Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
08-26-2023, 11:34 AM,
#51
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 46

निस्संतानता की समस्या



अम्मी बोली "मैं तुम्हारी बहनो की जिंदगी को लेकर बहुत चिंतित हूँ और नहीं जानती कि क्या करूं?"

ये कह कर अम्मी सिसकने लगीं और रोने लगीं। मुझे अपनी बहनो और अपनी माँ के लिए भी बहुत बुरा लगा। मुझे अपनी खाला पर गुस्सा आ रहा था। मैंने गुस्से भरे लहजे में पूछा, "अम्मीजान! ये तो बहुत ग़लत है। ऐसा कैसे हो सकता है।" ?

वे मेरी बहन के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? उसकी गलती क्या है? उन्हें किसी बेहतर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अब मेडिकल दवाओं के विकास के साथ यह कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसे ठीक नहीं किया जा सके। " मैंने जारी रखा ।

अम्मीजान ने कहा, "वे पहले ही कई डॉक्टरों से परामर्श ले चुके हैं और सभी कहते हैं कि आपकी बहन या उनके पति को कोई समस्या नहीं है। ऐसा हो सकता है कि अभी समय नहीं आया है। आपके कजिन रिजवान के साथ कुछ छोटी-मोटी समस्या है, लेकिन फिर भी यह इतना बड़ी समस्या नहीं है कि वह बच्चा पैदा न कर सके। इसलिए स्वाभाविक रूप से तुम्हारी खाला सारा दोष तुम्हारी बहन पर डाल रही है और उसकी एक और शादी करना चाहती है। दरअसल उसकी एक सहेली है जिसकी बेटी के साथ वह रिजवान का निकाह करना चाहती है ।"

मैं स्तब्ध और चुप था। मैं हमारे मुस्लिम समाज की स्थिति जानता था और जानता था कि अम्मी सही थीं। हालात ऐसे बन गए थे की वह रिजवान की एक और शादी कर सकते थे और मेरी बहनो को घर में दर्जा कम हो सकता था और हमारा कानून भी कुछ नहीं कर सकता। उस स्थिति को संभालना कठिन था। मैं और अम्मीजान दोनों चुप रहे और कुछ देर तक कुछ हल निकालने की सोच में डूबे रहे, लेकिन कुछ नहीं कर सके ।

मैंने कहा अम्मी रिजवान की बहने मेरे पत्निया है, क्या उन्हें ये खौफ नहीं है कि मैं भी उनको तलाक दे सकता हूँ और यदि खाला ने ऐसा किया तो मैं उनकी बेटियों को तलाक दे दूंगा । तो अम्मी ने कहा हमारे यहाँ आज तक कोई तलाक नहीं हुआ है । तुम ऐसा ख़याल कभी मन में नहीं लाओगे । हमे इसका कोई और हल निकालना होगा । और मुझे तुम्हारी बहनो में से सब से ज्यादा फ़िक्र रुखसाना की है क्योंकि वह सबसे बड़ी और सीधी है ।

मैंने माँ से पूछा, "अम्मीजान! आप रुखसाना आपा को इतनी दरगाहों पर ले जा रही हैं और उससे भी कोई फायदा नहीं है। आप क्या सोचती हैं? मेरा सुझाव है कि हम बेहतर चिकित्सा उपचार लें। हालाँकि यह बहुत महंगा है और 100%, संभावना हमेशा नहीं होती है लेकिन फिर भी हम शांत बैठकर रुखसाना बाजी की जिंदगी बर्बाद होते नहीं देख सकते। आप अपनी सहेलियों से भी सलाह लें और शायद कोई महिला कुछ सुझाव दे पाए।"

अम्मी कुछ देर तक झिझकीं, जैसे सोच रही हों कि मुझे कुछ बताये या नहीं, फिर एक लंबे विराम के बाद उन्होंने अपना मन बनाया और कहा, "देखो सलमान! यह बहुत व्यक्तिगत है और मेरे लिए भी यह बहुत अजीब और हैरान करने है।" मेरे बेटे, ऐसी बातों पर तुमसे चर्चा नहीं करती, लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए । हमारे परिवार में और कोई और नहीं है, जिससे मैं अपनी ऐसी चिंताएँ साझा कर सकूँ, इसलिए मैं तुम्हें बताती हूँ। मैंने पहले ही अपनी सहेलियों से इस विषय पर चर्चा कर ली है और सभी के पास कोई समाधान नहीं है। अमीना फूफी जो कि दूसरी गली की एक बूढ़ी औरत हैं, उन्होंने एक बहुत ही अजीब-सा उपाय सुझाया है। उन्होंने सुझाव दिया कि चूंकि रुखसाना में कोई समस्या नहीं है और रिजवान में शुक्राणुओं की संख्या थोड़ी कम है, इसलिए तुम्हारी बहन को घर से निकालने के बजाय उसे विवाहेतर सम्बंध बनाना चाहिए और किसी और से गर्भवती होना चाहिए। यह बहुत गलत सुझाव था। हम ऐसी बातें सोच भी नहीं सकते। "

मैंने भी अम्मी को टोकते हुए कहा, "यह बहुत ही असामान्य समाधान है। हमारे परिवार की स्थिति और परिवार और रुखसाना की प्रतिष्ठा के बारे में सोचो, अगर किसी को ऐसी बातें पता चलेंगी। बूढ़ी अमीना फूफी को ऐसी बातें सुझाते हुए शर्म आनी चाहिए।" मैं गुस्से में था।

अम्मीजान ने मुझे रोकते हुए कहा, " सलमान! तुम्हें यकीन नहीं आएगा कि हताशा की हालत में मुझे भी ये उपाय सही लगा ।

हालाँकि, बेटे के साथ ऐसी बातें करना बहुत गलत है। लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। आप सही कह रहे हो यह बहुत गलत है। सोचो भी, अगर रुखसाना ने ऐसा किया और किसी को पता चल गया तो हमारे खानदान की इज्जत और रसूख का क्या होगा और रुखसाना पर क्या बीतेगी? साथ ही जिस आदमी के साथ रुखसाना ऐसे सम्बन्ध बनायेगी वह इंसान रुखसाना और हमारे खानदान को ब्लैकमेल भी कर सकता है और बच्चा पैदा करने के बाद भी वह उससे इस रिश्ते को जारी रखने के लिए कह सकता है क्योंकि रुखसाना है ही इतनी खूबसूरत और प्यारी । या वह हमें ब्लैकमेल करने के लिए पैसे आदि की भी मांग कर सकता है। इसके अलावा एक और समस्या यह भी है कि अगर रुखसाना उस रास्ते पर चली जाए और उसे जो बच्चा होगा वह उसके पिता जैसा हुआ तो क्या उसके ससुराल वालों को शक नहीं होगा? फिर रुखसाना को ऐसा आदमी कहाँ मिलेगा जो उसकी मदद करे? "

मैं भी दंग रह गया। यह पहली बार था जब अम्मीजान मुझसे इस तरह की बात कर रही थीं और ये पहली बार था जो ऐसी उदासी और परेशानी के आलम में उन्होंने मुझसे ऐसी-ऐसी बातें कीं, जिनके बारे में हम परिवार में बात करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। मैं स्थिति को समझता था इसलिए चुप रहा और कोई रास्ता सोचता रहा, लेकिन कुछ नहीं सूझ रहा था।

2-3 दिन के बाद जब मैं शाम को खेतो से वापस आया तो मैंने देखा कि अम्मीजान का मूड बहुत खराब था, ऐसा लगता था कि वह कुछ देर से रो रही थीं और उनकी आंखें लाल थीं और वह बहुत उदास थीं। मैंने सोचा, शायद यह मेरी बहन रुखसाना आपा से सम्बंधित होगा, इसलिए मैं उसके पास गया और उससे पूछा कि मामला क्या है? वह फिर रोने लगी और कुछ देर बाद रुक गई और रोते हुए उसने मुझे बताया कि रुखसाना ने उन्हें बताया था कि उसके ससुराल वालों ने उसके पति के लिए दूसरी दुल्हन की तलाश शुरू कर दी है। आज वह मौलवी से बात कर रहे थे और फिर दूसरी लड़की के पिता इस मामले और अन्य बातों पर चर्चा करने उनके घर आए थे। वे रमज़ान के लगभग एक महीने बाद शादी करने की योजना बना रहे थे। वहाँ रुखसाना आपा अपने घर में रो रही थी और अम्मी ने मुझे बताया कि उसने कहा था अगर इसके बाद रिजवान तलाक देने के बारे में सोचता है तो वह आत्महत्या कर सकती है, क्योंकि वह तलाक के बाद अपने माता-पिता के पास नहीं आना चाहती।

यह, हमारे लिए, आसमान से गिरी मुसीबत की तरह था। मैं गुस्से में कुछ नहीं बोल पाया और अम्मीजान से कहा कि हमें जल्दी कुछ करना होगा। अम्मीजान कुछ दृढ़ मूड में लग रही थी और उसने अपना चेहरा और आँखों से आँसू पोंछे और ठोस स्वर में कहा, "मुझे अपने बच्ची की जान बचाने के लिए कुछ करना होगा। मैं अपनी बेटी को शर्म से मरने या ऐसी ही ताने सुन-सुन कर मरने नहीं दे सकती। उसे इस तरह ससुराल से नहीं निकालने दूँगी। मैं उन्हें इस तरह उसकी जिंदगी बर्बाद नहीं करने दे सकती।"

मैं चुप रहा और मुझे अपनी रुखसाना आपा की ऐसे हालत पर बहुत अफ़सोस हुआ और मैं अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर गिर गया और रोने लगा। अम्मी ने बाजी (रुखसाना आपा) से मोबाइल पर काफी देर तक बात की, मैं अपने कमरे में था इसलिए उनकी बातें समझ नहीं पाया लेकिन दोनों देर तक बातें करती रहीं।

मुझे परेशान देख मेरी चारो कजिन जीनत, रुखसार, अर्शी और जूनि जो मेरी बेगमे भी थी मेरे पास बैठ गयी और मुझे शांत करा कर पूछने लगी की क्या हुआ?

कहानी जारी रहेगी
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08-26-2023, 03:08 PM, (This post was last modified: 08-26-2023, 03:09 PM by aamirhydkhan.)
#52
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ



भाग 47



आपा की समस्या का समाधान



यह खबर की खाला मेरे कजिन भाई रिजवान की एक और शादी की तयारी कर रही है, हमारे लिए, आसमान से गिरी मुसीबत की तरह था। मैं गुस्से में कुछ नहीं बोल पाया और अम्मी  से कहा कि हमें जल्दी कुछ करना होगा। अम्मी  कुछ दृढ़ मूड में लग रही थी और उसने अपना चेहरा और आँखों से आँसू पोंछे और ठोस स्वर में कहा, "मुझे अपने बच्ची की जान बचाने के लिए कुछ करना होगा। मैं अपनी बेटी को शर्म से मरने या ऐसी ही ताने सुन-सुन कर मरने नहीं दे सकती।" उसे इस तरह ससुराल से नहीं निकालने दूँगी। मैं उन्हें इस तरह उसकी जिंदगी बर्बाद नहीं करने दे सकती। "



मैं चुप रहा और मुझे अपनी बहन की ऐसे हालत पर बहुत अफ़सोस हुआ और मैं अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर गिर गया और रोने लगा। अम्मी ने सलमा बाजी (दीदी) से मोबाइल पर काफी देर तक बात की, मैं अपने कमरे में था इसलिए उनकी बातें समझ नहीं पाया लेकिन दोनों देर तक बातें करती रहीं।



मुझे परेशान देख मेरी चारो कजिन जीनत, रुखसार, अर्शी और जूनि जो मेरी बेगमे भी थी मेरे पास बैठ गयी और मुझे शांत करा कर पूछने लगी की क्या हुआ?



मैंने उन्हें बताया की अम्मी रुखसाना आपा के बेऔलाद होने के कारण परेशान है और । अब औलाद की खातिर खाला रिजवान का एक कर निकाह करना चाहती हैं इसी कारण वह रो रही थी जिससे मैं भी परेशान हूँ इस पर जीनत बेगम बोली उसकी अम्मी  (मेरी खाला)  ये बहुत गलत कर रही हैं और वह कुछ दिन अपने मायके जा कर अपनी अम्मी (मेरी खाला) और भाई (रिजवान) को समझाएगी और उसने मुझ से मायके जाने की इजाजत मांगी । तो मैंने अम्मी से बात की और उन्हें लगा ये भी आजमाना चाहिए इसलिए जीनत को खाला के घर (उसके मायके) भेजवा दिया और उसे ये भी हिदायत दी की वह ये आपने मायके नहीं बताएगी की हमे खाला के इस प्लान के बारे में मालूम हो चूका है कि रिजवान की चौथी शादी की तयारी चल रही है और वह मायके में अपना पूरा ख़याल रखेगी और उसका ख्याल रखने के लिए को अपनी बाकी तीनो बेगमो रुखसार, जूनि और अर्शी के साथ भेज दिया ।



ज़ीनत ने जा कर अपनी अम्मी को समझाया और साथ में धमकाया की अगर उन्होंने मेरी बहनो के साथ कुछ भी ऐसा वैसा किया तो उसके लिए भी ठीक नहीं होगा । इस पर खाला लगभग एक महीना और इन्तजार करने के लिए त्यार हो गयी और सगाई एक महीने के लिए मुतलवी कर दी गयी । खाला कुछ और ऐसा वैसा न करे और  रुखसाना आपा को तंग न करे इसलिए वो चारो वहीँ रुक गयी ।



जिस शाम जीनत ने हमे रिजवान के चौथे नक़ाह के लिए सगाई टालने की खबर दी उससे अगली शाम को अम्मी मेरे कमरे में आयीं। उनका जबड़ा ऐसे भींचा हुआ था मानो वह बहुत तनाव में हो और मेरे पास आ गयी हो। वह बिस्तर पर मेरे पास बैठी और उस वक़्त ऐसा लग रहा था कि वह मुझसे कुछ बहुत जरूरी बात करना चाहती थी। मैंने उससे पूछा, मामला क्या है?



कुछ देर तक वह चुप रही और फिर दृढ़ स्वर में बोली, "सलमान! मुझे तुमसे ये बात करने में बहुत शर्म आ रही है। माँ के रूप में मेरे लिए तुमसे ऐसी बातें करना बहुत मुश्किल है। मेरी समझ नहीं आ रहा कि कैसे शुरू करूँ और क्या बोलूं।"



मैंने उससे कहा। "बुरा मत मानना अम्मी जान! मैं आपका बेटा हूँ और आप मुझसे किसी भी बारे में बात कर सकती हैं। इसमें छिपाने या झिझकने जैसी कोई बात नहीं है। आप मुझे बताएँ कि मामला क्या है?"



कुछ देर तक अम्मी फिर चुप रही और फिर दृढ़ स्वर में बोली, "सलमान! ये तो अच्छा हुआ तुम्हारी बेगमे अपने मायके चली गयी है, क्या मैं तुमसे कुछ मांग सकती हूँ। देखो मना मत करना?"



मैंने उससे कहा। "अम्मी जान! मैं आपका बेटा हूँ और आप मुझसे कुछ भी कह सकती हैं। आप हुक्म करे और आप बेझिझक मुझे बताएँ कि मामला क्या है?"



अम्मी कुछ पल चुप रहीं और फिर बोलीं, "सलमान! मैं तुमसे रोशनी में बात नहीं कर सकती। प्लीज़ लाइट बंद कर दो और बिस्तर पर आ जाओ और ध्यान से सुनो। और यह तुम्हारी रुखसाना आपा के बारे में है।"



मैंने लाइट बंद कर दी और अब कमरे में बहुत कम रोशनी थी। हम एक दूसरे का चेहरा भी ठीक से नहीं देख पा रहे थे। अम्मी ने अपना गला साफ़ करते हुए कहा, "सलमान! मेरे बेटे! यह बहुत व्यक्तिगत है इसलिए कृपया यह बात हम दोनों के दिमाग से बाहर नहीं जानी चाहिए। जीनत के समझाने के बाद तुम्हारी खाला ने रिजवान के चौथे निकाह की सगाई तारीख एक महीना टाल दी है और अब हमारे पास कुछ करने के लिए सिर्फ एक महीना ही है। इसलिए मैं कल रात और आज पूरे दिन तुम्हारी रुखसाना आपा के बारे में सोच रही थी और अपनी बेटी की जान बचाने के लिए कोई रास्ता ढूँढने की कोशिश कर रही थी।" 



"उसके ससुराल वाले बिना किसी गलती के उसकी जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। हमें उसे बचाना है। मैं सभी संभावित समाधानों के बारे में सोच रहा था और आखिरकार पाया कि किसी भी तरह उसे जल्द से जल्द गर्भवती होना होगा अन्यथा वे रिजवान की दोबारा शादी कर लेंगे। मुझे लगता है अब रुखसाना के पास किसी दूसरे मर्द से शारीरिक सम्बंध बनाकर गर्भवती होने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। लेकिन दिक्कत ये है कि ऐसा कोई मर्द मेरी निगाह में नहीं है जिस पर हम भरोसा कर सकें कि प्रेग्नेंसी के बाद वह उसे ब्लैकमेल नहीं करेगा या रुखसाना को फिर परेशान नहीं करेगा या उसके साथ अपने रिश्ते के बारे में लोगों को नहीं बताएगा। मैं किसी के बारे में नहीं सोच सकी । इसलिए आख़िरकार मैंने निर्णय लिया कि इस जहाँ में केवल एक ही व्यक्ति है, जो भविष्य में बिना किसी डर या लालच के रुख़्सान आओर हम पर यह उपकार कर सकता है और वह आप हैं।"



अम्मी का आखिरी शब्द मेरे सिर पर बम गिरने जैसा था।



"क्यायायायाया?"



मेरे मुँह से अपने आप ही एक बड़ी-सी चीख निकल गई।



"क्या तुम पागल ही गयी हो अम्मी? क्या तुम्हें पता है कि तुम किस बारे में बात कर रही हो?"



मैं चीख पड़ा और अपनी अम्मी को ऐसे देख रहा था जैसे वह पागल हो गई हो। अम्मी ने मेरा कंधा थपथपाया और कहा, " बरखुद्दार! शांत हो जाओ। जरा सोचो और कोई रास्ता नहीं है। तुम भी इतने दिन से कोई रास्ता नहीं तलाश पाए । ना ही अपने किसी भरोसे के दोस्त का नाम सोच या सुझा पाए! ना ही किसी डॉक्टर के पास गए और कुछ कर पाए । अब हमारे पास सिर्फ एक ही महीना बचा है।



क्या तुम अपनी बहन से प्यार नहीं करते और उसकी इज्जत और जान बचाना नहीं चाहते हो? मैंने बहुत सोचा है। ऐसा हो सकता है। "केवल आप ही ये कर सकते हो और कोई नहीं। तुम्हारी चारो बेगमे भी अपने मायके चली गयी है, तुम बबप बनने वाले हो इसलिए ये भी पक्का है तुम में कोई कमी नहीं है और आपके साथ हमारा यह राज पूरी तरह सुरक्षित रह सकता है और इस तरह भविष्य में ब्लैक मेलिंग की कोई संभावना नहीं होगी। आगे किसी को इस बारे में कुछ पता नहीं चलेगा और आप दोनों भाई-बहन हैं, इसलिए एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं। भले ही बच्चा पिता जैसा दिखता हो या माँ, हम आसानी से कह सकते हैं कि यह माँ (रुखसाना) की तरह है। यह तभी मुमकिन है, जब आप अपनी बहन को प्यार करते हैं और इस बलिदान के लिए तैयार हैं।"



मैं स्तब्ध था और बहुत देर तक मूक चट्टान की तरह बैठा रहा। फिर जैसे मेरे दिमाग से कुछ कोहरा छँट गया और मैं उन पंक्तियों पर सोचने लगा जो मेरी माँ बोल रही थीं। जब मैंने इस पर विचार किया, तो मैंने पाया कि शायद, दी गई स्थिति में, यह सबसे अच्छा और संभव तरीका था। मुझे खुद कोई और रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं बस चुपचाप बैठा हुआ सोच रहा था और उनकी तरफ देख रहा था। मेरी आँखों के सामने रुखसाना आपा का अक्स घूम रहा था । अम्मी भी मेरे पास बैठ कर मुझे हसरत भरी नजरों से देख रही थीं।



काफी देर रुकने के बाद मैंने सिर उठाया और धीमी आवाज में पूछा, "अम्मी! क्या आपने रुखसाना आपा से इस बारे में बात की है? वह क्या कहती हैं? क्या वह इसके लिए तैयार हैं?"



मेरी बात पर अम्मी के चेहरे पर एक नम्र मुस्कान आ गई, उन्होंने कहा, "मैंने रुखसाना से इस बारे में बात नहीं की है, लेकिन अगर तुम तैयार हो तो मैं इसके लिए कुछ इंतजाम करूंगी। हमारे पास और कोई रास्ता भी नहीं बचा है । मैंने इसके बारे में सोच लिया है। मैं कल उसकी सुसराल एक संदेश भेज देती हूँ।" मैं उसकी ससुराल वालों को सन्देश भेज देती हूँ कि हमने 10 दिनों के लिए स्थानीय दरगाह पर एक विशेष प्रार्थना  की योजना बनाई है। चूंकि वे पहले से ही उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, इसलिए वे उसे आसानी से यहाँ भेज देंगे। फिर मैं उसे नींद की गोली दे दूँगी और आप अपना फर्ज पूरा कर सकते हैं। याद रखना सलमान! हमे ये बात पूरी तरह से गुप्त रखनी है। आपको हमारे अपने परिवार, अपनी बहन रुखसाना और होने वाले बच्चे के लिए भी इसे गुप्त रखना होगा। ठीक है। "



मैं चुप रहा, मुझे लग रहा था कि अम्मी रुखसाना आपा से दिन में ही बात कर चुकी हैं। वरना यह कैसे संभव है कि उसकी इजाजत के बिना हम सेक्स कर सकें? लेकिन शायद अम्मी हम दोनों के आपसी भाई / बहन के रिश्ते को बचाने के लिए मुझसे ये बात छुपा रही थीं।



काफी देर रुकने के बाद मैंने कहा, "अम्मी! समाज इसे अनाचार और पाप मानता है। मैंने अपनी जिंदगी में कभी रुखसाना बाजी के बारे में इस तरह नहीं सोचा। लेकिन अब इन हालात में मुझे लगता है, शायद आप सही कह रही हैं। इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।" मैं तैयार हूँ। आप रुखसाना आपा को बुलवाने का संदेश भेज दें और हम उसकी जिंदगी बर्बाद होने से बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।"



अम्मी के चेहरे पर फीकी मुस्कान आ गयी। उन्होंने कैसा अनोखा लेकिन अजीब तरीका सोचा था? मैं नहीं जानता कि भविष्य के गर्भ में हमारे लिए क्या छुपा हुआ था।



अम्मी चुपचाप बिस्तर से उठीं और बाहर चली गईं। मैं अपनी आपा के साथ रिश्ते में आने वाले इस बदलाव के बारे में सोचता रहा और न जाने कब नींद मुझ पर हावी हो गई।



अगले दिन, मैं उठा और अपने सामान्य सुबह के बाद; मैं नाश्ते के लिए रसोई में चला गया, क्योंकि मुझे खेत में अपनी खेती की देखभाल के लिए जाना था। अम्मी अपना चेहरा छिपा रही थीं और मुझसे नजरें मिलाने से बचने की कोशिश कर रही थीं। मुझे भी शर्म आ रही थी और मैंने चुपचाप और तेजी से नाश्ता किया और चला गया।


कहानी जारी रहेगी
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08-27-2023, 11:28 AM,
#53
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
Mere nikah meri cousins ke sath

Mera nam salman hai aur hum lucknow ke nawab khandan se talluk rakhte hain, hamare yahan shadi kewal khandan mein hi hoti hai aur hamare khandan mein sirf do ladke hai mein or meri khala ka ladka rizwan jiska nikah meri bahen ruksana se hua hai. Mere do aur bahne hai salma aur fatima aur unka nikah bhi rizwan se hi hoga.

Meri khala ke do ladkiya hai zeenat aur arsi. Mere chacha ki do larkiya hai ruksar aur zooni. Zeenat 26 salki arsi 17 ki ruksar 18 ki aur zooni 15 sal ki hai.tay hua ki mera nikah zeenat apa aur arsi se ek din aur rooksar aur zooni se doosre din ho jaye aur rizwan ka nikah salma aur fatiam se ho jaye taki khandan ghar mein hi badhe 
aur haweli mein hi sab rah jaye.

Meri pehli suhagrat meine zeenat apa ke sath chuni aur har ek mahine ke bad suhagrat manane ka faisla liya aur kyunki umar mein sab choti thi isliye gharwalon ko koi aitraz bhi nahi hua. Ab doston zeenat apa ke bare mein aur unki chudai ki kahani suno. Apa mujhse 4 sal badi thi lekin bala ki khoobsoorat thi 5’9″ lambi,gori,brown hair,bhara hua mansal badan ekdum sushmita ki duplicate lagti thi. Mere se bahut kam bat hui thi lekin mujhe maloom tha ki aaj jannat ki sair karne ka mauka khuda ne de hi diya hai aaj us lambi nazook zeenat ko sone nahi doonga.

Rat ko ruksana aur salma fatima mujhe zeenat ke kamre me le gayi aur bahar se darwaza band kar hanste hue chali gayi. Kamra gulab ke phulo se saza tha aur sez par zeenat apa baithi thi. Mein unke pas gaya aur unka hath apne hath mein lekar unse batein karne laga aur woh bhi mujhse boli salman ab mein teri dulhan hu tum mujhe apa mat kaho. Mene pucha apa meri adat hai dhire dhire jayegi aap to yeh batao ki mujhe apke sath karna kya hai. Aur onhone sharmate hue mujhe apni bahon mein liya aur kahne lagi mera bacha tujhe sab maloom hai.

Zeenat hare rang ki banarsi saree aur puri gahno se ladi hui thi, maine dhire se unki peshani chumi uff unki smell hay kya sexy thi aur mere chumte hi unka shiharna aur unki sone ke kangno ki takarahat se chan ki awaz mere land ko pholadi bana gayi. Mene dhire se unhe apni bahon mein liya aur unke peshani par chumna aur jibh se geeli chatai shuru kar di.zeenat shihar kar mujhse lipat gayi aur uski 38″ ki chuchiya mere seene se dab gayi aur uttejana mein mene unhe jakad kar bahon mein masal dala . Aaah salman mere dulhe dhire dard hota hai aur mene unke galo par apni jeebh ghumani chalu kar di aur phir unke upar ke hothon ko chumta hua unke nose par apni tongue se chat liya, zeenat uttejit ho chuki thi aur siskariya bharti hui mere se lipati ja rahi thi aur mein unke chehre ke meethe swad ko chuste hue unki gardan ko chumne chatne laga aur mere aisa karte hi woh siskari leti hui mere se lipati ja rahi yhi.

Maine zeenat apa ke blouse ke upar se hi unke boobs dabane laga aur unke mansal boobs dabane se woh siharne.sikdune aur chatpatane lagi jisse meine josh me unke blouse ko phad diya aur use alag kar unki kali bra bhi uttar di ufff hai allah ne bhi kya khoobsoorati se banaya tha. Lund tan kar pholad ho gaya tha aur unka sudol chikna gora badan meri bahon mein sirf saree aur petticot mein tha. Unki lips kiss karte hue unke munh ka swad aur unki saliva ka sweet aur salty taste mujhe madhosh kar raha tha. Unki aahe bharne ki sexy awaz aur nange jism par aabhushan land ke liye ek viagra ki goli se kam nahi the. Aab woh uttezana se siskari bharte hue boli oh salman 26 sal se tadapati zeenat par ye kya hua mujhe masal do mujh par cha jao mein madhosh hu mujhe aab or mat tadpao aao mere raja meri pyas bujha do. Unki halat dekh kar meine bhi socha der karna uchit nahin hai aur unko nanga kar diya. Kya mast maal tha, thank you allah shukriya aur sirf gahno mein ladi zeenat ki pet ki mene apne tongue se hi chudai kar dali.sapat pet,lahrati hui kamar,gahri navel aur boobs par tani hui nipples ,aankhe aadhmundi chehra aur gala mere chatne ke karan geele aur shaved halke brown colour ki chut, kele ke khambhe jaisi janghe aur gora badan,man karta tha ki chumta,chatta rahoo aur masal daloo apni bahon mein jakad kar aur jindagi bhar pada rahoo aur……uff kya kya nahi karoo apa aaj ap ki khair nahi aur apni jeebh unki chut par laga kar unki clit ko chatne laga aur apa uchal padi aur mere balon ko hath me lekar siskari bharne lagi aur badbadne lagi salman das sal se tere bade hone ka intezar kar rahi thi meri 27 sal ki kunwari chut ki pyas tune aaj aur bhadka di hai aur meri jeebh ki mast chatai me hi woh jhad gai aur kaskar mere balon ko pakad kar mere hothon ko chusne lagi.

Mein aab uthkar unki jangho ke beech aa gaya aur apne munh mein unki nipples lete hue ek ungli unki chut mein ghusane ki koshish karne laga lekin tight chut bahut sakth aur tang thi aur meri chesta par aapa chhekhne lagti thi, badi mushkil se 1/2″ ungli andar ja payi, phir maine aaapa se kaha ek bar dard hoga lekin aap agar bardasht karogi to ta umar masti uthaogi aur unko chumta hua aur boobs dabata hua apna land unki yoni dwar par tikadiya aur unko chumta aur chatta raha aur unki sugandh se mera land joki 11″ lamba aur 3″ gol tha phuphkar kar zeenat ki yoni me ghusne ki chesta karne laga aur badi mushkil se 1/2 inch ghusa ki aaapa ki cheekh nikal padi salman aaaiiiiiiiiii darrrrrrdddissss aaaaaiiiiiuuuuuiiiii ho raha hai aur unki cheekh se mein aur madhosh ho gaya aur unki hatheliyon ko apni hatheli se dabate hue unki chut par ek jor ka shot mara aur mera land 2″ andar ghus gaya. Dard se dohari appppa ammmma aammmi jan kah kar cheekhne lagi aur chatpatane lagi. Meine uski cheekho ki parwah kiye bina ek jor ka dhaka aur mara aur mera lohe ka rod phanphanata hua uski chut ko podta hua 5′ andar ghus gaya.

 Aaapa ammi ammi kah kar jor se chillane lagi aur cheekhne lagi ammi mujhe mar dala is ne mera dulha kasai hai jalim hai mar dalega mujhe aaaaiiii re salman please apni apa par raham kar yeh lohe ki rod ghusa di mein mar jaoooingi aaaai re mere zanaze ka intezam karlo aaaii reeee meine kaha acha apa mein do minute mein bahar khich loonga aur aab aur nahi phadoonga aur dhire se unhe sahlane laga aur chumtne laga aur phir maine unki najook hatheli jo ki mere dawab se nili pad gayee thi ko chumte hue phir apni hatheliyon se dabaya aur apna land 2″ bahar nikal kar ek jor ka shot mara aur aapa ki chut ko chirta hua land unki chut ki jad mein sama gaya aur phir jop woh cheekhi puri haveli jag gayee lekin mein beraham be parwah chodta raha chodta raha 10 minute ki berham chudai ke bad jab apa ki cheekhe kam hui aur siskari mein badlne lagi to mene land bahar adha liya aur andar bahar karne laga achanak aapa ne mujhe kas kar bahon me jakd liya aur jhad gayee aur mujhe chumne lagi. Maine kaha kasai kaisa hai apa, arre bada jalim hai par pyara aur mast hai, chodo sallu mujhe chodo apni khala ki ladki ko chodo aur maine uski jam kar dhunai karte hui chudai ki aur usko 3 bar aur jhadne ke bad apna ras uski chut mein udheldiya. Doston us anand ka andaj jo apni khala ki ladki ko chodenga wohi jan payenga.

Us raaat mene zeenat ko 8 bar choda aur subah woh jab langdate huye chal rahi thi to arsi ne mere pas akar kaha puri haveli ko rat bhar nahin sone diya aisa kya kar dala apa ke sath.

Maine kaha agle mahine teri bhi yahi halat karoonga sali. To kar lena na aao to sahi challenge deti hoon tum har jaonge apa to seethi thi meethi namkin aur kamsin ka maza to mein hi doongi.


Ruksana ne kaha rizwan rat bhar salma ko bedardi se chodta raha ki salman se meri apa zeena ki chudai ka badla lena hai aur zeenat aur salma ki cheekho se puri haveli goonj rahi thi.

CONTINUED
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08-27-2023, 11:30 AM,
#54
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
Mere nikah meri cousins ke sath 2


Jaise hi rat hui abba jan aur zeenat ke abba aur mere mamu ne mujhe aur rizwan ko bulaya aur kaha kal rat jo cheekhne chillane ki awaz ayi thi wah nawabi tehzib ke matabik sahi nahi hain jo bhi karo nazakat ko dekh kar karo. Sare naukar naukrani sunte hai aur batein bahar ja sakti hai.
Hum ne sar jhuka kar adab kiya aur kamre mein chale gaye, itne mein hi light chali gayee aur ghor andhera cha gaya. Mein bhul gaya ki mujhe zeenat ke room mein jana hai aur apne room me chala gaya aur rizwan salma ke pas chala gaya.

Doston zeenat ki personal maid hindu ladki hamare ghar mein hi rahti thi aur uska nam lajjo tha. Woh zeenat ke sath hi soti thi aur chuki mein zeenat ke kamre mein sonewala tha isliye wah mere room me so rahi thi.

Mein jab bistar par pahucha to light aa chuki thi aur mere bistar par lajjo bekhabar soyi padi thi, uska badan gathila, sudol stan, patli kamar aur thigna kad tha aur madakta se labrej 21 sal ki 5’kad ki is tarah soyee thi ki uski saree jangho tak aur pet saf dikh raha tha. Ekdum spongy kamar mansal yowan dekh kar meine use chodne ka man bana liya aur kamre ko band kar usko chumne chatne laga. Janbujhkar bhi woh anjan soti rahi aur meine use pura nanga kar diya. Uski chut kali par gaddedar thi aur woh shadi shuda thi lekin uska pati kheti karne ke liye gaon gaya hua tha.

Jaldi se mujhe chodkar zeenat ke pas jaiye nahin to sabko maloom pad jayega aisa kahte hue wah uthi aur mujhe apne lips aur jeebh se chatne lagi . Uske aisa karne se me josh me bhar kar apne land ko uski chut mein ghuser diya, aur jaise makhan ki tikia mein chaku jata hai usi sarlata se woh andar chala gaya. Shab berhami se chodiye aur maza lutiye. Aur mene uski berhami se uchal uchal kar chudai ki aur usne bhi chutar utha utha kar chudai ka maza liya aur achanak hum dono ek dusre ki banho jakd kar jannat ke anand ka maza liye aur meine dher sara virya uski yoni mein choda.

Uthkar taiyar ho kar mein apa ke pas pahuncha to dekha ki woh so rahi thi. Gori sushmita ki tarah aaj woh churidar aur kurta mein thi aur use thaki huyi sote dekh mujhe us par pyar aya aur dhire se maine uski gori peshaani chum li. Mere sparsh se woh jag gayee aur bade pyar se boli tum kab aaye salman meri aankh lag gayi thi. Maine pucha apa apki tabyit kaisi hai aaj ap theek se chal nahin pa rahi thi. Sarmate hue unhne kaha apni dulhan aur apa ko badi berhami se kiya ,aisa bhi karte hai koi, aaj mein tumse kuch bhi nahin karwaoongi. Kyonki meine lajo ki jam kar chudai ki thi isliye thaka hua tha maine kaha ao apa apni banho mein sula do subah char baze ka alarm lagadete hai agar tumara man kare to phir mere ko karne dena aur ham so gaye.

Achanak meri neend khuli kareeb rat ke teen baje the ,apa mere seene se lipati hui so rahi thi aur badi pyari lag rahi thi ,unko dekhte hi mera sanyam tut gaya aur is dar se ki kahi mana nahin kar de maine unhe daboch kar lips kiss karne laga, jiska ki unhone badi kamuk aur madak andaj mein jawab diya aur neend se bhari boli salman meri adat mat bigaro , teri char biwi hai aur mein sabse badi mera to number hi nahin lagega, maine kahan apa iski fikar na kare, aap sabse sundar,gori aur mere se 5 sal badi hone ke bawjood mast maal ho. Aapko dekhkar to koi bhi pagal ho jaye jaise ki mein hoon aur phir maine kaha apa hamare khandan mein gand marne ki riwaz hai or ap cheekhti bahut hai isliye agr ap izazat de to apki kalai mein rassi bandhkar kaoko ulta kar apke dono hath bed post se bandh deta hoon aur apke munh ko kapde se bandh kar apki gand mar leta hun.

Mere raja salman pahle meri chut chodo phir jaisa chahe waisa kar lena lekin dheere se taki dard na ho . Phir meine zeenat apa ki jam kar chudai ki aur unko jannat ki sair karai aur phir unke hath bandh kar munh par salwar bandh di aur khub der tak unki peeth par chumban karte hue body lotion unki pyari bin balon wali gori gand par lagaya aur uske pahle maine unki mansal gori chutro ki jam kar jeebh se chatai ki aur dant se halke halke kata bhi aur apa mast ho uthi aur maine tantanaya hua lora unki gand mein de dala aur phach ki awaz ke sath khoon ke phuwware chute aur ek hi dhakke me land sama gaya . Kyonki unka munh bandha tha bechari kewali paon patak sakti thi jinhe maine apne hantho se jakad rakha tha aur phir 30 minute us nazuk gand ki chudai kar mein dhanya ho gaya. Kya gaddedar chutar the, mulayam gori chamdi aur sakth tight mans aur bas mat pucho yar maza aa gaya . Bachpan mein apa bahut marti thi maine jawani mein dulha bankar aaj sara badla le liya aur phir unko pyar se sahlate hue unka hath aur munh khol diya. Rote aur siskate hue bahut pyari lag rahi thi lekin mujhse gussa thi aur boli jao hum tumse ab kabhi nahin chudwate koi aise bhi apni khala ki ladki ko chodta hai.

Subah zeenat ko doctor ko dikhaya gaya aur lady doctor ne salma aur zeenat ke liye 3 din chudai band ka huam de diya.

Salma ki gand phatne ki dastan agle kisse mein.
Reply
08-27-2023, 11:32 AM,
#55
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
PART 3 AND 4 NOT AVAILABLE ... IF ANY ONE HAVE IT PLEASE POST 

Mere nikah meri cousins ke sath 5


Ab tak maine apko zeent apa ki chudai ki dastan sunai ab aap ko zooni meri sbse choti cousin ki kahani sunata hu. Zooni ke sath mera nikah to ho gaya tha lekin umar me sabse choti hone ke karan uski suhagrat mere sath 2 sal bad honi thi aur uski badi bahan ruksar aur arsi ki suhagrat pahle honi thi.

Rampur ke pas hamari 1000 acre ki kheti hai aur ek haveli bhi hai aur is bar kheti ke kam ke silsilay mein mera wahan 15 din rahne ka programme tha aur zeenat ke sath mera programme ban gaya, lekin zeenat ne kaha ki akele uska man nahi lagega is liye zooni bhi jayegi aur is tarah hum haveli ke liye nikal pade.

Kyonki dono meri biwiya thi isliye maine suite room jisme ki do palang the waha sone ka programme banaya, iska ek aur karan tha ki zooni ko alag se sone me dar lag raha tha aur abhi woh 14 sal ki umar ko cross hi ki thi. Pahli rat uske sone ke bad maine zeenat ki 3 bar chudai ki aur pure room mein hamari chudai ka nanga nach zooni lete huye dekh rahi thi, aur usne kaha bhai jan apa ki peshab waali jagah kya ghusa diya hai aur aapa aur jorse aur jaorse kyo bol rahi hai. Mein bola chu chap so jao subah apa se puch lena. Maine zeenat se pucha isko periods chalu ho gaye kya , to unhone bataya ha 6 months pahle start ho gaye hai par salman abhi bachi hai isko abhi mat chuna, mar jayegi bechari.
Is tarah 10 din nikal gaye aur zeenat ko periods ho gaye aur us rat mein chod nahi paya aur zeenat ke boobs ke andar hi apna land dalkar apne aap ko release kiya. Aur zeenat so gayi,itne mein zooni boli bhai aaj zeenat apa ke andar nahi ghusaya, roz kitna maza ata tha unko, aaj kaisa kharab lag raha hoga. Maine bola ki kharab to mujhe bhi lag raha hai lekin mera land bhi to kahi nahi ghusa pa raha hu zeenat ko periods hai, to wo boli mere andar ghusa lo mein bhi to tumari dulhan hu . Maine pucha chudai kisko kahte hai maloom hai, woh boli nahi lekin itna maloom hai ki dulhe ke alawa koi doosra mard mujhe nahi chuna chaiye, aur jab aap apa ko ghusate ho o mujhe acha lagta hai.

Ab zooni ke appearance ke bare mein rang gora, kad 5’5″,features lamba chehra tabbu jaisa awaz waisi hi tabu jaisi bholi bhali aur weight 39 kg, boobs 34″, kamar 20″ aur chutar 34″ ki , maine abhitak usko chodne ki nazar se nahi dekha tha aur mujhe woh bahut choti lagti thi, lekin us rat uski baaton se mast ho utha aur maine faisla kar liya ki kal iski suhagrat hogi aur jab subah maine zeenat ko bataya to woh gussa ho gayi aur boli iski izazat bado se leni padegi , tab maine kaha meri dulhan hai jab chahe mein ise chod sakta hu aur jab aap ne apni umar se 6 sal chote mujhse chudwaliya to kya mein 7/8 sal choti is nazneen ko nahi chod sakta aur phir unko mana liya lekin unhone kaha agar woh nahi le payegi to mein jabardasti use nahi chodunga aur woh rat mein kamre me rahkar is ka dhyan rakhegi.
Rat zooni blue colour ki nighty mein bina bra aur panty ke mere bistar par thi, aur mein bahut awesh mein tha itni choti umar ki dulhan naseeb walo ko hi milti hai aur usko banho mein bhar maine khub chuma aur apni banho mein hole hole dabane laga, zooni bhi uttejit thi aur mere chumne ka jawab apne chumbno se dene lagi. Maine uski nighty ke ndar hath dal kar uske dono boobs sahlane aur hlke halke dabane laga. Kya sakht the uske boobs aur badi sexy thi uski badan ki khushboo, aur utni hi madak uski siskariya, aur jab maine apni tongue uski nipples par lagai to woh siskari lekar uchal padi aur mujhse lata ki tarah lipat gayi aur boli bhai mujhe kya ho raha hai bahut hi maza aa raha hai, thode aur zorse maslo na maza ata hai aur maine bhi jaha tak woh bardast kar sake waha tak uski chatiyo ko maslta raha chumta raha chatta raha uff bina chudai kewal uski khooshboo se mujhe jannat ki sair ka maza aa raha tha,zooni mere abba ke bhai dwara apni mama ki beti meri chachi ki mast chudai ki santan thi aur apne abba ke bhai ke ladke se chudne ki taiyari me mast ho rahi thi.

Nazook itni thi ki mere kiss karne se jaha maine jyada honth ke dawab dala tha skin waha gulabi ho gayi thi, aur nazakat se bhari is gulabi gori ke khule huye ghutno tak lahrate balon se khelta hua maine usko nanga kar diya aur usko lambhe ghane balo ko pure jism par phela diya , gazab ka sexy mauhal tha aur mein bade pyar se uske jism ko apni banho me bhar kar apni marzi aaye wahi chumta tha, halke halke dant ka dawab dalta tha aur phir maine uski gardan par jar se uski skin ki chusai ki aur woh to vasna ki aag mein dadhak uthi, bhai maza aa raha hai lekin kuch aur karo nahi to is maze se meri peshab nikal rahi hai, aur mein samajh gaya ki juice nikal raha hai gulobo rani ka, aaj jab chudegi tabhi thandi hogi iski aag.

Mere chumban se uski gardan par halka neela nishan pad gya tha lekin woh is foreplay se mast ho rahi thi aur mujhe uske chunchiyo se neeche jane ke pahle hi itnamaza aa raha tha ki maine nischay kiya ki abhi isko khub pyar karna hai. Maine halke se usse kamar se pakda aur uski navel par ek chumban diya, aur jyu hi maine apni jeebh uske pet par phirai ki woh maze ke karan mast ho gayi aur aaah ufff aah aaaaaha wah aur karo please jor se chumo please karte raho kahne lagi. Itna maza mujhe chodne main bhi nahi ata utna maza mujhe us nazneen ke badan se khel kar aa raha tha aur maine use ulta kar uski peeth par apne thoon se poore bdan ki malish kar dali, jnha mein chumta tha uske badan ke mulayam rongte khade ho jate the aur phir maine uske chutro ko chuma dabaya aur apni ek anguli se uski gnd ke phank ko sahlaya lekin anguli andar nahi ki, kyonki gand nahi marne ka hamne kaul de rakha da zeenat ko.
Is tarah 2 ghante gujar gaye , maine uski lambi gulabi gori jangho se chumte huye pyr karte hue uski panwo ki bhi pure bdan si malish kari, uff kya madak khooshboo thi, zeenat ab tadphane lagi aur boli ab apna land ghusa do nahi to mar jaoongi, maine bhi apni anguli uski chut ke upar rakhi aur uski pure jhant ke baal gile the aur phir apni jeebh uski chut par rakh uski chut chatne laga, chhi peshab ki jagah chat rahe ho, lekin maza aa raha hai dulhe bhai,chus dalo isko aiiii piiiiiiiiiishaaaaaaab nnnnnikkal jaayeega aiiisssssss oh ah aur woh orgasm mahsoos ki aur uski aankhe band ho gayi aur woh boli ab mein thak gayi hu, maine kaha abhi to asli maza baki hai abhi land kaha dala hai,bechari zeenat ko chudte dekh samajhti thi ki land badi asani se ghusta hai , us ko kya maloom ki kaisa dard hota hai lekin mein bhi is bar taiyari karke aya tha aur usko taiyar bhi bahut achhe se kiya tha. Maine k y jelly apne khade land par lagai aur dhire se hole hole apna land uski chut mein 1″ ghusaya aur phir bola dekho zooni ek bar abhi tumhe dard hoga lekin phir ta umar zeenat ke jaise aish karogi. Kafi gili hone ke karan abhi tak use dard ka ahsas nahi hua tha is liye boli mujhe to maza aa raha hai , maine kaha phir bhi brdasht karna aur uski nazook hatheliyon ko dabakar uske lips ko apne lips se chusta hua maine ek karara shot de mara aur sarsarata hua land uski nazook jhilli ko chirta hua 6″ andar ghus gaya aur woh chatpatane lagi lekin mere lips ke karan goo gooo ki awaz hi nikal pa rahi thi, ki maine ek aur shot jor se mara aur uski mulayam,tight chut me pure land ko ghusa diya aur uski nipples ko munh mein bhar kar chusne laga, aur woh aaaaiiii aaaaaaaaaa aaaa daarrrd hhhhoooooooootaaaa haiiiii aaapa maaaaaaaaaaaar gayi 

mmmmmmmmmmmmaaireee rrrr eee uuuuffffff aaaaaaaaaaaaha karne lagi lekin 5 minute ke bad jab maine uski halki chudai shuru ki to woh turant jhad gayi aur uske sath hi us gulabi chut mein uske boobs ko apne seene se dabaye mein bhi jhad gaya aur jannat ki sair mein chala gaya, aur phir usko toilet mein le jakar uski chut saf kari, aur chadar jis parki khoon ke nishan pad gaye the use badal kar phir 30 minute bad us kamsin hasina ko choda aur uski chut mein land dal kar sota raha kareeb subah 8 baze tak.

Doosre din zeenat boli aap to expert ho gaye hamare sath to wahashipana dikhaya tha ab meri bhi aisi hi chudai karna.
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08-27-2023, 11:34 AM,
#56
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
Mere nikah meri cousins ke sath 6


Doosre din khet se lota to dekha ki zooni mere intezar mein haveli ke gate par khari thi, mujhe dekhte hi sarmakar andar gayi aur khana khilane ke bad mere bistar mein hi mere sath let gayi aur boli thak gaye ho meri banho me hi so jao, 15 sal ki kamsin ladki ek rat ki chudai mein hi chudsi ho gayi thi aur zeenat bahut dukhi thi ki aisi kamsin alhad jism ki mallika ko chod salman uske paas to badi mushkil se ayega.

Mein jaise hi uske sath leta to zeenat bhi mere bistar par mujhse chipak kar so gayi, kash arsi aur ruksar bhi hoti to unko neeche aur upar leta kar box bana deta, khair chunki main thaka hua tha maine 2 ghante jm kar soya aur jagne ke bad zeenat ne kaha ki koi harz nahi hai salman tum to mereko periods mein hi chod do, aur boli tum to sirf pade raho tumhara land khada kar ke mein hi upar se chodungi aur tumhare ko jannat ki hur kaise chodti hai woh dikhaoongi, mein bhi bada lucky tha sari cousins kisi heroine se kam nahi thi, zeenat sushmita ki tarah, zooni tabbu ki tarah,ruksar raveena tandon jaisi aur arsi amish patel jaisi, zooni aur rukshar patli kamar wali, to arsi ki patle bdan par haddiya bahut sexy thi.

Khair zeenat ne mere ko khub pyar kiya aur mere nipples par apne thook se gila kar khub chata aur mere land ko chumte hue munh mein lekar chusne lagi, mein bhi zeenat ke breast dabane laga aur phir hawas ki aag aisi badhki ki zeenat ke hontho ko chusta hua mera lund 910 dergree par aa gaya aur zeenat ne apni chut ka munh supare par rakh ek dhakke mein hi pura land gap se andar le li, zooni jag chuki thi woh mast ho gayi aur usne apni chut mere munh par rakh kar mere ko choomne lagi aur meri jeebh uski gulabi choot ki clit par aur zeenat ki clit mere land se takrane lagi aur neeche se sushmita si zeenat ki gaddedar chut ka maza aur munh par alhad zooni ki tabu jaisi chut , ya khuda jannat ke liye shukriya,aisi hoor ke liye shukriya aur zooni aai ahhaaa pishab nikal jayega kah kar jhad gayi aur uski meethi chut ke juice ko me pee gaya itne mein hi zeenat bhi jhad chuki thi aur past ho gayi thi. Maine apna khada lund nikal kar zooni ko neeche patak kar ek hi dhakke mein ghusa diya, 15 sal ki kamsin chut is dhakke ko nahi jhel payee aur aaaaaaaaaaaaiii ooooooo ya aaaaaaaaaallah apaaaaaaaa salman bhaiii dhireeee aur lund chut ki dhajjiya udata hua madhosh chut ki jam kar chudai karne laga aur mene us din bedardi se uski 4 bar chudai ki aur lund dale hi us gulabi badan par nidhal ho kar so gaya.

Zooni aisi mst chudai se bahut khush thi aur ab maine amisha ptel jaisi arsi aur raveena tandon jaisi rukshar ki chudai ka bhi programme banakar unko apni mummy ko phone kar ke wahi par bulwa liya ki mausam acha hai unko yahan acha lagega.

Jabtak woh ati zeenat aur zooni mujhse roz 2 round lagwati thi aur dry fuits ka halwa aur khub khila pila kar mere zindagi mein bhar la di thi.

Chacha aur khala ki ladkiyo ko mein chod chuka tha ,mere mama ki koi ladki nahi thi aur mausi meri chachi hi thi kyonki mere abbu aur chacha ki nikah apni sage mama ki ladkiyo se hi hua tha.
Zooni ki chut sooz gyi thi aur zeenat uski sikai karti thi lekin rat hote hi usko phir lund khane ki adat thi isliye zeenat apa ne kaha ki iski gand maro aur mein tumhe iski izazat deti hu, aur phir maine zooni ki gulabi nazuk gand badi berhami se mari aur uski cheekho se ghabra kar beech mein hi uski gand chod zeenat ki gand mar di jisse dono ki halat kharab ho gayi aur 7 din chudne layak nahi rahi.

2 din bad arsi aur ruksar ayi aur maine un dono ki chudai karne ka faisla le liya.

Reply
08-27-2023, 11:36 AM,
#57
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
Mere nikah meri cousins ke sath 7



Jab ruksar aur arsi ayi to jab unhe maloom hua ki zooni ki suhagrat ho chuki hai to khub dukhi hokar rone lagi aur arsi ne kaha ki dulhe bhai ne acha nahi kiya kamsin ladki ko thok diya, bechari chal bhi nahi pa rahi hogi, aur phir meri ammi ne arsi ko mere kamre me jane ko kaha aur nischit hua ki har hafte ke hissab se woh mere se chudwayegi taki koi jhgda nahi ho.

Arsi amisha patel ki tarah kamsin aur nazuk thi, lekin woh frank bhi yhi aur din mein hi puch liya dulhe bhai aaj rat kaisi dish chahiye, dulhan ki tarah, ya light blue nighty me khule balon wali gori mem. Maine kaha gori mem aur woh muskarate hue chali gayi,aur mein bhi din bhar apni zameen ko dekhne chala gaya aur phir dosto chudai aur hawas ka aisa nanga nach hua ki arsi ne mera dam hi nikla diya,

Kamre me jate hi woh ayi aur ankho me ankhe dal kar boli mr salman your wife arsi welcomes you to a tour of forbidden pleasure free of cost, where satisfaction is guarnteed and fee is rupturing the entrance to the sensational cave and gave me the most intimate french kiss and the taste of her saliva like a aphoadic excited me and maine usko apni baho me lekar pyar se sahlate hue uske pet ko chumne laga. Woh joro se siskari lete hue garam sanse mere chehre par nikal rahi thi aur apni jeebh se mere pure badan ko chumti aur chatti ja rahi thi, maine uski niples apne munh me lekar chusne laga aur apne dusre hath se uske nazuk badan ko masalta raha aur is tarah pura kamra hamari madak siskariyo aur sanso se bhar gaya.

Maine is tarah uske jism se kareeb ek ghante khela aur phir arsi ne pucha me kiski tarah lagti hu, to maine jawab diya ameesha patel jaisi ,to wo boli tum mujhe ameesha kaha karo, aaj se mera yahi nam hai, to maine kaha nahi mujhe to madhubala acha lagta hai me tumhe madhu kah kar bulaunga.

Is tarah rat ke kareeb 1.30 ho gaye, tabhi zooni ki awaz ayi arre iski chudai to karo , aur maine dekha woh apni teeno bahno ke sath roshandan se drkh rahi thi , maine use danta to madhu boli dekhne do inse kya sharam, ruksar dekh isi lund se teri bhi chut phtegi,aur phir uttejna me bhar boli phad do meri chut ek hi jahatke me is gufa ki jhilli apne hathiyar se cheer kar rakh do aur apni cousin ki chut ki dhajjiya uda do, chod do patak kar mujhe aur kasam hai yumhe koi bhi daya mat karna aur phir maine uski mulayam jhanto par apna land tikaya aur phanphanate hue lund se uski chut ragdne laga aur madhu uchal uchal kar maze le rahi thi aur siskari leti hui sexi awaj mein boli please mra pishab nikalne wala hai kya kar rahe ho, main samajh gaya ki uska land khaye bina hi climax ho gaya hai aur phir maine apne lund ki ragdai tez ki aur jaise hi woh jhadi aur anand me ankhe band ki maine apna auzar ek hi jhatke me uski chut me de mara, ek halki si rukawat aur phir phachak ki awaz se lund pura jad tak sama gaya aur arsi ki cheekh nikal gayi aiiii aaaaaaaaaaaaaha aaaaaaaaaiiiiiiii isssssh magar gajab ki himmat thi apne hantho me mera chehra lekar chumte huye boli bahut dard hua lekin mujhe garv hai ki isko tumne ek dhkke mein hi phad diya ab 2 minute shant raho aur mere badan ko chumo aur jab mein apne chutar uchaloo to rajdhani ki speed se chodna aur me pahle hi jhad chuki hu meri fikar na karte huye masti se apna pura ras meri yoni me dal dena, mujhe aaj 14 wa din hai aur mein tumhare bache ki ma aaj hi ki chudai me banna chahti hu.

Dosto kya batau mena aise dakhe mare ki uski nani yad aa gayi , aur 30 minute tak lagatar chodne ke bad mein anand ras se bhig gaya aur lund uski chut mein dale hue hi so gaya, subah 8 baje jab meri neend khuli to apna lund uski jhanto par paya aur pura bistar uske khoon se lal tha, maine arsi ko uthaya aur kaha kash tu akeli meri biwi hoti kewal 1 chudai me tript kar diya, zeenat aur zooni to chilla chilla kar dimag kharab kar di thi,usne kaha koi bat nahi tumse mahine mein 1 hafte chudna hi theek hai nahi to chut bhosri ban jayegi aur tum mujhe nahi chodoge.

Is tarah 7 dino tak maine arsi ki jam kar chudai ki aur use tript kar diya.
Reply
09-03-2023, 08:55 AM,
#58
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 48

सगी बहन मायके वापिस आयी

अगले दिन, मैं उठा और अपने सामान्य सुबह के बाद; मैं नाश्ते के लिए रसोई में चला गया, क्योंकि मुझे खेत में अपनी खेती की देखभाल के लिए जाना था। अम्मी अपना चेहरा छिपा रही थीं और मुझसे नजरें मिलाने से बचने की कोशिश कर रही थीं। मुझे भी शर्म आ रही थी और मैंने चुपचाप और तेजी से नाश्ता किया और चला गया।

अब्बू कुछ दिनों के लिए शहर गए हुए थे और घर में केवल मैं और अम्मी जान थे । उस शाम को जब मैं अपने खेत से वापस आया तो मैंने देखा कि रुखसाना बाजी (बड़ी बहन) ससुराल से अपने मायके आ गयी थी और ड्राइंग रूम में बैठी हुई थीं।

मैंने उसे सलाम-अलेकुम (शुभ दिन की शुभकामनाएं) कहा, उसने शर्माते हुए मुझे जवाब दिया। मुझे उनके शर्माने से एहसास हुआ कि उसे अम्मी की योजना पता थी इसलिए वह मुझसे शर्मा रही है। हालाँकि वह मुझसे खुली हुई थी और हम आपस में सबकुछ बांटते थे पर आज सब कुछ बदल गया था । वह मुझसे नज़रें मिलाने से बचने की कोशिश कर रही थी और मुझसे कम बात भी कर रही थी। मुझे शर्म भी महसूस हो रही थी क्योंकि कम से कम मुझे पता था कि वह वहाँ किसलिए आयी थी और मुझे क्या करना था।

 मैंने जीवन में पहली बार अपनी बहन को एक लड़की के रूप में करीब से देखा। उसका रंग गोरा था और वह बहुत खूबसूरत थी। उसकी उम्र 23 साल की थी रंग गोरा बाल सुनहरी और फिगर मस्त 36 24 36 है वह इतनी गोरी है के बिलकुल अँगरेज़ मेम जैसी लगती है... गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श। मुमताज़ का चेहरा। उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! और आवाज़ बहुत मीठी है। शादी के बाद वह काफी सेक्सी हो गई थी। उसके बड़े स्तन और उसने हल्के नीले रंग का सूट पहना हुआ था, जो टाइट फिट था और उसके शरीर का आकार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। उसने नीचे गले की शर्ट पहन रखी थी और उसके आधे दूधिया स्तन साफ़ खुले हुए थे। 

जिंदगी में पहली बार उसे इस नजर देखकर मेरे लंड में दर्द महसूस हुआ। वह हर लिहाज से एक गर्म लड़की है । फिर मुझे याद आया की जब रिजवान में मुझे रुखसाना आपा के साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई थी (जिसे आप इसी कहानी के भाग 3 और 4) में पढ़ सकते है और जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उस कहानी को सुनते समय मेरा लंड पूरा तन गया थाl और पायजामें में टेंट बन गया था और रुखसाना आपा की सुंदरता और सीधे सरल स्वाभाव का मैं बचपन से ही कायल था ।

माँ ने मुझे एक कप चाय दी और कुछ देर बाद रात का खाना तैयार हो गया जिसे हमने चुपचाप खाया। घर में उत्साहपूर्ण माहौल था। अजब तनाव था। रात के खाने के बाद अम्मी ने बर्तन साफ़ किये और रुखसाना बाजी अपने कमरे में चली गयी। करीब आधे घंटे बाद माँ ने मुझे आवाज दी। वह ड्राइंग रूम में बैठी थी। मैं वहाँ जाकर चुपचाप उसके पास खड़ा हो गया।

उसने मुझसे कहा, "देखो सलमान! तुम्हारी बहन यहाँ है। अब सब कुछ तुम पर निर्भर करता है, उसका जीवन और भविष्य तुम्हारे हाथ में है। जो मैंने तुमसे करने के लिए कहा है यह बहुत असामान्य है और मैं खुद भी तुम्हे ऐसा करने के लिए बोल कर शर्म से मरने जैसा महसूस कर रही हूँ," लेकिन कोई और रास्ता नहीं है । आप जाए अपनी बड़ी बहन के पास। इसलिए आप कृपया उसके कमरे में जाएँ। वह सो रही होगी, उसे मत जगाएँ और उसके साथ नम्र रहना। समाप्त होने के बाद, कृपया उसके कपड़ों को पहले की तरह व्यवस्थित करें, ताकि सुबह जब वह उठे तो उसे कुछ भी असामान्य न लगे। अब कृपया जाओ। "

मुझे बहुत गर्मी लग रही थी और गर्म महसूस कर रहा था क्योंकि मेरी अपनी माँ मुझे अपनी ही बड़ी बहन को चोदने के लिए बोल रही थी और मैं अपनी सबसे प्यार बहन जिसे मैं बहुत मानता था और बहन के तौर पर प्यार करता थे उसे अपनी अम्मी की इजाजत से एक लड़की की तरह प्यार करने जा रहा था । मेरे लिए ये आसान नहीं था। अम्मी बोली बीटा तुम इस समय यही सोचो को वह एक लड़की है जिसे अपना फर्ज समझ कर तुमने बच्चा देना है और मैंने महसूस किया मेरा लंड झटके खा रहा था और मैं पहले से ही सख्त हो रहा था। मुझे डर था कि चूँकि मैंने सिर्फ लुंगी पहनी हुई थी तो अम्मी को कहीं मेरा सख्त होता लंड नज़र नहीं आ जायेगा।

मैंने झिझकते हुए पूछा, "अम्मीजान! रुखसाना अभी थोड़ी देर पहले ही अपने कमरे में गई है। वह इतनी जल्दी कैसे सो सकती है? क्या उसे योजना भी पता है? अगर वह जाग गई तो क्या होगा? फिर क्या होगा?"

फिर मैंने थोड़ा घबरा कर पूछा अम्मी उसकी माहवारी कब हुई थी ।?

अम्मी चिड़चिड़े स्वर में बोलीं, "सलमान! यह अजीब है । मैं तुम्हे कह रही हूँ यही बिलकुल ठीक है । हिचकिचाओ मत! उसकी माहवारी हुए लगभग दस दिन हो गए हैं ये बिलकुल सही समय है । ये समय फिर हमे दुबारा नहीं मिलेगा । अब तुम समय ख़राब मत करो। जब मैंने तुमसे कहा है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, तो तुम ऐसे मूर्खतापूर्ण प्रश्न क्यों पूछते हो? मैं फिर तुमसे कहती हूँ, वह नहीं उठेगी और वह अभी सो रही है। तुम जाओ और अपना कर्तव्य निभाओ। अब बस उसके पास जाओ, मुझे तुमसे यह सब बात करते हुए शर्म आती है। ।"

मैंने झिझकते हुए ओ.के. कहा और रुखसाना के बेडरूम में चला गया। एक कोने में एक छोटा-सा नाइट बल्ब जल रहा था और रोशनी इतनी धीमी थी कि मैं केवल बिस्तर पर उसके शरीर की छाया ही देख सकता था। वह बिस्तर के बीच में लेटी हुई थी और एक मैक्सी पहने हुए थी। मुझे नहीं पता था कि उसने नीचे कुछ पहना है या नहीं।

मैं धड़कते दिल से उसके करीब गया। उसकी खुद की सांसें तेज चल रही थीं। उसकी आँखें बंद थीं और उसके स्तन तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे थे। साफ़ है कि वह जाग रही थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी। अम्मी ये जर्रोर उसके साथ हमारी इस योजना पर चर्चा की होगी और उनकी सहमति ली होगी, अन्यथा यह सब करना संभव ही नहीं था। भविष्य में हमारे आपसी भाई-बहन के रिश्ते को बचाने के लिए अम्मी और आपा नादानी का ढोंग कर रही थीं और शायद वह सही भी था।

हालाँकि कमरे में रोशनी बहुत धीमी थी, लेकिन रुखसाना को बिस्तर पर चुदाई के लिए लेटे हुए देखकर ही मेरा पहले से कड़ा हो रहा लंड तुरंत सख्त हो गया। मैं वर्जिन नहीं था और मैंने पहले भी अपनी चारो पत्नियों को कई बार चोदा था, लेकिन अपनी बहन के साथ यह पहली बार था।

मैं उसके बिस्तर के पास खड़ा हो गया और उसके चेहरे को देखने लगा। उसकी आँखें बंद थीं और उसका सिर एक तरफ झुका हुआ था, शायद मेरी ओर देखने से बचने के लिए। कांपते दिल से मैं उसके पास बिस्तर पर बैठ गया और धीरे से फुसफुसा कर उसका नाम पुकारा। उसने कोई जवाब नहीं दिया और चुप रही। उसकी सांसें कुछ तेज चलने लगीं। मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया। मुझे उसके शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ती हुई महसूस हुई. वह कांप रही थी।

मैं उसके उठे स्तनों को देख कर उत्तेजित हो रहा था, हालाँकि वे अभी भी उसकी मैक्सी में ढके हुए थे। मैंने धीरे से अपना दाहिना हाथ उसके बाएँ स्तन पर रख दिया। यह बड़ा और मुलायम महसूस हुआ। रुखसाना ने कुछ नहीं किया और लेटी रही। मैंने उसके स्तन को पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू कर दिया। ऐसा लगा जैसे कोई मुलायम गेंद हो। यह इतना अच्छा था। मैंने पहले अपनी चारो बेगमो और लड़कियों को चोदा था उनमें से किसी के भी इतने बड़े खरबूजे नहीं थे। रुखसाना के स्तन वाकई बहुत शानदार थे।

मेरा लंड हर गुज़रते पल के साथ सख्त होता जा रहा था। मैंने अपना कुरता उतार दिया और अपनी लुंगी भी खोल दी। वह मेरे पैरों पर गिर गया और अब मैं अपनी बहन के पास एकदम नंगा खड़ा था। अपनी सगी बहन जो मेरी सभी कजिन और बहनो में सबसे बड़ी थी, काफी सुंदर थी, उसे चोदने के ख्याल से ही मेरा लंड खड़ा होने लगा था।

कहानी जारी रहेगी
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09-03-2023, 08:56 AM,
#59
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 49

गर्भवती करने के लिए सम्भोग की शुरुआत 


मेरा लंड हर गुज़रते पल के साथ सख्त होता जा रहा था। मैंने अपना कुरता उतार दिया और अपनी लुंगी भी खोल दी। वह मेरे पैरों पर गिर गया और अब मैं अपनी बहन के पास एकदम नंगा खड़ा था। अपनी सगी बहन जो मेरी सभी कजिन और बहनो में सबसे बड़ी थी, काफी सुंदर थी, उसे चोदने के ख्याल से ही मेरा लंड खड़ा होने लगा था।

कमरे में रोशनी भी ज्यादा नहीं थी, फिर भी जल्द ही मेरी आँखे उस अँधेरे में देखने के लिए अभ्यस्त हो गयी थी और मुझे सब लगभग साफ नजर आ रहा था।

अब मैंने अपनी रुखसाना आपा को एक लड़की के रूप में बिलकुल करीब से देखा। उसका रंग एकदम दूधिया गोरा था जो शर्म से थोड़ा गुलाबी हो गया था बाल सुनहरी और फिगर मस्त 36 24 36 है, बिलकुल अँगरेज़ मेम जैसी खूबसूरत। गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श। मुमताज़ का चेहरा। उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी लाल रसभरे होंठ, नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! शादी के बाद उसका जिस्म थोड़ा भर गया था, जिससे वह काफी सेक्सी हो गई थी। उसकी हलकी गुलाबी रंग की मैक्सी से उसके शरीर का आकार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। गहरे गले की मैक्सी से उसके आधे दूधिया स्तन साफ़ दिख रहे थे। 

उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थे जिससे उसके बड़े निप्पल स्पष्ट हो रहे थे और उत्तेजना से थोड़ा सूज गए थे। जिससे आभास हो रहा था कि वह भी आगे जो होने वाला है उसे सोच कर उत्तेजित है। जिंदगी में पहली बार उसे ऐसे उत्तेजित और मेरे इन्तजार में लेटी हुई देख कर मेरे लंड में दर्द महसूस हुआ। स्पष्ट था कि वह हर लिहाज से एक गर्म लड़की है। मेरा लंड पूरा तन गया थाl और झटके मार रहा था।

मैं धड़कते दिल से उसके करीब गया। उसकी खुद की सांसें तेज चल रही थीं। उसकी आँखें बंद थीं और उसके स्तन तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे थे। साफ़ है कि वह जाग रही थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी।

मैं उसके उठे स्तनों को देख कर उत्तेजित हो रहा था, हालाँकि वे अभी भी उसकी मैक्सी में ढके हुए थे। मैंने धीरे से अपना दाहिना हाथ उसके बाएँ स्तन पर रख दिया। यह बड़ा और मुलायम महसूस हुआ। मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया। मुझे उसके शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ती हुई महसूस हुई. वह कांप रही थी। रुखसाना ने कुछ नहीं किया और लेटी रही। मैंने उसके स्तन को पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू कर दिया। ऐसा लगा जैसे कोई मुलायम गेंद हो। यह इतना अच्छा था। मैंने पहले अपनी चारो बेगमो और कॉलेज में और पड़ोस की अन्य भी लड़कियों को चोदा था उनमें से किसी के भी इतने बड़े खरबूजे नहीं थे। रुखसाना के स्तन वाकई बहुत शानदार थे।

मैंने फिर अपने दोनों हाथ उसके मम्मों पर रख दिए और उन्हें दबाने और सहलाने लगा। असल में अम्मी की हिदायत के हिसाब से मुझे कमरे में जाकर अपना लंड निकाल कर उसे चोदना शुरू करना था और अपना वीर्य उसकी कोख में गिराकर मुझे बाहर निकलना था।

लेकिन उसके कामुक शरीर की सुंदरता, उसके स्तनों और प्यारे खूबसूरत चेहरे ने मुझे अपना प्लान बदलने पर मजबूर कर दिया था और मैंने फैसल ाकिया मुझे अब थोड़ा आनंद भी लेना देना है। मैंने उसकी मैक्सी को उसके चेहरे की तरफ उठा दिया ताकि उसके स्तन दिख सकें और उन्हें ठीक से सहला सकूं। लेकिन जैसे ही मैंने उसकी मैक्सी खींचनी शुरू की, उसकी दूधिया सफेद चिकनी जांघें दिखने लगीं। मुझे वह बहुत सेक्सी लगीं और मैं उन्हें अपनी एक हथेली से सहलाने लगा। उसकी जाँघे इतनी चिकनी थी की मेरा हाथ फिसल रहा था रुखसाना का शरीर कांप रहा था; उसने अपनी आँखें बंद कर रखी थी इसलिए वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी। उसने बस मुझे अपनी जाँघें सहलाने दी।

मैंने मैक्सी को और ऊपर खींचा और वाह, मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत योनि सामने आ गई। रुखसाना आपा ने पैंटी नहीं पहनी थी। शायद ऐसा अम्मी ने रुखसाना आपको जो हिदायत दी थी उसके हिसाब से था और मेरा काम आसान करने के लिए था। लेकिन यह पहली बार था कि मैं उसकी नंगी योनि देख रहा था। योनि पर एक भी बाल नहीं था, आपा सारे बाल साफ़ कर के त्यार हो कर आयी थी। मैंने एक हाथ से उसकी दायी जांघ को और दुसरे हाथ से उसके स्तनों को दबाना और सहलाना जारी रखा।

शायद मेरी बेगम जीनत, फिर रुखसाना, अर्शी और जूनि ने उसे अपनी सुहागरात का किस्सा सुनाते हुए बताया होगा की मुझे चिकनी और सफाचट योनि बहुत पसंद है। इसलिए उसकी योनि, योनी का छेद और यहाँ तक कि भगशेफ भी दिखाई दे रहा था। हालाँकि कमरे में रोशनी बहुत ज्यादा नहीं थी, फिर भी जल्द ही मेरी आँखे उस अँधेरे में देखने के लिए अभ्यस्त हो गयी थी। उसकी योनि का दृश्य इतना मनमोहक था। मैं उसके स्तन भूल गया और उसकी योनी को बेहतर ढंग से देखने के लिए थोड़ा नीचे झुका। उसकी बहुत मीठी खुशबू आ रही थी। उसकी योनि से एक स्वादिष्ट सुगंध आ रही थी।

अचानक मेरी नज़र उसके बेड बोर्ड के पास मेज़ पर रखे एक छोटे से शीशे पर पड़ी। शायद यह हमेशा वहीं पड़ा रहता था, ताकि बहन या माँ इससे आराम से अपने बालों में कंघी कर सकें। लेकिन उस दर्पण में मैंने जो देखा, उससे मैं आश्चर्य से उछल पड़ा।

जहाँ बगल के बाथरूम के दरवाज़े पर पर्दा लगा हुआ था। वहाँ मैंने परदे के पीछे मैंने ज़मीन पर एक जोड़ी पैर देखे, दरअसल इस कमरे में एक बाथरूम था और उसके साथ अम्मी का कमरा। दरसल अम्मी और उस कमरे का बाथरूम साँझा था ताकि रात में भी कोई उसका इस्तेमाल कर सके और दरवाज़े पर परदे लगे हुए थे। इसलिए दोनों में से किसी एक कमरे से बाथरूम जाना संभव था।

अब वहाँ पर्दों के पीछे कोई खड़ा था और पर्दों के नीचे पैर दिख रहे थे। घर में हम सिर्फ 3 लोग थे। मैं, रुखसाना बाजी और अम्मी। साथ ही अम्मी का कमरा बगल में था, इसलिए वहाँ अम्मी के अलावा कोई नहीं हो सकता था। अम्मीजान पर्दे के पीछे खड़ी होकर हमारी चुदाई देख रही थीं। कमरे में रोशनी इतनी धीमी थी और वह ऐसे कोण पर खड़ी थी कि मैं उसे देख नहीं सका, लेकिन मेज पर लगे शीशे की वजह से मैं उन्हें देख पाया था।

यह एक आश्चर्य की बात थी। मेरी अपनी अम्मी मेरी ही बड़ी बहन को (उनकी अनुमति से) चोदते हुए झाँक कर देख रही थी। यह दृश्य ही हैरतअंगेज था। शायद अम्मी यह देखने के लिए उत्सुक थी कि क्या हो रहा था क्योंकि एक भाई द्वारा अपनी बहन को चोदने का ख्याल अपने आप में काफी उत्तेजक और हमारे समाज के लिए वर्जित और अनाचार माना जाता है और यहाँ यह अम्मी के कहने, सहमति या कहें कि निर्देशों के साथ हो रहा था।

भारतीय और विशेषकर मुस्लिम समाज में यह सबसे बड़ी असंभवता है क्योंकि एक ही माँ जाए भाई बहन में शारीरिक सम्ब्नध मुस्लिम समाज में पूर्णतया वर्जित हैं। यह सोच कर कि मेरी अम्मी मुझे मेरी बहन रुखसाना आपा को चोदते हुए देख रही है, मेरा लंड सख्त हो गया और ऊपर-नीचे हिल कर झटके मारने लगा। मैं चुप रहा और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ?

मैंने अपना चेहरा रुखसाना आपा की योनि के पास रखा और कुछ क्षण तक खड़ा रहा और एक बार फिर आपा के स्तन को सहलाने लगा और दुसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाने लगा। मैं वहीं खड़ी अम्मी को चुपचाप देखता रहा।

इधर रुखसाना आपा भी चुपचाप मेरी अगली हरकत का इंतज़ार कर रही थी। चूँकि, वह सोने का नाटक करने के लिए अपनी आँखें बंद कर रही थी, इसलिए उसे अम्मी के द्वारा हमें चोरी से देखने के बारे में कुछ भी पता नहीं चला। वह मेरी अगली चाल का इंतजार कर रही थी। वह उम्मीद कर रही थी कि मैं कमरे में आऊंगा और अपनी लुंगी खोलूंगा और उसकी मैक्सी ऊपर करूंगा और उसे सीधे चोदना शुरू कर दूंगा, लेकिन यहाँ समय लग रहा था। मैंने उनके चुचकों को मसला तो जैसे वह भारी साँसे ले रही थी उससे स्पष्ट था वह हर गुजरते पल से उत्साहित हो रही थी।

तभी मेरे मन में कुछ विकृत विचार आये। मेरा चेहरा रुखसाना आपा की योनि के पास था। मैंने गहरी सां ले कर उसकी योनि की गंध महसूस की और अपनी जीभ बाहर निकाल ली। मैंने अम्मीजान की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए शीशे में गुप्त रूप से झाँका और अपनी जीभ आपा की भगनासा पर रख दी। आपा को ऐसा लगा मानो 10000 वॉट का करंट लग गया हो। उसने अपने शरीर को झटका दिया और अपनी कमर उछाल दी। वह आश्चर्य से चिल्लाने वाली थी लेकिन किसी तरह उसने अपनी चीख दबा दी। मैंने उसकी सूजी हुई भगशेफ के चारों ओर अपनी जीभ फिराई और फिर उसकी भगशेफ को अपने होठों में ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया।

रुखसाना आपा अब सकते में थी। वह न तो हिल सकती थी और न ही मुझे रोक सकती थी क्योंकि उसे नींद का नाटक करना था।

जैसे उसने अपने शरीर को झटका दिया और अपनी कमर उछाल दी थी उससे लगा रिजवान ने उसके साथ कभी ऐसा बहुत कम या कभी नहीं किया था, इसलिए मेरे द्वारा उसका भगशेफ को चाटना और चूसना उसके लिए शायद एक अजीब अनुभव था। ये भी सम्भव था कि वह मेरे द्वारा इस तरह चाटे जाने के लिए बिलकुल भी त्यार नहीं थी। उसने शायद यही सोचा होगा की मैं अपना पायजामाँ या लुंगी खोल कर अपना लंड सीधा अंदर घुसा दूंगा।

वह मेरे सिर को अपनी टांगों के बीच से हटाने के लिए जोर-जोर से हिल रही थी और अपने शरीर को हिला रही थी। लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाई. यह स्थिति मेरे लाभ के लिए थी। मैं और ज़ोर से उसकी भगनासा को चबाने लगा। रुखसाना  ने दबी-दबी चीख मारी; यह नया आनंद उसके लिए नया लेकिन कल्पनात्मक रूप से अच्छा था। कुछ संघर्ष के बाद लगा उसे मजा आ रहा था वह अब हलके हल्के कराह रही थी और उसने अपनी योनी को ऊपर की ओर उठा लिया, शायद मुझे अधिक आसानी से चूसने देने के लिए।

अब इससे मैं उसके भगशेफ को ठीक से चूस रहा था और फिर अपनी जीभ को पूरी तरह बाहर निकालना शुरू कर दिया और भगशेफ से लेकर उसकी योनि के छेद तक उसकी योनि को चाटने लगा और फिर, उसकी योनी के छेद से लेकर उसके भगशेफ तक वापस चाटना और चूसना शुरू किया।

अब रुखसाना छटपटा रही थी और अपना सिर इधर-उधर कर रही थी। उसे असह्य आनंद मिल रहा था। न तो वह मुझे रोक सकती थी और न ही मेरी मदद कर सकती थी। उसकी योनि से योनि रस अमृत निकल रहा था। मैं योनी का रस चूस रहा था और हर गुजरते पल के साथ, मेरा लंड सख्त होता जा रहा था।

कहानी जारी रहेगी
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10-05-2023, 12:09 PM,
#60
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 50

गर्भवती करने के लिए फोरप्ले-सेक्स की तयारी

अब इससे मैं उसके भगशेफ को ठीक से चूस रहा था और फिर अपनी जीभ को पूरी तरह बाहर निकालना शुरू कर दिया और भगशेफ से लेकर उसकी योनि के छेद तक उसकी योनि को चाटने लगा और फिर, उसकी योनी के छेद से लेकर उसके भगशेफ तक वापस चाटना और चूसना शुरू किया। आज रुखसार की जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी। उसकी योनि का मसालेदार स्वाद अब तक मेरी कजिन की योनियों के स्वाद से अलग था । जहाँ जीनत का स्वाद मीठा था । वही अर्शी खट्टी, आरसी का स्वाद नमकीन और रुखासार का स्वाद तीखा है । उसकी योनि का मसालेदार स्वाद मेरी कजिनस के स्वाद से अलग और बेहतर था।

फिर मैंने उसकी गर्दन पर जोर से उसकी स्किन की चुसाई की और वह तो वासना की आग में पूरी गर्म हो गयी और इस गर्म मसाले से मेरा भी लंड फड़कने लगा।

अब रुखसाना छटपटा रही थी और अपना सिर इधर-उधर कर रही थी। उसे असह्य आनंद मिल रहा था। न तो वह मुझे रोक सकती थी और न ही मेरी मदद कर सकती थी। उसकी योनि से योनि रस मसालेदार अमृत निकल रहा था। मैं योनी का रस चूस रहा था और हर गुजरते पल के साथ, मेरा लंड सख्त होता जा रहा था।

मैं पहली बार रुखसार आपा की योनि चूसने का आनंद ले रहा था। जब मैंने उसकी योनि पर अपनी जीभ फेरी, यह अद्भुत आनंददायक क्षण था जिसका मैं आनंद ले रहा था।

मैंने अम्मीजानके चुपके से हमे देखते हुए से शीशे में देखा। वह परदे के पीछे आगे पीछे और अगल बगल घूम रही थी। शायद वह गुस्से में थी, क्योंकि उनके निर्देशों के अनुसार मुझे रुखसाना आपा को गर्भवती करने के लिए चोदना था लेकिन यहाँ तो मैं उसकी योनि को ही चूस रहा था। अम्मीजान के लिए भी यह नयी बात होगी। परन्तु चूँकि वह परदे के पीछे छिपी हुई थी, इसलिये वह भी कुछ न कर सकी। स्थिति बहुत अजीब थी और इससे मुझे ही फ़ायदा हुआ। 

मैंने इसका सबसे अच्छा उपयोग करने का फैसला किया और इस प्रक्रिया को लम्बी करने का फैसला किया क्योंकि मुझे लग रहा था कि रुखसाना आपा इसका पूरा मजा ले रही है और जिसके कारण मुझे भी अधिक मजा आ रहा था । फिर से मैंने रुखसाना आपा की भगशेफ को अपने होठों में रखा और इसे जोर से चूसते हुए मैंने अपनी तर्जनी को अब उसकी पूरी तरह से गीली योनि में डाल दिया। जैसे ही मेरी साना गली उसकी योनि में घुसी, वह हल्की-सी चिल्ला उठी और मैंने तेजी से अपनी उंगली उसकी गीली और फिसलन भरी योनी में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। रुखसाना की छटपटाहट तेज़ हो गई और उसने मेरे मुँह और उंगली को बेहतर पहुँच देने के लिए फिर से अपनी कमर हवा में उठा ली।

मैंने उसकी योनि में एक और उंगली डाल दी और उंगली से चोदने की गति भी बढ़ा दी। साथ ही मैं उसके भगनासा को और जोर से चूस रहा था। तभी अचानक रुखसाना ने अपनी योनि को आगे बढ़ाया और उसके दोनों हाथ मेरे सिर पर आ गये। वह अपनी आँखें बंद किये हुए ही थी लेकिन मुझे तेजी से चूसने में मदद करने के लिए मेरे सिर को नीचे धकेल रही थी। निश्चय ही उसे मजा आ रहा था। अपने भाई के साथ ऐसी चुदाई, ऐसा आननद मिलना उसके लिए भी अकल्पनीय था। हम दोनों पहली बार इस नये स्वर्ग में थे।

मैंने शीशे की तरफ देखा कि अम्मीजान क्या कर रही हैं। यह सब देखकर वह बहुत क्रोधित हो रही थी।

अम्मीजान परदे के पीछे गुस्से में घूम रही थीं। मैं उनकी योजना और प्लानिंग के मुताबिक काम नहीं कर रहा था । लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि छिपने के कारण वह बाहर भी नहीं आ पा रही थी। यह सब स्थिति मुझे बहुत जोर से झटका दे रही थी और मेरा लंड इतना सख्त हो रहा था कि मुझे डर था कि कहीं वह फट न जाये।

चूँकि मेरा लंड जोश में फड़क रहा था और मेरे नित्यंतरण से बाहर हो रहा था, मैंने सोचा कि जब रुखसाना पहली बार मुझसे चुसवा रही है तो क्यों न मैं भी आज पहली बार में ही अपना लंड भी चुसवाऊँ। मैंने उसके मुँह में अपना लंड डालने की सोची, लेकिन मुझे डर था कि पहली चुदाई में वह-वह सहयोग नहीं करेगी या चुसाई करेगी ही नहीं।

इसलिए मैंने उसके भगशेफ को कुछ और समय तक चूसने का फैसला किया, ताकि उसे चरमसुख के करीब लाया जा सके और उसे कुछ और आनंद लेने दिया जाए ताकि फिर वह मेरा लंड चूसने के लिए तैयार हो सके।

मैंने अपनी जीभ निकाली और उसकी योनि के छेद में डाल दी और उससे उसे चोदने लगा। वह खुशी से उछल पड़ी। ये सब उसके लिए असहनीय होता जा रहा था। मैं एक हाथ से उसकी भगनासा को सहलाता रहा और जीभ से उसे जोर-जोर से चोदता रहा। उसने अपने हाथ मेरे सिर पर रखे हुए थे और अपनी उंगलियाँ मेरे बालों में घुमाती रही, साथ ही वह मेरी जीभ और उंगलियों को बेहतर पहुँच देने के लिए अपनी योनि को बिस्तर से ऊपर उठा रही थी। मैंने स्पीड बढ़ा दी और अब वह बहुत मचल रही थी। उसका कामोत्तेजना करीब आ रही थी और इससे उसकी खुद की उचकन बढ़ गई थी और अब वह नशे की नींद का बहाना बनाए रखने के लिए आंखें बंद करके जोर-जोर से कराह रही थी।

इसी वक्त फिर दर्पण में अम्मीजान की तरफ देखा और उन्हें वहीं पाया। वह स्थिर नहीं खड़ी थी बल्कि गुस्से में आगे बढ़ रही थी। मैंने अपने पैरों को रुखसाना आपा के चेहरे की ओर बढ़ाना शुरू कर दिया और अपने शरीर को 69 की स्थिति में उसके चेहरे के ऊपर ले आया। मैंने अपने दोनों पैर उसके चेहरे के दोनों ओर रख दिए और अपनी कमर को तब तक नीचे किया जब तक कि मेरा पत्थर जैसा कठोर लंड उसके चेहरे को नहीं छू गया।

चूँकि रुखसाना आपा ने आँखें बंद कर रखी थीं इसलिए उसे मेरी हरकत नज़र नहीं आई, लेकिन जैसे ही मेरा गर्म और सख्त लंड उसके होंठों पर लगा, तो वह आश्चर्य से उछल पड़ी। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने होंठों पर पाया, उसने तुरंत अपना सिर दूसरी तरफ कर लिया। निश्चित ही वह मेरे लंड को अपने मुँह में नहीं डालना चाहती थी। मुझे पता था कि यह पहली बार अपने मुँह में लंड डालने का था, इसलिए मुझे इस प्रतिक्रिया की उम्मीद थी, लेकिन मैंने फिर से अपना लंड उसके गाल पर छुआ ताकि उसे पता चले कि जब मैं उसकी योनि चूस रहा था, तो मैं चाहता हूँ कि वह मेरा लंड चूसे। लेकिन वह तैयार नहीं थी। मैंने कुछ और बार कोशिश की लेकिन हर बार वह मुझसे बचने के लिए अपना सिर हिला लेती थी, लेकिन मेरी कोशिश को रोकने के लिए वह मुझसे बोल नहीं पाती थी।

मैं स्वाभाविक रूप से थोड़ा परेशान हुआ; मेरा लंड बहुत सख्त हो गया था और मैं लंड चुसवाना चाहता था। इधर रुखसाना आपा मेरी जीभ से अपनी योनि चटवा रही थी और मैं उसे जीभ से चोद भी रहा था लेकिन मेरा लंड पूरी तरह से लावारिस था। फिर मैंने अपनी जीभ से उसे चोदने और भगशेफ को सहलाने की गति बढ़ा दी और आधे मिनट के भीतर मैंने पाया कि वह फिर से चरम सुख करीब आ गयी है। मुझे लगा चूंकि यह उसका मेरे साथ पहला सम्भोग है इसलिए उसका ऑर्गेज्म बहुत तीव्र होगा। उसकी कराहने की आवाजें और तेज हो गईं, उसने अपनी योनि हवा में उठा ली, लेकिन मैंने तुरंत अपनी उंगलियाँ उसके भगशेफ से और जीभ योनि से हटा लीं। वह स्खलित नहीं हो पायी और अधूरी रह गयी ।

कहानी जारी रहेगी
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