Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 12:48 PM,
#21
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया अपने जिस्म को देख कर फख्र महसूस कर रही थी.कि 30 साल तलाक़ याफ़्ता होते हुए उस की फिगर बहुत मस्त और कसी हुई थी.

अपनी मिड्ल एज में आ कर भी वो बिल्कुल नही बदली बल्कि अब तो उस का बदन पहले से भी ज़्यादा निखर कर और पूर्कश हो गया था.

शाज़िया ने आईने के सामने खड़े खड़े अपने चूचों के गुलाबी दानो पर नज़र दौड़ाई.

फिर वो अपने हाथों से अपने दोनो चूचों को पकड़ कर अपने हाथ से सहलाने लगी.

अपने हाथ अपने चूचों पर लगते ही शाज़िया की चूत और ज़्यादा गरम होने लगी.

शाज़िया ने अपने हाथों से चूचों को सहलाते हुए अपनी उंगलियों से अपने दोनों चूचों के गुलाबी दाने पकड़ लिए और उन्हे अपनी उंगलियों के दरमियाँ में ले कर दबाने लगी, "आहह अपने चूचों के निपल्स पर दबाव पड़ते ही शाज़िया के मुँह से सिसकी निकल गई".

कुछ देर तक मज़े से अपनी आँखें बंद कर के अपने चूचों को सहलाने के बाद अपनी शाज़िया ने अपनी आँखें खोलते हुए अपनी छातियों से अपने हाथ हटा दिए.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

शाज़िया अब शीशे में अपनी चूत को देखने लगी. क्यों कि शाज़िया ने कुछ दिन पहले अपनी चूत के बाल हेर रिमूव लगा कर सॉफ किए थे. इस लिए अब उस की चूत पर हल्के हल्के बाल उग आए थे.

जब खड़े खड़े शाज़िया की टाँगों में दर्द होने लगा तो वो शीशे के सामने पड़े एक स्टूल पर बैठ गई.

शाज़िया ने स्टूल पर बैठे हुए अपनी टाँगें फेला दीं और सामने लगे शीशे में अपने आप को देखने लगी.

उस ने देखा कि उस के बाकी जिस्म की तरह उस की चूत भी साँवली है .

उस की चूत के उपर एक दाना है जब कि उस की चूत के मोटे मोटे होंठ आपस में एक दूसरे से बिल्कुल जुड़े हुए हैं.

शाज़िया ने अपनी चूत को इस से पहले भी कई दफ़ा देखा था. मगर इतनी गौर से आज पहली दफ़ा अपनी फुद्दि का जायज़ा ले रही थी.

शाज़िया अपना हाथ अपनी चूत के दाने पर रख कर उसे सहलाने लगी, "आहह ष्ह्ह्ह” चूत के दाने को छूते ही शाज़िया का पूरा जिस्म काँप उठा और उस की चूत में से ज़ियादा पानी निकलने लगा.

शाज़िया अब अपना हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत के होंठो पर फिराने लगी .... और अपने दोनों हाथों से अपनी चूत के होंठो को अलग करते हुए आईने में देखने लगी, उसे अपनी चूत के होंठो के बीच में सिर्फ़ लाल रंग नज़र आने लगा ...!

शाज़िया ने अपनी चूत के होंठो को छोड़ते हुए अपने एक हाथ से अपनी चूत के दाने को सहलाते हुए दूसरे हाथ की उंगली से अपनी चूत के छेड़ को कुरेदने लगी, ऐसा करते हुए शाज़िया को बहुत मज़ा आ रहा था ....!



जिस वक्त शाज़िया अपने कमरे में लेट कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी. उसी वक्त कमरे से बाहर उस की अम्मी रज़िया बीबी अपने कमरे से निकल कर बाथरूम की तरफ गई.

बाथरूम से वापसी के वक्त जब रज़िया बीबी अपनी बेटी के कमरे के पास से गुज़री तो उस के कानों में शाज़िया की सिसकारी पड़ी जिन को सुन कर रज़िया बीबी के कदम अंदर ही थम गये.

अपनी बेटी की लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ सुन कर रज़िया बीबी को यकीन हो गया कि आज फिर उस की बेटी अपनी उंगली से अपनी गरम चूत को ठंडा करने की कॉसिश में है.

रज़िया बीबी थोड़ी देर अपनी बेटी की आवाज़े सुनती रही और फिर जब कमरे से आवाज़ आनी बंद हुई तो उसे पता चल गया कि शाज़िया उंगली मार कर फारिग हो चुकी है.

इस लिए अब रज़िया बीबी भी अपने कमरे में चली आई और आ कर सो गई. आज सोने से पहले रज़िया बीबी ने अपने दिल में यह फ़ैसला कर लिया था कि वो सुबह अपनी बेटी से बात करे गी. कि वो कब तक ऐसे घुट घुट कर अपनी जवानी को ज़ाया करती रहेगी.इस लिए बेहतर हो गा कि वो दुबारा शादी कर ले.

रात बार की थकि मांदी शाज़िया अगली सुबह हस्बे मामूल देर से उठी.

तो उस के पास इतना भी टाइम नही था कि वो सकून से नाश्ता भी कर सके.

शाज़िया ने जल्दी से हाथ मुँह धो कर अपने स्कूल जाने की तैयारी की और चाइ के एक दो घूँट जल्दी से भर कर बाहर खड़ी अपनी स्कूल वॅन में जा बैठी.

ज्यों ही वॅन जब नीलोफर के घर पहुँची तो नीलोफर की रात वाली फोटोस को याद कर के शाज़िया की हिम्मत नही हो रही थी कि वो अपनी दोस्त का सामना कर पाए. मगर जब नीलोफर वॅन में आ कर शाज़िया के साथ बैठी तो उस ने ऐसे ज़ाहिर किया कि जैसे कोई बात हुई ही ना हो.

नीलोफर का रवईया देख कर शाज़िया की हालत संभली.

फिर स्कूल में सारा दिन दोनो के दरमियाँ रात वाले वकीये पर कोई बात ना हुई. जिस की वजह से शाज़िया पुरसकून हो गई.

स्कूल से वापसी पर घर जाते वक्त बारिश स्टार्ट हो गई. तो नीलोफर और शाज़िया के कपड़े वॅन में बैठे बैठे भीग गये.

आज नीलोफर के सास और सुसर अपनी एक बेटी को मिलने उस के घर गुजरात गये हुए थे . जिस की वजह से नीलोफर अपने घर में शाम तक अकेली थी.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

वॅन में बैठ कर नीलोफर ने शाज़िया को कहा” यार आज मेरे सास सुसर घर नही क्यों ना तुम आज सीधा घर जाने की बजाय थोड़ी देर मेरे पास ही रुक जाओ, हम मिल कर गरमा गरम चाइ पिएँगे और साथ पकौड़े खाएँगे”

शाज़िया: यार आज नही फिर कभी.

“यह बात तो तुम हर दफ़ा कहती हो, लगता है तुम्हें हम ग़रीबों के घर आना पसंद नही.नीलोफर ने थोड़ा हल्के गुस्से के अंदाज़ में जवाब दिया.

शाज़िया: यार यह बात नही असल में अम्मी को नही बताया ना.इस लिए वो फ़िकरमंद हों गीं.

नीलोफर: तो इस में क्या मसला है मेरे घर पहुँच कर अम्मी को फोन पर बता देना कि तुम मेरे घर हो. और फिर एक दो घंटे बाद रिक्शे से घर चली जाना.

शाज़िया का दिल तो नही चाह रहा था. मगर नीलोफर की ज़िद के आगे हर मानते हुए वो रज़ामंद हो गई.

नीलोफर के घर की गली तंग होने की वजह से वॅन वाले ने उन को सड़क पर ही उतारा . जिस की वजह से उन दोनो को सड़क से घर तक पैदल चल कर जाना पड़ा.

उस वक्त चूँकि मुसला धार बारिस हो रही थी. इस लिए नीलोफर के घर तक आते आते नीलोफर और शाज़िया दोनो बारिश में अच्छी ख़ासी भीग गईं.

घर पहुँच कर शाज़िया ने सब से पहले अपनी अम्मी को फोन पर बता दिया कि वो अपनी दोस्त नीलोफर के घर रुक गई है और शाम तक वापिस अपने घर पहुँच जाय गी.
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08-12-2019, 12:49 PM,
#22
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज्यों ही शाज़िया फोन से फारिग हुई तो उस ने देखा कि नीलोफर कमरे में उस के सामने ही अपने गीले कपड़े उतार कर दूसरे कपड़े पहनने लगी है.

शाज़िया को यूँ अपने सामने ही नीलोफर को अपने कपड़े उतारते देख कर बहुत शरम महसूस हुई और वो बोली ”यार तुम अंदर अपने बाथरूम में जा कर कपड़े पहन लो ना.”

निलफोर शाज़िया की बात सुन कर मुस्कुराइ और बोली “ यार इधर तुम्हारे इलावा कौन सा मर्द है और फिर जो कुछ मेरे पास है वो ही सब तुम्हारे पास है तो फिर तुम से शरम कैसी.”

शाज़िया ने जब देखा कि नीलोफर तो बिना किसी शरम-ओ-हया के उस के सामने ही अपने कपड़े उतारने पर तूल गई है. तो उस ने नीलोफर की तरफ से ध्यान हटा कर अपनी नज़रें अपने मोबाइल फोन पर जमा कर उसे देखने लगी.

चाँद लम्हो बाद नीलोफर कपड़े चेंज कर के फारिग हुई. तो उस ने शाज़िया को अपनी अलमारी से अपना एक सूट निकाल कर दिया.

नीलोफर: यार तुम्हारे कपड़े भी काफ़ी भीग चुके हैं इस लिए तुम मेरा यह सूट पहन लो.

शाज़िया: नही यार में ठीक हूँ.

नीलोफर: खाक ठीक हो. पागल मत बनो और यह कपड़े चेंज कर लो.

शाज़िया: कोई बात नही यार वैसे भी में तुम्हारे मुकाबले में मोटी हूँ इस लिए मुझे तुम्हारे कपड़े शायद नही पूरे आएँगे.

“अच्छा यूँ करो कि यह तोलिया ले कर इसे लपेट लो और अपने गीले कपड़ों को ईसतरी से सूखा लो” नीलोफर ने जब देखा कि शाज़िया उस के कपड़े पहनने पर राज़ी नही तो उस ने एक बड़ा सा टॉवल शाज़िया की तरफ बढ़ाते हुए कहा.

शाज़िया को तोलिया दे कर नीलोफर चाय और पकौड़े बनाने किचन में चली गई.


जब कि शाज़िया ने कमरे का दरवाज़ा बंद किया और अपने कपड़े उतार कर नीलोफर का दिया हुआ तोलिया अपने जिस्म के गिर्द लपेट लिया.


शाज़िया ने कमरे में इधर उधर नज़र दौड़ाई तो उसे एक कोने में ईसतरी का टेबल नज़र आया. तो वो अपने कपड़े उठा कर उधर चली गई और अपने गीले कपड़ो को गरम ईसतरी से सुखाने की कोशिश करने लगी.

अभी शाज़िया को अपने कपड़े ईसतरी करते थोड़ी ही देर गुज़री तो उसे यूँ अहसास हुआ कि कोई कमरे में उस के पीछे खड़ा उसे देख रहा है.

उस ने फॉरन पीछे मूड कर देखा तो उस ने नीलोफर को पीछे से अपने जिस्म का बगौर जायज़ा लेते हुए पाया.

शाज़िया ने जब नीलोफर को इस तरह अपने जिस्म को देखते हुए पाया तो उसे नीलोफर के सामने यूँ एक तोलिए में लिपटे नंगे बदन हालत में खड़ा होने में थोड़ी शरम महसूस होने लगी.

शाज़िया: यार तुम ज़रा बाहर जाओ में अभी कपड़े पहन लूँ फिर आना प्लीज़.

नीलोफर शाज़िया की बात सुन कर हंस पड़ी.

शाज़िया: तुम हंस क्यों रही हो.

नीलोफर: अरे यार में भी तो तुम्हारी तरह एक औरत ही हूँ इस लिए मुझ से क्या शरमाना तुम बिना झिझक मेरे सामने ही चेंज कर लो.

शाज़िया: हां वो तो ठीक है मगर मुझे बहुत शरम आ रही है.

नीलोफर बाहर जाने की बजाय उधर ही खड़ी शाज़िया को बहुत गौर से देखती रही. शाज़िया को नीलोफर के यूँ इस तरह टक टॅकी बाँध कर देखने पर भी बहुत हैरत हुई.

"ऐसे क्या देख रही हो.” शाज़िया ने नीलोफर से सवाल किया.

“ यार आज पहली बार तुम्हें इस तरह देख कर मुझे यह अंदाज़ा हुआ है कि तुम्हारा जिस्म तो बहुत खूबसूरत है. काश में लड़की की बजाय अगर लड़का होती तो सच पूछो तो तुम्हारा यह गुदाज बदन सारा खा जाती.” नीलोफर ने हँसते हुए कहा.

“यह तुम किस किस्म की बाते करने लगी हो नीलोफर” शाज़िया को अपनी दोस्त की बात सुन कर शरम तो आइए. मगर एक औरत के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर ना जाने क्यों उसे अच्छा भी लगा.

“ में सही कह रही हूँ शाज़िया तुम मेरी तमाम सहेलियों में सब से खोब्सूरत सहेली हो” नीलोफर ने अपने हाथ में पकड़ी चाय और पकोड़ो की ट्राइ को कमरे के टेबल पर रखते हुए कहा.

“अच्छा मुझे अब बानू मत तुम खुद भी किसी से कम नही. तुम्हारा शोहर बहुत ही किस्मत वाला है जिसे इतनी प्यारी बीवी मिली है” शाज़िया ने बेड की साइड टेबल पर पड़ी नीलोफर और उस के शोहर की फोटो देखते हुए कहा.

“क्या फ़ायदा इस खोबसूरती और जवानी का यार जब शोहर ही पास ना हो” नीलोफर भी अपनी तारीफ सुन कर मुस्कुराइ और शाज़िया के नज़दीक होते हुए बोली.

“नीलोफर तुम फिर भी खुशकिस्मत हो कि साल बाद ही सही मगर अपने शोहर का प्यार तो फिर भी तुम को हासिल हो जाता है,जब कि अपने शोहर से तलाक़ के बाद में तो अकेली रह गई हूँ” शाज़िया ने अफ़सोस भरे लहजे में नीलोफर से कहा.

नीलोफर इतनी देर में शाज़िया के बिल्कुल करीब आन पहुँची थी.

शाज़िया के करीब होते हुए नीलोफर ने कहा “ शाज़िया में और तुम अब बहुत अच्छी सहलियाँ बन चुकी हैं. इस लिए में आज तुम को अपनी एक बहुत ही राज़ की बात बताने जा रही हूँ मगर उस से पहले क्या में तुम से एक ज़ाति सवाल पूछ सकती हूँ”?.

शाज़िया: पूछ लो यार.

नीलोफर: क्या अपनी तलाक़ के बाद तुम्हारा कभी सेक्स करने को दिल नही किया? क्या कभी तुम्हारे दिल ने तुम से नही कहा कि काश कोई होता जो तुम से प्यार करता, तुम को किस करता, तुम्हारे जिस्म को दबाता और फिर तुम को चोद देता. क्या तेरा दिल नही करता कि कोई तुम को चोदे?"

नीलोफर मुझे समझ नही आ रही कि आज तुम को क्या हो गया है. आज से पहले तुम ने ऐसी बातें कभी भी नही की." नीलोफर के सवाल पर शाज़िया हक्का बक्का हो गई.

"शाज़िया बच्ची ना बनो प्लीज़ मेरे सवाल का जवाब दो. हो सकता है में तुम्हारी कुछ मदद कर सकूँ” नीलोफर ने शाज़िया की बात को नज़र अंदाज़ करते हुए अपनी बात पर इसरार किया.

" क्यों नही होता. में जवान हूँ और तुम खुद खूब अच्छी तरह जानती हो कि शादी के बाद सेक्स हर औरत की ज़रूरत बन जाता है, अब जब कि मेरा शोहर नही है तो में कई दफ़ा नहाते वक्त अपने नंगे जिस्म से छेड़ छाड़ करती हूँ." शाज़िया ने एक ठंडी साँस ली और अपने दिल का हाल अपनी दोस्त के सामने खोल कर रख दिया.

अपनी बात ख़तम करने के बाद शाज़िया एक लम्हे के लिए खामोश हुई और फिर नीलोफर की तरफ देखते हुए पूछा “ तुम कैसे अपने शोहर के बगैर पूरा एक साल सबर से गुज़ार लेती हो नीलोफर”?

“सबर, मेरी प्यारी बनो, तुम्हारा क्या ख्याल है कि तुम्हारी सहेली ने इतना सबर किया हो गा"यह कहते हुए नीलोफर ने शाज़िया को अपनी बाहों के घेरे में ले लिया.

“क्या” नीलोफर की बात सुन कर शाज़िया का मुँह हैरत से खुल गया.

"हां यार तुम्हारी जानकारी के लिए अर्ज़ है कि तुम्हारी दोस्त अपने शोहर की गैर मौजूदगी में एक दफ़ा नही बल्कि कई बार अपनी चूत और गान्ड चुदवा चुकी है और सिर्फ़ किसी एक से नही बल्कि दो मुक्तिलफ मर्दों से, क्या समझी." यह कहते हुए नीलोफर ने पास ही रखे हुए रिमोट की मदद से कमरे के दूसरे कोने में पड़े टीवी और डीवीडी को ऑन कर दिया.
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08-12-2019, 12:49 PM,
#23
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नीलोफर की ज़ुबान से निकले इलफ़ाज़ ने शाज़िया के जिस्म का पसीना छुड़ा दिया.

ज्यों ही टीवी की स्क्रीन ऑन हुई तो उस पर एक होम मेड फिल्म ऑन स्टार्ट हो गई .

इस मूवी में सब से पहले एक कमरे का मंज़र सामने आया जो कि किसी का बेड रूम था.

कुछ देर बाद शलवार कमीज़ में मलबूस लड़की स्क्रीन पर नामो दार हुई. उस लड़की की कमर कमरे की तरफ थी.

अभी वो लड़की कमरे में आ कर खड़ी हुई थी. कि पीछे से एक लड़के ने आ कर उस लड़की को अपनी बाहों में बाँधा और उस की गर्दन पर प्यार करना शुरू कर दिया.

लड़की एक दम मूडी तो उस का चेहरा सामने आया. जिस को देख कर शाज़िया की आँखे फटी की फटी रह गईं.

स्क्रीन पर नज़र आने वाली लड़की कोई और नही उस की दोस्त नीलोफर थी. जो वैसे तो हर वक्त बुर्क़ा पहन कर ऐसे नाटक करती रहती थी. जैसे उस से बढ़ कर कोई शरीफ इस दुनिया में पेदा नही हुई थी. मगर अब वो ही शरीफ जादी मूवी में एक अजनबी लड़के के लबों से अपने लब जोड़े एक रंडी की तरह फुल किस्सिंग में मसरूफ़ थी.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

मूवी को इस तरह शॉट और एडिट किया गया था. कि इस में नज़र आने वाले मर्द का चेहरा नज़र नही आ रहा था.

शाज़िया ने ज़रा गौर से टीवी पर दिखाए जाने वाले कमरे पर गौर किया. तो वो समझ गई कि यह तो वो ही कमरा है जिस में वो खुद इस वक्त खड़ी यह मूवी देख रही थी.

टीवी पर चलने वाले मंज़र में नीलोफर और उस मर्द की किस्सस इतनी ज़्यादा डीप थी .कि शाज़िया को अपने ही होंठो पर कुछ अजीब सा महसूस होने लगा. शायद यह शाज़िया के जिस्म की प्यास ही थी. जो उसे ऐसा फील हो रहा था.

जैसे जैसे टीवी पर नीलोफर और उस के यार के प्यार का सीन आगे बढ़ रहा था. वैसे वैसी शाज़िया को अपने जिस्म में गर्मी का अहसास बढ़ता हुआ महसूस हो रहा था.

थोड़ी देर बाद स्क्रीन पर चलती फिल्म में नीलोफर और वो लड़का बिल्कुल नंगे हो कर आपस में चुदाई करने लगे. तो अपनी सहेली की गरम चुदाई का मंज़र देख कर शाज़िया की बेचैनी बहुत ज़्यादा बढ़ गई और उस का जिस्म पसीने से भीगने लगा.

शाज़िया को तो पहले ही उस की सहेली नीलोफर की भेजी हुई आक्ट्रेस की नगी तस्वीरो ने पागल कर रखा था. मगर आज अपनी दोस्त नीलोफर की चुदाई की मूवी को देख कर शाजिया के जिस्म में एक ऐसी आग जल उठी थी. जिस को संभालना अब उस के लिए बहुत ही मुस्किल हो रहा था.

शाज़िया को टीवी पर चलने वाली फिल्म में खोया हुआ पा कर नीलोफर दिल ही दिल में बहुत खुश हुई. और उस ने शाज़िया के चेहरे को अपने हाथो में थामा और शाज़िया की आँखों में अपनी आँखे डाल कर उसे देखने लगी.

नीलोफर ने शाज़िया की आँखों में हवस की आग के शोले बुलंद होते देख लिए थे.

नीलोफर के हाथ अपने चेरे से लगते ही शाज़िया के जिस्म में एक करेंट सा दौड़ गया.

नीलोफर: शाज़िया मेरी जान तुम भी प्यासी हो और मेरी चूत भी पानी छोड़ रही है. घर खाली है तो फिर क्यों ना इस का फ़ायदा उठाए.

नीलोफर ने शाज़िया के करीब होते हुए उसे अपनी बाहों में भर लिया.

शाज़िया को कस कर अपने साथ चिपटाने से शाज़िया के बड़े बड़े मम्मे नीलोफर के दरमियाँ साइज़ के चूचों से टकराए और दोनो के मम्मे एक दूसरे में घुसने लगे.

“नीलोफर छोड़ो मुझे,में कॉन सा कोई लड़का हूँ .जब तेरे यार मिलें गे तो उन से अपनी प्यास बुझवा लेना” शाज़िया ने अपने जिस्म को नीलोफर की क़ैद से आज़ाद करने की कोशिस करते हुए कहा.

लेकिन नीलोफर पर तो आज जैसे चुदाई का भूत सवार था.

“शाज़िया आज में तुम को यह बात अच्छी तरह सम्झाउन्गी कि जिस तरह एक औरत दूसरी औरत के जज़्बात और अहसासात को समझ सकती है. उस तरह मर्द कभी नही जान सकते.”यह कहते हुए नीलोफर ने शाज़िया के जिस्म के गिर्द लिपटे तोलिये को एक दम खोल दिया. जिस की वजह से शाज़िया का जिस्म नीलोफर की निगाहों के सामने पूरा नंगा हो गया.

शाज़िया को नंगा करते ही नीलोफर ने अपना एक हाथ शाज़िया की टाँगों के बीच ला कर उस की गरम चूत पर रखा. जब कि अपने दूसरे हाथ से नीलोफर ने शाज़िया के बाँये मम्मे को काबू करते हुए कहा”ओह शाज़िया तुम्हारी चूत तो किसी आग की भट्टी की तरह तप रही है!!! और तुम्हारे मम्मे बड़े मस्त हैं,मुझे अपने साथ मस्ती करने दो और खुद भी मेरे साथ मस्ती कर के ज़िंदगी के मज़े लो मेरी रानी!!”

यह कहते हुए नीलोफर ने शाज़िया की चूत के ऊपर घुमाते हुए अपने हाथ की एक उंगली को शाज़िया की चूत में”घुपप्प्प” से घुसा दिया.

“हाआआआआअ” अपनी चूत में नीलोफर की उंगली को जाता हुआ महसूस कर के शाज़िया के मुँह से सिसकारी निकली. तो उस का बंद मुँह एक दम से खुद ब खुद खुल गया.जिस की वजह से नीलोफर की ज़ुबान शाज़िया के मुँह के अंदर दाखिल हो कर उस की ज़ुबान से टकराने लगी.

शाज़िया को अपने मुँह से बे इख्तियार निकलने वाली इस सिसकारी पर हैरत हुई. कि बजाय इस के वो नीलोफर को इस हरकत से रोके.उस की चूत ने तो ना सिर्फ़ नीलोफर की उंगली को अपने अंदर लेना पसंद किया. बल्कि वो तो नीलोफर के पूरे हाथ को अपने अंदर समेटने की तमन्ना करने लगी थी.
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08-12-2019, 12:50 PM,
#24
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया भी अब नीलोफर की छेड़ छाड़ से गरम हो गई और उसी गरमी का यह असर था.और शायद इस गर्मी का नतीजा था कि जिस की बदोलत शाज़िया के हाथ अब अपने आप ही नीलोफर के चूचों पर चले गये और वो भी अब अपनी सहली के चूचों को अपने हाथ में थाम कर उन्हे आहिस्ता आहिस्ता दबाने लगी.

आज नीलोफर ने शाज़िया के जिस्म के अंदर की आग को अपनी बातों और हरकतों से इस तरह उभारा था. कि शाज़िया नीलोफर के आगे बे बस हो कर अपने आप को अपनी सहेली के रहमो करम पर छोड़ने पर तूल गई.

शाज़िया तो पहले ही अपनी सहली की मेहरबानी से मुकम्मल नंगी हो चुकी थी

अब शाज़िया भी यह चाहती थी.कि नीलोफर भी उस की तरह पूरी बे लिबास हो जाय. ता कि वो भी नीलोफर के जिस्म के निशे-बो-फिराज़ को देख सके.

इस से पहले कि वो नीलोफर से अपनी ख्वाहिश का इज़हार करती. नीलोफर ने खुद ही शाज़िया से अलहदा होते हुए एक एक कर के अपने सारे कपड़े अपने जिस्म से उतार फेंके.

शाज़िया ने आज पहली बार अपने अलावा किसी और औरत को अपनी आँखों के सामने इस तरह हालत में पूरा नंगा देखा था.

इस के बावजूद कि शाज़िया किसी भी तरह से लेज़्बीयन नही थी. मगर फिर भी अपनी सहेली को यूँ अपने सामने नंगी हालत में देख कर शाज़िया के बदन से पसीना छूटने लगा और उस की चूत में लगी आग मज़ीद भड़क उठी.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

नीलोफर अपनी दोस्त की आँखों के बदलते हुए रंग को देख कर समझ गई कि उस की दोस्त को उस का यूँ नंगा होना अच्छा लगा है.

शाज़िया के इस अंदाज़ देख कर नीलोफर को यकीन हो गया कि अब उस के लिए शाज़िया को काबू करना मुस्किल नही रहा.

यह सोचते हुए नीलोफर नंगी हालत में शाज़िया के नज़दीक हुई. और उस ने जिन्सी गरमी की वजह से पसीना पसीना होते हुए शाज़िया के जिस्म को अपनी बाहों में दुबारा बाँधा. फिर अपने होंठ शाज़िया के पसीने से भीगी हुई गर्दन पर रख कर नीलोफर उस की गर्दन को चूमने लगी,चाटने लगी.

अपनी गरदन पर चिपके नीलोफर के होंठ शाज़िया को मदहोश करने लगे और मज़े से उस की आँखे बंद हो गईं.

थोड़ी देर में नीलोफर के होन्ट शाज़िया की गर्दन से से हट कर रेंगते हुए उस के गालो को किस करते शाज़िया के होंठो पर आन टिके.

नीलोफर के गुदाज होंठो ने शाज़िया के होंठो में को अपने क़ैद में लिया तो शाज़िया पिघल कर रह गई.


एक औरत के साथ ऐसे प्यार का अंदाज़ शाज़िया के बिल्कुल अनोखा और अलग था. जिस का स्वाद वो ज़िंदगी में पहली बार ले रही थी.

नीलोफर के तपते होंठ शाज़िया के लबों पर आ कर उस के भीगे होंठों को चूमने लगे.

अपने लबों पर नीलोफर के लबों को महसूस करते ही शाज़िया के होंठ खुद ब खुद खुलते चले गये.


नीलोफर की लंबी ज़ुबान अब शाज़िया के मुँह में दाखिल हो कर शाज़िया की ज़ुबान से अपनी लड़ाई लड़ने लगी.


उन दोनो के थूक मिक्स होने लगे और वो एक दूसरे की ज़ुबान को चूसने लगीं.

शाज़िया के हाथ नीलोफर के बालों में घूम रहे थे. जब कि नीलोफर के हाथ शाज़िया के नंगे मम्मो को अपने हाथों में थाम कर उन से खेलने में मसरूफ़ थे. दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

दोनो सहेलियो के हाथों और ज़ुबानो ने एक दूसरे के जिस्म और चूत में जिन्सी आग का शोला भड़का दिया था. जिस को ठंडा करना अब उन के लिए लाज़िम था.

दोनो सहेलिया एक दूसरे के होंठो को चूस्ते चूस्ते पास पड़े बिस्तर पर आ पहुँची.

बिस्तर कर करीब आते ही नीलोफर ने धक्का दिया तो शाज़िया कमर के बल बिस्तर पर गिर गई.

शाज़िया के बिस्तर पर लेटते ही नीलोफर भी उस के जिस्म के ऊपर चढ़ कर लेट गई.

बिस्तर पर एक धम्म से गिरने की वजह से शाज़िया के बड़े बड़े मम्मे उस की छाती पर अभी टक थक ठक कर के उछल रहे थे.

शाज़िया के चूचों को इस तरह उछलते देख कर नीलोफर और जज़्बाती हुई.और उस ने अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपनी सहेली के मोटे उभरे हुए निपल्स को अपने मुँह में भर का चूसना शुरू कर दिया.


नीलोफर के होंठ शाज़िया के निपल्स से ज्यों ही टच हुए. तो शाज़िया के निपल उस चूचों पर पहले से भी ज़्यादा एक शान से तन कर खड़े हो गये.

शाज़िया का अंग अंग जवानी की आग में दहक रहा था. उस की साँसे बहुत तेज़ी से चलने लगीं.

जब कि पसीने से भीगे हुए उस के चूचों को नीलोफर दीवाना वार चूस चूस कर अपने होंठो और मुँह से मज़ीद गीला कर चुकी थी.

शाज़िया के निपल्स और मम्मे चूसने और चाटने के बाद नीलोफर शाज़िया के पेट पर झुकी और फिर वो शाज़िया के पेट पर अपनी गरम ज़ुबान फिराने लगी.

शाज़िया का पसीने छोड़ता नमकीन बदन नीलोफर को बहुत ही मज़ेदार लग रहा था.

इस मज़े में मदहोश होते हुए उस की ज़ुबान अपनी सहेली के जिस्म का अंग अंग को चूसने लगी.

अब नीलोफर के गीले होंठ शाज़िया की धुनि के पास से सरकते सिरकते हुए नीचे की तरफ सफ़र करने लगे.

और आहिस्ता आहिस्ता नीलोफर की ज़ुबान शाज़िया की चूत की पास पहुँच गई.दोस्तो आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

अपनी चूत के इतने नज़दीक नीलोफर के होंठो को महसूस कर के पहले तो शाज़िया को समझ ही नही आई कि नीलोफर करने क्या जा रही है.


नीलोफर शाज़िया की प्यासी चूत के इतने नज़दीक थी.कि उस के मुँह से निकलती हुई गरम साँसे शाज़िया को अपनी चूत पर सॉफ महसूस हो रही थीं.

नीलोफर: शाज़िया एक औरत जब किसी दूसरी औरत की चूत पर अपनी ज़ुबान फेरती है तो क्या होता है यह तुम आज खुद महसूस कर लो मेरी जान.
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08-12-2019, 12:50 PM,
#25
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
इस से पहले कि शाज़िया को कुछ जवाब दे पाती. नीलोफर ने अपने प्यासे गरम होन्ट अपनी सहेली की पानी पानी होती चूत के लबों पर चिस्पान कर दिए.


“हाआआआआआ” शाज़िया के मुँह से एक सिसकारी उभरी और उस की फूली हुई गुलाबी फांकों वाली चूत से रस की एक बूँद टपक कर बिस्तर की चादर पर गिर पड़ी जो बिस्तेर की चादर को गीला कर गई.

जैसे ही नीलोफर के होंठ शाज़िया की चूत पर हरकत करने लगे. शाज़िया को यूँ लगा जैसे उस की चूत पर चींटियाँ रेंगने लगीं हों.

शाज़िया के लिए जवान का यह एक नया ही तजुर्बा था.

“नीलोफर यह तुम ने कैसी आग लगा दी है मेरे अंदर यार, ऐसी आग तो मेरे शोहर ने भी कभी नही लगाई थी मुझे.नीलोफर मुझे संभाल में बहक रही हूँ!!” शाज़िया मज़े से चिल्लाई.’ इंसानी जिंदगी का यह मज़ा पा कर शाज़िया तो जैसे पागल ही हो गई थी.उस वक़्त उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उस के सारे जिस्म में एक करेंट दौड़ रहा हो.

शाज़िया नीलोफर की इस हरकत से इतनी पागल हो गई कि उसने बे खुद होते हुए नीलोफर को उस के सर के बालों से पकड़ा और उस के मुँह पर अपनी चूत ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

उस की मुँह से सिसकारी भरी आवाज़े निकालने लगी एयेए आआआआ आआअहह आआआआआआआआआआहह और साथ शी साथ मज़े की शिद्दत से वो अपने होन्ट भी काटने लगी.

कुछ देर बाद नीलोफर ने शाज़िया की चूत से अपना मुँह अलग किया और बोली “चल अब 69 पोज़िशन करते हैं”.

शाज़िया हान्फते हुए बोली “ वो क्या होता है”

शाज़िया के तो फरिश्तो को भी नही पता था कि यह 69 किस को कहते हैं.

नीलोफर: में जैसा कहती हूँ तुम वैसे ही करो बुद्धू.

नीलोफर उठी और बिस्तर पर चित लेटी हुई शाज़िया के ऊपर इस तरह आ कर लेटी. कि उस का सिर शाज़िया की टाँगो के दरमियाँ आ गया और उस के पैर शाज़िया के सिर की तरफ चले गये.



अब बिस्तेर पर पोज़िशन कुछ इस तरह थी कि. शाज़िया नीचे लेटी थी और उस के मुँह के सामने नीलोफर की फुद्दि बिल्कुल खुली हुई थी.


अपनी सहेली की चूत को इतने नज़दीक से देख कर शाज़िया की आँखों में एक चमक आई.

नीलोफर की चूत को देखते देखते शाज़िया को ऐसे लगा जैसे नीलोफर की चूत शाज़िया को कह रही हो”शाज़िया जैसे तुम्हारी सहेली तुम्हारी चूत चाट रही है…. तुम भी मेरी ऐसे ही चूत चाट लो यार”.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

शाज़िया अभी अपनी दोस्त की चूत के लिप्स का जायज़ा ही लेने में मसरूफ़ थी.कि ऊपर से नीलोफर की पानी छोड़ती चूत का एक कतरा शाज़िया के खुले होंठो से होता हुए उस के हलक में जा गिरा.

शाज़िया को अपनी दोस्त की चूत का पानी का ज़ायक़ा अजीब सा महसूस हुआ.

इस से पहले कि शाज़िया नीलोफर को ऊपर से हटने का कहती. नीलोफर ने अपनी खुली टाँगें शाज़िया के मुँह पर कसी और खुद अपनी ज़ुबान शाज़िया की मस्त चूत पर दुबारा फैरने लगी.

यह सच है कि कोई औरत जान बूझ कर या माँ के पेट से लेज़्बीयन पेदा नही होती.यह तो वो जिन्सी हवस है जो एक औरत को दूसरी औरत से प्यार करने पर मजबूर कर देती है.

नीलोफर की ज़ुबान अपनी चूत पर महसूस कर के शाज़िया फिर से गरम हो गई. और ना चाहते हुए भी उस ने अपने सर को हल्का सा हवा में बुलंद किया और अपने सामने खुली नीलोफर की चूत के लिप्स पर अपनी ज़ुबान रख कर उसे चूसने लगी.


साथ ही साथ उस ने अपनी हाथ से नीलोफर की गान्ड को जकड़ा और उस की गान्ड को थाम कर दबाने लगी.

नीलोफर की चूत का नमकीन टेस्ट शाज़िया को अब बहुत मज़ेदार लग रहा था.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

शाज़िया को यूँ अपनी चूत पर ज़ुबान फेरते हुए नीलोफर को भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी फुद्दि शाज़िया के मुँह पर ज़ोर ज़्ज़ोर से मारने लगी.

नीलोफर ने अब शाज़िया की चूत के दाने को अपने होंठों में दबा लिया तो ओह…..आआआररर्र्रररगगगगघह……हाआऐययईईईईई…..उउर्र्ररज्ग्घह!!!”शाज़िया के मुख से चीख निकली और उस का जिस्म अकड़ गया.

नीलोफर ने उसकी चूत मे ज़ुबान डाल कर चाटना शुरू कर दिया तो शाज़िया ने भी नीलोफर की तरह करते हुए उस की चूत चाटनी शुरू कर दी.

अब दोनो 69 पोज़िशन मे एक दूसरे की चूत चाट रही थीं और “अहाआआआआअ” कर रही थीं.

अब दोनो दोस्त अपनी हवस की आग में जलती हुई एक दूसरे की चूत को चाट चाट कर खाने लगीं.

चूत की चटाई का क्या मज़ा होता है आज शाज़िया को यह पता चल चुका था. और वो अपने चूतड़ ज़ोर से हिला हिला कर नीलोफर की ज़ुबान से मज़ा ले रही थी.

नीलोफर की जबर्जस्त किस्म की सकिंग ने शाज़िया को हाला बुरा कर दिया. उस लग रहा था कि अब उस की चूत में उबलता हुआ लावा उस के कंट्रोल से बाहर होने लगा है.दोस्तो ये कहानी आप राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं

इधर शाज़िया के होंठो ने नीलोफर का भी यही हाल किया था. उस की चूत की गहराई से चूत का लावा भी ज़ोर ज़ोर से उच्छलने लगा. और वो भी पागलों की तरह अपनी सहेली की चूत को चाटने लगी.

और फिर एक दम से दोनो के जिस्मो एक साथ अकडे और एक साथ ही दोनो के जिस्म झटके मारने लगे.

दोनो की फुद्दियो से उन की चूत का पानी एक फव्वारे की शकल में उबल कर एक दूसरे के मुँह में गिरने लगा.
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08-12-2019, 12:50 PM,
#26
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”ऊऊऊऊ…..आआआआहह…….उूुऊउगगगगगघह!!!!!” की आवाज़ें दोनो के हलक से निकल रही थीं. लेकिन ये पता नहीं चल रहा था. कि कौन सी आवाज़ किस की है. और फिर वो दोनो थक कर बिस्तर पर बेसूध और बे जान लेट गईं.


“बहुत मज़ा आया शाज़िया” नीलोफर ने शाज़िया के जिस्म के गिर्द अपनी बाहों का घेरा डालते हुए उस से पूछा.

“उफफफफफफ्फ़….उईई…..आअहह….आाअगगगगगगग!!! नीलोफर …..तुम ठीक कह रही हो, एक औरत ही औरत की प्यास को जान और समझ सकती है. और जो मज़ा एक औरत दूसरी औरत को दे सकती है वो शायद एक मर्द भी नही दे सकता. शाज़िया ने जवाब दिया.

“यार जितनी आग तुम्हारी चूत में दबी हुई है वो कोई औरत कम नही कर सकती, इस आग को ठंडा करने के लिए तुम्हे एक मोटे बड़े और सख़्त जवान लंड की ज़रूरत है. अगर तुम कहो तो में इस लंड का तुम्हारे लिए बंदोबस्त करूँ. यार अगर यह लंड एक दफ़ा तुम अपनी फुद्दि में ले लो गी. तो यकीन मानो तुम मरते दम तक इस लंड का पीछा नही छोड़ो गी” नीलोफर ने टीवी स्क्रीन पर अभी तक अपनी और ज़ाहिद की चलती हुई मूवी की तरफ इशारा किया.

इस सीन में नीलोफर अपने दूसरे आशिक का लंड अपने मुँह में ले कर उस का चुसाइ लगा रही थी.


जिस आदमी के ये लंड था उस का चेहरा तो शाज़िया को नज़र नही आ रहा था. मगर उस आदमी का लंड नीलोफर के पहले आशिक़ के मुक़ाबले में बहुत ज़्यादा बड़ा और मोटा और सख़्त नज़र आ रहा था. और इस शानदार लंड को देख कर शाज़िया फिर बहकने लगी.

शाज़िया: यार सच पूछो तो में भी अपनी जिंदगी का मज़ा लेना चाहती हूँ मगर डर लगता है.

नीलोफर: यार आज से मेरी बात मानो और यह डर वर निकाल कर जवानी का मज़ा लो, और तुम फिकर मत करो, देखना में जल्द ही इस लंड को तुम्हारी फुद्दि में डलवा दूं गी मेरी बानू.

“चलो हटो मुझे शरम आती है” शाज़िया नीलोफर की बात से शरमा गई और उस ने अपने आप को नीलोफर से अलग करते हुआ कहा.

शाम होने को थी. इस लिए शाज़िया ने उठ कर अपने कपड़े पहने और फिर नीलोफर को उसी तरह नंगा छोड़ कर अपने घर वापिस जाने के लिए निकल पड़ी.

नीलोफर के बनाए हुए गरम पकौड़े और चाइ तो टेबल पर पड़ी पड़ी ठंडी हो गईं थीं. मगर नीलोफर ने शाज़िया की प्यासी फुददी में आज एक नई आग लगा कर उसे इतना गरम कर दिया था. कि अब शाज़िया के लिए उसे ठंडा करने के लिए किसी गरम रोड की ज़रूरत महसूस होने लगी थी.

शाज़िया ने अपने घर वापिस आते ही अपने कमरे में जा कर अपने कपड़े चेंज किए और फिर अपनी अम्मी के साथ घर के काम में उन का हाथ बंटाने लगी.

ज़ाहिद एक हफ्ते से अपनी एक डिपार्ट्मेनल ट्रैनिंग के सिलसिले में झेलम से बाहर था. वो भी उसी शाम ही वापिस अपने घर आया.

ज्यों ही ज़ाहिद अपने घर पहुँचा तो उस की अम्मी ने उस के लिए दरवाज़ा खोला और वो एक हफ्ते की जुदाई के बाद अपने बेटे से मिल कर बहुत खुश हुईं.

“बेटा तुम अंदर टीवी लाउन्ज में बैठो में तुम्हारे लिए पानी ले कर आती हूँ” कहते हुए रज़िया बीबी पानी लेने किचन में चली गई.

ज़ाहिद टीवी लाउन्ज में एंटर हुआ तो शाज़िया को सोफे पर बैठ कर टीवी देखते पाया.

शाज़िया भी अपने भाई ज़ाहिद को इतने दिनो बाद मिल कर बहुत खुश हुई.

अपनी बेहन से सलाम दुआ के बाद ज़ाहिद भी शाज़िया के पास ही सोफे पर बैठ गया.
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08-12-2019, 12:50 PM,
#27
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ज़ाहिद को शाज़िया के साथ सोफे पर बैठे एक मिनट ही गुज़रा कि उन की अम्मी ने किचन से शाज़िया को पुकारा.

अम्मी की आवाज़ सुन कर शाज़िया अपनी अम्मी की बात सुन उन के पीछे पीछे ही किचन की तरफ चल पड़ी.


शाज़िया ने आज सफेद कमीज़ और हल्की ब्लू कलर की पटियाला स्टाइल की शलवार पहनी हुई थी.

उस की कमीज़ तंग और छोटी होने की वजह से शाज़िया की गान्ड को पूरी तरह कवर नही करती थी. जब कि शाज़िया की पटियाला शलवार का घेर होने का बावजूद शाज़िया की नर्म और भारी गान्ड के खूबसूरत कूल्हो को छुपाने से असमर्थ थी

ज़ाहिद की नज़रें पीछे से अपनी बेहन के बड़े बड़े कूल्हों पर जम गईं और वो बैठा अपनी बहन के जिस्म का जायज़ा लेने लगा.

शाज़िया के खूबसूरत कूल्हे ,उस पर पतली सी कमर और दोनो तरफ लटके नाज़ुक नाज़ुक गोरे गोरे हाथ जिस पर नाज़ुक नाज़ुक से ब्रॅसलेट. जिन की झंकार शाज़िया के कूल्हों की हर ताल से ताल मिलाती थी.

ज़ाहिद ने महसूस किया कि चलते चलते उस की बेहन ने जैसे अपने कूल्हे और भी थोड़ा हिलाना शुरू कर दिए हों.

एक अदा से चलने की वजह से शाज़िया के कूल्हे मज़ीद थिरक उठते थे. शाज़िया यह नही जानती थी कि आज यूँ अपने भारी कूल्हे थिरकाने से उस के सगे भाई के दिल का सुकून बर्बाद होने लगा था.


अपनी बेहन की मस्त गान्ड का यह नज़ारा देख कर ज़ाहिद की आँखें फटी रह गई.

बेहन की मस्त गान्ड पर अपनी नज़रें गाढ़े ज़ाहिद के दिमाग़ में दिलेर मेहंदी का यह गाना खुद ब खुद गूंजने लगा.

“शाडे दिल ते चन्गि चलिया
ते रह गे असेन लंड फाड़ के
जादू “बेहन” ने
मूर वांगू पेलान पायाँ”

ज़ाहिद अपनी ज़िंदगी में कई औरतों की गान्ड को चोद चुका था. लेकिन उस ने आज तक इतनी सेक्सी और जबर्जस्त गान्ड किसी भी औरत की नही देखी थी.

ज़ाहिद बेहन की मटकती हुई गान्ड को देख कर दिल ही दिल में सोचने लगा कि अगर उसे अपनी बेहन की गान्ड चोदने को मिल जाय.तो वो तो ज़िंदगी भर उस की गान्ड ही मारता रहे.

मगर ज़ाहिद यह जानता था. कि इस की यह ख्वाहिश पूरी होना अगर ना मुमकिन नही तो बहुत ही मुश्किल ज़रूर है. और अपनी इस ख्वाइश को पूरा होने में कितना अरसा लगे गा यह वो नही जानता था.


इस लिए ज़ाहिद ने शाजिया के किचन में जाने के बाद पास पड़े हुए सोफे के कशन को अपनी गोद में रखा और अपनी पॅंट की पॉकेट में हाथ डाल कर अपने खड़े लंड को मसल कर कहने लगा “ बैठ जा बेहन चोद क्यों मरवाएगा मुझे”

थोड़ी देर बाद ज़ाहिद की अम्मी उस के लिए पानी का ग्लास ले आई और बेटे हो पानी दे कर उस के पास ही सोफे पर बैठ गईं.

कुछ देर के बाद शाज़िया किचन से खाने के बर्तन और सालन वग़ैरह लाई तो तीनो माँ बेटा बेटी ने काफ़ी अरसे बाद इकट्ठे एक साथ बैठ कर खाना खाया.


खाने से फारिग होते ही शाज़िया किचन में जा कर बर्तन धोने में मसरूफ़ हुई. तो रज़िया बीबी ने अपने से शाज़िया की दुबारा शादी की बात करने का सोचा.

रज़िया बीबी: ज़ाहिद बेटा मेरा दिल है कि शाज़िया की दुबारा शादी कर दूं.

“चाहता तो में भी यह ही हूँ,मगर आप ने शाज़िया से उस की रज़ा मंदी पूछी है” ज़ाहिद ने अम्मी को कहा.

ज़ाहिद ने यह बात कहने को कह तो दी मगर अंदर से उस का दिल हरगिज़ हरगिज़ यह नही चाह रहा था कि उस की बेहन शादी कर के उस की आँखों से ओझल हो जाय.

क्योंकि अगर अभी तक जमशेद की तरह अपनी बेहन से अपने जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने की हिम्मद नही पेदा कर पाया था. मगर इस के बावजूद अब उस को अपनी भोकी नज़रों से अपनी ही सग़ी बेहन के मोटे बदन को टटोलने में मज़ा आने लगा था.

रज़िया बीबी: बेटा में चाहती हूँ कि पहले तुम से बात कर लूं, तुम अब शादी की हां कर दो ता कि में किसी रिश्ते वाली से कह कर तुम्हारा और तुम्हारी बेहन का रिश्ता तलाश कर के दोनो काम इकट्ठे निपटा दूँ.

“अम्मी आप मेरी फिकर मत करिए आप शाज़िया के बारे में पहले सोचें” ज़ाहिद अपनी अम्मी की बात सुन कर जवाब दिया.

अभी दोनो मा बेटे में यह बात चीत जारी थी. कि इतनी देर में शाज़िया किचन से फारिग हो कर टीवी लाउन्ज में दाखिल हुई .तो उस ने अपनी अम्मी और भाई के दरमियाँ होने वाली बात चीत का आखरी हिस्सा सुन लिया.

आज से पहले अपनी जिस्मानी प्यास के हाथो बे चैन होने के बावजूद शाज़िया अक्सर यह सोचती थी. कि किसी बूढ़े आदमी से शादी कर के उस के ढीले लंड को अपनी फुद्दि में लेने से बेहतर है कि इंसान अपनी उंगली से ही अपने आप को ठंडा कर ले.

और आज नीलोफर के हाथो और ज़ुबान से अपनी प्यासी फुददी की प्यास बुझवा कर शाज़िया के दिल में लंड की बेचैनि मज़ीब बढ़ तो गई थी. लेकिन इस के साथ साथ नीलोफर ने शाज़िया को आज यह भी समझा दिया था. कि औरत के जिस्म की प्यास बुझाने के लिए मर्द का साथ ज़रूरी तो है मगर लाज़मी नही.

इसी बात को ज़हन में रखते हुए शाज़िया अपनी इस बात पर अब पहले से ज़्यादा कायम हो गई थी. के जब टुक उस को अपनी मर्ज़ी का कोई मुनासाब जवान रिश्ता नही मिलता. वो दुबारा शादी करने में जलद बाज़ी नही कार्य गी.

क्योंकि स्याने कहते हैं ना के “कोजे ऱोणे नालून चुप चांगी”.
(बुरा रोने से खामोशी अच्छी है)

रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी को कमरे में आते देखा तो बोली “ शाज़िया बेटा आओ बैठो हम दोनो तुम्हारे बारे में ही बात कर रहे थे”

शाज़िया ज्यों ही कमरे में घुसी तो ज़ाहिद का मोबाइल फोन पर उस के पोलीस स्टेशन से एक साथी पोलीस वाले की कॉल आ गई. जिस को सुनने ज़ाहिद उठ कर अपने कमरे की तरफ चला गया.

“मेरे बारे में क्या बात हो रही थी अम्मी” भाई के जाने के बाद शाज़िया ने अपनी अम्मी के सामने पड़े सोफे पर बैठते हुए पूछा.

रज़िया बीबी: बेटी मेरी ख्वाहिश है कि मेरे मरने से पहले तुम अपना घर दुबारा बसा लो.

शाज़िया:अम्मी खुदा आप का साया हम पर सलामत रखे,आप क्यों ऐसी बात करती हैं.

रज़िया बीबी: बेटा वक्त का क्या भरोसा,इस लिए में चाहती हूँ कि तुम दोनो बेहन भाई की शादी कर के में अपना फर्ज़ निभा दूं,मगर मुझे अफ़सोस है कि ना तुम्हारा भाई शादी पर तैयार होता है और ना तुम.

अम्मी भाई का तो मुझे पता नही मगर में आप को यह बात पहले भी बता चुकी हूँ कि मुझे किसी दूसरी शादी के ख्वाहिश मंद बाबा से हरगिज़ हरगिज़ शादी नही करनी” शाज़िया ने इनडाइरेक्ट अपनी अम्मी को यह बात कह दी कि वो अब शादी करे गी तो किसी जवान मर्द के ही साथ ही करे गी.
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08-12-2019, 12:50 PM,
#28
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रज़िया बीबी जानती थी कि तलाक़ के बाद जो भी रिश्ता अब तक उस की बेटी शाज़िया के लिए आया था. वो सब मर्द शाज़िया की उमर से काफ़ी बड़े थे.

वैसे एक माँ होने के नाते रज़िया बीबी की भी दिली तमन्ना थी कि उस की बेटी की शादी उसी के हम उमर बंदे से ही हो. मगर रज़िया बीबी अब वो ऐसा रिश्ता लाती तो भी कहाँ से. इस लिए वो अपनी बेटी की बात सुन कर खुश हो गई.


उधर दूसरी तरफ शाज़िया के जाने के बाद नीलोफर ने कमरे की अलमारी में रखे हुए वीडियो रिकॉर्डर को चेक किया. तो उसे तसल्ली हो गई कि उस की और शाज़िया की लेज़्बीयन सेक्स की पूरी मूवी बन चुकी है.

मूवी देख कर नीलोफर को तसल्ली हो गई. और फिर उस ने अपने भाई जमशेद को फोन कर के उसे अपने घर बुलाया.

जमशेद तो अपने घर बस अपनी बेहन के फोन के इंतिज़ार में ही बैठा हुआ था. बेहन का फोन सुनते ही वो तो जैसे हवा में उड़ता हुआ अपनी बेहन के घर आन पहुँचा.

जमशेद ने घर की बेल बजाई तो नीलोफर ने अपने नंगे जिस्म के गिर्द एक चादर लपेट कर घर का दरवाज़ा ख़ूला और अपने भाई का इस्तक्बाल किया.

अपने भाई को ले कर नीलोफर ज्यों ही अपने बेड रूम में दाखिल हुई तो जमशेद ने पूछा“तो फिर कैसा गुज़रा आप का वक्त अपनी सहेली शाज़िया के साथ बाजी”.

“उफफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ शाज़िया तो मेरी चूत को इतना गरम कर गई है.कि अब तुम्हारे लंड लिए बैगर इस की प्यास नही बुझ पाइए गी भाई” कमरे के अंदर आते ही नीलोफर ने अपने जिस्म के गिर्द लिपटी अपनी चादर को अपने बदन से अलग करते हुए जमशेद से कहा.

यूँ तो अपनी बेहन के बदन को जमशेद बे शुमार मर्तबा ना सिर्फ़ नंगा देख चुका था. बल्कि कितनी दफ़ा वो खुद अपने हाथो से अपनी बेहन के जिस्म से उस के कपड़े उतर कर उसे नंगा कर चुका था.लेकिन इस के बावजूद जमशेद जब भी अपनी बेहन को अपनी आँखों के सामने बे लिबास होते देखता. तो उस को हमेशा ही एक नया स्वाद मिलता.

इस लिए हमेशा की तरह आज भी अपनी बेहन के जिस्म को अपनी आँखों के सामने यूँ नंगा खड़ा देख कर जमशेद की तो बाछे ही खिल गईं.

उस ने एक लम्हे में ही अपने कपड़े उतार कर फर्श पर गिराए और फॉरन अपनी बेहन के बदन को अपनी बाहों में भर कर उस के चूचों को हाथ से मसलते हुए नीलोफर के होंठो को चूमने लगा.

दोनो बेहन भाई के लब आपस में टकराए. तो सेक्स की एक लहर उन दोनो के जवान जिस्मो में सर से ले कर पैर तक दौड़ती चली गई.

थोड़ी देर अपनी बेहन के होंठो को चूमने के बाद जमशेद ने नीलोफर को उस के सुहाग वाले बिस्तर पर लिटा दिया. और खुद बिस्तर के नीचे फर्श पर अपनी बेहन की खुली हुई टाँगो के दरमियाँ बैठ कर अपनी बेहन की प्यारी चूत को प्यार से देखने लगा.

बेहन की चूत को कुछ देर प्यार से देखते और अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर फेरते हुए जमशेद अपनी नाक को अपनी बेहन की चूत के पास लाया और अंदर की तरफ अपनी तेज़ साँस खींचते हुए बोला. “ओह्ह ओह्ह आहह मेरी प्यारी बहन की चूत से कितनी मस्त करने वाली खुश्बू आ रही है,निलो यकीन मानो तुम्हारी चूत की खुश्बू दुनिया के सब से महनगे पर्फ्यूम से भी बढ़ कर प्यारी है मेरी जान”.

साथ ही साथ जमशेद ने अपना मुँह खोल कर अपनी बेहन की चूत के लबों को अपने मुँह में भर कर चूमा


तो नीलोफर के मुँह से मज़े के मारे सिसकियाँ निकलने लगीं.

नीलोफर अपने भाई के मुँह से अपनी चूत की इतनी तारीफ सुन कर पहले ही गरम हो गई थी.जब कि भाई के होंठो ने उस की जिस्मानी आग पर पेट्रोल का काम किया और वो मज़ीद गरम हो उठी.

मस्ती में डूबते हुए नीलोफर अब अपने भाई के मुँह से अपनी और ज़्यादा तारीफ सुनने के मूड में थी. इस लिए उस ने सिसकियाँ लेते हुए अपने भाई जमशेद से पूछा“ ऊऊओह क्या तुम को सिर्फ़ मेरी फुद्दि ही अच्छी लगती है, क्या मेरे मम्मे तुम्हे खूबसूरत नही लगते भाई?”

जमशेद: ओह्ह निलो मेरी बेहन में ने आज तक इतनी खूबसूरत चूत और मम्मे नही देखे,तुम तो पूरी की पूरी ही मस्त माल हो. अह्ह्ह्ह में कितना खुश किस्मत हूँ कि मुझे तुम जैसी खूबसूरत बेहन चोदने को मिली है मेरी जान.

यह कहते ही जमशेद ने अपनी बेहन के गुदाज चुतड़ों पर हाथ रख कर उस की गान्ड को ऊपर उठाया और दुबारा अपने मुँह के नज़दीक किया और अपने मुँह को फिर नीलोफर की चूत पर लगा दिया.

नीलोफर फिर भाई की इस हरकत से मस्ती से बे काबू हो गई.“हाईईईईईईईईईई लोग सही कहते हैं कि भाई,बहनो की इज़्ज़त के रखवाले होते हैं.तुम वाकई ही एक साँप बन कर अपनी बेहन की चूत के खजाने की हिफ़ाज़त करते हो भाईईईईईईईईईईईईईईई”.

जमशेद ने तीन चार बार बेहन की चूत पर अपनी ज़ुबान फेरी और फिर अपनी ज़ुबान को बेहन की चूत में डाल कर उसे चाटने लगा.
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08-12-2019, 12:51 PM,
#29
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
तो मज़े की शिद्दत से बे काबू होते हुए नीलोफर के मुँह से बे इख्तियार यह अल्फ़ाज़ निकल पड़े .

इस मज़े को पा कर नीलोफर तो दुनिया को भूल गई. और नीलोफर मस्ती में आते हुए अपने भाई के सर को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.


जमशेद लपर-लपर अपनी बेहन की चूत को चाटने में मसरूफ़ था.कि इतने में पास रखे नीलोफर के मोबाइल फोन की बेल बज उठी.

मज़े की शिद्दत में बेहाल नीलोफर को फोन की बजती बेल बहुत ही नागवार गुज़री और उस ने अपने फोन को नही उठाया.

थोड़ी देर जवाब ना मिलने पर फोन करने वाले ने फोन काट दिया तो नीलोफर ने सकून का सांस लिया.

जमशेद अभी तक अपनी बेहन की फुद्दि को खाने में मसरूफ़ था.वो दीवाना वार अपनी ज़ुबान को बेहन की चूत के अंदर तक पेल कर चाट रहा था. और अपनी बेहन की चूत से निकलने वाले रस को भी चाट चाट कर ख़ाता जा रहा था.

दोनो बेहन भाई अपनी अपनी मस्ती के जोबन पर थे. कि नीलोफर के मोबाइल फोन की बेल दुबारा बज उठी.

नीलोफर ने झुंझला कर पास पड़े फोन को उठा कर देखा.

“बाजी कौन है जो बार बार फोन किए जा रहा है” जमशेद ने अपनी बेहन की टाँगो के दरमियाँ फँसे अपने सर को उठाते हुए नीलोफर से पूछा.

“तुम्हारे दूल्हा भाई का फोन है मसकॅट से” नीलोफर ने फोन पर नज़र आते नंबर को देखते हुए थोड़े गुस्से में जमशेद को जवाब दिया.

“तो अप फोन सुन ले ना” जमशेद ने कहा.

“नही अभी तुम अपना काम जारी रखो” नीलोफर ने अपने भाई के सर को पर हाथ रख कर उसे अपनी छूट चाटना जारी रखने का कहा.

“आप फोन सुन लें नही तो भाई जान को कहीं कोई शक ना हो जाय”जमशेद ने अपनी बेहन को समझाते हुए कहा.

“अच्छा यार” कहते हुए नीलोफर ने फोन ऑन कर दिया और अपने सर को बिस्तर से उठा कर नीचे अपनी फुद्दि की तरफ देखने लगी.तो वो अपनी जम कर चाटी हुई चूत को देख कर खुश हो गई.

“हेलो” नीलोफर ने फोन ऑन करते हुए बोला.

“कहाँ हो इतनी देर से में फोन किय जा रहा हूँ” नीलोफर के शोहर ने दूसरी तरफ से पूछा.

“घर ही हूँ,असल में अम्मी अब्बू गुजरात गये हुए हैं और में जमशेद भाई के साथ “खेल” रही हूँ, इस लिए आप के फोन का पता नही चला” नीलोफर ने अपनी टाँगो के दरमियाँ खड़े हुए भाई को देखते हुए कहा.

जमशेद अब अपनी बेहन की टाँगों को अपने हाथ में उठा कर उस की चूत पर आहिस्ता आहिस्ता अपना मोटा लंड रगड़ने में मसरूफ़ था.वो भी अपनी बेहन की खेल वाली ज़ू महनी ( द्विअर्थि ) बात पर हल्का सा मुस्करा उठा.

“अच्छा कौन सी गेम खेल रहे हो तुम दोनो बेहन भाई” नीलोफर के शोहर ने नीलोफर से पूछा.

“हम दोनो “ लुडो” खेल रहे हैं.” नीलोफर ने अपने भाई की आँखों में आँखे डालते हुए जवाब दिया.

इतनी देर में जमशेद ने अपनी गान्ड को हल्का सा झटका दिया तो उस का लंड अपना रास्ता बनाता उस की बेहन की गरम फुद्दि में दाखिल हो गया.



और हमेशा की तरह जमशेद का लंबा लंड उस की बेहन नीलोफर की चूत की गहराइयों में पहुँच कर नीलोफर को मज़ा देने लगा.

ज्यों ही जमशेद का लंड उस की बेहन की फुद्दि में घुसा. तो भाई के गरम,सख़्त और जवान लंड को अपने अंदर दाखिल होता हुआ महसूस कर के नीलोफर के मुँह से रोकने के बावजूद एक हल्की सी चीख निकल गई” हाईईइ”

“क्या हुआ” अपनी बीवी की चीख सुन कर नीलोफर के शोहर ने फॉरन पूछा.

“कुछ नही बस वो जमशेद भाई के “साँप” ने मेरी “लुडो” के “दाने” को “काट” लिया है. जिस से में भाई के नीचे आ गई हूँ” नीलोफर ने अपने मुँह से निकलने वाली सिसकारियो को कंट्रोल करते हुए कहा. और साथ ही उस ने जमशेद को एक आँख मार दी.

जमशेद अपनी बेहन की इस बात चीत से बहुत महज़ोज़ हो रहा था. उस ने नीलोफर की फुद्दि में अपना लंड पेलते पेलते आगे बढ़ कर अपनी बहन के जवान सख़्त चूचों को अपने मुँह में भरा और बेहन की चूत को चोदते हुए उस के चूचों को भी चूसने लगा.

“अच्छा जल्दी के साथ जमशेद से बात करवा दो फिर में ने अम्मी अब्बू को गुजरात फोन करना है” नीलोफर के शोहर ने उस कहा.

“भाई यह लो “वो “आप से बात करना चाहते हैं” नीलोफर ने अपने शोहर के अहतिराम में उस का नाम नही पुकारा और अपनी फुद्दि में लंड पेलते हुए अपने भाई को फोन पकड़ा दिया.

(वाकई ही नीलोफर अपने शोहर की दिल से इज़्ज़त करती थी.कि वो आहतरम उस का नाम अपनी ज़ुबान पर कभी नही लाती थी.. मगर अपने शोहर की सब से ज़्यादा संभाल कर रखने वाली इज़्ज़त (चूत) को उस के साले (अपने सगे भाई) के हाथो ही कई दफ़ा लुटवा चुकी थी)

“हेलो” जमशेद ने फोन हाथ में लेते और अपने लंड अपनी बेहन की फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए कहा.

“जमशेद यार अपनी बेहन को खुश और उस का ख्याल रखा करो,मुझे नीलोफर से तुम्हारी शिकायत नही मिलनी चाहिए” नीलोफर के शोहर अपने साले से कहा.

“भाई जान आप फिकर ना करें में आप के कहे बिना ही बाजी का बहुत ख्याल रख रहा हूँ” जमशेद ने अपने झटके की स्पीड बढ़ाते हुए कहा.

“शाबाश मुझे तुम से यह ही उम्मीद थी,अच्छा अब में ज़रा अम्मी को फोन कर लूँ,फिर बात हो गी” यह कह कर नीलोफर के शोहर ने फोन की लाइन काट दी.

जमशेद ने फोन को बिस्तर पर एक तरफ़ फेंका और पास टेबल पर पड़े टीवी रिमोट को हाथ में ले कर कमरे की दीवार पर लगे टीवी पर नीलोफर और शाज़िया की लेज़्बीयन मूवी को ऑन कर दिया.


फिर जमशेद ने अपने हाथो को अपनी बेहन के चूचों पर रखा और झुक कर नीलोफर के होंठो को चूमते हुए अपने झटकों की रफ़्तार में एक दम बढ़ाते हुए अपनी बेहन के कान में सरगोशी की, “निलो.”

नीलोफर:हूँ.

जमशेद:मेरी बहन कैसा लग रहा है?

नीलोफर: ओह्ह भाई बहुत अच्छा. आआआआआअहह उूुुुुुउउफफफफफफफफ्फ़ ऊऊओह भाईईईईईईईईईईईईई बोहोत मज़ा देते हो तुम.

“मेरी बेहन , अब तो तुम्हारे शोहर ने भी मुझे तुम्हे खुस और तुम्हारा ख्याल रखने का कह दिया है.अब तो में पहले से भी ज़्यादा अपनी बेहन की फुद्दि का ख्याल रखूं गा मेरी जान”जमशेद ने अपना लंड नीलोफर की तंग चूत से हल्का सा बाहर निकाला और फिर एक ज़ोर दार झटके से उस के अंदर अपना लंड घुसेड दिया..
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08-12-2019, 12:51 PM,
#30
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
उूुुउउफफफफफफफा आआआआआआआआआआआआः प्लेआस्ीईईईई आहिस्ताआअ.एयेए मारो गे क्या मुझ को” नीलोफर अपने भाई के ज़ोर दार झटकों को अपनी चूत में महसूस करते हुए मज़े से कराही.

जमशेद अब नीलोफर की गान्ड पकड़ कर उसे चोद रहा था. और नीचे से नीलोफर अपनी गान्ड उठा उठा कर अपनी फुद्दि में भाई के लंड को लेते हुए मज़े से चुदवा रही थी.

साथ ही साथ दोनो बेहन भाई टीवी पर नीलोफर और शाज़िया की बनी हुई लिसेबियन फिल्म को देखने लगे.

जमशेद को शाज़िया के बड़े बड़े मम्मे और मोटा भरा हुआ बदन देख कर बहुत जोश आ रहा था. और इस जोश में उस ने अपनी बेहन नीलोफर की भी जबर्जस्त चुदाई करने में मसरूफ़ था.

नीलोफर बहुत मज़े ले ले कर अपने भाई के लंड से अपनी फुद्दि मरवा रही थी. “ऊऊऊऊओह आआआआआआआआआः उफफफफ्फ़ जमशेद प्लेसीईईईईईई और चोदो मुझे उूुुुुुुुउउफफफफफफफफफ्फ़ पूरा डाल दो ना मैरी चूत में अपना लंड. उूुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ .


नीलोफर के सुहाग के बिस्तर पर दोनो जवान बेहन भाई के नंगे जिस्म जल रहे थे. और दोनो बेहन भाई जवानी की आग में जलते हुए अपनी चुदाई की गर्मी को कम करने की कोशिश में मसरूफ़ थे.

बिस्तर पर बेहन भाई की जबर्जस्त चुदाई की फ़च्चा फॅक .. फ़च्चा फॅक........ फका फक...... फका फॅक पूरे कमरे के महॉल को मज़ीद गरमा रही थी.

पुरजोश चुदाई के हाथों नीलोफर इतनी गरम हो गई कि उस के लिए अपनी चूत के पानी को अपने अंदर रोकना ना मुमकिन हो गया.

फिर देखते ही देखते नीलोफर के जिस्म ने एक झटका खाया और उसे मंज़िल मिल गई.

अपनी बेहन के झटके खाते जिस्म को देख कर जमशेद समझ गया कि उस की बेहन छूट रही है.


इस लिए उस ने भी अपना लंड अपनी बेहन की चूत से निकाल कर अपने सारा वीर्य अपनी बेहन के पेट के ऊपर ही उडेल कर उस के पेट को भर दिया.

कुछ देर अपनी बिखरी सांसो को समेटने के बाद जमशेद ने डीवीडी से शाज़िया वाली मूवी निकाली और अपनी बेहन को उसी तरह नंगा छोड़ कर अपने घर वापिस चला आया.

जमशेद ने अपने घर में आ कर शाज़िया की डीवीडी से कुछ फोटोस इस तरह एडिट कर के निकाल कर प्रिंट कर लीं.

जिन में शाज़िया का बदन तो पूरे का पूरा नंगी हालत में नज़र आता था.मगर उस का चेहरा या तो ब्लर था. या फिर चूचों से ऊपर का हिस्सा नज़र ही नही आ रहा था.

अपने काम से फारिग होने के बाद जमशेद जल्दी से दुबारा अपनी बेहन नीलोफर के पास पहुँचा तो देखा कि उस की बेहन किचन में खड़ी खाना बना रही थी.

जमशेद ने चुपके से किचन में जा कर खाना बनाती हुई अपनी बेहन को पीछे से अपनी बाहों में जकड़ा और उस की गर्दन पर अपने होन्ट रख कर उस की गरदन चूमने लगा.


“आज बड़ा प्यार आ रहा है अपनी बेहन पर तुम्हें जमशेद” नीलोफर ने भाई के गरम होन्ट अपनी गर्दन पर महसूस करते हुए उस से पूछा.

“क्या करूँ बाजी आप ने मुझे अपने इश्क में पागल ही इतना कर दिया है” जमशेद ने पीछे से अपने तने हुए लंड को बेहन की गान्ड की वादियों में रगड़ते हुए जवाब दिया.फिर उधर खड़े खड़े जमशेद ने अपनी बेहन को शाज़िया वाली फोटोस दिखाई.

“बहुत जबर्जस्त और बेहतरीन फन का मुज़ैरा किया है तुम ने भाई” नीलोफर अपने भाई के काम से बहुत खुश हुई.नीलोफर ने खुशी के मारे अपना मुँह मोड़ कर पीछे किया और अपने भाई के मुँह में मुँह डाल कर उसे एक ज़ोर दार किस्म की चूमि दे दी.

“तो इस जबर्जस्त काम का इनाम क्या मिले गा मुझे” जमशेद ने शरारती नज़रों से अपनी बेहन को देखते हुआ पूछा.

“मेरी चूत को चोद चोद कर फाड़ दिया है तुम ने, और अभी किसी इनाम की कसर है तुम्हें” नीलोफर ने भी उसी लहजे में अपने भाई को मुस्कराते हुए जवाब दिया.

“बाजी तुम जानती हो कि मेरा दिल तुम से ना कभी भरा है और ना कभी भरेगा” कहते हुए जमशेद अपनी बहन के नज़दीक हो गया.

“अच्छा तुम्हारे लिए खुशी की खबर यह है कि मेरे सास और सुसर आज रात गुजरात में ही रहेंगे, अब हम दोनो पूरी रात घर में अकेले हैं, और तुम्हारी बेहन तुम्हारे इनाम की शकल में तुम्हारे सामने खड़ा है भाई” नीलोफर ने अपने भाई को यह बात बताते हुए कहा.

“उफफफफफफफफफ्फ़ यह तो बहुत ही जबर्जस्त बात है,चलो इसी खुशी में फिर जशन मनाया जाय बाजी” जमशेद ने कहते हुए अपनी बेहन के पीछे ही खड़े खड़े उस की कमीज़ उतार कर उसे आधा नंगा कर दिया.

अब नीलोफर अपने ब्रेजियर और शलवार में मलबूस अपने भाई की बाहों में जकड़ी खड़ी थी.


अपने जिस्म के ऊपर वाले हिस्से के नंगा होते ही नीलोफर ने अपने हाथो को अपने चूचों पर रख कर उन को अपने भाई से छुपाने का झूठा नाटक करने लगी.


जमशेद को अपनी बेहन का यूँ शरमाना अच्छा लगा. और उस ने भी जोश में आते हुए अपना एक हाथ नीलोफर के चूचों पर रखा. और दूसरा हाथ उस कर पेट पर घुमाते घुमाते उस की शलवार के अंदर डाल कर नीलोफर की फुद्दि से खेलना शुरू कर दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईई क्यों मेरी फुद्दि को तुम ने अपने हाथो और लंड का आदि बना दिया है भाई” अपन भाई के हाथ अपनी फुद्दि से लगने की देर थी कि नीलोफर हमेशा की तरह अपने भाई की बाहों में पिघल गई.
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