Hindi Sex Stories By raj sharma
07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मेरी भूख


मेरा नाम शालु है. मेरी शादी को 26 साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ. मेरे हज़्बेंड का नाम मुन्ना है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकिन अब कुच्छ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले ले कर चुड़वाती हूँ. मेरी उमर अब 43 साल है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उमर 18 साल और उनकी उमर 19 साल की थी. मेरा हज़्बेंड का लंड बहुत ही छ्होटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल 3" लंबा और 1" मोटा हो पता है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छ्होटी थी. सुहग्रात को जब उन्होने अपने छ्होटे से लंड से मुझे चोडा तो मेरी चूत से खून आ गया था. सुहग्रात के दिन उन्होने मुझे 5 बार चोडा था. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. उनके छ्होटे से लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकिन शरम के मारे कुच्छ कह नहीं पाती थी.

लगभग 1 साल तक मैं उनसे खूब चुड़वाती रही लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोद्ते समय बहुत जल्दी झाड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी 5-10 मिनिट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छ्होटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दिन मैने उनसे कहा, "मुन्ना, तुम्हारा लंड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छ्होटा है. मुझे तुम्हारे लंड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ. मैने काई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड से बहुत लंबा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड से चुड़वाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लंड को अंदर लेना चाहती हून. मेरी शादी को अब 1 साल हो गये हैं. मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुच्छ बोल नहीं पा रही थी लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दस्त नहीं कर पा रही हून. जब तुमने मुझे सुहग्रात के दिन चोडा था तब मेरी चूत एक दम टाइट थी और मुझे केवल 2-4 दीनो तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया. मैं सुहग्रात के कुच्छ दिन के बाद से ही तुम्हारे छ्होटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकिन मैं नयी नयी आई थी इसलिए कुच्छ भी नहीं बोली.

अब हमारी शादी को 1 साल हो गये हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ." उन्होने कहा, "शालु, मैं अपनी कमी जनता हून और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैने बहुत इलाज़ कराया लेकिन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूँ. तुम ही कुच्छ बताओ. मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छ्चोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मार जौंगा." मैने कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हून और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले तोड़ा बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता."
वो सोच में पद गये. कुच्छ देर बाद वो बोले, "अगर मैं एक मोटी कॅंडल ला कर तुम्हें कॅंडल से चोद डून, तो कैसा रहेगा." मैं कुच्छ देर सोचने के बाद राज़ी हो गयी. वो बाज़ार से एक कॅंडल ले आए. उन्होने मुझे वो कॅंडल दिखाई तो मैने कहा, "ठीक तो है. वो कॅंडल लगभग 8" लंबी और 1 1/4" मोटी थी. मैने कहा, "लेकिन ये तो आदमियों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुच्छ हद तक शांत हो जाएगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये कॅंडल मेरी चूत में दल कर खूब चोदो मुझे."

हम बेडरूम में आ गये. मैं बेड पर लेट गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगे. 2-3 मिनिट में ही मैं पुर जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी फिर बोली, "मुन्ना, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूखी हूँ. दल दो पूरी कॅंडल मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस कॅंडल से मुझको." वो बोले, "ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये कॅंडल दल कर चोद्ता हून और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गये. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. कॅंडल उनके लंड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग 5" तक घुस गयी. मेरे मूह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली. उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर बाहर करने लगे.

मैं सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक वो कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गये की अब मैं झड़ने वाली हून और 2 मिनिट में ही मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. मैने कहा, "मुन्ना, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा अंदर डालो ना इस कॅंडल को मेरी चूत में." उन्होने कॅंडल को तोड़ा और ज़्यादा मेरी छूट के अंदर डाला तो मुझे कुच्छ दर्द महसूस हुआ. वो कॅंडल अब तक मेरी चूत में 6" तक घुस चुकी थी. मैने कहा, "रुक जाओ मुन्ना, अब और ज़्यादा मत डालो. दर्द हो रहा है. इतना ही अंदर दल कर चोदो मुझे." उन्होने कॅंडल को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिसकारियाँ भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गये थे और मेरे मूह में ही झाड़ गये. मैने उनके लंड का सारा पानी निगल लिया. वो कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगे. 8-10 मिनिट बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी और बोली, "मुन्ना, बहुत मज़ा आ रहा है. काश तुम पहले ही ये कॅंडल ले आते और मेरी छूट में डालकर चोद्ते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती. मुन्ना, अब देर ना करो, दल दो पूरी कॅंडल मेरी छूट में और खूब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करो." उन्होने उस कॅंडल को मेरी चूत में पूरा अंदर दल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मुझे थोड़ी देर के लिए कुच्छ दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपना चूतड़ उच्छल उच्छल कर कॅंडल को पूरा अंदर लेने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अभी 10 मिनिट भी बीता था की मैं फिर से एक बार झाड़ गयी. मैं अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "मुन्ना, मुझे अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. खूब तेज़ी के साथ अंदर बाहर करो इस कॅंडल को मेरी चूत में." वो भी जोश में आ गये थे और उनका लंड दूसरी बार फिर से एक दम टन गया था. वो बोले, "शालु, मैं भी बहुत जोश में आ गया हून और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लून." मैने कहा, "मुझे इस कॅंडल से बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज़. अभी मुझे कॅंडल से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना." वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गये. उन्होने मुझे उस कॅंडल से चॉड्ना ज़ारी रखा. मैं खूब मज़े के साथ कॅंडल को अपने चूत के अंदर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

5 मिनिट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. वो मुझे 30-35 मिनिट में 4 बार झाड़ता हुआ देखकर सोच में पद गये क्यों की एक साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छ्होटा होना था. वो मेरी चूत में कॅंडल को अंदर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रहा था. मेरी चूत ने कॅंडल को एक दम जाकड़ रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने कॅंडल को मेरी चूत से बाहर निकल लिया तो मैं बोली, "मुन्ना, तुमने कॅंडल क्यों निकल ली. प्लीज़, कुच्छ देर तक और अंदर बाहर करो. मुझे एक बार और झाड़ जाने दो, प्लीज़." उन्होने कॅंडल को दोबारा में चूत में दल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झाड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर पूरी कॅंडल को अपने चूत में ले रही थी.

लगभग 20 मिनिट के बाद मैने अपना चूतड़ बहुत तेज़ी के साथ उपर उठना शुरू कर दिया तो वो समझ गये की मैं अब फिर से झड़ने वाली हून. उन्होने कॅंडल को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैने कहा, "प्लीज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम छत लो. इस बार ये बहुत मेहनत के बाद निकला है." उन्होने मेरी चूत का सारा पानी छत लिया और बोले, "शालु, अब मैं चोद लून." मैने कहा, "तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं एक साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तय्यार हूँ."

उनका लंड तो पहले से ही खड़ा था. उन्होने मेरी चूत में अपने लंड को डाला तो कॅंडल से चुड़वाने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम आराम से घुस गया. उनके लंड पर मेरी चूत की कोई पकड़ नहीं थी और मुझे कुच्छ भी पता नहीं चल रहा था. उन्होने मुझे चॉड्ना शुरू कर दिया लेकिन उनको कोई मज़ा नहीं आ रहा था. वो बोले, "कॅंडल से चुड़वाने के बाद तुम्हारी चूत तो एक दम ढीली हो गयी है. मुझे मज़ा नहीं आ रहा है." मैने बहुत जोश में थी और बोली, "मेरी गांद अभी तक एक दम टाइट है. प्लीज़, अगर तुम चाहो तो मेरी गांद मार लो. लेकिन एक शर्त है." उन्होने पूचछा, "क्या." मैने कहा, "हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हूमें एक दूसरे के दर्द का एहसास भी है. मुझे कॅंडल से चुड़वाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन असली लंड से जो मज़ा आएगा वो कॅंडल में कहाँ है. तुम मेरे लिए किसी आदमी का इंतेज़ाम कर दो जिसका लंड लंबा और मोटा हो. मैं प्रॉमिस करती हून की तुम्हारे अलावा मैं पूरी ज़िंदगी केवल उस आदमी से ही चुदवौन्गि." वो सोच में पद गये. थोड़ी देर बाद वो बोले, "ठीक है. बाद में बता दूँगा." मैने कहा, "ठीक है. तुम मेरी गांद मार लो." मैं पेट के बाल लेट गयी.

उन्होने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया और मेरी गांद के च्छेद पर रख दिया. मैने अपना चूतड़ और उपर उठा दिया जिस से उनका लंड आराम से पूरा मेरी गांद में घुस जाए. उन्होने एक धक्का मारा तो मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से एक चीख निकल गयी. उनका लंड तो बहुत छ्होटा था ही. एक ही धक्के में मेरी गांद में आधे से ज़्यादा घुस गया. उन्होने और ज़्यादा नहीं डाला और मेरी गांद में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. मेरा दर्द 2 मिनिट में ही काम हो गया और मैं शांत हो गयी. मुझे मज़ा आने लगा और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उनसे गांद मरने लगी. उनको भी मज़ा आने लगा. उन्होने फिर एक ज़ोरदार धक्का मार दिया तो उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. मेरी गांद बहुत ही टाइट थी. पूरा लंड घुसते ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी. लेकिन वो बहुत जोश में थे और रुके नहीं.

उन्होने तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गांद में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. थोड़ी हो देर बाद मेरा दर्द कुच्छ काम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैं अपनी गांद उपर उठा उठा कर उनका साथ देने लगी. आज उनके छ्होटे से लंड से मुझे गांद मरने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, "मुन्ना, तुम्हारा छ्होटा लंड तो मेरी गांद के ही लायक है. ये मेरी गांद में बहुत टाइट है. मुझे खूब मज़ा आ रहा है. जब मुझे कोई दूसरा चोदेगा तो मेरी चुत तुम्हारे लंड के लायक नहीं रह जाएगी, यह एक दम ढीली हो जाएगी. तुम मेरी गांद मार लिया करना. इस से तुम्हें भी मज़ा आएगा और मैं भी गांद मरने का मज़ा ले पौँगी." वो बोले, "ठीक है." 10 मिनिट तक मेरी गांद मरने के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. उन्होने अपना लंड जैसे ही मेरी गांद से बाहर निकाला तो मैने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. इतने प्यार से आज तक मैने उनका लंड कभी नहीं चटा था. उन्हें खूब मज़ा आने लगा. उसके बाद हम थोड़ी देर तक आराम करते रहे.

15 मिनिट बाद मैने उनके लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया. वो बहुत जोश में आ गये और बोले, "आज तुम मुझसे दोबारा चुद्वओगि क्या." मैने कहा, "हन, अभी तुमने मेरी गांद मारी है अब चूत का भी मज़ा ले लो." लगभग 10 मिनिट तक मैं उनका लंड चूस्टी रही. उनका लंड फिर से खड़ा हो कर टन गया था. उन्होने मुझे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पद रहा था लेकिन मैं वो मुझे चोद्ते रहे. चूत में लंड के ढीला होने की वजह से मुझे बहुत काम मज़ा आ रहा था. उनके लंड पर मेरी छूट की पकड़ एक दम ढीली पद गयी थी. इस वजह से वो जल्दी झाड़ नही रहे थे और मैं भी नहीं झाड़ रही थी. वो मेरी चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे. उन्होने मुझे आज लगभग 1 घंटे तक चोडा. मैं भी आज बहुत खुश थी क्यों की उन्होने मुझे पहले कभी इतनी देर तक नहीं चोडा था. वो मुझे कभी भी 10 मिनिट से ज़्यादा नहीं चोद पाते थे. वो जल्दी झाड़ जाते थे. आज ज़्यादा टाइम लगने की वजह से उनको भी बहुत मज़ा आ रहा था. लगभग 10 मिनिट और चोदने के बाद वो झाड़ गये. आज मैं भी उनकी चुदाई से बहुत मस्त हो गयी थी और 2 बार झाड़ चुकी थी. चोदने के बाद जब वो मेरे उपर से हटे तो तुरंत ही मैने उनके लंड को बड़े प्यार से चाटना शुरू कर दिया. आज हम दोनो बहुत खुश थे. थोड़ी देर बाद हम सो गये.

दूसरे दिन जब वो मुझे कॅंडल से चोदने लगे तो मैं बोली, "तुमने मेरे बारे में कुच्छ सोचा." वो बोले, "मेरा दोस्त केशरी जो की मेरी दुकान में नौकरी भी करता है, वो कैसा रहेगा. हम लोग जब छ्होटे थे तो अपनी च्छूननी लंड को एक दूसरे की च्छूननी से नपते थे. उस समय मेरे सभी दोस्तों में केशरी की च्छूननी सबसे लंबी और मोटी थी. उसकी च्छूननी सबसे ज़्यादा गोरी भी थी. अब तक उसकी च्छूननी एक लंबा और मोटा लंड बन चुकी होगी. अगर तुमको केशरी पसंद हो तो मैं उस से बात कर लून. अभी केशरी की शादी भी नहीं हुई है." मैने कहा, "केशरी तो बहुत हॅंडसम है और गोरा भी. अगर केशरी की च्छूननी उस समय सबसे लंबी और मोटी थी तो अब वो खूब लंबा और मोटा लंड बन गया होगा. सबसे अच्च्ची बात है की केशरी तुम्हारा दोस्त भी है. वो किसी से कुच्छ कहेगा भी नहीं." वो बोले, "ठीक है. मैं केशरी से बात करता हून. मेरा समान पॅक कर देना. मुझे 2 दिन के लिए बाहर जाना है."

मैने उनका समान पॅक कर दिया. दुकान बंद होने के बाद रात 8 बजे घर आए तो मैने पूचछा, "मेरे काम का क्या हुआ." वो बोले, "अभी मैने केशरी से बात नहीं की है. वापस अवँगा तो बात कर लूँगा." मैं उदास हो गयी. तुम मेरा खाना निकल दो. मैने खाना निकल दिया और वो खाना खाने लगे. खाने के बाद जब वो जाने लगे तो मैं उनको दरवाज़े पर छ्चोड़ने आई. मेरा चेहरा एक दम बुझा हुआ था और मैं एक दम उदास थी. उन्होने मेरी तरफ देखा तो बोले, "मैने केशरी से बात कर ली है. वो लगभग 9 बजे आएगा. मेरे वापस आने तक तुम केशरी से जी भर कर चुदवा लेना." मैं खुशी से फूली नहीं समा रही थी. मैने उनके होठों पर एक चुंबन जड़ दिया और कहा, "ठीक है.
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मेरी भूख -2




मैं केशरी का इंतेज़ार करने लगी. मैं खुशी से एक दम पागल हो रही थी. मैं बहुत जोश में थी और मैने अपनी सारी और ब्लाउस को उतार दिया. मैं केवल पेटिकोट और ब्रा में थी और खुशी के मारे डॅन्स करने लगी.

रात के 9 बजे कॉल बेल बजी तो मैने दरवाज़ा खोला. वो केशरी था. मैं उसे देखकर मुस्कुराई और वो भी मुस्कुराया. मैने दरवाज़ा लॉक कर दिया. केशरी मुझे अपनी बाहों में जाकड़ लिया. उसने अपने होठों को मेरे होठों पर रख दिया. मैं जोश में आने लगी. उसने मेरी पीठ पर अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और मेरे होठों को चूमने लगा. मैने भी उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया. उसने मेरे होठों को चूमने के बाद मेरे गाल और मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. मैं जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी, "ऑफ... केशरी.... ओह...... और..... चूमओ........ ." उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और उसे उतरने लगा. मैने अपने हाथ उपर कर दिए जिस से वो मेरी ब्रा को उतार सके. उसने ब्रा को उतार कर फेक दिया. अब मैं केवल पेटिकोट में उसके सामने थी. उसने मेरी एक चूची को अपने हाथ में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरी पीठ को सहलाने लगा.

उसने पयज़ामा और कुर्ता पहन रखा था. उसका लंड पयज़ामे के अंदर ही खड़ा हो कर टन गया था. मैं उसका लंड अपने चूत के पास महसूस कर रही थी. वो बहुत बड़ा लग रहा था. मैं भी उसके पीठ को सहला रही थी. उसने मेरी पीठ को सहलाने के बाद मेरी कमर को सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसने मेरे पेटिकोट ने नाडे पर अपना हाथ रखा. मैं एक दम जोश में थी. मैं समझ गयी की अब वो मेरा पेटिकोट खोलने वाला है. उसने पेटिकोट के नाडे को झटके से खीच लिया तो मेरा पेटिकोट खुल कर नीचे ज़मीन पर गिर गया. मैं अब उसके सामने एक दम नंगी हो गयी थी. उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर लगाया तो मेरे मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी, ऑफ.......... केशरी........ हाए....... ओह......... . वो मेरी चूत को सहलाने लगा. मैने उसे अपनी तरफ खीच लिया और उसके चूतड़ पर हाथ फिरने लगी. उसने एक उंगली मेरी चूत में डाल दी, उफफफ्फ़........... आअहह.......... . मेरी चूत एक गीली होने लगी. मैने उसके पयज़ामे के नडे को खोलने लगी. उसका पयज़ामा खुलने के बाद नीचे ज़मीन पर गिर गया.

उसने अंदर कुच्छ नहीं पहना था. वो नीचे से एक दम नंगा हो गया. मैने कहा, "क्या तुम नीचे कुच्छ नहीं पहनते हो." वो बोला, "पहनता हूँ. लेकिन मैं आज तुम्हारी चुदाई करने आ रहा था. इस लिए मैने केवल कुर्ता और पयज़ामा ही पहन रखा है. मैने अपना हाथ उसके लंड पर फिरना शुरू किया. उसका लंड बहुत लंबा और मोटा था लेकिन अभी मैने उसे देखा नहीं था. केवल अपने हाथों से महसूस कर रही थी. मैने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया. उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जाकड़ लिया. वो अभी भी अपनी एक उंगली को मेरी चूत में अंदर बाहर कर रहा था. मेरे बदन में सिहरन सी हो रही थी. थोड़ी देर में उसने अपनी उंगली बाहर निकल ली फिर अपनी दो उंगली मेरी चूत में दल दी. अब मुझे कुच्छ दर्द सा होने लगा. मैं सिसकारियाँ भर रही थी, अफ....... उम्म........ ऑश........... . मेरे सहलाने पर उसका लंड और ज़्यादा टाइट हो रहा था. मैं उसके बदन से एक दम चिपकना चाहती थी लेकिन उसने अभी भी कुर्ता पहना हुआ था.

मैने उसके कुर्ते को नीचे की तरफ खीचा तो वो समझ गया. उसने अपना कुर्ता भी उतार दिया. अब हम दोनो एक दम नंगे थे. मैं उस से एक दम चिपक गयी. मैने अभी तक उसका लंड नहीं देखा था. मैने उसके लंड को अपने हाथों में ज़ोर से पकड़ लिया और आयेज पीच्चे करने लगी. उसका लंड एक दम गरम था. वो मेरी चूत में अपनी दो उंगली दल कर अंदर बाहर कर रहा था. मैं बहुत जोश में आ गयी और 2 मिनिट बाद ही मेरी चूत से पानी निकल गया. वो नीचे ज़मीन पर बैठ गया और मेरी चूत के पानी को चाटने लगा. सार पानी चाटने के बाद भी वो रुका नहीं और मेरी चूत को चट्टा रहा. मैं पागल सी होने लगी. मैने उसके बलों में अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और उसके सर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ दबा दिया.

5 मिनिट बाद उसने मेरी चूत को चाटना बंद कर दिया और मुझे गोद में उठा कर बेड पर ले गया और बेड के एक किनारे बिता दिया. अब वो खड़ा होकर मेरे सामने आ गया. उसका लंड एक दम मेरे मूह के पास था. मैने अब जाकर उसके लंड को पहली बार देखा. उसका लंड एक दम गोरा था और लगभग 8" लंबा और 2 1/2" मोटा था. मैने ऐसा लंड पहले कभी नहीं देखा था. मैने बिना उसके कुच्छ कहे ही उसके लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे बलों में अपना हाथ फिरने लगा. कुच्छ देर चाटने के बाद मैने उसके लंड को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं जोश से एक दम पागल हो रही थी. उसका लंड अपनी चूत में अंदर लेने के लिए बेताब हो रही थी. वो समझ गया. उसने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगों के बीच आ गया.

उसने मेरी चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए तो मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसने मेरी टाँगों को फैलाया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया. मैं बहुत जोश में आ गयी बोली, "केशरी, अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत में और खूब चोदो मुझे." केशरी ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरी चूत में केवल 2" ही घुसा था की मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा. केशरी ने मेरी चूत में अपने लंड को घुसना शुरू कर दिया. मैं तो पहले ही कॅंडल से छुड़वा चुकी थी. इस लिए मुझे अभी ज़्यादा दर्द नहीं हो रहा था. तोड़ा दर्द इस लिए हो रहा था क्यों की केशरी का लंड कॅंडल से बहुत ज़्यादा मोटा था.

केशरी ने एक धक्का लगाया तो उसका लंड मेरी चूत में 4" तक घुसा गया. मेरे मूह से हल्की हल्की चीख निकालने लगी. उसने जब थोड़ा सा और अंदर डाला तो मेरे मूह से एक ज़ोरदार चीख निकल गयी. केशरी का लंड अब मेरी चूत में 6" तक घुस चुका था. उसने और ज़्यादा लंड घुसने की कोशिश नहीं की और मुझे छोड़ने लगा. पहले उसने धीरे धीरे धक्का लगाया. जब मेरा दर्द कुच्छ काम हुआ तो मैं जोश में आ गयी. जब मैने अपना चूतड़ उपर उठना शुरू कर दिया तो उसने तेज़ी के साथ मुझे चोदना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर तक चुड़वाने के बाद मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा. मैने अपना चूतड़ उठा उठा कर केशरी का साथ देना शुरू कर दिया. मेरे चूतड़ उठाते ही केशरी ने और तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. वो अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और धक्के पर धक्के लगते हुए मुझे चोद रहा था. बीच बीच में वो एक धक्का ज़ोर से मार देता था जिस से उसका लंड मेरी चूत में और ज़्यादा अंदर तक घुस जाता था. मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. मेरा सारा बदन उसकी चुदाई से ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था. मैं बहुत जोश में आ गयी थी और मुझे अब दर्द का कोई एहसास नहीं रह गया था.

8-10 मिनिट की चुदाई के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. मैं उसके लंड के सूपदे को अपनी बच्चेड़नी के मूह पर महसूस कर रही थी, जिस से मुझे और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उसके हर धक्के का जवाब दे रही थी. 2-3 मिनिट बाद मैं झाड़ गयी लेकिन वो रुका नहीं. मुझे चोद्ता रहा.

10 मिनिट तक चुड़वाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. केशरी मेरे उपर से हट गया तो मैने पूचछा, "अभी तो तुम्हारे लंड का पानी भी नहीं निकला है. तुम हट क्यों गये." वो बोला, "तुम्हारी चूत एक दम गीली हो गयी है. पहले इसे कपड़े से सॉफ कर डून, उसके बाद फिर चोदुन्गा." उसने बेड पर से चादर उठा ली और मेरी चूत सॉफ करने लगा. मेरी चूत को सॉफ करने के बाद उसने अपना लंड फिर से मेरी चूत में डालना शुरू किया. मेरी चूत सॉफ होने के बाद एक दम सूख गयी थी, इस लिए मुझे फिर से दर्द होने लगा. केशरी ने मेरे दर्द की कोई परवाह नहीं की और अपना लंड मेरी चूत में घुसता रहा. मैं थोड़ा सा चिल्लाई लेकिन वो रुका नहीं. पूरा लंड मेरी चूत में घुसने के बाद वो मुझे चोदने लगा. थोड़ी देर में मेरा दर्द फिर से काम हो गया तो मैं उसका साथ देने लगी. मैने अपने चूतड़ को उसके हर धक्के के साथ उठना शुरू कर दिया. मेरे चूतड़ उठाते ही उसका लंड एक दम ज़द तक मेरी चूत में घुस जाता था और मैं उसके दोनो बॉल्स को अपनी गांद पर महसूस करने लगती थी.

लगभग 20 मिनिट तक वो मुझे इसी तरह चोद्ता रहा. इस बीच मैं 2 बार और झाड़ चुकी थी. मेरी चूत फिर से गीली हो गयी थी. केशरी ने अपना लंड बाहर निकल कर मेरी चूत को फिर से सॉफ किया. फिर उसने अपने लंड के सूपदे को मेरी चूत के बीच रखा. फिर उसने अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को ज़ोर से पकड़ लिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरे मूह से एक ज़ोर की चीख निकली और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. उसने बिना देर किए मेरी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसालते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. मैं हिचकोले खाने लगी. उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. मैं एक दम ज़न्नत का मज़ा ले रही थी. जब उसका पूरा लंड मेरी चूत में जाता तो मैं उसके दोनो बॉल्स को अपनी गांद पर महसूस करती. मैं भी अपना चूतड़ उठा उठा कर उसके ताल से ताल मिलने लगी. लगभग 20 मिनिट तक वो मुझे छोड़ता रहा और फिर मेरी चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान मैं 2 बार फिर झाड़ चुकी थी. अपने लंड का पूरा पानी निकल जाने के बाद वो हटा तो मैने उसका लंड छत छत कर सॉफ कर दिया. मैं एक दम तक कर चूर हो गयी थी और बेड पर ही लेट गयी. वो भी मेरे बगल में लेट गया. मुझे आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का असली मज़ा मिला था.
30 मिनिट तक आराम करने के बाद केशरी ने फिर से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. मैं समझ गयी की वो मुझे फिर से चोदना चाहता है. मैं उसके उपर आ कर 69 की पोज़िशन में हो गयी. मैने उसके लंड को मूह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. 5 मिनिट बाद ही हम दोनो फिर से तय्यार हो गये.

इस बार केशरी ने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और खुद मेरे पीच्चे आ गया. उसने मेरी चूत को फैला कर अपना लंड बीच में फसा दिया और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया. फिर वो मुझसे बोला, "तुम तय्यार हो जाओ, जानेमन. तुमको अब फिर से दर्द होने वाला है. मैं अब बिना रुके तुम्हारी चूत में अपना पूरा लंड डाल कर तुम्हारी चुदाई करने वाला हूँ. मैने कहा, "मेरी जान, मैं तय्यार हूँ. मैने आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का मज़ा तुमसे पाया है. शादी के बाद आज तक मैं एक दम भूखी थी. आज तुमने मेरी भूख को शांत किया है. तुमने आज मेरी चुदाई करके मेरे जोश को और भी भड़का दिया है. चिल्लाने दो मुझे. तुम मेरे चिल्लाने की परवाह मत करना. दल दो अपना पूरा लंड एक झटके से ही मेरी चूत में. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे." उसने मेरी कमर को पकड़ कर एक ज़ोरदार धक्का मारा. अभी उसका केवल आधा लंड ही मेरी चूत में घुस पाया था की मेरे मूह से चीख निकल गयी. वो रुका नहीं. वो धक्के पर धक्का लगाने लगा और में चिल्लती रही. वो रुका नहीं. 8-10 धक्कों के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. उसने मुझे तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में जब मेरा दर्द कुच्छ काम हुआ तो मैं भी अपना चूतड़ आयेज पीच्चे करके उसका साथ देने लगी. वो मुझे आँधी की तरह चोद रहा था.

उसने इस बार मुझे लगभग 45 मिनिट तक बिना रुके चोडा. अभी तक मैं 3 बार झाड़ चुकी थी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. रूम में फ़च-फ़च और धाप-धाप की आवाज़ हो रही थी. केशरी का भी पानी अब निकालने ही वाला था. उसने मेरी कमर को और ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी. मैने भी अपना चूतड़ और तेज़ी के साथ आयेज पीच्चे करना शुरू कर दिया. लगभग 5 मिनिट और चोदने के बाद केशरी मेरी चूत में झाड़ गया और मैं भी एक बार फिर केशरी के साथ ही साथ झाड़ गयी. सारा पानी मेरी चूत में निकालने के बाद केशरी ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैने उसे चाटना शर कर दिया. मैने उसका लंड खूब चाता और एक दम सॉफ कर दिया.
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07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सरीना मेरे साथ ज़ियादा फ्री थी

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यह आज से 1 साल पहले की बात हे जब में Bऑओम फाइनल एअर में पढ़ता था. हमारे कॉलेज में बोहट लड़कियाँ पढ़ती थी और हमारे क्लास मे भी काफ़ी लड़कियाँ थी. लेकिन उन्न में दो 2 लड़कियाँ ऐसी थी क जिन को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और में सिर्फ़ उनकी तरफ देखता रहता था. ऐक का नाम सरीना था और दूसरी आनी.

सरीना मेरे साथ ज़ियादा फ्री थी जब क आनी इतनी न्ही थी. में हमेशा उनको छोड़ने का सोचा करता था लेकिन कभी भी मोक़ा न्ही मिल सका था. ऐक हमारी क्लासस ख़तम हुए तो हम सब स्टूडेंट्स नीचे आ गाए. कुछ देर बाद में ने देखा क सरीना और आनी ऊपेर जा रही हाइन में ने उन्न्का पीछा काइया. वो दोनो क्लास में चली गई और दरवाज़ा बंद केरलिया. में दरवाज़े क साथ लग कर खड़ा हो गया और सोचा क जेसे ही वो निकलेंगी तो में क्लास मे अंडर जाने क बहाने किसी ऐक क ब्रेस्ट्स को हाथ लगा लूँगा.
लेकिन काफ़ी देर गुज़र जाने क बाद जब हू बाहर न्ही आई तो में ने दरवाज़े से कान लगा लिया अंडर से कुछ सेक्शी वाय्सस आ रही थी लीके आआहह ओह ह्म्‍म्म्ममममम. में समझ गया क कुछ तो हो रहा हे में इधेर उधेर देखने लगा क कहीं से कोई ऐसी जगा नज़र आए जहाँ से में उनको देख सकूँ. अचानक मुझे खिड़की (विंडो) मे ऐक होल नज़र आया और मे वहाँ से उनको देखने लगा वो दोनो बिल्कुल नंगी थी उन क कपड़े साइड वाली चेर पेर रखे हुवे थे और वो लेज़्बीयन एंजाय कर रही थी सरीना वाज़ लिकिंग आनी'स पुसी. और आनी दर्द और सेक्स क मारे वाय्सस कर रही थी जब मे ने उनको ऐसा करते देखा तो मेरा डिक भी खड़ा हो गया और ऐसा लग रहा था क अभी अंडरवेर फाड़ कर बाहर आज़ाएगा. आनी चीख रही थी कम ओं सरीना फास्ट मोरे फास्ट फक मे फक मे. कोई 10 मिनिट बाद मे ने देखा क अन्य की टाइट ब्लॅक पुसी से पूरे वाइट जूस बहेर निकला जो सीधा सरीना क फेस और मौत पेर गिरा और सरीना उसे मज़े से पीने लगी और आनी से कहा क तुम भी छातो. आनी बिल्कुल मदहोश हो गई थी इश्स क बाद सरीना चेर पेर बेती & आनी से कहा क अब तुम मेरी पुसी को लीक करो आनी ने जब उसस्की लेग्स को ओपन काइया तो यह देख कर में बिल्कुल हेरान हो गया क सरीना की पुसी ओपन थी बिल्कुल लीके ब्लू प्रिंट मूवीस.

मुझे बोहट हैरत हुए आनी ने सरीना से कहा क तुम्हारी पुसी इतनी ओपन क्यूँ हे तो सरीना ने कहा क आनी जान तुम ने आज यह पहली बार काइया हे जब तुम रोज़ करोगी तो अपनी फिंगर इन आउट करोगी तो तुम्हारी भी ऐसी हो जाएगी और में तो रोज़ फक भी करवाती हूँ अगर तुम हमारे घर आओ तो मे तुम्हे भी चुड़वऊंगई अपने पड़ोसी से बोहट मज़ा आता हे और मेरी ऐक विश हे क मेरी पुसी इतनी ओपन हो जाए क में अपना पूरा हाथ इश्स मे अंडर ले सकूँ. कोई 8-10 मिनिट बाद सरीना भी रिलॅक्स हो गई और वो दोनो अपने कपड़े पहेनिने लगी क अचानक मेरे मूह से आवाज़ निकली और में भी रिलॅक्स हो गया. उन्हो ने वो आवाज़ सुननली तो आनी ने कहा क शायद कोई हमें देख रहा था तो सरीना बोल्ली कोई बात न्ही मे देखती हूँ सरीना ने दरवाज़ा थोड़ा सा खोला बिकॉज़ शी वाज़ स्टिल अनड्रेस्ड और बोल्ली कों हे? मे ने हिम्मत कर क कहा क मे सागर तो वो बोल्ली क क्यूँ आए हो? मे ने कहा क अपनी पेन भूल गया था हू लेने आया हूँ. यूयेसेस ने कहा ठीक हे अंडर आजओ मे जेसे ही अंडर गया तो देखा क वो दोनो अभी तक अनड्रेस्ड थी आनी ने ब्रा और अंडरवेर पहना था जब क सरीना बिल्कुल नंगी खड़ी थी यूयेसेस ने मुझसे कहा क मुझे पता था क तुम ज़रूर आओगे क्यूँ क में तुम्हे रोज़ क्लास मे देखती थी क तुम सिर्फ़ हमारी आस और ब्रेस्ट को देखते हो लेकिन तुम कुछ कर न्ही सकते थे मुझसे ज़ियादा तुम इश्स ब्लॅक ब्यूटी आनी मे इंट्रेस्टेड थे जब वो चलती थी तो तुम्हारी नज़र उसकी बॉडी को घूरती थी में भी तुमको देखती थी लेकिन कुछ कह न्ही सकती थी आज तुम आए हो तो तुम मेरी और में तुम्हारी पियास बुझाऊंगी यह कह कर यूयेसेस ने मुझे किस करना शुरू कार्डिया और मे भी उसे रेस्पॉन्स देने लगा आनी हम दोनो को देख रही थी वो बोहट डारी हुए लग रही थी.

मे ने उस्स्को हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और सरीना से कहा क प्ल्ज़ तुम मेरा लंड अपने मूह मे लेलो सरीना ने मेरे डिक को चूसना शुरू किया और में आनी को किस करने लगा में ने उसस्का ब्रा खोल दिया और यूयेसेस क अनटच्ड ब्लॅक मुम्मे चूसने लगा हू बेक़रार हो रही थी तो में ने कहा क तुम भी मेरा लंड चूस कर मज़ा लो तो यूयेसेस ने कहा क न्ही यह बोहट गंदा हे तो में ने उस्स्को कहा क देखो सरीना केसे मज़ा ले रही हे तुम भी लेलो लेकिन वो न्ही मानी तो सरीना और में ने ज़बरदस्ती यूयेसेस क मूह में अपना लंड डाल दिया तो उस ने धीरे धीरे चूसना शुरू काइया उससे मज़ा आने लगा और वो चूस्टी रही 15 मिनिट्स क बाद में ने उसस्का मूह अपनी क्रीम से भर दिया तो सरीना जो आनी की पुसी को लीक कर रही थी अचानक ऊपेर उठी और क्रीम यूयेसेस क मूह से अपने मूह में लेने लगी.

अब मे उन्न दोनो को छोड़ना चाहता था तो में ने सरीना से कहा क में आनी को छोड़ना चाहता हूँ पहले तो यूयेसेस ने कहा क शी इस टोटली वर्जिन बोहट मुश्किल हे यहाँ लेकिन में ने कहा क प्ल्ज़ तो यूयेसेस ने कहा ठीक हे लेकिन आनी क मूह पेर कोई कपड़ा बांधो तो में ने उसका ब्रा उस क मूह पेर बाँध दिया और अपना 7.5" इंच का डिक उसस्की पुसी पेर रख दिया और आहिस्ता आहिस्ता ढके मारने लगा उसे बोहट मज़ा आ रहा था फिर आहिस्ता आहिस्ता में ने ज़ोर लगाना शुरू कर दिया आहिस्ता आहिस्ता मेरा लंड उसकी पुसी को चीरता हुवा अंडर जा रा था और हू अपने हाथो से मेरा लंड हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन में ने यूयेसेस क हाथ पकड़ कर ऐक ज़ोरदार धक्का लगाया और अब मेरा पूरा लंड उसस्की पुसी में था हू ऐक दम ऊपेर उठी और नीचे गिर गई वो बेहोश हो गई थी उसस्की पुसी से ब्लीडिंग हो रही थी अब हम दोनो भी परेशन हो गाए क इस्सको होश में केसे लाएं वहाँ पेर पानी भी न्ही था में ने सरीना से कहा क अब काइया करें तो सरीना ने कहा क तुम मेरे मूह में पेशाब करो और में तुम्हारे पेशाब से आनी पेर स्प्रे करती हूँ में ने अपना लंड आनी की छूट से निकाल कर सरीना क मूह मे डाल दिया और पेशाब कार्डिया अभी सरीना ने थोड़ा ही स्प्रे काइया तो आनी होश मे आ गई तो सरीना ने बाक़ी पेशाब पी लिया और बोल्ली वॉववव काइया टेस्ट था तुम्हारे पेशाब मे आनी ने और फक्किंग से माना काइया और कहा क आज बोहट दर्द हो रहा हे लेकिन सरीना ने उसे समझाया क पहले दर्द होगा फिर मज़ा आएगा बड़ी मुश्किल से हू मानी तो मे ने अपना लंड फिर उसस्की पुसी मे डाल दिया और ढके मारने लगा अब उसे मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद में ने महसूस किया क आनी की छूट से क्रीम बहेर निकल रही हे तो मे ने और ज़ोर से ढके मारने शुरू कर दिए और 25 मिनिट बाद मेरी क्रीम आनी क मूह मे थी. मे भी 3 बार कम होने क बाद काफ़ी कमज़ोरी फील कर रहा था इश्स लाइ सरीना से कहा क तुम्हें कल करूँगा तो हू बोली न्ही ऐक बार आज करो मेरा लंड बिल्कुल ढीला हो गया था और यूयेसेस ने चूस कर दोबारा उस्स्को त्यार किया तो में ने सरीना को भी छोड़ा और जब उसे चोद रहा था तो आनी बोली प्ल्ज़ दोबारा मुझे करो तो मे ने उस्स्को भी दूसरी चेर पेर बिता कर उसकी लेग्स ऊपेर केरली अब थोड़ी देर आनी को थोड़ी देर सरीना को चोद रहा था और को 35 मिनिट्स क बाद मे ने अपने क्रीम सरीना की पुसी मे ही निकाल दी.
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07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
राज और अनु


( अनु के लिए )
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका राज शर्मा एक ओर नयी कहानी लेकर हाजिर हूँ .
ये कहानी मेरी एक दोस्त अनु बंसल जो की मेरी ख्याली दुनियाँ की पत्नी है
मेरा नाम राज है. मेरी उमर 28 साल की है. मेरी शादी अभी नोव. 2008 में ही अनु के साथ हुई है. अनु की उमर 20 साल की है, दिखने में वो बहुत ही
खूबसूरत और सेक्सी लगती है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ लेकिन अनु तो मुझसे
भी ज़्यादा सेक्सी है. वो मुझसे हमेशा तरह तरह के स्टाइल में एक दम मस्त
हो कर चुड़वाती है. मैं शादी के पहले भी हमेशा नयी नयी लड़कियों के तलाश में
रहता था और बड़े आराम से उनको अपने जाल में फसा लेता था. फिर उन्हें अपने
घर बुला कर उनकी बुरी तरह से चुदाई करता था. ये सिलसिला अनु के आने के
बाद 1 मंत तक बंद रहा लेकिन फिर शुरू हो गया. अब मैं अनु के सामने ही उन
लड़कियों की चुदाई करने लगा.

दिसंबर के महीने में इस बात को लेकर अनु का मुझसे खूब झगड़ा हुआ. अनु ने कहा,
तुम हेमशा नयी नयी लड़कियों को फसा कर घर लाते हो और मेरे सामने ही उनकी
चुदाई करते हो. अगर ऐसा ही करना था तो मुझसे शादी क्यों की. अगर मैं भी तुम्हारी
तरह रोज रोज नये आदमियों से चुड़वाने लेगून तो तुम्हें कैसा लगेगा. मैने कहा, अगर
तुम्हारा मान भी रोज रोज नये लंड से छुड़वाने का करता है तो मुझे कोई एतराज़ नहीं है.
तुम मेरे सामने ही जिस से चाहो चुदवा सकती हो. मैं तुम्हें बिल्कुल भी माना नहीं करूँगा.
वो बोली, फिर ठीक है, अब मैं भी रोज रोज नये आदमियों को फसा कर उनसे तुम्हारे
सामने ही खूब चुड़वाऊंगी.
उसके बाद अनु रोज ही इस तरह के कपड़े पहन कर बाज़ार जाने लगी की लगता था की
अभी अभी उसकी शादी हुई है. वो आसानी से नये नये आदमियों को फसा कर लाने लगी
और मेरे सामने ही उनसे चुड़वाने लगी. एक दिन अनु एक आदमी को फसा कर लाई और
जब अनु ने उसका लंड देखा तो घबडा गयी और उस आदमी से बोली, तुम वापस चले जाओ,
मैं तुम्हारे इस मोटे और लंबे लंड से चुड़वा कर अपनी चूत को नहीं पदवौनगी. मैने कहा,
अब क्या हुआ. एक मोटा लंड मिल गया तो घबडा गयी. वो बोली, इसका लंड देख रहे हो.
इसका लंड तो लगभग 9" लंबा और बहुत ही ज़्यादा मोटा है. इसका लंड मेरी चूत को फाड़ कर रख देगा.
उस दिन मैने अनु को उस आदमी से जबदस्ती चुड़वा दिया. वो बहुत ही ज़्यादा चीखी और चिल्लाई.
उस आदमी से छुड़वाने के बाद अनु की चूत काई जगह से एक दम काट गयी. मैने उस आदमी
से फिर दूसरे दिन आने को कहा तो अनु माना करने लगी. मैने उस आदमी से कहा, इसे कहने दो.
तुम 4-5 दिन तक लगातार आ कर इसकी खूब चुदाई करो जिस से इसकी चूत का मूह एक दम
चौड़ा हो जाए. उसके बाद ये फिर किसी लंबे और मोटे लंड को देख कर नहीं घबदाएगी. वो बोला,
ठीक है. मैं कल सुबह 10 बजे ही आ जौंगा और पुर दिन इसकी जाम कर चुदाई करूँगा.

वो दूसरे दिन सुबह के 10 बजे आ गया. अनु बहुत चीखी चिल्लाई लेकिन उसने सारा दिन
जाम कर अनु की चुदाई की. शाम के 6 बजे तक उसने अनु को 6 बार बुरी तरह से छोड़ा.
वो लगातार 7 दीनो तक आता रहा और पुर दिन अनु की जाम कर चुदाई किया करता था.
वो एक दिन में कम से कम 5 बार नेहा की चुदाई करता था. नेहा की चूत का मूह भी 2 दिन
बाद एक दम खुल चुका था और उसे अब उसके लंड से चुड़वाने में कोई तकलीफ़ नहीं होती थी.
वो एक दम मस्त होकर उस आदमी से चुड़वति थी.
12 dec. 2008 को अनु के एक रिश्तेदार के घर शादी में हमें जाना पड़ा. उनके रिश्तेदार
का घर बहुत डोर एक आदिवासी इलाक़े के एक गाओं में था. वहाँ केवल एक बस जाती थी
जो दिन के 10 बजे जाती थी और शाम के 6 बजे वहाँ पहुचती थी. उसके बाद वो बस रात
के 8 बजे वहाँ से चल कर सुबह के 4 बजे वापस आती थी. हम दोनो उस बस से वहाँ गये.
शादी में शामिल होने के बाद हम दोनो वापस आने के लिए रात के 8 बजे उस बस में बैठ गये.
बस चल पड़ी. बस में हम दोनो के अलावा केवल 4 आदमी और थे. रात के 1 बजे वो बस एक
स्टॉप पर रुकी तो वो चारो आदमी वहाँ पर उतार गये. अब बस में केवल कोंडुक्तेर और ड्राइवर
के अलावा हम दोनो ही रह गये. ड्राइवर और कोंडुटेर दोनो ही आदिवासी लग रहे थे.
वो दोनो एक दम हटते काटते थे और उनका बदन किसी पहलवा से कम नहीं था.
मेरे मान में ख़याल आया की अगर इन दोनो ने अनु को ज़बरदस्ती चोदना शुरू कर
दिया तो मैं इन दोनो को बिल्कुल भी रोक नहीं सकता.

रात के 2 बजे उन दोनो ने एक सुनसान जगह पर बस रोक दी और कहा, थोड़ी देर आराम
करने के बाद हम यहाँ से चलेंगे. ड्राइवर ने बस के अंदर की एक लाइट जला दी और अपनी
सीट से उतार कर कनडक्टर के पास आ कर बैठ गया. थोड़ी देर बाद वो दोनो नेहा
को च्छेदने लगे. मैने उन्हें माना किया तो अनु बोली, तुम चुप रहो. इस समय बस में
हम दोनो अकेले हैं. थोड़ी देर बाद उन दोनो ने अपने नेकार को छोदकर बाकी के सारे
कपड़े उतार दिए. नेकार के उपर से ही अनुने उन दोनो का लंड महसूस कर लिया और
मुझसे धीरे से कहा, अगर ये दोनो मुझे छोड़ने की कोशिश करेंगे तो तुम इनको रोकना मत.
मुझे इन दोनो का लंड बहुत ही लंबा और मोटा लग रहा है. इन दोनो का लंड देखकर मेरी
चूत में खुजली होने लगी है. इन दोनो से छुड़वाने में मुझे मज़ा आ जाएगा. मैने कहा, ठीक है.
थोड़ी देर बाद ड्राइवर अनु के पीच्चे वाली सीट पर आ कर बैठ गया और उसने अनु के बूब्स
को मसलना शुरू कर दिया. अनु ने दिखाने के लिए उसे माना किया लेकिन वो नहीं माना और
बोला, तुम बहुत ही मस्त लग रही हो. आज हम दोनो इसी बस में तुम्हारी चुदाई करेंगे.
अनु ने कहा, तुम दोनो मुझे अकेला पा कर मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे हो. मैं तुम्हारी
शिकायत पोलीस से करूँगी. वो बोला, क्या कहोगी की हम दोनो ने तुम्हारी चुदाई की है.
तुम तो पोलीस वालों को जानती हो, वो पहले तुम्हारी चुदाई करेंगे उसके बाद तुम्हारी
रिपोर्ट लिखेंगे. अनु कुच्छ नहीं बोली. थोड़ी देर बाद ड्राइवर ने अपना नेकार उतार दिया.
उसे देखकर कनडक्टर ने भी अपना नेकार उतार कर अनु के आगे वाली सीट पर आ कर बैठ गया.
उन दोनो का लंड एक दम कला था. थोड़ी देर तक वो दोनो अपने लंड को सहलाते रहे
तो उन दोनो का लंड एक दम खड़ा हो गया. उनका लंड देखते ही अनु के मूह में पानी आ गया
और वो मान ही मान खुश हो गयी. ड्राइवर का लंड लगभग 9" लंबा और खूब मोटा था.
लेकिन कनडक्टर का लंड तो ड्राइवर के लंड से भी ज़्यादा लंबा और मोटा था. उसका
लंड लगभग 10" लंबा था. उसके बाद वो दोनो अनु को पकड़ कर ड्राइवर के पीच्चे वाली
सीट पर ले गये जिस पर की ड्राइवर सोता था. वो सीट ज़्यादा चौड़ी और लंबी थी. उन
दोनो ने अनु की सलवार और कमीज़ उतार दी तो अनु ब्रा और पनटी में ही रह गयी.
उन दोनो ने अनु से अपना लंड सहलाने को कहा तो अनु उन दोनो का लंड सहलाने लगी.
वो दोनो अनु के सारे बदन को सहलाने और चूमने लगे.
थोड़ी ही देर में अनु एक दम मस्त हो गयी और सिसकारियाँ भरने लगी. ड्राइवर ने अनु को
अपना लंड दिखाते हुए कहा, हम दोनो का लंड देख लो, आज हम दोनो इसी लंड से तुम्हारी
चुदाई कर के तुम्हारी चूत को फाड़ कर रख देंगे. हम दोनो तुम्हारी ऐसी चुदाई करेंगे की तुम
पूरी ज़िंदगी याद रखोगिऽनु तो उन दोनो का लंड देख कर एक दम मस्त हो चुकी थी. वो बोली
, तुम दोनो को अपने लंड पर बहुत नाज़ है. मैने इस से भी ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत
बार चुडवाया है. अभी पता चल जाएगा तुम दोनो को. ड्राइवर ने जोश में आ कर अनु की ब्रा
और पनटी फाड़ दी और उसे लिटा दिया.

उसने अनु की टाँगों को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत पर रख दिया. जैसे ही उसने
एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका लंड बड़े आराम से नेहा की चूत में 6" तक घुस गया
लेकिन नेहा के मूह से कोई आवाज़ नहीं निकली. उसने गुस्से में आ कर इस बार पुर ताक़त
के साथ बहुत ही जोरदार धक्का लगाया तो उसका पूरा का पूरा लंड सनसानता हुआ अनु की
चूत में समा गया. अनु के मूह से ज़रा सी भी आवाज़ नहीं निकली. ड्राइवर अनु को देखता ही
रहा गया. अनु ने कहा, क्या हुआ. तुझे तो अपने लंड पर बहुत घमंड था ना. अब देखना है की
तू कितनी देर तक मेरी चुदाई कर पता है. ड्राइवर बहुत ही गुस्से में था. उसने बहुत ही बुरी तरह
से अनु की चुदाई शुरू कर दिऽनु को भी मज़ा आने लगा और वो आहह.... ऊहह..... और..... तेज.
.... और.... ज़ोर.... से..... करते हुए पूरी मस्ती के साथ चुड़वाने लगी. दिरवेर बहुत ज़्यादा जोश
में था और वो 5 मीं ही झाड़ गया तो अनु बोली, बस हो गया. बहुत घमंड था ना तुझे अपने लंड पर.
साला 5 मीं भी ठीक से नहीं चोद पाया. हिज़ड़ कहीं का. ड्राइवर का सिर शरम से झुक गया.
ड्राइवर के हट जाने के बाद अनु ने कनडक्टर से कहा, चल तू भी आ जा. ज़रा मैं भी तो देखूं की
तेरे लंड में कितनी ताक़त है और तू कितनी देर तक मेरी चुदाई कर पता है. चल जल्दी कर,
आ जा, घुसेड दे अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में. चॉड मुझे अपने पुर ताक़त के साथ.
कनडक्टर अपना सिर झुकाए हुए अनु की टाँगों के बीच आ गया. उसने भी अपना लंड एक
झटके से anu की चूत में घुसा दिया. अनु की चूत ड्राइवर के लंड के जूस से पहले ही एक दम
गीली हो चुकी थी. इस लिए एक ही धक्के में कनडक्टर का पूरा का पूरा लंड सनसानता हुआ
अनु की चूत में घुस गया.

अनु 9" के लंड से छुड़वाने की एक दम आदि हो चुकी थी लेकिन कनडक्टर का लंड 10" लंबा था.
जैसे ही कोंडुक्तेर का 10" लंबा लंड नेहा की चूत में पूरा घुसा तो अनु के मूह केवल हल्की सी
सिसकारी बेर निकली. कनडक्टर ने बहुत ही तेज़ी के साथ अनु की चुदाई शुरू कर दी.

अनु पहले से ही बहुत ज़्यादा जोश में थी. कनडक्टर जब उसे बहुत ही तेज़ी के साथ छोड़ने लगा
तो 5 मीं में ही वो झाड़ गयी. अनु के झड़ने के 2 मीं बाद ही कनडक्टर भी झाड़ गया. अनु ने कहा,
साला तू भी हिज़ड़ है. 5 मीं में ही झाड़ गया. चला था मेरी चूत फाड़ने. और चोद सेयेल, मया का
दूध नहीं पिया है क्या. हरामी कहीं का. कनडक्टर का सिर भी शरम से झुक गया.
थोड़ी देर बाद जब ड्राइवर का लंड फिर से खड़ा हो गया तो वो अनु को फिर से छोड़ने लगा. इस बार
अनु को ज़्यादा मज़ा आ रहा था और वो एक दम मस्त हो कर ड्राइवर से चुड़वा रही थी. ड्राइवर ने
भी इस बार पुर जोश और ताक़त के साथ लगभग 30 मीं तक अनु की जाम कर चुदाई की और फिर
अनु की चूत में ही झाड़ गया. उसने अनु से पूचछा इस बार मज़ा आया तो अनु ने कहा, हन इस बार
थोड़ा मज़ा आया. लेकिन जब अगली बार तू मुझे फिर से चोदेगा तब ज़्यादा मज़ा आएगा. ड्राइवर अनु
को देखता ही रह गया.

उसके बाद कनडक्टर ने अनु को छोड़ना शुरू कर दिया. उसने इस बार बहुत ही बुरी तरह से anu की चुदाई की. अनुने भी इस बार ऊओ.... आहह.... और... तेज... और... तेज.... करते हुए कोंडुक्तेर
से पूरी मस्ती के साथ चुडवाया. कनडक्टर ने भी पुर जोश और दम खाँ से इस बार 35 मीं तक
अनु की चूद्याई की.
उसके बाद ड्राइवर ने अनु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और इस बार पुर जोश और ताक़त के
साथ अनु को 45 मीं तक छोड़ा. जब वो झाड़ गया तो उसने अनु से पुचछा, इस बार की चुदाई
कैसी रही. अनु ने कहा, इस बार मुझे ज़्यादा मज़ा आया. सुबह होने वाली थी. कनडक्टर ने ड्राइवर
से कहा, यार बहुत देर हो चुकी है. तुम बस को आगे बाधाओ मैं इस की चुदाई करता हूँ. ड्राइवर ने
अपने कपड़े पहने और बस लेकर चल पड़ा. कनडक्टर ने पुर जोश के साथ अनु को छोड़ना शुरू
कर दिया. इस बार उसने अनु को लगभग 1 घंटे तक छोड़ा. अनु उन दोनो से 3-3 बार चुड़वा कर
पूरी तरह मस्त हो चुकी थी. अनु की चुदाई में बस भी लाते हो चुकी थी. हम सुबह के 8 बजे वापस पहुचे.
उसके बाद हम दोनो अपने घर जाने लगे तो अनु ने कनडक्टर को अपने पास बुलाया और उसे घर
का पता बताते हुए कहा, मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आया है. तुम मेरे घर आना, मैं तुम से
चुड़वा कर पूरा मज़ा लूँगी और तुम्हें भी को खूब मज़ा आएगा. कनडक्टर ने एक टॅक्सी बुला
कर हम दोनो को बिताया और उसको मेरे घर तक का किराया भी दे दिया. फिर वो दोनो मुस्कुराते
हुए हूमें बाइ बाइ करने लगे.
उसके बाद कोंडुक्तेर मौका पाते ही मेरे घर आ जाता था और अनु की खूब जाम कर चुदाई करता था.
अनु भी उस से पूरी तरह मस्त हो कर चुड़वति थी. अनु को कनडक्टर का लंड बहुत ज़्यादा पसंद
आ गया था. वो अब किसी दूसरे मर्द की तलाश में कहीं नहीं जाती थी. कभी कभी जब मैं किसी
औरत को फसा कर घर ले आता और वो अनु के सामने छुड़वाने में ज़्यादा नाटक करती तो मैं
कनडक्टर को बुला लेता था. कोंडुक्तेर को मैं एक रूम में च्छूपा देता था. उसके बाद जब मैं उस
औरत को छोड़ने लगता तो उसी समय कोंडुक्तेर वहाँ पर आ जाता और उस औरत का एक फोटो
ले लेता था. फिर उस औरत को ब्लॅकमेल करने का दर दिखा कर कोंडुक्तेर उस औरत की जाम
कर चुदाई करता. कोंडुक्तेर के 10" लंबे और खूब मोटे लंड से चुड़वा कर उन सब के चूत का बुरा
हाल हो जाता था. उनकी चूत एक दम काट फॅट जाती थी. वो ठीक से चल भी नहीं पति थी. कोंडुक्तेर
भी उन सब की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करता था.

एक दिन जब अनु कनडक्टर से चुड़वा रही थी तो उसने मुझसे कहा, तुम भी अपना लंड मेरी
गांद में दाल दो और मेरी गांद की जाम कर चुदाई करो. मैं डबल मज़ा लेना चाहती हूँ. मैं जब
अनु की गांद में अपना लंड घुसने लगा तो वो बहुत चिल्लाई लेकिन मैं अपना पूरा का पूरा लंड
उसकी गांद में घुसा कर ही दम लिया. उसके बाद नीचे से उसे कनडक्टर छोड़ने लगा और उपर
से मैं उसकी गांद की चुदाई करने लगा. उस दिन अनु को बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया. अब वो
हम दोनो से एक साथ ही चूत और गांद का मज़ा लेने लगी.
एक दिन दोपहर में मैं घर पर नहीं था तो उसी समय कोंडुक्तेर आ गया. उसके आने के थोड़ी देर
बाद मैं घर आ गया तो अंदर से अनु के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. मैने धीरे से दरवाज़ा खोला
और अंदर आ गया. मैं एक पर्दे के पिच्चे खड़ा हो कर देखने लगा. मैने देखा की अनु के हाथ
पैर बँधे हुए थे और कनडक्टर अनु की गांद के च्छेद पर तेल (आयिल) लगा रहा था. कोंडुक्तेर
अनु की गांद मरने की तय्यरी कर रहा था और अनु चिल्ला रही थी. वो कनडक्टर की मिन्नटें
कर रही थी की मेरी गांद मत मरो. तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है, मेरी गांद फॅट जाएगी,
रहम करो मुझ पर. मैं भी मज़ा लेना चाहता था इस लिए मैं कुच्छ नहीं बोला.

कनडक्टर ने अनु की गांद के च्छेद पर तेल लगाया और उसके बाद वो अपने लंड पर तेल लगाने लगा.
अनु उसे माना करती रही लेकिन वो बिल्कुल ही मान नहीं रहा था. तेल लगाने के बाद उसने अपना
लंड अनु की गांद के च्छेद पर रख दिया. उसके बाद वो अनु की चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से
मसालने लगा. अनु को दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी. जैसे ही अनु ज़ोर से चिल्लाई तो
कनडक्टर ने एक धक्का लगा दिया. अनु और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. इस धक्के के साथ
केवल कनडक्टर के लंड का सूपड़ा ही अनु की गांद में घुस पाया था. कनडक्टर ने अपना लंड धीरे
धीरे गोल गोल घूमना शुरू कर दिया.
अनु थोड़ी देर तक चिल्लती रही. जैसे ही वो थोड़ा शांत हुई तो कोंडुक्तेर ने इस बार पुर ताक़त के
साथ बहुत ही ज़ोर का धक्का लगा दिया. अनु तड़पने लगी और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.
वो उसे हटाना चाहती थी लेकिन कनडक्टर ने अनु को इस तरह बाँध रखा था की वो बिल्कुल
भी हिल डुल नहीं पा रही थी. इस धक्के के साथ ही कोंडुक्तेर का लंड अनु की गांद में 2" तक
घुस गया. अनु बहुत ज़ोर से चीखी. कोंडुक्तेर ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और अनु
चीखती रही रही. कुच्छ देर में जब अनु की चीखें कम हो गयी तो उसने फिर से बहुत ही जोरदार
धक्का लगा दिया. अनु चीखते हुए तड़पने लगी. कोंडुक्तेर का लंड अब अनु की गांद में 3" तक
घुस चुका था और अनु की गांद से थोड़ा खून निकल आया था. मैं मान ही मान बहुत खुश हो
रहा था की आज अनु को तरह तरह के आदमियों से छुड़वाने की सज़ा मिल रही थी.

अनु चिल्लती रही और कोंडुक्तेर ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. थोड़ी देर बाद अनु
जैसे ही शांत हुई तो इस बार कनडक्टर ने फिर से पुर ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर का
धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही अनु बहुत ज़ोर से चीखी और कोंडुक्तेर का लंड
अनु की गांद को चीरता हुआ 5" तक घुस गया. लेकिन कनडक्टर ने इस बार अनु को
शांत होने का कोई मौका नहीं दिया और बहुत ही जोरदार 2 धक्के और लगा दिए. अब
उसका लंड अनु की गांद में 8" तक घुस चुका था. अनु बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी.
उसका सारा बदन पसीने से लत-पाठ हो चुका था. कनडक्टर ने बहुत ही तेज़ी के साथ
अनु की गांद मारनी शुरू कर दी.
लगभग 10 मीं बाद अनु शांत हो गयी और उसे मज़ा आने लगा. वो नहीं जानती थी की
अभी कोंडुटेर का पूरा लंड उसकी गांद में नहीं घुसा है. जब अनु शांत हो गयी तो कनडक्टर
ने फिर से बहुत जोरदार 2 धक्के और लगा दिए. अनु फिर से चीखने लगी. अब अनु की
गांद में कनडक्टर का पूरा लंड घुस चुका था. कोंडुक्तेर ने बहुत ही तेज़ी के साथ नेहा की
गांद मारनी शुरू कर दी. अनु चीखती रही और वो अनु की चुचियों को बहुत ही ज़ोर ज़ोर
से मसालते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी गांद मार रहा था.
लगभग 10 मीं बाद अनु एक दम शांत हो गयी. कोंडुक्तेर ने अपनी स्पीड और तेज कर दी
और बहुत ही बुरी तरह से अनु की गांद मरने लगा. अब अनु को मज़ा आ रहा था. उसने
कोंडुक्तेर से कहा, अब तो मेरे हाथ पैर खोल दो. कोंडुक्तेर ने कहा, हन, अब खोल देता हूँ.
उसने अपना लंड अनु की गांद से बाहर निकाला और उसके हाथ पैर खोल दिए. उसने बाद
उसने अनु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसकी चूत में अपना लंड दल कर उसकी
चुदाई करने लगा. नेहा एक दम मस्त हो कर छुड़वाने लगी.

5 मीं की चुदाई के बाद ही जब अनु झाड़ गयी तो कोंडुक्तेर ने अपना लंड उसकी चूत से
निकल कर एक झटके से नेहा की गांद में दल दिया. अनु फिर से चीखी लेकिन 8-10 धक्कों
के बाद ही शांत हो गयी. कोंडुक्तेर बहुत ही तेज़ी के साथ अनु की गाने मरने लगा. अनु भी
एक दम मस्त हो चुकी थी और अपना छूतड़ आगे पिच्चे करते हुए कोंडुक्तेर से गांद मरवा रही थी.
लगभग 20 मीं तक अनु की गांद मरने के बाद कोंडुक्तेर अनु की गांद में ही झाड़ गया
तो मैने ताली बजानी शुरू कर दी. कोंडुक्तेर और अनु ने चौक कर मुझे देखा. अनु ने
मुझसे पूचछा, तुम कब आए. मैने कहा, जब कोंडुक्तेर तुम्हारे गांद के च्छेद पर तेल
लगा रहा था. वो बोली, मैं इतना चीख और चिल्ला रही थी लेकिन तुमने इसे माना
नहीं किया. मैने कहा, मैं देखना चाहता था की इसका 10" लंबा और मोटा लंड तुम
अपनी गांद के अंदर कसिए लेती हो. वो बोली, तुम बहुत ही कसाई हो. मैं इतनी ज़ोर
ज़ोर से चीख रही थी लेकिन तुमने मेरे उपर कोई रहम नहीं किया और ना ही मुझे इस
से बचाया. अब तो तुमने देख ही लिया की कैसे मैने इसका 10" का लंबा और मोटा
लंड अपनी गांद के अंदर ले लिया. अब तो तुम बहुत खुश हो गये होगे. मैने कहा,
हन अब मैं बहुत खुश हूँ. अब तुम किसी का भी लंड अपनी गांद और चूत के अंदर
ले सकती हो. अब तुम्हें कोई तकलीफ़ नहीं होगी.
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07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--1

रेखा और लेखा दोनों बहने थी. रेखा की उम्र १८ साल और लेखा १९ साल की थी.
दोनों दिखने में बहुत सुन्दर थी. वो अपने माँ रुकमनी और बापू कल्याण जो
एक किसान था इस गाँव में सालो से रहते है. उनका बलदेव सिंह से अच्छी
बनती थी जो अपनी माँ और बेटा विक्रम के साथ उनके पड़ोस में ही रहता था.
बलदेव एक छोटा व्यापारी था इसलिए उससे ज्यादातर घर से दूर रहना पड़ता था
और उसकी माँ की भी काफी उम्र हो चुकी थी. जब विक्रम १० साल का था बलदेव
सिंह की पत्नी का देहांत हो गया. तब से कल्याण के परिवार वाले विक्रम का
बहुत ख्याल रखते थे. इसलिए रेखा, लेखा और विक्रम बचपन से एक दुसरे को
जानते है. अब विक्रम १९ साल का चूका है और काफी बड़ा हो गया है. गाँव
काफी पिछड़ा हुआ था इसलिए वहां बिजली तो थी ही नहीं और पानी के लिए एक
कुवा था जिसमे में से गाँव के सरे लोग पानी भरते थे. घरो में टोइलेट और
बाथरूम नहीं होता था. लोग खेतो में या पहाड़ी के पीछे जाकर अपने आपको
हल्का करते. नहाने के लिए वो घास फूस का छोटा सा बाथरूम होता था. अब
रेखा, लेखा और विक्रम जवानी की देहलीज़ पर कदम रख रहे थे. लेकिन उनकी
दोस्ती में अभी भी कोई बदलाव नहीं था. रेखा जो बड़ी थी वो थोड़ी होशियार
थी. अब वो धीरे धीरे सेक्स, औरत और मर्दों के बीच के सम्बन्ध उनके सेक्स
अंगो के बारे में जानने लगी थी. उसकी कुछ सहेलियां जो उससे उम्र में
बड़ी थी और जिनकी शादी हो चुकी थी वो रेखा को चूत , लंड , सम्भोग और
बच्चे पैदा करना इस सबके बारे में जानकारी दिया करती थी. रेखा ये सब
बातें लेखा को बता देती थी. रेखा ने देखा उसके बूब्स भी बड़े हो रहे थे
और उसकी चूत पर भी बाल उगे हुए थे. एक दिन उसने लेखा को कहा?लेखा तुम
अपनी फ्रोक्क उतारो?. लेखा ने पूछा ?क्यों दीदी?. रेखा ने कहा?मुझे तेरे
बूब्स और चूत देखनी है. मेरे बूब्स बड़े हो रहे है और चूत पर बाल भी
है, क्या तेरी चूत पर बाल है.? लेखा ने अपनी फ्रोक्क उतार दी. गाँव की
औरते और लडकियां पंटी नहीं पहनती, कभी एक अंगिया पहन लेते है अन्दर.
लेखा ने तो वो भी नहीं पहना था. रेखा उसकी नजदीक आ गयी और उसके छोटे छोटे
बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और हलके से दबाने लगी. लेखा बोली?दीदी
गुदगुदी हो रही है?. रेखा ने कहा?तेरे बूब्स तो मेरे बूब्स से थोड़े छोटे
है?. फिर रेखा ने देखा लेखा की चूत पर हलके और कोमल बाल उगे हुए थे.
वो उस पर हाथ फेरकर बोली?तेरे चूत पर भी बाल है. मतलब अब तुम भी औरत बन
रही हो?. फिर दोनों हसने लगे. अब विक्रम को भी इन सब बातो में दिलचस्पी
होने लगी थी. उसको कुछ ऐसे दोस्त मिल गए थे जो उससे सेक्स के बारे में
बताते थे. वो सब शहर जाकर आते और ब्लू फिल्म देखने के बाद सब किस्सा
विक्रम को बताते थे. विक्रम को उन्होंने एक किताब भी दिया था जिसमे नंगी
लडकियों और औरतो के फोटो होता था. ये सब देखखर विक्रम गरमा जाता. उसके
दोस्तों ने उसे मुठ मारना भी बताया. रेखा ने १०थ स्टड. पास किया और फिर
उसने पढाई छोड़ दी. लेखा १०थ फ़ैल हो गयी थी इसलिय उसने भी पढाई छोड़ दी.
विक्रम भी १०थ की पढ़ाई कर रहा था. विक्रम का मन पढाई में कम और सेक्स की
बातो में ज्यादा लगा रहता था. अब वो फोटो के बजाये हकीकत में किसी लड़की
या औरत तो नंगा देखने चाहता था. वो हमेशा इस्सी फिराक में रहता की कब
उसको ऐसा मौका मिले. एक दिन वो रेखा और लेखा से मिलने आया. विक्रम ने
रेखा को आवाज़ लगाईं . इतने में लेखा ने जवाब दिया?में नहा रही हु. माँ
और बाबूजी दुसरे गाँव में कुछ काम से गए है और दीदी अपनी किसी सहेली के
घर गयी है?. विक्रम को लगा यही मौका है लेखा के नंगे बदन को देखने का और
वो जहा लेखा नहा रही थी वही एक पेड़ के पीछे छुप गया. घास फूस का बना हुआ
बाथरूम था इसलिए यहाँ वहां से खुला हुआ था. विक्रम एक खुली जगह से ताकने
लगा. उसने देखा लेखा के बदन पर एक भी कपडे नहीं था . उसके बूब्स छोटे और
गोल थे. उसका पेट एकदम समतल था और निचे उसकी चूत पर हलके, हलके बाल उगे
थे. उसकी गांड भी छोटी और गोल थी.. लेखा अपने हाथो से अपनी चूत साफ़ कर
रही थी. बिच में वो अपने निप्प्लेस को भी मसल कर साफ कर रही थी. ये सब
देखकर विक्रम का लंड उसके पजामे के अन्दर खड़ा हो गया और लंड के आगे
से थोडा पानी निकला जिससे उसका पाजामा गीला हो गया. वो वही खड़े खड़े मुठ
मारने लगा. बहुत देर के बाद उसका लंड शांत हुआ. लेखा नहा कर बाहर
निकली. विक्रम पेड़ के पीछे से बाहर आया. इस वक़्त लेखा ने घाघरा और
चोली पहना था. विक्रम उसके पास आ गया. लेखा ने पूछा?क्या हुआ विक्रम?.
विक्रम ने कहा?ऐसी ही तुम दोनों से मिलने आया था?. लेखा ने कहा?अच्छा
किया. में भी अकेली थी?. विक्रम ने कहा?चलो कुछ खेलते है?. लेखा ने
कहा?क्या खेले?. विक्रम ने कहा?अन्दर कमरे में चलो. में तुम्हे आज एक नया
खेल सिखाता हु?. लेखा ने कहा?ठीक है?. दोनों अन्दर चले गए और विक्रम ने
दरवाज़ा बंद कर दिया. विक्रम ने कहा? मैन कुछ करतब दिखाउंगा . तुम्हे
वैसे ही करना होगा. अगर तुमने वैसे ही किया तो तुम जीत गयी. फिर तुम जो
बोलोगी वो मैं करूँगा?. लेखा ने कहा?क्या करना होगा मुझे?. विक्रम ने
कहा?पहले में जो करता हु वो देखो फिर वैसे ही करो?. विक्रम हाथ पैर
हिलाकर कुछ करतब दिखाता . लेखा वैसी ही करती थी. फिर विक्रम सर नीचे और
पेर ऊपर करके दिवार के सहारे खड़ा हो गया. काफी देर तक वैसी ही खड़ा रहा.
विक्रम ने लेखा से कहा?अब तुम इस तरह कड़ी हो जाओ?. लेखा ने कहा?में ये
नहीं कर पाउंगी ?. विक्रम ने कहा?इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. मैन
तुम्हरी मदद करूँगा.? और विक्रम की बात सुनकर वो सर नीचे करके पेर ऊपर
उठाने लगी तभी विक्रम ने उसकी दोनों टांग पकड़कर ऊपर कर लिया. ऐसे करने
में लेखा का घाघरा नीचे की और उसके मुह पर गिरा और लेखा का मुह ढक गया.
विक्रम को लेखा की जांघे और चूत दिखाई दे गए . लेखा चिल्ला रही थी और
कहा? मुझे कुछ दिख नहीं रहा है. में गिर जाउंगी . विक्रम मुझे सीधा कर
दो?. विक्रम लेखा के दोनों पेर पकड़कर खड़ा था. विक्रम ने कहा? कुछ नहीं
होगा? और उसके पेरो को दिवार के सहारे खड़ा किया. विक्रम ने कहा?तुम हिलना
मत और अपना हाथ उसके कोरी जांघो पर फेरने लगा. फिर उसने उसकी टाँगे
थोड़ी फैला दी और अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के छेद में डाल दी. अचानक
लेखा की टाँगे दिवार से थोड़ी दूर हो गयी और एक तरफ वो कमर के बल गिर पड़ी.
लेखा रोने लगी. विक्रम ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया. विक्रम ने
पूछा ?तुम्हे कही चोट तो नहीं लगी?. लेखा ने कहा?नहीं. पर कमर में थोडा
दर्द हो रहा है?. विक्रम ने पूछा ?तुमने अपने टाँगे क्यों दिवार से
हटाई?. लेखा ने कहा?वो तुमने मेरी चूत में ऊँगली डाली और मुझे गुदगुदी
हो रही थी?. विक्रम ने कहा?टीक है. में तुम्हारी कमर पर तेल से मालिश कर
देता हु?. विक्रम तेल लेकर आया और उसने लेखा के घाघरे को ऊपर किया. फिर
वो उसकी कमर में तेल की मालिश करने लगा. धीरे धीरे वो उसकी गांड और
जांघो का भी मालिश कर रहा था. विक्रम ने उसकी चूत में फिर से ऊँगली
डाली और हिलाने लगा. उसकी चूत पर भी तेल लगाया. लेखा अब हस रही थी और
कहने लगी?विक्रम मुझे वहां गुदगुदी होती है?. विक्रम ने पूछा ?तुम्हे ये
अच्छा लगता है?. लेखा ने कहा?हा बड़ा मज़ा आ रहा है?. विक्रम ने कहा?तुम
बस ऐसी ही लेटी रहो?. विक्रम ने उसकी चूत के बालो पर हाथ फेरा और उसकी
जांघो को चाटने और चूमने लगा. उसकी चूत के छेद को फैलाकर उसमे जीब
डालकर घुमाने लगा. लेखा मस्त हुए जा रही थी. वो कहने लगी?विक्रम बहुत
मज़ा आ रहा है? और आहे भर रही थी. विक्रम ने पीछे से उसके चोली का हूक
खोल दिया और चोली को अलग कर दिया. लेखा अब ऊपर से नंगी हो गयी और उसके
गोल बूब्स विक्रम के सामने थे. विक्रम दोनों हाथो से उसके दोनों बूब्स
को दबाने लगा. और बीच में निप्प्लेस तो उंगलियों के बीच में रखकर मसलता
था. लेखा विक्रम के बालो में हाथ फेर रही थी और उसके मुह को अपने बूब्स
पर दबा रही थी. इतने में उन्हें रेखा की आवाज़ सुनाई दी. वो लेखा को बुला
रही थी. तब ही विक्रम खड़ा हो गया और जल्दी से लेखा तो चोली पहना कर
उसको हूक लगा के दिए . लेखा ने दरवाज़ा खोला और रेखा ने देखा विक्रम अन्दर
बैठा हुआ था. रेखा ने पूछा ?विक्रम तुम कब आये? विक्रम ने कहा?अभी थोड़ी
देर पहले और हम दोनों बेठे बेठे बात कर रहे थे?.

रेखा नहाने चली गयी तब विक्रम ने लेखा से कहा ?मैन जा रहा हु?. लेखा ने
कहा?हम फिर कब ऐसे..? विक्रम ने कहा?हम फिर कभी फुरसत में मिलेंगे तब ये
खेल खेलेंगे?. लेखा मुस्कुरा दी. एक दिन सुबह विक्रम सुबह जल्दी उठ गया.
वो ऐसी ही सैर करने के लिए खेत की और चल पड़ा. उसने देखा एक औरत और लड़की
हाथ में लोटा लिए पहाड़ी की तरफ जा रहे थे. उसने पता चल गया की ये संडास
करने जा रहे है और वो उनके पीछे पीछे चल पड़ा. वो पहाड़ के पीछे की तरफ
जा रहे थे. विक्रम उनके पीछे पीछे जा रहा था. औरत वहां जाकर रुक गयी और
इधर उधर देखने लगी. विक्रम झाड़ियो के पीछे छुप गया. वो औरत झाड़ियो के
कुछ फसलो पर खड़ी थी और उसके साथ उसकी लड़की भी थी. विक्रम ने देखा उस औरत
ने अपना घाघरा कमर तक उपेर कर लिया. और अपने दोनों टाँगे घुटनो से मोड़कर
गांड फैलाकर बैठ गयी. विक्रम को उसकी बड़ी और घने बालो वालो काली चूत साफ
दिखाई दे रहा थी . उसने देखा वो औरत पेशाब कर रही थी और उसकी चूत से
पेशाब की धरा निकल पड़ी. उसकी गांड में से कुछ निकल रहा था. विक्रम समझ
गया वो संडास निकल रही है. उसने देखा लड़की ने अपना सलवार खोला और गांड
विक्रम की तरफ घुमाकर बैठ गयी. उसने देखा लड़की की गांड का छेद खुल रहा
था और उसमे से संडास की लम्बी लड़ी निकली. ये सब देखकर विक्रम का लंड खड़ा
हो गया और वो वही मुठ मारने लगा. थोड़ी देर बाद वो औरत अपनी गांड में
पानी डालकर हाथ से उसको साफ कर रही थी. उसने अपनी चूत को भी साफ़ किया.
लड़की भी गांड धोकर खड़ी हो गयी. वो दोनों वह से चल डी . विक्रम भी वहां
चला गया.
दोस्तों कहानी अभी बाकी है पढ़ते रहिये रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--२
आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........................
Reply
07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--2

गतांक से आगे .........
एक दिन रेखा से मिलने उसकी सहेली गौरी आई थी. लेखा उस वक़्त बाहर गयी
हुई यही. गौरी की शादी हो चुकी थी और अपने ससुराल और पति के बारे में बता
रही थी. उसने अपने सुहाग रात के किस्से बताये. ये सुनकर रेखा की चूत
गीली होने लगी. उसका चेहरा भी कुछ लाल पड़ गया. गौरी ने पूछा ?क्यों रेखा
ये सब सुनकर तेरी चूत गीली हो गयी न? रेखा चौक गयी और पूछा ?तुझे कैसे
पता चला?. गौरी ने कहा?तेरा चेहरा औरहाव भाव देखर पता चल गया.? रेखा ने
कहा?क्या करू गौरी मुझे भी शादी करने कीइच्छा है लेकिन शादी से पहले में
कुछ मज़ा लूटना चाहती हु?. गौरी ने कहा?मैंने भी यही किया था. अपने गाँव
में कल्लू है न. उसके साथ मैंने कई बार चुदाई की थी. कल्लू की शादी हो
गयी तब उसने मुझे छोड़ दिया इसलिए मैंने भी शादी कर ली. मेरे पति और
ससुराल वालो को इस बारे में कुछ नहीं पता?. गौरी ने पूछा ?तुझे कोई पसंद
है?. रेखा ने कहा?हा.. मुझे वो विक्रम पसंद है?. गौरी ने कहा ?अच्छी बात
है. उससे शादी कर ले?. रेखा ने कहा?लेकिन उसकी पढाई अभी बाकि है?. गौरी
ने कहा?ठीक है, पढाई के बाद शादी की बात करना. लेकिन अभी तू अपनी चूत को
शांत करवा सकती है?. रेखा हस पड़ी. एक दिन शाम को लेखा कुवे से पानी भरने
जा रही थी. विक्रम ने उसे देख लिया और उसको बुलाया. लेखा दौड़ कर विक्रम
के पास गयी. विक्रम ने कहा?चलो हम खेत के पीछे चलते है. उस दिन की तरह हम
वह खूब मज़ा करेंगे?. लेखा ने कहा?लेकिन पानी भरकर ले जाना है? विक्रम ने
कहा?घबराओ मत. कह देना विक्रम के साथ थी इसलिए थोड़ी देर हो गयी.? दोनों
खेत की तरफ चल पड़े. खेत की छोड़ पर एक पेड के नीचे दोनों बैठ गए. लेखा
ने अपना घड़ा एक तरफ रख दिया. चारो और बड़ी घास होने के कारन किसी की नज़र
उन पर नहीं पड़ सकती थी और वहां लोगो का आना जाना कम था. लेखा ने
कहा?विक्रम में तुमसे बहुत प्यार करती हु?. विक्रम ने कहा?में भी? और
लेखा को अपने गले से लगा दिया. विक्रम लेखा के गाल , सर, गर्दन और होंठो
को चूमने लगा. लेखा भी उसको चूम रही थी. फिर विक्रम ने लेखा की चोली को
खोलकर अलग कर दिया और उसका घाघरा भी उतर दिया. अब लेखा पूरी तरह नंगी
होकर विक्रम की गोद में लेटी हुई थी. विक्रम ने भी अपना कुरता और
पाजामा उतार दिया. लेखा ने पहली बार किसी लड़के का लंड देखा था. विक्रम
का लंड काफी बड़ा था. विक्रम ने अपने लंड को लेखा के हाथ में थमा दिया.
लेखा बड़े प्यार से लेकर सहलाने लगी. विक्रम के बदन पर एक सिरहन दौड़
गयी. विक्रम ने कहा?तुम इसे अपने मुह में लेके चूसो. लेखा ने कहा?में ये
नहीं कर सकती?. विक्रम ने कहा?तुम एक बार करो. बाद में तुम इसे बार बार
चूसना चाहोगी?. लेखा ने विक्रम का लंड मुह में भर लिया और धीरे धीरे
चूसने लगी. विक्रम की आंखे बंद हो रही थी. उससे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब
लेखा भी उसके लंड को चूसने में लीन हो गयी थी. अचानक ही विक्रम झड गया
और अपने लंड का पानी लेखा के मुह में ही छोड़ दिया. लेखा को झटका लगा.
उसने लंड को अपने मुह से निकाल दिया. अभी भी लंड से लार टपक रही थी.
लेखा ने लंड को पकड़कर उसे चाटने लगी. विक्रम लेखा के बूब्स को दबाने
लगा. लेखा ने कहा?विक्रम मेरी चूत गीली हो रही है लगता है मेरी चूत से
भी अपनी पानी निकलेगा . विक्रम लेखा के दोनों टाँगे फैला दी और उसकी
चूत में अपनी ऊँगली डाल दी. उसने देखा उसकी ऊँगली गीली हो चुकी थी. वो
ऊँगली निकाल कर चाटने लगा. ये देखकर लेखा और गर्माने लगी और उसकी चूत
से फुवार्रा छुट पड़ा. विक्रम अपनी जीब से उसके रस को चाटने लगा. फिर
उसने कुछ रस लेकर अपने लंड पर लगा दिया और लंड को लेखा की चूत के
द्वार पर रख कर हल्का सा धक्का दिया. लंड आसानी से लेखा की चूत के
अन्दर घुस गया. लेखा चिल्ला उठी?ईईइ मा..में मर गयी..आः?ऊई. मेरी चूत फट
गयी?. विक्रम पूरे जोश में अपने लंड को लेखा की चूत के अन्दर बाहर कर
रहा था. लेखा अब चिल्लाने के बजाये सिस्कारिया भर रही थी.उसने अपनी टाँगे
और फैला दी. विक्रम साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था. लेखा कह रही
थी?विक्रम और जोर से..वह?अआः.. और जोर से..बहुत मज़ा आ रहा
है..आह..सी..आह. इतने में लेखा एक बार और झड गयी और विक्रम ने भी अपना
पानी लेखा की चूत में उड़ेल दिया. अब अँधेरा हो रहा था. दोनों ने फिर
अपने कपडे पहन लिए . विक्रम ने लेखा को एक गोली दी और बोला?इसे खा लेना
तो तुम्हारे बच्चा नहीं होगा. वर्ना तुम माँ बन जाओगी ?. लेखा ये सुनकर
डर गयी. लेखा अपना घड़ा लेकर कुवे की और चल पड़ी और पानी भरकर घर गयी. उसके
माँ ने देर होने की वजह पूछी तो लेखा ने कहा?में विक्रम से मिली थी और
बात करते करते देर हो गयी?.जब से गौरी की बात सुनी थी तब से रेखा भी
बेचैन सी रहने लगी थी. उसे अपनी चूत की अंगार को शांत करना था. एक दिन
सुबह रेखा संडास करने के लिए निकल पड़ी. विक्रम ने रेखा को देख लिया और
उसका पीछा किया. वो रेखा के ठीक पीछे पीछे जा रहा था. रेखा को थोडा सा
शक हुआ की कोई उसके पीछे है. वो पहाड़ के पीछे जाकर झाड़ियो में अपने
घाघराको ऊपर करके संडास करने के लिए बैठ गयी. विक्रम एक पेड़ के पीछे
से ये सब देख रहा था. लेकिन उसे कुछ साफ साफ दिखाई नहीं दे रहा था. रेखा
की चूत की झलक उसे दिखाई दी और ये देखकर ही मुठ मारने लगा. रेखा को
पेड़ के पीछे झाड़ियो में कुछ आहट सुनाई दी. उसे लगा की कोई उसे देख
रहा है. वो जल्दी से अपनी गांड साफ करके घास में से छुपकर वहां से निकल
गयी. विक्रम मुठ मारने में मशगुल था. उसने देखा तो रेखा वहां से जा
चुकी थी. वो जैसे ही अपना पाजामा ऊपर कर रहा था पीछे से किसीने उसके
कंधे पर हाथ रख दिया. उसने मुड़कर देखा तो रेखा थी. विक्रम एकदम चौंक गया.
रेखा ने पूछा ?तो आप मेरा पीछा कर रहे थे?. अगर गांड देखने का इतना ही
शौक है तो चलो मैं दिखाती हु. रेखा ने अपना घाघरा उतार के ज़मीन पर डाल
दिया. अब वो निचे से बिलकुल नंगी थी. रेखा ने कहा?चलो जो करना है करलो ?.
विक्रम ने आगे बढकर उसकी गांड के पास जाकर बैठ गया और दोनों चुत्डो पर
हाथ फेरकर दबाने लगा. बाद में उसकी गांड को फैलाकर उसके छेद में नाक
डालकर सूघने लगा. विक्रम ने कहा?रेखा तुम्हारी गांड से बड़ी मादक खुसबू आ
रही है?. रेखा ने अभी अभी संडास किया था इसलिए उसकी गांड से गंद आ रही
थी. विक्रम ने थोड़ी देर अपनी नाक उसकी गांड के छेद में डालकर रगडी और
फिर जीब निकाल कर चाटने लगा. रेखा ने कहा?बहुत अच्छा लग रहा है
विक्रम.? विक्रम उसकी गांड के छेद में जीब डालकर घुमा रहा था और अपनी
हाथ आगे ले जाकर रेखा की चूत के छेद में ऊँगली डालकर हिला रहा था. रेखा
आहे भरने लगी?ऊओह?आः?सीह?आः?.थोड़ी देर में रेखा की चूत से रस बहने लगा
और विक्रम का पूरा हाथ गीला कर दिया. विक्रम रस से भरे हाथ को चाटने
लगा. ये देखकर रेखा और भी गरमा गयी और चोली के ऊपर से अपने बूब्स को दबा
रही थी. रेखा ने कहा?विक्रम में तुमसे प्यार करती हु. तुम मेरी चूत की
प्यास कब भुजाओगे ?. विक्रम ने कहा?वक़्त आने दो. मैं तुम्हारी चूत की
प्यास भुजाऊंगा?. इतने में कुछ लोगो की बातें करने की आवाज़ आने लगी.
विक्रम जल्दी से खड़ा हो गया और रेखा ने घाघरा जल्दी से लेकर पहन लिया.
दोनों वहां से चल पड़े. रास्ते में रेखा ने कहा मैं कल शाम को नदी पर
नहाने जाउंगी . तुम वह आ जाना?. विक्रम खुश हो गया. उसे दोनों बहनों को
चोदने को मिल रहा था. और दोनों उससे प्यार भी करती थी. दुसरे दिन शाम
होते ही विक्रम नदी के पास जाकर बैठ गया. लेकिन काफी देर के बाद भी रेखा
नहीं आई. सूरज ढल रहा था. कुछ देर बाद उसे कोई आता हुआ दिखाई दिया. वो
रेखा थी. विक्रम ने पूछा ?तुमने आने में देर क्यों कर दी?. रेखा ने
कहा?मैंने सोचा थोडा अँधेरा हो जायेगा तो कोई हमे देख नहीं सकता.? विक्रम
बहुत खुश हो गया. फिर रेखा ने अपनी चोली और घघरा उतार दिया और पूरी तरह
नंगी हो गयी. विक्रम ने अपना कुरता और पाजामा उतार दिया. दोनों फिर एक
दुसरे से लिपट गए और पानी में उतर गए . रेखा के बूब्स विक्रम की छाती से
दब रहे थे. विक्रम का लंड खड़ा हो गया था और वो रेखा की जांघो के बीच
घुस रहा था. दोनों पानी डालकर एक दुसरे को साबुन से रगड़कर साफ़ करने लगे.
विक्रम रेखा के बूब्स और पेट को हलके हलके हाथ से रगड़ रहा था. रेखा
विक्रम की छाती पर हाथ घूमा रही थी. बीच में दोनों एक दुसरे को चूमा
चाटी भी करते थे. विक्रम ने रेखा की चूत को अपनी हथेली में भर लिया और
उसकी चूत के होंठो को दबाने लगा. रेखा चिल्ला उठी. रेखा ने कहा?तुम तो
बड़े बेरहम हो. ज़रा धीरे से?. विक्रम ने कहा?ऐसा मौका बार बार नहीं
मिलता?. रेखा ने कहा?मैं तो हमेशा तैयार हु. तुम जब चाहे मुझे चोद सकते
हो?. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डाल
दी. रेखा साबुन लगाकर विक्रम के लंड की सफाई कर रही थी. लंड अभी भी
तना हुआ था. रेखा ने कहा?तुम्हारा लंड तो काफी बड़ा है?. विक्रम ने
कहा?तुम्हारी कोरी चूत देखकर ये और बड़ा हो गया?. रेखा ने झुककर उसके
लंड को अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी. काफी देर तक चूसती रही तब
विक्रम उसके मुह में झड गया . रेखा ने उसके लंड का सारा पानी पी
लिया. फिर विक्रम ने रेखा की गांड के ऊपर और छेद में साबुन लगाया. अपने
लंड पर भी साबुन लगाकर और लंड को रेखा की गांड के छेद के पास रखकर एक
धक्का दिया. लंड पूरा रेखा की गांड में घुस गया. रेखा चिल्ला उठी. उसने
कहा?निकालो अपना लंड . मुझे दर्द हो रहा है?. विक्रम ने कहा?थोड़ी देर
में दर्द कम हो जायेगा?. विक्रम अपना लंड उसकी गांड के अन्दर बाहर करने
लगा और अब रेखा को बहुत मज़ा आ रहा था. १५ मिनट तक रेखा की गांड की खूब
चुदाई करने के बाद विक्रम झड गया दोनों ने एक दुसरे की अच्छी तरह सफाई
की. नहाकर कपडे पहन लिए और घर की और चल पड़े. घर पहुचने पर माँ ने पूछा
?रेखा इतनी देर क्यों लगा दी?. रेखा ने कहा?एक सहेली भी साथ में थी नदी
पर. उसके साथ बात करते करते वक़्त निकल गया और पता भी नहीं चला?. अब
विक्रम ने १० स्टड. की एक्साम दी. उसे पास होने की कोई उम्मीद नहीं थी.
पर जब रिजल्ट आया तो उसने देखा वो पास हो गया. उसने लेखा और रेखा को ये
खबर सुनाई. दोनों बहुत खुश हो गए. बलदेव सिंह भी बेटे की कामयाबी पर खुश
हो गया. अब विक्रम शहर जाकर कुछ नौकरी करना चाहता था. बलदेव सिंह ने
कहा?जैसी तुम्हारी मर्ज़ी?. एक दिन रुकमनी और कल्याण को अपने किसी
रिश्तेदार की लड़की की शादी के लिए शहर जाना था. वो रेखा और लेखा को भी
ले जाना चाहते थे. रेखा ने साफ़ मना कर दिया. उसने सोचा अगर माँ, बापू और
लेखा चले जाये तो वो विक्रम के साथ अकेले कुछ वक़्त बिता सकेगी . रेखा के
मना करने पर कल्याण ने कहा?लेखा तुम भी दीदी के साथ यही रुक जाओ. हम
दोनों जाकर आते है?. रेखा ने बहुत समझाया की वो लेखा को भी साथ में ले
जाये. उसने कहा?डरने की कोई बात नहीं है बापू और फिर पड़ोस में विक्रम और
उसकी दादी भी तो है?. लेकिन उसकी माँ के जिद करने पर उसको मान जाना पड़ा
और लेखा को रेखा के साथ रहने की लिए कहा गया. जाने से पहले कल्याण ने
जाकर विक्रम और उसकी दादी को कहा?हम दो दिन के लिए शहर जा रहे है. तुम
ज़रा रेखा और लेखा का ख्याल रखना?. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और कहा?हम
अच्छी तरह उनका ख्याल रखेंगे?. दुसरे दिन दोपहर को कल्याण और रुकमनी शहर
के लिए निकल पड़े. शाम को विक्रम लेखा और रेखा के पास आया. दोनों बहने
उसको देखर खुश हो गयी. लेखा ने कहा?विक्रम तुम रात को यही रुक जाओ न??
विक्रम ने कहा?कोई बात नहीं. मैं यही रुक जाता हु?. फिर रात को तीनो ने
साथ में खाना खाया. विक्रम कल्याण के कमरे में सोने चला गया. लेखा और
रेखा अपने कमरे में सोने की तयारी करने लगी.

करीब एक घंटे तक सन्नाटा था पूरे घर में. विक्रम अभी सोया नहीं था. वो
खयालो में खोया हुआ था की अचानक उसकी कमरे का दरवाज़ा खुला और उसने देखा
रेखा कमरे में दाखिल हो रही थी. विक्रम उठकर खटिये पर बैठ गया. रेखा
उसके पास आकर उससे लिपट गयी. विक्रम भी उसे लिपट गया और दोनों एक दुसरे
को चूमने लगे. रेखा ने कहा?मैं तो लेखा के सोने का इंतज़ार कर रही थी.
मेरी चूत में खुजली हो रही थी और जब तुम बापू के कमरे हो तो मेरीचूत और
बेचैन हो उठी. मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए?. विक्रम ने कहा?मैं भी
सोच रहा था की तुम कब आओगी?. दोनों खटिये पर लेट गए. विक्रम ने सिर्फ
पजामा पहना हुआ था. रेखा विक्रम की छाती के ऊपर हाथ घूमा रही थी. वो
विक्रम के गाल, गर्दन, छाती और पेट पर चूमने लगी. विक्रम उसकी पीठ पर
हाथ घुमा रहा था. रेखा ने उसके पजामे का नाडा खोल दिया और नीचे की तरफ
खीच लिया. विक्रम ने अन्दर कुछ न पहना था. उसका ६ इंच का लंड एकदम तन
कर खड़ा था जो अब सांप के तरह फन उठाये खड़ा था.

रेखा उसके लंड के नजदीक जाकर उसे अपने हाथ में भर लिया और दबाने लगी.
उसने लंड के उपरी कवच को निचे की तरफ किया जिससे लंड का अन्दर का लाल
रंग का हिस्सा दिखने लगा. रेखा ने उसे अपने मुह में भर लिया और धीरे
धीरे चूसने लगी. विक्रम मस्त हुए जा रहा था. बिच बिच में रेखा उसके लंड
के नीचे की गोलियों को चाट रही थी. विक्रम अब कराह ने लगा था. अब
उससे और नहीं रुका जा रहा था उसने वही झाड दिया और रेखा ने उसके लंड
से निकले रस को पूरी तरह चाट लिया. विक्रम ढीला हो कर खटिया पे लेटा था.
दोस्तों कहानी अभी बाकी है पढ़ते रहिये रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--3
आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........................
Reply
07-19-2017, 10:47 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--3

रेखा ने अपनी कमीज़ और सलवार उतार दी और वो विक्रम के ऊपर आ गयी. उसकी चूत पर एक सफ़ेद रंग का कपडा बंधा हुआ था. विक्रम ने पूछा ?ये क्या बांध रखा है तुमने ? रेखा ने कहा?मेरा मासिक चल रहा है इसलिए मैंने ये कपडा बाँधा है जिससे मेरी सलवार ख़राब न हो?. फिर वो अपनी चूत विक्रम के मुह के पास लेकर आई. उसकी चूत में से रस बह निकला था जिसकी गंध विक्रम की नाक में घुस गयी. विक्रम ने पहले वो कपडा निकाल दिया जो पूरी तरह गिला
हो चूका था. रेखा की चूत के बालो पर भी उसका चूत रस लगा हुआ था.
विक्रम ने उसकी चूत के होंठो को फैला दिया और अपनी नाक उसकी चूत के छेद में डालकर रगड़ने लगा. रेखा अपनी चूत को धक्का मार रही थी विक्रम के मुह पर. विक्रम ने जीब निकाल कर उसकी चूत के बालो को चाटा. उसने चूत के होंठो को चूमा और फिर अपनी जीब अन्दर छेद में डालकर चूसने लगा.
विक्रम अपने हाथो को रेखा की गांड की तरफ ले गया और गांड के छेद में
ऊँगली डाल कर रगड़ने लगा. रेखा खुद ही अपने बूब्स को मसल रही थी. उसकी
आँखे बंद थी और आहे भर रही थी. विक्रम के लगातार चाटने से रेखा की चूत
से और रस निकलने लगा. विक्रम ने उस रस की पी लिया. अब विक्रम उठ गया और
रेखा को खटिये पर लिटा दिया. उसने लंड पर कंडोम पहन लिया. विक्रम रेखा
के ऊपर बैठ गया और पहले उसके बूब्स को मसलने लगा. उसके निप्प्लेस को
चूसा. रेखा कुछ बडबड़ाये जा रही थी.
ऊओह?हम्मम्मम्म..आह्ह्ह..सीई,?ह्म्म्मम्म..अआः. ये सुनकर विक्रम का लंड
फिर तन कर खड़ा हो गया. उसने अपने लंड को रेखा की चूत के द्वार पर रख
दिया और धीरे धीरे अन्दर की और घुसाने लगा. विक्रम ने पहले लेखा को चोदा
था जिससे उसे इसका तजुर्बा हो गया था. लेकिन रेखा की चूत अभी कोरी थी.
विक्रम ने कोशिश जारी राखी और एक झटका देकर उसने अपने लंड को रेखा की
चूत में डाल दिया. रेखा चिल्ला उठी..ईइ माँ .. मैं मर गयी?ओह्ह्ह्ह?
विक्रम..अपना लंड निकालो?आः..बहुत दर्द हो रहा है?.आह. विक्रम मस्त होकर
अपने लंड को रेखा की चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद रेखा
शांत हो गयी..अब वो अपनी टाँगे और फैला दी जिससे विक्रम को और सुविधा हो
उसे चोदने में. रेखा कह रही थी?बहुत मज़ा आ रहा है विक्रम. चोदो
मुझे..खूब चोदो .. फाड़ दो मेरी चूत को.. सीह..आः?ह्म्म्मम्म..अआः. साथ
में विक्रम उसकी बूब्स की हाथ से चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर में उसके लंड
ने पानी छोड़ दिया लेकिन कंडोम पहना हुआ होने के कारन उसका पानी रेखा की
चूत में नहीं उतरा. रेखा की आवाज़ सुनकर लेखा उठ गयी. उसने आवाज़ की
दिशा में कान लगाए तो पता चला की आवाज़ विक्रम जहा सो रहा था उस कमरे से
आ रही थी. उसने कमरे की छोटी खिड़की से देखा तो एकदम चौक गयी. उसकी दीदी
और विक्रम चुदाई कर रहे थे. उससे ये सेहन नहीं हुआ और वो दरवाजे को
धक्का देकर अन्दर घुस गयी. अचानक लेखा के अन्दर आने से विक्रम और रेखा
अवाक रह गए. दोनों नंगे हालत में थे. लेखा ने कहा?तो ये बात है दीदी.
मुझे सुलाकर खुद मस्त होकर चुदाई कर रही हो. रेखा खड़ी होगई और उसने
कहा?हां मैं चुदाई कर रही हूँ . तो तुझे क्यों तकलीफ हो रही है?. लेखा
ने कहा?मुझे तकलीफ है, विक्रम सिर्फ मेरे साथ ही चुदाई करेगा?. रेखा ने
कहा?आरी जा.. मैं विक्रम से प्यार करती हु. हम दोनों पहले भी एक बार
चुदाई कर चुके है?. लेखा ने कहा?देखो दीदी. पहले विक्रम ने मुझे चोदा
था. जब मैं एक बार कुवे से पानी भरने गयी थी. तब हम दोनों ने एक दुसरे
से प्यार का इज़हार किया था. रेखा ने कहा?प्यार का इज़हार तो विक्रम ने
मुझसे भी किया था.? क्यों विक्रम? रेखा ने विक्रम से पूछा . विक्रम ने
कहा?तुम दोनों लड़ाई मत करो. देखो में तुम दोनों से प्यार करता हु. और
तुम दोनों को खुश रखूँगा?. लेखा ने कहा?नहीं. मैं तुम्हे किसी और के साथ
नहीं बाँट सकती?. मुझे भी अच्छा नहीं लगता तुम किसी और के साथ चुदाई
करो, चाहे वो फिर मेरी बहिन ही क्यों न हो, रेखा ने कहा. विक्रम अब
परेशान हो गया. अभी भी रेखा और विक्रम नंगे हालत में ही खड़े थे. लेखा की
नज़र बीच बीच में विक्रम के लंड के ऊपर पड़ रही थी. विक्रम ने भी ये
देख लिया. विक्रम ने कहा?देखो रात काफी हो चुकी है. दो दिन के लिए मैं
तुम दोनों की चुदाई करूँगा. पर भगवन के लिए लड़ाई मत करो?. लेखा ने
कहा?ठीक है? रेखा भी मान गयी. लेखा ने कहा?अब मेरी बारी है. तुम ने इतनी
देर दीदी को खुश किया अब मुझे चोदो ?. विक्रम ने कहा?ठीक है?. लेखा ने
अपनी घाघरा चोली उतार दी और खटिये पर लेट गयी. लेखा ने कहा?तुम अपना लंड
मुझे चूसने दो?. विक्रम ने अपना लंड लेखा के मुह में रख दिया और वो
मज़े से चूसने लगी. विक्रम लेखा के दोनों बूब्स को मसलने लगा. ये सब
देखकर रेखा की हालत खराब होने लगी. वो वही खड़े खड़े अपनी चूत में ऊँगली
डालकर चुदाई कर रही थी. थोड़ी देर में विक्रम के लंड ने लेखा के मुह में
पानी छोड़ दिया. विक्रम ने लेखा को पेट के बल लिटा दिया और उसकी गांड को
फैलाकर अन्दर जीब डालकर चाटने लगा. रेखा से रहा नहीं गया और वो पास आकर
विक्रम के लंड को सहलाने लगी और जीब से चाट रही थी. विक्रम का लंड
तानकर खड़ा हो गया और उसने लंड को लेखा की गांड के द्वार पर रख कर एक
धक्के में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी?ऊईई मा..में मर गयी..
आह?विक्रम रगड़ रगड़ कर लेखा की गांड मारने लगा. अब लेखा को भी मज़ा आने
लगा. थोड़ी देर के बाद दोनों थक गए और विक्रम लेखा के बगल में लेट गया.
रेखा उसके पास आकर उसे चूमने लगी. विक्रम भी उसे चूमने लगा. फिर दोनों
बहने उसके दोनों तरफ लेटी थी और विक्रम उनके बिच में था. तीनो सो गए.
सुबह हुई और विक्रम की आंखू खुल गयी. उसने देखा रेखा और लेखा अभी सो रहे
थे. उसने दोनों की चूत को सहलाया फिर दोनों को बारी बारी से चूमा.
दोनों के बूब्स को सहलाया और बारी बारी से दोनों के होंठो को चूमा.
इतने में दोनों बहने उठ गयी. दोनों ने विक्रम को गले लगाया और चूमने
लगी. तीनो ने स्नान किया और कपडे पहन लिए . रेखा ने कुछ नास्ता बनाया और
तीनो ने नास्ता किया. लेखा ने कहा?विक्रम तुम मुझसे शादी करोगे?. रेखा ने
कहा?नहीं, विक्रम मुझसे शादी करेगा?. दोनों फिर लड़ाई पर उतर आई . विक्रम
दोनों को शांत करते हुए बोला?मैं अभी शादी नहीं कर सकता. मैं शहर जाकर
नौकरी करूँगा और जब मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब मैं शादी करूँगा.
रेखा ने कहा?मुझे मंजूर है लेकिन शादी तुम मुझसे ही करना. लेखा बोल
पड़ी?नहीं मुझसे?. विक्रम ने कहा?मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब तो मैं
तुम दोनों से शादी कर लूँगा. लेकिन तब तक तुम दोनों को इंतज़ार करना
पड़ेगा?. दोनों बहने ये सुनकर उदास हो गयी. विक्रम ने पूछा ?क्या तुम
दोनों मेरा इंतज़ार कर सकते हो? दोनों ने हा में गर्दन हिला दी. दोपहर को
तीनो ने मिलकर चुदाई की. रात को फिर तीनो साथ में लेटे ही थे. तीनो ने
कुछ नहीं पहना था. विक्रम लेखा और रेखा के बीच में लेटा हुआ था. रेखा
उसकी गर्दन और गालो को चूम रही थी और छाती पर हाथ घूमा रही थी. लेखा
विक्रम के लंड को हिला रही थी. विक्रम को बहुत मज़ा आ रहा था. विक्रम का
लंड तन कर खड़ा हो गया. विक्रम दोनों की चूत में ऊँगली डालकर हिला रहा
था. थोड़ी देर तीनो ऐसे ही लेटे रहे. फिर विक्रम उठकर बैठ गया. रेखा ने
पूछा ?क्या हुआ? विक्रम ने कहा?मैं आज तुम दोनों को चोदने जा रहा है?.
लेखा ने कहा?अच्छी बात है. बाद में तुम बताना किसे चोदने में ज्यादा
मज़ा आया ?. रेखा ने कहा ?इसमें बताने वाली क्या बात है. मुझे चोदने
में ही विक्रम को ज्यादा मज़ा आने वाला है. ये तो उसको पहले ही पता है?.
विक्रम ने कहा?कोई बात नहीं. मैं आज तुम दोनों को चोदने के बाद फैसला
करूँगा?. लेखा ने कहा?ठीक है?. विक्रम रेखा की चूत को चाटने लगा और लेखा
की चूत में ऊँगली डालकर चोद रहा था. फिर दोनों के बूब्स को मसलने लगा.
दोनों बहनों को खूब मज़ा आ रहा था. विक्रम ने दोनों बहनों को अपनी टाँगे
फैलाकर खड़े होने को कहा. दोनों खड़ी हो गयी. विक्रम लेखा के पीछे आकर
उसकी गांड के ठीक नीचे बैठ गया और छेद में जीब डाल कर चाटने लगा. वो
रेखा की गांड में ऊँगली डालकर हिला रहा था. विक्रम ने रेखा को खटिये पर
लिटा दिया और उसकी चूत के आगे बैठ गया. उसने रेखा की चूत के छेद को
खोल दिया. उसने पहले अपनी थूक से उसकी चूत की मालिश की और लंड उसके
द्वार पर रख दिया. धीरे धीरे वो लंड को रेखा की चूत के अन्दर डालने लगा
और पूरा लंड रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. रेखा को खूब मज़ा आ
रहा था. वो सिसकिय भर रही थी. ये देख कर लेखा ने अपनी चूत में ऊँगली
डाल दी. विक्रम ने कहा?लेखा तुम मेरी गांड को चाटो?. लेखा विक्रम की
गांड के निचे लेट गयी और अपनी जीब उसकी गांड की छेद में डालकर रगड़ना
शुरू किया. विक्रम को भी मज़ा आने लगा. इतने में रेखा की चूत से पानी का
फवार्रा छुट पड़ा. विक्रम जमकर रेखा को चोद रहा था. रेखा भी उसको सहयोग
दे रहीथी. उसने अपनी टाँगे और फैला दी. थोड़ी देर में विक्रम ने भी अपना
पानी रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. लेखा विक्रम की गांड चाट
रही थी. विक्रम ने रेखा की चूत से अपना लंड निकाला और उसने रेखा को
उसे चूसने को कहा. उसका लंड रेखा के पानी से पूरा गीला था. रेखा उसे
चूसने लगी. विक्रम का लंड फिर तानकर खड़ा हो गया. उसने लेखा को खटिये पर
पेट के बल लिटा दिया और अपना लंड उसकी गांड की द्वार पर रखकर एक धक्के
में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी..ईइ माया?..मैं मर गयी..आः?मेरी
गांड फट गयी?ऊओईई..निकालो अपने लंड को..ओईई?विक्रम कहा सुनने वाला था.
उसने जमकर लेखा की गांड को चोदा . उसने अपना पानी लेखा की गांड में छोड़
दिया. विक्रम ने अपना लंड लेखा की गांड से निकाल लिया पर लेखा को अभी
भी दर्द हो रहा था. उसकी आँखों में आंसू आ गए . ये देखकर विक्रम ने पूछा
?लेखा, क्या तुम्हे दर्द हो रहा है, गांड में?? लेखा ने कहा नहीं?बस थोडा
सा?. वो अपना दर्द छुपा रही थी. विक्रम ने लेखा को प्यार से गले लगा लिया
और चूमे लगा. लेखा भी उसे चूमने लगी. फिर उसने रेखा को भी गले लगाया और
उसके बूब्स को चूमने लगा. उनको इस खेल में काफी टाइम निकल गया और सुबह हो
चली थी. तीनो फिर सो गए और सुबह दे से उठे. दोपहर को लेखा और रेखा के माँ
बाबूजी आने वाले थे. तीनो नहा धोकर तैयार हो गए. विक्रम अपने घर चला गया.
दोपहर में कल्याण और रुकमिनी घर पहुंचे. उन्होंने दोनों बेटियों से उनका
हाल चाल पूछा . उन्होंने कहा?हमें कोई तकलीफ नहीं हुई माँ. विक्रम ने
हमारा बहुत अच्छा ख्याल रखा?. कई दिन बीत गए. एक दिन विक्रम का एक
दोस्त शहर से आया. उसने कहा वो जहा काम करता है वह एक आदमी की ज़रूरत है
और अगर चाहे तो वो आ सकता है. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और शहर जाने
की तयारी करने लगा. बलदेव सिंह ने भी उसको इजाज़त दे दी. उसने ये बात रेखा
और लेखा को बताई . दोनों दुखी हो गए पर विक्रम ने उन्हें जो पहले कहा था
वो बात याद दिलाया. फिर विक्रम सबसे बिदाई लेकर शहर चला गया. कई महीने
बीत गए. इधर कल्याण और रुकमनी रेखा की शादी करवाने का सोच रहे थे. लेकिन
रेखा तैयार नहीं हो रही थी. उसने विक्रम की बात अपने माँ बाप को नहीं
बताई. लेखा भी विक्रम को लेकर चुप थी. उसने सोचा अगर दीदी की शादी हो
जाये तो वो विक्रम से शादी की बात अपने माँ बापू को बता सकेगी. रेखा के
ऊपर शादी के लिए उसके माँ बाप का दबाव बढ़ रहा था. विक्रम का भी कुछ अता
पता नहीं था. एक दिन रेखा ने विक्रम के पिताजी बलदेव सिंह से विक्रम के
बारे में पूछा तो . उन्होंने कहा?शहर में उसको नौकरी मिल गयी है. उसने
मुझे बताया था. इसके अलावा मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं?. रेखा ये
सुनकर निराश हो गयी. एक दिन उसने अपने और विक्रम के बारे में रुकमनी को
सब बता दिया. रुकमनी ने कल्याण को बताया. उन्होंने सोचा इसमें कोई बुराई
नहीं है और रेखा से कहा?हम तुम्हारी शादी विक्रम से करवा देंगे?. लेखा को
जब ये पता चला तो उसको झटका लगा. उसने भी अपने और विक्रम के बारे में माँ
बाप को बता दिया और कहा की वो भी विक्रम से ही शादी करना चाहती है. अब
कल्याण और रुकमनी परेशान हो गए. उन्होंने विक्रम के पिता बलदेव सिंह से
बात की. बलदेव ने विक्रम से बात करने के लिए कहा. लेकिन विक्रम का कुछ
अता पता नहीं था. विक्रम को गए एक साल होने आया था. एक दिन उसका दोस्त
जो उसे लेकर गया था वो गाँव आया. बलदेव ने उससे विक्रम के बारे में पूछा
तो उसने कहा?वो तो अभी बड़ा आदमी हो गया है. किसी फैक्ट्री के सेठ का
ख़ास आदमी बन गया है. उसके पास भी उसका खुदका घर, गाड़ी और बहुत से पैसे
भी है?. बलदेव ये सुनकर खुश हो गया. उसने पूछा की वो कब आने वाला है.
उसके दोस्त ने कहा?ये तो मुझे पता नहीं?. रेखा और लेखा को भी ये बात पता
चल गयी. वो अभी भी विक्रम के आने का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन कल्याण की
परेशानी बढ़ रही थी. उसने फिर दोनों बहनों की शादी करवाने का फैसला किया.
उसने दोनों की शादी एक साथ करवा दी. लेकिन दोनों इस शादी से खुश नहीं थी शादी के बाद दोनों दुसरे गाँव चली गई . लेखा और रेखा की शादी के करीब ६ महीने के बाद विक्रम गाँव आया. बलदेव सिंह और उसकी दादी बहुत खुश हो गए. तब उसे पता चला की लेखा और रेखा की शादी हो गयी है. उसने कल्याण से कहा?आपने अच्छा किया जो उनकी शादी करवा दी. मेरी शादी ही चुकी है.?
विक्रम ने शहर में एक लड़की से शादी कर ली थी.
दोस्तों यहाँ कहानी ख़तम होती है कहानी कैसी लगी जरूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
Reply
07-19-2017, 10:48 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सिखने के बाद चुदाई – १

यह तब की हैं जब में 12 क्लास में था | मैं अंग्रेजी में काफी कमजोर था |
हमारी अंग्रेजी टीचर का नाम स्नेह था | वो करीब 40 की थी | वो हलकी सी
मोटी थी खास कर उनका कमर काफी मोटा था | उनके चुचे भी काफी बड़े और भरी
थे | जब में 11 में था, तब मुझे अंग्रेजी में काफी

कम नंबर आये थे, इसीलिए मेने 12 में सोच लिया था की इस बार अंग्रेजी में
ध्यान लगाऊंगा और खूब पडूंगा | गर्मियो की छुट्टी से एक दिन पहले मेने
स्नेह मैडम के पास गया |

गुड आफ्टरनून मैडम

गुड आफ्टरनून समीर

मैडम, मुझे आपकी सयहता चाहिए थी |

हाँ बोलो

मैडम, जेसा की आपको पता हे की मेरा अंग्रेजी में काफी कम नंबर आये थे |

हाँ, मुझे पता हे, इसीलिए तो तुम्हे बोलती हू की अच्छे से पढाई किया करो |

जी मैडम, में इस बार बोर्ड के परीक्षा में कम नहीं लाना चाहता |

अच्छा, आखिर में तुम्हारी आँखे खुल ही गयी |

जी मैडम, मुझे पता हे की मुझे काफी मेहनत करनी होगी, और में इसके लिए
तैयार हू | मगर मैडम मुझे यही नहीं पता की शुरू कहा से करना हे | मेरा
मतलब हे की मेरा अंग्रेजी का जड ही कमजोर हे | सो मैडम क्या आप मेरी मदद
करोगी यह बताने में की कहा से शुरू करना हैं |

जरुर समीर, में तुम्हारी टीचर हू, और यह मेरा काम हे | में तुम्हारी मदद
करुँगी | एक काम करो तुम मेरा घर का पता और मेरा फोन नॉ. ले लो और मुझे
एक हफ्ते बाद फोन करना |

ठीक हे मैडम |

मेने फिर उनका नॉ. और पता ले लिया | और फिर एक हफ्ते बाद मेने उनको फोन किया |

हेल्लो, क्या में स्नेह मैडम से बात कर सकता हू ?

बोल रहीं हू |

मैडम, मैं समीर बोल रहा हू | मैडम आपने कहा था की एक हफ्ते बाद फोन करना…………….

हाँ याद हैं, फोन पर तो तुम्हारी पढाई नहीं हो सकती तुम एक काम करो, कल
शाम ५ बजे मेरे घर आ जाओ, तभी तुम्हारी प्रोब्लम देख लेते हैं | ठीक हैं
?

ओके मैडम,

फिर अगले दिन मैं शाम को ५ बजे मैडम के घर पहुच गया | मेने घंटी बजाई और
फिर मैडम ने दरवाज़ा खोला

हेल्लो मैडम,

हेल्लो समीर,………अंदर आओ………बैठो घर धुदने में तकलीफ तो नहीं हुई ना ?

थोडा सा हुआ, क्युकी में इस इलाके में कभी नहीं आया |

चलो कोई बात नहीं……… अब बताओ क्या लोगे चाय कोफ्फी कोल्ड्रिंक

कुछ नहीं मैडम………..कुछ नहीं……

शरमाओ मत तुम्हे कुछ ना कुछ तो लेना ही पड़ेगा

ठीक हैं मैडम कोफ्फी चलेगा |

बस अभी लती हू,

फिर मैडम कोफ्फी ले आई |

ह्म्म्म लो सुमित कोफ्फी लो, बिस्किट भी तो लो

नहीं मैडम इसकी क्या ज़रूरत थी ?

समीर तुम बहुत शर्मीले हो……….खेर ये बताओ हमे क्या बात करनी थी |

मैडम आपको तो पता ही हैं की मेरे अंग्रेजी में कैसे नॉ. आते हैं ?

हम्म्म्म मेरे ख्याल से तुम्हे पिछले साल ५० से जादा नहीं आये थे |

हाँ मैडम, और सबसे जादा हमारी क्लास में ९५ आये थे | मैडम में भी चाहता
हू की मुझे भी उतने आये |

बिलकुल आ सकते हैं, लेकिन उसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी तुम्हे………क्या
तुम करोगे ?

जी मैडम, मई मेहनत जरुर करूँगा, बस आप मुझे कोचिंग दीजिए |

ठीक हैं, एक काम करो तुम कल सुबह से १० बजे आ जाया करो |

ठीक हैं मैडम,

कोफ्फी तो पियो………..ठंडी हो रही हे

जी मैडम, ……………… मैडम आपकी फॅमिली में कोन कोन हैं ?

मैं, मेरे पति और दो बच्चे हैं |

मैडम कहा हे सब कोई दिखाई नहीं दे रहा ?

मेरे पति काम से दो हफ्तों के लिए बहार गए हैं और मेरे बच्चे अपनी नानी
के घर पे है |

वो कब आयेंगे आपके बच्चे ?

वो भी दो हफ्तों बाद ही आयेंगे, वेसे मैं भी वही थी कल ही आई हू | अब यही
तो दिक्कत हैं, अब मुझे बाजार से सब कुछ लाना हो तो नहीं ला सकती |

क्यों ?

बाजार यहाँ से काफी दूर हे ना, और रिक्शा से जाने मैं बहुत टाइम लगता है
और स्कूटर और कार चलाना मुझे नहीं आती |

मैडम इस मैं क्या तकलीफ हे, आपको जो चाहिए होगा मुझे बता दीजिए, मैं ले आऊंगा |

नहीं नहीं ऐसी बात नहीं हे, समीर तुम्हे कार चलानी आती हैं क्या ?

हाँ मैडम आती हैं |

तुम मुझे कार चलाना सिखा सकते हो……..वो क्या हे की मेरे पति तो पुरे दिन
बिजी रहते हैं और आज कल तो हमारी कार खली पड़ी है…………..और पति तो ऑफिस की
कार ले गए हैं |

जी मैडम, मैं आपको कार चला सिखा दूँगा |

कितना समये लगेगा कार सिखने मैं ?

करीब एक हफ्ता तो लगेगा ही |

तो ठीक हैं तुम मुझे कार सिखाना शुरू कर दो |

ओके मैडम मगर किस समाये पे ?

तुम १० बजे पड़ने आओगे ही…..तुम्हे पडने के बाद मैं तुमसे कार सीख लिया
करुँगी ……………पर समीर कोई बड़ा खली जगह हे क्या ? वो क्या हे की कोई मुझे
देखेगा सीखते हुए तो मुझे शर्म सी आएगी | कोई ऐसी जगह बताओ जो एक दम खली
हो और जादा लोग भी ना आया जाया

करे |

जी मैडम, शहर से बहार निकलने के बाद एक खली मैदान है, जो हर वक्त खली ही रहता हैं |

ठीक हैं, तो वही चलेंगे कल दोपहर मैं |

पर मैडम दोपहर में तो काफी गर्मी होगी ना ?

दोपहर में इसीलिए क्युकी उस वक्त लोग बहार नहीं निकलते और हमारी कार में
तो ऐसी हैं. | मैं क्या करूँ लोग मुझे कार चलते हुए देखेंगे तो मुझे शर्म
आएगी ना इसीलिए | वेसे तुम्हे कोई प्रोब्लम तो नहीं हे ना ?

बिलकुल नहीं मैडम, तो मैं कल आता हू १० बजे |

ओके समीर बाई |

मैं अगले दिन १० बजे मैडम के घर पहुच गया | मैडम ने उस दिन हरे रंग की
सूट पहनी हुई थी | हलाकि मैडम थोड़ी मोटी और सावली थी, पर मुझे तो मैडम
सेक्सी लग रही थी | मैडम ने मुझे १० से १ बजे तक पढाया | उसके बाद हम कार
सिखने शहर से बहार एक खली मैदान में

चले गए | आस पास कोई नहीं था क्युकी उस वक्त काफी धुप थी |

मैदान में पहुच कर मेने मैडम को कार सिखानी शुरू कर दी |

मैं कुछ देर तक मैडम को गियर, एक्सेलेटर, क्लच, ब्रेक के बारे में बताने लगा |

चलिए मैडम आब आप चलाइए |

मुझे डर लग रहा हैं |

आगे की कहानी आगे भाग मैं ……………………….
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07-19-2017, 10:48 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सिखने के बाद चुदाई – २

चलिए मैडम आब आप चलाइए |

मुझे डर लग रहा हैं |

कैसा दर ?

कही मुझे कंट्रोल नहीं हुआ तो ?

उसके लिए मैं हू ना मैडम |

फिर मैडम ड्राइवर सिट पे बैठ गयी और मैं बाजु वाले सिट पे आ गया | फिर
मैडम ने कार चलानी शुर की लेकिन मन ने एक दम से एक्सेलेटर पे पैर रख दिया
और कार एक दम से तेज चलने लग गयी | मैडम घबरा गयी |

मैंने मैडम को कहा की मैडम एक्सेलेरेटर से पैर हटाइये

मैडम ने फिर पैर हटा लिया तो फिर मेने स्टीरिंग पकड़ कर कार को संभल लिया

मेने कहा था ना की मुझसे नहीं होगा

कोई बात नहीं हैं, पहली बार ऐसा होता हैं |

नहीं मैं कार सीख ही नहीं सकती, मुझसे नहीं चलेगी

चलेगी मैडम, चलिए अब गाड़ी को स्टार्ट कीजिए और फिरसे ट्री कीजिए, पर इस
बार एक्सेलेरेटर आराम से छोडना

नहीं मुझसे नहीं होगा

मैडम शुरू शुरू मैं गलतियाँ होती हैं, कोई बात नहीं

नहीं मुझे दर लगता हैं

अच्छा, एक काम करते हे मैं भी आपके सिट पर आ जाता हूँ, फिर आपको दर नहीं लगेगा

लेकिन एक सिट पर हम दोनों कैसे आ सकते हैं

आप मेरी गोद मैं बैठ जाना, मैं स्टीरिंग संभालूँगा और आप गार संभालना

लेकिन कोई हमे देखेगा तोह कैसा लगेगा ?

मैडम इस वक्त यहाँ कोई नहीं आएगा और वेसे भी आपके कार के शीशों से अंदर
का कुछ भी नहीं दिखेगा |

चलो ठीक हे फिर

फिर में जा क ड्राईवर वाले सिट पे बैठ गया और मैडम मेरी गोद मैं | जैसे
ही मैडम मेरी गोद में बैठी मेरे बदन में करंट सी दोड़ गयी | हम दोनों ने
पहले बार एक दूसरे को ऐसे छुआ था | मेने फिर कार स्टार्ट कर दी और मैडम
से पूछा की मैडम आप तैयार हो ?

हाँ, मुझे सिर्फ गिअर संभालना है ना ?

जी मैडम, आज के दिन आप सिर्फ गिअर ही सीखो |

कार चलने लगी, क्युकी मेरा हाथ स्टीरिंग पर था और मैडम मेरी गोद में,
इसीलिए मेरी बांहे मैडम के चुचो को बार बार छु रहा था, और मैडम के चुचे
थे भी काफी बड़े | मैडम को थोडा अजीब सा लगा इसीलिए वो मेरी जांघों पे ना
बैठ कर मेरे घुटनों के पास खिसक गयी | जेसी ही मई

कार को मोड़ता, तभी मैडम की पूरी चूची मेरे बांहों को छु जाता | मैडम
वेसे गिअर सही बदल रही थी |

क्यों समीर, मैं ठीक कर रही हू ना ?

एक दम सही हे मैडम, मैडम आप अभी थोडा स्टीरिंग भी संभालो |

ठीक हे

क्युकी मैडम मेरी गोद में काफी आगे होकर बैठी थी इसी लिए स्टीरिंग
सँभालने में उन्हें तकलीफ हो रही थी | मैडम आप थोडा पीछे खिसक जाइए तभी
आपसे स्टीरिंग सही चलेगा |

आब मैडम मेरी जांघों पे बैठ गयी | मैडम थोडा और पीछे हो जाईये |

और कितना पीछे होना पड़ेगा

जितना हो सके उतना हो जाइये

ठीक हैं

अब मैडम पूरी तरह से मेरे लंड के उपर बैठी हुई थी |

मेने अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया और स्टीरिंग संभालना सिखाने लगा |
जब भी कार मुडती तो मैडम की गांड मेरे लंड में धस जाती | मैडम के चुचे
इतने बड़े थे की वो मेरे हाथों को छु रहे थे | मैं जान बुझ के उनके चुचो
को चूता रहा |

मैडम अब एक्सेलेरेटर भी आप संभालिए

कहीं कार फिर से कंट्रोल के बहार हो गयी तो ?

मैडम अब तो मैं बैठा हू ना ?

मैडम ने फिरसे पूरा एक्सेलेरेटर दबा दिया तो कार ने फिरसे एक दम से
रफ़्तार पकड़ ली |

इस पर मेने एक दम से ब्रेक लगा दी तो कार भी उसी वक्त रुक गयी | मैडम को
झटका लगा तो वो स्टीरिंग में घुसने लगी | इस पर मेने मैडम के चुचो को
अपने हाथो से पकड़ कर मैडम को स्टीरिंग में घुसने से बचा लिया | कार रुक
गयी थी और मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे | मैडम

बोली -

मेने कहा था ना की में फिर कुछ गलती करुँगी ( अब भी मैडम के चुचे मेरे
हाथो में थे )

कोई बात नहीं, कम से कम गिअर तो बदलना सीख लिया ( अब भी मैडम के चुचे
मेरे हाथो में थे )

शायद मुझे स्टीरिंग संभालना कभी नहीं आएगा ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

एक और बार ट्राई कर लेते हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

ठीक हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

मैडम ने मुझसे एहसास दिलाने के लिए की मेरा हाथ उनके चुचो पे हे, मैडम ने
अपने चुचो को हल्का सा झटका दिया तो मेने अपने हाथ वहा से हटा लिया |
मेने कार फिरसे स्टार्ट की | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पे रख लिया और
मेने अपने हाथ उनके हाथो पे रख दिया |

मैडम एक्सेलेरेटर मई ही संभालूँगा, आप सिर्फ स्टीरिंग संभालिए

यही में कहने वाली थी

कुछ देर तक मैडम को स्टीरिंग मैं मदद करने के बाद में बोला

मैडम अब में स्टीरिंग से हाथ उठा रहा हू, आप अकेले ही संभालिए

ठीक हे, अब मुझे थोडा अपने उपर भरोसा है, लेकिन तुम अपने हाथ तैयार रखना
कहीं फिर से वेसा ना हो जाये |

मैडम मेरे हाथ हमेशा तैयार रहते हैं

मेने फिर अपने हाथ स्टीरिंग से हटा के मैडम के छाती पे रख दिया, मैडम को
पकड़ने के बहाने से, मुझे एक पाल के लिए लगा की मेने हाथ रखा वो भी सीधे
मैडम के छाती पे, आज मुझे मैडम से गलिया सुनने को मिलेगा, मगर ऐसा कुछ भी
ना हुआ |

समीर मुझे कास के पकड़ना, कहीं ब्रेक मारने पर में फिर से स्टीरिंग में
ना घुस जाऊ |

हा मैडम, कास के पकड़ता हूँ | मेने फिर मैडम के छाती को कास के पकड़ने के
बहाने दबा दिया, और उसी के कारण मैडम के मुह से अह्ह्ह निकल गया |

समीर मेरे ख्याल से आज के लिए इतना सीखना काफी हे |

ठीक हे मैडम

मैडम फिर मेरी गोद से उठ कर बाजु वाली सिट पर बैठ गयी, और हम फिर मैडम के
घर चल दिए |

ठीक हे मैडम, मई अब चलता हू |

रोटी खा के जाना

नहीं मैडम, मेने मम्मी को बोल को कहा हे की में खाने के वक्त आ जाऊंगा

ठीक है, तोह कल दस बजे आओगे ना ?

पक्का मैडम,

मई अगले दिन दस बजे पहुच गया | पड़ने के बाद हम फिर से कार सिखने उसी जगह
में आ गए |

तोह समीर आज कहाँ से शुरू करेंगे ?

मैडम मेरे ख्याल से से आप पहले स्टीरिंग में ठीक हो जाइये, उसके बाद कुछ करेंगे |

ठीक है, कल जेसे ही बैठने हे क्या ?

हा मैडम,

आज मैडम ने सिल्क की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी | मैडम आज सीधे आकार मेरे
लौडे पर बैठ गयी | आज मैडम की सलवार थोड़ी टाईट थी और मैडम की गांड से
चिपकी हुई थी |

हमने कार चलानी शुर कर दी | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पर रख लिया, और
मेने भी अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया | आज मैडम की गांड मेरे लोडे
पर बार बार हिल रही थी | कुछ देर के बाद मेने कहा मैडम अब मैं अपने हाथ
स्टीरिंग से हटा रहा हू |

हाँ, अपने हाथ स्टीरिंग से हटा लो |

आगे की कहानी आगे भाग मैं ……
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07-19-2017, 10:48 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सिखने के बाद चुदाई – ३

हाँ, अपने हाथ स्टीरिंग से हटा लो |

मेने हाथ स्टीरिंग से उठा कर सीधे मेने मैडम के चुचो पे रख दिया………..वह
मज़ा आ गया आज मैडम ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, इसीलिए आज मैडम के चुचे
काफी नरम थे | मेने फिर मैडम के चुचो को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया |
मैडम की सिल्क की सलवार में उनके चुचे को

दबाने में मज़ा आ रहा था | मैडम ने अचानक अपनी टाँगे खोल दी और उसी के
कारण उनकी चुत मेरे लंड पर आ गया | मेने फिर जोश में आके मैडम के कमीज़
में हाथ डाल दिया और उनके चुचो को दबाने लगा |

मैडम, मज़ा आ रहा है क्या ?

अह्ह्ह किसमे ?

कार चलने मैं |

हाँ, कार चलने में मज़ा आ रहा है |

मैडम, अब आपको स्टीरिंग संभालना आ गया |

ह्म्म्म

अब मेने अपना दूसरा हाथ भी मैडम के कमीज़ में डाल दिया और दूसरे चुचे को
दबाने लगा |

अह्हह्ह समीर तुम आह्ह्ह येह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो ?

मैडम आपको कार चलाना सिखा रहा हूँ |

समीर तुम्हारे हाथ कार के स्टीरिंग पे होना चाहिए था |

पर मैडम, आपका स्टीरिंग सँभालने में जादा मज़ा आता हैं |

तुम्हे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए……….और वेसे भी में एक काली और मोटी
औरत हू, तुम्हे मुझे क्या अच्छा लगेगा ?

मैडम आपकी एक एक चीज़ अच्छी हैं |

समीर में थोड़ी ठाक गयीं हूँ, पहले तुम कर रोक लो, वो देखो आगे थोड़ी
झाडिया हैं कार वहा ले चलो |

जी मैडम,

मैंने कार झाडियो में जा कर रोक ली |

बस थोड़ी देर आराम कर लेते हैं, हाँ तो समीर तुम्हे इस मोटी और काली औरत
में क्या अच्छा लगा ?

मैडम ,एक बात बोलूं ?

हाँ बोलो

मैडम, आपके संतरे बहुत अच्छे हैं

क्या, संतरे मई क्या कोई पेड हू जो मुज्मे संतरे लगे हैं ?

मैडम यह वाले संतरे ( मैडम के चुचो को दबाते हुए )

आह्ह्ह ह्ह्ह्हाआअ

मैडम आपके खरबूजे भी बहुत अच्छे हैं |

क्या खर्बुझे, मुझमे खरबूजे कहाँ हैं ?

मैडम, मेरे बोलने का मतलब हे आपकी गांड |

झूट, मेरी गांड तो बहुत चौड़ी और मोटी हैं |

यह कहकर मैडम खड़ी हो गयी और अपने सलवार निचे करदी | मैडम ने पेंटी नहीं
पहनी हुई थी |

देखो ना, कितनी बड़ी हैं मेरी गांड |

मैं तो मैडम की गांड देखते रह गया, मैडम की गांड मेरे मूह के पास थी | मई
मैडम की गांड पे हाथ फेरने लगा |

मैडम, आपके गांड की महक बहुत अच्छी हैं |

यह कह कर में मैडम की गांड पे किस करने लगा | फिर उसके बाद मेने मैडम की
गांड की दरार पे जीभ मरने लगा |

ओह समीर…… येह्ह्ह क्या कर रहे हो |

मैडम मुझे खरबूजे काफी पसंद हैं |

ओह्ह…… और क्या क्या पसंद हे तुम्हे ?

बबल गम !

क्या…..बबल गम वो कोंसी जगह हे ?

जवाब में मेने मैडम की चुत दबाने लगा |

ओह्ह समीर…….बबल गम को दबाते नहीं हे |

मैडम…….इस हल में मैं बबल गम नहीं खा सकता |

समीर पीछे सिट पे आओ, वहा पे आराम से खा सकते हैं |

फिर हम दोनों पिछले सिट पर आ गए, मैडम ने अपनी टाँगे खोल ली और अपनी चुत
पे हाथ रख कर बोली समीर यह रही तुम्हारी बबल गम |

मेने मैडम की चुत चाटने लगा | मैडम सिट पे लेती हुई थी, मेरी जीभ मैडम की
चुत पे और हाथ मैडम की चुचो को दबा रहे थे | मई करीब दस मिनट तक चुत पे
जीभ मरता रहा |

समीर क्या तुम्हारी पेंसिल छिली हुई हे ?

क्या मतलब ?

बुद्धू, मेरे पास शार्पनर है और तुम्हारे पास पेंसिल |

जी मैडम, मेरा पेंसिल को छिल दीजिए |

लेकिन पहले तुम अपनी पेंसिल तो दिखाओ

मेने अपनी जींस उतार दी, मेने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी | मेने अपना लंड
लिया और मैडम के मुह के पास ले गया तो मैडम ने उसे अपने मुह में ले लिया,
और फिर जोर जोर से उसे चूसने लगी | कुछ देर तक चूसते रही और फिर बोली
समीर तुम्हारी पेंसिल काफी अच्छी हैं |

मैडम, क्या आपका शार्पनर भी अच्छी कुआलिती की है ?

यह तो पेंसिल छिलने के बाद ही पता चलेगा |

तो मैडम, में अपनी पेंसिल छिल लूँ क्या ?

हाँ समीर, जस्ट डू ईट ………………..फक मी हार्ड………..चोद दे मुझे………..

मेने अपना लोडा मैडम की चुत में डाल दिया और धक्के देने लगा |

ओह्ह्ह्ह समीर……मेरे जान…तुम्हारी पेंसिल एक दम मेरे चुत के लिए हैं…………
आआह्ह्ह्ह्ह्ह एक दम सही ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और करो और और
करो……ह्म्म्म्म्म्म समीर मेरे संतरो को भी दबाव……इन्हें तुम्हारी काफी
जरुरत हैं |

मैडम, आपकी चुत मरने में काफी मज़ा आ रहा हैं |

आया.ह्ह्ह्ह…….समीर मेरे बच्चे अपनी मैडम के संतरो से जूस तो पीओ……..

फिर मेने धक्के देने के साथ साथ मैडम के निप्पल को मुह में लेकर चुस्त
रहा…………..कुछ देर बाद मैडम के चुचो में से दूध निकलने लगा और में उसे
पिता रहा |

आईए समीर.और तेज और तेज और और और धक्का लगाओ और लगाओ आज अच्छी तरह ले लो
मेरी….मेरे दूध को भी अच्छी तरह से पि लो …….और तेज करो |

मेने तेज तेज धक्के देना शुरू कर दिया | करीब १५ मिनट बाद

आ ऊह्ह्ह्ह्ह समीईर तेज और तेज में आने वाली हू ह्म्म्म्म्म्म्म ओह्ह्ह ऐईईईईइ

मई और मैडम फिर एक साथ ही झड गए |

आ आ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्हह्ह आई लव यु समीर….मज़ा आ गया |

जी मैडम, आपका शार्पनर गज़ब का हैं |

तुम्हारी पेंसिल भी कमाल की हैं |

मैडम मई आपके पीछे वाले शार्पनर को भी इस्तेमाल करना चाहता हू |

पीछे वाला शार्पनर………… मेने कभी नहीं इस्तेमाल करवाया हैं |

लेकिन मुझे तोह करने दोगी ना ?

पक्का, लेकिन बाकि का काम घर चल कर | और फिर अभी तोह मुझे कार सिखने में
कुछ दिन और लगेगा |

तबसे मई और मैडम हर मोके पर चुदाई करते और मैडम से पड़ते वक्त हम दोनों
बिकुल नंगे होते थे |
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