Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
08-31-2018, 04:27 PM,
#11
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
वो ये सोच ही रहा था की रिया की थोड़ी तेज आवाज़ आई उसके कानों में : ''हेल्लओ ......जीजू.....आप सुन भी रहे हैं मैने क्या कहा ....''

अजय जैसे नींद से जागा, उसकि नजरें अभी तक उसकी क्लिवेज देखने में लगी थी और वो झल्ली रिया को अब भी पता नही चल पा रहा था की अजय की नज़रें उसकी नन्ही कलियों को देखकर मदहोश हो रही हैं ..

अजय : "ओह्ह्ह ....सॉरी ....मैं कुछ सोच रहा था....बोलो...क्या कहा तुमने ....''

रिया : "मैं ये कह रही थी की आप मुझे कोई कंप्यूटर कोर्स सजेस्ट करो ना...मैने 6 महीने बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेन्स देना है और मुझे कंप्यूटर में सिर्फ़ नॉर्मल ऑपरेट करना ही आता है...''

अजय की नजरें उसकी टी शर्ट के अंदर थी पर ध्यान अब उसकी तरफ ही आ चुका था, वो बोला : "कोई बात नही,मैं बता दूँगा तुम्हे...''

रिया : "बता नही दोगे, मेरा एडमिशन भी करवाओगे ...''

अजय : "एडमिशन ...पर तुम तो मुंबई में करोगी ना ये कोर्स ...''

रिया : "सर्प्राइज़.....मैं यहीं रहूंगी अब से...दिल्ली में , मौसी के घर ''

उसकी ये बात सुनकर अजय चोंक गया.

रिया : "आपको नही पता था ना...देखा,सर्प्राइज़ दिया ना आपको भी...मैने यहाँ आने से पहले ही डेड को बोल दिया था की मैं इंजिनियरिंग दिल्ली से ही करूँगी...यहाँ की वॅल्यू कुछ अलग ही है...''

वो बोले जा रही थी और अजय की बाँछे खिलती चली जा रही थी ये सुनकर...एक तरफ उसकी सास...दूसरी तरफ उसकी साली...और अब ये एक और साली...उसकी किस्मत में तो दिन ब दिन नया माल आता ही चला जा रहा है...

वो ये सोच ही रहा था की कमरे में प्राची आ गयी और रिया को ऐसे अजय के सामने लेटा हुआ देखकर ना जाने उसके दिमाग़ में क्या आया की वो घूमकर अजय की तरफ आकर खड़ी हो गयी...और वहाँ से उसने जब देखा की रिया का गला कितना खुलकर अपने अंगों का प्रदर्शन कर रहा है तो वो भड़क सी गयी और बोली : "रिया...ये क्या तरीका है अपने जीजाजी के सामने लेटने का ,तुम्हे कुछ समझ है या नही...चलो उठो...और बाहर आओ मेरे साथ...''

रिया बेचारी को तो कुछ समझ ही नही आया की उसकी कजन दीदी उसे ऐसे क्यो डांट रही है...अपने जीजू के सामने लेटने का भी कोई तरीका होता है क्या ..

अब उस बेचारी को कौन समझाए की जब जीजा ऐसा ठरकी हो तो हर चीज़ का तरीका होता है..

खैर, वो मायूस सा चेहरा लेकर बाहर निकल आई और प्राची उसे लेकर सीधा किचन में चली गयी..अजय भी चुपके से उठकर बाहर आ गया और किचन के बाहर खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा..

क्योंकि उसे अपनी बीबी का नेचर पता था,वो अपने पति को लेकर काफ़ी पोस्सेसिव थी और ऐसे कोई भी लड़की आकर अगर उसे बहकाने की कोशिश करेगी तो वो रिएक्ट तो करेगी ही ना भले ही वो उसकी खुद की कजन सिस्टर हो.

प्राची : "तुझे तो अभी तक किसी चीज़ की समझ नही आई...एकदम बुद्धू है तू अभी भी...तुझे समझ नही थी की आपसे अपने जीजू के सामने लेटने से तेरी ब्रेस्ट दिख रही थी उन्हे...'' प्राची ने उसकी गोलाईयों की तरफ इशारा करते हुए कहा.

रिया ने अपनी छातियों को देखा और बड़े ही भोलेपन से बोली : "पर दीदी, ऐसे तो मैं अक्सर लेटा करती हू..पापा के सामने भी...मम्मी ने तो कभी कुछ नही कहा...और ना ही अभी जीजू ने मुझे टोका ...''

उसकी ये बात सुनकर बाहर खड़े अजय की हँसी निकल गयी..और अंदर खड़ी प्राची की भी...वो हंसते हुए बोली : "मेरी प्यारी गुड़िया, तू सच में बड़ी भोली है...ये बातें बोली नही जाती बल्कि खुद समझी जाती है...देख, मर्द को ये सब देखने में बड़ा मज़ा आता है, चाहे वो तेरे पापा हो या जीजू , इसलिए वो कभी नही टोकेंगे , तुझे खुद ही अपना समान उनकी नजरों से बचा कर रखना पड़ेगा...''

वो बड़ी गंभीरता से उसे समझा रही थी...

रिया : "पर दीदी, मुझे अभी क्या ज़रूरत है अपने बूब्स छुपाने की, ये तो छोटे-2 से है अभी...और मर्दों को तो बड़े-2 पसंद आते है...जैसे की आपके हैं''

प्राची (आँखे तरेर कर) : "तुझे कैसे पता...''

रिया : "वो मेरे स्कूल में कोई भी लड़का मुझे नही देखता था...मेरी दूसरी फ्रेंड्स को देखकर उन्हे छेड़ते थे,मैने एक दिन अपनी फ्रेंड्स से पूछा तो उसने ये बताया की लड़के बड़ी ब्रेस्ट वाली लड़कियो को ज़्यादा पसंद करते हैं...''

प्राची : "वो तेरे स्कूल की बात थी...अब तू बड़ी हो गयी है...और तेरे बूब्स भी..समझी..''

रिया की आँखे चमक उठी : "सच दीदी...आपको लगता है की मेरे बूब्स बड़े हो गये हैं...मुझे तो ऐसा लगा ही नहीं कभी ,जितने पिछले साल थे,उतने ही लगते हैं ''

वो दोनो हाथों से उन्हे थामकर उनका वजन नापने लगी.

प्राची : "ओफफो...तू बिल्कुल झल्ली है...मैं तुझे क्या समझने की कोशिश कर रही हू और तू है की मुझे ही अपनी बातों मे उलझा रही है...चल छोड़ ये सब और आगे से मेरी ये बात ध्यान रखना..''

पर वो सुन रही होती तो ध्यान रखती ना...वो तो ये सोचकर खुशी से दोहरी हो रही थी की उसकी दीदी ने उसकी बड़ी हुई ब्रेस्ट को नोटिस किया है..और अब उसे भी लड़के देखा करेंगे, जैसे उसकी फ्रेंड्स को देखा करते थे.

प्राची फिर से काम पर लग गयी और वो चमकती आँखो से बाहर निकल आई..

अजय भी फ़ौरन जाकर सोफे पर बैठ गया और अख़बार पड़ने लगा.

रिया उसके सामने आकर बैठ गयी , वो अभी तक अपनी दीदी की बातों में खोई हुई थी.

अजय : "क्या हुआ रिया, क्या सोच रही हो...दीदी क्यो डांट रही थी तुम्हे...''

रिया बिना सोचे समझे बोल पड़ी : "देखो ना जीजू, दीदी मुझे बोल रही थी की मैं आपके सामने ऐसे ना लेटू , मेरे बूब्स दिखेंगे आपको...अब आप ही बताओ,दीदी के बड़े बूब्स छोड़कर भला आप मेरे क्यो देखोगे...दीदी भी ना..''

अजय को उसके भोलेपन पर दया सी आ गयी,मुंबई मे रहकर भी वो ऐसी झल्लियो जैसी बातें कर रही थी उसे तो यकीन ही नही हुआ..वो उसके साथ आकर उसी सोफे पर बैठ गया और बोला : "तुम्हारी दीदी को इन बातों की समझ नही है ना इसलिए वो ऐसा बोल रही थी...लेकिन एक बात बोलू,दीदी से तो नही कहोगी ना...''

रिया ने भोलेपन से उत्तर दिया : "कहो ना जीजू, नही बोलूँगी दीदी से, मम्मी की कसम..''

उसने अपने गले पर हाथ लगाकर कहा.

अजय ने हिम्मत करते हुए मंद-2 मुस्कुराते हुए धीरे से कहा : "मुझे ना सच में तुम्हारे बूब्स बड़े पसंद आए...और सच कहु,मुझे ऐसे ही साइज़ के पसंद आते हैं...मम्मी की कसम''

उसने भी रिया की तरह अपने गले पर चुटकी काटकर उतने ही भोलेपन से कहा.

और अपने जीजू को अपने बूब्स की तारीफ करते देखकर रिया का चेहरा चमक उठा : "वाउ...सच में जीजू....मुझे तो लगा था की मर्दों को बड़े-2 पसंद आते हैं ...जैसे प्राची दीदी के हैं...मेरी माँ के हैं...मौसीजी के हैं...मेरी फ्रेंड नाज़िया हैं ''

वो सारे मोटे मुम्मों वालियों के नाम गिनवाने लगी...

अजय ने उसे बीच मे ही टोकते हुए कहा : "हाँ ...पर हर कोई एक जैसा नही होता ना...किसी को बड़े पसंद आते हैं और किसी को छोटे...और मुझे छोटे ही पसंद है...तुम्हारे जैसे...''


और उसने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी हथेली को उसकी दाँयी तरफ की ब्रेस्ट के नीचे लगाकर उसका वजन नाप लिया...और अजय की इस हरकत से पहली बार अजय ने उसकी आँखो में शर्म के भाव देखे ..

रिया : "ये क्या कर रहे हैं जीजू ....''

अजय : "ओह...सॉरी....बस बता रहा था की ये सच में बड़े सुंदर हैं....''

वो कुछ बोल पाती तभी बाहर से पूजा अंदर आ गयी...

उसने अपने जीजू को ऐसे अपनी कजन के इतने करीब बैठे हुए देखा तो उसका माथा ठनक गया...वो तो अच्छी तरह जानती थी अपने ठरकी जीजू की आदतों को..उस दिन वो उसकी माँ को घूर रहे थे और अब उसकी छोटी कजन रिया को...

वो करीब आई और बोली : "रिया की बच्ची , तू मुझे सोता छोड़कर अकेली यहाँ आ गयी...मुझे भी ले आती..''

अजय ने पूजा की तरफ देखा और उसके चेहरे के भाव देखकर वो समझ गया की उसके मन में क्या चल रहा है..शायद वो जेलिस फील कर रही थी..

और ये ख़याल आते ही अजय के दिमाग़ में एक बात आई...

वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को अपने जाल में फँसा सकता है...

क्योंकि अब तो रिया वहीं रहने वाली थी...और रिया अपनी कजन पूजा की तरह चालक नही थी, उसे वो आसानी से अपने जाल में फँसा सकता था..और रिया के थ्रू वो पूजा तक भी पहुँच सकता था...

उसके टार्गेट्स बढ़ते जा रहे थे...सासू माँ , मौसी जी, पूजा और अब रिया...पता नही कैसे करेगा वो..पर ठरकी अजय को अपने उपर पूरा यकीन था की वो ये काम कर ही लेगा..

कुछ ही देर में मौसी जी भी बाहर आ गयी...और उसकी सासू माँ भी उनके घर आ गयी, सबने मिलकर नाश्ता किया, और नाश्ता करते-2 ही मौसीजी ने रिया के वहीं दिल्ली में रहकर इंजिनियरिंग करने की बात बताई...उनकी बहन रजनी तो पहले से ही ये बात जानती थी..इन्फेक्ट सभी लोग जानते थे, सिर्फ़ अजय को ही नही मालूम था ये..

अगली सुबह मौसाजी और मौसीजी को निकलना था मुंबई के लिए और इससे पहले अजय एक बार मौसीजी पर और ट्राइ करके देखना चाहता था की जो उसे आज सुबह उनके बारे में लगा था वो सच है या नही..अगर उसकी पारखी नज़रें सही है तो वो अपनी तरफ से कोई रोक-टोक नही करेंगी...और इसके लिए अजय के पास कुछ ही घंटे बचे थे. 
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08-31-2018, 04:27 PM,
#12
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अब आगे
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अजय ने नोट किया की उसकी नज़रें जब भी रिया या मौसीजी की तरफ जाती है तो उसकी साली पूजा की नज़रें उसे घूरने लगती थी,मानो उसे सब पता चल चुका था की अजय के मन में क्या चल रहा है..उसकी शक्की बीबी क्या कम थी जो अब ये उसकी बहन भी उसकी हरकतों पर नज़र रखने लगी है...पर अजय भी बड़ा ढीठ किस्म का बंदा था,एक बार जो ठरक चढ़ गयी थी उसपर अब तो वो उसे पूरा करके ही रहेगा...वैसे भी शादी के बाद उसमे काफ़ी चेंज आ चुका था,वो पहले से काफ़ी बोल्ड हो गया था, ऐसा अगर वो शादी से पहले हुआ करता तो अपने मोहल्ले की ना जाने कितनी भाभियाँ वो अब तक चोद चुका होता..पर अब जो मौका उसके ससुराल में उसे मिल रहा था,वो उसे खोना नही चाहता था..

नाश्ते के बाद सबने शॉपिंग जाने का प्रोग्राम बनाया...अजय का मन नही कर रहा था,इसलिए उसने पहले ही मना कर दिया,क्योंकि वो घर पर रहकर इंडिया-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखना चाहता था..इसलिए उसको छोड़कर सभी लोग मार्केट चले गये..दिन में तो वैसे भी कुछ होने वाला नही था, इसलिए अजय को रात का ही इंतजार था..शाम को 8 बजे जब वो सभी घर वापिस आए तो बाहर से ही खाना मंगवा लिया क्योंकि प्राची काफ़ी थकी हुई थी..और अगली सुबह मौसा-मौसी को वापिस भी जाना था इसलिए आज घर पर भी ज्याद गप्पे नही मारी गयी,10 बजे तक सभी सोने के लिए चले गये..

अजय का दिमाग़ तो मौसीजी की तरफ ही लगा हुआ था..क्योंकि डिन्नर टेबल पर भी उसने उनकी छातियों की तरफ घूरना नही छोड़ा था और उसने नोट भी किया था की उनके निप्पल्स वो अटेन्षन पाकर उभर भी रहे हैं...और उनके होंठों पर वही कातिलाना मुस्कान भी उसने देखी जो सुबह नोट की थी उसने..

प्राची तो घूमकर थकी हुई थी, और उसकी बगल में लेटने के साथ ही वो खर्राटे भरने लगी..दूसरे कमरे में क्या हो रहा होगा ये जानना भी ज़रूरी था..पर जाने से पहले वो एक काम कर लेना चाहता था,उसने अपनी पॉकेट से वही बेहोशी वाली दवाई निकाली और उसे प्राची की नाक के पास लेजाकर उसे सूँघा दिया..नींद में ही वो थोड़ी सी कसमसाई और गहरी नींद में डूबती चली गयी...अब अजय उसकी तरफ से निश्चिंत था, भले ही आज की रात वो कुछ कर पाए या नही पर अपनी बीबी की तरफ का डर अब ख़त्म हो चुका था..

और जैसे ही वो अपने बेड से उठा,कमरे में नीलम मौसी खुद आ गयी...और उन्हे वहां देखकर एक पल के लिए अजय भी चोंक गया..

नीलम : "अरे अजय,ये प्राची सो गयी क्या, मुझे इससे कुछ काम था...''

अजय : "हाँ , ये शायद काफ़ी थकी हुई थी,आते ही सो गयी..''

नीलम : "इसके मौसा का भी यही हाल है...कमरे में घुसते ही सो गये...और यहाँ ये भी सो रही है...अब कैसे होगा...''

उनके चेहरे पर थोड़ी चिंता के भाव आ गये...

अजय :"आप मुझे बताइए, क्या काम था, शायद मैं कोई मदद कर सकूँ ...''

नीलम के चेहरे पर वही मुस्कान एक बार फिर से लौट आई...और वो बोली : "नही ...रहने दे...मैं सुबह पूछ लूँगी...''

अजय अब ये मौका नही छोड़ना चाहता था...वैसे भी वो खुद उनके रूम की तरफ जाने वाला था और बात करने का कोई बहाना ढूंढता बाद में ,यहाँ तो उसका काम पहले से ही बन चुका था.

अजय : "अरे ,आप मुझे अपना नही समझती क्या...बोलिए ना..''

नीलम (थोड़ा शरमाते हुए) : "वो मैं पैकिंग कर रही थी अपने कपड़ो की...और मैने अपने अंडरगार्मेंट्स आज मॉर्निंग में वॉशिंग मशीन में डाले थे,धोने के लिए,पर अब वो वहां नही है,शायद प्राची ने उन्हे अपने कपड़ो के साथ ही रख लिया है...''

मौसी ने जिस अंदाज से ''अंडरगार्मेंट्स'' बोला था, वो अजय के लंड को पूरी तरह से तन्ना गया..और उसने उनके सामने ही अपने लंड को एडजस्ट करते हुए कहा : "ओहो....तो ये बात है...यानी कल पहनने के लिए भी आपके पास कुछ नही है अब...''

नीलम का चेहरा ये सुनकर लाल सुर्ख हो गया , वो बोली : "बदमाश ....ऐसे बोलते है क्या...''

और फिर से उसके दोनो नन्हे निप्पल उभर कर प्रकट हो गये...

मर्दों का लंड खड़ा होता है और औरतों के निप्पल..और दोनो को छुपाना संभव नही होता ..

अजय : "सॉरी, मेरी तो मज़ाक करने की आदत है ...आप तो जानती ही है...''

नीलम : "अरे, इसमे सॉरी क्यो बोल रहे हो...मैं तो इसलिए कह रही थी की कहीं प्राची ना उठ जाए...''

उसने प्राची की तरफ इशारा करते हुए कहा..

यानी उसे अजय की बात बिल्कुल बुरी नही लगी थी...और ये अजय के लिए ग्रीन सिग्नल था.

अजय :"आप इसकी चिंता मत करिए...इस वक़्त तो मैं इसके साथ कुछ कर भी लू तो भी ये नही उठेगी...''

नीलम ने आँखे नचा कर कहा : "ऐसा भी नही होता कोई...''

अजय ने अपनी बात साबित करने के लिए प्राची के गाल पर जाकर एक गहरी किस्स कर दी...जिसे देखकर मौसी की आँखे फिर से गोल हो गयी..

नीलम : "अच्छा मान ली तेरी बात...अब रुक जा...नही तो तू मेरे सामने ही शुरू हो जाएगा इसके साथ...''

अजय : "अब क्या करू मौसीजी...मन तो बड़ा कर रहा था आज भी पर ये इतनी थकी हुई थी की आते ही सो गयी...''

अजय के हाथ लगातार अपने लंड को सहला रहे थे...

नीलम : "हम्म्म सही है...नयी शादी का यही तो फयडा होता है...हमे तो अब कभी-2 ही मौका मिलता है...''

अब वो धीरे-2 खुलने लगी थी...

अजय : "ओहो...यानी आप लोग अभी भीकरते हैं ....सही है...''

नीलम : "चुप कर ....तू सच में बड़ा बदमाश है....रजनी सही कहती है तेरे बारे में ...''

अपनी सास का नाम आते ही अजय चौंक गया, वो बोला : "क्या कहती है...बताइए ना...''

नीलम : "वो हमारी आपस की बात है...तुझे बताने की ज़रूरत नही है...चल अब मुझे उसकी अलमारी से मेरी ब्रा - पेंटी निकाल दे,मुझे पैकिंग करनी है..''

''अंडरगार्मेंट्स'' से ''ब्रा-पेंटी'' पर उतर आई थी अब वो..अजय का लंड फिर से एक जोरदार झटके लगाकर अपने जलवे दिखाने लगा.

अजय उठा और उसने तुरंत प्राची की अलमारी खोल दी...और ब्रा-पेंटी वाली ड्रॉयर खोल कर उसने अंदर के सारे कपड़े उठाकर एक ही बार में बाहर रख दिए..जिसमे प्राची की रंग बिरंगी,नेट वाली,डिज़ाइनर ब्रा-पेंटी भरी पड़ी थी..

मौसीजी के चेहरे पर फिर से शरारती हँसी उभर आई..: "ये सब क्यों निकाल रहा है...मुझे तो मेरी वाली ही आएगी ना...''

अजय ने एक ब्रा उठाकर देखी और फिर मौसीजी की छातियों को घूरकर देखा और बोला : "वैसे ट्राइ करके देख लो आप, शायद ये भी आ ही जाएँ...''

वो थोड़ा करीब आई ...और अजय के हाथ से ब्रा लेकर बोली : "मेरी उम्र अब ये बच्चियों वाली ब्रा पहनने की नही रही...सामान भी बड़ गया है उम्र के साथ...''

अजय : "पर मुझे तो नही लगता...की आपकी उम्र कुछ ज़्यादा है..और ना ही सामान...''

दोनो बेशर्मी पर उतर आए थे...

नीलम : "तेरी प्राची के 34 से ज़्यादा नही है...और मेरे 38 प्लस है...''

अजय (जानबूझकर) : "क्या ??''

नीलम और करीब आई और उसकी आँखो मे आँखे डालकर बोली : "मेरी ब्रेस्ट का साइज़...अब इतना भी बच्चा नही है तू जो ना समझे की मैं किस बारे में बात कर रही हूँ ...''

अजय खिसियानी हँसी हंसते हुए बोला : "वैसे मुझे बड़े ही अच्छे लगते हैं...''

और ये बात करते हुए उसे अपने कमीनेपन पर ही हँसी आ रही थी...क्योंकि आज सुबह ही वो उनकी बेटी रिया को ये बोल रहा था की उसे छोटी ब्रेस्ट पसंद है...एक ही दिन में दोनो माँ-बेटी से उनकी ब्रेस्ट के बारे में बात करना कोई छोटी बात नही होती..
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08-31-2018, 04:27 PM,
#13
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
उसकी बात सुनकर नीलम बोली : "पता है मुझे....की तुम्हे बड़े पसंद है...''

अजय फिर से चोंक गया ये सुनकर, उसने पूछा : "आपको कैसे पता...?''

नीलम : "अभी बताया था ना मैने...रजनी ने बोला मुझे ये...''

अजय का सिर चकरा गया ये सुनकर...यानी उसकी सास ने भी नोट किया था की वो उनकी छातियों को घूरता रहता है...और उन्होने ये बात अपनी बहन को भी बता दी...

नीलम : "और मैने भी नोट किया है कल से कई बार...तुम्हारी नज़रें जिस तरह से मेरी ब्रेस्ट को घूर रही थी,मुझे अच्छी तरह पता है की क्या देख रहे थे तुम...''

अजय समझ गया की अब बात बन सकती है...

नीलम ने उस ढेर में से अपनी ब्रा-पेंटी खोजनी शुरू कर दी..और जल्द ही उसे अपने दोनो सेट मिल गये उनके बीच...पर वो बिल्कुल नॉर्मल से थे...क्रीम कलर के...बिना कोई डिज़ाइन और कंपनी के...

अजय : "ओहो...मौसी जी ..आप इतने पुराने स्टाइल के पहनती हो...एक काम करो...ये पहन कर देखो...''

कहते हुए अजय ने एक जोड़ा निकाल कर रख दिया नीलम के हाथ में ..

नीलम ने उसे देखा और बोली : "वैसे देखा जाए तो रिश्ते में मैं भी तेरी सास ही लगती हूँ ...और तू अपनी सास समान औरत को अपनी बीबी की ब्रा-पेंटी दे रहा है...चक्कर क्या है...''

अजय : "कुछ नही...आपके उपर ये सही लगेगी...इसलिए बोला मैं ...और वैसे भी ये स्ट्रेचएबल कपड़ा है..आपको आ भी जाएगी..''

उसने ब्रा के कपड़े को खींचकर दोनो तरफ फेला कर दिखाया..और नीलम की हँसी निकल गयी.

''तुम तो ऐसे दिखा रहे हो जैसे मैं किसी शॉप पर आई हू और तुम सेल्समेन हो इनके..''

अजय : "आप मुझे सेल्समेन ही समझ लो...पर आपको इनमे देखने का बड़ा मन कर रहा है...''

उसकी ये बात सुनकर उसने अपनी भौहें उपर उठा ली और बोली : "मुझ बुढ़िया को देखकर भला तुम्हे क्या मिलेगा...तुम्हारी उम्र तो अभी जवानी लूटने की है...''

उसने एक बार फिर से सोती हुई प्राची की तरफ इशारा किया.

अजय : "सिर्फ़ जवानी ही नही एक्सपीरियन्स नाम की भी कोई चीज़ होती है...उसका भी मज़ा लेना चाहिए..''

अजय की हाजिरजवाबी देखकर वो मुस्कुरा दी और उसके हाथ से ब्रा-पेंटी लेकर वो उन्ही के बाथरूम की तरफ चल दी...अजय ने भी नही रोका उन्हे..

और अंदर जाकर उन्होने दरवाजा बंद कर लिया.

अजय का दिल जोरो से धड़क रहा था...उसने तो सोचा भी नही था की ये सब इतनी आसानी से होता चला जाएगा... उसने जो चांस लिया था वो सफल होता दिख रहा था..और कुछ और मेहनत की जाए तो इनकी चूत भी मारने को मिल सकती है अभी...पर साथ ही साथ उसे मौसा जी की भी चिंता हो रही थी...वो फ़ौरन उनके कमरे में गया और जेब से वही शीशी निकाल कर उनको सूँघा दी...वो भी थोड़ा कसमसाए और गहरी नींद में चले गए ...उनके ही हथियार से उन्हे बेहोश कर दिया था अजय ने..और फिर वो भागकर वापिस अपने कमरे में आ गया..प्राची अभी तक उसी पोज़ में थी और गहरी नींद में डूबी हुई थी..उसे पता भी नही था की उसका पति इस वक़्त क्या करने में लगा हुआ है..

और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और अजय की नज़रें उस तरफ चली गयी...

और एक पल के लिए तो उसे लगा की समय थम सा गया है...क्योंकि इतना लबाबदार माल उसने अपनी जिंदगी में कभी नही देखा था...



नीलम मौसी सिर्फ़ ब्रा पेंटी में बाहर आकर खड़ी थी, और उनका शरीर थोड़ा भारी तो था ही पर एकदम गोरी चिट्टी होने की वजह से वो कमाल की लग रही थी...ब्रा-पेंटी का साइज़ छोटा होने की वजह से वो बड़ी मुश्किल से आई थी उन्हे.. कपड़ा पूरी तरह से स्ट्रेच हो चुका था और ट्रांसपेरेंट सा लग रहा था, इसलिए अजय को उनके खरबूजों के उपर लगे बीज और जांघों के बीच का चीरा दूर खड़े होकर सॉफ दिख रहा था..

और वो भी बड़ी ही बेशर्मी और बेफिक्री से खड़ी होकर अपना जलवा दिखा रही थी..

नीलम : "मैने कहा था ना की ये मुझे नही आएगी....देखो कितनी टाइट है...''

अजय उनके करीब आया और गोर से उनके हर अंग को निहारने लगा...ब्रा के कप भी काफ़ी छोटे थे जो उनकी बड़ी-2 ब्रेस्ट को ढक नही पा रहे थे, इसलिए उनकी लगभग नंगी छातियाँ देखकर उससे रहा नही गया और उसने पयज़ामे के उपर से अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया...

और वो जब घूमकर उनके पीछे पहुँचा तो नीलम की चौड़ी गांड देखकर उसका धैर्य जवाब दे गया और वो पीछे से जाकर उनसे लिपट गया...और अपना स्टील रोड जैसा लंड उनके नितंबो के बीच लगाकर ज़ोर से दबा दिया..

नीलम : "आआहह ....ये क्या कर रहे हो अजय....'' 

उनकी आवाज़ भी नशे मे डूबी हुई सी लग रही थी...और रोकने जैसा तो कुछ लगा ही नही अजय को...इसलिए उसने अपने हाथ उपर करते हुए उनके दोनो मुम्मे अपने हाथों में उठा लिए और ज़ोर से दबा दिया...

''आआआआआहह अजय..........ये सही नही है.....प्राची मेरी बेटी जैसी है...और तुम उसके पति हो...''

अजय उनके कान मे फुसफुसाया : "वो देख रही होती तब सही नही होता....ये जो भी होगा हमारे बीच उसे पता भी नही चलेगा....और वैसे भी अब आपको छोड़ना मेरे बस में नही है....मुझे तो अपना लंड आपकी चूत में डालकर ही रहना है आज ...''

और अजय का दाँया हाथ फिसलकर उनकी चूत पर आया और उसने उसे ज़ोर से दबा दिया...और उसे ऐसा लगा की चाशनी से भीगा हुआ बड़ा सा बंगाली रसगुल्ला दबा दिया है उसने...उसके हाथ में उनकी चूत से निकला पानी भर गया..

वो एकदम से पलटी और अजय को अपने गले से लगा लिया...''अहह....यानी अब तुम नही मनोगे...''

''नही..''

''ओक....रूको ...मैं उन्हे देखकर आती हू ज़रा...कहीं वो उठ ना गये हो...''

अजय उन्हे रोकना चाहता था पर तब तक वो बाहर निकल गयी...

कल वो बेहोशी में थी और उसके पति ने अपनी साली की गांड मारी थी उसके ही सामने...आज वो बेहोश है तो उसकी बीबी की भी वहीं मारनी चाहिए ना, उसके सामने...ये सोचते-2 वो उनके कमरे की तरफ ही चल दिया...जहाँ नीलम अपने पति के चेहरे को गोर से देखकर ये जानने की कोशिश कर रही थी की वो गहरी नींद में है या कच्ची में ..

अजय : "वो अब सुबह से पहले नही उठेंगे...मैने उनको कुछ सूँघा दिया है...''

इतना कहकर अजय ने अपनी पॉकेट से वो शीशी निकाल कर दिखाई..

अजय : "और प्राची को भी मैने ये सूँघा दी थी...अब इनके सामने जितना भी चिल्लओ ये नही उठने वाले...''

नीलम तो हैरान रह गयी, उसने तो सोचा भी नही था की अजय इतना चालाक भी हो सकता है...

''यानी, ये सब तुमने पहले से सोच रखा था...''

''सोचा तो नही था,पर हा चांस ज़रूर लिया...और सफल भी हो गया...''

नीलम : "सच मे...बड़े कामीने हो तुम.....''

अजय : "कमीना नहीं, ठरकी , हा हा ''

अजय ने एक ही झटके में अपना पायजामा नीचे कर दिया और अपना लंड लहरा दिया उनके सामने : "मुझसे बड़ा कमीना तो ये है, जो मुझसे ऐसे काम करवाता है...''

नीलम इतने लंबे लंड को देखकर भोचक्की रह गयी....उसके पति का ना तो इतना लंबा था और ना ही इतना सख़्त...

वो अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई उसकी तरफ चल दी.

अजय के लिए ये रात एक यादगार होने वाली थी.. 
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08-31-2018, 04:27 PM,
#14
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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मौसी की नज़रें अजय के लंड पर थी और अजय की उनके लपलपाते हुए होंठों पर...जैसे ही वो नीचे झुकने लगी ,अजय ने उन्हे बीच मे ही दबोच लिया और अपनी छाती से लगा कर जोरों से भींच दिया..

''आआआआआआहह ........ धीरे अजय......तुम तो मुझे निचोड़ रहे हो...''

अजय : "अभी कहा मौसी, निचोड़ूँगा तो अब....''

और इतना कहकर उसने अपने होंठों उनके होंठों पर रख दिए और पागलों की तरह उन्हे चूसने लगा..

ऐसी मस्त औरत के लिप्स भी बड़े मीठे होते हैं, ये बात अजय को आज मालूम हुई थी..एक तो इतने मोटे होंठ और उपर से उनमे से निकल रहा मीठा पानी, अजय तो उन्हे चूसता ही रह गया.



प्राची के होंठ काफ़ी पतले थे, पर चूस्टी वो भी कमाल की थी, आज अजय ने अपनी बीबी के अलावा पहली बार किसी और के लिप्स चूसे थे, इसलिए भी वो काफ़ी मजेदार लग रहे थे, वैसे भी आदमी को घर के खाने के बाद यकायक बाहर का खाना मिल जाए तो स्वाद तो लगेगा ही.

अजय इतनी तेज़ी और ज़ोर से उन्हे चूस रहा था की मौसी की हालत खराब हो गयी...उसके बूड़े पति ने शायद अपनी पूरी जिंदगी मे उसे इतना नही चूसा होगा जितना आज अजय चूस रहा था...और ऐसा करवाते हुए उन्हे मज़ा भी आ रहा था..तभी तो ऐसी आंटियाँ जवान मर्दों की दीवानी होती है..

अजय ने बड़ी ही बेदर्दी से अपनी ही बीबी के अंडरगार्मेंट्स, जो इस वक़्त नीलम मौसी ने पहने हुए थे, फाड़ डाले...ब्रा इतनी बेदर्दी से फाड़ी की पीछे के हुक कहां गये उनका तो पता नही, आगे के कप भी फाड़कर अलग कर दिए...और उन्हे उछाल कर उसने जानबूझकर सोए हुए मौसा जी के चेहरे की तरफ फेंका..और जब कच्छी फटी तो उसकी सुरीली छररर की आवाज़ सुनकर वो कुछ ज़्यादा ही भावना में बह गया और उस फटी हुई पेंटी को पहले उसने सूँघा और फिर अपनी जीभ निकाल कर उस गीली कच्छी को चाट लिया...और ये था उसकी जिंदगी का दूसरा चूतामृत, पहला उसकी बीबी का और अब अपनी बीबी की मौसी का...और इसमे प्राची के मुकाबले कुछ ज़्यादा नमकीनपन था..जो अजय को शायद ज़्यादा ही अक्चा लगा..इसलिए उसने अपनी दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाली और निकाल कर चूस ली...


और अब नीलम मौसी खड़ी थी उसके सामने, पूरी मदरजात नंगी होकर...और वो भी बड़े गर्व से अपना नंगा बदन उभार-2 कर दिखा रही थी...और दिखाए भी क्यो ना...उसका नशीला बदन था ही ऐसा..और जब ऐसी बॉडी होती है तो औरत मे एक अलग ही कॉन्फिडेंस आ जाता है, क्योंकि उसे पता होता है की सामने वाला मर्द उसकी तारीफ ही करेगा...


मौसी भी अपने दामाद के इस जंगलिपन को देखकर उपर वाले का धन्यवाद कर रही थी क्योंकि ऐसे जोशीले मर्द से चुदवाने में जो मज़ा आने वाला था वो तो वही जानती थी.

नीलम भी उसके साथ-2 उसकी तरह जंगली हरकतों पर उतर आई...और उसने अपनी गर्म जीभ से उसके चेहरे को पूरा चाटना शुरू कर दिया...जैसे कोई कुतिया अपने मालिक को चाटती है..

नीलम : "आआआआहह अजय ................ तूने तो मेरे अंदर आग लगा दी है रे.....आआआअहह''

अजय : "ओह मौसी.....आग मैने लगाई है तो बुझाऊँगा भी मैं ही....''

इतना कहते-2 उसने अपने भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए....और कुछ ही देर में वो पूरा नंगा होकर नीलम के सामने था...

नीलम : "आआआआआहह अजय.............कितना लंबा है रे तेरा.....''

अजय ने अपने लड को हिलाते हुए कहा : "क्या मौसीजी .....''

ये सुनकर वो शरमा गयी....उसके निप्पल और ब्रेस्ट तनी हुई थी...और चूत से आग के गोले भभक-2 कर निकल रहे थे...अजय के दोबारा पूछने पर वो धीरे से बोली : "तुम्हारा....ल ..लंड ....''

अजय का लंड भी अपनी तारीफ सुनकर मौसी को थेंक यू बोल गया मन ही मन में ...

अजय ने भी बड़ी बेबाकी से कहा : "और आप भी कमाल की हो मौसी...आपको देखकर पता ही नही चल रहा की आपकी एक जवान बेटी भी है...''

जवान बेटी बोलते हुए अजय के दिमाग़ मे उसकी बेटी रिया का जिस्म नाच उठा...और अपनी कल्पना में ही उसने उसे नंगा भी कर दिया..

पर अभी रिया के बारे में सोचने का नही, उसकी माँ को चोदने का समय था...

वो आगे बड़ा और उसने अपनी शक्तिशाली बुझाओं में मौसी जी को उठा लिया...उनका वजन 60 के करीब था, फिर भी उसने उन्हे बड़ी आसानी से उपर उठा लिया और उन्होने भी अपनी टांगे उसकी कमर मे लपेट कर अपना शरीर अजय के उपर टीका दिया...और अजय उन्हे चूमता हुआ सा दीवार की तरफ ले गया और उनकी पीठ वहाँ टीकाकार अपना मुँह नीचे करते हुए उनके रसीले पपीते चूसने लगा...


''आआआआआआआआहह ......उम्म्म्मममममममममममम....... आआआआअहह मज़ा आ रहा है......... आआआआआअहह......''

मज़ा तो अजय को भी आ रहा था...इन्ही मुम्मों को देखकर उसने दो दिनों तक अपनी जीभ होंठों पर फेरी थी...आज उन्हे चूसने का मौका आया तो अपने दांतो से उनपर चित्रकारी करने लगा...उन्हे काटने लगा,नोचने लगा...निप्पलों पर तो उसने ऐसा कहर बरपाया जैसे उन्हे उघाड़ ही देगा..अपने मुँह को पूरी ताक़त से उनकी बड़ी ब्रेस्ट पर मार सा रहा था वो...


और मौसी भी उसके इस जंगलिपन को सहन करती हुई मज़े से सिसकारियाँ लेती हुई उसे बढ़ावा दे रही थी..

''आआआआआआआआअहह हाआाआअन्णन्न् ऐसे ही ............खा जा इन्हे अजय........खा जा.......काट ले इनको....चूस मेरे निप्पलो को...........आआह मेरा बच्चा .............''

और ऐसी चूसम चुसाई में अचानक मौसी को एहसास हुआ की नीचे से अजय का लंड उनकी चूत से नाममात्र की दूरी पर ही है...और अगले ही पल उसके लंड का सुपाड़ा उनकी चूत से आ टकराया..शायद उनके वजन की वजह से उनका शरीर धीरे-2 नीचे आ रहा था...और जैसे ही उन दोनो को ये एहसास हुआ,दोनो रुक से गये...और एक दूसरे की आँखों में देखने लगे...

और अगले ही पल नीलम ने अपनी बाहें पूरी ताकत से उसकी गर्दन में लपेटी , अपनी आँखे बंद की , होंठ उसके होंठों से चिपकाए, और अपना रहा -सहा भार भी नीचे की तरफ खिसका दिया...


और अजय का पठानी लंड सरसराता हुआ सा नीलम की चूत के अंदर घुसता चला गया...किसी रॉकेट की तरह...

''आआआआआआआआआआआआआआआहह उम्म्म्ममममममममममममममममम..... ओह अजय ......................सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''


एक तो वो इतना मोटा और उपर से लंबा भी काफ़ी...इसलिए रुक-रुककर,अटकता हुआ सा वो अंदर जा रहा था...और उसके लंड पर अपनी चूत के भार उतर रही नीलम को तो ऐसा लग रहा था की जैसे ये सफ़र कभी ख़त्म ही नही होगा....एक-एक इंच पर उसकी चूत नयी करवटें बदल रही थी...इतने सालो से एक ही लंड से चुदने के बाद जब मोटे लंड का आगमन होता है तो अंदर की दीवारें ऐसे ही खिसकती है...पर उस खिसकन में जो रोमांच और मज़ा फील होता है वो तो उसे महसूस करने वाली ही जान सकती है...जो इस वक़्त नीलम को महसूस हो रहा था...

अपने मुँह खोले हुए वो अपनी चूत के थ्रू अजय के लंड को निगले जा रही थी...निगले ही जा रही थी..

और आधे से ज़्यादा अंदर जाने के बाद अजय को भी थोड़ी टाइटनेस महसूस होने लगी, जो उसके लंड की अकड़ को और बढ़ावा दे रही थी....और फिर एक वक़्त ऐसा भी आया जब उसका पूरा लंड नीलम की चूत में धंसा पड़ा था...और वहाँ पहुँचकर दोनो कुछ देर के लिए रुक गये और गहरी साँसे लेने लगे...और गहरी साँसे लेते हुए कब वो गहरी स्मूचे लेने लगे, उन्हे भी पता नही चला...और फिर अजय ने एक बार फिर से अपनी शक्तिशाली बाजुओं का परिचय देते हुए उसकी जाँघों के नीचे अपने हाथ रखे और उसे उपर नीचे करते हुए चोदने लगा...

''आआआअहह ओफ्फ्फ्फ्फ्फ़ उफफफफफ्फ़ आअsssssssssssss हाआँ ऐसे आआअहह ही ............ बड़ा ...मज़ा आ रहा ....है अजय ....अहह उम्म्म्ममममम ज़ोर से ....करो .......और ज़ोर से .....''

अजय समझ गया की वो मस्ता चुकी है....इसलिए उसकी रेलगाड़ी बना कर चुदाई करनी पड़ेगी...इसलिए उसने लेजाकर बेड पर पटक दिया...और ऐसा करते हुए उसका लंड भी बाहर निकल आया जो उसकी चाशनी में नहाकर बुरी तरह से चमक रहा था...

नीलम ने ये मौका नही छोड़ा और झपटकर बेड पर बैठ गयी और उसके लंड को पकड़कर सीधा अपने मुँह मे डाल लिया...और ज़ोर-2 से चूसने लगी..


अपनी ही चूत का रस चाटा पहले तो उसने और फिर एक-दो बूंदे उसके लंड से जो निकल रही थी उन्हे भी चाट गयी और तभी उसने सोच लिया की उसके रस को अपनी चूत में नही बल्कि मुँह मे निकलवाएगी, इतना टेस्टी जो था वो...
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08-31-2018, 04:27 PM,
#15
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
वो उसके रस को बाद मे पीने की सोच रही थी और अजय कुछ और सोच रहा था...ये वही पलंग था जिसपर इस वक़्त मौसा जी गहरी नींद में सो रहे थे, और जहाँ पर कल यही नीलम मौसी बेहोशी में सो रही थी..उसने अपने कमरे से यहाँ आते हुए ही सोच लिया था की वो यहाँ आकर वही करेगा जो कल मौसा ने उसकी सास के साथ किया था...

कुछ देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद अजय ने घुमाकर मौसी को घोड़ी बना दिया...वो भी मुस्कुराती हुई घूम कर झुक गयी और अपनी गांद को उसने अजय के सामने लहरा दिया..


इतनी गोरी चिट्टी और सुडोल गांद को देखकर अजय के मुँह में पानी आ गया...

उसने अपने दोनो हाथों से उनकी गांड को आटे की तरह मसलना शुरू कर दिया..

इतनी गद्देदार गांड का सही से इस्तेमाल कर रहा था वो..

और बीच-2 में अपने हाथ की उंगलियों से वो उनकी चूत और गांड के छेद को भी सहला रहा था..

और उसके हर स्पर्श से उसकी चूत और गांड अंदर की तरफ सिकुड जाती...

नीलम : "अब डालो भी अजय...क्यो तरसा रहे हो.....''

नीलम के बिल्कुल सामने उसका पति गहरी नींद में सो रहा था...वो उसके चेहरे की तरफ देखती हुई अजय से अपनी चुदाई की दुहाई कर रही थी...

अजय ने अपने लंड पर ढेर सारी थूक लगाई और लंड को उनकी चूत पर ना लगाकर गांड के छेद पर टीका दिया...और जब तक वो कुछ समझ पाती एक जोरदार झटका मारकर अंदर भी दाखिल हो गया..



''आआआआआअहह........................अजय ...................यहाँ दर्द होगा रे......बड़ा मोटा है तेरा लंड ......''

और ऐसा भी नही था की वो पहली बार अपनी गांड मरवा रही थी...ये बात तो अजय उसके अंदर दाखिल होते ही जान चुका था...क्योंकि उसने प्राची की भी गांड मारी थी, शुरू-2 में वो भी काफ़ी चिल्लाती थी पर बाद में आसानी से करवा लेती थी...पर असली मज़ा उसे आगे से ही आता था...वो इस अन-नेचुरल सेक्स को ज़्यादा एंजाय नही करती थी..

पर नीलम के साथ ऐसा नही था....उसे दोनो जगह लंड लेने में एक जैसा ही मज़ा आता था...इसलिए जब भी उसका पति उसकी चुदाई करता था तो हमेशा चूत से शुरू होकर गांड पर आकर रुकता था...

अब ऐसी समझदार बीबी हर किसी को तो मिलती नही है...आजकल की लड़कियों को शायद ये नही पता की एक बार गांड मरवाना जब शुरू हो जाता है तो उसमे मिलने वाले मज़े का मुकाबला वो चूत से मिलने वाले मज़े से तो कर ही नही सकते...बस वो एक बार शुरू तो करे...

नीलम को अजय के लंबे लंड को चूत में लेने मे थोड़ी तकलीफ़ हुई थी तो सोचिए गांड में लेते हुए क्या हाल हो रहा होगा...पर वो अपना मुँह पिल्लो के अंदर दबाए चुपचाप कुतिया बनी लेटी रही और उसके लंड को धीरे-2 करते हुए अपनी गांड के अंदर निगल गयी...

एक तो उनकी गांड भी इतनी मजेदार और उपर से इतनी टाइटनेस फील होती देखकर अजय के तो मज़े हो गये...उसने उनकी चौड़ी-चिकनी गांड पर हाथ रखा और अपनी रेलगाड़ी दौड़ा दी उनकी गांड की पटरी पर...

दर्द तो शुरू -2 मे ही हुआ नीलम को, और जब मज़ा आने लगा तो उसने भी अपना सिर उठा लिया और मजेदार सिसकारियाँ लेते हुए अपनी गांड मरवाने लगी...

''आआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओफफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममममममममममममम......... एसस्स्स्स्सस्स अजय ............ऐसे ही .......हाआआआआआ ज़ोर से ...............चोदो मुझे ..............मारो मेरी गांड ..........अहह....''


और ऐसे ही मचलते-2 उसके हाथों में अपने पति के उपर की चादर आ गयी और वो नीचे की तरफ खींचती चली गयी...और एकदम से उसकी आँखो के सामने उसके पति का लंड आ गया जो एक छोटी सी फ्रेंची में क़ैद था....सोते हुए शायद वो सिर्फ अंडरवीयर में ही सोते थे , और ना जाने उसके मन में क्या आया उसने अपने पति के अंडरवीयर को नीचे खिसका दिया और उसके मरे हुए चूहे जैसे लंड को अपने हाथ से हिलाने लगी...

पीछे की तरफ उसकी गांड मार रहा अजय ये सब नही देख पाया...वो तो बस अपनी ही धुन में उसकी गांड की धुनाई करने में लगा हुआ था...और ये सोचकर वो उत्तेजित हो रहा था की कल उसकी सास यहाँ गांड मरवा रही थी अपने जीजा से और आज वो उसी जीजा की बीबी,यानी अपनी सास की बहन की गांड मार रहा है...उसके पति के सामने...

इसी बीच , गहरी नींद और बेहोशी के बावजूद, मौसा जी के लंड ने रिस्पोन्स देना शुरू कर दिया...और एक मिनट के अंदर ही उनके लंड में कसाव आने लगा...और जैसे ही थोड़ा करारापन आया उनके लंड में , नीलम ने आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपने प्यासे मुँह से निगल लिया और ज़ोर-2 से चूसने लगी...

और ये उसकी एक फेंटसी थी....की अपने ही पति के सामने वो किसी किसी के लंड से चुदे , अब देखा जाए तो हो तो ऐसा ही रहा था, और अपने पति की बेहोशी का फायदा उठाते हुए उसने थोड़ी हिम्मत दिखाई और उनके लंड को चूसने भी लगी..

अजय ने भी अब तक ये देख लिया था और अपनी मौसी के इस रंगीन कदम को देखकर वो भी मुस्कुरा उठा...उसने भी उन्हे नही टोका और अपना काम करने में लगा रहा.

अब पुर कमरे में सिर्फ़ अजय की सिसकारियाँ गूँज रही थी...क्योंकि नीलम मौसी का मुँह तो लंड चूसने में बिज़ी था...

अजय पूरी मस्ती में लगा हुआ था...और मौसी भी....और देखा जाए तो मौसा जी भी मस्ती में ही थे...भले ही वो गहरी नींद में थे पर उनका लंड अब पूरे शबाब पर आ चुका था...शायद नींद में वो अपनी साली की चुदाई कर रहे थे..

और अचानक उनका शरीर सोते-2 अकड़ने सा लगा...उम्र ज़्यादा होने की वजह से पतन भी जल्द ही होता है...और अगले ही पल नीलम के मुँह मे उन्होने अपनी रसमलाई भर दी....अपने पति के लंड से निकली मिठाई तो वो कितनी ही बार खा चुकी थी...पर आज वो अजय का माल निगलना चाहती थी...इसलिए जल्दी-2 उसने अपने पति के लंड को खाली किया, उसे चूसकर वापिस अंडरवीयर में डाल दिया और उनपर फिर से वही चादर ओड़ा दी...

और इसी बीच अजय के मुँह से निकलने वाली सिसकारियाँ तेज होने लगी और नीलम समझ गयी की वो भी झड़ने ही वाला है...

नीलम : "अजय.....अहह.....प्लीज़ .......मेरे .....मुँह में निकालना......अहह.....प्लीज़.....''

अब अपनी मौसी सास की बात वो भला कैसे टाल सकता था...एकदम आख़िरी पल में उसने अपने लंड को उनकी गांड की टनल से बाहर निकाला और वो भी झटके से पलटकर उसके सामने बैठ गयी और अगले ही पल उसके लंड से निकलने वाली पिचकारियाँ उसके खुले मुँह में जाने लगी...



और एक मिनट पहले जिस मुँह ने मौसा जी का माल चूसा था, अब अजय के माल को निगलने लगा...

काफ़ी माल उनके मुँह के अंदर गया और जो बाहर गिरा था वो उन्होने अपनी उंगलियों से साफ़ करते हुए चाट लिया....और ऐसा करते हुए वो किसी रंडी से कम नही लग रही थी...

और अजय भी गहरी साँसे लेता हुआ नीचे बेड पर लेट गया...

पर उसके बाद उसने वहाँ ज़्यादा देर रुकना सही नही समझा...और अपने कपड़े पहन कर वापिस अपनी बीबी की बगल में आकर लेट गया...

सुबह उसकी नींद अलार्म से खुली जो प्राची ने लगाया हुआ था, क्योंकि मौसा-मौसी की ट्रेन थी 8 बजे की...बेहोशी की वजह से प्राची को उठने में काफ़ी परेशानी हुई पर फिर भी वो उठ ही गयी, उसने मौसी को भी जाकर उठा दिया और वो नहा धोकर तैयार हो गये एक घंटे में ...और फिर अजय उन्हे स्टेशन छोड़ने भी गया...और साथ में गयी उनकी बेटी रिया, अपने मम्मी - पापा को स्टेशन छोड़ने के लिए..

अगली बार जल्द आने का वादा करके दोनो चले गये..

और अजय और उसकी साली रिया वापिस चल दिए अपने घर की तरफ...अकेले...
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08-31-2018, 04:27 PM,
#16
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
8



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अब आगे
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अपने माँ -बाप को स्टेशन छोड़ने के बाद तो रिया के चेहरे की रंगत बदल सी गयी, उसके चेहरे पर आई खुशी और चंचलता देखते ही बनती थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आप को आज़ाद सा फील कर रही थी..

अजय भी उसके साथ इधर - उधर की बातें चोदता रहा, उसको ये एहसास दिलाता रहा ही वो उसके दोस्त जैसा है, कभी भी, कोई भी ज़रूरत हो तो वो उसके साथ अपनी फीलिंग शेयर कर सकती है, पैसो की ज़रूरत हो या कही जाने की,वो उसे कह सकती है वगेरहा वगेरहा...

वो उसे अपनी बोतल मे उतारने की कोशिश कर रहा था, ताकि बाद में उसके साथ जब वो मज़े ले तो आसानी से काम बन जाए..

और रिया भी अबोध बालिका की तरह उसकी हर बात पर खुश होती चली जा रही थी..और अंदर ही अंदर सोच रही थी की उसके जीजू कितने अच्छे हैं, उसका कितना ध्यान रख रहे है अभी से..

पर उसे क्या पता था की उसके ठरकी जीजू के इरादे क्या है.

वो बातें करते हुए जा ही रहे थे की उनकी कार एक रेड लाइट पर रुकी ,जो करीब 4 मिनट लम्बी थी , अचानक रिया चिल्लाई : "देखो जीजू....आपके मतलब की लड़कियाँ...''

अजय ने उस तरफ देखा जहाँ रिया ने इशारा किया था तो देखा की दो लड़कियां स्कूल ड्रेस में जा रही है, शायद 12th की होंगी..पर उन्हे देखकर अजय को कुछ समझ नही आया,उसने अपनी आँखे नचाते हुए रिया की तरफ देखा


वो हंसते हुए बोली : "अरे जीजू...आपने ही तो कहा था की आपको छोटे बूब्स वाली लड़कियाँ पसंद है...ज़रा देखो इन लड़कियों को..मेरे से भी छोटे हैं इनके तो...''

वो हँसती हुई ऐसी उत्तेजना से भरी बात बड़े आराम से करती चली जा रही थी, और ये भी नही सोच रही थी की अजय और उसके लंड पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा..

और प्रभाव पड़ भी गया, अजय के लंड ने पेंट में अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..जैसे गर्दन बाहर निकाल कर वो भी उन छोटे बूब्स वाली लड़कियों को देखना चाहता हो..

अजय तो खुद ही इतनी देर से सोच रहा था की कैसे उस तरह की बातें शुरू करे रिया के साथ,पर यहाँ उसने खुद ही मौका दे दिया था..

बस फिर क्या था, हमारे ठरकी महाशय शुरू हो गये..

अजय : "अरे नही...इतने भी छोटे नही ...थोड़े तो बड़े होने चाहिए ना..वो देखो..उस लेडी की तरह..वैसे पसंद है मुझे..''

उसने रोड के साइड से जा रही एक लड़की की तरफ इशारा किया, जिसने रेड कलर की एक ग़ज़ब की शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी, और जिसमे उसकी मोटी जांघे साफ़ चमक रही थी और उसके बूब्स जो बिल्कुल पर्फेक्ट्ली ब्रा में क़ैद थे वो दूर से ही चमक रहे थे....



रिया ने उस तरफ देखा और बोली : "वाव जीजू, नोट बेड ...आपकी चाय्स वाकई में अच्छी है...''

अजय : "पसंद तो मुझे तुम्हारे भी है...इन्फेक्ट इस लेडी से भी ज़्यादा...''

और अजय ने हिम्मत करते हुए अपना हाथ आगे किया और होले से उसके बूब्स के नीचे लगाकर उसे सहला दिया..

रिया चिहुंक पड़ी : "ऊऊ जीजू .....आप भी ना, सबके सामने मुझे ऐसे छेड़ रहे हो ...''

उसके अल्फ़ाज़ तो नाराज़गी वाले थे, पर आवाज़ में एक दबी हुई सी खुशी और चंचलता थी..

रिया ने दूसरी कार मे बैठे एक बुड्ढे को देखा जो उन्हे ही देख रहा था : "वो देखो ज़रा उन अंकल को...हमे कैसे घूरकर देख रहे है...''

अजय ने अपनी दाँयी तरफ देखा, और सच मे उस कार में बैठा बूढ़ा उन्हे ही घूर रहा था..अजय ने रेड लाइट की तरफ देखा, वहाँ काउंटडाउन चल रहा था, और अभी भी 2 मिनट और थे, काफ़ी लंबी लाइट थी ये तो..और इसी का फायदा उठाते हुए अजय के दिमाग़ में एक तरकीब आई..

वो रिया से बोला : "ऐसे बुड्ढे लोगो की ये आदत हमेशा से रहती है...दूसरो की बीबी और गर्लफ्रेंड को देखकर साले ललचाते रहते हैं,तुम मेरा साथ दो तो इसको और तड़पाया जा सकता है...''

अजय ने उसे आँख मारते हुए ये बात कही..

रिया ने तो सोचा भी नही था की उसका जीजा ऐसी शरारती बातें भी सोच सकता है...ऐसी हरकतें तो उसके स्कूल की लड़कियाँ किया करती थी अक्सर...अपने प्रोफेसर की तरफ देखकर मुस्कुराना,उनके सामने अपनी स्कर्ट थोड़ा उपर कर लेना या उनके आगे से मटकते हुए निकल जाना...पर रिया वो कभी नही कर पाई थी...उसकी कभी हिम्मत ही नही हुई वो सब करने की...और आज उसके जीजू ये सब करने के लिए कह रहे हैं तो वो झट से मान गयी आख़िर उसकी भी इच्छा थी की ऐसे किसी को तरसाए...तड़पाये ...


उसकी हाँ मिलते ही अजय ने रिया को पकड़ कर अपनी तरफ खिसका लिया..उसकी पतली कमर मे हाथ डालते ही अजय के लंड की नसें तन सी गयी...और फिर वो रिया की तरफ झुकते हुए उसके कान के पास अपने होंठ ले गया और अपनी जीभ से उसे छू लिया..

रिया तो पता नही क्या सोच रही थी, पर अजय के ऐसा करते ही उसका शरीर अकड़ने सा लगा,और पूरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी...आख़िर ऐसा कोई पहली बार जो कर रहा था उसके साथ...

उसके रेशमी बाल,जो खुले हुए थे,अजय के चेहरे पर आ गये थे और उनमे से आ रही शेंपू की भीनी खुश्बू में वो खो सा गया, शायद एक पल के लिए वो ये भी भूल गया था की इस वक़्त वो कहाँ है और किसके साथ है...उसने अपनी जीभ निकाल कर रिया की गर्दन को चाट लिया..

''आआआआआआआआहह जीजू .......क्या कर रहे हो आप ....''

अब वो उसकी गिरफ़्त से निकलने के लिए कसमसा रही थी..और अजय को भी एहसास हो गया की वो शायद कुछ ज़्यादा ही आगे निकल गया है..वो बात संभालते हुए बोला : "अरे पगली, ये सब तो उन अंकल को दिखाने के लिए कर रहा हूँ ...ज़रा देख तो, वो क्या कर रहे हैं...''

रिया ने अजय के कंधे पर सिर रखते हुए दूसरी तरफ देखा तो उसकी हँसी निकल गयी...वो बुड्ढा अपनी आँखे फाड़कर लगातार उन्हे देखे जा रहा था और उसका एक हाथ नीचे की तरफ था और उपर नीचे हो रहा था...वो समझ गयी की वो अपने लंड को उपर नीचे करते हुए मुठ मार रहा है..

और ये देखते ही वो ज़ोर-2 से हँसने लगी..

अजय : "क्या हुआ...हंस क्यो रही हो...''

और उसकी हँसी का फायदा उठाते हुए वो अपने गीले होंठों से उसकी गर्दन पर किस्स भी करता जा रहा था..

रिया (हंसते हुए) : "जीजू, उसका चेहरा देखने लायक है, कही ऐसा ना हो की हमे ऐसे देखकर उन्हे हार्ट अटैक आ जाए...हा हा....और वो अपने हाथ से नीचे की तरफ.....हा हा...''

अजय तो एक पल मे ही समझ गया की वो क्या कहना चाहती है, फिर भी उसकी गर्दन को चूमता हुआ बोला : "क्या...नीचे की तरफ क्या...''

पर वो कुछ बोल पाती इससे पहले ही ग्रीन लाइट हो गयी और पीछे की तरफ से गाड़ियों के हॉर्न बजने लगे..और अजय ने झक मारते हुए अपनी गाड़ी आगे बड़ा दी...और वो बेचारे अंकल वही खड़े रह गये, उनके तो हाथ काँप रहे थे दोबारा सेल्फ़ मारते हुए..

और उनकी हालत की बात करते-2 दोनो काफ़ी देर तक हंसते रहे..

रिया : "यार जीजू...आप सच में बड़े बदमाश हो....''

अजय : "बदमाश तो तुम भी हो...सेक्सी वाली बदमाश हो तुम....''

अपने लिए सेक्सी वर्ल्ड सुनकर रिया थोड़ा सा शरमा गयी और बोली : "ऐवें ही ...आप भी ना...मैं तो सिंपल सी हूँ ...पता नही आपको कहाँ से सेक्सी लग गयी...''

उसके होंठ लरजा रहे थे वो सब बोलते हुए, और अजय ने बॅक व्यू मिरर को उसके चेहरे की तरफ कर लिया था, ताकि उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देख सके..

उसके गालों की रंगत बदल चुकी थी...लाल हो चुका था उसका चेहरा और होंठों पर गुलाबीपन भी आ गया था..

अजय : "वैसे एक बात और बोलू, आई लाइक यूर स्मेल...''

और अब ये बात सुनकर तो वो और भी ज्यादा शरमा गयी, और धीरे से बोली : "स्मेल भी भला होती है किसी में ...आप भी ना...''

अजय : "अरे , होती है भई...हर इंसान की अपनी खुश्बू होती है..तू भी जल्द ही जान जाएगी...''

वो बेचारी सोचती रह गयी की ऐसा कैसे हो सकता है..

अजय : "चल छोड़ ये सब, वो अंकल क्या कर रहे थे अपने हाथ से...''

रिया : "जीजूउुउउ....आप भी ना...आप को पता है की मर्द क्या करते है अपने हाथ से...''

अजय (मुस्कुराते हुए) : "कसम से...मुझे नही पता...''

रिया (आँखे गोल करते हुए) : "आप की जगह कोई और होता तो मान भी लेती, पर आपको ये नही पता ,मैं मान ही नही सकती...आजकल हर किसी को पता होता है की मास्टरबेट कैसे करते हैं....''

और ये बात बोलते ही वो फिर से शरमा गयी और उसने झट से मुँह दूसरी तरफ कर लिया....अजय उसे देखकर मुस्कुराता रहा...अजय उसके उपर नीचे हो रहे सीने को देख रहा था,शायद ऐसा बोलते हुए वो एक्साइटिड हो रही थी..

अजय ने धीरे से पुछा : ''तुम करती हो....??''
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08-31-2018, 04:28 PM,
#17
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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और अब प्राची उसके लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स को भी चाट पा रही थी...



और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस दुनिया में ...

अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..

अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई का वक़्त आ गया था..

प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक उसी पोज़ में खड़ी भी रही...



अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..

और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''

प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...


और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..

और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..

दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..

प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''

अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़ देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''

आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..

अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा रही थी..

अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''

अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो गया...बाहर रिया खड़ी थी.

अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''

पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी 

रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की आप आ चुके हो ...''

अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..

रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...

रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की ....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''

अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''

अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की उन्हे मनाना आसान नही होगा...

और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..
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08-31-2018, 04:28 PM,
#18
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
इसी बीच रिया घूमकर अजय के सामने आई और ठीक उसके सामने अपने कान पकड़कर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसके नन्हे-2 बूब्स अजय को टच कर रहे थे..

रिया उपर मुँह करके धीरे से बोली : "ओके बाबा...सॉरी ...ये लो ...कान पकड़ कर सॉरी...और सुबह वाली बात के लिए आप मुझसे कुछ भी करवा लो...मैं मना नही करूँगी....''

अजय का लंड अभी तक खड़ा हुआ था, और रिया को इतने करीब खड़ा देखकर वो उभरकर उसकी जांघे छूने के लिए मचल उठा..अजय भी थोड़ा आगे बड़ा, उसने रिया की दोनो बाहों को पकड़ा और अपने से और सटा लिया, ऐसा करते हुए उसकी नर्म छातियाँ तो उसके सीने में धँस ही गयी, उसके खड़े हुए लंड को भी अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल गया,उसने रिया की नर्म जांघों को छू लिया..

रिया तो सकपका सी गयी,अपने जीजू द्वारा ऐसे पकड़े जाने के बाद, पर वो उन्हे कुछ बोलकर फिर से नाराज़ नही करना चाहती थी, इसलिए चुप चाप खड़ी रही..

अजय ने उसकी बात दोहराते हुए कहा : "कुछ भी करवा लूँ ...''

रिया के होंठ फड़फडा उठे जवाब देते हुए : ''हाँ जीजू....कुछ भी...''

उसकी गर्म साँसें अजय को अपने चेहरे पर महसूस ही रही थी...उसका तो मन किया की अभी के अभी उसके गुलाबी होंठों का रस पी जाए, उसे दबोच ले और एक गहरी स्मूच कर दे..

पर तभी उसे बाथरूम में खड़ी प्राची का ख़याल आया और उसने रिया को एक झटके में छोड़ दिया...

और उसकी किस्मत देखिए ज़रा, ठीक उसी वक़्त बाथरूम का दरवाजा खोलकर प्राची बाहर निकली...तब तक रिया अपनी सांसो पर नियंत्रण पाकर सामान्य हो चुकी थी और अजय ने भी थपकीयाँ देकर अपने लंड को वापिस सुला दिया था.

प्राची : "अरे रिया...तुम....मैं तुझे फोन करने ही वाली थी...अजय बस अभी आएँ है...चल कर ले इनसे वो अपनी ज़रूरी वाली बात, तब तक मैं अजय के लिए चाय बनाकर लाती हूँ ...''

रिया को देखकर अंदर ही अंदर वो जल भुन तो काफ़ी रही थी ...पर आख़िर थी तो उसकी कजन सिस्टर ही ना, इसलिए मन मारकर रह गयी बेचारी..और चुदाई को उसने रात के लिए टाल दिया..

रिया : "दीदी, वो तो बस मैं जीजू से ये पूछना चाहती थी की ये मेरा एडमिशन कहाँ करवाएँगे, मुझे एडमिशन से पहले अपनी कंप्यूटर नॉलेज इम्प्रूव करनी है...''

अजय : "तुम चिंता ना करो, मैने कहा था ना,मैं करवा दूँगा...तुम चाहो तो कल ही चलना मेरे साथ..''

प्राची उनकी बातें सुनती हुई किचन में चली गयी..

उसके जाते ही रिया ने अजय से दबे स्वर मे कहा : "जीजू...आपने मुझे माफ़ कर दिया न...''

अजय भी दबे स्वर में बोला : "इसका फ़ैसला तब होगा जब तुम अपनी सज़ा पूरी कर लोगी...''

अजय ने उसकी कुछ देर पहले कही हुई बात का हवाला दिया..

रिया भोली ज़रूर थी पर इतनी भी नही की ऐसे कही हुई बातों को समझ ना सके..

बेचारी का दिल जोरों से धड़कने लगा की पता नही उसके जीजू उसे कैसी सज़ा देंगे..

वो बेचारी ये सोच ही रही थी की प्राची वापिस आ गयी, चाय लेकर..और सभी सोफे पर बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे.

प्राची : "अरे, तू एकदम से इतनी परेशन क्यो हो गयी ...बोल तो रहे है तेरे जीजू की कल चलेंगे तेरे साथ...''

रिया : "वो ...दीदी ...मैं तो सोच रही थी की..पता नही मुझे ढंग के कॉलेज में एडमिशन मिलेगा भी या नही..''

प्राची : " अरे, तू फ़िक्र ना कर...तेरे जीजू को सभी इन्स्टिट्यूट और कॉलेजस के बारे में पता है अच्छी तरह से..पूजा का एडमिशन भी तो इन्होने करवाया था..तू फ़िक्र ना कर..और वैसे भी आजकल तो सारी इंफोर्मेशन नेट पर मिल ही जाती है...ये सब देख लेंगे..''

अब भला प्राची को वो कैसे समझती की उसे अपने एडमिशन की नही बल्कि जीजू की कही हुई बात की चिंता सता रही है..

पर उसने भी मन में ठान लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए,जीजू तो उसकी हेल्प ही कर रहे हैं ना..ऐसे में उन्हे नाराज़ करके वो नही रख सकती..

और दूसरी तरफ अजय के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...वो इस हाथ आए मौके का फायदा अच्छी तरह से उठाना चाहता था..रिया तो उसके लिए कोई चुनोती नही थी, उसका दिमाग़ तो पूजा की तरफ चल रहा था, और अपनी योजना के अनुसार वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को जाल में फंसाना चाहता था..
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08-31-2018, 04:28 PM,
#19
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय की ये बात सुनते ही रिया की हालत खराब हो गयी...थोड़ी देर बाद वो धीरे से बोली : "जीजू...प्लीज़....मुझसे ऐसी बातें मत करो...''

अजय ने भी अपने आप को कोसा की कैसे वो एकदम से पहले दिन ही रिया से मूठ मारने की बातें कर रहा है...

उसने धीरे से सॉरी बोला और उसके बाद बिना कोई बात किए वो घर पहुँच गये...

अजय जान बूझकर अब रिया की तरफ देख भी नही रहा था, और अपना फेस भी उसने काफ़ी सीरियस सा बना लिया था...

कुछ देर बाद वो तैयार होकर ऑफीस के लिए निकल गया..और जाते हुए भी उसने रिया की तरफ देखा भी नही..रिया समझ गयी की उसके प्यारे जीजू उससे नाराज़ हो गये हैं..

पर ऑफीस में पूरा दिन वो कार वाली घटना के बारे में ही सोचता रहा...उसकी खुश्बू तो उसके जहन में बस चुकी थी...वो अभी भी गहरी साँस लेता तो ऐसा लग रहा था की जैसे रिया उसके चेहरे के सामने बाल खोलकर खड़ी है और वो उसकी खुश्बू सूंघ रहा है...

ऐसा करते-2 कब शाम हो गयी और कब वो घर पहुँच गया उसे भी पता नही चला...

पर उसे नही मालूम था की उसकी नाराज़ होने की एक्टिंग का कितना बड़ा फायदा होने वाला है उसे..

शाम को जब वो घर पहुँचा तो काफ़ी थका हुआ था,काम की वजह से नही,बल्कि ट्रेफिक की वजह से,प्राची तो आज ऑफीस गयी नही थी, इसलिए दरवाजा उसी ने खोला.और हमेशा की तरह अंदर आते ही उसने उसका बेग लिया और गले लगाकर किस्स किया 

प्राची : "उम्म्म्म आ गये आप...आज बड़ी देर कर दी...''

अजय : "यार, आज तो ट्रॅफिक ने परेशान करके रख दिया...''

प्राची : "पता है सुबह से रिया कितनी बार पूछ चुकी है आपके बारे में ...पता नही एक ही दिन मे क्या जादू कर दिया है आपने मेरी भोली भली बहन पर..''

ये बोलते हुए उसके चेहरे पर कुटिल सी मुस्कान थी,जो हर उस पत्नी के चेहरे पर होती है जब वो अपने पति से किसी और औरत के बारे में बात करती है.

रिया का नाम सुनते ही अजय चोंक गया...वैसे भी आज पूरा दिन ऑफीस में वो उसके बारे में ही सोचता रहा था और रास्ते में आते हुए भी वो रिया के बारे में ही सोच रहा था..और घर आते ही अपनी बीबी से उसका नाम सुनने को मिलेगा, ये उसे अंदाज़ा नही था..पर जो भी था, रिया की बात सुनकर उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.

अजय ने चौंकते हुए कहा : "रिया...उसे क्या हुआ..उसको भला मुझसे क्या काम है जो मेरे बारे में पूछ रही थी ..''

प्राची : "अब ये तो वो ही जाने...या उसके प्यारे जीजू जाने...हम भला कैसे बताएँ..''

वो अपनी उसी मुस्कान के साथ फिर से उसके करीब आ गयी..अजय तब तक सोफे पर बैठ चुका था..

अजय : "तुम सच में बड़ी शक्की हो...अपनी बहन को भी नही छोड़ा..''

प्राची : "होना पड़ता है जनाब, और ख़ासकर तब, जब पति इतना हेंडसम हो...''

इतना कहते -2 प्राची आकर अजय की गोद में बैठ गयी और अपनी बाहें उसकी गर्दन में लपेट दी..

उसके नर्म कूल्हे अजय की जाँघ पर रेंग रहे उसके खड़े हुए लंड से आ टकराए..और उसकी आँखे आश्चर्या से फैल गयी और बोली : "अच्छा जी, तो साली का नाम सुनते ही आपका ये छोटा शेर खड़ा हो गया है...''

वो अजय को टीज कर रही थी रिया का नाम ले-लेकर..

अजय : "ओफफो...तुम भी ना...ये तो तुम्हे देखकर अकड़ रहा है...पता है कल भी तुम ऐसे ही सो गयी थी..और मेरा इतना मन कर रहा था..''

प्राची : "ओल्ले मेला बैबी...तो मुझे उठा देते ना...आपको तो पता है ,सेक्स जितना आपको पसंद है उतना ही मुझे भी...''

अजय ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "पता है जान, पर कल तुम इतना थकी हुई थी की मुझसे तुम्हे उठाया ही नही गया..''

प्राची ने अजय के हाथ पर हाथ रखकर अपना मुम्मा ज़ोर से दबा दिया और सिसकारी मारने के बाद बोली : "उम्म ...हाँ , वो तो है, कल मै शायद ज़्यादा ही थक गयी थी...और नींद भी मुझे गहरी वाली आई...और मेरी वजह से मेरे बैबी को ऐसे ही सोना पड़ा...''

अब वो बेचारी भला क्या जानती थी की उसे वो गहरी वाली नींद कैसे आई थी...और अजय को ऐसे ही नही सोना पड़ा था..उसकी मौसी ने रात अच्छी तरह से सेवा करी थी अपने दामाद की , और दामाद ने भी उनकी गांड मारकर भेजा है वापिस मुंबई उन्हे..

प्राची : "पर कोई बात नही...कल की कमी ,मैं अभी पूरी कर देती हूँ ...''

और इतना कहते ही प्राची टूट पड़ी अजय के चेहरे पर...और अजय भी उसके मुम्मे मसलता हुआ उसके नर्म होंठों को चूसने लगा..

ऐसा अक्सर होता नही था, क्योंकि दोनों एक साथ ही ऑफीस से घर आते थे, इसलिए सेक्स सिर्फ़ रात को ही कर पाते थे, नयी शादीशुदा जिंदगी में एक दिन का गैप भी उत्तेजना भर जाता है...और यही हो रहा था इस वक़्त प्राची के साथ ...और वैसे भी अपने पति को बिना सेक्स के रखने का मतलब उसे बाहर की दुनिया का रास्ता दिखाना , जहाँ जाकर वो अपनी इच्छा की पूर्ति कर सके, ये मौका प्राची नही देना चाहती थी अजय को...

इसलिए उसने अजय के घर आने से पहले से ही ये सोच रखा था की आज उसके आने के साथ ही वो चुदाई करवाएगी..रात वाली शिफ्ट बाद में लगाएगी 

और यही कर रही थी वो इस वक़्त...

प्राची ने सूट और सलवार पहनी हुई थी...अजय ने उसके उपर की कमीज़ उतार दी और एक हाथ से उसकी ब्रा भी खोल दी..

उसके दोनो कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ गये..और प्राची ने एक कबूतर की गर्दन पकड़ कर अजय के मुँह में अपना निप्पल दे दिया , और अजय भी किसी प्यासे जानवर की तरह उसपर टूट पड़ा और ज़ोर-2 से चुभलाते हुए उसे चूसने लगा..निकालने लगा उसके अंदर जमीं मिठास को 



''आआआआआहह ऊओ मेरा बैबी......पी ले.....मम्मा का दूध पी ले...''

ऐसा अक्सर बोला करती थी प्राची..जिसे सुनकर वो ज़्यादा उत्तेजित हो जाया करता था.

प्राची : "आआआआआहह धीरे बैबी ....धीरे....मम्मा को दर्द होता है.....अहह......''

अजय के सिर पर हाथ फेरती हुई प्राची ने अजय की पेंट की जीप खोल दी...और उसके लंड की गर्दन पकड़कर बाहर खींच लिया..

उसके लंड को देखते ही वो नागिन की तरह लहराती हुई नीचे बैठ गयी उसके कदमों में , और उसे पकड़ कर अपनी जीभ से सहलाया...उसे पुचकारा ...और फिर एक गहरी साँस लेकर उसे निगल लिया..



''आआआआआआआआहह प्राची ...........ओ मेरी जान..............एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स..... .सकक्क मी.....''

अजय उसके रेशमी बालों पर दबाव देकर अपने लंड को उसके मुँह के और अंदर धकेल रहा था...और वो भी अपने पंजों पर बैठकर अपने पति के छोटे भाई की सेवा अपनी गर्म जीभ से कर रही थी...

उसकी थूक से अजय का लंड नहा गया....अजय ने अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पेंट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिसकी वजह से उसका लंड अब पूरी तरह से बाहर निकल आया था...
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08-31-2018, 04:28 PM,
#20
RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
चाय ख़त्म होते ही प्राची वापिस किचन में चली गयी और अजय ने दबे स्वर में रिया से कहा : "अब तुम जाओ...मैं थोड़ी देर में वहीं आता हूँ ..और जो मै कहूं वो चुपचाप मानती रहना, कोई आर्गुमेंट नही,वरना अपनी डील कैंसल ..समझी...''

रिया बेचारी को कुछ समझ नही आया की आख़िर अजय क्या करवाना चाहता है उससे...बुरे से बुरा तो वो यही समझ रही थी की शायद उसके जीजू उसके साथ कुछ ग़लत काम...यानी किस्स वगेरह या कुछ और करेंगे...पर उनकी बातों से तो ऐसा कुछ लग ही नही रहा था...और वैसे भी उसने इतना तो सोच ही लिया था की ये छोटे-मोटे काम के लिए वो उन्हे नही टोकेगी,पर हद से आगे भी नही बढ़ने देगी...

वो चुपचाप सी सिर हिला कर अजय की बात मानती हुई उठी और वापिस चली गयी..

उसके जाने के बाद अजय वापिस किचन में गया,जहाँ प्राची काम कर रही थी और उसकी उभरी हुई गांड में अपना लंड फँसा कर खड़ा हो गया..और अपने हाथ उपर करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा..

और उसके कानो को मुँह में लेकर धीरे से बोला : "चलो ना...जो काम अधूरा छोड़ा था वो पूरा करते हैं...''

प्राची (थोड़ा गुस्से में ) : "रहने दो...मैने कहा था ना उस वक़्त की जो भी हो उसे वापिस भेज देना, पता है मैं बाथरूम में नंगी खड़ी थी , फिर भी आपने रिया को अंदर कैसे आने दिया..अब मेरा मूड नही है कुछ भी करने का..''

अजय : "अरे,तुम्हारी बहन है,मैं उसे कैसे मना कर सकता हूँ अपने घर आने से...और अपने मूड का ज़ोर मुझपर ना चलाया करो...... समझी...''

और अजय भी गुस्सा होते हुए बाहर निकल गया.

प्राची बेचारी अपना सिर पीटकर रह गयी...शायद गुस्सा दिखाने के चक्कर में उसने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया और अजय को नाराज़ कर दिया..और वो अच्छी तरह से समझती थी की सेक्स के मामले में ठुकराया हुए इंसान को बाहर मुँह मारने में देर नही लगती...वैसे भी पहले पूजा और अब रिया ने आकर माहौल को कुछ ज़्यादा ही गरम कर दिया है...ऐसे मे अगर अजय को वो खुश ना रख पाई तो ऐसा ना हो की वो उसकी बहनों की तरफ आकर्षित हो जाए...जिसका पूरा-पूरा चांस था...

और ये सोचने के साथ ही वो भागकर बाहर आई..पर तब तक अजय बाहर निकल चुका था..

वो समझ गयी की अब अजय को मनाना थोड़ा मुश्किल होगा...पता नही कहाँ गया होगा वो..

पर उसे क्या पता था की वो तो वहां से निकल कर सीधा अपने पड़ोस में यानी अपने ससुराल जा पहुँचा था..

रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''

पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.

पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''


रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''

और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...

पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..

अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..

वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..

तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी

पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''

अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''

वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली : "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...'' 
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