Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 01:03 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रवी का ध्यान पहली बार मेरे गुलाबी होंठों पर गया, और वो मेरे सिर में अपने हाथ डालता हुआ अपने होंठों को मेरे सुलगते हुए होंठों पर रख दिया। रवी के होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही मेरा सारा शरीर उत्तेजना के मारे काँपने लगा, मुझे खुद अपने ऊपर हैरानी हो रही थी की मुझे आज क्या हो गया है?

मगर रवी के होंठ चूसने से मेरी आँखें अपने आप बंद होने लगी, और मैं रवी के होंठों से अपने होंठ मिलाए हुए जाने कितनी देर तक अपने होंठों को चुसवाती रही। रवी भी मेरे होंठों को चूसते हुए किसी दूसरी दुनियां में खो गया था। जब उसकी साँसें अटकने लगी तो उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से जुदा किया और हम दोनों बहुत जोर से साँस लेते हुए हाँफने लगे।

रवी थोड़ी देर तक साँसें लेने के बाद मेरे होंठों को फिर से अपने मुँह में भर लिया और मेरे नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। मैं भी अपने होश खोती ही जा रही थी, इसलिए मैं भी अपने होंठों से रवी के होंठों को चूमने लगी और अपनी जीभ निकालकर उसके होंठों पर फिराने लगी।

रवी मेरी जीभ अपने होंठों पर पाते ही बहुत उत्तेजित हो गया, और मेरी पूरी जीभ को अपने मुँह में लेते हुए चूसने लगा। रवी मेरी जीभ को चूसते हुए अपने हाथ से मेरी साड़ी के से ऊपर ही मेरी चूचियों को सहलाने लगा।


रवी के हाथ अपनी चूचियों पर पड़ते ही मैंने अपनी जीभ को उसके मुँह से निकालते हुए उसकी जीभ को अपने मुँह में भरने लगी।

रवी ने जल्दी से अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, जिसे मैं अपने होंठों से चूसने लगी। रवी ने आज तक बहुत सारी गाँव की लड़कियों को चोदा था, मगर गाँव की लड़कियों को यह सब कहाँ आता था, जो मैं कर रही थी। इसलिए रवी अपने होश खोता ही जा रहा था। रवी ने अपना मुँह मेरे मुँह से अलग करते हुए मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया।

मैं बेड पर लेटते ही बहुत जोर से हाँफने लगी, जिस वजह से मेरी चचियां ऊपर-नीचे होने लगी। रवी भी बिना देर किए मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चूचियों को साड़ी के ऊपर से ही अपने हाथों से दबाने लगा। रवी ने मुझे सीधा बिठाते हुए मेरी साड़ी को उतार दिया और साथ में अपनी शर्ट को भी उतारकर बेड पर रख दिया।

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं अब सिर्फ एक पैंटी और ब्रा में रवी के सामने थी। रवी मेरी ब्रा में कैद आधी नंगी गोरी चूचियों को देखकर पागल हो गया और मुझे बेड पर गिराते हुए मेरे ऊपर चढ़ते हुए मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी आधी नंगी चूचियों को चूसने लगा।

रवी का नंगा जिम मेरे नंगे पेट से रगड़ खा रहा था जिस वजह से मेरी चूत से उत्तेजना के मारे बहुत पानी बह रहा था। रवी ने मेरी चूचियों को छोड़ते हुए, नीचे होते हुए मेरे गोरे पेट को चूमने लगा। रवी मेरे पेट को चूमते हुए अपनी जीभ निकालकर मेरी नाभि में फिराने लगा। रवी की जीभ अपनी नाभि पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर झटके खाने लगा। रवी अपनी जीभ को मेरी नाभि में गोल-गोल फिराते हुए अपने दोनों हाथों से मेरी चूचियों को पकड़कर जोर से दबाने लगा।

मैं “आअह्ह्ह.. ओह..” करते हुये रवी की इस हरकत से अपने होश खो बैठी और मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी। मजे से मेरी आँखें बंद हो चुकी थी। जब मेरा झड़ना खतम हुआ तो रवी ऐसे ही मेरे पेट को चूम रहा था। और अपने हाथों से मेरी चूचियों को दबा रहा था। मैंने जल्दी से उठते हुए रवी को अपने आपसे दूर किया और अपनी साड़ी पहनने लगी।

रवी मेरी इस हरकत से हैरान होते हुए बोला- “क्या हुआ?”

मैंने कहा- “रवी यह सब शादी से पहले ठीक नहीं है, और अगर अभी कोई आ गया तो मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहूंगी...”

रवी बेड से उठते हुए मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे कहने लगा- “छोरी तुमने सच में मुझ पर जादू कर दिया है, मुझे माफ करना मैं बहुत आगे बढ़ गया था...”

मैं अपनी साड़ी पहन चुकी थी मैंने रवी के होंठों पर एक किस देते हुए कहा- “प्लीज तुम अपनी शर्ट पहन लो मैं अब तुम्हारी ही हूँ.” रवी मुझे अपनी बाहों से आजाद करते हुए अपनी शर्ट पहनने लगा। रवी ने जैसे ही अपनी शर्ट पहनी दरवाजा खटकने की आवाज आई।
Reply
08-05-2019, 01:03 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
* * * * * * * * * *मनीष और करुणा

कमरे में मनीष ने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजा अंदर से लाक कर दिया और करुणा को अपनी बाहों में भर लिया। मनीष का कमरा भी रवी के कमरे की तरह बहुत खूबशूरत और भरा हुआ था। मनीष ने करुणा को बाहों में लेते हुए, भरते हुए अपने होंठ करुणा के होंठों पर रखने चाहे, मगर करुणा ने अपना सिर थोड़ा घुमा लिया। मनीष के होंठ करुणा के होंठों की बजाए उसके गाल पर आकर रुक गये। मनीष ने फिर से अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रखना चाहा मगर इस बार भी करुणा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।

मनीष ने करुणा की आँखों में देखते हुए कहा- “क्या कर रही हो करुणा प्लीज... किस लेने दो ना क्यों तड़पा रही हो?”

करुणा ने शरारती अंदाज से कहा- “अब तो हमारी शादी के बाद ही आप हमें चूम सकते हैं..."

मनीष ने अपने हाथों से करुणा के सिर को पकड़ते हुए कहा- “शादी की बच्ची... अभी तुम्हें बताता हूँ की कैसे मस्ती की जाती है?” कहकर मनीष फिर से अपने होंठ करुणा के होंठों तक ले जाने लगा।

मगर जैसे ही उसके होंठ करुणा के होंठों को छूने ही वाले थे की करुणा ने मनीष को धक्का देते हुए अपने आपसे दूर कर दिया और मनीष से दूर भागते हुए कहने लगी- “हमने कहा ना की अब हम शादी से पहले कुछ नहीं करने देंगे...”

मनीष भी करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली बहुत नखड़े कर रही हो, आज तुम्हें नहीं छोडूंगा..."

करुणा भागते हुए बेड पर चढ़ते हुए बेड के उस तरफ खड़ी हो गई और मनीष की तरफ देखते हुए उस चिढ़ाते हुए कहने लगी-
“तुम्हें पता है की हम ठाकुर साहब की बहू हैं। अगर तुमने हमें ज्यादा तंग किया तो हम ठाकुर साहब से आपकी शिकायत कर देंगे...”

मनीष फिर से करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली आज तुम्हें मजा चखाना ही पड़ेगा.." और करुणा के पीछे बेड के दूसरी तरफ जाने लगा।

मनीष जैसे ही बेड की दूसरी तरफ पहुँचा, करुणा फिर से बेड पर चढ़ते हुए दूसरी तरफ चली गई। करुणा फिर से मनीष को चिढ़ाते हुए अपनी जीभ निकालकर मनीष को दिखाने लगी। करुणा भागने की वजह से जोर से हाँफ रही थी जिस वजह से उसकी चूचियों भी बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थीं। मनीष का भी वोही हाल था वो भी बुरी तरह से हॉफ रहा था। अचानक मनीष बेड पर चढ़ते हुए करुणा की तरफ जाने लगा। करुणा मनीष को अपनी तरफ आते हुए देखकर वहां से भागने लगी। मगर इस बार मनीष बेड के ऊपर से आने की वजह से वो मनीष से भाग नहीं पाई, और मनीष ने भागते हुए करुणा को पीछे से पकड़ते हुए अपनी बाहों में जकड़ लिया। मनीष करुणा को अपनी बाहों में कैद किए हुए थोड़ी देर तक बहुत जोर से साँसें लेने लगा।

करुणा भी बुरी तरह से हॉफ रही थी। कुछ देर बाद मनीष ने करुणा को अपनी बाहों में जोर से दबाते हुए कहाअब बोलो ठाकुर साहब की बहू क्या कह रही थी?"

करुणा ने अपने आपको मनीष से बहुत छुड़ाने की कोशिश की, मगर इस बार मनीष ने उसे अपनी बाहों की पकड़ से छूटने नहीं दिया और उसे अपनी बाहों में उठाते हुए बेड पर पटक दिया। मनीष करुणा को बेड पर लेटाते हुए खुद भी उसके ऊपर चढ़ गया और अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रख दिया। इस बार करुणा ने भी कोई विरोध नहीं किया और मनीष के चुंबन का जवाब देने लगी। मनीष करुणा का विरोध खतम होते ही उसके पूरे होंठों को चाटते हुए अपनी जीभ को करुणा के मुँह में डाल दिया।

करुणा ने मनीष की जीभ को कुछ देर तक चाटने के बाद अपनी जीभ को मनीष के मुँह में डाल दिया। मनीष कुछ देर तक करुणा की जीभ को चाटने के बाद करुणा के ऊपर से उठते हुए हुए अपने हाथों से उसकी साड़ी को उतारने लगा। करुणा ने अपने हाथ से अपनी साड़ी को पकड़ लिया।

मगर मनीष ने करुणा के हाथ को उसकी साड़ी से अलग करते हुए कहा- “जानेमन थोड़ी देर के लिए हमें अपने हुश्न का दीदार करने दो..."
Reply
08-05-2019, 01:03 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा ने मनीष की बात सुनकर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया। मनीष करुणा की साड़ी को अपने हाथों से । उतारने लगा। करुणा के जिश्म से उसकी साड़ी के अलग होते ही मनीष करुणा की छोटी-छोटी चूचियों को ब्रा में कैद देखते हुए अपने होंठों पर अपनी जीभ फिराने लगा। करुणा ने मनीष को यूँ अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर अपने हाथों को अपनी चूचियों पर रख दिया। मनीष करुणा के हाथों को अपने हाथों में पकड़ते हुए उसके हाथों को उसके सिर के ऊपर कर दिया और अपने होंठ करुणा की चूचियों पर ब्रा के ऊपर रखते हुए करुणा की चूचियों का उपरी हिस्सा चाटने लगा।

मनीष के होंठ अपनी चूचियों के पास महसूस करके करुणा के मुँह से सिसकियां निकलने लगी और वो गरम होने लगी। मनीष ने करुणा के हाथों से अपने हाथों को हटाते हुए उसकी ब्रा को आगे से खींचकर थोड़ा नीचे कर दिया। करुणा की छोटी-छोटी चूचियों अब बिल्कुल नंगी मनीष की आँखों के सामने थी। मनीष करुणा की एक चूची को अपने हाथ से सहलाते हुए अपना मुँह खोलते हुए उसकी चूची के गुलाबी दाने को अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगा।

करुणा अपनी चूची के दाने को मनीष के मुँह में जाते ही मजे से “आअह्ह्ह...” करके चीख पड़ी और अपने हाथों को मनीष के बालों में डालते हुए अपनी चूचियों पर दबाने लगी। करुणा का पूरा जिम अब बहुत गरम हो चुका था। और उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया था। मनीष करुणा की चूची को चूसते हुए अपने दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा। मनीष अब करुणा की एक चूची को चूसने के बाद उसकी दूसरी चूची को । चूसने लगा और अपने हाथ से करुणा के नंगे पेट को सहलाने लगा।

करुणा का पूरा जिम टूट रहा था और उसके मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। मनीष अब करुणा की चूचियों को छोड़ते हुए सीधा होते हुए अपनी शर्ट को उतार दिया। शर्ट के उतारने के बाद सीधा होकर करुणा के ऊपर लेट गया।

करुणा अपनी नंगी चूचियों पर मनीष का ठोस सीना महसूस करके तड़प उठी और मनीष को सिर से पकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगी। मनीष भी करुणा के होंठों को चूसते हुए नीचे होने लगा। मनीष अब बहुत तेजी के साथ करुणा के कंधे को चूमता हुआ नीचे बढ़ने लगा। करुणा की चूचियों तक पहुँचने के बाद मनीष ने एक-एक करके करुणा की चूचियों के कड़े दानों को अपने मुँह में लेकर काटने लगा।

मनीष के दाँत अपनी चूचियों पर पड़ते ही करुणा काँप उठी- “आहहह...”

मनीष अब करुणा की चूचियों को अपने मुंह से निकालते हुए नीचे होते हुए करुणा के गोरे पेट को अपनी जीभ से चाटने लगा। करुणा की साँसें बहुत जोर से चल रही थीं, उसका पूरा शरीर काँप रहा था और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकल रही थी।

मनीष अपनी जीभ को करुणा के पेट पर फिराते हुए उसके नाभि में फिराने लगा और अपना हाथ उसकी कच्छी पर फिराने लगा।

करुणा अपनी नाभि में जीभ और कच्छी पर मनीष के हाथ को महसूस करके सिहर उठी और अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैलाते हुए जोर-जोर से सिसकने लगी।

मनीष समझ गया के करुणा झड़ने के बिल्कुल करीब है। मनीष अपने हाथ को ठीक करुणा की चूत के छेद पर लाते हुए उसे कच्छी के ऊपर से सहलाने लगा और अपनी जीभ से उसकी नाभि को चाटने लगा। करुणा की चूत से पानी निकलकर उसकी कच्छी को भिगो रहा था। इसलिए मनीष का हाथ भी भीग चुका था।
Reply
08-05-2019, 01:03 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा के मुँह से अब सिसकियों के बजाए हिचकियां निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गई थी और उसका पूरा बदन पशीने में भीग चुका था। मनीष अचानक अपनी जीभ को करुणा के पेट से नीचे करते हुए उसकी गीली कच्छी पर रखते हुए उसकी चूत को चूमने लगा। करुणा “आअहहह...” करते हुए झड़ने लगी। झड़ते हुए उसने अपनी आँखें बंद कर ली और उसकी चूत मनीष के चहरे पर झटके खाते हुए पानी छोड़ने लगी। मनीष अपनी जीभ से कुछ देर तक करुणा की कच्छी को चाटता रहा।

जब करुणा ने आँखें खोली तो उसे होश आया वो जल्दी से उठते हुए अपनी साड़ी पहनने लगी।

मनीष चौंकते हुए- “क्या हुआ जानू?”

करुणा ने साड़ी को पहनते हुए कहा- “बहुत देर हो गई है, धन्नो हमारा इंतजार कर रही होगी...”

मनीष ने अपनी शर्ट पहनी और करुणा के पास जाते हुए उसके होंठों पे एक चुंबन देते हुए कहा- “बैंक्स डार्लिंग, हमारा इतना साथ देने के लिए..."

करुणा ने मनीष से कहा- “आपके हाथों में तो जादू है। आपके पास आते ही हम बहक जाते हैं और हमें कोई होश नहीं रहता...”

यह कहते हुए करुणा ड्रेसिंग टेबल के सामने जाते हुए अपने आपको ठीक करने लगी। करुणा अपने आपको पूरी तरह से ठीक करने के बाद मनीष के साथ उसके कमरे से बाहर आ गई।

बाहर आते ही मनीष ने करुणा से कहा- “चलो रवी के कमरे में चलते हैं। वो दोनों वही होंगे..." और मनीष रवी के कमरे के पास आकर उसके दरवाजे को नाक करने लगा।

रवी ने अपने आपको ठीक करते हुए जाकर दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही मनीष और करुणा अंदर आ गये। करुणा के अंदर आते ही धन्नो ने उठते हुए करुणा से कहा- “अच्छा हुआ जो आप आ गई, बहुत देर हो गई है। हमें चलना चाहिए...”

करुणा ने भी कहा- “हाँ बहुत देर हो गई है हमें चलना चाहिए..."

धन्नो ने उठते हुए रवी और मनीष से कहा- “हमें इजाजत चाहिए, हम चलते हैं...”

धन्नो की बात सुनते ही मनीष ने कहा- “रात होने वाली है, तुम दोनों का अकेले जाना ठीक नहीं होगा। एक काम करते हैं हम आप दोनों को अपनी कार में छोड़ आते हैं.”

धन्नो ने कहा- “जैसा आप ठीक समझे...” कहकर धन्नो और करुणा मनीष के साथ कमरे से निकलने लगी।

रवी भी उनके साथ बाहर आ गया। ठाकुर पहले से बाहर बैठा था। धन्नो और करुणा ने ठाकुर साहब से इजाजत ली और मनीष के साथ कार में बैठकर मौसी के घर की तरफ जाने लगी। रास्ते में तीनों के बीच कोई बात नहीं हुई।

घर पहुँचकर मनीष ने धन्नो से पूछा- “मोहित की तबीयत कैसी है?”

धन्नो ने मनीष से कहा- “सुबह से वो अपने कमरे में सोया हुआ है। पता नहीं उसकी तबीयत ठीक है या नहीं?”

मनीष ने धन्नो की बात सुनने के बाद कहा- “ठहरो मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ..” और मनीष धन्नो और करुणा के साथ अंदर जाने लगा।

अंदर पहुँचते ही मौसी ने मनीष को धन्नो और करुणा के साथ देख लिया, और वो उनकी तरफ आते हुए धन्नो से कहने लगी- “धन्नो यह तुम्हारे साथ कौन है?”

धन्नो ने मौसी से कहा- “यह ठाकुर साहब के बड़े बेटे मनीष हैं, और यह मोहित से उसकी तबीयत पूछने आए हैं, मनीष शहर में पढ़ने गये थे और यह हमारे साथ ट्रेन में यहाँ तक आए हैं...”

मौसी धन्नो की बात सुनने के बाद मनीष के पास जाते हुए कहने लगी- “प्रणाम छोटे ठाकुर। आप तो बहुत बड़े हो गये हैं, मैंने आपको बचपन में देखा था, अब तो पहचान में ही नहीं आ रहे हैं। मोहित अपने कमरे में है। जाओ उससे मिल लो...”

मनीष मौसी की बात सुनने के बाद धन्नो और करुणा के साथ मोहित के कमरे में जाने लगा। मोहित के कमरे में आते ही मनीष, करुणा और धन्नो तीनों के मुँह फटे के फटे रह गये। एक खूबसूरत लड़की मोहित की चारपाई के साथ कुर्सी पर बैठकर उससे बातें कर रही थी। वो लड़की दिखने में गोरी, उसका कद 56 इंच, बाडी उसकी भरी हुई थी, उसकी चूचियां 36 इंच की थी, जो बिल्कुल उसके सीने पर उभरी हुई थी।

मोहित मनीष, करुणा और धन्नो को देखकर चारपाई से उठकर बैठने लगा। मनीष ने जाकर मोहित को हाय कहा और उससे कहा- “तुम तकलीफ मत करो और सोए रहो...”
Reply
08-05-2019, 01:04 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित ने उन सभी का परिचय उस लड़की से कराया- “यह रिया है मेरी होने वाली पत्नी..."

रिया ने सबको प्रणाम किया और धन्नो और करुणा को गौर से देखने लगी। मोहित ने रिया से उन सभी का परिचय कराया। धन्नो को रिया के सीने पर उठी हुई चूचियां बहुत पसंद आई। वो मोहित से कहने लगीतुम्हारी होने वाली बीवी बहुत सुंदर है...”

तभी मौसी कमरे में चाय लेकर आ गई और सबको चाय देते हुए बोली- “पूरे गाँव में यह एक ही तो गोरी और खूबसूरत है..”

मौसी को अचानक खयाल आया और वो हैरान होते हुए कहने लगी- “अरे तुम लोग खड़े क्यों हो। बैठो ना?”

मनीष वहाँ पर पड़ी दूसरी कुर्सी पर बैठ गया और धन्नो और करुणा जाकर दूसरी चारपाई पर बैठ गई, मनीष कुछ देर तक बातें करने के बाद मोहित और मौसी से इजाजत लेकर वहाँ से चला गया और उसके जाने के बाद रिया भी वहाँ पर सभी से इजाजत लेकर चली गई।

मौसी मनीष और रिया के जाने के बाद खाना बनाने चली गई और धन्नो और करुणा मोहित से बातें करने लगे। बातें करते हुए धन्नो ने ठाकुर की कही बात मोहित को सुना दी।

मोहित ने खुश होते हुए कहा- “यह तो बहुत अच्छा हुआ की तुम दोनों शादी की बाद हमारे गाँव में ही रहोगी...”

धन्नो ने भी मोहित से कहा- “तुमने तो गाँव में भी तगड़े माल को अपने हाथ में रखा है..”

मोहित ने कहा- “रिया मेरे बचपन का प्यार है। पहले उसका बाप उसे मुझसे दूर रहने को कहता था, मगर अब वो भी राजी है..."

हमें बातें करते हुए टाइम का पता ही नहीं चला, मौसी खाना बना चुकी थी। मौसी के साथ सभी ने खाना खाया और सभी सोने की तैयारी करने लगे। मौसी ने करुणा और धन्नो से पूछा- “तुम कमरे में सोओगी या बाहर आँगन में?” उस वक़्त बहार का मौसम था, ना तो इतनी ज्यादा ठंड थी ना ही गर्मी।

धन्नो ने कहा- मैं आँगन में सोऊँगी...”

करुणा ने कमरे में सोने के लिए कहा।

मौसी के घर में 3 कमरे थे उसने एक कमरे में करुणा का बिस्तर लगा दिया। मोहित जिस कमरे में था वहीं सो गया। मौसी ने आँगन में दो-चारपाईयां लगा दी, एक धन्नो के लिए और दूसरी अपने लिए। धन्नो अपनी चारपाई पर आकर लेट गई। मौसी भी अपनी चारपाई पर आकर लेट गई।

मौसी ने अपना चेहरा धन्नो की तरफ करते हुए कहा- “बेटी तुम्हें रिया कैसी लगी?”

धन्नो ने कहा- “मौसी बहुत खूबसूरत है वो लड़की..." और मौसी की तरफ देखते हुए कहा- “मौसी आपसे एक बात पूछनी है?”

मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ पूछो बेटी जो पूछना है...”

धन्नो ने मौसी से कहा- “मौसी वो जब हम ठाकुर के घर जा रहे थे तो रास्ते में एक सुनसान जगह थी...”

मौसी ने धन्नो को बीच में टोकते हुए कहा- “हाँ जहाँ पर एक खंडहर जैसी जगह बनी हुई है... बोल ना?”

धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी। वहाँ से गुजरते हुए हमें कुछ अजीब आवाजें सुनाई दे रही थी, जैसे कोई लड़की चीख रही हो..."

मौसी ने फिर से धन्नो को टोकते हुए कहा- “तुम कहीं उस जगह में तो नहीं गई? वहाँ पर सारे गाँव के बदमाश और आवारा लोग लड़कियों को बहला फुसलाकर उस खंडहर में ले जाते हैं और उनका काम कर देते हैं..."

धन्नो ने अंजान बनते हुए कहा- “नहीं मौसी हम वहाँ नहीं गये, मगर वो लोग लड़कियों को क्या करते हैं वहाँ?”

मौसी ने दाँत निकालते हुए कहा- “तुम इतनी भोली भी नहीं हो जो हमसे पूछ रही हो। तुम्हें पता नहीं की लड़के लड़कियों के पीछे क्यों लगे रहते हैं?”

धन्नो ने भोलेपन का नाटक करते हुए कहा- “मौसी बताओ। सच में मुझे नहीं पता और मैं जो बाथरूम में कर रही थी वो सिर्फ सोनाली आँटी को करते हुए देखा था इसलिए मैं भी करने लगी थी...”

मौसी ने कहा- “सच में सोनाली यह सब करती है?”

धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी सच में। मैंने सोनाली आँटी को करते हुए देखा है...”

मौसी ने कहा- “बेचारी जवानी में ही विधवा हो गई और क्या कर सकती है बेचारी। अच्छा तो तुमने अपनी आँटी की चूत देखी है?”
धन्नो ने शर्माने का नाटक करते हुए कहा- “जी हमने एक दफा देखी है...”

मौसी ने कहा- “तुम्हारी आँटी की चूत कैसी है?" ।

धन्नो ने अपना सिर नीचे करते हुए कहा- “जी उनकी बहुत गोरी है...”

मौसी ने खुश होते हुए कहा- “बिल्कुल तुम्हारी चूत की तरह..”

धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्माते हुए अपने मुँह पर चादर रख ली। धन्नो ने थोड़ी देर बाद मौसी से कहामौसी आप भी तो विधवा हैं। आप अपनी जवानी को कैसे संभालती आई हैं?”

मौसी ने धन्नो की बात सुनते ही चौंकते हुए कहा- “बेटी तुमसे क्या छुपाना? मैंने तो अपनी चूत में जी भरकर लण्ड डलवा दिए हैं। अब जब भी जरूरत पड़ती है तो एक बूढ़ा है उससे चुदवा लेती हूँ। साले का लौड़ा बहुत बड़ा और टाइट है, सारी आग बुझा देता है...”

धन्नो मौसी की बात सुनकर चुप हो गई और चुपचाप सो गई।

मौसी ने कहा- “क्या हुआ बेटी सो गई क्या?”

धन्नो ने करवट लेते हुए कहा- “मौसी बहुत नींद आ रही है...”

मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ सो जाओ बेटी मुझे भी नींद आ रही है...”

धन्नो को कुछ ही देर में नींद ने आगोश में ले लिया।
* * * * * * * * * *
Reply
08-05-2019, 01:04 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
प्रवीण और धन्नो का सपना उधर प्रवीण राधा के साथ अपने घर आ गया था। आज उसने राधा को जमकर चोदा था। उसने राधा की गाण्ड भी मारी थी और अब वो गहरी नींद में सोया हुआ था। प्रवीण अचानक एक सपना देखता है जिसमें एक लड़की गाना गा रही है

कोई हमें फिर दूर ना कर दे, माँग मेरी सिंदूर से भर दे, मैं तेरी हूँ कह दे सबसे, तेरा मेरा प्रेम है तब से, यह धरती यह अम्बर जब से, तेरा मेरा प्रेम है तब से...”

प्रवीण की नींद अचानक टूट जाती है और वो उठते हुए पानी पीता है, और फिर सपने के बारे में सोचते हुए सो जाता है।

इधर धन्नो को भी ख्वाब में एक लड़का गाना गाता हुआ नजर आता है।

दीप ने माँगी थी जब जोती, सीप ने माँगा था जब मोती, मैंने माँग लिया तुमको, तेरा मेरा प्रेम है तब से, यह धरती यह अंबर जब से, तेरा मेरा प्रेम है तब से, तेरा मेरा प्रेम है तब से।

अचानक धन्नो नींद से जाग गई और अपनी आँखें खोली, धन्नो को अपनी आँखें खोलते ही बहुत बड़ा झटका लगा। धन्नो सामने का नजारा देखकर हैरान रहो गई।
Reply
08-05-2019, 01:04 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
*मौसी की चुदाई बूढ़े से

धन्नो की आँखें मौसी की खटिया पर टिक गई, क्योंकी मौसी नंगी उल्टी कुतिया की तरह लेटी हुई थी और बल्ब की रोशनी में उसकी झांटों से भरी पीछे की तरफ निकली हुई काली चूत को कोई अपनी जीभ से चाट रहा था।

धन्नो यह सब देखकर हैरान रह गई और चुपचाप अपने ऊपर चादर ओढ़कर देखने लगी।

मौसी की चूत बहुत बड़ी बिल्कुल काली थी और उसके चूतड़ बहुत मोटे थे। मौसी की चूत चाटने वाला सफेद बालों वाला एक शख्स था, जो बिल्कुल नंगा था वो मौसी की चूत चाटते हुए अपने हाथ से अपना लण्ड भी सहला रहा था। धन्नो उस शख्स का लण्ड देखकर अपनी थूक गटकने लगी, क्योंकी उस बूढ़े का लण्ड बिल्कुल काला 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था। वो शख्स देखने में 50-55 साल का लग रहा था जिसका रंग सांवला था। वो बूढ़ा मौसी की चूत के होंठों को पूरा अपने मुँह में लेकर चूस रहा था।

मौसी भी सिसकते हुए अपने चूतड़ों को उस बूढ़े के मुँह पर दबा रही थी। अचानक उस बूढ़े ने मौसी की चूत के दाने को अपने मुँह में ले लिया। वो बूढ़ा मौसी की चूत के दाने को अपने होंठों से चाटते हुए अचानक अपने दाँतों से काट दिया।

मौसी- “आहहह... ओहह... साले मेरी चूत को खा ही जाओ क्या?”

वो बूढ़ा अपने मुँह से मौसी की चूत से निकालते हुए बोला- “साली तुम्हारी चूत अब भोसड़ा बन चुकी है, इसमें से पानी निकालने के लिए ऐसा ही करना पड़ता है...”

मौसी ने गुस्से में कहा- “साले भड़वे सीधा क्यों नहीं कहता की तुम्हारे लौड़े में दम नहीं रहा...” ।

मौसी की बात सुनते ही वो बूढ़ा गुस्सा होते हुए बोला- “साली छिनाल, मुझे हिजड़ा बोलती है? खुद की चूत में अपने हर किसी का लण्ड लेती फिरती है और मुझे भड़वा कहती है...” यह कहते हुए उस बूढ़े ने मौसी के चूतड़ों पर जोर-जोर से थप्पड़ मारते हुए अपनी जीभ को मौसी की चूत में घुसा दिया।

मौसी बूढ़े की जीभ अपनी चूत में घुसते ही “आहहह...” करके सिसक उठी। मौसी ने उस बूढ़े से कहा- “साले थोड़ा आराम से थप्पड़ मार, शहर से आई हुई मेरी भांजी सोई है कहीं वो जाग ना जाए..."

वो बूढ़े ने बिना कोई बात सुने मौसी की चूत चाटते हुए एक उंगली उसकी गाण्ड में डाल दी। मौसी बहुत जोर से सिसकने लगी। लगता था की वो झड़ने वाली थी। अचानक उस बूढ़े ने अपनी उंगली निकालकर दो उंगलियां मौसी की गाण्ड में डाल दी और बहुत जोर से उन्हें अंदर-बाहर करते हुए अपनी जीभ भी उसकी चूत में घुमाने लगा।

मौसी- “आहह्ह... आह्ह... साले.....” इतना ही कह पाई की उसकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया।



वो बूढ़ा मौसी की चूत से निकलता हुआ पानी चाटने लगा। मौसी कुछ देर झड़ने के बाद वहीं पर ढेर हो गई। वो बूढ़ा मौसी को सीधा करते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और अपने हाथों से मौसी की लटकती हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को पकड़ते हुए अपना लण्ड उनके बीच में डाल दिया।

वो बूढ़ा अपने दोनों हाथों से मौसी की चूचियों को अपने लण्ड पर दबाते हुए अपने लण्ड को ऊपर-नीचे करने लगा। मौसी ने उस बूढ़े की तरफ देखते हुये अपना मुँह खोल दिया और उसका लण्ड जैसे ही उसके होंठों को छूता वो उसे अपने मुँह में भर लेती। मौसी ने अब अपनी जीभ निकाली और बूढ़े का लण्ड जैसे ही उसकी मुँह के पास आता वो उसके टोपे को अपनी जीभ से चाट लेती।

बूढ़ा कुछ देर तक ऐसे ही मौसी की चूचियों के बीच अपना लण्ड आगे-पीछे करता रहा। फिर वो मौसी के ऊपर से उठते हुए उसे फिर से उल्टा कर दिया और फिर से मौसी के चूतड़ों को थप्पड़ मारता हुआ अपना लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। बूढ़े ने अपने दोनों हाथ मौसी की कमर में डालते हुए एक ही जोर का धक्का देते हुए अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया।

मौसी के मुँह से हल्की “आह्ह्ह..इस्स्स्स..” की सकी निकल गई।
Reply
08-05-2019, 01:04 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बूढ़ा मौसी की चूत में अपना लण्ड बहुत जोर-जोर से अंदर-बाहर करते हुए कहने लगा- “साली छिनाल बहुत बड़ी नाटकबाज है तू। चूत बिल्कुल भोसड़ा बन चुकी है, मगर फिर भी लण्ड के जाते ही ऐसे नाटक करती है जैसे मेरा लण्ड पहली बार अपनी चूत में ले रही हो...”

मौसी ने कहा- “साले अपना लौड़ा भी तो देखो गधे का लौड़ा है या किसी इंसान का?"

बूढ़े ने खुश होते हुए अपने लण्ड को जोर-जोर से मौसी की चूत में अंदर-बाहर करते हुए उसकी गाण्ड में एक उंगली डाल दी और उंगली को बहुत जोर-जोर से अंदर-बाहर करते हुए चोदने लगा।

मौसी समझ गई की बूढ़ा उसकी गाण्ड मारना चाहता है। इसलिए वो बूढ़े से कहने लगी- “आज मेरी गाण्ड को छोड़ो। मैंने कहा ना मेरी भांजी उठ जाएगी...”

वो बूढ़ा हँसते हुए अपनी उंगली मौसी की गाण्ड से निकलते हुए अपनी दो उंगलियां उसकी गाण्ड में डाल दी।

मौसी- “ऊहह... साले कमीने मानोगे नहीं तुम..”

बूढ़ा मौसी की गाण्ड में अपनी दोनों उंगलियां अंदर-बाहर करते हुए बोला- “साली नखड़े तो ऐसे कर रही हो जैसे पहली बार अपनी गाण्ड मरवा रही हो, और जब तुम गाँव में रहकर इतनी बड़ी छिनाल हो तो तुम्हारी भांजी ने तो शहर में रहकर ना जाने कितने लण्ड चखे होंगे? उठने दो साली को आज शहर की लौंडिया को भी अपना लौड़ा चखा देता हूँ। साली सारी उमर याद रखेगी...”

धन्नो बूढ़े की बातें सुनकर उत्तेजित होते हुए अपनी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहलाने लगी। वो बूढ़े को अपने बारे में बोलते हुए सुनकर बहुत उत्तेजित हो गई थी।

बूढ़ा अब अपनी उंगलियों को बहुत जोर-जोर से मौसी की गाण्ड में अंदर-बाहर कर रहा था, मौसी भी फिर से झड़ने के करीब थी। मौसी ने उत्तेजित होते बूढ़े से कहा- “साले मेरी चूत को तो सही तरीके से चोद नहीं पाते और मेरी गाण्ड के पीछे पड़े हो...
बूढ़ा मौसी की बात सुनकर भड़क गया और मौसी की गाण्ड से उंगलियां निकालते हुए उसके चूतड़ों पर दो-चार थप्पड़ मारते हुए उसको कमर से पकड़ते हुए पूरी ताकत और तेजी के साथ उसकी चूत में अपना लण्ड अंदरबाहर करने लगा। बूढ़ा मौसी की चूत में अपना लण्ड सुपाड़े तक निकालकर फिर तेजी के साथ अंदर घुसेड़ देता। बूढे की लटकती हुई गोटियां जाकर मौसी के जिश्म से टकराती और मौसी बूढे के हर धक्के के साथ पूरी काँप उठती और उसके मुँह से हल्की चीख निकल जाती।

मौसी का जिश्म अचानक पूरा अकड़ने लगा और वो बड़बड़ाने लगी- “हाँ ऐसे ही मेरी चूत का कचूमर बना दो। सच में तुम्हारा लण्ड जानदार है, मेरी चूत को चोद-चोदकर भोसड़ा बना दिया है...”

मौसी की बातें सुनकर बूढ़ा समझ गया की वो झड़ने वाली है। इसलिए बूढ़े ने एक जोर का धक्का लगाते हुए अपना लण्ड मौसी की चूत में जड़ तक घुसा दिया, और खुद अपने हाथ उसकी कमर से निकालते हुए उसकी लटकती हुए बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलने लगा।

मौसी अपनी चूत में लण्ड के रुकते ही गुस्से से बूढ़े से बोली- “साले मैं झड़ने वाली हूँ तुम रुक क्यों गये? अपनी माँ की याद आ गई क्या? मेरी चूत को चोदो...”

वो बूढ़ा मौसी का कोई जवाब दिए बगैर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते हुए उसके काले दाने को अपनी उंगलियों से मसलने लगा। मौसी उत्तेजना के मारे अपनी चूत को खुद ही बूढ़े के लण्ड पर आगे-पीछे करने लगी, मगर उसे बूढ़े ने मौसी की कमर में हाथ डालकर उसे ऐसा नहीं करने दिया।

मौसी ने गुस्से में आकर बूढ़े को गालियां देते हुए कहा- “साले हरामी मेरी चूत को चोदो... क्या कर रहे हो भड़वे?”

बूढ़े ने मौसी से कहा- “एक शर्त पर तुझे चोदूंगा...”

मौसी ने कहा- “साले कुत्ते... तुम्हारी हर शर्त मंजूर है, मगर मेरी चूत को चोदो..."

बूढ़े ने कहा- “पहले शर्त तो सुन लो?"

मौसी ने गुस्से में कहा- “भड़वे बता ना क्या शर्त है?”

बूढ़े ने अपने दाँत निकालते हुए कहा- “मुझे तुम्हारी उस शहर वाली भांजी को नंगा देखना है.”

धन्नो जो इतनी देर से अपनी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहला रही थी बूढे की बात सुनकर सिहर उठी।
और उत्तेजना से काँपते हुए झड़ने लगी, और अपने नीचे वाले होंठ को दाँतों से दबाकर आँखें बंद कर ली।

मौसी ने बूढ़े की बात सुनते ही हैरान होते हुए कहा- “साले कुत्ते अपनी उमर देखी है? कमीने तेरा पेट अब मुझसे नहीं भरता जो नई लौंडिया के पीछे पड़ा है। भड़वे वो क्या रंडी है जो तुम्हारे कहने से नंगी हो जायेगी खुद भी मरोगे और मुझे भी मरवाओगे..”

मौसी की बात सुनकर बूढ़े ने कहा- “वो सब तुम मुझपर छोड़ दो, तुम बस मुझे इजाजत दे दो...” यह कहते हुए उस बूढ़े ने मौसी की चूत से लण्ड निकालकर फिर से घुसेड़ दिया, ताकी वो गरम हो जाए।

मौसी को उस वक़्त अपनी चूत की ज्यादा चिंता थी इसलिए उसने कहा- “तुम्हारी मर्जी जो करना है करो, मगर मेरी चूत को शांत करो...”
Reply
08-05-2019, 01:04 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मौसी की बात सुनते ही बूढ़ा मौसी की चूचियों को पकड़ते हुए बहुत तेजी के साथ उसकी चूत में धक्के लगाने लगा। मौसी भी कुछ ही देर में फिर से गरम होते हुए काँपने लगी, और वो अपने चूतड़ों को बूढ़े के लण्ड पर जोर-जोर से धक्के देते हुए झड़ने लगी। झड़ते हुए मौसी ने अपनी आँखें बंद कर ली। उस बूढ़े ने मौसी की चूत के रस से भीगा हुआ अपना लण्ड बाहर निकालते हुए मौसी की गाण्ड पर रखकर एक जोर का धक्का लगा दिया। मौसी की गाण्ड में उस बूढ़े का आधा लण्ड घुस चुका था।

मौसी चीखी- “ऊईई... साले हरामी बिना बताए ही घुसा दिया...”

बूढ़ा मौसी की परवाह ना करते हुए उसकी कमर में हाथ डालते हुए दो-चार जोर के धक्के लगाकर अपना लण्ड मौसी की गाण्ड में पूरा घुसा दिया और बहुत जोर-जोर से उसकी गाण्ड को चोदते हुए हाँफते हुए अपने वीर्य से उसकी गाण्ड को भरने लगा।

मौसी की गाण्ड में पूरा लण्ड घुसते ही उसके मुँह से एक जोर की चीख निकल गई मगर फिर धन्नो का सोचते हुए उसने अपना मुँह तकिये में घुसा दिया। ताकी उसके चीखने से धन्नो ना जाग जाए। मौसी उस बूढ़े के झड़ने के बाद वहीं पर सीधा होकर लेट गई। उसकी आँखों से अब भी आँसू निकल रहे थे। उसने बूढ़े की तरफ देखते हुए कहा- “साले हरामी बहुत कमीना है तू... थोड़ा भी रहम नहीं आया तुझे...”

धन्नो एक बार झड़ चुकी थी मगर वो अपने आपको बूढे के सामने नंगा होने के खयाल से ही फिर से उत्तेजित हो रही थी। मौसी ने कुछ देर तक यूँ ही लेटे रहने के बाद बूढ़े से कहा- “साले अब बताओ कैसे इस लौंडिया को नंगा करोगे?"

बूढ़े ने कहा- “मेरे पास एक दवा है, जिसे मैं रुमाल पर लगाकर उसकी नाक पर रबँगा, उसे पूँघते ही यह लौंडिया एक घंटे तक अपने होश खो देगी..."

मौसी ने अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहा- “साले कुत्ते... तुम तो बहुत हरामी हो...”


वो बूढ़ा उठते हुए अपनी कमीज से एक दवा और रुमाल निकाला और वो दवाई रुमाल पर लगाते हुए धन्नों की खटिया की तरफ बढ़ने लगा।

धन्नो उनकी सारी बातें सुन चुकी थी। वो नहीं चाहती थी की वो बेहोश हो क्योंकी वो उस बूढ़े से अपने होश में रहकर मजे लेना चाहती थी। बूढ़े ने धन्नो की खटिया के पास पहुँचते ही धन्नो के ऊपर से चादर को हटा दिया। धन्नो ने पहले से ही अपनी आँखें बंद कर ली थी, और वो सोने का नाटक कर रही थी। बूढ़े ने दवाई वाला रुमाल आगे बढ़ाते हुए धन्नो की नाक पर रख दिया।

उस बूढ़े ने कुछ देर तक धन्नों की नाक पर रुमाल डाले रखा और फिर उसकी नाक से रुमाल हटाते हुए वापस जाकर अपनी कमीज में रख दिया। धन्नो ने बूढ़े के रुमाल रखने से पहले अपनी साँसें बंद कर ली थी, जिस वजह से वो बेहोश नहीं हुई थी।

बूढ़े ने मौसी से कहा- “जाओ तुम उस लौंडिया को जाकर देखो की वो बेहोश हुई या नहीं?”

मौसी धन्नो के पास जाकर उसे अपने हाथों से झंझोड़ते हुए कहने लगी- “धन्नो क्या तुम जाग रही हो?”

धन्नो चुपचाप सोने का नाटक करने लगी।

मौसी ने बूढ़े से कहा- “यह सच में बेहोश हो गई है...”

मौसी की बात सुनकर बूढ़ा खुश होते हुए धन्नो के पास आ गया और उसकी चादर को खींचकर उसके ऊपर से हटा दिया। धन्नो चुपचाप सीधी सोई हुई थी और उसकी साँसों के साथ उसकी चूचियां भी ऊपर-नीचे हो रही थी।
|
बूढ़ा- “वाह लौंडिया तो बहुत गोरी और चिकनी है, साली का माल कैसा होगा?” यह कहते हुए बूढ़े ने धन्नो की साड़ी को उसके पेट से हटा दिया। धन्नो के दूध जैसे गोरे पेट को देखकर बूढ़ा लार टपकाने लगा। बूढ़े ने धन्नो
की खटिया पर बैठते हुए अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और उसे सहलाने लगा।

बूढ़ा- “वाह साली का क्या जिश्म है... मुझे ऐसे महसूस हो रहा है जैसे किसी शीशे पर अपना हाथ फिरा रहा हूँ..." बूढ़े ने खुश होते हुए कहा।

मौसी भी वहाँ खड़ी धन्नो को देख रही थी।

धन्नो बूढ़े का हाथ अपने पेट पर पड़ते ही सिहर उठी थी, उसे बहुत ज्यादा गुदगुदी महसूस हो रही थी और बूढ़े का सख़्त हाथ अपने पेट पर पड़ते ही वो फिर से गरम होने लगी थी। बूढ़े ने कुछ देर तक धन्नो के पेट को । सहलाने के बाद अपना मुँह नीचे करते हुए धन्नो के पेट पर रख दिया और उसे अपने होंठों से चूमने लगा।
Reply
08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो बूढ़े के होंठ अपने पेट पर पड़ते ही बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकलने लगी। बूढ़ा बड़े प्यार से धन्नो के पेट को ऊपर से नीचे तक चाट रहा था। धन्नो के गोरे पेट को चूमते हुए बूढ़े का लौड़ा फिर से तनने लगा। बूढ़ा अपना मुँह धन्नों के पेट से हटाते हुए उसकी साड़ी को उतारने लगा, मगर धन्नो के लेटने की वजह से वो साड़ी को ना उतार सका।

बूढ़े ने मौसी की तरफ देखते हुए कहा- “क्या आँखें फाड़कर देख रही हो? इधर आओ इसकी साड़ी उतारने में मेरी मदद करो...”

मौसी बूढे की बात सुनकर धन्नो की खटिया तक आते हुए बूढ़े के साथ मिलकर धन्नो की साड़ी को उसके जिश्म से अलग कर दिया। धन्नो अब सिर्फ एक छोटी सी कच्छी और ब्रा में थी। बूढ़ा धन्नो की साड़ी के उतरते
ही उसके पूरे गोरे जिश्म को देखकर फिर से लार टपकाने लगा।

धन्नो को गौर से देखते हुए बूढ़े ने कहा- “वाह... साली पूरी दूध की तरह सफेद है, देखो तो साली की चूचियां भी बहुत गोरी हैं.”

धन्नो बूढे की बात सुनकर उत्तेजना और शर्म के मारे पानी-पानी हो रही थी। धन्नो की ब्रा उसकी चूचियों को पूरा ढक नहीं पा रही थी, और धन्नो अगले पल के बारे में सोचते हुए और ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। बूढ़े ने धन्नो के होंठों को गौर से देखा और खटिया पर बैठते हुए अपने होंठ धन्नो के होंठों पर रख दिये। धन्नो अचानक हुए इस हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। बूढ़ा धन्नो के दोनों होंठों को पूरा अपने मुँह में लेकर चूस रहा था। धन्नो को उस बूढ़े के मुँह से बहुत ज्यादा बदबू आ रही थी, क्योंकी बूढ़े ने दारू पी रखी थी, धन्नो की साँसे अटकने लगी।

मौसी ने अचानक बूढ़े से कहा- “कुत्ते तुमने कहा था की उसे सिर्फ देखोगे, फिर तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? अगर वो उठ गई तो तेरे साथ मेरी भी गाण्ड फटेगी...”

बूढ़ा मौसी की बात सुनकर धन्नो के होंठों को छोड़कर सीधा हो गया। धन्नो के होंठ चूसते हुए बूढ़े का लौड़ा फिर से तनकर उछल-कूद मचा रहा था और उसके लौड़े से प्री-कम की कुछ बूंदें निकल रही थी। मौसी ने जैसे ही बूढ़े के लौड़े से प्री-कम की बूंदों को निकलते हुए देखा, वो अपने हाथों से बूढ़े के लौड़े को पकड़कर वहाँ जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई। मौसी ने वहाँ जमीन पर घुटनों के बाल बैठते हुए अपने हाथ से बूढे के लौड़े को पकड़ लिया, और अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड से निकलते हुए प्री-कम को चाटने लगी।

“आह्ह्ह...” बूढ़ा अपने लौड़े पर मौसी जीभ पड़ते ही सिसक उठा और मौसी के सिर को पकड़ते हुए उसे अपने
लौड़े पर दबाने लगा।

मौसी ने अपना मुँह खोलकर बूढ़े के काले लण्ड को अपने मुँह में भर लिया। बूढे का लौड़ा बहुत मोटा और बड़ा था इसलिए मौसी उसे आधा ही अपने मुँह में ले पा रही थी। बूढ़ा अपना लण्ड मौसी के मुँह में जाते ही उसे बालों से पकड़ते हुए अपने लौड़े को उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लगा। मौसी की आँखों से आँसू निकलने लगे, क्योंकी बूढ़ा अपना लण्ड बहुत जोर-जोर से मौसी के मुँह में अंदर-बाहर कर रहा था। मौसी के मुँह में बूढ़े का । लण्ड हलक तक धक्के मार रहा था।



मौसी को अपने मुँह में दर्द होने लगा। इसलिए वो बूढ़े का लण्ड अपने मुँह से निकालकर उसे अपनी जीभ से। चाटने लगी। बूढ़ा मौसी के बालों को छोड़ते हुए धन्नो को निहारने लगा। धन्नों को देखते हुए बूढ़े ने उसकी ब्रा को उसकी चूचियों से नीचे सरका दिया।

वाह क्या चूचियां हैं?” बूढा धन्नो की गोरी चूचियां और उनके ऊपर छोटे से गुलाबी दाने को देखकर बोल पड़ा।

धन्नो की साँसें अपनी ब्रा के हटते ही फूलने लगी। बूढ़े ने अपना हाथ बढ़ाते हुए धन्नो की चूची को पकड़ लिया। बूढ़ा कुछ देर तक अपने हाथ से धन्नो की नरम चूचियों को अच्छी तरह से महसूस करने के बाद उसकी चूचियों के दाने से खेलने लगा। धन्नो अपने आपको जाने किस तरह काबू किए हुए थी। बूढ़े ने अचानक नीचे झुकते हुए धन्नो की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया।

धन्नो का सारा जिश्म अकड़ गया और उसकी साँसे भी तेज हो गई। धन्नो की तेज साँसों की वजह से बूढ़ा डर गया, और अपना मुँह वहाँ से हटा दिया। धन्नो समझ गई की बूढ़ा डर गया है इसलिए वो नार्मल हो गई। बूढ़ा अपना हाथ बढ़कर धन्नो के गालों पर चपत लगाते हुए उसके चहरे को झंझोड़ने लगा। मगर धन्नो वैसे ही लेटी रही। बूढ़े ने फिर से धन्नो की चूची को अपने मुँह में ले लिया। बूढ़ा इस बार धन्नो की चूची को जोर-जोर से । चूसते हुए अपने हाथ से उसकी दूसरी चूची को सहलाने लगा। बूढा कुछ देर तक धन्नो की चूचियों को चूसने के बाद मौसी के हाथों से अपने लण्ड को छुड़ाते हुए नीचे होते हुए धन्नो की कच्छी को घूरने लगा।

मौसी ने बूढ़े से कहा की- “क्या देख रहे हो?”

बूढ़े ने कहा- “लौंडिया बहुत गरम है, बेहोश होते हुए भी इसकी चूत से इतना पानी निकला है की इसकी कच्छी गीली हो गई है। अगर होश में होती तो साली की क्या हालत होती?”

मौसी ने बूढे की बात सुनकर अपना हाथ धन्नो की कच्छी पर रख दिया और अपने हाथ को वहाँ पर ऊपर-नीचे करते हुए गीला कर लिया। मौसी ने अपना गीला हाथ अपनी नाक पर रखते हुए उसे सँघने लगी। अपना हाथ सँघते हुए मौसी ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी जीभ निकालकर अपने हाथ को चाटने लगी।

मौसी अपना हाथ चाटते हुए बोली- “साली की चूत का पानी बहुत टेस्टी है...”
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,501,589 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,412 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,231,858 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 931,625 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,653,869 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,080,886 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,951,307 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,056,218 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,032,111 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,869 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)