09-02-2018, 11:58 AM,
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RE: Maa ki Chudai माँ के कहने पर
"लेकिन रीमा क्या मानेगी?" मेरा सवाल था.
मा बोली,"रीमा से मैं बात कर लूँगी. चूत को जब लंड मिलता हो तो ना नहीं कहती. रात को मैं तुझे फोन पर बता दूँगी. फिर सनडे को रक्षा बंधन भी है. तुम राखी बँधवाने आ जाना. ये रीमा की आखरी राखी हो गी जो वो अपने भैया को बाँधेगी. उस के बाद तो वो मेरे बेटे का मंगल सूत्र ही पहनेगी. इस रक्षा बंधन पर मेरी बेटी को मंगलसूत्र का तोहफा दे देना बेटा"
मेरा दिल धक धक करने लगा. फिर ख्याल आया कि अगर रीमा ने ना कर दी तो? मा चली गयी लेकिन मेरा मन काम में नहीं लग रहा था. बार बार मेरी आँखों के सामने मेरी बेहन की तस्वीर घूम रही थी. मैं उसको कभी तो राखी बाँधते हुए देखता और कभी लाल साड़ी में दुल्हन बने हुए तो कभी नंगी मेरे नीचे लेट कर चुदाई करवाते हुए. मा के जाने के बाद मेरा लंड एक पल के लिए भी नहीं बैठा. दुकान बंद कर के में मा के फोन का इंतज़ार करने लगा. ठीक 7 बजे फोन बजा. उस वक्त मैं नहा कर बाथरूम से निकला ही था, बिल्कुल नंगा.
चेर पर बैठते हुए मैं बोला"हेलो" उधर से मा की आवाज़ आई"बेटा, रीमा मान गयी है. मेरे राज बेटे को रीमा पत्नी के रूप में मिलने की बधाई हो. बहुत खुश है तेरी बेहन जब से मैने उसको बताया है कि उसके भैया अब उसके सजना बन जाएँगे. तू ऐसा करना कि राखी वाले दिनको चले आना. अपनी बेहन को ज़रा अपनी गर्लफ्रेंड बना कर घुमा लाना, कम से कम ऐसी फीलिंग तो ले आना कि वो तेरी गर्लफ्रेंड है"
मैं हैरान था, खुश था, इश्क के नशे में था."ज़रा मेरी बात तो करवाना मेरी बहना से" मा बोली " वो यहाँ नहीं है. मंदिर गयी है भगवान का शुक्रिया अदा करने क्यों कि उसको इतना अच्छा पति जो मिला है. तुम आ कर मिल ही लेना बेटा"
बस उस के बाद वक्त काटना मुश्किल हो गया. उस रात तीन बार तो मैने अपनी बेहन के नंगे जिस्म की कल्पना कर के मूठ मारी. मुझे मेरी अपनी बेहन अब आएशा टाँकिया लगने लगी थी. सारी रात सोए बिना काटी मैने और राखी वाले दिन सुबह सुबह मैं तैयार हो कर मोटर साइकल पर सवार हो कर चल पड़ा अपनी रीमा बेहन से मिलने.
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RE: Maa ki Chudai माँ के कहने पर
रास्ते में मैने मार्केट से एक सोने का हार, रिंग, मंगलसूत्र खरीदा. फिर मैने अपनी बेहन के लिए सिल्क की ब्लॅक कलर की पैंटी और ब्रा खरीदी. फिर मैने उसके लिए चूत शेव करने का समान खरीदा, पर्फ्यूम खरीदा. एक बॉटल रेड वाइन की ली और घर पहुँचा. मा ने डोर खोला तो मैं मा से लिपट गया."बेटा, मुझ से क्यो लिपट रहा है? वो तेरा इंतज़ार कर रही है. रीमा से लिपट अगर लिपटना ही है तो. कई बार पूच्छ चुकी है तेरे बारे कि तू कब आए गा. तेरे लिए सज कर बैठी है. जा मिल ले उस से बेटा"
अपने रूम में मेरी बेहन ब्लॅक कलर की टाइट जीन्स और लेमन कलर की टाइट टॉप पहने हाथ में राखी वाली थाली लिए खड़ी थी मेरा इंतज़ार करती हुई. रीमा के सीने का उठान देखते ही मेरे दिल और लंड में हलचल मच गयी. जीन्स इतनी टाइट थी कि उसकी चूत का फूला हुआ हिस्सा सॉफ दिखाई पड़ रहा था. गोल गोल मस्त चूतड़ देख कर में भूल गया कि कम से कम आज वो मेरी बेहन है"भैया, मेरे प्यारे भैया, आप आ गये?" मैने अपनी बाहें खोल दी तो वो सीधा मेरे सीने से लग गयी. उसका जिस्म जैसे आग में जल रहा हो. उसके मोटे मोटे उरोज़ मेरे सीने में धँस गये और मैने अपनी बेहन को आलिंगन में कस लिया."ओह्ह्ह भैया पहले रखी तो बाँध लेने दो. तिलक लगा लेने दो अपने भैया को. चलो हटो ना"
"अच्छा बाबा, बांधो रखी अपने भैया को, मेरी प्यारी बहना. रीमा ने मेरी कलाई पकड़ी और फिर रेशम की राखी बाँधी, माथे पर तिलक लगाया और थाली से मिठाई लेने के लिए हाथ बढ़ाया तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया,"नहीं रीमा, ये मिठाई नहीं, मुझे अपने होंठों का मीठा रस पिला दो बहना. सच में बहुत सुंदर लग रही हो बहना रानी. मुझे अपने गुलाबी होंठों को चूम लेने दो ज़रा. अब के बाद इन होंठों पर केवल मेरा हक ही होगा"
"लेकिन........."
मैने उसके होंठों के उपर अपने होंठ रख कर उसको बोलने नहीं दिया. मैं ज़ोरदार तरीके से अपनी बेहन को किस करने लगा. पहले तो वो हिकचकचाई लेकिन फिर उसकी जवानी ने मेरा साथ देने के लिए मज़बूर कर दिया. मेरे हाथ मेरी बेहन के जिस्म के हर हिस्से को टटोल रहे थे, मेरी ज़ुबान उसके मुख के अंदर नाच कर रही थी और मेरी बहना मेरे साथ इस लिपट रही थी जैसे कोई बेल किसी पेड़ के साथ लिपट जाती है. पूरे तीन मिनिट तक हमारा चुंबन चलता रहा."
उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...भैया आप भी ना.......................अभी हमारी शादी नहीं हुई है..............आप अभी से.......भैया ये ठीक नहीं है...कम से कम जब तक हम शादी ना कर लें......................लाओ अब राखी का तोहफा कहाँ है मेरा? भैया इस बारी मैं कोई मामूली तोहफा नहीं लेने वाली.....निकालो मेरा गिफ्ट भैया"
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RE: Maa ki Chudai माँ के कहने पर
मैने जब एक उंगली रीमा की चूत में घुसा दी तो वो बोल उठी,"भैया उंगली से बहुत चुदि हूँ...अब तो लंड से पेलो मुझे........फाड़ दो मेरी चूत को भैया!!!" मैने अब रीमा को अपने उपर चढ़ा कर उसका मुख अपने लंड पर रख दिया और उसकी जांघों को खोल कर उसकी चूत पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर डाली. चूत से रस निकलने लगा था. चूत का रस बहुत टेस्टी था, बिल्किल नमकीन.
रीमा मेरे लंड को चूसने लगी और अंडकोष से खेलने लगी. मेरे हाथों ने उसकी गान्ड को थाम रखा था. अपनी चूत को मेरी ज़ुबान पर रगड़ती हुई वो सिसकारी लेती हुई बोली" ओह राज, मेरे सरताज, चाटो मेरी चूत को. इस ने आपके होंठों का बहुत इंतेज़ार किया है, यह चूत आपके प्यार के लिए बहुत तडपि है भैया, इसकी प्यास बुझा दो आज भैया, जी भर के चूसो और चाटो मेरी प्यासी चूत मेरे राजा, आहह, भैया, आपका लंड बोहत प्यारा है."
मैं भी गरम था और बोला"मेरी प्यारी बहना ज़ोर ज़ोर से चूसो मेरे लंड को, यह भी बहुत तरसा है तेरे लिए मेरी रानी बहना.........हाई बहना, बुझा दो इसकी भी प्यास." मेरा लंड रीमा के मुख रस से भीग चुका था और उसकी चूत मेरे मुख रस से चिकनी हो गयी थी. अब असली चुदाई का वक्त आ चुका था,"रीमा मेरी रानी अब मैं चुदाई करने वाला हूँ. तुम सीधी हो कर पीठ के बल लेट जाओ और मुझे चुदाई करने दो"रीमा ने वैसे ही किया जैसे मैने कहा. उसकी चूत मेरे सामने थी और मैने उसकी जांघों को खोला और उसके उपर चढ़ कर लंड का निशाना चूत पर लगा कर कमर आगे धकेल दी लेकिन मेरा लंड फिसल कर एक तरफ निकल गया.
"उई भैया ध्यान से, आपका लंड बहुत मोटा है ऐसे नहीं जाएगा अंदर. लो मैं अपनी टाँगें और फैला देती हूँ." मैने एक बार फिर लंड पेलने की कोशिश की लेकिन लंड ठीक से घुस नहीं पाया,
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RE: Maa ki Chudai माँ के कहने पर
शायद मा हमारा खेल देख रही थी. वो कमरे में दाखिल हुई और बोली"बेटा ऐसे नहीं चुदाई होती. तुम अपनी बीवी के निपल्स को चूसो मैं तेरा लंड अपने हाथ से डालती हूँ चूत के भीतेर. ओह्ह्ह्ह मादर्चोद कितना बड़ा है तेरा लंड. इतना तो तेरे बाप का भी नहीं था. राज बेटा जब मैं कहूँगी तब धक्का मारना" मा ने मेरा लंड हाथ में ले लिया और मैं आगे झुक कर रीमा के निपल को चूसने लगा. मा ने मेरा सुपाडा रीमा की चूत पर टिका दिया और बोली"शाबाश बेटा अब मारो धक्का"उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा और मैने धक्का मारा तो लंड चूत में घुस गया
"ऊऊऊऊऊऊऊ भैया धीरे से.....मर गयी मा.....हाई.....बहुत दर्द हो रहा है भैया.....धीरे से चोदो भैय्ाआआ!!!!!!!"
मा बोली"बेटा बेचारी की कुँवारी चूत है, आराम से चोदो......बेटी कोई बात नहीं पहली बार दर्द होता ही है. बस आराम से चुदवाती रहो मेरी बेटी, जल्द ही मज़ा आएगा मेरी बेटी को"
लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था और मैने ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा लंड चूत में घुसता चला गया. दर्द के मारे रीमा की आँखों में आँसू निकल गये. मा भी रीमा की चुचि को सहलाने लगी. मैं धीरे धीरे धक्के मारता रहा.
"आआअहह भैया अब ठीक है, चोदते रहो मुझे....मा अब तुम जाओ, मुझे तेरे सामने शरम आती है भैया से चुदवाते हुए....हाई भैया चोद डालो मुझे..... हाई मैं मरी भैया चोदो मुझे मेरे राजा!!!!
" मा ने मेरे चूतड़ पर चपत लगाई "ठीक है बेटा, अब तेरी सुहागरात शुरू करवा दी है मैने, खूब मज़े से चोदना अपनी पत्नी को. मैं चलती हूँ अपनी चूत में उंगली करने अपने कमरे में"
मैं धक्के मारता रहा और अब तो मेरी बेहन अपनी गान्ड उछाल कर धक्के का जवाब धक्के से देने लगी थी. "रीमा मेरी रानी बहुत टाइट है तेरी चूत...बहुत मज़ा दे रही है मुझे तेरी मस्तानी चूत......मेरा लंड निचोड़ रही है साली....ऊऊहह रानी मुझे स्वर्ग दिखा रही है तेरी चूत बहना"
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