11-03-2020, 01:23 PM,
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desiaks
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RE: Mastaram Stories हवस के गुलाम
सलीम: मुझे सिर्फ़ तेरा बॉय फ्रेंड नहीं बन ना मुझे तेरा मालिक बन ना है. मुझे तुझ पर पूरा अधिकार चाहिए. तेरे उस नामर्द पति से भी ज़्यादा. और में तुझे भी वो हक़ खुद पर देना चाहता हूँ तेरा गुलाम बन कर..
अंजलि सलीम के मूह से ये बात सुनकर फिर से चोंक जाती है.. वो सलीम का मतलब समझ भी नहीं पाती कि सलीम क्या बोलना चाहता है.
अंजलि: सॉफ सॉफ बोलो ना आख़िर चाहते क्या हो.
सलीम: में सिर्फ़ इतना चाहता हूँ कि तू सिर्फ़ मेरी बन कर रहे, जैसा में कहूँ तू सिर्फ़ वैसा करे. जैसे में चाहू तू वैसे रहे. मेरी सारी ज़रूरते तू पूरी करे. तुझे कोई तकलीफ़ हो तो तू मुझे सब से पहले बताए. मेरे अलावा तू तेरे बदन को किसी और को हाथ तक नहीं लगाने दे. तू पूरी तरह से मेरी हो जाए में तेरा मालिक और तू मेरी गुलाम.
तू मेरी हवस और में तेरा गुलाम..
अंजलि हंसते हुए सलीम के एक गाल पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोलती है..
अंजलि: अच्छा मेरे “हवस के गुलाम” लेकिन ये तो इंपॉसिबल है.. तुम तो मेरे सिर्फ़ बाय्फ्रेंड बने हो वो भी आज ही.. लेकिन जो मेरे पति है जिनसे मेरी शादी हुई है उन्हे में कैसे रोक सकती हूँ.
सलीम: क्या कहा तूने “हवस का गुलाम” हहेहहे कोई बात नहीं बोल ले. आज के बाद तुझे खुद हवस होगी और में तेरी हवस मिटाने वाला गुलाम. जिस दिन मुझे हवस चढ़ेगी उस दिन तू मेरी गुलाम..
अंजलि और सलीम दोनो सलीम की बात पर साथ हँसने लगते है..
सलीम: और रही बात तेरे पति की उसका उपाय भी में कर दूँगा लेकिन तू तैयार है ना मेरी गुलाम बन ने के लिए..
अंजलि सोचती है कि सलीम बस ऐसे ही बड बड़ा रहा है.. ऐसा वैसा कुछ होना नहीं है.. तो वो बेफ़िक़र होकर बोल देती है..
अंजलि: हां में तैयार हूँ: आज के बाद आप मेरे मालिक और में आपकी गुलाम.
सलीम: सोचले में तुझे अपनी बात से बदलने नहीं दूँगा.
अंजलि: पक्का.. नहीं बदलूँगी.
सलीम: तो फिर रुक सलीम अंजलि की चूत मे लंड डाले ही बेड के नीचे की तरफ अपना हाथ करता है तो उसे अपना पाजामा मिल जाता है. सलीम अपना पाजामा अंजलि के सामने लाकर उसमे से फोन निकालता है..
अंजलि सलीम के हाथ में फोन देख कर डर जाती है और डर कर बेड पर पड़ी चादर को पकड़ कर अपने शरीर पर खींच लेती है. अंजलि अपने बदन को चादर में छिपा लेती है.
अंजलि: ये क्या बदतमीज़ी है.. ये तुमने फोन क्यूँ निकाला है..?
(अंजलि बुरी तरह से डर जाती है)
सलीम: ये अरे ये तो इस लिए ताकि कल को तू तेरी बात से ना पलट जाए इसके कॅमरा में तुझे ये बोलना है कि तू आज से मेरी गुलाम है. में जैसा कहूँगा तू वैसा ही करेगी अगर तू वैसा करने में सफल नहीं हो पाई तो में मन मर्ज़ी तुझे कोई भी सज़ा दे सकने का हक़दार रहूँगा.
अंजलि: नहीं… कॅमरा नहीं…
सलीम: तो तू क्या घंटे का प्यार करती है. और घंटे का तुझ पर भरोसा करूँ. बड़े बुजुर्ग सही बोल गये है कि औरत जात का साला कभी भरोसा नहीं करना चाहिए. आज तो तू मेरे साथ मज़े मार रही है कल को तेरे पति को पता लग गया तो तू बोल देगी मेने तेरा रेप किया है और वो साला चूतिया तुझे चोदना भले ही ना जाने लेकिन भोषड़ी का बंदूक की गोली ग़रीबों की गान्ड मे अच्छे से ठोकना जानता है. मेरी तो वो एक बार थोक ही चुका है. बहनचोड़ इस बार तो फाड़ ही देगा ना..
अंजलि को सलीम की बात सुनकर हँसी आजाती है और वो धीरे से हंस देती है…
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