kamukta मेरी चूत पसंद है
06-21-2017, 10:36 AM,
#1
kamukta मेरी चूत पसंद है
मेरी चूत पसंद है पार्ट--1

करिश्मा अपने मा-बाप की एकलौती लड़की है और देल्ही मे रहती
है. करिश्मा के पिताजी, मिस्टर. सुन्दीप वेर्मा देल्ही मे ही एल.आइ.सी. मे
ऑफीसर थे और पछले चार साल पहले स्वरगवसी हो गये थे और
करिश्मा की माताजी, स्म्ट. रजनी एक हाउस वाइफ है. करिश्मा के और
दो भाई भी है और उनकी शादी भी हो गयी है. करिश्मा ने पीछले
साल ही एम.ए. (इंग्लीश) पास किया है. करिश्मा का रंग बहुत गोरा
है और उसकी फिगर 36-25-38 है. वो जब चलती है तो उसकी कमर
एक अजीब सी बल खाती है और चलते वक़्त उसके चूतर बहुत हिलते
है. उसके हिलते हुए चूतर को देख कर परोस के कयी नवजवान,
और बूढ़े आदमी का दिल मचल जाता है और उनका लंड खड़ा हो जाता
है. परोस के कई लड़को ने काफ़ी कोशिश की लेकिन करिश्मा उनके
हाथ नही आई. करिश्मा अपनी पढ़ाई और यूनिवर्सिटी के सन्गी
साथी मे ही मुशगूल रहती थी. थोड़े दीनो के बाद करिश्मा की
शादी उसी सहर के रहने वाले एक पोलीस ऑफीसर से तय हो
गयी.उस लड़के के नाम रमेश था और उसके पिताजी का नाम
रसिकलाल था और सब उनको रसिकलाल जी कहकर बुलाते थे. रसिकलाल
जी अपने जवानी के दिनो मे और अपनी शादी के बाद भी हर औरत को
अपनी नज़र से चोद्ते थे और जब कभी मौका मिलता था तो उनको अपनी
लंड से भी चोद्ते थे. रसिकलाल जी की पत्नी का नाम स्नेहलाता है
और वो एक लेखिका है. अब तब गिरिजा जी करीब 8-10 किताबे लिख
चुकी है. रसिकलाल जी बहुत चोदु है और अब तक वो अपने घर
मे कई लड़की और औरतो को चोद चुके थे और अब जब कि उनका काफ़ी
उमर हो गया था मौका पाते ही कोई ना कोई औरत को पटा कर अपनी
बिस्तेर गरम करते थे. रसिकलाल जी का लंड की लंबाई करीब 8 1/2"
लंबा और मोटाई करीब 3 ½" है और वो जब कोई औरत की चूत मे
अपना लंड डालते तो करीब 25-30 मिनट के पहले वो झरते नही है.
इसीलिए जो औरत उनसे अपनी चूत चुदवा लेती है फिर दोबारा मौका
पाते ही उनका लंड अपनी चूत मे पिलवा लेती हैं.आज करिश्मा का
सुहागरात है. परसों ही उसकी शादी रमेश के साथ हुई थी.
करिश्मा इस समय अपने कमरे मे सज धज कर बैठी अपनी पति
का इन्तिजार कर रही है. उसका पति कैसे उसके साथ पेश आएगा, एह
सोच सोच कर करिश्मा का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा है. सुहागरात
मे क्या क्या होता है, ये उसको उसकी भाभी और सहेलिओ ने सब
बता दिया था. करिश्मा को मालूम है कि आज रात को उसका पति कमरे
मे आ कर उसको चूमेगा, उसकी चुचियो को दबाएगा, मसलेगा और
फिर उसके कपड़ो को उतार कर उसको नंगी करेगा. फिर खुद अपने
कपरे उतार कर नंगा हो जाएगा. इसके बाद, उसका पति अपने खड़े लंड
से उसकी चूत की चटनी बनाते हुए उसको चोदेगा.वैसे तो
करिश्मा को चुदवाने का तजुर्बा शादी के पहले से ही है.
करिश्मा अपने कॉलेज के दिनो मे अपने क्लास के कई लड़को का लंड
अपने चूत मे उतरवा चुकी है. एक लड़के ने तो करिश्मा को उसकी
सहली के घर ले जा कर सहेली के सामने ही चोदा था और फिर
सहेली की गंद भी मारी थी. एक बार करिश्मा अपने एक सहली के
घर पर शादी मे गयी हुई थी. वहाँ उस सहली के भाई, सुरेश,
ने उसको अकेले मे छेड़ दिया और करिश्मा की चूंची दबा दिया.
करिश्मा ने सिर्फ़ मुस्कुरा दिया. फिर सहली के भाई ने आगे बढ़ कर
करिश्मा को पकड़ लिया और चूम लिया. तब करिश्मा ने भी बढ़ कर
सहेली के भाई को चूम लिया. तब सुरेश करिश्मा के ब्लाउस के
अंदर हाथ डाल उसकी चूंची मसलने लगा और करिश्मा भी गरम
हो कर अपनी चूंची मसलवाने लगी और एक हाथ उसके पॅंट के
उप्पेर से उसके लंड पर रख दिया. तब सुरेश करिश्मा को पकड़
कर छत पर ले गया . छत पर कोई नही था, क्योंकी सारे घर के
लोग नीचे शादी मे ब्यस्त थे. छत पर जा कर सुरेश ने
करिश्मा को छत की दीवार से खड़ा कर दिया और करिश्मा से लिपट
गया . सुरेश एक हाथ से करिश्मा की चूंची दबा रहा था और
दूसरा हाथ सारी के अंदर डाल कर उसकी बुर को सहला रहा था.थोरी
देर मे ही करिश्मा गरमा गयी और उसकी मुँह से तरह तरह की
आवाज़ निकलने लगी. फिर जब सुरेश ने करिश्मा की सारी को उतारना
चाहा तो करिश्मा ने मना कर दिया और बोली, "नही सुरेश हमको
एकदम से नंगी मत करो. तुम मेरी सारी उठा कर, पीछे से
अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत मे पेल कर मुझे चोद दो." लेकिन
सुरेश ना माना और उसने करिश्मा को पूरी तरह नंगी करके उसको
छत के मुंडेर से खड़ा करके उसके पीछे जा कर अपना लंड उसकी
चूत मे पेल कर उसको खूब रगड़ रगड़ कर चोदा. चोदते समय
सुरेश अपने हाथों से करिश्मा की चुचियो को भी मसल रहा
था. करिश्मा अपनी चूत की चुदाई से बहुत मज़ा ले रही थी और
सुरेश के हर धक्के के साथ साथ अपनी कमर हिला हिला कर सुरेश का
लंड अपनी चूत से खा रही थी. थोरी देर के बाद सुरेश
करिश्मा की चूत चोद्ते चोद्ते झार गया . सुरेश के झरते ही
करिश्मा ने अपनी चूत से सुरेश का लंड निकाल दिया और खुद
सुरेश के सामने बैठ कर उसका लंड अपने मुँह मे ले कर चाट चाट
कर साफ कर दिया. थोरी देर के बाद करिश्मा और सुरेश दोनो छत से
नीचे आ गये.आज करिश्मा अपनी सुहागरात की सेज पर अपनी कई बार की
चूदी हुए चूत ले कर अपने पति के लिए बैठी थी. उसकी दिल ज़ोर ज़ोर
से धड़क रही थी क्योंकी करिश्मा को डर था कि कहीं उसके
पति ये ना पता चल जाए कि करिश्मा पहले ही चुदाई का आनंद ले
चुकी है. थोरी देर के बाद कमरे का दरवाजा खुला. करिश्मा ने
अपनी आँख तिरछी करके देखा कि उसकी ससुरजी, रसिकलाल जी,
कमरे मे आए हुए हैं. करिश्मा का माथा ठनका, कि सुहागरात के
दिन ससुरजी का क्या काम आ गया है. खैर करिश्मा चुपचाप अपने
आप को सिकोर बैठी रही. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी सुहाग की
सेज के पास आए और करिश्मा के तरफ देख कर बोला,"बेटी मैं जानता
हूँ कि तुम अपने पति के लिए इन्तिजार कर रहीहो. आज की सब लड़किया अपने
पति का इंतिज़ार करती है. इस दिन के लिए सब लड़कियो को बहुत दीनो से
इंतिज़ार रहता है. लेकिन तुम्हारा पति, रमेश, आज तुमसे सुहागरात
मनाने नही आ पाएगा. अभी अभी थाने से फोन आया था और
वो अपनी यूनिफॉर्म पहन कर थाने चला गया . जाते जाते, रमेश
ये कह गया कि सहर के किसी भाग मे डकैती पड़ी है और वो
उसके छानबीन करने जा रहा है.
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06-21-2017, 10:36 AM,
#2
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
लेकिन बेटी तू बिल्कुल चिंता मत करना.
मैं तेरा सुहागरात खाली नही जाने दूँगा." करिश्मा ने अपने
ससुरजी की बात सुन तो ली पर अपने ससुर की बात उसकी दीमाग मे
नही घुसी, और करिश्मा अपना चहेरा उठा कर अपने ससुर को
देखने लगी. रसिकलाल जी नेआगे बढ़ कर करिश्मा को पलंग पर से
उठा लिया और ज़मीन पर खड़ा कर दिया. तब रसिकलाल जी मुस्कुरा
कर करिश्मा से बोले, "घबराना नही, मैं तुम्हारी सुहागरात बेकार
जाने नही दूँगा, कोई बात नही, रमेश नही तो क्या हुआ मैं तो
हूँ." इतना कह कर रसिकलाल जी आगे बढ़ कर करिश्मा को अपनी
बाँहों मे भर कर उसकी होठों पर चुम्मा दे दिया.जैसे ही
रसिकलाल जी ने करिश्मा के होठों पर चुम्मा दिया, करिश्मा
चौंक गयी और अपने ससुरजी से बोली, "ये आप क्या कर रहें है.
मैं आपके बेटे की पत्नी हूँ और उस लिहाज से मैं आप की बेटी लगती हूँ
और मुझको चूम रहें है?" रसिकलाल जी ने तब करिश्मा से कहा,
"पागल लड़की, अरे मैं तो तुम्हारी सुहागरात बेकार ना जाए इसलिए तुमको
चूमा. अरे लड़किया जब शादी के पहले जब शिव लिंग पर पानी चढ़ाती
है तब वो क्या मांगती है? वो मांगती है कि शादी के बाद उसका
पति उसको सुहागरात मे खूब रगड़े. समझी? करिश्मा ने अपना
चहेरा नीचे करके पूछा, "मैं तो सब समझ गयी, लेकिन
सुहागरात और रगड़ने वाली बात नही समझी." रसिकलाल जी
मुस्कुरा कर बोले, "अरे बेटी इसमे ना समझने की क्या बात है? तू क्या
नही जानती कि सुहागरात मे पति और पत्नी क्या क्या करते है? क्या
तुझे ये नही मालूम की सुहागरात मे पति अपनी पत्नी को कैसे
रगड़ता है?" करिश्मा अपना सिर को नीचे रखती हुई बोली, "हां,
मालूम तो है कि पहली रात को पति और पत्नी क्या क्या करते और करवाते
हैं. लेकिन, आप ऐसा क्यों कह रहें है?" तब रसिकलाल जीने आगे
बढ़ कर करिश्मा को अपने बाहों मे भर लिया और उसके होठों को
चूमते हुए बोले, "अरे बहू, तेरी सुहागरात खाली ना जाए, इसलिए मैं
तेरे साथ वो सब काम करूँगा जो एक आदमी और औरत सुहागरात मे
करते हैं."करिश्मा अपने ससुर के मुँह से उनकी बात सुन कर शर्मा
गयी और अपने हाथों से अपना चहेरा ढँक लिया और अपने ससुर
से बोली, "हाई! ये क्या कह रहें है आप. मैं आपके बेटे की पत्नी हूँ
और इस नाते से मैं आपकी बेटी समान हूँ और मुझसे क्या कह रहें
है?" तब रसिकलाल जी अपने हाथों से करिश्मा की चुन्चिओ को
पकड़ कर दबाते हुए बोले, "हाँ मैं जानता हूँ कि तू मेरी बेटी समान
है. लेकिन मैं तुझे अपनी सुहागरात मे तड़पते नही देख सकता और
इसीलिए मैं तेरे पास आया हू." तब करिश्मा अपने चहेरे से अपना
हाथ हटा कर बोली, "ठीक है बाबूजी, आप मेरे से उमर मे बड़े
हैं. आप जो ही कह रहें है, ठीक ही कह रहें हैं. लेकिन घर मे
आप और मेरे सिबा और भी तो लोग हैं." करिश्मा का इशारा अपनी
सासू के लिए था. तब रसिकलाल जी ने करिश्मा की चूंची को
अपने हाथों से ब्लाउस के उपर से मलते हुए कहा, "करिश्मा तुम
चिंता मत करो. तुम्हारी सासू को सोने से पहले दूध पीने की
आदत है, और आज मैने उनके दूध मे दो नींद की गोली मिला कर उनको
पीला दिया है. अब रात भर वो आराम से सोती रहेंगी." तब करिश्मा
ने अपने हाथों से अपने ससुर की कमर पकड़ते हुए बोली, "अब आपको
जो भी करना है कीजिए, मैं मना नही करूँगी."तब रसिकलाल जीने
करिश्मा को अपनी बाहों मे भींच लिया और उसकी मुँह को बेतहाशा
चूमने लगे और अपने दोनो हाथों से उसकी चुन्चेओ को पकड़ कर
दबाने लगे. करिश्मा भी चुप नही थी. वो अपने हाथों से
अपने ससुर का लंड उनके कपड़े के उपर से पकड़ कर मुठिया रही
थी. रसिकलाल जी अब रुकने के मूड मे नही थे. उन्होने
करिश्मा को अपने से लग किया और उसकी सारी की पल्लू को कंधे से
नीचे गिरा दिया. पल्लू के नीचे गिरते ही करिश्मा की दो बड़ी बड़ी
चूंची उसके ब्लाउस के उपर से गोल गोल दिखने लगी. उन चूंचियो
को देखते ही रसिकलाल जी उन पर टूट परे और अपना मुँह उस पर
रगड़ने लगे. करिश्मा की मुँह से ओह! ओह! आह! क्या कर रहे की
आवाज़े आने लगी. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी ने करिश्मा की सारी
उतार दी और तब करिश्मा अपने पेटिकोट पहने ही दौड़ कर कमरे
का दरवाजा बंद कर दिया. लेकिन जब करिश्मा कमरे की लाइट बुझाना
चाही तो रसिकलाल जी ने मना कर दिया और बोले, "नही बत्ती
मत बंद करो. पहले दिन रोशनी मे तुम्हारी चूत चोदने मे बहुत
मज़ा आएगा." करिश्मा शर्मा कर बोली, "ठीक है मैं बत्ती बंद
नही कर ती, लेकिन आप भी मुझको बिल्कुल नंगी मत कीजिएगा." "अरे
जब थोड़ी देर के बाद तुम मेरा लंड अपनी चूत मे पिलवाओगी तब
नंगी होने मे शरम कैसी. चलो इधर मेरे पास आओ, मैं अभी
तुमको नंगी कर देता हूँ." करिश्मा चुपचाप अपना सर नीचे
किए अपने ससुर के पास चली आई.जैसे ही करिश्मा नज़दीक आई,
रसिकलाल जी ने उसको पकड़ लिया और उसके ब्लाउस के बटन खोलने
लगे. बटन खुलते ही करिश्मा की बड़ी बड़ी गोल गोल चूंचियाँ उसके
ब्रा के उपर से दिखने लगी. रसिकलाल जी अब अपना हाथ करिश्मा के
पीछे ले जाकर करिश्मा की ब्रा की हुक भी खोल दी. हुक खुलते ही
करिश्मा की चूंची बाहर रसिकलाल जी के मुँह के सामने झूलने
लगी. रसिकलाल जी तुरंत उन चुन्चियो को अपने मुँह मे भर लिया
और उनको चूसने लगे. करिश्मा की चुन्चियो को चूस्ते चूस्ते उन्होने
करिश्मा की पेटिकोट का नाडा खींच दिया और पेटिकोट करिश्मा के
पैर से सरकते हुए करिश्मा के पैर के पास जा गिरा. अब करिश्मा अपने
ससुर के सामने सिर्फ़ अपने पॅंटी पहने खड़ी थी. रसिकलाल जी ने
झट से करिश्मा की पॅंटी भी उतार दी और करिश्मा बिल्कुल नंगी हो
गयी. नंगी होते ही करिश्मा ने अपनी चूत अपने हाथों से ढक
ली और शरमा कर अपने ससुर को कनखियो से देखने लगी.
रसिकलाल जी नंगी करिश्मा के सामने ज़मीन पर बैठ गये
और करिश्मा की चूत पर अपना मुँह लगा दिया. पहले रसिकलाल जीने
अपने बहू की चूत को खूब सुघा. करिश्मा की चूत से निकलती
सौंधी सौंधी खुश्बू रसिकलाल जी के नाक मे भर गयी .
वो बड़े चाव से करिश्मा की चूत को सूंघने लगे. थोरी देर के
बाद उन्होने अपना जीव निकाल कर करिश्मा की चूत को चाटना सुरू
कर दिया. जैसे ही उनकी जीव करिश्मा की चूत मे घुसी, तो करिश्मा
जो की पलंग के सहारे खड़ी थी, पलंग पर अपने चूतर टीका दिए
और अपने पैर फैला कर अपनी चूत अपने ससुर से चटवाने लगी.
थोड़ी देर तक करिश्मा की चूत चाटने के बाद रसिकलाल जीने अपनी
जीव करिश्मा की चूत के अंदर डाल दी और अपनी जीव को घुमा
घुमा कर चूत को चूसने लगे. अपनी चूत चटाई से करिश्मा
बहुत गरम हो गयी और उसने अपने हाथों से अपने ससुर का सिर
पकड़ कर अपनी चूत मे दबाने लगी और उसकी मुँह से सी सी की
आवाज़े भी निकलने लगी.
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06-21-2017, 10:36 AM,
#3
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
अब रसिकलाल जीने उठ कर करिश्मा को पलंग पर पीठ के बल लेटा दिया.
जैसे ही करिश्मा पलंग पर लेटी, रसिकलाल जी झपट कर करिश्मा
पर चढ़ बैठ गये और अपने दोनो हाथों से करिश्मा की चूंचियो
को पकड़ कर मसल्ने लगे. रसिकलाल जी अपने हाथों से करिश्मा की
चूंची को मसल रहे थे और मुँह से बोल रहे थे, "मुझे
मालूम था कि तेरी चूंची इतनी मस्त होगी. मैं जब पहली बार तुझको
देखने गया था तो मेरा नज़र तेरी चूंची पर ही थी और मैने
उसी दिन सोच लिया था इन चूंचियो पर मैं एक ना एक दिन ज़रूर अपना
हाथ रखूँगा और इनको रगड़ रगड़ कर दाबुँगा. "हाई! आह! ओह! एह
आप क्या कह रहें है? एक बाप होकर अपने लड़के के लिए लड़की
देखते वक़्त आप उसकी सिर्फ़ चुन्चिओ को घूर रहे थे.
क्रमशः.........................
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06-21-2017, 10:37 AM,
#4
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
मेरी चूत पसंद है पार्ट--2

गतान्क से आगे.......
छी कितने गंदे है आप" करिश्मा मचलती हुई बोली. तब रसिकलाल जी
करिश्मा को चूमते हुए बोले, "अरे मैं तो गंदा हूँ ही, लेकिन तू क्या
कम गंदी है? अपने ससुर के सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई है
और अपनी चुचियो को ससुर से मसलवा रही है? अब बता कोन
ज़्यादा गंदा है, मैं या तू?" फिर रसिकलाल जी ने करिश्मा से
पूछा, "अच्छा ये बात कि चुचि मसलाई से तेरा क्या हाल हो रहा
है?" करिश्मा अपने ससुर से लिपट कर बोली, ""ऊऊहह और जोरे से
हां ससुरजी और ज़ोर से दबाओ बड़ा मज़ा आरहा है मुझे,
आपके हाथ औरतों के चुचियो से खेलने मे बहुत ही माहिर है.
आपको पता है कि औरतों की चूंची कैसे दबाया जाता है. और ज़ोर
से दबाइए, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. फिर करिश्मा अपने
ससुर को अपने हाथों से बाँधते हुए बोली, "अब बहुत हो गया है
चूंची से खेलना. आपको इसके आगे जो भी करने वाले हैं जल्दी
कीजिए, कहीं रमेश ना आ जाए और मेरी भी चूत मे खुजली हो
रही है." "अभी लो, मैं अभी तुझको अपने इस मोटे लंड से चोद्ता हूँ.
आज तुझको मैं ऐसा चोदुन्गा कि तू जिंदगी भर याद रखेगी" इतना
कह कर रसिकलाल जी उठकर करिश्मा के पैरों के बीच उकूड़ू हो कर
बैठ गये.
ससुरके अपने ऊप्पेर से उठते ही करिश्मा ने अपनी दोनो टाँगों को
फैला कर ऊपर उठा लिया और उनको घुटने से मोड़ कर अपना घुटना
अपनी चुन्चिओ पर लगा लिया. इससे करिश्मा की चूत पूरी तरह से
खुल कर ऊपर आ गयी और अपने ससुर के लंड कोअपनी चूत को
खिलाने के लिए तैयार हो गयी. रसिकलाल जी भी उठ कर अपनी धोती
उतार, अंडरवेर, कुर्ता और बनियान उतार कर नंगे हो गये और फिर से
करिश्मा के खुले हुए पैरों के बीच मे आकर बैठ गये. तब
करिश्मा नेउठ कर अपने ससुर का तन्तनाया हुआ लंड अपने नाज़ुक
हाथों से पकड़ लिया और बोली, "ऊओह ससुरजी कितना मोटा और
सख़्त है आपका ये." रसिकलाल जी करिश्मा के कन से अपना मुँह
लगा कर बोले, "मेरा क्या? बोल ना करिश्मा, बोल" रसिकलाल जी अपने
हाथों से करिश्मा का गदराई हुई चुचियो को अपने दोनो
हाथों से मसल रहे थी और करिश्मा अपने ससुर का लंड पकड़
कर मुट्ठी मे बाँधते हुए बोली, " आपका ये पेनिस सस्स्शह
उउउउम्म्म्म्म्म्माआह्ह्ह्ह." रसिकलाल जी फिरसे करिश्मा के कान
पर धीरे से बोले, "करिश्मा हिन्दी मे बोलो ना इसका नाम प्लीज़".
करिश्मा ससुर के लंड को अपने हाथों मे भर कर अपनी नज़र
नीची कर के अपने ससुर से बोली, "मैं नही जानती, आप ही बोलिए ना,
हिन्दी मे इसको क्या कहते हैं." रसिकलाल जी ने हंस कर करिश्मा की
चूंची के चूस्ते हुए बोले, "अरे ससुर के सामने नंगी बैठी
है और ये नही जानती कि अपने हाथ मे क्या पकड़ रखी है? बोल
बेटी बोल इसको हिन्दी मे क्या कहते और इससे अभी हम तेरे साथ क्या
करेंगे."तब करिश्मा ने शरमा कर अपने ससुर के नगी छाती
मे मुँह छुपाते हुए बोली, "ससुरजी मैने अपने हाथों से आपका खड़ा
हुआ मोटा लंड पकड़ रखा है, और थोरी देर के बाद आप इस लंड को
मेरी चूत के अंदर डाल कर मेरी चुदाई करेंगे. बस अब तो खुश
हैं आप. अब मैं बिल्कुल बेशर्म होकर आपसे बात करूँगी." इतना सुन
कर रसिकलाल जी ने तब करिश्मा को फिर से पलंग पर पीठ के बल
लेटा दिया और अपने बहू के टाँगो को अपने हाथों से खोल कर खुद उन
खुली टाँगो के बीच बैठ गये. बैठने के बाद उन्होने झुक कर
करिश्मा की चूत पर दो तीन चुम्मा दिया और फिर अपना लंड अपने
हाथों से पकड़ कर अपनी बहू की चूत के दरवाजे पर दिया. चूत
पर लंड रखते ही करिश्मा अपनी कमर उठा उठा कर अपने ससुर के
लंड को अपनी चूत मे लेने की कोशिश करने लगी. करिश्मा की
बेताबी देख कर रसिकलाल जी अपनी बहू से बोली, "रुक छीनाल रुक,
चूत के सामने लंड आते ही अपनी कमर उचका रही है. मैं अभी
तेरे चूत की खुजली दूर करता हूँ." करिश्मा तब अपने ससुर की
छाती पर हाथ रख कर उनकी निपल को अपने उंगलियो से मसल्ते हुए
बोली, "ऊऊहह ससुरजी बहुत हो गया है. आअब बर्दाश्त नहीं हो
रहा है आओ ना ऊऊओ प्लीज़ ससुरजी, आओ ना, आओ और जल्दी
से मुझको चोदो. अब देर मत करो अब मुझे चोदो ना अब और
कितनी देर करेंगे ससुरजी. ससुर जी जल्दी से अपना ये मोटा लंड
मेरी चूत मे घुसेर दीजिए. मैं अपनी चूत की खुजली से पागल हुई जा
रही हूँ. जल्दी से मुझे अपने लंड से चोदिये. आह! ओह! क्या मस्त
लंड है आपका." रसिकलाल जीने अपना लंड अपने बहू की चूत मे ठेलते
हुए बोले, "बाह री मेरी छीनाल बहू, तू तो बड़ी चुड़दकर है. अपने
मुँह से ही अपने ससुर के लंड की तारीफ कर रही है और अपनी चूत
को मेरा लंड खिलाने के लिए अपनी कमर उचका रही है. देख मैं
आज रात को तेरी चूत की क्या हालत बनाता हूँ. साली तुझको चोद चोद
कर तेरी चूत को भोसरा बना दूँगा" और उन्होने एक ही झटके के
साथ अपना लंड करिश्मा की चूत मे डाल दिया.चूत मे अपने ससुर
का लंड घुसते ही करिश्मा की मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गयी
और उसने अपने हाथों से अपने ससुर को पकड़ उनका सर अपनी
चूंचियो से लगा दिया और बोलने लगी, "वाह! वाह ससुर जी क्या
मस्त लंड है आपका. मेरी तो चूत पूरी तरह से भर गयी. अब ज़ोर ज़ोर
से धक्का मार कर मेरी चूत की खुजली मिटा दो. चूत मे बहुत
खुजली हो रही है."
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06-21-2017, 10:37 AM,
#5
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
"अभी लो मेरी छीनाल चुद्दकर बहू, अभी
मैं तेरी चूत की सारी की सारी खुजली अपने लंड के धक्के के साथ
मिटाता हूँ" रसिकलाल जी कमर हिला कर झटके के साथ धक्का मारते
हुए बोले. करिश्मा भी अपने ससुर के धक्के के साथ अपनी कमर
उछाल उछाल कर अपनी चूत मे अपने ससुर का लंड लेते बोली, "ओह! आह!
आह! ससुरजी मज़ा आ गया . मुझे तो तारे नज़र आ रहें है. आपको
वाकई मे औरत की चूत चोदने की कला आती है. चोदिए चोदिए
अपने बहू की मस्त चूत मे अपना लंड डाल कर खूब चोदिए. बहुत
मज़ा मिल रहा है. अब मैं तो आपसे रोज़ अपनी चूत चुदवाउन्गि.
बोलिए चोदेन्गे ना मेरी चूत?" रसिकलाल जी अपनी बहू की बात सुन
कर मुस्कुरा दिए और अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करना जारी
रखा. करिश्मा अपने ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर बहाल
हो रही थी और बार्बरा रही थे, "आआहह ससुरज़ीईए जोर्र्र्रर
सीई. हन्णन्न् सस्र्ज़ीए ज़ूर्र्ररर ज़ूर्र्रर से धककककाअ लगिइिईईईईईई,
और्र्ररर ज़ूरर्र सीई चोदिईईए अपनी बहूउऊ की चूत्त्त्त को. मुझीई
बहुउत्तत्त अक्चहाअ ल्ाअगग्ग रहहाअ हाईईइ, ऊऊओह और जर
से चोदो मुझे आआहह सौउउउर्र्रर्ज़ीए और ज़ोर से करो
आआअहह और अंदर ज़ोर सई. ऊऊओह डीआररर
ऊऊओह उउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ आआहह आआहह उउउइईई आअहह
उउउउम्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊओह."
थोरी देर तक ज़ोर ज़ोर धक्को से अपने बहू चूत चोदने के बाद
रसिकलाल जी ने अपना धक्कों की रफ़्तार धीमी कर दी और करिश्मा
की चुचियो को फिर से अपने हाथों मे पकड़ कर करिश्मा से
पूछा, "बहू कैसा लग रहा अपने ससुर का लंड अपनी चूत मे पिलवा
कर?" तब करिश्मा अपनी कमर उठा उठा कर चूत मे लंड की चोट
लेती हुई बोली, "ससुरजी आपसे चूत चुदवा कर मैं और मेरी चूत दोनो
का हाल ही बहाल हो गया है. आप चूत चोदूनीई मे बहुत
एक्षपेरत्त्तत्त हैंन्णणन् बड़ाअ मज़ा आ रहा है मुझे ससुरजी
ऊओह ससुरजी आप बहुत आक! च्छा छोड़ते हैं आआहह
उउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह. ऊऊओफफफफफफफ्फ़ ससुरजी आप बहुत ही एक्सपर्ट हैं
और आपको औरतों की चूत चोद कर औरतों को सुख देना बहुत
अक्च्छीए तरह से आत्ता हैं. मुझे बहुत अक्च्छा लग रहा है
य्यून्न ही हां सौरझीई यूंन ही चोदो मुझे आप्प्प्प बाहुत
अच्छे हो बास्स य्यूँ ही चोदै करो मेरी ऊओह खूब
चोदो मुझे. रसिकलाल जी भी करिश्मा की बातों को सुन कर बोले, "ले
रंडी, छीनाल ले अपनी चूत मे अपने ससुर के लंड का ठोकर ले. आज
देखतें है कि तू कितनी बड़ी छीनाल चुड़दकर है. आआज मैं तेरी चूत को
अपने हलवी लंड से चोद चोद कर भोसरा बना दूँगा. ले मेरी
चुड़ककर बहू ले मेरा लंड अपनी चूत से खा." रसिकलाल ने इतना कह कर
फिर से करिश्मा की चूत मे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से पेलने लगे और थोरी
देर के अपना लंड जड़ तक ठोक कर अपनी बहू की चूत के अंदर झाड़
गये. करिश्मा भी अपने ससुर के लंड को चूतर उठा कर अपनी चूत
से खाती खाती झाड़ गयी. थोरी देर तक दोनो ससुर और बहू अपनी
चुदाई से थक कर सुस्त पड़े रहे.थोरी देर के बाद करिश्मा ने अपनी
आँख खोली और अपने ससुर और खुद को नंगी देख कर शरमा कर
अपने हाथों से अपना चहेरा ढक लिया. तब रसिकलाल जी नेउठ कर
पहले बाथरूम मे जा कर अपना लंड धो कर साफ करने के बाद फिर
से करिश्मा के पास बैठ गये और उसकी शरीर से खेलने लगे.
रसिकलाल जी ने अपने हाथों से करिश्मा का हाथ उसके चहेरे से
हटा कर अपने बहू से पूछा, "क्यों, छीनाल चूड्दकर रंडी
करिश्मा मज़ा आया अपने ससुर के लंड से अपनी चूत चुदवा कर?
बोल कैसा लगा मेरा लंड और उसके धक्के?" करिश्मा अपने हाथों
से अपने ससुर को बाँध कर उनको चूमते हुए बोली, "बाबूजी आपका
लंड बहुत शानदार है और इसको किसी भी औरत की चूत को चोद कर
मज़ा देने की कला आती है. लेकिन, सुबसे अक्च्छा मुझे आपका चोदते
हुए गंदी बात करना लगा. सच जब आप गंदी बात क्राते हैं और
चोद्ते है तो बहुत अक्च्छा लगता है." रसिकलाल जी अपने हाथों
से करिश्मा की चूंची को पकड़ कर मसल्ते हुए बोले, "अरे छीनाल,
जब हम गंदा काम कर रहें हैं तो गंदी बात करने मे क्या फ़र्क
पड़ता है और मुझको तो चुदाई के समय गाली बकने की आदत है.
अक्च्छा अब बोल तुझे मेरी चुदाई कैसी लगी? मज़ा आया कि नही,
चूत की खुजली मिटी की नही?" करिश्मा तब अपने हाथों से
अपने ससुर का लंड पकड़ कर सहलाते हुए बोली, "ससुरजी आपका लंड
बहुत ही शानदार है और मुझे आपसे अपनी चूत चुदवा कर बहुत
मज़ा आया. लगता है कि आपके लंड को भी मेरी चूत बहुत पसंद
आया. देखिए ना आपका लंड फिर से खड़ा हो रहा है. क्या बातहै एक
बार और मेरी चूत मे घुसना चाहता है क्या?" रसिक लाल जी तब
अपने हाथ करिश्मा की चूत पर फेरते हुए बोले, "साली कुतिया, एक बार
अपने ससुर का लंड खा कर तेरी चूत का मन नही भरा, फिर से
मेरा लंड खाना चाहती है? ठीक है मैं तुझको अभी एक बार फिर
से चोद्ता हूँ."रसिकलाल जी की बात सुन कर करिश्मा झट से उठ कर
बैठ गयी और अपने ससुर के सामने झुक कर अपने हाथ और पैर के
बल बैठ कर अपने ससुर से बोली, "बाबूजी, अब मेरी चूत मे पीछे
से अपना लंड डाल कर चोदिए. मुझे पीछे से चूत मे लंड डलवाने
मे बहुत मज़ा आता है." रसिकलाल जी ने तब अपने सामने झुकी हुई
करिश्मा के चूतर पर हाथ फेरते हुए करिश्मा से बोले, "साली
कुत्ती तुझको पीछे से लंड डलवाने मे बहुत मज़ा आता है? ऐसा
तो कुतिया चुदवाति है, क्या तू कुतिया है?" करिश्मा अपना सिर पीछे
घुमा कर बोली, "हाँ मेरे चोदु ससुरजी मे कुतिआ हूँ और इस समय
आप कुत्ता बन कर मेरी चूत चोदेन्गे. अब जल्दी भी करिए और
शुरू हो जाइए जल्दी से मेरी चूत मे अपना लंड डालिए." रसिकलाल जी
अपने लंड पर थूक लगाते हुए बोले, "ले री रंडी बहू ले, मैं अभी
तेरी फुदकती चूत मे अपना लंड डाल कर उसकी खबर लेता हूँ. साली तू
बहुत चुड़दकर है. पता नहीं मेरा बेटा तुझको शांत कर
पाएगा कि नही." और इतना कहकर रसिकलाल जी अपनी बहू के
पीछे जाकर उसकी चूत अपने उंगलिओ से फैला कर उसमे अपना लंड
डाल कर चोदने लगे. चोदते चोद्ते कभी कभी रसिकलाल जी अपनी
उंगली करिश्मा की गंद मे घुसा रहें थे और करिश्मा अपनी
कमर हिला हिला अपनी चूत मे ससुर के लंड को अंदर बाहर करवा
रही थी. थोरी देर के चोदने के बाद दोनो बहू और ससुर झाड़
गये. तब करिश्मा उठ कर बाथरूम मे जाकर अपना चूत और जांघे
धोकर अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी और रसिकलाल जी भी अपने
कमरे जाकर सो गये.अगले हफ्ते रमेश और करिश्मा अपने
हनिमून मनाने अपने एक दोस्त, जो कि शिमला मे रहता है, चले
गये. जैसे ही रमेश और करिश्मा शिमला एरपोर्ट से बाहर निकले तो
देखा कि रमेश का दोस्त, गौतम और उसकी बीबी सुमन दोनो बाहर
अपनी कार के साथ उनका इंतेज़ार कर रहें हैं. रमेश और गौतम
आगे बढ़ कर एक दूसरे के गले लग गये. फिर दोनो ने अपनी अपनी बिबिओ
से इंट्रोड्यूस करवा दिया और फिर कार मे बैठ कर घर की तरफ चल
पड़े. घर पहुँच कर रमेश और गौतम ड्रॉयिंग मे बैठ कर
पुरानी बातो मे मशगूल हो गये और करिश्मा और सुमन दूसरे
कमरे मे बैठ कर बातें करने लगी. थोरी देर के बाद रमेश और
गौतमने अपनी बीबियो को बुलाकर उनसे कहा कि खाना लगा दो बहुत ज़ोर की
भूक लगी है. सुमन ने फटा फॅट खाना लगा दिया और चारों
डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाने लगे. दोस्तो अभी ये कहानी बाकी है
इसके अगले पार्ट चार पाँच दिन बाद दूँगा आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........
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06-21-2017, 10:37 AM,
#6
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
मेरी चूत पसंद है पार्ट--3

गतान्क से आगे.......

खाना खाते वक़्त करिश्मा देख रही थी कि रमेश खाना
खाते वक़्त सुमन को घूर घूर
कर देख रहा है और सुमन भी धीरे धीरे मुस्कुरा रही है.
करिश्मा को दाल मे कुछ काला नज़र आया. लेकिन वो कुछ नही
बोली.अगले दिन सुबह गौतम नहा धो कर और नाश्ता करने के बाद
अपने ऑफीस के लिए रवाना हो गया . घर पर करिश्मा, रमेश और
सुमन पर बैठ कर नाश्ता करने के बाद गॅप लड़ा रहे थे.
करिश्मा नेआज सुबह भी ध्यान दिया कि रमेश अभी भी सुमन को
घूर रहा है और सुमन धीरे धीरे मुस्कुरा रही है. थोरी देर के
बाद करिश्मा नहाने के लिए अपने कपड़े ले कर बाथरूम मे
गयी. करीब आधे घंटे के बाद जब करिश्मा बाथरूम से नहा
धो कर सिर्फ़ एक तौलिया लप्पेट कर बाथरूम से निकली तो उसने देखा की
सुमन सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट पहने टाँगे फैला कर कुर्सी
पर फैली आधी लेटी और आधी बैठी हुई है और उसके ब्लाउस के
बटन सब के सब खुले हुए है रमेश झुक कर सुमन की एक
चूंची अपने हाथों से पकड़ चूस रहा है और दूसरे हाथ से
सुमन की दूसरी चूंची को दबा रहा है. करिश्मा एह देख कर
सन्न रह गयी और अपनी जगह पर खड़ी की खड़ी रहा गयी. तभी
सुमन की नज़र करिश्मा पर पर गयी तो उसने अपनी हाथ हिला कर
करिश्मा को अपने पास बुला लिया और अपनी एक चूंची रमेश से
छुड़ा कर करिश्मा की तरफ बढ़ा कर बोली, "लो करिश्मा तुम भी मेरी
चूंची चूसो." रमेश चुप चाप सुमन की चूंची चूस्ता
रहा और उसने करिश्मा की तरफ देखा तक नही. सुमन ने फिर से
करिश्मा से बोली, "लो करिश्मा तुम भी मेरी चूंची चूसो, मुझे
चूंची चुसवाने मे बहुत मज़ा मिलता है तभी मैं रमेश
से अपनी चूंची चुस्वा रही हूँ." करिश्मा अब कुछ नही
बोली और सुमन की दूसरी चूंची अपने मुँह मे भर कर चूसने
लगी.थोरी देर के बाद करिश्मा ने देखा कि सुमन अपना हाथ आगे कर
के रमेश का लंड उसके पायजामे के ऊपेर से पकड़ कर अपनी मुट्ही
मे लेकर मरोड़ रही है और रमेश सुमन की एक चूंची अपने
मुँह मे भर कर चूस रहा है. अब तक करिश्मा भी गरम हो
गयी थी. तभी सुमन ने रमेश का पायजामे का नारा खींच
कर खोल दिया और रमेश का पायजामा सरक कर नीचे गिर गया .
पायजामा को नीचे गिरते ही रमेश नंगा हो गया क्योंकी वो
पायजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा था. जैसे ही रमेश
रमेश नंगा हो गया वैसे ही सुमन ने आगे बढ़ कर रमेश का
खड़ा लंड पकड़ लिया और उसका सुपरा को खोलने और बंद करने
लगी और अपने होठों पर जीव फेरने लगी. ये देख कर करिश्मा
ने अपने हाथों से पकड़ कर रमेश का लंड सुमन के मुँह से
लगा दिया और सुमन से बोली, "लो सुमन, मेरे पति का लंड चूसो.
लंड चूसने से तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा. मैं भी अपनी चूत
मरवाने के पहले रमेश का लंड चुस्ती हूँ. फिर रमेश भी
मेरी चूत को अपने जीव से चाटता है." जैसे ही करिश्मा ने रमेश
का लंड सुमन के मुँह से लगाया वैसे ही सुमन ने अपनी मुँह
खोल कर के रमेश का लंड अपने मुँह मे भर लिया और उसको चूसने
लगी. अब रमेश अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड सुमन के
मुँह के अंदर बाहर करने लगा और अपने हाथों से सुमन की दोनो
चूंची पकड़ कर मसल्ने लगा. तब करिश्मा ने आगे बढ़ कर
सुमन के पेटिकोट का नारा खोल दिया. पेटिकोट का नारा खुलते ही
सुमन ने अपने चूतर कुर्सी पर से थोड़े से उठा दिए और करिश्मा ने
अपने हाथों से सुमन के पेटिकोट को खींच कर नीचे गिरा दिया.
सुमन ने पेटिकोट के नीचे पॅंटी नही पहनी थी और इसलिए
पेटिकोट खुलते ही सुमन भी रमेश की तरह बिल्कुल नंगी हो
गयी.करिश्मा ने सबसे पहले नंगी सुमन की जांघों को खोल
दिया और उसकी चूत को देखने लगी. सुमन की चूत पर झांते कोबहुत
ही करीने से हटाया गया था और इस समय सुमन की चूत बिल्कुल
चमक रही थी. सुमन की चूत से चुदाई के पहले निकलने वाला
रस रिस रिस कर निकल रहा था. करिश्मा झुक कर सुमन के सामने
बैठ गयी और सुमन की चूत से अपना मुँह लगा दिया. करिश्मा का
मुँह जैसे ही सुमन की चूत पर लगा तो सुमन ने अपनी टाँगे और
फैला दी और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल दिया. अब करिश्मा
ने आगे बढ़ कर सुमन की चूत को चाटना शुरू कर दिया. करिश्मा
अपनी जीव को सुमन की चूत के नीचे से लेकर चूत के ऊपेर तक ला
रही थी और सुमन मारे गर्मी के करिश्मा का सर अपने हाथों
से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी. उधर रमेश ने जैसे
ही देखा कि करिश्मा अपनी जीव से सुमन की चूत को चाट रही है तो
उसने अपना लंड सुमन के मुँह से लगा कर एक हल्का सा धक्का दिया
और सुमन ने अपना मुँह खोल कर रमेश का लंड अपने मुँह मे भर
लिया. नीचे करिश्मा अपनी जीव से सुमन की चूत को चाट रही थी
और कभी कभी सुमन की क्लिट को अपने दाँतों से पकड़ कर हल्के
हल्के से दबा रही थी.थोरी देर तक सुमन की चूत को चाटने और
चूसने का बाद करिश्मा उठ खरी हो गयी और रमेश का लंड
पकड़ सुमन के मुँह से निकाल दिया और सुमन से बोली, "सुमन अब
बहुत हो गया लंड चूसना और चूत चटवाना. चलो अब अपने पैर
कुर्सी के हत्थे के ऊपर रखो और रमेश का लंड अपनी चूत मे
पिलवओ. मुझे मालूम है कि अब तुम्हे रमेश का लंड अपने मुँह
मे नही अपनी चूत के अंदर चाहिए." और करिश्मा ने अपने
हाथों से अपने पति का खड़ा हुआ लंड सुमन की गीली चूत के ऊपर
रख दिया. चूत पर लंड के रखते ही सुमन ने अपने हाथों से
उसको अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया और रमेश की तरफ देख कर
मुस्कुरा कर बोली, "लो अब तुम्हारी बीबी ही तुम्हारे लंड को मेरी चूत
से भिड़ा रही है. अब देर किस बात की है. चलो चुदाई शुरू कर दो." इतना
सुनते ही रमेश ने अपनी कमर हिला कर अपना तना हुआ लंड सुमन
की चूत के अंदर उतार दिया. चूत के अंदर लंड घुसते ही सुमन ने
अपने पैर को कुर्सी के हथेलिओं पर रख कर और फैला दिए और
अपने हाथों से रमेश की कमर पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींच
लिया. अब रमेश अपने दोनो हाथों से सुमन की दोनो चुचियों को
पकड़ कर अपनी कमर हिला हिला कर सुमन को चोदना शुरू कर दिया.
सुमन अपनी चूत मे रमेश का लंड पिलवा कर बहुत खुश थी और
वो मूड कर करिश्मा से बोली, "करिश्मा तेरे पति का लंड बहुत ही
शानदार है, बहुत लंबा और मोटा है. रमेश का लंड मेरे
बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है. तेरी ज़िंदगी तो रमेश से
चुदवा कर बहुत आराम से कट रही होगी?" करिश्मा तब रमेश
का एक हाथ सुमन की चूंची पर से हटा कर सुमन की चूंची
को मसल्ते हुए बोली, "हाँ, मेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है और
मुझे रमेश से चुदवाने मे बहुत मज़ा मिलता है. मैं तो हर
रोज़ तीन - चार बार रमेश का लंड अपनी चूत मे पिलवाती हूँ. क्यों,
गौतम तेरी चूत नही चोद्ता? कैसा है गौतम का लंड ?"
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06-21-2017, 10:37 AM,
#7
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
सुमन बोली, "गौतम का लंड भी अक्च्छा है और मैं हर रोज़ दो - तीन
बार गौतम के लंड से अपनी चूत चुदवाती हूँ. गौतम रोज़ रात को
मुझे रगड़ कर चोद्ता है और रात की चुदाई के समय मैं कम से
कम से चार-पाँच बार चूत का पानी छोड़ती हूँ. लेकिन रमेश के
लंड की बात ही कुछ और है. एह लंड तो मेरी बच्चेदानी पर ठोकर
मार रहा है. असल मे मुझे अपनी पति के अल्वा दूसरे लंड से
चुदवाने मे बहुत मज़ा आता है और जब से मैने रमेश को
देखा है, तभी से मैं रमेश का लंड खाने की फिराक मे थी. अब
मेरी मन की मुराद पूरी हो गयी है. अब शाम को जैसे ही गौतम ऑफीस
से घर आएगा उसका लंड मैं तेरी चूत मे पिल्वाउन्गि. तब देखना कि
गौतम कैसे तुमको चोद्ता है. मुझे मालूम है कि गौतम का लंड
अपनी चूत से खाकर तुम बहुत खुश होगी." करिश्मा चुप चाप
सुमन की बात सुनती रही और झुक कर रमेश का लंड सुमन की चूत
के अंदर बाहर होना देखती रही. थोरी देर के बाद करिश्मा नेझुक
कर सुमन की एक चूंची अपने मुँह मे भर ली और ज़ोर ज़ोर से
चूसने लगी. थोरी देर के बाद करिश्मा को एहसास हुआ कि कोई उसके
चूतर के ऊपेर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत मे अपना लंड
घुसेरने की कोशिश कर रहा है. करिश्मा चौंक कर पीछे मूड
कर देखी तो तो पाया की उसकी चूत मे लंड घुसेरने वाला और कोई
नही बाल्की गौतम है. हुआ ये कि गौतम के ऑफीस मे किसी का
देहांत हो गया था और इसलिए ऑफीस बंद कर दिया गया था और इसलिए
गौतम ऑफीस जाकर ही वापस आ गया था.गौतम अब तक करिश्मा के
बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तननाया हुआ लंड करिश्मा की
चूत मे डाल चुक्का था और उसकी कमर को पकड़ के करिश्मा की
चूत मे अपने लंड की ठोकर मारना शुरू हो गया था. गौतम ज़ोर ज़ोर
से करिश्मा की चूत अपने लंड से चोद रहा था और अपने हाथों से
करिश्मा की चूंची को मसल रहा था. रमेश इस समय सुमन
को जोरदार धक्कों के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा
कर जब करिश्मा की चुदाई गौतम के साथ होते देखी तो मुस्कुरा
दिया और गौतम से बोला, "देख गौतम देख, मैं तेरे ही घर मे
और तेरे ही सामने तेरी बीवी को चोद रहा हूँ. तुझे तेरी बीबी की चुदाई
देख कर कैसा लग रहा है?" गौतम ने तब करिश्मा को चूमते
और उसकी चूंची को मलते हुए रमेश से बोला, "अबे रमेश, तू
क्या मेरी बीबी को चोद रहा है. अरे मेरी बीबी तो पुरानी हो गयी है
उसकी चूत मैं पिछले दो साल से रात दिन चोद रहा हूँ. सुमन की चूत तो
अब काफ़ी फैल चुकी है. अबे तू देख मैं तेरे सामने तेरी नयी
ब्वाही बीबी को कुतिया की तरह झुका कर उसकी टाइट चूत मे अपना लंड
डाल कर चोद रहा हूँ. अब बोल किसे ज़यादा मज़ा मिल रहा है. सही
मे यार रमेश, तेरी बीबी की चूत बहुत ही टाइट है मगर तेरी बीबी
बहुत चुड़दकर है, देख देख कैसे तेरी बीबी की चूत मेरा लंड
पकड़ रखी है." फिर गौतम करिश्मा की चूंची को मसल्ते हुए
करिश्मा से बोला, "ओह! ओह! मुझे करिश्मा की चूत चोदने मे बहुत
मज़ा मिल रहा है. आह! करिश्मा रानी और ज़ोर से अपनी गंद हिला कर
मेरे लंड पर धक्का मार. मैं पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार
रहा हूँ. करिश्मा रानी बोल, बोल कैसा लग रहा मेरे लंड से अपनी
चूत चुदवाना. बोल मज़ा मिल रहा है कि नही?" तब करिश्मा अपनी
गंद को ज़ोर ज़ोर से हिला कर गौतम का लंड अपनी चूत को खिलाते हुए
गौतम से बोली, "चोदो मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. मुझे तुम्हारी
चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारा लंड मेरी चूत की
आखरी छोर तक घुस रहा है. ऐसा लग रहा कि तुम्हारे लंड का
हरधक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुँह से निकल पड़ेगा. और ज़ोर से
चोदो, और सुमन और रमेश को दिखा दो चूत की चुदाई कैसे की
जाती है."गौतम और करिश्मा की चुदाई देखते हुए सुमन
करिश्मा से बोली, "क्यों छिनार करिश्मा, गौतम का लंड पसंद
आया कि नही? मैं ना बोल रही थी कि गौतम का लंड बहुत ही
शानदार है और गौतम बहुत अक्च्ची तरह से चोद्ता है? अब जी
भर कर चुदवा ले अपनी चूत गौतम के लंड से. मैं भी अपनी चूत
रमेश से चुदवा रही हूँ." रमेश जोरदार धक्कों के साथ
सुमन को चिड़ाते हुए बोला, "यार गौतम, ये दोनो औरत बड़ी चुदसी
है, चल आज दिन भर इनकी चूत चोद चोद कर इनकी चुतो को भोसरा
बनाता हूँ. तभी इनकी चुतो की खुजली मितेगी." इतना कह कर
रमेश सुमन की चूत पर पिल पड़ा दना दान चोदने लगा.
Reply
06-21-2017, 10:37 AM,
#8
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
गौतम
भी पीछे नही था, वो अपने हाथों से करिश्मा की दोनो
चूंची पकड़ कर अपनी कमर के झटकों से करिश्मा की चूत
चोदना चालू रखा. थोरी देर ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनो
जोड़े अपने अपने साथियो की जम कर चुदाई चालू रखी और थोरी देर के
बाद दोनो जोड़े ही झार गये. जैसे ही रमेश और गौतम ने सुमन
और करिश्मा की चूत के अंदर झरने के बाद अपना अपना लंड बाहर
निकाला तो दोनो के लंड सफेद सफेद पानी से सना हुए थे उधर
सुमन और करिश्मा की चुतो से भी सफेद सफेद गाढ़ा पानी निकल
रहा था. झट से सुमन और करिश्मा ने उठ कर अपने अपने पतिओं का
लंड अपने मुँह मे भर कर चूस चूस कर साफ किया और फिर एक दूसरे
की चूत मे मुँह लगा कर अपने अपने पतिओं का वीर्य चाट चाट कर
साफ किया. थोरी देर के बाद रमेश और गौतम का सांस नॉर्मल हुआ
और उठ कर एक दूसरे के गले लग गये और बोले. "यार एक दूसरे की
बीबीओ को चोदने का मज़ा ही कुछ अलग है. अब जब तक हम लोग एक
साथ है बीबीओ को अदल बदल करके ही चोदेन्गे."थोरी देर के बाद
सुमन और करिश्मा अपनी कुर्सी से उठ कर खरी हो गयी और तौलिया
से अपनी चूत और जंघे पोंछ कर नंगी ही किचन की तरफ चल
पड़ी. उनको नंगी जाते देख कर रमेश और गौतम का लंड खरा
होना शुरू खो गया. थोरी देर के बाद सुमन और करिश्मा नंगी
ही किचन से चाइ और नाश्ता ले कर कमरे आई और जुर्सी पर बैठ
गयी. रमेश और गौतम भी नंगे ही कुर्सी पर बैठ गये.
थोरी देर के बाद सुमन झुक कर प्याली मे चाइ पलटने लगी. सुमन
के झुकने से उसकी चूंची दोनो हवा ने झूलने लगी. ये देख कर
रमेश ने आगे बढ़ कर सुमन की चूंचियो को पकड़ लिया और उन्हे
दबाने लगा. ये देख कर करिश्मा अपनी कुर्सी से उठ खरी हो
गयी और गौतम की गोद पर जा कर बैठ गयी. जैसे ही
करिश्मा गोद मे बैठी गौतम ने अपने हाथों से करिश्मा को
जाकड़ लिया और उसकी चूंची को दबाने लगा. करिश्मा झुक कर
गौतम के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी और थोरी देर के गौतम
के लंड को अपने मुँह मे भर लिया. ये देख कर सुमन चाइ बनाना
छोड़ कर रमेश के पैरों के पास बैठ गयी उसने भी रमेश का
लंड अपने मुँह मे भर लिया. थोड़ी देर के रमेश नेअपने हाथों से
सुमन को खड़ा किया और उसको टेबल के सहारे झुका कर सुमन की
चूत मे पीछे से जाकर अपना लंड घुसेर दिया. सुमन एक हल्की सी
सिसकारी भर कर अपने चूतर हिला हिला अपनी चूत मे रमेश का लंड
पिलवाती रही और वो खुद करिश्मा और गौतम को देखने लगी.
रमेश और सुमन को फिर से चुदाई शुरू करते देख गौतम भी
अपने आप को रोक नही पाया और उसने करिश्मा को अपनी गोद से उठा
कर फिर से उसके दोनो पैर अपने दोनो तरफ करके बैठा लिया. इस तरीके
से करिश्मा की चूत ठीक गौतम के लंड के सामने थी.
क्रमशः.........
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06-21-2017, 10:38 AM,
#9
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
मेरी चूत पसंद है पार्ट--4

गतान्क से आयेज.......
करिश्मा ने अपने हाथों से गौतम के लंड को पकड़ कर अपनी चूत से भिड़ा
कर गौतम की गोद पर झटके साथ बैठ गयी और गौतम का लंड
करिश्मा की चूत के अंदर चला गया. करिश्मा अब गौतम की गोद
पर बैठ कर अपनी चूतर उठा उठा कर गौतम के लंड का धक्का
अपनी चूत पर लेने लगी. कमरे मेसिर्फ़ फकच, फकच का आवाज़ गूँज
रही थी और उसके साथ साथ सुमन और करिश्मा की सिसकियाँ.रमेश
थोरी देर तक सुमन की चूत पीछे से लंड डाल कर चोद्ता रहा. थोरी
देर के बाद अपनी एक उंगली मे थूक लगा कर सुमन की गंद मे
उंगली करने लगा. अपनी गंद मे रमेश की उंगली घुसते ही सुमन
ओह! ओह! हाई! कर उठी. सुमन रमेश से बोली, "क्या बात है, अब मेरी
गंद पर भी तुम्हारा नज़र पर गया है. अरे पहले मेरी चूत की आग
को शांत करो फिर मेरी गंद की तरफ देखना." लेकिन रमेश अपनी
उंगली सुमन की गंद के छेद पर रख कर धीरे धीरे घुमाने
लगा. थोरी देर के रमेश ने अपनी उंगली सुमन की गंद मे घुसेर
दी और धीरे धीर अंदर बाहर करने लगा. सुमन भी अपना हाथ
नीचे ले जाकर अपनी चूत की घुंडी को सहलाने लगी. जब अपनी
थूक और उंगली से रमेश ने सुमन की गंद की छेद काफ़ी ढीली
कर ली तब रमेश ने अपने लंड पर थूक लगाकर सुमन की गंद के
छेद पर रखा. अपनी गंद मे रमेश का लंड छूते ही सुमन बोल
पड़ी, "अरे अरे क्या कर रहे हो. मुझे अपनी गंद नही चुदवाना है.
मुझे मालूम है कि गंद मरवाने से बहुत तकलीफ़ होती है. हटो,
रमेश हटो अपना लंड मेरी गंद से हटा लो." लेकिन तब तक रमेश
अपना खरा हुआ लंड सुमन की गंद के छेद पर रख कर दबाने
लगा था और थोरी से देर के बाद रमेश का लंड का सुपरा सुमन की
गंद की छेद मे घुस गया. सुमन चिल्ला पड़ी, "अर्रररीईए माआरररर
दलाआआ, ओह! ओह! रमएस्स्स्शह निकलल्ल्ल्ल्ल लूऊ अपनाा
म्मूउस्स्स्साअररर ज्ज्जाआइइसस्स्साअ लुंद्द्द्द्ड म्‍म्मीरररीई
गाआंदड़ड़ सीई. मैईईईई मरररर जौंगीईए." लेकिन रमेश कहाँ
सुनने वाला था. वो अपनी कमर उछाल कर के और अपने लंड को हाथ
से पकड़ के एक धक्का मारा तो उसका आधा लंड सुमन की गंद मे
घुस गया . सुमन छटपटाने लगी.थोरी देर के बाद रमेश थोड़ा
रुक कर एक धक्का और मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड सुमन की गंद
मे घुस गया और वो झुक कर एक हाथ से सुमन की चूंची
सहलाने लगा और दूसरी हाथ से सुमन की चूत मे उंगली करने
लगा. लेकिन सुमन मारे दर्द के छटपटा रही थी और बोल रही
थे, "अबे साले भारुए गौतम, देखो तुम्हारे सामने तुम्हारी बीबी की
गंद कैसे तुम्हारा दोस्त ज़बरदस्ती से मार रहा है. तुम कुछ
करते क्यों नही. अब मेरी गंद आज फॅट जाएगी. लग रहा है आज इस
चोदु रमेश मेरी गंद मार मार कर मेरी गंद और बुर एक कर
देगा. गौतम प्लीज़ तुम रमेश से मुझे बचाओ." तब रमेश
अपनी उंगलेओं से सुमन की चूत मे उंगली करते हुए सुमन से बोला,
"अरे सुमन रानी, बस थोरी देर तक सबर करो, फिर देखना आज गंद
मरवाने ने तुम्हे कितनी मज़ा मिलता है. आज मैं तुम्हारी गंद मार
कर तुम्हारी चूत का पानी निकालूँगा. बस तुम ऐसे ही झुक कर खड़ी
रहो." रमेश की बात सुन कर गौतम अपने लंड से करिश्मा की चूत
चोद्ता हुआ सुमन से बोला, "रानी, आज तुम रमेश का मोटा लंड
अपनी गंद डलवा कर खूब मज़े उड़ा, मैं भी अभी अपना लंड
रमेश की नयी बीवी की गंद मे घुसेड़ता हूँ आंड करिश्मा की गंद
मारता हूँ. मैं करिश्मा की गंद मार कर तुम्हारी गंद मारने का बदला
निकालता हूँ." करिश्मा जैसे ही गौतम की बात सुनी तो बोल पड़ी, "अरे
वाह क्या हिसाब है, रमेश आज मौका पा कर सुमन की गंद मार
रहा है और उसकी कीमत मुझे अपनी गंद मरवा कर चुकानी पड़ेगी.
नही मैं तो अपनी गंद मे लंड नही पिलवाती. गौतम तुम मेरी गंद
की बजाय रमेश की गंद मार कर अपना बदला निकालो." गौतम तब
करिश्मा से बोला, "नही मेरी चुड़दकर रानी, जिस तरह से रमेश
मेरी बीवी की गंद मे अपना लंड घुसेर कर मेरी बीवी की गंद मार रहा
है, मैं भी उसी तरह से रमेश की बीवी की गंद मे अपना लंड घुसेर
कर रमेश की बीवी की गंद मारूँगा और तभी मेरा बदला पूरा
होगा." इतना कह कर गौतम ने अपना लंड करिश्मा की चूत से निकाल
लिया और उसमे फिर से थोड़ा थूक लगा कर करिश्मा की गंद से भिड़ा
दिया. करिश्मा अपनी कमर इधर उधर घुमाने लगी लेकिन गौतम
ने अपने हाथों से करिश्मा की कमर पकड़ कर अपने लंड का आधा
सुपरा करिश्मा की गंद की छेद मे डाल दिया. करिश्मा दर्द के
मारे छटपटाने लगी.करिश्मा अपनी गंद से गौतम का लंड को
निकालने की कोशिश कर रही थी और गौतम अपने लंड को करिश्मा
की गंद मे घुसरने की कोशिस कर रहा था.
Reply
06-21-2017, 10:38 AM,
#10
RE: kamukta मेरी चूत पसंद है
इसी दौरान गौतम ने
एकबार करिश्मा की कमर को कस कर पकड़ लिया और अपनी कमरउछाल
करके एक धक्का मारा तो उसके लंड का सुपरा करिश्मा की गंद की
छेद मे घुस गया . फिर गौतम ने जल्दी से एक और जोरदार धक्का
मारा तो उसका पूरा का पूरा लंड करिश्मा की गंद मे घुस गया और
गौतम की झांते करिश्मा की चूतर को छूने लगी. अपनी गंद मे
गौतम का लंड को घुसते ही करिश्मा एक बार ज़ोर से चीखी और चिल्ला
कर बोली, "साले बहन्चोद, दूसरे की बीवी की गंद मुफ़्त मे मिल गयी तो
क्या उसको फाड़ना ज़रूरी है? भोसरि के निकाल अपना मूसर जैसा लंड
मेरी गंद से और जा अपना लंड अपनी मा की गंद मे या उसकी बुर मे
डाल. अरे रमेश तुम्हे दिख नही रहा है, तुम्हारा दोस्त मेरी गंद
फाड़ रहा है? अरे कुछ करो भी, रोको गौतम को, नही तो गौतम
मेरी गंद मार मार कर मुझे गॅंडू बना देगा फिर तुम भी मेरी
चूत छोड़ कर के मेरी गंद ही मारना." रमेश अपना लंड सुमन की
गंद के अंदर बाहर करते करिश्मा से बोला, "अरे रानी, क्यों चिल्ला
रही हो. गौतम तुम्हे अभी छोड़ देगा और एक-दो बार गंद मरवाने से
कोई गॅंडू नही बन जाता है. देखो ना मैं भी कैसे गौतम की बीवी की
गंद मे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा हूँ. तुमको अभी थोरी देर
के बाद गंद मरवाने मे भी बहुत मज़ा मिलेगा. बस चुपचाप
अपनी गंद मे गौतम का लंड पिलवती जाओ और मज़ा लुटो. इतना सुनते ही
गौतम ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर करिश्मा की एक चूंची
पकड़ कर मसल्ने लगा और अपना कमर हिला हिला कर अपना लंड
करिश्मा की गंद के अंदर बाहर करने लगा. थोरी देर के करिश्मा
को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी कमर चला चला कर गौतम का
लंड अपनी गंद से खाने लगी. थोरी देर के बाद रमेश और
गौतम दोनो ने सुमन और करिश्मा की गंद को अपने लंड की
पिचकारी से भर दिया और सुस्त हो कर सोफा मे लेट गये.इसतरह से
रमेश और करिश्मा जब तक गौतम और सुमन के घर पर रुके
रहे तब तक दोनो दोस्त एक दूसरे की बिवीओ की चूत चोद चोद कर मज़ा
मारते रहे. कभी कभी तो दोनो दोस्त करिश्मा या सुमन को एक साथ
चोद्ते थे. एक बिस्तेर पर लेट कर नीचे से अपना लंड चूत मे डालता
था और दूसरा अपना लंड ऊपर से गंद मे डालता था. करिश्मा और
सुमन भी हर समय अपनी चूत या गंद मरवाने के लिए तैय्यार
रहती थी. जब सब लोग घर के अंदर रहते थे तो सभी नंगे ही
रहते थे. करिश्मा और सुमन भी नंगी हो कर ही चाइ या खाना
बनाती थी और जब भी रमेश या गौतम उनके पास आता था तो वो
झुक कर उनका लंड अपने मुँह मे भर कर चुस्ती थी और जैसे ही
लंड खड़ा हो जाता था तो खुद अपने हाथों से खड़े लंड को अपनी
चूत से भिड़ा कर खुद धक्का मार कर अपनी चूत मे भर लेती थे.
एक हफ़्ता तक करिश्मा और रमेश अपने दोस्त के घर बने रहे और
फिर वापस अपने घर के लिए चल पड़े .जब प्लॅन मे रमेश और
करिश्मा अपने घर के लिए जा रहे थे तो रमेश ने करिश्मा से
पूछा, क्यों करिश्मा रानी, एक बात सही सही बताओ, कौन ज़्यादा अच्छा
चोद्ता है, मैं, गौतम या पिताजी?" रमेश की बात सुन कर
करिश्मा बिलकूल अचम्भित हो गयी, फिर उसने धीरे से पूछी,
"पिताजी से चुदाई की बात तुमको कैसे मालूम? तुम तो अपनी सुहागरात
पर ड्यूटी पर थे?" तब रमेश धीरे से करिश्मा को चूमते हुए
बोला, "हाँ, तुम ठीक कह रही हो, मुझे उस दिन ड्यूटी पर जाना पड़ा.
जब मैं अपनी ड्यूटी से करीब एक घंटे के बाद लौटा तो देखा तुम
पिताजी का लंड पकड़ चूस रही हो और पिताजी तुम्हारी चूत मे
अपनी उंगली पेल रहें है. ये देख मैं चुप चाप कमरे के बाहर
खड़ा हो कर तुम्हे और पिताजी को चुदाई ख़तम होते वक़्त तक
देखा और फिर लौट गया और सुबह ही घर पर आया." "क्या तुम
मुझसे नाराज़ हो" करिश्मा धीरे से रमेश से पूछी. "नही,
मैं तुम से बिल्कुल भी नाराज़ नही हूँ. तुमने पिताजी को अपनी चूत दे
कर एक बहुत बड़ा उपकर किया है" रमेश बोला. करिश्मा ये सुन कर
बोली, "वो कैसे". तब रमेश बोला, "अरे मेरी माताजी अब बूढ़ी हो
गयी हैं और उनको टांग उठाने मे तकलीफ़ होती है, लेकिन पिताजी
अभी भी जवान हैं. उनको अगर घर पर चूत नही मिलती तो वो
ज़रूर बाहर जाकर अपना मुँह मारते. उसमे हम लोगो की
बदनामी होती. हो सकता कि पिताजी को कोई बीमारी हो जाती. लेकिन अब
ये सब न्ही होगा क्योंकी उनको घर पर ही तुम्हारी चूत चोदने को
मिल जाया करेगी." "तो क्या मुझको पिताजी से घर मे बराबर
चुदवाना पड़ेगा?" करिश्मा पलट कर रमेश से पूछी. "नही
बराबर नही, लेकिन जब उनकी मर्ज़ी हो तुम उनको अपनी चूत देने से
मना मत करना." "लेकिन अगर तुम्हारी माताजी ने देख लिया तो?"
करिश्मा ने पूछी. "तब की बात तब देखी जाएगी" रमेश ने कहा.
फिर करिश्मा और रमेश अपने घर आ गये और अपने
अपने काम पर लग गये.
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