Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
10-17-2018, 12:57 PM,
#91
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
भाई ने वापस बाक्स में रखे डिल्डो को देखा, और थूक निगलते हुए बोला- “आप दोनों ये सब करती हो?”

मैं- “देख मैं तुझे ये सब बताना तो नहीं चाहती थी, लेकिन तूने ही मुझे मजबूर किया है…”

भाई ने बाक्स बंद करके मुझे दे दिया लेकिन वो सोच रहा था। तब तक मैंने उसके खड़े लण्ड से नज़रें हटाकर, वो बाक्स साइड में रख दिया।

तब भाई ने पूछा - “लेकिन आप दोनों ऐसा करती क्यों हैं?”

मैं- “खुद ही सोच?”

भाई- “हाँ… पर?”

मैं- “पर क्या?”

भाई- “मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही, मोम आपसे कैसे कर लेती हैं?”

मैं- “तू मुझसे कैसे कर लेता है, सेम…”

आदी कोई दमदार बात सोच रहा था फिर उसने कहा- “लुक, उस रात जब आपने कहा था की आप दोनों सेक्सुअली खुले हो और एक दूसरे को अपनी पर्सनल बात बताते हो, ठीक? लेकिन मैंने ये नहीं सोचा था की आप लेस्बियन भी हो…”

मैं- “तुम्हारा मतलब, बाइसेक्सुअल?” मैंने उसकी बात सही करते उसको स्माइल दी।

भाई आगे बोला- “ओके लमस बाइसेक्सुअल, आप ज़रा एक्सप्लेन करोगी आप दोनों का क्या सिस्टम है?”

अब मैं उसको कैसे बताऊूँ? कोई स्टोरी दिमाग में नहीं आई, फिर जैसे मेरा और मोम का स्टार्ट हुआ वो मुझे याद आया, फिर मैंने भाई को कहा-

एक बार मुझे मोम का सीक्रेट पता चला की मोम अकरम की रण्डी है। उसके बाद मोम ने मुझे देख लिया, जब मैं सेक्स टाय से सेक्स कर रही थी, ब्लाइंडेड मोम की आँखों से पट्टी हट गई थी और उन्होंने देखा की मैं भी उनके साथ ग्रुप-सेक्स कर रही हूँ । फिर उसके बाद मोम ने सारी बोला और रोने लगी। फिर उसके बाद उन्होंने बताया की ये कैसे स्टार्ट हुआ?” मोम ने अपना पहली बार होर बनने का अनुभव सुनाया था। फिर मोम की ज़रूरत समझकर मैं भी इमॉशनल हो गई और पता नहीं वो सब एक लेस्बियन सेक्स पे खतम हुआ। इसके बाद हम तेरे सामने तो मदर डाटर की तरह रहते हैं, पर अकेले में हमारा अलग प्लान होता है। और याद है ऐसे ही एक प्लान के बीचूत टपक पड़ा था और तूने सुन लिया था, मोम मास्टरबेट कर रही थी…”

(जब तुषार मोम की बेडरूम में गजब की मार रहा था)

और फिर तूने खुद सुना था की मोम जब बाहर आई थीं, तब मुझे भी साथ में करने का बोला था। जैसे तू मेरी फाड़ के रख देता है वैसे ही मोम भी मेरी हालत खराब कर देती हैं, और कल भी ऐसा ही कुछ हुआ था। देखो, जैसे त और मैं ब्रदर सिस्टर है और लवर भी, तो वैसे ही यहां भी सेम है…”

भाई ने ये बात जल्दी ही आक्सेप्ट कर ली। भाई फिर लास्ट में बोला- “सारी मैंने वो सब सोचा, उम्म… मोम के बारे में…”

मैं- “इट्स ओके, एक बात बता, तूने ये कैसे जान लिया की मोम के लगी नहीं थी…”

भाई खड़ा हुआ और सोचकर बोला- “कोई नहीं कभी-कभी ऐसा होता है की, पता चल जाता है या ऐसा लगता है की कुछ हुआ है…”

मैं- “क्या लगता है और क्या पता चल जाता है? मतलब?”

भाई- “फॉर एग्ज़़ॅंपल उम्म… जैसे कल ही देख लो, मुझे पता चल गया की मोम ने पक्का एनल किया है, ये तो सच है ना?

मैंने ‘हाँ’ में सिर हिलाया।

भाई- “मैंने लड़कियों के साथ गाण्ड मारने का अनुभव किया है और एक गर्लफ्रेंड तो गाण्ड से कुँवारी थी, और फिर जब मोम भी उसी की तरह बिहेव कर रही थी मुझे पता चल गया…”

भाई की नजर पास में पड़े बाक्स में गई और बोलते हुए बिना सोचे उसने बाक्स से डिल्डो निकाल लिया और देखने लगा, हमारी नज़रें मिलते ही उसने कहा- “भेन-का-लौड़ा…” मुझे जोर की हँसी आ गई।

एक्सरसाइज रूम में पहुँचकर उसने शरारती स्माइल से पूछा - “स्ट्रैप-ऑन, वाउ… आप दोनों ने और क्या-क्या ट्राई किया है?”

मैंने नोटिस किया की उसका बाबूराव खुश हो रहा था की घर की औरतें क्या-क्या गुल खिलाती हैं, मैंने लड़कियों के स्टाइल में भाई को झिडकते हुए कहा- “तुझे क्या?”

भाई- “हो सकता है मैं कुछ हेल्प कर दूं ? आप ही ने तो कहा ‘बाइसेक्सुअल’ हो, तो तुम लोगों को अगर रियल काक की ज़रूरत पड़ी तो आप मेरे पास आ सकते हो…”

मैं- “तेरी तो। भाग यहां से…” मैंने उसके सिर के पीछे एक चपत लगा दी।

भाई हँस पड़ा। फिर उसने मुझे छेड़ते हुए पूछा - “अच्छा फिर ये ही बता दो की आपने मोम का ऐसा हाल किया कैसे?”

मैं उसको मारने के लिए भागी- “लगता है मार खाने का मूड है तेरा…”
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10-17-2018, 12:57 PM,
#92
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
ब्रेकफ़ास्ट बनाने के बाद मैंने मोम को जगाया। मोम को याद आया की कल भाई ने उनको सोफे से उठाकर बेड पे लिटाया था, पर उनको ये याद नहीं था की भाई ने उनको नंगी देखा था। ये जानने के बाद तब उन्होंने कहा- “आदी ने सही कहा था…”

मैंने पूछा - क्या?

मोम बोली- “ये सब जानबूझ के तो कोई नहीं करता है, हम फीमेल्स के साथ रहेगा तो, आजक्सडेंटली तो ऐसा होगा ही…”

इसलिए मैंने मेरी और भाई ने जो मॉर्निंग में बातें की थी वो मैंने मोम को नहीं बताई, क्योंकी इससे मोम बौखला जाती। फिर भी सही टाइम आने पे मैं उनको बता दूँगी । भाई को वैसे आइडिया तो लग जाता होगा जब मोम या मैं अंजाने में आफ्टर सेक्स बिहेवियर दिखा देते होंगे। अगर उसको पता चल जाता है और वो फिर भी कुछ नहीं कहता तो ये रोमांचक नहीं, टेन्षन वाली बात है।

मुझे दो बजे शगुफ्ता का काल आया की मैं उसके घर पे आ जाऊं, वो अभी रास्ते में ही है और घर ही पहुँच रही है। तो मैं जब उसके घर पहुँची तब शगुफ्ता कुछ देर बाद आई, तब मैं उसकी मोम और उनकी एक रिलेटिव से बातें कर रही थी। शगुफ्ता का चेहरा देखकर लगा की वो बीमार है, वो साइड में चुप बैठी और रिलेक्स करने लगी, फिर कुछ देर बाद मुझे अपने रूम ले गई, जहाँ पे रिलेटिव के बच्चे खेल रहे थे। उनको भगाकर शगुफ्ता पहले नॉर्मल इधर-उधर की बात करते मेरे पास बैठी और कुछ सीरियस होकर सोचने लगी की कैसे कहे? फिर उसने पूछा - “कल तू सौरव से मिली थी?”

अब मैं समझी टेन्षन मुझे मिलने वाली है- “क्यों क्या हुआ?”

शगुफ्ता- “वो सौरव से मैं आज मिली थी तो उसने बताया की कल वो तुझसे और तेरी कजिन से मिला था…”

मैंने हाँ में सिर हिलाया

शगुफ्ता- “उसने कहा की तू और तेरी कजिन उसके साथ कॉन्सर्ट गये थे फिर उसको वही छोड़कर चली गई…”

मैं- “हाँ… वो वहां पे मवाली टाइप के लड़के मेरी कजिन से चिपक रहे थे, और बदतमीजी कर रहे थे, इसलिए उनके डर से हम वहां से चली गई थीं…”

शगुफ्ता- “ह्हम्म… मुझे पूछना था की… …” तभी वो बच्चे लोग खेलते-चिल्लाते वापस रूम में आ गये, उनको फिर से रूम से बाहर करके शगुफ्ता ने दरवाजा लाक कर दिया, फिर कहा “इनको बस हल्ला करना आता है…”

शगुफ्ता- “हाँ तो मैं क्या कह रही थी?”


मैंने कहा- “सौरव ने तुझे बताया की मैं उसको वही छोड़ आई थी। वो ठीक से तो पहुँच गया ना घर अपने? मेरी कार में हम वहाँ गये थे। उसको कुछ हुआ क्या, जो मुझसे डीटेल्स माँग रही है?” मैंने उसको टापिक पे लाने के लिए कहा।

शगुफ्ता- “ना, वो बस डर गया था जब उन गुंडे लोग उसको तेरे और तेरी कजिन के बारे में पूछने लगे…”

मैंने सोचा की वो ये क्यों पूछ रहे थे? वो अकरम के तो आदमी नहीं थे, शायद बार में उन्होंने हमें देखा होगा वहां पे, या हो सकता है की उन्होंने हमें पहली बार देखा हो और मोम के मजे लेने के लिए सौरव से पूछ रहे हों।

शगुफ्ता ने आगे कहा- “तो वो वहां से भाग के आटो से घर चला गया। उसको छोड़ो, ये इंपाटेंट नहीं है। तेरी कजिन तो ठीक है ना? वो बोला की वो लोग तेरी कजिन को छेड़ रहे थे…”

मैं- “अब ठीक है, उसको लग गई थी…”

शगुफ्ता- “नाम क्या है उसका?”

मैं- “राखी…” शगुफ्ता का मुझे यूँ देखना अजीब लगा, तो मैंने उससे पूछा ।

तो उसने जींस की पाकेट से फ़ोन निकाला और कुछ देर बाद मुझे दिखाया। उस पिक में मैं और मोम माल में शॉपिंग कर रही थी, सौरव ने हमारी पिक ले ली थी। मेरा दिल जोर से धड़क रहा था और सीना गर्म हो गया। यानी शगुफ्ता को पता चल गया था। मैं चुप रही और रूम के बाहर रिलेटिव्स और उनके बच्चे और शगुफ्ता की मोम की बातें सुनाई देने लगी, वो बगल वाले रूम में आ गये थे।

शगुफ्ता मुझे बाथरूम में ले गई और मैं बस चुपचाप थी, तो शगुफ्ता ने मुझे अपना फ़ोन दिया। मैंने माल की कुछ पिक्स के बाद अगली पिक देखी, वो उस खाली बिल्डिंग के चौथे फ्लौर की पिक थी जिसमें मैं कपड़े लिए खड़ी हूँ और मोम अपने पहन रही थीं। अगला उसी जगह का वीडियो था पर 5 सेकंड का था, पहले सौरव ने अपना चेहरे का, फिर कैमरा हमारी तरफ, फिर वापस से उसके चेहरा की तरफ हो गया। हमारा चेहरा ब्लर तो हो रहा था लेकिन उसमें हम दिख गई थीं, मोम ने मिडी पहन ली थी और मैं जम्पर पहन रही थी। साला हरामी फ़ोन काल का बहाना बनाकर ।

शगुफ्ता ने फिर बताना शुरू किया और मैं बस चुपचाप सुनती रही- “उसने मॉर्निंग में मुझे काल करके बुलाया, मैंने मज़ा कर दिया। फिर उसने कहा की कल वो कुछ गुन्डो से पिटते-पिटते बचा, फिर ऐसे ही मैं वहां चली गई। हम बात कर रहे थे तब वो व्हाटसप पे चैट कर रहा था।

मैंने पूछा तो वो मुझे बताने लगा, उसने ‘तेरी दोस्त और उसकी कजिन’ की स्टोरी सुनाई, मैंने विश्वास नहीं किया तो उसने वीडियो और पिक्स दिखा दी, जिसको देखते ही मैं सब समझ गई। पर एक प्राब्लम अभी भी है उसने वो वीडियो अपने एक दोस्त को भी भेज दिया था, वो भी मेरे सामने। तब मुझे पता चला की ये पक्का कोई गड़बड़ कर देगा। अच्छा हुआ की मुझे उसका पैटर्न पासवर्ड याद रह गया, उसके बाथरूम जाने पे मैंने उसके

फ़ोन से इम्पाटेंट डाटा ले लिया, जो डेलीट करना था वो मैंने कर दिया। बाकी एप्स चेक की लेकिन उसने सिर्फ़ व्हाटसप पे एक दोस्त को ही मेसेज़ किया था…”

मुझे वीडियो शेयर होने की टेन्षन नहीं थी, क्योंकी वो वीडियो पहले से ही खराब था और लोग चेहरा भूल जाएँगे और ज्यादा फ़र्क नहीं पड़ता व्हाटसप पे और कितना आगे जाएगा।

अब टेन्षन थी मेरी दोस्त की, शगुफ्ता अब जान गई थी तो मैंने बात आक्सेप्ट कर ली। उसने जो किया उसके लिए थैंक्स कहा, और शगुफ्ता ने प्रोमिस किया की ये बात वो किसी को भी नहीं बताएगी और मुझे उसपे भरोसा था।

फिर कुछ देर बाद वो मुझे सब कुछ पूछने लगी, कैसे तू ये करती है? कैसे स्टार्ट हुआ ये सब एट्सेटरा एट्सेटरा। अब क्या करती उसको थोड़ा कुछ बताना पड़ा। मेरे जवाब देने पे वो एक्सपेक्टेड रियेक्शन देने लगी, जैसे चकित हो जाती, अपने चेहरा पकड़ लेती। शगुफ्ता के लिए ये बात बहुत बड़ी थी, इसलिए वो अब और बीमार लग रही थी।

फिर हम बाथरूम से निकलकर बेड पे लेट गये, दिमाग शांत होने पे उसने पूछा की जब मैंने उससे शर्त लगाई थी और मैं नंगी ही घर चली गई थी, इसीलिए ना की ये सब चल रहा था मेरे और मोम के बीच? मेरे हाँ बोलने पे उसने कहा की फिर वो शर्त हारी ही नहीं। फिर उसने अपने फ़ोन से वो पिक्स और वीडियो डेलीट कर दिए और कहा की मैं आगे से ध्यान रखूं , अगर ये रिलेशन छुपाकर रखना है तो?

घर पहुँची। तब मोम ने मेरे चेहरा को देखकर पूछा , तो मैंने मोम को बताया। मोम इतनी चिंतित नहीं हुई जितना मुझे लगा था। मोम ने ये टेन्षन में पूछा की क्या शगुफ्ता ने किसी और को तो नहीं बताया? मैंने पूछा की उसको पता चल गया ये बड़ी बात नहीं है? मोम ने बस ये कहा की तेरी सभी दोस्त एक तरह से अपने टाइप की हैं, तो उसके पता चलने से फ़र्क नहीं पड़ेगा, वो बस आगे किसी और को ना बताए।

असल में मुझे तब महसूस हुआ की शगुफ्ता के अलावा भी अगर बाकी दोस्तों को मेरे और मोम के बारे में पता चलने से मुझे कोई प्राब्लम नहीं होगी, वो मेरी इस युनिक सिचुएशन को स्वीकार कर लेंगी। वो पाँचो मेरे लिए स्पेशल हैं, बस मुझे ये डर था की वो मेरे लिए वियर्ड महसूस ना करें, कम से कम कामया तो नहीं।
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10-17-2018, 12:57 PM,
#93
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
कुछ दिन बाद अकरम ने हमको अपने क्लब बुलाया, मोम ने ब्लैक फ्री फ्लोइंग स्कर्ट पे रेड टाप पहना और मैंने लो ‘वी’ कट सफेद टीशर्ट वो भी ब्रालेश जिससे बिग क्लीवेज़ के साथ उसमें मेरी चुचियाँ तो फाड़कर निकल ही रही थीं फिर मैंने जींस-शर्ट पहन लिया।

क्लब में अकरम हमें अपने रूम ले गया, वहां जाते टाइम मेरी चूत को पहले से ही फीलिंग आ गई। रूम में पहुँचने पर अकरम ने कहा- “अच्छा अब सुनो, आज तुम दोनों माँ बेटी को मेरे कुछ खास कस्टमर्स को खुश करना है…”

मोम उसकी बात नहीं सुन रही थी और अपने लिए एक ड्रिंक बनाते हुए हमें पूछा की हम क्या पिएंगे?

अकरम थोड़ा चिढ़ के बोला- “अरे मेरी बात तो सुन ले, फिर बोलेगी की ये नहीं बताया वो नहीं बताया?”

मोम हँस ती हुई बोली- “ओके ओके। आई एम लिसनिंग…”

अकरम- “टोटल 7 लोग हैं, पर 3 से एक-एक करके चुदना पड़ेगा, बाकी 4 एक साथ कर लेंगे, तो बोलो चारों को एक साथ कौन संभालेगा?”

“इसको…” मोम ने कहा।

अकरम हँस पड़ा- “अच्छा, बेटी को माँ सिखाना चाहती है…”

रण्डी की माँ बोली- “और नहीं तो क्या?”

अकरम- “अब सिखाना क्या, तेरी बेटी है तो तुझ जैसे ही 5-10 लण्ड आराम से ले लेगी। वैसे… …” वो रुका और फिर आगे बोलने लगा जैसे कोई गलत बात बोलने से पहले रुक जाते हैं। फिर ड्रिंक खत्म कर मेरे पास आया और बस खड़ा हो गया। उसका इशारा था की मैं उसकी पैंट से उसका लण्ड निकालूं पर मैंने निकाला नहीं और सिप लेते हुए उसको देखती रही।

अकरम- “ले…”

मैं- “क्या?”

वो स्माइल करता हुआ- “चल मेरी जान शुरू कर…”

मैं मजे लेते हुए- “क्या शुरू करूं? बोलो तो…”

अकरम मोम को बोला- “सच में तेरी बेटी को तुझे बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा…” ये कहते फिर उसने मेरा टीशर्ट निकाल दिया, मेरे बड़ी-बड़ी चुचियाँ उछल के बाहर आ गईं। फिर उसने झुक के मेरे दोनों टिट्स को अपने मुँह में भर लिया।

मैं मजे लेते हुए उसकी पैंट खोलने लगी फिर उसका खड़ा लण्ड बाहर आ गया। मोम ने अपना ग्लास साइड में रख दिया और वो भी उसके लण्ड को सहलाने पास आ गई। वो दोनों मेरे टिट्स को चाटते तो आपस में किस, मोम ने अपना टाप खोल दिया और अकरम ने उनकी रेड ब्रा जो मोम पे अच्छी लग रही थी। मोम और मैं मिलकर अकरम के लण्ड को चूसने लगी, मुँह में लेने लगी।

अकरम- “आऽ देख अपनी माँ को ऐसे चुसते है…”

मैंने उसकी बाल्स दबा दी।

तब अकरम- “आऽऽ अरे मज़ाक कर रहा था, ले त भी अपने मुँह में ले…”

मोम से मैं उसका लण्ड लेकर चूसने लगी।

अकरम- “अया अबे आह्हह… राखी तेरी बेटी को कुछ सिखाने की ज़रूरत नहीं है। आऽ ये तो तेरे पेट से ही सीखकर आई है, मादरचोद हिला-हिला, तू इधर आ…” कहकर उसने मोम के मुँह में डाल दिया और उनके मुँह को चोदने लगा।

फिर मुझसे कहा- “ले जानेमन अब तेरी बारी…” कहकर उसने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह चोदा, जिससे चोकिंग होने लगी, मेरे साँस लेते टाइम।

मोम उसको डीप नॉट देने लगी और जब लण्ड मुँह से निकला तो वो पहले से ज्यादा स्लिपरि हो गया, फिर हम दोनों जीभ से, विदाउट स्किन वाले मुस्लिम लण्ड के सुपाड़े को तड़पाने लगीं।

अकरम- “आह्हह… आऽ तुम दोनों जब एक साथ होती हो ना, माँ कसम बड़ा धमाका कर देती हो आह्हह… अब ठीक है, पहले माँ की बारी…” कहकर उसने मोम की स्कर्ट और पैंटी उतार दी, और मैंने अपना शॉर्ट्स और थोंग।

अकरम ने हमें अपना मेकप बिगाड़ने से मना किया और कहा की वो ही सारी मेहनत करेगा। हम समझ गये की वो अपने कस्टमर को नहीं पता चलने देना चाहता था की उनको पहले से चुदी हुई लड़कियां मिली हैं। अकरम मोम की मार रहा था और मोम मजे से लेटी रही। बीच-बीच में ‘अरे यार’ बड़बड़ाता रहा और मोम की पोज़ीशन भी चेंज करता रहा।

शायद तंग आकर उसने मोम को साइड में किया, फिर उसने मेरी गीली चूत में आसानी से अपना लण्ड डाल दिया। उसके चोदते टाइम ना मैंने ज्यादा उउह्हह आऽ की और ना ही मोम ने। अकरम थोड़ा परेशान दिख रहा था, फिर उसने मुझे पलटने को कहा। मैं अपनी गाण्ड ऊँची करके पीछे उसकी तरफ देखते हुए इंतजार करने लगी, उसने गाण्ड पे लण्ड रखा और एकदम से अंदर घुसेड़ दिया।

गाण्ड में पहले से ही चिकनाई डाला हुआ था और कार से निकलने से पहले ही मैंने और मोम ने बट-प्लग निकाल लिया था। वो जिसका इंतजार कर रहा था मैंने उसको दे दी, लेकिन नकली। मेरी “आह्हह… माँ की ओह्हह… फक…” अब वो खुश दिख रहा था लेकिन मोम ने मुझे ऐसा करते देख लिया। फिर अकरम ने झड़ने से पहले मोम की भी गाण्ड मार दी और लास्ट में वीर्य मोम को पिला दिया। अकरम हमें यही इंतजार करने का बोलकर चला गया।

मोम ने मुझे सलाह दी- “तुझे नकली मोनिंग के लिए मुझे और प्रेक्टिस करानी चाहिए…”

मैं- “सही तो किया था मैंने…”

मोम- “अच्छा? मुझे नोटिस नहीं किया?”

मैं- “आप भी उसको उल्लू बना रही थी…” मैंने मोम से पूछा ।

मोम ने कहा- “उम्म… ह्हम्म… बाइ द वे, उसको हुआ क्या है?”

मैं हँसते हुए कहा- “मालूम नहीं, सेक्स रोग एवं समाधान…”

मोम हँसने लगी- “स्टुपिड, अच्छा खासा तो चल रहा था…” फिर दरवाजे की तरफ देखते हुए- “आई थिंक उसको रियल में अपनी सेक्सुअल पवर पे डाउट है…”
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10-17-2018, 12:58 PM,
#94
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
हमने खुद को नेप्किन से सॉफ किया, और अपने कपड़े पहन लिए। अकरम 10 मिनट बाद आया। अकरम ने मोम को इंतजार करने को कहा और मुझे अपने साथ एक दूसरे रूम में ले गया जो अकरम के रूम से ज्यदा सॉफ था, मुझे पता चल गया की इसको हाल ही में सॉफ और सही किया गया है।

रूम में पहुँचने के बाद मैंने वहां पे चार आदमियों को देखा। उनमें से तीन को मैं पहचान गई, मुझे उनके यहां पे भेजा गया था, सिवाय उस हट्टे-कट्टे आदमी को छोड़कर। मैं समझ गई वो भी कोई खास काम करता होगा, जिससे अकरम को फ़ायदा हुआ हो। अकरम ने मुझे ड्रिंक्स बनाने को कहा, मुझे किसी पुरानी हिन्दी फिल्म के दृश्य जैसा महसूस हुआ। सबने ड्रिंक्स लेते टाइम मुझे टच किया और मैं स्माइल करती आखीर में अकरम के पास अपना ग्लास लेकर बैठ गई।

अकरम ने उन चारों से थोड़ी देर अपनी डील के सफलता पूर्वक पूरी होने की बातें की। फिर लास्ट में उठाते हुए उनको कहा- “और ये…” मेरी गाण्ड पे हाथ मारते हुए- “मेरी तरफ से, खूब अयाशी करो…”

मैं खड़ी हुई और उन चारों के सामने गई, जिसमें एक हट्टा-कट्टा था बाकी दो नॉर्मल थे और चौथा बंदा हाइट में सबसे छोटा और मोटा था, जिसकी तोंद फट के बाहर निकल पड़ी थी। कहाँ पे मस्क्युलर बाडी वाले हैंडसम लड़के कालेज में मेरी चूत देखने तक के सपने देखते हैं, और कहाँ इन नमूनों को मेरी चूत के साथ-साथ मेरी गाण्ड भी नशीब होने वाली थी।

अकरम मुझे उनके हवाले करके चला गया और उन चार लोगों ने मुझ अकेली को उस रूम में घेर लिया और मुझे नंगा करने लगे, और मैं भी स्माइल करती हुई कपड़े उतरवाती रही। उन दो नॉर्मल बाडी वालों ने अपने चेहरे मेरी चुचियों पे सटा दिए, उस हट्टे-कट्टे जाट बंदे ने मेरी कमर पकड़ ली और अपनी तरफ खींच लिया।

लेकिन मैं प्यार से और अदा दिखाते हुए सबको नंगा करने लगी, किसी का भी लण्ड 5” इंच से ज्यादा नहीं था और उस मोटे का तो आलमोस्ट 4” इंच का छोटा पर मोटा लण्ड देखकर याद आया की उसने अनुभव से मेरी चूत से पानी निकाल लिया था। सबके नंगे हो जाने के बाद मैंने कहा की सब एक लाइन में खड़े हो जाओ।

मुझे उनके साथ खेलते देखकर वो भी मेरी बात मानने लगे, ब्लो-जॉब के बाद मैं जिनके यहां भेजी जा चुकी थी उन्होंने कंडोम इश्तेमाल किए थे, पर अभी वो कंडोम पहनने के मूड में नहीं दिख रहे थे। इसलिए मैंने कुछ कहा भी नहीं, सो, अपने आप ही पहले उस मोटे की बारी आ गई, और मैं उस मोटे के लण्ड पे बैठ गई और बाकी 3 को ब्लो-जॉब दिया, मोटा जल्दी ही निपट गया।

फिर वो जाट आदमी मेरे ऊपर चढ़ गया, उसने मुझे पागल कर दिया, नहीं, अपने लण्ड से नहीं बल्कि अपने जंगली बिहेवियर और स्ट्रांग बाडी से।


मुझ रण्डी के झड़ जाने के बाद नॉर्मल बाडी वालों को मेरी चूत और गाण्ड दोनों एक साथ मिल गई। मैं सैंडबिच बनी हुई थी और मैंने उस मोटे को मेरी चुदाई देखते देखा। उसको बुरा ना लगे इसलिए मैंने उसको पास बुलाया और उसका नर्म हो चुका लण्ड सहलाती रही, और दूसरे हाथ से उस जाट, जो मोटे को देखकर पास आ गया था, उसका लण्ड मुँह में ले लिया। इस तरह मैं एयर टाइट थी यानी मेरे तीनों छेद लण्ड से भरे थे। ऐसे में वो दो नॉर्मल बाडी वाले भी झड़ गये, तो मोटा भी उनके साथ साइड में जाकर ड्रिंक्स करने लगा।

अब सिर्फ़ वो हट्टा-कट्टा बंदा बचा था जो मुझे डागी स्टाइल में चोद रहा था, उसने चूत मारने के बाद मेरी गाण्ड में अपना लण्ड पेल दिया। मेरी गाण्ड मराई देखकर बाकी बंदे भी वापस आ गये, मोटे ने मुझे बोतल दे दी और मैं ड्रिंक करती हुई गाण्ड चुदा रही थी।

फिर मैंने बोतल वापस दे दी और उन्होंने शराब से अपने-अपने लण्ड गीले कर दिए। उनके लण्ड थोड़े से मुरझाए से थे, पर वो मेरा चेहरा और जहाँ उनको ठीक लगा वहां पे अपने लण्ड डालने लगे। इस चक्कर में उनके लण्ड फिर से खड़े हो गये और अब सभी चारों मिलकर मेरी बजाने में लग गये।

कभी मुझे खड़ा करके झुका दिया जाता, तो कभी किसी के ऊपर लिटा दिया जाता, मुझे उस हट्टे-कट्टे बंदे ने उठा लिया और उछल-उछल के मेरी चूत मारी। मोटे आदमी ने उसको कहा की मुझे उनके सामने उठाकर रखे, तो मुझे पहले उतारा, फिर उसने मेरे पीछे आकर मुझे मेरी जांघे पकड़कर उठा लिया।

मैं बोली- “लुक हू इज हियर, से हाय एवरीवन…”

सभी हँस पड़े फिर मुझे उठाने वाले ने मुझे तीनों के सामने घुमाया जैसे वो मेरी चूत उन सबको दिखा रहा हो, इस छोटी सी बात पे वो खूब हँसने लगे।

मैंने कहा- “ओके लड़कों, बारी-बारी से आ जाओ और अपना लण्ड रजिस्टर करवा लो…”

फिर वो सब हँसते हँसते , बारी-बारी से मेरी चूत मारने लगे। मुझे उठाए हुए उस जाट ने मेरी गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया। पहले वो नॉर्मल बाडी वाला आया और चूत मारने लगा, और उसके बाद मोटा; पिछली बार की तरह ही वो 2” इंच ही डाल पाया। मैंने उसको किस किया और एंकरेज किया दम लगाकर चोदने के लिये, फिर वो भी जम के चोदने लगा, अब मुझे उसका बचा खुचा लण्ड मिलने लगा।

वो मुझे किस करके हट गया, वो पसीने से बुरी तरह गीला हो चुका था, हम सबसे ज्यादा। उसके बाद दूसरे नॉर्मल बाडी वाले ने अपनी बारी आने पे काम चालू कर दिया।

“या या या…” मैं उछल रही थी और दोनों लण्ड मुझमें समा रहे थे।

फिर मुझे उतार दिया। उसी टाइम मैं झड़ गई, मेरे पैर काँपने लगे, जिससे मैं गिरने लगी तो उन्होंने मुझे संभाल लिया। वो मुझे बेड पे ले गये। एक बार मेरे झड़ जाने के बाद तक दो बंदे अपना वीर्य निकाल चुके थे। फिर जिसका लण्ड चूत में था वो खड़ा हुआ और मेरे मुँह में अपना लण्ड डालकर लण्ड हिलाता हुआ झड़ गया। और आखीर में उस मोटे के लण्ड का वीर्य मेरी गाण्ड पे गिरा।

उन सबने मुझे किस किया और थैंक्स कहा और मेरी तारीफ़ करने लगे। मैंने कह दिया की वो भी सच्चे मर्द हैं। हालाँकि मैं उनसे ज्यादा फाड़ चुदक्कड़ों से चुद चुकी हूँ । वो मोटा मेरी बात को दिल पे ले लिया और पास आकर बोला की भले ही अकरम की गिफ्ट हूँ पर; उसने वैलेट से छोटी सी गड्डी निकाल दी; तूने मेरा दिन बना दिया।

उसके देखा देख सभी ने मेरे नंगे बदन पे थोड़ी-थोड़ी रकम रख दी। फिर वो सब बातें करते-करते कपड़े पहन कर चले गये। मैं हैरान थी, और अच्छी चुदाई से खुश भी और दर्द में भी। मैं वो रकम बेडशीट के नीचे रखकर सो गई।

जब जागी तब मेरे पास मोम भी सो रही थी। मैं थोड़ा और रिलेक्स कर रही थी। तब एक अकरम का बंदा मोम के कपड़े ले आया। मैंने उसको कहा की हमारे लिए कुछ खाने पीने को ले आए। उसने हाँ में सिर हिला दिया और चला गया। मैंने मोम को जगाकर कहा की चलो नहा लेते हैं। मोम ने नहाते हुए बताया की उनको भी मुझ जैसे वोही लोग मिले जिनके यहां हमें भेजा गया था।

हमने नहाकर अपने कपड़े पहन लिए फिर अब्दुल उसी लड़के के साथ आया जो पहले अभी आया था, लेकिन अभी उसको देखकर लगता था की उसको किसी ने डांटा है या थप्पड़ मारी गई है। वो लड़का हमारा डिनर रखकर चला गया।

उसके जाने के बाद अब्दुल ने कहा की सोने से पहले अपने रूम को बंद कर लिया करो।

मोम के पूछने पे उसने बताया की अभी जो लड़का आया था ना… उसने मेरे सोते की पिक्स ले ली थी, और मोम की पिक्स लेने के बहाने वो मोम के कपड़े ले आया था।

हम घबरा के बोली- “ऐसे तो यहां पे सभी काम करने वालों ने हमारी पिक्स ले ली होंगी या वीडियो बना लिए होंगे, और… और बाकी जो लोग बार में बैठे होते हैं उन्होंने भी…”

अब्दुल बोला- “अरे अरे शांत हो जाओ, ये जो बार तुम जो देखती हो ना वो अंदर वाला है, और कोई भी यहां पे फ़ोन कैमरा कुछ भी नहीं ला सकता, सब बाहर। और रही बात ये छोकरा लोग को पता है की अंदर की फोटो नहीं लेने का है…”

मैं- “तो फिर उसने पिक कैसे ले ली?”

अब्दुल बैठ गया फिर समझाते हुए बोला- “क्या है, सबके पास फ़ोन तो रखना ज़रूरी है। भाई ने रूल बना रखा है की कोई भी रण्डी की फोटो वगैरह लेना मना है। जो सस्ती वाली रंड्डयां होती हैं ना, ये पन्टर लोगों के लिए ही होती हैं, जिस रण्डी को जमता है वो इन लोगों के साथ फोटो वीडियो का मना नहीं करती, दूसरा ये की तुम्हारा (मेरी तरफ इशारा करके) आज इन पन्टरों का रूम में प्रोग्राम रखा। इसीलिए उसको लगा की कोई नई लाए हैं, और रूम भी सॉफ तुम लोगों के लिए करा है। ये बात उसको पता नहीं थी और उसने फोटो ले ली…”

मोम ने पूछा - “फिर भी बाकी वर्कर चुपके से भी फोटो ले सकते हैं ना?”

अब्दुल बोला- “ठीक है, भाई ने सबको बोल रखा है, खास करके तुम दोनों का, फिर भी आज ये हो गया। तुम लोग टेन्षन ना लो, मैं कुछ करता हूँ । अच्छा अब तुम लोग डिनर कर लो। मैं चलता हूँ …”

डिनर करने के बाद मैंने बेडशीट के नीचे से वो पैसे निकाल लिए। मोम के चेहरा को देखकर- “उत्तेजित मत हो, ये मुझे टिप में मिले हैं…” हम आधी रात के बाद, अपने ही घर में चोरों के जैसे घुसे।

अब्दुल ने एक बार मुझे बताया था की सी॰सी॰टी॰वी॰ के जो फुटेज कभी भी बाहर नहीं जाते, इसके लिए अलग से दो बंदे बिठा रखे हैं। अकरम ने बहुत पहले मुझे मोम की सी॰डी॰ दी थी जब मुझे मोम के बारे में कुछ भी पता नहीं था।

मैंने नेट पे भी खूब सर्च किया था पर मुझे आज तक हमारा एक भी वीडियो नहीं मिला था। आई थिंक, इस सबसे निकल ना नाएं, तब तक टेन्षन लेने से कोई फ़ायदा नहीं है। जब बदनाम होंगे, तब की तब देखेंगे।
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10-17-2018, 01:00 PM,
#95
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
भाई और मैंने लास्ट तब सेक्स किया था जिस दिन मोम से झगड़ा हुआ था और हमने डिसाइड किया था की हम ये बंद कर देंगे। अगले दिन मार्निंग में, हमने सोचा आज पूरा दिन आराम करेंगे, 10:00 बजे मोम और मैं मस्ती कर रही थीं, मोम ने मेरे कपड़े वाटर स्प्रे से गीले कर दिए तो मैं भी एक स्प्रे पानी से भर के मोम के पीछे भागी। 

फिर मोम बेशर्म होकर नंगी हो गई और कहा- “अब जितना गीला करना है कर…” और मुझसे बचते हुए मुझे पकड़ लिया और मेरी क्लिट को मरोड़ दिया। 

मैं मोम से बचने के लिए अपने रूम की तरफ भागी। मोम ने मेरी कमर पकड़ ली और खुद के साथ मुझे भी गिरा दिया। मैं मोम को रोक रही थी की वो मेरे बदन को कवर करने वाले लास्ट कपड़े यानी टी-शर्ट को ना उतारें। मैंने मोम को धक्का दिया, मैं नंगी अपने रूम में भागी और मोम भी नंगी मेरे पीछे-पीछे आई।

मैं रुक गई और मोम को गुदगुदी करने लगी, तो मोम मुझसे बचने के लिए एक्सर्साइज रूम का दरवाजा पकड़कर मुझसे बचने लगीं। मैं पूरी ताकत से दरवाजा खोल रही थी और मोम हँसती हुई दरवाजा बंद करने की कोशिश की। तभी मुख्य दरवाजा पे बेल बाजी। 

डोरबेल बजी थी, यानी भाई तो नहीं था, कोई कोरियर वाला या ऐसा ही कोई आया होगा, क्योंकी हमारे गेस्ट आल्वेज काल करके ही आते हैं। मैंने मोम को जाने को कहा। मोम जब निकली तो मैंने एक गाण्ड पे जमा दी, मोम ने शाक से मुझे देखा फिर कहा की हमारा खेल खत्म नहीं हुआ और वो वापस आकर इसका बदला लेंगी, मैंने उनको बाइ बाइ का इशारा किया। फिर मोम जल्दी से नीचे गई और मैं अपने रूम में। मोम के कुछ पहन लेने तक डोरबेल बजती रही।

15 मिनट बाद मोम ने; शायद, मुझे चैलेंज करने के लिए; बुलाया तो मैं नंगी ही नीचे गई। तब मैंने देखा की अब्दुल आया हुआ था और मोम उससे बात कर रही थी, जिन्होंने येल्लो कलर की सम्मर ड्रेस पहन ली थी।

अब्दुल ने मुझे देखकर हैरान हुआ, नंगी देखकर नहीं, और कहा- “अरे तू यहां कैसे?” 

मैंने बस कंधे उचका के उसको आँख मार दी। 

फिर अब्दुल ने मोम से आगे कहा- “अच्छा तो तुम तैयार हो लो चलने के लिए। भाई ने बोला, दो होंगी तो ठीक ही रहेगा पर मैं बोल देगा की दूसरी थी नहीं…”

मैंने उसकी बात का मतलब समझने के लिए मोम की तरफ देखकर पूछा- “कहां पे चलना है?”

अब्दुल- “फार्महाउस पे…”

मैं- “अरे यार, कल ही तो इतने सारे लोगों को हम पे छोड़ दिया थे और… …”

मोम ने मेरी बात काटते हुए कहा- “बात क्या है? कोई अकरम की खास पार्टी है आई है क्या?” मोम ने ऐसे कहा जैसे वो समझ गई हों।

और अब्दुल भी मोम की बात पे हाँ में सिर हिलता हुआ सोफे पे बैठ गया।

मोम- “अरे वो फालतू का टाइम पास है, भाई को बड़ा फायदा होगा इसीलिए तुमको (मेरी तरफ हाथ करके) बुलाने को बोला…”

अब्दुल- “एक मोटा सा आदमी ही है, वैसे भी उससे कुछ होगा भी नहीं, खाली बोलता ही रहेगा बस और वो बहुत ही पकाऊ बातें करता है इसलिए उसको सुनना भी पड़ेगा अलग, और उसके लिए (मुझे स्माइल करते हुए देख) तू तो भाग जाएगी मुझे पता है…”

मैं- “अच्छा?” 

अब्दुल- “और नहीं तो क्या? तू चिढ़ती नहीं है क्या तोंद वालों को देखकर…” उसने ऐसे कहा जैसे मुझे जानता हो, मेरा मतलब वो सही कह रहा था।

मोम के बेडरूम में हम चले गये, मैं बेड पर लेट गई, पूरे कपड़े पहने हुये अब्दुल मेरे टिट्स को देखते हुए पास में बैठ गया। मोम ने सम्मर ड्रेस उतार दी जिसके नीचे उन्होंने कुछ नहीं पहना था, नंगी मोम अब्दुल से बातें कर रही थी और साथ ही अपनी चुदाई के लिए तैयार हो रही थी। मोम बट-प्लग को अपनी गाण्ड में डालकर कपबोर्ड से कुछ ढूँढ़ने लगी।

असल में अब्दुल उन टाइप के लोगों में था जो नंगी फ़रतों को देखकर फुदकते नहीं थे। वो हम दोनों को कई बार चुदते देख चुका था, मुझे तो एक-दो बार अकरम के फायदे के लिए पिंप की तरह ले भी जा चुका था, और साथ ही वो हेल्पफुल भी था। उसके इसी नेचर की वजह से मैं उसका आदर करती थी।

मैंने ऐसे ही बातें करने के लिए अब्दुल से पूछा- “अकरम ने अभी कितनी लड़कियों को काम पे लगा रखा है? क्या कभी उनको हमारे जैसे इश्तेमाल नहीं करता? 

अब्दुल बोला- “ऐसा नःीं है, इंतेजाम करने में तो दस लौंडियों को खड़ा कर सकते हैं, तुम लोग क्या है कि, हाई क्लास टाइप की हो ना? अँगरेजी भी बोल लेती हो, 3 हैं जो थोड़ी बहुत तुम लोगों के जैसी हैं, बाकी…” फिर थोड़ा रुक के बोला- “हाँ… एक लड़की थी पहले, मेहर, जिसको तेरे बरोबार मान सकते हैं, लेकिन अब उससे धंधा नहीं करा सकते। तुमको याद है ना वो शेख लोग? जब तुम नई-नई थी और वो तुम दोनों को पहली बार एक साथ में भेजा था, (मैंने हाँ में सिर हिलाया) हाँ तो वो ले गये थे उसको महीने भर के लिए, वो तो उसको खरीदना भी चाहते थे…” 

मेरे होश उड़ गये ये सुनकर- “क्या?”

अब्दुल बोला- “अकरम का बड़ा भाई होता ना उस टाइम, तो बेच ही देता, लेकिन भाई का दिल आ गया था उस पे, इसलिए बात घुमा फिरा के टाल दिया, और जाकर ले आया वापिस…” 

मैंने पूछा- “अब वो लड़की किधर है?”

अब्दुल बोला- “वो अब भाई के घर ही रहती है…”

मैं- “क्या शादी कर ली अकरम ने फिर उससे?” 

अब्दुल हाथ घुमाकर बोला- “नहीं रे, भाई कभी फिर से शादी नहीं करेगा, वो तो रखैल है, भाई ने अपने यहां सब टिप टाप सामान रख रखा है, ताकी उसको कोई परेशानी ना हो। ये राखी भी वहां पे रह चुकी है, कितने टाइम रही थी?” उसने मोम से पूछा।

मोम- “याद नहीं सही से…” मोम ने जवाब दिया, वो बाथरूम में टायलेट सीट पे बैठी हुई थी- “लेकिन ये याद है की तूने खूब मजे किए थे…”

मैंने अब्दुल को कहा- “तुम में तो बड़ी हिम्मत है, अपने बास की पर्सनल सेक्स स्लेव को चोद दिया…” 

मोम ने कहा- “अब्दुल ऐसा नहीं है, वही अकरम की गैर-मौजूदगी का फायदा उठती है और मजे से रहती है…”

अब्दुल हँस पड़ा- “हाँ… अजीब बात है, भाई को कभी पता ही नहीं चला इस बात का…” 
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10-17-2018, 01:00 PM,
#96
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
मोम स्माइल करती बोली- “वो तो पहले दिन ही चला गया था, और तू साला उसके पीछे-पीछे उसकी रखेल की मारने में लग गया…”

अब्दुल- “मैंने कहां उस मेहर को पकड़ा था, मैं तो सिर्फ तुमको एक बार चोदना चाहता था, फिर उसने ही हम दोनों को देख लिया…” मैंने अब्दुल की पैंट में हरकत होते देखी। अब्दुल ने अपनी हसीन याद ताजा करते हुए बताया की उसने कैसे मोम और उस मेहर की 4-5 बार बजाई थी।

मोम ने चुगली करने वाली टोन में बताया- “मेहर मोम से छुपकर अब्दुल के अलावा एक और बंदे से चुदती थी…”

अब्दुल ने कहा की उसको पता है क्योंकी उसने उस लड़के की धुनाई भी कर दी थी।

मोम ने पूछा- “क्या वो अब भी अकरम के पीछे-पीछे गुलछर्रे उड़ाती है? क्योंकी उसको देखकर मुझे नहीं लगता की वो अकरम से संतुष्ट होती थी…” 

अकरम- “तुम सही बोल रही हो। हाँ अब ऐसा वो नहीं करती, नहीं अब नहीं। अब तो कैमरे-वैमरे लगा दिए हैं हर जगह, और दूसरी बात भी है कि वो अब पहले जैसी नहीं है, वो खुद को अकरम की बीवी मानती है, टाइम भी कितना हो गया है उसको भाई के साथ रहते, अकरम भाई भी अब तो अपने बड़े भाई सलमान को भी नहीं छूने देता है…”

मैंने अब्दुल से पूछा- “तुझे कैसे पता?” 

अब्दुल सुनते टाइम अपने लण्ड को थोड़ा मसल दिया जैसे उसको खुजली हो रही हो- “मेहर ने ही मुझे बताया…” 

मोम ने उसको छेड़ते हुए पूछा- “ओहो उसने बताया, कब? तेरी गोदी में भैठकर?” 

अब्दुल शर्मा गया।

फिर मोम ने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया, थोड़ी देर बाद मोम वापस बाथरूम से अपनी गाण्ड तौलिया से पोंछती हुई आई और कपबोर्ड खोलकर ड्रेसेस देखने लगी। अब्दुल की आँखें हसरत से मोम की गाण्ड को देख रही थीं, लेकिन वो खुद पे पूरा कंट्रोल किए हुए बैठ रहा।

मैंने नोटिस किया की अब्दुल, मोम को जो अकरम की एक्स-गर्लफ्रेंड या रखैल जो भी थी उस टाइम भी वो उनको पसंद करता था। मोम ने बताया था की वो अब्दुल से चुदा चुकी है, अब्दुल जो हमेशा वेल बिहेव्ड और नंगी रंडियों के सामने एकदम शांत रहता था, उसने भी एक बार मुझे और मोम को एक साथ चोदा था।

ये सोचते ही मेरा हाथ अपने आप मेरे पास बैठे अब्दुल के लण्ड पे चला गया। अब्दुल ने मुझे देखा, पर कहा कुछ नहीं। मैंने अब्दुल के कान में धीरे से कहा- “तू राखी को चोदना चाहता है, है ना?” 

मोम ने मेरी फुसफुसाहट को सुनकर हमें देखा, अब्दुल ने केयरलेसली ना में सिर हिला दिया।

मैंने कहा- “शर्मा क्यों रहा है?” 

अब्दुल थोड़ा सख्त हो गया था जैसे उसको ऐसा काम करना पसंद नहीं है, और इधर हम दोनों इतनी देर से उसके सामने नंगी बैठी थीं, जैसे की ये नार्मल बात है। हाँ ये नार्मल हो गया था हमारे अकरम के क्लब में इतने सारे लोगों के सामने चुदने और उसके बाद नंगी रहने से। मुझे ये ख्याल आते ही मेरे दिमाग ने मुझसे कहा- “मुझे लास्ट टाइम शर्म कब आई थी?”

मैंने बेशर्मी से अब्दुल का लण्ड बाहर निकाल लिया, जो कब से अपनी अंडरवेर को गीला कर रहा था। 

फिर अकरम का काल अब्दुल को आया, अकरम ने कहा की फार्महाउस 1-2 बजे पहुँच जाना, उनको टाइम लगेगा। काल कट होने के बाद अब्दुल बोला- “वो मोटा ही टाइम खराब कर रहा होगा, अभी तो 11:00 भी नहीं बजे हैं…”

मोम कपबोर्ड बंद करके मुड़ी और मुझे अब्दुल के लण्ड को चेक करते हुए देखने लगी।

मैं- “फिर तो राखी, तुम बैठ जाओ, बहुत टाइम पड़ा है…”

मेरा हाथ अब भी अब्दुल के लण्ड को पकड़े था, मैंने अपनी चुदक्कड़ लाइफ में हर टाइप के; आफ्रिकन को छोड़कर; लण्ड देखे और लिए थे, लेकिन आज तक अब्दुल से लंबा लण्ड नहीं देखा था।

मोम- “तू क्या कर रही है?”

मैं- “मैंने कुछ नहीं किया, ये तो तुझे देखकर चिल्ला रहा था कि ‘मुझे बाहर निकालो, मुझे बाहर निकालो’ और मैंने निकाल लिया, ये है कितना लंबा?” फिर अब्दुल से कहा- “पता है कितने इस तरह के लण्ड खुद के ना होने पे रोते हैं?”

अब्दुल बोला- “पागल है, मैंने कई चूत मारी है, उनमें भी कई तो मेरा पूरा ले नहीं पाती, दर्द से चिल्ला पड़ती हैं, किसी-किसी की चूत छोटी होती है, इधर मेरी खुद अपनी औरत को पूरा नहीं डाल पाता, उसकी भी चूत छोटी है…” 

मुझे खयाल आया की वो भी किसी ऐसे पे मरती होगी जिसका लण्ड वो ले सके। मुझे याद आया की अब्दुल ने अपना लण्ड पूरा मेरी चूत में डाला था, डाक्टर शोभा ने भी कहा था की मेरी चूत भी मोम के जैसी है। हम उसके लण्ड को हाथ में लिए बातें कर रही थी, हम उसको सहलाती रही और खेलती रही, चूमती रही। उसका लण्ड एकदम हार्ड करके नापा भी, वो 8½” इंच से थोड़ा सा लंबा था।

हम दोनों आराम से ब्लो-जाब देती हुई अब्दुल से बातें करती रही। अब्दुल अकरम के बेरहम क्लब और उससे मिले होर वाली जिंदगी से एक अच्छी पाजिटिव वाली चीज थी, इसीलिए हम अपने घर में उसको स्पेशल गेस्ट का दर्जा दे रही थी।

35-40 साल की उम्र का नार्मल चेहरा और फिगर वाला अब्दुल, जिसका बालों वाला बदन मजबूत था, उसके बड़ी घनी झांटों की खेती बरसों से नहीं हुई थी, अच्छा था की लंबा लण्ड था उसका जिसको चूसते टाइम बालों से प्राब्लम नहीं हो रही थी।

अब्दुल कुछ सोचते हुए बोला- “एक बात मुझे समझ में नहीं आई, मोनिका, तुम राखी के घर पे ही रहती हो? मेरा मतलब खाली तुझे ही लेने आना होता है तो तू हुमेशा यही पे मुझे बुलाती है…”

मैंने और मोम ने एक दूसरे को देखा, क्या अब्दुल को पता नहीं था की हम माँ बेटी हैं? 

शायद अकरम ने हमारे राज को अपने किसी भी आदमी को नहीं बताया था। मैंने कहा- “हाँ… मैं मोस्टली यहीं रहती हूँ…”

अब्दुल- “वो क्यों?”

मोम- “जैसे मेहर अकरम की रखेल है, वैसे ही ये मोनिका मेरी रखेल है…” 

मैंने अपने हाथ में अब्दुल के लण्ड को हिलते महसूस किया जैसे ये सुनकर उसको मजा आ गया हो। मैंने अब्दुल को सेक्सी आवाज में कहा- “ये सच है, मैं राखी की गर्लफ्रेंड हूँ…”

अब्दुल- “ओ तेरी, क्या बात कर रही हो?”

हमने अब्दुल को स्पेशल डेमो देना शुरू किया, और इसमें ज्यादा देर भी नहीं लगी। जल्द ही उसका लंबा सा लण्ड मोम की गाण्ड में था जिसको वो कब से निहार रहा था। मेरी चूत मोम चाटती और साथ में मोन करती जा रही थी। 

अब्दुल ने अपना लण्ड मोम की गाण्ड से निकाल लिया तब मोम की गाण्ड खुली थी और मुझे बड़े सेक्सी तरीके से वो छेद चाटने का आर्डर दिया। मैं बड़े चाव से अपनी मिस्ट्रेस की खुली गाण्ड को चूमने लगी, साथ ही उस लण्ड को भी जिसने बट-प्लग के बाद उसको और खोल दिया था।

मैंने अपनी गाण्ड ऊँची करके उसके लण्ड के सामने रख दी- “आह्ह… नहीं गाण्ड में नहीं, चूत में अइस्स्स… ओह्ह… फक्क योर काक फील्स सो गुड इनसाइड मी, कम ओन अब्दुल फक माइ पुस्सी, हार्डर। फक मी हार्डर अब्दुल…” फिर मैं मोनिंग करती हुई मोम की क्लिट पे जीभ फेरती रही, पर मुँह एक जगह टिक नहीं पा रहा था क्योंकी पीछे से अब्दुल जोर-जोर से धक्के मारता मेरी चूत फाड़ने में लगा हुआ था। 
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10-17-2018, 01:01 PM,
#97
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
ये सब मोम किसी रानी की तरह लेटी हुई देख रही थी और उनके चेहरा पे स्माइल थी।

फिर मैंने देखा की अब्दुल अपने आधे लण्ड से ही मुझे चोद रहा था। मैंने उसको कहा- “गिव आल दैट, पूरा का पूरा अब्दुल…” और जब उसने लण्ड आगे बढ़ाया तो- “आह्ह… आह्ह…” मुझे अपनी चूत चिरती हुई महसूस हुई। 

अब्दुल बोला की मैं पूरा नहीं ले पाऊँगी इसलिए वो मेरी गाण्ड चोदने का सजेस्ट करने लगा। 

तब मोम ने कहा- “चूत अभी उतनी गीली नहीं है जितनी होनी चाहिए…” 

तब मुझे याद आया की अब्दुल ने मुझे लास्ट बार चोदा था तब अकरम और उसके कजिन्स ने मुझे और मोम को दबा-दबा के चोदा था, इसीलिए उस टाइम अब्दुल के पूरा डालने पे मुझे दर्द नहीं हुआ था।

फिर मोम ने मुझे लिटा दिया, और अब्दुल के लण्ड को पकड़कर मेरी चूत पे रगड़ने लगी और अब्दुल मोम की चूत में उंगली कर रहा था। मोम मेरे कान में टैबू वाली बातों से- “लेट मम्मी हैंडल दिस फार यू…” कहकर मुझमें हाट कर रही थी, 5 मिनट बाद उस लम्बे लण्ड को (ब्लो-जोब से) गीला करके मेरी चूत में डाल दिया।

मैं- “आह्ह… आह्ह… आह्ह…” 

अब्दुल बड़े जोश में मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चूत मार रहा था। 

और मोम कोठे वाली की तरह अपनी चूत खोलकर अब्दुल को अपनी रण्डी की चूत फाड़ने को बोल रही थी- “धीरे-धीरे पूरा डाल, हाँ इस तरह…”

धीरे-धीरे शाट्स गहरे होते चले गये, जिससे अब्दुल अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में डालता हुआ बड़ा खुश हो रहा था। मुझे लगा की वो इस तरीके को अपनी बीवी से आज रात को ही आजमाने की सोच रहा होगा। उसको मेरी चूत की गहराई में अपने लण्ड पे शायद महसूस हुआ तो उसने मजाक में कहा- “तेरी चूत तो ठुनकी मारती है…” 

मैं- “लग तो नहीं रहा है ना? ऐसा है तो पूरा मत डाल…” 

अब्दुल- “नही, सब ठीक है…” उसने शाट मारते हुए कहा। 

मोम मेरी चूत मसल रही थी और अपनी बेटी को लम्बे लण्ड का मजा लेना सिखा रही थी।

फिर मैंने अब्दुल को मोम की चूत मारने को कहा, क्योंकी मैं थोड़ी तक गई थी। मोम ने उसको लेट जाने को कहा और वो सभी अपने कंट्रोल में रखने के लिए काउगर्ल पोजीशन में उसका लण्ड लेने लगी। अब्दुल ने मुझे अपने पास खींचा और चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।

मोम फट-फट की आवाज के साथ उस खंबे पे बैठती, मुझसे ज्यादा मोनिंग करने लगी। मोम दो बार झड़ गई तब मैं उनकी जगह पे बैठ गई। थोड़ी देर बाद अब्दुल फिर से मुझे मिशनरी पोजीशन में लाकर मेरे ऊपर चढ़ गया। 

मैं- “आह्ह… माँ मेरी चूत आअह्ह… आऽ ओह्ह… माई गोड इट्स सो बिग, सो डीप आह्ह… फक आऽ आऽ आह्ह… अब्दुल। आऽ आऽ आई लोव दिस… फक हाँ हाँ…”

मेरी चूत से पानी निकलने के बाद मोम और मैंने मिलकर उसका लण्ड चूसा, फिर मोम डागी स्टाइल में आ गई और अब्दुल ने मोम की चूत जम के मारी। 

मोम- “आआह्ह… मार और मार और जोरों से आह्ह… आह्ह… ओह्ह… या फक मी आआह्ह… हरामजादे चोद मुझे आह्ह… मेरी चूत हाँ अब्दुल इस तरह ऐसे ही… हाँ हाँ ओह्ह गोड… ऊऊ आन हाँ हाँ हूंम्म्म…” 

फिर अब्दुल अपना लण्ड बाहर निकालकर मोम की बैक पे अपना वीर्य गिरा दिया। मैंने देखा की 10 मिनट बाकी थे 12:00 बजने में।

हम तीनों थके हारे बेड पे नंगे लेटे हुए बातें करने लगे, अब्दुल का लण्ड मुरझा जाने पर किसी नार्मल कड़े लण्ड जितना इतना ही छोटा हुआ। मैंने उसको बातों-बातों में घुमा और पलट रही थी। मैंने सोचा उससे जल्दी फ्रेश महसूस करने लगी थी। हो सकता है अब्दुल के मोम को ले जाने से पहले एक राउंड हो सकता था, और इस बार मैं अपनी गाण्ड पहली बार अब्दुल से चुदाना चाहती थी।

जब अब्दुल ने मेरी रिक्वेस्ट पे मेरी गाण्ड की गहराई में अपना पूरा लण्ड डाला तो मुझे अलग ही महसूस हो रहा था। उसके इतना डीप में जाने के एहसास को मैं बता नहीं सकती। मैं अपनी चूत मसलने के लिए हाथ रखे थी पर उसकी जरूरत नहीं पड़ रही थी, क्योंकी वो मेरी गाण्ड मार ही ऐसे रहा था की सारे तार झंझना रहे थे। हम अब भी मोम के बेडरूम में थे पर मोम घर में कहीं पे थी।

और जब मोम 10-15 मिनट बाद मेरी गाण्ड फाड़ू चुदाई देखने आई तो मैंने मोम को कहा- “आप स्ट्ैप ओन पहन लो…” 

मोम ने कहा- “मुझको जाना भी तो है?” फिर भी मोम एक डिल्डो लेकर मेरी चूत में डालते हुए क्लिट को मसलने लगी।

मैं- “ओह्ह गोड… ओह्ह… दैट फीलस सो गुड ऊह्ह… राखी फक मी, आऽ फक आई लोव यू राखी…” मैंने अपने ऊपर काबू रखा की कहीं मैं मोम को ‘मोम’ ना बोल दूं। फिर भी मेरे मुँह से उफ्फ आऽ निकलती रही।

मोम ने अपनी एनर्जी बचाने के लिए बस इतना ही किया लेकिन मोस्टली ये टाइम तो मेरी गाण्ड मराई का था, जो बहुत ही फाड़ू था, और मेरी गाण्ड अब्दुल का वीर्य से भर जाने पे खत्म हुआ।

अब्दुल थका हुआ- “या खुदा…” कहकर बेड पे गिर पड़ा- “हाँ… हाँ खुदा करे, तुम दोनों हजारो सालों तक जवान ही रहो, और हर मर्तबा मुझे ऐसी जन्नत की हूर नशीब हो…” 

मुझे और मोम को हँसी आ गई।

जब हम मोम का बनाया जूस पी रहे थे, तब अकरम ने मोम के फोन पे काल किया। उसने पूछा की अब्दुल यहीं पे है क्या? फिर हाँ में जवाब सुनकर, उसने वही अपने ‘खास मेहमान’ के बारे में बताया जिसको हमें एंटरटेन करना है, के लिए मुझे और मोम को अब्दुल के साथ आ जाने का बोलकर अकरम ने काल कट कर दिया। मैं थकी हुई थी और जी भर के सोने का मन था, इसलिए मोम और अब्दुल ने मुझे शावर में अपने साथ नहलाया और मैं मोम के साथ अधूरे मन से तैयार हुई।

पूरे दिन हम उस मोटे भैंसे टाइप अकरम के खास कस्टमर के साथ रहे, नहीं उसमें चोदने की ताकत नहीं थी (थैंक्स गोड), फिर भी हमको बस उसका ‘खयाल’ रखना था। और अजीब बात ये थी की ‘कुछ’ भी ना ‘करने’ के हमें इतने पैसे मिले की जितने हमको 4 लोगों से चुदने पे भी नहीं मिलते। अब्दुल ने हमें 8:00 बजे के आसपास ड्राप किया। 

अंदर जाते हुए मैंने कहा- “पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा है की हमने आज उस भैंसे से नहीं बल्कि अब्दुल के साथ सोने के पैसे कमाए हैं…” 

मोम पीछे दरवाजा बंद करती हुई बोली- “और मेरे खयाल से उस मोटे ने हमारा बिल भरा है और मजे अब्दुल ने लिए हैं…”

मोम के बेडरूम के बाथरूम के बाथटब में बैठकर हम उस मोटे के बारे में बातें करने लगी। 

मैं- “ह्म्म… मैं उसके साथ एक दिन और गुजार सकती हूँ, अगर वो कम से कम आज जितने पैसे दे तो…”

मोम- “मैं उसके साथ फिर तो नहीं जाऊँगी, अगर वो अपने किसी मस्क्युलर बाडी गार्ड को भी इनक्लूड कर दे तब चलेगा…”

मैंने कहा- “ऊओह्ह… आपको तो हर टाइम लण्ड चाहिए होते हैं, कभी शांति से बैठ भी जाया करो…”

मोम- “अच्छा? अभी आदी आता ही होगा फिर तू भी ‘फक मी फक मी’ चिल्लाती दिखाई देगी…”

मैं- “हाँ… कम से कम उस टाइम तो आप रंडियों जैसे तो नहीं रहोगी…”

मोम- “ठीक है ठीक है। बाइ द वे मैं सोच रही थी अब तक हमने इस टाइप की कमाई को इश्तेमाल नहीं किया है, उससे कुछ लेना हो तो क्या लेना चाहिए?”

मैंने अभी तक इस बारे में सोचा था पर वो सारे आप्षन सही नहीं लग रहे थे। मैंने कहा- “मैं सोचती हूँ कि अभी कुछ नहीं करना इन पैसों का। अगर कोई इनवेस्टमेंट करते हैं, या कार या ऐसे ही कोई बड़ी चीज खरीदेंगे तो भाई को भी तो जवाब देना पड़ेगा…”

मोम- “ह्म्म… मैंने भी यही सोचा था, इसीलिए तो तुझसे पूछ रही हूँ…”

मैंने कहा- “अगर बड़ा इनवेस्टमेंट करना है तो फर्स्ट आफ आल हमें भाई के लिए कोई सालिड एक्सक्यूस सोचना चाहिए…”
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10-17-2018, 01:01 PM,
#98
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
फिर हम सोचती रही। 15 मिनट बाद आवाज से पता चला की भाई घर आया है। कुछ देर बाद मोम और मैं बातें करती बाथटब से निकली। मोम ने बाथरोब पहन लिया था और मैं तौलिया से खुद को पोंछ रही थी।

भाई बेडरूम से चिल्ला के खाने के बारे में कुछ बोल रहा था। हम बाथरूम से बाहर आ गये, मैंने तौलिया लपेट लिया था। हम दोनों को एक साथ बाथरूम से निकलते देखकर जब भाई चुप हो गया तब हमें गलती का एहसास हुआ। मोम ने आकवर्ड साइलेन्स तोड़ते हुए कहा की अभी उनको डिनर बनाना है।

भाई- “क्या मोम, मुझे अभी बहुत भूख लगी है…” 

मोम बेड की तरफ जाकर बोली- “तो फिर बाहर से आर्डर करे ले…” 

भाई- “बाहर का? प्लीज़्ज़… आप बना लो ना, कोई जल्दी नहीं है…” 

फिर मोम ने उसके गाल पे प्यार से हाथ फेर दिया- “ठीक है…”

लेकिन ये प्यार भरा मोमेंट अचानक से चेंज हो गया, जब भाई की नजर बेड पे रखी एक चीज पे पड़ी- “ये क्या?” ये वही डिल्डो था जिसको मोम मेरी चूत में डाल रही थी जब अब्दुल मेरी गाण्ड चोद रहा था। 

इस महा आकवर्ड सिचुयेशन से भाई निकलने के लिए यहां वहां देखकर- “उम्म… ओके, डिनर तैयार हो जाए तो मुझे बुला लेना…” फिर बिना हमारी तरफ देखे रूम से बाहर चला गया।
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10-17-2018, 01:01 PM,
#99
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
मोम और मैं एक दूसरे का मुँह देखते रह गये, एक पराया मर्द आदी की माँ बहन को इसी बेड पे चोदकर एक दलाल के जैसे चुदवाने ले गया था।

मोम बोली- “अब? अब क्या करे?”

तभी मुझे याद आया, मोम जब तुषार के साथ थी और भाई ने वो सब सुन लिया था, तब मैंने भाई को मेरे और मोम के सेक्सुअल रिलेशन के बारे में बताया था।

मैं- “मोम कोई नुकसान नहीं हुआ है…”

मोम टेन्षन में आते हुए- “क्या मतलब है तेरा, तुझे पता है ना दिन को इस बेड पे, इस रूम में क्या हुआ था?” 

शरम मुझसे भाग गई थी पर मोम का पीछा नहीं छोड़ा उसने।

मैं- “भाई को ये नहीं पता, लेकिन वो अब ये समझता है की (डिल्डो की तरफ इशारा करते हुए) इसका इश्तेमाल सिर्फ़ हमने किया है, कम से कम हम में से एक ने…”

मोम- “मतलब?”

फिर मैंने धीमी आवाज़ में मोम को तुषार और उनके सेक्स के टाइम वाली सारी कहानी बता दी।

मोम के होश उड़ गये और वो बेड पे बैठ गई- “आदी ने वो सब सुना भी और… और तुझे…” मोम ने बेडरूम के खुले दरवाजा से काउच की तरफ देखा जैसे अब भी वहां आदी मेरा मुँह बंद कर मुझे जबरदस्ती चोद रहा हो।

मैंने आगे कहा- “सवाल ये है की भाई को हमारे लेस्बियन रिलेशन के बारे में पता है, और उसने इस डिल्डो को देखकर यही सोचा होगा की हम उसके आने से पहले सेक्स कर रही थीं…”

मोम- “उसको पहले से पता है तो फिर, हम दोनों को देखकर उसके दिमाग में कैसे-कैसे खयाल आते होंगे?”

मैं- “उसके दिमाग में क्या-क्या खयाल आते हैं, वो आपको अच्छे से पता है? सही में मोम आप आदी के मामले में बहुत ही टेन्षन लेती हो, मुझे ये बिल्कुल भी पसंद नहीं है, वो आपको कब से प्यार करता है और हम कैसे-कैसे लोगों से?”

मोम- “वो मेरा बेटा है…” मोम ने आवाज़ नीची रखते हुए गुस्से में कहा।

मैं- “और मैं उसकी बहन…”

हम एक दूसरे को घूर्ने लगे, दोनों ने अपनी पलकें झपकाई नहीं, फिर मोम हार गई, मोम फिर धीरे से बोली- “फिर?” कहकर मोम शांत हो गईं।

तब मैंने दरवाजा बंद करके मोम के पास बैठकर कहा- “आदी कोई बच्चा नहीं है, वो सब देखता है और समझता है, आपको क्या लगता है की जब हमको थका हुआ घर आते देखता है, तो वो कुछ सोचता नहीं? याद है वो कॉन्सर्ट वाली रात, आपकी गाण्ड दर्द कर रही थी? पता है भाई को एक मिनट में सब पता चल गया था, और अगले दिन आखिरकार, उसने मुझसे पूछ ही लिया की आप किसके साथ थी?”

मोम एकदम से चकित हो गईं।

मैं- “तब मैंने उसको कहा, आप गुस्सा मत करना , मुझे ये बहाना बनाना पड़ा, मैंने उसको बोला की हमने (अपने आगे लण्ड का इशारा करके) सेक्स किया है…”

मोम हैरान होकर बोली- “ओह्हह गॉड… तूने ये क्यों कहा? और कोई बात नहीं बोल सकती थी?”

मैं- “अरे आगे सुनो तो- उसने ये बात आक्सेप्ट कर ली, मोम, और देखो, ये बात मान के भी वो हमारे सामने पहले की तरह ही नॉर्मल रहता है…”

मोम- “अरे हाँ…” मोम ने ऐसे कहा की जैसे उनको ऑप्षन मिल गया हो- “वो तो नॉर्मल रहता है, आखिरकार, रहेगा क्यों नहीं, तू ही उसको बोलती रहती होगी की ‘टेन्षन मत ले मैं तेरी हेल्प करूँगी’ फिर मुझे बोलती है ‘मोम, अपने बेटे से मरवा लो, बहुत प्यार करता है आपसे, ये… वो… पता नहीं क्या-क्या?” मैं स्माइल कर रही थी क्योंकी इससे मोम और नहीं भड़कती, और मोम भी खुद को हँसने से रोकते हुए आगे बोली- “तुम दोनों मिलकर मुझे बेड से बाँध दो, फिर कर लो जो करना है…”

मैंने मजे लेते हुए कहा- “हाँ… अब तो ऐसा ही करेंगे…”

मोम भी चालू हो गई- “हे राम। अपनी माँ के लिए कोई आदर ही नहीं है, तभी तो मुझे ऐसा सिस्टम बनाकर रखना पड़ता है, वरना पता नहीं कब का बेच आते मुझे…”

मैं- “क्या मोम, आपको ऐसा लगता है? आपका आदी ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेगा, आई एम श्योर…” मैंने मोम की बैक पे हाथ रखते हुए कहा।

मोम- “और तू ?”

मैं- “पहला चान्स मिलते ही…”

मोम- “तेरी तो…”

मैं- “सारी सारी सारी… मैं मज़ाक कर रही थी आआ…” मैं हँसते हुए मोम की मार से बच रही थी।

जोक खतम होने के बाद मोम ने कहा- “अब आदी के सामने मुझसे जाया नहीं जाएगा…”

मैंने मोम को कहा- “पता है उस दिन भाई ने आपकी गाण्ड के दर्द को देखकर मुझसे पूछा था ना की आप किसके साथ थी? उसके बाद मुझे अंदाज़ा हुआ, ये की उसको पता तो चल जाता होगा, यू नो , हम दोनों, इतनी अकल तो है ही उसमें…”

मोम- “उंह्हह, ऐसा नहीं है…”

मैं- “ऐसा ही है, पर वो बोलता नहीं है…”

मोम मुझे ‘ई डोन्ट बिलीव इट’ वाले लुक से देख रही थी, मैंने ‘आस योर विश’ के इशारे से कहा- “इसका प्रूफ़ भी आप देख लेना, अभी वो कैसे बिहेव करता है, ये जान के की हमने लेस्बियन सेक्स किया है…”
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10-17-2018, 01:01 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का और सेक्स एडवेंचर
11:00 बजे मोम अपने रूम में चली गई, भाई टीवी देखने के बहाने इंतेजार कर रहा था की मोम पहले सो जाएं फिर… लेकिन मैं उसके सवालों के जवाब नहीं देना चाहती थी, इसलिए मैं रुक के मोम के रूम में चली गई, जहां पे मोम धीमी आवाज से फोन पे, प्यार से बातें कर रही थी- “पता है ना आपको? ओके तो ले लेना… मोना के लिए? हाहाहा… फिर उसको बोलूँ कि ये तेरे डैड की तरफ से है क्या? हाँ? (फिर खूब हँसने लगती है) नोट मी… हाहाहा… ओके अब मुझे नींद आ रही है, हाँ… गुडनाइट… आई लोव यू टू…” और किस के बाद डैड का काल कट हो जाता है और मोम बेड पे पड़ी किताब और फोन को साइड में रख देती हैं।

मुझे रूम आते और दरवाजा लाक करते देखकर मोम ने अपना आलमोस्ट खुला हुआ सिल्क रोब उतारकर साइड में रख दिया। मोम हमेशा की तरह नंगे बदन खूबसूरत लग रही थीं। कितनी मेहनत करनी पड़ती है ऐसे बदन को जवान रखने में, या उनके अंदर ही कोई मैजिकल पावर है? होगी शायद, वरना मैं ऐसे ही उनकी तरफ खिंची चली ना जाती। गई तो बात करने को ही, पर बातें सिर्फ बदन करने लगे थे, या फिर बात हो रही थी, बस तरीका अलग है, हाँ… और जो बात कहनी थी, करनी थी वो भी किसको लेकर। लिपटकर मोम मेरे बालों की खुश्बू में खुली आँखों से कुछ सोच रही थी लेकिन वो मेरे हार्ड टिट को उंगलियों से सहला रही थी।

मोम- “मोना…” 

मैं- “ह्म्म?” 

मोम- “उस रात, आदी ने मुझे देखा भी था, है ना?” 

मुझे अजीब लगा की डैड से बात करने के बाद मोम के दिमाग में ये बात चल रही थी- “हाँ, आप बेध्यानी में किचेन में चली गई थी और उसने आपकी बैक साइड देखी थी…” 

मोम- “उसको पता चला होगा की मैं… …” 

मैंने सोचा की शायद, उसने अगर कभी किसी लड़की को मास्टरबेशन के बाद की हालत में देखा हो तो वो समझ जाता, लेकिन मैंने मोम को टेन्शन नहीं देना चाहती थी, कहा- “नहीं, अगर उसने सोचा भी होता की आप किसी मर्द के साथ हैं, तो वो पक्का आपके रूम में जाकर देखता…”

मोम ने हँसकर कहा- “हाँ… तेरी बात सही है…” फिर थोड़ी देर शांति के बाद मोम ने मुझे वो सब वापस बताने को कहा। 

मैंने एक पल मोम को देखा की वो ये फिर से क्यों सुनना चाहती है, फिर भी मैंने उनको बता दिया। कैसे उसने मोम की सेक्सी आवाज सुन ली थी? मैं उसके खड़े लण्ड पे उसको शर्म का एहसास कराकर उसको वहां से भागना चाहती थी, पर कैसे वो गरम और सेक्स का भूखा हो गया था? कैसे उसने मोम की आवाज को ऐसा बना लिया जैसे वो मोम को चोद रहा हो? 

मोम ये सुनकर सोच में पड़ गई, उनका दिल धड़क रहा था।

मैंने कहा- “लेकिन मोम उस सबके बाद हम दोनों रियल में एक दूसरे से प्यार कर रहे थे, वो आपकी आवाज पे ध्यान नहीं दे रहा था, जबकी तुषार की भी हल्की आवाज आ रही थी जिसको वो सुन ही नहीं पाया, क्योंकी ही वाज इन लोव, डीपली, आफ्टर दैट ही डिडन्ट इमेजिन यू…”

मोम- “तूने कहा था की वो इतना जंगली हो गया था जितना पहले नहीं हुआ था, सच में ऐसा ही था?” 

मैंने हाँ में सिर हिलाया, मोम ने मेरी आँखों में देखा, उसमें बात का मतलब पढ़ लिया, मोम सोच रही थी की आदी सच में उनकी आवाज और उनके साथ सेक्स की कल्पना करके जंगली हुआ था, तो कैसा लग रहा होगा? मोम की आँखों में अलग ही बात थी जो मुझे अभी समझ में नहीं आई।

मैं- “मोम मैं कई बार आपको बता चुकी हूँ, ही रियली लव्स यू…” 

मोम ने मुझे जवाब नहीं दिया, तब मुझे मोम की आँखों की फीलिंग समझ में आई, वो स्वीकार कर रही थी, वो ना चाहते हुए भी ये बात आखिर समझ गई थी की आदी, उनका बेटा, सिर्फ बेटा नहीं था, वो कुछ और भी था।
अकरम ने अगले दिन फोन किया तो हमारा मूड खराब हो गया। 

मैं- “ओह्ह गोड… फिर से?” 

पर जब काल रिसिव करने के बाद उसने हमको कल उस मोटे आदमी के साथ रहने के लिए थैंक्स कहा और ये भी की कुछ टाइम तक वो ‘बाहर’ होगा। तब हमें कुछ शांति हुई। काश वो हमेशा के लिए बाहर ही रहे। 

भले ही भाई के लिए हम माँ बेटी का सेक्सुअल रीलेशन नार्मल हो। तब भी मोम के कहने पे हमने ये रीलेशन जाहिर नहीं किया था और हम पहले जैसे छुपकर रहती थी।

मोम ने मुझे वार्निंग देने वाली टोन में कहा- “इसका गलत फायदा मत उठना तू। समझी…” 

लेकिन फायदा तो इतना सारा मिला था की अब मुझे पहले से ज्यादा फ्रीडम मिल गई थी और मोम अब योगा करने के लिए कभी-कभी बाय-शार्टस पहनने लगी थी। इसकी वजह ये भी हो सकती है की भाई अब पहले जैसे घूरता नहीं था। भाई इन मामलों में इतना मेच्योर हो गया था की मोम की सेक्सी गाण्ड योगा के टाइम शार्टस में देखकर भी वो अपना ध्यान हटाकर लण्ड को शांत रखता था, और हमें पूरे टाइम टेंट देखने को नहीं मिलता था।

इतने टाइम से धीरे-धीरे हम खुलते जा रहे थे। सेक्सी योगा आउटफिट हो, या रिवीलिंग कपड़े। भाई के लिए अब ये नार्मल हो गया था। उस दिन मोम के भाई पर चिल्लाने वाले इन्सिडेंट और भाई का हमारे बारे में जानने के बाद इसका मिला-जुला असर ये हुआ की कभी-कभी मोम भाई की प्रेजेन्स में ब्रा पैंटी में भी यहां वहां आती जाती थीं। ऐसा तब होता जब वो आफिस से थकी हुई आती या जल्दबाजी वाले मोमेंट में उनको भाई के देखने से कोई प्राब्लम नहीं होती थी।

हमारे ‘रण्डी जाब’ की छुट्टी में भाई आफिस में बिजी रहा। वो किसी बड़े प्राजेक्ट को हैंडल कर रहा था। मोम भी टेन्शन में थी की वो पहली बार सारा काम खुद ही हैंडल कर रहा था। 

मैंने मोम से पूछा- “आप उसकी हेल्प क्यों नहीं कर रही?” 

मोम ने कहा- “वैसे ये आदी ने कहा की उसको वो प्राजेक्ट खुद ही पूरा करना है…” 

लेकिन एक तरह से मोम खुश भी थी की भाई अब कंपनी चलाने लगा था और मोम धीरे-धीरे फ्री हो रही थी। मोम ने मजाक में कहा- “अब मुझको ऐयाशी करने का और टाइम मिला करेगा…” 

लेकिन उसी रात को मोम ने मुझे चिढ़ा दिया जब मैंने उनसे कहा- “अब से मैं भाई की आफिस की टेन्शन कम करने में ‘हेल्प’ कर दिया करूँगी…”

मोम ने कहा- “तेरे एग्जाम आने वाले हैं, तो तुझे स्टडी करनी चाहिए। इतने टाइम तुझे जो छूट मिली हुई थी। अब इसकी वजह से तेरा फाइनल खराब नहीं होना चाहिए। एट्सेटरा एट्सेटरा…” 

इसलिये, इसके कुछ दिन बाद कुछ खास नहीं हुआ, और ना ही कुछ करने दिया गया। उल्टा मोम ने भाई को अपने काम ना करने के लिए अलाऊ कर दिया जैसे की मार्निंग में लेट उठना, एक्सर्साइज ना करना, अपना रूम क्लीन ना करना, और बाकी छोटे-छोटे काम।

मैं और मोम अकरम के काल आने के बाद डाक्टर शोभा से हेल्थ चेकप के लिए गईं। तब डाक्टर शोभा हम माँ बेटी के इस तरह एक साथ सेक्सुअली आक्टिव होने से बेहोश होते-होते बची। वो मेरी सेक्स अडिक्टिव मोम को कई सालों से जानती हैं, और अब वो मेरे बारे में अभी तक की 3 मुलाकातों में इतना जान गई थी की मैं भी अपनी मोम की तरह ‘एक’ से संतुष्ट नहीं होती। हमने उनको बताया तो नहीं था पर फिर भी समझ जाने की बात थी की हम ‘कौन’ हैं।

मेरे लिए ये थोड़ा वियर्ड था की वो इतना जानकर भी मोम की दोस्त थी। मोम ने मुझे बाद में डाक्टर शोभा के बारे में बताया। लेकिन ये अलग और लंबी कहानी है, सो फिर कभी।

कुछ दिनों बाद मार्निंग में अंजली आंटी आई थी। फिर वो मोम को अपने साथ शापिंग के लिए ले गई। दोपहर को मुझे मोम का काल आया की वो कुछ फाइल्स आफिस ले जाने वाली थी, पर वो भूल गई। इसलिए मुझे आफिस जाकर वो फाइल्स भाई को देने को कहा। फिर इतना कहने के बाद मुझे उनकी आवाज के पीछे से सरिता आंटी की भी आवाज सुनाई दी।

मोम अपनी दोस्त से बात करने में काल कट करना भूल गई थी। जब मैं काल कट करने वाली थी तब मैंने अंजली आंटी को ये कहते सुना- “कम हियर लेडीस। दिस काक इस रियली डेलीशियस… वांट दि फक…” 

मैंने अपने फोन को अपने कानों में और अंदर घुसा लिया। मुझे तो यकीन नहीं हुआ की सरिता आंटी भी इनके ग्रुप में शामिल हैं। सरिता आंटी को देखकर भी कोई ऐसा सोच ही नहीं सकता। वो मोम और अंजली आंटी की तरह हाट नहीं हैं। सरिता आंटी थोड़ी मोटी और उनका चेहरा क्यूट और मदर्ली लुक वाला है।

मैं काल कट कर देती, पर नहीं कर पा रही थी और सुनने बैठ गई, वो भी फोन की फुल वाल्यूम करके। मुझे इतना पता चला की अंजली आंटी ने उसको (पुरुष एस्कार्ट, उनका दोस्त) बुलाया था पार्टी करने के लिए। 20 मिनट तक मुझे ये स्पेशल प्रोग्राम सुनने को मिला। उनकी बातें कभी कुछ हद तक क्लियर तो कभी सुनाई ही नहीं दी, लेकिन ये मुझे सही से पता चल गया की किसने कितने मजे किए। सरिता आंटी की बातें सुनकर मेरे मन में उनकी इमेज टोटली बदल गई। दुर्भाग्यवश कुछ देर बाद मोम के फोन की बैटरी आफ हो गई।

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