Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
12-13-2018, 01:42 PM,
#11
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
मेने उसकी चूचियों को धीरे धीरे सहलाते हुए उसके होंठो को चूमा बोला,

"शुमैला तुम्हारी चूचियाँ बहुत प्यारी है."

वह मुस्काराई और मेरे हाथो पर अपना हाथ रख दबाव ज़्यादा करते हुए बोली,

"भाई जान मेरी चूचियाँ आपके लिए है. लीजिए मज़ा अपनी बहन की चूचियों

का, दबा दबाकर भाई जान."

मेने उसकी चूचियों को 6-7 मिनट तक दबाया और वह बराबर मुझे देखती

रही. फिर वह मेरा हाथ पकड़ बोली, "भाई जान अब बस भी करिए."

"हाई बहुत अच्छा लग रहा है."

"अब फिर दबा लीजिएगा, अब ज़रा इनको मुँह मे लेकर चूसिए ना."

"तुमको चुसवाना अच्छा लगता है?"

"हां भाई जान बहुत मज़ा आया था दिन मे."

"ठीक है जब मन हो तब चुस्वा लिया करना."

फिर झुककर उसकी एक चूची को जीभ से चाटने लगा. कुच्छ देर बाद दूसरी को

भी चाटा और फिर एक को मुँह मे लेकर चूसने लगा. 4-5 मिनट बाद दूसरी को

भी खूब चूसा. वह अब आँखें बंद कर सिसकते हुए मेरा सर अपनी चूचियों

पर दबा रही थी. कुच्छ देर बाद उसके निपल को मुँह मे लेकर जब पीना शुरू

किया तो वह एकदम मस्त हो हाई हाई करने लगी. अब वह अपनी चूचियों को अपने

हाथ से दबा दबा मुझे पिला रही थी.

"हाई भाई जान हाई मेरे प्यारे भाई जान और और हाई बहुत मज़ा है पिलाने मे,

पियो सारा रस पी जाओ."

10 मिनट तक दोनो निपल चूसे फिर मुँह अलग कर उसकी बगल मे लेट गया.

थोड़ी देर मस्ती की लौ मे रहने के बाद उसने आँखे खोल मुझे देखा और

मुस्कराते हुए बोली, "शुक्रिया भाई जान."

"मज़ा आया ना?"

"बहुत हाई आपको मज़ा आया मेरी चूचियों का रस पीने मे?"

"अरे यार तुझे मालूम नही कि जब बच्चा होता है तभी इनमे रस होता है."

"ओह्ह भाई जान मुझे नही पता था. तो क्या आपको मज़ा नही आया?"

"अरे यार मुझे तो बहुत मज़ा आया, मे तो रस के बारे मे बता रहा था,

हां अभी तुम्हारी चूत मे रस ज़रूर होता है, अगर तुम मुझे अपनी चूत का

रस पिला दो तो मुझे मज़ा आ जाए."

वह मुझे देखने लगी फिर चुप हो गयी और कुच्छ सोचने लगी. कुच्छ देर बाद

उसने मुझे देखा और मुस्काराकार बोली, "ठीक है भाई जान आप आज अपनी बहन की

चूत चाट कर दिखाइए उसमे कितना मज़ा है."

मे खुश हो गया और उसे चूम नीचे उसकी कमर के पास गया. फिर धीरे धीरे

उसकी पैंटी को उतारने लगा. उसने चूतर उठा पैंटी अलग करवाई तो उसकी चूत

देख मस्त हो गया. एकदम चिकनी लग रही थी. शायद अभी क्रीम से थोड़े बहुत

रोएँ भी सॉफ कर आई थी. मेने उसे बेड पर टेक लगा बिठाया और उसकी गांद

के नीचे तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत उभर आई. फिर उसकी टाँगो के बीच

लेटा और उसकी चूत के दोनो फाँक उंगली से खोल देख कर मुस्काराया तो वह भी

मुस्करा दी.

"भाई जान क्या देख रहे हो?"

"देख रहा हूँ कितनी प्यारी है हाई इसको तो बस चाटने का मन कर रहा है."

"तो चाटिये ना भाई जान अब किस बात की देर है? लो चाटो."

उसने अपनी कमर उचकाई तो मेने उसकी चूत पर हाथ फिराया. चूत पर हाथ

रखते ही मेरे बदन मे सनसनी दौड़ गयी. वह भी मचल सी गयी. उसके मुँह

से एक आह निकल गयी. मे उसकी चूत को हाथ लगा मस्त हो गया. मम्मी की चूत

से कहीं ज़्यादा खूबसूरत चूत थी शुमैला की. मन तो कर रहा था कि हाथ

रखे चूत को देखता रहूं.

शुमैला की चूत को 4-5 बार सहलाया तो वह बोली, "भाई जान अच्छा लग रहा

है."

"हाई बहुत प्यारी चूत है, हेया छ्होटी सी फाँक वाली गुलाबी गुलाबी." और फिर

उंगली से दोनो फाँक खोलकर देखा तो च्छेद देख बोला, "और दोनो फाँक कितने

मस्त है और हाई कितना प्यारा च्छेद है, हाई शुमैला मेरी जान ऐसी चूत तो

बस रात भर चाटने के लिए होती है."

"भाई जान हाई आपकी बहन आपके सामने ऐसे ही चूत खोले लेटी है और आप

चाट क्यों नही रहे?"

"चाटुन्गा चाटुन्गा यार हाई देखने से ही इतना मज़ा आ रहा है."

फिर चेहरे को उसकी चूत पर झुकाया और नाक को उसकी चूत पर सून्घ्ता हुआ

बोला, "हाई आहह कितनी प्यारी, नशीली खुश्बू आ रही है तेरी चूत से, आहह

हाई तुम्हारी पैंटी की खुश्बू से ज़्यादा मस्त खुश्बू चूत मे है."

वह मुझे अपनी चूत की खुश्बू सूंघते देख खुश हो गयी और मेरे सर पर

हाथ लगा धीरे से बोली, "ओह भाई जान हाई आप कितने अच्छे हैं, आप अपनी बहन

को कितना प्यार करते हैं हाई और प्यार करिए अपनी बहन को आपकी बहन अब

आपकी दीवानी हो गयी है."

कुच्छ देर तक चूत की खुश्बू लेने के बाद उसकी चूत को चूमा तो वह एकदम से

फडक गयी और उसकी गांद तकिये से उछल गयी और वह मेरा सर अपनी चूत पर

दबाते हाई हाई करती बोली, "ओह्ह हाई आहह ब्ब्भ्ह्ह्हाऐज्जाआन उुउऊहह भाई जान

हां हां और और ऐसे ही करिए हाई बहुत अच्छा."

क्रमशः………………………..
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12-13-2018, 01:42 PM,
#12
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
माँ बेटा ओर बहन-7

गतान्क से आगे…………………

फिर दो तीन बार चूमने के बाद जीभ निकाली और उसकी रानो को चाटा फिर जीभ

को उसके दोनो फांको पर ऊपर नीचे तक चला चला 4-5 मिनट चाटा. वह इतने

मे ही एकदम पागल सी हो गयी थी. दोनो फांकोंको चाट चाट्कर थूक से

भिगोने के बाद उसको देखने लगा. चूत से ज़ुबान हटी तो उसने आँखे खोल मुझे

देखा फिर मुस्कराती बोली, "भाई जान बहुत अच्छा लगा."

"अभी चाटूँगा तो और अच्छा लगेगा."

"हाई भाई जान अभी चाटा नही क्या?"

"कहाँ मेरी जान अभी तो ऊपर से मज़ा लिया है." और चूत की फाँक मे उंगली

चलाई.

वह अपने पैर कसकर फैलाती बोली, "हाई आह आज तो मज़े से पागल हो जाउन्गि,

भाई जान इसमे तो चूचियाँ चुसवाने से ज़्यादा मज़ा है."

फिर मेने उसकी फांको मे अपनी ज़ुबान ऊपर से नीचे चलाई और उसके क्लिट को

ज़ुबान से चाटा. क्लिट को ज़बान लगते ही वह एकदम बेहोश सी हो गयी थी. क्लिट को

चाटने के साथ ही उसके छेद मे ज़ुबान डाल डाल पूरी चूत को चूस्कर

चाटने लगा. अब वह मज़े से भारी चूटर को ऊपर की ओर उच्छाल सिसकती हुई

हाई हाई कर रही थी.

फिर हाथ ऊपर कर उसकी दोनो चूचियों को पकड़ दबा दबा चाटने लगा. 8-10

मिनट इसी तरह चाटा कि वह एक तेज़ सिसकारी ले हाई भाई जान बोलती झडने लगी.

मुँह पर उसकी चूत का नमकीन पानी लगा तो मुँह चूत से हटा उसकी चूत को

देखने लगा. चूत से धीरे धीरे नमकीन पानी रिस रहा था. झड़ती चूत बहुत

प्यारी लग रही थी. मे अभी भी उसकी चूचियों को पकड़े था और उसकी चूत

को भी होंठो से कभी कभी मसल देता था.

कुच्छ देर बाद वह जब नॉर्मल हुई तो मुझे देख मुस्काराई और मेरे चेहरे को

पकड़ ऊपर की ओर किया. मे उसके पास गया तो वह मेरे होंठो को चूम कर बोली,

"भाई जान यह कैसा मज़ा दिया आपने, मे तो आसमान पर उड़ रही हूँ."

"मज़ा आया ना चट्वाने मे?"

"हां भाई जान यह तो सबसे हसीन मज़ा था. चूचियों से ज़्यादा मज़ा चूत मे

है."

"हां शुमैला इसीलिए तो कह रहा था, मुझे भी बहुत मज़ा आया, देखो मेरा

लंड कैसा कड़क हो रहा है, हाई अब इसका पानी भी निकालना पड़ेगा वरना यह

मुझे सारी रात सोने नही देगा."

वह यह सुन मुझे देखने लगी. फिर धीरे से मुस्कराई और बोली, "भाई जान जैसे

दिन मे आपका पानी निकला था वैसे ही मेरा भी पानी निकला था अभी."

"हां जब मज़ा आता है तो पानी निकलता है और यही पानी निकलने पर ही असली

मज़ा आता है, मेने तुम्हारा पानी चाट कर निकाला है अब अपना पानी निकालूँगा तो

मुझे भी मज़ा आएगा."

"आप अपना पानी कैसे निकलेंगे?"

"कई तरीके होते है. जैसे मे अपने हाथ से अपना पानी निकालु या तुम अपने

हाथ से निकाल दो या तुम अपने मुँह मे लेकर चाटकार भी निकाल सकती हो और

सबसे प्यारा तरीका है कि तुम्हारी चूत मे इसे डालकर निकालु. सबसे ज़्यादा

मज़ा इसी मे आता है."

"हाई भाई जान कैसे?"

"इसमे तुम्हारा पानी भी निकल जाएगा और मेरा पानी तुम्हारी चूत मे निकलेगा तो

तुमको बहुत मज़ा आएगा. बोलो निकालें इस तरह से?"

"हाई नही भाई जान मुझे डर लगता है."

"ओह्ह तो कोई बात नही मे अपना पानी खुद निकालूँगा."

फिर अपना अंडरवेर उतार उसकी बगल मे लेटा और उसे देखते हुए मूठ मारने

लगा. वह कुच्छ देर बाद बोली, "भाई जान मे कर दूं?"

"हाई करो ना बहुत मज़ा आएगा तुम्हारे हाथ से."

तब वह उठी और मेरे लंड को पकड़ लिया फिर धीरे धीरे हाथ ऊपर नीचे करने

लगी. उसके हाथ मे लंड जाते ही मज़ा बढ़ा. 5-6 बार सहलाया तो मे बोला,

"हाई शुमैला अगर तुम इसे अपने मुँह मे लेकर देखो तो मज़ा आ जाएगा तुमको.

लंड चाटने मे लड़कियों को बहुत मज़ा आता है."

मेरी बात सुन उसने मुझे देखा. वह हिचकिचा रही थी. फिर उसने मुस्काराकार अपने

चेहरे को मेरे लंड पर झुकाया और होंठो को सूपदे के पास लाई. कुच्छ देर तक

रुकी फिर अपनी गरम ज़बान निकाल सूपदे पर लगाया और फिर मुझे देखा. वह कुच्छ

शरमाने सी लगी तो मे उसकी हिम्मत बढ़ाता बोला, "क्यः हुआ शुमैला लो ना

मुँह मे. लो बहुत मज़ा आता है चाटने मे. अगर अच्छा ना लगे तो मत

चाटना. अरे कोई ज़बरदस्ती नही है मे तो तुम्हारा भाई ही हूँ कोई बाहर वाला

या तुम्हारा शौहर नही जो बुरा मानूं."
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12-13-2018, 01:42 PM,
#13
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
तब उसने मुँह खोला और सुपाडे को अंदर लिया. फिर उसने केवल सुपाडे को तीन

चार बाद अंदर बाहर किया और शायद उसे अच्छा लगा था क्योंकि उसके बाद उसने

अपनी ज़बान बाहर निकाली और पुर लंड को चारो ओर से ज़बान लगा लगा चाटने

लगी.मे मस्त हो गया और आहह हाई करने लगा. कुच्छ देर तक उसने लंड को

ज़बान से ही चाटा.

फिर उसने लंड को अपने मुँह मे लिया और कसकर चूसने लगी. अब तो मे समझ

गया कि अब घर मे जन्नत हो गयी है. वह अपना मुँह तेज़ी से लंड पर ऊपर

नीचे चलाती चाट रही थी. मेने उसके सर को पकड़ा और अपनी गांद उच्छाल

उच्छाल उसके मुँह को ही चोद्ने लगा. वह भी तेज़ी से चाट रही थी.

10 मिनट बाद मे हांफता सा बोला, "हाहह बॅस बस्कर शुमैला अब निकाल दे

अपने मुँह से बाहर अब झडने वाला है. आहह हाई मे गया."

फिर उसने लंड को मुँह से बाहर किया और देखने लगी. मेरे लंड ने दो चार

झटके लिए और फ़च से झड़ने लगा. वह बहुत गौर से देख रही थी. मे

लेटा था इसलिए सारा पानी मेरे ऊपर ही गिर गया. दो मिनट बाद लंड एकदम

लूज हो गया और वह भी नॉर्मल हुई. तब मेने उसकी पैंटी से अपना लंड और

पानी को पोच्छा और पैंटी को अपने बेड के नीचे डाल दिया. मे मम्मी की बात सोच

रहा था कि शुमैला का कोई कपड़ा अपने रूम मे मम्मी को मिले तो वह उसे

फँसाए.

फिर शुमैला को अपनी बाँहों मे भर लिया और अपने ऊपर लिटा लिया. वह मेरे

ऊपर थी और उसकी चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत लंड के ज़रा

ऊपर पेट पर थी. मे उसके दोनो गुदाज़ चूतर पर हाथ लगा सहलाता हुआ उससे

बातें कर रहा था.

"शुमैला मेरी बहन कैसा लगा लंड चाटने?"

"भाई जान...."

"आए शर्मा मत बता ना अपने भाई जान का लंड कैसा लगा? अगर अच्छा नही लगा

तो फिर नही कहूँगा चाटने को."

"नही नही भाई जान."

"क्या नही नही?"

"व्व वो मेरा मतलब है भाई जान बहुत अच्छा लगा चाटने मे. भाई जान प्लीज़

अब मे रोज़ रात को आपके साथ ही लेटुंगी. आप प्लीज़ रोज़ मेरी चूत को

चाटियेगा और मे आपका लंड."

"ठीक है जान तुम्हारा हर तरह से मे ख्याल रखूँगा. अब बताओ क्या इरादा

है?"

"भाई जान जो आप चाहें."

"मैं तो तुमको अभी खूब मज़ा देना चाहता हूँ. बोलो लोगि मज़ा?"

"जी भाई जान बिल्कुल बोलिए क्या करेंगे?"

"अब तुम्हारी चूत को अपनी उंगली से चोद्कर तुमको मज़ा दूँगा."

"हाई भाई जान उंगली से कैसा लगता है?"

"उंगली से भी मज़ा आता है. तुमको लगेगा कि कोई तुम्हारी चूत को चोद रहा

है."

"हाई भाई जान कोई कौन, मेरे भाई जान क्यों नही?"

"हाई तुम मेरा लंड अपने अंदर लो तो ऐसा ही कहता."

"मुझे डर लगता है भाई जान प्लीज़ आप उंगली से करिए."

तब उसे एक कुर्सी पर बिठाया और उसके सामने बैठ उसकी चूत को खोल ज़ुबान लगा

चाटने लगा. वह अपने पैरों को मेरे कंधों पर रखे थी. मेने कुच्छ देर तक

चूत को चाटा फिर एक उंगली को उसकी चूत मे कच से पेल दिया. उसके मुँह से

हाई निकला. फिर उंगली को अंदर बाहर कर शुमैला की चूत को फिंगर फक करने

लगा. उसे मज़ा मिला और वह चूत को उचका उंगली से चुद्वाती रही. मे एक हाथ

से उसकी चूचियों को दबा दबा उसे फिंगर फक कर रहा था.

इस बार वह पहले से भी ज़्यादा झड़ी. जब वह झाड़ रही थी तो उसने मेरी उंगली

को अपनी चूत मे ही दबा लिया और होंठो को कसे झड़ती रही. उसने टाँगो को

मेरी गर्देन पर कस रखा था और मे उसकी रानो को चाट रहा था. उसकी गांद

बहुत तेज़ी से झटके ले रही थी.

जब वह झाड़ कर नॉर्मल हुई तो उसने आँखे खोल मुझे देखा. मे भी उसे ही

देख रहा था. उसने मुस्कराते हुए अपने पैर मेरे कंधे से हटाए और रानो को

चौड़ा किया तो मेने अपनी उंगली उसकी चूत से बाहर निकाली. वह उसकी चूत के

रस से सराबोर थी. मेने उंगली उसे दिखाई फिर अपने मुँह मे ले अपनी उंगली

चाट ली और बोला, "हम्म क्या मज़ेदार रस है मेरी बहन का."

वह यह देख मुस्काराई और बोली, "भाई जान मुझे भी चाटाओ रस."

तब मेने उसकी चूत मे उंगली डाल घुमाया और फिर उंगली निकाल उसके मुँह के

पास कि तो उसने मेरी उंगली मुँह मे ले चूसी और बोली, "हां भाई जान बहुत

प्यारा टेस्ट है."
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12-13-2018, 01:42 PM,
#14
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
फिर मेने उसे गोद मे उठाया और बाथरूम मे गया. फिर उसकी चूत और अपना

लंड धोकर सॉफ किया और वापस आया. मे बेड पर लेटा तो वह मेरी बगल मे

लेट मुझसे चिपकती मेरे होंठो को चूम बोली, "भाई जान आप बहुत अच्छे हैं."

"तू भी बहुत अच्छी है मेरी जान."

"भाई जान अब मे अपने रूम मे जाती हूँ."

"हाई अभी तो 2 बजे है अभी और रूको ना."

"भाई जान आज नही. कल फिर आउन्गि."

"कल दिन मे तो तुम कॉलेज जाओगी ना?"

"जी तभी तो अभी जा रही हूँ. भाई जान कल पूरी रात अपने भाई जान के पास

रहूंगी."

"सच?"

"और क्या मे अपने भाई जान से झूठ बोलूँगी? भाई जान कल आपकी बहन रातभर

आपके बेड पर आपकी बाँहों मे रहेगी."

"रातभर बिना कड़ों के पूरी नंगी अपने नंगे भाई जान की बाँहों मे रहना

होगा और लंड को चाटकार चूत चटवानी होगी?"

"जी भाई जान जो जी मे आए करिएगा पर अब आज नही, कल."

"ओके."

फिर उसे अपने से अलग किया तो उसने अपना कुर्ता पहना और ब्रा लेकर पैंटी उठाने

लगी तो मे बोला, "इसे छ्चोड़ दो यही हाई रात भर यह तुम्हारी याद दिलाएगी."

वह मुस्काराई फिर बिना पैंटी पहने नीचे से नंगी अपनी गांद मुझे दिखाती

दरवाज़े तक गयी और पलट कर मुझे देखा और मुस्काराकार मुझे देखा और

दरवाज़ा खोला और फिर बाहर देखा फिर चुपके से निकल गयी.

अगले दिन सुबह मे देर से उठा. शुमैला कॉलेज जा चुकी थी. मेने फ्रेश होकर

नाश्ता किया. कुच्छ देर बाद मम्मी आई और मुस्काराकर बोली, "क्यों बेटा खूब

मज़ा लिया रात भर नये माल का?"

"मम्मी आप भी."

"मेने उसे तुम्हारे रूम मे जाते और वापस आते देखा था."

"जी मम्मी पर चोदा नही है."

"क्या क्या किया?"

"अभी चूचियों को चूस्कर चूत को चाटा और उंगली से चोदा है."

"अपना माल दिखाया या नही?"

"दिखाया अरे मम्मी अपना उसके मुँह मे दे दिया है."

"अरे तुम दोनो तो एक दिन मे ही बहुत आगे तक जा चुके हो."

"हां मम्मी अब आप उसे चुद्वा दीजिए. वह चुद जाएगी, कह रही थी कि उसे

शरम आती है. ओह्ह मम्मी उसकी चूत इतनी प्यारी है कि क्या बताऊ."

"अरे बेटा 17 साल का कसा माल है, अन्छुआ भी है. मज़ा तो आएगा ही. आज ही

कोशिश करूँगी तेरा काम बनाने की."

"मम्मी उसकी पैंटी मेरे रूम मे है."

"बस बन गया काम, तू पैंटी मेरे रूम मे रख दे."

मेने पैंटी मम्मी के रूम मे रख दी और यूनिवर्सिटी चला गया.

दिन मे जब शुमैला वापस आई तो मम्मी ने उसे बुलाया और उसे घूरने लगी.

वह डर गयी और चुप रही. मम्मी ने उसे घूरने के बाद कहा, "शुमैला."

"ज्जजई मम्मी."

"यह तुम्हारी है ना?" मम्मी ने उसकी ब्लॅक पैंटी उसे दिखाते कहा.

वह पैंटी देख घबरा गयी और हकलाने लगी. तब मम्मी ने उसका हाथ पकड़ा और

अपने रूम मे ला उसे बैठा खुद उसके पास बैठती बोली, "बेटी यह तेरे भाई के

रूम से मिली है."

"मम्मी मुझे नही पता वहाँ कैसे गयी."

"ऐसा तो नही तुम गयी हो भाई के रूम मे?"

"न्न्न नही मम्मी."

"ओह्ह मुझे लगता है तुम्हारा भाई ही इसे ले गया होगा अपने रूम मे. मुझे लगता

है वह च्छूप च्छूप कर तुमको देखता भी है."

"ज्ज्ज मम्मी."

"बेचारा वह भी क्या करे तू है ही इतनी खूबसूरत की कोई भी लड़का तुमको

देखना चाहेगा."

वह शरमाई तो मम्मी ने आगे कहा, "क्यों बेटी कॉलेज मे लड़के तुमको देखते

होंगे."

क्रमशः………………………..
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12-13-2018, 01:42 PM,
#15
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
माँ बेटा ओर बहन-8

गतान्क से आगे…………………

वह फिर शरमाई तो मम्मी ने उसका चेहरा पकड़ कहा, "अरे बेटी शर्मा नही, मे

तुम्हारी सहेली भी हूँ, मे ही तुमको सब कुच्छ समझाउंगी बताओ?"

"ज्जई मम्मी लड़के देखते तो है."

"कुच्छ कहते या करते तो नही?"

"नही मम्मी मे किसी से बात नही करती और ना ही देखती हूँ पर.."

"पर क्या?"

"वह लड़के उल्टा सीधा बोलते रहते हैं."

"क्या कहते हैं?"

"जी यही कि कितनी खोबसूरत है और इसका माल कितना कसा है."

"बहुत बुरे होते हैं वह लड़के, बेटी तुम कभी उनके चक्कर मे मत आना,

जानती हो ऐसे लड़के लड़कियों को अपने जाल मे फँसाकर उनकी इज़्ज़त से खेलते

हैं."

"जी मम्मी."

"बेटी तुम जवान हो और जवानी मे हर लड़की चाहती है कि कोई उसे खूब प्यार

करे. अगर तुम्हारा मन करे तो तुम मुझे बताना."

"ज्जजई."

"हां बेटी, इस उमर मे ऐसा होता है यह कोई ग़लत बात नही. लेकिन बाहर के

लड़के लड़कियों को बर्बाद कर देते है. बेटा तुम्हारा भाई तुमको बहुत प्यार करता

है. वह तुमको च्छुपकर देखता भी है. तुम उसे ही दिखाओ ना अपना कसा माल."

"मम्मी."

"हां बेटी मे सही कह रही हूँ, इस उमर मे अगर कोई लड़का लड़की को प्यार

करता है तो उसे बहुत मज़ा आता है. अगर इस वक़्त कोई लड़का तुमको प्यार करे तो

तुमको लगेगा कि तुम जन्नत मे हो. तुम रात मे अकेले सोती हो अगर कोई लड़का

तुम्हारे साथ सोए तो तुम बहुत खुश होगी. इसीलिए कह रही हूँ कि बाहर के

लड़को के साथ कभी मत मिलना जुलना."

"जी मम्मी नही मिलूंगी."

"तुम्हारा मन करता हो कि कोई लड़का तुम्हारे साथ सोए तो तुम अपने भाई को

अपना कसा माल दिखाओ और अगर वह तुमको प्यार करेगा तो कोई डर नही होगा.

इसमे बदनामी भी नही होती और कोई जान भी नही पाता."

शुमैला मन मे बहुत खुश थी. मम्मी तो उसके मन की बात कर रही थी. वह

शरमाने की आक्टिंग करती बोली, "मम्मी हाई नही."

"जा अपनी कोई पुरानी छोटी कुरती पहन आ जिससे तुम्हारी दोनो कम से कम आधी

बाहर निकल आए और अंदर ब्रा नही पहनना और नीचे मियानी फटी रखना जिससे

तुम्हारे भाई को सब कुच्छ दिखे."

"मम्मी! हाई नही भाई क्या सोचेगा?"

"पगली देख तू अगर घर से बाहर किसी के चक्कर मे पड़ी तो तेरे भाई की

कितनी बदनामी होगी, इसीलिए कह रही हूँ. कोई बात नही देखो बेटी मुझसे मत

शरमाओ. अगर तुम्हारा मन करता है कि कोई लड़का तुमको प्यार करे तुमको चाहे

तो मुझे बताओ मे घर पर ही तुम्हारे लिए लड़के का इंतज़ाम कर दूँगी.

बोलो?"
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12-13-2018, 01:43 PM,
#16
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
"ज्जज्ज मम्मी ववव वह मन..."

"हां हां बोलो बेटी शरमाओ मत."

"जी मम्मी मन तो करता है..."

"क्या मन करता है खुलकर पूरी बात बताओ."

"जी मम्मी मन करता है कोई लड़का मुझे पकड़कर खूब चूमे और इनको.."

"हां बेटी बोलो." मम्मी ने हौसला दिया.

"मम्म मन करता है कोई इनको पकड़ कर दबाए और चूसे." शुमैला ने अपनी

चूचियों को पकड़ कर शरमाते हुए कहा.

"पगली तो इसमे इतना शरमाने की क्या बात है. इस उमर मे तो यह मन करता ही

है. तुम्हारे भले के लिए कह रही हूँ. तुम अपने भाई को अपने खूबसूरत बदन

को दिखाओ तो अगर वह फँस गया तो तुमको कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नही होगी."

"जी मम्मी क्या करना होगा?"

"पहले तो तुम जाओ और कोई छ्होटे कपड़े पहनो जिसमे कुच्छ दिखे."

फिर वह अपने रूम मे जा पुराने कपड़े पहन आई. सफेद शलवार जंपर था.

शलवार कसी थी और जंपर भी कसी थी और दोनो चूचियाँ कसकर बाहर को

रही थी और ऊपर से दिख रही थी. वह पास गयी तो मम्मी ने उसे पकड़ कहा,

"हां अब ठीक है, जब भाई आए तो उसके सामने ही बैठना और पैरों को

फैलाना जिससे उसे तुम्हारी चूत की झलक दिखे और चूचियों को ज़रा और

बाहर निकाल लेना जा."

फिर जब शाम को मे पहुँचा तो शुमैला ने मुझे देखा और पास आई तो मेने

उसकी चूचियों को पकड़ कहा, "हाई शुमैला कितनी प्यारी लग रही हो इन कपड़ों

में हाई सब दिख रहा है."

"भाई जान मम्मी ने पहनाए है ये कपड़े, कहा है अपने भाई को दिखाओ अपना

माल."

"हाई तेरा माल तो देख भी चुका हूँ और चख भी चुका हूँ, रानी आज तो

तुम्हारा पूरा मज़ा लूँगा, आज अपनी बहन की जवानी को खुलकर चोदुन्गा."

"भाई जान हटो भी आप तो मुझे चोदे बिना नही मनोगे?"

"अरे यार मम्मी भी चाहती है कि तुम अपनी चुद्वाओ मुझसे तो क्यों शरमाती है?"

"जी नही भाई जान मम्मी तो बस इतना चाहती हैं कि मे आपको दिखाऊ और थोड़ा

बहुत दबवाकर मज़ा लूँ. आई बात समझ मे अब जाइए और रात को मेरे रूम

मे आना हो तो मुझे इनकार नही."

फिर वह इठलाती हुई चली गयी. मे मम्मी के पास गया और पूछा तो मम्मी

बोली, "काम बन रहा है, जल्दी मत करो आज रात चोद लेना अपनी बहन को."

फिर सब नॉर्मल होने लगा. वह मुझे देख देख इठला रही थी. खैर रात के 11

बजे मे उसके रूम मे गया तो वा बेड पर लेटी कोई बुक देख रही थी. मे

उसके पास गया तो वह बुक रख मुझे देखने लगी. मे पास गया और उसको पकड़

कहा, "आज क्या कर्वओगि?"
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12-13-2018, 01:43 PM,
#17
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
फिर जब मे उसके पास गया तो वह मुझे देख मुस्कराने लगी. मेने उससे कहा,

"शुमैला बोल क्या करवाएगी?"

"भाईजान जो चाहो करो, अब तो मे आपकी हूँ."

"तुम झूठ बोलती हो."

"नही भाई जान सच कह रही हूँ, मे अब सिर्फ़ आपकी हूँ."

"तो ठीक है पहले तो मे तुम्हारी चूत को चाटकार मज़ा लूँगा फिर आज तुमको

चोदुन्गा भी."

"नही भाई जान प्लीज़ चाट लो पर चोद्ना नही."

"क्यों? तुम तो कहती हो कि तुम सिर्फ़ मेरी हो तो क्या बात है?"

"मुझे डर लगता है."

मे अभी कुच्छ कहने ही वाला था कि बाहर से आहट की आवाज़ आई और फिर मम्मी

की आवाज़ आई, "आमिर बेटा तुम कहाँ हो?"

"मम्मी मे यहा हूँ शुमैला के पास."

मम्मी अंदर आई. हम दोनो ठीक से बैठे थे. मम्मी पास आ शुमैला के पास

बैठी और बोली, "आमिर बेटा तुम इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो?"

शुमैला कुच्छ घबरा रही थी. मे शुमैला को देखते बोला, "मम्मी नींद नही

आ रही थी सोचा शुमैला से बातें ही करूँ कुच्छ देर."

"हां हां बेटा ठीक है, तुम दोनो लोग बातें कर्लो मे तो सोने जा रही हूँ.

वैसे तुमलोग भी जल्दी सो जाना बाते करने के बाद."

"पर मम्मी यह मुझसे बात नही कर रही."

"अरे क्यों?"

"जो मे इससे कह रहा हूँ वह नही मान रही."

"अरे शुमैला बेटी क्या बात है. अपने बड़े भाई की बात मानलो, जो कह रहा वह

करो. बेटा मानेगी तुम्हारी बात."

शुमैला सब सुन घबरा सी रही थी. तभी मम्मी ने उसके गालों को पकड़ कहा,

"बेटी क्या कह रहा था यह?"

"ज्ज्ज..."

"क्यों तुम क्या कह रहे थे इससे?"

"मम्मी मे कह रहा था कि तुम मेरी छ्होटी और प्यारी बहन हो और मे तुमको

बहुत प्यार करता हूँ और मे इस वक़्त इससे कुच्छ प्यारी बातें करने आया

हूँ."

"अरे बेटी तुम अपने भाई को बहुत परेशान करती हो. तुमको समझाइया था दिन मे.

चलो अपने भाई को अपना माल दिखाओ."

वह मम्मी की खुली खुली बात सुन शर्मा गयी. मे खुश था. तभी मम्मी

मुझसे बोली, "बेटा तुम अपनी बहन का माल देख लो और इसे थोड़ा प्यार भी करना,

बेचारी को किसी के प्यार की बहुत ज़रूरत है."

फिर मम्मी ने उसका हाथ पकड़ कहा, "आओ बेटी मे तुमको प्यार करवा दूं भाई

से."

शुमैला घबराती और शरमाती सी बोली, "ज्ज्ज.. म्‍म्ममी आप जाइए मे....मे.."

"क्या मे मे कर रही है?"

"जी मे करवा लूँगी."

"क्या करवा लेगी, बोल अपने भाई को अपना माल दिखाई?"

"ज्जजई..."

"और उसे प्यार भी करने देना."

"ज्ज्ज.."

"ठीक है मे जा रही हूँ."

फिर मम्मी जैसे ही बाहर गयी मेने उसे पकड़ लिया और उसके होंठो को चूमते

कहा, "दिखाओ अपना माल."

"भाई जान दरवाज़ा तो बंद कर लो."

"पगली दरवाज़ा क्या बंद करना मम्मी तो खुद ही कह गयी हैं."

तब उसने मुस्कराते हुए अपने कपड़ो को अलग किया और फिर नंगी हो अपनी चूचियों

को पकड़ बोली, "लो भाई जान देखो अपनी बहन का माल."

मे उसकी चूचियों को पकड़ दबा दबा चूसने लगा. वह मुस्करती हुई मुझे

देखने लगी. कुच्छ देर बाद वह मेरे बालों मे हाथ फेरते बोली, "भाई जान

पहले मेरी चाटकार झाड़ दो फिर चूसना."

तब मेने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत के पास जा चूत को देखते कहा,

"हाई कितनी प्यारी चूत है, मज़ा आ जाएगा इसको चाटकार."

"तू चाटो ना इसे भाई आपकी ही है."

फिर मेने ज़ुबान निकाल उसकी चूत को 8-10 चाटा फिर अंदर तक जीभ पेल चाटने

लगा 50-55 बार चाटा तब उसकी चूत ने फुच से पानी फेंका. नमकीन पानी

निकलते ही मे अलग हुआ तो वह हाई हाई करती बोली, "मज़ा आ गया भाई जान."

क्रमशः………………………..
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12-13-2018, 01:43 PM,
#18
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
माँ बेटा ओर बहन-9

गतान्क से आगे…………………

फिर मेने कुच्छ देर उसकी चूचियों को मुँह मे लेकर चूसा और फिर जब वह

एकदम मस्त हो गयी तो अपनी पॅंट खोल लंड को निकाल उसे दिया. उसने मेरे लंड को

पकड़ा और फ़ौरन मुँह मे ले लिया. वह मेरे लंड को होंठो से दबा दबा कसकर

चूस रही थी. 30-35 बार चूसा था कि मेने लंड बाहर निकाल लिया.

"क्या हुआ भाई जान?"

"अब चुद्वाओ अपनी."

"नही नही भाई जान प्लीज़.."

"अरे यार डरती क्यों है."

"नही नही मुझे नही चुद्वाना. चुस्वाकर झडवालूँगी पर चुद्वाउंगी नही."

"तब मेने उसके मुँह को ही चोद्कर अपना झाड़ा."

फिर मे गुस्सा दिखाते अपने रूम मे चला गया.

अगले दिन सुबह नाश्ते पर मम्मी ने पूछा, "बेटी रात मे भाई ने तुमको प्यार

किया था?"

वह शरमाई तो मम्मी ने मुझसे कहा, "क्यों बेटा रात मे अपनी बहन को प्यार

किया था?"

"हां मम्मी थोड़ा सा किया था."

"थोड़ा सा क्या मतलब?"

"यह कुच्छ करने ही नही देती."

"क्यों बेटी अरे मेने कहा था जो भाई करे करने देना, चलो कोई बात नही

नाश्ता हो गया चलो अब मेरे रूम मे दोनो लोग देखते हैं तुम लोग क्या करते

हो."

फिर मम्मी हम्दोनो को अपने रूम मे ला खुद बेड पर बैठी और मुझे एक ओर

बिठा शुमैला का हाथ पकड़ उसे अपने पास बिठा उसके गालो को सहलाती प्यार से

बोली, "बेटी क्या हुआ बोलो भाई तुमको परेशान करता है क्या?"

वह चुप रही तो मम्मी ने फिर कहा, "बेटी कल रात मेने देखा था कि तुम अपने

भाई की गोद मे बैठी हो."

"ज्ज्ज्जई..."

"हां हां बोलो, तुम अपने भाई की गोद मे बैठती हो कि नही?"

वह शरमाई तो मम्मी ने कहा, "अरे बेटी शरमाओ नही अपने भाई की ही गोद मे

बैठी थी ना कोई बाहर वाले की गोद मे तो नही, कोई बात नही तुम लोग जो मन

करे किया करो."

फिर मम्मी मुझसे बोली, "क्यों बेटा तुम अपनी बहन को अपनी गॉद मे बिठाते हो."

"जी मम्मी मुझे बहुत अच्छा लगता है जब यह मेरी गोद मे बैठती है. और..."

"और क्या बेटा?"

"और मे इसे अपनी गोद मे बिठाकर इसकी दोनो पकड़कर..."

"क्या तुम तो ना शरमाओ अपनी बहन की तरह."

"और मे इसकी दोनो चूचियों को पकड़ कर दबा दबा इसको चूमता हूँ."
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12-13-2018, 01:43 PM,
#19
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
शुमैला तो मेरी बात सुन शर्मा कर घबराने सी लगी पर मम्मी ने कहा, "और

क्या क्या किया है तुमने मेरी बेटी के साथ?"

"माँ मेने अपनी प्यारी बहन को अपना लंड पिलाया है और इसकी चूचियों का रस

पिया है और इसकी चूत को खूब चाटा है."

"अरे तुम दोनो इतना सब कर चुके हो. क्यों बेटी तुमने अपने भाई का लंड मुँह से

चूसा है और अपनी चूचियाँ पिलाई हैं?"

"ज्जज्ज..." शुमैला हिचकिचई.

"हान्न मामी यह लंड को खूब कसकर चूस्ति है और सारा पानी मुँह मे ही लेती

है और मम्मी अपनी चूचियों को खूब दबा दबाकर पिलाती है सारा रस मेरे

मुँह मे निचोड़ देती है."

मम्मी शुमैला के चेहरे को पकड़ बोली, "मे तो कह रही थी कि थोड़ा बहुत

भाई को दिखा दिया करो पर तुमने तो खूब मज़े लिए अपने भाई जान से, चलो कोई

बात नही बेटी आज तुम लोग और मज़ा लो."

"मम्मी प्लीज़ आज मे इसकी चोदुन्गा."

"अरे तो चोदो ना कोई मना करता है क्या? बेटी अपने भाई का लंड चूत मे लो

बहुत मज़ा आएगा."

यह बात सुन शुमैला खुल कर बोली, "मामी मे भाईजान का लंड मुँह मे तो

रोज़ ही लेती हूँ पर चूत मे आज पहली बार लूँगी इसलिए प्लीज़ आप भी साथ

रहिएगा."

"ठीक है बेटी आमिर बेटा चलो आज पहले मुझे चोद्कर अपनी बहन को दिखाओ फिर

इसको चोद्ना."

"अब उपेर आओ ना बेड पर यूँही खड़े रहो गे क्या? यहाँ आओ बेटा." मम्मी ने मेरा

हाथ पकड़ मुझे बिठा लिया.

"यहाँ नही हमारे दरमियाँ आओ, आज यहाँ ही केरते हैं जो केरना है. शुमैला

वैसे भी घबरा रही है, मुझे ही कुछ करना पड़ेगा." मम्मी ने नकली गुस्सा

देखते हुए मुस्कुरा कर कहा और मुझे अपने और शुमैला के बीच बिठा

लिया.

"अच्छा अब जो कहती जाऊं वैसे केरते जाओ तुम दोनो! ओके!"

हम दोनो ने खामोशी से सिर हिला दिया.

"पहले तो तुम दोनो रेलेक्ष हो जाओ कुछ नही हो गा किसी को ओके! और ये तो उतारो."

मम्मी मेरी शर्ट उतारने लगी उस ने बाज़ू उप्पेर कर

के शर्ट उतरवा ली, फिर मम्मी ने मेरी चेस्ट पे हाथ फेरा.
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12-13-2018, 01:43 PM,
#20
RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
"देखो शुमैला तेरे भाई के जिस्म पे कैसे प्यारे कट्स हैं." मम्मी ने शुमैला

का हाथ पकड़ के मेरे चेस्ट पे रख दिया. शुमैला का दिल ऐक बार ज़ोर से धड़का

लेकिन उस ने हिम्मत नही छोड़ी और हल्के हल्के अपना गर्म गर्म हाथ मेरे चेस्ट पे

फैरने लगी. मे अब रेलेक्ष था मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फूलने लगा था. तभी

मम्मी ने मेरे पैट पे हाथ फेरते हुए मेरे सेमी एरेक्टेड कॉक को ट्राउज़र के

उप्पेर से ही पकड़ लिया और बोली, "आरएे क्या केरते हो!! जवान बनो, चलो ये भी

उतारो."

और मम्मी ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया. मेने हल्का सा खुद को उठा कर ट्राउज़र

उतारने मे मम्मी की मदद की. अब मे दोनो के दरमियाँ बिल्कुल नंगा बैठा था.

शुमैला की नज़ारे मेरे सेमी एरेक्टेड लंड पर थीं जो कि मम्मी के हाथ मे

था. उस का दिल अब और भी ज़ोर से धरकने लगा था.

"आमिर बेटा इस को बड़ा करो." मम्मी ने कहा.

"मम्मी आप खुद ही कर लो ना, आप को तो आता है ना." मेने मम्मी की तरफ

देखते हुए जवाब दिया.

"बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं

इस को बड़ा." मम्मी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की

तरफ आ गई और शुमैला का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे

लंड पे रख दिया.

"पाकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है."

और शुमैला ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे

उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले

रहा था. मे शुमैला के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और

भी हार्ड होने लगा.

"ऐसे करो जान." मम्मी ने शुमैला का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे

किया और शुमैला अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड

की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी.

"मम्मी ये तो बोहत बड़ा है." शुमैला ने आहिस्ता से सेरगोशी की.

"हां, और मज़े का भी." मम्मी ने शुमैला की आँखो मे देखा और थोड़ा सा

झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट

सा दौड़ गया.

"चलो बेटी अब तुम्हारी बारी." मम्मी ने शुमैला को कहा और शुमैला ने ऐक

नज़र मेरी तरफ देखा. मे सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था.

शुमैला बहुत अच्छी आक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड

चूस रही थी पर आज मम्मी के सामने बेचारी शर्मा भी रही थी इसलिए लग

रहा था जैसे सबकुच्छ आज पहली बार हो रहा है. शुमैला ने शेरमाते हुए

जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी.

"शाबाश." मम्मी ने कहा. "अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना."

"मम्मी मे अकेला ही नंगा रहूं गा क्या?" मेने मम्मी से पूछा.

"नही हम भी उतरने लगे हैं कपड़े तुम परेशान कियूं होते हो, ये लो बाबा."

और मम्मी ने अपनी कमीज़ ऐक झटके से उतार दी और उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ

उछल कर बाहर आ गयी.

"चलो बेटी उतारो इसे." मम्मी ने शुमैला की कमीज़ पकड़ कर कहा.

"मुझे शर्म आती है आप ही उतारो." शुमैला ने नज़रे झुकाते हुए कहा.

"ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा." और मम्मी ने शुमैला की कमीज़ भी

उतार दी. शुमैला ने बाज़ू उपर कर के मम्मी की हेल्प की.

"गुड!" मम्मी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी.

अब शुमैला की गोल गोल पर्फेक्ट तनी हुई 32 साइज़ की चूचियाँ बाहर आ गईं.

मम्मी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, "लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना." मम्मी ने

अपनी कमर शुमैला की तरफ की.

और उस ने मम्मी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं.

मे कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो की चमकती हुई चूचियाँ देख रहा था.

"लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं." मम्मी ने शुमैला की ऐक

चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मेने हाथ बढ़ा कर शुमैला की

चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.

क्रमशः………………………..
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