Hindi Sex Stories By raj sharma
07-17-2017, 12:47 PM,
#21
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
नामिता के जाते ही करण मुझ पर टूट पड़ा और मुझे बे’तहाशा चूमने चाटने लगा. नंगी तो उसने मुझे कर ही दिया था, अब मेरी चुचि को चाटने लगा, पेट को किस करने लगा, अपने हाथों से मेरे चुटटर मसल्ने लगा.” एम्म्म…..हूंम्म्मम…अहह……

उफफफफफफफ्फ़….आआआ……ओफफफफ्फ़ करण ये क्या कर रहे हो भाई…मेरी चूत जल रही है….मैं मर रही हूँ” करण ने मेरा हाथ अपने तपते हुए लंड पर रखते हुए कहा”दीदी, इस्सको पकडो…इससके साथ खेलो….ये करण भाई का लंड आपको चोदने वाला है..मुझे बहुत उतेज्ना हो रही है जब में आपको दीदी कहता हूँ और आप मुझे भाई कहती हैं…इस पवित्र रिश्ते में चुदाई की मनाही होती है….लेकिन मना होने वाले काम में बहुत मज़ा आता है….आअज मैं अपनी दीदी को चोदने वाला हूँ…..सुधा दीदी, तुम मेरा लंड अपनी चूत पर रगाडो फिर देखना कितना मज़ा आता है…आअज मेरे लंड और आपकी चूत का मिलन होने वाला है” 

मुझ पर जैसे कोई नशा चढ़ गया हो. मुझे सब कुच्छ दुन्ध्ला दिखाई दे रहा था. मैने करण के मस्त लंड को हाथों में थाम कर आगे पीच्छे करना शुरू कर दिया. उसस्का लंड और भी मोटा हो गया. उसस्के लंड से एक बूँद रस की टॅपॅक पड़ी. अब मेरे मन में एक नयी बात आई और मैने झुक कर अपना मूह करण के लंड पर रख दिया,” अर्रे सुधा, तू तो अपनी बेहन की तरह रंडी निकली….सच दीदी, नामिता भी लंड चूसने की शौकीन है, तू भी मेरे लंड को मज़े से चूसो, दीदी. मैं भी तेरी चूत को चूसने वाला हूँ….किओं ना हम 69 पोज़िशन पर चले जाएँ मेरी बहना, मैं तेरी चूत चाटूँगा और तुम मेरा केला खा लेना. चलो बिस्तर पर चलते है. वहीं मज़े से चोदुन्गा तुझे मेरी प्यारी दीदी. ” उसने मुझे सिरहाने पर सिर टीका कर लिटा दिया और उल्टा हो कर मेरे मूह में अपना लंड डाल दिया और खुद झुक कर मेरी चूत को चाटने लगा. अब में समझ गयी की 69 पोज़िशन क्या होती है. 

मैं मज़े से करण के लंड को चूसने लगी, उसस्के अंडकोष से खेलने लगी. कभी कभी मैं उसस्की गांद को छेड़ देती, उंगली उसस्की गांद में धकेल देती तो वो बेकाबू हो जाता. करण भी पूरा हरामी था. वो मेरे क्लाइटॉरिस को चूस लेता, मेरे चुटटर पर थपकी मारता और यहाँ तक के मेरी गांद के छेद को भी चाट लेता. मेरी चूत लगातार पानी छ्चोड़ रही थी. तभी करण ने मेरी चूत को छ्चोड़ दिया और मुझे बोला,” रानी, फ्रिड्ज में वोड्का की बॉटल पड़ी है, एक एक ग्लास भर लो, मैं भी पीता हूँ तुम भी पी लो. इस से लंड जल्दी नहीं छ्छूतता और मज़े का दौर लंबा हो जाता है और शरम भी ख़तम हो जाती है” मैने बात मान ली और नंगी ही बॉटल उठा लाई. वोड्का पीते ही मेरे बदन में ऐसी आग लगी कि मैं अपने आप करण के लंड को चूमने लगी और करण मेरा जोश देख कर मुस्कुरा उठा. 

” सुधा, इस्सको पी कर तो तू बिल्कुल रंडी बन गयी हो और मुझे रंडी औरत बहुत पसंद है.तुझे पता है कि मैं रंडी के साथ कैसा सलूक करता हूँ? मैं उस्स्को बेरेहमी से चोद्ता हून.” उसने मेरे बाल खींचते हुए कहा. मुझे भी लगा कि शराब पी कर मुझे एक नया रोल अदा करना है. मैने उसके अंडकोष कस के पकड़ लिए और उनको खींच लिया,” हां बेह्न्चोद, तेरी दीदी एक रंडी ही तो है जो तुझसे से चुदवा रही है….चोद मुझे हरामज़ादे करण…अपनी बेहन को नंगा तो कर चुके अब चोद भी लो, देख क्या रहे हो…..छ्होटी बेहन को चोद चुके हो अब बड़ी को भी भोग लो साले बेह्न्चोद” मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैं इस तरह गालियाँ बकने लगी. करण पर भी नशा चढ़ चुका था. उससने मेरे गालों पर एक थप्पड़ मारा और बोला,” साली चोदुन्गा तुझे भी तेरी बेहन की तरह ही. तुम अब झुक जा और मेरे सामने घोड़ी बन जा. चोदते वक्त मैं तेरी गांद देखना चाहता हूँ. देखना कैसे मेरा लंड तेरी चूत को भोसड़ा बनाता है. दीदी, तुमको पीछे से चुदवाना अच्छा लगता है?” 

“बहनचोद, साले तेरी बेहन पहली बार चुदवा रही है और वो भी तुझ से. मुझे अच्छा ही लगे गा चाहे आगे से पेल या पीच्छे से. अपनी बेहन को चाहे घोड़ी बना या कुत्ति, मेरे भाई, पर जल्दी से चोद डाल. मिटा डाल अपनी बेहन की चूत की आग” मैं बोल उठी और करण ने जान लिया के मैं अब लंड की भूखी हूँ. मुझे घोड़ी बना कर वो मेरे पीच्छे चला गया और मेरी गांद को चाटने लगा,” भाई, अब ये क्या करने लगे हो? बहनचोद मेरी चूत में लंड पेल ये कुत्ते की तरह मेरी गांद बाद में चाट लेना. इस लंड को पेलो मेरे भाई अपनी बेहन की चूत में…प्लीज़” करण उठा और अपने लंड के सूपदे को मेरे चूतड़ की दरार से होते हुए मेरी चूत के मुहाने पर टीका दिया. उस बेह्न्चोद का लंड आग के शोले की तरह जल रहा था. फिर उसने कस कर मेरी कमर को जकड़ा और अपना लंड थेल दिया मेरी बुर के अंदर.” उईईईईए….मेरी माआआअ……आआआअ…आगगज्गग” मैं दर्द से बिलख उठी. मुझे क्या पता था कि लंड के घुसने से इतना दर्द होगा. खैर शराब के नशे के कारण पीड़ा जल्द ही ख़तम हो गयी और उतेज्ना की वजह से मुझे मज़ा आने लगा. 

करण एक चुड़क्कड़ खिलाड़ी था. उससने धीरे धीरे चुदाई की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही स्पीड पकड़ ली. मेरी चोटी को उसने एस्से पकड़ रखा था जैसे क़िस्सी घोड़ी की लगाम हो और और मुझे तेज़ी से हांकने लगा.” वाह मेरी घोड़ी, बहुत मस्त चूत है तेरी, चुदवा मज़े से मेरी बहना. तेरे भाई का लंड आज तेरे पेट के अंदर की तलाशी ले रहा है. कैसे महसूस हो रहा है मेरी रंडी बहन को चुदवाते हुए, सुधा? मैने ही तेरी बेहन नामिता की सील भी तोड़ी थी और आज तेरी भी तोड़ रहा हूँ रानी,” उतेना के कारण मुझे दर्द तो कम हो रहा था लेकिन मेरी जांघों से कुच्छ गीला सा बह रहा था जो कि मुझे बाद में पता चला कि मेरी सील टूटने पर मेरा खून बह निकला था. करण का लंड जैसे कि मेरी चूत में जा कर फैल गया हो किओं की अब वो मेरी चूत को पूरी तरह से भर रहा था. उसके हाथ मेरे चूतड़ पर ज़ोर ज़ोर से चपत मारने लगे और मैं उतेज्ना से पागल हो रही थी. 

“चोद मुझे मेरे भाई, ज़ोर ज़ोर से चोद अपनी रंडी को….तेरा लंड मेरी बच्चेदानी को टक्कर मार रहा है….करण चोद मुझे मदेर्चोद…..यू मुझे अपनी बेहन बोल या रखैल पर अपना लंड पेलते रहो मेरी चूत में……मेरी चूत आज तृप्त हो रही है….कितने बरसों से प्यासी है लंड की…..शाबाश मेरे भाई….चोद अपनी बेहन को…..मैं अब झड़ने को हूँ…करण तेज़ी से चोद मुझे मेरी चूत का पानी निकल रहा है….और तेज़…..और तेज़…चोदो भाई…मैं झडियी…चोदो भाई….मैं……”मेरी चूत से रस बहता रहा और करण अपने लंड से मेरी चूत पर प्रहार करता रहा. फ़चा फ़च चुदाई की आवाज़ आ रही थी और अचानक ही करण का जिस्म भी अकड़ गया.उसस्की साँस तेज़ हो गयी और उसस्के लंड ने गरम रस मेरी चूत में छ्चोड़ दिया. उसस्का लंड रस मेरी चूत से बाहर गिरने लगा और मेरी जांघों से हो कर बिस्तर पर ढेर लग गया. चुदाई से थक कर मैं 2 घंटे सोती रही, नंगी ही अपने करण की बाहों में. तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी बता ना मत भूलना आपका दोस्त राज शर्मा 

समाप्त
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07-17-2017, 12:48 PM,
#22
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सपना का बदला--1 

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो इंसान कभी कभी कितना नीचे गिर जाता है ये कहानी ऐसे ही एक इंसान के इसी दोगलेपन को दर्शाती है दोस्तो ये कहानी है 43 साल की 1 जवान और खूबसूरत मॅरीड विमन की जिसके 2 जवान लड़के भी है 18 और 21 साल के उसके पति जॉब करते है और वो लोग हसी ख़ुसी जीवन बिता रहे थे 1 दिन सपना को पता चलता है कि उसके पति का कहीं और भी अफेर है और सिर्फ़ अफेर ही नही उनके 15 साल की लड़की भी है तब से सपना के मन मे अपने पति के लिए कड़ुआहट भर गयी पर उसका मायका भी इतना धनी नही था कि वो अपने पति को छोड़ कर घर बैठ जाए और ना ही अब इतनी एज रही कि दूसरी शादी कर सके अपने बेटों की खातिर वो मन मसोस कर रह गयी पर अनिल की दूसरी बीवी उसको खटकने लगी और दिल ही दिल सपना ने उससे बदला लेने की ठान ली पता लगा कर वो रुची के घर गयी और उसका सलोना रूप देख कर दंग रह गयी वो भी उसकी ही तराह भरे हुए गुदाज जिस्म की मालिक थी उसकी चूचियाँ भी काफ़ी उठान लिए हुए थी उसने बताया कि वो अनिल की वाइफ है तो रुची कुछ डर सी गयी उसको लगा सपना यहाँ बवाल करने आई है पर ऐसा कुछ नही हुआ बल्कि उसका मिज़ाज देख कर रुची भी उससे घुल…मिल गयी और बहुत सारी बाते हुई इतनी देर मे ही उसकी बेटी स्वीटी स्कूल से आई तब रुची ने उसका परिचय सपना आंटी से कराया स्वीटी भी नाज़ुक सी 18 साल की क्यूट प्यारी सी बच्ची थी और बहुत ही मासूमियत वाली बाते कर रही थी मगर सपना ने दिल ही दिल मे 1 बहुत ही ख़तरनाक प्लान बनाया था वो बदले की आग मे जल रही थी उपर से भले ही वो रुची और स्वीटी से हस…हस कर बाते कर रही थी मगर दिल मे कुछ और ही चल रहा था उसने स्वीटी की नाज़ुक चूत अपने लड़कों से फाड़वाने का प्लान बनाया था उसने कई बार अपने दोनो बेटों को मूठ मारते हुए देखा था और समझ चुकी थी कि अब उसके बेटे जवान हो चुके है इस तरह उनके जिस्म की गर्मी भी शांत हो जाएगी और रुची की लड़की को चुदवा कर उसका बदला भी पूरा हो जाएगा पर सबसे बड़ी बात थी इस प्लान पर अमल कैसे किया जाए…? पर उसने अपने प्लान पर अमल कर दिया अब वो अक्सर ही रुची के घर आने..जाने लगी और सपना ने रुची से ये भी कहा कि वो अनिल को ये सब ना बताए कि हम लोग मिल चुके है और अनिल तो काफ़ी…2 दिन बाहर ही रहता था सो उसको पता भी नही चल पाया 1 दिन सपना ने रुची से कहा वो स्वीटी को अपने साथ ले जाना चाहती है कल वापस घर छोड़ जाएगी तो उसने मना नही किया और स्वीटी को अच्छे से तैयार करके सपना के साथ भेज दिया घर जाने पे उसने स्वीटी को अपने बेटों से मिलवाया कि ये उसकी सहेली रुची की बेटी है और आज रात यहीं रहेगी स्वीटी को देख कर मोनू…सोनू खुश हो गये थे कि घर मे टॉप का समान आया है पर उदास भी कि ये मम्मी की सहेली की बेटी है खैर रात को सब लोग अपने अपने रूम मे चले गये और सपना भी 1 सेक्सी झीनी सी मेक्सी पहन कर बेड रूम मे आई तो स्वीटी से बोली बेटी तू नाइट सूट तो लाई ही नही और मेरी नाइटी तुझे आएगी नही तू अपने कपड़े निकाल दे और ऐसे ही सो जा 
स्वीट== पर आंटी जी ऐसे कैसे…. 
सपना== अर्रे शरमाती क्यों है भला अब यहाँ कौन है चल निकाल अपनी जीन्स और टी.शर्ट 
स्वीटी ने अपने कपड़े निकाल दिए और टी.शर्ट के नीचे वो झीनी सी समीज़(नोट ब्रा) पहने थी क्योंकि उसकी चूचियाँ अभी इतनी बड़ी नही थी कि उनको ब्रा मे रखा जाता और टाइट भी बहुत थी और नीचे रेड कलर की खूबसूरत सी पॅंटी पहने थी वो उन्ही कपड़ों मे बेड पर आ गयी कुछ देर लेती रहने पर सपना ने सी.डी चला दी जिस पर बहुत ही सेक्सी पिक्चर थी जिसे देख कर स्वीटी कुछ झिझकने लगी तो सपना बोली क्या हुआ बेटी…? 
स्वीटी== आंटी जी अजीब सा लग रहा है 
सपना– अच्छा अब तू इतनी छोटी भी नही है कि ये सब अजीब सा लगे क्या तू अपने कंप्यूटर पे न्यूड साइट नही देखती या अभी तेरी एम.सी नही सुरू हुई…? 
सपना के मूह से ऐसी बाते सुनकर स्वीटी शर्मा गयी और मूह दूसरी तरफ घुमा लिया 
सपना– अर्रे मेरी प्यारी बच्ची मैं कुछ पूछ रही हूँ बता ना तेरा कोई बॉय/फ्रेंड है…? कभी तूने किस किया है किसी का,…? 
स्वीटी== जी 1 लड़का आजकल मुझे बहुत घूरता है पर वो मेरा बॉय/फ्रेंड तो नही है 
सपना== अच्छा बता क्या घूरता है तेरा..? 
स्वीटी== मुझे नही पता पर मैं जब भी उसकी तरफ देखती हूँ वो मेरी ही तरफ देखा करता है 
सपना== क्या देखता है कहीं इनको तो नही 
सपना ने उसकी छोटी…छोटी चूची पर उंगली रख कर कहा 
स्वीटी== हां शायद इनको ही पर आंटी इनमे ऐसा क्या है…? 
सपना== मैं बताती हूँ मेरी बच्ची इनमे ही तो सारा मज़ा है ये कह कर उन्होने अपनी मेक्सी उतार दी जिससे उनकी बड़ी…बड़ी ब्लॅडार जैसी चूचियाँ किसी आज़ाद कबूतर की तराह बाहर निकल पड़ी और स्वीटी की तरफ लटक गयी 
स्वीटी== आंटी आपकी ये इतनी बड़ी..बड़ी क्यों है और मेरे इतने छोटे क्यों…? 
सपना == हाय मेरी प्यारी बच्ची तू कितनी भोली बन रही है क्या तेरी मा ने कुछ नही बताया तुझे..? 
स्वीटी==आंटी मुझे आपके साथ बहुत मज़ा आ रहा है और आप तो जानती ही है आजकल के बच्चे ख़ास कर जो कॉनवेंट मे पढ़ते हो कितने स्मार्ट होते है मुझे सब कुछ पता है पर आप यकीन मानिए मेरा कोई बॉय/फ्रेंड नही है हां 1 लड़का आजकल मुझे घूरा करता है और जब वो मेरी इनको (चूची पर हाथ रख कर) घूरता है तब मेरे मन मे अजीब सी गुदगुदी होती है 
सपना== बेटा मैं बताती हूँ क्यों होती है तुझे अजीब सी गुदगुदी पर मैं तुझे हर बात खुल कर बताती हूँ जैसी की मेरी चूचियाँ इसलिए इतने बड़ी है की तेरे अंकल इनको बहुत ज़ोर..ज़ोर से मसल्ते है और जब तेरा कोई बॉय/फ्रेंड हो जाएगा और वो तेरी चूचियाँ दबाएगा और मसलेगा तो तेरी भी बड़ी हो जाएँगी 
स्वीटी– पर कैसे आंटी…? 
सपना — ले तू मेरी चूची मसल कर दबा और मज़े ले फिर देख तुझे पता चल जाएगा कि तुझे गुदगुदी क्यों होती है स्वीटी सपना की चूचियों से खेलने लगी और कुछ देर बाद सपना ने भी उसकी समीज़ उतार दी और उसकी नन्ही सी चूचियों पर अपना हाथ फिसलाना सुरू कर दिया था स्वीटी की चूची पर छोटा सा दाना बहुत मस्त लग रहा था जिसे सपना अपनी उंगलियों से रगड़ रही थी जिससे स्वीटी गरम होती जा रही थी और सपना तो चाहती ही यही थी उसने अपनी पॅंटी भी उतार दी और अपनी बड़ी सी भोसड़ी सपना को दिखाती हुई बोली 
सपना– बताओ इसको क्या खते है..? 
स्वीटी== चूत कहते हैं इसे 
सपना == मेरी जान चूत तो तुम जैसी कुँवारियों के पास होती है अब तो ये भोसड़ी बन चुकी है तू अपनी पॅंटी उतार कर दिखा कैसी है तेरी चूत 
स्वीटी== नही आंटी मुझे शरम आ रही है
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07-17-2017, 12:48 PM,
#23
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सपना ने उसकी पॅंटी खींच कर निकाल दी तो स्वीटी ने अपने हाथ से अपनी नन्ही सी गुलाबी चूत को छिपा लिया पर सपना जानती थी कि क्या करना है उसने उसकी चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना सुरू कर दिया 
स्वीटी== हाए आंटी आप ये क्या कर रही प्लज़्ज़्ज़ छोड़िए मुझे कुछ हो रहा है आआहह ऊओफफफ्फ़ 
पर सपना तो चाहती ही यही थी और जब बहुत देर तक वो स्वीटी की चूचियाँ चूस्ति रही तो धीरे धीरे स्वीटी ने अपने हाथ चूत से हटा लिए और सपना ने अपना हाथ उसकी चूत पर लगाते हुए उसकी फांकों को कुरेदना सुरू कर दिया 
स्वीटी== आहह ऊओपपसस आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ ऐसे मत करो आहह मुझे लग रहा है पेसाब निकल जाएगा आअहह और सपना ने अपनी उंगली को मूह मे डाल कर गीला किया और फिर उसकी चूत मे धीरे धीरे डाल दिया इससे पहले स्वीटी ने सिर्फ़ अपनी चूत को सहलाया ही था कभी उसकी चूत मे कुछ गया नही था पर आज उसको बहुत मज़ा मिल रहा था और अब वो भी मस्ता गयी थी और अपने हाथ से सपना की चूचियाँ दबाने लगी थी और उसने मूह मे भी भर ली उसकी चूचियाँ इससे पहले सपना ने भी कभी लेज़्बीयन सेक्स नही किया था पर आज वो जी खोल कर इस लड़की के साथ सेक्स करना चाहती थी क्योंकि ये उसकी सौत की लड़की थी और फिर उसके नाज़ुक बदन के साथ खेलते हुए सपना को भी मज़ा आने लगा था उसने अपनी 3 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसेड दी थी और तेज़ी के साथ अंदर..बाहर करने लगी 
स्वीटी== आहह आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ ऐसे ही कीजिए आह मुझे लगता है अंदर से पेसाब निकलने वाला है आहह आहह और फिर कुछ ही देर मे उसकी चूत से सफेद…सफेद गाढ़ा सा झरना निकलने लगा जिसे वो बहुत गौर से देख रही थी सपना की उंगलियाँ उसमे पूरी तराह से सन गयी थी सपना ने अपनी उंगलिया उसकी नाक के पास ले जा कर कहा लो इसे सूंघ कर देखो कैसी बढ़िया खुसबू आती है इसमे से 
और जब स्वीटी सूंघ रही थी तो उसने अपनी उंगली उसके होठ पर रख दी तब झटके से स्वीटी ने अपना मूह हटा लिया और बोली आंटी आप ये क्या कर रही है इस गंदी चीज़ को मेरे मुँह से काहे लगा रही है 
सपना== नही बेटी इसका टेस्ट बहुत टेस्टी होता है तू चाट कर तो देख और ये कह कर उसने स्वीटी की चूत से झारा हुआ रस अपनी उंगली मे और लापेसा और उसके मूह मे डाल दी उंगली जिसे वो चाटने लगी कुछ देर बाद ही स्वीटी लेट गयी और सपना भी वहीं लेट गयी 
सपना== बेटी मज़ा आया..? 
स्वीटी ==हां आंटी मज़ा तो बहुत आया क्या इसी को चुदाई कहते है.? 
सपना== नही रे मेरी बन्नो चुदाई तो मर्द करता है औरत की उसमे तो और भी मज़ा आता है तू करवाएगी चुदाई..? 
स्वीटी== नही बस इतना मज़ा ही काफ़ी है आज के लिए 
पर सपना को भला चैन कहाँ वो तो आज की रात काय्दे से उसकी गत बनाने वाली थी उसने स्वीटी की चूत का रस तो उसे चखा ही दिया था अब वो अपनी चूत का रस उसको चखाने की सोच रही थी हालाकी वो कभी भी इतनी गंदी नही थी इतने साल मे आज तक कभी भी अनिल ने उसकी चूत नही चॅटी थी या अपना लंड उसको नही चटवाया था पर आज सपना अपनी सौत की बेटी के साथ बुरे से बुरा काम करने की सोच रही थी कुछ देर लेटा रहने के बाद वो बोली बेटी तुम मेरी भोसड़ी चूमो तो तुमको और मज़ा आएगा 
स्वीटी== छी आंटी भला ये भी कोई मूह लगाने की चीज़ है 
सपना== हां मेरी जान 
स्वीटी== पर ये सब तो फॉरेन मे होता है भला यहाँ इंडिया मे इतना गंदा सेक्स कहाँ होता है ? 
सपना== अभी तुमको मैं इंडियन बी/फ दिखाती हूँ तब पता चलेगा यहाँ क्या..क्या होता है 

सपना ने अपनी सौतन की 18 साल की नाज़ुक सी बेटी को अपनी चूत चाटने को बोला तो वो झिझक रही थी पर जब सपना ने स्वीटी की पॅंटी उतार कर खुद उसकी गुलाबी चूत चॅटी तो स्वीटी को बहुत मज़ा आया और उसके बाद उसने भी सपना की पुरानी पड़ चुकी बुर को खूब मज़े से चॅटा और चूमा भी पर सपना का इरादा उसको अपना मूत पिलाने का था क्योंकि वो तो बदले की आग मे जल रही थी सो जब स्वीटी का पूरा ध्यान उसकी बुर चाटने पर था तब 1 झटके के साथ सपना ने अपनी चूत से पेसाब की धार मार दी जो सीधे नीचे लेटी स्वीटी के मूह मे गिरी स्वीटी ने अपना मूह हटाने की बहुत कोसिस की पर सपना की ताक़त के आगे भला उस नन्ही सी बच्ची का क्या ज़ोर चल पाता फिर भी वो अपने मूह को इधर…उधर घुमा कर पेसाब को मूह मे जाने से रोक रही थी मगर ना चाहने क बावजूद भी अच्छा ख़ासा पेसाब उसके मूह मे चला गया पेसाब करने के बाद जब सपना उसपर से हटी तो स्वीटी बोली स्वीटी== ऊओह आंटी छी आप कितनी गंदी है अब मैं आपसे कभी बात नही करूँगी आपने मेरे मूह मे पेसाब कर दिया मैं कितना हटा रही थी आपको पर आप तो जानवर हो गयी थी छी…छी पूरा बदन गंदा हो गया मेरा और बदबू भी आ रही है सपना ने जब स्वीटी का मूड कराब होते देखा तो फिर से चाल चली सपना== प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बेटी मुझे माफ़ कर दो मैं ऐसा नही करना चाहती थी पर तुम इतने मज़े से बुर चट रही थी कि पता नही कब पेसाब निकल गया मुझे पता ही नही चला प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी रानी बेटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दो 
स्वीटी== अच्छा अच्छा ठीक है पर अब मुझे नहाना है 
सपना== चलो वॉशरूम मे नहला देती हूँ अपनी बेटी को 
उसके बाद दोनो नंगी ही वॉशरूम मे चली गयी उसके बाद सपना उसके बदन पर साबुन मल कर नहलाने लगी तब स्वीटी को और मज़ा आने लगा सपना ने अपनी उंगली उसकी चूत मे डाल दी तब तो स्वीटी कराहने लगी और बोली 
स्वीटी== आहह आंटी बहुत मज़ा आ रहा है प्लज़्ज़्ज़ और अंदर डालिए ना उंगली 
सपना== बेटी इसमे तो जब लंड जाता है तब और मज़ा आता है पर तुम कहती हो तुम्हारा कोई बॉय/फ्रेंड भी नही है 
स्वीटी== हां मेरा बॉय/फ्रेंड नही है पर आंटी मैं लंड का मज़ा ज़रूर लेना चाहूँगी और अब तो इसके अंदर खुजली ज़ोर से होने लगी है 
सपना== बेटी तेरे लिए लंड का इंतज़ाम तो घर मे है पर वो तुझे खुद ही करना पड़ेगा 
स्वीटी== वो कैसे…? 
सपना== अर्रे मेरे 2 जवान लड़के किस लिए है 
स्वीटी== तो क्या मैं उनसे चुदवाउ…? 
सपना== हां तो खराबी क्या है..? 
स्वीटी== पर कैसे…? सपना == देख इस वक़्त छोटा सोनू तो सो रहा होगा पर जहाँ तक मेरा अंदाज़ा है मोनू अभी जाग रहा होगा और टी.वी पर कोई गंदी मूवी देख रहा होगा बस तू उसको पटा ले किसी तराह 
स्वीटी== पर कैसे…? 
सपना== अर्रे मेरी जान इतनी प्यारी कमसिन चूत लिए है और मर्दों को रेझाने की कला पूछ रही है बस तू ऐसे ही उसके रूम मे चली जा फिर देख कैसे भूखे शेर की तराह टूट पड़ेगा तुझ पर मुझे लगता है आज तक उसने भी किसी चूत वाली को रियल मे नही देखा है टी.वी की बात अलग है 
स्वीटी== पर आंटी मुझे शरम आ रही है भला ऐसे कैसे मैं नंगी उसके रूम मे चली जाउ 
सपना== अच्छा तू अपने बेड पर जा कर लेट जा मैं भेज देती हूँ उसको रूम मे ओके इसके बाद सपना मोनू की तरफ गयी तो वो वाक़ई मे 1 बी/एफ की सी.डी लगा कर देख रहा था और पूरी तराह से नंगा था सपना ने झाँक कर देखा तो पहले टी.वी की स्क्रीन और उसके बाद अपने लड़के का लंड देख कर उसकी चूत भी कपकपा गयी उसने अंदर जाना ठीक नही समझा और वहीं खड़े होकर अंदर का नज़ारा लेने लगी मोनू अपने हाथ को तेज़ी से लंड पर घुमा रहा था और लंड पकड़…2 कर आगे पीछे कर रहा था पर लंड था कि झड़ने का नाम ही नही ले रहा था उधर रूम मे स्वीटी की हालत खराब होती जा रही थी वो अपनी चूत क अंदर 2 उंगलियाँ डाल कर अंदर बाहर कर रही थी तो दोस्तो उधर स्वीटी इधर मम्मी जी और टी.वी के सामने उनका लड़का मोनू सब अपने काम मे खुद ही लगे थे सबको ही चूत और लंड की प्यास थी इस सिचुयेशन पर 1 जोक सुनाता हूँ आप सबको बताईएगा कैसा लगा सरदार अपने लड़के को मूठ मारते देख कर गुस्सा होकर बोला 
सांता साले हरामी ये क्या कर रहा है तू…? 
क्रमशः.............................
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07-17-2017, 12:48 PM,
#24
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सपना का बदला--2

गतान्क से आगे............. 
एक सरदार ने अपने बेटे को मूठ मारते देखा तो चिल्लाया आबे सांता सेयेल ये क्या कर रार रहा है 
सांता== सांता अपना काम खुद करता है अपनी खुशी के लिए किसी की मा नही चोद्ता है खैर जस्ब मोनू सॅड्का मार कर ठंडा पड़ गया और सी.डी ऑफ करके अपने लिंग को सही करके लेटा तो मम्मी जी जो कि उसका लंड देख कर उसको अपनी चूत मे डलवाने की सोच रही थी उनका ध्यान हटा और वो धीरे से दरवाजा खटख्टा कर अंदर आई तब तक मोनू संभाल चुका था 
मोनू== अर्रे मम्मी आप इस वक़्त…? 
सपना== हाँ बेटा बात असल मे ये है कि वो जो स्वीटी है बहुत डरपोक किस्म की बच्ची है मैं इतने देर से उसको सुलाने की कोसिस कर रही हूँ पर उसे बहुत डर लग रहा है वो कहती है कि आप मेरे पास सो जाओ पर तू जानता है मुझे अपने रूम मे ही नींद आती है और अब रात के 2 बज रहे है मुझे बहुत ज़ोर की नींद आ रही है तो बेटा क्या तू स्वीटी के रूम मे सो जाएगा…? 
मोनू== हां मा आख़िर वो आपकी सहेली की बेटी है उसका ख्याल रखना फ़र्ज़ है मेरा 
जब सपना मोनू को स्वीटी के रूम मे जाने के लिए बोली तो मोनू खुशी से मान गया वो तो चाहता ही था पर मोम की वजा से कुछ बोल नही पा रहा था और उधर स्वीटी की चूत मे जवानी की आग सपना ने पहले ही भड़का दी थी वो चादर डाल कर पूरी तराह से नंगी बैठी थी बेड पर और अपनी चूत को रगड़ रही थी कि तभी रूम मे मोनू ने इंट्रेन्स किया 
मोनू== मोम कह रही थी कि तुम्हे डर लग रहा है इतनी बड़ी होकर डरती हो…? 
स्वीटी== नही असल मे मैं डर नही रही थी बात कुछ और है 
स्वीटी को इस रूप मे देख कर मोनू ताड़ गया था कि बंदी चुदासी है वो बेड पर बैठ गया और बोला 
मोनू== डरो मत मैं आ गया हूँ बताओ क्या बात है 
स्वीटी ने अपने जिस्म पर पड़ी चादर हटा दी और नीचे ब्लू कलर की डिज़ाइनर ब्रा और पॅंटी मे उसका कोमल सा नाज़ुक बदन चमक रहा था जिसको मोनू 1टक देखता ही रह गया और उधर सपना भी अपनी सौतन की बेटी की पहली चुदाई का नज़ारा देखना चाह रही थी इसलिए उसने स्वीटी के रूम की खिड़की पहले से ही खोल दी थी जिसका सपना को पता नही था और वो खिड़की के पास आ कर खड़ी हो गयी मोनू ने स्वीटी के खूबसूरत जवान बदन को निहारा उसके बाद उसको लीप किस किया और अपने हाथ उसकी पीठ पर मसल्ने लगा मोनू निक्कर मे था और उसका बदन उपर से नंगा ही था स्वीटी की छोटी…2 चूचियाँ उसके सीने से रगड़ खा रही थी जिससे मोनू के जिस्म मे भी गर्माहट आने लगी उसने पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को उतार कर 1 तरफ फेक दिया सपना बड़े मज़े से अपने लड़के को ये सब करते देख रही थी वो चाह रही थी बस जितनी जल्दी हो सके वो इस रांड़ को पटक कर अपना लंड इसकी चूत मे घुसा दे वो कई बार अपने दोनो लड़को को रूम मे मूठ मारते देख चुकी थी पर कभी उसने खुल कर अपने बेटों का लंड नही देखा था और जब कभी भी बेटों के रूम से आवाज़ आती थी तो सपना 1 नज़र देख कर इग्नोर कर जाती थी क्यों कि थी तो वो आख़िर एक मा और चाहे कैसी भी सही पर 1 मा अपने बेटों को नंगा नही देखना चाहती पर आज स्वीटी यानी की अपनी सौतन की बेटी की चूत की बर्बादी देखने के लिए वो ये करने को भी तैयार थी यानी कि अपने लड़के का लंड भी देखना उसको गवारा था थोड़ी देर उसकी नरम मुलायम चूंचियों को दबाने के बाद मोनू ने अपना हाथ स्वीटी की पॅंटी के उपर रखा तो स्वीटी के मूह से बहुत ही मादक सिसकारी निकल पड़ी 
स्वीटी== ईइससस्स आहह मोनू बहुत गुदगुदी हो रही है प्ल्ज़ आहह ऐसे ही सहलाते रहो और उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर अपनी चूत रगड़वाने लगी उधर सपना ये सब देख कर अपने होश खो रही थी वो अपनी चूत को हाथ से साड़ी के उपर से ही रगड़ रही थी और अपने होटो को काट रही थी अचानक ही मोनू ने पॅंटी मे हाथ डाल दिया स्वीटी== आअहह मोनू प्ल्स.कुछ करूऊ बहुत गुदगुदी हो रही है 
मोनू बेड से उतर कर खड़ा हो गया उसका निक्कर लंड की जगाह से तंबू की तराह तना हुआ था हां तो दोस्तों यहाँ पर आप सबको 1 जोक और सुनाता हूँ कहानी को बीच मे रोक कर 
1 आदमी ने होटेल मे चुदाई के लिए ऐसी रंडी माँगी जिसे एड्स हो जब उससे पूछा गया कि ऐसा क्यों तो……. 
उसने कहा=== लड़की को चोदुन्गा तो मुझे एड्स होगा मुझसे मेरी बीवी को बीवी से मेरे भाई को भाई से भाभी को भाभी से पापा को और पापा से मोम को और मोम से मेरे उस पड़ोसी को होगा तब साले को पता चलेगा मेरी मा चोदने का अंज़ाम हा तो दोस्तों मोनू बेड से उतरने के बाद स्वीटी को अपनी निक्कर मे खड़ा लंड दिखाता बोला जान अब तुम अपने मतलब की चीज़ निकालो लो इस निक्कर से मेरा लॉडा बाहर निकालो स्वीटी अपने हाथ बढ़ा कर निक्कर की जीप खोलने लगी और अपना हाथ जैसे ही अंदर घुसाया डर कर बाहर निकाल लिया 
मोनू===क्या हुआ..? 
स्वीटी== अंदर तो तूफान मचा हुआ है 
मोनू== हन तो बटन खोल कर पूरी तराह से बाहर निकाल कर दीदार करो ना जान 
स्वीटी== मुझे शरम आ रही है प्ल्स अपने आप ही उतार दो ना 
मोनू== नही ये तो तुमको खुद ही निकालना पड़ेगा बाहर 
सपना जो इतने देर से बाहर से सब देख रही थी उसको अपने बेटे के मूह से लंड का नाम सुनकर बहुत अज़ीब सा लगा था वो यहाँ से हटना चाह रही थी पर स्वीटी की चूत का हस्र भी देखना चाहती थी और अब वो भी पूरी तराह से गरम हो चुकी थी उसने अपना हाथ अपने पेटिकोट के अंदर ले जा कर अपनी चूत को सहलाना सुरू कर दिया था और उधर स्वीटी ने भी मोनू का निक्कर उतार डाला था उसका लॉडा बाहर निकल कर किसी साप की तराह फुफ्कार मार रहा था उसका लॉडा करीब 8″ लंबा था और 2 से २.5″ मोटा था सपना ने पहली बार मोनू का लॉडा देखा था जिस पर झाँते थी शायद अभी तक उसने कभी बाल नही बनाए थे
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07-17-2017, 12:48 PM,
#25
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
स्वीटी== मोनू ये तो पूरी तराह तैयार है 
मोनू== अभी कहाँ तैयार है जान अभी तो इसको तुम्हे तैयार करना है इसको सहला कर इसको चूस कर 
स्वीटी=== क्या कहा…? चूस्कर…? 
मोनू === हां मेरी रानी इसको चूस्कर ही तो तैयार किया जाता है 
स्वीटी== प्ल्स मुझे घिंन आती है मैं इसको मूह मे नही लूँगी 
मोनू==- अर्रे तुम पहले इसे सहलाओ तो 
स्वीटी उसके लंड को सहलाने लगी उधर सपना अपनी चूत को अपने हाथ से कुरेद रही थी तभी उसके दिमाग़ मे 1 और कमीनेपन का ख्याल आया उसने सोचा क्यों ना इस छिनाल को पहली बार ही 2 लॉडो से 1 साथ चुदवा डाला जाए साली पनाह माँग जाएगी जब 2 लंड 1 साथ इसकी नाज़ुक सी चूत मे जाएँगे पर उसके लिए अपने बेटे सोनू को कैसे तैयार करूँ वो बेचारा तो सो रहा होगा और मैं भला उससे कैसे कहूँ कि तेरा भाई बगल के रूम मे मज़े मार रहा है तू भी ऐसा कर बहुत सोचने के बाद आख़िर सपना को 1 राह नज़र आ ही गयी वो सोनू के रूम मे गयी अंदर सोनू नंगे बदन सिर्फ़ लूँगी पहने बेड पर सो रहा था हवा की वजा से या जवानी की प्यास की वजा से वो अपनी लूँगी हटाए हुए था और अंडरवेर के उपर से अपने लंड पर हाथ रख कर बेसूध पड़ा सो रहा था उसको इस हालत मे मोम ने पहले कभी नही देखा था और इस वक़्त तो वो वैसे ही 2 जवान लोगों को चुदाई की तैयारी करता देख कर गरम हो रही थी पर 1 मा होने क नाते अपने जज़्बात पर काबू रखते हुए उसने पहले सोनू को आवाज़ दी 2…3 आवाज़ मे जब वो नही उठा तो सपना ने उसको हिला कर जगाया वो हड़बड़ा कर उठ गया और सामने मोम को देख कर फिर अपनी हालत को देख कर सकपका गया 
सोनू=== क्या हुआ मम्मी इतनी रात को आप यहाँ सब ठीक तो है…? 
सपना== बेटा स्वीटी के रूम से कुछ आवाज़ आ रही है ख़तर…पाटर की पता नही कौन है कहीं कोई चोर तो नही मैने सोचा तुझे साथ ले लूँ फिर देखूं कौन है…? 
दोनो स्वीटी के रूम की तरफ गये सोनू आवाज़ देने ही जा रहा था कि मोम ने टोका 
सपना== अर्रे पागल ऐसे चीखेगा तो कोई भी भाग जाएगा 
सोनू== तब…? 
सपना== इधर आ इधर 1 खिड़की है उसमे से देख 
और जब सोनू ने अंदर देखा तो उसके पैर के नीचे से ज़मीन ही निकल गयी अंदर का नज़ारा बहुत गरम था अंदर मोनू का लॉडा स्वीटी अपने मूह मे ले चुकी थी और मोनू बेड क नीचे खड़ा उसके बाल पकड़े बहुत प्यार से अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था 
सपना== क्या हुआ…? 
सोनू== क्कूक कुछ नही मम्मी अंदर ऐसा सीसी…कुछ भी नही है 
सोनू घबडाते हुए बोला जिसे सपना समझ रही थी पर फिर ज़ोर देकर बोली क्या कुछ दिख नही रहा…? 
सोनू=== न नही मम्मी चलिए अंदर ऐसा कुछ भी नही है तब ही अंदर से स्वीटी की मादक सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी जिसे सोनू और सपना दोनो ने सुना 
सपना== ये आवाज़ कैसी है तू बता क्यों नही रहा अंदर क्या हो रहा है क्या स्वीटी को कोई मार रहा है चल हट मुझे देखने दे और सोनू को पीछे हटा कर खुद खिड़के से आँखे लगा कर देखने लगी 
सपना की हालत तो पहले से ही खराब थी पर इस वक़्त अंदर का नज़ारा बहुत ही गरम था अंदर स्वीटी अपने मूह को जल्दी …2 आगे…पीछे कर रही थी और मोनू का बदन अकड़ रहा था ऐसा लग रहा था वो झड़ने ही वाला है और देखते ही देखते 1 मादक सिसकारी के साथ मोनू ने अपने लंड का रस स्वीटी के मूह मे बरसाना सुरू कर दिया जिसको स्वीटी अपने मूह को हटाने की कोसिस करते हुए अपने मूह मे जाने से रोकना चाहती थी पर मोनू क मज़बूत हाथों ने उसके चेहरे को जकड़ा हुआ था और अपना रस उसके मूह मे आख़िर उडेल ही डाला 
सपना=== हाई राआअम सोनू अंदर तो अनर्थ हो रहा है ययए कमीना लड़का मेरी सहेली की नाज़ुक बच्ची के साथ अफ हे भगवान अब क्या होगा…? 
और खिड़की से हट कर अपना सर पकड़ कर 1 तरफ बैठ गयी जैसे उससे बहुत दुख हुआ हो और सोनू जिसे अपनी मम्मी की वजा से बहुत गुस्सा आ रहा था कि बहन की लॉडी ना खुद देख रही है और ना ही मुझे देखने दे रही है इतनी सेक्सी चुदाई सीन क्रियेट होने जा रहा है अभी और ये मेरी मा अपनी मा चुदा रही है बहन की लॉडी यक़ीनन यही जज़्बात रहे होंगे सोनू के है ना…? 
और सोनू ही क्या कोई भी जवान लड़का वहाँ होता तो यही सोचता और इस चीज़ का पता सपना को बहुत अच्छी तराह था वो यहाँ तक तो कामयाब हो गयी थी पर अब वो ऐसा जाहिर भी नही होने देना चाहती थी कि उसने जानबूझ कर सोनू को अंदर भेजा है तब ही उसने 1 और हल सोचा 
सपना==== बेटा आओ देखते है ये जो अंदर हो रहा है उसमे कौन गुनाहगार है क्या पता वो लड़की ही ऐसी हो जो मेरे बेटे को फुसला कर अंदर अपने रूम मे ले गयी हो और…. 


क्रमशः.............................
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07-17-2017, 12:53 PM,
#26
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सपना का बदला--3

गतान्क से आगे............. 
मोनू और स्वीटी को अंदर उस हालत मे देखने के बाद मम्मी ने सोनू से कहा कि हम लोग कुछ देर यही खड़े होकर अंदर का जाएजा लेते है और किसीकि ग़लती है ये देखते है और फिर दोनो लोग अंदर देखने लगे जहाँ स्वीटी की चूत को मोनू मज़े से चटखारे ले कर चूम चाट रहा था स्वीटी को इस गाल मे देख कर सोनू को अपनी मा के लिए यही ख्याल आ रहा था कि काश ये यहाँ अपनी मा ना चुदा रही होती तो अभी अंदर जा कर मज़े लेता पर अब यहाँ लॉडा पकड़ कर खड़ा होना पड़ेगा मज़बूरी है और सपना भी उसके दिल का हाल समझ रही थी तब वो बोली 
सपना== बेटा सोनू मैं तो सोने जा रही हूँ तू अंदर जाकर इन लोगों को समझा दे रात बहुत हो गयी है अब चुप चाप सो जाए ओके 
सोनू== जी मोम ठीक है पर सपना जानती थी कि सोनू और मोनू ही क्या कोई भी मर्द इस तराह किसी लड़की को इस हाल मे बिना चोदे नही छोड़ेगा और उसके दोनो बेटे मिल कर उसकी सौतन की बेटी को चोदे तो उसकी चूत की मुराद पूरी हो जाती यही सोच कर उसने ये चाल चली थी जब सोनू ने दरवाज़ा खटकताया तो अंदर दोनो लोग संभाल गये और मोनू बोला कौन….? 
सोनू== भाई जी मैं हूँ प्ल्स दरवाज़ा खोलो मम्मी और मैने तुम दोनो को देख लिया है अब तो स्वीटी और मोनू की गांद ही फट गयी मोनू ने अपना निक्कर चढ़ाते हुए दरवाज़ा खोला और अंदर स्वीटी चादर लपेटे सहमी सी पड़ी थी 
सोनू== वाआआः भाई इतनी मक्खन ऐसी लड़की से अकेले….अकेले मज़ा ले रहे थे ? 
मोनू== यार यहाँ गांद फटी जा रही है और तुझे मज़ाक़ सूझ रहा है बता मा ने क्या देखा और क्या कह रही थी…? 
सोनू== वो तो बोली है कि इन दोनो को समझा दो रात बहुत हो गयी है अब सो जाए पर मुझे लगता है कि वो नाराज़ तो नही ही थी वरना उनका गुस्सा तो तू जानता ही है और अब तो वो सोने भी चली गयी है पर मुझे अब तुम दोनो को समझाना तो पड़ेगा ही और ये कह कर उसने स्वीटी की चादर खीच ली और अंदर से स्वीटी फिर से पहले वाली हालत यानी की पूरी तराह से नंगी हो गयी और सोनू चढ़ पड़ा उसकी चूचियों पर लगा दबाने ज़ोर…ज़ोर से और उसके होठ अपने होठों मे भर कर चूसने लगा मोनू वहीं जॉइंट टाय्लेट मे जाकर मूतने लगा और दरवाज़ा भी बंद नही किया था उसको मूत ता हुआ देख कर सोनू बोला साले डोर तो बंद कर लेता हरामी मोनू-=-== आब्बी साले अब जब हम लोग पहले साथ…साथ चुदाई कर भी चुके है तो भला तुज़से क्या शरमाना और रही स्वीटी की बात तो ये तो अभी इसको अपनी चूत मे लेने ही वाली है और उन लोगों को ये नही पता था कि उनकी मा बाहर खिड़की से सिर्फ़ देख ही नही रही बल्कि उनकी बाते भी सुन रही थी और आज सपना को अपने बेटों की हक़ीकत पता चली कि ये लोग रणडिबाज़ी भी करते है तो एक बारगी तो उसका दिल डर गया कि बाहर चूत चोदने के चक्कर मे कहीं मदर्चोद एड्स ना करवा ले फिर उनकी जवानी का ख्याल आया इस एज मे भला रंडी नही चोदेन्गे तो क्या करेंगे पर अब उसने ठान लिया था कि कैसे भी हो इनको घर मे ही चूत के मज़े दिल्वाउन्गि अगर आज इन लोगों ने स्वीटी को चोद लिया तो कहीं और मूह भी नही मारेंगे और अंदर का नज़ारा देख कर सपना भी मस्त होती जा रही थी क्योंकि अब मोनू मूत कर वापस आया और अपना लॉडा आते ही उसने स्वीटी के मूह मे डाल दिया जिसे वो लोल्यपोप की तराह चूस रही थी और सोनू उसकी नाज़ुक सी चूत को फैला कर अपना मूह घुसाए उसकी चूत के अंदर जीभ डाले पड़ा था कुछ देर ऐसा ही चलता रहा तब मोनू बोला यार अब मेरा लॉडा तैयार हो गया है अब इससे चोदा जाए 
सोनू== हां तो बहन के लॉड चोद ना मना किसने किया है 
मोनू== ओयएए मदर्चोद मैं सोच रहा हूँ कौन से स्टाइल से चोदु इसको…? 
स्वीटी== याआआआआर तुम लोग गालियाँ क्यों दे रहे हो 1 दूसरे को..? 
मोनू=== ओयएए चूत्मरानि तुझे क्या पता गालिया दे कर और गंदी बाते करते हुए सेक्स करने मे कितना मज़ा आता है गंदी…गंदी बाते करते हुए अगर किसी बूढ़ी पर भी चढ़ाई की जाए तो उसको भी अपनी जवानी याद आ जाती है क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना सोनू…? 
सोनू== हां भदवे याद है तुझे वो काम वाली बाई याद हैजिसे हम लोग बूढ़ी समझ कर घास नही डालते थे और जब किसी रंडी का इंतज़ाम नही हो पाया तो घर आकर जब उसको चारा डाला तो साली ने जोश मे आकर अच्छी…अच्छी रंडियों की मा….बहन चोद डाली थी हम दोनो को 1 साथ ऐसे संभाला था जैसे वो 42 साल की घरेलू औरत ना होकर कोई पेसेवर रंडी हो जब ये बात बाहर खड़ी सपना ने सुनी तो उसके तो उसको उनकी बातों मे मज़ा तो आ ही रहा था पर जब बेटों का करेक्टर पता चला तो वो बहुत नार्वेस हो गयी पर फिर सारी बाते भुला कर अपनी चूत पर साड़ी के उपर से ही हाथ ले जाकर सहलाने लगी और अंदर का नज़ारा लेने लगी जहाँ आज उसकी दिली मुराद पूरी होने जा रही थी यानी कि उसकी सौतन की लड़की की पहली चुदाई होने जा रही थी और वो भी 2जवान कड़ियल लंड के साथ जिसे वो लाइव देखने वाली थी
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07-17-2017, 12:53 PM,
#27
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
उस दिन जब सपना ने ठान ही लिया कि सोनू को भी अंदर भेज कर इस कुतिया की भोसड़ी फेड्वा ही देनी है और अब तक अंदर का नज़ारा देख कर सोनू भी गरमा गया था 
मोम== सोनू अंदर जा कर अपने हरामी भाई को समझा वरना वो इस बेचारी मासूम सी लड़की को आज चोद कर ही छोड़ेगा और हां अंदर जा कर तू भी सुरू ना हो जाना 
पर अंदर जाते ही सोनू ने अपने रंग दिखाने सुरू कर दिए उसको देख कर मोनू की गांद ही फट गयी 
मोनू=== अर्रे तू अभी तक जाग रहा है 
(दोनो भाई बहुत बड़े हरामी थे कलाज मे साथ…साथ हरामी पना करते थे और लड़की को भी कई बार साथ साथ ही चोद चुके थे पर मा को ये सब नही पता था साले बहुत चोदु थे दोनो भाई ) 
सोनू== वाह हरामी इतना बढ़िया माल और अकेले ही हाथ सॉफ करने मे लगा था भाई को भूल ही गया तुम दोनो का हरामीपना मोम ने देखा है और अब वो अपने रूम मे सोने गयी है मुझे बोला है कि अपने चोदु भाई को समझा की इस लड़की की चूत ना मारे पर मोम को क्या पता कि हम कितने बड़े वाले कमीने है चल स्वीटी अब तू मुझसे सर्माना बंद कर और खुल कर 2 लंड्का मज़ा ले मोम तो अपने कमरे मे गयी अब डरने की कोई बात नही है 
मोनू== यार ये बात ग़लत है तेरी पहले मैं मारूँगा इसकी तू बाद मे मारना 
सोनू– अर्रे भाई ये पहले और बाद का चक्कर छोड़ साथ साथ ही करते है ना और सोनू ने अपनी लिंगी और कच्ची भी उतार डाली और नंगा हो गया उसका लंड भी 8″ का था पर अभी तना नही था वो अपने लॉड को हाथ से सहलाते हुए बेड पर चढ़ आया और उधर बाहर सपना फिर से खिड़की पर आ गयी थी क्योंकि उसको अपनी सौत की बेटी की चूत मे दो लंड घुसने का मौका फिर नही मिलने वाला था और आज वो अपने लड़कों की हक़ीकत भी जान गयी थी कि कितने चोदु है उसके बेटे जिनको वो बहुत ही सीधा समझती थी 
स्वीटी== मोनू अब प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मैं बहुत चुदासी हो चुकी हूँ तुम्हारा लंड भी चूस लिया और अपनी चूत भी तुमको चटवा चुकी हूँ अब रहा नही जा रहा अब बस डाल दो अपना लॉडा मेरी कुँवारी चूत मे फाड़ डालो मेरी चूत को आज कुछ भी हो जाए 
सोनू== अर्रे ऐसे कैसे काम चलेगा अभी पहले मेरा तो लो मूह मे सरमाओ मत हम लोग तुमको आज पूरा मज़ा देंगे 
स्वीटी ने सोनू का लंड पकड़ कर मूह मे डाल लिया और चूसने लगी और पीछे से मोनू उसकी चुतड़ों को चट रहा था उधर बाहर सपना की हालत खराब हो रही थी वो अपनी चूचियाँ ब्लाउस के उपर से ही मसले जा रही थी और फिर मोनू ने अपने हाथ से स्वीटी की गांद की दरार फैला कर अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी और उधर स्वीटी सोनू का लॉडा मूह मे डाले चूसे जा रही थी और मोनू उसकी गांद मे अपनी जीभ डाल कर उसकी गांद चुसाई का मज़ा ले रहा था आख़िर सोनू का लंड खड़ा हो ही गया और अब वो स्वीटी के बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मूह मे अंदर तक घुसेड रहा था 
सोनू=== आआअहह स्वीटी और तेज़ झड़ने ही वाला हूँ आआआहह आआआआहह और झरझारा कर स्वीटी के मूह मे ढेर सारा रस उडेल दिया उसने स्वीटी ने अपना मूह हटाने की कोसिस भी की थी पर सोनू हरामी ने उसके बॉल पकड़ कर जड़ तक अंदर गुस्सा दिया था और 1 1 बूँद जब तक उसके रस की निकल नही गयी तब तक उसके होठ अपने लंड पर दबाए रहा आख़िर झड़ने के बाद सोनू बेड पर लूड़क गया और मोनू ने स्वीटी को पकड़ लिया और बाहर मोम अपने बेटों की करतूत देख रही थी और अंदर ही अंदर खुश भी हो रही थी कि आज उसकी सौत की बेटी की खैर नही मोनू बेड से उतर कर नीचे खड़ा हो गया और उसका लॉडा भी पूरे 9″ का डंडे की तराह खड़ा था अपने बेटे का तना हुआ लॉडा देख कर सपना भी सिहर गयी थी कि इतना बड़ा तो इसके बाप का भी नही था अनिल का लॉडा 7″ का ही था पर सपना सोच रही थी कि ये किस आसन से चोदेगा स्वीटी को…..मोनू ने स्वीटी को बेड पे खड़ा किया और उसकी चूत से अपने तने हुए लॉड का सेंटर मिला कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो पीछे से सोनू बोला मोनू क्या तू इसको खड़े होकर अपने लंड पर बैठा कर झूला आसन से चोदेगा…? 


मोनू— हां यार इस तराह बहुत मज़ा आता है लड़कियों को और सोनू को आँख मार दी 
(क्योंकि किसी भी कुँवारी लड़की के लिए सबसे दर्दनाक यही आसन होता है इस आसान को बड़ी बड़ी चुड़दकड़ औरतें नही झेल पाती है) और सपना ने जब मोनू को इस आसान की तैयारी करते देखा तो वो भी मन ही मन अपने बेटे को दुआएँ देने लगी वो तो यही चाहती ही थी कि जितनी ज़्यादा से ज़्यादा तकलीफ़ मिले स्वीटी को उसको उतनी ही खुशी होगी मोनू ने अपने लंड को स्वीटी की चूत के मुहाने से लगा कर बेड से उठा लिया उसको और 1 झटके के साथ उसका लंड स्वीटी की चूत मे हल्की सी जगाह बना पाया पर स्वीटी के मूह से निकलने वाली चीख इतनी तेज़ थी कि मोनू और सोनू दोनो की गांद फट गयी सोनू बेड से उठा कर तुरंत उसके मूह पर हाथ रख कर बोला बहन की लॉडी मरवाएगी क्या अभी मोम आ जाएँगी तेरी चीख सुनकर और हम दोनो की वाट लगा देंगी 
स्वीटी==== प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे नीचे उतारो बहुत दुख रहा है प्लज़्ज़्ज़्ज़ आआआअहह मर जाउन्गि मैं प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ 
मोनू ने अपने लंड को थोड़ा और अंदर करा और बेड की तरफ घूम गया उसका इसारा सोनू समझ गया और बेड पर लेट कर स्वीटी की चूत को चूमने लगा जिससे कि उसकी चूत थोड़ी गीली हो जाए और मोनू अपना काम आसानी से कर सके आख़िर दोनो ही उस्ताद थे और बाहर खड़ी सपना अपनी साँसे और अपने हाथ चूत पर रख कर अंदर का नज़ारा देख रही थी 
स्वीटी== आआहह प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भगवान के लिए छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है उउउफफफफफ्फ़ माआआ आआआअहह मोनू अपना लंड और अंदर करता जा रहा था और स्वीटी की कराहते और बढ़ती जा रही थी उसकी आँख से आँसू बह रहे थे पर मोनू पे कोई फ़र्क नही पड़ रहा था और पहले तो सपना को भी बहुत मज़ा आ रहा था कि उसकी सौत की बेटी की चूत फाडी जा रही पर जब उसने देखा कि स्वीटी की हालत खराब होती जा रही है और मोनू रुकने का नाम नही ले रहा तो वो भी घबदाने लगी कि अब क्या करे कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए और इधर स्वीटी की हालत खराब होती जा रही थी वो पूरी तराह से सिसकियाँ ले कर रोने लगी थी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे छोड़ दो आआआहह माआआ बहुत दर्द हो रहा है अब और अंदर ना डाआलो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आआआआआहह मर गयीईई ऊऊऊपप्प्प्प्प्प्सससस आआआयययययीीई और मोनू अपने लंड को 1 झटके के साथ पूरा का पूरा अंदर डालने मे कामयाब हो ही गया और 1 जोरदार चीख के साथ ही स्वीटी बेहोश हो गयी पर मोनू को कोई फ़र्क नही पड़ा वो उसको उसी तराह बाहों मे ले कर उछालता जा रहा था और स्वीटी की गर्दन 1 तरफ लूड़क चुकी थी जब ये सपना ने देखा तो उसकी गांद फट गयी और वो फटाफट मोनू के रूम की तरफ भागी भड़ाक से दरवाजा खोल कर गुस्से मे बोली 
सपना— कमीने हरामजादे क्या मार कर ही निकालेगा अपना बाहर बहन के लॉड देख नही रहा उसकी गर्दन लुढ़क गयी है बेचारी बेहोश हो चुकी है और भोसड़ी के सोनू मैने तुझे भेजा था कि जा कर अपने भाई को समझा और तू खुद ही यहाँ चूत के चक्क्कर मे लग गया आने दो अपने बाप को गांद फड़वाती हूँ तुम दोनो की उतार नीचे बच्ची को हरामी 
मोम को इतने गुस्से मे और अपने को इस हाल मे देख कर दोनो की गांद फट चुकी थी 
मोनू ने धीरे से स्वीटी को बेड पर लिटाया और उसकी चूत से अपना लॉडा जब बाहर निकाला तो खून से सना हुआ था उसका लॉडा और स्वीटी की चूत भी खून से सनी थी 
सपना– चल बाथ रूम मे जाकर धोकर आ देख क्या हाल कर दिया बच्ची का 
कुछ देर बाद सपना अपने दोनो बेटों के साथ वहीं बेड पर बैठी थी और स्वीटी अभी भी बेहोश थी और अभी भी सपना ने उसके जिस्म पर कपड़े नही डाले थे उसकी चूत पर पानी गर्म करके सिकाई कर रही थी और दोनो बेटे देख रहे थे कुछ ही दर्द मे स्वीटी को होश आ गया और सपना को देखते ही वो चिपेट गयी उससे 

स्वीटी== आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे बचा लीजिए प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आंटी बचा लीजिए मुझे वरना ये मोनू मार डालेगा मुझे प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बहुत दर्द हो रहा है मुझे 
सपना=== बेटी घबरा मत अब मैं हूँ यहाँ और तू आराम से लेट जा अब कोई कुछ नही कहेगा तुझे अभी तेरी चूत की मालिश कर देती हूँ तब आराम मिल जाएगा 
हां तो दोस्तों इसके बाद थोड़ी मालिश के बाद खुद सपना ने अपनी मौजूदगी मे ही स्वीटी को अपने बेटों से चुदवाया 
तो देखा दोस्तो इंसान की फितरत कैसी होती है दोस्तो फिर मिलेंगे किसी नई कहानी के साथ आपका दोस्त राज शर्मा समाप्त--------
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07-17-2017, 12:54 PM,
#28
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
गाओं की सेर पार्ट--1 

उस वक़्त मेरी उमर करीब 18 साल की थी… हमारे डॅडी के एक करीबी दोस्त हैं… उनकी फॅमिली मे शादी थी. वो शादी उनके गाओं मे होनी थी.. उन्होने हम सबको चलने के लिए इन्वाइट किया. 

पापा को तो जाना है था. मा के जाने का हिसाब न्ही बैठ रहा था. तब पापा के फ़्रेंड ने कहा कि शायरा को ले चलो. हमारा घर भी देख लेगी, गाओं भी देख लेगी.. ये भी देख लेगी कि गाओं मे शादी कैसे होती हे. लास्ट मे ये फ़ैसला हुआ कि अंकल की फॅमिली के साथ मैं और मेरे पापा भी जाएँगे.मेरा सरीर अब भर गया था. अब मैं वो नौ साल वाली लड़की न्ही थी, जिसका सीना एकदन सपाट था. अब तो मेरे बूब भी दिखने लगे थे. जब मैं चलती थी तो मेरे बम्स लेफ्ट राइट हिलते थे जो मुझे और भी सेक्सी बना देते थे. हमारा वहाँ 10 दिन का प्रोग्राम था. 

10 डेज़ के हिसाब से मैने अपने कपड़े पॅक किए.. सलवार सूट, स्कर्ट & टॉप, जीन्स & टॉप और जैसा मुझे प्रोग्राम बताया गया, हल्दी, लेडी संगीत, तिलक, शादी… हर रोज कुछ ना कुछ प्रोग्राम था. मेने 2 पैयर लहंगा चुनरी भी रख ली..जाने वाले दिन हम निकले और स्टेशन जा कर ट्रेन पकड़ी… रात भर का सफ़र था.. मैं, मेरे पापा, अंकल आंटी और उनका एक बच्चा जो 4 साल का था, टोटल 5 लोग शादी मे जा रहे थे. एसी कोच मे रात का सफ़र आराम से कट गया. सवेरे स्टेशन पर कार आ गयी और हम गाओं की तरफ चल दिए. 

अंकल मुझे रोड के किनारे खेत के बारे मे बताने लगे.. ये सरसो का खेत हे.. ये वीट का. एट्सेटरा एट्सेटरा करीब 2 अवर्स के रन के बाद अंकल ने बताया कि उनका घर आने वाला हे.. फिर एक बड़ा सा दरवाज़ा आया, कार उसमे घुसी. बहुत बड़ा एरिया था वो.कई तरह के ट्रीस थे.. गार्डेन था.. एक दम जंगल जैसा लग रहा था.. फिर हम एक मकान पर पहुचे. मकान क्या था, वो एक हवेली थी.. पुरानी टाइप की, बहुत बड़ी हवेली.. हम कार से उतरे,, हवेली मे गये… बहुत बड़ा हाल, बड़े बड़े कमरे. बड़े बड़े फनूस. एकदम शांति.. कही कोई आवाज़ नही.. कोई हल्के से भी बोलता तो आवाज़ सुनाई दे जाती.. 

ग्राउंड फ्लोर था और 1स्ट्रीट फ्लोर.. हम 1स्ट्रीट फ्लोर पर ले जाए गये. क्या बड़े बड़े रूम थे.. ऐसा तो सिर्फ़ फ़िल्मो मे या टीवी सीरियल मे देखा था.. इतने बड़े कमरे की अगर वो सहर मे हो तो वाहा उसी कमरे मे शादी हो जाए. मुझे अपने नाना जी के गाओं की याद आ गयी. अब जब याद आ गयी तो वो सब भी याद आने लगा कि मेने वाहा कैसे मस्ती की थी. मेने खुदा से दुआ कि हे खुदा, कुछ ऐसा जुगाड़ बना जो नाना जी के यहा हुआ था.. फिर सोचा कि अगर कुछ जुगाड़ हो भी गया तो कोन सी जगह ज़्यादा ठीक रहेगी मस्ती के लिए. 

सोचा चलो घूम के देखते हैं.. इतने मे आंटी ने कहा कि नहा लो, फिर नाश्ता करना है.. पापा अंकल जेंट्स लोग का जहाँ इंतज़ाम था वहाँ चले गये.. मैं आंटी के साथ रह गयी. शायद कुछ और लोग आने वाले थे वाहा. मैं नहाने चली गयी. 

जब मैं नहा के कमरे मे आई तो कुछ गेस्ट और आ गये थे. वाहा मेरी उमर की एक लड़की और दिखाई दी.. आंटी ने बताया कि वो उसकी कज़िन सिस्टर थी. उसका नाम प्रिया था और वो अक्सर गाओं मे आती हे और कई कई दिन रह के जाती है. उसका अपना घर हवेली के पास ही था. 

एक उमर की होने की वजह से मेरी और प्रिया की दोस्ती हो गयी और हम सहेलिया बन गयी. हमने साथ नाश्ता किया. नाश्ते के बाद हम रूम मे आ गयी,, प्रिया बताने लगी कि यहाँ पर क्या क्या है . उसने मुझे पूरा एरिया घुमाने का इरादा जताया. 

मे राज़ी हो गयी और हम दोनो हवेली से बाहर निकले. वाहा चारो तरफ बड़े बड़े ट्रीस थे… एक आम का बगीचा था. एक अस्तबल था जहाँ कई काउस..कई भैंस, 2 डॉग्स और एक हॉर्स भी था.. वो जनवरो को च्छू च्छू के सहलाने लगी.. मुझे बोर लगने लगा. 

मैं अस्तबल से बाहर निकली.. अस्तबल के पीछे पानी का एक बड़ा सा कुवा था, सिमेंटेड.. उसमे पानी था .. साथ मे पानी की मशीन थी. वाहा से चॅनेल बना हुआ था जिससे वो पानी जनवरो तक पहुच जाए. मैं उसी को फॉलो करते करते पीछे वाली खिड़की तक पहुचि. 

अचानक मेरी नज़र प्रिया पर पड़ी. वहाँ मेने जो देखा वो पहले कभी न्ही देखा. प्रिया घोड़े के पास बैठी थी उकड़ू होकर. उसका हाथ घोड़े को सहला रहा था. मेने सॉफ देखा घोड़े का लिंग बड़ा होते हुए. जब वो बड़ा होने लगा तो प्रिया ने उसको पकड़ लिया और सहलाने लगी.. 

वो और बड़ा होते चला गया.. करीब 2 फुट का.. और खूब मोटा. वो उसको दोनो हाथो से सहलाने लगी. 5 मिनिट ये सब देखती रही, फिर मैं मूडी और वापस अस्तबल की तरफ आने लगी. जब मैं वहाँ भीतर पहुचि तो प्रिया काउ के गले को सहला रही थी. 

उसने मुझे चोर नज़रो से देखा. मेने कोई रिक्षन न्ही दिया. फिर हम गाय को भूसा वगेरा डाल के अस्तबल से निकले.. निकलते समय प्रिया ने घोड़े को देखा.. मेने भी देखा.. उसका लिंग सिकुड़ने लगा था. मैं बाहर की तरफ देखने लगी जैसे कुछ देखा ना हो. हम दोनो बाहर आ गयी. दिन मे हमने खाना खाया. फिर रूम मे आ गयी. हम दोनो आपस मे बात करने लगी. 

मे- काफ़ी बड़ा एरिया है ना? 
प्रिया- हां. मैं तो अक्सर यहा आती हू. 
मे- अक्सर क्यू? 
प्रिया- मुझे बहुत अच्छा लगता है. और मुझे जनवरो से लगाव है. 
मे- वो भला क्यू? 
प्रिया- मे तो जब भी आती हू, मेरा बहुत समय उन्ही के साथ गुज़रता है. 
मे- अच्छा,, पर मेने खिड़की से देखा था तुमको घोड़े को सहलाते हुए. 

प्रिया- ओह नो,, वो तो बस ऐसे ही…. 
मे- कोई बात न्ही, पर एक बात है, घोड़े को सहलाने से कुछ हो रहा था, वो मेने देखा. 
प्रिया – क्या देखा. 
मे- वो घोड़े की एक चीज़ बड़ी हो रही थी, बाद मे तुमने अपने दोनो हाथो से उसको सहलाया था. 
प्रिया- ओह, तुमने देख लिया?… प्ल्ज़ किसी को बताना मत. 

मे- ओक न्ही बताउन्गि,, बस मुझे भी एक बार दिखा देना. 
प्रिया- ओके, वेसे तुमने कभी देखा न्ही किसी का? 
मे- सच बताउ,, अब तुम किसी को मत बताना. मेने आदमियो का देखा है. 
प्रिया- वाउ, कैसा होता है? 
मे- घोड़े जैसा न्ही होता, पर सबका अलग अलग साइज़ होता है. 
प्रिया- इसका मतलब तूने कई सारे देखे हैं? 
मे- हां कई सारे देखे मेने. 
प्रिया- कभी च्छुआ? 
मे- हां च्छुवा. 

प्रिया- और? 
मे- मेने उसको पकड़ा अपने हाथो से? 
प्रिया- और? 
मे- किसी को बोलेगी तो न्ही? 
प्रिया- नही, हम फ्रेंड हैं, ये बात हम दोनो के बीच रहेगी. 
मे- तो सुन, मेने लड़को के लिंग, जिसको वो लंड बोलते हैं, अपने हाथो से पकड़े हैं. उनको लिया भी है. 

प्रिया- वाउ शायरा, यू आर लकी गर्ल, कैसा लगता है? 
मे- बहुत मज़ा आता है. 
प्रिया- उसमे से सफेद जूस भी निकलता है? 
मे- तुझे कैसे मालूम? 
प्रिया- बता ना प्ल्ज़. 
मे- हां निकलता है, अब बोल तुझे कैसे मालूम. 

प्रिया- वो जब घोड़े का सहलाती हू ना तब उसमे से सफेद जूस निकलता हे, बहुर सारा. 
मे- अच्छा 
प्रिया – हां, फिर जब हाथ उसमे सन जाते हैं तो कपड़े उतार कर वही नहा लेती हूँ. 
मे- अच्छा, अब मुझे कब दिखाएगी? 
प्रिया- आज शाम को देख लो. 
मे- ओके, कितने बजे? 
प्रिया- 4 बजे करीब चाय पीने क बाद चलना. 
मे- ओके. 

4 बजे चाय पीने के बाद हम दोनो वाहा अस्तबल की तरफ चल दी. हम दोनो ने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था. मेने कहा कि अपनी ड्रेस उतार दो, अगर वो खराब हो गयी तो मुस्किल होगी. वो समझ गयी. उसने अपने सारे कपड़े खोल के साइड मे रखे और घोड़े को सहलाने लगी. 

जब घोड़े का लिंग बड़ा हो गया तो मुझे भी उसने बुलाया. फिर हम दोनो ने अपने हाथो से उसके लिंग को खूब मसला. थोड़ी देर बाद उसका जूस निकल गया. बाप रे, इतना सारा जूस.. इतना जूस तो नाना के गाओं मे मेरी 4 दिन की चुदाई मे भी नही मिला होगा मुझे. 

फिर हम दोनो ने एक दूसरे को पानी से नहलाया. हम दोनो ने एक दूसरे के बूब दबाए.. मेने उसकी चूत मे उंगली डाली, उसने भी मेरी मे डाली.. पानी से बाहर निकल के एक दूसरे की चूत चॅटी. हम दोनो को मज़ा आया. 

मे- प्रिया, तुझे किसी ने चोदा है? 
प्रिया- हां, क्लास के 2 लड़को ने और मेरे मास्टर जी ने. 
मे- लड़को का लंड कैसा था? 
प्रिया- वो तीन इंच का था, पतला सा. पर मास्टर जी का उनसे बड़ा था. 
मे- मास्टर जी ने क्यू चोदा? 
प्रिया- एक दिन जब लड़के मुझे बाथरूम मे चोद रहे थे, तब मास्टर जी ने देख लिया. 
मे- पूरी बात बता ना. 
प्रिया- सुन, वो तो मुझे बाद मे मालूम हुआ कि मास्टर ने देख लिया. 

एक दिन मास्टर जी ने मुझे घर पर बुलाया . वो मुझे कुछ गाइड बुक देना चाहते थे, मेद्स की. मे वहाँ गयी. मास्टर जी अकेले थे. उन्होने दरवाजा बंद कर दिया. उनकी बीबी घर मे न्ही थी. मुझे पलंग पर बिठा कर वो दूसरे रूम मे गये.. जब वो वापस आए तो उनके एक हाथ मे एक पतली सी किताब थी. और वो गमछा पहने हुए थे. जब वो पलंग पर पालती लगा के बैठे तो उनका गमछा सामने से खुल गया. मैं ठीक उनके सामने थी. मुझे उनका लंड दिख रहा था. मास्टर जी ने पालती चौड़ी कर ली. उनका गमछा कमर तक उपर उठ गया. 

मे- फिर? 

प्रिया- मैं सिर झुका के बैठी रही, पर चोर नज़रो से उनका लंड देख रही थी. मुझाया हुआ था, करीब 4 इंच का होगा. मास्टर जी समझ रहे थे कि मैं उनका लंड देख रही हू. मास्टर जी ने किताब अपने पीछे रख दी. और अपने लंड की नीचे की बॉल को सहलाया. उनका लंड बड़ा होने लगा. 

मैं चोर नज़रो से देखती रही. जब उनका लंड टाइट हो गया तो करीब 6 इंच का हो गया. मे सोचने लगी कि उन लड़को से डबल है मास्टर जी का लंड. मेरे सरीर मे सनसनी होने लगी, पता न्ही मास्टर जी क्या चाहते हैं. मेने मास्टर जी कहा- मास्टर जी किताब दीजिए, मुझे घर जाना हे. 

मास्टर जी ने कहा कि किताब उनके पीछे है आकर ले लो.. उस वक़्त वो अपने लंड की स्किन को आगे पीछे कर रहे थे, जब वो स्किन पीछे जाती थी तो उनके लंड का सूपड़ा पूरा दिखता था,, पिंक कलर का , गोल गोल. मैं उठी और घुटनो के बल चल कर मास्टर की पीछे रखी किताब ले ली. जब मैं मूडी तो मास्टर जे ने मुझे कमर से पकड़ लिया और अपनी गोदी मे बैठा लिया. 

मे घबरा गयी- मास्टर जी, आप क्या कर रहे हैं, मुझे छोड़िए. पर उसने जैसे कुछ सुना नही. उसने मुझे अपनी गोदी मे फ़सा के मेरी स्कर्ट उपर कर दी और पॅंटी के उपर से मेरी चूत पर हाथ रख दिया और सहलाने लगे. 
मेने छ्छूटने की नाकाम कोसिस की. 

इसी बीच मास्टर जी ने कब मेरा हाथ पीछे करके अपने लंड पर रख दिया, मालूम नही पड़ा. मालूम तब पड़ा जब मास्टर जी ने उनके लंड पे मेरा हाथ रख कर, मेरे हाथ पर अपने हाथ रखा और आगे पीछे करने लगे. मैं पलट गयी पर मेरा हाथ उनके लंड से नही च्छुटा. 

मास्टर जी ने कहा कि थोड़ी देर इसको सहला दो फिर चली जाना. मेरे पास और कोई रास्ता न्ही था. मास्टर जी ने अपने टांगे फैला दी और मुझे अपने सामने पेट के बल लेटा दिया और मैं उनका लंड सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद मेने कहा कि अब मैं जाउ? 

मास्टर जी ने कहा थोडा रुक और घूम जा. मैं घूमने लगी तो मास्टर जी ने मुझे चित लिटा दिया और स्कर्ट उपर करके मेरी पॅंटी खीच के उतार दी. मेने अपने हाथो से अपनी चूत धक ली. मास्टर ने कहा, तुमने तो मेरा लंड देख लिया छु भी लिया, तुम्हे भी अपनी चूत दिखानी पड़ेगी. 


मरती क्या ना करती. मेने अपने हाथ हटा लिए. मास्टर जी ने मेरी टाँग फैला दी और चूत सहलाने लगे. उंगली भी घुसाइ. थोड़ी देर तक ये सब करने क बाद वो बोले, बेटी अब मेरी गोदी मे बैठ जाओ. मैं उनके पैरो पर जाँघ के उपर बैठ गयी. मेरे दोनो पैर बाहर की तरफ थे. 
क्रमशः...........
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07-17-2017, 12:54 PM,
#29
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
गाओं की सेर पार्ट--2 
गतान्क से आगे............. 
नीचे से मास्टर जी का लंड मेरी चूत से टच हो रहा था. मास्टर जी ने अपने हाथो से मेरी चूत को फैलाया और अपने लंड का सुपरा मेरी चूत पर रखा. मैं समझ गयी कि वो क्या करना चाहते हैं. मैं उनकी गोदी से उच्छल कर खड़ी हो गयी. 

मे- ओह फिर क्या हुआ? 

प्रिया- मास्टर जी ने कहा, मे तो आज तुझे चोदुन्गा बेटी. मेने कहा प्ल्ज़ ऐसा मत कीजिए, मैं कुवारि हू. मास्टर जी हस्ने लगे.. कहा , स्कूल के बाथरूम मे तू जो रोज चुदवाती है वो सब मेने देखा है. अगर आज मुझसे न्ही चुदवाओगि तो कल स्कूल मे सबको बता दूँगा कि क्लास के लड़को से तुम क्या करवाती हो. 

मेरा दिमाग़ सन्न्न हो गया.. मास्टर इसी का फयडा उठा रहा है. मास्टर जी ने कहा , सोच लो.. नही चुदवाना है तो जाओ और स्कूल मे ये बात किसी को पता ना लगे तो आकर मेरा लंड चूसो. मेरे पास और कोई रास्ता ना था. मैं आगे बढ़ी, मास्टर जी पलंग पर थे. मैं नीचे. मेने वही से खड़े खड़े उनका लंड मूह मे ले लिया. 

पहली बार लिया था. मास्टर जी ने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड पर दबाया और इसी तरह करने को बोला. मैं चुपचाप करती रही, सोचा इनका जूस निकल जाए और मेरी छुट्टी हो. पर ये क्या, मास्टर जी ने मेरे सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए. 

मैं उनके सामने नंगी हो गयी. थोड़ी देर बाद मास्टर जी ने मुझे पलंग पर खिछा. अब वो चुदाई की तैयारी कर रहे थे. मेने कहा मास्टर जी प्ल्ज़ मत चोदो. मास्टर ने कहा, लड़को से तो खूब चुद्वति है, मुझसे क्यू नही. मेने कहा, उनका इतना बड़ा और मोटा न्ही है जितना आपका. मैं ले न्ही पाउन्गि.

मास्टर जी ने नारियल तेल की बॉटल उठाई और थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी चूत पर. बोले अब हो जाएगा, बस तुम मूह बंद रखना वरना….. फिर उन्होने मुझे लिटाया, मेरी कमर के नीचे तकिया लगाया , मेरी टाँग उपर की ओर फैला दी. 

मेरी चूत एकदाम उपर उठ गयी. मुझे अपनी चूत दिख रही थी, मास्टर जी ने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और थोड़ा प्रेशर दिया. उनके लंड का सुपरा मुझे अपनी चूत मे जाता हुआ दिखाई दिया.. मुझे दर्द हुआ पर कोई उपाय नही था. फिर प्रेशर दिया. 

उनका लंड धीरे धीरे मेरी चूत मे घुसता जा रहा था. दर्द के मारे मैं अपना सिर पलंग पर दाए बाए हिला रही थी. पर वो न्ही रुके.. रुके भी तब जब उनका लंड पूरा मेरी चूत मे घुस गया. वो बोले देख अपनी चूत को, मेरा लंड पूरा ले लिया इसने. 

मेने गर्दन उठा के देखा. वाकई उनका लंड न्ही दिख रहा था. अब उन्होने अपना लंड थोडा बाहर र्निकाला और फिर से चूत मे पेल दिया. धीरे धीरे उनकी स्पीड बढ़ने लगी. मेरी चुदाई हो रही थी. लंड सटसात अंदर बाहर हो रहा था. 

प्रिया- एक बात बोलू शायरा? 
मे- हां बोल ना. 
प्रिया- पहले तो तकलीफ़ हुई पर मज़ा बहुत आ रहा था. उन लड़को के साथ जल्दी जल्दी और छ्होटे लंड से होता था. पर ये तो बड़ा था और इतमीनान से मेरी चुदाई हो रही थी. 
मे- फिर आगे बोल क्या हुआ? 

प्रिया- और क्या, मेरी चुदाई होती रही, वो मेरी चूची अपने हाथो से दबाते रहे, नीचे चूत मार रहे थे. मैं आँख बंद कर कर पड़ी थी. थोड़ी देर बाद शायद उनका जूस निकलने का टाइम हो गया. उन्होने लंड बाहर खिछा और मुझे उठा के मेरे मूह मे घुसा दिया. 

कुछ समझू इसके पहले मास्टर जी के लंड का जूस मेरे मूह मे भर गया. मैं थूकने ही वाली थी कि उन्होने उसको पी जाने को कहा.. मुझे सारा जूस पीना पड़ा. उसके बाद उन्होने मुझे कपड़े दिए. कहा कि जब भी बुलाउ आ जाना चुदाई करवाने वरना…. 

मेने हां कहा और कपड़े पहन कर बाहर निकल आई किताब ले कर.. वो दिन है और आज का दिन.. वीक मे कम से कम 3 बार तो मेरी चुदाई होती ही है, मास्टर जी से. बस यही मेरी कहानी हे. 

मे- ह्म्म्म, इसका मतलब, जितने दिन तुम यहा रहोगी, तुम्हारी चुदाई बंद? 
प्रिया -और क्या, इसीलिए तो अस्तबल जाती हू, उनका जूस चाटने. अब तुम बताओ तुम्हे किसी ने चोदा है? 
मे- हां, कई बार, मेने तो अपनी गंद भी मरवाई है चूत के साथ. 
प्रिया- गंद भी? 
मे- हां, दोनो जगह बहुत मज़ा आता है. 

हम दोनो चुप हो गयी.. दोनो के मन मे एक ही विचार था काश यहा कुछ इंतज़ाम हो जाता. 

मे- प्रिया, तू तो यहा कई बार आती ही,, हमे 10 दिन रहना है यहाँ,, क्या यहाँ कोई जुगाड़ है? 
प्रिया- देखना पड़ेगा, यहा कभी ट्राइ न्ही किया. 
मे- तो आज किसी को टारगेट करते हैं, अगर कोई मिल गया तो 10 दिन मस्ती से काटेंगे. 
प्रिया- वेसे एक ही निगाह मे,, वो अस्तबल के पीछे पानी वगेरा का इंतज़ाम करने वाला आदमी.. 35/40 साल का , 6 फीट लंबा, मजबूत. पर कभी ट्राइ न्ही की. 
मे- दिखने मे कैसा है? 
प्रिया- एकदम गोरा.. पहलवान जी कहते हैं हम उनको. 
मे- ओके शाम को चलते हैं वहाँ. और हां. स्कर्ट के नीचे पॅंटी न्ही पहनना… देखते हैं क्या होता है. 

शाम को हम दोनो ने समीज़ पहनी, टॉप डाला, स्कर्ट पहनी, बिना पॅंटी के और अस्तबल की तरफ गये.. दूर से आइडिया लग गया कि पहलवान अस्तबल मे है. मेने प्रिया को कहा कि तुम अस्तबल मे जाओ, मैं पानी की तरफ जाती हू.. पहलवान जब पानी की तरफ आएगा तब तुम अस्तबल से च्छूप के देखना.
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07-17-2017, 12:54 PM,
#30
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मैं पानी के हौड़े पर उकड़ू हो कर बैठ गयी. मेरी राइट साइड पर अस्तबल था. मेने अपनी स्कर्ट को जाँघो तक चढ़ा लिया. पॅंटी पहनी न्ही थी. इसलिए चूत पूरी ओपन थी. इतने मे पहलवान जी आते हुए दिखाई दिए.. मैं पानी मे देखने लगी. 

वो पानी लेने आया, हाथ मे बाल्टी थी. वो झुक कर पानी उठा ही रहा था कि उसकी नज़र मुझ पर पड़ी. फिर उसकी नज़र मेरी चूत की तरफ गयी. पर मैं पानी मे देखती रही. मुझे पूछा- कोन हो बेटी. मेने कहा शायरा, शादी मे आई हू. आप कोन है? पहलवान ने कहा कि उसका नाम प्यारे है और वो वहाँ काम करता है. 

मे- प्यारे जी, ये पानी बहुत गहरा है ना? 
प्यारे- अरे न्ही बेटी, रूको मैं दिखाता हू. 

ये कहकर उसने अपनी धोती खोल के हौड़े के कोने पर रखी और पानी मे उतर गया. असल मे उसका मकसद मेरी चूत को पास से देखना था. शाम हो गयी थी, सॉफ न्ही दिख रही होगी दूर से. पानी उसके कमर तक था. वो दो कदम बढ़ा के मेरे सामने आ गया. नज़र उसकी मेरी चूत पर थी पर बात मुझसे कर रहा था. 

प्यारे- देखा, मेने कहा था ना पानी गहरा न्ही है. 
मे- हां. 
प्यारे- तुम भी आके देखो, कितना ठंडा पानी है. 
मे- न्ही न्ही, मुझे डर लगता हे. 
प्यारे- डरने की कोई बात न्ही. 
मे- मेरे कपड़े भीग जाएँगे. 
प्यारे- अरे तो उसको साइड मे रख दो, जैसे मेने रखे हैं. गीले नही होंगे. 

वो एकदम मेरे सामने खड़ा था पानी मे, उसकी नज़र से मेरी चूत सिर्फ़ 3/4 इंच दूर थी. मेरी चूत पर बाल न्ही थे. एकदम चिकनी. वो उसी को देख रहा था. मेने ज़रा गौर से देखा, उसने अपनी धोती तो उतार दी थी, नीचे कुछ पहना हुआ भी था या नही? शाम के अंधेरे उजाले मे ऐसा लगा कि उसने कुछ पहना हुआ नही हे. मेने भी उसको देखने की सोची. 

मे- पर मेरी सहेली भीतर अस्तबल मे है. 
प्यारे- तो क्या हुआ, वो मना थोड़ी करेगी. 
मे- फिर भी, वो देखेगी तो? 
प्यारे- कुछ न्ही होगा, तुम कपड़े सूखी जगह पर रख दो, बाहर निकलो तब पहन लेना. 
मे- ओके आती हू. 

मेने उसके सामने ही टॉप उतारा, समीज़ उतारी. अब सिर्फ़ स्कर्ट थी.. मेने उसके बटन खोले और नीचे सरका के उतार दी. अब मे उसके सामने नंगी थी. चोर नज़रो से देखा, प्रिया अस्तबल के भीतर से देख रही थी.. प्यारे को देखा. वो आँखे फाड़ के मुझ को नंगा देख रहा था, उसका एक हाथ पानी मे था. 

पहले मैं हौड़े के किनारे पर बैठी. प्यारे ने मेरा हाथ पकड़ के पानी मे उतार दिया. मेरा बॅलेन्स खराब हुआ. उसने अपने दोनो हाथो से मेरी दोनो चुचि पकड़ ली और सहारा देने लगा. मेने भी संभलते संभलते हुए उसको पकड़ने की कोसिस की और उसका लंड मेरे हाथ मे आ गया. मेने उसको छ्होरा नही. 

मे- कितनी फिसलन है पानी मे. 
प्यारे- वो तो हे, पर अब ठीक हे, तुम अब नही गिरोगि. 
मे- हां, पर आपने मेरी चुचि क्यू पकड़ी,, हाथ भी पकड़ सकते थे. 
प्यारे- तुमको गिरने से बचाने के लिए जो सामने आया वो पकड़ लिया. 
मे- मेरा हाथ पकड़ लेते. अगर मेने पाइप न्ही पकड़ा होता तो ज़रूर गिर जाती. 
प्यारे- हां सही कहा. पाइप पकड़ के रहना, गिरोगि नही. 
मे- पर मेने पहले जिस पाइप को पकड़ा था वो छोटा और मुलायम था. 
प्यारे- ये वही पाइप है बेटी. 

अंधेरा हो गया था… प्रिया कब बाहर आ कर खड़ी हो गयी मालूम न्ही हुआ, वो हौड़े के बाहर से देख रही थी. मेने फिर फिसलने की आक्टिंग की, प्यारे ने फिर मेरी चुचि पकड़ ली, सीधा खड़े होने के बाद भी उसने चुचि नही छ्होरी. वो उसको दबाने लगा. मुझे मज़ा आ रहा था. प्रिया का मन भी हुआ पानी मे आने का.. उसने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और पानी मे आ गयी. 

मे- प्रिया, आजा, देख कितना ठंडा पानी है 
प्रिया- हां शायरा. वाकई. 
मे- मालूम? अगर मेने पाइप न्ही पकड़ा होता तो डूब जाती. 
प्रिया- देखु तो कोन सा पाइप. 

प्रिया ने पानी क भीतर हाथ डाला और उसने भी लंड पकड़ लिया. 

प्रिया- शायरा ये पाइप न्ही है. 
मे- तो क्या हे, इतना हार्ड तो पाइप होता है. 
प्रिया- प्यारे जी, आप बताओ ये क्या है? 
प्यारे- ये मेरा लंड है. शायरा ने इसको पकड़ के खुद को बचाया. 
प्रिया- देखु तो ,, और ये कहकर प्यारे का लंड पकड़ लिया. 

मैं हौड़े की दीवार की तरफ मूह करके खड़ी हो गयी, मेरी पीठ प्यारे की तरफ थी. मेने घूम कर देखा प्यारे प्रिया को चूम रहा था, प्रिया उसके लंड को पानी मे मसल रही थी. फिर प्यारे ने मेरे पीछे से आकर मेरी बाँहो के नीचे से हाथ डाला और मेरे बूब्स पकड़ लिए. और दाबने लगा. उसका लंड मेरी गंद से टकरा रहा था. 

प्रिया ने मेरी चूत मे उंगली घुसा दी और हिलने लगी. मुझे मस्ती आ गयी. मेने अपने पैरो को फैला दिया.. प्रिया दूसरे हाथ से प्यारे का लंड तैयार कर रही थी जैसे वो घोड़े का करती थी.. अब मुझे समझ मे आया कि वो मेरी चुदाई देखना चाहती थी. जब उसका लंड तैयार हो गया तो वो मेरे सामने आ गयी और मुझे किस करने लगी. 

प्यारे का लंड छु कर मुझे इतना तो एहसास हो गया था कि इस तरह के लंड से मैं पहले भी चुद चुकी हू, इसलिए मन मे कोई ख़ौफ़ न्ही था. मेने भी प्रिया की चुचि दबानी शुरू कर दी. इधर प्यारे ने अपना लंड मेरी चूत मे घुसाने की कोसिस की. मेने प्रिया से कहा अगर चुदाई देखनी है तो पानी से बाहर आना पड़ेगा, पानी मे कुछ न्ही दिखेगा. 

प्रिया राज़ी हो गयी और बाहर आ गयी, मुझे और प्यारे को बाहर आने बोला. हम तीनो बाहर आ गये. अब मेने प्यारे के लंड देखा. वो तना हुआ था और चूत मे घुसने को तैयार था. मेरी चूत भी तैयार थी. मेने खुद को कुतिया की पोज़िशन मे किया. प्यारे मेरे पीछे अपने घुटनो पर बैठ गया, 

अब उसका लंड एकदम सीधा था. प्रिया ने मेरी चूत फेलाइ और प्यारे ने अपना लंड उसमे घुसा दिया.. थोड़ा आह के बाद लंड पूरा चला गया और चुदाई शुरू हो गयी.. प्रिया को देख के मज़ा आ रहा था. 

मे- प..री..या.. आ आ …. तू…झे..भी… चु…दवा…ना … है ? 
प्रिया- हां, पर तुम पहले चुद लो, तुम्हारे बाद मेरा नंबर. 
मे- आग…आर…उसका… लंड… दुबा…रा…टाइट…न्ही…हुआ…तो? आ… आहह 
प्रिया- हो जाएगा. मास्टर जी से एक बार मे 3/4 बार चुद्ति हू, हर बार उनका लंड चूस के टाइट करती हू, इसका भी कर दूँगी. 
मे- ठ… ईक…है ,, हां .प्या.. रे.. ज़ोर ….से ज़ोर… से 

प्यारे पहलवान तो था ही. मेरी कमर पकड़ के इतनी ज़ोर ज़ोर से धक्का लगा रहा था कि मेरा पूरा सरीर हिल रहा था. फिर अचानक उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी गंद मे घुसा दिया. और जबरदस्त तरीके से पेलने लगा.. लंड के नीचे की बॉल हर थाप के साथ मेरी चूत को टक्कर मार रही थी… करीब 15 मिनिट के बाद उसने अपना जूस मेरी गंद मे निकाल दिया. और मुझे अलग कर दिया. 

अब प्रिया का नंबर था.. उसने प्यारे के लंड को चूसना शुरू किया. वो फिर टाइट हो गया. उसने प्यारे को ज़मीन पर लिटाया और कहा कि वो प्यारे को चोदेगि. प्यारे का लंड सीधा उपर की तरफ टाइट खड़ा हुआ था. वो प्यारे के उपर आई, अपनी दोनो टाँग प्यारे के दोनो साइड मे की, थोड़ी सी चूत फैलाई और लंड पर रख दी. 

अब वो उसपर बैठने लगी.. लंड उसकी चूत मे जाने लगा. वो उसपर बैठती चली गयी.. धीरे धीरे उसने पूरा लंड अपनी चूत मे समा लिया. अब वो लंड पर गोल गोल घूमने लगी और अपनी गंद हिलाने लगी. प्यारे चुद रहा था और प्रिया चोद रही थी.. मेने अपनी चूत प्यारे क मूह पर रख दी. वो चाटने और चूसने लगा.. 15/20 मिनिट तक प्रिया की चुदाई के बाद उसका रस निकल गया.. 

आज हम दोनो बहुत खुस थी.. हमारी चुदाई हुई थी, सरीर हल्का हो गया. प्यारे और हमने अपने कपड़े पहने.. कल भी यही प्रोग्राम के लिए हमने प्यारे को कह दिया.. हम दोनो सहेलिया हवेली की तरफ खुशी खुशी चल दिए.. आज पहले दिन ही हमारा काम हो गया था.. 9 दिन और बचे थे.. हमने प्लान बनाया कि प्यारे तो है ही, अगर कोई एक और मिल जाए तो ट्राइ करेंगे. 

हवेली पहुचे. आंटी बोली कहाँ थी तुम दोनो . हमने कहा कि हम गार्डेन मे थी,, गाओं की फ्रेश एर खा रही थी,, सहर मे ये सब कहाँ? आंटी बोली ओके बेटी, जब तक यहाँ हो, तुम दोनो खूब एंजाय करो.. फिर ये मौका नही मिलेगा.. हम दोनो सहेलियो ने एक दूसरे को देखा और मुस्करा दी… हां हम खूब एंजाय करेंगे.. 
दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा 
समाप्त....
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