Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
09-13-2017, 11:00 AM,
#51
RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
रात को हसन के प्लान के मुताबिक़ जिस कमरे में हम दोनों सोते थे.. वहाँ हमारे आने से 4-5 मिनट पहले हसन भाई उस कमरे में चले गए और जिस बिस्तर पर हम सोते थे..
उसके सामने वाले बिस्तर के नीचे जाकर वो लेट गए।

अनवर भाई को भी ये सब पता था।

खैर.. थोड़ी देर बाद मैं और मदीहा उस कमरे में आए और दरवाज़ा बंद कर के कुण्डी लगा दी और बिस्तर पर चले गए और बातें करने लगे।

मुझे नहीं पता था कि हसन भाई कमरे में हैं और बिस्तर के नीचे हैं.. जब कि मदीहा को पता था..

मैंने पीले रंग के फूल वाले प्रिंट के कपड़े पहने हुए थे और मदीहा ने लाल रंग की सलवार कमीज़ पहने हुई थी।

मदीहा ने अपने मोबाइल में हसन भाई से नंगी वीडियो लेकर रखी हुई थीं।

रात को बातों-बातों में हम चुदाई की बातें करने लगे.. तो मदीहा मुझे नंगी वीडियो दिखाने लगी।

हम दोनों उतेजित होने लगे.. थोड़ी देर बाद हम दोनों बहुत गरम हो गईं तो मदीहा ने अपना हाथ मेरे मम्मों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगी।

मुझे मज़ा आने लगा लेकिन मैंने हिम्मत की और मदीहा को पीछे किया लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी।

अब हम दोनों मज़े में पागल होने लगे.. मदीहा आहिस्ता-आहिस्ता मेरी कमीज़ ऊपर करने लगी और मेरे नंगे पेट पर चुम्बन करने लगी।

मैं भी मदीहा के जिस्म पर हाथ फेरने लगी।
थोड़ी देर ये करने के बाद मदीहा ने मेरी कमीज़ उतार दी और मेरी काली ब्रेज़ियर के ऊपर से मेरी चूचियाँ मसलने लगी।

फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरी कमीज़ और ब्रा उठा कर उस बिस्तर पर फैंक दिया.. जिसके नीचे हसन भाई छुपे थे।

फिर उसने आहिस्ता-आहिस्ता मेरी सलवार भी उतार दी और मेरी चूत में ऊँगली करने लगी।
मैं मज़े में पागल होने लगी।

अब मैं बिल्कुल नंगी पड़ी थी और मेरा गोरा जिस्म चमक रहा था… वो मेरी चूचियों के निपल्स को चूस रही थी और साथ ही मेरी चूत में ऊँगली कर रही थी।

फिर मैंने भी उसकी कमीज़ और ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को चूमने लगी।

थोड़ी देर बाद जैसे ही मैं उसकी सलवार उतारने लगी.. तो हसन भाई बिस्तर के नीचे से बाहर आ गए।

उन के एक हाथ में उनका मोबाइल था और दूसरे हाथ में मेरे कपड़े थे.. जो उन्होंने बिस्तर से उठाए थे।

मोबाइल में वो वीडियो बना रहे थे।

मैंने उन्हें निकलते हुए नहीं देखा था।

मैं उस वक्त नीचे थी और मदीहा मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी।

मेरी तो जान उस वक़्त निकल गई जब मुझे उनकी आवाज़ आई- वाह.. जी वाह.. साना बीबी.. ये क्या हो रहा है.. हम मर्द मर गए क्या.. जो ये कर रही हो?

ये सुनते ही मेरी तो सांस रुक गई।
मदीहा भी डरने का नाटक करते हुए उठ कर अलग हो गई।

हसन भाई के सामने मैं पूरी नंगी थी और मदीहा आधी नंगी थी।

मैं रोने लगी और मदीहा हसन भाई से मिन्नतें करने लगी।

इसके साथ ही मदीहा ने जल्दी से अपने कपड़े भी पहनना शुरू कर दिए।

मेरे कपड़े तो हसन भाई के हाथ में थे।
हम दोनों हसन भाई के आगे रोने लगे और मिन्नतें करने लगे..

तो हसन भाई ने कहा- ओके.. जाओ लेकिन किसी को मत बताना.. क्योंकि मेरे पास तुम दोनों की फिल्म है जो अभी बनाई है।

हमने कहा- ओके..

मदीहा बाहर जाने लगी और मैं कपड़ों की तरफ बढ़ी जो कि हसन भाई के पास थे..
तो हसन भाई ने अचानक मुझे धक्का दिया..
मैं बिस्तर पर गिर गई।

वो बोले- मैंने मदीहा को बाहर जाने का कहा है.. तुम्हें नहीं.. साली साना कुतिया.. तुमसे तो मुझे बहुत बदला लेना है।

मैं रोने लगी और मदीहा मुझे अकेला कमरे में छोड़ कर चली गई।

हसन भाई ने कमरे को कुण्डी लगाई और मेरी तरफ आने लगे।

मैं डर कर पीछे होने लगी और कहने लगी- प्लीज़ हसन भाई.. ऐसा मत करें.. मैं आप की रिश्तेदार हूँ.. आपने बचपन से मुझे अपनी बेटियों की तरह प्यार किया.. मैं आपके कज़िन की बेटी हूँ.. प्लीज़ हसन भाई..

मैंने अपने जिस्म को कंबल में छुपाने की कोशश की.. तो हसन भाई ने कंबल को उठा कर दूर फैंक दिया और बोले- साली कुतिया.. तुझे उस वक़्त इन बातों का ख्याल नहीं आया कि मैं तेरा क्या हूँ?

मैंने थोड़ी हिम्मत कर के कहा- आगे मत आना.. वरना शोर करूँगी।
उसने कहा- करो ना.. मुझे क्या.. बदनाम तो तुम होगी..

फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा और मेरे पूरे चेहरे पर चुम्मा-चाटी करने लगा। मैं रोने लगी और उससे पीछे धकेलने लगी।

वो मेरी चूचियाँ को दबाने लगा।

उसने कहा- हीरा आज तुझे चोद कर ही रहूँगा… चाहे कुछ भी हो.. इसलिए ज्यादा ज़ोर मत लगाओ… अगर तुमने ज़ोर ना लगाया और आराम से मुझे चुदाई करने दिया.. तो तुम्हें मैं जल्दी छोड़ दूँगा और तुम चुदाई का मजा भी लूटोगी और मैं किसी को नहीं बताऊँगा.. लेकिन अगर तुमने मेरी बात ना मानी तो सुबह तक तुझे नंगा रखूँगा और तेरे कपड़े भी ले जाऊँगा। इसके बाद अभी अनवर को भी बुलाऊँगा और सबको तेरी नंगी वीडियो बताऊँगा।

ये सुन कर मैं डर गई, मैंने उसके सामने खुद को तकरीबन पेश कर दिया।

वो मेरे पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरे मम्मों को अपने मुँह में ले कर उन्हें पीने और चूसने व काटने लगा।

मेरी तो चीख निकल गई… काफ़ी देर तक वो पागलों की तरह मेरी चूचियाँ को चूसता रहा ओर उन्हें दबाता रहा।

वो मेरे बाएं दूध को दबाता और दाएं को मुँह में डाल कर पीता.. फिर कुछ देर बाद दायें को दबाता और बाएं को मुँह में डालता..

काफ़ी देर बाद जब वो हटा तो उसके थूक से, दबाने से और काटने की वजह से मेरे मम्मे लाल हो गए थे मुझे भी मम्मे चुसवाने से मेरे मम्मे नुकीले और सख्त से लगने लगे थे।

मेरे मम्मे थूक से गीले हो कर चमक रहे थे।

अब मुझे भी मज़ा आने लगा… फिर वो नीचे को हुआ और मेरी चूत के ऊपर हाथ फिराने लगा।

फिर उसने मेरी चूत में अपनी एक ऊँगली डाली तो मेरी चीख निकल गई और मैं बोली- अयायाई… हटो हसन भाई.. प्लीज़ दर्द हो रहा.. बहुत आआआ…ऊऊओ…

हसन ने मेरी एक न सुनी और अपनी पूरी ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा।

फिर जब मुझे थोड़ा आराम मिला तो उसने दूसरी ऊँगली अन्दर डाल दी.. अब तो मैं तो मर ही गई।

‘उफ्फ़… इतनाआआ दर्द… प्लज़्ज़्ज़ हसनन् भईईई… बस ना…’

हसन कहाँ सुन रहा था.. वो अपनी ऊँगली आहिस्ता-आहिस्ता अन्दर बाहर करने लगा।

कुछ देर बाद मुझे उसकी दो ऊँगलियों से भी मज़ा आने लगा और मैं ‘ऊऊऊ…आआआ…अयाया…’ करने लगी।

काफ़ी देर ये करने के बाद मुझे अपने जिस्म में अजीब सा नशा सा महसूस हुआ और मुझे लगा कि मैं छूटने वाली हूँ।

मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मैं मजे में पागल होने लगी।

हसन मुसलसल मेरी चूत में ऊँगलियां कर रहे थे।

फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी ‘आआआ…ऊऊऊऊ…हस्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनी ईईईईईई निकल रहाआ आहियीईईई… हाआाईयईईईई…आआआ..’

इसके साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई…

मेरा पानी निकल कर हसन का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया।

थोड़ी देर बाद हसन ने अपने कपड़े उतार दिए।

उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था…
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09-13-2017, 11:01 AM,
#52
RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी- आआआ…ऊऊऊऊ…हस्स्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनीईईईई निकल रहाआ आहियीईईईई… हाआाईयईईईई…आआआ..

इस के साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई…

मेरा पानी निकल कर हसन का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया।

थोड़ी देर बाद हसन ने अपने कपड़े उतार दिए।

उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था…

हसन फिर मेरी तरफ आया और मेरे मम्मों को चाटने लगा और फिर मुझे उठाया और अपना लण्ड मेरे हाथ में दे दिया।

तो मैंने गुस्से से उसे दूसरी तरफ कर दिया तो हसन ने ज़ोर से मुझे एक चांटा मारा और कहा- साली छिनाल.. इसे पकड़ वरना तेरे मुँह में लण्ड ठूंस दूँगा।

मैं डर गई और उसके लण्ड को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी।

फिर हसन ने मुझे कहा- मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल छिनाल…

मैंने कहा- नहीं..

तो उसने ज़बरदस्ती मुझे उठा कर ज़मीन पर बिठाया और मेरे मुँह को खोल कर अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया।

मैंने पहली मुज़हमत की लेकिन फिर समझ गई कि कोई फ़ायदा नहीं है।

मैं फिर उसका लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में डालने लगी।

हसन मेरे बालों को पकड़ कर अपना लण्ड मेरे मुँह के अन्दर-बाहर करने लगा।

ऐसा लग रहा था कि वो मेरे मुँह को चोद रहा है… कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला और मेरी दोनों चूचियाँ के दरमियाँ लंड फंसा कर आगे-पीछे करने लगा।

मुझे भी इसमें मज़ा आ रहा.. क्योंकि इससे मेरे मम्मे भी दब रहे थे और मुझे उसका बड़ा लौड़ा भी साफ़ दिख रहा था।

काफ़ी देर तक ऐसा करने के बाद उसका पानी निकलने लगा.. तो वो चिल्ला उठा- आआआ… हीराआआ… मेरा.. पानीईईई निकलल्ल गया.. है…

यह कहते ही उस के लण्ड से सफेद गाढ़ा और गरम पानी निकल कर मेरे मम्मों.. मेरी गर्दन और मेरे मुँह पर गिरने लगा…

वो थक कर बिस्तर पर गिर गया और मैं ज़मीन पर गिर पड़ी। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से साँसें ले रहे थे।

हम दोनों नंगे थे.. फिर थोड़ी देर बाद वो उठा और मुझे उठा कर बिस्तर पर ले गया और मेरे पूरे जिस्म को चूमने लगा।

अब मुझे वो अच्छा लगने लग गया था।

फिर उसने मेरी टाँगों को खोला और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और साथ ही मेरे मम्मों को दबाने लगा।

फिर आहिस्ता से अपना लण्ड मेरी चूत में डालने लगा..

ज्यों ही उसका सुपारा मेरी चूत में घुसा.. तो मैं चीख पड़ी- प्लीज़ हसन भाई.. नहीं..न्न दर्द होगा…

लेकिन हसन ने एक ना सुनी और अपना लण्ड अन्दर करने लगा…

हालांकि वो अपना तना हुआ लौड़ा आहिस्ता आहिस्ता डाल रहा था… जब उसने लण्ड थोड़ा और अन्दर किया तो मैं चीख़ उठी- आआआ… नाआ कराऐन्न्नणणन् प्लज़्ज़्ज़्ज़…

लेकिन वो अन्दर करता रहा।

जब उसका तकरीबन आधा लण्ड अन्दर चला गया.. तो वो रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता लण्ड वहीं से ही अन्दर-बाहर करने लगा।

मुझे बहुत दर्द हो रहा था..

जब थोड़ी देर तक वो ये करता रहा तो उसका लौड़ा मेरी चूत में जगह बना चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं मज़े से कराहने लगी।

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद हसन रुक गया और मेरी तरफ देखकर गुस्से से बोला- साली साना रंडी.. चुद.. ले खा मेरा लवड़ा…

यह कह कर हसन ने ज़ोर से झटका मारा और अपना पूरा 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया।

मैं तो मर ही गई.. मेरी आँखें बाहर आ गईं.. मैं इतने ज़ोर से चीखी कि दूसरे घर तक आवाज़ चली गई।

‘आआआ… ऊऊऊओ.. अम्म्मी आह उऊहह अहह उई माआईयईईईई अम्मिईई… मेरी..ई तो फट गइिईई.. अम्मी मैं मरर गइईईई. माआररर डालाअ इसने मुझेए… बदला लेई रहाआ है..यईईईई… आआआ…

मेरी आवाज़ इतनी ऊँची थी कि मेरे घर तक आवाज़ चली गई।

एक तो रात का वक़्त ऊपर से गाँव.. आवाज़ तो जानी ही थी।

मेरी अम्मी एकदम बाहर आईं और जोर से चिल्ला कर मुझे आवाज लगाई- क्या हुआ साना?

वो डर गई थीं।

हसन ने एकदम मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरे मुँह को बंद कर दिया।

मदीहा साथ वाले कमरे में चली गई थी.. वो एकदम उस कमरे से बोली- चची कुछ नहीं.. मैं और हीरा एक-दूसरी को तंग कर रहे थे… आप सो जाएं।

अम्मी ने वहाँ से ही कहा- बदतमीजो इंसान बनो.. और सो जाओ.. सारा गाँव जाग जाएगा….

मदीहा ने कहा- ओके चची आप सो जाओ…

अम्मी यह कह कर अन्दर चली गईं।

इधर मेरी तो हालत खराब हो गई थी.. एक तो हसन अपना मोटा लण्ड मेरी चूत से निकालने का नाम नहीं ले रहा था और ऊपर से मेरे मुँह को भी बंद कर दिया था।

मेरी चूत फट चुकी थी.. मेरी चूत से खून निकल कर नीचे गिर रहा था।

थोड़ी देर ऐसा रहने के बाद जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो हसन ने अपना मुँह मेरे मुँह से हटा लिया और अपना लण्ड मेरी चूत में अन्दर पड़ा रहने दिया।

जब मुझे थोड़ा आराम हुआ तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत के अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया.. मुझे दर्द तो हो रहा था.. लेकिन ज्यादा नहीं…

थोड़ी देर तक वो यूँ ही धीरे-धीरे मेरी चुदाई करता रहा।

तो मेरा दर्द आहिस्ता-आहिस्ता ख़तम होने लगा.. मुझे दर्द हो रहा था.. लेकिन अब दर्द से ज्यादा मुझे मज़ा आ रहा था।

वो लवड़े को मेरी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था।

मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी कमर को चलाया तो वो तेज़-तेज़ मेरी चूत में अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा।

अब मैं तो मज़े में पागल हो रही थी और कहने लगी- आआआ… ऊऊ… हसन भाई और तेज़ करो ना.. प्लीज़.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो.. अपनी बेटी को चोदो ना.. प्लीज़ मत रूको.. येह्ह..ह आई एम एंजायिंग इट… प्लीज़ चाचूऊओ…एयेए आ… और तेज़्ज़्ज़ तेज़्ज़्ज़… अगर यही आप का बदला था तो ये बदला पहली ले लेते नाआ… जानू… फक्कक मीईई…

मेरी बातें सुनकर हसन और भी तेज़ हो गया.. और कहने लगा- अयाया… हाआअन्न ना मेरी हीरा छिनाल. तुझे चोदूँ.. रण्डी… तुझे मैं रोज चोदूँगा.. मेरी बेटी.. अह… तुझे तो रखैल बनाऊँगा अपनीईई… आआआ…एसस्सस्स… रंडडईईईई….

हम दोनों आसमान में उड़ रहे थे।

तभी अचानक मेरा पानी निकलने लगा.. तो मैंने कहा- जानू मेरा पानी निकल रहा है।

उसने कहा- रूको.. मेरा भी निकलने वाला है.. साथ में निकलेंगे…

फिर थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद… हम दोनों का पानी निकलने लगा।

मैं बोली- आआआ… जान्नू.. आआआ… जानू मेरा पानी निकल रहा है..अई आआआ… तेज़्ज़्ज़्ज़ करोऊओ….

वो भी बोला- साना मेरा पानीई भी निकल रहा अहाईईईई.. तुझे अपने मंगेतर हिलाल का वास्ताअह.. रुक.. मेरा सारा पानी अपनी चूत के अन्दर डालना और एक कतरा भी बाहर ना आने पाए…

मैंने कहा- आआआह.. जानन्न्नूऊ ये किस हरामी का नाम ले लिया है..ईईईईई… मैं भी तेरी ओर मेरी चूत भी तेरी.. हसन भाई.. जो दिल कहे वो करो..

इसके साथ ही मेरा पानी निकलने लगा और उसका पानी भी सारा का सारा.. मेरी चूत में चला गया।

हम दोनों कराहते रहे और हमारा पानी निकलता रहा।

फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए और हम दोनों फिर नंगे एक-दूसरे के साथ लिपट कर सो गए।

तकरीबन 2-3 घंटे सोने के बाद हम उठे और जब मैं कपड़े पहनने के लिए उठी, तो हसन की नज़र मेरी गाण्ड पर पड़ गई..

फिर तो वो और पागल हो गया और एकदम उठ कर मेरी गाण्ड को पकड़ा और वक्त ज़ाया किए बगैर अपना पूरा खड़ा लण्ड.. मेरी गाण्ड में पेल दिया…

मैं तो चीख पड़ी और रोने लग गई।

लेकिन वो ना माना और मेरी गाण्ड को भी चोदने लगा और मेरी गाण्ड को भी फाड़ दिया।

आधा घंटा मेरी गाण्ड को चोदने के बाद उसका पानी निकल गया और मैं भी अपनी चूत में ऊँगली मार रही थी तो मेरा पानी भी निकल गया।

एक बार फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर गिर गए।

थोड़ी देर लेटने के बाद फजर का वक्त हो गया और आख़िर वो सेक्सी रात जो नफ़रत ओर ब्लॅकमेलिंग से शुरू हुई.. एक अच्छे.. कामुक और रोमान्टिक इंतकाम पर खत्म हुई।

हसन भाई फिर उठे और उसने मेरे गदराए जिस्म को चूमा और अपने कपड़े पहन कर बाहर चले गए।

मैंने भी अपने कपड़े पहने और लेट गई।

हसन भाई अनवर भाई के पास चले गए और वहाँ सो गए…
और मेरी सहेली मदीहा वापस मेरे पास आ गई।

इसके बाद भी हसन ने मेरे साथ बहुत एंजाय किया।
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09-13-2017, 11:01 AM,
#53
RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
सास की फ़ुद्दी



बात तब की है जब मेरी शादी को 2 साल हो गए थे, उस समय मेरी उमर 23 की थी और मेरी पत्नी की उमर 20 साल थी।

मेरे ससुराल में मेरी सास जिनकी उमर 40 साल है, ससुर जी जिनकी उनर 45 साल और एक साला जिसकी उमर 17 साल थी।

मेरी कोई साली नहीं है, जिसका मुझे बहुत अफसोस होता है।

मेरी सास बहुत सुंदर है, जो उनको एक बार देखता है तो देखता ही रह जाता है।

उनकी फ़िगर 38-28-36 है। उनमें अजीब सा आकर्षण है जो मर्दों को अपनी तरफ खींचता है!

इस उमर में भी वो जवान लड़कियों को मात देती है। उनका भरा भरा जिस्म किसी भी मर्द की नियत को खराब कर सकता है!

मैंने कभी भी उनको गलत नज़र से नहीं देखा लेकिन उस दिन जो हुआ वो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था!

अब उस घटना पर आते हैं, शादी के 2 साल बाद मेरी बीवी प्रेग्नेंट हो गई तो उसने अपनी माँ को काम-काज में मदद के लिए हमारे घर पर बुला लिया!
हमारे घर में मैं और मेरी पत्नी ही रहते हैं, मेरे मम्मी पापा गाँव में रहते हैं।

मेरी बीवी को सातवा महीना लगा था, डॉक्टर ने सेक्स करने को मना किया हुआ था।

दोस्तो, हम रोज़ फ़ुद्दी चुदाई यानि सेक्स का आनन्द लेते थे ! मेरी बीवी बहुत ज्यादा कामुक है और मैं भी!
उसे पता है कि अगर वो मुझे ज्यादा दिन तक उसकी चुदाई न करने दे तो मैं बाहर फ़ुद्दी चुदाई कर सकता हूँ।

यह बात मेरी बीवी अपनी माँ को बता चुकी थी कई बार! मैंने उनकी ये बातें चुपके से सुनी थी!
मेरी सास कहती कि सब मर्दों को फ़ुद्दी चोदने की आदत होती है, इसलिए उनकी यह मांग हमेशा पूरी करनी चाहिए! मर्द इसी चीज़ से सबसे ज्यादा खुश रहता है!

मेरी सास हमेशा मेरा ख्याल रखती और टाइम से सब काम करती!

मुझे सेक्स किए हुए काफी समय हो गया था और रात को मुझे सेक्स करने का बहुत मन होता था, लेकिन हम दोनों मजबूर थे इसलिए मैं अलग कमरे में सोता था, कहीं रात को बीवी के साथ गलत काम न हो जाए!

मेरी बीवी को मेरी सेक्स की जरूरत का पता था इसलिए वो डरती थी कि मैं कहीं बाहर फ़ुद्दी ना मार लूँ !

उसने अपने मन की बात माँ को बताई तो माँ ने कहा- मेरा दामाद ऐसा नहीं है!

एक रात को हम टीवी पर कॉमेडी सर्कस देख रहे थे, उसमें सेक्सी जोक्स पर सास कुछ ज्यादा ही हंस रही थी!

मुझे यह देख कर बहुत अच्छा लगा।

मेरी पत्नी को जल्दी सोने की आदत पड़ गई थी तो वो बीच में ही उठ कर सोने चली गई।

अब मैं और मेरी सास अकेले रज़ाई में बैठे थे!

मेरी बीवी के जाने के बाद सास थोड़ा सा मेरे पास आ गई, मेरे पैर उनके पैरों को टच करने लगे, मुझे बहुत अच्छा लगा!

उन्होंने भी धीरे धीरे पैरों को टच करना शुरू कर दिया!

मैंने कोई इंग्लिश मूवी वाला चैनल लगा दिया, उसमें कोई वयस्क फिल्म चल रही थी।

मेरा मन सेक्स की तरफ घूम गया, मेरे साथ मेरी सास बैठी थी, यह मैं भूल गया था।

इस बीच सास ने लाइट बंद कर दी थी, वो मेरे और पास आ गई थी, मैं भी उनके साथ चिपक गया!

कुछ देर तक मैंने कुछ नहीं किया।

थोड़ी देर बाद सास ने फिल्म देखते हुये अपनी एक टांग मेरी टांग के उपर रख दी, मैंने अपना हाथ उनके पट (जाँघ) के ऊपर रख दिया, फिर मैंने धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया!

उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया!

मैंने थोड़ी देर बाद फिर हाथ चलाना शुरू कर दिया!

अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे डरते हुए हाथ नीचे रख दिया और आगे की सोचने लगा कि सास है तो क्या हुआ, है तो एक औरत ही, जो मुझे चुदाई का पूरा मज़ा दे सकती है।

थोड़ी देर तक सास की तरफ से कोई विरोध ना होते देख मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं और नीचे हाथ ले गया और मेरा हाथ उनकी चूत से निकले पानी से गीला हो गया!

मैं समझ गया कि सास भी गर्म हो चुकी है!

मैंने उनके साथ फ़ुद्दी चुदाई करने का मन बना लिया, मैंने दूसरा हाथ उनकी ब्रा में डाल दिया और उनके मोटे मोटे मम्मे दबाने लगा।

मेरी सास ने आँखें बंद कर ली और मज़ा लेने लगी।

अब मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े उतार दिये।

उफ़्फ़… क्या बला की खूबसूरत लग रही थी वो नंगे बदन !

मैं भी पूरा नंगा हो गया और उनके उपर चढ़ गया।

मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिये और अपना लण्ड उनकी फ़ुद्दी के ऊपर घिसने लगा, मेरी सास भी मेरा साथ देने लगी, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया, जगह जगह किस करने लगी।

अब मैं उनके मम्मे चूसने लगा, उनके मुंह से सीत्कारें निकल रही थी।

उसके बाद मैं उनके पेट से होता हुआ उनकी फ़ुद्दी के पास आ गया और उनके जिस्म को चाटने लगा।

मेरी सास मेरा सर अपनी फ़ुद्दी के ऊपर ले गई और दबाने लगी।

मैं समझ गया कि क्या करना है, मैंने उनकी फ़ुद्दी के ऊपर दाने को चाटना शुरू कर दिया।

अब तो मेरी सास की हालत बहुत खराब हो गई, वो ज़ोर ज़ोर से आह आह आह ऊह ऊई करने लगी।

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, एक दो उंगली भी उनकी फ़ुद्दी के अन्दर बाहर करने लगा, उनको बहुत मज़ा आ रहा था !

अब उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे मज़ा देने लगी, मेरे सारे जिस्म को चूसते चाटते हुये मेरे लन को मुंह में लेकर चूसने लग गई, वो लन चूसने में इतनी माहिर हैं कि उनका एक भी दाँत मेरे लन को नहीं चुभा !

उन्होंने मेरा लन चूस चूस के मुझे पागल कर दिया, अब मेरा वीर्य छूटने वाला था, मैंने उनको हटाया पर वो ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी, मेरा अब थोड़ा सा छुट गया और उनके मुंह में वीर्य चला गया!

उन्होंने झट से थूक दिया और कहा- उबकाई आ रही थी। बहुत ज्यादा लिसलिसा है!

अब मैंने कहा- अब असली काम करते हैं.

तो वो बोली- आप ऊपर आ जाओ, मैं नीचे से चुदूँगी !

अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और फिर उनको गर्म करने लगा तो वो फिर से आग की तरह गर्म हो गई और मैंने अपना 6 इंच का लन उनके छोले के उपर रगड़ना शुरू कर दिया और तब तक रगड़ता रहा जब तो उन्होने खुद नहीं कहा के जल्दी से मेरी फ़ुद्दी के अन्दर डाल दो !

मैं उनको 25 मिनट तक चोदता रहा !
और वो भी मज़े से चुद रही थी !
उनका दो बार निकल चुका था।

जब हम चुदाई कर के अलग हुये तो मैंने कहा- यह गलत काम हो गया…

तो वो बोली- मेरी बेटी को लगता था कि आप बाहर किसी की फ़ुद्दी मार कर आओगे, इसलिए मेरा भी मन डोल गया और मैंने भी बहुत दिनों से आपके ससुर के साथ सेक्स नहीं किया था तो मेरा भी मन फ़ुद्दी चुदवाने को हो गया था, मैं भी कामुक औरत हूँ और हम 2-3 दिन छोड़ के चुदाई करते हैं ! जब तक मैं यहाँ हूँ आप मेरे साथ मज़ा कर सकते हो, लेकिन मेरी बेटी को पता ना चले !
उसके बाद मैं आपको कभी नहीं दूँगी।

मैं मान गया और हमने खूब मज़े किए जब तक मेरी बेटी नहीं हो गई, उसके बाद मेरी सास अपने घर चली गई!

मेरी वाइफ़ बोली- इतने दिन तक कैसे रहे फ़ुद्दी के बगैर?

तो मैं हंस कर बोला- अपना हाथ जगन्नाथ !

उसके बाद भी मैंने ससुराल मैं जाकर सास को कई बार ट्राई किया क्योंकि मेरी सास है ही इतनी सेक्सी कि बार बार उनको चोदने का मन करता है।
लेकिन उन्होंने कहा- जो हुआ, मजबूरी में हुआ, उसे बुरा सपना समझ के भूल जाओ, इसी में हम दोनों की भलाई है !

और मैंने फिर कभी उनके साथ गलत बात नहीं की!

और हम सब अब पहले की तरह रहते हैं!
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