Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
12-13-2018, 01:38 PM,
#11
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
बाहर पंजाबी सूट में उसकी बीवी शिखा खड़ी थी , उसने उसके हाथ चाभी थमाते कहा "मैं मंदिर जा रही हूँ"
"सुनो बाहर से ज़रा पॉपकॉर्न , सॉल्टेड काजू और पीनिट्स ले आना" उसने हुकुम दिया "ये लो पैसे" उसने 1000 का नोट शिखा को दिया

"ठीक है" कह कर वह अपनी चुन्नी संभालते हुए नीचे गयी
"अमन मैने कुछ चखना मँगवाया है" उसने मेरी ओर मूड कर कहा
"अरे राजन जी मेरे पास कुछ नमकीन है अपने क्यों तकलीफ़ की" मैने कहा
"इट्स ओक यार" वह बोला "अब मॅच का माहौल है रत 10 बजे दूसरा मॅच है , इफ़ यू डॉन'त माइंड"
"अरे राजन जी प्लीज़...मैं भी फुटबॉल का शौकीन हूँ"


रात के 8 बाज चुके थे डोर बेल बाजी राजन ने दरवाज़ा खोला उसकी बीवी शिखा चखना ले आई थी
"तुम घर जाओ में बाद में आता हूँ" उसने समान लेते कहा
"खाना तो खा लीजिए" उसने कहा
"खाना तुमने बना लिया क्या?" उसने सवाल किया
"सुबह का है , गर्म कर देती हूँ" उसने कहा
"तुम ही खाओ , सुबह का खाना" उसने नाराज़ होते कहा
"मैं सब्जी बना देती हूँ.. थोड़ा रुकिये" उसने राजन को मनाते कहा
"ठीक है जब खाना रेडी हो जाए मुझे आवाज़ दे देना , मैं यहीं मॅच देख रहा हूँ" उसने कहा
"ठीक है" शिखा बोली और दरवाज़ा खोल कर अपने घर चली गयी.

"ये सला राजन तो हरामी है , इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़ कर ये चूतिया मॅच देख रहा है" मैने सोचा

राजन मेरे सामने बैठते हुए बोला "सॉरी अमन , ये बीवियाँ भी यू नो ज़रा भी प्राइवसी नही देती"
"आइ कॅन अंडरस्टॅंड" मैने मुस्कुराते कहा
"क्या बीवियाँ इतनी पस्सेसिव होती हैं?" मैने पूछा
उसने मेरी और देखा "आइ आम सॉरी राजन" मैने बात को समहालते कहा
"अरे डॉन'त बी फॉर्मल" उसने हंसते कहा "शादी के बाद तो बीवी जीना हराम कर देती है"
"हा हा हा" मैने हंसते हुए कहा की मेरे फोन की रिंग बाजी
"एक्सकूज़ मी" मैने कहा और फोन ले कर गॅलरी में आ गया
मैने फोन पर बात करते हुए देखा , साइड के गॅलरी में शिखा भी फोन पर किसी से बात कर रही थी,
मैने देखा उसकी साइड ही चाँदनी खिली थी , पूनम का चाँद आसमान में अपनी चाँदनी बिखेर रहा था.

मैं कान दे कर उसकी बातें सुनने लगा

"हां मा , मैं मंदिर जा कर आई ..नही राजन नही आए वो टीवी पर मॅच देख रहे थे...मा उनको क्या पता गुरु पूर्णिमा
के बारे में"

वह शायद अपनी मा से बात कर रही थी

"हाँ मा मैं नवमी की दिन उपवास करूँगी और रात में राजन के साथ...."

उसने मुझे बाल्कनी में उसकी ओर देखते हुए पाया , वह अंदर चली गयी

"शिट साला " मैं अपने आप से बोला "उसको देखने का चान्स चला गया"

मैं वापस ड्रॉयिंग रूम में आया , राजन चखने का पॅकेट खोल चुका था . मुझे गॅलरी से ड्रॉयिंग रूम में आते देख राजन बोला
"अरे अमन जी आइए सुअरेज़ ने क्या गोल किया है मज़ा आ गया"
"आज तो जर्मनी की हालत पतली लगती है"
"देखते हैं अभी तो 10 मिनिट बाकी हैं" राजन ने टीवी देखते कहा
मॅच अब एकदम रोचक मोड़ पर आ चुका था कि बत्ती गुल हो गयी
"शीट" हम दोनो एकसाथ चिल्ला उठे. एक तो लाइट चली गयी और शिखा को ताकने का चान्स जाने की वजेह से मेरा मूड खराब हो गया था , मैं अपनी किस्मत को कोस रहा था की अंधेरे में चौखट पर मुझे कोई खड़ा दिखाई दिया.

"खाना बन गया है , चलिए" ये शिखा थी अपने पति राजन को बुला रही थी.
"तुम चलो मैं आता हूँ" राजन ने कहा , शिखा जाने को मूडी "अरे अमन जी आप भी आइए ना" राजन ने कहा
"नो थॅंक्स राजन जी..में कुछ ऑर्डर कर लूँगा आप तकलीफ़ ना कीजिए" मैने कहा
"नो वे अमन जी...आज तो आपको हमारे घर चलना ही होगा" राजन ने इन्सिस्ट किया तो मैं राज़ी हो गया.

हम उनके घर पंहुचे , में ड्रॉयिंग रूम में बैठा मग से बियर पी रहा था`, राजन् ने बियर उसके घर ले चलने के लिए कहा था हालाँकि शिखा को यह बात पसंद नही आई.

राजन मेरे सामने आ बैठा और हममे इधर उधर की बातें हो रही थी , खाना लगने में थोड़ा टाइम था कि राजन को किसी का फोन आया वह फोन रिसीव करने गॅलरी गया.

शिखा इतने में सूप ले आई और बोल मेरे सामने रखा
"ये कहाँ गये?" उसने पूछा
"उन्हे फोन आया था" मैने जवाब दिया
"मैं अभी आती हूँ " कहकर वो जाने को मूडी की इतने में राजन वापस आया
"मैं आपको ढूँढरही थी कहाँ गये थे" उसने राजन से पूछा
"ऑफीस से फोन आया था , ख़ान को फाइल देनी है मैं ऑफीस में में देना भूल गया" राजन ने जूते पहनते कहा
"खाना खा कर जाइए , खाना रेडी है" शिखा ने उसे कहा
"नही ज़रा अर्जेंट है मैं ख़ान को फाइल दे कर आता हूँ" राजन ने कहा "अमन जी प्लीज़ डॉन'त माइंड मैं अभी 15 मिनिट में आया" राजन ने मुझसे कहा और चला गया
शिखा उसको यूँ जाते हुए देखती रही , उसकी आँखों में आँसू भर आए.
"एनी प्राब्लम?" मैने बियर पीते कहा "शिखा जी?"
वह मेरी ओर मूड कर बोली "नतिंग" उसने मेरे हाथ में बियर का मग देखा और गुस्से से बोली
"यह ब्राह्मण का घर है यहाँ यह सब नही चलेगा"
"ओह आइ अम सॉरी" मैने माफी माँगते हुए कहा "लेकिन मुझे तो आप के पति ही लेकर आए और वह भी तो पी रहे थे" मैने मग टेबल पर रखते कहा
"वो सब मैं नही जानती , वो आपके यहाँ पी रहे थे आप जाने , यहाँ में रोज पूजा पाठ करती हूँ ये सब नही चलेगा"
उसने मुझे सुनाते कहा
"ओक शिखा जी अब चलूँगा" इतनी बेइज़्ज़ती के बाद अब वहाँ मुझे रुकने की इच्छा नही थी
"खाना खा कर जाइएएगा" शिखा ने कहा
"नो थॅंक्स , मैं तो आना ही नही छ्च रहा था आपके पति ने ज़ोर दिया" मैने उसको जवाब दिया
"देखिए" उसने कहा "आपको समझना चाहिए की आपका मेरे पति के साथ उतना बैठना मुझे पसंद नही"
"क्यों?" मैने हैरत से पूछा
"आप उन्हे गंदी आदतें लगा रहे हैं" उसने कहा
"राजन क्या इतना मासूम है जो अपना भला बुरा ना जनता हो?" मैने पूछा
"आप उन्हे शराब की लत क्यों लगा रहे हैं?" उसने बात को बदलते कहा
"वो खुद शराब पीने घर आया था मेरे" मैने कहा
"ग़लत वो सिर्फ़ मॅच देखने आए थे शराब अपनी पिलाई" उसने कहा
"मॅच सिर्फ़ बहाना था असल में उसको शराब ही पीने थी" मैने तर्क लाढ़ाया
"आप कहना क्या चाहते हैं?" उसने ज़रा गुस्से से पूछा
"यही की आपके पति शराब पीते हैं , मच्योर हैं अपना भला बुरा समझते हैं और मैं उन्हे कोई बुरी आदत नही लगा रहा" मैं एक सांस में कह गया
"फिर वो आपके यहाँ क्यों पड़े रहते हैं वीकेंड में?" उसने सवाल पूछा
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12-13-2018, 01:38 PM,
#12
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
"ये बात आप अपने पति से कीजिए , अगर वो आपको टाइम नही देते ये मेरा क्न्सर्न नही देते" मैने उसको सुनाया
"हन जाहिर है...आप जैसे बॅच्लर्स के क्या कन्सर्न्स हैं ये मुझे मालूम है" वो गुस्से से फुफ्कर्ती बोली
"वॉट दो योउ मीन?" मैने तेज आवाज़ में पूछा
"योउ अरे होमे सेक्षुयल" उसने कहा "आप जैसे बचलोर्स राजन जैसे शादीशुदा लोगों की जिंदगी खराब करते हैं" उसने कहना जारी रखा "क्या मैं नही जानती की आप अंडरवेर पहने रत दिन हमारी खिड़की की तरफ क्या देखते हैं? मैने राजन को आपको इशारे करते भी देखा है"

"तो आपने अपने पति राजन से यह जानना ज़रूरी नही समझा की बात क्या है?" मैने कहा
"उनसे क्या पूछना है , उन्होने मुझसे साफ कह दिया है की उनका ओरियेंटेशन होमो है" उसने रोते कहा
यह सुन कर मेरा दिमाग़ तेज़ी से दौड़ने लगा "ये समझती है की मैं और राजन गे कपल हैं , और इसलिए ये मुझसे इतनी अपसेट रहती है... इसको यह भी मालूम है की मैं इनकी घर के तरफ ताकता हूँ ये समझती है मैं इसके पति को देखता हूँ जबकि मैं तो इसकी झलक पाने के लिए यह सब करता हूँ" मैने सोचा और हँसने लगा

शिखा मेरे यूँ हँसने पे भड़क गयी "क्या पागलो की तरह हँसे जा रहे हैं"
"हा हा हा.. राजन सही कहता था , तुमने उसके दिमाग़ को शॉट लगाया हुआ है" मैं मुश्किल से हँसी कंट्रोल करते बोला
"अमन स्टॉप इट" वह चिल्लई "बे सीरीयस"
"योउ अरे ओवर रैक्टिंग शिखा" मैने कहा "तुम जो समझ रही हो वैसा कुछ नही है"
"अब तो तुम यह कहोगे ही" शिखा गुस्से से बोली
"मैं प्रूव कर सकता हूँ" मैने मुस्कुराते कहा
"कैसे? टेल मे" शिखा का मुँह गुस्से से तमतमा उठा था
"मैं पूछती हूँ कैसे? कैसे यकीन कर लून की तुम गे नही हो?" वा चीखते बोली
"यूँ ऐसे" कहते हुए मैं उसकी ओर बढ़ा और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
मैं बेतहाशा उसको चूम रहा था , वा अचानक हुए इस हमले से हैरान थी मैं उसके होठों , गालों , आँखों और चेहरे पर अपने प्यार की मुहर लगा रहा था की अचानक उसने मेरे कान पर काट खाया

"आइईई" मैं दर्द से चिल्ला उठा और मेरे बाएँ गाल पर उसका झन्नाटे दर झापड़ पड़ा

"बदतमीज़" वो गुस्से से बोली
"सॉरी शिखा मेरे पास इसके अलावा प्रूव करना का कोई रास्ता नही था"मैं बेशर्मी से हंसते बोला
"मैं दरअसल तुम्हारी झलक पाने के लिए तुम्हारे घर की ओर देखता था , तुम समझी की तुम्हारे पति में मैं इंट्रेस्टेड हूँ"
"ग़लती मेरी थी मुझे समझना चाहिए था" शिखा गुस्से से बड़बड़ा रही थी "आने दो इनको तुम्हारी असलियत इनको बतौँगी"
"ऐसी ग़लती करने की सोचना भी मत शिखा" मैने उसको धमकाते कहा " वरना मैं राजन को सब बता दूँगा की तुम उस के बारे में क्या सोचती हो"
उसका चेहरा सफेद पद गया
"और फिर तुम जानती हो वा तुम्हारी कितनी पिटाई करेगा" मैने कहा "हन मैं जनता हूँ जब तुम उसके साथ इंटिमेट होती हो तो उसका रिक्षन क्या रहता है"
"जॅलील इंसान" वा मुझे नोचने आगे बढ़ी
"टेक इट ईज़ी शिखा डार्लिंग" मैने उसके हाथ पकड़े और उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके कानो के पास मुँह ले जा कर धीरे धीरे हल्के से उसके कान चाटने लगा
"प्राब्लम तुम्हारे पति में है , वो गे है ये तुम भी जानती हो , इसलिए वा तुम्हारे साथ सेक्स नही करता यही तुम्हारे ज़रूरत से ज़्यादा पूजा पाठ करने की वजह है"

"आह नही" वह कसमसाते बोली
"झूठ , और यही तुम्हारे अग्रेशन की वजह है की तुम्हारे पति की पॉल मेरे सामने खुल गयी" मैने कहा

"नही अया अमन मुझे छोड़ो" शिखा दर्द से कराहती बोली
इतने में लाइट आ गयी मैने उसको छोड़ दिया , वह किचन में भाग की डरवज़े की बेल बाजी , मैने दरवाज़ा खोला राजन बाहर खड़ा था

"सॉरी अमन मुझे ज़रा देर हो गयी"
"नो इश्यूस राजन जी" मैने कहा
"अपने खाना नही खाया?" उसने कहा "शिखा?"
"जी नही हम आपकी राह देख रहे थे"
"ओह गुड" उसने कहा , शिखा अपनी सदी संभालते हुए बोली "अरे आप आ गये मैं खाना लगती हूँ"
हमने खाने के टेबल पर इधर उधर की बातें की, इधर शिखा टीवी देखने चली गयी
"रूको स्पोर्ट्स चॅनेल लगाओ" राजन ने कुर्सी पर बैठे कहा
"मुझे महाभारत देखना है" शिखा ने कहा
"नही मॅच आ रहा है" राजन ने कहा
"शिखा जी आप मेरे घर जा कर टीवी लगा लीजिए , आप हमारी चिंता ना कीजिए हमे कुछ चाहिए होगा तो बुला लेंगे"
मैने कहा
"हन शिखा अमन जी के घर जा कर देख लो जो तुम्हे देखना है , हमे यहाँ अकेले छोड़ दो" राजन ने कहा
शिखा समझ गयी की उसका पति मूड में आ गया है , अभी उस से बहस करना का कोई फयडा नही था नही तो उसके साथ मार पीट हो जाती , वह चुपचाप उठ कर मेरे घर चली गयी.

इधर हमारा खाना ख़त्म हुआ और हम टीवी पर मॅच देखने लगे , राजन कहीं से ओल्ड मॉंक की बॉटल ले आया
"अरे? भाभिजी कह रही थी उनको घर में आपका शराब पीना मंजूर नहीं" मैने कहा
" अछा ऐसा कहा उसने?" राजन कुछ सोचते हुए बोला "और क्या कहा उसने?"
"कुछ नही बस इधर उधर की बातें"

"लाइए मैं पेग बनता हूँ" मैने कहा और वा बताने लगा
"मेरी और शिखा की लाइफ में ज़रा टेन्षन है , वह बड़ी पोज़ेसिव है"
"अछा?" मैने पेग बनाते हुए उसकी बातें सुन रहा था
"हन , वह समझती नही की मेरा भी फिरेंड सर्कल हो सकता है"
"ये तो कामन बात है शादी के बाद बीवी चाहती है की उसका पति उसको टाइम दे" मैने बात बनाते कहा
इस बीच उसके पेग में मैने नींद की गोली मिला दी क्यूंकी मैं समझ रहा था की शायद वा मुझे अपने गे सेक्स के लिए अप्रोच कर रहा है.

"नही इसकी बात ज़रा अलग है , ऑर्तोडॉक्स फॅमिली को बिलॉंग करती है" उसने पेग हाथ में ले कर कहा
"और उसकी अपनी सोच है" अमन कह रहा था
"चियर्स" हमने ग्लास टकराए
"छोड़िए राजन साहब भूल जाइए , ड्रिंक का मज़ा लीजिए" मैने कहा
एक तो ओल्ड मॉंक और उपर से नींद की गोली , दोनो ने अपना असर दिखाया और वा वहीं सोफे पर ढेर हो गया
"बच गये आज तो" मैने खुद से कहा और घर आ गया. 
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12-13-2018, 01:39 PM,
#13
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
मैं वापस अपने फ्लॅट में लौटा तो देखा , शिखा आराम से सोफे पर सो रही थी उसे देख कर मेरा दिल बल्लियों सा उछलने लगा , मैने उसको देखा वह अपने सिर को हथेली से ढक कर सोफे के कोने में बैठ कर सो रही थी.

कॉटन की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था , इस अंधेरे में मैं उसके जिस्म की सुंदरता को निहार रहा था , मैं दबे पाँव उसकी ओर बढ़ा और उसके ऊरोज के उभार पर हाथ फेरने लगा , नींद में भी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और नींद में बोली "आह राजन और करो ना, अच्छा लगता है"

यह सुन कर राजन को मन ही मन माँ की भद्दी ग़ाली देते हुए मैने अपना हाथ छुड़ाया और मैने लाइट का स्विच ऑन किया पूरा कमरा ट्यूब लाइट की दूधिया रोशनी से नहा गया.

आँखों पर रोशनी पड़ते ही वह उबासी लेकर जाग गयी , जब उसने उबासी लेने के लिए मुँह खोला जी किया अपना मुँह उसके मुँह से भिड़ा दूं उसकी जीभ पर काट खाऊँ या अपना लॉडा ही उसके मुँह में घुसा कर उस से अपनी गोतियाँ चटवा लूँ या लॉडा ही चुस्वा लूँ.

"ओह आप आ गये मेरी आँख कब लग गयी पता ही नही चला" शिखा उठते हुए बोली
"शिखा बी कूल , बैठ जाओ" मैने कहा
"नही अमन राजन, मुझे यहाँ ऐसे देखेंगे तो नाराज़ हो जाएँगे" वा बोली
"रिलॅक्स शिखा , तुम्हारा पति शराब पी कर बेहोश पड़ा है" मैने कहा "उसे कुछ पता नही चलेगा"
वा नज़रें नीची करते बोली "आई एम सॉरी अमन , मैने शाम में तुम्हे बहुत कुछ कह दिया"
"रिलॅक्स, शिखा आई डिड नोट माइंड इट" मैने माहौल को हल्का बनाते कहा , वह साड़ी का पल्लू संभाल रही थी.

मैं फ्रिड्ज से पानी की बॉटल निकाल ले आया "पानी पियोगी शिखा?" मैने उसे पूछा
उसने मेरे हाथ से ग्लास लेते कहा "धन्यवाद" , वह एक हाथ से अपनी साड़ी संभाल रही थी और दूसरे हाथ से ग्लास
मान किया महाभारत के दु:शासन की तरह उसकी साड़ी खींच लूँ और यही उसका चीर हरण कर लूँ , लेकिन मैने बड़ी मुश्किल से अपने जस्बात काबू में किए
मैने आगे बढ़ कर कहा "तुम अपनी साड़ी संभाल लो मैं ग्लास पकड़ता हूँ , तुम पानी पियो"
मैने ग्लास संभाला और वो पानी पी रही थी.

"तुम साड़ी में बहुत प्यारी लगती हो शिखा" मैने कहा
उसने कोई जवाब नही दिया बस गुस्से से देखती रही.
"गुड नाइट" मैने कहा और उसको दरवाज़े तक छोड़ने आया
"गुड नाइट" उसने कहा और मैने दरवाज़ा बंद किया.

लेकिन एक सेकेंड बाद ही दरवाज़े पर दस्तक हुई मैने खोला तो देखा सामने शिखा ही थी "अमन जी मैं अपनी बुक आपके टेबल पर ही भूल गयी थी"
"ओके बुक ले जाओ" मैने कहा वह बुक उठाने गयी मैने बुक का टाइटल देखा लिखा था "नियोग से संतान प्राप्ति"
"हमम्म" मैने सोचा , "तो ये इसलिए राजन से इतना झगड़ती है".
"यहाँ बैठो शिखा मुझे कुछ बात करनी है" मैने कहा
"इतनी रात गये आपको मुझ से क्या बात करनी है?" वह परेशन होते बोली
"इस किताब के बारे में" मैने किताब की तरफ उंगली दिखाते कहा
"यह तो बस ऐसे ही" उसने बात बनाते कहा
"मुझसे झूठ मत बोलो शिखा" मैने कहा
"तुम माँ बनना चाहती हो?" उसने अपनी नज़रें नीचे झुका ली
"मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूँ शिखा" मैने कहा
"कौन स्त्री माँ नही बनना चाहती?" उसने कहा
"राजन तुमको माँ नही बना सकता" मैने कमिनि मुस्कान बिखेरी
"मालूम है" वह गुस्से से बोली और उठ कर जाने लगी , अपने पति की मर्दानगी का यूँ गैर मर्द द्वारा मज़ाक उड़ाना उसको बुरा लगा
"लेकिन मैं तुमको माँ बनने का मौका दे सकता हूँ" मैने हंसते हुए कहा
"गलीज़ इंसान" उसने मुझ पर किताब फेंकते हुए कहा , मैने किताब हवा में पकड़ी और टेबल पर रखी , बिजली की तेज़ी से उसकी ओर गया और उसकी बाँह थाम ली
"छोड़ो अमन मुझे यू आर हरटिंग मी अमन..स्टॉप इट" उसने मिन्नते करते कहा
"नही" मैने कहा और उसकी बाँह मरोड़ दी , छीना झपटी में उसका ब्लाउस फट गया
"देखो तुमने क्या किया" शिखा मुझे अपने ब्लाउस का फटा हिस्सा दिखाते बोली
"अभी तो इसको थोड़ा फादा है , तुम कहो तो पूरा फाड़ दूं?" मैने कहा
"अमन तुमने बहुत पी रखी है , तुम होश में नही हो , वरना ऐसी बात मुझ से कहने की हिम्मत नही करते" उसने गुस्से से कहा "अगर मैं चाहूं तो चिल्ला कर लोगों को बुला लूँगी , फिर तुम्हारा वो क्या हाल करेंगे ये तुम अच्छी तरह जानते हो"
उसने मुझे धमकाने वाले अंदाज में कहा

"शिखा.. शिखा..शिखा मेरी प्यारी शिखा" मैने उसको बाहों में भर लिया
"क्या कर रहे हो अमन छोड़ो मुझे ..मैं चिल्लौंगी" उसने खुद को मुझसे छुड़ाते कहा
"इतनी रात गये मेरे घर में तुम क्या कर रही हो?" मैने उसके गाल चूमते कहा "क्या मतलब?" उसने सकपकते कहा
"तुम मेरे घर महाभारत देखने आई हो यह बात तुम्हारा पति भी जनता है" मैने उसके होठों को चूम कर कहा
"और तुम्हारा पति गे है , यह बात मैं जनता हूँ" मैने उसका हेर कलुतचेर खोलते कहा , उसने खुद को मुझ से छुड़ाने की भरसक कोशिश की लेकिन अब सब फ़िज़ूल था , एक तो मैने शराब पी रखी थी और शबाब मेरी गिरफ़्त में था
"और ये तुम्हारी नियोग से संतान प्राप्ति वाली किताब , यह सब सबूत यह साबित करने के लिए काफ़ी है कि तुम इस वक़्त मेरे साथ मेरे घर में क्या करने आई हो"

"हरामजादे छोड़ जाने दे मुझे " उसने दोबारा खुद को मुझ से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन मैने उसे पीछे से दबोच लिया , उसने साइड टेबल पर रखा फ्लॉवेर पॉट पकड़ने की कोशिश की लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया "कोई चालाकी नही शिखा डार्लिंग" मैने हौले से उसके कानो में फुसफुसा कर कहा , मेरी नाक में उसके खुले बालों की महेक आई "आज ही बाल धोए हैं क्या शिखा?" मैने उसके बाल सूंघते पूछा "तुम्हे इस से क्या?" उसने गुस्से से कहा "क्या चाहते हो अमन"
"तुम्हे शिखा" मैने कहा और उसके कान पर काट खाया
"आईए" वह चिल्ला उठी
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12-13-2018, 01:39 PM,
#14
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
"चीखो मत शिखा , लोग बाग सो रहे हैं" मैने कहा
"तुम मुझे कभी न पा सकते अमन मैं शादी शुदा हूँ" शिखा मेरी गिरफ़्त में कसमसा कर बोली
"शादी शुदा लोग सेक्स नही करते क्या?" मैने उसको दबाते पूछा "आख़िर तुम्हे मेरी प्यास बुझाने में क्या दिक्कत है?"
"ये ग़लत है अमन , मैं राजन की बीवी हूँ" उसने कहा
"तुम्हारा शास्त्र ही कहता है , समलिंगी पुरुष की पत्नी को पराए पुरुष के साथ संभोग करने की छूट होती है" मैने कहा
"तुम यह सब कैसे जानते हो?" उसने दाँत भींचते हुए कहा
मैने उसे जवाब देते कहा "तुम्हारी किताब में ही लिखा है

"मैं चाहे रिक्षेवाले के साथ संभोग कर लूँगी अमन लेकिन तुझ जैसे जलील इंसान से कभी नही" उसने गुस्से से कहा.
"तुम्हारे पति की असलियत जानने के बाद तो रिक्षेवाले भी तुमको नही चोदेन्गे , कोई कुत्ता तुम्हे नही पूछेगा"
"हटो मुझे जाने दो" उसने कहा
"तुम्हे नही का मतलब समझ में नही आता क्या शिखा?"
"प्लीज़"
"नो"

घड़ी ने "टन..टन" कर 12 बजाए
मैं उसको उठा कर बेडरूम ले गया
"शिखा मैं तुमसे प्यार करता हूँ" उसको बिस्तर पर लिटा कर बोला
"अमन जो तुम कर रहे हो यह प्यार नही"
"जानता हूँ"
"फिर भी"
"तुम्हारी किताब कहती है , प्यार और व्यापार में सब क्षमा है"
"व्यापार कैसा व्यापार?" उसने हैरत से आँखें बड़ी करते हुए पूछा
"मैं तुम्हे माँ बनाऊंगा , बदले में तुम मेरी भूख मिटा दो"
"नही"
"तुम्हारे पास और कोई चारा नही है शिखा कब तक तुम यूँ घुट घुट कर जियोगि?"
वह पसीने पसीने हो गयी , मैने एसी चला दिया
"मुझे थोड़ा वक़्त दो अमन" वह बात बनाने लगी
"तुम्हारे पास पूरी रात पड़ी है शिखा , आराम से सोचो" मैने उसी के सामने स्टूल खींच कर उस पर बैठते कहा
"क्यो कर रहे हो मेरे साथ ऐसा , क्या बिगाड़ा है मैने तुम्हारा?" वह रोते बोली
"तुमने मेरा सुख चैन छीन लिया है शिखा , और मैं तुम्हे रोते हुए नही देख सकता" मैने कहा
"जाने दो मुझे फिर" उसने कहा
"इसके अलावा भी कुछ बोलो शिखा , मेरे पास वक़्त नही है , बोलो हाँ या ना" मैने कड़क होते कहा
"ठीक है" उसने इधर उधर देखते कहा "मेरे पास चारा भी तो क्या है इधर कुँआ उधर खाई"
"रिलॅक्स शिखा" मैने कहा
"यह सब मैं सिर्फ़ माँ बनने के लिए कर रही हूँ अमन.. ना मुझे राजन की परवाह है और ना तुम्हारी" उसने अपनी भडास निकालते कहा और रोने लगी
"शिखा धीरे धीरे तुम मेरी परवाह करना भी सीख जाओगी" मैने कहा और बत्ती बुझा दी

"हॉर्न" "हॉर्न" की आवाज़ से मैं वर्तमान में आया देखा गाड़ी एक ट्रक के पीछे खड़ी है और ड्राइवर हॉर्न बजाए जा रहा है
मैने टाइम देखा 08:15 बाज रहे थे "क्या हुआ" मैने ड्राइवर से पूछा , "आयेज जाम लगा है साहब जी" ड्राइवर ने कहा , तभी मेरा फोन बजा , मैने फोन रिसीव किया मीठी सी आवाज़ में लेडी बोली "नमस्कार अमन जी हमे बताते हुए खेद हो रहा की आपकी बंगलोरे जाने वाली फ्लाइट 1 घंटे देरी से आ रही है , आपको हुई असुविधा के लिए खेद है"

"थॅंक यू" कहते हुए मैने फोन कटा , इधर गाड़ी चल पड़ी और मेरा मन वापस अतीत में हिलोरे लेने लगा
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12-13-2018, 01:39 PM,
#15
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
मुझे याद आया कि बाद के दिनों में शिखा का पति राजन बेंद्रे अपनी बाइसेक्षुयल आक्टिविटी के चलते करियर में नुकसान उठाया था , उसका ट्रान्स्फर अब बॅंक के काल सेंटर में बतौर सीनियर मॅनेजर कर दिया गया था , और इसी के

चलते उसकी नाइट शिफ्ट्स लगती इस दौरान उसका झुकाव भी उसके साथ काम करने वाले कलिग्स की तरफ हो गया था , कॉल सेंटर में वर्क कल्चर ही अलग होता है , जानने वाले जानते हैं क्या मर्द क्या औरत उनमें कोई फ़र्क नहीं

किया जाता और वेस्टर्न कल्चर हावी होता है उनमें , तो सेक्षुयल ओरियेंटेशन भी वैसा ही रहता है. राजन एक ही वक्त में अपनी स्क्रेटरी और अपने बॉस मिश्रा जी के साथ लिंक्ड था.

उसकी सेक्रेटरी नव्या उसकी प्यास बुझाती थी और वह खुद अपने बॉस मिश्रा की जांघें गरम करता , ऐसा न था कि वह यह सब अपनी मर्ज़ी से करता लेकिन रात भर मिश्रा साहब उसकी वह मारे रखते कि वह शिखा को वक्त न दे

पाता.
पति पत्नी में अंतर बढ़ता ही गया और इसी का फायदा मैने उठाया.

शिखा जिसे मैने अपनी हवस मिटाने का साधन बनाया था , उसकी सरलता और सुंदरता से मैं उससे प्यार कर बैठा.
मैं उसे उसकी किताब का डर दिखा कर एक्सप्लाय्ट करता था लेकिन बात चुम्मा चाटी से आगे न बढ़ सकी.
असल में जब तक कोई स्त्री न चाहे तब तक उससे कोई मर्द इंटिमेट हो ही नही सकता , और शिखा को ऐसे ब्लॅकमेल करते हुए मुझे मेरा जमीर गालियाँ देता हालाँकि मैं मौके देख कर शिखा के साथ अपने जिस्म की प्यास बुझाता लेकिन वह सेक्स के दौरान एकदम चुपचाप पड़ी रहती , मेरा मन अंदर ही अंदर मुझे खाए जा रहा था लेकिन जल्दी ही मुझे इस एहसास से छुटकारा मिल गया

एक दिन उसे संस्कृत श्लोकों के प्रिंट लेना था वा अपने ऑफीस जाते पति राजन से बोली "सुनिए इस पेन ड्राइव में
मेरी कुछ फाइल्स हैं उनको प्रिंट कर ले आइए"
"ऑफीस में मैं घर के काम नही कर सकता , साइबर केफे जाओ और वहाँ से प्रिंट आउट ले लो" उसका पति राजन बड़ा ही रुखाई से बोला

मैं सुबह की चाय पी रहा था जब उनकी यह बात चीत मेरे कानो में पड़ी , मैने शिखा के फोन पर मिस कॉल दिया
यह मेरा कोड वर्ड था , मुझे जब भी शिखा की तलब लगती मैं उसके मोबाइल पर मिस कॉल दिया करता , और शिखा बनसंवर कर मेरे पास आ जाती.
मिस कॉल दिए मुझे 10 मिनिट हो गये थे कि मेरे मोबाइल पास मेसेज फ्लॅश हुआ , यह शिखा का मेसेज था
"आज नही बाई छुट्टी पर है" मैने उसको फोन लगाया , उसने रिसीव किया और गुर्राते हुए पूछा "क्या है ? क्यों सुबह सुबह परेशान कर रहे हो ? बाई नही आई आज , मुझे टाइम नही है बहुत सारा काम पड़ा है

" बर्तन राजन को धोनेके लिए कह देना रात में अभी मैं तुम्हारे काम की ही बात कर रहा हूँ , पेन ड्राइव ले कर यहाँ आओ , प्रिंट आउट ले लो" मैने कहा और फोन काट दिया
5 मिनिट में ही वो हाज़िर हुई , उसने मुझे पेन ड्राइव दी मैने उसको पेन ड्राइव वापस करते कहा
"बेडरूम के कोने में मेरा लॅपटॉप है , जा कर प्रिंट ले लो"
"मुझे विंडोस 7 नही आता , राजन ने कभी सिखाया नही" वह झेपते हुए बोली
"विंडोस एक्स पी आता है?" मैने पूछा
"हाँ" उसने कॉन्फिडेन्स से कहा , मुझे हँसी आ गयी
"विंडोस 7 वैसा ही है जाओ जा कर प्रिंट आउट ले लो" मैने कहा और पेपर पढ़ने लगा
काफ़ी देर बाद भी जब वो मेरे बेडरूम से बाहर नही निकली तो मैं उसे देखने अंदर गया , मैने देखा शिखा पेट के बल लेट कर अपने खुले हुए बालों को अपनी उंगलियों में लपेट कर खेलती हुई मेरे लॅपटॉप में सेव की हुई हार्डकोर सेक्स

वीडियोस देख रही थी .
"अच्छा तो यह वजह है इसके बाहर ना आने की" मैने सोचा और दबे पाँव उसकी ओर आ कर टाँग से बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया , आवाज़ हुई लेकिन वह अभी भी इस सब से बेख़बर सेक्स वीडियो देख रही थी वह अब उंगलियों

के नाख़ून चबाने लगी थी मैने देखा वीडियो में काले आदमी को गोरी औरत ब्लोवजोब दे रही थी और वह आदमी गंदी आवाज़ें निकाल रहा था

मैं उसके उपर पीछे से चढ़ गया और उसके ऊरोज को पीछे से हाथों में भरते बोला "अकेले..अकेले? ज़रा मुझे भी दिखाओ क्या देख रही हो"

अचानक से मुझे अपने उपर पा कर वह घबरा गयी , लेकिन ज्यों ही उसने चीखने के लिए अपना मुँह खोला त्यों ही मैने उसके मुँह में अपना मुँह डाल दिया , मेरी ज़बान और उसकी ज़बान में जंग छिड़ गयी , 15 मिनिट बाद मुझे

उसके दो पाँवो के बीच गीलापन महसूस हुआ , मैं उस से दूर खड़ा हुआ और कहा "तुम्हे पीरियड तो नही आ गये?"
वह मुझे अचानक बिदकते हुए देख कर ज़ोर से हँसे लगी "ये पीरियड नही है अमन"
"फिर क्या तुमने मूत दिया"
"हा हा हा नही" अमन
मैने उसकी ओर देखा , पहली बार सेक्स के दौरान आज उसने पॉज़िटिव्ली रेस्पॉंड किया था
"फिर यह ज़रूर तुम्हारे ऑर्गॅज़म का पानी होगा" मैने तुक्का लड़ाया
"हां" वा मुँह छुपा कर शरमाते बोली "तुम्हारे लॅपटॉप के गंदे वीडियोस देख कर मैं बहुत गरमा गयी थी" वह अभी भी शर्मा रही थी , उसकी इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया
"अभी तो मैं तुम्हे और शर्मिंदा करूँगा शिखा" मैने कहा और अपना पयज़ामा उतार दिया "अमन नही प्लीज़"
उसने अपने चेहरे को हाथों से ढकते बोला "नही अब तुम्हें शर्मिंदा होना पड़ेगा शिखा" मुझ पर सेक्स का भूत सवार हो गया था , मैने उसकी सलवार खींच ली वह बिस्तर से उठने लगी लेकिन मैने उसे अपने नीचे दबा लिया.

"अया अमन छोड़ो ना मुझे" उसने कहा
"पहले शर्मिंदा तो होलो मेरी जान" मैने कहा और एक गंदा सा वीडियो खोल लिया जहाँ दो काले लोग एक सुनहरे बालों वाली गोरी लड़की को आगे और पीछे से चोद रहे थे
"छी कितना गंदा है" उसने वीडियो देखते कहा "आइईई" वह दर्द से चीखी , मैने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी थी "धीरे अमन .. देखो मुझे वीडियो देखने दो "

"वीडियो से कुछ सीखो शिखा कैसे वो लड़की उन दोनो से चुद्वा कर भी हंस रही है , सेक्स के दौरान तुम अपना मुँह फुलाती हो " मैने उसकी चूत में उंगली डालते कहा

"वो बेशरम लड़की है" उसने तेज आवाज़ में कहा "ऐसा थोड़े न होता है कहीं"
"क्यों" मैने पूछा "तुम्हें क्या तकलीफ़ है?"
"दो लोग एक साथ करेंगे तो तकलीफ़ होगी ही" उसने शरमाते कहा "और वह लड़की बहुत गंदी है"
"जो भी है तुम से अच्छी है" मैने उसको चिढ़ाते कहा "और अपनी उंगली निकालने लगा"
"आ अमन नही" , उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया "प्लीज़ वहाँ से अपनी उंगली मत निकालना बहुत अच्छा लगता है"
"तुम कहो तो कुछ और भी वहाँ डाल सकता हूँ शिखा" मैने हंसते हुए कहा
"शुभस्या शीघ्रम" उसने कहा
"क्या कहा?" मैने पूछा
"शुभ काम में देरी कैसी? पागल?" उसने मुझे चिकोटी काटते कहा
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12-13-2018, 01:39 PM,
#16
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
यह पहली बार था जब वा मेरे साथ सेक्स में इतना इंटेरेस्ट ले रही थी वरना वह हमेशा सेक्स के नाम पर टेन्षन में रहती या नखरे दिखती , शायद वीडियोस देख कर उसकी सेक्स की आग भड़क गयी थी , जो भी था मैने सोच लिया

था आगे से उसको सेक्स वीडियोस दिखा दिखा कर ही चोदा करूँगा

"आह जल्दी करो न " उसने कहा

जब आपकी सेक्स पार्ट्नर आपकी हौसला अफजाई करे तो माहौल ही बदल जाता है , मैने उसकी गर्दन अपने बाएँ हाथ से पकड़ी
दाएँ हाथ से उसकी टाँग फैलाई और अपना लिंग पीछे से उसकी योनि में डालने लगा , उसकी योनि का गढ्ढा मुझे महसूस हुआ

"अया अमन , ज़रा और अंदर आओ ना कुछ फील ही नही हो रहा है" शिखा अपनी टाँगें दबाते बोली
मैने ज़ोरों से अंदर एक धक्का लगाया

"हां अमन वहीं वहीं एक और बार उंगली करो ना प्लीज़" शिखा अपनी आँखें बंद करते बोली "मैने आगे से अपनी उंगली भी डाल दी"
"यह क्या शिखा , तुम्हारे जैसी सुंदर सुशील गृहिणी अपने कामेच्छा की पूर्ति हेतु एक पर पुरुष को आदेश दे रही है?" मैने उसको चिढ़ाते कहा
उसने हौले से आँखें खोली "शट उप अमन...सेक्स के टाइम पर बेकार की बकवास क्यों कर रहे हो?" वा बोली
"हा हा हा..मैं तो तुम्हे चिढ़ा रहा था" मैने हंसते कहा
"ह्म्*म्म्मम" वा आँखें मूंद कर किसी अलग ही जहाँ में खो गयी , स्पष्ट था अपनी योनि में मेरा उंगलियाँ घुमा कर गुदगुदी करना उसे बहुत भा रहा था
"आहह अमन , इसी प्यार के लिए मैं तड़पति थी...लेकिन राजन ने कभी मुझे नही समझा" वाह लरजती आवाज़ में बोली
"भूल जाओ उसे , और इस पल का मज़ा लो" मैने उसकी योनि के अप्पर लिप्स को अपने इंडेक्स फिंगर और अंगूठे से चिमटा लेते कहा
"आआईई" शिखा ने रिक्ट किया "क्यों चिंता ले रहे हो वहाँ पर?"
"ऐसे ही" मैने बोला "तुम्हे तंग करने में मज़ा आता है"
"मैं लून?" उसने भोले पं से कहा
"ले कर बताओ" मैने कहाँ
वा पलटी और मेरे खड़े हुए लंड की गोतिया पकड़ कर मसालने लगी
"आह ओफफफ्फ़" मेरी जान ही निकल गयी , और वह पागलो की तरह हँसे जा रही थी
मैने उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और हम एकदुसरे के होठों का शहद चाटने चूसने में मशगूल हो गये.

जब मेरी आँख खुली तो शाम घिर आई थी उसके फोन पर राजन का फोन आया था और वा उस से बाल्कनी में खड़ी बतिया रही थी

मैने शॉर्ट्स पहने और बाल्कनी में गया ,वा मेरी ओर पीठ किए खड़ी थी , उसके बाल खुले थे और आपस में उलझे हुए थे , कमीज़ पर सिलवट पड़ी हुई थी , और सलवार पहनी नही थी , पीछे का गला काफ़ी गहरा था और उसकी

गर्दन के डायन तरफ कंधे से तोड़ा नीचे एक तिल था , इस हालत में भी वह बला की खूबसूरत लग रही थी.

दबे पाँव मैं उसकी ओर गया और मुझे उसकी बातें सुनाई दी

"अच्छा आज रात ऑफीस में ही रहोगे?"
"क्या कहा दूसरे डिपार्टमेंट में ट्रान्स्फर हो गया?"
"ठीक है" कहते हुए उसने फोन काट दिया
मैने उसे पीछे से पकड़ लिया , अचानक से खुद को मेरी गिरफ़्त में देख कर वह घबरा गयी
"अच्छा तुम हो मैं समझी.."
मैने उसकी बात काटते कहा "मैं समझी की वॉचमन होगा"
"छी कितनी गंदी सोच है तुम्हारी?" वह बोली
"सारे दिन मेरे साथ सेक्स किया और फिर भी पति की याद आ गयी?" मैने कहा
"नही उनका फोन आया था" उसने कहा
मैं नीचे झुका और उसके कंधे के तिल को चूम कर कहा
"तो आज आपके पति घर नही आएँगे?"
"हां" उसने अपने बालों को पीछे बाँधते कहा , उसने अपने मुँह में रब्बर बॅंड पकड़ा हुआ था
मैने उसके बूब्स दबाते कहा
"तो फिर आज पूरी रात बॅंग बॅंग?"
वह हँसे लगी , उसके मुँह से रब्बर बॅंड छूट कर नीचे गिर पड़ा , उसे उठाने वह नीचे झुकी और उसकी रेशमी काले बाल आज़ाद हो कर उसकी पीठ पर लहराने लगे.

मैने उसे उठा कर अपने बाएँ कंधे पर रख लिया और बेडरूम की तरफ बढ़ चला
"नही अमन मुझे नीचे उतारो मैं चिल्लाऊंगी"
"नही आज तो मैं तुम्हे सारी रात प्यार करूँगा" मैने उसको संभालते कहा
उसने मेरी पीठ पर काटा और गुद्दे मारने लगी
मैने उसे बेड पर लिटा दिया
"शिखा जी आपका विरोध व्यर्थ है आज आप मेरे साथ कमाग्नि में जलेंगी" मैने उसकी शुद्ध हिन्दी में मज़ाक उड़ाया
"अमन जी मैं आपको सचेत कर दूं , आप मेरे पति की अनुपस्थिति में मुझसे संभोग करने की इच्छा कर रहे हैं . यह आप जैसी सभ्य पुरुष को शोभा नही देता कि आप अपने मित्र की पत्नी से रतिसुख की अपेक्षा करें " उसने मुझे

चिढ़ाया
"मैं तो हूँ ही हरामी , दूसरे की बीवियों को चोद्ने में मुझे बड़ा आनंद आता है" मैने अपनी शॉर्ट्स खोलते कहा
मेरा लॉडा उच्छल कर बाहर आ गया
"यदि ऐसा है , तो मैं उस आनंद से वंचित क्यूँ रहूं" शिखा ने कहा और मेरा लॉडा लपक कर पकड़ लिया
"हे प्राण नाथ मैं अपने प्रेम की मुहर आप पर लगाउंगी अन्यथा न लें " उसने चुहल की
"अवश्य" मैने कहा
और उसने मेरा लॉडा मुँह में ले लिया , मैने उसका सिर पकड़ लिया और उसके खुले बालों में अपनी उंगलियाँ फिरानी शुरू की लेकिन बाल कही कही उलझ गये थे

"तुम अपने बालों का ध्यान नही रखती शिखा" मैने शिकायत करते कहा
एकदम से उसने अपने मुँह से मेरा लिंग बाहर निकाला और उपर गर्दन करते मुझे देख कर कहा
"यह सब आपकी कृपा है प्राण नाथ , दोपहर में आपके साथ संभोग करते समय आपके मुँह और लिंग का गाढ़ा चिपचिपा द्रव्य मेरे केशों में लग गया इसी कारण मेरे केश उलझ गये" और हँसने लगी
"षट अप शिखा" मैने कहा
"विश्वास ना हो तो सूंघ कर देख लीजिए" , उसने अपने पीछे के बाल आगे कंधे पर लाते कहा
"हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या" मैने कहा "अभी लो"
और वह हँसने लगी.
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12-13-2018, 01:39 PM,
#17
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
"ऐसी नहीं" मैने कहा "घूम कर खड़ी हो जाओं शिखा'
वह हँसने लगी "बॅक ओफिस में जॉब करना है क्या"
"पहले तुम उठो तो सही" मैने उसके कंधे पकड़ कर उठाते कहा
"जो आज्ञा प्राणनाथ" वह उठने लगी और उठते उठते उसने मेरे अंडकोष को अपने दाँतों में भींच लिया
"आह क्या कर रही हो' मैं दर्द से कराहा.
"हा हा हा " वह हँसने लगी
वह घूम कर खड़ी हो गयी
"अब मेरी बारी" मैने कहा और हँसती खड़ी हुई शिखा को घुमा दिया अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी.
"अमन तुमको तो मैने मेरे चिपके हुए बालों को सूंघने को कहा था , तुम तो मेरी गुदा में आईईईईईईई" शिखा बोलते बोलते चीखने लगी
"अब आया मज़ा ?" मैने पीछे से उसके निप्पल्स मसल्ते कहा
"आह छोड़ो न अमन " वह रुआंसी हो गयी
"अपनी टांगे हटाओ " मैने कड़क आवाज़ में कहा
"क्यों" उसने दर्द भारी आवाज़ में कहा , उसके निप्पल्स मैने ज़्यादा ही जोरों से मरोड़ दिए थे
"तुम सवाल बहुत पूछती हो " कहते हुए मैने उसकी टाँग फैलाई
"अच्छा ?" उसने पूछा
"हाँ , अब अपनी दाईं टाँग कुर्सी के हत्थे पर रखो" मैने उसकी जांघों में उंगलियाँ फिराते कहा
"नहीं अमन जांगों के बालों में कुछ न करो बहुत बुरी गुदगुदी होती है" उसने मेरा हाथ पकड़ते कहा
"अब तो ज़रूर करूँगा " कहते हुए मैने उसकी जांघों में हाथ चलना शुरू किया
"आहह नहीं"
"हाँ बिल्कुल" मैने उसके विरोध को दरकिनार करते उसकी दाई तंग उठा कर कुर्सी के हत्थे पर रख दी.
"आहह अमन जो करना है जल्दी करों मेरी टाँग रबर की तरह लचीली नहीं है जो तुम ज़बरदस्ती चौड़ी कर रहे हो" शिखा परेशान होते बोली
"जो मैं कुछ करूँगा न शिखा , तुम्हारी दर्द भारी चीख से पूरा कमरा गूँज उठेगा " मैने उसे चेतावनी देते कहा
"रहने दो" वह अपने बालों को बाँधते हुए बोली "तुम बस बड़ी बड़ी हांकना जानते हो"
'बालों को खुला रहने दो शिखा तुम्हें चोद्ते हुए मैं उनकी खुश्बू लूँगा " मैने उसके बालों को पकड़ते कहा
"पहले बताते तो मैं गजरा लगा लेती , वैसे भी मेरे बाल तुम्हारी लिक्विड़ से उलझ कर चिपक गये हैं" उसने उलझे बालों को ठीक करते कहा
"रूको उन्हें उलझा ही रहने दो" कहते हुए मैने अपने बाएँ हाथ की उंगलियों से उसका योनि प्रदेश टटोला
'आह" वह चिहुन्क उठी "तुम्हारा नाख़ून गड़ गया "
"अभी तो बहुत कुछ गाड़ेगा " मैने कहा
"हाँ हाँ , तुम तो अपनी शेखी बघारोगे" उसने अपने चूतड़ मेरे लॅंड से रगड़ते कहा
"आहह शिखा , दुबारा करो" मैने कहा "तुम्हारी मक्खन जैसी गांद जब लॉड से छूती है तो बदन में करंट दौड़ जाता है सच्ची" मैने कहा
वह अपनी कमर को कार के वाइपर की भाँति हिला रही थी , और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में इंजन के पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रही थी.

"आहह अमन" वह दर्द से बोली "बड़ा मज़ा आ रहा है"

"रुक क्यों गये , और करो न " शिखा अन्मनि होते हुए बोली , मैने उंगलियाँ उसकी चूत से निकाल ली थी
"यह देखो क्या है ?" मैने उसके सामने हाथ नचाते हुए कहा
"ईईईई यह मुझे क्यों दिखा रहे हो?" उसने चीख कर कहा "अपने हाथ दूर करो मुझसे"
"यह तुम्हारे चूत का रस है शिखा जी , गौर से देखो मेरे हाथों की इन उंगलियों को , तुम्हारी चूत का गाढ़ा रस इन्हें कितना चिपचिपा बना रहा है" मैने मज़ाक करते कहा.
"प्लीज़ अमन मुझे यह उंगलियों से मत छूना " उसने बदन चुराते कहा
"क्यों शिखा डार्लिंग?" मैने दूसरे हाथ से उसे करीब खींचते कहा
"मुझे घिन आती है" वह छूटने की कोशिश करते बोली
"अब यह देखो " उसने मुझे देखा और देखती रह गयी , मैं उसके देखते देखते ही अपनी पाँचों उंगलियाँ चाट गया
"तुम बहुत नमकीन हो शिखा , अब से खाने में नमक कम डाला करना " मैने उसको छेड़ते कहा
"वाश्बेसिन कहा है?" उसने कसमसा कर कहा मैने उसे वाश्बेसिन दिखाया , वह भागते हुई गयी और थोड़ी ही देर में आवाज़ आने लगी "वॅक वॅक ,,आक थू"
वह बाहर आई तो अपना मुँह पोछने लगी
"अरे वह तो मेरी कल की पहनी हुई अंडरवेर है" मैने कहा
उसने घबरा कर कपड़ा फेंक दिया
"हा हा हा, मैं तो मज़ाक कर रहा था " मैने हंसते हुए कहा
"तुम बहुत घिनौने हो , मेरी चूत का रस चाट गये , शर्म नहीं आती" वह दौड़ कर मेरे गले लग गयी और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया
"तुम बहुत रसीली हो शिखा , मेरा बस चले तो तुम्हारी चूत को लॉलीपोप की तरह चौबीसों घंटे चूसा करूँ " उसको चूमते हुए मैने कहा 

"लॉली पॉप तो तुम अपने दो पैरों के बीच लिए घूमते हो अमन " शिखा अपने हाथों से मेरे अंडकोष सहलाते बोली
"अच्छा मेरी गोटीयाँ तुम्हें इतनी मीठी लगती हैं ?" मैने उसका हाथ पकड़ते कहा
वह घुटनों के बल बैठ गयी और कहा "अरे रसगुल्ले , गुलाब जामुन की मिठास एक तरफ और तुम्हारी गोटीयों की मिठास एक तरफ"

"अच्छा एक कम करो अपनी बटलियों नीचे करों , मैं उसकी गॅप में अपना लॉडा रखूँगा " मैने कहा
"हाँ चलो बड़ा मज़ा आएगा " वह उठी और अपने बाल बाँध लिए फिर ज़रा नीचे की ओर सरक कर मेरे लिंग को अपने बूब्स की गॅप में भर लिया
"चलो अब शुरू हो जाओ " उसने हुक्म दिया
मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेटा था और वह मेरे उपर औंधे मुँह लेट कर मेरे लॉड को अपनी मलाईदर और रसीले बूब्स के बीच दबाए जा रही थी.

मैने अपनी कमर थोड़ा उपर उठाई और मेरा लॅंड उसकी गॅप से निकल कर उसके मुँह तक पंहुचा , अब अंडकोष उसके गॅप में थे , मैने उसे उत्तेजित करने के लिए उसके निप्पल्स पर चुटकी काटी

"आह अमन नहीं" शिखा कराह उठी.

"क्यूँ मेरे आपके निपल्स पर चिकोटी काटने में आपको क्या आपत्ति है ?" मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा
"प्राण नाथ , अब संभोग का आनंद उठाते मेरे शरीर के साथ यूँ खिलवाड़ करें और मैं वेदना भोगती रहूं?" उसने
वैसे ही शुध हिन्दी में जवाब दिया

"क्यों? तुम्हे कौन कम्बख़्त आनंद लेने से रोकता है , तुम भी आनंद लो" उसके बूब्स को मैने हाथों से मसल्ते कहा
"आप जब मेरे शरीर को ज़ोरो से दबाएँगे तो मुझे आनंद की अनुभूति कैसे होगी?" उसने अपने बूब्स छुड़ाने की कोशिश करते कहा

"तुम्हारी कोशिश व्यर्थ है शिखा" मैने दाएँ हाथ से बूब्स दबाए और बाँया हाथ उसकी योनि चौड़ी कर उसके होठों को अपने दाँतों से काट खाया

"उफ्फ आपने तो तीन जगह मोर्चा खोल दिया" शिखा मेरी बाहों में कसमसाते बोली

"प्रतिरोध ना करो शिखा , आनंद लो" मैने उसको चूमते कहा

"प्रतिरोध के बिना आनंद कैसा?" उसने कहा

"चुप , सेक्स करते बोला नही करते" मैने उसके होंठ चूमते कहा

"कौन कहता है?" उसने मुझे चूम कर मेरा चेहरा दोनो हाथों से पकड़ते बोला

"कामसूत्र में लिखा है" मैने कहा और उसको दोबारा चूम लिया

"उफ्फ अमन" उसने दोबारा मेरा चेहरा अपनी हथेलियों में पकड़ कर कहा "मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ"

"अच्छा ?" मैने कहा और दोबारा उसके होंठों को चूम लिया

" आहह अमन नहीं" उसने दोबारा मेरा चेहरा उपर उठा कर कहा " पहले मेरे सवाल का जवाब दो"
"पूछो" मैने उसकी ओर देखते कहा , वह गंभीर हो कर मुझे देखते हुए बोली "तुमने कामसूत्र कहाँ पढ़ी मुझे भी पढ़नी है"

"क्यों? क्या करोगी जान कर ? क्या सब सेक्स पोज़िशन्स अपने पति के साथ ट्राइ करोगी?" मैने उसे छेड़ते कहा

"हाँ" उसने मुस्कुराते कहा

"ठीक है लेकिन उसकी प्रॅक्टीस मेरे साथ करनी होगी" कहते हुए मैने उस पर किसेस की बौछार कर दी
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12-13-2018, 01:39 PM,
#18
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
बड़ी मुश्किल से उसने मुझे अपने आप से अलग किया और कहा "तो अब क्या कर रही हूँ" और पलटकर उसने अपना मुँह तकिये के नीचे छुपा लिया , उसके ऐसा करने से उसके कूल्हे उभर आए , मैने उसके कूल्हे पर प्यार से हाथ फेरते कहा

"शिखा जानेमन तुम्हारे कूल्हे कितने उठावदार हैं" मैने उसकी तारीफ करते कहा 'ऐसा लगता है जैसे नदी के किनारे सफेद रेत के टीले बने हों" मैने उसके कुल्हों पर हाथ फेरते कहा

"और करो , गुदगुदी होती है" उसने अपना सिर तकिये के नीचे दबाए कहा

"क्या मुलायम गांद है तुम्हारी शिखा" मैने कहा और वह हंस दी , मैने कुछ सोचा और उसको पूछा

"वैसे शिखा?"
"हां?" उसने कहा
"तुम जब अपने बालों की चोटी बनाती हो तो वो तुम्हारे कुल्हों के नीचे तक पंहूचती होगी ना?" मैने उसकी गांद की दरार में उंगली डालते हुए पूछा

"हां , मेरे बाल बहुत लंबे हैं , हर हफ्ते शिककाई से इन्हे धोती हूँ और महँगा वाला आमला तेल लगती हूँ" उसने गर्व से कहा

"वाकई , तुम्हारे बाल बहुत अच्छे हैं" कहते हुए मैने उसके बाल हाथों में ले कर सूँघे

"अमन?" उसने पूछा

"हाँ?"

"तुम भी अपनी झाट् में तेल लगाओ न"

"क्यों?" मैने हैरत से पूछा

"मुझे तुम्हारी झाट के मोटे बाल बहुत पसंद हैं " उसने कहा और मेरी झाट के बाल पकड़ कर जोरों से खींचे

मेरी दर्द से कराह निकल पड़ी

"अमन" उसने पूछा
'हां" मैने कहा

"तुम्हे मेरे लंबे बाल इतने अच्छे लगते हैं" उसने अपने बालों को हाथों में ले कर कहा

"हां बहुत" मैने उसको दोबारा चूम लिया

"मेरी सासू माँ को भी मेरे बाल बहुत पसंद थे?" उसने दूर कहीं देखते कहा

"अब तुम्हारी सास कहाँ टपक पड़ी बीच में?" मैने झुनझूला कर कहा

"मेरी सास ने ही मुझे राजन के लिए पसंद किया था" उसने जवाब देते कहा "और उन्होने ही मुझे बालों की ग्रोथ के लिए आमला तेल लगाने को कहा था "

"अगर तुम्हारी सास तुम्हे मुझ से चुद्ते हुए देख ले तो?" मैने उसको छेड़ते हुए पूछा

"तो वो हार्ट अटॅक से ही उपर पंहुच जाएगी" कहते कहते हुए हंस पड़ी

"वाउ , मेरा तो मान करता है की तुम्हारी कुल्हों पर लटकती चोटी की गाँठ में अपना लंड डाल दूं , और तुम्हे तुम्हारी सासू माँ के सामने पटक पटक कर तुम्हारे साथ सेक्स करूँ" मैने उसको अपनी बाहों में जाकड़ लिया और अपना लॉडा उसकी गॅंड की दरार में फँसा लिया

वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी "ओह अमन तुम तो मुझे हंसा हंसा कर ही मार डालोगे"

यह सुन कर मैने उसकी गेंड में उंगली घुमाना शुरू कर दी

"छी छी कितने गंदे हो तुम" उसने मेरा हाथ पकड़ते कहा

"तुम से थोडा कम" मैने उसको चिढ़ाते हुए कहा

"मैं तुमसे ज़यादा गंदी हूँ वो कैसे?" उसने आँखें चौड़ी करते कहा

"गैर मर्द से जो चुद्ति हो" मैने कहा

"तुम भी तो दूसरों की बीवियों को चोद्ते हो" उसने मुझे उंगली दिखाते कहा

"मैं तो कुँवारा हूँ , कुंवारे लड़कों को यह सब करने की छूट रहती है" कहते हुए मैने उसके दोनो पैर उपर उठा दिए

"कुँवारी तो मेरी गेंड भी है" उसने कहा

"तो चोद दूं इसे?" मैने पूछा

वह कुछ ना बोली , वापस अपने चेहरे पर तकिया रख लिया और हँसने लगी

"वॅसलीन है?" उसने चुप्पी तोड़ते हुए कहा

"नही अमृतंज़न है , चलेगा तुमको ?"

"ना बाबा ना" उसने जीभ दाँत तले दबाते कहा "मेरी पोन्द जल जाएगी"

"क्यों गांद भी मरवानी है और जलवानी नही है?" मैने कहा "मेरा लॉडा भी तो जलेगा?"

'नहीं मेरी गीली गॅंड उसको जलने नही देगी" उसने कहा

"नहीं" मैने कहा

"हां मेरी गांद अगर मारनी है तो मेरी यही शर्त है" वह तुनक कर बोली "वॅसलीन ले आओ और मेरी पोन्द जी भर कर मार लो"

मैने ड्रावर खोला और हंस दिया . 
Reply
12-13-2018, 01:39 PM,
#19
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
मेरा हाथ उसने पकड़ लिया
"क्या हुआ?" मैने पूछा
"वॅसलीन मत लगाओ , मैं कुछ जुगाड़ करती हूँ " उसने अपने बाल बाँधते हुए कहा
"जुगाड़?" मैने चौंक कर कहा "कैसा जुगाड़?"
"अरे बाबा तुम सवाल बहुत पूछते हो" उसने मुँह बना कर कहा
"मैं भी तो जानूं तुम चुदाई में कौन सा जुगाड़ लगाती हो" मैने कहा
"अरे बाबा कभी तो मुँह बंद रखा करो" उसने हाथ जोड़ कर कहा "और यहाँ मेरी तरफ मुँह करो"
मैने पलट कर उसकी ओर देखा
उसने अपने दाएँ हाथ में मेरा लॉडा पकड़ लिया
मैने कहा "शिखा अब तुम्हें यह क्या सूझी?"
"तुम बस देखते जाओ" उसने तुनक कर कहा और मेरा पाँच इंची लंड मुँह मे भर लिया
"देखो दाँत मत गाड़ना" मैने उसे आगाह करते कहा "उन्हुन्न्न" उसने मुँह में लंड भरते ही गर्दन को झटका दिया
मैने उसके बाल हाथों में पकड़ लिए और उसके मुँह में जोरों से धक्का दिया , मेरा लंड का सिरा उसके तालू से टकराया
"आहह शिखा " मैने उत्तेजना से आँखें बंद कर लीं , उसने मेरे लिंग के सिरे पर अपनी जीभ का सिरा टीकाया और अंदर बाहर करने लगी , मेरा लिंग किसी फूल की भाँति खिलने लगा , दो मिनट में ही लिंग के सिरे की चमड़ी उलट गयी
"ख़ौं ख़ौं " शिखा अचानक खांसने लगी , मैने अपना लिंग उसके मुँह से निकाल लिया , लेकिन मुझे अपने लिंग पर काफ़ी हल्की सी ठंडी जलन महसूस हुई , ऐसा लगा लंड पर किसी ने बाम लगा दिया हो.

"आक थू" शिखा ने बलगाम वॉश बेसिन में थूकी , मैने उसको देखा उसकी लंबी लंबी साँसे चल रहीं थी , इधर मेरा लिंग फूल कर कुप्पा हो गया था

"कैसे लगा मेरा लंड चूसना ?" उसने आँखें घुमा कर मुझसे पूछा "मज़ा आया ?"
"बहुत" मैने जवाब दिया.

"तो देर किस बात की?" उसने पूछा "अब तुम्हारा लंड मेरी पॉंड मारने को एकदम तैयार है"
"ठहरो" मैने कहा
"क्या हुआ?" उसने पूछा
"मेरा लंड तुम्हारे चूसने से ऐंठ गया है , ज़रा ठंडे पानी का फव्वारा मार लूँ " मैने बाथरूम की तरफ जाते कहा
"अरे नहीं उसने एंठा ही रहने दो , गांद में आसानी से जाएगा" शिखा ने मना किया
"नहीं कहीं फ्रॅक्चर हो गया तो?" मैने कहा
"पागल , शिश्न में हड्डी नहीं होती तो फ्रॅक्चर कैसे होगा?" उसने कहा
"ये शिश्न क्या है शिखा?" मैने पूछा "जीभ को संस्कृत में शिशिन कहते हैं?"
"तुम्हारा लंड " उसने गुस्से से देखते हुए कहा
"मेरा लंड तो फूल कर कुकुरमुत्ते की तरह हो गया है , तुम्हारी गांद में डालूँगा तो तुम्हें दर्द होगा" मैने प्रतिवाद करते कहा
"हूँह" उसने मुँह बनाया "और डालो ठंडा पानी अपने लॅंड पर , फिर तो मुरझा ही जाएगा"
"नहीं , दरअसल मेरे लंड की चमड़ी जो पलट गयी है वहाँ हवा लगने से मुझे हल्की जलन हो रही है" मैने सच कह दिया
"यह कहों की तुम्हारी फट रही है" उसने मेरा मज़ाक उड़ाते कहा
"कमाल है , गाँड तो तुम्हारी मारी जानी है और मेरी फटेगी क्यों?" मैने कहा
"अहहाहा" उसने हाथ नचा कर कहा "बड़े आए मेरी गांड मारने वाले , मेरी कड़क कुँवारी गांड को तुम्हारा लंड भेद न पाएगा"
"देखते हैं" मैने कहा
"तुम तो बस दिखाते ही रहो , करो कुछ नहीं " शिखा ने तुनक कर कहा
"तुम जब अपनी गांड फैलाओगी तब न तुम्हारी गाँड मारूँगा" मैने समझा कर कहा
"पेच कसने के लिए पेचकस को गड्ढे में घुसा कर कसना पड़ता है , न की गड्ढे को चौड़ा करना पड़ता है" उसने मुँह बनाते कहा
"इस तकनीकी ज्ञान के लिए शुक्रिया , वैसे ये लंड है मेरा लंड कोई पेचकस नहीं है और न तुम्हारी गांड की गहराई इतनी है कि मुझे पेच कस लाना पड़ जाए , इसके लिए तो मेरी उंगलियाँ ही काफ़ी है" मैने उसकी गाँड में उंगलियाँ घुसा दी

"अमन" उसने कहा "बात मेरी गांड मारने की हुई थी , गांड टटोलने की नहीं" शिखा बोली
"क्या फ़र्क पड़ता है?" मैने लापरवाही से कहा
"फ़र्क पड़ता है" उसने समझाते कहा "मेरा पेट खराब है"
"क्या?" मैने घबरा कर उंगलियाँ निकाल ली और हाथ धोने चला गया
"देखो तुम डर गये अमन" शिखा खिलखिला कर हंस पड़ी

"बात डरने की नहीं है , पूरा मूड बिगड़ सकता है" मैने उसे दबोच कर कहा
"तुम्हारा मूड तो बार बार बदलता है" शिखा पलट कर बोली
"बताने के लिए थॅंक्स , अब तुम जल्दी अपनी गाँड फैलाओ वरना मेरा मूड बदल जाएगा , मैने उसको बाएँ हाथ से पेट के बल लिटाते कहा
"अरे ज़रा धीरे , तुम्हारी उंगलियाँ चुभती हैं" उसने अपनी कमर से मेरे हाथों को अलग करते कहा
"अभी इसकी आदत डाल लो शिखा , अभी तो उंगलियाँ चुभती हैं तो इतना नखरा कर रही हो जब मेरा सोटा अंदर जाएगा तो क्या करोगी? " मैने अपने लंड पर तेल लगाते कहा .
"क्या करूँगी माने ?" शिखा ने पेट के बल लेटे लेते अपनी टाँगें हवा में चलाना शुरू कर दिया और मुझसे पूछा
"लड़कियाँ आम तौर पर एनल सेक्स के दौरान क्या करतीं हैं?"
मैने उसकी टाँगें पकड़ते कहा "मुझे क्या पता? मैने ब्लू फिल्म में तो उनको चीखते चिल्लाते देखा है और तुम क्या करोगी यह तुम जानो"
"है न ?" शिखा ने गर्दन मोड़ कर कहा "फिर इतना सोच क्या रहे हो ? गाँड्ड में अपना लौडा डालो"
"तुम अपनी टाँगें हवा में चलाना तो बंद करो, तुम्हारी गाँड तक कैसे पंहुचु ?" मैने कहा
"यह तुम जानो" उसने भाव खाते कहा
"देखो नखरा मत दिखाओ" मैने उसे चेताया
"दिखाऊँगी" उसने बेफ़िक्र हो कर कहा
मुझे गुस्सा आ गया "मैं तुम्हारा पति नहीं जो तुम्हारा नखरा बर्दाश्त करूँ "
"तो?" उसने भौहें उचका कर कहा
"तो यह लो" कह कर मैने उसे दोबारा पलटा और अपना लिंग उसकी गाँड की दरार में डाल में पूरी ताक़त के संग ठेल दिया .
"आईईईईई अमन , उफ़ नहीं" वह दर्द से चीखी
"क्यों अब मज़ाक नहीं सूझ रहा तुम्हें ?" मैने उसके बालों को खींचते कहा
"नही" उसने दर्द में किसी तरह जबाद दिया
"मैने पहले ही कहा था कि जब महारानी को मेरी नुकीली उंगलियाँ कमर में चुभती है तो गाँड में लौडा कैसे लेंगी"
मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा .
"आहह...तुम्हारा लौडा प्रेशर कुकर के हॅंडल की तरहचौड़ा है अमन आहह" वह दर्द से कराहती बोली
"ये लो प्रेशर कुकर का ढक्कन लगाता हूँ " कहते हुए मैने उसको पहला धक्का मारा
"आईईईईईईईई" वह चीख पड़ी , मेरा लौडा सचमुच उसकी गाँड में गहरे तक धँस कर गड़ गया
उसकी कोमल मुलायम कुंवारे गड्ढे की छुअन सेमेरा लौडा कुकुरमुत्तेकी भाँति उसकी गाँड में खिलने लगा
Reply
12-13-2018, 01:39 PM,
#20
RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
ज्यों ज्यों मेरा लंड उसकी गाँड़ में फैलता त्यों त्यों वह दर्द से दोहरी हो कर चिल्लाति
"आहह अमन बस करो प्लीज़" शिखा ने तकिये के कवर को अपने हाथों से मसल्ते कहा
"सॉरी शिखा" मैने कहा "तुम्हें थोड़ा दर्द सहना होगा , मुझे अब मज़ा आ रहा है" मैने बेफ़िक्र हो कर कहा
"अरे तुम्हारे मज़े के चक्कर में मेरी गाँड फट जाएगी" उसने कहा
"फटने दो , सुई धागे से सील लेना " मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा
"तुम ऐसे नहीं मनोगे " कहते हुए उसने एकदम से पलटी मारी , कमरे में जैसे भूकंप आ गया
मेरी आँखों के सामने एकदम से अंधेरा छा गया और लंड में तेज दर्द सा उठा.

"अमन " शिखा अपनी गर्दन को झटका देते बोली , मेरा लॅंड अभी भी पूरी ताक़त से उसकी गांद की गहराइयाँ नाप रहा था
"हूँ?"
मुझे उसका यूँ चुद्ते हुए बात करना पसंद न आया . गर्दन को झटका देते ही उसके खुले बाल चेहरे पर आ गये थे , मैं शिखा को चोद्ते वक्त उसके काले लंबे बालों को हाथों में थाम कर जी भर उनकी महक सूँघा करता था और उसने अपने बालों को जब झटका दिया तो वह रेशमी बाल मेरे हाथों से छूट कर उसके चेहरे पर लहराने लगे .

शिखा ही नहीं जितनी भी सुंदर लड़कियों या कहूँ स्त्रियों को मैने चोदा है , मुझे उनके काले लंबे घने बालों ने उनकी ओर आकर्षित किया है , किसी ने सच ही कहा है पारंपरिक साड़ी में भारतीय नारी जितनी आकर्षक लगती है उतनी और किसी में नहीं .

खैर कहानी पर आते हैं , शिखा के बालों से उठती महक मुझे मदहोश कर देती थी जिससे मैं और उत्तेजित हो जाता था और मेरा लंड फूल जाता था , लेकिन वह बार बार अपने बाल मुझसे छुड़ा रही थी , वह अपने बलों का खास ख्याल रखती थी और मैं चाहे उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेर लूँ लेकिन उसे मेरा उसके बलों को पकड़ना और सूंघना गंवारा नहीं था
और मेरा मूड तो उसके बलों की खुश्बू लिए बगैर बनता नहीं था , वह इससे गुस्सा हो जाती तो मेरा लंड पकड़ कर मरोड़ देती.

इस बार भी जब मैने उसके बलों की सुगंध लेने के लिए अपनी नाक उसके सिर से टकराई तो वह भड़क ही गयी , फ़ौरन अपने घुटनों से उठते हुए बोली
"अमन कितनी बार कहा है मुझे तुम्हारा यूँ सूंघना पसंद नहीं?"
उसके यूँ एकदम झटके से उठने से मेरा नाज़ुक लंड उसकी गाँड की दीवारों से टकरा गया , मुझे संभलने तक का मौका न मिला . और लॅंड में दर्द की टीस सी उठी और मैं कराह उठा "आहह शिखा" दर्द की लहर मेरे लंड से होती हुई सीधे दिमाग़ में पंहुची .नाख़ून के इर्द गिर्द की चमड़ी छीलने और उस पर ठंडा पानी पड़ने से कैसी जलन होती है? वैसी ही तेज जलन इस वक्त मेरे लंड पर हो रही थी जो बर्दाश्त से बाहर थी
"अमन" शिखा बड़े प्यार से बोली "अब फील हुआ ? मुझे भी ऐसी ही झुन्झुलाहट होती है"
"हा हा हा" वह मेरी फ़ज़ीहत पर बड़ी बेशर्मी से हँसने लगी
"क्या चूतियापा मचा रखा है तुमने शिखा ?" मैने थोडा गुस्से से कहा , एक तो लंड की तेज़ जलन से बुरा हाल था दूसरे वह मुझे उसके बालों की खुश्बू लेने नहीं दे रही थी जिससे मैं सेक्स में इंटेरेस्ट खो रहा था और मेरा लंड की चमड़ी हवा निकले हुए गुब्बारे जैसी ढीली पड़ रही थी , उसकी चूत से तो धाराएँ निकल रहीं थी जो मेरे लंड की खुली हुई चमड़ी को और जला रही थी . शिखा की रसीली चूत का पानी मानों गंधक का तेज़ाब लग रहा था , जब लंड की चमड़ी से छूता , लगता था लंड को गर्म तेल के कड़ाहे में डाला हो.

अब तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया था " शिखा चुद्ना है या नहीं सीधी तरह बताओ" मैने उसको सुनाते हुए कहा "मज़ाक करना है राजन के साथ करो , मैं तुम्हारा पति नहीं हूँ" मैने गुस्से से कहा
"आहाहाहा अमन " उसने अपना चूड़ियों से भरा हाथ नचा कर कहा मैं तुम्हारे घर में आ कर तुम्हारे बिस्तर पर यूँ नंगी लेटी हुई हूँ , तुम जैसे गैर मर्द से अपनी गाँड मरवा रहीं हूँ , क्या ये सुनने के लिए कि मेरा चुदने का मूड नहीं है"

"और क्या ? तुम बार बार अपने बालों को झटका क्यों दे रही हो" मैने कहा
"मुझे तुम्हारा मेरे बालों को सूंघना पसंद नहीं आता"
"क्यों? इससे मेरा मूड बनता है"
"मूड बनाने के और तरीके हैं" शिखा समझाते बोली
"वह क्या?" मैने पूछा
"मेरी चूत को प्यार से चाट कर , मेरे मम्मों को दबाओ उन्हें मस्लो और मेरी गाँड को प्यार से सहलाओ , लेकिन तुम ? तुम ऐसा कुछ भी नहीं करते" शिखा ने मुझसे शिकायत करते कहा 

"तुम अपना मूड बनाने की बात कह रही हो और तो तुम मेरा मूड बिगाड़ रही हो" मैने गुस्से से कहा
"अच्छा बाबा मेरी ग़लती" उसने मेरे सामने हाथ जोड़ कर कहा
सोचिए उस दृश्या को अपनी आँखों के सामने लाइए , आपकी स्वप्न सुंदरी अर्धनग्न हो कर अपने अस्त व्यस्त बालों को ले कर आपके सामने हाथ जोड़ कर आपसे संभोग करने की विनती करे तो आप क्या करेंगे?

उसके आपस में जुड़े हुए हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए मैने उसकी ओर देखा , वह अपनी लाल मुलायम पतली से जीभ दांतो के बीच अपने सुर्ख गुलाबी होठों से दबाए मुस्कुरा रही थी , साफ था की वह नखरा कर रही थी .

"अब मान भी जाओ ना" उसने मुझे मनाते हुए कहा
"ऐसे नही पहले अपने कान पॅक्डो और 10 उठक बैठक लगाओ" मैने कहा
उसने अपने कान पकड़े और उठक बैठक लगाने लगी , मैने उसे बाहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगा.

शिखा के साथ गुज़रे गये वह हसीन पल याद कर मैं मुस्कुरा दिया. ऐसे तो मैने कयी लड़कियों के साथ सेक्स किया था

कई बार बात तो अबॉर्षन तक आ पंहुचि थी लेकिन उन लड़कियों के साथ इन्वॉल्व्मेंट नही थी केवल जिस्म की प्यास बुझाने से मतलब था.

शिखा किसी की पत्नी थी और थोड़े पुराने ख़यालात की थी जो बाकी लड़कियों से अलग थी.
बाकी लड़कियाँ सेक्स को लेकर ज़्यादा सीरीयस नहीं थी उन्हे मिलने वेल गिफ्ट्स में ज़्यादा दिलचस्पी थी , जबकि शिखा का स्टॅंड शुरू से ही क्लियर था , उसका पति राजन बाप नही बन सकता था और मैं उसकी खूबसूरती पर रीझा हुआ था. लिहाज़ा हम मे सहमति बन गयी थी मैं उसके साथ सेक्स करता और वह भी मुझसे प्रेग्नेंट होना चाहती थी , उसके मा बनने तक मैं उसके साथ उसकी सहमति से जी भर के सेक्स कर सकता था और इसके बाद वह अपने पति के साथ एक आम ज़िंदगी गुज़ारना चाहती थी.

गाड़ी एरपोर्ट के पास पंहुच गयी थी की झटके से ब्रेक लगा . मैने ड्राइवर से पूछा "क्या हुआ ड्राइवर साहब?"
"कुछ नही जी सेक्यूरिटी चेक है" ड्राइवर ने जवाब दिया.
तभी मेरे सेल पर शिखा का फोटो फ्लॅश हुआ , वा मुझे कॉल कर रही थी. मैने फोन रिसीव किया
"हां शिखा बोलो"
"बधाई हो तुम बाप बनने वाले हो" शिखा ने मुझे खबर सुनाते कहा
"क्या?" मैने हैरत से पूछा
"हां , मेरी प्रेग्नेन्सी के रिपोर्ट्स आ गये हैं" उसने मुझे बताया "और वह पॉज़िटिव हैं" वह हंस कर बोली
"तो इसका मतलब?.." मैने उस से कुछ कहना चाहा
"हां अमन तुम मेरा मतलब ठीक समझ रहे हो वादे के मुताबिक अब हम आज के बाद नही मिल पाएँगे"
"अच्छा" मैने कुछ सोचते कहा
" लेकिन फोन रखने से पहले मैं कुछ बताना चाहूँगी" उसने मेरे मन की

बात ताड़ते हुए कहा
"वह क्या?" मैने पूछा

"आई लव यू अमन , तुमने मुझे ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी" उसने कहा "मैं तुम्हारा अहसान कभी भूल नहीं पाऊँगी , थॅंक्स "
मेरे मन के किसी कोने में कहीं शिखा के लिए खुशी थी , लेकिन दूसरी ओर दुख भी था.. शिखा के साथ वह मेरी आख़िरी
मुलाकात थी.


===समाप्त==
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