Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
02-06-2019, 05:52 PM,
#51
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जय ने रश्मि के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा।
रश्मि- उफ्फ.. भाई क्या कर रहे हो.. बाल क्यों पकड़े हो मेरे.. दु:खता है ना..
जय- अरे अभी कहाँ दु:खा है.. जब तेरी गाण्ड मारूँगा.. तब होगा असली दर्द तो.. मेरी जान ले चूस..
रश्मि- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..
जय- डर मत मेरी जान.. तेरी गाण्ड इतनी प्यारी है.. इसको तो बड़े प्यार से खोलूँगा.. चल अब देर मत कर बन जा मेरी घोड़ी.. ताकि मेरे लौड़े को भी सुकून आ जाए..
रश्मि- थैंक्स भाई.. प्लीज़ दर्द मत करना.. आराम से डालना और प्लीज़ ऐसे सूखा मत डालो.. कोई आयिल लगा लो.. ताकि दर्द कम हो.. वो सामने देखो वहाँ से ले लो..
जय खड़ा हुआ और आयिल की बोतल ले आया.. तब तक रश्मि भी दोनों पैर फैला कर ज़बरदस्त घोड़ी बन गई थी.. उसको देख के जय खुश हो गया।
जय- वाह्ह.. मेरी जान क्या पोज़ में आई हो.. पैर भी फैला दिए.. ताकि गाण्ड थोड़ी और खुल जाए.. तू डर मत.. अभी बस थोड़ी देर की बात है.. उसके बाद सारी खोल दूँगा..
इतना कहकर जय बिस्तर पर आ गया और रश्मि की गाण्ड को सहलाने लगा।
रश्मि- उफ्फ.. भाई आपका हाथ लगाते ही अजीब सा महसूस हो रहा है।
जय ने आयिल रश्मि की गाण्ड के छेद पर डाला और उंगली से उसके छेद में लगाने लगा। कुछ आयिल लौड़े की टोपी पर भी लगा लिया ताकि आराम से घुस जाए।
जय उंगली को गाण्ड के अन्दर घुसा कर तेल लगाने लगा.. तो रश्मि को थोड़ा दर्द हुआ.. मगर वो दाँत भींच कर चुप रही।
जय बड़े प्यार से उंगली थोड़ी अन्दर डालकर गाण्ड में तेल लगा रहा था और रश्मि बस आने वाले पल के बारे में सोच कर डर रही थी।
जय- मेरी रानी अब तेरी गाण्ड को चिकना बना दिया है.. अब बस लौड़ा पेल रहा हूँ.. थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लेना.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.. तू खुद कहेगी कि रोज गाण्ड मरवाऊँगी.
सरश्मि- भाई प्लीज़ आराम से डालना.. मैं आपकी बहन हूँ.. ये बात भूलना मत..
जय ने लौड़े को गाण्ड पर टिकाया और प्यार से छेद पर लौड़ा रगड़ने लगा।
जय- अरे जान.. डर मत.. जानता हूँ तू मेरी बहन है.. तुझे दर्द होगा तो मुझे भी तकलीफ़ होगी.. तू बस देखती जा.. बड़े प्यार से करूँगा।
जय ने दोनों हाथों से गाण्ड को फैलाया और टोपे को छेद में फँसा कर हल्का सा झटका मारा.. तो लौड़ा फिसल कर ऊपर निकल गया।
उसने 3 बार कोशिश की.. मगर लौड़ा अन्दर नहीं गया.. तो जय ने एक हाथ से लौड़े को पकड़ा और छेद पर रख कर दबाव बनाया.. अबकी बार लौड़ा गाण्ड में घुस गया और एक दर्द की लहर रश्मि की गाण्ड में होने लगी।
रश्मि- ऐइ.. आईईइ.. आह… भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह.. आराम से करना.. नहीं मेरी चीख निकल जाएगी और बाहर कोई सुन लेगा.. उई.. माँ आज नहीं बचूँगी..
जय- मेरी जान.. अभी तो टोपी घुसी है.. थोड़ा सा बर्दास्त कर ले.. बस उसके बाद दर्द नहीं होगा।
रश्मि- आह्ह.. कर तो रही हूँ.. आप बस झटके से मत देना.. धीरे-धीरे अन्दर डालो.. मैं दाँत भींच लेती हूँ.. आह्ह.. आह..
जय हाथ से दबाव बनाता गया। एक इंच और अन्दर गया और वो रुक गया.. फिर दबाया तो और अन्दर गया.. वैसे जय बड़े प्यार से लौड़ा अन्दर पेल रहा था.. मगर रश्मि की गाण्ड बहुत टाइट थी। उसकी तो जान निकाल रही थी.. वो बस धीरे-धीरे कराह रही थी।
कुछ देर तक जय धीरे-धीरे लौड़े को अन्दर करता रहा। उसका आधा लण्ड अब गाण्ड में जगह बना चुका था। अब वो आधे लण्ड को ही अन्दर-बाहर करने लगा।
रश्मि- आह्ह.. आइ.. आह्ह.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. चोदो आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. भाई सच्ची गाण्ड में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. उहह..
जय अब स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और हर धक्के के साथ लौड़ा थोड़ा और अन्दर घुसा देता। उसका लौड़ा एकदम टाइट जा रहा था.. ये तो आयिल का कमाल था.. नहीं उसका लौड़ा छिल जाता। थोड़ी देर बाद जय ने लौड़ा पूरा बाहर निकाल लिया।
रश्मि- ऑउच.. क्या हुआ भाई.. निकाल क्यों लिया.. थक गए क्या?
जय- अरे नहीं मेरी जान.. जितना आयल लगाया था.. वो तेरी गाण्ड पी गई.. अब थोड़ा और लगा के डालूँगा..
रश्मि- उफ्फ.. भाई जल्दी से पेल दो आप मेरी गाण्ड मार रहे हो और मेरी चूत में खुजली शुरू हो गई है।
जय- सबर कर मेरी जान.. आज तेरी सारी खुजली मिटा दूँगा मैं..
इतना कहकर जय ने पूरे लौड़े पर अच्छे से तेल लगाया। उसके बाद रश्मि की गाण्ड को हाथ से खोलकर उसमे तेल पेल दिया.. ताकि पूरा लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।

तेल की बोतल साइड में रख कर जय ने लौड़ा गाण्ड में घुसा दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा, रश्मि मस्ती में गाण्ड पीछे धकेल कर चुदने लगी।
तभी जय ने जोश में ज़ोर का झटका मार दिया और पूरा लौड़ा जड़ तक गाण्ड में समा गया और इसी झटके के साथ रश्मि बिस्तर पर गिर गई, उसके साथ-साथ जय भी उसके ऊपर गिर गया।
पूरा लौड़ा जब गाण्ड में गया तो रश्मि के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. मगर जल्दी ही उसने बिस्तर में मुँह छुपा कर अपनी चीख को दबा लिया.. उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
जय को भी ये अहसास हो गया कि रश्मि को कितना दर्द हुआ होगा.. क्योंकि शुरू में तो वो प्यार से लौड़ा घुसा रहा था.. मगर अचानक ही पूरा लौड़ा एक साथ गाण्ड में चला गया तो दर्द होना लाजिमी है।
जय कुछ देर वैसे ही रश्मि के ऊपर लेटा रहा.. जब उसका दर्द कम हुआ।
रश्मि- आ आह्ह.. भाई.. मेरी जान निकाल दी आपने.. आह्ह.. अब उठो भी.. पूरा वजन मेरे ऊपर पेल रखा है..
जय अपने हाथों और घुटनों पर ज़ोर देकर थोड़ा ऊपर हुआ और धीरे-धीरे लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।
रश्मि- आह्ह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अब बस भी करो.. आह्ह.. निकाल लो ना.. आह्ह.. मैं मर जाऊँगी..
जय- अरे अब तो पूरा अन्दर घुस गया.. अब कैसा दर्द.. बस मुझे थोड़े झटके मार कर गाण्ड को खोलने दो.. उसके बाद मज़े ही मज़े..
रश्मि- आह्ह.. ठीक है.. आह्ह.. जो करना है आह्ह.. जल्दी करो.. मुझे ज़ोर की सूसू आई है.. आह्ह.. जल्दी करो..
जय अब स्पीड से रश्मि की गाण्ड मारने लगा। वो सिसकारियाँ लेती रही.. कुछ देर बाद लौड़ा ‘पक-पक’ की आवाज़ के साथ स्पीड से अन्दर-बाहर होने लगा।
अब रश्मि को दर्द भी कम महसूस हो रहा था। वो झटकों के साथ उत्तेजित होने लगी थी.. उसकी चूत टपकना शुरू हो गई थी.. वो जोश में आ गई।
रश्मि- आ आह्ह.. भाई.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. अब ज़ोर से करो.. आह्ह.. जल्दी मेरी चूत की आ..आग भी आपको मिटानी है आह्ह.. फास्ट ब्रो आह्ह.. फास्ट..
रश्मि को अब मज़ा आने लगा था। वो हाथों पर ज़ोर देकर फिर से घोड़ी बन गई थी और जय अब उसके कूल्हे पकड़ कर ‘दे दनादन..’ लौड़ा पेल रहा था। कुछ देर बाद जय ने रश्मि की गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की.. तो गर्म-गर्म वीर्य से उसको बड़ा सुकून मिला।
रश्मि की गाण्ड को भर कर ‘पक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा बाहर निकाला और जय बिस्तर पर लेट कर लंबी साँसें लेने लग गया।
रश्मि की गाण्ड से वीर्य टपक कर बाहर आने लगा.. वो भी जय के बराबर में लेट गई।
रश्मि- क्या भाई.. आज तो आपने हद ही कर दी.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. कितनी ज़ोर से लौड़ा घुसाया.. मेरी जान निकाल दी आपने।
जय- अरे यार वो ग़लती से हो गया था.. नहीं मैं तो प्यार से ही कर रहा था। वैसे तेरी गाण्ड बहुत टाइट है.. मज़ा आ गया आज तो..
रश्मि- आपको तो मज़ा आ गया.. मेरी तो हालत खराब हो गई ना.. अभी भी ऐसा लग रहा है जैसे गाण्ड में लौड़ा घुसा हुआ है.. और दर्द भी बहुत हो रहा है। देखो बिस्तर पर ठीक से गाण्ड टिक भी नहीं रही.. इसी लिए करवट लेकर लेटी हुई हूँ।
जय- हा हा हा.. मेरी प्यारी रश्मि.. पहली बार में ऐसा होता है.. अब रोज मरवाओगी.. तो आदत पड़ जाएगी.. उसके बाद दर्द नहीं मज़ा मिलेगा।
रश्मि- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. अब जल्दी से उठो.. मेरी चूत में खुजली हो रही है.. इसमें डालो अब अपना मोटा लौड़ा..
जय- थोड़ा रेस्ट लेने दे मेरी जान.. वैसे भी दवाई ली हुई है.. अभी 5 मिनट में लौड़ा खड़ा हो जाएगा। उसके बाद ना कहना कि बस करो मैं थक गई हूँ.. तेरी चूत की प्यास मिटा कर दोबारा गाण्ड मारूँगा तेरी..
रश्मि- हाँ मार लेना.. मगर रस मेरी चूत में ही डालना.. बड़ा सुकून मिलता है.. जब चूत में गर्म रस अन्दर जाता है।
जय- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या.. गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
रश्मि- उस वक्त आया था.. अब नहीं आ रहा है।
जय- जाओ कर लो.. नहीं लौड़ा अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी.. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
रश्मि- हाँ सही कहा आपने.. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।
रश्मि जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ.. वो जब चलने लगी तो उसकी चाल बदल गई दर्द की वजह से.. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। रश्मि गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई। 
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#52
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जय आराम से लेटा हुआ था तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ़ भागा और दरवाजे को हाथ लगाया तो वो खुल गया। रश्मि बस कमोड पर बैठी ही थी कि जय को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह.. गॉड.. ये क्या है भाई मैं तो डर गई.. आपने ऐसे अचानक कितनी ज़ोर से दरवाजा खोला?
जय- अच्छा हुआ तूने सूसू नहीं किया.. मेरा भी सूसू आया है चल दोनों साथ में करेंगे.. मज़ा आएगा..
रश्मि- हा हा हा भाई.. कुछ भी सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?
जय- तू देख तो सही.. मैं क्या करता हूँ.. मज़ा ना आए तो कहना..
रश्मि- जो करना है जल्दी करो.. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा.. बड़े ज़ोर का सूसू आया है।
जय कमोड पर बैठ गया और रश्मि को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया.. तो उसने रश्मि की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर घुसा दिया।
रश्मि- आह्ह.. भाई क्या कर रहे हो.. पहले सूसू तो करने दो.. आप बाद में आराम से चोद लेना।
जय- मेरी जान.. मैं चोद नहीं रहा हूँ.. अब तू ज़ोर लगा के सूसू कर.. देख कितना मज़ा आता है..
रश्मि को बात समझ आ गई.. तो वो मुस्कुराने लगी और जय के गले में हाथ डालकर एक किस कर दिया।
जय- अब सूसू करो.. मैं धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में लौड़ा डालूँगा.. बहुत मज़ा आएगा।
रश्मि ने सूसू करना शुरू कर दिया उसकी चूत से सीटी की आवाज़ निकलने लगी.. उसकी गर्म-गर्म सूसू जय की जाँघों पर लगी.. तो उसको बहुत मज़ा आया और उसी पल जय ने भी सूसू की धार रश्मि की चूत में मार दी। रश्मि एकदम से चिहुँक सी गई.. उसको चूत में अजीब सा अहसास होने लगा।
जब दोनों सूसू कर चुके तो एक-दूसरे को देख कर हँसने लगे।
रश्मि- हा हा हा भाई आपकी सूसू कितना गर्म थी.. मेरी चूत की सिकाई हो गई.. थोड़ा सा गाण्ड में भी कर देते तो मज़ा आ जाता।
जय- तेरी चूत से कौन सी कोल्ड ड्रिंक बाहर आई है.. वो भी गर्म ही थी और तेरी गाण्ड वाली इच्छा भी दोबारा में पूरी कर दूँगा।
रश्मि- भाई आपकी पूरी जाँघें और पेट सूसू से सन गया है.. पहले नहा लें.. उसके बाद कमरे में जाएँगे.. नहीं तो पूरा बिस्तर खराब हो जाएगा और बदबू भी आएगी..
जय- ठीक है मेरी जान.. लेकिन ऐसा मत कहो कि बदबू आएगी.. ये तो अमृत है.. मेरा तो दिल करता है तेरी चूत से निकला इसका एक-एक कतरा पी जाऊँ।
रश्मि- छी: छी: कितने गंदे हो आप.. सूसू पीने की बात कर रहे हो..
जय- अरे मजाक कर रहा हूँ मेरी जान.. वैसे भी सूसू पीकर मुझे बीमार नहीं होना.. इसमें एसिड होता है।
रश्मि- अच्छा अब बातें बंद.. नहाना शुरू.. ठीक है ना भाई।
इतना कहकर रश्मि खड़ी हो गई और शावर चालू कर दिया, दोनों मस्ती में नहाने लगे।
आधा घंटा मस्ती करने के बाद दोनों की उत्तेजना बढ़ गई और वहीं शावर के नीचे जय ने रश्मि को दीवार के सहारे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसा दिया और स्पीड से चोदने लगा।
रश्मि- आ आह्ह.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फक मी हार्ड.. आह्ह.. फास्ट ऐइ.. आइ.. आह्ह.. फास्ट ब्रो.. आह्ह.. उई.. मजा आ रहा है..
रश्मि की बातों से जय को और जोश आ गया, वो उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर से चोदने लगा।
दस मिनट में रश्मि की रसधार बह गई.. मगर जय तो अभी बाकी था.. वो कहाँ रुकने वाला था। वो ‘दे दना दन’ चोदता रहा।
रश्मि- आ आह्ह.. भाई.. आह्ह.. चूत ही आ आह्ह.. मारते रहोगे क्या.. आ आह्ह.. दर्द होने लगा है.. अब तो गाण्ड भी खुल गई है.. तो उसमें पेल दो न..
जय- हाँ मेरी रानी.. मन तो मेरा भी तेरी गाण्ड मारने का ही है.. मगर मैं तुम्हारे कहने का वेट कर रहा था।
इतना कहकर जय ने लौड़ा चूत से निकाला और ‘ठप’ से पूरा एक साथ गाण्ड में घुसा दिया।
रश्मि- ऐइ.. मर गई रे.. आह्ह.. भाई आराम से डालो ना.. आह्ह.. आज ही तो गाण्ड की ओपनिंग हुई है.. आह्ह..
जय- क्या करूँ जान.. तुम्हारी टाइट गाण्ड को जल्दी से खोलना चाहता हूँ मैं ताकि फिर तुम्हें तकलीफ़ ना हो।
जय स्पीड से रश्मि की गाण्ड मारने लगा।
करीब 20 मिनट बाद रश्मि दोबारा गर्म हो गई.. उसकी चूत फिर से रिसने लगी और जय का लौड़ा भी अब आग उगलने को बेताब था.. तो उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल कर चूत में घुसा दिया। जल्दी ही उसका लावा फूट गया.. उसके साथ साथ रश्मि भी झड़ गई।
रश्मि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया भाई.. आपके रस से चूत को सुकून मिलता है.. आह्ह.. आज तो मज़ा आ गया।
जय- उफ्फ.. मज़ा तो मुझे आ रहा है तेरी चूत और गाण्ड इतनी टाइट है कि क्या बताऊँ.. आज की पूरी रात तेरी इतनी चुदाई करूँगा कि बस तू याद करेगी।
रश्मि- हाँ भाई.. जितना चोदना हो.. चोद लो.. कल तो पार्टी है ना.. रात को लेट आएँगे.. तो क्या पता चुदाई कर पाए या नहीं.. सही है ना..
जय- हाँ सही कहा.. चल अब तेरी एक इच्छा और पूरी कर देता हूँ.. बड़े ज़ोर का सूसू आई है.. तेरी गाण्ड में गर्म सूसू करके तुझे मज़ा देता हूँ.. तू भी क्या याद करेगी अपने भाई को.. चल घोड़ी बन जा जल्दी से..
रश्मि घोड़ी बन गई.. जय का लौड़ा पूरा तो कड़क नहीं था.. मगर उसने दोनों हाथों से रश्मि की गाण्ड को फैला कर लौड़े का सुपारा गाण्ड में फँसा दिया और ज़ोर लगा कर सूसू करने लगा।
रश्मि- आह्ह.. भाई.. कितना गर्म है.. मज़ा आ गया आह्ह..
उसके बाद दोनों ने बाथ ली.. और कमरे में चले गए। वहाँ जाकर रश्मि ने कहा कि उसको भूख लगी है तो जय कुछ फ्रूटस ले आया और दोनों मज़े से बैठ कर खाने लगे।
जय- रश्मि अब तो तुम पूरी खुल गई हो.. अब तुम्हें चुदाई से कोई डर नहीं है ना..
रश्मि- हाँ भाई सही कहा आपने.. अब आप जैसे चाहो जब चाहो.. मुझे चोद कर मज़ा ले सकते हो।
जय- रश्मि फार्म पर जो गेम होगा उसमें अगर मैं हार गया तो?
रश्मि- नहीं भाई ऐसी बात मत करो.. नहीं मुझे सबके सामने नंगा होना पड़ जाएगा।
जय- रश्मि मैंने तुमसे एक बात छुपाई है।
रश्मि- क्या भाई बताओ ना प्लीज़?
जय ने गेम के बारे में सब कुछ रश्मि को बता दिया.. जिसे सुनकर उसके होश उड़ गए.. वो गुस्से से लाल हो गई।
रश्मि- आपका दिमाग़ तो खराब नहीं हो गया भाई.. ऐसे कैसे आप ऐसी गेम के लिए मान गए.. नो नो.. मैं आपके साथ वहाँ नहीं जाने वाली ओके..
रश्मि के गुस्से को देख कर जय थोड़ा डर गया.. मगर उसने बहुत प्यार से रश्मि को समझाया कि वो किसी हाल में नहीं हारेगा और अगर हर भी गया तो रश्मि को कुछ होने नहीं देगा.. उसकी बातों से रश्मि थोड़ी शान्त हुई और उसने ‘हाँ’ कह दी।
रश्मि- अच्छा भाई आप हार गए तो कैसे मुझे सब से बचाओगे?
जय- पैसे का लालच दूँगा.. अगर नहीं माना तो उसके पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाऊँगा.. मगर मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा।
रश्मि- दिमाग़ खराब है क्या.. आप उस साजन के सामने गिड़गिड़ाओ… इससे अच्छा तो मैं चुद ही जाऊँगी.. नहीं भाई अब आप डरो मत.. जो होगा देखा जाएगा.. अगर आप हार गए.. तो मैं उन सबको ठंडा कर दूँगी.. बस आप कोई सेक्स पावर की गोली मुझे लाकर दे देना ताकि सबको ठंडा आराम से कर सकूँ.. और मेरा कम से कम पानी निकले।
जय- ये हुई ना बात.. मुझे पता था मेरी बहन इतनी कमजोर नहीं है और वैसे भी तेरी चूत और गाण्ड को मैंने अच्छे से खोल दिया है.. अब उन टुच्चे लोगों से क्या डरना।
रश्मि- हाँ सही है.. मगर एक प्राब्लम है.. विजय भी तो वहीं होगा.. उसके सामने मैं कैसे ये सब कर पाऊँगी भाई?
जय- अरे अब उसको कहाँ बीच में ले आई.. गेम के बारे में उसको सब पता है.. बस हमने जो चुदाई की.. ये बात उसको पता ना लगे.. बाकी तो सब वो जानता ही है।
रश्मि- अच्छा तो सबके साथ कहीं वो भी मुझे चोद ले.. तो?
जय- पागल जैसी बात मत करो.. तुम उसकी बहन हो.. वो कैसे करेगा?
रश्मि- बहन तो आपकी भी हूँ.. वो भी सग़ी.. तो आपने कैसे चोद लिया?
जय- मुझे तुमने जलवे दिखाए थे समझी.. उसको कौन से जलवे दिखा रही हो.. जो वो बहनचोद बनेगा।
रश्मि- वहाँ गेम में कपड़े उतारूँगी तो जलवे दिखेंगे ना?
जय- अगर तुम चुदना चाहो तो चुद लेना.. मुझे कोई एतराज नहीं है.. वैसे भी वो तुम्हारी कुछ ज़्यादा ही केयर करता है.. उसको भी बता दो तुम अब बच्ची नहीं.. एकदम मस्त जवान माल हो गई हो.. हा हा हा हा..
जय पागलों की तरह हँसने लगा.. जिसे देख कर रश्मि थोड़ी खिसिया गई।
रश्मि- बस भी करो.. घर में मुझे परेशान करने के लिए एक आप ही बहुत हो.. मुझे दो को फंसाकर अपनी हालत नहीं खराब करवानी।
जय- हा हा हा हा चलो.. वैसे भी विजय ऐसा नहीं करेगा.. चलो अब थोड़ी मस्ती करते हैं.. उसके बाद तुम्हारी चुदाई भी तो करनी है..
रश्मि- भाई लगता है.. बहुत पॉवरफुल गोली ली है आपने.. थक ही नहीं रहे.. कितना चोदोगे आज?
जय- मेरी जान पूरी रात आज तेरे मस्त यौवन का मज़ा लूँगा.. तेरी आज मैं जमकर चुदाई करूँगा।
रश्मि- अच्छा कर लो.. मगर याद रखना मेरे लिए भी ऐसी दवा ले आना.. क्या पता फार्म पर कितनों से चुदना पड़ जाए.. वैसे ट्रिपल एक्स मूवी में मैंने देखा था.. एक साथ बहुत आदमी एक लड़की को चोदते हैं.. तो उसको बड़ा मज़ा आता है। ऐसा फन मुझे भी मिलेगा.. ये सोचकर मैंने आपको ‘हाँ’ कह दी है।
जय- ये कैसी रण्डियों जैसी बातें कर रही हो.. मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूँगा। मैं जीतूँगा देख लेना..
रश्मि- एक मजाक आपने किया.. एक मैंने कर लिया.. हिसाब बराबर.. वैसे मेरा भी मन नहीं है.. आपके अलावा किसी से चुदवाने का.. समझे मेरे भाई..
उसके बाद दोनों मस्ती करने लगे और गरम हो गए। जय ने दोबारा रश्मि को खूब चोदा उसकी गाण्ड और चूत मार-मार कर हालत बिगाड़ दी उसकी.. बेचारी 4 बजे तक कर सो पाई और जय वहाँ से चला गया।
सुबह विजय जल्दी उठ गया और जय को उठाने गया.. मगर वो नहीं उठा तो विजय तैयार होकर अकेला बाहर निकल गया और रंगीला को फ़ोन करके बुला लिया, दोनों एक कॉफी शॉप पर जाकर बैठ गए।
रंगीला- अरे अपना राजा कहाँ हैं और सुनाओ क्या चल रहा है?
विजय- तुम्हें अच्छी तरह पता है सब.. उसके बाद भी मुझे क्यों पूछ रहे हो.. वो रात को पीकर मस्त हो गया था.. अब तक सो रहा है।
रंगीला हँसने लगा और दोनों बातें करने लगे। अब इनके बीच की बातें बाद में आप समझ जाओगे.. ओके.. तो चलो साजन और उसके साथियों के पास चलते हैं शायद हमें वहाँ कुछ मिलेगा। 
सुंदर- बॉस क्या बात है.. आज बड़े चिकने हुए हो.. कोई खास बात है क्या?
साजन- अबे साले.. आज पार्टी में जाना है और उस कमसिन कली के जिस्म के एक-एक अंग को छूकर मज़ा लेना है। उफ्फ.. सोच कर ही मेरा लौड़ा ‘टन टना टन टन टन तारा’ करने लगा है।
सुंदर- बॉस हमें भी मौका मिलेगा क्या.. उस कच्ची कली को भोगने का.. तब तो हम भी कुछ खुश हों..
साजन- अबे सालों आज बस छूकर मज़ा लूँगा.. भोगने का अभी सोचो भी मत और तुम कोई ऐसी हरकत ना करना जिससे काम बिगड़ जाए। वहाँ और भी लड़कियाँ होगीं.. उनसे चिपक कर मज़ा लेते रहना.. मगर रश्मि के पास भी नहीं फटकना समझे..
सुंदर- ठीक है बॉस.. वैसे भी वहाँ तो बहुत आइटम आएंगी.. किसी को भी फँसा लेंगे.. इसमें क्या बड़ी बात है..
साजन- अबे सालों.. वो बड़े लोगों की पार्टी है.. ऐसी कोई हरकत मत करना कि धक्के लग जाए.. फँसाने का ख्याल दिल से निकाल दो। बस जब लड़कियाँ नशे में हों.. तब छू कर मज़ा ले लेना।
सुंदर- ठीक है भाई.. जैसा आप कहें.. वैसे उस कुत्ते को जलील करने का याद है ना.. बड़े बॉस ने जो बताया था।
साजन- ज़्यादा स्मार्ट मत बन.. मुझे मत सिखा.. क्या करना है.. चल जा.. मैंने जो बताया.. पहले वो काम करके आ समझे।
सुंदर वहाँ से निकल गया और साजन अपने दूसरे काम में लग गया।
उधर जेम्स और निधि देर तक सोते रहे भाभी ने उनको नहीं उठाया.. वो जानती थी रात को बहुत देर तक दोनों मज़े कर रहे थे। वो नहाकार अस्पताल चली गई.
करीब 9 बजे दोनों की आँख खुली.. तो जेम्स ने मुस्कुरा कर निधि को देखा।
निधि- क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो.. बताओ मुझे?
जेम्स- साली.. तुझे देख कर लगता ही नहीं कि तू कच्ची कली नहीं पक्की चुदक्कड़ बन गई है।
निधि- अच्छा तो मुझे ऐसा बनाया किसने.. तुमने ही ना.. याद है पहली बार कैसे बुद्धू बना कर मेरी चूत फाड़ दी थी आपने।
जेम्स- साली तुझे जन्नत की मल्लिका बना दिया.. आज देख कैसे मज़े से चुद जाती है तू..
निधि- अच्छा सुबह-सुबह लड़ाई करोगे क्या.. चलो उठो.. भाभी क्या सोचेगी कि हम अब तक सोए हैं।
जेम्स- अरे क्या भाभी.. वो क्या सोचेगी.. साली रात को खुद उस बिहारी से कैसे चुदवा रही थी।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#53
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जेम्स की बात सुनकर निधि को रात की बात याद आ गई और वो मुस्कुरा दी।
निधि- वो बिहारी कैसे भाभी को चोद रहा था.. सच्ची उसको देख कर ही मेरा तो मन बेचैन हो गया था.. काला सांड जैसा लग रहा था वो..
जेम्स- साली ज़्यादा उसके सामने मत जाया कर.. कहीं उसका दिल तेरे पर आ गया ना.. तो वो तेरी हालत बिगाड़ देगा।
निधि- अरे तुम्हारे लौड़े से बड़ा थोड़े ही उसका.. जो हालत बिगाड़ देगा।
जेम्स- मेरे जैसा तो शायद ही किसी का होगा.. मगर तू उस रंगीला से बड़े मज़े से चुदी.. अब क्या बिहारी से चुदने का इरादा है तेरा?
निधि- ना ना.. मैं उस काले से कभी ना चुदूँगी.. मैं तो बस ऐसे ही बता रही थी। तुम तो कह के जाने कहाँ चले गए.. जाओ मैं बात नहीं करती।
जेम्स ने निधि के बाल पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
जेम्स- साली यहाँ आ तू.. तेरे बड़े पर निकल आए हैं.. देखता हूँ कैसे बात नहीं करोगी.. चल अब तू कपड़े निकाल.. अभी तेरी चुदाई करके तुझे सबक सिखाता हूँ।
निधि- नहीं जेम्स अभी नहीं.. भाभी उठ गई होगीं.. वो कभी भी अन्दर आ जाएंगी.. तुम्हारा मज़ा खराब होगा।
जेम्स- अच्छा ये बात है.. तो रुक पहले तेरी भाभी का इलाज करके आता हूँ।
जेम्स जल्दी से कमरे के बाहर गया और भाभी को ढूँढने लगा। वो जल्दी समझ गया कि भाभी बाहर गई हैं तो वो फ़ौरन अन्दर आ गया और निधि को बिस्तर पर पटक दिया।
निधि- क्या हुआ.. भाभी को क्या बोल कर आए हो तुम?
जेम्स- भाभी बाहर चली गई हैं अब तुझे बताता हूँ.. तू बहुत बक-बक करने लगी है साली।
इतना कहकर जेम्स ने निधि के मुँह में अपना लौड़ा घुसा दिया और उसके मुँह को चोदने लगा।
निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था।

दस मिनट तक जेम्स बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए.. तब कहीं जाकर जेम्स ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और फ़ौरन ही निधि को लेटा कर उसकी चूत में घुसा दिया।
निधि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और जेम्स ‘दे घपा घप’ उसको चोदने लगा।
निधि- आ आह्ह.. कुत्ता है तू.. आह्ह.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. आह्ह.. सांस रुक गई थी मेरी.. आ आह्ह..
जेम्स उसकी बात सुनकर बस हँस दिया और स्पीड से उसकी चूत को पेलने लगा, करीब 15 मिनट बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया.. तब तक निधि भी झड़ गई थी।
निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं।
चुदाई के बाद जेम्स को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया। निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो दोनों अस्पताल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।
उधर जय की जब आँख खुली तो बहुत वक्त हो चुका था.. वो उठा और बाथरूम में चला गया.. सारे काम से निपट कर जब वो रश्मि के कमरे में गया.. तो रश्मि बेसुध सोई हुई थी, उसके जिस्म पर एक चादर थी.. बाकी अन्दर वो पूरी नंगी थी।
जय- हैलो माय स्वीट सिस.. उठो कितना सोती हो तुम..!!
जय बिस्तर पर बैठ गया और रश्मि के चेहरे को हाथ से थपथपाने लग गया.. जिससे उसकी नींद टूट गई।
रश्मि- उहह.. सोने दो ना भाई.. क्यों परेशान कर रहे हो?
जय- अरे कितना सोओगी यार.. चलो उठो जल्दी से..
रश्मि- उहह भाई.. क्या है सुबह हो गई क्या.. या फिर आपको मस्ती करनी है.. जो मुझे सता रहे हो..
जय- अरे तू सुबह की बात करती है, उठ कर वक्त देख, दोपहर होने को आई है।
रश्मि आँख को मलते हुए अंगड़ाई लेती हुई बैठ गई.. तो उसकी चादर अलग हो गई और उसके गोल चूचे जय के सामने आ गए।
जय- अरे मेरी प्यारी बहना ऐसे नंगी ही सो गई.. कोई और आ जाता तो तेरी क़ातिल जवानी देख कर तुझपे टूट पड़ता तो क्या करती?
रश्मि- किसकी इतनी हिम्मत है.. जो ऐसा करे.. वैसे भी आप ही बहुत हो मेरे मज़े लेने के लिए.. चलो हटो मुझे बाथरूम जाना है..
जय- कसम से अभी क्या मस्त लग रही हो.. देखो लौड़ा पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा है.. मन कर रहा है.. अभी तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा दूँ।
रश्मि- बस करो.. रात को क्या कम चुदाई की आपने.. जो सुबह-सुबह शुरू हो गए? जाओ नीचे.. मैं रेडी होकर आती हूँ। अकेले नाश्ता मत करने बैठ जाना.. नहीं अच्छा नहीं होगा..
जय- अरे मेरी जान.. ये कैसी बात कर रही हो.. तेरे बिना नाश्ता कैसे कर सकता हूँ। तू ऐसा कर.. जल्दी रेडी हो जा आज यहीं तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा मैं.. बस अभी लेकर आता हूँ.. ठीक है ना..
रश्मि- अच्छा.. ये स्पेशल नाश्ता क्या है.. मुझे भी देखना है.. जाओ मैं बस 20 मिनट में रेडी हो जाऊँगी।
जय नीचे चला गया और काका को नाश्ता रेडी करने को बोल दिया।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#54
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
उधर रंगीला ने पहले ही काका को फ़ोन पर बता दिया था कि आज जूस में गोली मत मिलाना.. अब उसकी कोई जरूरत नहीं है.. जो होना था हो गया।
रश्मि जब नहाकर बाहर आई तो उसने बस तौलिया लपेट रखा था, उसके बाल भीगे हुए थे.. जिनसे पानी टपक कर उसकी गर्दन पर आ रहा था, वो एक हुस्न की मलिका लग रही थी।
तभी जय भी नाश्ता लेकर आ गया।
रश्मि- अरे इतनी जल्दी क्यों ले आए मुझे कपड़े तो पहनने देते।
जय- नहीं, ये स्पेशल नाश्ता बिना कपड़ों के ही किया जाता है।
रश्मि- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. तो भाई आपने कपड़े क्यों पहन रखे हैं? आपको नाश्ता नहीं करना क्या?
जय- अरे करना क्यों नहीं.. अब मैं भी तो नंगा होने वाला हूँ ना.. पहले दरवाजा तो बंद कर दूँ.. कहीं कोई आ गया तो सारा मामला बिगड़ जाएगा।
रश्मि- भाई आप सच में नंगे हो रहे हो? मैं समझी मुझसे मजाक कर रहे थे।
जय- अरे मजाक क्यों.. सच में आज स्पेशल तरीके से नाश्ता करेंगे और घर में विजय भी नहीं है.. वो कहीं बाहर चला गया। अब किसी के आने का ख़तरा भी नहीं है।
इतना कहकर जय अपने कपड़े निकालने लग गया.. उसको नंगा होता देख रश्मि ने भी तौलिया निकाल दिया और अपने बाल पोंछने लगी।
अब दोनों नंगे आमने-सामने बैठ गए बीच में नाश्ते की ट्रे रखी हुई थी जिसमें चीज़ ब्रेड और जूस.. कुछ फ्रूट्स थे.. जिसे रश्मि गौर से देख रही थी।
रश्मि- इसमें क्या स्पेशल है.. रोज तो यही होता है नाश्ते में?
जय- मेरी भोली रश्मि नाश्ता वही है.. इसको स्पेशल मैं बनाऊँगा.. उसके बाद एक खास तरीके से खाएँगे.. तब अपने आप समझ जाओगी।
रश्मि- अच्छा ये बात है.. तो जल्दी करो.. क्या करोगे इस नाश्ते के साथ?
जय अपने लौड़े को सहलाता हुआ मुस्कुराने लग गया।
रश्मि- भाई प्लीज़ अब चुदाई का मत कह देना.. रात को बहुत कर चुके आप.. अभी सोचना भी मत..
जय- अरे तू इतना डरती क्यों है.. नहीं चोदूँगा.. बस ये तो नाश्ते की तैयारी कर रहा हूँ।
रश्मि- मैं कुछ समझी नहीं भाई.. आप कैसी तैयारी कर रहे हो?
जय- अगर मुझ पर ट्रस्ट है.. तो तू बस चुपचाप मेरी बात मानती जा.. मज़ा ना आए तो कहना..
रश्मि- भाई मेरा सब कुछ आपको दे दिया.. अब आप ट्रस्ट की बात करते हो.. लो कर लो.. जो करना है.. मैं आपके सामने हाजिर हूँ।
जय- ये हुई ना बात.. अब देख पहले तेरे साथ थोड़ी मस्ती करूँगा.. उसके बाद तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा.. तू भी क्या याद करेगी..
रश्मि- ठीक है भाई.. आ जाओ आपकी बहन आपके सामने नंगी बैठी है.. जो करना है कर लो..
जय ने रश्मि को बिस्तर पर लेटा दिया और उसको किस करने लग गया, रश्मि भी उसका साथ देने लगी.. कुछ देर बाद जय उसके मम्मों को चूसने लग गया तो रश्मि सिसकारियाँ लेने लग गई।
रश्मि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. भाई सस्स.. रात को मन पूरा नहीं भरा क्या.. जो सुबह सुबह शुरू हो गए.. आह्ह.. नाश्ता तो करने देते.. पहले ही शुरू हो गए.. आह्ह.. उफ़फ्फ़.. आह.. काटो मत ना..
जय पर कोई असर नहीं हुआ वो बस अपनी मस्ती में लगा रहा। जय धीरे-धीरे रश्मि को गर्म करता रहा और उसके मम्मों से सीधा उसकी चूत पर पहुँच गया.. जो अब टपकना शुरू हो गई थी, उस में से चूतरस बाहर आने लगा था।
रश्मि- आह्ह.. भाई.. मेरी चूत में बड़ी हलचल हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ चाट लो ना.. आह्ह.. ससस्स प्लीज़..
जय चूत के आस-पास उंगली फिराता हुआ हँसकर बोला- मेरी जान.. तुम क्या समझी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और वो स्पेशल नाश्ता.. बस एक बहाना था।
रश्मि- आह्ह.. अब जो भी हो.. आपने मेरे अन्दर आग लगा दी है.. अब चोद ही दो तो अच्छा रहेगा।
जय- ना मेरी जान.. ये सब तो नाश्ते को स्पेशल बनाने के लिए किया मैंने.. अब देखो आज तक तुम्हारी चूत का रस मैंने ही पिया है.. उसका टेस्ट आज मैं तुम्हें भी कराऊँगा.. इस अंगूर के साथ हा हा हा हा..
इतना कहकर जय ने ट्रे से कुछ अंगूर उठा लिए और रश्मि की चूत पर उनको रगड़ने लगा.. चूत का रस अंगूरों पर लग गया.. तब जय ने एक अंगूर खुद खा लिया.. तो दूसरा रश्मि के मुँह में दे दिया।
रश्मि- छी: भाई आप कितने गंदे हो.. मेरी चूत का पानी मुझे चखा रहे हो।
जय- अरे दिमाग़ से नहीं दिल से कर.. मज़ा आएगा.. आज का नाश्ता तू कभी नहीं भूलेगी.. बता कैसा है टेस्ट तेरी चूत के पानी का?
रश्मि- टेस्ट तो अच्छा है.. थोड़ा नमकीन थोड़ा खट्टा.. आपके पानी से कुछ अलग ही टेस्ट है।
जय- हा हा हा आज तू बस नाश्ता करती जा.. तेरी चूत और मेरे लण्ड का माल आज नाश्ते को खास बना देंगे।
रश्मि- अच्छा ये बात है.. तो आप भी अपना रस चख के देखो.. मज़ा आता है या नहीं आपको?
जय- हाँ मेरी जान.. मैं भी करूँगा.. पहले तेरी चूत का मज़ा तो ले लूँ.. उसके बाद तू मेरे लण्ड के साथ खेल लेना।
जय कभी सेब तो कभी अंगूर रश्मि की चूत में डालता और उसके बस रस से सराबोर करके दोनों मज़े से उसको खा लेते.. आखिर में एक केला छील कर रश्मि की चूत में थोड़ा घुसा दिया और उसके बाद रश्मि और जय ने उसको खा लिया।
अब रश्मि को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था- आह्ह.. भाई.. सच्ची मज़ा आ रहा है ऐसा नाश्ता तो शायद ही किसी ने किया होगा।
जय- अभी पूरा नाश्ता कहाँ हुआ है.. चल अब तू मेरा लौड़ा चूस इसमें से भी मलाई निकाल.. फिर उसको ब्रेड पर लगा के खाएँगे।
रश्मि- वाउ भाई.. मज़ा आएगा चीज़ के साथ लण्ड रस को मिलकर एक अलग ही टेस्ट आएगा।
जय आराम से बैठ गया.. उसका लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो रहा था, रश्मि पेट के बल लेट गई और लौड़े को प्यार से चूसने लग गई।
जय- आह्ह.. रश्मि चूस.. आह्ह.. चूस जल्दी से इसका रस निकाल दे.. आह्ह.. आज मैं भी तो देखूँ.. मेरे लौड़े का रस कैसा है आह्ह.. चूस जानेमन चूस..
जय के लौड़े को अच्छी तरह चूसने के बाद रश्मि ने उसको हाथ से हिलाने लग गई, लौड़े पर पानी की कुछ बूंदें बाहर आ गईं..
रश्मि- भाई आपका रस आना शुरू हो गया है.. लो थोड़ा तो आपको टेस्ट करा देती हूँ।

इतना कहकर रश्मि ने अपनी जीभ की नोक से बूँद को उठाया और जय के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो जय झट से उसकी जीभ को चूसने लगा।
जय- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
रश्मि- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।
जय- हाँ ये सही रहेगा चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।
रश्मि पैर फैला कर घोड़ी बन गई और जय ने अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया और स्पीड से उसको चोदने लगा।
रश्मि- आह्ह.. आइ.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फास्ट उई.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
जय- ले मेरी जान आह्ह.. ले.. आज तेरी चूत और मेरे लौड़े का रस मिलकर आह्ह.. तुझे आउहह.. स्पेशल नास्ता आ कराऊँगा आह्ह.. ले ले..
रश्मि के कूल्हे पकड़ कर जय स्पीड से उसको चोदने लग गया.. दस मिनट बाद रश्मि झड़ने को रेडी हो गई।
रश्मि- आ आह्ह.. भाई और तेज.. आह्ह.. मैं गई… आह्ह..
जय ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और रश्मि की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा।
रश्मि- आ आह्ह.. गई आ गई आह्ह..
जय ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही रश्मि का चूतरस बाहर आया.. जय ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया.. उसके बाद दोबारा लौड़ा चूत में घुसा कर स्पीड से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसके लौड़े की नसें फूल गईं.. तो झट से लौड़ा बाहर निकाला और सारा वीर्य ट्रे में गिरा दिया।
जय- आह्ह.. आह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया.. रश्मि देख.. कितना रस जमा हो गया है.. आआह्ह..
रश्मि- भाई अब जल्दी से ब्रेड पर मस्का और रस लगाओ ताकि नास्ता पूरा हो जाए हमारा..
जय ने उंगली से दोनों रस को मिलाया और उसके बाद ब्रेड पर लगा कर साथ में मस्का लगा लिया.. दोनों मज़े से खाने लगे। उसके बाद जय ने जूस का गिलास उठाया उसमे लौड़ा डुबो कर रश्मि को दे दिया।
रश्मि- भाई बहुत अजीब सा टेस्ट आ रहा है और ये लौड़ा गिलास में क्यों डाला आपने?
जय- अरे कुछ बूंदें बाकी थीं.. तो तेरे जूस में मिला दिया मैंने।
रश्मि झट से पूरा जूस पी गई।
रश्मि- भाई सच ही कहा है किसी ने.. दूसरों की नज़र में ये कितना गंदा होगा ना.. मगर सेक्स एक ऐसी हवस है जिसमें जितना गंदा तरीका अपनाओ उतना ही मज़ा आता है।
जय- ओए होए.. मेरी बहना तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने लगी है.. चल अब रेडी हो ज़ा.. रात की पार्टी के लिए मुझे कुछ शॉपिंग करनी है.. तू भी कुछ ले लेना अपने लिए।
रश्मि- ठीक है भाई.. आप ये ट्रे ले जाओ.. मैं रेडी होकर आती हूँ।
जय ने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके कुछ देर बाद रश्मि भी नीचे आ गई। उसने रेड कॉटन पैन्ट और वाइट शर्ट पहना हुआ था। उसका फिगर पैन्ट में बहुत सेक्सी दिख रहा था। जय भी उसको देख कर मन ही मन सोचने लगा कि रश्मि को देख कर पता नहीं रास्ते में कितने लौड़े खड़े होंगे।
दोनों घर से कार में निकल गए और एक मॉल में जाकर शॉपिंग करने लगे।
दोस्तो, इनको शॉपिंग करने दो.. तब तक हम थोड़ा पीछे चलते हैं।
जेम्स और निधि नाश्ता करके आ रहे थे.. तभी रंगीला और बिहारी उसको सामने से आते दिखाई दिए तो जेम्स ने निधि को हॉस्पिटल भेज दिया और खुद वहीं रुक गया।
जब निधि जा रही थी बिहारी बड़े गौर से उसकी गाण्ड को घूर रहा था।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#55
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
बिहारी- क्या मस्त गाण्ड है ससुर की नाती की.. तुमने तो मज़ा ले लिया.. आज मैं इसका रसपान करूँगा।
रंगीला- ज़्यादा स्मार्ट ना बनो.. अपनी शक्ल देख.. और उसकी देख.. चुप रहो.. जेम्स भी सामने खड़ा है।
जेम्स- अरे क्या बात है बिहारी जी.. आप और रंगीला सुबह-सुबह कैसे?
रंगीला- अरे वो कल जो सामान रखा था ना.. वो लेने आए हैं। तुम ऐसा करो बिहारी के साथ जाओ वो सामान निकालने में मदद करो.. तब तक मैं चाय पीकर आता हूँ।
जेम्स और बिहारी फ्लैट में चले गए वहाँ 2 लड़के पहले से खड़े थे। जेम्स ने उनकी मदद की और नीचे गाड़ी में सारे बॉक्स रखवा दिए.. तभी रंगीला भी वहाँ आ गया।
रंगीला- गुड.. सब अच्छे से हो गया ना.. अब बिहारी तुम्हें पता है ना.. ये सब कहाँ पहुँचना है?
बिहारी- हमका बताने की जरूरत नाहीं.. हम अभी सारा काम निपटा कर आ जाऊँगा।
रंगीला- ओके.. तुम जाओ.. मुझे रात की पार्टी के लिए कुछ शॉपिंग करनी है, मैं अब सीधा मॉल जाऊँगा।
बिहारी वहाँ से निकल गया और जेम्स वहीं खड़ा रंगीला को देखने लगा। उसको लगा शायद रंगीला उसको कुछ कहना चाहता है।
रंगीला- अरे जेम्स एक काम करो.. तुम मेरे साथ मॉल चलो.. रास्ते में तुम्हें सब बता देता हूँ कि कैसे उस कुत्ते को फँसाना है.. और तुम्हें भी फार्म हाउस पर लाना है।
जेम्स तो जैसे हुकुम का गुलाम था.. हाँ में सिर हिला कर फ़ौरन गाड़ी में बैठ गया और दोनों वहाँ से मॉल की तरफ़ जाने लगे। रास्ते में रंगीला ने आगे का प्लान जेम्स को बताया तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।
रंगीला- तू अच्छी तरह समझ गया ना.. कब क्या करना है?
जेम्स- अरे आप चिंता ना करो.. प्लान बनाने में तो हम भी किसी से कम नहीं.. बहुत सी लौंडियाँ फसाईं हैं मैंने.. तो ये साला जय क्या है..
रंगीला- वैसे यार तूने गाँव में मज़े तो खूब लिए होंगे.. तेरा हथियार भी बहुत भारी है.. ये निधि कैसे सह गई?
जेम्स- अरे ये हथियार की वजह से ही लौंडियाँ मिलती हैं.. ये भाभी है ना.. इसने निधि को मुझे तोहफे में दिया है.. पहली बार में साली बेहोश ही हो गई थी.. मैं जब शुरू होता हूँ ना.. अच्छी अच्छी रंडियां भी तौबा करती हैं।
जेम्स की बात सुनकर रंगीला सोच में पड़ गया कि ये आख़िर क्या बला है।
रंगीला- अच्छा इतना पॉवर है तेरे में.. उस रश्मि को ऐसे चोदना कि साली तड़पे.. चिल्लाए.. कर पाओगे ऐसा?
जेम्स- अरे जब भाभी जैसी बड़ी औरत मेरे लौड़े को नहीं सह पाती.. तो वो कली क्या चीज है.. बस एक बार मिल तो जाए मुझे.. आप खुद देख लेना उसका क्या हाल करता हूँ मैं..
दोनों बातें करते हुए मॉल पहुँच गए और रंगीला ने जेम्स से कहा- अब चुप हो जाओ.. बाकी बातें शॉपिंग के बाद करेंगे।
जैसे ही दोनों अन्दर गए जेम्स की नज़र रश्मि पर गई उसकी क़ातिल जवानी देख कर जेम्स का लौड़ा एकदम से तन कर खड़ा हो गया और उसके मुँह से आह निकल गई।
रंगीला- क्या हुआ तुम्हें?
जेम्स- अब क्या बताऊँ यार.. वो सामने देख ऐसी हसीन लड़की मैंने जिंदगी में पहली बार देखी है.. मेरा लौड़ा एक झटके से खड़ा हो गया.. काश एक बार ये मिल जाए.. तो सारी जिंदगी इसकी गुलामी कर लूँ।
रंगीला को रश्मि की पीठ ही दिखाई दी तो वो उसको पहचान नहीं पाया।
न्नी- अरे जेम्स आसामान से वापस ज़मीन पर आ जा मेरे दोस्त.. ये बड़े घर की लड़की है.. ये तेरे हाथ आने से रही.. इसको याद करके निधि को चोद लेना तू.. वैसे मानना पड़ेगा पक्का चोदू है तू.. क्या पटाखा आइटम पर नज़र डाली है.. साली का फिगर बहुत क़ातिल है।
रंगीला आगे कुछ और बोलता तब तक रश्मि इधर घूम गई थी और उसके साइड में जय भी था। उनको देख कर रंगीला ने जल्दी से जेम्स का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ़ लगभग भागता हुआ ले गया।
जेम्स- अरे क्या हुआ ऐसे बाहर क्यों ले आए.. उसको ठीक से देख तो लेने देते यार.. मज़ा आ रहा था..
रंगीला- तू देखने की बात करता है.. बहुत जल्द वो तेरे नीचे होगी।
जेम्स- क्यों मजाक कर रहे हो यार.. अभी तो कहा था वो बड़े घर की लड़की है.. उसका ख्याल दिल से निकाल दो।
रंगीला- हाँ कहा था.. क्योंकि तब मैंने उसको ठीक से देखा नहीं था.. मगर अब अच्छी तरह से देख लिया है। तुझे शायद पता नहीं यही है वो रंडी रश्मि जिसको तुम्हें तड़पाना है.. समझे? मेरे दोस्त लगता है तूने सच्चे दिल से उसकी चाहत की थी.. तभी ऊपर वाले ने तेरी फ़ौरन सुन ली और ये लड़की रश्मि निकली।
जेम्स- भगवान की सौगंध रंगीला, इसको देख कर ही मेरा लौड़ा बेकाबू हो गया.. जिस दिन ये मेरे नीचे आएगी ना.. तुम देख लेना साली को इतना चोदूँगा.. इतना चोदूँगा कि जिंदगी भर मुझे याद करेगी.. मेरा पॉवर इतना है कि कई-कई घंटे भर तक मैं लगातार चोद सकता हूँ और उसके बाद दोबारा भी जल्दी तैयार हो जाता हूँ.. फिर वही एक घंटा निकाल सकता हूँ.. बस एक बार ये मिल जाए आ आह..
रंगीला- अरे बस-बस सबर कर.. तू तो अभी से ऐसे कर रहा है.. अभी उसको चोदने में वक्त है।
जेम्स- अरे क्या करूँ.. उसकी गाण्ड देख कर मेरा लौड़ा काबू में ही नहीं आ रहा.. अब तो जब तक इसको ठंडा ना कर लूँ.. मुझे सुकून नहीं आएगा।
रंगीला- कितने दिन हो गए इसको ठंडा किए हुए जो ये ऐसे फड़फड़ा रहा है।
जेम्स- हा हा हा तुम भी ना दिन की बात करते हो.. रात को ही निधि को इतना चोदा है कि क्या बताऊँ.. मैं पूरी रात साली की चुदाई कर रहा था।
रंगीला- ओह्ह.. रियली यार तू इंसान है या जानवर.. बेचारी का पता नहीं क्या हाल किया होगा.. अब तो तेरा जोश और पॉवर देखना ही पड़ेगा। चल शॉपिंग बाद में करेंगे, पहले तुझे ठंडा करवा के लाता हूँ।
रंगीला ने गाड़ी स्टार्ट की और जेम्स को लेकर चल पड़ा।
रंगीला- कभी विदेशी माल भी खाया है क्या तूने?
जेम्स- अरे मैं ठहरा गाँव का छोरा.. मुझे तो आज तक देसी ही मिली है.. अपने नसीब में कहाँ विदेशी माल लिखा हुआ है।
रंगीला- ऐसी बात है तो चल आज तुझे अँग्रेज़ी मेम की चूत दिलवाता हूँ.. तू भी क्या याद करेगा.. बस रश्मि का नाम लेकर उसकी जम के चुदाई कर लेना। मैं भी तो देखूँ कि तुझमें कितना पॉवर है।
जेम्स- ऐसी बात है तो जल्दी चलो विदेशी मेम का नाम सुनकर लौड़ा और भी जोश में आ गया है। आज तो गोरी-गोरी चूत चाटने को मिलेगी.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा।
थोड़ी देर बाद रंगीला ने गाड़ी एक बड़े से घर के सामने रोक दी और जेम्स से कहा- तुम यहीं इन्तजार करो, मैं बस 5 मिनट में आता हूँ।
जेम्स- जाओ दोस्त, मगर जल्दी आना, लौड़ा बहुत टाइट हो रहा है.. अब जल्दी से इसको चूत के दीदार करवा दो।
रंगीला हँसता हुआ उस घर के पास गया और घन्टी बजाने लगा।
थोड़ी देर बाद नौकर ने दरवाजा खोला.. तो रंगीला अन्दर चला गया।
रंगीला जब अन्दर गया.. तो सीढ़ियों से एक अंग्रेज लड़की.. जिसकी उम्र लगभग 25 साल की रही होगी.. अच्छी हाईट और फिगर 36-28-36 का था.. दिखने में बला की खूबसूरत थी।
उसने टाइट टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था.. जिसमें से उसका पूरा फिगर साफ-साफ दिखाई दे रहा था.. उसका नाम एनी था।
आपको एक बात बता दूँ.. एनी एक हाइ प्रोफाइल कॉलगर्ल है.. जो बड़े-बड़े लोगों के साथ सोती है। रंगीला ने ही इसकी सारी सैटिंग करवाई है.. वो खुद भी कई बार इसको चोद चुका है।
एनी- हाय रंगीला.. हाउ आर यू?
रंगीला- एम फाइन.. टुडे यू लुकिंग वेरी हॉट बेबी..
दोस्तो, आगे की इनकी बात में हिन्दी में लिखूँगी.. ताकि अच्छे से सब समझ में आ जाए और कहानी का मज़ा भी वैसे का वैसा ही बना रहे।
वैसे तो एनी को थोड़ी बहुत हिन्दी आती है.. मगर वो हिन्दी में काम से काम ही बात करती है.. हाँ कभी ऐसा आदमी मिल जाए.. जिसको इंग्लिश नहीं आती.. उसके साथ एनी हिन्दी में बात कर लेती है।
एनी- हॉट तो में हूँ ही.. कुछ और बोलो डार्लिंग..
रंगीला- ये सब बातें जाने दे.. तूने एक बार कहा था ना.. यहाँ के मर्दों में पावर कम होता है.. आज तेरे लिए ऐसा मर्द लाया हूँ.. तू भी मुझे क्या याद करेगी।
एनी- ओह्ह रियली.. कहाँ है वो असली मर्द.. ज़रा मैं भी तो देखूँ।
रंगीला ने नौकर से कहा- बाहर जो गाड़ी में आदमी है.. उसको अन्दर बुला कर ले आओ।
नौकर बाहर गया और जेम्स को लेकर अन्दर आ गया।
उसको देख कर एनी के होंठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई।
जेम्स की निगाह जब एनी पर गई.. तो उसकी तो हालत ही पतली हो गई.. इतनी गोरी और मस्त फिगर वाली लड़की उसने जिंदगी में देखी नहीं थी और ये आज उसको चोदने को मिल रही है, यही सोच कर उसका लौड़ा पैन्ट में झटके खाने लगा था.. वो बस एनी को देखे जा रहा था।
एनी ने एक हाथ से अपने दूध सहलाते हुए रंगीला को आँख से इशारा किया कि उसके पीछे ऊपर आए.. तो रंगीला भी फ़ौरन उसके पीछे एक कमरे में चला गया।
एनी- रंगीला तुम इसको लेकर आए हो.. ये मेरे सामने क्या टिक पाएगा.. इसका पानी तो मैं लण्ड चूस कर ही निकाल दूँगी और इसको देख कर लगता है इसका लण्ड भी छोटा सा होगा।
रंगीला- मेरी जान लड़के को देख कर अंदाज़ा मत लगाओ.. ये वो बला है जो तुम सोच भी नहीं सकती।
एनी- अच्छा ऐसी बात है.. तो बुलाओ उसको.. और तुम भी यही रहना.. कहीं ऐसा ना हो वो आधे रास्ते में ही दम तोड़ दे.. तब तुम मुझे मंज़िल तक लेकर जाओगे.. ओके..
रंगीला- ओके बेबी डन.. अगर उसने तुम्हें अधूरा रखा तो मेरा लौड़ा तैयार है.. मैं तुम्हें ठंडा कर दूँगा.. मगर ऐसी नौबत शायद ही आएगी। मुझे जेम्स पर पूरा विश्वास है.. वो तुम्हें पूरा मज़ा देगा।
एनी- ओके.. अगर इतना ही उस पर भरोसा है.. तो उसको यहाँ बुला लो।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#56
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
रंगीला ने जेम्स को आवाज़ दी कि ऊपर आ जाओ.. तो वो फ़ौरन ऊपर चला आया।
रंगीला- मेरे दोस्त इज़्ज़त का सवाल है.. ये फिरंगिन बोलती है.. इस पप्लू को तो मुँह से ही ठंडा कर दूँगी.. ये कहाँ मुझे ठंडा कर पाएगा।
जेम्स- अच्छा ऐसी बात है.. तो आज इस साली फिरंगिन की चाल ना बदल दूँ तो मेरा नाम बदल देना।
रंगीला ने एनी को कहा- मैं थोड़ा बाथरूम जाकर आता हूँ.. तब तक तुम दोनों मूड बनाओ।
रंगीला के जाने के बाद एनी ने जेम्स से ‘हाय हैलो’ किया और उसके पास जाकर उससे हाथ मिलाने लगी.. तो जेम्स ने उसके हाथ को कस कर दबा दिया।
एनी- ऑउच.. वॉट आर यू डूयिंग?
जेम्स- ये अँग्रेज़ी तेरे पास ही रख.. मैं देसी छोरा हूँ.. हिन्दी में बोल जो कहना है..
एनी- ओह्ह.. तुमको इंग्लिश नहीं आता है क्या.. ऐसे कोई हाथ पकड़ता है क्या.. मुझको दर्द हो गया।
जेम्स- दर्द अभी कहाँ हुआ है.. थोड़ी देर रूको उसके बाद होगा..
एनी- ओह्ह.. तुमको क्या लगता है.. मैं कोई कुँवारी लड़की हूँ.. जिसको तुम दर्द से डराता है.. मैंने तुम्हारा जैसा बहुत लड़का लोग को केवल 5 मिनट में ठंडा करके यहाँ से वापस भेज दिया है..
जेम्स ने एनी को बाँहों में लेते हुए कहा- वो कोई कच्चे लौंडे होंगे.. तेरा पाला आज असली मर्द से पड़ा है। 
उसके बाद वो एनी की गर्दन पर किस करने लगा.. उसके मम्मों को हाथों से मसलने लगा।
एनी भी अब समझ गई थी कि बातों से कुछ पता नहीं लगेगा.. तो वो भी जेम्स का साथ देने लगी और एक जबरदस्त चुम्बन का दौर शुरू हो गया।
बहुत देर तक चुम्बन करने के बाद जेम्स ने एनी को बिस्तर पर गिरा दिया और उसके कपड़े निकाल दिए। एनी भी जल्द से जल्द नंगी हो जाना चाहती थी ताकि उसके जिस्म को देख कर जेम्स अपना कंट्रोल खो दे और वो उसको पागल बना कर उसका पानी निकाल दे.. मगर उसकी सोच कहाँ तक पूरी होगी ये तो उसको बाद में पता लगेगा।
रंगीला बाथरूम से वापस आ गया था और एक कोने में कुर्सी डालकर वो दोनों के इस खेल को देखने लग गया।
एनी के जिस्म पर अब एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर जेम्स सच में पागल हो गया। वो बड़े-बड़े खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी एकदम बड़ा पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर जेम्स बस पागलों की तरह कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता। 
एनी भी उसका पूरा साथ दे रही थी।
जेम्स अब एनी की नाभि पर जीभ घुमाता हुआ उसकी चूत को चाटने लग गया.. तो एनी ने उसको वहाँ से हटा दिया और जल्दी से बैठ गई।
एनी- तुम सारा काम कपड़ों के साथ ही करोगे क्या? तुम्हारा लण्ड कैसा है.. वो भी तो मेरे को दिखाओ..
जेम्स का लौड़ा तो पहले ही बाहर आने को बेताब था.. एनी के कहते ही जेम्स ने शर्ट को उतार फेंका और बिस्तर पर खड़ा हो गया।
जेम्स- लो मेरी जान.. अपने हाथों से ही मेरे लौड़े को आज़ाद करो.. और देख लो कैसा है।
एनी घुटनों के बल बैठ गई और उसने जेम्स की पैन्ट निकाल दी। अंडरवियर के अन्दर से लौड़े की झलक देख कर एनी समझ गई कि अन्दर जरूर कोई भारी सामान निकलेगा.. तो उसने एक पल की भी देरी ना करते हुए झट से लौड़े को आज़ाद कर दिया।
जेम्स का लौड़ा फनफनाता हुआ एनी के मुँह के सामने आ गया।
एनी- ओह्ह वाउ.. सो बिग.. मज़ा आ जाएगा.. इतना बड़ा और मोटा लण्ड होगा मैंने सोचा नहीं था.. आह्ह.. इसको तो चूस कर इसका सारा जूस पी जाऊँगी।

जेम्स के लौड़े को देख कर रंगीला भी हैरान हो गया.. उसके दिमाग़ में बस यही ख्याल आया कि पहली बार निधि ने इसको लिया कैसे होगा।
जेम्स- पी मेरी रानी.. तुझे किसने रोका है शुरुआत.. तेरे मुँह से ही करूँगा.. उसके बाद तेरी चूत को ठंडा करेगा।
एनी अपनी जीभ जेम्स के लौड़े के सुपारे पर फिराने लगी.. वो तो इस काम में एक्सपर्ट थी.. धीरे-धीरे वो लौड़े को चूसने लगी, एक हाथ से जेम्स की गोटियों से खेलने लगी.. और धीरे-धीरे करके उसने पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह लौड़े को चूसने लगी।
जेम्स- आह्ह.. चूस.. मेरी फिरंगिन जान.. आह्ह.. तेरे होंठ इतना मज़ा दे रहे हैं तो चूत को चोदने में कितना मज़ा आएगा.. आह्ह.. चूस रानी..
एनी बहुत होशियारी कर रही थी.. उसने लौड़े को होंठों में कस कर दबा लिया और जेम्स को इशारे से मुँह चोदने को कहा।
जेम्स भी कहाँ पीछे रहने वाला था.. वो एनी का सर पकड़ कर ‘दे दनादन’ शॉट लगाने लग गया। करीब दस मिनट तक वो एनी का मुँह चोदता रहा।
एनी का मुँह लौड़ा चूसते हुए दुखने लग गया.. तो उसने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और लंबी सांस लेने लग गई।
जेम्स- अबे यार.. निकाल क्यों दिया.. मज़ा आ रहा था.. चल वापस ले.. चूस..
एनी- वेट.. तुम सच में बहुत पावर वाले हो.. कोई दूसरा होता तो इतनी देर में कब का पानी निकल जाता।
जेम्स- अभी तूने पावर देखा कहाँ है.. चल लेट जा.. तेरी चूत को चाट कर तुझे मज़ा देता हूँ।
एनी ने अपनी दूसरी चाल चली.. उसने चूत चटवाने से मना कर दिया। 
क्योंकि उसको पता था चूत चटवाने से उसकी उत्तेजना बढ़ जाएगी और वो जल्दी झड़ जाएगी.. तो उसने कहा- अब बस सीधे लौड़ा ही अन्दर घुसा दो।
जेम्स- अच्छा तो मेरी रानी को बड़ी जल्दी लगी है चुदने की.. ले अभी तेरी चूत का भुर्ता बनाता हूँ।
इतना कहकर जेम्स ने एनी के पैर पकड़े और पूरे मोड़ कर उसके सर की तरफ करके कमर को हवा में ऊपर उठा लिया और अपने सुपारे को चूत पर टिका कर ज़ोर से झटका मारा.. पूरा लौड़ा दनदनाता हुआ चूत में समा गया।
एनी को लगा उसकी बच्चेदानी पर ज़ोर की चोट लगी है.. इतना बड़ा लौड़ा एक झटके से अन्दर गया.. तो उसकी जान निकल गई.. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई- आआह्ह.. एयायाह.. वेट आह्ह.. यू डॉग.. आह्ह.. रास्कल.. मदर फकर निकालो बाहर.. आह्ह…. साले फाड़ दी..
एनी की हालत देख कर रंगीला को बड़ा सुकून मिला.. जैसा जेम्स ने कहा था ठीक वैसा करके दिखा दिया।
जेम्स- साली कुतिया.. मुझे डॉग बोलती है.. ले तेरी माँ की चूत.. ले उहह उहह..
जेम्स बड़ी बेदर्दी से एनी को चोद रहा था। एक तो उसकी कमर हवा में थी.. और ऊपर से जेम्स खड़ा-खड़ा ही उसकी चुदाई कर रहा था.. पूरा लौड़ा टोपे तक बाहर निकालता.. फिर दोबारा स्पीड से पूरा जड़ तक घुसा देता था।
एनी- रंगीला आह्ह.. प्लीज़.. हेल्प.. दिस गाई इज मैड.. आह्ह.. अऔउच आह्ह.. मार दिया..
रंगीला- अरे जेम्स सीधी लिटा कर चोद ले.. नहीं तो ये बहाना करेगी कि मुझे तकलीफ़ देकर चोदा.. ऐसा.. वैसा..
रंगीला की बात सुनकर जेम्स ने लौड़ा चूत से निकाल दिया और बिजली की तेज़ी से एनी के पैर सीधे किए.. खुद उस पर सवार हुआ और फिर से उसकी चूत में लौड़ा ठोक दिया।
वो समझ ही नहीं पाई कि अचानक ये क्या हो गया।
एनी- अरे यू क्रेजी.. ऐसे कोई करता है क्या.. आह्ह.. मेरी कमर में बहुत दर्द हो गया है.. आह्ह.. आह्ह..
जेम्स- मैंने ये स्टाइल इंग्लिश मूवी में देखा है.. अब देसी लड़की तो इतनी मुड़ती नहीं.. और तुम तो फिरंगिन हो.. तुम्हारा जिस्म तो लचीला होता है.. इसलिए मैंने मोड़ दिया.. अब गुस्सा ना हो.. चुदाई का मज़ा ले..
जेम्स ‘दे दनादन’ एनी की ठुकाई कर रहा था और वो बस सिसकारियाँ ले रही थी।
करीब 20 मिनट बाद एनी की चूत लावा उगलने को तैयार हो गई- आय्य्ह आय्य्ह.. फक मी.. आह्ह.. आह्ह.. फक मी फास्ट.. आह्ह.. आई एम कमिंग.. आह्ह.. फास्ट यू डॉग.. आह्ह.. यायहह..
जेम्स चुदाई के साथ एनी के मम्मों को भी चूस रहा था। अब एनी की बातों से उसका जोश और बढ़ गया, वो और स्पीड से कमर को हिलाने लगा और ‘खचाखच’ चूत की धुनाई करने लगा।
एनी भी गाण्ड को हिला-हिला कर झड़ने लगी, उसका कामरस जेम्स के लौड़े से छुआ.. तो जेम्स को बहुत मज़ा आया.. वो तो बस झटके पर झटके दिए जा रहा था।
जेम्स- मेरी जान.. ऐसे ही ठंडा करोगी क्या.. अब मुझे कुत्ता बोल ही दिया.. तो तुम भी कुतिया बन जाओ.. फिर देखो मैं कुत्ता हूँ या घोड़ा..
जेम्स की बात सुनकर रंगीला को हँसी आ गई, उन दोनों की चुदाई देख कर उसका लौड़ा भी ‘टन.. टन..’ करने लगा था, वो बस उसको धीरे-धीरे सहला रहा था।
एनी- तुम लण्ड को बाहर निकालोगे.. तब ही तो मैं डोगी पोज़ में आऊँगी ना..
जेम्स ने ‘फक’ से लौड़ा बाहर निकाल लिया, एनी का योनि रस उस पर लगा हुआ था.. वो एकदम कांच सा चमक रहा था।
एनी जब बैठने लगी.. तो जेम्स उसके पेट पर बैठ गया.. और लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया।
जेम्स- ले साली.. आज तक तूने लौड़ों का रस ही पिया है.. आज तू अपनी चूत का रस भी चख ले।
एनी के मुँह में लौड़ा ठूंस दिया.. अब वो मरती क्या ना करती.. उसको तो लौड़ा चूसना ही था.. वैसे भी उसको तो वीर्य पीना बहुत अच्छा लगता था।

थोड़ी देर उसको लौड़ा चुसवा कर जेम्स ने वापस बाहर निकाल लिया और एनी को घोड़ी बना कर फिर से उसकी चुदाई शुरू कर दी।
रंगीला का लौड़ा अब बहुत टाइट हो गया था.. अधिक देर तक सहना उसके बर्दाश्त के बाहर हो गया तो उसने पैन्ट निकाल दी और बिस्तर पर आकर टेक लगा कर बैठ गया।
रंगीला- एनी तुम दोनों की चुदाई देख कर मेरा लण्ड भी जोश में आ गया। अब इसको चूस कर थोड़ा आराम दे दे।
एनी- आह्ह.. आह्ह.. फक मी.. आह्ह.. याह.. यां रंगीला.. आह्ह.. थोड़ा पास आओ न.. आह्ह!
रंगीला थोड़ा आगे को सरक गया.. तो एनी उसका लण्ड चूसने लगी।
इधर जेम्स तो बिना लगाम के घोड़े की तरह बस भागता ही जा रहा था।
दस मिनट और गुजर गए होंगे कि एनी की उत्तेजना फिर चरम पर पहुँच गई, उसने रंगीला का लौड़ा मुँह से निकाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से ‘आहें..’ भरने लगी।
एनी- आह्ह.. आह्ह.. फक मी हार्ड.. आह्ह.. डाल दो अपना लॉन्ग लण्ड.. आह्ह.. मेरी चूत को फाड़ दो.. आह्ह.. फास्ट आह्ह.. फक मी आह्ह..
जेम्स ने एनी की कमर को पकड़ लिया और तेज़ी से झटके देने लगा।
इधर रंगीला भी बेताब था.. उसने एनी का सर पकड़ा और लौड़ा उसके मुँह में ठूंस दिया। वो बेचारी क्या करती.. एक तो उसकी चूत का लावा फूट पड़ा था.. ऊपर से जेम्स उसकी गाण्ड पर चमाट लगा रहा था।
जेम्स- झड़ ले रानी.. आज जितना पानी तेरी चूत में है.. सारा निकाल दूँगा।
रंगीला- चूस.. आह्ह.. एनी.. तेरा मुँह ऐसा मज़ा देता है.. जैसे कच्ची चूत हो.. आह्ह.. फास्ट आह्ह.. जेम्स.. रुक ना यार.. तू थोड़ा सबर कर.. मेरा निकलने वाला है.. आह्ह.. तू धक्के मत मार.. आह्ह.. चूस एनी आह्ह.. चूस..
जेम्स ने धक्के बन्द कर दिए और एनी की गाण्ड को सहलाने लगा। उसके गुलाबी छेद में उंगली घुसड़ेने लगा।
एनी का हाल से बेहाल हो रहा था.. चूत में लौड़ा और अब गाण्ड में उंगली.. सामने से रंगीला ने मुँह में लौड़ा ठूँसा हुआ था।
वो स्पीड से रंगीला के लौड़े को चूस रही थी.. साथ साथ रंगीला भी उसके मुँह में धक्के लगा रहा था।
थोड़ी देर बाद रंगीला ने एनी के मुँह में वीर्य की धार मारनी शुरू कर दी।
रंगीला का पूरा रस एनी गटक गई। इधर रंगीला ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और उधर जेम्स ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल कर गाण्ड के छेद पर टिका दिया और सुपारे से गाण्ड की मालिश करने लगा।
जेम्स- आह्ह.. तेरी चूत का मज़ा तो ले लिया.. अब तेरी गुलाबी गाण्ड को भी मेरे लौड़े के दीदार करवा ही देता हूँ.. साला वैसे भी ये गाण्ड का बड़ा आशिक है।
एनी- ओह्ह नो नो.. प्लीज़ मेरी गाण्ड में मत डालना वेट..
एनी आगे कुछ बोलती.. तब तक जेम्स ने एक ज़ोर का शॉट लगा दिया.. उसका मूसल लण्ड एनी की गाण्ड की दीवारों को फैलाता हुआ जड़ तक अन्दर घुस गया।
एनी- आआह्ह.. आअहह.. आआआह्ह.. आह्ह.. यू डंकी.. आह्ह.. मेरी गाण्ड फट गई.. आह्ह.. निकालो बाहर.. आह्ह.. प्लीज़ रंगीला हेल्प आह्ह..।
रंगीला- अरे तुमने तो कहा था कोई असली मर्द आज तक नहीं मिला.. अब आज मिला है.. तो तुम्हारी गाण्ड फट रही है। तुमने तो बहुत बार गाण्ड मरवाई है.. फिर चिल्ला क्यों रही है.. चोद जेम्स और चोद.. आज इसको दिखा दे देसी बॉय की ताक़त क्या होती है।
जेम्स- उहह.. उहह.. साली छिनाल.. ऐसे चिल्ला रही है.. जैसे पहली बार गाण्ड मरवा रही हो.. ले आह आह्ह..
जेम्स तो हावड़ा मेल की रफ़्तार से शुरू हो गया। उसने एनी की गाण्ड को बुरी तरह चोदना शुरू कर दिया। पूरे कमरे में एनी की ‘आहें’ और ‘पक्क.. फक्क.. फ्च्छ.. फ्छ..’ की मिली-जुली आवाजें आने लगीं- आह्ह.. आह.. फक मी हार्ड.. आह्ह.. यू आर ए रियली स्ट्रॉंग मैन.. आह्ह.. फक मी आह्ह..
थोड़ी देर बाद जेम्स के लौड़े की नसें फूलने लगीं.. जवालामुखी फटने को तैयार हो गया था- आह आह्ह.. मेरा निकलने वाला है आह्ह.. बोल साली.. गाण्ड में ही निकालूँ.. आह्ह.. या तू मेरा गाढ़ा वीर्य पीना चाहेगी।
एनी- नो नो.. वेट आई वांट टेस्ट योर जूस.. आह्ह..
जेम्स ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया, एनी स्पीड से सीधी हुई और लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
तभी जेम्स के लौड़े ने एक.. दो.. तीन.. ना जाने कितनी पिचकारी एनी के मुँह में मार दीं, उसका पूरा मुँह वीर्य से भर गया।
जेम्स झड़ने के बाद भी एनी का सर पकड़ कर झटके दिए जा रहा था।
एनी ने सारा माल गटक लिया और होंठों को दबा कर जेम्स के लौड़े से एक-एक बूँद निचोड़ डाली।
अंत में अपनी जीभ से लौड़े को चाट-चाट कर अच्छी तरह से साफ कर दिया।
जेम्स बिस्तर पर एक तरफ़ लेट गया और ‘आहें..’ भरने लगा।
जेम्स- हाय क्या मज़ा आ गया.. आज तो सच में किसी ने सच ही कहा था चुदाई का मज़ा तो अंग्रेजन के साथ ही आता है.. साली क्या गर्म माल है तू.. पहली बार में इतना मज़ा आया.. अब दूसरी बार चुदाई करूँगा.. तो और मज़ा आएगा।
एनी- तुम पागल है.. एक बार में ही 4 बार जितना चोदा.. मेरे को अब दूसरी बार चोदने की भी सोचने लग गया।
जेम्स- अरे एक बार में थक गई तू.. कहाँ की फिरंगिन है.. तुझसे अच्छी तो मेरी देसी लड़की है.. वो भी बहुत छोटी सी.. जो मुझसे 4 बार चुदवा लेती है और ‘उफ़’ तक नहीं करती।
रंगीला- बेचारी डरती होगी तेरे से.. नहीं एनी जो पक्की है इस काम में.. उसकी तूने हालत बिगाड़ दी.. उसका तो पता नहीं क्या होता होगा।
रंगीला की बात सुनकर जेम्स बस मुस्कुरा रहा था।
एनी- तेरे को तो जानवर होना माँगता था.. तुम किधर से आदमी बन के आ गया।
जेम्स- अरे ऐसी कोई बात नहीं है.. उसको तो बड़े प्यार से पेलता हूँ.. असल में मेरा पानी निकालना मेरे काबू में है.. तू बहुत नाटक कर रही थी न.. इसलिए तुझे ऐसे तड़पा कर चोदा.. वरना इतना बुरा भी नहीं हूँ मैं..
रंगीला- मान गया उस्ताद तुमको.. मैं आज तक समझता था कि मैं ही चोदूँ हूँ.. मगर यार तू तो बहुत बड़ा खिलाड़ी है.. अब आएगा खेल का असली मज़ा। जब रश्मि तेरे नीचे होगी.. और उसकी चीखें उस कुत्ते के कान में जाएंगी.. और वो तड़पेगा.. तब मेरा इंतक़ाम पूरा होगा।
जेम्स- अरे यार कहाँ तुमने रश्मि का नाम ले लिया.. उसका फिगर मेरी आँखों के सामने घूमने लगा.. अब तो इस फिरंगिन की खैर नहीं.. अबकी बार रश्मि के नाम से इसकी ठुकाई करूँगा।
एनी- नो वे.. अब दोबारा नहीं.. मैं अपनी लाइफ में एक बार की चुदाई में इतनी परेशान नहीं हुई।
रंगीला- अरे एनी.. क्या यार.. जस्ट चिल.. तुमने तो मुझे भी नंगा करवा दिया कि इससे कुछ नहीं होगा.. तुम मुझे शान्त करना.. अब ‘ना.. ना..’ कर रही हो इट्स नॉट फेयर यार..
एनी- नो रंगीला.. मैं नहीं जानती थी.. ये लड़का ऐसा होगा.. वैसे एक बात है मज़ा आ गया.. ऐसे दमदार लण्ड से चुदाई करके..
जेम्स- ऐसी बात है.. तो एक बार और हो जाए.. यकीन करो अबकी बार प्यार से करूँगा.. तुझे ज़रा भी नहीं तड़पाऊँगा.. बस ‘हाँ’ कह दे तू..
रंगीला- हाँ यार.. मान जा ना.. तुझे डबल में मज़ा आता है ना.. आज दोनों बड़े लण्ड से डबल खेल कर देख मज़ा आ जाएगा।
एनी- ओके.. लेकिन जल्दी करना हाँ.. मुझमें ज़्यादा हिम्मत नहीं है.. कहीं ये फिर से ‘वन’ आवर तक लगा रहेगा चोदने में?
जेम्स- अरे नहीं.. मैंने कहा ना.. अबकी बार जल्दी निकाल दूँगा.. चल अब ये बता.. मेरा चूत में लेगी या गाण्ड में लेगी?
एनी- अभी तो इतना पानी निकाल कर रुके हो.. पहले इसको खड़ा होने का टाइम तो दो।
जेम्स- जानेमन.. तुम बस एक बार चुम्बन कर दो.. ये खड़ा हो जाएगा।
वैसे भी अबकी बार रश्मि के नाम से तेरी चुदाई करूँगा। इसको खड़ा करने के लिए उस कच्ची कली का तो नाम ही काफ़ी है..
जेम्स ने ये कहा और ज़ोर की ‘आह’ भरी।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#57
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
धीरे-धीरे उसके लौड़े में जान आने लगी.. जिसे देख कर एनी मुस्कुरा दी और अपने होंठ उस पर टिका दिए।
वो बड़े प्यार से सुपारे को किस करने लग गई.. एक ही मिनट में जेम्स का लौड़ा फनफना उठा।
एनी- ओह्ह.. वाउ.. ये तो बहुत जल्दी खड़ा हो गया है।
जेम्स- जानेजाना.. तूने जबाव नहीं दिया.. कौन से छेद में लौड़ा लेगी बोल?
एनी सोच में पड़ गई.. एक तरफ़ रंगीला का 8″ का लौड़ा था तो दूसरी तरफ़ जेम्स का 9″ का.. आख़िर उसने तय किया कि जेम्स गाण्ड का आशिक है.. तो गाण्ड में डालेगा.. और रंगीला उसकी चूत में मजा देगा।
फिर क्या था.. एनी ने पहले दोनों के लौड़े बड़े प्यार से चूस कर गीले किए उसके बाद रंगीला सीधा लेट गया और एनी उसके लौड़े पर बैठ कर चुदने लगी।
जब लौड़ा चूत में सैट हो गया तो वो रंगीला पर लेट गई, पीछे से जेम्स ने अपना मूसल उसकी गाण्ड में घुसा दिया।
एनी- आऐईइ.. स्लोली.. माय डार्लिंग.. स्लोली.. योर पेनिस इज सो बिग.. आह्ह..
जेम्स- अरे अभी तो तेरी गाण्ड को खोला है.. अब कैसा दर्द.. चल रंगीला शुरू हो जा नीचे से.. मैं ऊपर से इसकी ठुकाई करता हूँ।
रंगीला नीचे से ‘दे..दनादन..’ झटके देने लगा और ऊपर से जेम्स उसकी गाण्ड का बैंड बजा रहा था।
एनी- आह्ह.. फक मी.. आह्ह.. फक मी हार्ड आह्ह आह्ह.. आह्ह.. आउच आह्ह..
जेम्स तो एक ही स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और बस रश्मि का नाम लेकर गंदी-गंदी गालियां दे रहा था। 
इधर रंगीला को झटके देने की जरूरत ही नहीं पड़ रही थी.. एनी अपने आप ही उसके लौड़े पर हिल रही थी।
करीब 20 मिनट तक यह ठुकाई चलती रही। एनी को डबल लण्ड का मज़ा आ रहा था। उसकी चूत अब किसी भी पल पिघल सकती थी।
एनी- आह्ह.. आह्ह.. फास्ट रंगीला.. आई एम कमिंग.. आह्ह.. फास्ट आह्ह..।
एनी की बातों ने दोनों को जोश में ला दिया। अब रंगीला नीचे से स्पीड से धक्के देने लगा और जेम्स एनी की कमर पकड़ कर गाण्ड की रेल बनाने में लग गया।
एनी की चूत का रस बहने लगा.. वो लंबी साँसें लेने लगी और झड़ने का मज़ा लेने लग गई। कुछ देर बाद रंगीला का रस भी निकलने को तैयार था। उसने एनी को बताया तो एनी ने कहा- चूत में मत निकालना.. उसको लौड़े का रस पीना है।
जेम्स ने जब ये सुना.. एनी को झटके से ऊपर उठा लिया और उसी स्पीड से रंगीला बैठ गया.. और उसने एनी के मुँह में लौड़ा घुसा दिया। एक सेकंड में उसका लावा फूट पड़ा और रस की धारा एनी के हलक में उतर गई।
जेम्स तो अपना लौड़ा गाण्ड में ठोके जा रहा था.. उसका पानी कहाँ इतनी जल्दी निकलने वाला था।
एनी ने झटके खाते हुए ही रंगीला का लण्ड चाट कर साफ किया और घुटनों के बल घोड़ी बन गई।
जेम्स- आह्ह.. ले मेरी फिरंगिन.. आह्ह.. उहह.. उहह.. ले पूरा ले.. आह्ह.. आह्ह..।
एनी- आह्ह.. मारो.. आह्ह.. हमारा गाण्ड फाड़ दो.. आज आह्ह.. तुम असली मर्द हो.. आह्ह.. आह्ह.. चोदो मेरी गाण्ड को आह्ह..।
थोड़ी देर तो जेम्स झटके देता रहा। उसके बाद उसने लौड़ा निकाल कर एनी की चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से धक्के देने लग गया.. जैसे आज चूत को फाड़ कर ही उसको सुकून मिलेगा।
एनी- आह्ह.. आह्ह.. जल्दी आह्ह.. निकाल दो उइ मेरी जान.. निकालने का इरादा है क्या.. आह्ह.. फास्ट आह्ह.. यईह.. यईह..आह्ह..।
जेम्स तो ठहरा देसी बॉय.. वो तो बस ठुकाई करता रहा.. जल्दी करके भी उसने 20 मिनट और एनी की चूत को ठोका.. उसके बाद कहीं जाकर उसने लौड़ा चूत से बाहर निकाला.. तब तक एनी दोबारा झड़ चुकी थी।
जेम्स- ले मेरी फिरंगिन रानी.. अब चूस कर इसका रस निकाल दे और पी जा सारा का सारा रस आज के बाद तू देसी बॉय को याद ही करेगी बस..।
एनी किसी भूखी बिल्ली की तरह लौड़े पर टूट पड़ी.. और पूरा मुँह में घुसा कर होंठों को दबा लिया।
जेम्स को एनी का इशारा समझ आ गया तो उसने लौड़े को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में जेम्स के लौड़े से रस की धारा बह गई.. जिसे एनी ने गटक लिया और बड़े प्यार से लौड़े को चाट कर आख़िरी बूँद तक साफ कर दी।
जेम्स- वाह.. जान.. मज़ा आ गया.. उस रश्मि का नाम लेकर चुदाई में इतना मज़ा आया.. तो खुद उसको चोदने में कितना मज़ा आएगा।
रंगीला- आएगा जेम्स.. बहुत मज़ा आएगा.. मगर उसकी चीखें ऐसी होनी चाहिए कि जय थरथरा जाए.. तब मुझे मज़ा आएगा..।
जेम्स- तू बस देखना रंगीला.. उस रंडी को ऐसे चोदूँगा कि साली जिंदगी भर चुदाई के नाम से काँपती रहेगी।
थोड़ी देर तक तीनों बातें करते रहे। एनी ने कहा- तकलीफ़ तो हुई.. मगर ऐसे दमदार आदमी से चुदाई से मुझको मज़ा आ गया। 
उसने दोबारा भी जेम्स को आने की दावत दे दी। उसके बाद वो दोनों वहाँ से निकल गए।
उधर रश्मि और जय ने भी शॉपिंग कर ली और घर चले गए। वैसे रश्मि ने रात के लिए क्या ड्रेस लिया.. ये जय भी नहीं जानता था.. जब जय ने जानना चाहा.. तो उसने कहा- रात को ही देख लेना.. जब मैं पहनूँगी।
दोस्तों अब सुबह से दोपहर हो गई और कुछ ऐसी बात भी नहीं हुई.. जो आपको बताऊँ.. तो ऐसा करते हैं सीधे शाम का सीन ही आपको बता देती हूँ।
रंगीला ने साजन को फ़ोन किया- तुम उन दोनों को पहले भेज देना और रश्मि के आने के बाद ही तू आना.. तब तक मैं उस कुत्ते को जलील करने वाला प्रोग्राम जमाता हूँ.. ठीक है ना..
उधर विजय और जय रेडी होकर हॉल में बैठे रश्मि का इन्तज़ार कर रहे थे.. वो अपने कमरे में तैयार होने गई थी.. मगर आधा घंटा हो गया.. तब भी उसके आने का कोई ठिकाना नहीं था।
विजय- यार ये लड़कियाँ भी ना.. पता नहीं ड्रेस चेंज करने में क्या-क्या करती हैं इतना टाइम लगता है क्या?
जय- अरे आज उसने नई ड्रेस ली है न.. मुझे भी नहीं दिखाई.. बोली शाम को देख लेना। अब इतना टाइम लगा रही है तो जरूर कोई लहँगा वगैरह लिया होगा.. फिर उस पर.. मेकअप.. लाली.. पता नहीं क्या क्या.. लगा के आएगी।
विजय- यार हम किसी शादी में नहीं जा रहे हैं.. पार्टी है वहाँ.. लहँगा चुनरी देख कर लोग रश्मि का मज़ाक और बना लेंगे।
जय- हाँ यार.. ये तो मैंने सोचा ही नहीं.. मगर रश्मि ऐसी बेवकूफ़ी नहीं कर सकती.. शायद उसने कुछ और ही लिया होगा। अब वो आए तो पता लगे ना.. हम क्यों सोच कर अपना दिमाग़ खराब कर रहे हैं।
वो दोनों बातें कर ही रहे थे.. तभी सीढ़ियों से रश्मि आती हुई दिखाई दी.. जिसे देख कर दोनों के होश उड़ गए। जय का लौड़ा तो झट से पैन्ट में खड़ा हो गया था।
रश्मि ने बहुत टाइट ब्लैक कलर का शॉर्ट गाउन पहना हुआ था.. जिसमें से उसके कंधे खुले हुए थे और गोरा बदन झाँक रहा था। वो गाउन ट्रांसपेरेन्ट भी था.. जिसमें से रश्मि का पेट भी दिखाई दे रहा था। उसके बाल खुले हुए थे और गाउन बदन से ऐसे चिपका हुआ था.. जैसे वो गाउन नहीं.. उसकी चमड़ी ही हो.. उसके जिस्म का एक-एक कट्स.. एक-एक अंग की बनावट साफ-साफ देखी जा सकती थी।
रश्मि हल्की सी मुस्कान के साथ धीरे-धीरे नीचे आई और दोनों की आँखों के सामने आकर ज़ोर से ‘हैलो’ कहा, तब कहीं जाकर उनको होश आया।
जय- वाउ रश्मि.. यू लुकिंग सो गॉर्जियस..
रश्मि- थैंक्स भाई.. एंड विजय भाई.. आपने कुछ नहीं कहा.. मेरी ड्रेस अच्छी नहीं लगी क्या?
विजय- नहीं नहीं.. रश्मि.. बहुत अच्छी है.. मैं तो बस देखता ही रह गया.. इसी लिए कुछ नहीं कहा.. कसम से आज पार्टी में तुम ही सब से खूबसूरत दिखाई दोगी।
रश्मि- ओह्ह भाई थैंक्स.. बस मुझे आपका ही डर था.. कहीं आप मेरी ड्रेस देख कर नाराज़ ना हो जाओ।
विजय- अरे नहीं.. मेरी स्वीटी.. मैं क्यों नाराज़ होने लगा.. चल अब देर हो रही है.. नहीं सब के आने के बाद हम वहाँ गए.. तो मज़ा नहीं आएगा..
रश्मि- वैसे भाई आप भी कुछ कम नहीं लग रहे हो.. दोनों के सामने सारे लड़के फीके पड़ जाएँगे।
जय- अरे बस बस.. हमारी तारीफ बाद में कर लेना.. पहले यहाँ से निकलो तो सही..
वो तीनों गाड़ी में घर से निकल गए और सीधे बुलबुल गेस्ट हाउस पहुँच गए। वहाँ का माहौल काफ़ी रंगीन था.. तेज म्यूज़िक चल रहा था और लाइट्स भी बहुत ज़्यादा थी। बहुत सारे लड़के और लड़कियाँ वहाँ मौजूद थे.. कोई सामने डिस्को में अपने साथी के साथ डान्स कर रहा था.. तो कोई कोने में बैठ कर बियर और सिगरेट का मज़ा ले रहा था।
ये तीनों जब अन्दर गए.. तो रश्मि को देख कर बहुत से लड़कों ने ‘आह..’ भरी.. उनका हाथ ना चाहते हुए भी अपने लण्ड पर चला गया।
विजय- ओके रश्मि.. अब यहाँ कोई रोक-टोक नहीं है.. जो करना हो करो.. चाहे नाचो.. या ड्रिंक करो.. मगर एंजाय करो।
रश्मि- पता है भाई.. आप भी अब मेरी फिकर ना करें.. मैं आज खूब मस्ती करूँगी।
विजय के जाते ही.. रंगीला और साजन भी उनके पास आ गए और दोनों ने रश्मि की बहुत तारीफ की।
साजन की निगाह तो बस रश्मि के मम्मों पर टिकी हुई थी। उसका लौड़ा तो बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
Reply
02-06-2019, 05:52 PM,
#58
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
थोड़ी बातचीत के बाद वहाँ ड्रिंक का प्रोग्राम बन गया। लड़के बियर शराब और पता नहीं क्या क्या.. पीने लगे.. लड़कियाँ भी उनका साथ देने लगीं। कुछ ही लड़कियाँ ऐसी थीं.. जो बस जूस पी रही थीं.. मगर वहाँ का माहौल ऐसा था कि पानी में भी ड्रग्स मिली हुई थी.. तो जूस क्या चीज़ है।
कुछ देर ये प्रोग्राम चला सब पर नशा सवार होने लगा.. तो डान्स का प्रोग्राम बन गया। 
सब अपने-अपने पार्ट्नर के साथ नाचने लगे। अब रश्मि के साथ उसके भाई तो नाच नहीं सकते थे.. तो रंगीला ने रश्मि को अपने साथ आने को कहा और वो उसके साथ जाने को मान गई।
रंगीला ने साजन को इशारा कर दिया कि वो रश्मि को लेकर जा रहा है.. थोड़ी देर बाद वो आ जाए और उसके मज़े ले ले।
रंगीला के साथ रश्मि खुल कर मज़ा लेने लगी.. उस पर भी ड्रग्स का नशा चढ़ने लगा था। वो रंगीला से चिपक कर नाच रही थी और रंगीला भी उसके जिस्म को छू कर मज़ा ले रहा था।
जय तो अय्याश था ही.. उसको एक नई लड़की मिल गई.. तो वो उसके साथ डान्स करने लगा और विजय एक तरफ़ बैठ कर बियर पीने लगा।
बस मौका देख कर साजन रंगीला के पास गया और रश्मि को उसकी बाँहों से अपनी बाँहों में ले लिया।
वो डान्स करते हुए रश्मि के मम्मों को दबाने लगा.. उसकी गाण्ड में अपना लौड़ा टच करके मज़ा लेने लगा।
रश्मि पर नशा छाया हुआ था.. वो बस ये सब एंजाय कर रही थी।
साजन- वाह.. रश्मि.. तूने तो कमाल कर दिया.. पहली बार पार्टी में आई हो.. और ऐसा सेक्सी ड्रेस पहन कर.. कि तूने तो सबके होश उड़ा दिए।
रश्मि- अमीरों के लिए क्या पहली और क्या दूसरी.. हमारे तो यही ठाठ हैं।
साजन ने रश्मि की चूत में उंगली डाल दी और उसको किस करने लगा।
रश्मि- हे.. यू कंट्रोल.. ये क्या कर रहे हो.. ये डान्स की जगह है।
साजन- यार तू है ही ऐसी कमाल की चीज कि मेरा लौड़ा तो मानता ही नहीं.. चल ना आज थोड़ा एंजाय करते हैं।
रश्मि- नो वे.. तुम मेरे भाई के दोस्त हो.. इसी लिए मेरे साथ यहाँ हो.. इसके आगे सोचना भी मत.. नहीं तो ऐसी हालत हो जाएगी जिसे तुम सोच भी नहीं सकते।
साजन- अच्छा इतना घमण्ड है तेरे को अपने भाई पर.. तू फार्म पर आ.. वहाँ देख मैं जीतूँगा और तेरी चुदाई करूँगा.. तब तेरा सारा गुरूर धरा का धरा न रह जाए तो कहना।
रश्मि- तू क्या जीतेगा.. मेरा भाई कोई ऐसा-वैसा नहीं है.. देखना उस दिन क्या होता है.. चल हट.. तेरे साथ अब मुझे डान्स नहीं करना।
रश्मि जाने लगी.. तो साजन ने उसको जबरदस्ती बाँहों में ले लिया और उसके मम्मों को ज़ोर से दबा दिया।
रश्मि भड़क गई और साजन को धक्का देकर वहाँ से सीधी जय के पास चली गई और उसको सब बात बता दी।
जय पर नशा छाया हुआ था.. वो गुस्से में साजन की तरफ़ गया और उसका गिरहबान पकड़ कर उसको हिला दिया।
जय- कुत्ते.. तेरी इतनी हिम्मत.. तू मेरी बहन को हाथ लगाएगा.. तुझे मैं जान से मार दूँगा।
साजन- अबे ये धमकी किसी और को देना.. तू शायद भूल गया मगर मैं नहीं.. बहुत जल्दी ये मेरे नीचे आने वाली है.. मैं तो बस इसको अभी चैक कर रहा था।
साजन की बात सुनकर वहाँ खड़े बहुत से लड़के-लड़कियाँ चौंक गए कि ये क्या मामला है.. जय खन्ना की बहन और इस साजन के नीचे आएगी।
जय- साजन अपनी ज़ुबान को लगाम दे.. ये क्या बकवास कर रहा है तू?
जय गुस्से में लाल हो गया था.. अगर रंगीला बीच में नहीं आता तो जय जरूर साजन को थप्पड़ मार देता।
रंगीला- अरे क्या कर रहे हो दोनों.. ये जगह लड़ने की नहीं.. एंजाय करने की है यार..
जय- इस साले दो कौड़ी के कुत्ते की हरकत जानते हो तुम.. इसने रश्मि को छुआ है.. और ये कैसी रश्मि के बारे में गंदी बात बोला?
साजन- अरे हट साला.. किसे कुत्ता बोलता है.. तू साला अपनी ज़ुबान से फिर रहा है.. हमारी शर्त भूल गया तू.. फार्म पर अगर तू हार गया तो रश्मि को मेरे साथ सोना होगा।
जय को साजन से इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वो सबके सामने ये बात बोल देगा.. उसकी तो हालत पतली हो गई.. मगर उसको कहाँ यह पता था कि ये सब रंगीला का किया धरा है।
रंगीला- ओये साजन.. चुप कर ये हमारे आपस की बात है.. साला लगता है तुझे ज़्यादा चढ़ गई है.. चल तू मेरे साथ बाहर चल.. थोड़ा घूम कर आएँगे तो ठीक लगेगा।
साजन- अरे मैं क्यों जाऊँ.. इस साले को लेकर जा.. जिसकी ज़ुबान की कोई वैल्यू ही नहीं है.. साला झूठा कहीं का।
जय- अबे चुप मादरचोद.. साले भड़वे.. किसकी ज़ुबान की वैल्यू नहीं है? हाँ कुत्ते.. अब अगर तू एक बाप की औलाद है ना.. तो कल हम फार्म पर जाएँगे.. अगर तू और तेरी बहन वहाँ नहीं आए ना.. तो समझ लेना तू हराम की औलाद है.. किसी का गंदा खून है तेरी रगों में.. जा यह जय खन्ना की ज़ुबान है.. कल शाम को हम वहीं मिलेंगे.. साला हरामी कहीं का!
साजन- अबे तू क्या समझता है.. ऐसे अचानक तू आने का बोलेगा.. तो मैं डर जाऊँगा.. मैं एवरी टाइम रेडी हूँ.. तू कोई बहाना सोच ले.. मुझे पता है तू नहीं आएगा.. हा हा हा हा..
साजन की हँसी सुनकर जय के तनबदन में आग सी लग गई। वो दोबारा उसकी तरफ़ झपटा.. मगर रंगीला ने उसको पकड़ लिया और बाहर की तरफ़ उसको ले गया।
दोस्तो, आप सोच रहे होंगे.. इतना हँगामा हो गया.. विजय बीच में नहीं आया और रश्मि भी कुछ नहीं बोली.. ये क्या चक्कर है.. तो आपको बता दूँ ये दोनों कैसे चुप हैं।
रश्मि ने जब यह बात जय को बताई तो जय गुस्से में लाल हो गया और रश्मि जानती थी कि जय तो बस ऐसे ही गुस्सा दिखाएगा.. मगर विजय को यह बात पता लगी तो वो साजन के साथ कुछ भी कर सकता है.. इसी लिए उसने समझदारी से काम लिया और सीधी विजय के पास गई और चक्कर आने का बहाना बना कर उसको बाहर ले गई.. तभी तो जय साजन से अकेला लड़ रहा था। 
चलो अब वापस कहानी पर आ जाओ.. रंगीला ने जय को पकड़ा और बाहर ले गया।
रंगीला- यार तू क्या कर रहा है.. ऐसे सब के सामने लफड़ा करना ठीक है क्या?
जय- तूने देखा नहीं.. उस कुत्ते ने क्या कहा रश्मि के बारे में? और वो फार्म वाली बात भी सबको बता दी।
रंगीला- हाँ तो ठीक है ना.. ऐसे उसको मार कर क्या होगा.. तूने अब कल का बोल ही दिया है तो कल उसकी बहन को चोद कर उसको मुँह तोड़ जवाब दे देना.. तब उसको असली थप्पड़ लगेगा।
ये दोनों बातें कर रहे थे.. तभी विजय और रश्मि भी पास आ गए।
विजय- क्या हुआ जय.. तू इतने गुस्से में क्यों है?
रंगीला ने दोनों को पूरी बात बता दी तो विजय भी गुस्सा हो गया.. मगर रश्मि ने उसको रोक लिया।
रश्मि- भाई आप रूको.. ऐसे सब के सामने तमाशा करना ठीक नहीं होगा.. आप प्लीज़ शान्त हो जाओ।
विजय- ओके ओके.. मेरा हाथ छोड़ो.. और भाई अपने ये क्या कर दिया.. कल का प्रोग्राम रख लिया.. इतनी जल्दी?
जय- तो क्या हुआ.. मैं रेडी हूँ.. रश्मि रेडी है.. अब 2 दिन बाद जाएँ या कल.. क्या फ़र्क पड़ता है.. लेकिन वो कुत्ता रेडी नहीं है.. अब अगर कल वो नहीं आ पाया.. तो देखना मैं बाद में उसकी क्या हालत करता हूँ।
रंगीला- हाँ यार ये तुमने ठीक कहा.. अब चलो अन्दर और उस कुत्ते से दूर ही रहना.. कल हम उसको फार्म पर देख लेंगे।
उसके बाद वो अन्दर चले गए और पार्टी को एंजाय करने लगे।
साजन अब एकदम शान्त हो गया था.. उसके चेहरे पर एक ज़हरीली मुस्कान छाई हुई थी, वो जो चाहता था वो उसने पा लिया था।
काफ़ी देर तक पार्टी चलती रही.. उसके बाद सब मदहोश होकर एक-दूसरे को किस करने लगे। सेक्सी हरकतें करने लगे.. कुछ लड़के तो अपनी गर्ल फ्रेण्ड को लेकर गेस्ट हाउस के कमरों में चले गए उनका चुदाई का प्रोग्राम शुरू हो गया।
Reply
02-06-2019, 05:53 PM,
#59
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
विजय ने जब ये देखा तो रश्मि को कहा- अब यहाँ कुछ नहीं बचा.. तुम जय को लेकर घर जाओ.. मैं रंगीला के साथ बाद में आ जाऊँगा।
रश्मि को भी यही सही लगा.. वहाँ का माहौल काफ़ी गंदा हो गया था.. तो उसने जय को घर जाने के लिए मना लिया और दोनों वहाँ से निकल आए।
उनके जाते ही रंगीला और विजय अन्दर चले गए।
एक मस्त लड़की विजय के पास आई और उसके कान में कुछ कहा तो विजय उसके साथ एक कमरे में चला गया।
साजन ने जब यह देखा कि रंगीला अकेला है तो वो उसके पास आया।
साजन- वाह बॉस.. आज तो मज़ा आ गया.. साली क्या मस्त माल है.. कसम से उसको तो बस एक घंटे तक सिर्फ़ चूसता ही रहूँगा.. उसके बाद साली को घोड़ी बना कर ऐसा चोदूँगा कि वो मेरे को क्या याद करेगी।
रंगीला- साला तू भी बड़ा हरामी है.. तुझे बस उसको छू कर मज़े लेने को कहा था तूने उसकी चूत में उंगली कर दी और उसको पकड़ भी लिया।
साजन- अरे बॉस उस टाइम मेरे को कंट्रोल ही नहीं हुआ.. साली ने क्या सेक्सी ड्रेस पहना था.. एक बार तो मन किया कि यहीं पटक कर साली को चोद दूँ।
रंगीला- अच्छा ठीक है.. ठीक है.. यह बता वो दोनों आइटम उसकी जेब में डाले या नहीं तूने.. और हाँ.. कोमल को कॉल करके कल के लिया बता देना और अभी मुझे एक काम और निपटाना है.. ठीक है मैं चलता हूँ।
रंगीला वहाँ से निकल गया और साजन फिर से लड़कियों के आस-पास मंडराने लगा.. और नाचने लगा।
उधर रश्मि और जय गाड़ी में जा रहे थे.. दोनों पर नशा छाया हुआ था.. जय बातें कर रहा था.. मगर उसकी ज़ुबान लड़खड़ा रही थी। रश्मि का भी कुछ-कुछ यही हाल था।
रश्मि- भाई अपने ये क्या कर दिया.. मैं आपकी बहन हूँ.. उस साजन के इरादे मुझे अच्छे नहीं लग रहे।
जय- अरे तू डरती क्यों है.. कुछ नहीं होगा.. कल उस कुत्ते को दिखा दूँगा कि मैं क्या चीज़ हूँ।
रश्मि- भाई मुझे बहुत डर लग रहा है.. कल क्या होगा?
जय- अरे तू डरती क्यों है.. कुछ नहीं होगा।
जय आगे और कुछ कहता मगर रोड के बीच में पुलिस की गाड़ी देख कर उसने जल्दी से ब्रेक मारी।
रश्मि- आह्ह.. क्या करते हो भाई.. ऐसे गाड़ी क्यों रोक दी?
जय- अरे वो सामने देख ठुल्ले खड़े हैं लगता है चैकिंग है।
एक पुलिस वाला जो करीब 40 साल का मोटा सा था.. वो डंडा हाथ में लिए गाड़ी के पास आया।
हवलदार- आ जा भाई.. आजा नीचे आजा.. ला गाड़ी दे कागज और डीएल दिखा।
जय ने रश्मि को कहा कि वो अन्दर ही रहे और खुद नीचे उतर गया।
जय- क्या बात है हवलदार साहब.. ऐसे रास्ते में गाड़ी क्यों खड़ी कर रखी आपने?
हवलदार- अरे बावली पूंछ.. हम यहाँ साँप सीढी खेलने रुके हैं कि चैकिंग चाल री है चैकिंग.. चल गाड़ी के काग़ज फड़ और डीएल निकाल.. जल्दी से..
जय- पेपर तो समझ आया.. ये डीएल क्या बला है?
हवलदार- ओये तू दिल्ली का ना है.. कि जो डीएल ना समझता बावले ड्राइविंग लाइसेन्स को बोले हैं डीएल..
जय- ओह्ह.. अच्छा बस अभी दिखाता हूँ.. आप दो मिनट रूको।
जय ने गाड़ी में देखा तो पेपर नहीं थे.. फिर उसने अपना पर्स देखा.. वो भी उसकी जेब में नहीं था। शायद घर भूल आया होगा.. अब उसको अहसास हुआ कि आज तो फँस गया।
हवलदार- रे के हो गया.. जल्दी कर साब जी आगे नी.. तो तन्ने सीधे थाणे ले जांगे.. फेर ढूँढ़ते रहियो तू..
जय- वो क्या है ना.. मैं पेपर और लाइसेन्स घर भूल आया हूँ।
हवलदार- वाह रे छोरे.. एक तो तू दारू पिया हुआ है.. ऊपर से आधी रात को लड़की साथ में.. अब गाड़ी के काग़ज और लाइसेन्स भी नहीं.. चल्ल भाई.. अब तेरा फैसला तो साब जी ही करेंगे।
हवलदार ने जय का हाथ पकड़ा और उसको जीप की तरफ़ ले जाने लगा।
जय- हैलो क्या बदतमीज़ी है ये.. मैं कोई ऐरा-गैरा नहीं हूँ.. रणविजय खन्ना का नाम सुना है ना.. उनका बेटा जय खन्ना हूँ।
हवलदार- अरे छोरे तू मन्ने धौंस ना दिखा.. तेरा बाप कौण है.. मैं नी जानता.. अब सीधे से चलता है कि 2 डंडे लगाऊँ पिछवाड़े में?
इंस्पेक्टर- ओये रतन सिंग.. के होरा रै.. कौण है ये छोरा.. मन्ने आना पड़े कै थारे कणे..?
रतन सिंग- ऊउ साब जी या छोरा थोड़ा टेढ़ा लगे सै मन्ने..
रतन सिंग की बात सुनकर इंस्पेक्टर जीप से उतरा और उनकी तरफ़ आने लगा।
इंस्पेक्टर करीब 32 साल का हट्टा-कट्टा लंबे कद का इंसान था।
इंस्पेक्टर उनके पास आकर रुक गया और जय को ऊपर से नीचे तक घूर कर देखने लगा।
इंस्पेक्टर- म्हारो नाम पता है कै.. म्हारो नाम बदलसिंग सै.. कै होरा है रे छोरे.. कै चाहवे है तू?
ये हैं बदल सिंग.. इसका बाप राजस्थान का था.. और माँ हरियाणा की.. दोनों के प्यार का ये नतीजा निकला कि ये पैदा हुआ.. अब इसकी भाषा आधी हरयाणवी तो आधी मारवाड़ी है।
जय- वो वो.. सर मैं अपना लाइसेन्स घर भूल आया हूँ.. ये हवलदार समझने को तैयार ही नहीं हैं.. मैं कोई ऐसा वैसा लड़का नहीं हूँ।
रतन सिंग- ओ साब जी.. ना डीएल है.. ना कागज.. साथ में लौड़ा पिया हुआ भी है.. और भीतर एक छोरी भी डाल रखी है ससुरे ने..
जय- ज़ुबान संभाल के बात करिए आप.. वो मेरी बहन है।
बदल सिंग- ओये छोरे कै नाटक सै यो.. हाँ.. यो थारा..पता लगा सकै.. जो थाने जान देगो ना.. थारे कन गाड़ी के काग़ज हैं.. ना डीएल.. और बावले पीकर गाड़ी चला रा है.. यो और भी बड़ा गुनाह है.. थारे पर तो इब बेरा कोनी कौण-कौणसी धारा लगेगी क़नून की.. और तेरी भें लंगड़ी सै.. कै जो भीतर बैठी सै.. बाहर बुला भाई.. ज़रा मैं भी तो देक्खूं तरी भें न..
बदल सिंग की बात सुनकर जय को थोड़ा गुस्सा आया.. मगर वो जानता था यहाँ गुस्सा करना ठीक नहीं है.. यहाँ उसकी दाल गलने वाली नहीं।
जय- देखिए आप समझ नहीं रहे.. हम पार्टी में गए थे.. वहाँ थोड़ी दोस्तों ने जबरदस्ती पिला दी।
बदल सिंग- अब तू बुलावे है या मैं काड़ दूँ बाहर?
उनकी बात सुनकर रश्मि थोड़ी घबरा गई और बाहर आकर खड़ी हो गई।
दोनों के दोनों बस रश्मि को देखते ही रह गए.. दोनों की आँखों में उस टाइम हवस साफ नज़र आ रही थी। अगर जय ना बोलता.. तो शायद वो दोनों का ध्यान ना हट पाता।
जय- सर प्लीज़ हमें जाने दीजिए देर हो रही है।
बदल सिंग- ले भाई रतन सिंग या छोरा तो क़ानून ने अपने बाप की जागीर समझे सै.. ना काग़ज.. ना डीएल.. दारू ये पी रखा.. और साथ में लौंडिया भी और हमें उल्लू बना के जाना चावे है।
रतन सिंग- साब जी मन्ने तो झोल लगे सै.. या गाड़ी भी इसकी ना लागे.. और या छोरी तो कड़े ही ईकी भैन ना सै..
रश्मि- एक्सयूज मी.. ये मेरे भाई हैं ओके.. और हम आपको किधर से चोर लगते हैं. हम अच्छी फैमिली को बिलांग करते हैं. मेरे पापा इस शहर के नामी गिरामी इंसान हैं।
बदल सिंग- आ छोरी.. ज़्यादा चपर चपर ना कर.. थारे पास कोई सबूत है कि लगा फोन तेरे बाप ने.. इब दूध का दूध और पानी का पानी हो जागा..
जय ने जेब में देखा फोन नहीं मिला फिर उसने गाड़ी भी चैक की.. मगर फ़ोन वहाँ भी नहीं था। वो सोचने लगा आज ये क्या हो गया.. पर्स नहीं है.. फ़ोन नहीं है अब कैसे इनसे पीछा छुड़ाऊँ.. अगर पैसे पास में होते.. तो भी इनको देकर निकल जाता।
बदल सिंग- ओ छोरे कै हो गया सै.. रे भाई फ़ोन होवेगा तो मिलेगा न.. चल भाई अब या रमायन बन्द कर.. और जीप में बैठ जा.. अब थाने चलकर ही थारी पूछताछ करनी पड़ेगी।
जय- सर प्लीज़ आप बात को समझो मैं सच बोल रहा हूँ.. हम भाई-बहन ही हैं. मैं फोन और पर्स भूल आया हूँ।
बदल सिंग- रे चुप कर.. भैन का टका.. म्हारे को लल्लू समझे है कै.. कद से भैन का राग अलाप रिया सै.. मैं अच्छी तरह जानू हूँ.. तू इसके साथ रासलीला करके आया है.. या करने जा रा है.. ये कोई भैन बैन ना है थारी..
बदल सिंग का गुस्सा देख कर जय की हवा निकल गई थी।
रश्मि- सर सच्ची में हम..
बदल सिंग- चोप्प.. तू फेर बोली.. छोरी तेरे मुँह से भी शराब की बू आ री सै.. अब तू बता.. यो कैसा भाई है जो तू आधी नंगी और शराब पी रखी है.. बो भी अपने भाई के साथ.. अब बोल इको कै मतलब सै?
उसकी बात का रश्मि के पास कोई जबाव नहीं था.. वो बस वहीं पर नजरें झुकाए खड़ी रही।
रतन सिंग- साब जी अब कै करना है .. दोनों का?
बदल सिंग- रे करना कै है .. धर ले ससुरा नै थाने जाकर पूछंगे.. ईनका रिस्ता..
जय- सर प्लीज़ हमें माफ़ कर दो दोबारा ऐसी ग़लती नहीं करेंगे।
बदल सिंग- मन्ने लगे है छोरा कान कोई 2 नम्बर का माल है .. तभी यो बड़ी जल्दी में है .. रतन सिंग तलाशी ले भाई..
रतन सिंग ने जय की तलाशी शुरू कर दी.. पैन्ट में तो कुछ नहीं मिला.. मगर उसकी जैकेट की एक जेब में हनुमान चालीसा और दूसरी जेब में 2 कन्डोम और एक ड्रग्स की पुड़िया निकली.. जिसे देख कर जय की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।
रतन सिंग- लो साब जी.. यो देखो छोरा तो बड़ा तेज निकला.. ड्रग्स की पुड़िया निकली है .. और ससुरा कन्डोम के साथ हनुमान चालीसा भी रखे है..
बदल सिंग ने ड्रग्स और कन्डोम हाथ में लेकर जय की ओर गुस्से से देख कर पूछा- ये क्या है?
जय कुछ कहता उसके पहले रतन बोला।
रतन सिंग- साब जी कन्डोम.. हिन्दी में बोले तो निरोध..
बदल सिंग- रे तू घना होसियार ना बण.. मैं जानू हूँ कन्डोम का मतलब निरोध होवे है।
ये चीजें देख कर तो रश्मि के पैर काँपने लगे कि अब क्या होगा।
जय- सर प्लीज़ यकीन करो ये मेरे नहीं है.. पता नहीं मेरी जेब में कहाँ से आए।
बदल सिंग- ले भाई जो चीज जेब में रखनी चाहिए.. बिका तो नाम निसाण ना सै.. और ये अफ़ीम और कन्डोम रखे है .. छोरा..?
जय- मैं सच कह रहा हूँ.. मुझे नहीं पता.. ये मेरे पास कहाँ से आए.. आप मेरा यकीन करो।
बदल सिंग- चुप कर ते ते कर्ण लग रा है मन्ने तू ये बता.. छोरा हनुमान चालीसा और कन्डोम का कै चक्कर सै?
रतन सिंग- साब जी आप ना जानो कै आजकल का छोरा कै बोले हैं कि भूत और चूत का कै भरोसा.. कद भी मिल जावें.. जड़ इंतजाम तो साथ में रखना पड़े सै कै ना..
बदल सिंग- चुप कर बावले.. कुछ भी बक देवे.. देखे कोनी छोरी खड़ी है पास में..
रतन सिंग- साब जी छोरी की आँखों में मन्ने चोर नज़र आवे है.. लगे है बाकी का माल छोरी के पास सै..
बदल सिंग- बदल सिंग नाम सै म्हारा.. तन्ने पता ना है.. म्हारी नजरां सै कोई ना छुप सकै.. आ छोरी चल सीधी खड़ी रह… तेरी भी तलाशी होगी.. अब तो देखूँ तो कितना माल छुपा रखा सै तन्ने।
रश्मि- मेरे पास कुछ नहीं है.. प्लीज़ आप मेरी बात का यकीन करो।
बदल सिंग- चुप कर छोरी जादा घनी स्यानी ना बण.. मैं जानू हूँ.. कीपे यकीन करना है .. कीपे नहीं..
जय- सर ये ग़लत है.. एक लड़की की तलाशी ये हवलदार कैसे ले सकता है कोई लेडी कांस्टेबल होती तो कोई बात नहीं होती।
बदल सिंग- रै बावले.. इब थारे खातिर लेडी कांस्टेबल साथ में लेके घूमू कै.. चल थाणे चल्ल.. वहाँ दे देना तलासी..
रश्मि- भाई प्लीज़ कुछ करो.. वहाँ गए तो बात और बढ़ जाएगी।
बदल सिंग- देख भाई थाणे चलेगा.. तो रात भर वहाँ की हवा भी खानी पड़ेगी तू यही तलाशि दे दे और कुछ ना निकला तो चले जाणा.. और इस हवलदार से तन्ने एतराज है.. तो मैं तलाशी ले लूँगा।
रश्मि- ओके सर आप मेरी तलाशी ले लीजिये.. मेरे पास कुछ नहीं होगा तो आप हमें जाने दोगे।
बदल सिंग- देख छोरी एक पुड़िया तो ये छोरे के पास मील गी.. अगर तेरे पास भी निकली तो बहुत लंबी लगेगी थाने और हाँ अगर ना निकली तो मैं सोचूँगा कि थारा के करणा है।
रश्मि समझ गई कि अब तलाशी के बाद भी ये नाटक करेगा.. मगर जैसे-तैसे वो उसको मना लेगी.. यही सोच कर वो तलाशी के लिए रेडी हो गई।
बदल सिंग तो खुश हो गया। उसको ऐसी हुस्न परी के जिस्म को छूने का जो मौका मिल रहा था।
बदल सिंग रश्मि के करीब आया और गले से हाथ को ले जाता हुआ उसके मम्मों पर जाकर रुक गया और धीरे-धीरे उनको दबाने लगा।
Reply
02-06-2019, 05:53 PM,
#60
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जय- हैलो.. वॉट आर यू डूयिंग सर.. ये कैसी तलाशी है.. आपको शर्म नहीं आती.. एक लड़की के साथ ऐसा करते हुए.. हाँ?
बदल सिंग- ओये भैन के टके.. ज़्यादा होशियारी ना कर.. नहीं इस छैलछबीली को यही नंगी करके तलाशी लूँगा मैं..
रश्मि- भाई प्लीज़ आप चुप रहो..
जय- मगर रश्मि ये तुमको कैसे गंदी तरह से टच कर रहा है।
रश्मि- भाई प्लीज़ कीप क्वाइट.. आपको नहीं पता ये बात पापा तक गई तो क्या हो जाएगा.. इनको अपना काम करने दो एंड प्लीज़ आप बीच में ना बोलो।
बदल सिंग- ये छोरी तो घनी स्यानी सै.. रतन सिंग तू ऐसा करियो.. इस छोरे का ध्यान रखियो.. मैं वहाँ जीप के पास इस छोरी की अच्छे से लेता हूँ.. यहाँ तो ये छोरा ठीक से लेने नहीं देगा इसकी..
रतन सिंग- के साब जी.. के लेन नहीं देगा ये छोरा आपको?
बदल सिंग- रे बावले तलाशी लूँगा.. तू और के लेवे था.. अब धर ले इस छोरे नै.. मैं आऊँ तलाशी लेकर..
जय का गुस्सा सातवें आसामान पर चला गया था.. अगर रश्मि साथ ना होती तो वो उस पुलिस वाले को पीट ही देता.. मगर उसको पता था अगर उसने ये किया तो ये बात उसके पापा तक चली जाएगी और रश्मि की ऐसी हालत का उनको पता लग जाएगा। इसलिए वो खून का घूँट पीकर वहीं खड़ा रहा और रश्मि को जाने को कह दिया।
बदल सिंग रश्मि को जीप के पास ले गया और दोबारा से उसके मम्मों को दबा कर देखने लगा।
रश्मि- उफ़.. आराम से चैक करो ना.. आप मुझे दुखता है न..
बदल सिंग- देखन तो दे.. तूने अन्दर के छुपाया हुआ है.. चल ऐसा कर तू जीप के भीतर चल.. वहाँ ये निकाल के मुझे दिखा अन्दर के है?
रश्मि- सर प्लीज़.. ये बहुत ज़्यादती है आप ऐसा नहीं कर सकते।
बदल सिंग- अरे बावली करने को तो मैं घनो कुछ कर सकूँ हूँ.. देख म्हारो उठ चुक्यो है.. सबर अब तू चुपचाप अपनी दे दे म्हारे को.. तलाशी.. नहीं तो दोनों को थाणे ले जाकर नंगे कर दूँगा।
रश्मि- सर प्लीज़ हम अच्छे घर से है.. आप ऐसा मत करो।
बदल सिंग- रे अगर तू शरीफ होती.. तो ऐसे अधनंगी अपने भाई के साथ ना घूमती और वो ससुरा जेब में कन्डोम लेकर ना घूमता.. मन्ने तो लागे है वो ससुरा बहनचोद है.. जो अपनी बहन को चोदे है..
रश्मि- ये क्या बकवास कर रहे हो?
बदल सिंग- ओ छोरी घणी ऊँची आवाज़ में ना बोल.. नहीं साली को अभी अस्पताल लेकर जाऊँगा और चूत का टेस्ट करवा दूँगा.. तब पता लग जा गा कि तू चुदी के.. ना चुदी.. उससे..
रश्मि को अब पक्का यकीन हो गया कि आज ये बदल सिंग उसको चोदे बिना नहीं मानेगा। वो उसके आगे बहुत गिड़गिड़ाई.. मगर वो एक ना माना और मजबूरन रश्मि को जीप के अन्दर उसके साथ तलाशी देने जाना पड़ा।
अन्दर जाकर बदल सिंग ने रश्मि को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गाउन के अन्दर हाथ डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा।
उसका खड़ा लौड़ा रश्मि अपनी गाण्ड पर साफ महसूस कर रही थी।
बदल सिंग- छोरी तेरा जिस्म बाहर से तो चमकता सोना है.. ज़रा ये परदा हटा कर भीतर का भी नजारा दिखा दे मन्ने..।
रश्मि कुछ कहती उसके पहले ही उसको रंगीला और साजन की आवाज़ सुनाई दी.. जो हवलदार से ज़ोर-ज़ोर से बातें कर रहे थे और जय भी उनके साथ बोल रहा था।
रश्मि ने जब उनकी आवाज़ सुनी वो झट से उसकी गोद से उठी और उनकी तरफ़ भाग गई। पीछे से बदल सिंग भी उनकी तरफ़ हो लिया।
रंगीला- रश्मि तुम ठीक तो हो ना उसने कोई बदतमीज़ी तो नहीं की ना?
साजन- मैंने रश्मि को बस टच किया तो तेरे को बड़ा गुस्सा आया था.. अब जा जय उसको मार दे.. उसने तेरी बहन के साथ पता नहीं क्या-क्या किया होगा।
रंगीला- साजन तू चुप हो ज़ा.. ये वक़्त लड़ने का नहीं है।
बदल सिंग- ओये के तमाशा सै यो.. रतन सिंग धर ले सब ससुरा ने..
रंगीला- लुक इंस्पेक्टर हम कोई गली के गुंडे नहीं हैं. जो आप ऐसे ही हमें ले जाओगे.. आपकी सारी हरकत मुझे पता है.. अब देखो मैं क्या करता हूँ.. अभी एसीपी साहब आते ही होंगे.. उनको बताता हूँ और तुम्हारा भांडा फोड़ता हूँ कि तुम तलाशी के नाम पर क्या गुल खिलाते हो।
बदल सिंग कुछ बोलता उसके पहले ही जेम्स बाइक पर वहाँ आ गया.. उसके तो ठाठ-बाठ ही अलग थे.. ब्लू जींस और वाइट टी-शर्ट में वो बहुत अच्छा दिख रहा था।
जेम्स- क्या बात है रंगीला.. क्या हो गया तुम यहाँ क्यों खड़े हो?
जेम्स को देख कर बदल सिंग की सिट्टी-पिटी गुम हो गई।
बदल सिंग- नहीं साब जी.. बस रूटीन चैकिंग चाल री सै..
रंगीला- अरे जेम्स आओ यार.. अच्छे मौके पर आए.. ये तुम्हारा इंस्पेक्टर कुछ ज़्यादा ही हवा में उड़ रहा है.. अब आप ही इसे समझाओ।
जेम्स- बदल सिंग अभी के अभी इन सब से माफी माँगो और यहाँ से दफा हो जाओ।
बदल सिंग ने बहस करना ठीक नहीं समझा और सब से माफी माँग कर वहाँ से चला गया।
रश्मि को उस ड्रेस में देख कर जेम्स का लौड़ा ‘धिन.. का.. चिका.. धिन.. का चीका..’ करने लगा.. मगर इस वक़्त वो कोई ऐसी हरकत नहीं करना चाहता था.. जिससे प्लान पर कोई असर पड़े।
अब आपको यह भी समझाना पड़ेगा क्या.. ये सब रंगीला का किया धरा है.. ये नकली पुलिस.. ये जेम्स.. सब एक नाटक का हिस्सा है।
ओके.. अब आगे देखो..
रंगीला ने जेम्स से सब का परिचय करवाया और जेम्स को रंगीला ने एसीपी बताया.. ताकि जय पर अपनी धौंस जमा सके और उसको नीचा दिखा सके।
जय- तुम लोग यहाँ कैसे आए?
साजन- मेरी वजह से आए.. समझे तू तो मेरे से लफड़ा करके निकल गया था ना.. ये तो अच्छा हुआ विक्की भी तुम लोगों के साथ ही वहाँ से निकला और उसने तुम्हें रास्ते में खड़ा देख लिया। बस उसने मुझे खबर की और मैंने रंगीला को बताया.. तो इसने अपने दोस्त एसीपी साहब को यहाँ बुला लिया.. नहीं आज तो तेरी बहन गेम के पहले ही.. हा हा हा तू समझ गया ना..
साजन ने जय को जलील करने के लिए ये सब कहा.. मगर जय इस वक़्त उसके मुँह लगना नहीं चाहता था।
जय- बस बस.. अपना मुँह बन्द रख.. कल फार्म पर देखूँगा.. तू हँसता है या रोता है..
जेम्स- अरे रंगीला तूने तो कहा था उस गेम में अबकी बार मुझे भी शामिल करोगे.. मगर तुम लोग तो अकेले ही जा रहे हो।
जेम्स की बात सुनकर सब ठंडे पड़ गए कि ये क्या हुआ.. इसको कैसे पता फार्म पर क्या होने वाला है।
रंगीला- अरे यार, सब इतना अचानक हुआ मैं बताना भूल गया। अब तो जय ही आपको बताएगा क्योंकि वो फार्म भी उसका है और गेम भी उसी का है।
जय- अरे मैं क्या बोलूँ यार.. त..त..तू ही बता दे.. तू भी तो सब जानता है।
रंगीला- अरे ये एसीपी बाद में है.. पहले मेरा यार है.. इसको सब पता है वहाँ क्या होगा.. अब तू कहे तो ये भी आ जाए यार!
जय- तेरा यार तो मेरा यार.. इसमें पूछना क्या.. आप भी कल शाम को आ जाना.. एड्रेस आपको सुबह रंगीला बता देगा ओके..
जेम्स- थैंक्स यार.. जो तुमने ‘हाँ’ कही.. ओके अब मैं चलता हूँ.. उस बदल सिंग की भी मुझे थाने जाकर क्लास लेनी है।
जेम्स के जाने के बाद जय ने गुस्से में साजन को देखा।
साजन- ये गर्मी संभाल के रख.. कल काम आएगी.. ओके अपुन अब चलता है।
जय को एक और ताना देकर साजन भी वहाँ से निकल गया।
जय- रश्मि तुम गाड़ी में बैठो.. मैं आता हूँ।
रश्मि के जाने के बाद जय ने रंगीला से कहा- ये अचानक एसीपी तेरा दोस्त कैसे बन गया और वहाँ इसको क्यों बुलाया.. इसका वहाँ क्या काम?
रंगीला- यार अब यह लंबी कहानी है.. फिर कभी बताऊँगा.. फिलहाल तू इतना समझ ले.. ये भी हमारी तरह चूत का भूत है.. अब साजन की बहन को हमारे साथ ये भी चोदेगा।
जय- चल अब आ रहा है तो आने दे.. उस रंडी को तो जितना चोदें.. उतना कम है.. तू इसको कल सब बता देना ओके.. मैं अब निकलता हूँ.. साला आज तो मूड पूरा खराब हो गया.. पता नहीं मेरी जेब में ये ड्रग्स और कन्डोम वगैरह किसने डाले होंगे।
रंगीला- ये सब बाद में सोचना.. रश्मि बहुत डिस्टर्ब लग रही है.. तू उसको लेकर घर जा..
जय- अरे विजय कहाँ है.. वो तेरे साथ आने वाला था ना?
रंगीला- उसको इस सबके बारे में कुछ पता नहीं है.. वो तो एक लड़की के साथ लगा हुआ था.. तो मैंने उसको डिस्टर्ब नहीं किया।
जय- अच्छा अब उसको इस बारे में बताना भी मत.. आज का दिन ही मनहूस है साला.. जलील होके रह गया मैं..
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,300,972 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,412 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,549 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,238 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,843 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,987,381 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,797,715 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,519,097 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,826,779 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,285 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)