Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
08-17-2018, 02:11 PM,
#11
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
देखले अपनी रंडी माँ का नंगा बदन। तेरी इस रंडी माँ का कोई भी दल्ला नही है। तेरी माँ को खुद ही मेहनत करनी पडती है ग्राहको को ढूढने मे। अखिर रंडी हूँ एक दिन धंधा ना करू तो चूत की खुजली रात भर सोने नही देती। तो मेरा दल्ला बनेगा बेटा। मेरी दलाली करेगा। हाय रे क्या मस्त जोडी होगी हमारी रंडी माँ और दलाल बेटा। तेरी ये माँ तुझको दलाली के सारे गुण सिखा देगी। और तुझको अपनी कमायी का आधा हिस्सा भी दूँगी। और तेरे को और नयी नयी रंडीयो की चूत भी दिलवाऊगी उनकी भी दलाली तू ही करना बेटा। बोल बेटा बोल करेगा अपनी माँ की दलाली।

रीमा की इतनी गंदी गंदी बाते सुनकर मेरा लंड मचल उठा था। रीमा फिर बोली बोल रंडी की औलाद भोसडे के पेदायीश हरामी साले तेरी माँ को दस कुत्तो ने चोदा तो तु पैदा हुआ बोलता क्यो नही करेगा अपनी इस रंडी माँ की दलाली। ये सुनकर मेरी हालत बिल्कुल ही खराब हो गयी पुरा बदन मस्ती मे गरम हो गया मेरा लंड मस्त हो कर प्रीकम बहाने लगा। और मैंने बोला हाँ माँ मैं करूगाँ तेरी दलाली। सुनकर रीमा बहुत ही खुश हुयी और मुझको अपने गले से लगा लिया और बोली तू सही मे मेरा बेटा होता तो अब तक मैं तुझसे अपनी दलाली करवा रही होती पर तू चिन्ता मत कर अगर मुझे मौका मिला तो तुझसे अपनी दलाली जरूर करूँगी। फिर वोह मुझसे अलग हो गयी और बोली चल अब खडा खडा क्या देख रहा है उतार मेरे कपडे साले रंडी की औलाद।

मैंने सोचा अब माँ के भरपूर बदन को नंगा देखने का वक्त आ गया है। मैंने सोचा रीमा के कपडे उतारने से पहले आखरी बार उसको गर्म कर दूँ। और यही सोच कर मैंने रीमा से कहा माँ तुम वह पहली औरत होगी जिसको मैं नंगा देखूँगा। तुम्हारे भारी चूचियाँ पहली चूचियाँ होगी जिनको मैं मसलूगाँ। तुम्हारी घुडियाँ(निप्पल्स) पहली घुडियाँ होंगी जिनको मैं चूसूगाँ और खीचूगाँ। तुम्हारे चूतड वह पहले चूतड होंगे जिन को मैं प्यार करूगाँ। तुम्हारी गाँड वह पहली गाँड होगी जिसको मारने से पहले मैं चाट चाट कर गीली कर दूगाँ। और तुम्हारी चूत पहली चूत होगी जिसको मैं चाट चाट कर झडाऊगाँ और फिर उसमे अपना लम्बा लंड डाल कर चोदूगाँ। और तुम ही वह पहली औरत होगी जो मेरा कुवाँरापन ले लोगी।

हाय रे मेरे लाल तुने तो मुझको इतना गरम कर दिया है की अगर और कुछ पल ये कपडे मेरे शरीर पर रहे तो इनमे आग लग जायेगी। बेटा अपनी माँ को और मत तडपा पहले ही वह तुझसे इतने सालो दूर रह कर तडपी है। बेटा अब उतार दे मेरे कपडे। मैंने सोचा अब रीमा के कपडे उतार ही देने चाहिये ज्यादा तडपाना ठीक नही है। कही माँ अपने कपडे उतार कर खुद ही न फेक दे जो की मैं नही चाहता था। और अब मेरा लंड भी रीमा को नंगा देखने के लिये बेताब हुआ जा रहा था। पर साथ ही साथ मुझको ये भी डर था रीमा बहुत ही मस्तानी औरत है। कही उसके मस्ताने नंगे बदन को देख कर मेरा लंड बिना छुये ही झड जाये। और मुझे पता था कि इसके लिये मुझे बहुत मेहनत करनी पडेगी।
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08-17-2018, 02:11 PM,
#12
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
फिर मैं आगे बढा और रीमा के हाथ पकड लिये और उठा कर चूम लिये। और बोल थीक है लाओ माँ उतार देता हूँ मैं तुम्हारे कपडे। ये सुन रीमा ने अपना पल्लू जो कि उसने शुरू मैं अपने पेटीकोट मे खोसं लिया था निकाला और मुस्कुराते हुये मेरे हाथ मैं पकडा और शर्माते हुये बोली लो बेटा। वोह कुछ इस तरह से शर्मायी थी जैसे की नयी नवेली दुल्हन हो जो कि सेक्स के बारे बिल्कुल अंजान है। रीमा सही मे एक खेली खायी औरत थी उसे सब पता था कब और कैसे मर्द के साथ बर्ताव किया जाना चहिये। उसके इस शर्माने ने मेरे शरीर मे मस्ती भरा जोश भर दिया।

वैसे भी अब मेरा हाल भी बुरा हो चुका। मुझको इस कमरे मे आये हुये करीब एक घंटा हो चुका था और तभी से मेरा लंड खडा था। और मेरे आने के थोडी देर बाद ही रीमा ने मेरे कपडे उतार दिये थे। मैंने उसका पल्लू पकडा और मन मे यह निश्चय कर लिया था की उसके बदन के साथ पूरा न्याय करूँगा और धीरे धीरे उसका एक एक अंग निवस्त्र करूगाँ। सबसे पहले मैंने उसका पल्लू पकड कर सूघं लिया। जैसे की मैं रीमा को बता चुका था कि मुझे कपडो कि गंध सूंघना पंसन्द है। मैं उसके हर कपडे को उतारते हुये उसकी खुशबु सूंघना चाहाता था।

उसकी साडी मे से बहुत मादक गंध आ रही थी। इस गंध मे उसकी बदन की खुशबु और पसीने कि गंध मिली हुयी थी। और फिर मैंने उसका पल्लू चूम लिया। जब मैं उसका पल्लू चूम रहा था तो उसकी आँखो मैं आँखो डाल कर देख रहा था। उसकी आँखो मे वासना के लाल डोरे दिखायी दे रहे थे। फिर मैने उसका पल्लू छोड दिया और उसके सामने अपने घुटनो के बल बैठ गया और आगे बढ कर उसकी नाभी का चुम्बन ले लिया। मेरे इस तरह से अचानक चुम्बन ले लेने से उसके मुँह से एक सिस्कारी निकल गयी। उसका पल्लू कालीन पर पडा था और उसके पेटीकोट से जुडा हुआ हिस्से को मैंने अपने हाथ मे पकड लिया।

उसने साडी मे करीब ८ प्लेट डाल रखी थी। मैंने उसका पल्लू पकड कर अपने बदन के उपर डाल लिया। उसकी साडी नायलॉन की थी मेरे नंगे बदन पर उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लग रहा था। रीमा खडी हुयी मेरे हरकतो को देख रही थी। फिर मैंने धीरे से उसकी साडी को खीचा जिससे उसकी एक प्लेट निकल कर बाहर आ गयी मैंने साडी के उस छोटे हिस्से को अपने चहरे पर रखा और सबसे पहले एक गहरी साँस ले कर उसे सुंधा फिर उसके ३-४ चुम्बन ले लिये। रीमा मुझको अपने कपडे उतारते हुये देख रही थी। उसके चहरे मे मेरे लिये वासना और मातृ प्रेम के मिले जुले भाव थे। अब मेरा लंड भी उसकी साडी से टकरा रहा था जिसकी वजह से प्रीकम से भीगा हुआ मेरा लंड उसकी साडी को गिला कर रहा था।
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08-17-2018, 02:11 PM,
#13
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मुझको इस तरह कपडे उतरते देख कर रीमा के अन्दर की मस्ती उबाल मार रही थी और वोह बोली हाय रे मेरे मस्ताने बेटे उतार दे मेरे कपडे मेरी साडी भी तेरे रस से गीली हो रही है। इस साडी को तो अब पूरी तरह सम्भाल कर रखना पडेगा क्योकी इसमे अब तुम्हारे लंड का रस मिल गया है। और ये साडी हमेशा मेरे पास हमारे पहले मिलन की यादगार बन कर रहेगी। रीमा की बात सुनकर मेरी मस्ती और बढ गयी और मैंने इसी तरह उसकी साडी को खीचना और प्यार करना जारी रखा और रीमा भी मुझे गंदी गंदी गालियाँ देती हुयी साडी उतारने के लिये प्रोत्साहित करती रही। और इसतरह उसकी साडी की ८ प्लेटे निकालने मैं मुझे १० मिनट लग गये। और रीमा की साडी कयी जगह से मेरे लंड रस और मेरे चुमने के करण लगे थूक से गीली हो गयी थी।

साडी की सारी प्लेटे निकाल देने के बाद मैंने साडी को धीरे धीरे खीचना चालू किया और रीमा से बोला माँ तुम धीरे धीरे घूमो जिस से मैं तुम्हारी साडी तुम्हारे बदन से अलग कर सकु। रीमा बोली ठीक है बेटा। और उसकी साडी को खीचते हुये अभी भी मैंने साडी को सूंघना और चूमना जारी रखा था। इसतरह घूमते घूमते वोह पलट गयी। और मेरी आँखो के सामने उसके चूतड आ गये। उसके चूतड देख कर मुझसे रहा नही गया और मैं उसके चूतडो पर टूट पडा। और उस पर जोर जोर से किस करने लगा। इस पर रीमा बोली अरे ओ गाँडू साले मैं कही भागी थोडी ही जा रही हूँ पहले मुझे नंगा कर फिर प्यार करना समझा रंडी की औलाद।

उसकी बात सुनकर मैं फिर से उसकी साडी उतारने मे जुट गया। और उसी तरह सुघंते चुमते और साडी को अपने लंड रस से गीला करते हुये मैंने उसकी साडी उतार दी। उसकी साडी उतारने मे मुझे पूरे २० मिनट लगे। साडी पूरी उतर चुकी थी और मेरे शरीर से लिपट गयी थी। मैंने अपने हाथों से साडी का एक गोला बना कर सोफे पर डाल दी। साडी को सोफे पर रखने के बाद मेरी नजर उसके पेटीकोट पर गयी। उसका पेटीकोट भी गुलाबी रंग का था। पर पेटीकोट जहाँ पर कमर से बंधा था वहाँ पर फटा हुआ था। उसके छेद का आकार त्रिकोन था और साईज कमर पर एक फुट और कमर से पैरो की तरफ १/२ फुट था। और उस छेद मे से उसकी पैन्टी साफ़ झलक रही थी।

रीमा ने काले रंग की पैन्टी पहन रखी थी और वह पैन्टी देखने मैं नायलान की लग रही थी। और उस पर जाहां पैन्टी चूत के सामने होती है उस जगह पर लाल रंग का दिल बना हुआ था। वह लाल रंग का दिल वास्तव मैं काली पैन्टी के उपर अलग से सिला गया था। काले रंग की पैन्टी और उस पर लाल रंग का दिल ठीक चूत के सामने किसी भी मर्द को उत्तेजित करने के लिये काफ़ी था और इसका असर मुझ पर भी हो रहा था। पर इस के अलावा लाल रंग के दिल पर सफ़ेद रंग से कढा हुआ था फ़ोर यू इस तरह से लग रहा था जैसे उसको पहनने वाली औरत कह रही हो ओ मेरे दिल के राजा मेरे प्रीतम मेरी ये लाल लपलपाती चूत तुम्हारे लिये है। मैं चाहती हूँ की तुम इसको भोग कर चरम सुख को प्राप्त करो।

पहले से ही मेरी हालत खराब थी और इसको देख कर तो मेरे लंड ने १-२ झटके लगाये। और मेरा मन किया की आगे बढ कर इस चूत को खा जाऊ। रीमा की हालत भी मस्ती मे बहुत खराब हो रही थी। क्योकी उसकि पैन्टी उसके चूत से निकलते रस की वजह से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। शायद बहुत देर से उसकी चूत मस्ती भरा रस बहा रही थी। और फिर मुझसे बिल्कुल भी रुका नही गया और मैंने अपने हाथ उसकी जाँघो के दोनो तरफ़ रखे और उसकी जाँघो को पकड कर अपना मुँह आगे बढा कर उसकी पैन्टी पर एक गहरा किस ले लिया। शायद रीमा इस किस के लिये तैयार नही थी। क्योकी मेरे किस लेते ही उसके मुँह से एक सिस्कारी निकल पडी। मैं भी बहुत मस्त था मैंने भी उत्तेजना मे २-४ किस और ले लिये।
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08-17-2018, 02:11 PM,
#14
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मेरे इस तरह से किस लेने से वह सी सी करने लगी उसका इसतरह से सिस्कारना मेरे लिये किसी मधुर संगीत के समान था। कुछ सैकंड किस करने के बाद मैं रुक गया और और इसी तरह उसकी जाँघो को पकडे पकडे मैंने रीमा की तरफ देखने लगा रीमा भी मेरी तरफ मस्ती भरी निगाहो से देखकर मुस्कुरा रही थी पर उसके चहरे के भाव देख कर लग रहा था जैसे पूछ रही हो कैसी लगी मेरी इस सेक्सी पैन्टी से छुपी हुयी चूत। उसको इस तरह से मेरी ओर देखाते देख कर मैं रीमा से बोला माँ तुम्हारा पेटीकोट फटा हुआ था और उसमे से तुम्हारी पैन्टी झाँक रही थी जैसे निमंत्रण दे रही हो कि आओ और मुझे प्यार करो और मुझसे रहा नही गया और मैंने तुम्हारी चूत को किस कर लिया।

कोई बात नही बेटा मैंने तो बहुत खुश हूँ जिस तरह से तुम मेरी पैन्टी पर टूट पडे मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने रीमा से कहा माँ तब तो तुमने बहुत अच्छा किया जो फटा हुआ पेटीकोट पहना। इस पर रीमा बोली अरे मेरे बुध्दु बेटे तू अभी तक नही समझा मैं तो सोच रही थी की तू समझ गया होगा। मेरा यह पेटीकोट तुझको कही पुराना दिखायी देता है। मैंने पेटीकोट को गोर से देखा और बोला नही ये तो बिल्कुल नया दिख रहा है तो फिर ये फट कैसे गया माँ। इस पर रीमा ने कहा मेरे नादान बेटे ये पेटीकोट तो मैंने जानबूझ कर फाडा था जिस से की तू मेरी पैन्टी देख सके। मुझे पता है कि मर्द औरत की पैन्टी देख कर कितने मस्त हो जाते है। इसीलिये मैं तुमको अपनी पैन्टी दिखाना चाहती थी। और तुमहारे चहरे के भाव देख कर मैं बहुत खुश हूँ कि मैंने ठीक ही किया जो अपना पेटीकोट फाड लिया।

मैं रीमा की बात सुनकर बोला माँ तुम सचमुच जानती हो कि मर्द को कैसे अपने वश मे किया जाता है। तुम चाहो तो किसी को भी अपना गुलाम बना लो। इसपर रीमा मुस्कुरा दी और बोली चल झूठा कही का। मेरे हाथ अभी भी रीमा की जाँघो पर थे। फिर मैं बोल माँ तुमने पैन्टी भी बहुत मस्त पहनी है। इसका डिजाईन इस तरह का है की किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर ले जाहे वह मर्द हो या औरत। इस पर बना यह दिल और लिखा हुआ फ़ोर यू इसको पहनने वाले की सुन्दरता को और बढा देता है और साथ हि साथ पैन्टी मे एक शरारत भर देता है। इसको बनाने वाला अगर मुझे मिल जाये तो मैं उसके हाथ चूम लूँ।

यह सुनकर रीमा ने अपने हाथ आगे बढा दिये और बोली लो चूम लो मेरे हाथ। इसको बनाने वाली मैं ही हूँ। मैंने ही अपने हाथो से सबसे पहले इस पर लाल रंग का दिल बनाया और फिर इस पर फ़ोर यू कढा। मुझे अहसास था की अगर मैं ऐसा करुँगी तो तुमको बहुत पंसन्द आयेगा। उसकी बात सुनकर मैं रीमा की और देखने लगा मैं मन ही मन उसके चुदक्कड दिमाग को सलामी दे रहा था। मेरे को इस तरह देखते हुये रीमा ने मुस्कुराते हुये अपने चहरे को उपर नीचे हिलाया और बोली हाँ बेटा ये तेरी इस माँ का ही कारनामा है। ये सुनकर मैंने रीमा के दोनो हाथ अपने हाथो मे लेकर चुम्बनो की बोछार कर दी। पुच पुच पुच की आवाज पूरे रुम मे गूँजने लगी। और कफ़ी देर तक मैं उसके हाथो को चूमता रहाफिर मैंने अपने हाथो से उसके चुतडो को अपनी बाँहो मे भर लिया और उसकी पैन्टी का एक चुम्बन लेकर अपना गाल उसकी पैन्टी पर रख दिया। मेरा गाल गीला हो गया क्योकी उसकी चूत बराबर रस बहा रही थी। मैने रीमा से कहा माँ मेरे को अभी यहाँ आये हुये २ घंटे भी नही हुये तो और इस समय मे तुमने जो अपनी बातो और बदन से जो मुझे मजा दिया है ऐसा मजा मुझे कभी नही मिला। और जबकी मैंने तुमको अभी तक नंगा भी नही देखा पर तुम मेरे दिल मे बहुत गहरायी तक बस गयी हो। मुझे लगता है कि मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता। इन चार दिनो बाद जब हम अलग होंगे तो मेरा क्या होगा। मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा माँ।

इसपर रीमा मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी और बोली मेरे प्यारे बेटे मैं तुमसे अलग कहाँ होगी। आज तुम मुझको नंगा करने के बाद मेरे पुरे बदन को अपने हाथ से छुओगे और प्यार करोगे फिर मुझको अपने इस बडे मुसल जैसे लंड से चोदोगे तो उसके बाद मेरा अंग अंग तुम्हारे अन्दर बस जायेगा तब हम अलग कहाँ होगें बोलो। मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ। इस पर रीमा बोली चल फिर लग जा अपने काम पर उतार मेरे कपडे साले मुझे पता है तू जल्दी से जल्दी मुझे चोदना चाहता है इसलिये ये सब नाटक कर रहा है। पर मैं भी तेरी माँ हूँ पुरा मजा लिये बिना तुझको चोदने नही दुँगी समझा। मैंने कहा हाँ माँ। और फिर दुबार उसकी पैन्टी का एक लम्बा किस ले कर खडा हो गया।
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08-17-2018, 02:12 PM,
#15
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
फिर मैंने अपना हाथ उसके पेटीकोट के तरफ़ बढाया मैंने पैन्टी कि झलक देख ली थी अब मैं उसका पेटीकोट उतार कर जल्दी से जल्दी उसकी पूरी पैन्टी देखना चाहता था। पर जैसे ही मेरा हाथ उसके पेटीकोट पर पडा उसने अपनी गोरी कलाईयो से मेरा हाथ पकड लिया और बोली नही बेटा पेटीकोट नही पहले अपनी माँ का ब्लाउस उतारो तुमने माँ की पैन्टी तो देख ली है अब उसकी ब्रा नही देखोगे क्या बोलो। पहले ब्रा देख लो फिर पेटीकोट उतारना समझे मेरे राजा बेटे। रीमा का मस्ती भरा आग्रह सुन कर मैंने कहा तुम ठीक कहती हो माँ पहले मैं तुम्हारी ब्रा को देखने का मजा लेता हूँ फिर तुम्हारी पैन्टी देखगाँ। यह सुनकर रीमा ने अपने हाथ आगे बढा कर मेरी बलाये ले ली और बोली हाय रे मैं वारी जाऊ क्या आज्ञाकारी बेटा मिला है मुझको।

उसकी बात सुनकर मैं थोडा सा शर्मा गया। मुझको शर्माता देख कर रीमा बोली हाय रे फिर से शर्माया लडकियो की तरह तुझे तो अपने कपडे पहना कर लडकी बनाना पडेगा उसकी बात सुनकर मैं सिर्फ मुस्कुरा कर रहा गया। और मैंने अपने काम पर ध्यान देना उचित समझा। फिर मेरी नजर उसके ब्लाउस की तरफ गयी वह ब्लाउस सही मे किसी को मस्त करने के लिये ही बनाया गया था।

उस ब्लाउस के हुक आगे से लगते थे। आगे और पीछे दोनो तरफ़ का कट काफी बडा था। पीछे का कट कफी बडा था आगे के कट के मुकाबले। पीछे का कट इतना बडा था की जैसे करीब करीब पूरी पीठ नंगी हो। नीचे से इतना भाग ही जुडा हुआ था की ब्रा का स्ट्रेप बडी मुशकिल से ब्लाउस से छिपा हुआ था। कंधे पर भी ब्लाउस की चौडायी कुछ इसी तरह थी बहुत छोटी पर ब्रा के स्ट्रेप उसके नीचे आसानी छुप गये थे। उस ब्लाउस के आगे सिर्फ ३ हुक थे जबकी साधारण ब्लाउस मे करीब ४-५ हुक होते हैं। इसी कारण उसका कट भी काफी था। साथ ही साथ ब्लाउस थोडा उसके साईज से छोटा भी था। जिसकी वजह से उसके मम्मे आपस मे चिपट कर एक बहुत गहरी और लम्बी खाई बना रहे थे। इतनी गहरायी का कट होने के कारण उसका एक एक मम्मा १/४ से भी ज्यादा ब्लाउस से बाहर छाँक रहा था।

उस जन्नत के नजारे को देख कर मैं जल्दी से जल्दी उस ब्लाउस को उतार कर फेंक देना चहाता था। मैंने अपने हाथ सबसे पहले ब्लाउस के उपर से उसके मम्मो पर रखे और उनको महसूस करने लगा। उसके मम्मे दुनिया के सबसे पहले मम्मे थे जिन को मैंने महसूस किया था। मेरा मन उन बडे बडे मम्मो को मसलने का कर रहा था मैं इस बात का अंदाजा लगाना चाहता था की उसके मम्मे कितने कडे है। पर मैंने सोचा पहले इसके मम्मो को पूरा नंगा करुगाँ फिर उनको मसल कर उनकी कडायी का पता करुगाँ। जब मैं उसके मम्मो पर हाथ फेर रहा था तो जब मेरा हाथ उसके मम्मो के बीच मे गया तो मुझे उसकी घुंडी का अहसास मेरी हथेली पर हुआ।

उसका ब्लाउस बहुत ही पतले कपडे का बना था जिसकी वजह से मुझे पता चल गया था की उसने ब्रा पहन रखी है। और उसके मम्मो पर हाथ फेरने से मुझे यह भी लग रहा था की उसकी ब्रा कॉटन की हो सकती है। पर फिर भी मैं उसकी घुंडीयो को अपनी हथेली पर महसूस कर सकता था। मैने सोचा की शायद मेरे हाथो के स्पर्श से रीमा की उत्तेजना बढ गयी है जिसकी वजह से उसकी घुंडियाँ इतनी कडी हो गयी हैं। मेरे इस तरह हाथ फेरने की वजह से रीमा उत्तेजना मे सिस्कारीयाँ भर रही थी। उसके मुँह से आह ओह सी सी की आवाजें निकल रही थी।

थोडी देर उसके मम्मो पर इसी तरह हाथ फेरने के बाद मैंने अपना बाँया हाथ उसके मम्मे पर से हटा लिया और अपना मुँह पास ला कर उसका ब्लाउस सुंघने लगा। उसके ब्लाउस के कपडे की गंघ उसके पसीने के साथ मिल कर बडी ही मादक हो गयी थी। उसके गर्म हो चुके मम्मो के कारण उसकी ये मादक गंघ भाप बन कर हवा मे मिल रही थी। मैं जब उसके ब्लाउस की गंध ले रहा था तो मेरी नाक उसके ब्लाउस को छू रही थी और जैसे ही सुंघता हुआ मैं आगे बढा मेरी नाक उसकी मम्मे पर चलने लगी मेरी इससे उसके शरीर मे गुदगुदी फैलने लगी। और रीमा कुछ कुछ बकने लगी आह ओह ये क्या कर रहे हो बेटे सी सऽ ऽऽ ऽऽ सी ओहऽऽऽ सीऽऽऽऽ बहुत गुदगुदी हो रही है। हाय रे इतनी देर क्यो सीऽऽऽ लगा रहा है तू आहऽऽऽ उतार क्यो नही देता मेरा ब्लाउस ओहऽऽऽऽ और मत तडपा अपनी माँ को मेरे लाडले। इन ब्लाउस मे कैद मम्मो की गर्मी मेरे सीऽऽऽऽ तनबदन मे आग लगा रही है।
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08-17-2018, 02:12 PM,
#16
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
सोच ले अगर तू मुझे इसी तरह तडपायेगा तो मैं आहऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ भी तुझे बहुत तडपाऊगी समझा। मैंने कहा माँ मैं तो तुम्हारे ब्लाउस को सुंघ रहा था तुमको तो पता है की मुझे तुम्हारे कपडो को सुंघने का सोच कर ही इतना मजा आता है। इस पर रीमा बोली ओह मेरे प्यारे बेटे अगर तुझे मेरे ब्लाउस की गंध का मजा लेना ही है तो पहले इसे उतार दे फिर अपने मुहँ पर रख कर सुंघ लेना मैं मना थोडी कर रही हूँ। पहले मेरे इन कबूतरो को इन ब्लाउस के बंधन से तो आजाद कर दे जाने कितनी देर से ये इसमे कैद है। तेरी माँ तुझसे विनती करती है बेटा मेरे को इनसे आजाद कर दे।

रीमा की बात सुनकर मैंने कहा ठीक है माँ पहले मैं तुम्हारा ये ब्लाउस तुम्हारे बदन से अलग कर के तुम्हारी चुचीयो को ब्लाउस की कैद से आजाद कर देता हूँ। फिर मैंने आखरी बार उसके दोनो मम्मो पर हाथ फेरा और और दोनो मम्मो पर एक एक किस लिया। उसके बाद मैंने अपने हाथ उसके ब्लाउस के हुक पर रख दिये और रीमा की आँखो मैं आँखे डाल कर देखने लगा। रीमा मुझसे लम्बाई मे छोटी थी पर उसने ५ इन्च की हील वाली सैडंल पहन रखी थी जिस की वजह से वह करीब करीब मेरे बराबर आ रही थी। मैंने मुस्कुराते हुये उसके ब्लाउस का एक हुक खोल दिया। उसका ब्लाउस खोलते वक्त उत्तेजना के कारण मेरे हाथ काँप रहे थे।

मेर लंड पूरी तरह से मस्त खडा था और उसके पेटीकोट से टकरा रहा था। जिस की वजह से उसका पेटीकोट मेरे रस से भीग गया था और उसके पेटीकोट पर मेरे लंड के प्यार के निशान बना रहा था। जैसे ही मैंने उसके ब्लाउस का एक हुक खोल दिया मेरा लंड बुरी तरह से मस्त खडा था और उसके पेटीकोट से टकरा रहा था। रीमा बोली हाँ बेटा उतार बेटा उतार अपनी माँ का ब्लाउस कर दे अपनी माँ के जौबन नंगे उठा दे अपनी माँ की लाज का पर्दा मेरे बेशर्म बेटे। ब्लाउस मे छिपी इन गोलाईयो को आजाद कर दे इनको भी कुछ हवा लगने दे। रीमा का खुला निमंत्रण सुनकर मैं और भी जोश मे आ गया और रीमा के मम्मो से बनी गहरी लम्बी खायी को देखने लगा। उसको देखते देखते मैंने दुसरा हुक भी खोल दिया। दुसरा हुक खोलते ही मुझे उसकी ब्रा का वह भाग जहाँ पर ब्रा के दोनो कप नीचे आ कर मिलते हैं दिखायी देने लगा। ब्रा काले रंग की थी।

अब सिर्फ़ एक हुक बचा था मेरे और मम्मो को देखने बीच। मेरे हाथ उसके तीसरे हुक पर जमे हुये थे। फिर मैंने सोचा की अगर मैंने ऐसे ही रीमा के सामेने खडे हुक खोला तो ब्लाउस खुलते ही मेरी सबसे पहली नजर उसके मम्मो पर जायेगी और मैं अपने आप को रोक नही पाऊगा उसके बडे बडे मम्मो को प्यार करने से। और अगर मैं उसके मम्मो को प्यार करने लगा तो उसके ब्लाउस को प्यार नही कर पाऊगा जोकी मैं नही खोना चहाता था। यह सोच कर एक विचार मेरे मन मे आया कि क्यो ना मैं उसके पीछे जा कर अपने हाथ आगे ला कर उसके ब्लाउस का हुक खोलूं जिससे मैं उसका ब्लाउस उतार के पहले उसके ब्लाउस से प्यार भी कर सकता हूँ और फिर उसके मम्मो को देखने का मजा उठा सकता हूँ।

फिर मैं रीमा से बोला माँ तुम्हारा ब्लाउस मैं पीछे से खोलूगाँ। रीमा बोली क्यो बेटा आगे से क्यो नही। इसपर मैंने अपनी इच्छा उसको बता दी। इसपर रीमा बोली तू भी बडा हटी है। अपने मजे को कभी भी नही छोडता ठीक है जैसी तेरी मर्जी पर तू मुझको बहुत तडपा रहा है। देख बेटा अब तू मैं भी तुझे मजे के लिये कितना तडपाती हूँ। जब मेरे हाथो तडपेगा तब तुझको पता चलेगा की मेरे उपर क्या गुजर रही है। फिर मैं रीमा के पीछे चला गया। और पीछे जाते ही मेरी नजर सबसे पहले उसकी गोरी नंगी पीठ पर गयी जो ब्लाउस के सेक्सी डिजाईन के कारण बिना ब्लाउस उतरे पूरी नंगी लग रही थी। और पूरी बेशर्मी के साथ अपनी नग्नता की नुमाईश कर रही थी।

मैंने सबसे पहले उसकी पीठ को किस किया फिर अपने दोनो हाथ उसकी बगल से नीचे ले जाकर उसके ब्लाउस का हुक ढूढने लगा। जब मैं उसके हुक ढुढने की कोशिश कर रहा था तो मेरे हाथ उसके मम्मो के नंगे हिस्से से टकरा रहे थे। नंगे बदन के स्पर्श से ही मेरे बदन मे करंट दोड गया मेरा लंड तो बराबर रस की वर्षा कर रहा था। और अब पीछे से भी उसके पेटीकोट को गिला कर रहा था। थोडी देर हुक ढूढने के बाद मुझको उसका हुक मिला गया। इसतरह से उसके ब्लाउस का हुक पकडने के कारण मैं पहली बार उसके बदन के इतने करीब था। उसकी बदन से निकलती वासना की गर्मी को मैं महसूस कर रहा था। मेरी कलाईयाँ बगल से उसके मम्मो को छू रही थी।
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08-17-2018, 02:12 PM,
#17
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मैं थोडी देर इसी तरह उसके ब्लाउस के हुक को हाथ मैं लिये हुये खडा रहा। रीमा भी मेरे बदन की गर्मी महसूस कर रही थी और वह बोली एक आह भर के बोली मेरे प्रेमी इतने पास तुम मेरे बदन के पहली बारे आये हो तुम्हारे बदन की गर्मी से मेरा बदन जलने लगा है प्रीतम। मैंने उसके कंधे पर एक किस करते हुये उसका तीसरा हुक भी खोल दिया। जिसकी वजह से उसके दोनो मम्मो पर ब्लाउस का दवाब कुछ कम हो गया क्योकी एक तो ब्लाउस उसके साईज से छोटा था दूसरा इतनी मस्ती के कारण उसके मम्मे और फुल गये थे। एक तो मेरे किस करने की उत्तेजना दूसरी ब्लाउस के की कैद से आजाद हुये कबुतरो को मिली ठंडी हवा से मिली राहत की वजह से पहले रीमा का बदन कडा हुआ फिर उसने एक झटका मारा और रीमा ने आँखे बंद कर ली और अपना सर पीछे करके मेरे कंधे पर रख दिया। और एक गहरी साँस ली जिस से उमऽऽऽऽऽऽ कि ध्वनी कफ़ी देर तक उसके मुँह से निकलती रही।

थोडी देर दोनो ऐसे ही खडे रहे करीब १५ सैंकड बाद उसने अपना सर सीधा किया। फिर मैंने कहा लो माँ मैंने तुम्हारे ब्लाउस के सारे हुक खोल दिये हैं और तुम्हारे मम्मो को ब्लाउस की कैद से मुक्ती मिल गयी है। अब तो तुमको थोडा आराम मिला होगा बेटा। इसपर रीमा ने कहा हाँ बेटा मुझे बहुत कि राहत मिली है। लेकिन अगर तुम आगे से ही मेरे ब्लाउस को खोलते तो मुझको ये राहत नही मिलती। मैंने आश्चर्य से पुछा ऐसा क्यो माँ। रीमा बोली बेटा तुमने इतनी देर से अपनी बातों और हरकतो से मुझको इतना गर्म कर दिया था की मुझसे बिल्कुल भी रुका नही जा रहा था और मैं चुदाने के लिये तडप रही थी। और तुमको बार बार ताना दे रही थी कि मुझे इतना क्यो तडपा रहे हो। मेरे पुरा बदन प्यार की मस्ती मे जल रहा था।

और मेरे शरीर की अग्नि मुझको पागल बना रही थी मैं चुदना चाहती थी झडना चाहती थी चरम सुख पाना चाहती थी। पर जिस तरह से तुम मेरे बदन से खेल रहे थे मुझे लगा अगर मैं जल्दबाजी मे अभी तुमसे चुदा लुँगी तो तुम अभी जल्दी झड जाओगे तो जो मैं तुमको अपने पहले मिलन का मजा देना चाहती हूँ वह नही दे पाऊगी। और तुम्हारी पहली औरत भोगने का सुख मैं तुमको देना चाहती हूँ ऐसा मजा जो तुमको जिंदगी भर याद रहे नही मिल पायेगा। और मैं तुमसे अपने बेटे से वह सुख नही छीन सकती थी। आखिर मैं तुम्हारी माँ अपने बेटे से उसका सुख कैसे छीन सकती हूँ।

इसीलिये मैंने अपने आप को बडी मुशकिल से रोका हुआ था। फिर जब तुमने मेरे पीछे से आ कर मेरा ब्लाउस खोलने की बात की तो सुनकर मेरे अन्दर मस्ती का तूफान आ गया। क्योकी मुझे पता था कि इस तरह अगर तुम मेरे ब्लाउस को खोलने की कोशिश करोगे तो तुम्हारे हाथ मेरे मम्मो से छुयेंगे और मुझे अपने आपको रोकना बहुत मुशकिल हो जायेगा। पर मुझे माँ होने के नाते अपने साथ साथ तुम्हारे मजे का भी ख्याल रखना था मुझे तुम्हारी आँखो मे दिख रहा था कि तुम किस तरह मेरे मम्मो से पहले मेरे ब्लाउस को प्यार करने के लिये लालायित थे। इसी कारण मैंने तुमको पीछे से ब्लाउस खोलने की इज्जात दे दी।

और जैसे ही तुमने मेरी पीठ पर किस किया मैंने अपने होश खो दिये बडी मुशकिल से मेरा हाथ अपनी चूत तक जाते जाते रुका। पर जब तुमने अपने हाथ मेरी बाहो के नीचे से निकाल कर मेरा ब्लाउस पकडने की कोशिश की मुझसे रहा नही गया और मैंने अपना हाथ अपनी चूत पर अपनी पैन्टी के उपर से रख दिया और अपनी चूत के दाने पर अपने हाथ फिराने लगी मुझे लगा इसतरह करने से मेरी चूत कुछ रस और बहायेगी तो मुझे कुछ देर के लिये राहत मिल जायेगी। तुम्हारे हाथ मेरे नंगे मम्मो को छू रहे थे। मम्मो को छुते वक्त तुम्हारे नाखूँन भी मेरे मम्मो पर लगे। पर जैसे ही तुमने मेरा ब्लाउस पकडा और हुक खोलने के लिये जोर लगाया तुम्हारे कालाईयो से मेरे मम्मे थोडे दब गये। जिसकी वजह से मैंने मस्ती मैं आकर अपनी चूत के दाने को जोर से दबा दिया। जिसे मेरी चूत सहन नही कर सकी और उसके सब्र का बाँध टूट गया और रस की नदी मेरी चूत से बह चली। और मैं ना चाहते हुये भी कचकचा कर झड गयी।इसी लिये तुम्हारे इस तरह से मेरा ब्लाउस खोलने से मेरे बडे बडे मम्मो, मेरी चूत और मेरे बदन तीनो को राहत मिल गयी। इस पर मैंने कहा इसका मतलब तुमको बहुत मजा आ रहा है मेरे साथ। उसने मुँह घुमा कर मेरी तरफ देखा और अपना सर हिला दिया। और बोली तुम सुघंना चाहते हो मेरे ताजे निकले रस की महक। मैंने कहा क्यो नही माँ। मेरे हाथ अभी भी उसकी बाहो के नीचे से जा कर उसकी कमर के ईर्दर्गीद लिपटे हुये थे। फिर रीमा ने अपने हाथ नीचे ले जाकर अपनी पैन्टी की तरफ देखते हुये अपनी दो उगलीयो को अपनी गिली हो चुकी पैन्टी से गिला किया और और फिर मेरी आँखो मे आँखे डाल कर अपनी दोनो उगलीयाँ मेरी नाक के नीचे रख दी।
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08-17-2018, 02:12 PM,
#18
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
जैसे ही उसकी उगलीयाँ मेरे नाक के पास आयी रीमा के चूत रस की तीखी गंध मेरी नाक मे घुस गयी। उसके चूत रस की महक बहुत ही मादक थी। इतनी मादक के कुछ पल तो मैं उसमे ही खो गया। सोचने लगा की मैं अपने घुटनो के बल बैठ कर अपनी नाक उसकी पैन्टी पर रखकर सीधे रस के सोत्र से उसकी गंध को सूंध रहा हूँ। मेरे को इसतरह खोये हुये देखकर रीमा ने पूछा कहाँ खो गये मेरे राजा। मैंने कहा तुम्हारे चूत रस मे मेरी रानी। कैसी लगी मेरे चूत रस की गंध। मैंने कहा माँ मेरे लिये तो तुम्हारे बदन की गंध बदन से निकलने वाले सारे पर्दाथो के गंध जीवन वायु के समान है। और चूत रस की गंध तो उनमे सबसे उपर है। बहुत ही मादक मस्ताने सेक्स से भरपूर।

सुनकर रीमा बहुत खुश हुयी। खुशी के भाव उसके चहरे पर साफ झलक रहे थे। मैंने कहा माँ तुमने अपना मदन रस मुझे सुंघा तो दिया अब क्या इसका स्वाद मुझको नही चखाओगी मेरी रानी। रीमा मुस्कुराते हुये बोली क्यो नही राजा। हम दोनो के खडे होने मैं अभी भी कुछ अंतर नही आया था। मेरे हाथ अभी भी उसके कमर के ईर्दर्गिद लिपटे थे। और मेरा लंड मदमस्त होकर बराबर रस बहाते हुये उसके पेटीकोट को गिला कर रहा था। मैं सोच रहा था की अगर मैं इसी तरह ५-७ मिनट और खडा रहा तो उसका पेटीकोट नीचे से पूरा गीला हो जायेगा।

रीमा ने फिर से अपने हाथ नीचे ले जाकर अपनी उगलियाँ अपनी पैन्टी पर लगा दी। पर अबकी बार थोडी देर तक वह अपनी उगलीयाँ अपनी चूत के मुँह पर चलाती रही जिससे ज्यादा से ज्यादा रस उसकी उगलीयो पर इक्कठा हो सके। थोडी देर बाद रस इक्कठा कर के रीमा ने अपनी उगलीयाँ मेरे मुँह के सामने रख दी। उसकी उगलीयाँ उसके चूत रस से पूरी तरह से गीली थी। यहाँ तक की उसकी उगलीयो पर उसके मदन रस की बूंदे झलक रही थी। फिर मेरी और देख कर रीमा ना कहा लो बेटा चख लो अपनी माँ का चूत रस। तुम्हारा पहला मदन रस। जैसे जब बच्चा छोटा होता है तो माँ बच्चे को खाना खाना सिखाती है इसी तरह तुम चुदायी शास्त्र मे अभी बच्चे हो और मैं ये तुम्हारी माँ तुमको चुदायी क्रिणा मे उत्पदित रसो का पहला निवाला तुमको खिला रही हूँ। और मैं बहुत खुश हूँ की मुझे ये सोभाग्य प्राप्त हुआ है।

मैने अपना मुँह आगे बढा कर रीमा की उगलीयो को अपने मुँह मे ले लिया और अपनी जीभ को उसकी उगलीयो के चारो तरफ घुमाने लगा। और थोडी देर मे ही मैंने अपनी जीभ फिरा फिरा कर उसके चूत रस को अपनी लार के साथ मिला लिया जिस से मैं रीमा के चूत रस का स्वाद ले सकूँ। रस तो लार मे अच्छी तरह से मिलाने के बाद मैं उसको पी गया। मेरे लार पीने के बाद रीमा ने अपनी उगलीयाँ मेरे मुहँ से निकाल ली। और बोली बोल बेटा बता कैसा लगा तुझे अपनी माँ का चूत रस मैं बोला माँ इतना अच्छा की मैं सिर्फ तुम्हारा चूत रस पी कर पूरी जिंन्दगी बिता सकता हूँ। मेरी बात सुनकर रीमा का चहेरा खुशी और मस्ती मे लाल हो गया गर्व से चूचीयाँ और फूल कर तन गयी।
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08-17-2018, 02:12 PM,
#19
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
रीमा ने कहा बेटा आज मैं बहुत खुश हूँ। मुझे आज तक किसी भी मर्द ने बिना मेरी चूत को स्पर्श किये बिना नही झडाया। चूत छू कर झडाने की तो छोडो कोई भी मेरी चूत बिना चोदे या बिना चाटे मुझे नही झडा पाया। तुम पहले मर्द हो जिसने मुझे इतना गर्म कर दिया की मैं अपनी चूत के दाने को दबाने पर झड पडी। किसी ने भी मेरे बदन को इतना प्यार नही किया जितना तुमने किया मेरे बेटे। हर कोई मेरा मादक बदन देख कर मुझ पर टूट पडता था और थोडी देर मे ही अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझ पर चढ बैठता था। या मेरी चूत को मुँह मे लेकर चाटने लगता था। कोई भी मेरे बदन के साथ इस तरह से नही खेला जिस तरह से तुम खेल रहे हो। जबकी मैं इस तरह अपने बदन को प्यार करवाना कितना पंसन्द करती हूँ।

थैंकयू बेटा मेरे बदन से इसतरह खेलने के लिये। मैंने कहा माँ मैं तो हमेशा आप की सेवा मे हाजिर हूँ। आखिर आपका बेटा हूँ अपना कर्तव्य कैसे भूल सकता हूँ। रीमा बहुत खुश हो गयी और अपना मुँह घुमा कर मेरे गाल पर एक चुम्मा ले लिया। फिर मैंने कहा माँ अगर तुम इस स्थीति मे पहुँच गयी थी तो मुझे बता देती मैं तुम्हारी मस्ती झडा देता। इसके लिये मुझे तुमको चोदना भी नही पडता। तुमने अपना पेटीकोट को फाड रखा ही है और उससे तुम्हारी पैन्टी मे छुपी चूत भी नजर आ रही है। मैं अभी नीचे बैठ कर तुम्हारी चूत पैन्टी के उपर से ही चाट कर तुम्हारी मस्ती झडा देता।

रीमा ने कहा तुम बहुत अच्छे बेटे हो मेरे लाल पर मैं उस समय चूत चटा कर झडना नही चाहती थी। मैं बोला माँ वह तो ठीक है पर तुम्हारे झड जाने से तुम्हारा कितना चूत रस बेकार ही चला गया। रीमा ने कहा बेकार कहाँ गया है बेटे सारा रस तो मेरी पैन्टी मै समा गया है। मेरी पैन्टी उतारने के बाद उसको अपने मुँह मै डाल कर चूस लेना सारा रस। मैंने कहा माँ अगर तुम मुझसे चुसवा कर झडवाती तो मुझे सीधे रस मे सोत्र से रस पीने को मिलता और उसमे कितना मजा आता। रीमा ने कहा तो इसमे कौन सी बडी बात है मेरा ब्लाउस और पेटीकोट उतार लेने के बाद पहले चूत चूस कर झडा देना फिर मेरी पैन्टी उतरना ठीक है। मैंने कहा तब ठीक है।

रीमा बोली की तू भी माँ से बिल्कुल बच्चो की तरह जिद करता है जैसे छोटे बच्चे माँ से बचपन मै लालीपॉप के लिये करते है। तो मैंने कहा माँ तुम्हारी चूत मेरे लिये किसी लालीपॉप से कम नही है। इस पर रीमा मुस्कुरायी और बोली लालीपॉप तो बेटा तेरे पास है। जो इस समय मेरे पेटीकोट को गीला करने मैं लगी हुयी है। उसको चुसने का मजा तो मैं लूगी मेरे राजा मेरे पास तो चटपटी चाट का पत्तल है जो मैं तेरे को चाटने को दूँगी। पर अगर तेरे को लालीपॉप का इतना ही शौक है तो उसका इतजाम मैं कर सकती हूँ। मैं उसकी बात मैं छिपे मतलब को समझ कर मुस्कुरा दिया। मैं समझ गया रीमा मेरे साथ छेड छाड कर रही है।

रीमा ने पूछा बोल चाहिये क्या। मैंने कुछ जवाब नही दिया। इस पर रीमा मुस्कुरा दी और बोली चल बडी देर हो गयी। ऐसे खडे खडे अब मुझे भी झडे हुये बहुत देर हो गयी है। और मैं फिर से गर्म होने लगी हूँ। तू भी अपना काम बीच मैं छोड कर मजे ले रहा है चल लग जा अपने काम पर अभी तो मेरे बहुत से कपडे उतारने बाकी हैं। जितनी देर करेगा उतनी ही देर मै तुझको मजा मिलेगा। उसकी बात सुनकर मैं अपने काम पर लग गया ब्लाउस के हुक तो मैं खोल चुका था पर उसे अभी तक मैंने उतारा नही था। फिर मैंने अपने हाथ उसके कमर से हट के फिर से उसके ब्लाउस को पकडने लगा जहाँ पर हुक लगे होते है। पर अबकी बार मैंने जानबूझ कर उसके नंगे मम्मो को स्पर्श किया और उनका मजा लिया।

क्रमशः.......................
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08-17-2018, 02:13 PM,
#20
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
गतांक से आगे.......................

रीमा भी मेरी इस हरकत हो समझ रही थी और मेरी और देख कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी। फिर मेरी पकड मे उसके ब्लाउस के दोनो भाग आ गये और मैं उनको खीच कर उसका ब्लाउस उतारने लगा। मैंने रीमा से कहा माँ अपने हाथ उपर कर लो जिससे मुझको ब्लाउस उतारने मैं आसानी होगी। रीमा बोली थीक है और उसने अपने हाथ उपर कर लिये। और मैं उपर उठा कर उसका ब्लाउस उतारने लगा जैसे ही ब्लाउस उसकी कोहनीयो तक आया तो मेरी नजर उसकी काँख पर गयी। रीमा की काँख के बाल जितना मैं बगल से देख कर सोच रह था उससे काफी बडे और घने थे। मेरा एक बार मन किया के उसकी काँख मे अपना मुँह घुसा दूँ पर मैंने अपने आप को रोक लिया और उसका ब्लाउस उतार लिया।

ब्लाउस उतारते ही मैंने ब्लाउस को अपने मुँह के उपर डाल लिया मेरी नाक के उपर उसके ब्लाउस का वह हिस्सा था जो की पीठ पर होता है। फिर मैंने गहरे गहरे साँस ले कर मैंने सुंघना शुरू कर दिया। उसके बदन कि महक मेरे नाक के रस्ते मेरे शरीर मे घुल रही थी। थोडी देर इसी तरह मैं उसकी पीठ के हिस्से वाले ब्लाउस को सुघंता रहा और फिर मैंने एकदम से जीभ निकाल कर उसके ब्लाउस को चाटना शुरु कर दिया। फिर थोडी देर मैं उसके ब्लाउस को सुघंता और फिर चाटता। और इसी तरह करते करते मैंने रीमा का ब्लाउस पीछे से चाट चाट कर गीला कर दिया।

उसके ब्लाउस को पीठ वाली तरफ से अच्छी तरह से साफ कर लेने के बाद मैंने ब्लाउस के दोनो कपो की और ध्यान दिया। ब्लाउस के कप जहाँ पर उसके दोनो मम्मे आ कर बैठते थे। मैंने उन कपो के जरीये उसके मम्मो का भी स्वाद लेना चाहता था। रीमा मुझको पीछे मुड कर देख रही थी और मुस्कुरा रही थी और शायद मन ही मन खुश हो रही थी की उसके बदन की महक का मेरे उपर ऐसा असर हो रहा है। वह मेरी तरफ पलट कर खडी नही हुयी थी। क्योकी अगर वह पीछे घुमती तो मेरी नजर उसके मम्मो पर जाती और वह अभी यह नही चाहती थी। फिर मैंने एक कप पकड कर उसमे अपनी नाक घुसा दी। और एक गहरी साँस लेकर उसके ब्लाउस और मम्मो के मिली जुली गंध कर आनन्द लिया। वह महक किसी भी इत्र की महक से लाख गुना अच्छी थी।

थोडी देर इसी तरह उसकी महक के मजे मैं लेता रहा साथ हि साथ मैं सोच रहा था जब उसके ब्लाउस के उसके बदन से लगने के कारण रीमा का ब्लाउस उसकी महक से इतना सुगंधित को चुका है तो उसके बदन की महक सीधे उसके बदन से लेने मे कितना आंनन्द प्राप्त होगा। यही सोचते हुये मैंने उसके कप पर धीरे धीरे किस करने लगा। किस करते वक्त ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मैं उसके नंगे मम्मो को किस कर रहा हूँ। जिन की झलक उसके ब्लाउस से झाँकते १/४ मम्मो से मैंने ली थी। कुछ देर इसी तरह मैं उसके ब्लाउस के कप को किस करता रहा।

मेरी इस हरकत का असर रीमा पर भी हो रहा था उसकी मस्ती भी बढने लगी थी जिसके भाव उसके चहरे पर साफ नजर आ रहे थे। फिर मैंने रीमा के तरफ देख कर जीभ निकाल कर उसके कप को चाटना शुरू कर दिया। उसका स्वाद बहुत मादक था। पहले २-३ बार मैंने कप को चाटा और थोडी देर रुक कर उसके स्वाद क मजा लिया। फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसके ब्लाउस के कप पर टूट पडा। और जल्दी जल्दी चाटने लगा। मैं उसका कप इस तरह से चाट रहा था की जैसे कई दिन के भूखे कुत्ते को हड्डी मिल गयी हो। थोडी देर मे ही मैंने उसके ब्लाउस के कप को गीला कर दिया। गीला करने के बाद मेरे थुक की गंध उसके ब्लाउस मे उसके बदन की गंध के साथ मिल कर समा गयी। मैंने फिर से ब्लाउस को नाक पर रख कर गहरी साँस लेनी शुरू कर दी। मेरी थूक की महक ने उसके मम्मो कि महक के साथ मिल कर उस मिली जुली महक को और भी मादक बना दिया था।

फिर मैंने दुसरा कप हाथ मै लेकर उसमे अपनी नाक घुसा दी। रीमा से भी अब रहा नही जा रहा था। वह मुझको सामने से देखना चाहती थी। उसने सामने पडी हुयी अपनी साडी उठायी और उसको अपने मम्मो के चारो तरफ लपेट ली जिससे उसके मम्मे साडी मे छिप गये। और वह मेरी तरफ मुँह करके मुझको देखने लगी। मैं अभी भी उसके दुसरे कप को सुंध रहा था। मुझे देख कर रीमा बोली बेटा तेरा लम्बा सुन्दर लंड मेरे बदन और मेरे बदन से लिपटे कपडो को प्यार करते तुम्को देख कर मस्त हो कर लार बहा रहा है। और वह भी मेरे कपडो का भुखा है। तुम अपने लंड के सुपाडे को मेरे दुसरे कप पर छुआ दो जिस से उसका रस मेरे ब्लाउस मे मिल जाये फिर उसको सुंघो और चाटो तुमको एक अलग ही मजा आयेगा।
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