kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
07-12-2017, 12:29 PM,
#11
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
सुनील अपना लंड के डंडे को चूत के लिप्स के बीच मे ही ऊपेर नीचे करने लगा. उसके लंड मे से प्री कम भी निकल रहा था जिस से उसके लंड का लोवर पोर्षन जो मेरी चूत के लीप के बीच मे था स्लिपरी हो गया था और फिसल रहा था. मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे क्रॉस रखी थी और मैं उसको अपनी अरफ़ खेच रही थी. मेरी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी वो भी मस्ती मे था ऐसे ही लंड को चूत के अंदर ऊपेर नीचे करते करते उसका लंड मेरी चूत के सुराख मे फँस गया और एक ही झटके मे मेरी गीली चूत के अंदर आधा घुस्स गया तो मेरे मूह से आआआआआआआहह और ईईईईईईईईईईईईहह की सिसकारी निकल गई और मेरी आँखें फटी रह गई. उसने अब अपना लंड आधा ही अंदर बहेर करना शुरू कर दिया तो मुझे बोह्त मज़ा आने लगा मैं अपनी गंद उठा उठा के उसका लंड अपनी

चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी. सुनील ने अब अपना पूरा लंड सूपदे तक चूत से बहेर निकाल के एक ज़ोरदार झटका मारा तो मेरे मूह से आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली और मैं उस से ज़ोर से लिपट गई. मेरा अंदर का दम अंदर और बहेर का बहेर रह गया चूत पूरी स्ट्रेच हो चुकी थी मेरी चूत मे एक बार फिर से जलन होने लगी.

सुनील थोड़ी देर तक तो ऐसे ही लंड को चूत के अंदर घुसाए हुए लेटा रहा और मुझे फ्रेंच किस करने लगा. दोनो एक दूसरे की ज़बान चूस रहे थे. थोड़ी ही देर मे चूत के अंदर की जलन ख़तम हो गई और मुझे उसका लोहे जैसा सख़्त लंड अपनी चूत के अंदर बोहोत अछा लगने लगा. सुनील ने चुदाई शुरू करदी पूरा लंड बहेर तक निकाल निकाल के चोद रहा था. उसके पैर पीछे को थे और बेड के वुडन पट्टी से टीके हुए थे और मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे कैंची की तरह से जकड़ी हुई थी. वो वुडन बॅक का सहारा ले के अपने लंड को पूरा चूत मे से बहेर निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था. जैसे ही उसका लंड चूत से बहेर निकलता मुझे लगता जैसे मेरी चूत एक दम से खाली (एंप्टी) हो गई हो और फिर जब लंड चूत के अंदर घुस्स जाता तो लगता जैसे चूत पूरी तरह से भर गई है और वो मुझे चोद्ता ही चला गया ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था उसके दोनो कोहनियाँ (एल्बोस) मेरे बदन के दोनो तरफ थे उसके पैर पीछे और मेरे पैर उसके गंद पे क्रॉस थे मुझे अब बोहोत ही मज़ा आने लगा था उसकी चुदाई से.

उसके हर धक्के से मेरे चुचियाँ आगे पीछे होने लगी तो उसने अपने मूह से उनको चूसना शुरू कर दिया. मस्ती से मैं पागल हो गई थी मेरी छोटी से टाइट चूत के अंदर उसका इतना बड़ा लोहे का डंडा बोहोत मज़ा दे रहा था. चुदाई मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था और प्प्पकक्चक्कक प्प्पकक्चछक्कक प्प्पकक्चछक्क की आवाज़ें कमरे मे गूंजने लगी मुझे यह चुदाई का म्यूज़िक बोहोत मस्त लग रहा था मैं अपनी गंद उठा उठा के उस से चुदवा रही थी जैसे म्यूज़िक की ताल से ताल मिला रही हो.

सुनील के धक्के तेज़ हो चुके थे और मुझे भी लग रहा था के मेरी चूत के अंदर कोई तूफान उठ रहा हो मैं उस से लिपट गई. सुनील इतनी ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था के मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसका लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ के मेरे पेट तक घुस्स चुका है. वो दीवानो की तारह से चोद रहा था मैं उस से ज़ोर से लिपट गई और दोनो के साँसें तेज़ी से चल रही थी. मुझे लगा के मेरी चूत मे जो तूफान मचा हुआ था अब वो बहेर निकलने को मचल रहा हो

और ठीक उसी समय सुनील के लंड मे से मलाई के फव्वारे छूटने लगे
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07-12-2017, 12:29 PM,
#12
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
एक दो तीन चार पाँच उफफफ्फ़ मुझे तो मस्ती मे पता ही नही चला के कितनी मलाई निकल रही है जबके उसकी पहली मलाई के फव्वारे ही से मेरी चूत मे से तूफ़ानी लावा निकलने लगा मैं उस से ज़ोर से लिपट गई थी. उसके धक्के अब धीमे हो ने लगे और वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही छोड़ के मेरे ऊपेर गिर गया. मेरी चुदी हुई चूत हम दोनो की मलाई से फुल हो चुकी थी पर अभी तक बहेर नही निकली थी कियों के चूत के सुराख पे उसके लंड का टाइट ढक्कन लगा हुआ था. दोनो ऐसे हे गहरी गहरी साँसें लेते रहे मेरी ग्रिप भी अब लूस हो गई थी. उसका लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था ऐसे लग रहा था जैसे चूत के अंदर ही फूल के और मोटा हो रहा हो. अंधेरे कमरे मे हमारी तेज़ी से चलती हुई साँसें सुनाई दे रही थी मेरी आँखें बंद थी सारे बदन मे एक अजीब सी सन सनाहट हो रही थी मेरे दिल और दिमाग़ का टोटल ब्लॅकाउट हो गया था शाएद एक दो या तीन मिनिट के लिए मे सो गई थी या मस्ती मे बेहोश हो गई थी पता नही.

मुझे थोड़ा सा होश आया तो महसूस हुआ के सुनील मेरे ऊपेर पलट के आ चुका है और उसके लंड मे से टपकती हुई हम दोनो की मिक्स मलाई के ड्रॉप्स मेरे लिप्स पे गिर रहे हैं. शाएद वो अपना लंड चूत मे से बहेर निकालते ही पलट के 69 पोज़िशन मे आ गया था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और सुनील मेरी चूत को चाटना शुरू कर चुका था. मेरे बंद लिप्स पे जब मलाई गिरी तो ऑटोमॅटिकली मेरी ज़बान बहेर निकाली और मैं ने मलाई को टेस्ट किया और फिर जैसे खुद बा खुद ही मेरा मूह खुल गया और मैं सुनील के आधे आकड़े हुए लंड को चूसने लगी. दोनो की मिक्स मलाई उसके लंड पे लगी हुई थी और मैं चाट रही थी और वो मलाई को मेरी चूत मे से चाट रहा था. इस तरह से मैं ने उसके लंड को सॉफ किया और उसने मेरी चूत को सॉफ किया.

अब फिर से सुनील मेरे बाज़ू मे आ के लेट गया. मेरी पीठ के पीछे था वो मेरी पीट से उसका सीना लग रहा था ऐसे करवट से लेटी थी और वो मेरे पीछे मुझ से लिपटा हुआ करवट से लेटा था. मेरी चूतड़ पे उसका लंड महसूस हो रहा था. पर अभी तक मेरा दिमाग़ ठिकाने नही आया था अभी तक कमरा मेरे आँखों के सामने घूम रहा था और मे पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो चुकी थी.

उसका लंड मेरी चूतड़ से लग रहा था और उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरी चुचिओ को मसलना शुरू कर दिया. मेरी निपल्स बोहोत सेन्सिटिव हो चुकी थी और उसका हाथ लगने से

एरेक्ट हो चुकी थी. मैं अपनी टाँगों को फोल्ड कर के लेटी थी ऐसे के मेरे नीस मेरे चुचिओ के करीब थे और सुनील मेरे पीछे से लंड को चूत पे टच कर रहा था और आहिस्ता आहिस्ता से धक्के मार मार के पीछे से ही लेटे लेटे लंड के हेड को चूत के सुराख मे घुसाने की कोशिश कर रहा था.

उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे लगते ही चूत मे जैसे फिर से जान आने लगी और वो गीली हो ना शुरू हो गई. मेरी चुचिओ को मसल रहा था और धक्के मार मार के लंड को सूपदे को पीछे से ही चूत के अंदर घुसा रहा था. थोड़ी ही कोशिश के बाद मेरी चूत मे उसका लंड आधा और फिर पूरा अंदर घुसने लगा. उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और्फिर से एक दम से लोहे जैसा सख़्त हो गया था.

मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश मे लंड को फिर से सूपदे तक निकाल निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था. मेरा पूरा बदन रिलॅक्स हो गया था चूत मे से जूस भी निकलने लगा था और स्लिपरी हो गई थी चूत अंदर से. उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी. अचानक जब उसने अपना लंड पूरा बहेर खेंच के अंदर घुसाने के कोशिश की तो वो चूत मे से बहेर निकल के गंद के सुराख मे घुस्स गया मेरी मूह से फिर से एक ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआआआआअ चीख निकल गई. पर गंद के मसल्स तो रिलॅक्स थे क्या पता था के गंद मे घुस जाएगा. बॅस लंड मेरी चूत के जूस से गील हो गया था और एक ही झटके मे उन एक्षपेक्टेडली मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स चुका था मैं उछल के आगे हो रही थी उसी समय सुनील ने मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं उसके लोहे जैसे लंड को अपनी छोटी सी गंद के सुराख से बहेर नही निकाल पाई. अब वो मेरी गंद मार रहा था. मुझे बोहोत तकलीफ़ हो रही थी इतना मोटा लंबा लंड मेरी छोटी सी गंद मे घुस चुका था मुझे लग रहा था के मेरी गंद फट गई है.
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07-12-2017, 12:29 PM,
#13
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
अपने लंड को गंद के अंदर रखे रखे ही उसने मुझे पलटा दिया. मैं उल्टा लेट गई और वो मेरे ऊपेर आ के मेरी गंद मारने लगा. मुझे बोहोत ही तकलीफ़ हो रही थी मेरी आँख से आँसू निकल रहे थे पर वो मेरी एक नही सुन रहा था गान्ड मारने मे बिज़ी था. मेरे पेट के नीचे उसने एक पिल्लो जैसा कुशन रख दिया था जिसे से मेरी गंद थोड़ी ओपेर उठ गई थी और वो गंद मे अपना लंड पेल रहा था. लंड को पूरा निकाल निकाल के मेरी छोटी सी गंद मे घुसेड रहा था और फिर उसकी स्पीड बढ़ गई. जैसे जैसे उसके झटके तेज़ हो रहे थे मेरी तकलीफ़ के मारे जान ही निकली जा रही थी और फिर सडन्ली मुझे उसकी मलाई

अपनी गंद मैं गिरती महसूस हुई और थोड़ी ही देर मे अपने लंड की मलाई मेरी गंद मे गिरा के वो शांत पड़ गया और मेरा बाज़ू मे आ के लेट गया पर मेरी गंद तो दरद के मारे फटी जा रही थी.

जितना मज़ा चुदाई मे आया था अब तकलीफ़ हो रही थी. मैं सुनील से बोली के नेक्स्ट टाइम कभी मेरी गंद नही मारना मुझे बोहोत ही दरद हो रहा है. वो हंसा और कहा के वो तो मेरा लंड आक्सिडेंटली तुम्हारी गंद मे घुस गया तो मुझे मज़ा आया और मैं गंद मार दिया अदरवाइज़ मेरा इरादा तो तुम्हारी गंद मारने का नही था. ठीक है अगर तुम्है पसंद नही तो नेक्स्ट टाइम नही मारूगा. फिर थोड़ी देर के बाद एक और टाइम उसने मुझे चोदा जिस से मेरी गंद मे तकलीफ़ ख़तम हो गई और चूत मे फिर से मज़ा आ गया और पता नही ऐसी चुदाई के बाद मैं कब सो गई.

सुबह उठी तो देर हो चुकी थी. आज कॉलेज को नही जाना था. नाश्ता कर के थोड़ी देर नीचे ही हम सब बातें करते रहे बस ऐसे ही सारा दिन गुज़र गया. मैं और सुनील अगले एक वीक तक खूब चुदाई करते रहे रोज़ रात को वो मम्मी डॅडी के सो जाने के बाद ऊपेर आ जाता और हम जम कर चुदाई करते. एक वीक के बाद वो चला गया और जाने से पहले मैं उस से लिपट के खूब रोई मुझे लगा जैसे कोई मेरा लवर मुझे छोड़ के जा रहा है. वो मेरे सारे बदन पे हाथ फेरता रहा और प्यार करता रहा और कहा सुनो किरण अगर तुम्हारे मेनास मे कोई गड़बड़ हो जाए तो मुझे फ़ौरन फोन कर देना मैं कुछ इंतेज़ाम कर दुगा तो मैं ने कहा ठीक है. पर अगले ही महीने मे मेरे मेनास टाइम से कुछ पहले ही शुरू हो गये तो मैं ने इतमीनान का सांस लिया और सुनील को फोन कर के बता दिया. फिर जब कभी सुनील आता हम खूब चुदाई करते.

मैं ने अपनी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर ली और एक दिन मुझे पता चला के मेरी शादी किसी अशोक नाम के आदमी से फिक्स हो गई है. उसके घर वाले हमारे घर आए थे और मुझे पसंद भी कर चुके और फिर शादी की डेट फिक्स कर के मेरी शादी कर दी गई.

मैं अभी शादी की डीटेल्स मे नही जाना चाहती और डाइरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे मे बता देती हू. शादी हो गई और मैं अपने ससुराल आ गई. सारा घर अछी तरह से सज़ा हुआ था बहुत बड़ा भी नही बिल्कुल छोटा भी नही बॅस ठीक ठाक ही था घर. उसके घर को पोहोच्ते पोहोच्ते रात हो चुकी थी. डिन्नर तो कर ही चुके थे मॅरेज हॉल मे. अशोक का कमरा भी ठीक ठाक ही था. बेड पे चमेली के फूले बिखरे पड़े थे. पिंक कलर का बेड बोहोत अछा लग रहा था नरम था. सारे

कमरे मे चमेली के फूलो की भीने भीनी खुश्बू आ रही थी बोहोत अछा लग रहा था एक दम से रोमॅंटिक ऐसे ही था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है..
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07-12-2017, 12:29 PM,
#14
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
अशोक की छोटी बहेन रेणुका मुझे बेड पे बिठा के मुस्कुराते हुए कहा के भैया अभी आ जाएगे आप थोड़ा रेस्ट ले ले और कमरे से चली गई. मुझे अपनी सहलीओ के किससे याद आ ने लगे जिनकी शादी हो चुकी थी. किसी ने कहा के मेरी तो रात भर चुदाई हुई और सुबह मुझ से चला भी नही जा रहा था. किसी ने कहा था के बस ऐसे ही रहा कोई ख़ास मज़ा नही आया था. किसी ने कहा के अपने लोड्‍े को चूत के अंदर डालने से पहले ही चूत के ऊपेर अपनी मलाई निकाल के सो गया था. मैं काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी के पता नही मेरा क्या हशर होगा कियॉंके सुनील से चुदवाये हुए भी तकरीबन एक साल से ज़ियादा ही हो चुका था. चूत के मसल्स फिर से टाइट हो गये थे. थोड़ी ही देर मे वो कमरे मे आ गया. अशोक बोहोत स्मार्ट लग रहा था. गोरा रंग मीडियम हाइट और मीडियम बिल्ट ऑन दा होल एक अछा स्मार्ट आदमी लग रहा था. मुझे अपने फ्रेंड्स की बाते याद आ रही थी जिनकी शादी हो चुकी थी के सुहाग रात को क्या होता है और कैसे हज़्बेंड अपनी वाइफ को अपनी बातों से पटा के चोद डालता है और लड़की को कितना मज़ा आता है. और साथ मे ही मुझे सुनील भी याद आ गया और सुनील के साथ हुई मेरी पहली चुदाई भी मुझे याद आ गई तो मस्ती से मेरा बदन टूटने लगा और एक लंबे मोटे लंड का सपना लिए बैठी रही जो मेरी चूत मे घुस्स के मुझे चोदेगा, मेरी प्यासी चूत की प्यास को बुझाएगा और मज़ा देगा.

अशोक कमेरे के अंदर आ गया और बेड पे बैठ गया. पहले तो मेरी खूबसूरती को नेहारता रहा मेरे गालो पे हाथ फेरता रहा और फिर गाल पे किस किया तो मेरे बदन मे बिजली दौड़ने लगी और बदन जलने लगा. थोड़ी देर मे वो उठा और अपने कपड़े चेंज कर के बेड पे आ गया और बोहोत धीमी रोशनी वाला लाइट पिंक कलर का नाइट लॅंप जला दिया. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा सारे बदन से पसीना छूटने लगा मूह से गरम गरम साँसें निकलने लगी. अब अशोक चेंज कर के आ गया और हम दोनो लेट गये. पहले तो मेरी सुंदरता को निहारता रहा और धीरे धीरे उसके हाथ मेरे चुचिओ पे आ गये और वो उनको दबाने लगा तो बदन मे सन सनी सी फैल गई. ऐसे ही बातें करते करते वो मेरे कपड़े उतार ता चला गया सारे कपड़े निकाल के मुझे नंगा कर दिया मेरे मूह से एक बात भी नही निकल रही थी. नये घर मे नये लोगों के साथ रहने से एक नयापन ही लग रहा था. सुनील तो फिर भी कज़िन था उतना नया पन नही महसूस हुआ लैकिन यहा तो हर कोई

अजनबी था. शरम भी आ रही थी एग्ज़ाइट्मेंट भी था.

मैं बेड पे नंगी लेटी रही शरम से बुरा हाल था पर क्या करती ज़माने की रीति रिवाज यही थे के पहली रात को हज़्बेंड अपनी वाइफ को चोद देता है और सारी उमर के लिए वो सिर्फ़ अपने हज़्बेंड की ही हो के रह जाती है. वो थोड़ी देर तक मेरे नंगे बदन को देखता रहा अपने हाथ मेरे सारे बदन पे फेरता रहा मेरे सारे बदन मे जैसे चींटिया ( आंट्स ) घूमने लगी हो. चूत मे भी अब खुजली शुरी हो गई थी.

वो मेरे नंगे बदन पे हाथ फेर रहा था चुचिओ को दबा रहा था कभी कभी चुचिओ को चूस लेता धीरे धीरे उसका हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी उसी दिन की शेव की हुई मक्खन जैसी चिकनी चूत पे आ गया और वो चूत का मसाज करने लगा. मेरे बदन मे बिजली दौड़ रही थी और मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था मैं ने दिल मे सोचा के यह तो खिलाड़ी लग रहा है शाएद चुदाई का एक्सपीरियेन्स होगा और उसका हाथ मेरे चूत पे लगते ही जैसे मेरी चूत मे फ्लड आ गया और वो बे इंतेहा गीली हो गई और रस से भर के अब रसीली चूत हो गई.

क्रमशः............................................
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07-12-2017, 12:30 PM,
#15
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
Kiran Ki Kahani paart--3

Raat ke almost 10:30 ho gaye the mujhe abhi bhi neeche se mummy daddy aur sunil ki baton ki awazein aa rahi thi. Mai aate hi apne bed pe let gai aur mera hath automatically meri salwar ke ander choot pe chala gaya aur mai apni choot ko sehlane lagi choot se khelne lagi. Jab dekha ke meri choot pe thodi thodi jhatein ugg aai hai waise to mai every week apni jhatein saaf karti hu abhi 3 hi din hue the mujhe jhatein saaf kiye hue aur ab halki halki si mehsoos ho rahi thi to mai bathroom mai gai aur cream laga ke bachi kuchi jhaton ko saaf kar dia ab meri choot makkhan jaisi chikni ho gai thi. Mai wapas bed pe aake let gai kamre ki bijli band kardi aur andhere mai hi ek bar phir se apni choot ko sehlaane lagi ab choot ek dum se makkhan ki tarah chikni ho chuki thi. Thand badh chuki thi aur mai blanket tan kar let gai aur ab andhere mai mujhe massage karne mai bohot maza aa raha tha. Ladkiyan especially college jaane wali ladkiya jaanti hain ke sardi ki raat ho aur choot makkhan jaisi chikni ho to choot se khelne mai aur massage karne mai kitna maza aata hai aur mai bhi apni choot ka massage karne lagi aur massage karte karte meri ungli tezi se chalne lagi kabhi ungli jab choot ke surakh mai ander dal ke aur kabhi clitoris ka massage kar rahi thi aur phir suddenly mera hath tezi se chalne laga aur badan kaanpne laga aur phir mera lava phir se ubalne laga aur choot mai se juice nikalne laga. Meri aankhein band ho gai dil zor zor se dhadak raha tha aur dimagh mai saaayen saayen si hone lagi aur masti main a jane mai kab so gai.

Mujhe apni choot pe kisi ka hath mehsoos hua to meri aankh khul gai. Pata nahi kitni raat ho gai thi meri aankh khuli aur mujhe hosh aaya to samajh mai aaya ke woh Sunil hai. Mai us se lipat gai aur ham dono French kiss karne lage ek doosre ki zaban ko choos rahe the uska ek hath meri choot pe aa gaya aur woh meri choot ka massage meri salwar ke ooper se hi karne laga. Mujhe choot mai garmi mehsoos hone lagi aur geeli bhi hone lagi. Mai ne hath badha ke uske lund ko pakda to pata chala ke woh to pooe ka poora nanga leta hai mai uska nanga pan mehsoos kar ke muskura di aur uske lund ko apni mutthi mai padak ke dabane lagi. Ham dono chitt lete the. Uska hath

ab meri salwar ke ander ghus chuka tha usne salwar ka string khol dia tha aur choot ko massage kar raha tha meri chikni choot pe uska hath bohot acha lag raha tha.

Woh apne jagah se utha aur meri shirt ko mera hath upper kar ke nikal dia aur meri tangon ko khol ke tangon ke beech mai aa ke baith gaya aur meri salwar ko neeche kheech ke utarne laga to mai ne apni chootad utha di aur salwar nikalne mai sahyog kia. Ab ham dono nange the aur kamra andhera tha ghar ke sare log so chuke the mai ne poocha kia time hua hai to usne bataya ke raat ka 1 baj raha hai aur sardi ke mare mere mummy daddy blanket taan ke apne kamre mai kab ke so chuke hain. Sunil mere ooper aise hi let gaya uska akda hua Lund jismai se pre cum nikal raha tha meri choot ke ooper tha ham dono ke badan ke beech mai. Uska Lund aur meri chuchian dono sandwich ban gai thi. Ham dono kissing mai busy ho gaye. Meri choot ke ooper uska Lund lagne se choot mai khujli shuru ho chuki thi aur geeli bhi ho chuki thi. Woh meri chuchion ko masal raha tha aur kissing kar raha tha. Uska Lund mere choot ke lips ke beech mai “Hot Dog” ke sandwich ki tarah se phansa hua tha. Lund ke dande ka lower portion meri choot ko khol ke lips ke beech mai tha. Lund ke dande ka nichala bhaag clitoris se touch kar raha tha to aur maza aa raha tha. Ab usne mere chuchion ko choosna shuru kar dia jis se mere badan mai bijli doudna shuru ho gai aur mujhe lag raha tha ke sare badan se bijli doudti hui choot mai aa rahi hai iase jaise meri choot bijli ka nucleus ho ya central point ho.

Sunil apna Lund ke dande ko choot ke lips ke beecha mai hi ooper neeche karne laga. Uske lund mai se pre cum bhi nikal raha tha jis se uske Lund ka lower portion jo meri choot ke lipe ke beech mai tha slippery ho gaya tha aur phisal raha tha. Meri tangein uski chootad pe cross rakhi thi aur mai usko apni araf khech rahi thi. Meri choot be inteha geeli ho chuki thi woh bhi masti mai tha aise hi Lund ko choot ke ander ooper neeche karte karte uska lund meri choot ke surakh mai phans gaya aur ek hi jhatke mai meri geeli choot ke ander aadha ghuss gaya to mere muh se aaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhhhh aur eeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeehhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh ki siskari nikal gai aur meri aankhein phati reh gai. Usne ab apna Lund aadha hi ander baher karna shuru kar dia to mujhe boht maza aane laga mai apni gand utha utha ke uska Lund apni

choot ke ander lene ki koshish karne lagi. Snil ne ab apna poora lund supade tak choot se baher nikal ke ek zordaar jhatka mara to mere muh se aaaaaaaaaaaaaiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii ssssssssssssssssssiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii ki awaz nikli aur mai us se zor se lipat gai. Mera ander ka dam ander aur baher ka baher reh gaya choot poori stretch ho chuki thi meri choot mai ek bar phir se jalan hone lagi.

Sunil thodi der tak to aise hi Lund ko choot ke ander ghusaye hue leta raha aur mujhe French kiss karne laga. dono ek doosre ki zaban choos rahe the. Thodi hi der mai choot ke ander ki jalan khatam ho gai aur mujhe uska lohe jaisa sakht lund apni choot ke ander bohot acha lagne laga. Sunil ne chudai shuru kardi poora Lund baher tak nikal nikal ke chod raha tha. Uske pair peeche ko the aur bed ke wooden patti se tike hue the aur meri tangein uski chootad pe kainchi ki tarah se jakdi hui thi. Woh wooden back ka sahaara le ke apne lund ko poora choot mai se baher nikal nikal ke zor zor se chudai kar raha tha. Jaise hi uska Lund choot se baher nikalta mujhe lagta jaise meri choot ek dum se khali (empty) ho gai ho aur phir jab Lund choot ke ander ghuss jata to lagta jaise choot poori tarah se bhar gai hai aur woh mujhe chodta hi chala gaya zor zor se chod raha tha uske dono kohniyan (elbows) mere badan ke dono taraf the uske pair peeche aur mere pair uske gand pe cross the mujhe ab bohot hi maza aane laga tha uski chudai se.

Uske har dhakke se mere chuchian aage peeche hone lagi to usne apne muh se unko choosna shuru kar dia. Masti se mai pagal ho gai thi meri choti se tight choot ke ander uska itna bada lohe ka danda bohot maza de raha tha. Chudai mai bohot hi maza aa raha tha. Meri choot mai se juices continue nikal raha tha aur pppccchhhkkk pppccchhkkk pppccchhkk ki awazein kamre mai goonjne lagi mujhe yeh chudai ka music bohot mast lag raha tha mai apni gand utha utha ke us se chudwa rahi thi jaise music ke taal se taal mia rahi ho.

Sunil ke dhakke tez ho chuke the aur muhje bhi lag raha tha ke meri choot ke ander koi toofan uth raha ho mai us se lipat gai. Sunil itni zor zor se chod raha tha ke mujhe aise mehsoos ho raha tha jaise uska lamba mota lohe jaisa sakt Lund meri choot ko phaad ke mere pet tak ghuss chuka hai. Woh deewano ki tarh se chod raha tha mai us se zor se lipat gai aur dono ke saansein tezi se chal rahi thi. Mujhe laga ke meri choot mai jo toofan macha hua tha ab woh baher nikalne ko machal raha ho

aur theek usi samay Sunil ke lund mai se malai ke fawware chootne lage ek do teen chaar paanch uffff mujhe to masti mai pata hi nahi chala ke kitni malai nikal rahi hai jabke uski pehli malai ke fawware hi se meri choot mei se toofani lava nikalne laga mai us se zor se lipat gai thi. Uske dhakke ab dheeme ho ne lage aur woh apna Lund meri choot ke ander hi choR ke mere ooper gir gaya. Meri chudi hui choot ham dono ki malai se full ho chuki thia par abhi tak baher nahi nikli thi kiyon ke choot ke surakh pe uske Lund ka tight dhakkan laga hua tha. Dono aise he gehri gehri saansein lete rahe meri grip bhi ab loose ho gai thi. Uska Lund abhi bhi meri choot ke ander hi tha aise lag raha tha jaise choot ke ander hi phool ke aur mota ho raha ho. Andhere kamre mai hmari tezi se chalti hui saansein sunai de rahi thi meri aankhein band thi saare badan mai ek ajeeb si san sanahat ho rahi thi mere dil aur dimagh ka total blackout ho gaya tha shaed ek do ya teen minute ke liye mai so gai thi ya masti mai behosh ho gai thi pata nahi.

Mujhe thoda sa hosh aaya to mehsoos hua ke Sunil mere ooper palat ke aa chuka hai aur uske lund mai se tapakti hui ham dono ki mix malai ke drops mere lips pe gir rahe hain. Shaed woh apna Lund choot mai se baher nikalte hi palat ke 69 position mai aa gaya tha. Meri tangein mudi hui thi aur sunil meri choot ko chaatna shuru kar chuka tha. Mere band lips pe jab malai giri to automatically meri zaban baher nikli aur mai ne malai ko taste kia aur phir jaise khud ba khud hi mera muh khul gaya aur mai sunil ke aadhe akde hue lund ko choosne lagi. Dono ki mix malai uske Lund pe lagi hui thi aur mai chaat rahi thi aur woh malai ko meri choot mai se chaat raha tha. Iss tarah se mai ne uske lund ko saaf kia aur usne meri choot ko saaf kia.

Ab phir se sunil mere bazu mai aa ke let gaya. Meri peeth ke peeche tha woh Meri peet se uska seena lag raha tha aise karwat se leti thi aur woh mere peeche mujh se lipta hua karwat se leta tha. Meri chootad pe uska Lund mehsoos ho raha tha. Par abhi tak mera dimagh thikaane nahi aaya tha abhi tak kamra mere aankhon ke saamne ghoom raha tha aur mei poori tarah se satisfy ho chuki thi.

Uska Lund meri chootad se lag raha tha aur usne mere baghal se hath dal ke meri chuchion ko masalna shuru kar dia. Meri nipples bohot sensitive ho chuki thi aur uska hath lagne se

erect ho chuki thi. Mai apni tangon ko fold kar ke leti thi aise ke mere knees mere chuchion ke kareeb the aur Sunil mere peeche se lund ko choot pe touch kar raha tha aur aahista aahista se dhakke maar maar ke peeche se hi lete lete lund ke head ko choot ke surakh mai ghusane ki koshish kar raha tha.

Uske Lund ka supada meri choot ke surakh mai lagte hi choot mai jaise phir se jaan aane lagi aur woh geeli ho na shuru ho gai. Meri chuchion ko masal raha tha aur dhakke maar maar ke lund ko supade ko peeche se hi choot ke ander ghusa raha tha. Thodi hi koshish ke bad meri choot mai uska Lund aadha aur phir poora ander ghusne laga. Uska lund poori tarah se akad gaya tha aurphir se ek dum se lohe jaisa sakht ho gaya tha.

Mujhe phir se maza aane laga tha woh josh mai Lund ko phir se supade tak nikal nikal ke peeche se hi mujhe chod raha tha. Mera poora badan relax ho gaya tha Choot mai se juice bhi nikalne laga tha aur slippery ho gai thi choot ander se. uska lund aasaani se ander baher ho raha tha aur mai phir se maze lene lagi thi. Achanak jab usne apna Lund poora baher khench ke ander ghusane ke koshish ki to woh choot mai se baher nikal ke gand ke surakh mai ghuss gaya meri muh se phir se ek ooooooooooooooooooooooooiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii mmmmmmmmmaaaaaaaaaaaaaaaaa cheek nikal gai. Par gand ke muscles to relax they kia pata tha ke gand mai ghus jayega. Bass lund meri choot ke juice se geel ho gaya tha aur ek hi jhatke mai un expectedly meri gand ko phaadta hua ander ghuss chuka tha mai uchal ke aage ho rahi thi usi samay Sunil ne mujhe tight pakad lia aur mai uske lohe jaise lund ko apni choti si gand ke surakh se baher nahi nikal pai. Ab woh meri gand mar raha tha. Mujhe bohot takleef ho rahi thi itna mota lamba Lund meri choti si gand mai ghuss chuka tha mujhe lag raha tha ke meri gand phattt gai hai.

Apne Lund ko gand ke ander rakhe rakhe hi usne mujhe palta dia. mai ulta let gai aur woh mere ooper aa ke meri gand marne laga. Mujhe bohot hi takleef ho rahi thi meri aankh se aansoo nikal rahe the par woh meri ek nahi sun raha tha gnad marne mai busy tha. Mere pet ke neeche usne ek pillow jaisa cushion rakh dia tha jise se meri gand thodi oper uth gai thi aur woh gand mai apna Lund pel raha tha. Lund ko poora nikal nikal ke meri choti si gand mai ghused raha th aur phir uski speed badh gai. Jaise jaise uske jhatke tez ho rahe the meri takleef ke mare jaan hi nikli ja rahi thi aur phir suddenly mujhe uski malai

apni gand mai girti mehsoos hui aur thodi hi der mai apne Lund ki malai meri gand mai gira ke woh shant pad gaya aur mera bazu mai aa ke let gaya par meri gand to darad ke mare phati ja rahi thi.

Jitna maza chudai mai aaya tha ab takleef ho rahi thi. Mai sunil se boli ke next time kabhi meri gand nahi marna mujhe bohot hi darad ho raha hai. Woh hansa aur kaha ke woh to mera Lund accidentally tumhari gand mai ghus gaya to mujhe maza aaya aur mai gand mar dia otherwise mera irada to tumhari gand marne ka nahi tha. Theek hai agar tumhai pasand nahi to next time nahi maruga. Phir thodi der ke baad ek aur time usne mujhe choda jis se meri gand mai takleef khatam ho gai aur choot mai phir se maza aa gaya aur pata nahi aisi chudai ke baad mai kab so gai.

Subah uthi to der ho chuki thi. Aaj college ko nahi jana tha. Nashta kar ke thodi der neeche hi ham sab batein karte rahe bas aise hi sara din guzar gaya. Mai aur sunil agle ek week tak khoob chudai karte rahe roz raat ko woh mummy daddy ke so jane ke baad ooper aa jata aur ham jam kar chudai karte. Ek week ke baad woh chala gaya aur jane se pehle mai us se lipat ke khoob roi mujhe laga jaise koi mera lover mujhe chor ke ja raha hai. Woh mere sare badan pe hath pherta raha aur pyar karta raha aur kaha suno Kiran agar tumhare menses mai koi gadbad ho jaye to mujhe fouran phone kar dena mai kuch intezam kar duga to mai ne kaha theek hai. Par agle hi mahine mai mere menses time se kuch pehle hi shuru ho gaye to mai ne itmenaan ka sans lia aur Sunil ko phone kar ke bata dia. Phir Jab kabhi sunil aata ham khoob chudai karte.

Mai ne apni graduation complete kar li aur ek din mujhe pata chala ke meri shadi kisi Ashok nami aadmi se fix ho gai hai. Uske ghar wale hamare ghar aye the aur mujhe pasand bhi kar chuke aur phir shadi ki date fix kar ke meri shadi kar di gai.

Mai abhi shadi ki details mai nahi jana chahti aur direct apni suhaag raat ke bare mai bata deti hu. Shadi ho gai aur mai apne sasural aa gai. Sara ghar achi tarah se saja hua tha bohto bada bhi nahi bilkul chota bhi nahi bass theek thaak hi tha ghar. Uske ghar ko pohochte pohochte rat ho chuki thi. Dinner to kar hi chuke the marriage hall mai. Ashok ka kamra bhi theek thaak hi tha. Bed pe chameli ke phoole bikhare pade the. Pink colour ka bed bohot acha lag raha tha naram tha. Saare

kamre mai chameli ke phoolo ki bheene bheeni khushbo aa rahi thi bohot acha lag raha tha ek dum se romantic aise hi tha jiski har ladki khwahish karti hai..

Ashok ki choti behen Renuka mujhe bed pe bitha ke muskurate hue kaha ke bhaya abhi aa jayege aap thoda rest le le aur kamre se chali gai. Mujhe apni sehlion ke kisse yaad aa ne lage jinki shadi ho chuki thi. Kisi ne kaha ke meri to raat bhar chudai hui aur subah mujh se chala bhi nahi ja raha tha. kisi ne kaha tha ke bass aise hi raha koi khaas maza nahi aaya tha. kisi ne kaha ke apne lode ko choot ke ander dalne se pehle hi choot ke ooper apni malai nikal ke so gaya tha. Mai kaafi excited thi ke pata nahi mera kia hasher hoga kiyonke Sunil se chudwaye hue bhi takreeban ek saal se ziada hi ho chuka tha. Choot ke muscles phir se tight ho gaye the. Thodi hi der mai woh kamre mai aa gaya. Ashok bohot smart lag raha tha. Gora rang medium height aur medium built on the whole ek acha smart aadmi lag raha tha. Mujhe apne friends ki baate yaad aa rahi thi jinki shadi ho chuki thi ke suhaag raat ko kia hota hai aur kaise husband apni wife ko apni baton se pata ke chod dalta hai aur ladki ko kitna maza aata hai. Aur sath mai hi mujhe sunil bhi yaad aa gaya aur sunil ke sath hui meri pehli chudai bhi mujhe yaad aa gai to masti se mera badan tootne laga aur ek lambe mote lund ka sapna liye baithi rahi jo meri choot mai ghuss ke mujhe chodega, meri pyasi choot ki pyas ko bujhayega aur maza dega.

Ashok kamere ke ander aa gaya aur bed pe baith gaya. Pehle to meri khubsurti ko nehaarta raha mere gaalo pe hath pherta raha aur phir gaal pe kiss kia to mera badan mai bijli doundne lagi aur badan jalne laga. Thodi der mai woh utha aur apne kapde change kar ke bed pe aa gay aur bohot dheemi roshni wala ligh pink colour ka night lamp jala dia. Mera dil zor zor se dhadakne laga sare badan se paseena chootne laga muh se garam garam saansein nikalne lagi. Ab Ashok change kar ke aa gaya aur ham dono let gaye. Pehle to meri sundarta ko nahaarta raha aur dheere dheere uske hath mere chuchion pe aa gay aur woh unko dabane laga to badan mai san sani si phail gai. Aise hi baaten karte karte woh mere kapde utar ta chala gaya saare kapde nikal ke mujhe nanga kar dia mere muh se ek baat bhi nahi nikal rahi thi. Naye ghar mai naye logon ke sath rehne se ek nayapan hi lag raha tha. Sunil to phir bhi cousin tha utna naya pan nahi mehsoos hua laikin yaha to har koi

ajnabi tha. Sharam bhi aa rahi thi excitement bhi tha.

Mai bed pe nangi leti rahi sharam se bura haal tha par kia karti zamane ki reeti riwaj yahi the ke pehli raat ko husband apni wife ko chod deta hai aur sari umar ke liye wo sirf apne husband ki hi ho ke reh jati hai. Woh thodi der tak mere nange badan ko dekhta raha apne hath mere sare badan pe pherta raha mere sare badan mai jaise chiuntian ( ants ) ghoomne lagi ho. Choot mai bhi ab khujli shuri ho gai thi.

Woh mere nange badan pe hath pher raha tha chuchion ko daba raha tha kabhi kabhi chuchion ko choos leta dheere dheere uska hath meri choot pe aa gaya aur woh meri usi din ki shave ki hui makkhan jaisi chikni choot pe aa gaya aur woh choot ka massage karne laga. Mere badan mai bijli doud rahit ahi aur mujhe bohot ahca lag raha tha mai ne dil mai socha ke yeh to khiladi lag raha hai shaed chudai ka experience hoga aur uska hath mere choot pe lagte hi jaise meri choot mai flood aa gaya aur woh be inteha geeli ho gai aur rass se bhar ke ab raseeli choot ho gai.
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07-12-2017, 12:30 PM,
#16
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--4


लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

अशोक ने अपने कपड़े भी निकाल दिए और नंगा हो गया. मैं ने एक तिरछी नज़र उसके लंड पे डाली तो दिल धाक्क से रह गया. उसका लंड बॅस ऐसे ही था कोई ख़ास नही था टोटल एरेक्ट होने के बाद शाएद 4 इंच या 5 इंच का ही होगा. मैं ने सोचा के शाएद थोड़ी देर के बाद वो और अकड़ के बड़ा हो जाएगा. खैर अब वो मेरे चुचिओ को चूस रहा था और हाथ से मेरी चूत का मसाज कर रहा था. कभी कभी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल देता तो मैं सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कर के सिसकारी ले लेती. अब उसने मेरा हाथ अपने हाथ मे ले के अपने लंड पे रख दिया. मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपना हाथ उसके लंड पे रखी रही तो उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ के दबाया तो मैं समझ गई के शाएद वो चाहता है के मैं उसका लंड अपनी मुट्ठी मे ले के दबौउ.

मैं उसके लंड को एक या दो बार ही दबाया था के उसने मेरा हाथ हटा दिया और सीधा मेरे ऊपेर चढ़ आया और मेरी टाँगों को फैला के मेरे ऊपेर लेट गया. लंड को मेरे चूत के लिप्स के अंदर सुराख पे सटाया और झुक के मुझे किस करने लगा और एक ही झटके मे उसका लंड मेरी समंदर जैसे गीली चूत के अंदर घुस चुका था और वो सडन्ली ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और बॅस 4 या 5 ही धक्के लगाया था के उसके मूह से ऊऊऊगगगगगघह की आवाज़ निकली और उसकी मलाई मेरी चूत मे गिर गई. मुझे तो उसका लंड अपनी चूत के

अंदर सही तरीके से महसूस भी नही हुआ और उसकी चुदाई कंप्लीट हो चुकी थी. मेरी कुछ फ्रेंड्स ने बताया था के कभी कभी एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से और कभी चूत की गरमी से लंड से मलाई जल्दी ही निकल जाती है पर कुछ दीनो मे जब चुदाई डेली करते रहते है तो फिर ठीक हो जाता है और अछी तरह से चोदने लगता है और यह के ऐसा अगर कभी हो तो कोई फिकर की बात नही है यही सोच के मैं खामोश हो गई के हो सकता है के एग्ज़ाइट्मेंट या चूत की गर्मी से वो जल्दी ही झाड़ गया हो पर बाद मे अछी तरह से चोद डालेगा.

मैं ने भी सोचा के शाएद एग्ज़ाइट्मेंट मे उसकी क्रीम जल्दी निकाल गई होगी और यह कोई नई बात नही होगी. वो गहरी गहरी साँसें लेता हुआ मेरे बदन पे पड़ा रहा और मेरी चूत मे पहले से ज़ियादा तूफान उठ रहा था और मेरा मन कर रहा था के किसी तरह से सुनील आ जाए और मुझे इतना चोदे के मेरी चूत फॅट जाए पर ऐसा हो नही सकता था ना. मैं कुछ नही कर सकती थी. इंतेज़ार किया के शाएद अशोक के लंड मे फिर से जान पड़ेगी और वो कुछ सही ढंग से चुदाई करेगा पर ऐसा कुछ नही हुआ और वो मेरे बाज़ू मे लेट के गहरी नींद सो गया और एक ही मिनिट मे उसके खर्राटे निकलने लगे.

सुबह हुई तो उसकी बहेन रेणुका कमरे मे आई और मुस्कुराते हुए एक आँख बंद कर के पूछा कियों भाभी रात सोई या भयया ने सारी रात जगाया ?. मैं उस पगली से क्या बताती के उसका भाई मेरी चूत मे आग लगा के सो गया और मैं सारी रात जागती रही और इंतेज़ार करती रही के हो सकता है के उसका लंड फिर से जाग जाए पर ऐसा कुछ हुआ नही और रेणुका से कैसे बताती के उसके भाई को आग लगाना तो आता है पर उस आग को बुझाना नही आता. मैं ने बनावटी शर्म से नज़र नीचे कर ली और मुस्कुरा दी और दिल मे सोचा पता नही इसे कैसा पति मिलेगा पहली रात को चोद चोद के चूत का भोसड़ा बना देगा या मेरी तरह चूत मे आग लगा के सो जाएगा तब मैं पूछुगी उस से के रात कैसी गुज़री रात भर चुदाई होती रही या खुद मलाई निकाल के सो गया और तुम्हारी चूत मे आग लगा के तुम्है सोने नही दिया या लैकिन अभी इस सवाल को पूछने के लिए तो टाइम है.
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07-12-2017, 12:30 PM,
#17
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
इसी तरह से एक वीक हो गया और मुझे कोई ख़ास मज़ा नही आया. बस वो अपने हिसाब से चोद्ता रहा और हर बार चोद के मुझ से पूछता “मज़ा आया किरण” तो मैं मूह नीचे कर के चुप हो जाती तो वो समझता के शाएद मैं उंसकी चुदाई को एंजाय कर रही हू. पता नही क्या प्राब्लम था उसको के उसका लंड अकड़ता तो था चुदाई से पहले लैकिन चूत की गर्मी से उसकी मलाई दूध बन के निकल जाती थी. ऐसा लगता था के लंड चूत

के अंदर सिर्फ़ मलाई छोड़ने के लिए ही जाता है हार्ड्ली 2 या 3 ही धक्को मे उसका काम तमाम हो जाता था. शुरू शुरू मे तो मैं समझी के शाएद एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से होगा पर वक़्त के साथ ठीक हो जाएगा पर ऐसा कुछ नही हुआ. शादी के बाद टोटल 2 वीक उसके घर रह के हम सिटी मे चले आए जहा उसका बिज़्नेस था.

अशोक के घर वाले सिटी के आउटस्कर्ट्स मे रहते हैं और अशोक एक बिज़्नेसमॅन है उसका रेडी मेड गारमेंट्स का बिज़्नेस ठीक ठाक ही चलता है तो वो अपने बिज़्नेस के लिए डेली औत्स्किर्ट से सिटी मे नही आ सकता था इसी लिए उसने एक घर सिटी मे ले रखा था जिस्मै हम दोनो ही रहते हैं. कभी कभी उसके माता और पिता आजाते या कभी उसकी बहेन रेणुका आ जाती तो एक या दो दिन रह के चले जाते.

घर मे मैं अकेली ही रहती हू. वक़्त ऐसे ही गुज़रता रहा. मेरी चूत मे सारी रात आग लगता रहता और खुद सुबह सुबह उठ के चला जाता और मैं जलती चूत के साथ सारा दिन गुज़ारती रहती. करती भी तो क्या करती इसी तरह से 3 महीने गुज़र गये. बहुत बोर होती रहती थी घर मे बैठे बैठे सब नये नये लोग थे किसी से भी कोई जान पहचान नही थी. हमारे घर के करीब ही एक लेडी रहती थी उनका नाम था उषा. वो होगी कोई 36 या 37 साल की वो अक्सर हमारे घर आ जाया करती है और इधर उधर की बातें करती रहती है. मैं उन्हाई आंटी कहने लगी. वो जब आती तो 2 या 3 घंटे गुज़ार के ही जाती मेरे साथ सब्ज़ी भी बना देती और कभी खाना पकाने मे भी मदद कर देती और कभी कभी तो हम दोनो मिल के खाना भी खा लेते.

अशोक तो बिज़्नेस के सील सिले मे सिटी से बाहर जाते ही रहते हैं और जब कभी किसी दूर के शहेर को जाना होता तो वो 2 या 3 दिन के लिए जाते और मैं घर मे अकेली ही रहती हू. कई बार आंटी ने कहा के किरण तुम अकेली रहती हो अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारे पास आ के सो जाया करू. मैं ने हस्ते हुए उनके इस इरादे को टाल दिया और अब वो मेरे साथ सोने की बात नही करती कभी कभी अगर बातें करते करते रात को देर भी हो जाती तो वो अपने घर को ही चली जाती थी. उनके पति सिटी से दूर किसी विलेज मे टीचर थे और वो विलेज मे कोई सहूलियतें नही थी इसी लिए आंटी को वाहा नही ले जाते थे और हर वीक सिटी मे आ जाते थे आंटी के पास और थके हुए होते थे तो ज़ियादा तर वक़्त उनका सोने मे ही गुज़र जाता था और वो फिर स्कूल खुलने से पहले ही वापस चले जाते और आंटी फिर से अकेली रह जाती थी. स्कूल के जब आन्यूयल वाकेशन होते तभी वो कुछ ज़ियादा दीनो के लिए घर आते थे.

एक दिन आंटी लंच के बाद आ गई मैं उस टाइम लंच कर के लेटी थी के थोड़ी देर सो जाउन्गी कियॉंके आज मोसाम बोहोत क्लाउडी था और कभी भी बारिश हो सकती थी ठंडी हवा चल रही थी आक्च्युयली मोसाम सुहाना हो रहा था पर मुझे रात के अनसेटिसफॅक्टरी सेक्स से सारा बदन टूटा जा रहा था और सोने का मन कर रहा था ठीक उसी टाइम पे आंटी आ गई तो मैं उठ के बैठ गई. आंटी ने पूछा के क्या तबीयत खराब है तो मैने कहा नही तबीयत खराब तो नही पर बदन मे थोड़ा सा दरद हो रहा है तो आंटी ने पूछा के क्या मैं तुम्हारा बदन दबा दू तो मैं ने हंस के कहा के नही आंटी ऐसे कोई बात नही. इतने देर मे एक दम से बोहोत ज़ोरों की बारिश शुरू हो गई. मेरे इस घर मे आने के बाद यह पहली बारिश थी तो मेरा जी चाह रहा था के मैं उप्पेर जा के बाल्कनी से बारिश देखु इसी लिए मैं ने आंटी से कहा के चलिए ऊपेर चल के बैठ ते है और बारिश का मज़ा लेते हैं.

हम दोनो ऊपेर आ गये. हमारी बाल्कनी के सामने सड़क थी और दोनो तरफ शॉप्स थे जहा सब्ज़ी, चिकन मीट और मिसिलेनीयियस आइटम्स मिल जाया करती थी एक छोटा मोटा सा बाज़ार था तकरीबन डेली इस्तेमाल की सभी चीज़ें मिल जाया करती थी. इतनी बारिश की वजह से सारा मार्केट सूना पड़ा हुआ था कभी कभी कोई इक्का दुक्का साइकल वाला या कोई आदमी बरसाती ओढ़े गुज़र जाता था. हम दोनो बाल्कनी मे नीचे फ्लोर पे ही बैठ गये और जाली मे से बाहर का सीन देखने लगे. कभी कभी बारिश का थोडा सा पानी हमारे ऊपेर भी गिर जाता था. मौसम ठंडा हो गया था शाम के 5 बजे ही ऐसा लग रहा था जैसे रात के 8 या 9 बज रहे हो ऐसा अंधेरा था. मैं जा के 2 कप गरम गरम चाइ बना का ले आई और हम चाइ पीते पीते बाहर का सीन देख रहे और इधर उधर की बातें करते करते बारिश के मज़े लेने लगे.

चाइ पीने से बदन मे थोड़ी सी गर्मी आ गई. वो मेरे लेफ्ट साइड मे बैठी थी और इधर उधर के बात करते करते पता नही आंटी को क्या सूझा के मुझ से मेरी सेक्स लाइफ के बारे मे पूछने लगी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या बताउ. आंटी एक्सपीरियेन्स्ड थी शाएद मेरी खामोशी को ताड़ गैइ और धीरे से पूछा रात को मज़ा नही आता ना ?? मैं ने ना मे सर हिलाया लैकिन कुछ ज़बान से बोला नही.

उन्हो ने मेरा हाथ अपने हाथ मे लिया और धीरे से दबाया और कहा के मुझे भी नही आता मैं भी ऐसे ही तड़पति रहती हू और मेरा हाथ अपने हाथ मे ले के उसका मसाज करने लगी. मैं हक्का बक्का उनकी कहानी सुन रही थी उन्हो ने अपनी सुहाग रात के

बारे मे बताया जो मेरी सुहाग रात की ही तरह हुई थी और फिर बताया के कैसे वो अपनी सेक्स की प्यास को बुझाती है और उनका भी एक दूर का कोई रिलेटिव है जो सिटी मे ही रहता है आंटी के घर से ज़ियादा दूर नही है
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07-12-2017, 12:30 PM,
#18
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
उसका घर और वो कभी कभी आंटी की चुदाई कर के उनकी प्यासी चूत की प्यास को बुझा देता है. मैं आंटी की कहानी सुन के हैरत मे पड़ गई और सोचने लगी के मैं अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाने के लिए क्या करू.

अब ठंड थोड़ी सी बढ़ गई तो मैं एक बड़ी ब्लंकेट ले के आ गई और हम दोनो एक ही ब्लंकेट को ओढ़ के बैठे बारिश के मज़े ले रहे थे और अपनी अपनी चुदाई की कहानिया एक दूसरे को सुना रहे थे. आंटी मेरा हाथ अपने हाथ मे ले के मसल रही थी ब्लंकेट के अंदर और मेरे बदन मे गर्मी आ रही थी. हम दोनो अपें टाँगें मोड़ के बैठी थी कभी कभी लेग्स को क्रॉस कर के बैठ जाते कभी नीस को फोल्ड कर के. एक तो उनके हाथ का स्पर्श और बाहर का ठंडा मौसम और फिर आंटी ने सुहाग रात की और अपनी चुदाई की दास्तान स्टार्ट कर के मेरे बदन मे फिर से आग लगा दी थी मुझे सुनील से चुड़वाई हुई वो रातें याद आ रही थी जब मेरी चूत मे सुनील का लंबा मोटा लंड घुस के धूम मचा देता था और चूत फाड़ झटके मार मार के मेरी चूत को निचोड़ के अपने लंड का सारा रस मेरी चूत के अंदर छोड़ के कैसे मज़ा देता था. मेरा पूरा दिल और दिमाग़ सुनील की चुदाई मे था मुझे पता ही नही चला के कब आंटी का हाथ मेरे थाइस पे फिसलने लगा और मेरे सारे बदन मे एक मस्ती का एहसास छाने लगा और ऑटोमॅटिकली मेरी टाँगें खुल गई और मैं ने महसूस किया के आंटी का हाथ मेरे थाइ से फिसल के चूत पे टिक गया और वो चूत की धीरे धीरे मसाज करने लगी और मुझे मज़ा आने लगा.

मेरी प्यासी चूत पे आंटी के हाथ का स्पर्श और मसाज से मुझे अपने स्कूल का एक किस्सा याद आ गया. हम उन दीनो 9थ क्लास मे थे. हुआ यह था के मेरी क्लासमेट श्रुति नाम था उसका वो मेरे पड़ोस मे ही रहती थी और कभी वो मेरे घर आजाती और हम दोनो मिल के रात मे पढ़ाई करते और एक ही बेड पर सो जाते कभी मैं उसके घर चली जाती और कंबाइंड स्टडी करते वही उसके साथ उसके बेड पर ही सो जाती. एक रात वो मेरे घर मे आई हुई थी और हम रात को पढ़ाई कर के हम दोनो मेरे बेड पे लेट गये. . मेरे रूम घर मे ऊपेर के फ्लोर पे था और मोम आंड डॅड नीचे. मैं ऊपेर अकेली ही रहती थी तो हमै अछी ख़ासी प्राइवसी मिल जाती थी. दोनो पढ़ाई ख़तम कर के सोने के लिए लेट गये. श्रुति बोहोत ही शरारती थी उसने अपने मम्मी

पापा को चोद्ते हुए भी कई बार देखा था. कभी सोने का बहाना कर के कभी विंडो मे से झाँक के और फिर मुझे बता ती थी के कैसे उसके डॅड नंगे हो के उसकी मोम को नंगा कर के चोद्ते है कभी लाइट खुली रख के तो कभी लाइट बंद कर के वो चुदाई देखती रहती थी और मुझे बता देती कि उसके पापा ने आज उसकी मम्मी को कैसे चोदा और यह भी बता ती के उसकी मम्मी ने कैसे उसके पापा के लंड को चूसा और सारी मलाई खा गई.

हा तो वो मेरे साथ थी बेड पर. हम ऐसे ही बातें कर रहे थे वो अपने मम्मी और पापा के चुदाई के क़िस्से सुना रही थी और अचानक उसको क्या हुआ उसने पूछा किरण तेरा साइज़ क्या है मैं ने पूछा कौनसा साइज़ तो उसने मेरी चुचिओ को हाथ मे पकड़ लिया और पूछा अरे पागल इसका और हँसने लगी उसका हाथ मेरे बूब्स पे अछा लग रहा था और उसने भी अपना हाथ नही हटाया और मैं ने भी उस से हाथ निकाल ने को नही कहा और वो ऐसे ही मेरी चुचिओ को दबाने लगी.

रात तो थी ही और हम ब्लंकेट ओढ़े हुए थे और लाइट बंद थी ऐसे मे मुझे उसका मेरी चुचिओ को दबाना अछा लग रहा था मैं ने उसका हाथ नही हटाया. उन दीनो हम ब्रा नही पेहेन्ते थे तो हमै साइज़ का पता नही था मैं ने बोला के मुझे क्या मालूम तो उसने कहा ठहर मैं बता ती हू तेरा क्या साइज़ है मैं ने बोला तेरे कू कैसे मालूम तो वो हँसने लगी और बोली मुझे सब पता है और मेरे ऊपेर उछल के बैठ गई. मैं सीधे ही लेटी थी और वो मेरे ऊपेर बैठ के मेरे बूब्स को मसल रही थी अब उसने मेरी शर्ट के अंदर हाथ डाल के मसलना शुरू कर्दिआ तो मुझे और मज़ा आने लगा. मैं ने बोला हे श्रुति यह क्या कर रही है तो वो बोली के मेरे पापा भी तो ऐसे ही करते है मेरे मम्मी के साथ मैं ने देखा है जब पापा ऐसे करते हैं तो मम्मी को बोहोत मज़ा आता है बोल तुझे भी आ रहा है मज़ा या नही तो मैं ने कहा हा मज़ा तो आ रहा है तो उस ने कहा के बॅस तो ठीक है ऐसे ही लेती रह ना मज़ा ले बॅस और वो ज़ोर ज़ोर से मेरी चुचिओ को मसल्ने लगी.

मेरे ऊपेर बैठे ही बैठे उसने अपनी शर्ट भी उतार दी और मुझ से बोली के मैं भी उसके बूब्स को दबौउ तो मैं भी हाथ बढ़ा के उसके बूब्स को अपने हाथ मे ले के मसल्ने लगी. श्रुति की चुचियाँ मेरे चुचिओ से थोड़ी सी बड़ी थी. लाइट बंद होने से कुछ दिखाई नही दे रहा था बॅस दोनो एक दूसरे के चुचिओ को दबा रहे थे. ऐसे हे दबा ते दबा ते वो मेरी टांगो पे आगे पीछे होने लगी. हमारी चूते एक दूसरे से मिल रही थी और एक अजीब सा मज़ा चूत मे आने लगा. अब वो मेरे ऊपेर लेट गई और मेरी चुचि को चूसने लगी मेरे मूह

से आआआआआआआहह निकल गई और मैं उसके सर को पकड़ के अपनी चुचिओ मे घुसाने लगी थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद वो थोड़ा आगे हटी और अपनी चुचि मेरे मूह मे घुसेड डाली और मैं चूसने लगी वो भी आआहह की आवाज़ें निकाल निकाल के मज़े लेने लगी.

अब हम दोनो मस्त हो चुके थे वो थोडा सा पीछे खिसक गई और मेरी चूत पे हाथ रख दिया तो मेरी गंद अपने आप ही ऊपेर उठ गई. हम अब कोई बात नही कर रहे थे बॅस एक दूसरे से मज़े ले रहे थे. उसने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया और साथ मे अपना भी और खुद अपने घुटनो पे खड़ी हो के अपनी सलवार निकाल दिया और नंगी हो गई और मेरी सलवार को पकड़ के नीचे खिसका दिया और मैं ने भी अपनी गंद उठा के उसको निकालने मे सहयोग किया. अब हम दोनो नंगे थे अभी हमारी चूतो पे बॉल आने भी नही शुरू हुए थे एक दम से चिकनी चूते थी हम दोनो की.
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07-12-2017, 12:30 PM,
#19
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
अब फिर से वो ऐसे बैठ गई जैसे हम दोनो की चूते टच हो रही थी और आगे पीछे होने लगी और बताया के मेरी मम्मी जब पापा के ऊपेर बैठ ती है तो ऐसे ही हिलती रहती है. हमारी चूते एक दूसरे से रगड़ खा रही थी और हमे बोहोत ही मज़ा आ रहा था दोनो की चिकनी चिकनी बिना बालो वाली मसके जैसे चूते आपस मे रगड़ रही थी. फिर वो थोड़ा सा नीचे को हो गई और मेरी चूत पे किस कर दिया तो मानो मैं पागल जैसी हो गई और मैं ने उसका सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया और वो किस करते करते अब मेरी चूत के अंदर जीभ डालके चूसने लगी तो मेरे बदन मे ब्लड तेज़ी से सर्क्युलेट होने लगा और दिमाग़ मे सायँ सायँ होने लगी. मुझे लगा जैसे कोई चीज़ मेरी चूत के अंदर से बहेर आने को बे-ताब है पर नही आ रही है और मुझे लगा जैसे सारा कमरा गोल गोल घूम रहा हो इतना मज़ा आ गया मैं अपनी चूत उसके मूह मे रगार्डती रही थोड़ी देर मे यह कंडीशन ख़तम हो गई तो वो बाज़ू मे आ के लेट गई और मुझे अपनी टाँगों के बीच मे लिटा लिया और मेरा सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया. उसकी मक्खन जैसे चिकनी चूत को किस करना बोहोत अछा लग रहा था और अब उस ने मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसाना शुरू कर दिया और मेरे मूह पे अपनी चूत को रगड़ने लगी उसकी चूत का टेस्ट मुझे कुछ सॉल्टी लगा पर वो टाइम ऐसा था के हम दोनो मज़े ले रहे थे और फिर उसने मेरे मूह मे अपनी चूत को तेज़ी से रगड़ना शुरू कर दिया और मूह से अजीब आवाज़ें निकालने लगी और फिर वो शांत हो गई. मेरा ख़याल है के स्कूल के दीनो मे ऐसे फ्रेंड्स जो एक दूसरे के घर रात बिता ती है यह चुचिओ को दबाना या चूत की मसाज करना या किस करना सब नॉर्मल सी बात हो गी क्योंकि

श्रुति ने मुझे और अपनी 2 फ्रेंड्स के बारे मे बताया के वो भी ऐसे ही करते हैं शाएद यह उमर ही ऐसी होती है.

खैर तो मैं कह रही थी के आंटी का हाथ मेरी चूत पे लगने से मेरे तन बदन मे एक आग जैसे लग रही थी मेरा दिल ओ दिमाग़ अब श्रुति और मेरी गुज़री हुई पुरानी हर्कतो से हट कर आंटी के तरफ आ गया था. पता नही आंटी ने अब तक क्या बोला मैं तो अपनी और श्रुति की गुज़री हुई बातें ही याद कर रही थी उस दिन के बाद आज किसी फीमेल का स्पर्श मेरी चूत मे महसूस हो रहा था. आक्च्युयली मुझे यह फीमेल वर्सस फीमेल यानी लेज़्बियेनिज़्म पसंद नही है पर वो टाइम ऐसा ही था के मैं फिर से बहेक गई और आंटी के हाथ मे अपनी चूत दे बैठी. अंधेरा बढ़ता जा रहा था सामने की रोड पूरी तरह से खाली हो चुकी थी अब कोई भी नही चल फिर रहे थे रोड पे और हम दोनो बाल्कनी मे बैठे थे. अब आंटी की फिंगर मेरी चूत के लिप्स को खोल के ऊपेर नीचे हो रही थी कभी चूत के सुराख मे उंगली डाल देती तो कभी क्लाइटॉरिस को मसल देती तो मेरा मस्ती के मारे बुरा हाल हो जाता चूत मे से कंटिन्यू जूस निकल रहा थे पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मुझे पता भी नही चला के कब आंटी ने मेरा हाथ ले के अपनी चूत पे रख दिया और जब मेरा हाथ उनकी चूत पर लगा तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा हाथ किसी जलती हुई भट्टी या गरम चूल्‍हे (ओवेन) मैं लगा दिया हो इतनी गरम थी आंटी की चूत. मैं ने भी आंटी की चूत का मसाज शुरू कर दिया और अपनी उंगली अंदर डाल के कभी सुराख मे घुसेड देती तो कभी क्लाइटॉरिस को मसल देती तो आंटी के मूह से आआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़ें निकल जाती. दोनो ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे की चूतो की मसाज कर रहे थे मज़े से दोनो की आँखें बंद हो चुकी थी.

उषा आंटी ने मुझे लिटा दिया और मेरे पैरो के बीचे मे बैठ गई और झुक के मेरी चूत पे किस किया और अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल के चाटना शुरू किया तो मेरी मूह से आआआआआआआआआहह की आवाज़ निकल गयी और मैं ने आंटी का सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसेड दिया और उसी समय मेरी अंगारे जैसे गरम चूत झड़ने लगी मेरी आँखें बंद हो चुकी थी मस्ती मे गहरी गहरी साँसें ले रही थी और फिर आंटी मेरे ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ गई और मेरे मूह पे अपनी चूत को रगड़ने लगी तो मेरा मूह खुल गया और उषा आंटी की चूत को वेलकम किया. उनकी गरम चूत मे से नमकीन गाढ़ा जूस निकलने लगा. मैं ने आंटी की पूरी चूत को अपने मूह मे लेके दांतो से काट डाला तो उनके मूह से चीख निकल गई आआआआआआअहह

और आआआआआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊओह और उनकी चूत मे से जूस निकलने लगा और वो झंडणे लगी. . बहुत देर तक हम बिना कोई बात किए ऐसे ही 69 की पोज़िशन मे लेटे रहे फिर थोड़ी देर के बाद आंटी ने कहा के आज मैं बोहोत दीनो बाद इतना झड़ी हू और बोहोत मज़ा आया. मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल था अशोक तो मेरी चूत मे आग लगा के खुद झाड़ के सो जाते और मैं रातों मे तड़प ती रहती ऐसे मैं आंटी के चूत को चूसने से बोहोत सुकून मिला. जब कभी आंटी को झड़ना होता तो वो अपनी चूत को अछी तरह से शेव कर के मेरे पास आती और फिर हम दोनो एक दूसरे को चाट के खल्लास कर ते. आक्च्युयली मेरी चुदाई होने लगी थी अपने बॉस के साथ लैकिन मैं आंटी को इस बात का पता नही चलने देना चाहती थी मैं अपना हर सीक्रेट दूसरे से नही बता ना चाहती इसी लिए आंटी से नही कहा और उनके सामने ऐसी बनी रहती जैसे मेरी चूत बरसों की प्यासी हो और उनके साथ मुझे बोहोत ही मज़ा आता है.

क्रमशः......................
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07-12-2017, 12:31 PM,
#20
RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--5

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

मैं घर मे अकेले रहते रहते बोर होने लगी थी. सिवाए खाना पकाने के और कोई काम ही नही था. हर दूसरे दिन एक धोबन आ के हमारे कपड़े धो जाया करती थी. बोर होने की वजह से मैं ने अशोक से कहा के अगर वो कोई माइंड ना करे तो मैं कोई जॉब करलू ता के मैं बिज़ी रह सकु. अशोक को भी अपने बिज़्नेस से फ़ुर्सत नही मिलती थी और अब तक तो उसको पता चल ही गया था के मेरी चूत उसके लंड से और उसकी चुदाई से सॅटिस्फाइ नही है तो उसने कहा ठीक है मेरा एक फ्रेंड है अपनी खुद की कंपनी चलाता है मैं उस से बात कर लूँगा तुम घर बैठे ही उसका काम कर देना ता के तुम बिज़ी भी रहो और तुम्हारा भी दिल लगा रहे. और एक दिन अशोक ने बताया के उसने अपने दोस्त को डिन्नर पे बुलाया है और साथ मैं काम की भी बात कर लेते हैं तो मैं खुश हो गई और आछे से अछा खाना बना के अपने होने वाले बॉस को खिलाना चाहती थी तो मैं किचन मे डिन्नर की तय्यारी मे बिज़ी हो गई.

रात के खाने के टाइम से पहले ही अशोक का दोस्त आ गया बेल बजा के खड़ा हो गया तो अशोक ने दरवाज़ा खोला और हेलो हाई हाउ आर यू कह के अंदर बुला लिया. मैं देख के दंग रह गई वो तो एक अछा ख़ासा स्मार्ट आदमी था. तकरीबन 6 फीट के करीब उसकी हाइट होगी गोरा रंग ब्रॉड शोल्डर्स हॅटा कॅटा मज़बूत जवान लग रहा था उसे देखते ही मेरी चूत मे एक अजीब एग्ज़ाइट्मेंट सी होने लगी और मुझे लगा के मेरी चूत गीली हो रही है. अशोक ने इंट्रोड्यूस करवाया और कहा के यह मेरे बचपन का दोस्त और क्लास मेट सलीम ख़ान सनई है और वो एक मुस्लिम है जो अपनी फाइनान्स कंपनी चलाता है.

दोनो स्कूल से कॉलेज ख़तम होने तक क्लास मेट रहे हैं और एक दूसरे से बोहोत ही फ्री हैं.

ऑफीस मे वो एसके के नाम से फेमस है. और फिर कहा एसके !! यह मेरी वाइफ है किरण. हम दोनो ने एक दूसरे को नमस्ते कहा और हम सब अंदर ड्रॉयिंग रूम मे आ के सोफे पे बैठ गये. अशोक और एसके बैठ के बातें करने लगे और मैं खाना टेबल पे रखने के लिए चली गई.

टेबल रेडी हो गई तो मैं ने दोनो से कहा के चलिए डिन्नर रेडी है. वॉश बेसिन पे हाथ धो के आ गये और रेक्टॅंगल टेबल के स्माल पोर्षन पे एसके बैठे थे और मैं और अशोक टेबल के बड़े वाले पोर्षन पे टेबल के दोनो तरफ आमने सामने (ऑपोसिट टू ईच अदर) बैठे थे. सब मिल के खाना खाने लगे एसके मेरे बनाए हुए खाने की बोहोत तारीफ कर रहे थे. खाने मे पराठे, दम का चिकेन, आलू गोश्त का खोरमा, कबाब, टोमॅटो की चटनी, पुलाव बना के उस पे बाय्ल्ड एग्स को हाफ कर के डेकरेट कर के रखा था और कस्टर्ड और आइस क्रीम थी. खाना सच मे बोहोत टेस्टी था. एसके कभी मुझे कुछ देता तो कभी मेरे पति की प्लेट मे कुछ डाल देता. खाना खा ने के बाद फिर से वो दोनो ड्रॉयिंग रूम मे जा के सोफे पे बैठे गये और मैं टेबल सॉफ कर के कॉफी बना के वही आ गई और हम सब साथ बैठ के कॉफी पीने लगे और बातें करने लगे.

अशोक ने कहा यार एसके देखो तो किरण घर मे अकेली रहती है और अकेले रहते रहते बोर हो गई है वो अपने आप को बिज़ी रखने के लिए कोई काम करना चाहती है तुम्हारे पास अगर कोई ऐसा काम हो तो बताना. एसके ने कहा यह तो बोहोत अछी बात है मेरे पास डाटा एंट्री करने का काम पड़ा हुआ है. मेरे पास का डाटा एंट्री का जो क्लर्क था वो चला गया. किरण ऑफीस से इनवाइसस और वाउचर्स घर ला सकती है और घर बैठे बैठे ही मेरा काम कर सकती है. ऑफीस तो तुम्हारे घर के करीब ही है किरण ऑफीस आ के डेली या वीक्ली काम ले के आ सकती है और घर बैठे ही काम कर सकती है मैं डेली आ के चेक करता रहूँगा और उसको गाइड करता रहूँगा. मेरे पास ऑफीस मे एक एक्सट्रा कंप्यूटर भी है मैं वो भी किरण के पास भेज दूँगा यही किसी रूम मे रख लेना और वो आराम से घर बैठे ही काम कर लेगी. अशोक ने कहा यह तो बोहोत अछी बात है किरण कल ही तुम्हारे ऑफीस आजाएगी और काम भी देख लेगी.

दूसरे दिन मैं एसके के ऑफीस को गई. ऑफीस अछा ख़ासा बड़ा था नीट और क्लीन थे सारे ऑफीस मे कार्पेट बिछी हुई है और एसके का

ऑफीस तो एक दम से शानदार एक बोहोत बड़ी सेमी सर्क्युलर टेबल जिसके एक साइड मे छोटी सी कंप्यूटर टेबल जिसपे कंप्यूटर, एलसिडी मॉनिटर और नीचे प्रिंटर भी रखा हुआ था. डोर को अंदर से लॉक करने ये खोलने के लिए उसके पास ऑटोमॅटिक बटन है. उसके रूम के बाहर एक छोटा सा कॅमरा है जिस से उसको पता चल जाता है के बाहर कौन वेट कर रहा है और उसको मिलना हो तो वो ऑटोमॅटिक लॉक का बटन प्रेस कर देता है जिस से डोर खुल जाता है और फिर अंदर से ऑटोमॅटिकली बंद भी हो जाता है. ऑफीस सेंट्रली एर कंडीशंड है. इन शॉर्ट बोहोत शानदार ऑफीस है. ऑफीस का सारा स्टाफ अपने अपने काम मे बिज़ी था. मैं ऑफीस गई तो एसके ने मुझे फॉरन अंदर बुला लिया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो के मुझ से शेक हॅंड किया तो उसका गरम हाथ मेरे हाथ मे आते ही मेरे बदन मे बिजली दौड़ने लगी और मैं गीली होने लगी. मैं ने कहा के सर आपका ऑफीस तो वंडरफुल है एक दम से शानदार तो उसने कहा के देखो किरण मुझे यह सर वाघहैरा कहने की ज़रूरत नही है.
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