kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
09-17-2018, 01:33 PM,
#1
Lightbulb  kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
यादें मेरे बचपन की

फ्रेंड्स आपके लिए एक और कहानी वैसे तो मैने इस फोरम पर कई कहानियाँ पोस्ट की है आज आपके लिए एक और कहानी पोस्ट करने जा रहा हूँ आशा करता हूँ ये कहानी आपको पसंद आएगी वैसे तो ये कहानी पुरानी है फिर भी मैं इसे इस फोरम पर पोस्ट कर रहा हूँ यह कहानी लगभग काफ़ी वर्ष पहले शुरू हुई जब मैं बहुत छोटा था।
मैं तब अपने मम्मी, डैडी के साथ अपने तीन मंजिला घर में रहता था। घर में कई कमरे होने के कारण मुझे अपने लिए अलग से कमरा मिला था जिसमें मैं पढ़ता, अपने दोस्तों के साथ खेलता और रात को सोता था।
रसोई और ड्राइंग रूम सबसे निचली मंजिल पर, मम्मी-डैडी का बैडरूम और एक गेस्ट रूम उसके ऊपर की मंजिल पर और मेरा कमरा व एक और गेस्ट रूम तीसरी मंजिल पर था।
उसके ऊपर सिर्फ़ बड़ी छत थी जहाँ मैं और मेरे दोस्त बैडमिन्टन खेला करते थे।
आपको बता दूँ कि तब हमारे देश में टेक्नोलॉजी का विकास होना शुरू ही हुआ था अर्थात् मोबाइल, इन्टरनेट, सीडी, डीवीडी प्रचलन में नहीं थे।
आज मोबाइल, इन्टरनेट और टीवी के बदौलत किशोरवय नौनिहाल भी सैक्स के बारे में सब जानते हैं। तब ऐसा नहीं था… हालांकि उस ज़माने के विपरीत मुझे सैक्स के बारे में ज्ञान मेरी कम उम्र में ही हो गया था जब एक दिन मैंने अपने डैडी की अलमारी में छुपा कर रखी सैक्स कहानियों की किताबों का खज़ाना देख लिया था।
पहली ही किताब में सैक्स का सचित्र विस्तृत ज्ञान था… लिंग, योनि, उरोज़, नितम्ब, हस्तमैथुन, सहवास, सम्भोग के विभिन्न आसन, रतिक्रिया, गर्भधारण, परिवार नियोजन आदि सैक्स के सभी विषयों पर सरल भाषा में बहुत अधिक साहित्य उस सीरिज़ की 4 किताबों में था जिसे पढ़ कर मैं दंग रह गया था।
जिस चीज़ को सभी बड़े, मम्मी, डैडी गंदी बात कह कर छुपाने की कोशिश कर रहे थे, वह तो मेरी जीवन का सबसे मनपसंद विषय बनने जा रहा था।
मैं एक-एक किताब लाता व पढ़ कर चुपचाप उसे अपनी जगह पर रख देता।
इस प्रकार मैंने एक-एक कर के वहाँ रखी सभी 27-28 कहानियों व सैक्सज्ञान की किताबें कई-कई बार पढ़ी।
इस साहित्य से मैं विद्वान तो नहीं बन गया पर सैक्स के विषय में आधारभूत ज्ञान मुझे हो गया था।
कुछ दिन बाद वहीं एक वीडियो कैसेट मिली जिस पर इंग्लिश मूवी का नाम व (A) लोगो था।
मुझे तुरंत याद आया कि एक बार दूरदर्शन पर शुक्रवार देर रात आने वाली मूवी को देखने की जिद करने पर (A) सर्टिफिकेट वाली मूवी बता कर मम्मी ने मुझे नहीं देखने दी थी और कहा था कि यह मूवीज बड़ों के देखने के लिए होती है।
आप तो जानते होंगें कि किसी चीज़ को जितना अधिक छुपाया जाए उतना ही उसे देखने, करने की उत्सुकता बच्चों के मन में उतनी ही अधिक होती है।
मैंने योजना बना कर वो वक्त चुना जब डैडी घर पर नहीं थे और मम्मी नीचे रसोई में व्यस्त थीं।
मैंने चुपचाप डैडी के बैडरूम के वीडियो प्लेयर में उस कैसेट को प्ले किया तो दंग रह गया।
वो इंग्लिश मूवी ना होकर साउथ की कोई हिंदी डब्ड मूवी थी जिसमें नायिका अपने पति के अलावा कई अन्य पुरुषों के साथ सैक्स करती है।
पहली बार किसी को सैक्स करते हुए देखना सच में ज़बरदस्त अनुभव था। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में मैं अपना लिंग उँगलियों के पोरों से मसलने लगा और कुछ ही मिनिटों में लिंग में से कुछ लसलसा सा पदार्थ निकला और अजीब सी संतुष्टि या आनन्द का अनुभव हुआ।

वह मेरे जीवन का पहला हस्तमैथुन था।

सच में मज़ा आ गया… पर लगभग आधे घंटे की ही मूवी देख पाया था और मुझे मालूम था कि मेरे डैडी वो कैसेट वीडियो पार्लर से किराए पर लाये होंगें तो आज रात को देखकर अगले दिन लौटा देंगे और मैं उसे देखे बिना रह जाऊँगा।
गजब की उत्सुकता थी, इसलिए बहुत सोचने के बाद मैंने उनके बैडरूम और पास के गेस्ट-रूम के बीच की साझा खिड़की में एक छोटा सा छेद कर दिया और गेस्ट-रूम के दरवाज़े की कुण्डी खोलकर आ गया ताकि रात होने पर बिना आवाज़ किये वहाँ जाकर उस छेद में से मूवी देख सकूँ।
छेद बहुत बड़ा नहीं पर कामचलाऊ था आखिर कोई कारपेंटर तो था नहीं जो परफेक्ट छेद बना सकूँ।
रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग रूम में बैठ कर हंसी-मज़ाक की, टीवी देखी और फिर सब अपने-अपने कमरों में सोने को चले गये पर मेरी आँखों से तो नींद कोसों दूर थी।
आधे घंटे बाद ही में चुपचाप ऊपर से निचली मंजिल पर आया और उनके कमरे की आवाजें सुनने की कोशिश की तो पता चला कि उन्होंने मूवी शुरु कर दी थी।
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#2
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
मैं और अधीर हो उठा और धीरे से बिना आवाज किये गेस्ट-रूम का दरवाज़ा खोल कर उसमें दाखिल हुआ तो उसमें एक सुखद आश्चर्य मेरा इन्तजार कर रहा था।





जिस खिड़की में मैंने छेद किया आज मम्मी-डैडी ने वो खिड़की शायद गर्मी के कारण खुली रख छोड़ी थी।
मेरी तो लाटरी लग गई क्यूंकि मुझे आशंका थी कि उस छेद से मैं वो मूवी देख भी पाऊँगा या नहीं…
पर अब मैं केवल उसके परदे को थोड़ा सा खिसका कर ही मूवी देख सकता था तो बिना समय गंवाये मैंने धीरे से सही जगह पर बैठकर धीरे से पर्दा खिसका कर कमरे की स्थिति देखी।
बैडरूम में छोटा लैम्प जल रहा था, हल्का प्रकाश फैला था, जिससे सब कुछ साफ-साफ दिख रहा था।
डैडी बैड पर सिल्क की लुंगी और बनियान में थे और मम्मी बाथरूम में नहाने लेने या शायद कपड़े बदलने गई थी।
कुछ ही देर में मम्मी गुलाबी रंग की स्लीवलैस नाईटी पहन कर निकली और बैड पर डैडी के पास बैठ कर मूवी देखने लगी।
तभी डैडी ने मम्मी की कमर में हाथ डाल कर अपनी ओर खींच लिया तो मम्मी थोड़ा ना नुकुर करने लगी पर डैडी अपने होंठों से मम्मी की गर्दन को चूमने लगे थे और थोड़ी ही देर में मम्मी भी उनका साथ देने लगी।
कहने में ठीक तो नहीं लगता पर मुझे भी टीवी पर चल रही मूवी से ज्यादा उनकी लाइव रतिक्रीड़ा देखने में आनन्द मिल रहा था।
मम्मी-डैडी एक दूसरे को होंठों से होंठ मिला कर चूम रहे थे।
कुछ देर बाद मम्मी उठी और डैडी ने उनके मौन इशारे को समझते हुए उनकी नाईटी की डोरियों को कंधे के ऊपर से सरका कर नाईटी को नीचे गिरा दिया।
एक ही पल में मेरी मम्मी मेरे सामने पूर्ण रूप से अनावृत खड़ी थी। अपने जीवन में पहली बार किसी महिला को इस रूप में देखा था और वो भी अपनी ही मम्मी को।
सच कहूँ तो एक तरफ मन में थोड़ा अपराधबोध जरूर था कि मैं यह क्या कर रहा हूँ पर दूसरी ओर मन में जिज्ञासा, हवस व उत्तेजना का भाव था जो कि अपराधबोध पर पूरी तरह से भारी था।
मम्मी मादकता से परिपूर्ण गौरवर्ण तन की स्वामिनी थी, ऊपरी भाग में तने हुए उनके अत्यंत मादक उरोज़ देख कर किसी का भी ईमान डोल सकता था।
उरोजों के ऊपर गुलाबी रंग के दो सुन्दर चुचूक थे जिन्हें डैडी थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों में लेकर मम्मी को उत्तेजित कर रहे थे।
कमर के निचले भाग में जांघों के बीच में योनि साफ नहीं दिख रही थी पर पर उसके ऊपरी उभार पर हल्के रोंये उगे हुए थे।
रिश्तों की ज्यादा समझ भी नहीं थी इसलिए बार-बार अपने मन को यह समझा रहा था कि डैडी अगर मम्मी के साथ ये सब… खुद कर सकते हैं तो क्या मैं देख भी नहीं सकता और फिर आज कुछ नया देखने को मिल रहा था।
यही सोच कर मैं उन दोनों की रतिक्रीड़ा में दर्शक के रूप में शामिल हो गया।
तभी डैडी ने रिमोट से वीडियो प्लेयर और टीवी को भी आफ़ कर दिया, वैसे भी अब हम तीनों में किसी को उसमें दिलचस्पी नहीं थी।
मम्मी ने भी डैडी के बनियान को पकड़ कर ऊपर किया जिसमे डैडी ने सहयोग करते हुए हाथ ऊपर उठा कर बनियान को उतार फेंका और बैड पर बैठे-बैठे ही अपनी दोनों टांगों के बीच खड़ी मम्मी के गोरे-गोरे उरोजों के ऊपर गुलाबी चुचूकों को हौले-हौले चूसने लगे।
मम्मी के मुख से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं थी, वो भी उत्तेजक आवाजों के साथ डैडी का उत्साहवर्धन कर रही थी।
कुछ देर उरोज़ चूसने के बाद डैडी ने मम्मी को अपने पास बैड पर लिटा दिया और उठ कर अपनी लुंगी उतार फेंकी।
तब पहली बार मैंने उनका तना हुआ लिंग देखा।
हालांकि उसमें मेरी दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि उस जैसा एक छोटा टूल तो मेरे पास भी था।
मम्मी की टाँगें बैड के नीचे की ओर लटकी थी उसके बाद डैडी घुटनों के बल बैठे और अपने मुँह को मम्मी की जांघों के बीच घुसा कर उनकी योनि को जीभ से चाटने, चूसने लगे।
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#3
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
तब मैं इसे ज्यादा समझ भी नहीं पाया था कि वास्तव में वो लोग क्या कर रहे थे पर यह मुझे अत्यधिक गन्दा और अजीब लगा था कि कोई व्यक्ति जो अपने सार्वजानिक जीवन में जिन अंगों को तुच्छ व गन्दा प्रदर्शित करता है वो गुप्त रूप से कैसे उन अंगों को इतने आनन्द से चूस, चाट सकता है।
परन्तु माता-पिता वैसे भी हर बच्चे के आदर्श (रोल मॉडल) हुआ करते हैं इसलिए उस समय उनकी हर क्रिया मुझे समान रूप से उत्तेजित कर रही थी।
मम्मी भी बायें हाथ से अपने स्तन को मसल रही थी व दूसरे हाथ को डैडी के सिर पर फिरा मादक सिसकारियों के साथ उनका उत्साहवर्धन कर रही थी।
कुछ देर चली इस क्रिया के बाद मम्मी शायद पूर्ण रूप से उत्तेजित हो गई थी इसलिए उन्होंने हाथ से डैडी को उठने का इशारा किया और बैड पर पीछे खिसक कर लेट गई।
डैडी भी इशारे को समझ कर उठे और बैड पर चढ़ कर लेट गये।

अब चूसने की बारी मम्मी की थी तो उन्होंने डैडी का लिंग अपने मुँह में ले लिया और हाथ से पकड़ कर मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी।
लैम्प की रोशनी में उनके मुख पर ख़ुशी और उत्तेजना के भाव साफ दिख रहे थे और वो डैडी के लिंग के साथ ऐसे ख़ुशी से खेल रही थी जैसे कोई बच्चा अपने मनपसंद खिलौने के साथ खेलता है।
अब डैडी भी मादक आवाजें निकालने लगे थे जो थोड़ी तेज थी इसलिए मम्मी ने डैडी को चुप रहने को कहा तो डैडी ने निश्चिन्तता से कहा कि आवाज़ ऊपर तक नहीं जायेगी।
और दोनों अपनी क्रीड़ा में लग गये।
कुछ देर बाद डैडी ने मम्मी को हटाकर लिटा दिया और उनकी टांगों को चौड़ी करके उनके बीच घुटनों के बल बैठ कर अपने लिंग को उनकी योनि के छेद पर सेट किया और धीरे से घुसा दिया।
मम्मी ने डैडी का लिंग हल्के दर्द से कराहते हुए अपने अन्दर ले लिया और डैडी के सीने पे हाथ फिराने लगीं।
डैडी ने भी धीरे-धीरे अपने प्रहार तेज़ कर दिए और अपने लिंग को मम्मी की योनी में अन्दर-बाहर करने लगे।
मेरा लिंग भी उत्तेजना के मारे खड़ा हो गया था जिसे मैं हल्के-हल्के मसल कर हस्तमैथुन कर रहा था।
कुछ ही देर में डैडी थक कर चूर हो गये तो उन्होंने मम्मी को ऊपर आने को कहा तो मम्मी ने अब सैक्स की कमान संभाली और डैडी को लिटा कर उनके ऊपर सवार हो गई।
उन्होंने डैडी का लिंग अपनी योनि में लिया और अपने नितम्ब ऊपर-नीचे करते हुए रतिक्रिया को आगे बढ़ाने लगी। 
उनके हाथ अब डैडी के सीने और कन्धों पर थे जो की शायद संतुलन बनाने के लिए रखे गये थे।
कुछ ही मिनटों में वो तेज़ मादक आवाजों के साथ निढाल हो कर डैडी के सीने पर गिर गई।
बाद में मुझे पता चला कि उनका स्खलन हो गया था।
डैडी शायद पहले ही स्खलित हो गये थे इसलिए दोनों थोड़ी देर में अलग हुए और एक-एक कर के टॉयलेट में गये अपने बदन साफ करके बैड पर अपने उतारे हुए कपड़े पहन कर लेट गये और कुछ बातें करने लगे।
मैं भी काफी देर पहले स्खलित हो चुका था इसलिए धीरे से उठा और चुपचाप अपने कमरे में जाकर लेट गया पर आँखों के आगे कुछ देर पहले हुआ वृतांत और मम्मी का अनावृत तन ही घूम रहा था।
मैं कई दिनों तक पूरी तरह से समझ भी नहीं पाया था कि वो सब क्या था पर अब मुझे सैक्स का काफी ज्ञान हो गया था, किताबी साहित्य के साथ प्रेक्टिकल भी देखने को मिल गया था।
मैं डैडी की अलमारी रोज चैक करता था कि कुछ नया साहित्य मिले तो आनन्द आये।
गर्मी की छुट्टियाँ हो गई थी सो और कोई काम भी नहीं था इसलिए यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गया था।
साथ ही लगभग रोज रात को नीचे जा कर गेस्ट रूम की खिड़की से मम्मी-डैडी की काम-लीला देखने का भी प्रयास करता था, हालांकि वे रोज सैक्स नहीं करते थे।
कुछ ही समय में मुझे पता चल गया था कि सप्ताह में उनके सैक्स करने के दो दिन लगभग तय थे… बुधवार और शनिवार। 
यदि कोई काम हो, कहीं जाना हो, थकान के कारण दोनों में किसी एक का या फिर दोनों का मन नहीं हो या मम्मी पीरियड में हो तो उन दो दिनों को थोड़ा आगे-पीछे एडजस्ट कर उनकी काम-क्रीड़ा निरंतर चलती थी।
उनके बीच की कैमिस्ट्री (आपसी समझ) मुझे तब भी बहुत पसंद थी और आज भी मैं अपने वैवाहिक जीवन में उन दोनों को अपने आदर्श मान कर उसी कैमिस्ट्री पर चल कर अपना वैवाहिक जीवन सुखी बना रहा हूँ।
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#4
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
खैर… फिर से कहानी पर आता हूँ…

कुछ ही दिनों में मुझे काम-दर्शन का सिलसिला रोकना पड़ा क्योंकि छुट्टियों के कारण मेरी दो बुआ (डैडी की बड़ी बहनें) अपने बच्चों के साथ हमारे यहाँ रहने के लिए आ गई।
दोनों बुआ को एक लड़का और एक लड़की थी। मुंबई वाली बड़ी बुआ का लड़का राहुल 20 वर्ष का और लड़की अनन्या (अनु) राहुल से छोटी थी।
इसी तरह जयपुर वाली छोटी भुआ का लड़का सचिन 18 वर्ष का और लड़की सुनीता (सोनी) सचिन से छोटी थी।
दोनों भैया तो बड़े थे इसलिए वो मुझसे दूर ही रहते थे पर राधिका और सोनी की मेरे से बहुत पटती थी। हम तीनों साथ-साथ बैडमिन्टन खेलते, घूमने जाते, साईकिल चलाते, विडियो गेम्स खेलते और स्केटिंग करते थे।
कुल मिला कर हम हर गर्मी की छुट्टियों में बहुत ज्यादा मजे करते थे पर इस बार जब वो लोग आये तब एक बार तो मुझे अच्छा नहीं लगा क्योंकि वो उसी गेस्ट रूम में रुके थे जिसकी खिड़की से मैं अपने मम्मी-डैडी को सैक्स करते देखा करता था।
हालांकि कुछ दिन साथ रहने पर मुझे बैडमिन्टन खेलने, घूमने-फिरने, साईकिलिंग, स्केटिंग, छुपा-छुपी खेलने आदि में बहुत मजा आने लगा था।
वो लोग हमारे यहाँ लगभग डेढ़ महीने से भी ज्यादा रुके और फिर अपने-अपने घर चले गये और मेरा सैक्स-दर्शन फिर से शुरू हो गया।
इस दौरान डैडी कुछ विडियो कैसेट्स भी लाते थे जिन्हें मैं छुप-छुपा कर देख ही लेता था।
समय गुजरने लगा… बातें करते एक साल बीत गया दोनों बुआ फिर छुट्टियों में आईं और चली गई।
अब मैंने स्कूल के अपने दोस्तों से भी सैक्स की चर्चा करना शुरू किया तो पता चला कि उनमें से कुछ ही सैक्स के बारे में जानते थे और जो जानते थे वो भी मुझ से बहुत पीछे थे।
हालांकि मैंने कभी किसी दोस्त को अपने मम्मी-डैडी की रति क्रीड़ा के बारे में नहीं बताया था। 
एक बार एक दोस्त ने अपने घर पोर्न मूवी की विडियो कैसेट लाकर हम सब दोस्तों को दिखाई तो दूसरे सभी दोस्त ऐसी चीज पहली बार देखने के कारण अपने आप को धन्य समझ रहे थे और मैं मन ही मन अपने आप पर गर्व महसूस कर रहा था कि मैंने तो ये सब कई बार लाइव भी देखा है।
इस तरह जिंदगी बीत रही थी… अब मैं कभी-कभी ही मम्मी-डैडी को सैक्स करते देखा करता था और वैसे भी केवल देखने से अब मन भर गया था… अब मैं कुछ नया करना चाहता था। 
पलक झपकते ही एक साल और बीत गया और फिर छुट्टियाँ आ गई साथ ही मेरी बड़ी बुआ भी राहुल और अनन्या (अनु) के साथ हमारे घर रहने आईं।
इस बार छोटी बुआ किसी कारण नहीं आ पाई थी।
अब मैं भी बड़ा हो रहा था। मेरी नादानी समझें या उम्र का प्रभाव, अब मैं किसी भी सुन्दर लड़की या महिला को सैक्स की नज़र से ही देखता था चाहे वो कोई भी हो इसलिए इस बार मेरे मन में अनु के लिए भी सैक्स की भावनाएँ जागृत हो उठी थी।
पहली बार मैंने अनु के बदन को हवस की नजर से तो पता चला कि बढ़ते हुए उरोजों, मांसल टांगों, और पुष्ट नितंबों वाली अनु सैक्स करने के लिए परफेक्ट थी इसलिए उनके मन के सैक्स ज्ञान को टटोलने के लिए मैंने थोड़ी-थोड़ी द्विअर्थी बातें, जोक्स शुरू कर दिए थे।
खेलते समय मैं कभी-कभी जानबूझकर उसके उरोजों पर भी हाथ लगा देता था।
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#5
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
मुझे महसूस हुआ कि मुंबई में रहने के कारण उसे सैक्स का थोड़ा ज्ञान तो था पर बहुत ज्यादा नहीं इसलिए वो जानने में इच्छुक नज़र आई। 
हम सैक्स के बारे में थोड़ी बातें तो करते पर संकोची स्वभाव के कारण मैं ज्यादा आगे बढ़ नहीं पाया।
समय बीत गया, छुट्टियाँ ख़त्म होने वाली थी और मुंबई में एडमिशन की मारा-मारी थी इसलिए बुआ कम समय रुक कर जल्दी मुंबई चली गई।
मुझे बहुत दुःख हुआ कि मैं कुछ नहीं कर पाया पर अब कोई चारा नहीं था।
खेल-कूद, मम्मी-डैडी की रतिक्रीड़ा का दर्शन, पोर्न बुक्स, नई मूवीज, पढाई, ट्यूशन, एक्जाम्स, रिजल्ट, आदि… इन्हीं सब में यह साल भी बीत गया और फिर से गर्मी की छुट्टियाँ भी शुरू हो गई थी।
हर वर्ष की तरह इस बार भी छुट्टियों में दोनों बुआ एक साथ अपने मायके आ गई थी, दोनों भैया अब बड़े हो गये थे और अपने डैडी के बिजनेस में हाथ बंटाते थे इसलिए वो नहीं आये।
बड़ी बुआ के साथ अनु और छोटी बुआ के साथ सुनीता (सोनी) ही आई।
सोनी के बदन में यौवन ने दस्तक दे दी थी जबकि अनु के तन पर यौवन प्रफुल्लित पुष्प की तरह खिला हुआ था और होता भी क्यों नहीं… अनु अब 20 वर्ष की और सोनी 18 वर्ष की हो गई थी।
मैं भी 18 साल का हो चुका था और अब रिश्तों की समझ तो आ गई थी पर वासना उस समझ पर पूरी तरह से हावी हो चुकी थी इसलिए मैंने गर्मजोशी से दोनों का स्वागत किया और मन ही मन उनसे सैक्स करने की योजना बनाने लगा।
डैडी की सैक्स साहित्य की एक-दो बुक्स हमेशा मेरे रूम की अलमारी में भी रहती थी जिसमें मेरे क्रिकेट बैट, बाल, बैडमिन्टन रैकेट्स, शटल कोक्स, नैट आदि गेम्स के सामान भी रखे थे।
हालांकि उन बुक्स को मैं कॉमिक्स के बीच छुपा कर रखता था और उस अलमारी पर लॉक भी रखता था जिससे कभी साफ-सफाई के दौरान भी मम्मी को वो बुक्स नहीं मिलें।
उस दिन हम तीनों ने डिनर के बाद छत पर बैडमिन्टन खेलने का प्लान बनाया क्योंकि दिन की धूप में यह संभव नहीं था।
वो दोनों खाना खाने के बाद सभी बड़ों को परोस रहीं थी, तब तक मैं छत पर पहुँचा और लाइट्स जला कर दिन भर की धूप से गर्म छत पर पानी का छिड़काव करने लगा।
इतने में अनु आ गई और छिड़के हुए पानी को फैला कर सुखाने में मेरी मदद करने लगी।
ये सब निपटा करके हम वहीं कुर्सियों पर बैठ कर बचपन की बातें करने लगे।
कहानी से हट के बता रहा हूँ… कि वो सब काम जो बचपन में हम किया करते थे उनसे जो छोटी-छोटी खुशियाँ मिलती थीं आज बड़े-बड़े क्लब्स में और 5 स्टार रेस्टोरेंट्स में खाना खाकर और एन्जॉय करके भी नहीं मिल पाती हैं।
खैर… पुनः कहानी पर आता हूँ…
काफी देर सुनीता (सोनी) नहीं आई तो अनु ने कहा- मुझे तो नींद आ रही है… इसलिए थोड़ी देर मामी के साथ टीवी देख के मैं सो जाऊँगी… सोनी को मैं अभी ऊपर भेज देती हूँ… तुम दोनों आज बैडमिन्टन खेल लो!
उसके जाते ही नीचे से सोनी के कदमों की आवाज़ आई तो मैं तुरंत उठ कर सीढ़ियों की ओर गया और उसे आवाज़ लगाते हुए बोला- सोनी… मेरे रूम के वार्डरोब से रैकेट्स, शटल का बॉक्स और नैट ले कर आ जाओ… लॉक की चाबी वहीँ टेबल की ड्रावर में पड़ी है!
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#6
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज लगाई- सो गई क्या… जल्दी आ…
तभी सामने सोनी नजर आई जिसके हाथ में बैडमिन्टन के सामान की जगह दो पोर्न बुक्स थीं।
मैं बिलकुल हक्का-बक्का रह गया कि यह चीज़ छुपाना मैं कैसे भूल गया और अब क्या होगा।
उसने ऊपर आकर मुझे पूछा- यह क्या है?
मुझसे जवाब देते भी नहीं बन रहा था फिर भी स्थिति को सम्भालते हुए मैंने उससे वो बुक्स छीनने की नाकाम कोशिश की और उसे डांटते हुए कहा- ये बुक्स तुम्हें कहाँ से मिली… ये तुम्हारे काम की नहीं… और ये मेरी भी नहीं… किसी दोस्त से ली है… इन्हें अभी के अभी मुझे वापिस दो नहीं तो मैं तुम्हारी शिकायत मामा (मेरे डैडी) से कर दूँगा!
सोनी ने शांत भाव से जवाब दिया- कूल डाउन… कूल डाउन… शिकायत तो मैं तुम्हारी… मामा से करूँगी अगर तुम मुझे इसके बारे में नहीं बताओगे…
मैं डर गया कि अगर सोनी ने मेरी शिकायत डैडी से की तो क्या होगा… क्योंकि वो बुक्स उन्हीं की अलमारी से लाई हुई थी इसलिए धीरे से बोला- क्या जानना चाहती हो?
‘यही… जो इसमें लिखा है… यह चुदाई क्या होती है… इतनी गन्दी गालियों वाली बुक्स तुम पढ़ते हो… वेल… ABC से स्टार्ट करो… मुझे कुछ भी नहीं मालूम…’ सोनी ने उत्सुकता से एक बुक के पन्ने पलटते हुए कहा।
मुझे यह सुन कर आश्चर्य हुआ कि उसे सैक्स का बिलकुल ज्ञान नहीं था और बहुत अधिक उत्सुकता थी।
मैंने उसकी सैक्स क्लास शुरू की, मैंने पूछा- तुम जानती हो… तुम्हारा जन्म कैसे हुआ?
सोनी- हाँ… मम्मी के पेट से…
मैं बोला- वो तो ठीक है… पर तुम वहाँ कैसे पहुँची?
वो जवाब देते-देते रुक गई और बोली- ठीक है… तुम ही बताओ…
मैं बोला- जिसे तुम गन्दी गालियाँ कह रही हो… वो लाइफ की सबसे सुन्दर हकीकत है… आदमी और औरत के शारीरिक सम्बन्ध को सहवास, सम्भोग, चुदाई या fucking कहते हैं।
सोनी मेरी बात काट कर बोली- शारीरिक सम्बन्ध… मीन्स शादी ना?
‘मेरी बात सुनो… बीच में मत बोलो…’ मैंने उसे रोका और बोला- शादी तो एक तरह का रजिस्ट्रेशन है कि लड़का-लड़की या आदमी-औरत एक दूसरे से बेरोकटोक सैक्स कर सकते हैं!
उसकी चूत की तरफ इशारा करते हुए मैंने कहा- तुम्हारे पास जो नीचे ये है ना… जिससे तुम यूरिन पास करती हो उसे योनि कहते हैं… सैक्स की भाषा में इसे चूत, फोकी, भोसड़ी, बूर, पुस्सी और फुद्दी जैसे कई नामों से जानते हैं… और मेरे पास मतलब सभी लड़कों, आदमियों के पास जो टूल नीचे होता है उसे लिंग कहते हैं… सैक्स की भाषा में इसके भी लंड, लौड़ा, डिक, कॉक जैसे कई नाम है… आदमी और औरत के बीच एक अजीब आकर्षण होता है… जो नेचुरल है… किसी सुन्दर लड़की या औरत को देख कर लड़के का लिंग कड़क खड़ा हो जाता है इसी तरह किसी स्मार्ट और सुन्दर आदमी या लड़के को देख कर किसी भी लड़की की योनि हल्की गीली हो जाती है… इसी तरह सैक्स की बातें सुन कर या सैक्स को देख कर भी ये सब होता है… इसे ही सैक्स की इच्छा कहते हैं… सच बताना… तुम्हारी योनि हल्की गीली फील नहीं हो रही… ?
Reply
09-17-2018, 01:33 PM,
#7
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
मैंने अचानक पूछा तो उसने झट से नीचे देखा… जैसे कोई चोरी पकड़ी गई हो… पर कुछ नहीं बोली।
मैंने अपनी बात जारी रखी- सैक्स में लड़का अपना कड़क लिंग लड़की की गीली योनि में डालता है और अन्दर बाहर करता है… इसे चुदाई… सहवास… सम्भोग कहते हैं… तुम मानो या मत मानो यह दुनिया का सबसे बड़ा मज़ा है… कुछ देर बाद लड़की और लड़का आनन्द के चरम पर पहुँच कर स्खलित हो जाते हैं जिसे चरमसुख या ओर्गेज्म कहते हैं… इसमें लड़के के लिंग में से वीर्य या सीमन निकलता है और लड़की की योनि में से रस के रूप में उसके अंडे स्खलित होते हैं… अगर वीर्य के शुक्राणु और योनि रस के अंडे, लड़की की योनि में आपस में मिल जाएं तो लड़की प्रेग्नेंट हो सकती है…
मैंने उसे पूछा- अब तुम बताओ इसमें गन्दा क्या है… सोचो अगर सैक्स नहीं होता तो तुम, मैं, मम्मी, डैडी, बुआ, राहुल, अनु, सचिन कोई भी नहीं होते… यहाँ तक कि सब जानवर, पशु-पक्षी, कीट-पतंगे भी सैक्स करते हैं… इस चीज को एक्सेप्ट कर लो कि सब सैक्स करते हैं तभी दुनिया आगे बढ़ती है… मैं भी करूंगा… तुम भी करोगी… सुन रही हो ना?
वो मुझे बिना पलक झपकाए उत्सुकता से सुन रही थी। उसके रोंगटे खड़े हो गये थे तो मुझे वो दिन याद आ गया जब मैंने पहली बार सैक्स की बुक को पढ़ा था… तब मेरी भी वही हालत हुई थी जो आज सोनी की थी।
उसकी उत्सुकता को देखते हुए मैं फिर बोला- तुम जानती हो मुझे ये बुक्स कहाँ मिली… मेरे डैडी की अलमारी में ऐसी 30-35 बुक्स हैं… वहाँ सैक्स के वीडियो कैसेट्स भी है… मैं इसे वहीं से लाया… तुम जानती हो मेरे मम्मी-डैडी हर बुधवार और शनिवार को सैक्स करते हैं… मैंने उन्हें कई बार सैक्स करते हुए देखा है।
अचानक सोनी की ट्यूबलाइट जली और वो मेरी बात काटते हुए बोली- अब भी… अगर वो अब भी सैक्स करते हैं तो मामी प्रेग्नेंट नहीं होती?
‘गुड क्वेश्चन… ज्यादा तो मुझे मालूम नहीं पर मेरे ख्याल से उन दोनों में से किसी एक ने अपना ऑपरेशन करवा लिया है… मीन्स… डॉक्टर्स एक छोटे से ऑपरेशन से आदमी के शुक्राणु की नली को बाँध देते हैं और उसके बाद उसके वीर्य से कोई औरत प्रेग्नेंट नहीं हो सकती इसे नसबंदी कहते हैं… ऐसा ही ऑपरेशन औरत के साथ भी किया जा सकता है… हालांकि इसके अलावा भी बहुत सारे तरीके होते है प्रेगनेंसी से बचने के लिए!’
सोनी ने पूछा- जैसे?
‘जैसे कंडोम, माला-डी टेबलेट्स और ओर्गेज्म के समय लिंग को बाहर निकाल देना जिससे वीर्य योनि में नहीं गिरे…’ मैंने जवाब दिया।
सोनी- कंडोम क्या होता है?
‘रुक… मैं आता हूँ!’ कह मैं उठा और दौड़ कर अपने रूम में से कामसूत्र कंडोम का पैकेट ले आया और खोल कर उसे दिखाया- यह एक तरह का कवर है जो कि लड़के के लिंग पर चढ़ा देते हैं… ओर्गेज्म के समय जो वीर्य निकलता है वो इसमें जमा हो जाता है… और योनि में नहीं पहुँच पाता… यही सबसे पोपुलर और आसान तरीका है।
सोनी ने कंडोम को हाथ में लेकर पूछा- तुम्हारे पास ये कहाँ से आया… क्या… तुमने कभी सैक्स किया है?
मैंने कहा- किया नहीं… और करना तो चाहता हूँ… पर किससे करूँ?
सोनी ने शरमाते हुए कहा- एक बात बोलूँ… मुझे तुम्हारा लिंग देखना है… मैंने आज तक किसी बड़े लड़के का लिंग नहीं देखा। 
मुझे लगा कि अब काम बनने वाला है इसलिए बिना शर्माए मैंने कहा- सोनी… हम लोग छत पर हैं… मेरे रूम में चलो… वहाँ चल के दिखाऊँगा।
हम दोनों उठे और छत की लाइट्स बंद कर के मेरे कमरे में गये और लाइट्स ओन करके मैंने दरवाजा अन्दर से लॉक कर दिया और उसे बिस्तर पर मेरे पास बैठने को कहा।
फिर मैंने अपनी पैंट के हुक्स खोले और दोनों हाथों से अंडरवियर और पैंट को नीचे करते हुए अपने लिंग को पकड़ कर बाहर निकाल दिया जो कि उत्तेजना के मारे पहले से ही कड़क था।
Reply
09-17-2018, 01:34 PM,
#8
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
सोनी जो मेरे पास बैठी थी आश्चर्य से बोली- इतना बड़ा… इतना बड़ा किसी की योनि में कैसे जा सकता है?
मैंने जवाब दिया- जब कोई लड़की पहली बार सैक्स करती है तो उसे दर्द होता है… पर लिंग अन्दर जाने पर वो दर्द मज़े में बदल जाता है… वो मज़ा दुनिया के किसी भी आनन्द से बढ़ कर होता है!
ये सब मैं उसे उकसाने के लिए कह रहा था और सच ही तो कहा था मैंने… सैक्स का आनन्द दुनिया के हर सुख से बढ़ कर है…
मैंने रिक्वेस्ट करते हुए उसे कहा- पकड़ो इसे… तुम्हे भी अच्छा लगेगा… प्लीज… इसे हाथ में ले कर इस तरह ऊपर नीचे करो ना… प्लीज… एक बार…
उसने थोड़े संकोच के बाद मेरे लिंग को पकड़ लिया और उसे मेरे बताये तरीके से ऊपर-नीचे करने लगी… पहली बार मेरे लिंग को किसी लड़की ने छुआ था इसलिए कुछ ही सेकंड्स में उत्तेजना से मेरा वीर्य निकल गया जिससे उसके हाथ भर गये और वो डर भी गई।
मैंने उसे कहा- सॉरी… एक्साईटमेंट से मैं फिनिश हो गया… ये मेरा सीमन है… तुम प्लीज टॉयलेट में जाकर हाथ साफ कर लो!
वो उठी और टॉयलेट में से हाथ साफ कर के आई और सामने चेयर पर बैठ गई। मैंने अपनी पैंट फिर से पहन ली थी।
अब मैंने शरमाते हुए कहा- मैंने तुम्हारी एक बात मानी… अब मेरी भी एक रिक्वेस्ट है… मैंने भी किसी लड़की की योनि को कभी नहीं छुआ… क्या तुम मुझे ये करने दोगी… प्लीज… एक बार…
मुझे लगा कि वो मुझे मना कर देगी या फिर ना-नुकुर करेगी पर उत्तेजनावश वो एक बार में ही मान गई… वो कुर्सी से उठी और अपनी स्कर्ट उतार कर मेरे पास आकर बैठ गई।
अब सोनी मेरे सामने टी-शर्ट और पिंक पैंटी में थी और शायद उसे अपनी स्थिति पर थोड़ी शर्म भी आ रही थी इसलिए अपने घुटने मोड़ कर बैठी थी।
मैंने हल्के हाथों से उसके पैरों को पकड़ कर सीधा किया और धीरे से दोनों हाथों से उसकी पैंटी पकड़ कर नीचे खींचने की कोशिश करने लगा पर उसके बैठी होने के कारण मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी तो उसने मुझे सहयोग करते हुए अपने नितम्ब उठा कर अपनी मौन स्वीकृति भी दी।
धीरे से मैंने उसकी पैंटी को उसके तन से अलग कर के पलंग पर रख दिया पर अब भी शर्म के मारे वो अपनी टांगों को सिकोड़े बैठी थी।
मैंने फिर से उसके पास जाकर उसकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और उसकी हल्के रोयों वाली गुलाबी सी योनि को निहारने लगा, फिर अपनी दो उंगलियों से उसके भगोष्ठ को सहलाने लगा।
सोनी की सिसकारियाँ निकलने लगी थीं।
मैंने उठकर उसे बैड पर पैर लटका कर लेटने को कहा तो उसने मुझे अचरज से देखा कि मैं क्या करना चाहता हूँ पर मैंने आँखों के इशारे से उसे समझाया कि मैंने कुछ भी उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं करूंगा तो वो तुरंत बैड पर पैर लटका कर अपनी कोहनियाँ बैड पर टिका कर अधलेटी सी उत्सुकता से मुझे देखने लगी।
मैं भी धीरे से घुटनों के बल उसकी टांगों के बीच जमीन पर बैठ गया और मैंने उसकी टांगों को थोड़ा चौड़ा कर अपनी जीभ उसकी योनि पर टिका दी और चाटने लगा।
उसे भी तीव्र आनन्द का अहसास तो हुआ पर लगभग चीखते हुए बोली- छी… छी… ये क्या कर रहे हो… प्लीज ये मत करो!
मैंने धीरे से कहा- यह सैक्स में फोरप्ले कहलाता है… डैडी… मम्मी के साथ हमेशा करते हैं… और सच बताना… तुमको अच्छा लग रहा है या नहीं? अगर नहीं लगता हो तो मैं हट जाता हूँ।
उसने मुस्कुरा कर मुझे अपनी मर्जी करने की मौन स्वीकृति दी और मेरे सर पर हाथ फिरने लगी।
मैं उँगलियों और जीभ से उसकी योनि को चूसने, चूमने, चाटने और सहलाने लगा हालांकि ये मुझे कुछ ज्यादा अच्छा नहीं लग रहा था पर मम्मी-डैडी को इतने सालों से सैक्स करते देख मुझे अब यह मालूम चल गया था कि लड़कियों को सैक्स में सबसे अच्छी यही क्रिया लगती है।
Reply
09-17-2018, 01:34 PM,
#9
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
उसकी मादक सिसकारियाँ तेज होने लगी थी और वो कामुकतावश मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को अपनी योनि में दबाने लगी थी।
अब उसके पैर अकड़ने लगे तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी और कुछ ही सेकेंडों में वो निढाल होकर ढीली पड़ गई और हाँफने लगी।
मैं समझ गया कि वो ओर्गेज्म पर पहुँच चुकी थी इसलिए उसे छोड़ दिया और वहीँ जमीन पर लेट गया।
कुछ मिनटों बाद जब उसकी हवस का नशा उतरा तो उसे अपने आप पर बहुत शर्म आई और वो धीरे से उठी और कपड़े ले कर टॉयलेट में गई फिर अपनी योनि साफ करके कपडे पहन कर बाहर आई… दरवाजा खोला और बिना बोले अपने कमरे की ओर बढ़ गई।
मुझे भी अपने आप पर बहुत शर्म आ रही थी इसलिए मैं भी कुछ बोल नहीं पाया और उसे जाते हुए देखता रहा।
मैंने भी उठ कर दोनों बुक्स को अलमारी में रखा और अपना बिस्तर ठीक कर के लेट गया पर काफी देर तक सोनी का ही ख्याल दिल में चलता रहा।
मेरे लिंग पर उसके हाथों के स्पर्श की गुदगुदी अब भी मुझे महसूस हो रही थी।
ये सब सोचते हुए मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।


सुबह उठ कर ब्रश किया, फ्रेश हुआ और नीचे जाते हुए सोचने लगा कि कैसे सोनी से कैसे बात करूँगा हालांकि मुझे अब यह तो भरोसा था कि वो किसी को रात वाली बात बताएगी नहीं।
नीचे सब साथ बैठ कर चाय पी रहे थे पर सोनी नहीं थी।
मैंने सोनी के लिए पूछा तो अनन्या ने बताया- वो तो अभी तक सो रही है। रात को कितनी बजे तक खेले?
मैंने थोड़ा सोच कर जवाब दिया- खेले ही नहीं, नैट की डोरी टूट गई थी इसलिए पहले थोड़ी देर टैरेस पर और बाद में मेरे कमरे में बैठ कर बचपन की बातें करते रहे, फिर जाकर सो गये।
तब तक सोनी भी नीचे आ गई थी, उसने मेरी बात सुन भी ली थी इसलिए मेरा डर भी दूर हो गया कि उसे पूछने पर वो कुछ और जवाब नहीं दे दे।
वो बिल्कुल सामान्य व्यवहार कर रही थी जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो तो मेरी भी जान में जान आई।
चाय पीकर हम मेरे कमरे में चले गये और बातें करने लगे।
पता नहीं क्यूँ सोनी, जो हमेशा खिली-खिली सी रहती थी आज कुछ चुप-चुप सी थी।
मैंने पूछा भी पर उसने जवाब नहीं दिया।
कुछ देर बाद अनन्या उठ कर नहाने को चली गई पर सोनी बैठी रही।
अनन्या के जाते ही वो मेरे पास आई और बोली- मुझे सैक्स का वीडियो देखना है!
मैंने कहा- सोनी… डैडी के रूम में कुछ मस्त सीडीज हैं… पर घर में इतने लोग आये हुए हैं… हमेशा कोई ना कोई वहाँ रहता है… कैसे देखोगी?
‘मेरी बात मानो… मैं डैडी की अलमारी से कुछ और बुक्स ले आता हूँ वो पढ़ो… उनमें फोटोज भी हैं… बहुत मजा आएगा… और तुम बोलो तो कल वाला… हम फिर से कर सकते हैं…’ मैंने कुछ रुकते हुए कहा।
‘वो सब मुझे नहीं मालूम… मुझे आज के आज वीडियो दिखाओ… बस…!’ सोनी ने कुछ थोड़ा व्यग्र होते हुए कहा।
मैं कुछ सोच कर डरते हुए बोला- एक आईडिया है… पर… !
Reply
09-17-2018, 01:34 PM,
#10
RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
‘पर क्या…?’ सोनी तुरंत बोली।
‘अगर अनु हमारे साथ मिल जाए तो शायद बात बन सकती है… हम तीनों साथ होंगें तो किसी को शक नहीं होगा और हम डैडी की टीवी और नया सीडी प्लेयर मेरे रूम में लाकर सब कुछ देख सकते हैं…’ मैंने अपने दिल की बात जुबान पर ला दी।
‘ऐसा कैसे होगा… उससे कैसे बात करेंगें… ये इम्पॉसिबल है…!’ उसने थोड़ा उदास होते हुए कहा पर मैं खुश हुआ कि वो मुझसे सहमत तो है।
‘नहीं ये इम्पॉसिबल नहीं… थोड़ा रिस्क तो है पर… मेरे पास एक प्लान है…’ मैंने सोच कर कहा।
‘आज भी वही करेंगें जो कल हुआ था… कल तुम बैडमिन्टन के सामान लाने वाली थी आज अनु लाएगी… और आज मैं वो बुक्स और एकाध सीडी सामने रख दूँगा जिससे उसे वो दिखे ही… अगर मामला बिगड़े तो… थोड़ा तुम संभाल लेना… अगर सब अच्छे से हो गया तो तीनों मिल के मजे करेंगें…’ मैंने ख़ुशी मिश्रित डर के साथ कहा।
‘ठीक है… पर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा… कहीं उसने किसी को बता दिया तो… सब गड़बड़ हो जायेगी…’ सोनी ने फिर थोड़े डर के साथ कहा तो मैंने जवाब दिया- रिस्क तो लेना ही पड़ेगा… मुझे लगता है हम तीनों साथ होंगें तो ही सब आराम से कर सकते हैं… अकेले तो कभी भी पकड़े जायेंगे…
मैं नीचे से कुछ अच्छी फोटोज वाली सीडीज और बुक्स ले आया और उन्हें बैडमिन्टन के सामान के ऊपर ही रख दिया और अलमारी को लॉक भी नहीं किया।
योजना के अनुसार हमने आज फिर रात को बैडमिन्टन खेलना तय किया।
मैं और सोनी डिनर कर के पानी का छिड़काव करने के नाम से पहले छत पर चले आये और अनन्या को बोल दिया कि डिनर कर के वो भी जल्दी ऊपर आ जाये।
हम लोग अनन्या का इन्तजार करने लगे तभी उसकी ऊपर आने की आवाज सुनी तो मैं दौड़ कर सीढ़ियों की ओर गया और योजना के मुताबिक उसे आवाज लगा कर बैडमिन्टन का सामान लाने को कहा।
हम दोनों की धड़कन तेज हो गई थी।
लगभग दस मिनट बाद अनन्या ऊपर आई तो उसके हाथ में गेम का सामान ही था तो मुझे लगा कि हमारा प्लान चौपट हो गया है।
उसने सारा सामान नीचे रखा और अपनी जींस की पिछली पॉकेट से मेरी रखी एक बुक निकाली और मुझे दिखाते हुए बोली- ये क्या है… क्या चल रहा है आजकल… ऐसी बुक्स पढ़ने लगे हो? और ये सीडी… ये किसकी है?
मैंने नादान बनते हुए बोला- ये बुक… ये बुक तुमको कहाँ मिली?
‘जहाँ तुम रख के भूल गये थे इसे… बता दूँ मामा को… मार पड़ेगी… और सीडी भी है… वीडियोज भी देखते हो… और क्या-क्या करने लगे हो आजकल?’ उसकी आवाज थोड़ी तेज हो गई थी तो मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और मुझसे तो कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था।
तभी बात सँभालने के अंदाज में सोनी बोली- मुझे दिखाओ तो… क्या है इस बुक में?’
कह कर उसने वो बुक अनन्या के हाथ से ले ली और पन्ने पलटने लगी फिर बोली- ओह सैक्स स्टोरीज… वाओ… इसमें क्या बड़ी बात है… यंग है… स्मार्ट है… स्टोरीज ही तो पढ़ रहा है… सब करते हैं… छोड़ो… आओ हम तो गेम खेलते हैं… लेट हिम एन्जॉय हिज लाइफ… हिज वे… !!
अब चौंकने की बारी अनन्या की थी, वास्तव में वो यह सब ड्रामा सोनी को दिखाने के लिए ही कर रही थी पर जैसे ही उसे मालूम चला कि सोनी की दिलचस्पी भी इसमें है। तो उसने तुरन्त पाला बदल दिया और थोड़े नरम स्वर में बोली- सोनी… क्या तुम भी पढ़ती हो ये स्टोरीज… अच्छी लगती हैं?
‘नहीं… ज्यादा तो नहीं पढ़ी पर जो पढ़ी बहुत अच्छी लगी… सच में अनु… मजा आ गया पर वीडियो नहीं देखा… तुमने नहीं पढ़ी कभी… शॉकिंग यार… तुम तो मुंबई में रहती हो फिर भी… इतनी बैकवर्ड कैसे… मुंबई के लोग तो बहुत एडवांस होते हैं?’
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,398,156 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 532,939 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,190,917 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 899,939 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,597,374 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,031,861 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,870,937 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,785,654 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,930,055 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 275,508 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)