Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
08-17-2018, 02:18 PM,
#51
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.....................


हाय क्या चमकायी है तूने सैडल एक दम मस्त चमक गयी है अब तो तुझसे ही करवाऊगी साफ तूने तो इसको एकदम नयी बना दिया है। हाय तेरे जैसे बेटा मुझे आज तक नंही मिला अगर १० साल पहले मिलता तो तुझसे शादी कर लेती और तेरे बच्चे जनती। तो अब कर लो शादी माँ मै तो तुम्हारा बनने को तैयार हूँ नंही रे अब मैं बच्चे नंही जन सकती न चल छोड उसे देख तूने मेरे को छुये बिना मेरा क्या हाल कर दिया है। देख मेरी चूत फिर से एक दम गीली हो गयी है। देख कितना रस से भर गयी है। लाओ माँ मैं चूस कर इसका भी रस पी लेता हूँ नंही रे ये तो खजाना है जब तू मेरे पूरे बदन का पसीना पी लेगा तभी दूंगी तुझे अपनी चूत चूसने को। नंही माँ मैं तुमको इस तरह से तडपते हुये नंही देख सकता तुम्हारा पसीना पीने में तो मुझे बहुत वक्त लगेगा और मैं नंही चाहाता मेरी माँ चूत की गर्मी मे तपती रहे। हाय रे तू कितना लाड करता है अपनी माँ का ठीक है कर ले अप्नी मन मर्जी और झडा दे मेरी गर्मी कर दे मेरी चूत को शांत चूत शांत होगी तो शायाद मैं भी अपना बदन चटवाने का पूरा मजा ले संकू। ले आजा चूस ले मेरी चूत मेरे लाल मुझसे भी नंही रहा जा रहा मेरी चूत जब तक तू चूस के झडायेगा नंही मैं बदन चटावाने का मजा नंही ले पाऊगी। और ये मेरी निगोडी चूत मुझे जला देगी तू बुझा दे अपनी माँ चूत की आग मेरे लाल बोल बुझायेगा ना मेरे राजा बेटे हाँ माँ बेटे का तो ये फर्ज है की माँ को हर हाल मे खुश रखे मैं जरुर तुमको शांत करूंगा माँ लाओ अपनी चूत खोलो मैं अभी चूसता हूँ तुम्हारी चूत। हाय मेरे लाल तुझे अपन दूध तो मैं न पिला सकी पर अपनी चूत का रस जरुर पीलऊगी।

और तेरे जैसे जवान मर्द के लिये चूत रस बहुत जरुरी है रोज लोटे भर चूत रस के सेवन से तेरा लंड को शक्ति मिलेगी और वह और लम्बा और मोटा हो कर कई जवान और बडी उमर की औरतो की चूत का उद्धार करेगा। फिर माँ सोफे पर अपनी आगे को खिसक कर बैठ गयी जिससे उनकी चूत एक दम किनारे पर आ गयी और माँ ने अपनी मोटी जाँधे खोल कर अपनी चूत मेरे सामने कर दी। माँ की चूत का द्वार खुला हुआ था और वह एक दम गीली थी। चूत के अंदर का लाल रंग चूत मे से साफ चमक रहा था और बहुत ही सुंदर लग रहा था। ले बेटा खोल दी तेरी निर्लज्ज माँ ने अपनी चूत आ जा बेटा तू भी मादर चोद चूस ले मेरी चूत अब और देर मत कर नंही तो कंही मैं बदन की गर्मी मे जल कर राख ही न हो जांऊ। देख मेरे राजा बेटे मेरी चूत एक दम खुली हुयी है और इसका रस रुक ही नंही रहा है देख सोफा भी गीला हो गया इसके रस से मेरा चूत रस बर्बाद मत होने दे मेरे लाल पी जा मेरा चूत रस। रीमा की मोटी जाँधे एक दम खुली हुयी थी और उसकी लाल लाल चूत एक दम साफ दिखायी दे रही थी। और उसकी चूत के दोनो फाँके एक दम गीली हो चुकी थी। मैं रीमा की टाँगो के बीच बैठ गया और उसकी चूत का एक चुम्बन ले लिया रीमा के मुँह से एक करहा निकल गयी मेरा उसकी गर्म चूत चूमना उसे अच्छा लगा श्याद। फिर मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत का रस जो बाहर लगा हुया था चाटना शुरु कर दिया उसके चूत रस के स्वाद का अब तक मुझे चस्का लग चुका था और उसका चूत रस मेरे लिये किसी नशे से कम नंही था। रीमा चूत चूसे जाने से गर्म हो रही थी और उसके बदन की गर्मी की वजह से उसे और पसीना आ रहा था जो अब उसके बदन पर बह रहा था। रीमा ने अपनी उंगलियाँ अपने मुँह मे घुसा कर उसे चूस रही थी और उसके मुँह से मस्ती भरी करहा निकल रही थी। चूत को बाहर से चाटने के बात मैंने उसकी चूत को फिर एक बार चूमा और फिर मुँह मे भर कर उसकी चूत मे भरा रस पीने लगा कफी रसीली चूत की मालकिन थी रीमा। थोडी देर उसकी चूत को मुँह मे भर कर चूसने के बाद मैंने उसकी चूत के एक फाँक अपने मुह मैं भरी और चूसने लगा जिससे मेरा होंठ उसके चूत के अंदर रगड रहा था जिससे रीमा को अलग ही उत्तेजना हुयी और वह मस्ती में करहाते हुये बोली हाय रे रंडी की औलाद क्या कर रहा है ये मेरी मस्ती झडाने के लिये चूस रहा है चूत या बढाने के लिये साले ऐसे तो मेरी गर्मी और बढ गयी है।
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08-17-2018, 02:18 PM,
#52
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चूस मादर चोद चूस निकाल ले सारा रस मेरी चूत से साली निगोडी तेरे होंठो से कुछ ज्यादा ही प्यार करती है। देख कैसे ही उससे मिलन होने के बाद अपनी चूत का रस पीला रही है उसे सली कुत्तिया मुझे इतना तडपाती और तुझे अपने चूत रस का प्रसाद दे रही है। अच्छे से रीमा की चूत की एक फाँक चूसने के बाद मैंने कहा क्यो न हो माँ मैं उसकी इतनी सेवा भी तो करता हूँ मैं उसे इतना मजा देता हूँ तो क्या चूत मुझे अपने रस कर प्रसाद नंही देगी। अखिर वह मेरे लंड की माँ है उसे भी तो अपने लाडले लंड का ख्याल रखाना है मुझे चूत रस पीलायेगी तभी तो लंड को ताकत आयेगी और वह माँ की सेवा करेगा। तो मेरी भोसड चोद रुका क्यो दूसरी फाँक भी तो चूस कि एक में ही तेरा पेट भर गया। नंही माँ अभी चूसता हूँ। कह कर मैंने दूसरी फाँक अपने मुँह मे भरी और उसे चूसने लगा। रीमा मेरे बालो मे अपनी उंगलियाँ फिराते हुये मुझे गाली बक रही थी और जोर जोर से चूसने के लिये कह रही थी। मैंने भी जम कर उसकी चूत की दूसरी फाँक भी चूसी और उसमे लगा चूत रस पी लिया। अब रीमा की चूत के बाहर लगा हुया सारा रस मैंने पी लिया था और रस की एक भी बूंद मैंने नंही छोडी थी। फिर मैंने अपनी जीभ रीमा की चूत के अंदर घुसेड दी और रीमा की चूत के दीवारो के अपनी जीभ से कुरेदने लगा। रीमा की चूत अंदर से बहुत ही संवेदनशील थी मेरी जीभ लगते ही रीमा उछल पडी और घीरे से वह अपने चूतड हिलाने लगी वह खुद अपनी चूत मेरी जीभ पर रगड रही थी और मजा ले रही थी।

फिर मैंने अपनी जीभ थोडी कडी की और अपनी आधी जीभ चूत के अंदर घुसा दी। और अपना सर आगे पीछे कर कर रीमा की चूत अपनी जीभ से चोदने लगा। रीमा की चूत बहुत की गर्म हो चुकी थी जिसका अहसास मुझे अपनी जीभ पर हो रहा था। पर रीमा की चूत का बहता रस मुझे उसकी चूत चोदने में मदद कर रहा था। चूत का रस चूत से निकल कर जीभ पर पडता और फिर मेरे मुँह मे उतर जाता। रीमा भी अपने चूतड जोर से हीला रही थी वह ज्यादा से ज्यादा जीभ अपनी चूत में लेकर चुदना चाहाती थी। मैंने अपने हाथो से रीमा की चूत की फांके पकडी और उसकी चूत खोल दी उसकी चूत की लाली एक दम मेरी आँखो के सामने आ गयी क्या मस्त माल थी मेरी रीमा। उसकी चूत के अंदर बहुत सारा चूत रस लगा हुया था। जिसे देख कर मैं मचल उठा और मैंने अपनी जीभ से चूत के अंदर लगे चूत रस को चाटने लगा। चूत रस चाटने के बाद मैंने अपनी जीभ फिर से कडी की और अपनी जीभ अंदर तक रीमा की चूत में घुसा दी और अपना मुँह हिला कर उसकी चूत चोदने लगा। रीमा एक दम से गर्मा गयी और जोर जोर से चिल्लाने लगी माँ की बुर की औलाद ये क्या कर रहा है जीभ से चोदेगा गाँडू मेरी चूत साले तेरी गाँड मरवाउगी ११ इन्च के लंड से भोसड चोद मार मेरे चूत क्या गर्म करके तडपा रहा है मुझे। मेरी चूत चूस रे भडवे। मेरा लंड नाडे मे बंधा था और मुझे थोडा दर्द भी हो रहा था पर मजा उससे भी दुगना आ रहा था। रीमा भी अब चूत चुदवाने के लिये मस्त हो चुकी थी और उसने अपने चूतड थोडे से उठाये और खुद भी चूतड हीला कर मेरी जीभ चोदने लगी। जब वह आगे धक्का लगाती तो मेरी जीभ पूरी उसकी चूत मे घुस जाती और मेरा चेहरा उसके चूत और पेट से चिपक जाता जिससे मेरी नाक दब जाती और मुझे थोडा दर्द भी होता पर वह बडे जोर जोर से धक्के मार रही थी उसको मेरी कोई परवाह नही थी उसको सिर्फ अपने मजे का ख्याल था य श्याद उसको ये पता था की मुझे जिस तरह से वह भोग रही थी मुझे उसमे बहुत उत्तेजना होती थी। उसकी चूत मेरे चेहरे से टकराने से फाट फाट की आवाज हो रही थी। थोडी देर इसी तरह चूत चुदवाने के बाद मैने रीमा की चूत की फाँक छोड दी।

क्रमशः........................
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08-17-2018, 02:18 PM,
#53
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.....................
और अपनी जीभ चूत मे से निकाल कर उसकी चूत के दाने पर फिराने लगा। मेरी खुदररी जीभ चूत के दाने परपडते ही रीमा मचल गयी और उस्के मुँह से एक करहा निकल गयी। मैंने उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ कीनोक लगायी और उसे जोर जोर से रगडने लगा इसका सीधा असर रीमा पर हुया और वह अपने चूतड उछाल करइसका इजहार करने लगी। मैं उसकी चूत के दाने से खेल कर ज्यादा से ज्यादा रस उसकी चूत से पीना चाहाता थाइसलिये उसकी चूत के दाने को छेड रहा था ताकी रीमा थोडी देर से झडे और मुझे अपनी चूत का प्रसाद पीला सके।मैं उसके चूत रस का दिवाना बन चुका था। थोडी देर रीमा की चूत के दाने को जीभ के नोक से रगडने से रीमा कीरसभरी चूत ने रस के बरसात की जो उसके चूत मुख से निकल पडी जिसे मैंने चूत मुँह मे भर कर चूस लिया। फिरअपनी जीभ मोड कर अपनी जीभ के पीछले हिस्से को रीमा की चूत के दाने पर रगडने लगा रीमा भी आँखे बंदकरके करहाते हुये चूत चटायी का मजा ले रही थी। और अपने हौदे जैसे चूतड हिला कर इसका इजहार भी कर रहीथी और मैं चूत रस का रसिया जीभ रगड रगड कर ज्यादा से ज्यादा रस उसकी चूत से निकाल रहा था। जीभ रगडकर चूत रस निकालता फिर उसको चूस कर पी जाता।

अब मेरे लाल मुझसे और नंही सहा जाता अब मुझे झडा दे मेरे बेटे और मत तडपा झडा ने अपनी माँ की रसीली चूतमेरे भडवे मजा दे अपनी रंडी को। ठीक है मेरी चोदू माँ जैसी तेरी मर्जी कह कर मैंने रीमा की पूरी चूत अपने मुँह मेभर ली और जोर जोर से उसकी चूत का दाना चूसने लगा इस आक्रमण से रीमा मचल उठी और मेरे चहरे को अपनीचूत मे घुसा कर अपनी चूत मेरे चहरे पर दबाने लगी। मेरी नाक रीमा की चूत के उपर की हड्डी मे दब गयी अबरीमा पूरे जोश मे थी और झडने की बिल्कुल करीब थी और कभी भी झड सकती थी। वह अपनी घुंडियाँ जोर जोर सेमसल रही थी जैसे उनको अपनी चूचियो से उखाड ही लेगी। मैं भी जोर जोर से चूत के दाने को चूस कर उसकोझडने के करीब ले जा रहा था। फिर रीमा ने अपनी मोटी जाँघो मे मुझे जकड लिया और मेरे चहरे को कस करअपनी चूत मे दबा दिया अपने चूतड हिला कर खुद ही अपनी चूत मेरे चहरे पर रगडने लगी मेरा जोर से चूसना औरउसका चूत रगडना उसकी चूत ज्यादा देर तक सह नंही पायी और रीमा का नंगा बदन कडा पड गया। और रीमा कीचूत झड पडी और उसने कस कर मेरे चेहरे को जकड लिया मैं उसकी चूत से निकलता रस पीने लगा रीमा काफीदेर तक झडती रही और मैं उसका चूत रस पीता रहा। एक भी बूंद रस मैंने बर्बाद नंही होने दिया रीमा भी अपनी चूतमेरे होंठो पर रगड कर मुझे अपना चूत रस पीलाती रही बडा ही नशीला और गाढा रस था रीमा का जो मुझे बहुतपंसद आया। एक ही दिन में श्याद मुझे उसके रस की आदत लग गयी थी।
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08-17-2018, 02:18 PM,
#54
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
उसका सारा रस पीने के बाद मैंन उसकी चूत को और आस पास के हिस्से को चाटना शुरु कर दिया। रीमा भी बहुतजबर्दस्त झडी थी इसलिये उसको पूरी तरह से शांत होने मे थोडा वक्त लग गया तब तक मैं उसकी चूत चाट करउसका मजा लेता रहा। जब वह पूरी तरह शांत हो गयी तो बोली आह मेरे लाल मजा आ गया क्या झडाया तूने खुशकर दिया मेरी चूत को सच कहूँ तेरे लंड से ज्यादा मजा तो तेरे मुँह मे है क्या जादू करता है तू माँ आपको मजामिला ये सुन कर तो मैं बहुत खुश हूँ मेरे लिये तो आपने बदन के एक एक जरे मे नशा है और चूत रस तो सबसेनशीला है दुनिया के सारे नशे इसके सामने फीके है। रीमा ने अपने हाथ मेरे बालो पर फिराये और बोली चल बेटाअब चाट ले मेरा पसीना मेरे पसीने मेरी चूत के रस से कम नशीला नंही है देखना तुझे बहुत मजा आयेगा जी माँ।फिर एक आखरी बार रीमा की चूत को चूम कर मैं रीमा से अलग हो गया और फिर से रीमा के पैरो के पास मुँह लेजाकर उसके पैर चूमे। पैर चूम कर मैंने रीमा की और प्यार से देखा और फिर से उस्का एक पैर उठा कर उसकोचूमने लगा सैडल तो मैं पहले ही उतार चुका था उसके पैरो मे से सैडल की महक भी आ रही थी जो मुझे मस्त कररही थी दोनो पैरो को प्यार से बडी देर तक मैं चूमता रहा ये क्या कर रहा है बेटा सिर्फ चूमेगा ही की कुछ और भीकरेगा मेरे लाल माँ तुम्हारे पैरो में मेरे लिये जन्नत है और तुम्हारे पैरो को चूम कर मैं उस जन्नत को पाना चाहाताहूँ फिर तुम्हारे पैर है भी इतने सुंदर की जी चाहाता है की ऐसे चूमता ही रहूं चल बेटा बहुत चूम लिये मेरे पैर अबजरा इनको चाट कर मेरे पैर मे जमा पसीना भी तो पी नही तो पसीना बर्बाद हो जायेगा और सारा इस कालीन मेलग जायेगा तू क्या अपनी माँ का पसीना बर्बाद होने देगा मेरे लाल नंही माँ बिल्कुल भी नंही फिर मैंन एक दो बारऔर उसके पैरो का चुम्बन लिया और उसका पैर मुँह मे उठा कर उसके तलवे को अपने चहरे के सामने कर लियाऔर उसके तलवे पर चुम्बन के बोछार कर दी रीमा अब एक बार झड चुकी थी और उसकी चूत थोडी शांत हो गयीथी इसलिये उसके सोफे पर आराम से टेक लगायी और टाँग मेरे सामने कर के मजा लेने लगी पहले मैंने रीमा केतलवे को चूमा और फिर उसको चाटना शुरु कर दिया। उसकी हील से लेकर उसके उंगलियो तक एक ही बार मेंचाटता और फिर चूमता अच्छी तरह से उसका तलवा चाटने से पहले मैं उसके तलवे को अपने थूक से गीला कररहा था। उसके तलवे को गीला करने के बाद मैं एक आखरी बार उसके तलवे को चूमा। फिर उसके तलवे के निचलेहिस्से को मुँह में जितना हो सकता था उतना भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

मैं उसकी पैर के हील के हिस्से को इस तरह चूस रहा था जैसे को पका हुआ रसीला फल हो और मैं उस फल को खाजाने को बेताब था। रीमा को बहुत ही अच्छा लगा शायद जैसे मैं उसके पैर की हील को चूस रहा था क्योको उसनेखुद जोर लगा और ज्यादा से ज्यादा हील मेरे मुँह मे ठूंस रही थी। मैं ज्यादा से ज्यादा थूक से उसकी हील को गीलाकरता फिर थूक को पी जाता मेरा लंड अपने आप ही बिना छुये मस्ती मे घोडे के तरह हिन हिना रहा था रीमा नेअपना दूसरा पैर थोडा सा खिसका कर अपनी पैरो की उंगलियो को मेरे लंड पर रख दिया और प्यार से मेरे लंड कोसहलाने लगी। उसकी मुलायम उंगलीयो का स्पर्श पाकर तो मेरा लंड और भी मस्ती की गर्मी में जल उठा। मैं रीमाकी हील चाट रहा तो रीमा के तलवे का बाकी हिस्सा मेरे चेहरे पर था वह अपनी हील को गोल गोल घुमा कर मेरेमुँह मे घुसेड कर चुसवा रही थी जिससे उसका तलवा मेरे चेहरे को दबा रहा था उसमे से सैंडल की महक आ रहीथी। जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। मुझे कुछ ऐसा अहसास हो रहा था कि वह मेरे चेहरे के उपर अपने पैर रखकर खडी है। मेरे अंदर बडी उमर की औरत की गुलामी करने के इच्छा बडी ही प्रबल थी और अपने को इस रूप मेंसोचना ही मेरे लिये अति उत्तेजना से भरपूर था।

क्रमशः........................
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08-17-2018, 02:18 PM,
#55
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.....................

रीमा खुद मेरे मुँह मे हील डाल कर काफी देर तक मुझसे चुसवाती रही जब वह संतुष्ट हो गयी तब उसने अपनी पैर की हील निकाली और तलवे के बीच के हिस्से को मेरे चेहरे पर रख दिया और बोली चाट बेटा अब मेरे तलवे को चाट। उसका दूसरा पैर अभी मेरे लंड को प्यार से सहला रहा था पर बीच में कभी कभी वह मेरे लंड को मेरी जाँघ और पैर के बीच मसल देती थी। वह मेरी इस स्थिति से बहुत ही प्रंसन्न थी और अपनी इन प्यार भरी हरकतो से ये मुझको जता रही थी। मैंने रीमा के तलवे के बीच के हिस्से को जीभ निकाल कर चाटना शुरु कर दिया जिस तरह से एक कुत्ता हड्डी चाटता है और मुझे तो अपने ये हड्डी जान से भी प्यारी थी। मैंने रीमा के तलवे के बीच के हिस्से को जोर जोर से चाटना शुरु कर दिया और रीमा अपना पैर घुमा घुमा कर अपना पैर मुझसे तलवा चटवा रही थी। रीमा मेरे मुँह पर पैर फिरा कर अपना तलवा चटवाती रही। अब वह फिर से उत्तेजित भी होने लगी थी और अपनी गोलम गोल मोटी चूचीयो पर अपनी उंगलियाँ फिरा कर अपनी मस्ती का इजहार कर रही थी। जब उसका मन भरा तभी उसने अपना पैर थोडा नीचे करके अपने तलवे का अगला हिस्सा मेरे मुँह के सामने कर दिया। ले बेटा अब इसको चाट बडा ही अच्छे से चाट रहा है तू ब्लू फिल्मो के देखा था की मर्द औरतो के पैर चाटते है हाय पर मुझे तो तू पहला ही मिला है न जाने कब से अपने दिल मे ये तमन्ना थी की कोई मेरे साथ भी ऐसा करे आज मिला है मुझे तो मैं इसका भरपूर मजा लूंगी बस मेरे लाल मेरी चूत के जने जैसा मैं कहती हूँ करता जा खुश कर दूंगी तुझे मैं आज देखना। मैंने रीमा के तलवे के अगले भाग को चाटना शुरु कर दिया।

पहले मैंने जीभ लगा कर उसके तलवे को चाटा और पैर और सैडल के चमडे की गंध का तो जैसे मैं दिवाना हो चला था। उसके पैर को पहले सूघंता और फिर चाटता मैंने अपने नाक घुसा कर उसका तलवा उंगलियो से मिलता था उस हिस्से मे भी जीभ घुसा कर चाटना शुरु कर दिया। शायद मेरा ऐसी चाटना रीमा को और भी अच्छा लगा पहले तो उसके मुँह से एक करहा निकली और फिर उसने अपने दूसरे पैर से मेरे नाडे से बंधे लंड को कर से मसल दिया मेरे शरीर में मस्ती भरा दर्द दौड गया। पर मैंने उसके तलवे को चाटना बंद नही किया और रीमा ने मस्ती मे चूर होकर कस के अपनी चूचीयो के घुडियाँ मसल दी। मैं उसके तलवे को कभी चूमता तो कभी चाटता और फिर उस पर अपनी नाक लगा कर उसको सूंघता। मैं तो जैसे उसके तलवे से मंत्र मुग्ध हो गया था। ओह मेरे राजा बेटे तुने को एक तलवा चाट कर ही मुझे फिर से गर्म कर दिया देख मेरी चूचीयो की घुंडी देख कैसी तन कर फिर खडी हो गयी है और मेरी चूत मे भी आग लगा दी है इन निगोडी चूचीयो ने। माँ तुम चिंता मत करो तुम्हारा जो भी मन हो बता देना मैं वैसे तुम्हारी गर्मी शांत कर दूंगा। हाय मेरे लाल तू तो हीरा है हीरा बेटा अब बहुत तलवा चाट लिया तूने अब तू मेरी उंगलियाँ चाट और देख उगलियो के बीच में भी पसीना छुपा होगा उसको भी चूस कर चाटना बेटा ठीक है। हाँ माँ मैंने उसकी उंगलियो को चूमना शुरु कर दिया और पहले नीचे से उसकी उंगलियाँ चूमी फिर उपर से फिर उसकी सबसे छोटी उंगली को मुँह मे भर लिया और चूसने लगा वस ऐसी थी जैसे अंगूर का दाना और मैं उस अंगूर के दाने से अंगूर का रस चूस रहा था।

मैंने उसकी उंगली चूस कर उसको गीला किया और फिर उसकी दो उंगली के बीच में जीभ घुसा कर उसको भी चाटा उसकी उंगलियो और उसकी बीच की गंध और भी तीखी थी जो मेरे नाक मे भर गयी पर इस तीखी गंघ ने मुझे और भी उत्तेजित किया। रीमा भी अब और उत्तेजित होती जा रही थी वह अपनी घुंडियाँ ही नंही मसल रही थी बल्की अपनी चूचीयो को जोर जोर से दबा रही थी जैसे वह उनको उखाड कर फेंक देगी। मैंने ऐसे ही एक एक करके उसकी सारी उंगलियो को चूसा और चाटा फिर उसके अंगूठे को भी अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा मेरे लाल तूने तो अपनी माँ का दिल ले लिया आज क्या मजा दे रही है तेरी जीभ मेरे पैरो को चूस बेटा चूस अपनी माँ के पैरो को पी ले इसके रस को माँ मेरे लिये तो तुम्हारे पैरो का रस तुम्हारे चरणो का अमर्त है मेरी रूपवान कामवती माँ का प्रसाद है अपने बेटे को मैं तो जब तुम कहोगी तब इसका सेवन करूंगा। रीमा के अंगूठे को मैं ऐसे चूस रहा था कि जैसे लालीपॉप हो और मैं कोई छोटा बच्चा जिसको बडे दिनो बाद उसकी माँ ने लालीपॉप दी हो। मैंने अपनी लालीपॉप अच्छे से चूसी और चाटी फिर मैंने रीमा की उंगलियो के बीच अपनी जीभ फिर से फिरानी शुरु कर दी मेरा अपनी जीभ की नोक को रीमा की उंगलियो पर फिराना बहुत ही उत्तेजित करने वाला था और वह अपनी चूचीयो से खेल कर इसका इजहार कर रही थी। मैं खुद उस से चिपट कर उसकी चूचीयो का रस पीना चाहाता था पर उसका पसीना पीने के चाह उससे बडी थी।
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08-17-2018, 02:18 PM,
#56
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बेटा अब मेरे सारी उंगलियाँ एक साथ चूस ऐसा कह कर उसने अपनी उंगलियो को थोडा सा मोडा और मुझे अपना मुँह पूरा खोलने को कहा जैसे ही मैंने अपना मुँह खोला रीमा ने अपना पैर मेरे मुँह मे घुसेड दिया उसकी उंगलियो के साथ साथ उसके पैर का थोडा हिस्सा भी मेरे मुँह मे समा गया। और मैं उसे अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगा रीमा ने मुझे इस तरह अपना पैर मुँह मे लेकर चाटते देखा तो उसकी आँखो मे चमक आ गयी मैं उसकी आँखो मे देखते हुये उसके पैर को चूस रहा था रीमा ने अपनी उंगलियाँ मे अपना थूक लगा कर अपनी उंगलियाँ अपनी घुंडियो पर फिराने लगी उसकी घुंडियाँ मस्ती में तन कर एक दम कडी और लम्बी हो गयी थी। रीमा के अंदर मुझे इस रूप मे उसके पैर को चूसता हुया देख कर एक अलग ही भावना जाग उठी थी उसे लग रहा था जैस उसने मुझे अपने कंट्रोल मे ले लिया हो और कितने ही गंदे से गंदे काम वह मुझसे करवा सकती थी जो कि उसको यकिन था मैं बिना किसी विरोध के पूरा करूंगा ये बात उसकी आँखो मे साफ झलक रही थी। और ये बात गलत भी नंही थी मैंने रीमा ने चाट करते वक्त क्यी बार अपनी इस इच्छा को उजागर किया था।

फिर रीमा ने और जोर लगा कर और ज्यादा पैर मेरे मुँह मे घुसेड दिया जितना अधिक से अधिक पैर वह मेरे मुँह मे घुसा सकती थी उस सीमा तक उसने अपना पैर मेरे मुँह मे घुसा दिया। मेरा मुँह भी उसके पैर की वजह से पूरा चौडा हो गया और अब तो मुझे दर्द भी होने लगा था और वह दर्द मेरी आँखो से झलक रहा था। अब तो मैं ठंग से उसका पैर चूस भी नंही पा रहा था मेरे मुँह से लार निकल पर रीमा के पैरो और तलवो पर बहने लगी थी रीमा को भी इस बात का अहसास था वह मेरी लार को अपने पैर पर महसूस कर रही थी ओह बेटा रूक क्यों गया चूस बेटा चूस मेरे पैर देख कैसा सारा रस बर्बाद जा रहा है। ये कह कर रीमा ने अपने पैर को मेरे मुँह में अंदर बाहर करने लगी या यूं कहें की अपने पैर से मेरे मुँह को चोदने लगी जैसे मेरा मुँह चूत हो और उसका पैर लंड। आह बेटा मजा आ गया चूस न मेरे लाल चूसता क्यो नंही मैंने भी कोशिश करके जब रीमा बाहर पैर निकालती तो उसके पैर पर लगे रस को चूसने की कोशिश करता। रीमा थोडी देर तक इसी तरह मेरे मुँह को अपने पैर से चोदती रही और फिर रूक गयी बोली ले बेटा देख कितना रस जमा हो गया है मेरे पैर पर ले चाट कर पी ले अपनी घुंडियो पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुये रीमा ने कहा। मैं पहले रीमा की उंगलियो पर लगी लार और थूक को पीया और फिर थोडा बहुत रस जो बह कर रीमा के तलवे पर चला गया था उसको भी चाट कर साफ किया। लो माँ मैंने तुम्हारे पैर पर लगा पसीना साफ कर दिया अरे मेरे बच्चे अभी कंहाँ अभी तो तूने मेरे तलवे ही चाटे है अभी पैरो के उपर का हिस्सा तो बाकि है उसको भी तो चाट देख मेरी टाँगो से बह कर सारा पसीना पैरो के उपरी हिस्से पर ही तो जा रहा है उसे भी तो पी ले मेरे लाल क्या तू ऐसे ही इस नशीले पसीने को बर्बाद होने देगा।

नंही माँ कभी भी नंही कह कर मैंने रीमा के पैर के उपरी हिस्से को भी चाटना शुरू कर दिया। मैंने तस्वीरो मे कई बार मर्दो को औरतो के पैर चाटते हुये देखा था उन तस्वीरो के देख कर मेरा लंड मस्त टन्ना जाता था और मन करता था काश मे होता उन मर्दो की जगह। और आज मेरा सपना पूरा हो रहा था। मैंने रीमा के पैर के उपरी हिस्से को भी चाट कर उसका पसीना पी लिया एक आध बूंद उसकी टाँग से फिसल कर पैर तक आयी जिसे मैं पी गया। रीमा ने अपना दूसरा पैर अभी मेरी जाँघ पर रखा था और समय समय पर मेरे लंड को अपने पैर से सहला रही थी और कभी जोर से मसल देती। जब मैंने उसका एक पैर पूरी तरह से साफ कर दिया तो बोली बडा प्यार करता है मेरा बेटा अपनी माँ को पसीने की एक भी बूंद नंही छोडी तूने अपनी माँ के चरण पर ले अब इस पैर को छोड और दूसरा पैर चाट अपना दूसरा पैर मेरे चेहरे के सामने करती हुयी रीमा ने कहा। मैंने झट से रीमा के पैर को अपने चेहरे पर रखा और उसको पहले सूघने लगा और फिर उस पैर के साथ भी वही किया जो पहले पैर के साथ किया था यहाँ तक रीमा ने भी इस पैर से मेरा मुँह चोदा और चोदते हुये बोली दोनो पैर को बराबर प्यार कर नंही तो एक पैर नाराज हो जायेगा समझा। मैंने भी दर्द सहते हुये दुसरे पैर को भी उतना ही प्यार किया रीमा की आँखो के चमक बता रही थी कि उसके दिमाग मैं न जाने और भी कितने विकृत खयाल चल रहे थे जिनको वह मेरे जैसे जवान मर्द के साथ पूरा करना चाहाती थी। मैंने दूसरे पैर की उंगलियो के बीच भी जीभ घुसा घुसा कर पसीना चाटा।

क्रमशः........................
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08-17-2018, 02:18 PM,
#57
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.....................

दोनो पैरो को मैंने अपने थूक से एक दम चमका दिया था। चल बेटा अब घुटनो के नीचे का हिस्सा चाट मेरी टाँग का बहुत पसीना जमा हो गया है। मैंने पहले उसकी टाँग को चूमना शुरु किया फिर उस पर लगे पसीने को पीने लगा पसीने की बूंदो पर अपने होंठ रखता और फिर उसे पी लेता। इस तरह जितनी भी बूंदे मुझे दिखायी दी सब मैंने चूम चूम कर पी ली और अपनी जीभ बाहर निकाली और किसी कुत्ते की भांति उसकी टाँग चाटने लगा उसकी टाँग चाट कर उसका पसीना पीता फिर जितना हो सके उतना मुँह मे भर कर चूसता इस तरह अगर उसकी खाल मे भी अगर थोडा सा पसीना समा गया हो उसको भी चूस कर निकाल संकू। रीमा अपना दूसरा पैर अब मेरी छाती पर रख कर अपनी उंगलियाँ मेरी छाती पर फिरा रही थी। उसकी मुलायम उंगलियाँ मेरी छाती को और भी उत्तेजित कर रही थी। फिर रीमा ने अपनी उंगलीयो के नाखून से मेरी घुडियाँ कुरेदने लगी वह जानती ही मेरी घुंडिया कितनी संवेदनशील है और उनको छेडने से मैं और भी उत्तेजित हो जाता हूँ और मेरा लंड अपना सर उठा कर इस बात का इजहार करता है। मेरी घुंडियाँ छेडने का असर सीधा मेरे लंड पर हुआ और वह तन कर रीमा को इसके लिये सलामी देने लगा। जब मैंने आगे से रीमा की टाँग चाट ली तो रीमा ने अपनी मोटी टाँग उठा कर मेरे कंधे पर रख दी और घुमा कर उसके पीछे का हिस्सा मेरे सामने कर दिया मैं उसे पहले चूमा और फिर उस पर लगे पसीने को चाटने लगा। इसी तरह चूसते चाटते, सुंघते हुये मैंने उसके पैर का सारा पसीना पी लिया और रीमा भी अपने पैर से कभी मेरी छाती सहलाती तो कभी मेरा लंड ऐसा करके उसने मेरी उत्तेजना को बनाये रखा। एक टाँग का पसीना पी कर मैंने रीमा से कहा माँ अब मुझे दूसरी टाँग का पसीना पीने दो। ले बेटा पी ले इस टाँग को भी चाट ले मेरे लाल रीमा ने दूसरी टाँग मेरे चेहरे के सामने करते हुये कहा।

मैंने रीमा की दूसरी टाँग को चूसना शुरु कर दिया और पहली टाँग की तरह इसको भी चूस चाट कर पसीना मैं पी गया। रीमा अपने मुँह से सिसकते हुये और बकते हुये मुझे उत्साहित करती रही। मेरा लंड नाडे मे बंधा फडफडा रहा था और रीमा अपने पैरो से मेरे लंड को और भी तंग कर रही थी। जब मैंने दोनो टाँगे अच्छी तरह से चूम चाट और चूस कर साफ कर दी मैंने कहा माँ लाओ अपनी जाँघे चौडी करो तो मै तुम्हारी जांघे चाट कर उसका पसीना पीयूंगा। नंही बेटा जाघे अभी नंही अभी मेरी चूत पूरी तरह से गर्म नही हुयी है जब मेरी चूत गर्म होगी तब मेरी जाँधे चूत की गर्मी से और भी पसीना बहायेगी तब तुम मेरी जाँघे चाटना अभी तो तुम मेरी हथेली मेरे हाथ और मेरी काँख से पसीना चूसो मेरी काँख तो पसीने से भरी पडी है। जब ठंड होती है तब भी मेरी काँख पसीना बहाती है तो अब जब इतनी गर्मी है तो पसीने का सागर बह रहा है मेरी काँख से इतने घने लम्बे बाल जो है मेरी काँख मे चूस ले मेरे राजा बेटे चाल आ बैठ माँ के बगल मे और चूस माँ के बगल। हाँ माँ जरुर लाओ तुम्हारा हाथ चूसता हूँ पहले फिर काँख चाटूंगा मैंने तो जबसे तुम्हारे काँख देखी है तब से ही उसमे अपना मुँह घुसा कर पसीने के महक सूंघना चाहाता था तुमने तो मेरी और भी इच्छा पूरी कर दी पसीने की गंध के साथ साथ पसीना भी तैयार कर लिया माँ अरे मेरे लाल तेरी माँ तेरी इच्छा नंही समझेगी तो और कौन समझेगा जब तुझे अपनी काँख घूरते देखा था तभी समझ गयी थी कि तुझे क्या चाहिये तभी मैंने सोच लिया था कि तुझे अपनी काँख से पसीना पीलाऊंगी अपनी चूचीयो से निकलने वाला दूध तो न पिला सकी पर अपने बदन से निकलने वाले और सारे पदार्थ तुझे दूगी मेरे लाल जिससे तेरे मन मे कोई मलाल न रह जाये कि माँ ने मेरा ख्याल नंही रखा।

माँ के वक्य के अंदर छिपे अर्थ को भी मैं समझ रहा था जिससे मैं और भी उत्तेजित हो रहा था। मुझे पता था कि रीमा क्या करने का सोच रही थी शायद मैं भी वही चाहाता था क्योकी हम लोगो ने कयी बार इस बारे में बात की थी। और रीमा की आँखो के चमक यही बता रही थी की वह भी बहुत उत्तेजित थी। लाओ माँ मैं तुम्हारे हाथो के पसीना चाट लेता हूँ। चल इधर बैठ मेरे बगल में सोफे पर फिर चाट मेरा हाथ। मैं रीमा के बाँयी तरफ सोफे पर बैठ गया। रीमा ने अपना बाँया हाथ उठाया और मेरे हाथो मे रखा ले बेटा कर प्यार अपनी माँ के साथ। मैंने रीमा की हथेली अपने हाथ मे ली और उसको अपने चेहरे तक उठा कर चूम लिया। फिर मैंने रीमा की हथेली पर चुम्बनो के झडी लगा दी और जोर जोर से चूमने लगा अच्छे से रीमा के हाथ चूमने के बाद मैंने उसकी हथेली चाटनी शुरु कर दी आगे पीछे दोनो तरफ से अच्छे से चाटी मैंने रीमा की हथेली और बडे ही प्यार से। रीमा खुद अपने हाथ घुमा घुमा कर अपनी हथेली चटवा रही थी। फिर रीमा अपना दूसरा हाथ मेरी छाती पर फिराने लगी उसकी मुलायम उंगलियो और नाखून में जादू था चाहे मैं कितना भी उत्तेजित हूँ उसके हाथो के स्पर्श से मैं हर बाद एक नयी उंचायी को छू जाता था। रीमा ने काफी देर तक अपनी हथेली मुझसे चटवायी और मैंने भी मस्त जीभ घुमा घुमा कर उसकी हथेली चाटी फिर रीमा ने मुझे अपना मुँह खोलने को कहा मैंने जैसे ही मुँह खोला रीमा ने अपनी उंगली मेरी मुँह मे घुसेड दी ले कुतिया की औलाद चूस मेरे उंगली कुत्ते इतना अच्छा खाना तेरे जैसे कुत्ते को कभी कभी ही नसीब होता है साला जाने अब तक नाली मैं मुँह मारता फिरता था आज ले आज इतनी शानदार औरत मिली है तुझे भोगने को तो थोडी भोग ले अच्छे से पता नही फिर कब मिलेगी तुझे दावत। मैंने उसकी उंगली चूसनी शुरु कर दी जैसे कोई बच्चा अपनी टॉफी चूसता है ऐसे ही मैं उसकी उंगली चूस रहा था।
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08-17-2018, 02:18 PM,
#58
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मैंने उसकी एक उंगली चूसी फिर उसको अपने मुँह से निकाल कर दूसरी उंगली मुँह मे भर ली। रीमा का हाथ अब खिसकता हुआ मेरे लंड की तरफ बढ रहा था उसका मन मेरे लंड को पकड कर उसको महसूस करने का हो रहा था। दूसरी उंगली चूस कर मैंने अपनी जीभ से दोनो उंगलियो के बीच भी जीभ घुसा कर चाटा। रीमा की उंगलिया अब मेरे लंड पर चल रही थी उसकी उंगली बहुत ही हल्के से मेरे लंड को छू रही थी। वह बहुत ही हल्के से मेरे लंड को छू रही थी जैसे पैर में गुदगुदी करने के लिये उंगली चलाते है बिल्कुल वैसे ही। मेरा लंड उसकी उंगली के स्पर्श से उछल पडता तो वह कुछ सेकंड के लिये उंगली हटा लेती पर फिर से शुरु हो जाती। मैं उसके लिये एक खिलौना था और वह अपने खिलौने से खेलना खूब जानती थी। मैंने उसकी लम्बी लम्बी उंगलियाँ चूसी। फिर रीमा ने अपना अंगूठा मेरे मुँह मे ठूंस दिया। ले अब ये भी चाट हम औरते तो इससे भी मोटा डंडा मुँह मे लेती है तू इससे शुरुवात कर धीरे धीरे तेरे को भी मोटा डंडा लेने की आदत डलवा दूंगी। मैं रीमा के अंगूठे को चूसने लगा रीमा का दूसरा हाथ अभी भी मेरे लंड पर उसी तरह चल रहा था। रीमा अपनी उंगलियाँ मेरे लंड के सुपाडे पर भी फिराने लगी थी और मेरे लंड से निकलने वाला रस जो उत्तेजना के कारण मेरे लंड को गीला करने के लिये निकल रहा था उसकी उंगलियो पर लग गया रीमा ने खुद अपनी सारी उंगलियो पर उस रस को लपेड लिया। जब मैंने रीमा की हथेली पूरी तरह से चाट ली तो रीमा का हाथ पूरी तरह से मेरे थूक से सन गया और रीमा ने अपना हाथ मेरे मुँह से हाटा लिया और अपना दूसरा हाथ मेरे सामने कर दिया ले बेटा अब ये हाथ चूस ये तुझे और भी अच्छा लगेगा इसमे मेरे बदन की गर्मी के साथ साथ तेरे बदन की गर्मी की वजह से मिला लंड रस भी लगा है चूस मेरे पालतू कुत्ते चाट ले अपना ही माल।

रीमा का दूसरा हाथ मेरे अपने रस से चिपडा हुया था उसको देख कर कोई भी अपना मुँह हटा लेता और उसका हाथ नंही चाटता पर मेरे लिये तो यह रस रीमा के हाथ से लग कर अमृत हो गया था और मैं इस अमृत को नंही छोड सकता था। चल अब मेरी दूसरी तरफ आकर बैठ जा जिससे तू आसानी से मेरी हथेली चाट सके और मैं तेरे थूक से सनी दूसरी हथेली से तेरे लंड से खेल सकूं। मैं रीमा की बात सुनकर तुंरत ही दूसरी तरफ आकर बैठ गया और रीमा ने अपना हाथ मेरे सामने कर दिया मैंने रीमा की हथेली को चूमा जिससे मेरे होंठो पर मेरा ही रस लग गया और मैंन अपनी जीभ फिरा कर उस रस का स्वाद लिया रीमा के पसीने से मिला हुये रस का स्वाद मुझे भा गया और मैं प्यार से एक एक हिस्से को पहले चूमता और फिर अपने होंठो पर अपनी जीभ फिराता। रीमा ने मेरे थूक से सने दूसरे हाथ को मेरे लंड पर रख दिया और उसे अपनी गीली उंगलियो से सहलाने लगी मैंने थोडी देरे मैं उसके पूरे हाथ को चूम लिया और फिर उसकी एक उंगली अपने मुँह मे डाल ली और उसे चूसने लगा मेरे रस से सनी उस उंगली और रीमा के पसीने को मैं पीने लगा। बोल मेरे लाल कैसा लगा रस लंड का मेरे बेटे हम औरते तो न जाने कितने लंडो का रस पीती है और इस रस की दिवानी होती है इसी रस के लिये ही तो मेरे जैसी औरते रंडी बनती है तेरा चेहरा देख कर तो ऐसा लग रहा है कि जैसे तुझे भी ये रस अच्छा लगा। माँ मुझे ये तो पता नंही पर तुम्हारे पसीने से मिल कर मेरे लंड का रस जरूर स्वादिष्ट हो गया है और मुझे बहुत अच्छा लगा।

तुम्हारा पसीने ने इसको अमृत बना दिया है माँ और अमृत का स्वाद कैसे खराब हो सकता है माँ। बडा ही चालाक बनता है हूँ कितनी आसानी से मेरे सवाल का घुमा कर जबाव दिया तूने। चल अब चूस भी कि केवल एक ही उंगली चूसता रहेगा। मैंने झट से दूसरी उंगली अपने मुँह में भर ली और चूसने लगा रीमा ने भी अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को मेरे ही थूक से रगडने लगी। मैंने एक एक करके उसकी सारी ऊंगलीयो को चूस और उसका रस पीया फिर मैंने उसकी हथेली भी चाटी और अच्छे चाट कर इस हथेली को भी पहले वाली हथेली की तरह थूक से सान दिया। चल अब हथेली के उपर भी चाट कोहनी तक कितना पसीना जमा हो गया है। मैंने तुंरत अपनी जीभ निकाली और उसके हाथ को चाटने लगा। जहाँ भी पसीने की बूंद मुझे नजर आती मैं अपने होंठ से उसको चूस लेता और फिर उस हिस्से को चाट कर पूरा पसीना पी लेता और कभी अपनी जीभ के नोक को उस हिस्से पर घुमा कर उसको उत्तेजित भी करता। मेरा ऐसे जीभ फिराना उसको बहुत उत्तेजना जनक लग रहा था। रीमा का हाथ बराबर मेरे लंड पर चल रहा था मेरा थूक मेरे लंड पर लग जाने के कारण अब वह आसानी ने मेरे लंड को मुठ्ठ मार रही थी क्योकी मेरा लंड बहुत ही चिकना हो गया था और आसाने से उसके हाथ मे फिसल रहा था। मैं पूरा मन लगा कर रीमा का हाथ चाटता रहा और उसके पसीने के एक एक बूंद को पी लिया कोहनी के नोक पर पसीना जमा हो गया था उसको भी चूस कर मैंने पी लिया। अच्छे से चाटने के बाद ही मैंने उसके हाथ को छोडा।

क्रमशः........................
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08-17-2018, 02:18 PM,
#59
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.....................

आज बेटा अब तू इस तरफ आ जा अब दूसरे हाथ का पसीना चूस। मैं फिर से रीमा की पहले हाथ की तरफ आकर बैठ गया और रीमा ने अपन हाथ आगे बढा दिया जिस पर पसीने की काफी बूंदे जमा थी। मेरे बगल मे बैठते ही रीमा ने अपनी जाँघ मेरी जाँघ से सटा दी उसकी मोटी चिकनी जाँघ के स्पर्श मात्र से ही मेरे शरीर में झुरझुरी दौड गयी। दोनो के बदन बहुत ही गर्म थे तो ये बात तो तय थी की दोनो के बदन के गर्मी और रूम के गर्म तापमान के कारण उसकी जाँघ पसीने में भीग जाने वाली थी और जिस तरह से गद्देदार सोफा था वह पसीना सारा बह कर चूत के पास ही जमा होता। अब मैं समझ रहा था रीमा चाहाती थी की मैं उसके पसीने और चूत रस से भरी चूत चाटूं वह जान चुकी थी उसका पसीना भी मुझे कितना उत्तेजित कर रहा था तो पसीने और चूत रस से भरी चूत चाटूंगा तो वह रस तो मेरे लिये किसी शराब से कम नंही होता। मैंने रीमा के दूसरे हाथ पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीना शुरु कर दिया। सबसे पहले एक एक बूंद को चूम पर पिया उसके बाद उसके बाद उसके हाथ को अपनी जीभ से चाटने लगा। रीमा फिर से अपने काम पर लग गयी थी और मेरे लंड को अपने दूसरे थूक लगे हाथ से सहला रही थी। थोडी देर में मैंने उसके हाथ को भी चाट कर उसका सारा पसीना पी लिया। लो मा मैंने तुम्हारे दोनो हाथ का पसीना कोहनी तक पी लिया है अब मुझे अपनी बाँहो और काँख से भी पसीना पीने दो न माँ। मुझे तुम्हारी काँख मे नाक घुसा कर तुम्हारे पसीने की महक को सूघंना है। तुम्हारे काँख से निकलती निकलती पसीने की महक मुझे बहुत उत्तेजित करती है माँ। तो सूघं ले बेटा और पसीना भी पी ले तेरी माँ ने कब मना किया है। मेरे बदन का ये पसीना तेरे लिये ही तो है। अब जब भी जहाँ से भी पसीना निकलेगा तू पी लेना तेरी माँ कभी भी मना नंही करेगी।

चल मैं अपनी बाँह उठाती हूँ जिससे तुझे मेरा पसीना पीने मे असानी हो। तू सोफे के बगल में खडा हो जा और चाट मेरी बाँह का रस। मैं सोफे के बगल मैं खडा हो गया और रीमा ने अपनी बाँह थोडी उपर कर दी पर अपनी काँख खोल कर मुझे नंही दिखायी और बोली ले चाट मेरी बाँह फिर मेरी काँख चाटना समझा। मैं सहमति में सर हिला दिया और रीमा की बाँह को चूमने लगा। इतनी मोटी और माँसल बाँह देख कर ही मेरा मन मचल रहा था मन कर रहा था कि रीमा अपनी बाँह और अपने बदन के बीच मेरे लंड को दबा ले और मैं उसकी बाँह चोदूं उसकी गद्देदार बाँह और बदन के बीच दबे मेरे लंड की कल्पना से ही मेरा लंड मचल रहा था। और मैं मस्ती मे उसकी बाँह से पसीना पीता जा रहा था। रीमा को शायद बहुत ही पसीना आता था क्योकी पसीना उसकी बाँह में बूंदो के रूप मे झलक रहा था और उसके चिकने बदन के कारण बह भी रहा था। जिसे में चूम और चाट कर पीता जा रहा था। रीमा प्यार से अपनी गोल मटोल चूचीयो पर हाथ फेर रही थी और मजा ले रही थी कि कैसे एक जवान मर्द जोकि उसके बेटे की उम्र का है उसके बदन का आशिक हो गया था।

उसकी घुंडियाँ एक दम तन कर खडी थी और इतनी कडी थी कि अगर उसने ब्लाऊस पहना होता तो उसमे छेद कर देती। मैंने थोडी ही देर मे उसकी बाँह से उसका सारा पसीना चूस और चाट कर साफ कर दिया और रीमा से बोला माँ मैंने पसीना पी लिया अब तो मुझे अपनी पसीने से भरी काँख दिखाओ न मुझे उसकी गंध को सुघंने दो न माँ। बडी जल्दी पी लिया मेरी बाँह का पसीना बडा उतवला लग रहा है काँख मे मुँह घुसाने का जरा देखूं तो पिया भी है या ऐसे ही बोल रहा है जिससे माँ तुझे अपनी काँख मे मुँह घुसाने दे और अपनी काँख का पसीना पीने दे। रीमा ने अपनी बाँह को देखा और मैंने सही मे उसकी बाँह पर जमा सारा पसीना पी लिया था और उसकी बाँह मेरे थूक से चका चक चमक रही थी। हूँ मेरी काँख कुछ ज्यादा ही पंसद आ गयी है मेरे लाडाले को पर अभी थोडा इतजार कर पहले आकर दूसरी बाँह भी चाट बाहर से फिर मैं अपनी दोनो काँख खोल दूंगी जो चाहे करना समझा। कह कर रीमा ने अपनी दूसरी बाँह भी थोडी से उठा ली और मैं रीमा के दूसरी तरफ आ गया और पहले पसीने भरी बाँह को निहारा फिर टूट पडा उसकी बाँह पर भूखे कुत्ते की तरह और चाटने लगा उसका पसीना। रीमा मेरी बेताबी समझ रही थी उसको पता था की मुझे बालो भरी काँख और उसका पसीना कितना पंसद है बहुत बार चाट करते हुये मैंने उसे अपनी इस इच्छा के बारे में बताया था। इसलिये ही उसने ये सब किया थी जिससे वह मेरी इस इच्छा को पूरी कर सके। रीमा मंद मंद मुस्कुराते हुये मुझे अपनी बाँह चटवाती रही और खुद अपनी चूचीयो और उसकी घुडियो से खेलती रही। उसकी चूत फिर से पूर्ण रूप से गर्म हो गयी थी श्याद इसीलिये अब उसने अपनी घुंडियो को कस कर मसलना भी शुरु कर दिया था। जब रीमा की चूत गर्म होती थी वह अपनी चूचीयो के साथ बडी बेदर्दी का सलूक करती थी क्योकी ऐसा करने मे उसे और भी आनंद प्राप्त होता था।
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08-17-2018, 02:19 PM,
#60
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मैंने थोडी ही देर में उसकी बाँह चाट कर उसका पसीना भी पी लिया और उसको भी अपने थूक से चमका दिया। रीमा ने देखा और बोली अच्छा चाटा बेटे तूने तेरी जीभ मुझे मेरे बदन पर बहुत मजा दे रही है क्या जीभ चलाता है तू मेरे बदन पर एक एक तार बज जाता है मेरे बदन का। अब तूने मेरे को चाट कर इतना मजा दिया है तो मै सोचती हूँ की तुझको भी तेरा इनाम दे दूँ। बडा तडप रहा था न तू मेरी काँख के लिये ले आजा देख ले अपना मस्ती का खजाना। बोल पहले किस तरफ की काँख चाटेगा मैं पहली बाँयी और की काँख चाटूंगा माँ। ठीक है दिखाती हूँ पर इतना सोच ले काँख को चाटने से पहले बाँह के अंदर का हिस्सा जोकि मेरे बदन से चिपका हुया था उस पर अभी भी पसीना लगा है पहले उसको चाटेगा और उसके बाद ही काँख चाटेगा अपने आप को काबू में रखना समझा। हाँ माँ मैं अपने को काबू मे रखूंगा। रीमा सोफे पर अपने चूतड को थोडा आगे खिस्का कर पसर कर बैठ गयी और अपना हाथ फैला कर सोफे पर रख दिया। ऐसा करने से रीमा की गाँड एक दम खिसक कर सोफे के किनारे मे आ गयी और रीमा के बदन के बोझ से रीमा के चूतड और फैल गये और उसकी टाँगे भी थोडी चौडी हो गयी। जिससे उसकी गीली चूत एक दम खुल गयी। ले आजा मेरे लाल तेरी माँ काँख खोल कर बैठी है चूस ले मेरे एक एक काँख के बाल से एक एक बूंद पसीना।

रीमा ने जैसे ही अपना हाथ पूरी तरह खोल कर सोफे पर रखा मैं रीमा के बगल में सोफे पर बैठ गया। रीमा की काँख खुलने से उसके बदन से पसीने के एक तीखी गंध निकली मैंने भी झट से अपनी नाक उसकी काँख तक ले गया और जोर जोर से साँस लेकर उसके पसीने की तीखी गंध सुघंने लगा। रीमा की पसीने की तीखी गंघ से मेरे शरीर में खून का दौरान और भी बढ गया। और मेरे लंड ने एक झटका मार कर अपनी खुशी का इजहार किया। रीमा भी मुझे अपनी काँख सुंघते हुये देख रही थी उसका दूसरा हाथ जो अभी तक उसकी चूचीयो पर चल रहा था फिसल कर उसकी चूत पर चला गया और वह अपनी चूत को बाहर से प्यार से सहलाने लगी। उसकी उंगलियाँ उसकी चूत के द्वार पर प्यार से चल रही थी जैसे उसे जता रही हो की वह चूत से कितना प्यार करती थी। मै थोडी देर तक उसकी पसीने की गंध को सूघता रहा फिर मैंने अपना ध्यान उसकी बाँह की और लगाया और उसकी बाँह को चाटने लगा और उस पर चिपके पसीने को पीने लगा। मुझे उसकी काँख मे मुँह घुसाने की बडी जल्दी थी इसलिये मैंने जल्दी जल्दी उसकी बाँह पर लगा सारा पसीना पी लिया। अब मैं उसकी काँख पर टूट पडने को तैयार था।

क्रमशः........................

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