Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
10-10-2018, 01:41 PM,
#31
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
दूध गुनगुना था। मैंने 5 मिनट के अंदर ही गिलास खाली कर दिया और चाची ने गिलास मेरे हाथ से लेकर एक साइड पे रख दिया। और घड़ी में समय देख कर बोली बेटा क्या लगता है अंतिम बार एक राउंड लगा लें 2 बज गए हैं तो सोना भी है तुम्हें सुबह घर को बेचने के लिए भागदौड़ भी करनी है और यह बोलकर ही चाची ने अपना मुँह आगे करके मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसकी टोपी पर अपनी जीभ गोल गोल घुमा ने लगी। फिर धीरे धीरे लंड मुंह में ले लिया और बड़ी ही गर्मजोशी के साथ मेरे लंड की चुसाइ करने लगी और लगभग 5 मिनट बाद ही मेरा लंड फिर तन कर खड़ा हो गया था। चाची ने अपने मुंह से मेरा लंड निकाला और बोली बेटा कैसे करना है। मैंने कहा चाची तेल की जरूरत होगी तो चाची ने कहा वसीम पुत्तर चिंता मत कर तेल की जरूरत नहीं है तेरे जितना लंबा लंड कई बार गाण्ड में ले चुकी हूँ ज़्यादा प्रॉब्लम नहीं होगी तेरा थोड़ा मोटा लंड है तो थोड़ा थूक लगा लेना और अंदर कर देना। मैंने कहा ठीक है चाची जान जैसे आप चाहें तो इस तरह करें बेड से उतर कर दीवार के साथ मुँह करके खड़ी हो जाएं और अपनी टांगों को थोड़ा खोल लें। मैं पीछे से लंड अंदर डालता हूँ . 

चाची मेरे बात सुनकर दीवार के पास जाकर दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई और नीचे से अपनी टाँगें भी खोल लीं मैं उनके पैरों के बीच में आसानी से खड़ा हो सकता था और मैं उनके पैरों के बीच खड़ा हो गया और पहले अपने लंड पे थूक लगा कर उसे गीला किया और फिर चाची गाण्ड के छेद पे भी थोड़ा सा थूक लगा दिया . चाची के पैर खुलने की वजह से उनकी गाण्ड काफी हद तक मेरे लंड के सामने आ गई थी। चाची की गान्ड का सराख खुला हुआ था और ब्राउन रंग का था। मैंने अपना लंड पकड़ कर चाची गाण्ड के छेद पे सेट किया मेरे लंड काफी ज़्यादा थूक लगा हुआ था अब लंड चाची की गाण्ड के मुँह में सेट ही हुआ था कि चाची ने अपनी गाण्ड को पीछे की ओर झटका मारा मेरा आधा लंड टोपी समेत चाची की गाण्ड के अंदर पिच की आवाज से घुस गया। चाची के मुंह से एक मस्ती भरी आवाज़ आई हॅयायियी वसीम पुत्तर तेरे लंड ने मेरी गाण्ड विच ठंड पा देती वसीम पुत्तर अब धीरे धीरे अंदर ज़ोर लगाओ। 


मैं चाची की बात सुनकर लंड और ज़्यादा अंदर करने लगा चाची के मुंह से सुख भरी आवाज़ निकल रही थी आह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्हआह। और मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर ही अंदर करता जा रहा था फिर जब मेरा लंड लगभग 2 इंच तक बाहर रह गया तो मैंने एक जोरदार झटका मार कर लंड एक ही बार में पूरा अन्दर कर दिया चाची मुंह से आवाज आई हाईईईईईईई हूओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वसीम पुत्तर अपनी चाची नूं मार दित्ता ई। फिर मैं कुछ देर ऐसे ही लंड पूरा अन्दर डाल कर खड़ा रहा फिर मैं चाची के कहे बिना ही लंड को धीरे धीरे गति देना शुरू कर दिया और लंड गाण्ड के अन्दर बाहर करने लगा चाची की गाण्ड की ग्रिप मेरे लंड के ऊपर काफी ज़यादा टाइट थी। लंड चाची की गाण्ड की दीवारों को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था मुझे भी एक अनोखा मज़ा आ रहा था लगभग 5 मिनट तक लंड अंदर बाहर करते हुए मेरा लंड चाची की गाण्ड में एडजस्ट हो चुका था तो मैंने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया अब मेरे तेज तेज झटकों से मेरा और चाची का शरीर आपस में बुरी तरह टकरा रहा था और धुप्प धुप्प की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। और चाची की सुख भरी सिसकियाँ भी पूरे कमरे में गूंज रही थीं ऐसा लग रहा था जैसे कोई मस्त सेक्स फिल्म चल रही है। फिर एकाएक मेरे झटकों में बहुत ज़्यादा तेजी आ गई थी चाची ने भी महसूस कर लिया था। चाची अपना एक हाथ नीचे करके योनी के अंदर उंगली डाल कर तेजी के साथ अंदर बाहर कर रही थी। 


और फिर खड़ा हो कर चोदने में मेरी टांगों की हिम्मत समाप्त होती जा रही थी और लंड में भी अच्छी खासी हलचल मच चुकी थी फिर अंतिम 2 मिनट मैंने अपनी पूरी ताकत के साथ चाची गांड में लंड के धक्के मारे और फिर आखिरकार गाण्ड के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया चाची का शरीर भी बुरी तरह कांप रहा था। क्योंकि उनकी योनी ने भी बहुत ज़्यादा पानी छोड़ दिया था जो उनकी योनी से रिस रिस कर मेरे पैरों से होता हुआ नीचे गिर रहा था जब मेरे लंड ने मेरे वीर्य का एक एक कतरा भी निकाल दिया तो मैने अपना लंड खींच कर बाहर निकाल लिया और पीछे होकर बेड पे लेट गया। चाची बाथरूम चली गई। और लगभग 20 मिनट बाद बाथरूम से निकल कर बेड पे आकर लेट गई। फिर मैं उठा और बाथरूम में जाकर अपने लंड और अपने शरीर को साफ किया और मुंह हाथ धोकर कमरे में आकर बेड पे चाची के साथ लेट गया और फिर मैं और चाची नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए। 

अगले दिन सुबह जब मैं सो कर उठा तो बेड पर नजर मारी तो चाची वहां पर नहीं थी। मैंने मोबाइल उठाकर समय देखा तो सुबह के 9 बज रहे थे। मैं तो नंगा ही था और फिर बेड से उठा और अपनी सलवार और बनियान उठाई और बाथरूम में घुस गया और लगभग आधे घंटे बाद नहा धोकर फ्रेश हुआ और बाथरूम ने बाहर निकलकर चाची कमरे में रखे हुए ड्रेसिंग टेबल पर ही खड़ा होकर अपने बालों में कंघी की और फिर अपनी शर्ट पहनी और कमरे से निकल आया और आकर टीवी लाउंज में बैठ गया। चाची किचन में कुछ पका रही थी जब उनकी नजर खिड़की से मेरी ओर पड़ी तो मुझे एक मस्त सी मुस्कान दी और बोली मेरा बेटा उठ गया है। तो मैंने कहा जी चाची और फिर मैंने टीवी लगा लिया लगभग 20 मिनट के बाद चाची नाश्ता बनाकर वहां ही ले आई और फिर हम दोनों बैठकर नाश्ता करने लगे और नाश्ते के दौरान चाची ने पूछा बेटा अब अगला क्या इरादा है। तो मैंने कहा चाची जी आज आपके मकान के सौदे के लिए भाग दौड़ करूँगा और आज मकान का फाइनल करके आज रात इस्लामाबाद जाऊंगा और वहां पे अपना काम निपटा कर वापस मुल्तान चला जाऊँगा तुम मेरे मुल्तान जाने के 2 दिन बाद ज़ुबैदा को फोन करके बता देना है। 


चाची ने कहा बेटा आज की रात क्यों रुक नहीं जाते आज रात एक और यादगार रात बना लेते हैं मेरे शरीर में तो रात वाला ही नशा खत्म नहीं हो रहा है। तो मैं चाची बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बोला चाची जी मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है लेकिन मजबूरी है मुझे कल इस्लामाबाद जाना है। और वैसे भी अब जब आप मुल्तान आ जाओगी तो हर रात ही यादगार बना दूँगा। चाची मेरी बात सुनकर खिल उठी। और फिर मैंने अपना नाश्ता खत्म किया और चाची बर्तन उठा कर किचन में रखने लगी। फिर मैं वहाँ से उठा और अपने बैग से कपड़े निकाल कर बदल लिए और चाची को बोला- मैं बाहर जा रहा हूँ। मुझे देर हो जाएगी। में मकान के काम के लिए ही जा रहा हूँ। और फिर मैं घर से निकल आया और मोहल्ले से बाहर निकल कर बाजार में आ गया पहले तो मैंने बाजार के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक चक्कर लगाया और चेक करने लगा कहाँ कहाँ प्रॉपर्टी वालों के कार्यालय हैं। चक्कर लगाकर देखा तो कल 5 कार्यालय थे। पहले वाले कार्यालय में चला गया वहां पर उसको अपना बता दिया मैं किस घर से आया हूँ वह मेरे चाचा को जानता था और समझ गया और बोला मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ। मैंने उसे मकान का बता दिया तो वह कुछ देर सोचता रहा फिर बोला वैसे तो जल्दी में मकान का ठीक रेट नहीं मिलेगा लेकिन एक पार्टी है उससे शाम को बात करके बता दूँगा और अगर उनका मूड हुआ तो मैं आपकी मुलाकात करवा दूंगा। 
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10-10-2018, 01:41 PM,
#32
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैं उस से अनुमति लेकर कार्यालय से बाहर निकल आया और फिर अगले कार्यालय की ओर चल पड़ा मैंने अगले 2 कार्यालय के बाहर जाकर अंदर का अनुमान लगाया तो मुझे कोई ढंग का बंदा नजर नहीं आया। जब बाजार के अंत में स्थित कार्यालय के पास गया तो अंदर देखा तो एक सफेद दाढ़ी वाला बंदा बैठा अखबार पढ़ रहा था। मैं अंदर चला गया और उसे सलाम किया तो उसने अखबार नज़र हटाकर मुझे देखा और सलाम का जवाब दिया और बोला जी बेटा मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ। तो मैं वहां पर रखी कुर्सी पर बैठ गया और उसे पहले अपना बताया कि मैं किस मकान से आया हूँ। वह बंदा मुझे गौर से देखने लगा और मेरे चाचा का नाम लेकर बोला आप उनके क्या लगते हो तो मैं भी थोड़ा हैरान हुआ और बोला वो मेरे चाचा जी हैं उसने आगे होकर मेरे सिर पर हाथ फेरा और बोला- बेटा तुम्हारा चाचा महान और ईमानदार आदमी था मेरा यार था और अक्सर घर में जब उसका मन नहीं लगता था तो मेरे पास आ जाता था मैं उससे उसकी चिंता के बारे में पूछता रहता था लेकिन उसने कभी भी अपनी समस्या के बारे मे नहीं बताया लेकिन मैं जानता था वह अंदर से खुश नहीं रहता था। लेकिन मेरे बार बार पूछने के बावजूद भी उसने कुछ नहीं बताया और फिर एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर चला गया। और बेटा तुम्हें पता है जिस मकान में तुम्हारा चाचा रहता था वह मैंने ही लेकर दिया था तब से तुम्हारा चाचा मेरा यार था।


मैंने कहा बस में भी अपने चाचा की परेशानी को हल करने के लिए मुल्तान से लाहौर आया हूँ वास्तव में मैं अपने चाचा के परिवार को यहां से वापस लेकर मुल्तान जाना चाहता हूँ इसलिए यह वाला मकान हमें बेचना है। अगर आज आप फिर मदद कर दें तो बहुत कृपा होगी। तो उस बुजुर्ग ने कहा बेटा तुम चिंता क्यों करते हो। अपने दोस्त काम का नहीं करेंगे तो किसका करेंगे . तुम बताओ कब बेचना चाहते हो तो मैं ने कहा मैं आज रात को जरूरी काम से इस्लामाबाद जा रहा हूँ आप जितना जल्दी जल्दी हो सके तो यह काम करवा दें तो समस्या हल हो जाएगा। तो उस बुजुर्ग ने कहा बेटा आज ही 1 या 2 पार्टी से बात करता हूँ तुम अभी इस्लामाबाद चले जाओ मैं अपने दोस्त के घर का अच्छा सा सौदा करवा दूंगा जिससे आपके परिवार को फायदा हो सके तुम बेफिक्र हो जाओ । 


मैंने उस आदमी को अपना नंबर दे दिया और बोला जिस दिन भी कोई पार्टी मिल जाए और सौदा पक्का हो जाए तो मुझे कागजी कार्यवाही के कॉल करें मैं उसी दिन ही यहां आ जाऊँगा। लेकिन कोशिश कर के यह काम 1 सप्ताह के भीतर करवा दें। तो बुजुर्ग आदमी ने कहा बेटा तुम बेफिक्र हो जाओ। मैं करवा दूंगा और तुम्हें भी कॉल कर दूंगा। फिर कुछ देर और बैठ कर वापस आ गया और कार्यालय से बाहर निकल कर मैंने अपने इस्लामाबाद वाले दोस्त को कॉल किया और उसे बता दिया सुबह ट्रेन से इस्लामाबाद आ रहा हूँ तुम मुझे वहाँ से पिक करवा लेना और उससे कहा मुझे तुम्हारा कुछ खाली समय चाहिए मुझे आपसे बहुत जरूरी बातें करनी हैं। तो उसने कहा कोई समस्या नहीं है तुम कल आ जाओ मैं कल अपने कार्यालय नहीं जाऊँगा और सारा दिन तुम्हारे साथ ही रहूंगा तब तुम अपनी समस्या भी बता देना और मैं तुम्हें साना की भी बात आराम से समझा दूंगा। फिर मैं अपने दोस्त से संतुष्ट होकर कुछ देर घूमने के लिए लाहौर शहर की ओर चला गया और घूमता रहा और लगभग 3 बजे के करीब थक सा गया और फिर रिक्शे पर बैठकर वापस घर आ गया और आकर चाची ने दरवाजा खोला घर में दाख़िल हो कर बाथरूम चला गया और नहा धो कर बाहर आया तो चाची ने खाना लगा दिया था मैं और चाची खाना खाने लगे तो चाची ने कहा इतनी देर क्यों लगा दी

मैंने झूठ बोला दिया बस मकान के सौदे के लिए आगे पीछे भागदौड़ में समय का पता ही नहीं चला और फिर चाची को उस बुजुर्ग प्रॉपर्टी वाले की बातें बताईं तो चाची भी संतुष्ट हो गई थी। फिर खाना खाकर मुझे कुछ थकावट सी महसूस हो रही थी मैं चाची को कहा में कुछ देर आराम करूँगा थोड़ा थक गया हूँ और आज रात 8 बजे मुझे निकलना भी है। और यह बोलकर चाची वाले कमरे में आ गया और बेड पर लेट गया और पता ही नहीं चला कब सो गया तरीबन 6: 30 पर मुझे चाची ने जगा दिया और बोली बेटा उठो और नहा धोकर तैयार हो जाओ समय थोड़ा है तुम्हारी ट्रेन निकल जाएगी। मैने घड़ी में समय देखा और फिर उठकर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा और नहा धोकर फ्रेश हो गया चाची ने मेरे कपड़े तैयार करके बाहर बेडरूम में बेड पर रख दिए थे मैंने तौलिया बाँधा हुआ था और मैने बाहर आकर कपड़े पहन लिए और बन संवर कर कमरे से निकलकर टीवी लाउंज में आ गया 5 मिनट बाद ही चाची चाय लेकर आ गई और मैंने चाय पी और घड़ी में टाइम देखा तो 7 10 हो रहे थे तो अपना बैग लिया और चाची से अनुमति लेकर घर से निकल आया और स्टेशन की ओर आ गया स्टेशन पर आकर समय देखा तो अभी 10 मिनट बाकी थे। फिर मैंने टिकट लिया और ट्रेन में सवार हो गया ट्रेन अपने वक्त पर चल पड़ी। मैं भी अपना बैग रख कर अपनी सीट पर बैठ गया और बाहर देखने लगा। 


लगभग 10 बजे नींद मुझे फिर आ गई और मैं सो गया। मुझे बड़ी ही मजे की नींद आई और लगभग सुबह 4 बाज रहे थे जब मेरी आँख खुली तो मैं अपनी सीट से उठकर ट्रेन के बाथरूम में गया मुंह हाथ धोकर फिर कुछ देर बाद आकर सीट पर बैठ गया। लगभग 5 बजे के करीब ट्रेन रावलपिंडी स्टेशन पहुंच गई और मैं भी ट्रेन से बाहर निकल आया अब मैं ट्रेन से उतर कर स्टेशन पर ही चल कर बाहर आ रहा था मेरा मोबाइल बजने लगा मैंने फोन सुना तो आगे से किसी बंदे ने कहा सर आप कहाँ मैं आप को लेने के लिए आया हूँ उसने मुझे मेरे दोस्त का नाम बताया और कहा उन्होंने आपको लाने के लिए भेजा है। फिर उसने स्टेशन से बाहर निकल कर पार्किंग में खड़ी अपनी जगह और अपना हुलिया बताया और मैं उसे खोजता हुआ उसके पास आ गया वह भी शायद मुझे देखकर समझ गया था वह मेरे दोस्त का ड्राइवर था यह एक सरकारी मुलाज़िम था मैं उसके साथ बैठ गया और फिर वह मुझे लेकर मेरे दोस्त के घर ले आया जब मैं अपने दोस्त के घर पहुंचा तो 6 बज चुके थे। मेरा दोस्त भी उठ चुका था और मुझे बाहर आकर मिला और फिर मुझे घर ले गया 

उसकी पत्नी भी उठी हुई थी मैंने उन्हें सलाम किया और फिर मेरा दोस्त बोला तुम एक कमरे में जाकर आराम कर लो 9 बजे तक एक छोटा सा काम निपटा कर वापस आता हूँ फिर वापस आकर दोनों नाश्ता करते हैं और अपने नौकर को बोला मुझे कमरे में ले जाए। नौकर मुझे एक कमरे में ले गया जो बहुत अच्छा बना हुआ था डबल बेड लगा यह एक सरकारी घर था जो मेरे दोस्त को सरकार की ओर से मिला हुआ था। फिर मैंने बैग रखा और बेड पर लेट गया मैंने अपने मोबाइल पर 8: 30 अलार्म लगा दिया और सो गया फिर जब मेरा अलार्म बजा तो मैं उठ गया और बाथरूम भी अटैच था उसमें घुस गया और नहा धोकर फ्रेश हो गया और फिर बाहर निकल कर बेडरूम में बैठा समय देखा तो 9 होने में 10 मिनट बाकी थे। मैंने दीवार पर लगी एलसीडी को चालू कर दिया और देखने लगा लगभग 9:20 पर नौकर आया और बोला सर आप को सर नाश्ते पर बुला रहे हैं। मैंने एलसीडी को बंद किया और उसके साथ नाश्ते की टेबल पर आकर बैठ गया मेरा दोस्त और उसकी पत्नी वहां ही बैठे थे तो मैंने नाश्ता किया और लगभग 10 बजे के करीब मेरा दोस्त अपनी पत्नी से बोला मैं अपने दोस्त के साथ थोड़ा बाहर जा रहा हूँ थोड़ी देर हो जाएगी तुम बाजार चली जाना ड्राइवर के साथ और फिर यह बोलकर मुझे लिया और मैं और वह उसकी निजी कार मे बैठ कर बाहर निकल आए . 


वह मुझे इस्लामाबाद के पहाड़ी क्षेत्र की ओर ले गया फिर एक जगह पर कार खड़ी की और मुझे एक मोबाइल दिया और बोला यह मोबाइल साना का है मैंने अभी तक इस मोबाइल को ऑन करके देखा भी नहीं है। लेकिन मुझे साना के छात्रावास के वार्डन ने जो कुछ कहा वह मेरे लिए बहुत तकलीफ़ वाला था। अब तुम इस मोबाइल को चालू करो और देखो और फिर खुद ही तय कर लो क्या करना है। और मेरा दोस्त मोबाइल देकर गाड़ी से बाहर निकल गया वह थोड़ी दूर जाकर खड़ा हो गया और सिगरेट पीने लगा मैंने मोबाइल चालू किया और फिर उसे देखने लगा पहले नंबर चेक किए मुझे कोई चीज नजर नहीं आई मैंने उसकी मेमोरी ओपन की और उसकी फाइलों की जाँच की कुछ नजर नहीं आया वीडियो वाला ओपन किया वहाँ पर कुछ गाने पड़े थे फिर अंत में तस्वीरों वाला खोला तो जो पहली तस्वीर पर मेरी नज़र पड़ी मेरे तो पैर के नीचे से जान ही निकल गई। फिर मैंने एक एक करके सभी तस्वीरों को देखा तो जैसे-जैसे देखता गया मैं हैरान और परेशान होता गया। क्योंकि ये तस्वीरें सामान्य नहीं थीं वह साना की अपनी और कुछ उसके साथी किसी लड़के के साथ नग्न तस्वीरें थीं। कुछ तस्वीरों में साना अकेली नंगे होकर एक बेड पर बैठी हुई थी। और कुछ तस्वीरों में साना किसी लड़के की गोद में नंगी होकर बैठी हुई थी। और नीचे से वह लड़का भी नंगा था। एक तस्वीर में वह साना को फ्रेंच किस कर रहा था और हाथों से साना के गोल गोल गोरे गोरे मम्मे मसल रहा था। और एक तस्वीर में साना उस लड़के के लंड को हाथ में पकड़ कर मसल रही थी और दोनों फ्रेंच किस कर रहे थे। मेरा तो साना की तस्वीरें देखकर दिमाग़ भन्ना गया था। फिर कुछ देर देखता रहा और फिर मोबाइल को बंद करके अपनी जेब में रख लिया और कार से बाहर निकल आया। और अपने दोस्त के पास चला गया जिस जगह हम खड़े थे वहाँ दूर-दूर तक कोई बंदा या बंदे की जाति नही थी। मैं अपने दोस्त के पास गया तो उसने कहा यार विश्वास कर मैंने मोबाइल चालू करके नहीं देखा क्योंकि जो कुछ मुझे हॉस्टल के इनचार्ज ने बताया था मुझे मोबाइल ऑन कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी और सारी बात समझ गया था और बहुत परेशान हुआ। और मैंने अभी तक फिर से साना से मुलाकात नहीं की है और न ही उसे अभी तक पता है कि उसका मोबाइल मेरे पास है और मुझे सब कुछ पता लग चुका है। क्योंकि मैं अपने सामने उसे लज्जित नहीं देख सकता था। फिर मेरे दोस्त ने कहा यार तुम ने अब सब कुछ देख लिया है और समझ गए हो अब मुझे बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूँ। 
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10-10-2018, 01:41 PM,
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RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मुझे तो खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर कुछ देर चुप रहा और फिर मैंने अपने दोस्त से कहा यार साना यह काम उस लड़के के साथ कर चुकी है वह अपनी इज़्ज़त तो खराब कर चुकी है। इसका एक ही समाधान हो सकता है अगर साना और उस लड़के की आपस में शादी करवा दी जाए तो ही बदनामी से कम से कम बच पाएँगे तो मेरा दोस्त मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोला यार तू बहुत भोला है। तू जानता है वह लड़का किसका बेटा है। मैं अपने दोस्त की तरफ देखने लगा और फिर मेरे दोस्त ने कहा यार वह लड़का कोई साधारण घर का लड़का नहीं है उसका पिता एक सरकारी महकमे के बड़ा अधिकारी है उसकी पहुंच मुझसे भी बहुत ज़्यादा है और वह अपने बाप की बिगड़ी औलाद है। और वह लड़का तो बस साना के साथ अपना काम निकाल कर एक तरफ हो जाएगा उसने खुद ही शादी से इनकार कर देना है और अगर मैं अपनी स्थिति का उपयोग करके उसे कुछ करवाने की कोशिश करूँगा तो उसका पिता उसे एक घंटे में बाहर ले आएगा और लाभ कुछ भी नहीं होगा। इसलिए मेरे दोस्त कुछ और सोच जिससे यह समस्या भी हल हो जाय और बदनामी न हो। और फिर मेरा दोस्त मुझे लेकर कार में बैठ गया। 

मैंने अपने दिमाग पर जोर देना शुरू कर दिया और लगभग आधा घंटा कार में चुपचाप बैठ कर मैंने साना के बारे में सोच लिया था। मैंने अपने दोस्त को पहले ज़ुबैदा और उसकी माँ की सारी स्टोरी सुना दी और उस लड़के इमरान के बारे मे भी पूरा बता दिया मैंने यह नहीं बताया कि ज़ुबैदा मेरी पत्नी है बस यही कहा कि वो मेरी रिश्तेदार हैं। मेरी किस्मत अच्छी थी मेरा दोस्त मेरी शादी में भी नहीं आया था। मैंने अपने दोस्त को बता दिया कि मैं अभी अपने रिश्तेदारों को वापस मुल्तान ले जाना चाहता हूँ और मकान के सौदे का भी बता दिया और उसे इमरान का पक्का काम करने के लिए और वीडियो वाले सबूत के लिए भी बोल दिया। और यह भी कह दिया जब मेरी वह रिश्तेदार मुल्तान शिफ्ट हो जाएँगे तो साना को भी वापस मुल्तान ले जाऊंगा और वहां मुल्तान शहर में ही पढ़ाई के लिए भर्ती करा दूंगा। मेरा दोस्त मेरी सारी बात समझ गया था उसने कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला किया है तुमने साना को वापस ले जाओगे और उसमें ही हमारी बदनामी नहीं होगी और रही बात इस लड़के की तुम बेफिक्र हो जाओ उसकी ऐसी व्यवस्था करवा दूंगा अगर 12 या 14 साल पहले बाहर आया तो कहना और वह वीडियो वाला सबूत भी लेकर समाप्त करूंगा। और यह काम अगले सप्ताह में हो जाएगा। अब हम घर चलते हैं खाना खाकर ड्राइवर तुम्हें साना के हॉस्टल ले जाएगा तुम साना से मिल लेना और फिर आ जाना आगे तुम्हारी प्रॉब्लम के बारे में सोचते हैं कि क्या करना है। तो मैंने कहा यार मैं खाना खाकर साना से मिल लूँगा और फिर आज रात ही मुझे वापस मुल्तान जाना है। और हो सकता है अगले 2 या 3 दिन तक मुझे लाहौर जाना पड़े क्योंकि मुझे मकान का भी कुछ करवाना है। तो मेरा दोस्त बोला ठीक है यार जैसे तेरी इच्छा और फिर हम घर आ गए और दोपहर को खाना खाकर मैं साना के हॉस्टल चला गया और साना को जाकर मिला वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई। मैंने उसे थोड़ा सा भी शक नहीं होने दिया कि मुझे उसकी सारी बात पता चल चुकी है। और फिर मैं उसके साथ वहाँ लगभग 2 घंटे रहा मैंने एक बात नोट की कि साना को सऊदी जाने से पहले देखा था और आज फिर से देख रहा था। वो काफी हद तक बदल चुकी थी वह अब एक बच्ची से एक पूरी जवान लड़की बन चुकी थी उसका शरीर भी काफी भर चुका था उसके सीने के उभार काफी निकल आए थे और मैंने तस्वीर में देखा था उसके मम्मे गोल गोल और मोटे हो चुके थे। और उसका पेट भी एक दम स्लिम था और उसकी गांड भी काफी बाहर निकली नजर आ रही थी। मैं सोच रहा था उस लड़के ने पता नहीं कितनी बार इस फूल को कुचला होगी जिससे साना अब ऐसी दिखने लगी है। और फिर साना से मिलकर और कुछ पैसे देकर वापस अपने दोस्त के घर आ गया वह घर पर ही था शाम तक यही बातें होती रहीं उसने बताया मैं आज ही लाहौर फोन करके उस लड़के इमरान की जांच करने के लिए एक बंदे की ड्यूटी लगा दी है और आज रात तक यह पता चल जाएगा। और एक ही हफ्ते में सारी व्यवस्था भी होगी।

फिर मैंने अपने सामान लिया और अपने दोस्त से अनुमति ली और उसका ड्राइवर मुझे स्टेशन छोड़ने आया और फिर रात 11 बजे वाली कराची वाली ट्रेन में सवार हो गया और अपने घर अगले दिन दोपहर 3 बजे वापस मुल्तान आ गया। 


मैंने रावलपिंडी ट्रेन में बैठ कर ही चाची को बता दिया था कि काम हो गया है। और मैं आज रात वापस जा रहा हूँ कल दिन में घर पहुँच जाऊँगा। चाची भी यह सुनकर खुश हो गई थी। अगले दिन 3 बजे जब घर पहुंचकर सबसे अभिवादन करके फिर कुछ देर आराम करने के लिए अपने कमरे में चला गया। रात का खाना आदि खाकर सो गया ज़ुबैदा का चुदाई का मूड था लेकिन मैंने उसे थकान का बोलकर टाल दिया और सो गया और अगला दिन भी ऐसे ही बीत गया और उस रात भी ज़ुबैदा या नबीला के साथ कुछ नही हुआ एक बात थी कि नबीला मुझे घर में देखकर खुश हो गई थी। और मेरे आगे पीछे शायद किसी बात के लिए अवसर देख रही थी। लेकिन शायद उसे उचित मौका नहीं मिल रहा था। फिर वह दिन भी यूं ही बीत गया। मुझे घर आए आज 2 दिन हो गए थे। और अगले दिन शाम को मौसम अच्छा था तो मैं छत पर टहलने के लिए चला गया। अभी मुझे छत पर आए 15 मिनट ही हुए थे तो ज़ुबैदा नीचे से ऊपर छत पर भागती हुई आ गई उसका सांस फूला हुआ था वह भागती हुई आई और मेरे सीने से लग गई और कुछ देर तक तो चुप रही जब उसकी कुछ सांस बहाल हुई तो वो मेरी आँखों में देखकर बोली वसीम आज मैं बहुत खुश हूँ आज मुझे बहुत बड़ी खुशखबरी मिली है और वो तुम्हें ही पहले सुनाना चाहती हूँ तो मैंने थोड़ा हैरान होकर उसे सवालिया नज़रों से देखा तो वह बोली आपको पता है मेरे पास अभी थोड़ी देर पहले अम्मी का लाहौर से फोन आया है वह कहती हैं मैं अब लाहौर में नहीं रह सकती मेरा अकेले यहाँ दिल नहीं लगता है और मैं अब वापस गांव आ जाना चाहती हूँ तुम सब के साथ रहना चाहती हूँ।


मुझे तो यह बात पहले से ही पता था लेकिन ज़ुबैदा को किसी भी शक में नहीं डालना चाहता था। इसलिए उसकी बात सुनकर अपना मूड काफी अच्छा कर लिया और खुशी प्रकट करने लगा और उससे कहा यह तो बहुत अच्छी बात है चाची वापस गांव आना चाहती है। और अब्बा जी तो पहले भी चाचा के लाहौर जाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन चलो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब खुशी की बात है चाची वापस अपने गांव आना चाहती है। फिर ज़ुबैदा ने कहा वसीम अम्मी कह रही थी वसीम को 1 या 2 दिन में लाहौर भेज दो ताकि मैं मकान बेचकर अपना सामान लेकर वापस मुल्तान आ जाऊं तो मैंने कहा ठीक है मुझे कोई समस्या नहीं है कल या परसों तक चला जाता हूँ। और फिर ज़ुबैदा भागकर नीचे जाने लगी और कहने लगी अम्मी जी मतलब मेरी अम्मी को बता देती हूँ। और नीचे चली गई मैं भी उसके पीछे नीचे उतरकर आ गया अम्मी बाहर आंगन में ही थीं ज़ुबैदा जाकर उनके गले लग गई और उन्हें अपनी अम्मी की वापसी के बारे मे बताने लगी 

नबीला किचन में चाय बना रही थी उसने थोड़ा पीछे हट कर बाहर देखा और फिर ज़ुबैदा की बात सुनकर मेरी ओर देखा तो मैंने इशारे से उसे सब ठीक है बता दिया वो भी संतुष्ट हो गई। मेरी अम्मी भी ज़ुबैदा की बात सुनकर खुश हो गई और प्रार्थना करने लगी। फिर नबीला चाय लेकर आ गई। हम सब ने मिलकर चाय पी और फिर समय देखा तो शाम के 6 बज रहे थे। ज़ुबैदा ने कहा मैं आज बहुत खुश हूँ मैं आज वसीम को उसकी पसंद की बिरयानी और खीर बनाउन्गी और नबीला को कहा आज तुम आराम करो मैं रसोई का साराकाम खुद करूँगी नबीला भी उसकी बात सुनकर हैरान हुई। फिर ज़ुबैदा किचन में घुस गई और नबीला बाहर अम्मी के साथ ही बैठ कर बातें करने लगी कुछ देर बैठ कर फिर मैं उठकर अपने कमरे में चला गया। लगभग 1 घंटे बाद नबीला मेरे कमरे में आ गई और आकर मेरे साथ बेड पर बैठ गई। और मुझे सवालिया नज़रों से देखने लगी। मैंने इसे लाहौर वाली चाची और अपनी पूरी स्टोरी सुना दी मैंने नबीला को साना की कोई बात अभी नहीं बताई थी


फिर नबीला ने कहा भाई इसका मतलब है ज़ुबैदा और चाची की उस लड़के से जान छूट जाएगी और आप को अपनी पत्नी और चाची दोनों का मज़ा मिला करेगा। तो मैंने आगे होकर नबीला के होठों पर एक फ्रेंच किस की और कहा नबीला तुम और बाजी जमीला मेरी जान हो तुम दोनों से बढ़कर कोई नहीं है और जो सुख और आराम तुम ने दिया है वह तो आज तक मुझे ज़ुबैदा से नहीं मिल सका इसलिए ज़ुबैदा की अपनी स्थिति है तुम्हारी अलग है और तुम मुझे अधिक प्रिय और प्यारी हो। नबीला मेरी बात सुन कर खुशी से लाल लाल हो गई। और मेरे गले लग गई और धीरे से मेरे कान में कहा भाई आज मेरा आखिरी दिन चल रहा है कल तैयार रहना मुझे तुमसे मिलना है। और आप को एक खुश खबरी भी सुनानी है। फिर वह उठ कर बाहर चली गई। मैं टीवी देखने लगा और फिर रात का भोजन कर के अपने कमरे में लेटा हुआ था तो 10 बजे ज़ुबैदा घर के सब काम निपटा कर कमरे में आ गई और मुझे पता था वह खुश भी है और वह 2 दिन से मेरे साथ चुदाई करने के मूड में थी। लेकिन आज नबीला ने भी कहा था कल वह भी तैयार है। खैर मैंने ज़ुबैदा को नाराज न करते हुए एक बार जमकर चोदा और फिर उसे थकावट का कहकर सो गया। 


अगले दिन सुबह नहा धोकर अपने ही कमरे में बैठा टीवी देख रहा था 11 बजे का समय होगा नबीला मेरे कमरे में आ गई और बोली- भाई आज अम्मी और ज़ुबैदा को खाना खाने के बाद बुआ के घर जाना है उन्हें 1 घंटे का समय वापस आने में लगेगा इसलिए आप तैयार रहना आज मुझे आप से मज़ा लेना है नबीला की बात मैं सुनकर मुस्कुरा पड़ा और कहा ठीक है मेरी जान और फिर वह चली गई। दिन के 2 बजे के करीब खाना खाकर अम्मी ने कहा बेटा मुझे आज तेरी फूफो की तरफ जाना है बहुत दिन हो गए हैं चक्कर नहीं लगा सकी सोचा आज चक्कर लगा लूँ तो मैंने कहा ठीक है अम्मी जी आप बेफिक्र हो जाएं । और फिर ज़ुबैदा और अम्मी चली गईं और मैं अपने कमरे में आ गया और अम्मी और ज़ुबैदा जाने के 10 मिनट बाद ही नबीला मेरे कमरे में आ गई और मैं यह देखकर हैरान हुआ वह अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे कमरे में नग्न हो कर आई थी और आते ही कमरे का दरवाजा बंद किया और झट से मेरे साथ आकर चिपक गई। और बोली भाई 1 सप्ताह आप के बिना पता नहीं कैसे निकाला है मुझे तो बस आप का नशा हो गया है। मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा तो वह फिर बेड पर उठ कर बैठ गई और बोली- भाई मुझे मज़ा नहीं आ रहा है आप अपने कपड़े उतार दें और जल्दी से और मेरी तरह नग्न हो जाओ मैंने उठकर अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा होकर बेड पर टेक लगाकर बैठ गया नबीला फिर मेरे साथ चिपक गई और एक हाथ से मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी और एक हाथ से मेरे लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी और बोली भाई आपको पता है। आपके लिए बहुत अच्छी खुशखबरी है। तो मैंने कहा हां तुमने बताया था लेकिन अब सुना भी दो। तो कहने लगी जब आप लाहौर गए थे तो मैं 2 बार बाजी जमीला के घर गई थी और वहाँ एक बात अच्छी हुई कि शाजिया बाजी नहीं मिली उनका पति उन्हें मना कर घर ले गया है। और मुझे उम्मीद है वह अब ज़्यादा अपने घर में ही रहा करेगी। तो मैंने कहा नबीला यह तो अच्छी बात है। अब जमीला बाजी को घर में भी कुछ आराम हो जाएगा और जफर भाई भी काफ़ी समय देंगे। 
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10-10-2018, 01:41 PM,
#34
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
नबीला ने कहा हां भाई ये तो बात ठीक है। शायद अब जफर भाई कुछ बाजी का ख्याल रख लें। मैंने कहा यह ख़ुशख़बरी अच्छी सुनाई है फिर नबीला उठी और झट से मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और बोली भाई अब और सब्र नहीं हो रहा है। फिर मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीब को घुमाने लगी फिर धीरे धीरे उसने लंड मुंह में लेना शुरू कर दिया और जितना हो सका अपने मुँह में लेकर उसकी चुसाइ लगाने लगी। नबीला की जीब की पकड़ मेरे लंड पर काफी टाइट थी और लगभग आधा लंड मुंह में लेकर फिर टोपे तक बाहर निकाल लेती थी फिर मुंह में ले लेती थी। आज एक थोड़ी हैरान करने वाली बात यह थी कि आज नबीला के दांत मुझे अपने लंड महसूस नहीं हो रहे थे उसकी ज़ुबान और केवल अपने मुंह का उपयोग कर रही थी। और बड़े ही गर्मजोशी और अपने मुंह का गर्म गर्म थूक इकट्ठा करके लंड के ऊपर मिलाकर लंड मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। आज उसका लंड की चुसाइ करने का तरीका ही निराला और स्वादिष्ट था मुझे तो उसकी चुसाइ से एक अजीब और मस्ती का नशा-सा चढ़ गया था और मेरा लंड उसकी जानदार चुसाइ के कारण मुंह में बार बार झटके खा रहा था और मेरे लंड की नसों में खून तेज हो गया था। ज़ुबैदा ने लगभग 5 मिनट से भी अधिक मेरे लंड की जानदार चुसाइ की और अगर वो 2 मिनट और मेरे लंड की चुसाइ लगाती तो शायद मैं उसके मुँह में ही फारिग हो जाता। मैंने इससे पहले ही अपने लंड को नबीला मुंह से निकाल लिया। और नबीला को बेड पर लेटने को कहा ताकि मैं उसकी योनी में लंड अंदर डाल सकूँ। तो नबीला ने कहा भाई आधे घंटे से ज़्यादा समय बीत चुका हैं समय ज़्यादा नहीं है अम्मी और ज़ुबैदा कभी भी घर आ सकते हैं। इसलिए योनी में फिर किसी वक्त करवा लूँगी लेकिन अब तुम मेरी गाण्ड में करो ताकि मेरे भाई को भी मज़ा पूरा मिले .


में उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और नबीला बेड से उतर कर सोफे के पास चली गई और सोफे पर अपने हाथ रख लिए और अपनी टांगों को सोफे पर रखकर घुटनों के बल हो गई और अपनी टांगों को पीछे से खोल लिया अब नबीला की गाण्ड बिल्कुल सामने थी फिर नबीला ने पीछे मुड़ कर मेरी तरफ देखा और आंख मार कर कहा भाई क्या देख रहे हो जल्दी आओ और अपनी घोड़ी की सवारी करो। आज नबीला की कई हरकतों से काफी हैरान था। खैर मैं उठा और जाकर नबीला के पीछे खड़ा हो गया और अपना थूक निकालकर अपने लंड पर मल दिया और कुछ थूक नबीला की गाण्ड के छेद पर मल दिया नबीला की गाण्ड अब पहले जैसी नहीं थी जैसी पहली बार थी पहले एक छोटा सा गोल छेद था लेकिन मेरे 2 बार गाण्ड में करने की वजह से अब थोड़ी खुल गई थी मैंने लंड नबीला की गाण्ड के छेद में फिट किया तो नबीला ने एक हल्का सा झटका पीछे मारा तो लंड का टोपा पिच की आवाज के साथ नबीला की गाण्ड में उतर गया नबीला मुंह से एक मस्ती भरी आवाज़ निकाली आह भाई मज़ा आ गया है। और फिर कहने लगी भाई धीरे धीरे लंड अंदर करो। मैंने लंड पर जोर देना शुरू कर दिया और लगभग धीरे धीरे करते काफी लंड नबीला की गाण्ड में उतार चुका था। अब बस 2 इंच या थोड़ा अधिक रह गया था। नबीला इस दौरान कभी अपनी गाण्ड को ढीला कर लेती जब थोड़ी परेशानी या दर्द महसूस होता तो अपनी गाण्ड थोड़ा टाइट कर लेती जिससे उसकी गान्ड का छेद टाइट हो जाता नबीला की गाण्ड के अंदर पहले से ही मेरा लंड बहुत ज़्यादा फिट होकर अंदर जाता था और जब वह टाइट कर लेती थी तो ऐसा लगता था जैसे मेरे लंड की किसी ने गर्दन दबा दी हो। खैर अंतिम झटका मैंने जोर से मार कर पूरा लंड नबीला की गाण्ड में उतार दिया अब मेरा और नबीला का शरीर आपस में एक साथ जुड़ा हुआ था। अंतिम झटके से नबीला के मुंह से एक हल्की सी चीख निकली आह मर गई भाई क्या अपनी बहन की जान लोगे आराम करो में भाग थोड़ी रही हूँ। 

मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बोला- मैं भी अपनी जान को भागने थोड़े ही न दूंगा। फिर कुछ देर के बाद लंड अंदर बाहर करने लगा मेरी स्पीड धीरे धीरे थी लंड को टोपी तक बाहर खींच लेता था और फिर पूरा जड़ तक अंदर उतार देता था। लगभग 5 मिनट तक आराम से झटके मारता रहा फिर जब मेरा लंड काफी हद तक नबीला की गाण्ड में रमा हो चुका था इस चीज़ को नबीला ने भी महसूस कर लिया था वह खुद ही बोली भाई अब तेज तेज झटके लगाओ मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और दूसरी ओर नबीला भी फुल गर्म हो चुकी थी वो भी गाण्ड को आगे पीछे कर के लंड अंदर बाहर लेने लगी मैं 3 से 4 मिनट से नबीला की गान्ड में तेज तेज झटके मार रहा था नबीला के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं आह आह हाँ भाई ज़ोर से चोदो आह आह भाई अपनी बहन की गान्ड फाड़ दो और जोर से करो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है आह आह ओह आह नबीला फुल मदहोश हो चुकी थी घर में भी कोई नहीं था और कमरे में हम चुदाई कर रहे थे कमरे में मेरे झटकों की वजह से धुप्प धुप्प की आवाज गूंज रही थी और नबीला की सिसकियाँ भी कमरे से बाहर तक जा रहीं थीं। 


मैं भी नबीला की सिसकियाँ सुन कर ही जोश में आ गया और अपने पूरी ताकत से झटके मारने लगा और फिर 2 मिनट के तूफानी झटकों के बाद मैंने अपना गर्म गर्म वीर्य का लावा नबीला की गाण्ड के अन्दर ही छोड़ दिया मेरा लंड झटके मार मार वीर्य छोड़ रहा था नबीला ने जब मेरे वीर्य को अपनी गाण्ड में महसूस किया तो अपनी गाण्ड को मेरे लंड पर और अधिक टाइट कर लिया फिर जब मेरे लंड ने आखिरी कतरा भी निकाल दिया तो नबीला ने भी अपनी गाण्ड को थोड़ा ढीला छोड़ दिया और मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और सोफे पर ही बैठकर अपनी सांसें बहाल करने लगा नबीला भी सीधी होकर सोफे पर ही लेट गई और लंबी लंबी साँस लेने लगी

फिर कुछ देर बाद नबीला नंगी ही उठकर अपने कमरे में चली गई और मैं भी अपने बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा। नहा धोकर दोबारा आकर बेड पर लेट गया और पता ही नहीं चला कब सो गया लगभग 5 बजे का समय था मेरा मोबाइल बजने लगा मैंने मोबाइल उठाकर देखा तो किसी और नंबर से कॉल आ रही थी मैंने कॉल उठाया और सलाम बोलकर पूछा कौन तो आगे से वही प्रॉपर्टी वाला बंदा जो चाचा का दोस्त था उसका फोन था वह मुझे बताने लगा कि 1 पार्टी से बात हो गई है और वह बहुत अच्छे रेट पर घर ख़रीदने के लिए राजी हो गए हैं। अब कागजी कार्रवाई करनी है तो आप सप्ताह के दिन तक लाहौर आ जाओ मैंने दूसरी पार्टी को भी सप्ताह का समय दे दिया है। और आज मंगलवार का दिन था मैं उन्हें कहा ठीक है मैं शनिवार सुबह आपके पास हाज़िर हो जाऊंगा। और फिर फोन बंद कर दिया . 


मुझे अब काफी तसल्ली हो गई थी। मेरा काम काफी आसान हो गया था। अभी इसी विचार में गुम था मेरा मोबाइल फिर बजने लगा मैंने देखा तो मेरा इस्लामाबाद वाला दोस्त कॉल कर रहा था मैंने कॉल उठाया और अभिवादन के बाद उसने खुशखबरी दी कि उस लड़के का काम हो गया है। उसके साथ बाकी 2 लड़के और थे वह भी पकड़े गए हैं एक पठान था वह अपने प्रांत में भाग गया है लेकिन वह भी जल्दी पकड़ा जाएगा। और उस लड़के इमरान का मोबाइल और लैपटॉप सब कुछ कब्जे में ले लिया है और सारे सबूत आदि समाप्त कर दिए है। मेरे दोस्त ने बताया वह लड़का बहुत हरामी और तेज था उसने 2 और लड़कियों की वीडियो बना रखी थी वह वीडियो सबूत भी खत्म कर दिया है और उसका मोबाइल और लैपटॉप को तोड़कर नष्ट कर दिया है। और लड़के पर 1 पक्का केस डाल दिया है और यह केस डालकर पक्का अंदर करवा दिया है। अब आप अपने रिश्तेदारों को बोल दो कि वो बेफिक्र हो जाएं। वह कभी भी फिर से दिखाई नहीं देगा। फिर मेरे अपने दोस्त से यहाँ वहाँ की बातों के बाद फोन बंद हो गया। अब मैं अपने दोस्त की कॉल के बाद पूरी तरह से शांत हो चुका था। अब मुझे बस लाहौर जाना था और चाची को लेकर वापस गांव आना था। फिर मैं अपने बेड से उठा और बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और फिर अपने कमरे से निकल कर बाहर आंगन में आ गया नबीला उसी समय चाय बना कर ले आई थी तो मैंने वहाँ बैठकर चाय पी और कुछ जरूरी काम बोलकर घर से बाहर निकल आया और जमीला बाजी के घर की ओर चल पड़ा। जब जमीला बाजी के घर के दरवाजे पर जाकर दस्तक दी और इंतजार करने लगा। लेकिन 2 मिनट बीत जाने के बाद भी कोई बाहर नहीं आया। फिर मैंने दरवाजे पर दस्तक दी और इस बार थोड़ी जोर से दी और दरवाजा खुलने का इंतजार करने लगा लगभग 1 मिनट के बाद बाजी जमीला ने दरवाजा खोला और मैंने देखा उनके बाल गीले थे और दुपट्टा नहीं लिया हुआ था तौलिया सिर पर लपेट रखा था शायद वह अभी नहा कर बाहर निकली थी। मुझे दरवाजे पर देखकर मुस्कुराई और बोली वसीम तुम आज कैसे रास्ता भूल गए हो और मुझे कहा अंदर आओ और मैं घर के अंदर आ गया और बाजी ने दरवाजा बंद कर दिया और बाजी मेरे साथ चलती हुई मुझे अपने कमरे में ले गई और मैं उनके कमरे में बैठ गया बाजी कमरे से बाहर चली गई जब बाजी कमरे से बाहर चली गई तो मैंने नोट किया उनके कपड़े शरीर के साथ चिपके हुए थे शायद वह नहा कर तुरंत जल्दी में कपड़े पहन कर बाहर दरवाजा खोलने आ गई थी। उनके कपड़े शरीर के साथ चिपक जाने के कारण उनके शरीर के उभार काफी अधिक स्पष्ट हो गए थे। और उनका सुडौल शरीर और लंबी और मोटी जाँघ उजागर हो गए थे और जांघों से ऊपर उनकी गोल मटोल मोटी बाहर निकली हुई गाण्ड एक आकर्षक दृश्य पेश कर रही थी।


मैं पहली बार अपनी बाजी के शरीर को देखकर पागल सा हो गया था और मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ ने लग गया था। फिर बाजी कुछ देर बाद मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक गिलास में डाल कर ले आई और मुझे दे दिया और खुद अपने ड्रेसिंग टेबल पर बैठ कर अपने बालों को ठीक करने लगी उनकी शर्ट गीली होने के कारण पीछे से चिपकी थी और ऐसा लग रहा था उन्होंने शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं कोल्ड ड्रिंक भी पी रहा था और साथ ही कनखियो से उन्हें देख रहा था। मुझे शायद पता नहीं था कि बाजी भी ड्रेसिंग टेबल के शीशे में मुझे ही देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। फिर कुछ देर बाद बाजी की आवाज़ आई वसीम मेरे भाई क्या हाल है आज अपनी बाजी को बहुत ध्यान से देख रहे हो अपनी बाजी में कौन सी नई बात देख ली है और साथ ही मुस्कुरा ने लगी। मैं बाजी की बात सुनकर शॉक हो गया और बोला नहीं बाजी ऐसी बात नहीं है। बस देख रहा था कि मेरी दीदी आज बहुत खुश नजर आ रही हैं। तो मैं भी खुश था और हैरान था इसलिए आप को देख रहा था। बाजी ने कहा हां वसीम आज बहुत समय के बाद खुश हूँ। मुझे कुछ आराम नसीब हुआ है। मैंने कहा बाजी अपनी खुशी मुझे नहीं बताएगी तो बाजी थोड़ा शरमा गई और बोली वसीम मेरे भाई मैं तुम्हें बता दूंगी मुझे तुमसे और भी 1 ज़रूरी बात करनी है इसलिए मैं सोच रही थी घर का चक्कर लगाकर तुम से बात कर सकूँ। लेकिन अच्छा हुआ तुम ही आ गए अब यहाँ आराम से बैठ कर बात कर सकते हैं। मैंने कहा बाजी जफर भाई और चाची और शाजिया बाजी नजर नहीं आ रहे कहां हैं ???????


बाजी ने कहा शाजिया तो शुक्र है अपने घर चली गई है उसका भी तुम्हें बताती हूँ वह ही तो मेरी खुशी का असली कारण है और चाची और जफर डॉक्टर के पास गए हैं चाची को कुछ दिन से बुखार था आज जफर काम से जल्दी आ गए थे वह मौसी को लेकर डॉक्टर के पास गए हैं मैं घर में अकेली ही थी। फिर बाजी ने अपने बाल ठीक किये और बेड से अपने दुपट्टा को उठा कर अपने गले में डाल लिया और मेरे पास में ही कुर्सी रखकर बैठ गई और बोली वसीम पहले मुझे बताओ तुम इस्लामाबाद कुशल से गए थे। तो मैंने कहा बाजी में आज ही आया हूँ आप से कुछ जरूरी बातें करने के लिए और आप को सारी बात बता देना चाहता हूं क्योंकि मुझे लगता है आप मेरी बड़ी हैं और मेरा ही फायदा सोचेगी इसलिए मैं आपसे खुलकर बात करने के लिए आया हूँ। तो बाजी ने कहा वसीम मेरे भाई तुम हम सबकी जान हो। पहले तुम बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। तो मैने अपने अंदर हिम्मत इकट्ठी की क्योंकि आज पहली बार इस तरह की बात मैं अपनी बाजी के साथ करने जा रहा था और मैंने बाजी को बता दिया कि कैसे मैं इस्लामाबाद की घर में बताकर लाहौर गया और कैसे चाची के साथ मिला और उनके साथ 1 दिन और रात बिताई यह भी बता दिया चाची के साथ रात को क्या क्या होता रहा और फिर मकान का सौदा और चाची की गांव वापसी और बाजी को चाची की वह सारी बात जो उस लड़के इमरान ने ज़ुबैदा के साथ शुरू किया तो चाची के साथ और वीडियो वाली सब बात मैंने बाजी जमीला को बता दी और मैंने बाजी से कहा बाजी जब आप घर आई थीं और मेरे कमरे में आकर मुझसे ज़ुबैदा और चाची की बातें की थीं मैंने एक योजना बना ली थी और आप से भी कहा था मैं सबसे मामले ठीक कर दूंगा और मुझे आपकी भी मदद की जरूरत होगी और आपने उस वक्त कहा था मैं अपने भाई के हर काम में और मुश्किल में साथ दूँगी। तो बाजी ने कहा वसीम हां मेरे भाई मुझे याद है और मैं अपनी बात पर कायम हूं। लेकिन तुमने इतना कुछ किया और मुझे पता भी नहीं लगने दिया।


मैंने कहा बाजी अब तो आपको बता दिया है और सब कुछ बता दिया है अब मैं जुम्मे को लाहौर जा रहा हूँ शनिवार को मकान का पक्का काम करके रविवार वाले दिन में चाची और उनका सामान लेकर गांव वापस आ जाऊँगा। बाजी ने कहा भाई वैसे चाची ने वापस आने का बहुत अच्छा फैसला किया है और उसकी लड़के से भी जान छूट जाएगी और यहां रहकर दोनों माँ बेटी की इज्जत भी सुरक्षित हो जाएगी फिर बाजी ने कहा वसीम अब बताओ तुम्हें मेरी मदद की क्या जरूरत है तो मैंने कहा बाजी नबीला ज़ुबैदा से बहुत ज़्यादा गुस्सा खाती है और उसे पूरी तरह बर्दास्त नहीं करती है आप को नबीला का मन बदलना होगा क्योंकि आप और मुझे पता चल चुका है कि ज़ुबैदा ने उस लड़के से शादी और प्यार के चक्कर में ये रिश्ता स्थापित किया था लेकिन उस वक्त वह ना समझ थी नादान थी उसे नहीं पता था वह लड़का उसे धोखा दे रहा है और वो केवल उसके शरीर की भूख रखता है और उसने ज़ुबैदा के बाद चाची को भी गंदा किया है और शुक्र है साना उससे बच गई लेकिन नबीला यह बात नहीं समझती है आप ही उसे समझाएँ . 
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10-10-2018, 01:41 PM,
#35
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैने कहा बाजी आप उसे बस यह समझा दो वो घर में ज़ुबैदा के साथ समझौता कर ले और अब थोड़े दिन में चाची भी आ जाएगी वह कुछ दिन तो हमारे ऊपर वाले पोर्शन में ही रहेगी तो वह कह रही थी कि लाहौर वाले मकान के पैसे से वह अपने घर पास में घर लेगी आप नबीला कहो कि चाची को भी कुछ दिन तक सहन कर ले और ज़ुबैदा के साथ भी मिल जाए। तो जमीला बाजी ने कहा हां वसीम तुम ठीक कह रहे हो मैं तुम्हारी सारी बात समझ गई हूँ। मैं उसे समझा दूँगी लेकिन वह तुम्हारी बात मान लेगी और मुझे नबीला के ही बारे में तुम से आवश्यक बात करनी थी जिसके लिए मुझे घर आना था। मैं थोड़ा घबरा सा गया मेरी हालत शायद जमीला बाजी ने नोट कर लिया था उन्होने अपनी चेयर पर थोड़ा आगे होकर एक पैर दूसरे पैर पर रख दिया और अपनी गाण्ड की एक साइड बाहर निकाल कर मुझे कहने लगी देखो वसीम मैं तुम्हारी दीदी हूँ तो नबीला की भी बाजी हूँ। तुम मेरे भाई हो और हमारी जान हो अपने दोनों बहन भाई का कभी भी बुरा नहीं सोच सकती हूँ। मुझे नबीला ने तुम्हारे और उसके बीच जो कुछ हुआ उसका बता दिया है। वसीम है तो बहुत गलत काम लेकिन मैंने देखा है नबीला तुमसे सीमा से अधिक प्यार करती है अगर वह तुम्हारी बहन न होती तो शायद आज तुम्हारी पत्नी होती। और नबीला की शादी न करने का कारण भी मुझे अब समझ आ गया है लेकिन वसीम मेरे भाई बहन भाई यह गलत रिश्ता बन जाना बहुत ही गलत है लेकिन फिर भी मैं अपने भाई और बहन के साथ हूँ। तुम दोनों बहन भाई आपस में जब दिल करे प्यार करो लेकिन दुनिया के सामने बहन भाई ही रहो और किसी को भी अपने किसी गलत काम से शक में नहीं डालो और मैं खुद तुम दोनों के साथ हूँ। लेकिन मेरे भाई बात यह है नबीला का यूँ तुम सारी ज़िंदगी उस रिश्ते में रहकर यह काम करना बहुत मुश्किल और खतरनाक हो सकता है इसलिए मैं तुमसे बात करना चाहती हूँ तुम और नबीला आपस में वास्तव में यह रिश्ता कायम रखें लेकिन अब नबीला तुम्हारी हर बात मानती है और समझती है तुम उसे किसी भी तरह मना कर शादी करने को राजी कर लो। क्योंकि अगर बिना शादी के ही तुम दोनों से कभी कोई गलती हो गई तो गांव और रिश्तेदारों में बहुत बदनामी होगी और सम्मान धूल में मिल जाएगा और तुम अगर नबीला को शादी के लिए मना लोगे तो तुम दोनों को लाभ होगा जब नबीला की किसी के साथ शादी हो जाएगी तो तुम दोनों का काम और अधिक आसान हो जाएगा अगर कोई गलती हो भी जाएगी तो पता नहीं चलेगा क्योंकि नबीला शादी शुदा होगी किसी को शाक भी नहीं होगा। 

बाजी ने कहा वसीम तुम समझ रहे हो न मैं क्या कह रही हूँ। मैंने कहा बाजी में आपकी एक एक बात समझ गया हूँ आपने बहुत अच्छा सुझाव दिया है। ये नबीला के जीवन के लिए अच्छी सलाह है। तो बाजी ने कहा उसे पक्का वादा करो उससे कहो शादी के बाद भी वह मुझ से रिश्ता रख सकती है खुलकर मज़ा ले सकती है। उसे मेरी कही हुई बात समझाकर राज़ी कर लो फिर भाई कोई समस्या नहीं होगी नबीला अपने घर की हो जाएगी और तुम दोनों जब दिल करे मज़ा भी कर लिया करना। 


मैं बाजी की बात सुनकर बोला कि बाजी आप बेफिक्र हो जाएं मैं आपकी पूरी बात समझ गया हूँ। मैं अब नबीला को माना लूँगा आप बेफिक्र हो जाएं और आप भी अपनी तरफ से उसे खुश करने की कोशिश करें, क्योंकि अब तो आपको पूरी बात पता चल चुकी है। 

बाजी ने कहा हां मैं भी उसे यही कहूँगी। मैंने कहा बाजी आप शाजिया बाजी के कारण क्यों खुश हैं मुझे भी तो पता चले तो बाजी ने शुरू से लेकर अंत तक मुझे शाजिया की स्टोरी सुना दी और कैसे जफर भाई शाजिया बाजी के साथ चुदाई करते थे बाजी ने मुझे सब बता दिया जो मुझे नबीला ने पहले भी बता दिया था लेकिन बाजी के मुँह से सुनकर थोड़ा हैरान और आश्चर्यचकित हुआ तो बाजी ने कहा कुछ दिन पहले शाजिया के मियां आए और उसे मना कर ले गये है वह खुद भी खुश थी। अब जब वह गई हुई है तो तुम्हारे जफर भाई फिर से मेरे आगे पीछे घूमते हैं और मेरा पुनः ध्यान रखने लगे हैं। और आज रात को भी उन्होंने मेरा बहुत अच्छा ख्याल रखा था इसलिए तो नहा रही थी तो तुम आ गए। और मुझे देखकर हल्की सी आँख मारी और मुस्कुरा पड़ी। मैंने कहा बाजी यह तो बहुत खुशी की बात है मुझे आपका चेहरा देखकर और आपकी उदासी देखकर लगता था आप अंदर से खुश नहीं हो लेकिन फिर भी आप के लिए कुछ नहीं कर सका। मुझे आपसे बातें पूछते हुए शर्म भी आती थी। लेकिन शुक्र है अब आप खुश हो जफर भाई आपका ख्याल रखते हैं। अब मेरी बाजी आराम से रहेगी और खुश रहेगी। तो बाजी ने कहा हां वसीम मैं अब काफी शांत हूँ। फिर बाजी ने कहा वसीम एक बात पूछना चाहती हूँ सच सच बताओगे . तो मैंने कहा बाजी आप कैसी बात करती हैं हर किसी से झूठ बोल सकता हूँ लेकिन आप और नबीला से कभी झूठ नहीं बोला। आप दोनों हमारे घर की जान हो। तो बाजी ने कहा वसीम ज़ुबैदा और चाची और नबीला में से कौन तुम्हारा अधिक ख्याल रखता है क्या तुम और ज़्यादा मज़ा करना चाहते हो।

मैं बाजी के इस डायरेक्ट सवाल पर शर्मा सा गया और चुप हो गया और कुछ न बोला तो बाजी ने कहा वसीम मेरे भाई मेरे बेटे मुझे सब कुछ तो पता चल चुका है। अब एक बहन नहीं तो एक अच्छी और राज़दान दोस्त होने के नाते मुझे से खुलकर बात करो। मैंने भी तुम्हें अपने जीवन की कुछ पर्सनल बातों को बता दिया है। इसलिए शर्म छोड़ दो मुझे से खुलकर बात करो। मैं तुम्हारी एक बहन के साथ एक अच्छा और ईमानदार दोस्त की तरह सलाह और मदद करूंगी। मुझे बाजी की बात सुनकर काफी खुशी हुई और मैंने कहा बाजी आपको ज़ुबैदा का तो पता ही था और चाची का भी सब पता है इसलिए वास्तव में मुझे मज़ा नबीला से ही मिला है और वो ही सबसे अच्छा ख्याल रखती है और वो ही मेरी अब तक सबसे वफादार है। 

बाजी ने कहा वसीम मुझे पता था तुम नबीला का ही कहोगे वह भी तुमसे बहुत प्यार करती है। मैंने जब उसे उस दिन पहली बार देखा था मैं समझ गई थी कि नबीला को किसी मर्द का हाथ लग गया है इसलिए वो और अधिक निखर गई है। उसका अंग अंग और चेहरे की लाली साफ बता रही थी। फिर बाजी ने ऐसी बात कही कि मुझे जवाब देना मुश्किल हो गया 

बाजी ने कहा वसीम तुम्हें केवल अपनी छोटी बहन ही अच्छी लगी है और उसे ही प्यार करने का मन करता है या बड़ी बहन भी अच्छी लगती है वैसे तो मुझे पता है कि मैं विवाहित हो गई हूँ इस तरह नहीं रही जिस तरह नबीला है और शायद नबीला मुझ से ज्यादा तुम्हारा ख्याल रख सकती है। में बाजी की इस बात को सुनकर हक्का बक्का रह गया और मुझे दीदी की बात का जवाब ही नहीं आ रहा था और मैं सोच रहा था कि बाजी को क्या जवाब दूं। बाजी ने सवाल ही ऐसा पूछ लिया था। फिर मैं शर्म से मुंह नीचे करके बैठ गया और बाजी के सवाल का जवाब सोचने लगा। मुझे मुंह नीचे करके चुप देखकर बाजी ने फिर कहा वसीम मुझे पता है तुम मेरे छोटे भाई हो और मेरे बेटे की तरह हो। लेकिन मुझे भी तो पता चले मेरा भाई एक बहन को तो पसंद पसंद करता है और दूसरी बहन के बारे में क्या सोचता है . मैं फिर भी चुप रहा और कुछ नहीं बोला। बाजी ने अपनी कुर्सी मेरी कुर्सी के पास कर ली और बोली मुझे पता है जहां नबीला है मैं वहाँ नहीं हो सकती वह जवान कुंवारी है और मुझसे ज़्यादा भावनाएँ और गर्म खून रखती है। मैं भला कैसे अपने भाई की नज़र में आऊंगी। में बाजी की बात सुनकर तुरन्त बोला नहीं नहीं बाजी आप कैसी बातें कर रही हैं। आप और नबीला मुझे जान से भी अधिक प्रिय हो और आप दोनों से बढ़कर मेरा कोई नहीं है। आप दोनों हमारे घर की रानी हो बाजी आपने सवाल ही ऐसा किया है मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या जवाब दूं। आप दोनों ही बहुत खूबसूरत और मुझे बहुत प्रिय हो और आप का बहुत सम्मान करता हूँ। बाजी मुझे नबीला भी जान से ज्यादा प्रिय है जो कुछ नबीला के लिए कर सकता हूँ वह आपके भी कर सकता हूँ। 

बाजी मेरी बात सुनकर मुस्कुरा पड़ी और बोली वसीम मुझे यकीन नहीं था मेरा भाई हम दोनों बहनों से इतना प्यार करता है। मुझे आज तुम्हारे मुंह से सुन कर बहुत खुशी हुई है। बाजी ने कहा वसीम हम दोनों बहनों में से तुम्हें किसका शरीर ज़्यादा अच्छा लगता है। में बाजी की बात सुनकर शर्मा गया मेरा चेहरा लाल लाल हो गया बाजी ने कहा वसीम मेरे भाई शरमाओ नही बताओ मैं सुनना चाहती हूँ मेरे भाई हम दोनों बहनो का क्या क्या अच्छा लगता है। तो मैंने कहा बाजी सच यह है आप दोनों बहनों के शरीर बहुत अच्छे और सुडौल है लेकिन ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं चुप हो गया 

बाजी नेकहा लेकिन क्या तो मैंने कहा बाजी आपका शरीर नबीला से काफी अच्छा है और सेक्सी है आपका शरीर नबीला से अधिक गुदाज़ और भरा हुआ है और आप और............. फिर चुप हो गया 

तो बाजी ने कहा बोलो वसीम मेरी क्या तो मैंने हकलाते हुए कहा बाजी आपकी गाण्ड शानदार और मोटी और बाहर निकली हुई है नबीला की इतनी नहीं है। बाजी मेरी बात सुनकर हंसने लगी और फिर बोली वसीम मेरे भाई मुझे नहीं पता था मेरा भाई मुझे इतना पसंद करता है और मेरी गाण्ड का इतना दीवाना है। मेंने बाजी की बात सुनकर शरमा कर मुंह नीचे कर लियाबाजी ने कहा वसीम एक और बात सच सच बताओगे तो मैंने कहा जी बाजी पूछो तो बाजी ने कहा मुझे पहली बार ज़ुबैदा ने ही बताया था और नबीला ने भी बाद में बताया था तुम्हारा लंड काफी बड़ा और मोटा है। में बाजी के मुंह से लंड शब्द सुनकर आश्चर्य से उनकी ओर देखने लगा वह मुझे देखकर मुस्कुरा रही थीं। मैंने धीरे से कहा बाजी मुझे क्या पता मैं क्या कह सकता हूँ।


तो बाजी ने कहा वसीम तुम इतना शर्मा क्यों रहे हो घर में और कोई नहीं है मैं हूँ और तुम हो इसलिए डरने की या शर्मा ने की जरूरत नहीं है। वैसे भी एक बहन के साथ तो कर लिया है और मज़ा भी ले लिया है और दूसरी बहन को बताते हुए भी शर्म आ रही है। मैंने कहा बाजी वह बात नहीं है बस मुझे खुद कुछ नहीं पता है मैं क्या कह सकता हूँ। बाजी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली वसीम मेरे भाई तुम्हें तो मेरी हालत और मेरे जीवन की मुश्किल का पता लग गया है तुम्हें यह भी पता चल गया है कि तुम्हारी दीदी ने कितने साल अकेले और पीड़ा में बिताए हैं क्या अपनी बाजी को भी अपनी छोटी बहन की तरह अपनी रानी नहीं बना सकते। 

मैं बाजी की बात सुनकर हैरान रह गया और उनका मुंह देखने लगा तो वह बोली हां वसीम मैं भी अपने भाई की रानी बना चाहती हूँ मैं भी मज़ा और आराम लेना चाहती हूँ क्या तुम वही मज़ा जो नबीला को दिया था अपनी बाजी को भी दोगे। मैंने कहा लेकिन बाजी तो बाजी ने आगे कहा लेकिन वसीम मैं तुम्हारी बहन और बाजी नहीं हूँ में औरत नहीं हूँ मैं भावनाओं और भावना नहीं रखती। अगर तुम अपनी बाजी को प्यार करते हो और अपना समझते हो तो मुझे भी अपनी रानी बना लो मैं उस वक्त से तुम्हारे लिए आह भर्ती थी जब ज़ुबैदा मुझे तुम्हारे बारे में मिर्च मसाला लगाकर अपनी रातों की कहानी सुनाया करती थी। क्या तुम अपनी बाजी को भी वह मज़ा और आराम नहीं दोगे अगर नहीं दे सकते तो बता दो फिर तुम से कभी नहीं कहूँगी। 

मैंने बाजी के हाथ में हाथ रखकर कहा बाजी यह बात नहीं है मुझे आप बहुत प्यारी लगती हैं और मैं आप से भी नबीला जितना ही प्यार करता हूँ। यदि आपको कोई मुश्किल या परेशानी नहीं है तो मुझे भी नहीं है मैं आपकी हर बात को मान सकता हूँ और आप को खुश रखने की कोशिश कर सकता हूँ। बाजी मेरी बात सुनकर चहक उठी और आगे होकर मुझे गले लगा लिया जब बाजी ने मुझे अपने गले लगाया तो मुझे बाजी के नरम नरम मोटे मम्मे अपने सीने पर महसूस हुए बाजी का शरीर रूई की तरह नरम था।

फिर बाजी पीछे हट गई और बोली वसीम मेरे भाई मैं दिल से अपने भाई की रानी बनना चाहती हूं और मुझे कोई मुश्किल नहीं है शादीशुदा हूँ और मेरा पति भी तो अपनी बहन को चोदता रहा है तो मैं भी अगर अपने भाई से करवा लूँगी तो कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन वसीम एक बात का वादा आज तुम्हें मुझ से करना होगा और इस वादे पर कायम रहना होगा इस वादे से हम दोनों की इज्जत का भ्रम बाहर वालों की नज़र में भी रहेगा। मैंने कहा बाजी पहले सम्मान फिर दूसरा काम होगा आप बताओ क्या करना है तो बाजी ने कहा यह तुम्हारे और मेरे बीच जो भी रिश्ता होगा वह केवल तुम्हें या मुझे ही पता होगा इसका उल्लेख किसी के आगे नहीं करना है नबीला को भी नहीं पता लगना चाहिए क्योंकि तुम भी उसके बड़े भाई हो और मैं उसकी बाजी अगर तुम्हारा और मेरा संबंध का उसे पता लगेगा तो शायद वह सम्मान हमारे बीच नहीं रहेगा और मैं चाहती हूँ सब और नबीला की नज़र में तुम्हारा और मेरा रिश्ता वैसा ही दिखना चाहिए जो वास्तव में है। और इस में ही हम दोनों का सम्मान दूसरों के सामने और नबीला के सामने बरकरार रह सकेगा तो मैं ने कहा बाजी में आपकी बात को पूरी तरह से समझ गया हूँ मेरी ओर से आप बेफिक्र हो जाएं।


तो बाजी ने कहा बहुत अच्छी बात है। बाजी ने कहा वसीम एक काम करोगे तो मैंने कहा बाजी बोलो क्या काम है तो बाजी ने कहा वसीम जफर और मौसी को गए हुए काफी देर हो गई है वह शायद ज़्यादा से ज़्यादा आधे घंटे तक वापस आ जाएँगे इसलिए तुम और मैं इतनी जल्दी में कुछ खास नहीं कर सकते इसलिए कुछ हल्का फूलका तो कर सकते हैं अगर तुम्हें कोई समस्या न हो तो ...


मैंने कहा बाजी मैं आपकी बात को समझा नहीं तो बाजी खड़ी हो गई और मुझे भी खड़ा कर दिया और फिर खुद मेरे आगे घुटनों के बल बैठ गई और मुझे बोला अपनी सलवार का नाडा खोलो मुझे तुम्हारा लंड देखना है बहुत समय से इस लंड की प्रशंसा सुनती आ रही हूं। आज तो देख कर ही रहूंगी कि आखिर मेरे भाई का लंड है कैसा 


मैं बाजी की बात सुनकर शर्मा गया तो बाजी आगे हाथ करके मेरी सलवार का नाडा खोलने लगी और बोली तुम तो समय ही ज़ाया कर दोगे और शर्मा ते ही रहोगे मुझे खुद ही कुछ करना होगा और मेरा नाडा खोला और मेरी सलवार एक झटके से मेरे पैरो में गिर गई। बाजी ने आगे से शर्ट का पल्लू हटा कर नीचे देखा तो मैंने बाजी की आँखों में देखा तो वह हैरान होकर देख रही थी।

इस समय भी मेरा लंड अर्द्ध हालत में खड़ा था क्योंकि बाजी के साथ इतनी देर बातें करके मेरे लंड में एक जान सी आई हुई थी बाजी लंड को बहुत ध्यान से देख रही थी। फिर अपने हाथ को आगे करके मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करके अपने नरम और मुलायम हाथों से सहलाने लगी बाजी का हाथ मेरे लंड पर लगते ही मेरे लंड ने एक झटका मारा तो बाजी कहा वाह वसीम मेरे भाई तेरा शेर तो अपनी बाजी का हाथ लगते ही दहाड़ ने लग पड़ा है और फिर धीरे धीरे लंड को सहलाने लगी बाजी के हाथों की हरकत बता रही थी कि बाजी को इस काम में काफी अनुभव था वह बड़े ही स्टाइल और रिदम के साथ मेरा लंड सहला रही थी। लगभग 5 मिनट बाद ही अच्छी तरह सहलाने से मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया बाजी की आँखें देखकर फटी की फटी रह गई। और बाजी अपने हाथ के साथ मेरे लंड को नापने लगी और फिर ऊपर मुंह करके मुझे बोली वसीम ज़ुबैदा और नबीला सच कहती थीं तेरा लंड तो बड़ा ही स्वादिष्ट और मोटा और लंबा है। मैंने अपने पति का भी नाप कर देखा है उसका 5 इंच लंबा लंड है और 2 इंच मोटा है तेरा लंड 7 इंच लंबा है और लगभग 3 इंच तक मोटा है। यह तो किसी भी औरत की बस करवा सकता है। फिर बाजी ने कहा वसीम समय थोड़ा है तो मैं बैठ गया तो बाजी ने मुँह आगे करके मेरे लंड का टोपा मुंह में ले लिया और उसके ऊपर गोल गोल ज़ुबान घुमा ने लगी। बाजी की ज़ुबान लंबी थी और बाजी के मुंह के अंदर का हिस्सा काफी गर्म था जब वह लंड का टोपा मुंह में लेकर चुसाइ लगा रही थी तो मेरे पूरे लंड में करंट दौड़ रहा थाबाजी का लंड के ऊपर ज़ुबान घुमा घुमा कर चुसाइ करना ऐसा ही था जैसे अंतिम बार नबीला ने मेरे लंड की चुसाइ की थी बाजी और नबीला का लंड की चुसाइ करने का स्टाइल एक जैसा था। फिर बाजी ने 3 से 4 मिनट तक काफी जबरदस्त ढंग से मेरे लंड की चुसाइ की फिर बाजी ने एक नया काम किया उन्होने मेरे आंडों को अपने मुँह में ले लिया और एक एक करके मेरे आँड को मुंह में लेती रही और उसे चूस चूस कर रस निकालती रही 5 मिनट तक बाजी ने जमकर मेरे आंडो की चुसाइ की और मुझे एक अलग प्रकार का आनंद दिया और फिर मेरे लंड का टोपा मुंह में ले लिया और अब की बार बाजी लंड को पूरा मुंह में लेने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं हैरान था क्योंकि बाजी ने लगभग 5 इंच तक लंड अपने मुंह में ले लिया था मुझे अंदाजा हो गया कि बाजी जफर भाई का पूरा लंड मुंह में ले सकती हैं। फिर बाजी ने मेरे लंड पर जैसे हमला कर दिया और उसे अपनी ज़ुबान की पकड़ से जुड़ा लिया और उसकी चुसाइ लगाने लगी। बाजी का चुसाइ लगाने का तरीका ही निराला था। जब वह ज़ुबान की पकड़ से मेरे लंड को जकड़ लेती मुझे ऐसे लगता जैसे मेरे लंड से खून चूस रही हों. 
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10-10-2018, 01:42 PM,
#36
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
फिर बाजी 5 मिनट तक मेरे लंड की ऐसे ही चुसाइ लगाती रही। फिर बाजी शायद जोश चढ़ गया वह अपने मुंह से काफी अधिक थूक निकालकर मेरे लंड पर फेंक दिया और फिर लंड मुँह में लेकर उसे तेजी के साथ आगे पीछे करने लगी। बाजी का यह स्टाइल मेरी जान निकाल रहा था। और बाजी के झटकों के साथ लंड मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। जैसे कोई मुँह को चोद रहा हो। और बाजी की जानदार चुसाइ ने मेरी जान निकाल दी और 3 से 4 मिनट के अंदर ही मेरे लंड के अंदर हलचल से मच गई मैं समझ गया था अब मेरा पानी निकला कि अब निकला मैंने अपने लंड को बाजी के मुंह से निकालने के कोशिश की लेकिन बाजी ने अपने दोनों हाथों से मेरी गाण्ड को पीछे से पकड़ रखा था और मुंह को आगे पीछे कर के लंड अंदर बाहर कर रही थी। और फिर मैं हार गया और मेरा वीर्य बाजी के मुँह में ही छूट गया लंड अब भी बाजी मुंह के अंदर था और मेरा लंड वीर्य छोड़ रहा था जब मेरे लंड की आखिरी बूंद भी निकल चुकी तो मैंने धीरे से लंड मुंह से बाहर खींच लिया और बाजी को देखा तो बाजी अपना मुंह साफ कर रही थी मैं हैरान हुआ क्योंकि बाजी ने मेरा सारा वीर्य निगल गई थी .बाजी अब अपना मुंह साफ कर रही थी कि उन का मोबाइल बजने लगा 

बाजी ने बेड पर पड़ा हुआ अपना मोबाइल उठाया तो शायद जफर भाई की कॉल थी बाजी ने कॉल सुनकर मोबाइल एक तरफ रख दिया और बोली जफर का फोन था वह कह रहा था चाची को ड्रिप लगी हुई है इस लिए देर हो गई है ड्रिप कुछ देर की है हम लोग 20 या 25 मिनट में घर आ जाएँगे . फिर मैंने अपनी सलवार को उठाकर बांध लिया और कुर्सी पर बैठ गया। बाजी बाहर चली गई। और कुछ देर बाद वापस आई तो उन के हाथ में ठंडा दूध का गिलास था वह पिया और गिलास एक साइड पर रख दिया।

बाजी ने कहा वसीम हक़ीकत में तुम्हारा लंड बहुत जानदार और स्वादिष्ट है और तुम्हारा माल भी बहुत स्वादिष्ट है। मज़ा आ गया है। बाजी ने कहा वसीम लंबा काम तो किसी दिन समय निकालकर करवा लूँगी लेकिन कुछ काम तो हो गया है एक और काम शेष है अब इन लोगों को आने में 20 या 25 मिनट लगेंगे इसलिए उनके आने से पहले तुम मुझे एक बार ठंडा कर दो तो मैंने कहा बाजी अब क्या करना है तो बाजी ने कहा अंदर तो अब नहीं करवा सकती टाइम नहीं है तुम इस तरह करो एक बार अपने मुंह और जीभ से मेरी योनी को थोड़ा मज़ा दे दो। और बाजी ने अपनी शर्ट ऊपर करके अपने पेट पर बांध ली और अपनी सलवार को एक झटके में उतार कर फेंक दिया और कमरे की दीवार के साथ मुँह करके खड़ी हो गई और अपनी टांगों को खोल लिया और बोली वसीम मेरे भाई मेरी जान यहाँ आओ और अपनी बाजी को अपनी ज़ुबान का जादू दिखा दो . मैं कुर्सी से उठा और घुटनों के बल बैठ कर पहले बाजी गाण्ड की इनपुट को खोल कर देखा तो एक मध्यम आकार का छेद मुझे नजर आया जिसका रंग ब्राउन था मैंने नाक आगे कर बाजी की योनी और गाण्ड के छेद वाली जगह को सूंघ तो मुझे एक भीनी भीनी सी खुशबू आ रही थी जिससे मुझे नशा सा चढ़ गया था बाजी ने अपने चूतड़ पीछे करके कहा वसीम चिंता न कर बहुत जल्दी में अपने भाई के लंड को अपनी गाण्ड के अंदर करवाऊँगी और मज़ा दूंगी। मुझे पता है मेरे भाई को मेरी गाण्ड बहुत पसंद है। फिर मैं दीदी की गांड के छेद पर और योनी पर किस करने लगा और योनी के होंठों पर किस किया फिर बाजी की गाण्ड के छेद पर किस किया। कुछ देर किस करने के बाद मैंने दीदी की गांड की लकीर से जीभ फेरकर नीचे योनी के लबों तक जीभ से उसे चाटना शुरू कर दिया बाजी को मेरी जीभ लगते ही झटका सा लगा और अपनी गाण्ड को हल्का हल्का आगे पीछे कर मेरी ज़ुबान को अपनी गाण्ड की लकीर और योनी पर महसूस करने लगी। 4 से 5 मिनट तक दीदी की चूत गान्ड स्टाइल में चाटतारहा बाजी के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं। वह मेरी ज़ुबान को अपनी गाण्ड के छेद पर महसूस कर मदहोश हो गई थी। 


फिर मैंने कुछ देर बाद अपने दोनों हाथ की उंगलियों से बाजी की योनी के लबों को खोला और उसमें एक बार अपनी जीभ फेरा तो बाजी का शरीर झटके खाने लगा। और बाजी आह की आवाज से बोली वसीम मेरी जान तुम्हारी ज़ुबान में जादू है। बाजी की योनी के होंठ आपस में जुड़े हुए थे और योनी पर छोटे बाल थे ऐसा लग रहा था बाजी ने 2 या 3 दिन पहले अपने बाल साफ किए थे। उनकी योनी का मुंह थोड़ा बड़ा था वह तो वैसे भी होना था 2 बच्चों के पैदा होने के बाद योनी कुंवारी लड़कियों की तरह तो नहीं रहती है। फिर मैंने अपनी ज़ुबान को फिर बाजी की योनी में फेरा तो बाजी के मुँह से सिसकियाँ तेज हो गयीं थीं। कुछ देर तक अपनी जीभ धीरे धीरे दीदी की योनी के अंदर बाहर करता रहा और बाजी भी गाण्ड को आगे पीछे करके ज़ुबान का मज़ा ले रही थी।

बाजी की योनी ने थोड़ा थोड़ा रिसना शुरू कर दिया था क्योंकि मुझे दीदी की योनी का नमकीन अपनी ज़ुबान में महसूस होना शुरू हो गया था। फिर मैंने दीदी को और मज़ा देने का सोचा और अपनी जीभ को तेजी के साथ बाजी की योनी के अंदर बाहर करने लगा बाजी का जोश बढ़ गया उनके मुंह से बहुत ऊंची सिसकियाँ निकल रही थीं आह आह ओह ओह आह आह वसीम और तेज करो मेरे भाई आह आह ओह आह। मैंने लगातार 3 से 4 मिनट बाजी की योनी को अपनी जीभ से चोदा और फिर बाजी अपने अंतिम क्षण में थी उन्होंने अपना एक हाथ पीछे करके मेरे सिर पर रख दिया और मेरे सिर को अपनी योनी पर दबाने लगी और ऊंची आवाज निकाल रही थी। और कुछ देर बाद ही बाजी का शरीर अकड़ कर पानी छोड़ने लगा मुझे अपनी ज़ुबान पर बाजी की योनी का गर्म गर्म नमकीन रस लगा और फिर पीछे हट कर अपनी सांस बहाल करने लगा बाजी वहाँ दीवार पर हाथ रख कर 2 मिनट तक खड़ी रही जब उनकी योनी ने अपना सारा पानी छोड़ दिया जोकि उनकी जांघों के बीच से होता हुआ जमीन पर गिर रहा था फिर बाजी सीधी हुई और नीचे से नंगी ही अपनी सलवार उठा कर अपने बाथरूम में चली गई। और लगभग 5 से 7 मिनट बाद अपने कपड़े पहन कर फ्रेश होकर फिर से कमरे में आ गई। मैं भी बाथरूम में गया और जाकर अपना मुंह धोकर फ्रेश हुआ और बाहर आकर कुर्सी पर बैठ गया। बाजी ने कहा वाह वसीम तेरी जीभ में क्या जादू है। मेरा आज बहुत पानी निकला है। जफर तो बस थोड़ी देर योनी को चूस सकता है और थक जाता है उसे बस गाण्ड में और योनी में डालने की जल्दी होती है। तुम पहले मर्द हो जिसने मेरा ज़ुबान की चुदाई से पानी निकलवाया है। 


फिर बाजी नेकहा वसीम तुम्हें एक और बात भी समझानी है जब चाची यहाँ आ जाएगी तो ज़्यादा वक्त उस को नहीं देना है क्योंकि चाची बहुत तेज औरत है। बस कभी कभी समय निकालकर उसे ठंडा कर दिया करना। और न ही ज़ुबैदा से अपने और चाची के संबंध का कभी उल्लेख करना इस तरह माँ बेटी और जीवन साथी की भी इज़्ज़त कम हो जाती है। जितना हो सके इसे छिपाकर रखो। जब पता चल जाएगा तो उस वक्त की उस वक्त देखेंगे। और वैसे भी तुम्हें अब मुश्किल नहीं है। तुम्हारी पत्नी भी मज़ा देने के लिए है और तुम्हारी दोनों बहन भी हैं जब दिल करे कर लिया करो। बस चाची को ज़्यादा सिर पर चढ़ने का मौका नहीं देना तुम समझ रहे हो न मैं क्या कहना चाहती हूँ। तो मैंने कहा बाजी में आपकी एक एक बात समझ रहा हूँ बेफिक्र हो जाएं अब वही होगा जो आप चाहेंगी आज से आप मेरी शिक्षक हैं। बाजी मेरी बात सुन कर खुश हो गई और मुस्कुरा पड़ी और कहने लगी वसीम मेरे भाई कभी तुम्हें ऐसा काम नहीं करने दूंगी जिससे तुम्हारी या परिवार की इज्जत खराब हो जो भी काम हो पर्दे में हो तो अच्छा रहता है। और तुम चिंता मत करो अब अपनी बाजी से यारी लगा ली है तो मुझे पता है अपने भाई का कैसा और कैसे ख्याल रखना है। फिर बाजी घर के दरवाजे पर दस्तक हुई बाजी ने कहा लगता है चाची और जफर आ गए हैं। बाजी ने दरवाजा खोला और वे ही लोग थे मैं भी बाजी के कमरे से निकल कर बाहर आंगन में आ गया और मौसी की खाट के पास हो कर बैठ गया और उनका हाल पूछने लगा जफर भाई भी वहां ही बैठ गए मैंने भी अभिवादन और हाल हवाले पूछा और 15 से 20 मिनट बैठकर यहाँ वहाँ की बातें करके अनुमति लेकर अपने घर आ गया।

जब घर आया तो उस वक्त रात के 8 बज चुके थे खाना तैयार था मैंने सभी के साथ खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। मैं थोड़ा थक गया था मेरा एक बार पानी भी निकल चुका था इसलिए अब ज़ुबैदा के साथ कुछ करने का मूड नहीं था। इसलिए मैंने कमरे में आ कर कुछ देर टीवी देखा और फिर लगभग 10 बजे लाइट बंद कर सो गया। सुबह मेरी आँख उस वक्त खुली जब मुझे अपने होठों पर कुछ गर्म सा और नरम सा एहसास हुआ मैंने आँखें खोल कर देखा तो हैरान रह गया क्योंकि नबीला मेरे होंठों को अपने मुँह में लेकर किस कर रही थी। मैंने अपने बेड की तरफ देखा तो ज़ुबैदा वहाँ नहीं था और टाइम देखा तो 9 बज चुके थे। मैं हैरान होकर नबीला को देख रहा था तो नबीला ने कुछ देर किस करके मेरी आँखों में देखा उसकी आँखों में एक नशा और चमक सी थी और बोली भाई चिंता मत करो आप की पत्नी घर पर नहीं है। रात मोहल्ले में एक फूतगी हो गई थी अम्मी और ज़ुबैदा फूतगी वाले घर गईं हैं। मैं उठ कर बैठ गया और बेड के साथ टेक लगा ली। नबीला भी बेड पर चढ़ कर अपनी टांगों को फैला कर मेरी गोद में बैठ गई और मुझे किस करने लगी 

नबीला की नरम नरम गाण्ड महसूस करके मेरा लंड नीचे से सिर उठाने लगा जिसे शायद नबीला ने भी महसूस कर लिया था और अपना एक हाथ नीचे करके मेरे लंड को सलवार के ऊपर से ही पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी लेकिन वह मेरे होंठों को लगातार चूस रही थी। फिर कुछ देर में ही मेरा लंड अकड़ कर खड़ा हो गया नबीला ने अपनी गाण्ड की दरार में मेरे लंड को फंसा लिया और और ऊपर बैठ कर आगे पीछे होने लगी और साथ में फ्रेंच किस करती रही। नबीला भी कपड़ों में ही थी और मैं भी सलवार और बनियान में था। फिर नबीला की फ्रेंच किस और अपनी गाण्ड को मेरे लंड के ऊपर ही रगड़ ने से मुझे भी जोश आ गया और मैंने नबीला के मम्मों को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा। नबीला काफी ज़्यादा मस्त हो चुकी थी। और नीचे मेरा लंड भी नबीला की गाण्ड की गर्मी महसूस कर लगातार झटके मार रहा था तो नबीला थोड़ा पीछे हटी और खड़ी हो गई। उसकी सलवार जिसमें लास्टिक डाला हुआ था उसे आधा अपने घुटनों तक उतारा और फिर हाथ नीचे करके मेरी सलवार का नाडा खोलकर थोड़ा नीचे किया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और इस बार अपने मुंह में ले लिया और 1 मिनट तक चुसाइ लगाकर फिर मेरे लंड पर अपनी काफी अधिक थूक लगा कर गीला कर दिया और फिर नीचे होकर मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी योनी के मुंह पर रखा और फिर अपने शरीर को धीरे से नीचे की ओर झटका लगा दिया जिससे मेरे लंड का टोपा नबीला की योनी के अंदर हो गया। नबीला के मुंह से एक लम्बी सी आह निकली और फिर नबीला धीरे धीरे अपने शरीर को नीचे की ओर दबाते गई और लगभग आधे से ज़्यादा लंड को अपनी योनी के अंदर ले लिया 
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10-10-2018, 01:42 PM,
#37
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
उसका चेहरा बता रहा था वह काफी मुश्किल से लंड अंदर ले रही थी। फिर कुछ देर रुक कर उसने एक जोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड नबीला की योनी के अंदर खो गया। नबीला के मुंह से एक ऊंची सी दर्द भरी सिसकी निकल गई और बोली हाईईईईईईईईईईईई एह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भाई मर गई हूँ तेरा घोड़े जैसा लंड है कितनी बार योनी में लेकर भी यह अभी तक बहुत तंग करता है योनी को अंदर से चीर कर रख देता है। 

मैं नबीला की बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा। और बोला नबीला मेरी जान तो यह लंड बाद में मज़ा भी तो देता है। तो वह बोली भाई इसलिए तो हर वक्त अवसर की तलाश करती रहती हूँ कब से जी भर कर मज़ा करना था और अपनी आग को शांत करना था . फिर कुछ देर तक नबीला ऐसे ही मेरे लंड को अंदर लेकर बैठी रही और बातें करती रही फिर खुद ही उसने अपने शरीर को हरकत दी और अपने शरीर को ऊपर की ओर उठाने लगी। और लंड को टोपे तक बाहर निकाल कर फिर दोबारा धीरे धीरे अंदर करने लगी इस तरह वह धीरे धीरे लंड को योनी के अंदर लेने लगी और मुंह से सेक्सी सेक्सी आवाजें भी निकाल रही थी। फिर जब लंड काफी योनी के अंदर हो गया तो नबीला ने अपनी स्पीड तेज कर दी और लंड को तेजी के साथ अपनी योनी के अंदर बाहर करने लगी जब अंदर लेती तो अपनी योनी को टाइट कर लेती और जब बाहर निकालती तो ढीला कर देती मेरा लंड नबीला की योनी की आंतरिक दीवारों से रगड़ रगड़ कर अंदर बाहर हो रहा था नबीला की योनी ने अंदर से रिसना भी शुरू कर दिया था जिसके कारण योनी अंदर से गीली हो गई थी और लंड पिच पिच की आवाज से अंदर बाहर हो रहा था। मुझे भी अब उसके झटकों से जोश चढ़ गया था और मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर पकड़ लिया और अपनी गाण्ड नीचे से उठा उठा कर उसका साथ देने लगा। लगभग 5 मिनट बाद ही नबीला का शरीर अकड़ने लगा और फिर देखते ही देखते उसने जोर से सिसकियाँ लेना शुरू कर दी और फिर उसकी योनी ने गर्म गर्म वीर्य का लावा अंदर छोड़ दिया मेरा अभी पानी नहीं निकला था योनी के अंदर पानी की वजह से काफी गीला हो चुका था मैंने भी पूरे जोश के साथ झटके मारने शुरू कर दिए और 2 मिनट में ही मेरे ने लंड भी नबीला की योनी के अंदर माल गिराना आरम्भ कर दिया। नबीला कुछ देर मेरे ऊपर बैठी रही फिर मेरे लंड ने भी वीर्य उगलना बंद कर दिया था फिर नबीला मेरे ऊपर से हट कर बेड से उतर कर खड़ी हो गई और अपनी सलवार को पूरा उतार दिया और अपने हाथ में पकड़ कर मुझे एक मस्त वाली मुस्कान दे कर कमरे से बाहर चली गई। 

उसके जाने के कुछ देर बाद मैं भी उठ कर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा और नहा धोकर फ्रेश हो गया। फिर अपने ही कमरे में बेड पर टेक लगाकर बैठ गया और टीवी लगा लिया। लगभग आधे घंटे बाद ज़ुबैदा ने कमरे में नाश्ता लेकर प्रवेश किया। और वह भी मेरे आगे नाश्ता रख कर मेरे साथ बैठकर नाश्ता करने लगी।


नाश्ता करने के बाद ज़ुबैदा बर्तन उठाकर कमरे से बाहर चली गई और टीवी देखने में व्यस्त हो गया। आज बुधवार का दिन था और मुझे जुम्मे वाले दिन लाहौर जाना था। मैं सोच रहा था कल रात को तो ज़ुबैदा गोली दे दी थी लेकिन आज ज़ुबैदा का मूड होगा इसलिए उसे भी खुश करना होगा वैसे भी मैने ज़ुबैदा के बारे में सारी बातें जानकर अब अपना दिल साफ कर लिया था और उसे अपनी पत्नी का दर्जा ही देना शुरू कर दिया था। मैं जानता था प्यार प्यार में हर लड़की या लड़का अपनी सीमा लाँघ जाता है इसलिए यह गलती ज़ुबैदा ने भी की लेकिन वह तो प्यार में थी लेकिन उसे नहीं पता था कि वह लड़का उसे धोखा दे रहा है और बस अपने शरीर की भूख मिटा रहा है। खैर में यही बातें सोच रहा था कि समय देखा दिन के 11: 30 हो रहे थे मैंने सोचा आज दोस्तों के पास चलता हूँ काफी दिन हो गए हैं उनसे बहुत दिनों से बात नही हुई थी और फिर तैयार हो कर घर में बता कर बाहर दोस्तों के पास आ गया और 2 बजे तक अपने दोस्तों में ही बैठकर गॅपशॅप लगाता रहा। फिर जब 2 बजे तो भूख महसूस हुई और घर की ओर आ गया .


दरवाजा नबीला ने खोला और बोली भाई खाना तैयार है मुंह हाथ धोकर आओ और मैं वहां से सीधा बाथरूम चला गया और मुंह हाथ धोने लगा और फिर बाहर आकर खाना खाने लगा देखा तो ज़ुबैदा वहां मौजूद नहीं थी मैंने नबीला से पूछा कि ज़ुबैदा नजर नहीं आ रही है तो उसने कहा कि बाजी जमीला आई थीं उनके साथ डॉक्टर के पास गई है। मैं नबीला की बात सुनकर हैरान हुआ और पूछा ख़ैरियत तो है डॉक्टर के पास क्यों गई है तो नबीला ने थोड़ा गुस्से में कहा भाई मुझे क्या पता जब वापस आएगी तो खुद पूछ लेना और मैं नबीला का गुस्सा जानता था इसलिए फिर से उसे तंग करना उचित नहीं समझा और खाना खाने लगा और खाना खाकर अपने कमरे में आ गया और अपने बेड पर लेट गया और यह सोचते हुए कि ज़ुबैदा को क्या हो गया है कि वह डॉक्टर के पास गई है। और मुझे पता ही नहीं चला मैं सो गया लगभग शाम के 5 बजे मुझे ज़ुबैदा ने ही जगाया और वह मेरे और अपने लिए चाय बनाकर लाई थी और एक कप खुद ले लिया और दूसरा कप बेड के साथ टेबल पर मेरे लिए रखा।


मैं बेड से उठा और बाथरूम में चला गया और मुंह हाथ धोकर फ्रेश हो गया और फिर बाहर आकर बेड पर बैठ गया और चाय उठाकर पीने लगा ज़ुबैदा भी बेड के दूसरी ओर बैठी चाय पी रही थी। मैंने ज़ुबैदा को देखा और उसे पूछा डॉक्टर के पास क्यों गई थी तो वह मुझे देखकर मुस्कुरा पड़ी और बोली कि हां ख़ैरियत से गई थी। मैंने कहा अगर सब ख़ैरियत थी तो डॉक्टर के पास क्यूँ गई तो ज़ुबैदा ने कहा, जमीला बाजी के साथ डॉक्टर के पास पिछले 2 महीने से जा रही हूँ 10 या 15 दिन बाद दवा के लिए चक्कर लगा लेती हूँ और फिर अपने कप को एक साइड पर रख कर मेरे पास आ गई और मेरी गर्दन में अपनी बाँहों डाल बोली वसीम आपको तो पता है हमारी शादी को इतने साल हो गए हैं लेकिन हमारी कोई संतान नहीं है। मैं काफी डॉक्टर से पहले भी लाहौर में चेक करवाया लेकिन फर्क नहीं पड़ा था अब इस डॉक्टर का बहुत सुन रखा था वह इस समस्या के समाधान के लिए बहुत अच्छी डॉक्टर है और सबसे बड़ी बात यह कि जमीला बाजी की मैट्रिक कक्षा की साथी भी है। जमीला बाजी ने ही मुझे इससे पहली बार मिलवाया था वह रहती तो मुल्तान शहर में है लेकिन 2 दिन यहां के अस्पताल में भी बैठती है। आज भी मैं और जमीला बाजी उसके पास गए थे। मैंने कहा तो तुम्हे इसकी दवाई से फर्क पड़ा है तो ज़ुबैदा ने कहा कुछ कुछ तो फर्क पड़ा है लेकिन डॉक्टर कहती है यह 3 महीने के कोर्स है और मुझे तो अभी 2 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं। लेकिन सुना है उस डॉक्टर की दवा को जिस भी औरत ने इस्तेमाल किया है उसके औलाद हुई है। मैंने कहा चलो ठीक है जैसी तुम्हारी इच्छा 


फिर उसने मुझे होंठों पर एक लम्बी सी किस दी और बोली वसीम अब आपको कुछ दिन मेरा इंतजार करना होगा क्योंकि मेरे आज ही दिन शुरू हो गए हैं। मैंने कहा कोई बात नहीं है। फिर वह चाय के खाली कप लेकर बाहर जाने लगी और दरवाजे के पास जाकर फिर पीछे को मुड़ी और बोली वसीम आपने लाहौर कब जाना है। तो मैंने कहा तुम्हारी अम्मी का फोन आया था वह कह रही थीं, जिन से मकान का सौदा हुआ है उनके साथ जुम्मे के दिन मिलना है और कागजी कार्रवाई करनी है। इसलिए जुम्मे को लाहौर जाऊँगा। और ज़ुबैदा मेरी बात सुन कर फिर बाहर चली गई। मैंने टीवी लगा लिया और टीवी देखने लगा। वह दिन भी सामान्य तरीके से ही बीत गया और आज वैसे भी ज़ुबैदा के दिन शुरू हो गए थे। इसलिए कुछ खास नहीं था। 


अगली सुबह मैं थोड़ी देर से उठा और क्योंकि कोई खास काम नहीं था। और शाम तक कमरे में ही पड़ा रहा। शाम को उठकर बाहर आंगन में गया अम्मी और ज़ुबैदा बैठे थे और नबीला रसोई में थी। मैं थोड़ी देर वहां बैठा और फिर मैंने कहा मैं छत पर जा रहा हूँ तो नबीला ने कहा भाई चाय तैयार है चाय पीकर जाना तो मैंने कहा नबीला मुझे चाय ऊपर ही दे देना और मैं छत पर आ गया। लगभग 10 मिनट बाद नबीला चाय लेकर ऊपर आ गई मैं छत पर रखी खाट पर लेटा हुआ था। 

नबीला मुझे चाय दी और खाट पर ही एक ओर बैठ गई और बोली- भाई मुझे आपसे एक बात पुछनी थी। मैंने कहा हां पूछो क्या पूछना है तो नबीला ने कहा आप लाहौर कब जा रहे हैं तो मैंने कहा कल सुबह लाहौर जा रहा हूँ। नबीला ने कहा भाई क्या चाची अब हमारे साथ ही रहेगी तो मैंने कहा हां कुछ दिन तो लाहौर से आकर हमारे साथ ही रहेगी लेकिन फिर वह अपना घर लेकर वहां चली जाएगी चाची कह रही थी कि वह लाहौर वाला मकान बेचकर जो पैसे मिलेगे उनमें से कुछ पैसे से यहां मकान लेगी बाकी बैंक में रखकर अपना गुज़ारा चलाती रहेगी लेकिन वह 10 या 15 दिन तो पहले हमारे साथ ही रहेगी। वैसे भी हमारे ऊपर वाले मकान में कौन रहता है खाली पड़ा रहता है। नबीला मेरी बातें सुनकर चुप हो गई थी। मैंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा नबीला तुम मुझे कितना प्यार करती हो तो नबीला मेरे पास हो गई और मेरे सीने पर सिर रख कर बोली भाई मैं तुम्हें अपनी जान से ज्यादा प्यार करती हूँ

लेकिन आप क्यों पूछ रहे हैं। तो मैंने कहा नबीला मुझे तुमसे यही उम्मीद थी। और मैं भी तुम दोनों बहन को अपनी जान से ज्यादा प्रिय और प्यारा समझता हूँ। लेकिन नबीला मैं अगर तुम से कुछ मांगू तो तुम मुझे दोगी तो नबीला मुझ से अलग होकर मेरी आंखों में देख कर बोली भाई मेरा तो सब कुछ आपका है फिर आप को मांगने की क्या जरूरत है ले लो। तो मैंने कहा नबीला तुम मेरी बात ध्यान से सुनो और प्लीज़ गुस्सा नहीं करना और मेरी इस बात को समझने की और उस पर सोचने की पूरी कोशिश करना इस बात में मेरा और तुम्हारा दोनों का लाभ है और सम्मान भी है। तो नबीला ने कहा भाई आप खुलकर बोलो क्या कहना चाहते हो। तो मैंने कहा नबीला बात यह है कितुम मेरी जान हो और सबसे प्रिय हो और ज़ुबैदा से ज़्यादा तुम मेरी वफादार और करीब हो। लेकिन नबीला तुम भी सोचो हम आपस में भाई-बहन भी हैं बाहर पड़ोस और परिवार में सबसे पहले तुम्हारा मेरे साथ एक बहन और भाई का रिश्ता है 

दुनिया को यह नहीं पता हम बहन भाई कितने पास आ चुके हैं। और मेरा विश्वास करो मेरा तुम्हारे साथ यह रिश्ता मरते दम तक रहेगा तुम मेरे दिल में रहती हो और तुम्हारा और मेरा रिश्ता एक पक्का और सच्चा रिश्ता है। जो कभी नहीं टूटेगा। लेकिन इस रिश्ते के साथ अपनी बहन और अपने घर की इज्जत को बरकरार रखना चाहता हूं और इसके लिए मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है। नबीला ने कहा भाई आपकी बातें ध्यान से सुन रही हूँ, लेकिन आप मुझे खुलकर बताएं कि आप को मुझसे क्या चाहिए। तो मैंने कहा नबीला बात यह है कि जो रिश्ता तुम्हारे और मेरे बीच बन गया है। वह कभी भी खत्म नहीं हो सकेगा लेकिन इस रिश्ते में किसी न किसी जगह पर जाकर मुश्किल और तूफान आ सकता है। और मैं चाहता हूँ तुम्हारा और मेरा यह रिश्ता हमेशा कायम रहे और कोई मुश्किल या तूफान उसे ख़त्म न कर दे। इसलिए मेरी बहन मेरी तुम से एक इल्तिजा है कि तुम किसी के साथ शादी कर लो मेरी पूरी बात सुन लेना फिर जो जवाब हो मुझे दे देना। किसी के साथ शादी करने से तुम्हें एक सहारा मिल जाएगा दुनिया और परिवार की नज़र में उसकी पत्नी होगी और एक वैध संबंध भी बन जाएगा और उसके साथ तुम्हारा और मेरा रिश्ता भी चलता रहेगा अगर कभी तुम गलती से भी प्रेगनेंट हो जाती हो जो कि कभी भी यह होने नहीं दूंगा। तो किसी के साथ रिश्ता होते हुए तुम पर कोई उंगली नहीं उठा सकेगा। 

कोई हम बहन भाई पर शक नहीं कर सकेगा और न ही परिवार में या दुनिया के सामने बदनामी हो सकेगी . मेरी बहन तुम्हारा और मेरा रिश्ता प्यार अपनी जगह पर रहेगा लेकिन तुम्हे दुनिया के सामने एक वैध रिश्ता मिल जाएगा जो हम दोनों को बड़ी कठिनाइयों और तूफानी जीवन से बचा सकता है। मेरी बहन अब फैसला तुम्हारा है और मुझे आशा है मेरी बहन मुझे निराश नहीं करेगी और मेरी बातों को समझने और उस पर पूरा सोचेगी। नबीला का चेहरा मेरी बात सुनकर लाल हो चुका था वह वहां से उठकर चुपचाप नीचे जाने लगी तो मैंने कहा नबीला तुम्हारे पास सोचने के लिए खुला समय है जब पूरी तरह से सोच लो तो मुझे अपना निर्णय बता देना। मैं तुम्हारे फैसले का इंतजार करूँगा .फिर उस दिन मेरी और नबीला की फिर बात नहीं हुई रात को खाना खाते हुए वो चुपचाप खाना खा रही थी और फिर मैं भी खाना खाकर अपने कमरे में आ गया। मैंने अपनी अम्मी को बता दिया कि सुबह लाहौर चाची को लेने के लिए जा रहा हूँ और यह बोल कर अपने कमरे में आ गया तकरीबन 10 बजे के करीब ज़ुबैदा कमरे में आई तो मैंने कहा मेरे 1 या 2 कपड़े बैग में डाल दो और एक सूट तैयार करके रख दो मुझे सुबह 9 बजे की ट्रेन से लाहौर जाना है ज़ुबैदा मेरा बैग तैयार करने लगी और फिर मेरी सुबह के लिए तैयारी पूरी कर लाइट ऑफ करके मेरे साथ आकर लेट गई और मैं भी कुछ देर लेटा रहा और फिर पता नहीं कब नींद आ गई सुबह 7 बजे के करीब मुझे ज़ुबैदा ने उठा दिया और बोली वसीम उठो जानू नहा धो लो मैं नाश्ता बना कर लाती हूँ। और वह कमरे से बाहर चली गई मैं बेड से उठा और नहा धोकर फ्रेश हो गया और बाथरूम से बाहर निकला तो ज़ुबैदा नाश्ता ले आई थी तो मैंने और उसने नाश्ता किया और मैं तैयार हो कर अपना बैग उठा लिया और कमरे से बाहर निकल आया इस वक्त 8 बजने वाले थे 
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10-10-2018, 01:42 PM,
#38
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैंने अम्मी से अनुमति ली और घर से निकल आया और सीधा मुल्तान स्टेशन पर आ गया जब मैं स्टेशन पर आया तो 8 बजने में 20 मिनट बाकी थे। मैंने टिकट ली और गाड़ी के इंतजार में बैठ गया गाड़ी अपने समय पर आ गई और उस मे जा कर बैठ गया और गाड़ी कुछ देर रुक कर चल पड़ी। मैं अपना बैग रख कर खिड़की के साथ बैठ कर बाहर देखने लगा मुझे पता ही नहीं चला मुझे फिर नींद आ गई और सो गया मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरे मोबाइल पर एक कॉल आ रही थी। मैंने समय देखा तो 12 बजने वाले थे और मोबाइल पर कॉल साना की थी वह मुझे फोन कर रही थी।

साना की कॉल देखकर थोड़ा हैरान और परेशान हुआ ख़ैरियत तो है आज साना क्यों कॉल कर रही है। मैंने कॉल पिक तो आगे से साना की मुझे रोती हुई आवाज आई वह रो रही थी। उससे बात नहीं हो रही थी बस रो रही थी मैं भी काफी परेशान हो गया कि पता नहीं क्या समस्या हो गई है। मैं उसे दिलासा देने लगा और पूछने लगा साना क्या हुआ है मुझे बताओ तुम रो क्यों रही हो लेकिन वह फिर भी रो रही थी मैंने उसे कुछ देर रोने दिया जब वह रो कर अपने दिल का गुबार निकाल चुकी और थोड़ा रोना कम हुआ तो मैंने कहा साना हुआ क्या है मुझे कुछ बताओ तो सही तो साना की रोती हुई आवाज़ आई वसीम भाई मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ आप यहाँ आ जाओ मुझे बचा लो मैंने कहा साना तुम क्या कह रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रही साना ने कहा वसीम भाई बस मुझे बचा लो नहीं तो वह मेरी इज्जत खराब कर देगा मुझे बहुत डर लग रहा है। 

मैंने कहा साना तुम्हें कुछ नहीं होगा तुम डरो नहीं मुझे बताओ समस्या क्या है। तो साना ने कहा वसीम भाई फोन पर नहीं बता सकती आप यहाँ आ जाओ मुझे यहाँ नहीं रहना है मुझे यहां से ले जाओ और रोने लगी तो मैंने कहा साना तुम बिल्कुल बेफिक्र हो जाओ तुम्हे कुछ भी नहीं होगा तुम मेरी बात ध्यान से सुनो तुम अब कहाँ हो तो साना ने कहा छात्रावास में हूँ। तो मैंने कहा साना मेरी बात ध्यान से सुनो मैं अपने दोस्त को फोन करता हूँ वो खुद या अपने ड्राइवर को भेज देगा और तुम उसके साथ उसके घर चली जाओ वहाँ पर मेरे दोस्त की पत्नी तुम्हें कुछ दिन के लिए संभाल लेगी और तुम अपनी कॉलेज से भी छुट्टी ले लो और अपना मोबाइल बंद करके मेरे दोस्त के घर चली जाओ तो मैंने उसे उसकी अम्मी का बता दिया कि वह अपना मकान बेचकर मुल्तान आने वाली है और उसे सब डिटेल बता दी और मैंने उसे कहा मैं चाची को लेकर रविवार को मुल्तान चला जाऊँगा तुम रविवार वाले दिन तक मेरे दोस्त के घर पर ही रहो और मैं मंगलवार को सुबह तुम्हारे पास इस्लामाबाद आ जाऊँगा और सब प्रॉब्लम ठीक कर दूंगा। 

साना को मेरी बात सुनकर काफी आराम हो गया था और अब उसने रोना बंद कर दिया था। मैंने कहा अब तुम फोन बंद कर दो थोड़ी देर बाद मेरे दोस्त का ड्राइवर तुम्हें आकर ले जाएगा और तुम उसके घर चली जाओ और दोस्त को बोल देता हूँ वह तुम्हारी कॉलेज मे कॉल करके खुद बता देंगे। तुम फोन बंद करो मैं अभी उसे फोन करता हूँ और मैं खुद ही कॉल काट दिया और फिर अपने दोस्त को फोन मिला दिया और उसे साना के बारे मे बता दिया उसने कहा, मैं अभी ड्राइवर को भेज देता हूँ तुम बेफिक्र हो जाओ और विश्वविद्यालय में भी कॉल कर दूंगा तुम बेफिक्र होकर लाहौर जाओ और फिर लाहौर का काम निपटा कर फिर यहाँ आ जाना फिर देख लेते हैं कि क्या करना है, तो मैंने अपने दोस्त को धन्यवाद दिया और फिर शांत हो गया और फिर मैंने फोन जेब में रखकर खिड़की से बाहर देखने लगा और अंततह यात्रा पूरी हुई और शाम को 5 बजे लाहौर स्टेशन पर उतर गया और वहां से रिक्शा पकड़ कर चाची घर घर पहुँच गया। चाची मुझे जब देखा तो खिल उठी और उनकी आंखों की चमक साफ नजर आ रही थी। चाची मुझे अपने गले लगा लिया और अपने मम्मे मेरे सीने के साथ सटा दिए और दरवाजे पर ही खड़ी होकर मुझे फ्रेंच किस किया और फिर मुझे से अलग हो गई तो दरवाजा बंद कर दिया और मैं और चाची कमरे में आ गए और मैंने अपना बैग चाची के कमरे में रख दिया तो चाची ने कहा वसीम बेटा, तुम जा कर नहा लो मैं चाय बनाती हूँ और फिर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा 


नहा धोकर फ्रेश होकर दोबारा टीवी लाउंज में आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद चाची चाय लेकर आ गई मैं और चाची चाय पीने लगे और चाय पीकर चाची बर्तन उठा कर किचन में ले गई और खिड़की में खड़ी होकर बातें करने लगी और साथ में खाना पकाने लगी और मैंने टीवी लगा लिया और टीवी भी देखने लगा और चाची से बातें भी करने लगा। फिर लगभग रात के 9 बज गए थे और चाची ने रात का खाना तैयार कर लिया और टीवी लाउंज में ही खाना लगा दिया और मैं और चाची वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे

खाना खाकर चाची ने बर्तन उठा लिए और किचन में रखने लगी और फिर किचन में ही बर्तन धोने लगी और मैं कुछ देर तक टीवी देखता रहा और फिर चाची वाले ही कमरे में आकर बेड पर लेट गया। लगभग 1 घंटे बाद चाची किचन का काम निपटा कर कमरे में आ गई और दरवाजा बंद कर दिया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और फिर बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गई और मेरे साथ चिपक गई। और बोली वसीम जब से तुम्हारे साथ मज़ा किया है तुम्हारा नशा सा हो गया है। अब तो मन करता है तुम और मैं और बस मज़ा ही मज़ा है और तुम और मैं घर में नग्न ही रहें और जी भर कर एक दूसरे का आनंद लें 

मैं चाची बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा और फिर मैंने कहा चाची अब तो आगे मज़ा ही मज़ा होगा अब आप अपने गांव में होगी जब दिल करे बुलाया करना और मज़ा भी ले लेना और देना भी तो चाची ने कहा क्यों नहीं वसीम मेरी जान और मेरे लंड को सलवार के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगी और बोली इस लंड के लिए ही तो अब गांव जाने का पक्का मन बना लिया है। फिर चाची ने कहा वसीम तुम अपने कपड़े उतार दो में भी उतार रही हूँ आज दिल भर कर मज़ा करना है। बहुत दिन हो गए हैं मेरी तो योनी में आग लगी हुई है। और चाची अपने कपड़े उतारने लगी और मैंने भी अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही देर में हम दोनों पूरे नंगे हो गए। मैं बेड पर पैर लंबे करके टेक लगाकर बैठ गया चाची ने कहा वसीम मेरे आज मूड है कि एक तरफ तुम मेरी योनी को सक करो और दूसरी तरफ मैं तुम्हारे लंड की चुसाइ लगाती हूँ। तो मैंने कहा ठीक है चाची जैसे आप की इच्छा और मैं सीधा लेट गया चाची ने अपना मुँह मेरे लंड की ओर करके अपनी योनी को मेरे मुंह की तरफ कर दिया और मेरे ऊपर आ गई और फिर चाची ने मेरे लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और उस पर गोल गोल जीब घुमा कर चाटने लगी और मैंने दूसरी तरफ चाची की योनी और गांड की दरार में अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी। और अपनी जीभ से रगड़ रगड़ चाची गाण्ड के छेद से लेकर योनी के छेद तक ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर जीब फेरने लगा चाची का शरीर मेरी ज़ुबान लगने से धीरे धीरे झटके खाने लगा था। कुछ देर तक अपनी गीली जीभ से चाची की योनी और गांड के छेद अच्छी तरह पेला और फिर मैंने चाची की योनी के लबों को खोलकर जीभ अंदर तक धीरे धीरे फेरनी आरम्भ कर दी। 


दूसरी ओर चाची ने अब मेरे लंड को मुंह में ले लिए हुए थी और उसे अपनी जीब की पकड़ से जकड़ा हुआ था और उसकी चुसाइ कर रही थी। आंटी का स्टाइल बहुत जानदार और आनंद देने वाला था चाची का चुसाइ लगाने का स्टाइल दबंग था। यहाँ मैं अब चाची की योनी में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा और चाची भी अपनी योनी को आगे पीछे करके जीब को अंदर बाहर करवा रही थी। मैं सफ़र की वजह से थक गया था मेरा विचार था 1 राउंड लगाकर चाची की योनी शांत कर दूँगा लेकिन चाची की जानदार चुसाइ ने मेरे लंड को लोहे की तरह टाइट कर दिया था और लंड की नसें फूलने लगीं थीं। मैं अपनी जीभ को तेज़ी से अंदर बाहर कर चाची को जीभ से ही चोद ने लगा। और लगभग 3 से 4 मिनट के अंदर ही चाची के शरीर ने झटके मारने शुरू कर दिए और चाची की योनी ने गर्म गर्म नमकीन पानी छोड़ना शुरू कर दिया। जब चाची ने अपना सारा पानी छोड़ दिया तो मेरे ऊपर से हट कर एक साइड पर हो गई मैं उठकर बाथरूम चला गया और अपना मुंह धोकर फिर से कमरे में आ गया और बेड पर बैठ गया 

मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह खड़ा था चाची ने कहा वसीम बेटा 2 मिनट रुको मैं अभी योनी की सफाई करके आती हूँ तभी लंड योनी के अंदर करना और वह यह कहकर बाथरूम में चली गई। और थोड़ी देर बाद वापस आकर बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को चौड़ा किया और बोली वसीम बेटा अब आ जाओ और लंड अंदर करो मैं उठकर चाची पैरों के बीच आ गया और चाची के पैर उठा कर अपने कंधे पर रखे और लंड के टोपे को चाची की योनी में सेट किया और एक झटका मारा मेरा आधा लंड चाची की योनी के अंदर उतर गया चाची के मुँह से एक आह की लंबी सी आवाज़ निकली और फिर मैंने चाची को इस बार मौका नहीं दिया और पूरी ताकत से एक और धक्का मारा मेरा पूरा लंड चाची की योनी की जड़ तक उतर गया चाची के मुंह से एक दर्द भरी आवाज़ आई हाहीईीईईईईईईईईई वसीम बेटा क्या अपनी चाची की जान लोगे इतना जुल्म क्यों कर रहे हो धीरे धीरे भी अंदर कर सकते थे। आज तो तुम ने अंदर तक हिला दिया है और ऊपर से तुम्हारा लंड है भी लंबा और मोटा कि चूत से बस करवा देता है।


मैं चाची की बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा फिर कुछ देर रुक कर मैंने लंड योनी के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे लंड योनी के अंदर बाहर कर रहा था चाची को थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था इसलिए मैंने शुरू में धीरे-धीरे फिर जब मेरा लंड चाची की योनी के अंदर रमा हो गया तो मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी चाची की योनी ने मेरे लंड को मजबूती से जकड़ा हुआ था लंड फंस फंसकर अंदर जा रहा था मेरी गति तेज होने से चाची के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं आह आह हाइईईई आह आह ओह्ह्ह्ह ओह आह और अब चाची को भी मज़ा आने लगा था और वह भी अपनी गाण्ड नीचे से उठा उठा कर साथ देने लगी थी। 2 से 3 मिनट बाद ही चाची ने अपनी टांगों को मेरी गर्दन के पीछे से कस लिया और उनकी सिसकियाँ और तेज हो गईं थीं शायद उनका पानी निकलने वाला था और फिर चाची की योनी ने पानी का गरम गरम लावा योनी के अंदर से छोड़ना शुरू कर दिया
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10-10-2018, 01:42 PM,
#39
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मुझे चाची का गर्म गर्म पानी अपने लंड साफ महसूस हो रहा था चाची ने काफी ज़्यादा अपना पानी छोड़ा था अब योनी के अंदर चाची के पानी के कारण योनि के अंदरगीला हो चुका था मेरा लंड जब भी अंदर जाता पिच पिच की आवाज निकल रही थी और शायद मेरा पानी निकलने का समय भी आ गया था कंधे पर रखे चाची के पैरो को आगे की ओर दबा दिया और अपना पूरा जोर आगे लगाकर पूरी ताकत के साथ धक्के पर धक्के मारने लगा और फिर मैंने भी 3 से 4 मिनट के बाद चाची योनी के अंदर अपना पानी छोड़ दिया उसी स्थिति में आगे होकर चाची पर गिर पड़ा और हाँफने लगा 


जब मेरे लंड का पानी निकलना बंद हो गया तो मैंने अपना लंड योनी से बाहर खींच लिया और एक साइड पर हो कर लेट गया चाची भी कुछ देर लेट कर अपनी सांसें बहाल करती रही फिर कुछ देर बाद उठकर बाथरूम में चली गई और फिर अपनी साफ सफाई करके वापस बेड पर नंगी ही आकर लेट गई। में भी उठा बाथरूम में गया और अपने लंड और अपना मुंह हाथ धोकर बाहर आकर बेड पर लेट गया और मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और पता ही नहीं चला कब नींद आ गई और मैं सो गया सुबह तकरीबन 8 बजे के करीब मेरी आँख उस वक्त खुली जब मुझे अपने लंड पर कोई नरम सी गर्म चीज़ महसूस हुई मैंने अपनी आंख खोल कर देखा तो चाची मेरे लंड को मुंह में लेकर चुसाइ लगा रही थी चाची की चुसाइ ने मेरे लंड को फिर पत्थर जैसा बना दिया था, अब की बार मैंने चाची को घोड़ी बनाकर उनकी गाण्ड में लंड डाल कर अच्छी तरह चोदा और अपना पानी गाण्ड में ही छोड़ दिया चाची भी गाण्ड मरवा कर मस्त हो चुकी थी । और फिर उठकर बाथरूम में चली गई नहाने लगी जब नहा कर बाथरूम से निकली तो मुझे कहा वसीम उठ कर नहा लो मैं किचन में जा रही हूँ नाश्ता बनाने के लिए तुम नहा धोकर टीवी लाउंज में ही आ जाओ। और फिर वह कमरे से बाहर चली गई मैं भी कुछ देर बाद उठा और बाथरूम में जाकर नहाने लगा और नहा धोकर फ्रेश हो गया और फिर तैयार हो कर टीवी लाउंज में बैठ गया चाची ने नाश्ता तैयार कर दिया था तो मैंने और चाची ने मिलकर नाश्ता किया और नाश्ते के बाद समय देखा तो 9:30 हो गए थे मैंने चाची से कहा कि मुझे मकान के कागज दे अभी उस प्रॉपर्टी वाले की ओर जाऊँगा उसने मुझे आज सुबह का समय दिया हुआ है वहाँ दूसरी पार्टी भी आएगी और आज ही सारा काम निपट जाएगा।


फिर चाची अपने कमरे में गई और कुछ देर बाद मकान के कागज मुझे दिए और वह कागज लेकर मैं प्रॉपर्टी वाले के पास आ गया और वहां कुछ देर के इंतजार के बाद दूसरी पार्टी भी आ गई और वहाँ लगभग 2 घंटे हमारी बातें चलती रहीं और फिर मकान के कागज उनके हवाले किए और उन्होंने मुझे पैसों का चेक दे दिया और फिर वहाँ कुछ देर और बैठकर प्रॉपर्टी वाले के बाकी के काम करके वहां से निकल आया मुझे कल सामान गाड़ी में रखवा कर घर की चाबी प्रॉपर्टी वाले के हवाले करना था। मैं वहाँ से निकल कर एक ट्रक के अड्डे पर आ गया और लाहौर से सामान लेकर मुल्तान ले जाने के लिए बात की और इसके साथ पैसे और समय का क्लीयर करके वापस घर आ गया और चेक चाची के हवाले कर दिया चाची काफी खुश हो गई और फिर मैंने चाची को बताया कि ट्रक वाला सुबह 8 बजे आ जाएगा इसलिए आपको और मुझे आज का दिन और रात लगाकर सामान पैक करना है और फिर कल रवाना होना है। और कल ट्रक वाला अपने साथ 4 मजदूर भी लाएगा वह सारा सामान ट्रक में रख देंगे। और फिर मैं और चाची मिलकर सारा सामान पैक करने लगे और हम दोनों को सारा सामान पैक करने में रात के 2 बज गए और हम दोनों काफी थक चुके थे और सुबह निकलना भी था इसलिए मैं और चाची बेड पर लेटते ही सो गए 

सुबह मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरा मोबाइल बज रहा था देखा तो ट्रक वाले का नंबर था उसने कहा, मैं आधे घंटे में आ रहा हूँ आप लोग तैयार हो जाओ। मैंने चाची को भी उठा दिया और फिर मैं पहले नहा लिया और चाची भी नहा ली और फिर हम दोनों तैयार हो गए। आधे घंटे बाद ट्रक वाला आ गया और उसके साथ 4 नौकर और भी थे उन्होंने सामान उठा कर ट्रक में रखना शुरू कर दिया और लगभग 11 बजे के करीब हमारा सारा सामान ट्रक में रखा गया था। फिर मैंने घर को ताला लगा दिया और चाची को मैंने सुबह ही 8: 30 पर स्टेशन के लिए रवाना कर दिया और खुद ट्रक वाले के साथ आने का कार्यक्रम बनाया और 11 बजे के करीब मैं घर की चाबी प्रॉपर्टी वाले के हवाले करके और अनुमति लेकर ट्रक पर सवार होकर मुल्तान के लिए निकल पड़ा . सफ़र के दौरान शाम को 6 बजे के करीब मुझे चाची का फोन आया कि वह राजी-खुशी से घर पहुंच गई है और मैंने भी बता दिया हम लोग भी रात 9 बजे तक पहुंच जाएंगे। और आखिरकार हम भी लगभग 9 और 10 के बीच घर पहुंच गए। मैंने अपने दोस्तों को पहले से ही फोन पर बता दिया था इसलिए वह सब लोग आ गए और हम सब ने मिलकर 2 घंटे में सारा सामान ट्रक से उतरवा कर हमारे घर के ऊपर वाले पोर्शन में रख दिया और फिर ट्रक वाले को पैसे देकर उसको रवाना कर दिया रात के 12 बज चुके थे इसलिए मैं बहुत अधिक थक चुका था और बिना खाना खाए ही सो गया 


सुबह मेरी आँख लगभग 11 बजे खुली मैं बेड से उठ कर बाथरूम में घुस गया और नहा धोकर फ्रेश हो गया और फिर बाहर आंगन में आ गया बाहर आज काफी रौनक लगी हुई थी चाची अम्मी और नबीला और जमीला बाजी और उनके बच्चे सब जमा थे फिर ज़ुबैदा ने मुझे देखा तो मुझे कहा वसीम आप बैठें में आपके लिए नाश्ता तैयार करके लाती हूँ और फिर मैं वहाँ बैठकर सभी के साथ बातें करने लगा मैंने नोट किया कि नबीला काफी शांत और चुपचाप थी। और मैं उसकी चुप्पी की वजह जानता था। खैर ज़ुबैदा मेरे लिए नाश्ता बना कर ले आई मैंने वहाँ बैठ कर ही नाश्ता किया और फिर मैं चाची पूछा चाची आपके सामान का अब क्या करना है आप बोलें कैसे सेट करना है तो चाची ने कहा बेटा मैंने कौन सा सारी उम्र यहां रहना है बस 10 या 15 दिन की बात है मेरा दिल है कि जो जरूरी सामान है उसे थोड़ा सेट कर दूँ बाकी पैक ही रहने दूँ ताकि उसे उठाकर नए घर में जा कर एक बार में ही सेट कर लूँगी। तो मैंने कहा ठीक है चाची जैसी आपकी मर्जी ज़ुबैदा ने कहा वसीम तुम आराम करो मैं अम्मी के साथ आवश्यक सामान सेट करवा देती हूँ। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और फिर कुछ देर बैठ कर फिर अपने कमरे में आ गया और टीवी लगा कर बैठ गया लगभग


1 घंटे बाद जमीला बाजी मेरे कमरे में आई और आकर मेरे साथ बिस्तर पर बैठ गयी मेरे हाल हवाले पूछ कर बोली वसीम एक बात पूछूँ तो मैंने कहा जी बाजी पूछो क्या बात है तो जमीला बाजी ने कहा सुबह से आई हूँ मैं देख रही हूँ नबीला बहुत चुपचाप है क्या कारण है तुम्हें कुछ पता है। तो मैंने दीदी को उस दिन छत वाली सारी बात बता दी तो बाजी ने लंबी आह भरकर कहा वसीम मुझे खुशी है तुमने वही काम किया जो मैंने तुम्हें कहा था मुझे इस बात की खुशी है कि तुम हम दोनों बहनों बहुत ख्याल रखते हो। लेकिन तुम अब चिंता मत करो तूने बात कर ली है अब मैं नबीला को खुद समझा लूंगी और उसको मना लूँगी। मैं अभी थोड़ी देर में घर चली जाऊँगी और नबीला को भी साथ ले जाऊँगी और उसे आराम से तसल्ली से समझाकर भेज दूँगी। फिर मैं और दीदी यहाँ वहाँ की बात करने लगे तो मैंने कहा बाजी मुझे एक बात की थोड़ी सी चिंता है तो बाजी ने कहा हां वसीम बताओ किस बात की चिंता है तो मैंने कहा बाजी आपको पता है मेरे और नबीला के रिश्ते का और अगर नबीला शादी के लिए मान जाती है तो शादी की रात अगर यह पता चला कि नबीला तो पहले ही ................और मैने अपनी बात अधूरी छोड़ दी

बाजी तुरंत बोली वसीम मेरे भाई तुम्हारी चिंता को समझ गई हूँ और तुम बेफिक्र हो जाओ मेरी वो डॉक्टर दोस्त है न जिससे मैं ज़ुबैदा का इलाज करवा रही हूँ उससे मैं बात करूंगी वह इन बातों की विशेषज्ञ डॉक्टर है वह कोई न कोई बेहतर हल निकाल देगी इसलिए तुम बेफिक्र हो जाओ। मैं बाजी की बात सुनकर काफी हद तक शांत हो चुका था। बाजी जब जाने लगी तो बाजी ने कहा वसीम कुछ दिनों बाद जफर और मौसी को शाजिया की ननद की बारात में जाना है मैं तुम्हें 1 दिन पहले फोन करके बता दूंगी उस दिन मैं घर पर अकेली होऊँगी तुम आ जाना और थोड़ा शरमा कर बोलीं कि वसीम विश्वास करो जब से तुम्हारा लंड देखा है रातों की नींद उड़ गई है कितने दिन से सोच रही थी कोई मौका मिले तो मैं भी अपने भाई का प्यार हासिल करूँ इसलिए उस दिन आ जाना अब मुझे अपने भाई के बिना मज़ा नहीं आता तो मैं बाजी की बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बोला बाजी जब आप कहोगी मैं आ जाऊँगा। 

तो बाजी मेरी बात सुनकर खिल उठी और फिर कुछ देर बैठ कर चली गई और मैं कमरे में ही बैठकर टीवी देखने लगा लगभग 2 बजे के करीब ज़ुबैदा कमरे में आई और बोली वसीम बाहर आ जाएं खाना तैयार है आकर खालो मैने उठकर हाथ मुंह हाथ धोया और बाहर आ गया वहाँ अम्मी चाची और ज़ुबैदा बैठी थीं मैंने पूछा बाजी और नबीला कहाँ हैं तो ज़ुबैदा ने कहा जमीला बाजी नबीला को लेकर अपने घर चली गईं हैं उन्हें नबीला से कुछ काम था और फिर हम वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे और खाना समाप्त होते ही ज़ुबैदा बर्तन उठा कर किचन में रखने लगी फिर मैं अपने कमरे में आ गया और बेड पर लेट गया करीब 10 मिनट बाद ज़ुबैदा कमरे में आई और बोली वसीम में अम्मी के साथ ऊपर जा रही हूँ थोड़ा सा सामान रह गया है वह सेट करवा दूं तो मैं कामखत्म कर के नीचे आ जाती हूं तो मैंने कहा हां ठीक है मैं भी सोने जेया रहा हूँ और ज़ुबैदा चली गई मैं भी वहाँ पर लेटा लेटा सो गया। और शाम को 5 बजे मुझे ज़ुबैदा ने ही उठा दिया मैं मुंह हाथ धोकर बाहर आंगन में आया तो नबीला भी आ चुकी थी लेकिन अब की बार उसका चेहरा कुछ और था ऐसा लगता था कि वह कोई बड़ा फैसला कर चुकी थी। मुझे थोड़ा डर भी था कि पता नहीं उसने क्या तय कर लिया है। खैर मैं वहाँ बैठ कर चाय पीने लगा और बातें करने लगा तो वह दिन भी बीत गया और अगले दिन में 10 बजे उठकर नाश्ता आदि करके बाहर निकल गया मैं अपने दोस्तों से एक पास की गली में मकान देखने के लिए कहा ताकि चाची के लिए मकान देख सकूँ। तो दोस्तों ने कहा कि वह कुछ दिनों के भीतर खोज कर देंगे और फिर यूँ ही मैं खाने के वक्त घर आ गया खाना खाकर अपने बेडरूम में आकर लेट गया शाम को छत पर गया और टहलने लगा लगभग आधे घंटे बाद नबीला चाय का कप लेकर ऊपर आ गई और मुझे चाय दी और बोली भाई कैसे हो मैंने नोट किया तो उसका लहजा रुआंसा सा था। 

मैंने चाय का कप लेकर एक तरफ रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर खाट पर बैठा कर पूछा नबीला मेरी जान क्या हुआ तो वह मेरे गले लगकर सबकने लगी। इस दौरान मैंने उसे कुछ नहीं कहा जब उसने अपने दिल का गुबार निकाल लिया तो मैंने कहा जान क्या हुआ है मुझसे कोई गलती हो गई है क्या तो नबीला बोली भाई मुझे छोड़ तो नहीं दोगे अगर तुमने मुझे छोड़ दिया तो मैं मर जाऊँगी मैंने नबीला के मुंह पर हाथ रख कर कहा नहीं नबीला मेरी जान ऐसी बात नहीं दोहराना तुम्हारे अंदर मेरी जान है। हर किसी को छोड़ सकता हूं लेकिन अपनी जान अपनी बहन नबीला को नहीं छोड़ सकता लेकिन मुझे बताओ तो सही हुआ क्या है तो नबीला ने कहा भाई आपने उस दिन जो कहा, मैंने इस बारे में बहुत सोचा और आज बाजी की तरफ गई तो उन्होंने मुझसे मेरी उदासी का कारण पूछा तो मैंने उन्हे अपनी बातें बता दी और आज उन्होने भी मुझे बहुत प्यार और स्नेह से समझाया और मैंने भी फैसला किया है कि किसी से भी शादी करने के लिए तैयार हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है मैंने पूछा नबीला मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है। तो नबीला ने कहा कि मैं शादी कर लूंगी लेकिन मेरी शर्त यह है मेरा जब दिल करेगा और जितना मन करेगा मैं यहाँ अपने घर में रहा करूंगी और आप से जब भी मैं कहूँगी तो आपको उसी वक्त मुझे प्यार करना होगा . 
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10-10-2018, 01:43 PM,
#40
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
नबीला ने कहा और भाई मेरी स्थिति वही होगी जो मेरी अब है और आप मुझसे वादा करो कि मैं ही आपके जीवन की रानी रहूँगी। तो मैं उसकी बात सुन कर खुश हो गया मैंने कहा नबीला मेरी जान मुझे तुम्हारी शर्त दिल से मंजूर है और मैं वादा करता हूँ तुम ही मेरे दिल की रानी रहोगी . नबीला मेरी बात सुनकर खिल उठी और खुशी से मेरे गले लग गई तो मुझे एक लंबी सी फ्रेंच किस की और फिर उठ कर नीचे चली गई। आज मैं अपने जीवन में पूरी तरह से शांत हो चुका था। लेकिन अचानक मुझे साना का ख्याल आ गया और मैं चौंक गया और मैंने तुरंत अपने दोस्त को फोन किया और उसे बता दिया कि मैं कल इस्लामाबाद आ रहा हूँ। तो उसने कहा कोई समस्या नहीं है तुम बेफिक्र हो कर आओ साना मेरे घर पर आराम से है। मैं उसकी बात सुनकर पुरसकून हो गया और मैं फोन बंद कर छत से नीचे आ गया और आकर अम्मी को बता दिया कि मुझे कल इस्लामाबाद जाना है मेरे दोस्त का फोन आया है वह कहता है तुम्हारी पैसे का चेक मिल गया है वह आकर ले जाओ और साना की फीस भी जमा करवानी है इसलिए मैं कल इस्लामाबाद जाऊँगा। और इतना बोल कर अपने कमरे में आ गया फिर रात का खाना खाकर मैं ज़ुबैदा को बोला मेरा बैग तैयार कर दो मुझे कल सुबह जाना है ज़ुबैदा ने मेरा बैग तैयार कर दिया और 11 बजे के करीब मैं सो गया क्योंकि ज़ुबैदा के दिन चल रहे थे और नबीला और चाची से भी कुछ नहीं हो सकता था। सुबह 5 बजे मुझे ज़ुबैदा ने जगा दिया क्योंकि आज मुझे 7 बजे ट्रेन में सवार होना था उठ कर नहा धोकर तैयार हो कर बाहर निकला तो ज़ुबैदा नाश्ता ले आई उसने मेरे साथ बैठ कर ही नाश्ता किया और 6 बजे के करीब घर से निकल आया और 7 बजने में अभी 15 मिनट बाकी थे स्टेशन पर पहुंच गया अपनी रावलपिंडी की टिकट करवाई और बेंच पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने लगा 7 बजकर 5 मिनट पर ट्रेन स्टेशन पर आ गई और मैं उस पर सवार हो गया 15 मिनट तक ट्रेन ने रुकी रही और फिर ट्रेन अपने गंतव्य की ओर चल पड़ी


मैंने अपना बैग सीट के नीचे रख कर खिड़की से बाहर का दृश्य देखने लगा बार बार यही बात सोच रह था साना यह क्यों कह रही थी मुझे उससे बचा लो वह मेरी इज्जत बर्बाद कर देगा उसकी तस्वीरों के अनुसार तो वह लड़का उसकी इज्जत लूट चुका था बल्कि साना ख़ुद खुशी से अपनी इज्जत लुटा चुकी थी फिर साना किस की बात कर रही थी। मुझे खुद समझ नहीं आ रही थी। खैर इन्ही विचारों में गुम मैं बैठा खिड़की से बाहर भी देखता रहा और सोचता रहा लगभग 4 बजे के करीब ट्रेन लाहौर स्टेशन पर जाकर रुकी स्टेशन के पास ही होटल में खाना खाया ट्रेन वहां 30 मिनट रुकी रही और फिर ट्रेन वहां से अगली मंजिल रावलपिंडी के लिए निकल पड़ी खाना खाने के बाद मुझे नींद सी आ गई और मेरी आंख लग गई और मैं सो गया मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरा मोबाइल बज रहा था मैंने मोबाइल देखा तो मेरे दोस्त का फोन था पूछ रहा था कि कब तक पहुँच जाओगे तो मैंने खिड़की से देखा तो ट्रेन झेलम स्टेशन पर रुकी हुई थी और समय भी 8:30 हो चुके थे मैंने उसे बतायाकि 11 बजे में रावलपिंडी स्टेशन पर उतर जाऊंगा तो उसने कहा मेरा ड्राइवर स्टेशन पर ही तुम्हारा इंतजार करेगा और वही तुम्हें घर लाएगा। और फिर फोन बंद हो गया और कुछ देर बाद ही ट्रेन चल पड़ी और फिर आख़िरकार मैं 11 बजे रावलपिंडी स्टेशन पर उतर गया और मैंने ड्राइवर के नंबर पर कॉल की वह भी मुझे जल्दी मिल गया और मैं उसके साथ अपने दोस्त के घर आ गया और रात का खाना खाकर मेरा दोस्त मुझे लेकर गेस्ट रूम में आया और उसने मुझे कहा मैंने सारी बात पता करवा ली है यह वही लड़का है लेकिन मैंने अभी साना से बात नहीं की है उसे कुछ नहीं पता है मुझे भी इस बारे में सब कुछ पता लग चुका है तो मैं अब थोड़ी देर में साना को तुम्हारे कमरे में भेजता हूँ तुम उससे तसल्ली से सारी बात पूछ लो फिर सुबह मुझे बता देना क्या करना है। तो मैंने अपने दोस्त की बात सुनकर उसका धन्यवाद दिया और बोला ठीक है सुबह तुम्हें बता दूंगा। 


फिर मेरा दोस्त चला गया और थोड़ी देर बाद साना मेरे कमरे में आ गई उसका चेहरा नीचे की ओर था वह मुझसे आंखें नहीं मिला पा रही थी और काफी शर्मिंदा भी थी और आकर सोफे पर बैठ गई और मुंह नीचे कर लिया मैंने थोड़ी देर बाद कहा साना अब तुम और मैं ही इस कमरे में हैं इसलिए मुझे बताओ कि क्या हुआ है साना ने एक बार मुंह उठाकर मुझे देखा और फिर लज्जित सी नज़र नीचे कर के कुछ बोली लेकिन उसकी ज़ुबान लड़खड़ा गई। मैं बेड से उठ कर उसके साथ सोफे पर बैठ गया और उसका एक हाथ पकड़कर उसे तसल्ली दी और कहा साना मुझे काफी हद तक तुम्हारी बात का पता चल चुका है पहली बार जब आया था मुझे हॉस्टल से तुम्हारी सारी बात पता लग चुकी थी और तुम्हारा मोबाइल भी मुझे मिल गया था और मैंने देख लिया है। इसलिए अब तुम खुलकर बताओ क्या हुआ और क्या तुम्हे मुश्किल है क्या तुम्हें डर है। साना ने फिर मुंह उठाकर मुझे देखा और फिर मुंह नीचे करके बोली वसीम भाई मुझसे जीवन की सबसे बड़ी गलती हो गई है। मुझे उस लड़के ने धोखा दिया जिसे मैं उससे प्यार करती थी वह भी मुझे शुरू शुरू में प्यार करता था मेरा ख्याल रखता था और हम दोनों शादी के लिए भी राजी हो गए थे। लेकिन वसीम भाई वह मेरी गलतफहमी थी। उसने मुझे धोखा दिया। और धीरे धीरे रोने लगी

मैंने साना सिर पकड़कर अपने सीने से लगा लिया और उसे दिलासा देने लगा और कहा साना रोना बंद करो और बेफिक्र रहो कोई तुम्हारा कुछ नहीं कर सकता है और किसी भी डरने की जरूरत नहीं है। साना ने रोना बंद कर दिया मैंने कहा मुझे सारी बात खुलकर बताओ अब करना क्या है और वह लड़का क्या कहता है। तो साना ने कहा वसीम भाई उस लड़के ने मुझे धोखा दिया है वह अब मुझे शादी नहीं करना चाहता है वह तो बस मेरे शरीर से खेलना चाहता था। मुझे बाद में पता चला उसने कितनी ही लड़कियों की ज़िंदगी खराब की है। और अब वह मेरी जिंदगी को खराब कर रहा है। वसीम भाई इसलिए अब मैं यहां नहीं रहना चाहती तो मुझे यहां से वापस ले चलें . मैंने कहा साना में तुम्हें वापस ले जाऊँगा लेकिन मैंने जिन तस्वीरों को तुम्हारे मोबाइल में देखा है उससे तो साफ पता चलता है तुम पहले ही अपना सम्मान खुशी से लुटा चुकी हो। साना ने मुझे थोड़ा आश्चर्य से देखा और फिर बोली वसीम भाई आपने जो कुछ मेरे मोबाइल में देखा वह सब कुछ सच है लेकिन हकीकत कुछ अलग है मैंने कहा साना तुम कहना क्या चाहती हो। तो साना ने कुछ कहना चाहा तो उसकी ज़ुबान लड़खड़ा गई और चुप हो गई मैंने कहा साना मैंने जो कुछ देखा है और सुना है अब तुम्हें कुछ छुपाने कोई जरूरत नहीं है। तो साना ने मेरी ओर देखा कहा वसीम भाई वास्तव में ये बात सच है कि मेरे शरीर का इस्तेमाल किया है, लेकिन मैंने पूरी तरह से अपने शरीर के साथ खेलने का मौका नहीं दिया तो मैंने हैरान होकर साना देखा तो साना ने कहा हां वसीम भाई आपने जो मोबाइल में देखा वह तो सच था लेकिन मैं अभी भी पूरी तरह से कुंवारी हूँ मैं अपना कुँवारा पन खराब नहीं होने दिया है मैं उसे हर बार यही कहती थी कि मैं अपना कुँवारापन शादी के बाद तुम्हें दूँगी। लेकिन वो मेरे शरीर का उपयोग करता रहा है। मैंने उसे कई बार पीछे से करने दिया है लेकिन आगे से अभी भी कुंवारी हूँ। और यही सच है वास्तव मे आप मेरी किसी डॉक्टर से जाँच करवा सकते हैं। 

मैंने कहा नहीं नहीं साना तुम कैसी बात कर रही हो मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। फिर साना ने कहा वसीम भाई अब वह लड़का 1 महीने से मुझे रोज कॉल करता है और कहता है मुझे मिलो और मुझे पता है अब वह मेरा कुँवारापन खत्म करना चाहता है और अपना काम निकाल कर मेरे जीवन को खराब करना चाहता है। वह मुझे रोज कॉल करता है लेकिन कुछ दिन पहले जब मैंने तुम्हें कॉल की थी उससे एक दिन पहले रात को उसने मुझे फोन किया और कहा अगर मैं उससे न मिली तो वह मेरी तस्वीरों को इंटरनेट पर लगा देगा और लाहौर में मेरे घर पर भी दिखा देगा वसीम भाई वह मुझे लाहौर भी एक बार घर छोड़ने गया था इसलिए उसे घर का पता है . 

इसलिए मैं अब उसकी धमकी से परेशान हो चुकी हूँ और इसीलिए आप कॉल की थी। मैं अब साना की बात पूरी तरह समझ चुका था।


मैंने साना को कहा साना तुम एक समझदार लड़की हो मुझे खुशी है तुमने अपनी इज़्ज़त और अपने कुंवारे पन को बचाने के लिए समझदारी दिखाई है। लेकिन फिर भी तुमने थोड़ी बहुत तो गलती की है उसे अपने शरीर तक आने दिया है लेकिन जो हुआ सो हुआ तुम चिंता मत करो उसे जो करना है करने दो अगर वह लाहौर जाएगा भी तो अब वहाँ कोई भी नहीं मिलेगा . इसलिए मैं सुबह अपने दोस्त से बात करता हूँ वह और मैं तुम्हारे कॉलेज जाएंगे। तुम्हारी सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर मैं तुम्हें अपने साथ मुल्तान ले जाऊँगा और वहाँ तुम्हारा दाखिला मुल्तान में अच्छी सी कॉलेज में करवा दूंगा। वह लड़का तुम्हें कभी भी नहीं मिल सकेगा। क्या तुम ने उसे यह तो नहीं बता रखा कि तुम्हारी संबंध मुल्तान से है तो साना ने तुरंत कहा नहीं वसीम भाई मैंने उसे बस लाहौर का बताया है। तो मैं शांत हो गया। मैंने साना को कहा तुम अपनी कल शाम तक तैयारी कर लो। कल अपने दोस्त के साथ मिलकर तुम्हारी कॉलेज और छात्रावास की कागजी कार्रवाई पूरी करवा लूँगा और कल हम यहां से चले जाएंगे। लेकिन तुम मुझसे एक वादा करो ये सारी बातें तुम्हें आज के बाद किसी को भी नहीं बतानी है न ही अपनी अम्मी को न ही अपनी बहन को बस आज के बाद यह बात यहां ही खत्म हो जाएगी। तो साना मेरी बात सुन कर खुश हो गई और मेरे गले लग कर बोली वसीम भाई आप जैसा कहोगे वैसा ही होगा। और फिर मैंने कहा, तुम जाकर सो जाओ कल शाम तक तैयारी कर लेना और हमें कल रात को निकलना है तो उसने हां में सिर हिला दिया और मैने कहा अब तुम जाकर अपने कमरे में सो जाओ और वह उठकर अपने कमरे में चली गई। 

में भी बेड पर लेट गया और सो गया सुबह 8 बजे मेरी आँख खुल गई मैं नहा धो कर बाहर आया तो मेरा दोस्त नाश्ते की टेबल पर बैठा हुआ था और साना भी बैठी थी। थोड़ी देर बाद भाभी जी भी आ गईं और नाश्ता लग गया हम सब ने मिलकर नाश्ता किया और फिर मैंने अपने दोस्त को गेस्ट रूम में चलकर बात करने के लिए कहा तो वह मेरे साथ आ गया मैंने उसे रात वाली सारी बात बता दी और अपनी अगली योजना का भी बता दिया। तो मेरे दोस्त ने कहा, यह आप बहुत अच्छा फैसला किया है और तुम अभी थोड़ी देर रूको फिर कॉलेज चलते हैं वहां सब कागजी कार्यवाही पूरा करवा लेते हैं और छात्रावास की भी करवा लेते हैं। फिर मेरा दोस्त कमरे से बाहर चला गया और मैं कपड़े बदल कर तैयार हो गया आधे घंटे बाद नौकर आया और कहा सर आप को सर बुला रहे हैं तो मैं कमरे से बाहर निकला तो मेरे दोस्त ने कहा वसीम चलो चलते हैं और मैं और वो दोनों कार में बैठकर कॉलेज आ गए यहां लगभग 2 घंटे के अंदर ही मेरे दोस्त ने सारी कागजी कारवाी पूरी करवा ली और फिर हम वहाँ होस्टल आ गए वहाँ भी हमारा आधा घंटा लगा और हमने 12 बजे तक अपना सारा काम निपटा लिया 

जब हम दोनों घर वापस जा रहे थे तो मेरे दोस्त ने कहा वसीम तुम उस लड़के की चिंता मत करो। कोई चक्कर चलवा कर उस लड़के से उसका मोबाइल और लैपटॉप निकलवा लूँगा मैंने पता करवाया है वह लड़का रात को कभी कभी लेट कॉलेज से घर जाता है और और उसका लैपटॉप और मोबाइल भी उसके पास ही हर वक्त होता होता है उस लड़के ने साना का कोई वीडियो या तस्वीरों को लैपटॉप में भी रखा होगा। इसलिए मोबाइल के साथ साथ उसका लैपटॉप भी निकलवा लूँगा। मैंने अपने दोस्त से कहा यार तुम कैसे निकलवा लोगे तो मेरा दोस्त हंसने लगा और बोला यार यहाँ क्या काम नहीं हो सकता है लेकिन मैं तुम्हें बता देता हूँ यह कैसे होगा। मेरे दोस्त ने कहा होगा ऐसे वो जब किसी दिन रात को कॉलेज से निकलेगा तो पुलिस के किसी भी नाके के आगे पीछे सादी वर्दी में सिपाही खड़े करवा दूंगा जो इस कार को रुकवा कर उससे लैपटॉप और मोबाइल छीन लेंगे और वहां से गायब हो जाएंगे। बाकी उस लड़के को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। और इस तरह वो मोबाइल और लैपटॉप जब मुझे मिल जाएगा जिसमें उसने साना से संबंधित सबूत रखा हो सकता है उस हरामी ने और भी लड़कियों के सबूत रखें होंगे वो सब बर्बाद कर दूंगा और लैपटॉप और मोबाइल तोड़ टुकड़े कर दूंगा और बाहर फेंक दूंगा। इस तरह साना के साथ साथ बाकी की लड़कियों की ज़िंदगी उस हरामी से छूट जाएगी। 
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