09-17-2018, 01:30 PM,
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RE: Mastram Story शमा के परवाने
अंकित भी खाना खा चुका था तो हमेशा की तरह सब अपने रूम मे सोने चला गये. सागर उस वक्त बहुत ही एक्शिटेड था और उसकी एक्शितमेंट ये सोच कर और भी बढ़ जाती कि आज वो अपनी मोम से सुहांग रात मनाने वाला है. सागर नही चाहता था कि वो सुहागरात के बारे मे अंकित को कुछ भी बताए क्यूकी उस वक्त सागर सिर्फ़ मधु और अपने बारे मे सोच रहा था. यू ही सोचते सोचते जब सागर ने टाइम देखा तो 12 बज चुके थे . उसके पास मे सो रहे अंकित को धीरे से आवाज़ लगाई. लेकिन अंकित का कोई रेस्पोन्स नही आया. फिर सागर ने अंकित को थोड़ा सा हिलाया. लेकिन अंकित ने फिर भी कोई रेस्पॉन्स नही दिया. सागर कॉनफर्म हो चुका था कि अंकित सो चुका है .
फिर उसने अपने मोबाइल से मधु को मेसेज किया – अंकित सो चुका है ..
2 मिनट बाद मधु का रिप्लाइ आया – उसका रूम लॉक करके सीधा मेरे रूम मे आ जाओ ..
सागर ने बिल्कुल ऐसा ही किया . और वो मधु के रूम के बाहर खड़ा हो गया. सागर का दिल जोरो से धड़कने लगा . और उसकी एक्सिटमेंट बहुत ही बढ़ चुकी थी. फिर सागर ने दरवाजा खोला और उसने अंदर देखा कि रूम की लाइट बंद है . बेड के चारो तरफ कॅंडल चल रही है जिससे हल्की हल्की रोशनी पूरे कमरे मे हो रही है . एक दम किसी फिल्म की सुहांग रात की सीन जैसे . सागर रूम के अंदर आया और और उसने दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया. जब वो आगे बढ़ा तो देख कर हेरान हो गया . मधु सुहागन के जोड़े मे अपने पूरे बदन को हीर्रे जवाहरातों से भर के घूँघट निकाले बैठी थी.
मधु किसी राज कुमारी से कम नही लग रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे मानो आसमान से सारे चाँद सितारे मधु के गौरे बदन पर आ कर चमकने लगे है. सागर को तो ये सब एक सपने की तरह लगने लगा. मधु बिस्तेर पर चुप चाप बैठी थी. उसकी आँखें नीचे झुकी हुई थी और वो धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी.
सागर को ये अनुभव हो रहा था कि उसकी सच मुच मे शांदी की सुहाग रात हो. सागर ने अपने दोनो हाथों से मधु का घूँघट पकड़ा और धीरे से मधु के चेहरे से हटाया. सागर ने देखा कि मधु ने अपनी नज़रे नीचे झुका रखी है और वो बे तहाशा खूबसूरत लग रही है. जिसे देख कर सागर बोला –
“सुहानी रातों की वो मदमस्त मुलाक़ातें,,,
भूल सकता है भला कौन वो हमारी प्यारी बातें,,
अरमांं पूरे हुए मेरी... कोई शिकायत नही तुमसे,,
तुमने सजाई है मेरी बेशुमार हसीन रातें”..,,,,,
ये सुनकर मधु अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाई और एक पल सागर को देख कर फिर से अपनी नज़रे नीचे झुका ली. फिर सागर ने मधु का चेहरा अपने हाथों मे लिया धीरे धीरे चूमने लगा. सब से पहले सागर ने उसके गालों को किस किया फिर आँखों को चूमा. फिर सागर मधु के रसीले होंठो को पूरे जोश के साथ चूसने लगा और मधु भी खुल कर सागर का साथ देते हुए उसके होंठो को चूसने लगी. वो लोग एक दूसरे को चूमते हुए बिस्तेर पर लेट गये सागर मधु के उपर था. सागर उपर हो कर मधु के होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और इतना ज़ोर लगाया कि मधु के होंठ उसके दाँत से लगने लगे. उनकी जीभ एक दूसरे से टकरा रही थी और वो लोग एक दूसरे की जीभ चूस्ते हुए एक दूसरे को प्यार कर रहे थे. वो लोग अपनी अपनी जीभ एक दूसरे के मुँह के अंदर डाल कर गुमा रहे थे. फिरे धीरे धीरे सागर ने मधु के बदन पर से गहने उतारने शुरू कर दिए. उन्होने एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे. सागर ने मधु के ब्लाउस को जैसे ही खोला तो मधु के बड़े बड़े बूब्स कूद कर बाहर आ गये. मधु ने ब्रा नही डाल रखी थी.
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09-17-2018, 01:31 PM,
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RE: Mastram Story शमा के परवाने
थोड़ी देर के बाद मधु फिर सागर के लंड को चूमती हुए बोली - मेरा बेटा अब जवान मर्द बन चुका है और एक तंदूरस्त जवान लंड से बहुत पानी निकलता है. म्म्म्म म, मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है. एह वाकई मे एक जवान पुरुष का लंड है. सागर इस लंड को में हमेशा हमेशा के लिए अपनी चूत के अंदर रखना चाहूँगी. तुम चाहे जो भी करो, लेकिन मुझे अपने इस खूबसूरत लंड से जुदा मत करना, बेटा आज तुम ये वादा करो. सागर अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे लंड की गुलाम और रखेल बन कर रहूंगी."
सागर मधु की बात सुनकर उसकी चूंची को मसल्ते और चूस्ते हुए बोला – मोम अब मेरी जिंदगी का मकसद आज के बाद सिर्फ़ तुमको प्यार करना और चोदना रहेगा, तुम जितना चाहोगी उतना अपने बेटे के लंड से सुख ले सकती हो.
सागर मधु की चूंची को खूब ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और ये उम्मीद कर रहा था सागर कि चूसने से उसकी चूंची से दूध निकलेगा. सागर की चुसाइ से मधु की चूंची से दूध नही निकला, लेकिन फिर भी सागर मधु की चूंची को मसलता रहा और उनको अपने हाथों से पकड़ कर चूस्ता रहा.
वो लोग कुछ देर के लिए एक दूसरे की बाहों लेटे रहे और अपनी अपनी उखड़ी हुए सांस संभालते रहे. वो लोग तरह तरह की बाते भी कर रहे थे.
सागर – मोम मे कितना खुश नसीब हू जो मुझे तुम्हारे जैसी सेक्सी माँ मिली ..
मधु लंड पर हाथ फेरते हुए – मे भी बहुत खुशनसीब ही ..जिसे तेरे जैसा जवान मर्द मिला बेटे के रूप मे ....
सागर – माँ तुम्हे प्यार करना चाहता हू ....ऐसा प्यार जो कभी किसी बेटे ने अपनी माँ के साथ नही किया होगा
मधु – मे सिर्फ़ तुम्हारी हू मेरे राजा जो मन मे आए वो करो...
इतना कह कर मधु ने अपनी दोनो टाँगे उपर को उठा ली और दोनो टाँगों को फैला लिया. इसतरह से मधु की चूत पूरी तरह से खुल कर सागर सामने हो गयी और सागर लिए उसकी चूत में लंड डालना और भी आसान हो गया.
सागर मधु की खोली टाँगों के बीच बैठ कर अपना लंड मधु की चूत के उपर रख कर धीरे धीरे अंदर डालने लगा. मधु की चूत इस समय सागर को थोड़ी टाइट लग रही थी, लेकिन सागर धीरे धीरे अपने हाथों से उनके चूतड़ सहलाता रहा और उसकी गान्ड मे अपनी उंगली डालने लगा. थोड़ी देर तक गान्ड मे उंगली करने के बाद मधु की चूत से पानी निकलने लगा और चूत गीली हो गयी. मधु की चूत को गीला होते देख कर सागर ने एक झटके के साथ अपना लंड पूरा का पूरा जड तक घुसेड दिया. चूत के अंदर जाते ही मधु ने अपनी कमर उठाना शुरू कर दिया और सागर भी झटके दे दे कर अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. वो लोग एक दूसरे को चोद रहे थे और उपर नीचे से धक्का मार मार कर चोद्ते और चुदवाते रहे.
चोदते और चुदवाते समय वो एक दूसरे से मीठी मीठी बातें भी कर रहे थे. " मधु बोली - ओओह, सागर मेरा राजा बेटा," सागर मैं कितनी ख़ुसनसीब हूँ कि मेरी चूत मे तेरा लंड जा रहा है तेरा लंड बिल्कूलमेरी चूत की साइज़ का है."
सागर बोला - "मधु तुम सिर्फ़ मेरे लिए ही बनी हो और हमेशा रहोगी "
सागर मधु की चूंची को पकड़ कर धक्का मारते हुए बोला- "मोम मैं सपने मे भी नही सोच सकता था कि एक दिन तुम्हारी चूत मे अपना लंड डाल कर तुम्हे चोद सकूँगा"
मधु बोली - सागर क्या तुम्हे मेरी चूत पसंद है?"
मधु ने सागर से पूछा और फिर से बोली, "देख मुझ को खुश करने के लिए झूट मत बोलना."
सागर मधु की चूंची को अपने हाथों से दबाते हुए बोला, - "माँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हारी पूजा करता हूँ. मेरे लिए तुम प्यार और सुंदरता की देवी हो. मैं तुमसे हमेशा प्यार करता रहूँगा और जब जब तुम चाहोगी मेरा लंड तुम्हारी चूत की सेवा के लिए तैयार रहेगा."
मधु मुस्कुरा कर बोली, - "बस अब बहुत हो चुका है. चल अब मन लगा कर मेरी चूत की सेवा कर और उसको जी लगा कर अपने लंड से चोद. बेटा मैं अपनी चूत की खुजली से मरी जा रही हूँ. तू अपना लंड जड तक अंदर डाल कर मेरी चूत के अंदर चल रही चीटिओ को मार डाल और मुझे शांत कर. बेटा चोद मेरी चूत खूब कस कर चोद."
सागर धक्के मारते हुए– मोम ,... आज के बाद ना तो मैं तेरा बेटा हूँ और ना ही तू मेरी माँ है. आज के बाद से तू मेरी पत्नी है और मैं तेरा पति"
मधु अपनी कमर उछालते हुए बोली - आज की रात हमारी शादी की सुहागरात है. सागर मैं वो सब काम करूँगी जो एक पत्नी अपने पति के लिए करती है. तुझे जो भी पसंद है, मुझसे बोल, मैं तेरी हर बात मानने के लिए तैयार हूँ."
दोनो ने एक दूसरे को अपनी अपनी बाहों मे जकड रखा था और अपनी अपनी कमर उठा उठा कर एक दूसरे की चूत और लंड चोद रहे थे. इस चुदाई के पहले सागर का लंड एक बार मधु के मुँह के झड चुका था और इसलिए इस चुदाई मे सागर का लंड झरने मे ज़्यादा वक़्त ले रहा था. मधु की चूत अब तक की चुदाई मे दो बार अपनी पानी छोड़ चुकी थी और अपनी चुदाई की खुशी मे पागल होती जा रही थी. मधु सागर को अपने हाथों से पकड़ कर बेतहाशा चोद रही थी और सागर से लिपट रही थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे नयी दुल्हन नयी नयी चुदाई के सुख से पागल हो रही है. जैसे जैसे मधु सागर को चोद रही थी, सागर का खून भी खौल रहा था और सागर अंडों मे तनाव महसूस होने लगा था. थोड़ी देर के बाद सागर के लंड ने मधु की चूत को चोद्ते चोद्ते अपना पानी छोड़ दिया. जैसे ही सागर अपनी मधु की चूत के अंदर अपना लंड ठूंस कर झडा, मधु भी तीसरी बार झड गयी. वो लोग एक दूसरे के शरीर को अपने हाथों से जकडे हुए थे और जब तक सागर का आखरी बूँद मधु की चूत मे ना चल गया सागर मधु को नही छोड़ा.
वो लोग झड़ने के बाद एक दूसरे के बाहों मे लेटे रहे. उन लोगों की सांस चुदाई करते हुए उखड़ चुकी थी और अब सांस धीरे धीरे नौरमल हो रही थी. सागर अपना सर मधु की फूली फूली चूंची पर रख कर सो गया और ना जाने मधु कब सागर से लिपट कर सो गयी. वो लोग रात भर एक दूसरे से लिपट कर सोते रहे, और जब सुबह आँख खुली तो देखा मधु अभी भी सागर साथ नंगी ही सो रही है. टाइम सुबह के 4 बज चुके थे फिर मधु ने सागर को उसके रूम मे भेज दिया.
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