मे पहुँच गये.

अगले दिन, हम पूरे दिन अपना समान बाँधने मे और अपने हनी मून पर शाम को रवाना होने से पहले परिवार के लोगों से मिलने मे व्यस्त थे.

हम ने गोआ से मुंबई के लिए हवाई जहाज़ पकड़ा और मुंबई पहुँचे. मुंबई से हम को स्विस के ज़ूरिच ( स्विट्ज़र्लॅंड ) जाने वाले हवाई जहाज़ मे सफ़र करना था.

सब कुछ अच्छा रहा और हम अपने हनी मून पर जाने के लिए जहाज़ मे सवार हो गये. जब हमारा हवाई जहाज़ उड़ा तो उस समय रात के या सुबह के 1.50 हुए थे. मैं खिड़की वाली सीट पर बैठी थी और मेरे पति मेरी बगल मे बैठे थे. हम ने थोड़ी से वाइन पी जिस से हम फिर से गरम और सेक्सी होने लगे. हमारी पिछली रात की चुदाई को 24 घंटे से ज़्यादा हो चुके थे.

हम दोनो कंबल ओढ़े बैठे थे और हवाई जहाज़ की अंदर की बत्तियाँ बंद हो चुकी थी. सब लोग सोने की कोशिश करने लगे पर हम दोनो का सेक्सी जोड़ा कंबल के अंदर अपनी पसंद का खेल खेलने लगा.

मैं उनके लंड पर और वो मेरी चूत पर, सोने से पहले, अपने हाथों का कमाल दिखा रहे थे. हमेशा की तरह मैं तो उनसे कहीं पहले ही झाड़ चुकी थी और मैं पूरी कोशिश कर रही थी उनके लंड का पानी निकालने की. मैं उनका लंड टाइट पकड़ कर हिला रही थी…….. उपर नीचे कर रही थी….. कर रही थी…….. ज़ोर ज़ोर से…….. तेज़ी से….. ताकि उनके लंड का पानी निकल जाए. थोड़ी देर बाद उन्होने मेरा हाथ रोक दिया. मैं समझी नही क्यों कि वो अभी भी बीच मे थे और उनके लंड का पानी निकला नही था. उन्होने अपना खड़ा हुआ लंड फिर से अपनी पॅंट मे डाला और बाथरूम मे गये. मैं अब समझी की उन्होने मेरा हाथ क्यों रोक दिया था. वो अपने लंड का पानी कंबल मे निकालने की बजाय बाथरूम मे निकालना चाहते थे. मैने भी अपनी गीली चूत टिश्यू पेपर से सॉफ की और टिश्यू पेपर को सामने की सीट मे बनी कचरे की थैली मे डाल दिया.

वो अपने लंड पर खुद ही मूठ मार कर, लंड का पानी निकाल कर बाथरूम से वापस आए तो मैने उन के चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे.

क्रमशः.................................
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12-09-2018, 02:42 PM,
#57
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली--15

गतान्क से आगे...................

पहले ही काफ़ी देर हो चुकी थी और हम अगली सुबह के लिए, हमारी हनी मून की पहली सुबह मे तरो ताज़ा रहना चाहते थे. मैं उनके कंधे पर सिर रख कर सो गई और वो भी मेरा हाथ पकड़े सो गये.

हमारा हवाई जहाज़ सही समय पर सुबह जल्दी ज़ूरिच एरपोर्ट पहुँचा. स्विट्ज़र्लॅंड हमारे लिए जाना पहचाना था क्यों कि हम दोनो ही वहाँ काफ़ी बार आ चुके थे. वहाँ काफ़ी सर्दी थी और तापमान सुन्य से 2 डिग्री नीचे था. हम ने गरम कपड़े पहन रखे थे. हम ने वहाँ से ल्यूज़र्न जाने वाली ट्रेन पकड़ी जहाँ हमारी होटेल की बुकिंग थी. ल्यूज़र्न अपनी सुंदरता, झीलों, पहाड़ों और चुदाई के सभी सामानों के लिए जाने जाने वाला शहर है.

हम होटेल मे अपने कमरे मे पहुँचे और जल्दी जल्दी एक सुबह की चुदाई करके, तय्यार हो के नाश्ता करने बाहर आए.

नाश्ता करके हम घूमने निकल गये और जब वापस होटेल पहुँचे तब तक शाम हो चुकी थी. ये जगह मुझे बहुत पसंद है क्यों कि यहाँ सेक्स पर कोई पाबंदी नही है. सब कुछ खुल्लम खुला होता है. यहाँ पर आप अपनी चुदाई की भावनाओं को कहीं भी दिखा सकते है जैसे चुंबन लेना, बाहों मे लेना, चुचियाँ दबाना, गंद दबाना, कपड़ों के उपर से लंड पकड़ना और कपड़ों के उपर चूत पर हाथ फिराना आदि. ये सब यहाँ नॉर्मल है और कोई इस पर ज़्यादा ध्यान भी नही देता. हम ने भी दिन मे घूमते हुए ये सब कई बार किया.

दिन मे हम घूमते हुए एक चुदाई के सामान की दुकान पर गये. वहाँ हम नेचुदाई के बहुत से सामान देखे जैसे नकली लंड और नकली चूत आदि आदि. हम ने वहाँ से गंद मारने और मरवाने के सामान का पॅक खरीदा.

गंद मारने का ये पॅक पूरी तरह सुरक्षा देने वाला है. गंद मारने और मरवाने वाले इस को काम मे लेते है चाहे किसी मर्द को मर्द की गंद मारनी हो या किसी मर्द को औरत की गंद मारनी हो. विदेशी धरती पर मेरी पहली बार पूरी तरह गंद मरवाने के अवसर पर मैं इस पॅक के सामान के बारे मे भी बता रही हूँ.

हम अपने होटेल के कमरे मे कपड़े उतार कर गंद मारने और मरवाने का खेल खेलने के लिए तय्यार थे. हालाँकि बाहर काफ़ी सर्दी थी पर होटेल के कमरे मे हीटर होने की वजह से तापमान नॉर्मल था. नंगे होने के बावजूद भी हम को सर्दी नही लग रही थी. मैं अपनी गंद मरवाने के लिए काफ़ी उत्साहित थी. मेरे पति का चोद्ने का औज़ार, उनका लंड नुन्नि की तरह नरम था तथा नीचे की तरफ लटका हुआ था. मैं देख रही थी कि धीरे धीरे वो खड़ा होने लगा, बड़ा होता चला गया , लंबा होता चला गया , मोटा और कड़क होता चला गया . जल्दी ही हमेशा की तरह वो तन कर, अपना सिर उठा कर खड़ा हो गया और जैसे वो मेरी तरफ चोद्ने के लिए देख रहा था.

मेरे पति ने का पॅकेट खोला. उस मे से एक बिना सुई वाला इंजेक्षन निकला. उस पर सुई की जगह एक पतली, सुई जितनी लंबी नली थी, एक बड़ी बॉटल थी जिसमे चिकना सा, पानी जैसा कुछ था और एक बड़ी ट्यूब निकली जिसमे क्रीम थी.

उन्होने इंजेक्षन ले कर बॉटल खोली और उस मे निशान लगी जगह तक बॉटल से चिकना पानी भरा. वो मेरी तरफ देख कर मुश्कराए. मैं जानती थी कि ये मेरी गंद मे डालने के लिए है. मैं अपने पति की तरफ अपनी गंद करके थोड़ा झुक गई ताकि उनको मेरी गंद का छेद नज़र आए.

उन्होने इंजेक्षन की नली मेरी गंद के छेद पर रखी और उस पतली नली को मेरी गंद मे डाल दिया. मैं उस पतली नली को मेरी गंद मे थोड़ा अंदर तक महसूस कर रही थी. जब उन्होने इंजेक्षन का पंप दबा कर वो चिकना पानी मेरी गंद के अंदर छ्चोड़ा तो मुझे कुछ अजीब सा लगा और मेरी गंद मे गुदगुदी सी होने लगी. मैने अपनी गंद मे पहले ऐसा कभी भी महसूस नही किया था.

वो बोले – कुछ समय तक रुकना पड़ेगा जली. तुम्हारी गंद मे गई दवा तुम्हारी गंद को अंदर से पूरी तरह सॉफ करके सब बाहर निकाल देगी और तुम्हारी गंद तुम्हारी चूत की तरह सॉफ हो जाएगी. अंदर कुछ भी गंदगी नही रहेगी. फिर मैं बिना कॉंडम के तुम्हारी गंद मार सकता हूँ. इन्फेक्षन का कोई डर नही रहेगा.
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12-09-2018, 02:42 PM,
#58
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
मैं सीधी खड़ी हो गई और बहुत रोमांचित थी. हम ने एक दूसरे को पकड़ा और हमारे होंठ आपस मे जुड़ गये.

थोड़ी ही देर मे मुझे अपनी गंद मे कुछ हलचल सी महसूस हुई और मुझे लगा कि बाथरूम जाना ही पड़ेगा. मैं बाथरूम जा कर बैठी तो जल्दी ही मेरी गंद से सारी गंदगी निकल गई और मैं हल्का महसूस करने लगी. मैने गरम पानी से अपनी गंद सॉफ की तो मैने पाया कि मेरी गंद का छेद बहुत नरम और चिकना हो गया है. मैं गंद सॉफ कर के बाहर आ गई.

अब मैं अपने पति से गंद मरवाने को पूरी तरह तय्यार थी. सुहागरात को तो उन्होने केवल शगुन के तौर पर ही मेरी गंद मारी थी, आज मैं अपनी गंद पूरी तरह मरवाने वाली थी.

वो बिस्तर मे मेरा इंतज़ार कर रहे थे. मैं कूद कर बिस्तर पर चढ़ि और उनके गरमा गरम लौडे को अपने मूह मे ले लिया. जवाब मे उन्होने मेरी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाया और मसला. मैं गरम और सेक्सी होने लगी. मैं अपनी सफाचट चिकनी चूत को चुदाई की चाह मे गीली होने से नही रोक सकी.

उनका कड़क लॉडा मेरे मूह मे और भी कड़क हो गया . मैं उसको ऐसे चूस रही थी जैसे दूध ही निकल आएगा. मैं ज़्यादा इंतज़ार नही करना चाहती थी. जल्दी से जल्दी उनके फड़फड़ाते हुए लौडे को अपनी सॉफ की हुई गंद मे पूरा, अंदर तक लेना चाहती थी.

वो मेरी चाहत समझ गये और पलंग के किनारे मुझे घोड़ी बन ने को कहा. वो नीचे ज़मीन पर खड़े हो गये और मैने अपनी गंद उनका लंड अंदर लेने के लिए सही सही ऊँचाई पर की.

उन्होने ट्यूब लेकर थोड़ी क्रीम मेरी गंद पर और थोड़ी अपने तने हुए लंड पर लगाई. मेरी गंद पर लगी हुई क्रीम को अपनी उंगली से मेरे गंद के छेद मे अंदर डाला.

और हम दोनो तय्यार थे गंद मारने और गंद मरवाने का पूरा मज़ा लेने के लिए. उन्होने मुझे मेरी गंद का छेद ढीला छोड़ने को कहा और अपना लंड मेरी गंद के दरवाजे पर लगाया. उनके थोड़ा सा ज़ोर लगाने पर उनके लंड का सूपड़ा मेरी गंद के अंदर घुस गया . मेरी गंद मे थोड़ा सा दर्द हुआ पर दर्द से ज़्यादा रोमांच हुआ. उनके थोड़ा और ज़ोर लगाने पर थोड़ा दर्द और थोड़ा मज़ा, पर उनका लंड मेरी चिकनी गंद के अंदर घुसने लगा.

वो बोले – ठीक तो हो डार्लिंग? दर्द तो नही हो रहा?

मैने कहा – मैं ठीक हूँ डियर……… तुम अंदर डालो.

सही पोज़िशन ले कर, थोड़ा सा लंड वापस बाहर निकाल कर जो ज़ोर का धक्का उन्होने लगाया तो उनका लंड तन तनाता हुआ आधा मेरी गंद मे घुस गया . मैने अपना हाथ पीछे करके , अपनी गंद के उपर उनके लंड को पकड़ कर जाना कि सचमुच ही उनका आधा लंड मेरी गंद मे घुस गया है. वैसे भी उनका लंड किसी औसत लंड से काफ़ी लंबा और मोटा है. उनके पूरे लंड को अपनी गंद मे लेने का मतलब किसी बड़ी सफलता से कम नही है.
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12-09-2018, 02:43 PM,
#59
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
मुझे गंद मे थोड़ा दर्द ज़रूर हो रहा था पर जैसा की मैने लिखा है, मेरी गंद अब पूरी तरह चिकनी हो चुकी थी, भला हो गंद मारने और मरवाने वाले पॅकेट का.

वो पीछे से मेरी गोल गोल गंद को बहुत ही सेक्सी अंदाज़ मे पकड़े हुए थे जो मेरी गंद का बॅलेन्स सही ऊँचाई रखने मे सहायक हो रहे थे.

अब, जैसे वो मेरी चूत छोड़तें है, वैसे अपने लंड को मेरी गंद मे अंदर बाहर…….. अंदर बाहर करने लगे. वो अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकालते और हर धक्के के साथ, चतुराई के साथ और अंदर तक घुसा देते.

मेरी पूरी तरह से पहली गंद मराई हो रही थी और थोड़े दर्द के बावजूद मुझे मज़ा आ रहा था. मेरी आँखें मज़े के मारे बंद होने लगी. मैं अपनी गंद मरवाई का पूरा मज़ा लूटना चाहती थी. मुझे लग रहा था कि मैं अपनी गंद मरवा कर झाड़ सकती हूँ.

उन के लंड का मेरी गंद मे आना जाना, धक्के लगाना जारी था और थोड़ी ही देर मे मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को अपनी चूत पर टकराते हुए महसूस किया. इस का मतलब अब उनका पूरे का पूरा, लंबा लंड मेरी गंद मे आ जा रहा था. मुझे गंद मे ज़्यादा दर्द भी नही हो रहा था और ये मुझे चूत मे लंड ले कर चुद्वाने जैसा आसान लग रहा था. कुछ वैसा ही मज़ा आ रहा था. सचमुच उस पॅकेट ने मेरी गंद मरवाई कितनी आसान करदी थी. मेरी गंद नरम और चिकनी, बिल्कुल चूत जैसी हो गई थी, जिस ने उनके लंबे और मोटे लंड को अपने अंदर पूरी तरह समा लिया था.मुझे नही लगा था कि मैं गंद मरवाते हुए उनके पूरे लंड को अपनी गंद मे ले लूँगी. अब उनका लंबा लंड , मेरी गंद के अंदर से मुझे अपने दिल के पास पहुँचता लग रहा था. आख़िर मैने उन से पूछ ही लिया कि क्या उनका पूरा लंड अंदर है, तो उन्होने बताया कि हां, पूरा अंदर चला गया है. जिस तरीके से, वो अपना गरमा गरम लंबा और मोटा लॉडा मेरी गंद मे अंदर बाहर घुमा रहे थे, मुझे नशा सा होने लगा. उनकी गंद मारने की बढ़ती रफ़्तार बता रही थी की उनको भी मेरे जितना मज़ा आ रहा था.

मेरी पहले से गीली चूत और गीली और गरम हो गई, उपर से उनके लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली मेरी चूत से हर धक्के के साथ टकरा कर मेरी चूत मे और आग लगा रही थी. मुझे लग रहा था कि उनकी गोलियों की थैली भी मेरी चूत से निकलते रस से गीली हो गई थी.

मैं चाहती थी कि वो मेरी गंद तब तक मारते रहे जब तक उनके लंड का पानी मेरी गंद मे ना निकल जाए.

आप तो जानते ही है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. और कई बार तो मेरी पूरी चुदाई होने के बाद, मेरे एक बार से ज़्यादा झाड़ चूकने के बाद मुझे मेरा हाथ और मूह इस्तेमाल करना पड़ता है उनके लंड रस को निकालने मे. मगर इस बार मैने सोच लिया था कि चाहे जितना समय लगे, मैं उनके लंड रस की बरसात अपनी गंद के अंदर कर्वाउन्गि.

अचानक……. मेरी गंद मारते मारते वो अपना हाथ मेरी चूत पर ले गये और मेरी चूत को, चूत के दाने को मसल्ने लगे, मेरी गीली चूत से खेलने लगे. ये तो सोने पर सुहागा था. दोहरी चुदाई का आनंद. उन का लंड मेरी गंद मार रहा था और उनका हाथ मेरी रसीली, चिकनी चूत से खेल रहा था. उनका लंड तेज़ी से मेरी गंद मे आ जा रहा था और उनकी उंगलियाँ तेज़ी से मेरी चूत मे घूम रही थी.
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12-09-2018, 02:43 PM,
#60
RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
गंद मारने की रफ़्तार और चूत मे उंगली घूमने की रफ़्तार, दोनो बढ़ती गई. मेरी गंद का दर्द गायब हो गया था और अब मज़ा ही मज़ा आ रहा था. होटेल के बंद कमरे मे हमारी चुदाई, मेरी गंद मरवाई जारी थी. हम दोनो, ताज़ा ताज़ा शादी किया हुआ सेक्सी जोड़ा, दुनिया से बेख़बर, अपनी पसंद का चुदाई वाले खेल मे मस्त था.

उनके मेरी चूत रगड़ने की वजह से, मेरी चूत मे उंगली करने की वजह से, मैं अपने झड़ने के करीब थी जो उनको मेरी हरकतों की वजह से पता चल गया .

उन्होने मेरी गीली फुददी पर से अपना हाथ हटा लिया और अपना पूरा ध्यान मेरी गंद मारने पर लगा दिया. मेरी गंद मे और उन के लौडे पर क्रीम लगी होने की वजह से, उनके लंड के मेरी गंद मे अंदर बाहर होने पर कुछ अलग तरह की आवाज़ आने लगी. चूत की चुदाई मे ऐसी आवाज़ नही आती है.

मैं झड़ने की ऐसी ऊँचाई पर पहुँच चुकी थी जैसे कि मैं बॉम्ब फटने की तरह झडुन्गि. उनके गरम लंड की गरमा गरम चुदाई से मेरी गंद भी अंदर से गरम हो गई. मैं महसूस कर रही थी कि उनका लंड मेरी गंद मे आते जाते और भी मोटा हो गया है, और भी कड़क, बिल्कुल लोहे के डंडे जैसा हो गया है. वो भी पहली बार मेरी गंद पूरी तरह मार कर भरपूर मज़ा ले रहे थे और बिना रुके मेरी गंद मारते जा रहे थे.

मेरे लिए ये हमेशा फ़ायदे की बात है कि मेरे पति बिना रुके, लगातार मुझे चोद्ते रहें. क्यों कि मुझे पता है कि अगर उन्होने बीच मे चुदाई रोकी तो उनके लंड का पानी निकलने मे और भी ज़्यादा वक़्त लगेगा.

बाहर इतनी ठंड थी पर होटेल के इस कमरे के अंदर चुदाई की गर्मी थी, यहाँ तक कि अगर हम हीटर बंद भी कर्देते तो हम को हमारी चुदाई के कारण ठंड नही लगने वाली थी. मेरी गंद उनके लंड के जबरदस्त धक्के सहन कर रही थी और हम को इतनी गर्मी लग रही थी कि सिर्फ़ पसीना निकलना बाकी था.

मेरी चोद्ने की मशीन……… मेरा पति……. मेरा चोदु……. मेरा प्यारा चुड़क्कड़ मुझे अपनी चुदाई का मज़ा, इस बार मेरी गंद मार कर दे रहा था. चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो चुकी थी और मैं घोड़ी बनी अपने पति से गंद मरवा रही थी.

प्यारे पढ़ने वालों ! मेरे पास शब्द नही है मैं आप को बताऊ कि पहली बार अपने पति से गंद मरवा कर मुझे कितना मज़ा आया. पर मैं जानती हूँ कि आप सब ने मेरी आप बीती पढ़ते हुए ज़रूर महसूस किया होगा.

मेरी गंद मारते मारते वो भी अपनी मंज़िल के पास थे, पर लगातार मेरी गंद मार रहे थे. मेरी चुचियाँ हवा मे झूल रही थी और उनके लंड के मेरी गंद मे हर धक्के के साथ हिल रही थी, नाच रही थी. मेरे पति को मेरे झड़ने के समय के बारे मे पूरा अंदाज़ा है. उनका हाथ फिर से मेरी चूत पर पहुँच कर कमाल करने लगा. तब तक मेरी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मेरा छुट रस निकल कर मेरे पैरो के जोड़ को गीला कर रहा था. उनकी उंगलियों के बीच मे मेरी चूत का दाना मसला जा रहा था. मुझे लग रहा था कि मैं अपनी गंद मरवाई के कारण ही झाड़ जाउन्गि. पर अब उनकी उंगलियाँ मेरी गीली चूत पर जो हरकत कर रही थी, मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी. मेरी चूत और गंद दोनो ही मारी जा रही थी. मैं तो कहती हूँ कि हर लड़की को ज़रूर से गंद मर्वानी चाहिए. मैं पहुँचने वाली थी, झड़ने वाली थी और मैं अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ों को रोक नही पा रही थी.
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