Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
10-10-2018, 01:43 PM,
#41
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैं अपने दोस्त के प्लान को सुनकर हैरान भी बहुत हुआ और खुश भी हुआ और फिर इस प्रकार हम घर आ गए दिन का खाना खाकर अपने दोस्त के साथ ही गप शप होती रही मैंने उसे बता दिया मैं आज रात साना को लेकर निकल जाऊंगा तो उसने कहा अभी कुछ दिन रहो तुम्हें बाहर घुमा के लाऊँगा मैंने कहा मैं फिर कभी चक्कर लगा लूँगा अभी मुझे वापस मुल्तान जाकर साना का कॉलेज में दाखिला कराना है तो मैं समय निकाल कर जरूर चक्कर लगा लूँगा। उसने कहा ठीक है जैसे तुम्हारी इच्छा और फिर यूं ही रात को खाना खाकर मेरे दोस्त का ड्राइवर हमें 10: 30 पर स्टेशन पर छोड़ आया और 11 बजे हम कराची की ट्रेन में सवार हो गए। और अगले दिन 3 बजे हम अपने घर मुल्तान पहुँच गए सबने साना को मेरे साथ देखा तो हैरान भी हुए और खुश भी हुए मैंने पहले ही साना से संबंधित अपनी ओर से एक प्लान बना लिया था जो रास्ते में कार के अंदर मैंने साना को भी समझा दिया था। मैंने साना की अम्मी को बता दिया चाची में जब भी वहाँ जाता था तो साना उदास नज़र आती थी इसका दिल नहीं लगता था और वैसे भी आप अपने घर में चली जाओगी तो अकेली होगी इसलिए मैं इसे हमेशा के लिए वापस ले आया हूँ कि यहाँ मुल्तान में कॉलेज में दाखिला करवा दूंगा गाड़ी भी लगवा दूंगा उसी से चली जाया करेगी और शाम को वापस आ जाया करेगी।


चाची भी खुश हो गई। और इस प्रकार मेरा यह काम भी अंजाम तक पहुँच गया। मैंने अगले दिन मुल्तान जाकर कॉलेज की जानकारी हासिल कीं और फिर अगले दिन साना को साथ ले आया और उसका दाखिला करवा दिया और 2 दिन बाद ही साना कॉलेज में जाना शुरू कर दिया हमारे गांव की कुछ लड़कियां इस कॉलेज में रोज़ आती जाती थीं उन्होंने गांव के एक ऑटो वाले को महीने में लगवाया था मैंने उसके ड्राइवर से बात करके साना की बात कर दी अब साना भी उसी ऑटो में कॉलेज आती जाती थी। चाची अब तक हमारे ही घर में रह रही थी 10 दिन हो गए थे अब तक कोई अच्छा घर नहीं मिल रहा था। लेकिन मेरे दोस्त यार आगे पीछे मकान की खोज में लगे हुए थे। मुझे इस्लामाबाद से वापस आए हुए 5 दिन हो गए थे। इन 5 दिनों में 2 रात ज़ुबैदा के साथ अपना मज़ा कर लिया था लेकिन साना की वजह से न ही अभी तक चाची का और न ही नबीला के साथ कोई मौका बन पा रहा था। फिर एक दिन जुम्मे वाली सुबह जब मैं 10 बजे के करीब सो कर उठा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया और नहा धोकर फिर से बेड पर आ कर बैठ गया मैंने टेबल पर रखे हुए मोबाइल को देखा तो उस पर जमीला बाजी की 2 मिस कॉल आई थी मैं थोड़ा हैरान हुआ भला आज इतनी सुबह ही जमीला बाजी ने कॉल क्यों की है। मैंने फिर कॉल जमीला बाजी को मिला दिया और थोड़ी देर बाद जमीला बाजी ने कॉल अटेंड की तो मैंने कहा कि बाजी में बाथरूम में नहा रहा था तो दीदी ने कहा वसीम मैंने इसलिए कॉल की थी कि आज जफर और चाची शाजिया की ओर जा रहे हैं। उन्होंने शाम तक वापस आना है इसलिए मेरी ओर आ जाओ मुझे कुछ जरूरी बात भी करनी है। मैंने कहा ठीक है बाजी मैं अभी थोड़ी देर तक चक्कर लगा लेता हूं। फिर मैंने फोन बंद कर दिया और 5 मिनट बाद ही ज़ुबैदा नाश्ता लेकर आ गई। फिर हम दोनों ने नाश्ता किया जब नाश्ता कर लिया तो मैंने ज़ुबैदा से कहा कि जरा दोस्तों की ओर जा रहा हूँ एक दोस्त ने चाची के लिए एक घर देखा है वह आज देखना है मुझे थोड़ी देर हो जाएगी तुम अम्मी को भी बता देना ज़ुबैदा हां में सिर हिला कर बाहर चली गई। फिर कुछ देर बाद तैयार होकर घर से बाहर निकल आया 


जब जमीला बाजी घर के दरवाजे पर पहुंच गया तो मोबाइल में समय देखा तो 12 बजने वाले थे तब मैंने दरवाजे पर दस्तक दी कोई 1 मिनट बाद ही जमीला बाजी ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर उनकी आंखों में एक चमक सी आ गई और खुश हो गई और मुझे अंदर जाने का रास्ता दिया और फिर दरवाजा बंद कर दिया और मुझे लेकर अपने बेडरूम में आ गई। मैं जाकर दीदी के बिस्तर पर बैठ गया। बाजी फिर बाहर चली गई थोड़ी देर बाद आई और उसके हाथ में चाय थी एक कप मुझे दिया और एक खुद लेकर पीने लगी और फिर मुझसे बोली वसीम साना का दाखिला हो गया है। तो मैंने कहा जी बाजी हो गया है वह तो 2 दिन से कॉलेज भी जा रही है फिर बाजी ने कहा चाची के मकान का क्या सोचा तो मैंने कहा बाजी चाची के मकान में अपने दोस्तों को लगा दिया है अब तक कोई उपयुक्त मकान नहीं मिल रहा है दोस्त देख रहे हैं उम्मीद है कोई न कोई अच्छा मकान मिल जाएगा।



बातों बातों में हम चाय खत्म कर ली थी। फिर बाजी चाय के कप उठाकर बाहर चली गई और कुछ देर बाद वापस आई और मेरे साथ लगकर बेड पर बैठ गई। फिर मैंने कहा बाजी आपको क्या जरूरी बातें करनी हैं तो बाजी नेकहा वह भी बता देती हूँ इतनी जल्दी क्या है अभी तो मैंने दिल भर कर अपने भाई से प्यार करना है और पूरा पूरा मज़ा लेना है और साथ ही मुझे आंख मारी मैं बाजी की ओर देखकर मुस्करा पड़ा। फिर बाजी मेरे और नज़दीक हो गई और अपना मुँह मेरे मुँह के पास कर मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और मेरे होठों का रस पीने लगी बाजी की फ्रेंच किस में एक अलग ही मजा था बाजी फ्रेंच किस के दौरान हल्का हल्का सा मेरे होंठ काट लेती थी लेकिन इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं अपनी टाँगें लंबी करके बेड के साथ टेक लगा कर बैठ गया था बाजी ने एक पैर उठा कर दूसरी तरफ घुमा कर अपनी गाण्ड को स्विंग के ऊपर रख दिया जब बाजी की गाण्ड मुझे अपने लंड महसूस हुई मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया बाजी की मोटी और उभरी हुई और रूई से भी नरम गाण्ड मेरे लंड पर आई तो मुझे झटका लगा। बाजी ने अपनी बाँहों को मेरी गर्दन में डाला हुआ था मैंने भी फिर अपनी बाहों को बाजी की गर्दन में डाल कर अपने साथ लगा लिया और बाजी की फ्रेंच किस में पूरा-पूरा साथ देने लगा हम दोनों बहन भाई को किस करते हुए 5 से 7 मिनट हो चुके थे। फिर बाजी ने मेरा मुंह छोड़ दिया और अपने आप को मुझसे थोड़ा अलग किया तो उनकी आंखों में लाल डोरे साफ नजर आ रहे थे। फिर बाजी उठकर खड़ी हो गई और पहले अपनी शर्ट उतार दी बाजी का शरीर सॉफ और गेहूंये रंग था। जब बाजी ने शर्ट उतारी तो काले रंग की ब्रा में बाजी के मम्मे कैद थे और पीछे की ओर लगे हुए ब्रा के हुक बाजी ने हाथ पीछे करके हुक खोल कर अपने बूब्स को ब्रा से मुक्त कर दिया और अचानक बाजी के मम्मे उछल कर बाहर आ गए बाजी के मम्मे क्या कमाल के थे मोटे गोल मम्मे और उनके ऊपर मोटी मोटी सी निप्पल्स थीं जिनका रंग ब्राउन था। बाजी के निप्पल्स देख मेरे मुँह में पानी आ गया। फिर बाजी ने एक झटके में ही अपनी सलवार भी उतार दी सलवार के नीचे बाजी ने कुछ नहीं पहना हुआ था जब मेरी नज़र बाजी की नंगी जांघों और बाजी की क्लीन शेव्ड योनी की तरफ गई तो मैं हैरान हो गया बाजी की योनी जब मैंने उस दिन देखी थी तो उस पर हल्के हल्के बाल थे लेकिन आज बिल्कुल साफ योनी थी और बाजी की योनी का छेद मध्यम आकार का था और बाजी की योनी के होंठ भी योनी के अंदर की ओर घुमावदार थेबाजी नेकहा वसीम क्या देख रहे हो तो मैंने कहा बाजी आपका शरीर अद्भुत है तो बाजी ने कहा अब तो कमाल करना बाकी है। इसलिए तुम भी उठो और कपड़े उतारो। 


मैं उठकर खड़ा हो गया और अपनी शर्ट और बनियान उतार दी और फिर अपनी सलवार भी उतार दी। जब मैंने सलवार उतार दी तो मेरा लंड अर्द्ध हालत में खड़ा हुआ था। बाजी की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो आँखों में चमक सी आ गई और फिर मैं पूरा नंगा होकर बैठ गया बाजी ने भी एक साइड पर होकर मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी। बाजी ने कहा वसीम तुम्हारे लंड ने मेरी रातों की नींद उड़ा कर रख दी है। तुम इस्लामाबाद गए थे नहीं तो मैंने कब का बुला लेना था। अब मुझे किसी का डर नहीं है जब जफर अपनी बहन को चोद सकता है तो मैं क्यों नहीं अपनी भाई से चुदवा सकती। 

में बाजी की बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बाजी आगे होकर मेरे लंड पर झुक गई और मेरे लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और उस पर अपनी गीली गीली जीभ को घुमा घुमा कर चाटने लगी। बाजी की मेरे लंड के टोपे पर ज़ुबान की ग्रिप काफी मजबूत थी। बाजी बीच में अपनी जीभ की नोक से मेरे सुपाडे के छेद में भी रगड़ देती थी। जिससे मेरे शरीर में झटका सा लगता था। फिर धीरे धीरे दीदी ने लंड मुंह के अंदर करना शुरू कर दिया और और लगभग आधे से अधिक लंड मुंह में ले लिया और अब लंड पर अपनी जीभ की पकड़ को मजबूत कर लिया और चुसाइ करने लगी। बाजी के मुंह की गर्मी और थूक से मेरे लंड को एक अजीब सा मज़ा मिल रहा था। जैसे कोई लंड की मालिश कर रहा हो। फिर बाजी लंड को मुंह के अंदर बाहर करने लगी जैसे कोई मुँह को चोद रहा हो। लगभग 5 से 7 मिनट की जानदार चुसाइ ने मेरे लंड को लोहे की रॉड की तरह बना दिया था मेरे लंड की नसें फूलना शुरू हो गयीं थीं। लंड अकड़ने के कारण अब बाजी के मुँह में फंस फंसकर अंदर बाहर हो रहा था तो मैंने खुद ही बाजी को रोक दिया। और अपना लंड मुंह से बाहर निकाल लिया। 

बाजी भी सीधी होकर बैठ गई और बोली वसीम तेरा घोड़े जैसा लंड पूरा मुंह में नहीं जाता है जफर का तो पूरा मुंह में ले लेती हूँ। फिर बाजी ने कहा वसीम तेरी ज़ुबान का जादू पहले भी देख चुकी हूँ तेरी ज़ुबान का जादू फिर किसी और दिन देख लूँगी। लेकिन आज मुझे तेरे लंड को योनी और गाण्ड के अंदर लेना है। इसलिए पहले बताओ योनी में करेगा या गाण्ड में तो मैंने कहा बाजी आप की जो इच्छा है वही मेरी इच्छा है तो बाजी ने सीधी लेट कर अपने पैर खोले और बोली फिर आओ और योनी के अंदर करो। मैं उठकर बाजी के पैरों में बैठ गया। मैंने कहा बाजी कोई तेल या लोशन दे ताकि आप को ज़्यादा तकलीफ न हो तो बाजी उठ कर बैठ गई और आगे होकर मेरे लंड को मुँह में लेकर अपने काफी ज़्यादा थूक से गीला कर दिया और उसके बाद फिर से पैर खोल कर लेट गई और बोली- अब अंदर कर दो वैसे भी चुदाई में दर्द ना हो तो चुदाई का मज़ा ही क्या है। मैंने लंड को हाथ में पकड़ कर बाजी की क्लीन शेव्ड योनी के छेद में सेट किया तो बाजी ने खुद ही अपनी टाँगें मेरे कंधे पर रख दी और मैंने एक न जोर से न ज़्यादा आराम से झटका मारा मेरे लंड का पूरा टोपा बाजी की योनी में पिच की आवाज से अंदर घुस गया था। बाजी की योनी अंदर पहले से ही थोड़ा-थोड़ा गीली हो रही थी। फिर मैंने इस बार थोड़ा और जोर से धक्का मारा मेरा आधा लंड बाजी की योनी में उतर गया इस बार बाजी के मुंह से एक लम्बी सी आह निकली और बोली वसीम मेरे भाई यहाँ तक तो मैंने बर्दाश्त कर लिया है अब जरा आराम से अंदर करना तुम्हारा लंड जफर से बड़ा और मोटा भी बहुत है। मैंने कहा ठीक है दीदी आप जैसा कहोगी वैसा ही होगा और कुछ देर रुक कर मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर करने लगा। बाजी का चेहरा देखा तो उन्हें काफी तकलीफ महसूस हो रही थी। मैंने कहा बाजी आप कहती हैं तो पूरा अंदर नहीं करता तो बाजी ने कहा वसीम कोई बात नहीं तुम धीरे धीरे अंदर करो में पूरा अंदर लूँगी। और जब लगभग मेरी 1 इंच लंड और रह गया तो बाजी ने अपने हाथ मेरे पेट पर रख दिया और बोली वसीम रुक जाओ . 

मैं रुक गया कुछ देर बाद बाजी को जब राहत मिली तो बाजी ने कहा अब अंदर करो मैंने थोड़े थोड़े कष्ट की बजाय एक और झटका मारा मेरा पूरा लंड बाजी की योनी में उतर गया बाजी के मुँह से दर्द भरी आवाज़ आई हाईईईईईईईईईईई एह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अम्मी मर गई। और मैं लंड को अंदर कर वहां ही कुछ देर के लिए रुक गया। लगभग 5 मिनट के बाद बाजी ने कहा वसीम अब धीरे धीरे अंदर बाहर करो। मैं लंड आराम से अंदर बाहर करने लगा और लगभग 5 मिनट तक लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा। अब मेरा लंड काफी चिकना हो चुका था और दीदी ने भी नीचे से अपने शरीर को उठा कर गाण्ड उठा उठा कर साथ देना शुरू कर दिया था। फिर मैंने जब यह देखा तो अपनी गति तेज कर दी। और लंड तेजी के साथ अंदर बाहर करने लगा बाजी भी गाण्ड उठा उठा कर साथ दे रही थी। अब बाजी के मुंह से सुख भरी आवाजें निकल रही थीं। आह आह ओह ओह आह ओह आह ओह। । कमरे में बाजी की सिसकियाँ गूंज रही थीं। बाजी ने फिर मुझे कहा वसीम और तेज करो मेरे भाई और तेज करो आज मुझे अपने भाई के लंड की सैर करनी है 
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10-10-2018, 01:43 PM,
#42
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मुझे बाजी की बातों से जोश चढ़ गया मुझे बाजी को चोदते हुए 8 से 10 मिनट हो चुके थे लेकिन बाजी अभी फारिघ् नहीं हुई थी। मैंने फिर अपनी पूरी शक्ति के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए अब तो बाजी ने भी अपनी टांगों को पीछे मेरी कमर में डाल कर आपस मे जोड़ लिया था। और नीचे से गांड उठा उठा कर साथ दे रही थी और उनकी सिसकियाँ भी और ज़्यादा तेज हो गयीं थीं। फिर शायद मेरे तूफानी झटकों ने बाजी की योनी को निढाल कर दिया था और बाजी के शरीर ने झटके खाने शुरू कर दिये और फिर बाजी की योनी ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और बाजी का गर्म गर्म पानी मेरे लंड के ऊपर ही गिर रहा था मुझे अपने लंड पर गर्म गर्म पानी महसूस कर और जोश आ गया और मैंने भी 2 मिनट और बाजी की योनी को रगड़ कर चोदा और बाजी की योनी के अंदर ही अपनी वीर्य का लावा छोड़ दिया और बाजी के ऊपर ही गिर कर हाँफने लगा। काफी देर तक बाजी के ऊपर लेटा रहा फिर कुछ देर बाद बाजी के ऊपर से हट कर एक साइड में हो गया 


बाजी बेड से उठ कर बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद अपना मुंह हाथ और साफ सफाई कर फिर कमरे में आई और फिर कमरे से बाहर चली गई। मैं बेड से उठा और बाथरूम में चला गया। और अपने लंड की सफाई और मुंह हाथ धोकर नंगा ही बेड पर आकर लेट गया। फिर बाजी फिर से कमरे में आई वह भी बिल्कुल नंगी ही थी। और मेरे साथ आकर लेट गई और मेरे साथ चिपक गई। और बोली आज मैंने अपने भाई के लिए बिरयानी बनाई है पहले खाना खा लेते हैं फिर अगला काम करेंगे। फिर वह कुछ देर वहाँ ही मेरे साथ लेटी रही। उसके बाद फिर से उठ कर बाहर चली गई और लगभग 20 मिनट के बाद वह खाना लेकर कमरे में आई उसने बिरयानी बनाई थी और बाजी पूरी तरह से नंगी ही थी और हम खाना खाने लगे। फिर खाने से फ़ारिग़ हो कर बाजी बर्तन उठाकर बाहर चली गई मैं बेड पर बैठा रहा 10 मिनट बाद बाजी कमरे में आई और आकर मेरे साथ लेट गई तो मैंने पूछा बाजी आपने कौन सी ज़रूरी बात मुझे बताना था। तो बाजी ने कहा वसीम जब तुम इस्लामाबाद गए थे तो नबीला मेरे पास आई थी और खुशी की बात यह है कि वह अपनी से शादी के लिए राजी हो गई। मुझे तो पहले ही पता था इसलिए मैंने दीदी को कहा बाजी यह तो बहुत खुशी की बात है। 

बाजी ने कहा उसकी एक शर्त है मैंने कहा मुझे मंजूर है लेकिन तुम्हारा क्या मूड है वह तुम मुझे बता दो बाजी ने जो शर्त बताई वह मुझे नबीला पहले बता चुकी थी तो मैंने कहा बाजी में नबीला की खुशी के लिए हर शर्त स्वीकार कर सकता हूँ बाजी मेरी बात सुन कर खुश हो गई। तो बाजी ने कहा कल अम्मी को लेकर बुआ के घर चक्कर लगाऊँगी और फिर कोई बात पक्की होगी तो मैंने कहा ठीक है बाजी जैसे आप चाहते हैं। फिर बाजी ने कहा वसीम क्या मूड है मुझे पता है तुम्हें गाण्ड में डालने का बहुत शौक है मुझे भी गाण्ड में लेने का शौक है तो करें शुरू। तो मैंने कहा ठीक है बाजी जैसे आप कहो तो बाजी ने आगे हो मेरे लंड को फिर से मुंह में ले लिया और उसकी चुसाइ लगाने लगी। लगभग 5 मिनट बाद मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया। बाजी बेड से उठी और ड्रेसिंग टेबल से लोशन ले आई और लोशन निकाल कर मेरे लंड पर डाल कर अच्छी तरह नरम और गीला किया और लोशन मुझे दिया और खुद घोड़ी बन गई और बोली वसीम मेरी गाण्ड और छेद के अंदर उंगली डाल कर अच्छी तरह लोशन लगा दो तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है आज मुझे बहुत दर्द देने वाला है। 


मैं लोशन लेकर बाजी की गाण्ड पर मल दिया बाजी की गाण्ड का छेद भी ब्राउन रंग का था थोड़ा लोशन लगाकर उंगली से अंदर कर गांड के छेद के अंदर ही लगा दिया। फिर लोशन की बोतल को एक साइड पर रखकर अपने लंड को बाजी की गाण्ड के छेद में सेट किया और पहले हल्का सा धक्का दिया तो लंड स्लिप होकर बाहर हो गया तो मैने लंड को पकड़ कर छेद पर रखा और थोड़ा ज़्यादा पुश किया तो पिच की आवाज से टोपा बाजी की गाण्ड में घुस गया बाजी के मुँह से आवाज़ आई हाईईईईईईईई एह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वसीम मेरे भाई ज़्यादा तेज झटके मत मारो तुम्हारा लंड मेरी जान निकाल देगा इसे आराम से अंदर करो। मैंने फिर टोपे को अंदर करके लंड को धीरे धीरे अंदर शुरू कर दिया बाजी की गाण्ड का छेद काफी टाइट था मेरे लंड को अंदर से जकड कर रखा था। धीरे धीरे अंदर करता रहा और लगभग आधा लंड अंदर कर दिया। बाजी ने मुझे कहा वसीम थोड़ा रुक जाओ दर्द बहुत हो रहा है। मैं वहाँ ही रुक गया। कुछ देर बाद बाजी को जब कुछ आराम महसूस हुआ तो बाजी ने कहा अब अंदर करो मैंने फिर धीरे धीरे लंड को अंदर शुरू कर दिया बाजी के मुंह से बार बार आवाज निकल रही थी आह आहओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह और यहां मैं लंड आराम से अंदर कर रहा था और कुछ ही मेहनत के बाद मैंने अपना पूरा लंड बाजी की गाण्ड में उतार दिया। 


बाजी का दर्द से बुरा हाल था मैं लंड अंदर कर वहां ही रुक गया और 5 मिनट तक अपने शरीर को किसी प्रकार की हरकत नहीं दी। फिर जब बाजी ने खुद कहा तो मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा लंड को बहुत आराम से अंदर बाहर कर रहा था ताकि बाजी को कम से कम असुविधा हो। 5 से 7 मिनट तक आराम से चोदता रहा। अब शायद लंड ने गाण्ड के अंदर जगा बना ली थी और मैंने अपनी स्पीड को भी थोड़ा बढ़ा दिया था। अब बाजी की भी दर्दभरी आवाज बंद हो चुकी थी। फिर कुछ देर के धक्कों के बाद बाजी ने साथ देना शुरू कर दिया और अपनी गाण्ड को आगे पीछे करने लगी। और अब उनके मुंह से सुख भरी सिसकियाँ निकल रहीं थीं। मैंने अब अपने घुटनों की स्थिति को बदल कर अपने पैरों पर खड़ा हो कर आगे झुककर लंड बाजी की गाण्ड के अन्दर बाहर करने लगा। अब बाजी भी काफी जानदार ढंग से गाण्ड को आगे पीछे कर के लंड अंदर बाहर करवा रही थी। मुझे खड़ा होकर गाण्ड मारते हुए 5 मिनट हो चुके थे अब मेरे पैरों की हिम्मत जवाब देने लगी थी। मैंने अपनी पूरी शक्ति से झटके मारने शुरू कर दिए और मेरा और बाजी शरीर जब आपस में टक्कर खाता तो धुप्प धुप्प की आवाज पैदा हो रही थी। और बाजी की सिसकियाँ भी कमरे में गूंज रही थीं। 

नीचे बाजी अपनी उंगली अपनी योनी के अंदर डाल कर अन्दर बाहर कर रही थी। और आख़िरकार मेरे लंड के अंदर हलचल मच गई और 2 मिनट की चुदाई के बाद मेरे लंड से वीर्य निकलकर बाजी की गाण्ड के अंदर गिरने लगा और दूसरी ओर बाजी भी नीचे फारिग हो चुकी थी और वह भी हाँफ़ रही थी। कुछ देर मैने लंड गाण्ड में ही डाल कर रखा जब मेरे लंड ने वीर्य उगलना बंद कर दिया तो मैंने लंड को बाहर खींच लिया मेरा लंड लाल लाल हुआ पड़ा था बाजी की गाण्ड इतनी टाइट थी कि मेरे लंड को जैसे फांसी लगी हो . फिर एक साइड पर हो कर लेट गया और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा। बाजी भी औंधे मुंह गिर कर हाँफने लगी थी। फिर कुछ देर बाद बाजी उठकर बाथरूम गई और नहा धो कर साफ सफाई करके 20 मिनट के बाद बाहर निकली तो मैं बाथरूम में गया और नहा धो कर बाहर निकला तो बाजी चाय बना कर ले आई। 

हम जब चाय पी रहे थे तो बाजी ने कहा वसीम तेरा लंड तो औरत की बस करवा देता है। लेकिन एक बार जो औरत ले लेती है वह तेरी दीवानी हो जाती है। मुझे आज जीवन में असली मज़ा मिला है। और फिर मैं और दीदी कुछ देर तक यहाँ वहाँ की बातें करते रहे और फिर 3 बजे के करीब बाजी के घर से निकल कर अपने घर आ गया और दरवाजा नबीला ने खोला और बोली भाई आप कहाँ थे खाना नहीं खाना है तो मैंने कहा चाची का मकान देखने के लिए गया था देर हो गई थी इसलिए वहाँ ही दोस्तों के साथ खाना खाया और मैं अब थक चुका हूँ थोड़ा आराम करूँगा और मैं अपने कमरे में आया तो ज़ुबैदा सोई हुई थी में भी बेड पर लेट कर सो गया। उस दिन के बाद दिन बीतते गए साना कॉलेज में जाती रही और लगभग बाजी के साथ मज़ा करने के लिए 10 या 12 दिन बाद चाची के लिए हमारे पास ही एक अच्छा सा मकान मिल गया और चाची ने वह मकान खरीद लिया और वह और साना वहां शिफ्ट हो गए चाची के वहां शिफ्ट होने के 1 सप्ताह बाद दिन में चाची को मिलने गया और उनके साथ 3 से 4 घंटे बिताकर आया और 1 बार योनी में और 2 बार गाण्ड में उन्हें जमकर चोदा।
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10-10-2018, 01:43 PM,
#43
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
फिर कोई अगले 3 महीने में मुझे 2 और सुसमाचार मिल गये एक सुसमाचार ये कि ज़ुबैदा प्रेगनेंट हो गई थी और दूसरी नबीला की शादी पक्की हो गई थी। और अगले 4 महीने के अंदर नबीला शादी हो गई नबीला अपने शौहर के घर चली गई थी विदाई वाले दिन वह मेरे गले लगकर बहुत रोई मुझे भी बहुत रोना आया लेकिन मैंने अपने आप को संभाल कर रखा और नबीला को पूरी दिलासा देता रहा। और फिर वो अपने घर चली गई और जमीला बाजी उसे जिस महिला डॉक्टर से मिलवाया था और उसका मामला काफी हद तक ठीक करवा दिया था जिससे आज नबीला की शादी हुए 2 महीने बीत चुके थे लेकिन कोई भी किसी प्रकार की समस्या पेश नहीं आई . टाइम निकालकर चाची को भी कभी कभी समय दे दिया करता था और बाजी जब भी बुलाती तो उनके पास भी चला जाया करता था। कई बार मैंने बाजी को अपने घर में ही चोदा जब ज़ुबैदा अपनी माँ के घर गई होती तो बाजी को फोन पर बता कर बुला लेता और बाजी को चोद लेता था। नबीला की शादी के 1 महीने बाद वह 5 दिन के लिए घर आई तो मैं उसे कभी दूसरे पोर्शन में और कभी रात के वक्त जब सब सो जाते तो नबीला के अपने कमरे में जाकर चोद दिया करता था नबीला भी शादी के बाद काफी खुश हो गई थी। इसे अपने शौहर और अपने भाई से दोनों से प्यार मिल रहा था। फिर कुछ समय बाद ज़ुबैदा की डिलिवरी के दिन नजदीक आ गए तो ज़ुबैदा को मुल्तान अस्पताल में एडमिट करवा दिया मैं दिन में वहां होता और रात को बाजी जाकर रहती थी। फिर वह रात भी आई जो मेरे लिए फिर एक बार बहुत आघात वाली और बुरी खबर लेकर आई जिसने मुझे फिर एक बार हिला कर रखा दिया था। क्योंकि अस्पताल में ज़ुबैदा की डिलिवरी ऑपरेशन से हुई जिससे शायद प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था ज़ुबैदा ने एक बहुत ही सुंदर बच्चे को जन्म दिया लेकिन वह खुद जीवन की बाजी हार गई। और मुझे भी और अपने बच्चे को दुनिया में अकेला छोड़ कर चली गई। 


ज़ुबैदा के दुनिया से चले जाने से मेरा दिल अब कहीं भी नहीं लगता था मेरे बच्चे को दिन में कभी जमीला बाजी और कभी नबीला आकर संभालती थी और कभी साना आ जाती थी। ज़ुबैदा को मर हुए 2 महीने बीत गए थे बच्चा अब ज़्यादा तंग करता था अब भी दुनियादारी में थोड़ा थोड़ा वापस आने लगा था। एक दिन बाजी जमीला सुबह के वक्त घर आई और जब सो कर उठा नहा धोकर अपने बेडरूम में बैठा था तो बाजी जमीला मेरे कमरे में आ गई और मेरे साथ बेड पर बैठ गई और मुझे कहा वसीम मेरे भाई मुझे तुमसे एक ज़रूरी बात करनी है। 

मैंने कहा जी बाजी कहो तुमको क्या कहना है तो बाजी ने कहा वसीम देखो मैं तुम्हारा दुख समझ सकती हूँ मुझे पता है ज़ुबैदा तुम्हे दिल से प्यार करती थी। लेकिन मेरे भाई यह दुनिया है हर किसी ने आना है और चले जाना है वह बेचारी भी अपना वक्त पूरा करके चली गई। लेकिन अब तुम्हे अपने और अपने बच्चे के जीवन के बारे में सोचना है उसे माँ की जरूरत है। तुम्हे भी एक पत्नी के साथ की जरूरत है इसलिए मैं तुम से आज बात करने आई हूँ मैंने बहुत पहले बात करनी थी लेकिन तुम्हारा मूड देखकर तुमसे कोई बात नहीं कर सकी इसलिए मेरे भाई मेरी सलाह भी है और अम्मी और चाची की भी सहमति है तुम साना से शादी कर लो .

वह अपनी बहन के बेटे को भी अपना लेगी और तुम्हें भी एक साथ मिल जाएगा। मैंने कहा बाजी तुम क्या कह रही हैं जमीला बाजी ने कहा मैं ठीक कह रही हूँ मेरे भाई यूं अकेले जीवन तो नहीं गुज़ार सकते तुम जवान हो तुम्हे भी किसी की जरूरत है और सबसे ज़्यादा अपने बच्चे की सोचो। मैंने कहा लेकिन बाजी साना अगर नहीं मानी तो बाजी ने कहा तुम उसकी चिंता मत करो चाची ने उससे बात कर ली है वह भी तुमसे शादी के लिए राजी है और अम्मी को भी मैंने आज बता दिया है वह भी खुश हैं। अब बस तुम मान जाओ तो सब कुछ ठीक हो जाएगा . 

मैं भी आख़िरकार बाजी की बात को मान लिया बाजी मेरी सहमति देखकर खुश हो गई और फिर 1 महीने के भीतर मेरी साना के साथ शादी हो गई। मेरी सुहाग रात वाले दिन साना मेरी पत्नी के रूप में मेरे बेडरूम में बैठी हुई थी। जब मैं अपने बेडरूम का दरवाजा बंद करके रात को गया तो घूंघट उठाकर देखा तो साना अपने पूरे हुश्न के साथ बैठी थी उसकी और मेरी उम्र में 9 साल का अंतर था मैंने उसके साथ काफी बातें की और फिर मैंने उस को सुहाग रात मनाने के लिए पूछा तो साना ने कहा, अब आप की हूँ जो आपकी इच्छा होगी वही मेरी इच्छा होगी। फिर मैंने और साना ने अपने कपड़े उतार दिए और पूर्ण नग्न हो गए
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10-10-2018, 01:44 PM,
#44
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
जब मेरी नज़र पहली बार साना की योनी पर गई तो मैं हैरान हो गया उसकी योनी का छोटा सा छेद था और उसकी योनी के होंठ आपस में इस तरह बंद थे जैसे मुट्ठी बंद होती है और साफ सुथरी बालों से रहित योनी थी। जब मैंने साना को देखा तो वह फटी फटी आँखों से मेरे लंड को देख रही थी जो काफी हद तक खड़ा हुआ था। मैंने साना को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके नरम गुलाबी होठों को अपने मुँह में लेकर उनका रस पीने लगा और काफी देर तक साना के गुलाबी होठों का रस पीता रहा फिर मैंने उसके कान में कहा साना मेरी जान डरने की जरूरत नहीं है ये तुम्हे ज़्यादा तंग नहीं करेगा मैं अपनी जान को बहुत ही प्यार से करूँगा वह शरमा कर मेरे गले लग गई। फिर मैंने पूछा साना तुमने इस्लामाबाद वाली बात किसी को आज तक बताई तो नहीं है साना ने कहा नहीं मैंने किसी को भी नहीं बताई मुझे अपना वादा याद है। तो मैंने कहा अच्छा है। फिर मैंने कहा साना उस लड़के का मुँह में लिया था तो कहती है जी काफी बार लिया था मैंने कहा अब क्या विचार है मेरे लंड को भी मुँह में लोगी और इसे तैयार करोगी तो साना ने शर्मा कर हाँ में सर हिला दिया। फिर मैं पैर सीधे करके बैठ गया साना ने आगे होकर मेरे लंड को अपने नरम मुलायम हाथों में पकड़ लिया और फिर धीरे धीरे सहलाने लगी और धीमी आवाज में बोली आप का तो बहुत मोटा और लंबा है। 

मैंने कहा हां जान यह सब तुम्हारा है शुरू शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन बाद में तुम्हें मजा भी बहुत देगा तो साना ने मेरे लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और चुसाइ लगाने लगी कुछ देर मेरे लंड के टोपे की चुसाइ लगाती रही फिर धीरे धीरे लंड अंदर लेने लगी उसका मुंह छोटा था इसलिए आधे से भी कम लंड मुंह में ले पाई और फिर लंड मुंह के अंदर बाहर करने लगी कभी लंड पर अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगी लगभग 5 मिनट बाद मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया। फिर मैंने साना को कहा साना तुम लेट जाओ। मैं बेड से उठा ड्रेसिंग टेबल मे तेल रखा था उसे अपने लंड पर लगाकर अच्छी तरह गीला किया और कुछ साना की योनी में अच्छी तरह माल दिया और तेल की बोतल को एक तरफ रख कर फिर साना के पैरों के बीच आ गया और उसके पैरों को खोलकर अपने लंड के टोपे को साना की योनी के लबों को खोल कर सेट किया और हल्का सा धक्का दिया तो लंड फिसल गया अंदर नहीं गया तो मैंने एक हाथ से योनी के लबों को खोला और दूसरे हाथ से लंड सेट करके लंड के टोपे को अंदर दबाने लगा अब मेरा लंड योनी के अंदर जाने लगा साना का पूरा शरीर कांप रहा था और जब मेरे लंड का टोपा पूरा अन्दर कर दिया तो साना को देखा तो उसकी आंखों में आंसू थे और दर्द साफ नजर आ रहा था। मुझे विश्वास हो गया था कि साना बिल्कुल कुंवारी है और मुझे उस पर तरस आ रहा था।

फिर मैं कुछ देर रुक कर लंड बहुत ही आराम से अंदर करने लगा मेरा लंड 2 इंच के करीब अंदर जब चला गया तो साना ने अपने शरीर को कस लिया और दर्द से उसका बुरा हाल हो रहा था। और आंसू निकल रहे थे। फिर मैं कुछ देर रुक गया और जब साना को थोड़ी राहत महसूस हुई तो मैंने फिर लंड को अंदर शुरू कर दिया कुछ ही देर में मेरा आधे से थोड़ा अधिक लंड अंदर जा चुका था और साना के मुंह से एक दर्दभरी आवाज निकल रही थी हाईईईईईईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई जी मरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गई। और मुझसे कह रही थी बस करें मैं मर जाऊँगी। मैं अब की बार फिर रुक गया और कुछ देर ऐसे ही रहा तो मैंने जितना लंड अंदर कर दिया था फिर उसे वहां तक ही आराम से अंदर बाहर करने लगा लेकिन साना का दर्द से बुरा हाल था मैंने नीचे बेड की चादर देखी जिस पर साना का काफी खून लगा हुआ था। 5 से 7 मिनट तक मैं आधा लंड ही अंदर बाहर कर साना को चोदता रहा साना को दाद काफी अधिक हो रहा था लेकिन अभी भी वह मुझे रोक नहीं रही थी। जब काफी देर मेरा लंड अंदर बाहर होता रहा तो मुझे लगा अब शायद साना को भी तकलीफ कम महसूस हो रही है।


मैंने अपनी स्पीड को तेज कर दिया और इस दौरान मैंने एक जोरदार झटका मार कर अपना पूरा लंड साना की योनी के अंदर उतार दिया। साना मुंह से एक जोरदार चीख निकली लेकिन मैंने उसी वक्त साना मुंह पर हाथ रख दिया नहीं तो उसकी चीख बाहर हर किसी ने सुन लेनी थी लेकिन उसकी चीख कमरे में गूंजी थी। लंड पूरा अन्दर कर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे देखा तो दर्द और आंसू उसकी आंखों से बह रहे थे। मैं उसे गाल पर होठों पर किस करता रहा लंड डालकर लगभग 10 मिनट तक लेटा रहा फिर जब साना ने रोना बंद कर दिया तो मैंने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया दर्द और पीड़ा साना के चेहरे से स्पष्ट था । फिर भी लंड को धीमी गति से अंदर बाहर करता रहा। साना की योनी बहुत टाइट थी। मेरा लंड साना की योनी की दीवारों को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था। साना आह आह आह की तकलीफ भरी आवाजें निकाल रही थी। फिर मेरा पूरा लंड काफी देर अंदर बाहर होने के कारण योनी के अंदर कुछ ना कुछ जगह बना चुका था। 

मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी। कोई 2 मिनट बाद ही साना का पूरा शरीर अकड़ने लगा और उसके मुँह से आईईईईईईईईई आह आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज निकालने लगी और फिर उसकी योनी से एक गर्म गर्म पानी का लावा योनी के अंदर ही छोड़ना शुरू कर दिया। जो मेरे लंड पर भी गिरता हुआ महसूस हो रहा था। अब साना का पानी निकलने से अंदर योनी में गीला पन बन चुका था अब लंड चिकना हो चुका था। मैं भी अब काफी थक चुका था मैंने अपनी पूरी ताकत इकट्ठा करके साना की योनी के अंदर धक्के पर धक्के लगाने शुरू कर दिए अब साना भी सिसकियां भर रही थी और अपने शरीर को थोड़ा हिला रही थी मेरे झटकों में तीव्रता आ गई थी साना ने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर कोपकड़लिया और मुझे अपनी ओर खींचने लगी। और फिर मेरे तूफानी झटकों ने साना की योनी को एक बार फिर निढाल कर दिया और उसने मेरी कमर को जोर पकड़ कर अपनी ओर खींचना शुरू शुरू कर दिया और 2 मिनट और चुदाई के बाद हम दोनों ने एक साथ फिर से पानी का लावा छोड़ दिया। 


मेरा लंड योनी के अंदर झटके खा रहा था। फिर मैं साना के ऊपर ही गिर गया और हाँफने लगा और वो भी मेरे नीचे बुरी तरह हाँफ़ रही थी। काफी देर बाद जाकर उसकी और मेरी सांसें बहाल हुई फिर जब मैं उठकर बाथरूम जाने लगा तो साना ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली मुझ से चला नहीं जाएगा आप मुझे भी उठा कर ले चलें . मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा मैंने उसे नंगा ही अपनी बाहों में उठा लिया और बाथरूम में ले आया और पहले अपने लंड की सफाई की मुंह हाथ धोया फिर साना की योनी को गर्म पानी और रूई से साफ किया और फिर हम दोनों ने शावर के नीचे नहा भी लिया। फिर मैं उसे उठाकर बाहर बेड पर ले आया और अलमारी से एक पेन किलर क्रीम निकाल कर उसकी योनी की मालिश कर दिया और फिर मैं और वह नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए। 

आज 6 महीने हो गए हैं साना मेरी पत्नी मेरे और मेरे बच्चे को अपनी जान से ज्यादा ध्यान रखती है . नबीला और जमीला बाजी के साथ चाची के साथ मेरा रिश्ता अब तक चल रहा है। नबीला के शौहर की नौकरी दुबई में हो गई और वो वहां जाने के 2 महीने के बाद अपनी पत्नी मतलब मेरे बहन नबीला को भी साथ ले गया। अब नबीला के जाने के बाद मैं चाची के पास चला जाता हूँ और बाजी जमीला से भी मेरा रिश्ता है . साना को चाची का नबीला का और जमीला बाजी कभी पता नहीं चल सका और नबीला को मेरा और जमीला बाजी का भी कभी नहीं पता चल सका। इस तरह मैं अपने जीवन में खुश हूँ मेरा एक बेटा है और साना भी प्रेगनेंट हो चुकी है और कुछ महीने बाद वह भी मुझे सुसमाचार देगी। । । तो दोस्तो ये कहानी भी अपने अपने अंजाम तक पहुँच चुकी है अब इस कहानी को ज़्यादा खींच कर इस कहानी के साथ न्याय नही कर पाउन्गा . जल्द ही एक और नई कहानी के साथ हाजिर हो जाउन्गा आपका दोस्त राज शर्मा





समाप्त
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