Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
12-09-2018, 01:49 PM,
#41
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
मेडम ने कहा ठीक है फिर ये पैक कर दो कल यही पहनूँगी पार्टी में। फिर मैं ने मेडम से पूछा कि मेडम और कौन आ रहा है पार्टी में ?? मेडम ने कहा कोई खास लोग नहीं, बस मैं और मेरी 2, 3 दोस्त होंगी उनके पति होंगे और तुम होगे। कुल मिलाकर 6 से 7 लोग ही होंगे। मैंने कहा ठीक है मेडम में पहुंच जाऊंगा। मैं ने मेडम से पार्टी का समय पूछा और मेडम को शर्ट शॉपिंग बैग में डाल दी और मेडम मुझे आने की ताकीद कर दुकान से चली गईं। वास्तव में मेरा कोई इरादा नहीं था पार्टी में जाने का,दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं लेकिन जब मेडम ने शर्ट खरीद ली जो निश्चित रूप से ब्रा नीचे नहीं पहनी जा सकती थी तो मुझे यकीन हो गया कि मेडम साड़ी के साथ यही शर्ट पहनेंगी, इसलिए अब मेरा दिल करने लगा था कि लैला मेडम को साड़ी के साथ यह शर्ट पहने देखूं कि वह कैसी लगती हैं। मुझे पूरा विश्वास था कि मेडम इस शर्ट को पहनकर बहुत सेक्सी लगेंगी। इसीलिए मैंने पार्टी में जाने की ठान ली थी। अगले दिन दोपहर को जब भोजन का समय होता है और दुकान बंद करके थोड़ा आराम लेता हूँ तब मैंने दुकान बंद की और घर चला गया, घर जाकर मैंने अपनी पसंदीदा रंग की शर्ट निकाली जिस बहुत ही कम पहनता था उसको इस्त्री करके अच्छी तरह नहाया और अंडर वेअर पॅंट पहन कर वापस दुकान पर आ गया। अंडर वेअर मैंने विशेष रूप से पहना था हालांकि मुझे अंडर वेअर मे बहुत उलझन होती है और यह पहनना पसंद नही करता मगर मुझे डर था कि मेडम को इतने सेक्सी पोशाक में देखकर मेरा लोड़ा बहुत स्पष्ट रूप से खड़ा दिखेगा इसलिए उसे बांधकर रखना जरूरी था। 
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अब मैं उत्सुकता से रात 8 बजने का इंतजार कर रहा था क्योंकि मुझे रिक्शा में जाना था और मेडम के घर जाते जाते कोई 20 से 30 मिनट का समय आवश्यक था और 9 बजे पार्टी का समय था। इस दौरान कुछ ग्राहक भी आईं दुकान पर और मेरा बदला हुआ हुलिया देखकर हैरान भी हुईं। क्योंकि पहले वह मुझे सलवार कमीज में एक दो बारी देख चुकी थीं। दुकान बंद करते करते मुझे थोड़ी सी देर हो गई क्योंकि 8 बजे भी एक ग्राहक अपने लिए ब्रा खरीदने के लिए आई हुई थी जो ट्राई रूम में जाकर ब्रा पहनकर जाँच भी कर रही थी। मेरा लोड़ा काफी देर से सख्त हो रहा था क्योंकि मुझे मेडम को सेक्सी पोशाक में देखने की जल्दी थी। इसीलिए लोड़े की दृढ़ता ने मुझे मजबूर किया कि ट्राई रूम का कैमरा ऑन कर के उस औरत का हुस्न देख लूँ। इसलिए मैंने पहली बार अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाते हुए मात्र ग्राहक का शरीर देखने के लिए कैमरा ऑन कर लिया। उफ़ क्या नज़ारा था, इस औरत का शरीर बहुत ही सुंदर था, 28 साल की उम्र और पेट नगण्य। 36 के गोरे गोरे कसे हुए मम्मे क़यामत ढा रहे थे। उसके मम्मों पर नज़र पड़ते ही मेरा हाथ अपनी पैंट पर चला गया जहां मेरे लोड़े की दृढ़ता अब चरम पर पहुंच चुकी थी 

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महिला ने अब मेरा दिया हुआ ब्रा पहना और उसको प्रत्येक एंगल से शीशे में देखने लगी। उसकी फिटिंग से संतुष्ट होकर वह फिर मेरी ब्रा की हुक खोलनी शुरू की तो मैंने एक बार फिर बूब्स का नज़ारा करने के लिए अपनी आँखें स्क्रीन पर गढ़ा लीं फिर उसने अपना ब्रा उतारा तो उसके मम्मे ब्रा की कैद से मुक्त होकर जेली की तरह हिलने लगे और मेरे लोड़े की कठोरता में और वृद्धि करने लगे। फिर उस स्त्री ने अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से पकड़ लिया और शीशे में उनके आकार का निरीक्षण करने लगी। दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं कुछ देर वह अकारण ही शीशे में अपने मम्मों की बनावट को देखती रही और फिर वह फिर से अपना पहले वाला ब्रा पहन लिया और ऊपर से कमीज पहन कर बाहर आ गई तो मैंने भी तुरंत ही ट्राई रूम का कैमरा बंद कर दिया। इसने मुझे ब्रा शॉपिंग बैग में डालने को कहा और अपने पर्स से पैसे निकालने लगी जबकि मेरी नज़रें उसके सीने पर जमी हुई थीं। उसके मम्मों की सुंदरता देख अब जी कर रहा था कि मैं अभी उसके मम्मों को हाथ में पकड़ कर उनकी सहजता और बनावट की जाँच करू, मगर अफसोस कि ऐसा न हो सका और वह स्त्री पैसे देकर चलती बनी। कुछ देर उस औरत की याद मे अपने लोड़े को सहलाता रहा फिर अचानक ही मुझे लैला मेडम की पार्टी याद आई तो मैंने अपना कैश गिना और उसे अपने गुप्त दराज में रख कर दुकान बंद कर दी। 
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मेरी साथ वाली दुकान के दुकानदारों ने मुझे उस समय दुकान बंद करते देखा और पेंट शर्ट पहने देखा तो वह भी हंसने लगे और बोले वाह सलमान साहब, आज तो बाबू बन गए हो तुम भी कहाँ की तैयारियां हैं ??? मैंने उन्हें बताया बस एक दोस्त की शादी है उसकी शादी में शिरकत करनी है तो सोचा थोड़ा बन ठन कर जाऊं क्या पता कोई लड़की फिदा होजाए आपके भाई पर। मेरी इस बात पर वह दुकानदार भी हंसने लगे और फिर अपने कामों में व्यस्त हो गए, मैंने दुकान बंद की और फ्लाई के नीचे से होता हुआ दूसरी ओर चला गया, वहाँ से एक ऑटो रिक्शा वाले को पकड़कर मेडम के घर का पता समझाया और मेडम के घर की ओर रवाना हो गया। घर पहुंच कर मैंने अपने मोबाइल पर समय देखा तो करीब 9 बजकर 20 मिनट हो रहे थे। में डरते डरते मेडम के घर के दरवाजे के सामने पहुंचा तो चौकीदार ने मुझे अंदर जाने की अनुमति दे दी, वह मुझे पहचानता था और मेडम ने भी उसे मेरे आने की सूचना दी होगी तभी उसने कहा कि आप जाएं अतिथि आपका ही इंतजार कर रहे हैं।

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मैं डरते डरते अंदर जाने लगा। एक अनजाना सा डर मेरे दिल में था कि कहीं मुझे इस तरह पेंट शर्ट में देख मेडम हंसी ही न शुरू कर दें और एक डर यह भी था कि मेडम की फ्रेंड्स और उनके पति तो खाते पीते परिवारों से होंगे उनकी ड्रेसिंग और मेरी ड्रेसिंग में बहुत अंतर होगा, कहीं वह मेरी बेइज्जती ही न कर दें। दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैंऔर फिर एक अनजाना सा डर भी था कि जो कुछ देखने यहाँ आया हूँ वह देख भी पाउन्गा या नहीं। यानी मेडम इस ब्रा नाइट के साथ वाली शर्ट साड़ी के साथ पहने देखना नसीब होगा या फिर मेडम कोई और ब्लाऊज़ पहनें होंगी जिससे उनका सारा शरीर कवर हुआ हो। बहरहाल डरता डरता अंदर पहुंचा और मुख्य हॉल का दरवाजा खोला तो अंदर पूरा सन्नाटा था,


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12-09-2018, 01:50 PM,
#42
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
यहां से अब मैं लैला मेडम के कमरे की ओर बढ़ने लगा तो भी मुझे किसी व्यक्ति की आवाज सुनाई नहीं दी। ऐसे लग रहा था जैसे घर में कोई मौजूद नहीं। मगर जैसे ही मैं लैला मेडम के दरवाजे के पास पहुंचा तो मुझे अंदर से कुछ आवाजें सुनाई देना शुरू हुईं। यह किसी लड़की की आवाज़ थी मगर ये लैला मैम की आवाज कभी नहीं थी। मैंने हल्के से दरवाजे पर नॉक किया तो अंदर से लैला मैम की आवाज़ आई कम इन। मैंने दरवाजे के हैंडल को घुमाया और दरवाजे को अंदर की तरफ धकेला तो दरवाजा खुलता चला गया। अंदर पहले मेरी नज़र लैला मैम के पति पर पड़ी जो बिस्तर पर लेटे थे और दरवाजे की तरफ ही देख रहे थे। उनको देखकर मैं सीधा उनकी तरफ बढ़ा और उनसे हाथ मिलाकर उन्हें सलाम किया और शादी की सालगिरह की मुबारकबाद दी जिस पर वह भी मुस्कुराए और मेरे पार्टी में आने पर मुझे धन्यवाद दिया। तो मैंने सामने खड़ी महिलाओं को देखा जिनमें एक तो लैला मेडम थीं और मेरा सौभाग्य कि लैला मैम ने काले रंग की साड़ी के साथ मेरी दी हुई शॉर्ट शर्ट पहन रखी थी, उफ़ क्या लग रही थी लैला मैम। बहुत ही हसीन और आकर्षक ... 
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मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे सामने कोई बॉलीवुड की हीरोइन खड़ी है जो छोटा सा ब्लाऊज़ पहन रखा है जिसमें से उसकी क्लीवेज़ भी बहुत स्पष्ट दिख रही थी और पेट भी काफी हद तक नजर आ रहा था मगर यह बॉलीवुड की हीरोइन नहीं बल्कि लैला मैम ही थीं। मैंने कुछ ही क्षणों में उनके शरीर का अच्छी तरह पूर्वावलोकन करके उन्हें भी नमस्कार किया और उन्हें बधाई दी। फिर वहां मौजूद बाकी दो महिलाओं की भी समीक्षा की, वह भी किसी उच्च परिवार से लग रही थीं और उनके कपड़े भी कुछ कम सेक्सी नहीं थे उनके साथ 2 पुरुष हज़रात भी खड़े थे। मैंने आगे बढ़कर उन्हें भी सलाम किया और बाकी दो महिलाओं को भी कुछ दूरी से ही अभिवादन किया। सबसे मिल लेने के बाद लैला मैम ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे बाकी मौजूद मेहमानों से मिलवाने लगीं। पहले मैम ने मेरा परिचय करवाया और मुझे आश्चर्य हुआ जब मैम ने उन्हें यह बताया कि यह सलमान साहब हैं हमारे दूर के रिश्तेदार हैं और इन्होने हमारे कठिन समय में हमारा बहुत साथ दिया है। मुझे लैला मैम की इस बात पर बहुत आश्चर्य हुआ और मैंने हैरानगी से पहले लैला मैम की तरफ देखा और फिर उनके पति की तरफ मगर उनके चेहरे पर खुशी के भाव थे और उन्होंने मुझे आँख मार कर चुप रहने का संकेत भी दे दिया। फिर मेरा ध्यान लैला मैम की तरफ हो गया जो इस समय मेरे बिल्कुल करीब थी उनका एक हाथ मेरे कंधे पर था और उनके शरीर से बहुत ही अच्छी और चकित कर देने वाली खुशबू आ रही थी। कोई बहुत अच्छा इत्र मैम ने लगा रखा था। फिर मेम ने अपनी फ्रेंड्स का परिचय करवाया। 
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एक नाम आयलह था और दूसरी का नाम महरीन। महरीन ने पेंट शर्ट पहन रखी थी। उसकी शर्ट और पेंट दोनों ही काफी टाइट थी। शर्ट में उसके 36 आकार के मम्मे काफी सेक्सी लग रहे थे। और पेंट में उसकी 34 इंच की गाण्ड कयामत ढा रही थी। जबकि आयलह जो दिखने में 28 साल की थी और लैला मैम से उम्र में भी कम ही लग रही थी उसने एक टाइट पाजामा पहन रखा था जिसमें उसकी मोटी मोटी सुंदर जांघें बहुत ही सेक्सी लग रही थी और शरीर पर एक टाइट कुरती थी जिस मे उसके 34 आकार के मम्मे क़यामत ढा रहे थे। उसके बाद लैला मैम ने महरीन और आयलह के पति से भी परिचय करवाया वह भी अच्छी ब्रांडेड सूट पहने हुए थे जिनके सामने मेरी पेंट शर्ट बहुत ही सस्ती और आम से लोकल ब्रांड की थी। फिर मैम ने कहा चलो अब जल्दी से केक काट लेते हैं। यह कह कर लैला मैम कमरे से निकली और मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया। लैला मैम अब मेरे आगे चलने लगी तो पहली बार मेरी नज़र लैला मैम की कमर पर पड़ी। साड़ी का काला बारीक पल्लू लैला मैम के कंधे से होता हुआ कमर से आ रहा था मगर लैला मैम ने पल्लू से अपनी कमर कवर बिल्कुल भी कोशिश नहीं की थी पल्लू इकट्ठा होकर लीला मैम हाथ के साथ ही लहरा रहा था, जबकि उनकी शर्ट के 3 स्ट्रिप्स लैला मैम की बल खाती पतली कमर पर बहुत प्यारी लग रही थी। लैला मैम ने साड़ी भी बहुत नीचे बांधी थी, उनकी कमर को देखकर अंदाजा हो रहा था कि उनकी साड़ी चूतड़ों की लाइन से कुछ सेंटीमीटर ही ऊपर होगी। सामने से उसका सही आकलन नहीं हो पाया था क्योंकि साड़ी का पल्लू सामने मौजूद था।

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लैला मैम ने अपने किचन में प्रवेश किया और मुझे एक ट्रे उठाने को कहा इसमें कई प्लेट और चम्मच आदि रखे थे। इस ट्रे को उठाकर बाहर निकलने लगा तो मैम ने कहा अरे नहीं वहाँ नहीं इस ट्राली में रखो उसे। मैंने साथ मौजूद एक नई शैली की ट्राली में वह ट्रे रख दिया, फिर मेम ने फ्रिज खोला और उसमें से एक केक उठाकर उसी ट्राली पर रख दिया। फिर मेम ने मुझे ऊपर अलमारी में से कुछ अधिक छोटे बर्तन निकालने को कहा जिसमें कांच और बावली आदि थे, वह उठाकर मैंने वापस उसी ट्राली में रख दिए तो मेम वह ट्राली पकड़ वापस कमरे की तरफ जाने लगी और मुझे भी आगे चलने का इशारा किया, लेकिन मैं साइड पर हट कर मैम को आगे जाने दिया ताकि मैं पीछे से उनकी गोरी बल खाती लचकाती कमर का नज़ारा कर सकूँ। बहुत ही सुंदर नजारा था यह। 
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12-09-2018, 01:50 PM,
#43
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
कमरे में पहुंचकर लैला मैम ने कमरे की रोशनी बंद कर दी और ट्रॉली को अपने पति के पास रख दिया और फिर केक पर मोमबत्तियां जला कर लगाने लगीं। कुछ ही देर बाद जब सारी मोमबत्तियाँ केक पर लग गईं तो मेम अपने पति के साथ बेड पर बैठ गईं और उनका हाथ पकड़कर चाकू केक पर रखा और केक काटा। जिस पर महरीन और आयलह और उनके पति हैप्पी बर्थडे टू यू डीयर लैला कहने लगे, उनके साथ मैंने भी तालियां बजाते हुए मैम को हैप्पी बर्थ डे गाया। फिर मेम ने केक काटा और थोड़ा केक अपने पति को खिलाया। फिर वही केक काबचा हुआ टुकड़ा उनके पति ने पकड़कर लैला मैम को खिलाया और फिर प्यार से उनके माथे पर एक प्यार भरा चुंबन दिया। फिर उन्होने ने पूछा हमजा कहां है? हमजा मैम का इकलौता बेटा है जिसकी उम्र इस समय लगभग 5 से 6 साल के बीच थी। मैम ने बताया कि उसने सुबह स्कूल जाना है इसलिए इसे पहले ही सुला दिया था। फिर मेम ने केक का एक बड़ा टुकड़ा काटा और बारी बारी सब को अपने हाथ से केक खिलाया। 
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मैं थोड़ा संकोच कर रहा था मगर मैम ने आगे बढ़ कर मेरे मुँह में भी केक डाला। फिर मेम ने बारी बारी सबको प्लेट में केक काट कर दिया और साथ मौजूद पेप्सी भी गिलासों में डाल दी। और अपने पति को मैम खुद अपने हाथों से केक खिलाती रहीं। केक खत्म कर मैम ने किचन में खाना लाकर हम सभी को खिलाया और खूब खातिर मदारत की। अब रात के करीब 10:30 चुके थे। मैं अब वापसी की सोच रहा था, मगर फिर मेम ने महरीन और आयलह को कहा कि चलो दूसरे कमरे में चल कर बैठते हैं उन्हे अब सोना है। यह कह कर मैम ने मुझे कहा कि चलो तुम भी आ जाओ मैंने कहा मैम काफी देर हो गई है अब चलता हूँ, मैम ने मेरी ओर हैरानी से देखा और बोलीं अरे अभी कहाँ अधिक समय हुआ है , अब तो मूल पार्टी शुरू होनी है और तुम जाने की बात कर रहे हो। रुको अब चले जाना। यह कह कर मैम ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने साथ दूसरे कमरे में ले गईं। वहं जाकर सब लोग सोफे पर बैठ गए और कुछ देर एक दूसरे से बातें करते रहे। 

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इस दौरान मैंने भी अपने बारे में बताया और कहा कि मेरी शरीफ प्लाजा में दुकान है जहां ज्वेलरी और कॉस्मेटिक काम करता हूँ, मैम ने भी मेरे बारे में कहा कि अगर सलमान साहब वहां दुकान न बनाते तो शायद अब तक वो दुकान हमारे हाथ से निकल चुकी होती। फिर थोड़ी देर के बाद महरीन ने कहा अरे लैला यहाँ बैठकर हमें बोर करोगी या कोई डांस आदि का भी मूड है ?? लैला मैम ने कहा क्यों नहीं, मैं अब संगीत चलाती हूँ। यह कह कर मैम ने पास पड़ा म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया और उस पर डिस्को संगीत लगा दिए। संगीत ऑनलाइन होते ही महरीन और आयलह अपने अपने पतियों के साथ उस पर हल्का डांस करना शुरू हो गईं और उनको देखकर लैला मैम ने भी धीरे धीरे अपने शरीर को इधर उधर घुमाना शुरू कर दिया और मुझे भी डांस करने को कहा। कमरे में ए सी चल रहा था मगर मेरे पसीने निकल रहे थे मैंने कभी इस तरह लड़कियों के बीच डांस नहीं किया था, तो अपने दोस्तों यारों में पंजाबी गानों पर उल्टा सीधा डांस कर लेता था जो अगर मैं इस पार्टी में करता तो लैला मैम को मुझे जूते मार कर निकाल देना था। मगर मरता क्या न करता मैंने भी अपने हाथ हवा में उठा एक दो स्टेप बार बार शुरू कर दिए, 

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मुझे देखकर मेम के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई, शायद वे समझ गईं थीं कि मुझे डांस करना नहीं आता, वह मेरे करीब आईं और बोलीं लगता है तुम्हें मजा नहीं आ रहा डांस करने में ... मैं चुप रहा फिर मेम ने संगीत बदल दिया और सल्लू रोमांटिक संगीत लगा दिया और कमरे की रोशनी बंद कर दी कमरे में अब म्यूजिक सिस्टम की रोशनी ही थीं जो सिर्फ इतनी थी कि एक दूसरे के चेहरे आसानी से देखे जा सकते थे। रोमांटिक संगीत शुरू होते ही महरीन और आयलह अपने पतियो के सीने से लगकर हौले हौले डांस करने लगीं जैसे अंग्रेजी फिल्मों में में किया जाता है। अब इस स्थिति में मेरा बस नहीं चल रहा था कि मैं यहाँ से भाग जाऊँ, मगर तभी लैला मैम ने ऐसी हरकत की जिसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। लैला मैम मेरे पास आई और अपना एक हाथ बहुत ही गंभीरता के साथ मेरे कंधे पर रख दिया और मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रखा और दूसरे हाथ से मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर हौले हौले डांस करने लगी। लैला मैम की कमर पर हाथ लगते ही मेरे पूरे शरीर में एक करंट दौड़ गया। और मेरा पूरा शरीर काँपने लगा मुझे ठंडे पसीने आने लगे। 
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मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि लैला मैम के शरीर को छू सकूंगा। मगर आज लैला मैम मेरे बहुत करीब थी और मेरा हाथ उनकी कोमल और नाजुक और मुलायम कमर पर था। लैला मैम के शरीर से आने वाली खुशबू मुझे पागल किए दे रही थी और ऊपर से मेडम लैला मेडम का चेहरा मेरे चेहरे के बहुत करीब था, लंबी कदकाठी होने की वजह से वह मेरे बिल्कुल बराबर थीं और उनकी साँसों की गर्मी मुझे अपने होंठों पर महसूस हो रही थी।
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12-09-2018, 01:50 PM,
#44
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
कुछ देर बीतने के बाद जब मैं थोड़ा रिलैक्स हो गया तो अब मैंने थोड़ा विश्वास दिखाते हुए मेडम की कमर पर मौजूद अपने हाथ कसकर मैम की कमर पर रखकर उन्हें थोड़ा सा अपने नज़दीक किया था जिससे अब उनकी जांघें डांस के दौरान मेरे पैरों से स्पर्श हो रही थीं और अगर मैंने अंडर वेअर न पहना होता तो मेरा लंड इस समय मैम के पैरों के बीच घुस चुका होता। मगर शुक्र है में अंडर वेअर पहन कर गया था। अब डांस करते हुए कुछ ही देर बीती थी कि महरीन के घर से कॉल आ गई। उसकी सास की तबीयत अचानक खराब हो गई थी जिसकी वजह से उसे तुरंत वापस घर बुलाया गया था। यह सुनकर महरीन और आयलह दोनों ही वापसी की तैयारी करने लगे क्योंकि दोनों एक ही कार में आई थीं। महरीन की अपनी कार थी जबकि आयलह और उसका पति महरीन के साथ ही आए थे। इस अचानक के लफडे से लैला मैम को थोड़ा अफसोस हुआ मगर इस मौके पर वह महरीन को रोक नहीं सकती थीं। अपना पर्स आदि उठाकर महरीन और आयलह विदा हो गईं और मैंने भी मैम से विदा चाही तो मैम ने कहा बस कुछ देर और रुक जाओ वरना मुझे बहुत बोरियत होगी। वे भी चले गए सब अब तुम भी चले जाओगे तो मेरी सारी रात खराब गुज़रेगी। कुछ कुछ मैम की बात को समझते हुए रुकने की हामी भर बैठा। 
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मैम ने फिर से वही रोमांटिक संगीत लगाया और फिर से मेरे साथ डांस करने लगीं। अब की बार मैंने बहुत विश्वास के साथ लैला मैम को उनकी कमर से थाम रखा था और उन्हें मजबूती के साथ अपने सीने से लगाया हुआ था और लैला मैम के 36 आकार के कसे हुए मम्मे मुझे अपने सीने पर लग रहे थे। लैला मैम की गर्म सांसें मेरे लबों को जला रही थीं और वह आंखें बंद किए मेरे साथ नृत्य में मगन थीं। कमरे की रोशनी पहले की तरह बंद थीं मगर इतनी रोशनी जरूर थी कि मुझे लैला मैम का सुंदर सरापा नज़र आ रहा था। उनके सुंदर गोरे बदन पर मेरी दुकान से लिया हुआ शॉर्ट ब्लाऊज़ कयामत ढा रहा था और इतनी नजदीक से उनकी सुंदर क्लीवेज़ साड़ी के पल्लू के नीचे से भी दिख रही थी। मेरी नजरें लैला मैम की क्लीवेज़ पर थीं और बहुत एकाग्रता से उनकी सुंदर क्लीवेज़ को घूर रहा था कि अचानक मुझे लैला मैम की आवाज सुनाई दी। वह मुझसे पूछ रही थी क्या देख रहे हो ??? उनके इस सवाल पर मैं बौखला-सा गया और कहा नहीं कुछ नहीं मैम, बस आपकी साड़ी बहुत सुंदर लग रही है। 
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मैम की आंखों में एक अजीब सा नशा था, वह बोलीं मेरी साड़ी सुंदर लग रही है या फिर यह जो ब्रा नुमा शर्ट जो मैं अपनी दुकान से लाई हूँ यह सुंदर लग रही है ??? इससे पहले कि मैं मैम की बात का कोई जवाब देता मैम ने फिर पूछा या फिर तुम्हें मेरा शरीर बहुत सुंदर लग रहा है ??? मैम की इस बात से तो मुझे 440 वोल्ट का झटका लग गया था। वह समझ गई थी कि मेरी नजर उनके शरीर की सुंदरता की समीक्षा कर रही थीं। मैं थोड़ा असहज सा हो गया और कहा नहीं मैम आप तो हैं ही खूबसूरत लेकिन इस छोटे ब्लाऊज़ में आपकी सुंदरता में और भी वृद्धि हो गई है। मेरी बात सुनकर मैम हल्का सा मुस्कुराई फिर एक दम से चाकचौबंद हो गईं, उनकी आँखों में जो नशा और उनींदापन था वह समाप्त हो गया और बोलीं अच्छा यह बताओ कि तुम देखना चाहते हैं मैं तुम्हारे दिए हुए ब्लाऊज़ में कैसी दिखती हूँ ???
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मैंने ना समझते हुए मैम को सवालिया नज़रों से देखा और कहा मैम वो तो मैं देख ही रहा हूँ कि आप बहुत सुंदर लग रही हैं। मैम ने कहा ऐसे नहीं, और फिर मेम ने जो किया वह मुझे बेहोश कर देने के लिए काफी था। मैम ने अचानक ही अपनी साड़ी का पल्लू अपने शरीर से हटा दिया और बोलीं अब बताओ अब कैसी लग रही हूँ ??? 
[Image: Nighty-for-Honeymoon-Models.jpg]
मेरे मुंह में तो जैसे ज़ुबान ही नहीं रही थी। मेडम का सेक्सी शरीर अब बहुत स्पष्ट मेरे सामने था, बेदाग साफ सीना, सुंदर क्लीवेज़, पेट नगण्य, सुंदर गहरी नाभि और उसके नीचे नाभि का हिस्सा क़यामत ढा रहा था। इससे पहले कि मैं कुछ बोलता मैम ने अपनी साड़ी का पल्लू अपने लहंगा जिसे पेटीकोट कहा जाता है इससे अलग कर लिया और उतार कर साइड में रख दिया। और फिर एक छोटी लाइट को भी ऑन कर दिया और फिर से मेरे सामने आकर साथ पड़े टेबल पर बैठकर हाथ पीछे टेबल पर रखकर पीछे की ओर झुक कर बोलीं अब देखो और बताओ मैं कैसी लग रही हूँ ??
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उफ़ ..... क्या क़यामत खेज दृश्य था यह। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है ... अगर लैला मेडम की जगह कोई और लड़की इस तरह की हरकत करती तो अब तक वह मेरे लंड के नीचे होती, लेकिन लैला मेडम को मैंने कभी इस नज़र से देखा ही नहीं था, उनके तो मेरे ऊपर अहसान थे और मैं भला कैसे उनके बारे कोई बुरी सोच ला सकता था, मगर इस समय मेरा धैर्य जवाब दे चुका था और लैला मैम का सुंदर सेक्सी शरीर और उनकी सुंदर गहरी क्लीवेज़ लाइन मुझे निमंत्रण दे रही थी कि आओ और मुझे चूम चूम कर धन्य कर दो। अब मैंने अपना आपा दुरुस्त किया और कुछ गहरी गहरी सांस लेकर अपनी सांसें सही कीं और लैला मैम के पास पहुँच कर उनके शरीर को देखते हुए कहा मैम अब क्या तारीफ करूं मैं आपके शरीर की? आप तो क़यामत ढा रही हैं। आपके शरीर में यह ब्लाऊज़ बहुत सुंदर लग रहा है, और मुझे ऐसे लग रहा है जैसे मैं किसी फिल्म का हीरो हूं और मेरी हीरोइन मेरे सामने खड़ी मुझसे लिपटने को बेताब है। यह सुनकर मैम बोलीं ओ हो तो महोदय खुद को हीरो समझ रहे हैं।

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यह कह कर मैम फिर से सीधी खड़ी हो गईं और मेरे करीब होकर फिर से मेरे कंधे पर हाथ रख लिया और मेरा दूसरा हाथ पकड़कर रोमांटिक संगीत पर डांस करने लगी। मैंने भी बिना समय जाया किए हाथ मैम की कमर पर रख दिया। मगर इस बार मेरा हाथ कमर पर बहुत नीचे मैम के चूतड़ों के करीब था। और आश्चर्यजनक रूप से मैम ने इस बात का कोई नोटिस नहीं लिया। कुछ देर इसी तरह डांस करने के बाद मैंने एकदम से मैम को घुमा दिया और अब मेरा हाथ मैम के पेट पर था और उनका एक हाथ मेरे हाथ में था। मैम ने मुझे ऐसा करने से मना नहीं किया और अपनी कमर मेरे सीने से लगाए पहले की तरह ही हौले हौले डांस करती जा रही थीं। मेरा लंड मैम की गाण्ड के बिल्कुल ऊपर अपने निशाने पर था मगर अंडर वेअर में होने की वजह से वह मैम की गाण्ड को अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाने में असफल था। लेकिन अब मेम को अपने कंधे पर मेरी गर्म साँसों का अहसास जरूर हो रहा था। मेडम के सुंदर पेट पर अपना हाथ ऊपर नीचे घुमा रहा था। कभी मेरा हाथ मैम के गहरी नाभि पर उनकी साड़ी के पेटीकोट बिल्कुल करीब होता जहां से उनकी चूत के बाल मात्र कुछ सेंटीमीटर ही नीचे होंगे, और कभी मेरा हाथ ऊपर आता उनके मम्मों के बिल्कुल नीचे आ जाता। मगर मैंने अभी मैम के मम्मों को छूने का साहस नहीं किया था। 
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12-09-2018, 01:51 PM,
#45
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
लेकिन मेरे होंठ मैम की गर्दन के करीब पहुंच चुके थे, तभी मैम की आवाज़ आई, सलमान एक बात तो बताओ ... मैंने कहा जी मैम पूछें। मैम ने कहा उस दिन जब मैं अपनी दुकान पर आई जब एक लड़की तुम्हारी दुकान से निकली थी तो वह काफी देर से ही अंदर थी या नहीं। मैं एकदम घबरा गया कि मैम अभी तक वह बात नहीं भूली जब मैं दुकान के अंदर शाज़िया की चुदाई कर रहा था और जैसे ही शाज़िया दुकान से निकली मैम अंदर आ गई थीं। मैंने पहले की तरह ही फिर से झूठ का सहारा लिया और कहा नहीं मैम मैंने आपको बताया तो था कि वह कुछ ब्रा और लेना चाहती थी इसलिए फिर से आई थी दुकान पर। मैम मेरी बात सुनकर एकदम से बोलीं उस दिन भी तुम्हें झूठ बोलना नहीं आया था और आज भी झूठ बोलते हुए तुम्हारा चेहरा तुम्हारी ज़ुबान का साथ नहीं दे रहा। मैम की इस बात से मेरा जागा हुआ लंड धीरे धीरे सोने लगा था क्योंकि मुझे चिंता शुरू हो गई थी कि कहीं मैम इस बात का बुरा न मान जाएं और मुझ से अपनी दुकान खाली करवालें। इससे पहले कि मैं कुछ कहता मैम बोलीं, कब से चल रहा यह सब कुछ दुकान पर ??? 
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मैंने फिर से शांत स्वर में कहा नहीं मैम आप गलत समझ रही हैं ऐसा कुछ नहीं होता वहाँ। मेरी बात सुनकर मैम काफी देर मुझे देखती रहीं जैसे जानना चाह रही हों कि मैं सच बोल रहा हूँ या झूठ। फिर एक दम से ही फिर मेम मेरे पास हुईं और पहले की तरह ही डांस करना शुरू कर दिया, अब की बार मैम का हाथ मेरे सीने पर था और मेरे हाथ फिर से मैम की कमर पर उनके चूतड़ों के करीब थे मगर मैं अंदर ही अंदर डर रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैम यह क्या कर रही हैं। मेरे सीने पर हाथ फेरते फेरते मैम बोलीं तुम्हारा सीना तो बहुत मजबूत लग रहा है, लगता है कि तुम जिम भी जाते हो। मैंने मन ही मन धन्यवाद किया कि मैम वह दुकान वाली बात भूल कर और किसी की बात चल निकली। मैंने कहा जी मैम दुकान बनने से पहले तो मैं रोज अपने एक दोस्त के जिम में जाता था जो खानेवाल रोड पर स्थित है और जब से दुकान बनी है सप्ताह में मुश्किल से एक या 2 दिन ही जा पाता हूँ, मगर जाता अवश्य हूँ। फिर मेरे अपने सीने पर हाथ फेरते हुए कहा तुम्हारे सीने पर बाल हैं या सफाई करते हो उनकी ???? मैंने कहा मैम आपको कैसा सीना पसंद है बालों वाला या बालों से मुक्त ??? मैम ने कुछ देर सोचा और बोलीं अगर बाल थोड़े हों तो फिर तो अच्छा लगता है लेकिन अगर बाल ज्यादा हूँ तो नहीं। लेकिन अगर सीना साफ हो तो वह तो बहुत ही अधिक सुंदर लगता है। 
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मैंने कहा मैम छाती के बाल भी साफ करता हूँ। यह सुनकर मैम की आंखों में एक चमक आई और बोलीं देख सकती हूँ ??? मैंने मन में सोचा नेकी और पूछ पूछ, और मेम से कहा आप कहती हैं तो मैं दिखा देता हूँ आपको ... यह सुनकर मैम ने मुझे उसी टेबल तरफ धकेला जिससे कुछ देर पहले वह टेक लगाए मुझसे पूछ रही थीं कि वह कैसी लग रही हैं। मुझे टेबल पर धकेल कर खुद करीब मेरे ऊपर गिर ही गई थीं और खुद ही मैम ने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए। मेरा लंड फिर मेम की इस अचानक घटना की वजह से खड़ा हो चुका था मैम मेरी शर्ट के सारे बटन खोल चुकीं तो उन्होंने मेरी शर्ट को साइड में कर दिया और फिर मेरी बनियान ऊपर करके मेरे सीने तक उठा दी। मगर मैम को कोई खास मज़ा नहीं आया तो उन्होंने मेरी शर्ट पूरी उतार दी और फिर मेरी बनियान भी उसके बाद उतार दी। अब मेरे बदन पर पेंट मौजूद थी मगर ऊपर से बिल्कुल नंगा था। और मेरे सीने पर मैम अपनी नर्म और मुलायम उंगलियों को बहुत प्यार के साथ फेर रही थीं। 
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मैंने कपकपाती हुई आवाज में मैम से पूछा, मैम कैसा लगा आपको मेरा सीना ??? मैम ने मेरी ओर देखा तो उनकी आंखों में एक चमक थी जो केवल सेक्स की मांग की चमक ही हो सकती थी। मैम ने कहा बहुत ही सुंदर है तुम्हारी बॉडी तो। यह कह कर मैम मेरे और भी करीब हो गईं और अपने दोनों हाथों को मेरे सीने पर प्यार से फेरने लगीं। मैम का दाहिना पैर मेरी दोनों टांगों के बीच था और मुझे उनकी टांग अपने लंड पर लगती महसूस हो रही थी। धीरे धीरे मैम मेरे ऊपर झुकने लगीं और फिर मुझे लगा जैसे मैम के होंठ मेरे सीने को स्पर्श कर रहे थे। मैंने अपनी गर्दन झुका कर देखा तो सच मेम के होंठ मेरे सीने को छू रहे थे और उनके होंठों पर लगी लिप स्टिक मेरे सीने पर अपने निशान छोड़ चुकी थी। मेरा हाथ स्वतः ही मैम की कमर तक पहुँच चुका था और अब की बार मैंने बिना कुछ सोचे अपना हाथ धीरे धीरे कमरे से नीचे लाते हुए मैम के चूतड़ों पर रख दिया। 
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मैम ने इस बात का कोई विशेष रिएक्शन नहीं दिया और वह लगातार मेरे सीने पर धीरे धीरे प्यार कर रही थीं। फिर मेम ने अपनी ज़ुबान निकाली और मेरे सीने पर फेरने लगीं। मैम की ज़ुबान मेरे सीने से होती हुई मेरे नपल्स को छूने लगी थी। मेरी छोटे निपल्स खड़े थे और कठोर हो रहे थे, मुझे बहुत पसंद था जब कोई लड़की मेरे नपल्स पर अपनी जीभ फेरती थी। और मैम का सुगंधित शरीर जो मेरे साथ चिपका हुआ था ऊपर से उनकी ज़ुबान मेरे निप्पल को धीरे धीरे रगड़ने में व्यस्त थी तो खुद सोच लें तब मेरा क्या हाल हो रहा होगा। मैंने अपने हाथ का दबाव मैम के चूतड़ पर बढ़ा दिया था और अपना हाथ मज़बूती से मैम के नितंबों पर फेर रहा था। दिल ही दिल में मुझे इस बात का एहसास भी था कि घर के लिए बहुत देर हो गई है। अब 12 बज चुके थे और उस समय तक मैं अपने घर पहुंच कर खाना खाकर सोने की तैयारी करता था। मगर अब तक में मेडम के घर था और मेडम का जो मूड था उसके अनुसार तो मुझे यहाँ और अधिक एक घंटा आराम से लग जाना था क्योंकि चुदाई मे मेरा स्टेमना काफी अच्छा था और मैं देर तक मैम को चोद कर उनकी वर्षों की प्यास मिटा सकता था । 
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12-09-2018, 01:51 PM,
#46
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
धीरे धीरे मैम के चूतड़ से हाथ अब उनके चूतड़ों की लाइन तक ले जा चुका था। फिर जैसे ही मैंने मैम के चूतड़ों की लाइन में अपनी उंगली का दबाव बढ़ाया तो मैम एकदम सीधी होकर खड़ी हो गईं और मुझसे कुछ दूर हो गईं। मैम ने मुंह दूसरी तरफ कर लिया जैसे मुझ से कुछ छुपाना चाह रही हूँ। भी सीधा खड़ा हो गया और धीरे धीरे मैम की तरफ बढ़ने लगा ताकि फिर से मैम को अपने शरीर से चिपका कर उनके शरीर की गर्मी पा सकूँ। मगर फिर मेम ने मेरी ओर देखा तो एक बार फिर उनके चेहरे पर सेक्स वासना या सेक्स की इच्छा बिल्कुल गायब थी और उनका चेहरा पहले की तरह हशाश बश्शाश और खुश था। वह मेरी ओर देखकर बोली आप ने वाकई बहुत अच्छे तरीके से जिम की है और अधिक व्यायाम नहीं किया, वरना अक्सर लड़के तो जिम करके अपने शरीर को बिल्कुल ही खराब कर लेते हैं, मगर तुम्हारा शरीर सुंदर है। यह कह कर मैम ने संगीत बंद कर दिया और सोफे पर पड़ा साड़ी का पल्लू उठाकर अपने गले में दुपट्टे के रूप में डाल लिया जिससे मैम की क्लीवेज़ भी छुप गई और उनका पेट भी काफी पल्लू से छुप गया। फिर मेम ने रोशनी भी ऑन कर दी और बोलीं, पार्टी के चक्कर में याद ही नहीं रहा काफी देर हो गई। अब तो पता नहीं तुम्हें रिक्शा भी मिलेगा या नहीं। 
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मैम की इस बात से मुझे गुस्सा भी बहुत आया और निराशा भी। मेरा तो पूरा मूड बन गया था कि आज मैम की प्यासी चूत को अपने लंड के पानी से सिंचित कर दूँगा, मगर अब मैम जो बात कर रही थीं उसका मतलब था कि बस बहुत हो गया अब अपनी शर्ट पहनो और चलते बनो यहाँ से। लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया कि मैं किसी भी हालत में किसी भी लड़की के साथ जबरदस्ती करने के पक्ष में नहीं हूँ जब तक लड़की खुद चुदाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार न हो तब तक उसको चोदने में मज़ा नहीं आता। मैम ने मुझे ऑफर किया कि मैं तुम्हें घर छोड़ दूँगी मगर मैंने कहा नहीं मैं चला जाऊंगा रिक्शा मिल ही जाएगा। मैंने अपनी बनियान पहनी और फिर शर्ट पहन कर मैम को गुड बाय कह कर घर से निकल आया। गिफ्ट तो मैंने जाते ही दे दिया था तो फिर अंदर जाकर मैम के पति से मिलने की कोई खास जरूरत नहीं थी। वापसी में रिक्शा में सारे रास्ते मैं यही सोचता रहा कि मैम लंड की कितनी प्यासी हैं, मगर अपनी शालीनता और विनय हया की वजह से वे खुलकर मुझसे इस बात का इज़हार नहीं कर पारहीं। 
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रास्ते में काफी देर सोचता रहा कि क्यों न मैम को एक दिन मजबूर कर दिया जाए और उनकी प्यासी चूत में अपना तगड़ा लंड घुसा कर उनकी चूत को ठंडा कर दिया जाए और वह भी तो यही चाहती हैं, मगर फिर खुद ही अपने दिल समझाया कि जब तक मैम खुद अपना शरीर मेरे सुपुर्द न कर दें और अपनी चूत खोल कर मेरे सामने न लाएँ तब तक उनको चोदना ठीक नहीं रहेगा। अपने आप को समझाकर फिर मेम के सुंदर बदन के बारे में सोचता रहा, भरा शरीर, लंबा कद, सुंदर मम्मे पतली कमर और सबसे बढ़कर उनके शरीर से आने वाली खुशबू ... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह । । । । । सुंदर पल थे जब मैम मेरे सीने पर हाथ फेर रही थीं और मैं उनकी ग्लैमरस और इत्र से मदहोश हुए जा रहा था। मगर फिर अचानक पता नहीं मैम को क्या हुआ कि उनका मूड ही बदल गया। बहरहाल आधी रात को घर पहुंचा तो शौचालय जाकर मैम के नाम की मुठ मारी और जाकर सो गया
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12-09-2018, 01:51 PM,
#47
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
अगले दिन अपनी दिनचर्या के अनुसार दुकान पर चला गया और ग्राहकों को डील करने लगा। बोरियत की हद थी अब तक के सारे दृश्य आँखों में घूम रहे थे जब मैम ने खुद मेरी बनियान उतार कर अपनी जीभ से मेरे निपल्स को टच किया था। और फिर अपनी लगाई हुई आग को खुद ही पानी डालकर बुझा दिया था। दोपहर 2 बजे मैंने दुकान का दरवाजा बंद कर दिया और खाना खाकर सुस्ताने के लिए लेट गया। अब मुझे लेटे हुए 5 मिनट ही बीते होंगे कि मेरे नंबर पर एक अनजान नंबर से फोन आया। मैंने पहले तो कॉल काटने का सोचा लेकिन फिर सोचा शायद किसी का जरूरी फोन हो, यही सोचकर फोन उठाकर कॉल अटेंड की और हाय कहा तो आगे कोई खिलखिलाती हुई नसवानी आवाज़ थी। मैंने पूछा कौन? तो आगे से वह लड़की बोली बूझो तो जानें। मैंने कहा मैंने पहचाना नहीं कौन बोल रही हैं आप ?? आगे से लड़की चहकती हुई बोली तो अब हमारी आवाज भी नहीं पहचान सकते हो ??? मुझे उस पर गुस्सा आया और मैंने कहा बीबी मेरे पास ज़्यादा व्यर्थ बातों के लिए समय नहीं है ये मेरे विश्राम का समय है कोई जरूरी बात है तो बताओ नहीं तो फोन बंद कर रहा हूँ। 
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मेरी बात सुनकर आगे लड़की बोली ... नहीं नहीं .... जीजा जी फोन बंद न करना में राफिया बात कर रही हूँ। राफिया नाम सुनकर मेरा मूड एकदम से ठीक हो गया, अरे ये तो मेरी साली थी और साली अपने जीजा से मजाक नहीं करेगी तो और कौन करेगा। मैंने कहा हां राफिया क्या हालचाल हैं? राफिया ने कहा मैं ठीक हूँ आप कैसे हैं ?? मैंने कहा मुझे कैसा होना है, आपने अपना वचन पूरा नहीं किया .... इस पर राफिया इठलाती हुई बोली अजी आप आदेश तो हमारी क्या मजाल कि आप से किया हुआ वादा पूरा न करें। मैंने कहा बस रहने दो, आपने मलीहा को मुझसे मिलवाने मेरी दुकान पर लाना था और आज इतने दिन बीत गए मगर तुम्हारा कोई अता-पता ही नहीं। मलीहा को छोड़ो आप ने तो अपनी शक्ल भी दिखाना गवारा नहीं किया। चलो गुलाम साली को देख कर ही खुश हो जाता वैसे भी वह भी आधी घरवाली होती है। मेरी बात सुनकर राफिया खिलखिला कर हंसी और फिर बोली में वादा कैसे पूरा करूँ जब आप दरवाजा बंद करके आराम करने में व्यस्त होंगे। मैंने कहा क्या मतलब? राफिया बोली मतलब यह कि मा बदौलत आपकी दुकान के बाहर हैं, लेकिन आप ने दरवाजा बंद कर रखा है। यह सुनकर मैंने एकदम सिर उठा कर सोफे से दरवाजे की ओर देखा तो दरवाजे के बाहर राफिया खड़ी थी। और उसके साथ एक और लड़की भी सिर झुकाए खड़ी थी जो राफिया के पीछे थी उसकी रूप को में सही तरह से देख नहीं पाया। 
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मुझे एक झटका लगा और दिन भर की सारी उदासी एकदम से गायब हो गई। पिछली लड़की हो न हो मलीहा ही है उसी विश्वास के साथ मैं एकदम से उठा और फोन बंद कर दरवाजा खोल दिया। दरवाजा खुलते ही राफिया अंदर आ गई और अपनी आपी को भी अंदर आने के लिए कहा। राफिया ने अंदर आते ही मुझे दिल के साथ हाथ मिलाकर अभिवादन किया और पीछे मलीहा ने भी हल्की आवाज में मुझे सलाम किया तो मैंने प्यार के साथ धीमे स्वर में उसके सलाम का जवाब दिया और उसकी ओर अपना हाथ बढ़ा दिया। मलीहा ने एक अनिच्छा से मुझसे हाथ मिला लिया। और एक पल के लिए आंखें उठाकर मेरी तरफ देखा और फिर तुरंत ही अपनी नज़रें झुका लीं। इन दोनों को सोफे पर बैठने कर मैंने दरवाजा फिर से बंद कर दिया और काउन्टर पर जाकर फोन से साथ ही की एक छोटी दुकान में समोसों और कोल्डड्रिंक का आदेश दिया। इस पर मलीहा ने राफिया को कोहनी मारी उन्हें रोको, मगर राफिया बोली अरे आपी आपको तो अभी से जीजा जी के खर्चों की चिंता होने लग गई, मंगवाने दें मंगवाने दें, वैसे तो उन्होंने हमसे कभी पानी भी नहीं पूछा अब आपके साथ होने से अगर समोसे और कोल्डड्रिंक मिल रही है तो क्यों मेरी दुश्मन बन रही हो। राफिया बात सुनकर मैं मुस्कुराया और कहा बड़ी झूठी है मेरी साली तो। मैंने तो कोल्डड्रिंक का पूछा था मगर आपने खुद ही मना कर दिया तो भला मैं क्या कर सकता था। 
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मेरी बात सुनकर राफिया भी मुस्कुराई और बोली नहीं मैं तो ऐसे ही मज़ाक कर रही हूँ। लेकिन आज समोसे तो ज़रूर खाउन्गी आप से। मैं उसकी बात सुन कर मुस्कुराया और कहा कि जो आदेश साली साहिबा का। फिर मलीहा की तरफ मूड गया, उसके चेहरे को गौर से देखा तो वह भी बिल्कुल राफिया की तरह ही दिखती थी। दोनों हमशक्ल और मामले में भी काफी समानता थी सिवाय इसके कि मलीहा के ऊपरी होंठ के ऊपर एक छोटा सा तिल था जबकि राफिया का चेहरा बिल्कुल साफ था। सुंदर आँखें, आँखों में शर्म हो हया के कारण लाल डोरे, चेहरे पर हल्की सी मुस्कान पारदर्शी रंग, हर मामले मे मलीहा राफिया की तरह ही खूबसूरत थी। अच्छी तरह उसका चेहरा देखने के बाद मैंने मन ही मन में अम्मी पसंद की दाद दी कि उन्होंने अपने इस निकम्मे बेटे को इतनी अच्छी जीवन साथी ढूंढ कर दी फिर मैंने मलीहा से पूछा कि आप ऐसे ही चुप रहती हैं या कुछ बोलती भी हैं। मेरी बात सुनकर मलीहा को जैसे झटका लगा[Image: hqdefault.jpg] वह इसी बात पर बौखला गई कि मैंने इसको संबोधित किया है। मेरी बात का जवाब देने के लिए उसने अपने होंठ खोले तो टूटे फूटे शब्दों में कहने लगी ... नहीं वह ...... बस ऐसे ही .... आपकी बातें सुन रही हूँ। मैंने कहा हमारी भी इच्छा है कि हम आपकी आवाज सुनें आप भी थोड़ा कुछ बोल लेंगी तो अच्छा लगेगा। इससे पहले कि मलीहा कुछ बोलती बाहर समोसों वाला आ गया तो मैं आगे होकर दरवाजा खोला और समोसे और बोतलें पकड़ कर अपने काउन्टर पर लगा दी और वापस जाकर दरवाजा फिर से बंद कर दिया, फिर काउन्टर के पीछे जाकर मैंने मलीहा और राफिया को कहा कि मेरे पास यहाँ आ जाएँ यहाँ कोई टेबल मौजूद नहीं है जो आपके सामने रख सकूँ इसलिए आपको यहीं आकर खड़े होकर खाना होगा। मेरी बात सुनकर राफिया तो फौरन उठ गई और एक समोसा उठाकर हाथ से तोड़कर खाने लगी हालांकि थाली में चम्मच भी पड़ा था और साथ मे सॉस वाली प्लेट भी थी मगर वह बिना चटनी के ही हाथ से तोड़कर समोसा खाने लगी, वह कुछ ज़्यादा ही चटोरी लग रही थी समोसों की। जबकि मलीहा अभी सोफे पर ही बैठी थी।
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12-09-2018, 01:51 PM,
#48
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
मलीहा को संकोच करता देखकर मैंने कहा राफिया तुम्हारी आपी ही उठ जाएँगी या मुझे जाकर हाथ पकड़ कर उठाना होगा उन्हें। मेरी बात सुनकर राफिया बोली आप दोनों का आपस का मामला है मुझे तंग मत करो मुझे समोसा खाने दें आराम से। राफिया की बात सुनकर मेरी एकदम से हंसी निकल गई जबकि मेरी बात सुनकर मलीहा अपनी जगह खड़ी हो चुकी थी कि कहीं मैं वास्तव उसका हाथ पकड़कर उसे उठाने के लिए न आ जाऊ मलीहा काउन्टर के पास आई तो मैंने समोसों की एक प्लेट उसके सामने कर दी और सॉस की प्लेट भी उसके आयेज कर दी राफिया ने अपनी प्लेट से चम्मच उठाकर वह भी मलीहा की थाली में रखते हुए कहा चलें शुरू हो जाएँ , दोनों मिलकर खालें इसी चम्मच से मुझे तो हाथों से खाना अच्छा लगता है। मैंने कहा नहीं मैं तो नहीं खाउन्गा मैंने अभी रोटी खाई है मेरी बात सुनकर राफिया बोली वह तो आपने अकेले खाई है न, अब जरा बाजी के साथ भी थोड़ा खा देख लें शायद कुछ अपना अपना सा लगे। मलीहा उसकी बात सुन कर हल्का सा मुस्कुराई और बोली आप उसकी बातों का बुरा न मानें उसको तो बकवास करने की आदत है। मैंने कहा शुक्र है आप भी कुछ बोलीं वैसे आपकी बहन बकवास नहीं कर रही बल्कि उसने बहुत पते की बात की है। आज मैं भी तो देखूँ कि अपनी मंगेतर के साथ खाते हुए कैसा स्वाद आता है। 

मेरी बात पूरी होने तक मलीहा एक चम्मच अपने मुंह में डाल चुकी थी तब मैं भी दूसरी चम्मच से समोसा तोड़ने लगा मगर फिर खुद ही वह चम्मच राफिया को वापस कर दिया और कहा राफिया मैंने सुना है कि एक ही चम्मच से खाने से प्यार भी बढ़ता है। राफिया के मुंह में समोसा था वह ऐसे ही समोसा खाते खाते बोली बढ़ती होगी, मुझे क्या पता मैं तो अभी बच्ची हूँ। उसकी बात सुनकर मैं हंस पड़ा और कहा नहीं तुम इतनी भी बच्ची नहीं। जबकि मेरा प्यार बढ़ने वाली बात सुनकर मलीहा ने अपना हाथ बढ़ाकर चम्मच मेरी ओर कर दिया था कि मैं भी इसी चम्मच से समोसा खा सकूँ जिससे मलीहा ने खाया था। मैंने वह चम्मच पकड़ा और थोड़ा सा समोसा अपने मुंह में डाल चम्मच वापस मलीहा को पकड़ा दिया और कहा वाह। । । इस चम्मच से तो समोसा भी मीठा मीठा लग रहा है। मेरी बात सुनकर मलीहा और राफिया दोनों ही मुस्कुराने लगीं। में पीछे होकर बैठ गया ताकि मलीहा आराम से खा सके उसने मुझे फिर से चम्मच पकड़ाया मगर मैंने यह कह कर मना कर दिया कि नहीं बिल्कुल जगह नहीं, आप पहले बताकर आतीं तो मैं आपके लिए कुछ अच्छा भी मंगवा लेता और हम तीनों मिलकर खाते, मगर आपके आने से पहले ही खाना खाया था अब अधिक गुंजाइश नहीं है मेरे पेट में

समोसे खाने के बाद राफिया और मलीहा दोनों ही गहने देखने लग गई और मैं बहुत शौक के साथ उन्हें दिखाता रहा। मैं जानता था कि उन्होंने लेना कुछ नहीं बस ऐसे ही समय बिताने की खातिर ज्वैलरी देख रही हैं। क्योंकि अभी मलीहा और मैं इतने फ्री नहीं हुए थे कि लम्बी लम्बी बातें कर सकते हों यह तो हमारी पहली मुलाकात थी। ज्वैलरी देखने के दौरान मलीहा एक दो बार अंडर गारमेंट की ओर भी नजर उठाकर देखती मगर फिर तुरंत ही फिर से गहने देखने में व्यस्त हो जाती। जब दोनों जी भर कर ज्वैलरी देख चुकीं तो राफिया ने मलीहा से कहा आपे चलें अब ??? मैंने कहा अरे इतनी जल्दी ??? राफिया ने कहा जीजा जी आपी के आने की खुशी में आपको समय का पता ही नहीं चला हमें आए घंटे से ऊपर का समय हो चुका है। मैंने दीवार घड़ी की ओर नज़र डाली तो वाकई 4 बजकर 15 मिनट हो रहे थे। उनको आए हुए 2 घंटे बीत चुके थे। और मेरी दुकान अब तक बंद थी जबकि इस समय तक दुकान खोल लेता था। 

मलीहा ने भी कहा हां चलो चलते हैं। राफिया सोफे से अपना सामान लेने के लिए बढ़ी तो मैंने मलीहा का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास रोक लिया और बहुत प्यार से उसकी तरफ देखते हुए कहा मलीहा आप पहली बार मुझसे मिली हो, मेरे पास यहाँ कोई बहुत कीमती चीज तो नहीं लेकिन मैं आपको एक छोटा सा उपहार देना चाहता हूँ अगर आपको आपत्ति न हो तो। मैंने महसूस किया कि मेरे हाथ में मलीहा हाथ कांप रहा था। शर्म की वजह से उसे समझ नहीं आ रही थी कि वह क्या करे। मुझे इस तरह उसका कांपता हाथ देखकर उस पर बहुत प्यार आया, मैंने हौले से उसके हाथ दबाया और धीरे से कहा आपका हाथ किसी गैर के हाथ में नहीं जो तुम इतना डर रही हैं, अब तो आप मेरी और मैं आपका हूँ। मेरी बात सुनकर मलीहा का हाथ तो नहीं रुका, वह लगातार कांपता ही रहा मगर उसके गालों पर लाली और होठों पर एक मुस्कान जरूर आई। इतनी देर में राफिया अपना सामान उठाकर वापस पहुंची तो मुझे ऐसा मलीहा हाथ पकड़ा देखकर बोली, ओ हो .... यहाँ तो रोमांस चल रहा है ऐसे ही कबाब में हड्डी बन गई। राफिया बात सुनकर मलीहा ने अपना हाथ छुड़ाना चाहा मगर मैंने नहीं छोड़ा और कहा बस एक मिनट ... यह कर कि मैं ऐसे ही वापस मुड़ा और आभूषणों में से एक अंगूठी निकाली जिसे पहले राफिया और मलीहा बहुत देर तक देखती रही थीं। 
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12-09-2018, 01:51 PM,
#49
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
मैं समझ गया था कि मलीहा को यह अंगूठी पसंद आई है। मैंने वह अंगूठी उठाई और मलीहा का हाथ छोड़ दिया, फिर उसको अंगूठी दिखाते हुए बोला, अब मैं आपको सोने के गहने तो नहीं पहना सकता, लेकिन मुझे लगता है कि यह आपको अच्छी लगी है, आप बुरा न माने तो क्या मैं आपको इसे पहना सकता हूँ। मलीहा बोली अरे नहीं उसकी क्या जरूरत है, आप रहने दें, आपकी अम्मी ने मुझे सोने की रिंग ही पहनाई है आपकी ओर से। मलीहा की बात सुनकर राफिया बोली अरे वाह, जरूरत क्यों नहीं, वह वास्तव में सोने की हो, मगर वह तो आंटी ने पहनाई थी, और जीजा जी स्वयं अपने हाथों से, प्यार से, बड़े चाव से अपनी मंगेतर को पहनाना चाह रहे हैं, तो उसकी वैल्यू तो खुद ही सोने की रिंग से बढ़ गई नहीं। राफिया की बात सुनकर मैंने राफिया से कहा, तुम्हें बड़ा पता है प्यार के बारे में, अभी तो तुम कह रही थी कि तुम बच्ची हो। यह सुनकर राफिया हंसी और बोली वो तो मैं हूँ। फिर मैंने फिर मलीहा को सवालिया नज़रों से देखा तो उसने अपना बायां हाथ मेरे सामने कर दिया, मैंने उसका हाथ प्यार से पकड़ा और उसकी तीसरी उंगली में अंगूठी पहना दी और फिर उसको कुछ देर देखने के बाद उसका हाथ छोड़ दिया।

मलीहा ने भी कुछ देर तक अपनी उंगली में अंगूठी को देखा तो मुझे धन्यवाद करने लगी। मैंने कहा अरे धन्यवाद कैसा, यह तो मैंने अपनी पहली बैठक की खुशी में आपको दी है। राफिया बोली हां बस समझो आपी आपको मुंह दिखाई मिली है। यह सुनकर मैंने और मलीहा दोनों ने एकदम से हैरान होकर राफिया को देखा और वह भी थोड़ी शर्मिंदा होकर अपने मुंह पर हाथ रख कर खड़ी हो गई। मलीहा ने उसको धीरे से डांटा और बोली शर्म करो राफिया। और फिर मेरी तरफ देखते हुए बोली अच्छा अब हम चलते हैं बहुत देर हो रही है। मैंने कहा ठीक है मगर अपना नंबर देती जाएं तो आप से थोड़ी फोन गपशप हो जाएगी, फिर तो पता नहीं कि आप कब अपना दर्शन देंगी मलीहा ने कहा, मेरे पास कोई मोबाइल नहीं, यह तो मामा का मोबाइल है। आपका नंबर मेरे पास है, मैं आपको खुद ही कॉल कर लूंगी उचित समय देखकर। मैंने कहा चलें यह भी ठीक है, लेकिन कॉल के बजाय एसएमएस करें कॉल में खुद कर लूँगा। मलीहा ने कहा ठीक है, मैंने एक बार फिर मलीहा की तरफ हाथ बढ़ाया और कहा चलें फिर रात को उम्मीद है बात होगी। मलीहा ने भी अपना हाथ बढ़ा कर मेरा हाथ थामा और बोली ठीक है मैं कोशिश करूंगी रात 11 बजे के बाद आपको एसएमएस कर दूं। उसके बाद मलीहा और राफिया दोनों ही चली गईं मगर काफी देर तक मलीहा के विचारों में ही खोया रहा, बहुत मासूम और सुंदर लड़की थी।

राफिया तो मुझे पहले ही पसंद थी और मेरी इच्छा भी थी उससे दोस्ती करने की, और यह इच्छा पूरी भी हुई तो इस तरह कि एक तो राफिया साली बनने के बाद वैसे ही खुल गई थी मेरे साथ जितना पहले वह चुप रहती थी अब इतना ही बोलती थी, जबकि इसी की हमशक्ल मलीहा से मेरी सगाई हो गई। दोनों बहनें एक जैसी ही सुंदर थीं बस थोड़ा ही अंतर था आकार का और मलीहा के होंठों के ऊपर एक छोटा सा तिल। रात ग्यारह बजे मुझे उसी नंबर से मैसेज आया जिससे दोपहर में कॉल आई थी, मैसेज में लिखा था 5 मिनट बाद मुझे फोन करें। मैंने 5 मिनट के बाद कॉल की तो आगे मलीहा की सुंदर आवाज सुनाई दी। हम दोनों के बीच बातों का सिलसिला शुरू हो गया, दोनों एकदोसरे को अधिक नहीं जानते थे इसलिए पहली रात 2 से 3 घंटे बात तो की मगर केवल एक दूसरे के बारे में जानकारी ही लेते रहे, किस को क्या पसंद है, क्या बात बुरी लगती है, सगाई क्या होती हैं, पसंदीदा मूवीज़, अभिनेता, अभिनेत्री, फिल्म, संगीत, शेर-ओ-शायरी से शौक, कपड़ों में पसंद नापसंद, बस इसी तरह की बातें होती रहीं और कब रात के 2 बज गए पता ही नहीं लगा। तभी मलीहा मुझे कहा अच्छा अब आप सोजाएँ सुबह आपने दुकान पर भी जाना होगा। मलीहा की बात सुन कर मुझे होश आया और मैंने मलीहा को गुड बाय कह कर फोन बंद कर दिया और उसी के सपने देखता हुआ सो गया

काफी दिन बीत गए और कोई विशेष घटना नही हुई, न तो सलमा आंटी की कोई खबर थी और न ही लैला मेडम दुबारा दुकान पर आई शाज़िया और नीलोफर का भी कोई चक्कर नहीं लगा। फिर एक दिन एक युवा जोड़ा मेरी दुकान में आया अपनी उम्र के हिसाब से लड़की 20 साल की लग रही थी, जबकि लड़के की उम्र 22 के करीब होगी। लड़की कुछ जरूरत से ज्यादा ही स्मार्ट थी। यूं कह लें कि एकल पसली लड़की थी। उसकी कमर 26 के लगभग थी। उसने चेहरे पर चादर से ले रखा था। उसका नाम फराह था जबकि उसके साथ का लड़का सूरत से पढ़ा लिखा और अच्छे परिवार का मालूम हो रहा था उसका नाम वक़ास था। वक़ास ने मुझे कहा कि उसे कुछ ब्रा दिखाऊ में। मैंने पूछा किस आकार का दिखाऊ, वक़ास ने फराह से पूछा क्या आकार है? फराह ने हल्की आवाज में वक़ास को बताया कि उसका आकार 32 है। मुझे यह बात कुछ अजीब सी लगी, अगर यह जीवन साथी थे तो वक़ास को फराह का आकार पता होना चाहिए था मगर ऐसा नहीं था। बहरहाल मैं ने 32 आकार का ब्रा दिखाया और फराह से कहा कि साथ ही ट्राई रूम है आप देख लें कि सही है आपके या नहीं। ट्राई रूम का सुनकर वक़ास ने कहा यह तो अच्छी बात है, ऐसे में ये भी देख सकते हैं कि कौन सा अधिक अच्छा लगेगा। मैंने कहा जी जरूर ब्रा तो हमेशा अपनी पसंद और फिटिंग के अनुसार ही लेना चाहिए। वक़ास ने 3, 4 ब्रा और निकलवाई और कहा यह एक ही बार हम ट्राई कर लेते हैं तो उनमें से जो पसंद करेंगे वह हम आपको बता देंगे। 
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12-09-2018, 01:51 PM,
#50
RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
मैंने कहा ठीक है आप तसल्ली से चेक कर लें। उसके बाद फराह और वक़ास दोनों ही ट्राई रूम की तरफ बढ़े। जहां मैं बैठता था वहां से ट्राई रूम नज़र नहीं आता था वह थोड़ा आगे जाकर था। दोनों को ट्राई रूम में गए हुए जब 15 मिनट से ऊपर हो चुके तो मुझे शक हुआ कि अंदर ब्रा चेकिंग नहीं हो रहा बल्कि कोई और ही काम हो रहा है। इसी जिज्ञासा मे मैंने ट्राई रूम का कैमरा ऑन करके अपनी स्क्रीन ऑन कीजैसे ही स्क्रीन चालू हुई अंदर का दृश्य कुछ अजीब ही था। फराह ने अपनी कमीज और ब्रा उतार दिया था और उसके छोटे 32 आकार के मम्मे स्पष्ट नजर आ रहे थे। जबकि वह फर्श पर घुटनों के बल बैठी थी और वक़ास के 6 इंच लंड को अपने हाथ में लेकर मसल रही थी। वक़ास का चेहरा ऊपर की ओर था और आँखें बंद थीं। फिर फराह ने वक़ास के 6 इंच लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसकी टोपी को अपने मुँह के पास किया और उस पर अपने सुंदर होंठ रख दिए। और फिर धीरे धीरे फराह ने वक़ास के लंड अपने मुंह में ले लिया। वैसे तो मैं अपनी दुकान में सलमा आंटी और शाज़िया को चोद चुका था मगर कोई मेरी दुकान में लड़की चुदाई करे या सेक्स करे यह मुझे कभी भी गँवारा नही था। 
[Image: 02-031817-bra-mtl-pushups.jpg]
इसलिए मैं अपनी जगह से उठा और ट्राई रूम के पास जाकर गुर्राती हुई आवाज में कहा और बेग़ैरतो यह क्या बेगैरती रहे हो, निकलो उधर से वरना बुलाता हूँ मैं अब पुलिस को। यह कह कर मैंने ट्राई रूम के दरवाजे के ऊपर से ही हाथ ले जाकर अंदर की कुंडी खोल दी और दरवाजा भी खोल दिया। मेरी आवाज सुन कर दोनो ही हक्का-बक्का रह गए थे और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, वक़ास अपना लंड पकड़ कर फिर से अपनी पेंट में डाल चुका था और ज़िप बंद कर रहा था। मैंने उसकी गर्दन पर एक जोरदार थप्पड़ रसीद किया और उसे पकड़ने की कोशिश की मगर पुलिस का नाम सुनकर वो तुरंत बाहर निकला और अपनी गर्दन मुझ से छुड़वा कर तुरंत ही दुकान से बाहर निकल गया, मैं उसके पीछे भागा मगर वह शायद भागने में मुझसे ज्यादा तेज था। मैन भी उसके पीछे दुकान से बाहर जाना उचित नहीं समझा और दुकान का दरवाजा जोकि हर समय बंद होता है उसको बंद कर दिया।

[Image: ava-BRA.jpg]


उसके बाद मैं सीधा ट्राई रूम में गया जहां फराह अपना ब्रा पहन चुकी थी और उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ी हुई थीं। मुझे अपने सामने देखकर उसने अपने दोनों हाथ अपने सीने के साथ लगा लिए और ट्राई रूम की पिछली दीवार के साथ लगकर खड़ी गई और सिर झुका कर रोने लगी। वह हल्की आवाज में कह रही थी प्लीज़ मुझे जाने दो। मैंने भी गुर्राती आवाज में कहा तुम्हें मेरी ही दुकान मिली थी यह सब बेग़ैरतियाँ करने के लिए। वह मुँह से कुछ न बोली बस खड़ी रोती रही। मैंने इसे हाथ से पकड़ा और ट्राई रूम से बाहर खींच कर अपने काउन्टर के पास ले आया। उसका बदन बिल्कुल गोरा था और पूरे बदन पर कोई निशान नहीं था, बिल्कुल साफ और खूबसूरत बदन था उसका। उसने नीचे सलवार पहन रखी थी, जबकि ऊपर उसने सिर्फ ब्रा ही पहना था कमीज पहनने से पहले ही में ट्राई रूम में पहुंच गया था। मैंने उससे कहा मुझे सच सच बता दो यह लड़का कौन था वरना मैं तुम्हें पुलिस के हवाले कर दूंगा तो जो तुम्हारा हश्र होगा तुम्हें अच्छी तरह मालूम है। उसने रोते हुए हल्की सी आवाज में कुछ कहा जो मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं उसे झंझोड़ कर कहा ये रोने धोने का नाटक बंद करो और जल्दी बताओ मुझे वरना करता हूँ में अब पुलिस को फोन। उसने जल्दी-जल्दी अपने आँसू साफ किए और बोली नहीं प्लीज़ पुलिस को फोन न करना में बर्बाद हो जाउन्गी वह तो मीडिया में भी खबर दे देते हैं। मैंने कहा इसीलिए तुझे कह रहा हूँ सच सच बता यह लड़का तेरा पति था या कोई दोस्त है।
[Image: maxresdefault.jpg]
लड़की ने सिर झुकाकर कहा, मैं पहले कमीज पहन लूँ ??? मैंने उससे कहा चुपचाप यहीं खड़ी रह जो पूछ रहा हूँ इसका उत्तर दे। उसने कपकपाती हुई आवाज में कहा, वो मेरा प्रेमी है मैंने पूछा देख ली अपने प्रेमी की बहादुरी तुझे यूं नंगी हालत में छोड़कर अपनी जान बचाकर भाग निकला साला डरपोक। मेरी बात पर फराह चुप खड़ी रही वह केवल अपने शरीर को अपने बाजुओं से छिपाने की कोशिश कर रही थी। फिर मैंने पूछा कि कहां रहती हो तुम ?? तो फराह ने बताया कि वह घंटाघर के पास ही रहती है और यहां महिला कॉलेज में पढ़ती है। और आज वक़ास की जिद पर वह उसके साथ यहाँ आई थी वह फराह के लिए ब्रा खरीदना चाह रहा था। मगर ट्राई रूम में जाकर उसको न जाने क्या हुआ कि उसने फराह की कमीज और ब्रा उतरवा दिए और अपना लंड पेंट से निकालकर उसको चूसने का बोला। बकौल फराह के फराह ने उसे मना भी किया कि यह जगह सही नहीं कहीं और कर लेंगे मगर वक़ास सिर पर सवार था उसने कहा कि नहीं वह यहीं उसका लंड चूसे। फिर मैंने वक़ास के बारे में जानकारी ली तो फराह ने बताया कि वह काफी समय से उसके कॉलेज के बाहर मोटरसाइकिल पर आकर खड़ा होता था और घर तक उसके रिक्शा के पीछे पीछे आता था। फिर एक दिन वक़ास ने फराह की तरफ एक कागज फेंका जिसमे उसने इज़हारे प्यार किया था और अपना फोन नंबर भी दिया था। फराह ने इस नंबर पर फोन करके वक़ास को झाड़ पिलाई मगर वक़ास ने पीछा न छोड़ा। फिर धीरे धीरे फराह को वक़ास अच्छा लगने लगा तो फराह ने उससे दोस्ती कर ली और अक्सर वे कॉलेज से छुट्टी मार कॉलेज टाइम के दौरान वक़ास के साथ उसकी बाइक पर चली जाती, 
[Image: earlier-sakshi-raise-eyebrows-decided-lock.jpg]

कभी आयस्क्रीम पार्लर में और कभी किसी दुकान पर पर्दा गिराकर दोनों चूमा चाटी करते और वक़ास उसके मम्मे भी दबाता जिसका फराह को बहुत मज़ा आता। धीरे धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया और एक दिन वक़ास फराह को अपने घर ले गया और वहां उसने पहली बार फराह की योनी की सील तोड़ी और उसको चोदने के बाद उससे शादी का वादा किया। आज भी वक़ास फराह को अपनी पसंद का ब्रा पहना कर उसे अपने घर लेजा कर चोदना चाहता था मगर उससे रहा नहीं गया और उसने यहीं ट्राई रूम में ही अपना लंड बाहर निकाल लिया और पकड़ा गया। पकड़े जाने के बाद वह खुद दुम दबाकर भाग गया और फराह को वहीं मेरी दया पर छोड़ गया। पूरी कहानी सुनने के बाद मैंने फराह को कहा क्या यह करेगा तेरे से शादी? जो तुझे ऐसे अकेला छोड़ के भाग गया। अब फराह ने गुस्से और नफरत के मिश्रित भाव से कहा मेरी जूती भी अब उससे शादी नहीं करती। मुझे क्या पता था कि यह ऐसा निकलेगा। मेरा विचार था वह मुझे प्यार करता है। फिर फराह ने कहा अब मैं जाऊं प्लीज़ ??? 
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