Indian XXX नेहा बह के कारनामे
03-04-2021, 10:24 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
पूरे दिन सुभाष को नेहा नजर नहीं आई। वो बिना नेहा को देखे बोतलें भरने गया मजबूरन और घर के अंदर से नेहा उसको देख रही थी, और सिर्फ शाम को जिस वक्त सब अपने हाथ पैर धोने को गये तब नेहा उन लोगों के सामने चौखट पर नजर आई 'हाय' कहने के लिए।

सुभाष सबके सामने उसके करीब गया और उसके गाल पर किस करते हुए हेलो कहा नेहा को।

नेहा ने उसको अपने गाल पर किस करने दिया एक ग्रीटिंग की तरह।

जब सुभाष ने पूछा कि क्यों आज दिन भर वो नजर नहीं आई? तो नेहा ने कहा कि आज उसको कपड़े धोने को नहीं थे और उसका सर दर्द कर रहा था।

ज्ञान नजरें चुराते हुए नेहा को देख रहा था और नेहा भी चोरी-चोरी छुपके ज्ञान को देख रही थी सुभाष से बात करते वक्त।

जब सबने हाथ पैर धो लिए तो वापस गैरेज में गये कपड़े बदल के लिए। ज्ञान ने सबसे आखिर में वाश किया खुद को ताकी नेहा से अकेले में बात कर सके वो। तो जब सब चले गये तो ज्ञान ने नेहा से कहा- “मैं उन सबके साथ वापस नहीं जाऊँगा अभी। सबको जाने दूंगा और तब तुम्हारे पास आऊँगा, कुछ और वक्त तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ जानम..."

नेहा ने कहा- “तुम इस वक्त नहीं आ सकते यहाँ, मेरे सभी घरवाले आने वाले हैं..."

मगर ज्ञान ने कहा- “अरे वह सब तो 5:00 से 5:30 बजे आएंगे ना... तुमने कहा था। अभी तो सिर्फ 4:00 बजे हैं, एक घंटा और है हमारे पास, और लगे हाथ तुम्हारे घरवालों को भी देख लूँगा आज..."

पर नेहा ने कहा- “नहीं, कभी-कभि वो लोग 4:30 बजे भी वापस आ जाते हैं और क्या पता आज ही वह लोग उस वक़्त आ जाएं?”

तब ज्ञान ने कहा- "अगर वैसा हुआ तो हमको अंदर से आँगन में गाड़ी की आवाज आते हुए सुनाई देगी तब मैं पीछे के दरवाजे से निकल जाऊँगा..."

नेहा दरवाजे के पास चौखट पर खड़ी थी तो ज्ञान उसके पास गया, उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर नेहा को अपनी तरफ खींचा और उसको मुँह में किस करने लगा, नेहा को बाहों में भरकर, और साथ-साथ अपने खड़े लण्ड को नेहा की जांघों पर दबा रहा था किस करते वक्त। फिर कहा- “देखो कैसे खड़ा हो गया है? इसको तुम्हारे अंदर फिर से डालना चाहता हूँ जानेमन..."

नेहा ने उसको अपने लण्ड को अपने ऊपर रगड़ने दिया और किस को अच्छी तरह से रेस्पांड भी किया, फिर गैरेज की तरफ देखते हुए कि उधर से कोई देख तो नहीं रहा। तब ज्ञान से कहा- “नहीं इस वक्त मत आना, मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, ठीक है कल सुबह को आना जैसे आज सुबह आए थे तुम..."

ज्ञान बहुत खुश हुआ। जिस तरह से नेहा ने उसको सुबह के लिए इन्वाइट किया, हालांकी वो इसी वक्त नेहा को फिर से चोदना चाहता था, फिर भी कल के लिए स्वीकार किया उसने।
तब सब गैरेज वाले वापस चले गये और नेहा अपने घरवालों का इंतेजार करने लगी। वो लोग शाम 6:00 बजे वापस आए। तो नेहा ने खुद से कहा- “आज यह सब इतनी देर से आए, वो मोटा पेट वाला काला ज्ञान रह सकता था और मजा कर सकता था...”

खैर, परिवार मेंबर्ज़ के बीच प्रवींद्र नेहा को पाना चाहता था आज। नेहा को वो बिल्कुल अकेली नहीं छोड़ रहा था, बार-बार वो अपने लण्ड को नेहा की गाण्ड पर दबा रहा था किचेन में। वो सिर्फ़ नेहा के पीछे-पीछे लगा हुआ था जबसे वापस आया था। कभी नेहा को बाहों में भर रहा था, कभी चूम रहा था, तो कभी अपना लण्ड दबा रहा था उसके जिश्म पर कपड़े के ऊपर से ही।

नेहा समझ रही थी के दो रातों को उसने कुछ नहीं किया था तो उसको जरूरत थी। मगर नेहा परेशान भी थी क्योंकी ससुर ने भी दो रातों को उसको नहीं लिया था, तो वो भी नेहा को लेने आ सकता है रात को। इसलिए नेहा उलझन में थी।

ससुर उस वक्त लाउंज में टीवी देख रहा था जिस वक्त प्रवींद्र किचेन में नेहा को परेशान कर रहा था। एक बार ससुर किचेन में पानी लेने आया तो तकरीबन उन दोनों को किस करते हुए पाकर लिया था। नेहा प्रवींद्र की बाहों में थी और दोनों एक पैशनेट किस में व्यस्त थे। ससुर किचेन में आया मगर उसने उन दोनों कि तरफ पीठ किया हआ था, उसने उन दोनों की तरफ देखा ही नहीं और सिर्फ एक ग्लास लिया पानी लेने के लिए। तब दोनों ने झट से एक दूसरे को छोड़ा उसको किचेन में देखकर। वरना आज तो प्रवींद्र का बाप नेहा को अपने दूसरे बेटे की बाहों में देख लेता किस करते हुए। नेहा का दिल उस वक्त ढोल की तरह बजने लगे और प्रवींद्र खुद कांप उठा, बड़े भाग्य से बचे दोनों।
Reply
03-04-2021, 10:24 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
रात हुई तो 9:00 बजे सब लाउंज में टीवी देख रहे थे सिवाए रवींद्र के हमेशा की तरह। नेहा जानबूझ कर ससुर के पास नहीं बैठी उसको उत्तेजित नहीं करने के लिए। प्रवींद्र नेहा के पास बैठा था और अपने हाथ को उसकी स्कर्ट के नीचे डालकर उसकी चूत पर अपनी उंगलियां चला रहा था, अपने बाप से बचाते हुए। प्रवींद्र नेहा की पैंटी को गीला कर चुका था और अपनी उंगली को वापस निकलकर चाट रहा था। जबकि उसको देखकर नेहा हँसे जा रही थी।

फिर कोई आधे घंटे के बाद उन दोनों को एक खर्राटे की आवाज सुनाई दी, तो दोनों ने पिता को देखा कि वो सोफे पर सो गया था और गहरी नींद में था। फिर दोनों एक दूसरे को देखते हुए हँसने लगे।

प्रवींद्र ने फिर अपने पिता को जगाया और सोने जाने को कहा। बूढा उठा, और एक-दो कदम डगमगाकर चलते हये अपने कमरे के तरफ बढ़ा। लगता था जैसे उसने पी रखी है, असल में दिन भर की थकान की वजह से वैसा था।

फिर कुछ देर बाद प्रवींद्र ने टीवी आफ किया और नेहा को बाहों में उठाकर अपने कमरे में ले गया। अपने घर में दोनों पति पत्नी के जैसे दिख रहे थे उस वक्त। नेहा ने अपनी बाहों को प्रवींद्र के कंधे पर जकड़ा हुआ था और उसको किस कर रही थी, जिस वक्त चलते हुए प्रवींद्र उसको अपने कमरे में ले जा रहा था। प्रवींद्र ने धीरे से अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और नेहा को अपने बेड पर लेटाया।

फिर प्रवींद्र ने धीरे-धीरे नेहा के कपड़े उतारे उसके जिश्म को निहारते हुए। फिर खुद के कपड़े उतारे प्रवींद्र ने और दोनों बिल्कुल नंगे हो गये। उसने नेहा को पैरों से चूमना शुरू किया और धीरे-धीरे ऊपर और ऊपर बढ़ता गया... उसकी घुटनों को चूमा, चाटा, जांघों से गुजरते, चूमते हुए धीरे-धीरे और ऊपर गया। नेहा तब तक काँपने लगी थी उसके सर के बालों को अपनी मुट्ठी में जकड़े हुए।

जब प्रवींद्र उसकी चूत तक पहुँचा तो नेहा बिल्कुल गीली हो गई थी वहाँ, तो प्रवींद्र ने उसका रस चाटा और पिया भी। तब उसने नेहा की पीठ को चाटा, नाभि पर जीभ को गोल-गोल घुमाया, नेहा को तड़पाते हुए तब उसकी चूचियों तक पहुँचा। प्रवींद्र एक भूखे भेड़िये की तरह दोनों चूचियों को मसलते हुए चूस और चाट रहा था फिर निपल्स पर जीभ फेरा और चूसने लगा।

नेहा बेड पर तड़पती जा रही थी चादर को रगड़ते हुए। तब तक प्रवींद्र का खड़ा लण्ड उसकी भाभी की जांघों पर रगड़ रहा था, उसके लण्ड से भी प्री-कम निकल चुका था और नेहा ने अपनी जांघों पर गीलापन महसूस किया।

प्रवींद्र भी तड़प उठा जब नेहा ने हाथ में उसके लण्ड को लिया और सहलाया।

मगर किसी ने भी नहीं सोचा था कि प्रवींद्र का बाप उठेगा और नेहा को उसके कमरे से लेने जाएगा जैसे उसने पहले भी कई बार किया था। हाँ ससुर को पेशाब लगा तो मूतने के लिए वो उठा और टायलेट गया। और जब टायलेट से वापस आया तो सीधे नेहा के कमरे में गया उसको लेने। मगर नेहा को वहाँ ना पाकर वो बहुत ही हैरान हुआ। उसने सोचा कि शायद वो अब तक टीवी देख रही है। तो जब वो चलकर लाउंज की तरफ बढ़ने लगा तो प्रवींद्र के कमरे से उसको सिसकारियों की आवाज सुनाई दी।

कमरे के अंदर दोनों झड़ने वाले थे तो जोरों से तड़पते हुए आवाजें कर रहे थे, प्रवींद्र भी और नेहा भी। और नेहा ने जोर से चिल्लाते हुए तड़पती आवाज में प्रवींद्र को जकड़ा तो प्रवींद्र भी जोर से गुर्राते हुए अपने वीर्य को छोड़ा नेहा के जिश्म के ऊपर।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
कमरे के अंदर दोनों झड़ने वाले थे तो जोरों से तड़पते हुए आवाजें कर रहे थे, प्रवींद्र भी और नेहा भी। और नेहा ने जोर से चिल्लाते हुए तड़पती आवाज में प्रवींद्र को जकड़ा तो प्रवींद्र भी जोर से गुर्राते हुए अपने वीर्य को छोड़ा नेहा के जिश्म के ऊपर।

ससुर को कुछ समझने की जरूरत तो नहीं थी, सब कुछ असनी से पता चल गया उसको उसी वक्त। उसके पशीने छूट गये, उसको गर्मी महसूस हुई, उसके दोनों पैर काँपने लगे, उसके दिल की धड़कनें तेज हुई और चक्कर आया उसे। आँखों के सामने अंधेरा सा छा गया। दीवार पर हाथ से सहारा लेते हुए वो अपने कमरे की तरफ वापस बढ़ा फूली हुई साँसों के साथ। वो हाँफने लगा था, लग रहा था कि उसकी साँसें रुक जाएगी। जल्दी से बाहर निकला वो ठंडी हवा खाने के लिए। उसको लगा कि उसको हार्ट अटक हो रहा है, शायद एक स्ट्रोक होने वाला था ऐसा महसूस हुआ उसको।

उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वो अब क्या करें? किसको क्या कहे? खुद पर शर्म आ रही थी उसे, खुद को कुसूरवार महसूस कर रहा था। खुद से घिन आने लगी उसको। उसने सोचा कि अगर वो वैसा नहीं होता तो आज शायद प्रवींद्र ऐसा शर्मनाक काम नहीं कर रहा होता अपनी भाभी के साथ। बाप को अपने रवींद्र बेटे पर रोना आ गया। उसने सोचा एक बाप और एक भाई उसको धोखा कर रहे हैं, उसकी बीवी को चोद रहे हैं। बहुत पश्चाताप हो रहा था उस वक्त बाप को। वो अपने आपको मार देना चाहता था उस वक्त, खुदकशी करने की सोच रहा था, बहुत ही अपराधी महसूस कर रहा था वो, जोरों से चिल्लाने का मन कर रहा था उसका। उसके दिमाग के अंदर जैसे कुछ बहुत जोरों से बज रहा था। जो कुछ अभी-अभी उसके कानों ने सुना, वो उसे सहन नहीं कर पा रहा था।
.

वो अपने पैरों पर बैठ गया नीचे और अपने सर को हाथों में थामकर रोने लगा। अपने किए गुनाहों पर रोता गया वो काफी देर तक। पर वो तो उम्र वाला था तो उसको गिल्ट महसूस होने लगा, मगर जो जवान है और अभी ऐसे मामलों में लिप्त है उसको कहाँ से कोई गिल्ट महसूस होगी भला। बहरहाल अब पिता को प्रवींद्र और नेहा के रिश्ते के बारे में पता चल चुका था।

बूढ़ा बाप धीरे से अपने कमरे में वापस आ गया और सोचा कि अब शायद नेहा को देखकर कभी भी खड़ा नहीं होगा उसका। वो अब नेहा के साथ कभी कोई ऐसे ताल्लुकात नहीं रख पाएगा अब, उसको ऐसा लगने लगा अपने मन के अंदर। अब वो नेहा को एक बेटी के रूप में देखने लगा। उसको अपने गुनाह पर बहुत पश्चाताप होने लगा।

सुबह को बाप बहुत सवेरे जाग गया। स्नान करने गया और अपने आपको जैसे गंदगी से साफ कर रहा था, अपने पापों को धो रहा था। फिर वो जोरों से पूजा करने लगा घर के अंदर जिससे सबकी नींद टूट गई। अगरबत्तियां जलाते हुए वो घर के कोने-कोने में फूंक रहा था कुछ मंत्र पढ़ते हुए बुलंद आवाज में। फिर वो पूजा घर में भगवान के सामने तरह-तरह के मंत्र पढ़ता गया और रोता गया।

नेहा ने उठकर सबके लिए चाय बनाई, और सभी कामों को निपटाया, सभी मर्दो के घर से निकालने से पहले। दोनों बेटे पहले घर से निकले और गाड़ी में जाकर बैठ गये और पिता का इंतेजार करने लगे। बाप ही हमेशा गाड़ी ड्राइव करता था। घर में ससुर नेहा के पास गया।

नेहा ने सोचा के वो उसको अपनी बाहों में भरेगा और एक जबरदस्त किस करेगा या उसकी नाइटी को उठाकर उसकी चूचियों को चूसेगा।

मगर नेहा बिल्कुल सदमे खा गई जब उसके ससुर ने उससे कहा- “बेटी, मुझे माफ कर देना। जो कुछ भी मैंने किया तुम्हारे साथ उसके लिए माफी माँगता हूँ मैं तुमसे। मुझे माफ करो कि मैंने तुम्हारे जिश्म को हक ना होते हुए भी भोगा। मैंने तुम्हारे साथ जिस्मानी तालुकात रखे, उसके लिए मुझे माफ करो। नेहा, बोलो कि तुमने मुझे माफ किया... बोलो, यह मेरे लिए बहुत जरूरी है... जल्दी बोलो कि तुमने मुझे उन सब चीज़ों के लिए माफ किया... नेहा बेटी बोलो..."
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
नेहा ने बहुत हैरान होते हुए कहा- “मुझसे माफी मांगने की जरूरत नहीं पिताजी, जो कुछ भी हुआ मुझे बहुत खुशी मिली उन सबसे, मैंने बहुत ही एंजाय किया आपके साथ, आपने मुझको प्यार करना सिखाया पिताजी, मैं खुश हूँ आपसे.."

मगर ससुर ने कहा- “नहीं नहीं, सब गलत हैं, वो सब नहीं होना चाहिए था, बोलो कि तुमने मुझे माफ किया वरना भगवान मुझको कभी माफ नहीं करेगा...”

नेहा ने कहा- “ओके ओके ठीक है पिताजी, मैंने आपको माफ किया। आपने कुछ बुरा नहीं किया मेरे साथ.."
और वो आँसू भरी आँखों से घर से निकला, उसने नेहा के चेहरे में देखा और उसके माथे पर एक चुंबन दिया निकलने से पहले।

गाड़ी आँगन से निकली और नेहा ने सबको बाइ वेव किया और किचेन में जाकर सोचने लगी कि क्यों उसके ससुर ने आज वो सब कहा उससे? बहुत परेशान और उलझन में थी नेहा अपने ससुर के उस व्यवहार की वजह से। फिर नेहा ने सब कुछ भुला दिया और ज्ञान को और उसके मोटे काले पेट को सोचने लगी। उसका काला रंग शायद नेहा को बहुत पसंद था।

बस कुछ मिनट बाद नेहा ने दरवाजे पर एक खटखट सुनी। खुशी से वो दरवाजा खोलने गई यह सोचते हुये कि ज्ञान आ गया। नेहा ने अपनी नाइटी की एक स्ट्रैप को कंधे से नीचे सरका दिया ज्ञान को सिड्यूस करने के लिए। पर जब नेहा ने दरवाजे की पर्दै को हटाया तो बहुत हैरात हुई उससे यह देखकरके बाहर कोई 6-7 आदमी खड़े थे। वो डर गई यह सोचते हुये के वे लोग उसको अटैक करने आए हैं उसको घर में अकेली जानकर।

नेहा ने एक खिड़की को खोलकर पूछा- “आप लोग क्या चाहते हैं?"

उन आदमियों ने कहा- “आपके ससुर की गाड़ी की बहुत गम्भीर आक्सिडेंट हुई है और पोलिस वाले गाड़ी में पाए गये लोगों को हास्पिटल ले गये हैं। सामने से आने वाली एक बड़ी ट्रक आपकी गाड़ी से टकराई और गाड़ी बिल्कुल क्रैश हो गई। हमने बहत मुश्किल से सबको गाड़ी के अंदर से निकाला है...”

नेहा को चक्कर आया और वो जमीन पर गिरर गई। गाँव के कुछ लोगों साथ में नेहा हास्पिटल में मौजूद पाई गये। जिस वक्त आक्सिडेंट हआ था तब नेहा का पति रवींद्र अपने पिता के पास फ्रंट वाली सीट पर बैठा हआ था।

ससुर आई.सी.यू. में था और नेहा से मिलने की फरमाइश कर रहा था डाक्टर्स से।

डाक्टर्स ने बाहर आकर पूछा- “नेहा कौन है?"

वहाँ पर जमा हुए लोगों ने नेहा को अंदर जाने के लिए कहा। नेहा जब अंदर गई तो ससुर को बहुत बुरी हालत में पाई, लगता था कि वो अपनी आखिरी साँसें गिन रहे थे। उसने नेहा से कहा- “बेटी अब तुम एक विधवा हो..."

नेहा ने रोते हुए कहा- “बाहर लोग उससे यही कह रहे थे मगर उसको पूरा यकीन नहीं था कि रवींद्र का देहांत हो गया है...'

उसके ससुर ने कहा- “जब हम हास्पिटल लाए जा रहे थे तो मेरे सामने उसने आखिरी साँसें ली अपनी। एक मेटल पीस उसकी गर्दन के आर पार हो गया था बेटा..” ससुर ने नेहा का हाथ थामा और अपनी हथेली में नेहा के हाथ को लेकर कहा- “बेटी, मेरे पास भी अब और साँसें बाकी नहीं रहीं, मैं बहुत गंभीरता से घायल हुआ हूँ सीना और पेट में और मेरे फेफड़े के अंदर लोहा घुस गया है, डाक्टर्स ने कहा है। तो मेरी बातों को गौर से सुनो और मुझे वचन दो कि वोही करोगी जो मैं तुमसे कहने जा रहा हूँ, इसे एक आदेश समझो...” वो एक-एक शब्द बोलते हुए बहुत मुश्किल से बात कर रहा था।

नेहा अपने ससुर का हाथ अपने हाथों में थामे हए रोती जा रही थी, एक हाथ से उसके गाल को बड़े प्यार से सहलाते हुए। और नेहा ने वादा किया कि जो वो कहेगा वो वोही करेगी।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
ससुर ने कहा- “बेटा, मुझपर एक एहसान करना, मेरे प्रवींद्र से शादी कर लेना। मुझे पता है कि तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो और कल रात मुझे तुम दोनों के रिश्ते का पता चला, जब तुम उसके कमरे में थी देर रात को। मैं तुमको लेने गया था तुम्हारे कमरे में कल रात को और तुम अपने कमरे में नहीं थी तो मैंने तुम्हारी सिसकारियां और तड़पती आवाज प्रवींद्र के कमरे से सुना, तो मुझको सब पता चल गया। तो अब उससे शादी कर लेना क्योंकी रवींद्र तो नहीं रहा अब। और उसकी देख भाल करना और हमारे खानदान को आगे बढ़ाना, मेरे वंश को तुम्हीं आगे बढ़ाना बह। ढेर सारे बच्चे पैदा करना और प्रवींद्र और तमाम परिवार का खूब खयाल रखना। सबको प्यार करना। मेरे पास बहुत जमीन हैं, हजारों लोगों के जीवन जुड़े हुए हैं उनसे, सबकी रोजी रोटी चलती हैं मेरी जमीन में काम करने से, और जितनी जमीन हैं उनमें से बहुत दान भी किया जा सकते हैं गरीबों को, और जितना धन-ओ-दौलत है हमारे पास, वो काफी है कई पुश्तों के लिए। प्रवींद्र से कहना हमेशा गरीबों को देना चाहिए और तुम भी हमेशा दान करते रहना बहू.."

नेहा बहुत रोई और वचन दिया कि वो सब करेगी जो वह चाहते हैं। फिर नेहा ने कहा- “मगर पिताजी आप ठीक हो जाइए, मुझे आपसे और बहुत कुछ कहना है और बहुत सारी चीज़ों को समझना बाकी है। मैं कुछ चीज़ों को लेकर कन्फ्यूज्ड हूँ, मुझे कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में भी आपसे बात करनी है जो मैं यहां नहीं कर सकती इस वक्त। आप प्लीज ठीक हो जाइए मझे आपकी भी जरूरत है जीवन में। मुझे आपका साथ चाहिए..."

ससुर ने थोड़ा सा मुश्कुराते हुए कहा- “अब तुम किसी बात से कन्फ्यू ज्ड नहीं रहोगी, अब तुम सयानी हो गई हो और खुद फैसला कर सकोगी बड़ी-बड़ि चीज़ों की। जिंदगी तुमको सब कुछ सिखा देगी। बस प्रवींद्र का खयाल रखना उसमें अभी तक बचपना है, तुम उससे और सयानी हो मुझे पता है, उसको सब कुछ हाथ में पाने की आदत है, उसको सब कुछ खाने से लेकर दौलत तक एक शहजादे की तरह हाथ में मिला है, तुम भी तो उसको आसानी से मिल गई। वो कठिनाइयों से नहीं गुजरा, उसको जिंदगी के बारे में नहीं पता, तुम्हारे साथ रहकर सब सीख जाएगा वो..."

डाक्टर्स का एक पैनेल आया वहाँ पर और नेहा को बाहर जाने को कहा, क्योंकी वो लोग उसके ससुर को आपरेशन थियेटर ले जा रहे थे।

नेहा ने उन डाक्टरों से प्रवींद्र के बारे में पूछा तो उससे कहा गया कि उसका मोआएना हो गया है और उसको एक वार्ड में ले जाया जा रहा है, क्योंकी उसको मामूली चोट आई है, हाथ पैर और माथे पर बस। वो बेहोश रहा इसलिए कि उसके सर में चोट लगी थी, उसके इलावा वो बिल्कुल ठीक है।

नेहा दौड़ती हई उस वार्ड में गई जहाँ प्रवींद्र शिफ्ट हआ था। दोनों एक दूसरे को बाहों में थामे रोने लगे। प्रवींद्र को भी रवींद्र की मौत की खबर मिल गई थी।

दूसरे दिन ससुर भी चल बसा।

तीन दिन के बाद प्रवींद्र का डिस्चार्ज हुआ हास्पिटल से। वो ठीक से चल रहा था और सिर्फ उसकी दायीं बांह में एक बैंडेज लगा हुआ था। परंपरा और रीति रिवाज के अनुसार नेहा सफेद साड़ी पहन रही थी और सभी दूसरे रीति रिवाज का पालन कर रही थी। मगर प्रवींद्र उन रीति रिवाज में यकीन नहीं रखता था तो नेहा को उस तरह के लिबास पहनने से मना कर रहा था।

ज्ञान हर रोज गैरेज आ रहा था और सुभाष भी और उन सबको नेहा के घर में बीते हुए हादसे के बारे में मालूम था। ये दोनों सोच रहे थे कि अब नेहा बिल्कुल अकेली हो गई है और उसको अब एक मर्द की और ज्यादा जरूरत पड़ेगी। मगर इन दोनों को नहीं पता था कि देवर था घर में नेहा के लिए। मगर ज्ञान अक्सर सोचता कि क्या पता अब देवर ही भाभी को चोदेगा क्योंकी सिर्फ वही दोनों घर में अकेले रह गये हैं अब, यह सोचकर ज्ञान को जलन और परेशानी हो रही थी।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
घर में दो मौतें होने के कारण नेहा मातम के तौर पर सफेद साड़ी पहन रही थी, और धार्मिक परंपरा को मान कर रही थी। हर रोज एक पंडित घर पर आ रहा था पूजा करने के लिए। किसी दिन प्रवींद्र भी पूजा में शामिल रहता था तो किसी-किसी दिन नेहा अकेली होती थी क्योंकी प्रवींद्र खेत चला जाता था वर्कर्स के काम काज को देखने के लिए। शर्माजी की नौकरी को छोड़ना पड़ा प्रवींद्र को। खेत के कामों के बारे में सीख रहा था अपने पिता के पुराने वफादार काम करने वालों से।

पंडितजी ने नेहा को बताया कि अगले 40 दिनों तक वो पूजा और बाकी के रीति रिवाज को पूरा करेगा, हर रोज आएगा पूजा करने के लिए।

ज्ञान ने एकाध दिन नेहा को सफेद साड़ी में देखा, नेहा की नजर उन लोगों पर पड़ी मगर कोई बातचीत नहीं हुई उन लोगों के बीच।

कोई 20-25 दिन गुजर गये ऐसे ही। हर रोज पंडित आता पूजा करने, हर रोज रवींद्र खेत जाता अपने पिता की जगह। हर रोज नेहा सफेद साड़ी में नजर आती थी।

ऐसे ही एक दिन सफेद साड़ी में नेहा पत्थर पर कपड़े धो रही थी कि ज्ञान और सुभाष उससे बात करने गये। नेहा बिल्कुल मुश्कुरा नहीं रही थी, उसके चेहरे से खुशी और मुश्कान दूर थी, फिर भी उसने दोनों से बात किया। उन दोनों ने नेहा से कहा कि यही जिंदगी है, सब कुछ स्वीकार करना पड़ता है और धीरे-धीरे वो खुद को संभाल लेगी। नेहा ने दोनों को थैक्स कहा।

हालांकी वो सफेद साड़ी में थी फिर भी नेहा बहुत सुंदर दिख रही थी उस लिबास में भी। उसकी कमर की गोरी चमड़ी सफेद ब्लाउज़ में, उसकी ब्लाउज़ के अंदर उसकी चूचियां, उसके घने काले खुले बाल बिखरे हुए थे पीठ पर, बस अब भी नेहा कयामत ही लग रही थी।

जब पूजा करते वक्त नेहा पंडित के पास बैठती थी तो पंडित की नजर अक्सर नेहा की सिलोवेट पर पड़ती थी। नेहा पंडितजी से बहुत घुल-मिल गई थी क्योंकी पिछले 25 दिनों से लगातार वो आ रहे थे और चालीस दिन तक आना होगा पंडितजी का। वो हर रोज सुबह सवेरे आते थे, जैसे ही प्रवींद्र खेत के लिए निकल जाता था, तो हर रोज वो नेहा के साथ अकेला होता था।

हाँ, तो अब नेहा पंडितजी से घुल-मिल गई थी और उसके साथ कोई भी बात करती थी। नेहा पंडितजी को एक बड़ा समझकर आदर करती थी और समझती थी कि वो उसकी बहुत मदद कर सकते हैं क्योंकी नेहा को कुछ खास बात शेयर करनी थी पंडितजी से। बल्की एक कन्फेशन जैसी कुछ करनी थी नेहा को। एक बोझ जैसे कुछ था नेहा के सीने पर जो पंडितजी से बाँटना चाहती थी ताकी नेहा खुद अपने आपको हल्की कर सके। मगर बहुत हिचकिचाहट हो रही थी नेहा को, और कोई अच्छे से मौके के इंतजार में थी बात करने के लिए।

उधर प्रवींद्र पर अचानक से बहुत सारा बोझ आ गया था उसके कंधों पर बाप के गुजर जाने के बाद, सभी कामों को संभालना और ऊपर से नेहा ने उससे कह दिया था कि उसके पिता ने उन दोनों को शादी करने को कह दिया है। यह सब प्रवींद्र के लिए कुछ ज्यादा हो गया था संभालने के लिए। प्रवींद्र ने नेहा को बताया था कि यह बात उसके पिता ने उससे भी कहा था जिस वक्त वह लोग हास्पिटल ले जाए जा रहे थे और उसने यह भी कह दिया था प्रवींद्र से कि वो नेहा और उसके रिश्ते के बारे में भी जानता है। और प्रवींद्र को कोई आब्जेक्सन नहीं था वो तैयार था नेहा से शादी करने के लिए मगर अभी तक इन दोनों ने इस बात को अपने परिवार में किसी को भी नहीं बताया था। ना नेहा ने अपने घरवालों को कुछ कहा था और ना प्रवींद्र ने किसी को कुछ बताया था इस बारे में, 40 दिन के खतम होने का इंतजार कर रहे थे दोनों।

प्रवींद्र जैसे चिंता में घिरा हुआ था इन सभी बातों को लेकर, उसका दिमाग सही से काम नहीं कर रहा था अचानक से इतनी सारे जिम्मेदारियों को एक साथ संभालने के लिये, उसकी आदत नहीं थी, सब कुछ हमेशा से उसका बाप करता आया था, वो तो बस मजे लेता था। अब साड़ी जिम्मेदारियां उसके सर आ गई थीं तो बहुत बेचैन रहने लगा था। हर शाम को प्रवींद्र घर वापस आता था खेत से तो एकदम ही थका हुआ लगता था, बीमार सा लगता था, चेहरा उतरा हुआ सा रहता था, लगता था बहुत सारी परिशानियों में घिरा हुआ है।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
अंतिम संस्कार के बाद 35 दिन हो गये थे और उसने नेहा से सेक्स नहीं किया था क्योंकी नेहा ने कह दिया था कि इन 40 दिनों तक कुछ नहीं किया जाएगा, जब तक आखिरी पूजा नहीं हो जाती उनकी पिता और रवींद्र के स्वर्गवास की। पिछले 34 दिनों से दोनों अलग अपने-अपने कमरे में सोते थे रातों को अजनबियों की तरह। नेहा के जैसी गरम सेक्सी औरत और 35 दिन बिना सेक्स के है, यह अजीब बात थी। बहुत ही बड़ी बात थी यह। नेहा भरपर कोशिश किए जा रही थी अपनी सेक्सअल फीलिंग्स को संभालने की. क्योंकी दो लोगों की मौत का शोक कर रही थी। फिर भी कई रातों को नेहा को गीले सपने आतेते थे, अपने पिता से सेक्स करते देखा सपने में कई रातों को।

एक रात को तो पशीने से भीगी हुई झट से जागी क्योंकी सपने में ससुर के साथ सेक्स कर रही थी। उस सपने में उसके पति की जगह ससुर सोया हुआ था नेहा के बिस्तर पर और दोनों चुदाई कर रहे थे। नेहा एक मरे हुए
आदमी के साथ खुद को सोचकर तड़फड़ाती हुई उठी पशीना पोंछते हुए। और कई रातों को खुद को ज्ञान के साथ करते हुए सपना देखा नेहा ने। खुद नेहा को पता नहीं था कि वो एक लण्ड को मिस कर रही है या सिर्फ सपने उसको तंग कर रहे थे। कई बार दिन में खिड़की के पर्दो के पीछे छुपकर वो ज्ञान और सुभाष को देखती रहती थी अपने मन पर काबू रखते हुए।

जब उसके पिता आए थे उससे मिलने और उसको हग किया था तो नेहा के जिश्म में एक आग की लहर दौड़ पड़ी थी। मगर ना उसके पिता ना ही उसके भाई लोगों ने नेहा के साथ कछ ऐसे अप्रोच किया था, क्योंकी सबको पता था कि ऐसे मौकों पर वह कुछ ऐसा वैसा नहीं कर सकते थे। तो नेहा का बाप और भाई भी उन 40 दिनों के गुजरने का इंतजार कर रहे थे।

नेहा के लिए यह 40 दिनों का व्रत था सेक्स के लिए, सेक्स व्रत। 10 पहले दिनों तक नेहा बहुत मजबूत थी। उसने बिल्कुल ही सेक्स के बारे में नहीं सोचा और खुद उसके जिश्म को उसकी जरूरत नहीं महसूस हुई थी, क्योंकी उसका दिमाग पूरी तरह से पूजा-पाठ में लगा हुआ था। मगर 10 दिनों के बाद धीरे-धीरे खुद रातों को उसकी चूत गीली हो जाती थी और वह सपने आने लगे थे। अक्सर रातों को उठकर उसको पैंटी चेंज करना पड़ता था, बीच रात को कभी नहाना पड़ता था साफ रहने के लिए।

अब 35वें दिन जब पंडितजी अपना पूजा पाठ कर रहे थे, नेहा हर रोज की तरह वहीं उनके सामने बैठी हुई थी, वो अपनी सफेद साड़ी में थी, पल्लू सर के ऊपर, फिर भी उसकी कमर दिख रही थी और ब्लाउज़ तंग थी जिसमें से उसकी चूचियां का आकार साफ नजर आ रहा था।

पंडितजी भी तो इंसान ही हैं, वो तो पहले दिन से ही नेहा को घूरता आ रहा था और इस दिन को कुछ ज्यादा ही घूर रहा था नेहा के जिश्म को, मगर जब नेहा उसकी तरफ नहीं देख रही होती थी तब, यानी चोरी छुपे वो नेहा को देखा करता था। एक बार ऐसे ही, कुछ दिन पहले की बात है, जब नेहा ने पंडित को कुछ सर्व किया था तो उसका पल्लू गिर गया थी और पंडित ने नेहा की क्लीवेज को झाँका था और वहाँ से नजरें नहीं हटाया था

और नेहा ने उसकी नजरों को अपनी क्लीवेज पर अच्छी तरह से देखा था उस दिन। यह कुछ दिन पहले हुआ
था।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
अब 35वें दिन जब पंडितजी अपना पूजा पाठ कर रहे थे, नेहा हर रोज की तरह वहीं उनके सामने बैठी हुई थी, वो अपनी सफेद साड़ी में थी, पल्लू सर के ऊपर, फिर भी उसकी कमर दिख रही थी और ब्लाउज़ तंग थी जिसमें से उसकी चूचियां का आकार साफ नजर आ रहा था।

पंडितजी भी तो इंसान ही हैं, वो तो पहले दिन से ही नेहा को घूरता आ रहा था और इस दिन को कुछ ज्यादा ही घूर रहा था नेहा के जिश्म को, मगर जब नेहा उसकी तरफ नहीं देख रही होती थी तब, यानी चोरी छुपे वो नेहा को देखा करता था। एक बार ऐसे ही, कुछ दिन पहले की बात है, जब नेहा ने पंडित को कुछ सर्व किया था तो उसका पल्लू गिर गया थी और पंडित ने नेहा की क्लीवेज को झाँका था और वहाँ से नजरें नहीं हटाया था

और नेहा ने उसकी नजरों को अपनी क्लीवेज पर अच्छी तरह से देखा था उस दिन। यह कुछ दिन पहले हुआ
था।

आज 35वें दिन को, पंडितजी अपनी धोती पहने, पैरों को क्रास करके योगा वाले पोजीशन में बैठे थे, और उसके सामने नेहा सर झुकाए बैठी थी कि अचानक नेहा की नजरें पंडित की जांघों पर पड़ी जो गोरी थीं और बाल भरे हुए थे जांघों पर उसके। नेहा के जिश्म में कुछ हुआ। उसकी रीढ़ की हड्डियों में एक मस्ती हुई पंडित की जांघों को देखकर। तब नेहा ने अपनी नजरों को वहीं थोड़ा और दौड़ाया तो पंडित के लण्ड को उसकी धोती के नीचे खड़ा हुआ पाया। वो देखकर नेहा ने तुरंत नजरें उठाकर पंडित के चेहरे में देखा तो वो नेहा के जिश्म को ही देख रहा था।

नेहा ने खुद से पूछा- “क्या वो मुझको देखकर खड़ा हुआ है या उसका नार्मल है वैसा?" नेहा समझ नहीं पाई।

अब नेहा तकरीबन 19 साल की हो गई थी और मर्दो की पहचान थी उसे। फिर भी अभी पंडितजी को लेकर कन्फ्यू ज्ड थी। और अब उसको उससे एक जरूरी बात करनी थी तो और भी कन्फ्यू ज्ड हो गई थी। सोच रही थी कि उससे वो बात करे या नहीं? शुरू से नेहा ने पंडितजी पर बहुत भरोसा किया हुआ था पर अब जब उसने यह सब देखा तो आगे बात करने के लिए हिचकिचाने लगी।

हर रोज पूजा खतम होने के बाद नेहा उसको भोजन सर्व करती थी। हर रोज पंडित लंच करने के बाद वापस चला जाता था। पिछले कुछ दिनों से हर रोज भोजन देते वक्त नेहा पंडितजी को सर्व करती थी और पंडित एक चटाई पर जमीन पर बैठता था, तो नेहा को झुक कर उसे सर्व करना पड़ता था। पंडित हर बार नेहा के जिश्म को निहारता था और कई बार तो नेहा की पल्लू सरक जाती थी झुकने की वजह से और क्लीवेज तो बहुत ही दिखते थे पंडितजी को। बल्की पंडित उस मौके के इंतेजार में रहता था हर रोज कि नेहा की पल्लू गिरे और उसको वो नजारा देखने को मिले।

अब नेहा वहीं बैठे-बैठे पिछले 34 दिनों को सोच रही थी जिन-जिन दिनों को वो वैसे पंडित को सर्व करती थी, किस-किस दिन उसकी पल्लू गिरी थी और अब नेहा फ्लैशबैक में उसकी नजरों को पहचान रही थी कि वो उसकी क्लीवेज को झाँक रहे थे उन दिनों।

तो नेहा ने ये सब सोचते हुए एक गहरी साँस लिया, जिसको सुनकर पंडित ने पूजा रोकते हुए पूछा- “क्या बात है बिटिया? तबीयत ठीक नहीं है क्या?"

नेहा हकबका गई और हकलाते हुए बोली- “जीई... ऐसी कोई ब्-ब-बात नहीं.."

पंडित ने नेहा को जाकर आराम करने को कहा, अगर उसकी तबीयत ठीक नहीं है तो।

पर नेहा ने कहा- “नहीं, वो ठीक है, वहीं रहेगी.."

पंडित बोला- "फिकर मत करो, तुमने इतने दिनों तक धीरज रखा अब बस 5 दिन और बाकी हैं सब सफल होगा। तब तुम बिल्कुल आजाद हो जाओगी बिटिया..”

तब एक और गहरी साँस लेकर आहे भरते हुए नेहा ने कहा- “पंडितजी, मुझे आपसे एक बहुत खास बात करनी है। बल्की आपको एक जरूरी बात बतानी है और आपसे सलाह चाहिए उस बारे में..."

पंडित- “हाँ बिटिया बोलो, मैं जरूर सलाह दूंगा, बोलो क्या बात है?"

नेहा- “मगर पंडितजी यह एक परिवारिक बात है और मैं आपसे वचन चाहती हूँ कि आप इस बात को किसी को
भी नहीं बताएंगे.."

पंडित- “फिकर मत करो बेटा, हम पंडित लोगों को बहुत सारे परिवार के प्रॉब्लम्स के बारे में पता होता है, हम कभी किसी की घरेलू बातों को किसी और को नहीं बताते हैं। भगवान हमको देखता है इसलिए हम किसी के राज को नहीं बताते..."
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
नेहा के पशीने छूट पड़े, चेहरा लाल हो गया, उसने एक और लंबी साँस लिया और बोलने ही जा रही थी कि पंडित ने कहा- “फिकर मत करो बिटिया, अगर अभी नहीं तो फिर किसी और दिन बता देना जो बताना है..."

नेहा ने जवाब दिया- “नहीं, मैं अभी आज ही कहूँगी, आप पूजा खतम कर लीजिए फिर बताती हूँ.."

दस मिनट बाद पंडित ने पूजा खतम किया, और कुछ देर बाद नेहा से कहा- “हाँ अब बोलो बिटिया, क्या बात परेशान कर रही है तुम्हें? बताओ। मैं तुन्महरी मदद करने की पूरी कोशिश करूँगा..."

नेहा का गला सूख गया बात करने से पहले। उसका पल्लू जो गिर रहा था नेहा ने उसे सर पर ओढ़ा और छाती को भी टॅका, क्योंकी उसकी सफेद ब्लाउज़ उसके अंदर पहनी हुई ब्लैक ब्रा को छुपा नहीं सकती थी। ब्लैक ब्रा
और उसके स्ट्रैप्स सब सफेद ब्लाउज़ में दिख रहे थे और उसका गोरा जिश्म भी सफेद ब्लाउज़ में उस ब्लैक ब्रा से कंट्रास्ट करते हये उसके जिश्म को और भी खबसरत दिखा रहा था। पंडितजी वो सब देख रहे थे और उसकी गोरी कमर, जो डकी नहीं थी, वो तो साफ नजर आ रही थी। वो नेहा के बात इंतजार कर रहा था उसके चेहरे में देखते हुए। नेहा अपने थूक निगल रही थी जिससे उसकी गले की मसल्स हिली तो पंडित समझ गया कि कोई बहुत ही गंभीर बात है जो नेहा को कहनी है। पंडित ने फिर से नेहा को बेफिकर होकर बात बताने को कहा।

मगर नेहा की नजरें फिर से पंडित की धोती पर गईं और उसके खड़े लण्ड को देखा फिर भी उसने सोचा कि बात तो करनी ही है उससे। वो फिर हिचकिचाई मगर बात करना शुरू किया नेहा ने।

नेहा- “पंडितजी मैं प्रेग्नेंट हूँ..'

पंडित- “तो इसमें कौन सी प्राब्लम है बिटिया, बधाई हो..."

नेहा- “मगर पंडितजी, होने वाला बच्चा मेरे पति का नहीं है.."

पंडित- “ओहह... तो फिर किसका है बच्चा?"

नेहा- “यही बात बताने में मुझे शर्म और हिचकिचाहट हो रही है पंडितजी कैसे कहूँ?"

पंडित- “फिकर मत करो तुम, बात मेरे और तुम्हारे बीच रहेगी, मैं कभी भी किसी को नहीं बताऊँगा। दुनियां को यही पता चलेगा कि तुम अपने पति के बच्चे से प्रेग्नेंट हो, सिर्फ तुमको पता है कि यह उसकी औलाद नहीं, इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है। कितने महीनों से गर्भवती हो बेटी? वैसे बिल्कुल नहीं दिख रहा है की प्रेग्नेंट हो, तुम्हारा पेट तो बिल्कुल चिपका हुआ है, देखू तो, क्या शुरुवात है अभी?"

नेहा- “दो महीने हो गये हैं पंडितजी..."

पंडित- “दो महीने, इसीलिए कुछ नजर नहीं आ रहा, अच्छा, बताओ पिता कौन है?" पंडित का लण्ड और भी जमके खड़ा हो गया यह सोचकर कि उसने किसी और के साथ सेक्स किया है और किसी और के लिए प्रेग्नेंट है। उसने सोचा क्या उसको भी नेहा मिल सकती है क्या? उसका लण्ड जैसे धोती से बाहर निकलने को मचल रहा था उस वक्त।

नेहा भी रह-रहकर उसकी धोती के ऊपर ठीक वहीं देख रही थी। फिर नेहा सोचने लगी कि जब पंडित को वो बता देगी कि किसने उसको प्रेग्नेंट किया है तो पंडित भी अपना हिस्सा चाहेगा नेहा से।

पंडित ने नेहा को दिलाशा दिलाते हुए कहा- “इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, बस अब बाताओ की किसने उसको प्रेग्नेंट किया?"

नेहा ने कहा- “पंडितजी, आप नाराज नहीं होंगे जो मैं कहने जा रही हूँ अगर वो एक पाप हआ तो..."

पंडितजी बोला- “अरे नहीं, पाप कैसे हो सकता है भला... भगवान एक नया जीवन दे रहा है तुम्हारी कोख में तो पाप कैसे होगा? ऊपर वाला जीवन देने वाला है, उसका क्या है तो वो जब ऊपर बैठा एक नया जीवन दे रहा है तुम्हारे अंदर तो क्या ऊपर वाला कोई पाप करता है भला... बिल्कल पाप नहीं है
नेहा बोली- “वो इस बच्चे के पिता मेरे ससुर हैं...” फिर नेहा ने बताया कि सिर्फ दो महीने की प्रेग्नेन्सी है, उसका पेट बिल्कुल नार्मल दिख रहा था, सपाट था अब भी। नेहा बिल्कुल नार्मल दिख रही थी, बिल्कुल कोई नहीं कहता कि वो पेट से है।
Reply
03-04-2021, 10:25 AM,
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
पंडितजी बोला- “अरे नहीं, पाप कैसे हो सकता है भला... भगवान एक नया जीवन दे रहा है तुम्हारी कोख में तो पाप कैसे होगा? ऊपर वाला जीवन देने वाला है, उसका क्या है तो वो जब ऊपर बैठा एक नया जीवन दे रहा है तुम्हारे अंदर तो क्या ऊपर वाला कोई पाप करता है भला... बिल्कल पाप नहीं है
नेहा बोली- “वो इस बच्चे के पिता मेरे ससुर हैं...” फिर नेहा ने बताया कि सिर्फ दो महीने की प्रेग्नेन्सी है, उसका पेट बिल्कुल नार्मल दिख रहा था, सपाट था अब भी। नेहा बिल्कुल नार्मल दिख रही थी, बिल्कुल कोई नहीं कहता कि वो पेट से है।

पंडित को पहले से शक था कि घर में ही किसी ने उसके साथ शारीरिक संबंध रखे होंगे मगर ससुर को नहीं
सोचा था उसने। अंदर-अंदर पंडित थोड़ा बहुत खुश हो रहा था कि अगर अपने बूढ़े ससुर के साथ नेहा ने संभोग किया है तो उसको भी चान्स मिल सकता है शायद। पंडित सोचने लगा कि उसको यह सब पहले क्यों पता नहीं चला? सिर्फ 5 दिन रह गये उसको इस घर में आने के लिए तब यह सब पता चल रहा है। इतने दिनों पहले से पता चला होता तो उसको और भी बहुत से मौके मिलते नेहा के साथ वक्त बिताने को, इस हसीन 19 साल की बहू के साथ। उसने मुश्कुराते हुए नेहा के हाथ को अपने हाथ में लेकर थपथपाते हुए कहा- “तुम बिल्कुल फिकर मत करो बिटिया मैं इस बात को किसी को भी नहीं बताऊँगा कभी, अब चलो मुझे बताओ यह सब कैसे हुआ भला?" पंडित नेहा के और ज्यादा करीब बैठ गया।

उस वक्त दोनों नीचे जमीन पर एक चटाई पर बैठे हुए थे बात करते हुए। और नेहा से बात करते वक्त पंडित के घटने नेहा की टाँग से टकरा रहे थे और पंडित का जमके खड़ा हो गया तब तब तक।

नेहा ने पंडित को समझाया कि उसका पती कुछ नहीं कर पाता था इसलिए ससुर ने वो सब किया जो बेटे को
सको अपना वंश आगे बढाना था तो नेहा की आदत हो गई थी ससर के साथ सब कुछ करने की। नेहा ने यह नहीं बताया कि वो ये सब पसंद करती थी और उसके देवर और दूसरे लोगों के साथ भी वो सेक्स करती थी। नेहा ने कुछ ऐसे बयान किया कि ऐसा लगे कि मजबूरन उसको वो सब करना पड़ा था ससुर के साथ। नेहा ने यह भी बताया कि उसके ससुर की आखिरी ख्वाहिश थी कि वो अब अपने देवर के साथ शादी करे और वंश को आगे बढ़ाए।

बातचीत के दौरान पंडित का मन कर रहा था नेहा को वहीं पटक कर चोदे। पर वो 60 साल का बूढ़ा था और पीछले 11 साल से उसकी पत्नी की स्वर्गवास हो गया था, और पीछले 11 सालों में उसने किसी महिला से संभोग नहीं किया था, और अब एक 19 साल की जवान औरत जिसने अपने बूढ़े ससुर से चुदवाया है उसके सामने पड़ी हुई थी। इससे पंडित एक अजीब दुविधा में पड़ गया कि आगे कैसे बढ़े नेहा के साथ?

इश्तेमाल करना था पंडितजी को और होशियार तो था ही तो कैसे अब 60 साल की उम्र क्या करता है चलो देखते हैं।

धीरे-धीरे बात करते वक्त पंडित ने नेहा का हाथ थामे हुए अपनी गोद पर रख लिया था, अपनी धोती पर, बल्की अपनी जाँघ पर नेहा के हाथ को दबाया हुआ था पंडित ने उस वक्त। और वैसे ही बातें करते हुए जैसे नेहा को दिलाश देते हुए वो हाथ को अपने लण्ड के करीब ले जा रहा था। बातों में डूबी हुई नेहा ने कुछ खयाल नहीं किया था उस वक़्त। जब नेहा ने बात कर लिया तब उसने नोटिस किया कि उसका हाथ पंडित के लण्ड के बहुत पास है। तो नेहा अपने हाथ को खींचना चाह रही थी।

मगर पंडितजी ने उसे अपने हाथ में जोर से जकड़ा हुआ था और वो बोला- “तुम्हारे देवर के साथ शादी वाली बात में कोई आपत्ति नहीं है, मैं खुद उसके साथ तुम्हारी शादी करा दूंगा। परंतु मुझे कुछ और विस्तार में बताओ ना बेटी, क्या तुम अपने ससुर के साथ सोती थी हर रात को और क्या तुम्हारे पति को पता था कि तुम उसके पिता के बिस्तर पर सो रही हो उसके साथ?"

नेहा- “जी पंडितजी, पति को सब मालूम था, और मैं हर रात को अपने ससुर के कमरे में जाती थी और सुबह तक उसी के साथ सोती थी...”

पंडित- “और तुमको सब बहुत अच्छा लगता था या ससुर तुमसे जबरदस्ती करता था बिटिया?"

नेहा- “शुरू में मैं हिचकिचा रही थी मगर धीरे-धीरे आदत हो गई और मुझको अच्छा लगने लगा। वो घर में मेरे पति जैसे थे.."

तब तक तो पंडित ने नेहा के हाथ को अपने कड़क लण्ड पर दबा लिया और नेहा ने उसको अच्छी तरह से महसूस किया। तो तुरंत नेहा ने अपना हाथ खींचते हुए कहा- "पंडितजी, यह आप क्या कर रहे हो?"

मुश्कुराते हुए पंडितजी बोले- “अरे बिटिया, मैं भी तो तुम्हारे ससुर के जैसा ही हूँ। मैं भी तो इंसान हूँ और मेरी भी तो फीलिंग्स हैं ना बेटा, जिस दिन से पहली बार इस घर में आना शुरू किया हूँ तभी से तुमको बहुत ही । खूबसूरत और सेक्सी देखा मैंने, और अब जबकि तुमने इतना कुछ बता ही दिया मुझे तो अरमान और भी मचल उठे हैं, मुझे साफ लगता है कि तुम्ही वो हो जो मेरी 11 साल की प्यास को बुझा सकती हो। देखो बेटा, मैं 11 साल से अपनी पत्नी खो चुका हूँ और पिछले 11 सालों में मैंने आज तक किसी भी औरत के तरफ नहीं देखा, न ही आज तक संभोग किया, तो आज मालिक ने मुझे या तुझे मेरे पास दे दिया तो कैसे मैं ऐसे सुनहरे मौके को हाथ से जाने दूं? तुम्हीं बताओ भला, मेरी रानी बिटिया.."

नेहा अपने हाथ को उसके हाथ से खींचते हए खड़ी हो गई। पंडित तेज कदमों से नेहा के पीछे गया जब नेहा अपने कमरे के तरफ जाने लगी वहाँ से उठकर। पंडित ने नेहा को पीछे से पकड़ा और इस बार उसका लण्ड सीधे नेहा की गाण्ड पर रगड़ने लगे। और वैसे ही खड़े पोजीशन में पंडित ने अपनी कमर हिलाते हुए लण्ड को नेहा की गाण्ड पर रगड़ता गया जैसे उसको चोद ही रहा था।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,518,761 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,299 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,239,467 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,089 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,663,775 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,089,808 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,965,693 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,103,393 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,050,866 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,554 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)