Mere pyari cuta se enjoy karo ki sex kahani
09-01-2016, 10:54 PM,
#1
Mere pyari cuta se enjoy karo ki sex kahani
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम.. मैं अक्सर अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ और जब कभी भी कोई अच्छी और नई कहानी पढ़ता हूँ तो मन करता है.. काश कोई मुझे भी मिल जाती.. जिसके साथ मैं भी अपनी अन्तर्वासना की आग को बुझा सकता।

मेरा नाम अमन है मेरी उम्र 28 साल है और इस कहानी में जिस औरत का जिक्र मैंने किया है.. मैं उसका नाम आपको नहीं बता सकता.. इस बात के लिए मुझे खेद है क्योंकि मैं नहीं चाहता कि उसको इस बात से कोई तकलीफ पहुँचे।

कुछ दिनों पहले की बात है मैं डेटिंग वेबसाइट सर्च कर रहा था कि कोई मुझे भी मिल जाए.. पर मेरी किस्मत कहाँ इतनी अच्छी है जो मुझे कोई मिलती..

उस दिन मैंने फिर अन्तर्वासना की कहानी पढ़ी और जैसा कि आप सभी जानते हैं.. आजकल इस साईट ने बहुत ही अच्छा सिस्टम कर दिया है जिससे कहानी के अंत में हम अपने कमेंट्स लिख कर भेज सकें।

मैंने भी कुछ कहानियाँ पढ़ीं और कमेंट्स किए.. जिस पर मुझे एक भाभी का रिप्लाई आया।

जिसमें लिखा था- गुड कमेंट्स..


मैंने उनसे बात करने की कोशिश की पर बात नहीं हो पाई।

अब अक्सर मैं कमेंट्स करता और उनके रिप्लाई का इन्तजार करता.. पर काफी दिन गुजर गए.. इस बार उनका कोई रिप्लाई नहीं आया।

एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मुझे उनका रिप्लाई मिला जिसमें उनका ईमेल पता भी लिखा हुआ था और उन्होंने मुझे कहा- मुझे मेल करना..
ईमेल एड्रेस पाते ही मैंने उनको ईमेल किया और सामान्य बात से शुरुआत की।

कुछ दिनों तक तो हालचाल ही होती रही और हम दोस्त बन गए।

फिर एक दिन मैंने उनका फ़ोन नंबर माँगा तो उसने मना कर दिया.. मुझे बुरा नहीं लगा क्योंकि कोई भी औरत किसी अजनबी को अपना मोबाइल नंबर इतनी जल्दी नहीं देगी और वैसे भी हमारी दोस्ती भी तो कुछ अलग जगह से स्टार्ट हुई थी।

थोड़ा और समय गुजर जाने के बाद मैंने उनको अपनी फोटो भेजने को कहा और उन्होंने अपनी एक फोटो मुझे भेजी जो साड़ी में थी।

क्या कहूँ दोस्तों.. उसको देखने के बाद मैं तो दंग रह गया।
वो करीब 30 से 35 के उम्र की लग रही थी.. 5 फिट 4 इंच की हाइट और भरा हुआ शरीर.. गोरी और मस्त नैन- नक्श वाली.. एकदम अप्सरा सी लग रही थी। मेरी तो जैसे लाटरी लग गई।

फिर उसने मुझसे मेरी फोटो मांगी।

मैं आपको बता दूँ कि मेरी हाइट 5’11” है.. रंग गेहुंआ और शरीर भरा हुआ है।
बहुत तो नहीं… पर दिखने में मैं भी ठीक ही हूँ।

शायद उसने मुझे पसंद किया.. इसलिए अपना नम्बर भी दे दिया और कहा- जब मैं मिस कॉल करूँ.. तभी फ़ोन करना।

उसके अनुसार क्योंकि उसके पति बहुत ही शक्की मिजाज़ के हैं और वो उनसे बहुत डरती थी।

फिर कुछ दिनों तक मैंने उसको कोई फ़ोन नहीं किया, एक रात करीब 11 बजे उसका मिस्ड कॉल मेरे मोबाइल पे आया।

उसका मिस्ड कॉल देखते ही मैं बहुत खुश हुआ और तुरंत उसको कॉल किया।

मैंने उनसे पूछा- इतने दिनों बाद कैसे याद आई?

तब उसने मुझे बताया कि उसके पति काम से दो दिन के लिए बाहर गए हैं।

फिर हमारी बात शुरू हुई..
मैंने उसे पूछा- तुम शादीशुदा हो फिर भी अन्तर्वासना क्यों पढ़ती हो?

तब उसने बताया- टाइम पास करने के लिए..

पर मुझे उसका जवाब कुछ जमा नहीं मैंने दुबारा पूछा- खुल कर बात करो न.. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा।

तब उसने मुझे बताया- मेरी शादी को 7 साल हो गए हैं और मेरे पति उस लायक नहीं कि मुझको संतुष्ट कर सकें.. मैं कहीं बाहर नहीं जा सकती.. इसलिए घर पर ही कहानी पढ़ कर खुद को संतुष्ट कर लेती हूँ।

मैं उसको सुनता रहा।

फिर उसने मुझे अपने शादी से पहले के अफेयर के बारे में बताया कि शादी से पहले उसका एक ब्वॉय-फ्रेंड था जिसके साथ उसने कई बार सम्भोग किया था और उसके साथ उसे मजा भी आता था.. पर जब से शादी हुई है तबसे उसको चुदाई में कोई आनन्द नहीं मिल पाया है.. शादी की पहली रात को ही उसको पता चल गया था कि उसके पति नपुंसक हैं और तब से वो ऐसी ही कहानियाँ और ब्लू-फिल्म देख कर काम चलाती है।

जब कभी वो अपनी माँ के घर जाती थी.. तो अपने पुराने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चुदाई करती थी.. पर अब उसकी भी शादी हो चुकी है।
पिछले दो साल से उसने उसको देखा तक नहीं है।

ये सब बातें बताते हुए शायद उसको बहुत दुःख हो रहा था और वो थोड़ा रोने भी लगी।

मैंने उसको समझाने की कोशिश की.. पर समझा नहीं पाया।

इस तरह उससे बात करते-करते रात के 3 बज गए और फिर हम दोनों सो गए।

सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने सबसे पहले उसको फ़ोन किया और गुड मॉर्निंग की.. उसने भी बहुत ख़ुश होकर मुझसे बात की और मुझसे पूछा- नाश्ता किया या नहीं?

मैंने कहा- आज तुम ही नाश्ता करा दो।

तो उसने मुझे कहा- आ जाओ.. साथ में नाश्ता करते हैं।

मैंने कहा- कैसे आऊँ.. तुम न जाने किस शहर में हो और मैं किस शहर में हूँ।
तो उसने मुझसे पूछा- तुम कहाँ से हो?

मैंने कहा- जबलपुर..

उसने तुरंत मुझे कहा- मैं भी जबलपुर की हूँ।

मेरी तो जैसे किस्मत ही चमक गई..
मैंने उससे पूछा- जबलपुर में कहाँ रहती हो?

तो उसने बताया- मदन महल..

मैंने कहा- मैं रामपुर में रहता हूँ।

उसने मुझे अपना पता दिया और कहा- आज 9 बजे के बाद आना।

मैंने जल्दी-जल्दी नहाया और तैयार हुआ और 9 बजने का इन्तजार करने लगा।

जैसे ही 8.45 हुआ मैंने उसको कॉल किया और कहा- मैं आ रहा हूँ।

तो उसने कहा- ठीक है आ जाओ..

मैं अपनी मोटर साइकिल से मदन महल की तरफ चल पड़ा.. मेरे मन में बहुत सारे ख्याल आ रहे थे.. थोड़ा डर भी लग रहा था.. पर फिर भी हिम्मत से मैं उसके घर के पास पहुँच ही गया।

वो मुझे लेने नीचे आई.. उस वक़्त उसने काले रंग की साड़ी पहन रखी थी।

मैं तो उसको देखता ही रह गया.. फिर मैं मन्त्रमुग्ध सा उसके पीछे-पीछे उसके घर के अन्दर चला गया और अन्दर जाकर मैं सोफे पर बैठा।

वो रसोई में चली गई.. चाय और टोस्ट लेकर दस मिनट में वो बाहर आई और सामने टीवी चालू करके बैठ गई।

मैं तो खुल कर उसको देख भी नहीं पा रहा था.. बहुत ही अजीब लग रहा था.. पर मन कर रहा था जैसे उसको देखता ही जाऊँ।

थोड़ी देर बाद हम बातें करते-करते चाय पीने लगे और मैं उसको मस्त निगाहों से देखने लगा.. वो भी मुझे कभी-कभी देखती रही।

अब दस बज चुके थे.. मैंने उससे कहा- मुझे ऑफिस जाना है।

तब उसने कहा- कितने बजे?
मैंने कहा- जाना तो दस बजे ही था पर 11 बजे तक भी जाऊँगा तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।

उसने मुझे कहा- आज ऑफिस मत जाओ.. थोड़ी देर यहीं रुको.. हम बातें करेंगे।

मैं समझ गया कि क्या करना है और कैसे..

उसने मुझसे कहा- आओ मैं तुमको अपना कमरा दिखाती हूँ।

मैं भी झट से उसके पीछे चला गया उसके कमरे तक..

अन्दर बिस्तर पर उसकी ब्रा और पैन्टी रखी हुई थी.. शायद उसने जल्दी-जल्दी में कपड़े बदलते समय उन्हें वहीं छोड़ दिया था।

मुझे बिस्तर पर बैठने को बोली.. मैं वहीं बैठ गया और वो दूसरे कमरे में चली गई।

दस मिनट बाद वो लोअर और टी-शर्ट पहन कर कमरे में आई.. मेरा दिल जोर से धड़क पड़ा था।

वो मुझसे दूर कुर्सी पर बैठ गई और बातें करने लगी।

अब मेरी बर्दाश्त करने की हद्द खत्म होती जा रही थी क्योंकि एक तो वो बला की खूबसूरत और ऊपर से उसका फिगर.. मेरी जान लिए पड़ा था।

मुझसे जब रहा नहीं गया तो मैं वहाँ से उठा और जाने लगा।

उसने कहा- क्या हो गया.. कहाँ जा रहे हो?

मैंने कहा- अब मेरा जाना ही ठीक होगा.. कहीं ऐसा न हो कि मैं कुछ गलत सोच या कर बैठूँ।

उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे जाने से रोका और जैसे ही उसने मुझे पकड़ा मैं उसकी तरफ मुड़ा और उसको अपनी बाँहों में भर लिया।

मेरा लण्ड पहले से ही खड़ा था.. जो उसकी नाभि के पास जाकर गड़ने लगा। वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.. पर मेरी पकड़ मजबूत थी।

फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से जोड़ दिया और उसके होंठों को पागलों की तरह चूसने लगा।

वो भी मेरा साथ देने लगी।

चुम्बन करते-करते मैंने एक हाथ पीछे से उसके चूतड़ों को दबाया और एक हाथ से उसकी चूची को मसका।

वो तो जैसे इसी चीज का इन्तजार कर रही थी। उसने मुझे खींचते हुए सीधे अपने बिस्तर पे गिर लिया।

वो नीचे और मैं ऊपर..

मैं इतने ज्यादा जोश में आ गया था कि मैंने झट से उसके टॉप को उतार कर फेंक दिया और उसकी ब्रा के हुक खोले बिना ही ऊपर से ही उसके दूध को मुँह में भर लिया।

फिर एक हाथ से उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और दूसरे हाथ से उसकी नरम-नरम चूची को दबाने लगा।
साथ ही उसकी गर्दन और कान को अपनी जीभ से चाटने लगा।

फिर मैंने देर न करते हुए अपनी शर्ट और पैन्ट दोनों उतार दीं.. साथ में उसका लोअर और पैंटी भी निकाल दिया।

अब मैं एक ऊँगली से उसकी चूत की दरारों को सहलाने लगा।

वो तो जैसे सातवें आसमान पर थी.. बिना कुछ बोले.. बस ‘आह.. आह’ की आवाज किए जा रही थी।

उसका बदन इतना नर्म और नाज़ुक था.. जैसे गुलाब की पंखुरियाँ.. मुझे उसको छूने में जो आनन्द मिल रहा था.. वो मैं आपको बता भी नहीं सकता।

उसकी चूत में ऊँगली फ़िराने से शायद वो झड़ गई और थोड़ी शांत हो गई.. पर मेरा लंड तो तम्बू बना हुआ था और मैं उसको उसकी गोरी चूत में डालना चाहता था।

मैं कोई भी काम जबरदस्ती नहीं करना चाहता था.. इसलिए मैंने उसको फिर से उत्तेजित करना शुरू किया।

उसको होंठों से चुम्बन करते-करते उसकी गर्दन और उसके मम्मों को खूब चाटा।

मैंने उसके मखमल जैसे मुलायम दूध को जी भर के पिया और उसके निप्पल को अपने दांतों से धीरे-धीरे काटा भी।

अब वो भी फिर से सिसकारियाँ लेने लगी थी और उसने मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और जोर से दबा दिया।

मेरा लंड बहुत कड़ा था और उसको शायद ऐसे करने में मजा भी आ रहा था। मैं उसको लगातार चुम्बन करता रहा और वो मेरा लंड ऊपर-नीचे हिलाती रही।

उसके दूध पीते-पीते मैं थोड़ा नीचे उतरा और अपनी जीभ को उसके पेट और नाभि पर घुमाया.. वो मदहोश हो चुकी थी और मदहोशी में अपने दोनों पैर खोलने लगी।

वाह.. क्या नज़ारा था.. मानो जैसे जन्नत ने मेरे लिए अपना दरवाजा खोल रखा था।

मैंने झट से अपनी जीभ उसकी चूत से सटा दी और चाटने लगा.. वो ‘आह.. आह..’ करके मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचने लगी।

दस मिनट तक चूत चाटने के बाद वो दुबारा झड़ गई और अपने हाथ-पैर जकड़ने लगी.. पर इस बार मैं रुकना नहीं चाहता था..

अब मैं तुरंत खड़ा हुआ और अपना 6 इंच का लंड उसकी चूत के दरार पर रख कर एक हल्का सा धक्का दिया।

मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया.. और उसके मुँह से जरा सी चीख निकली.. पर वो चीख उसको मजा दे रही थी।

सिर्फ 5 सेकंड के अन्दर मैंने एक और जोरदार झटका मारा और अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
उसका मुँह खुला का खुला रह गया.. इस बार शायद उसको दर्द हुआ था।

फिर धीरे-धीरे अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा… वो मदहोश नज़रों से मुझे देखते हुए रफ़्तार बढ़ाने को कहने लगी।

शायद वो तीसरी बार झड़ने वाली थी.. मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी।
मुझे लग रहा था कि जैसे मैं ओलंपिक में दौड़ रहा हूँ।

कुछ ही मिनट तक जोरदार चुदाई करने के बाद मेरे लंड से वीर्य की बरसात हो गई और मैंने उसकी चूत के अन्दर ही अपना वीर्य भर दिया।

अपना लंड बिना बाहर निकाले उसके ऊपर ही लेट गया और थोड़ी देर तक वैसी ही अवस्था में हम दोनों लेटे रहे।

जाने कब नींद आ गई और एक घंटे बाद मेरी आँख खुली तो वो मेरे लिए फिर से चाय बना रही थी।

मैंने अपने आपको बाथरूम में जाकर साफ किया और अपने कपड़े पहने।

तब तक वो चाय लेकर आ गई.. वो बहुत ही खुश और संतुष्ट लग रही थी। उसने मुझे होंठों पर चुम्बन किया और हम दोनों ने चाय पी..

थोड़ी देर बाद मेरा मन फिर से उसको चोदने का हुआ तो मैंने उसको कहा- क्या हम फिर से एक बार सेक्स कर सकते हैं?

तो उसने मुझे मना नहीं किया.. फिर करीब 20 मिनट कर मैं उसको पोज़ बदल-बदल कर चोदता रहा और वो चुदवाती रही।

जब हम अलग हुए तो मैंने उससे पूछा- दुबारा कब मिलोगी?

तो उसने मुझे बताया- शाम को मेरे पति वापस आ जाएंगे और कल दोपहर की ट्रेन से हम लोग दिल्ली चले जायेंगे.. पति का ट्रान्सफर हो गया है और अब मैं वहीं रहने वाली हूँ।

मेरा मन उदास हो गया.. तो उसने मुझे गले से लगाया और कहा- तुमने मुझको उसके जीवन का सबसे खूबसूरत और अच्छा पल दिया है, पर मुझको यहाँ से जाना तो होगा ही।

बड़े प्यार से उसने मुझे समझाया और कहा- जब कभी दिल्ली आओ तो बताना..

उसने मुझसे ये भी कहा- मुझको तुम्हारी बहुत याद आएगी।

अगले दिन वो जबलपुर से चली गई, फिर कुछ दिनों तक फ़ोन पर बातें होती रहीं.. फिर धीरे-धीरे फ़ोन आना बंद हो गए.. शायद उसके पति ने उसका फ़ोन बंद करवा दिया।

तब से आज तक मैं सोचता हूँ कि काश कोई मुझे फिर ऐसे ही मिल जाती तो ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत हो जाती..
मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताइएगा।

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,301,162 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,430 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,610 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,281 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,965 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,987,468 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,797,827 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,519,526 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,826,962 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,299 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)