Hindi Sex Stories By raj sharma
02-26-2019, 09:35 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
दो कामुक सहेलियाँ-3

गतान्क से आगे………………

विनोद औंधे मुँह नीता के नंगे जिस्म पर गिर पड़ा और नीता चुप चाप उसके नीचे पड़ी रही. शिल्पा ने अपनी सलवार का नाडा बाँधा और अपने आप को संभालते हुए चुप चाप घर से बाहर चली गयी. वो अब सीधा नीता के घर की तरफ गयी.

शिल्पा के कदम नीता के घर की तरफ बढ़ने लगे और उसके मन मे बस एक ही बात आ रही थी. “अगर नीता मेरे भाई के लंड से मज़े ले सकती है तो क्या मैं सुरेश से नहीं चुदवा सकती?” नीता का भाई सुरेश बेशक अभी 16 साल का था, लेकिन काफ़ी ताकतवर था. कभी कभी तो शिल्पा को शक होता था कि सुरेश शिल्पा और नीता की कंपनी मे रहने का बहाना ढूढ़ता रहता है लेकिन कभी उसने कोई ऐसी वैसी हरकत ना की थी. औरत अगर मर्द को पटाने की सोच ले तो मर्द की क्या हिम्मत है कि वो ना कर दे.

जब शिल्पा अपनी सहेली के घर के नज़दीक पहुचि तो एक बार फिर उसने अपने मन को मज़बूत किया कि आज जो भी हो जाए अगर सुरेश घर पर हुआ तो उसको अपनी चूत का स्वाद चखा कर ही जाएगी. चाहे कुच्छ भी हो जाए! शिल्पा की किस्मत अच्छी थी कि सुरेश घर पर ही था. घर दोपहर के वक्त खाली ही होता है. नीता की मम्मी स्कूल मे टीचर है और शाम को 6 बजे वापिस आती है और पापा तो हफ्ते मे दो दिन ही घर आते हैं. सुरेश का रूम बंद था लेकिन कुच्छ दबी दबी आवाज़ आ रही थी. अंदर से सेक्सी आवाज़ें आ रही थी. शिल्पा को पूरा यकीन था कि अंदर ब्लू फिल्म चल रही है. तो सुरेश अकेले मे ब्लू फिल्म देख रहा है?शिल्पा ने धीरे से डोर खोला. डोर कीतरफ पीठ कर के सुरेश खड़ा था, बिल्कुल नंगा. उसके गोरे चुतड आगे पीच्छे हो रहे थे. सामने ब्लू फिल्म चल रही थी. सुरेश साला बेह्न्चोद ब्लू फिल्म देखते हुए मूठ मार रहा था.

“ये क्या हो रहा है, सुरेश? टीवी पर क्या चल रहा है?” शिल्पा ने सख़्त आवाज़ मे कहा तो सुरेश बेचारा घबरा कर मुड़ा. उसके हाथ मे उसका 7 इंच का लंड एकदम टाइट हो कर पकड़ा हुआ था.” कुच्छ नहीं शिल्पा दीदी. नीता दीदी घर पर नहीं है….आप यहाँ? सॉरी दीदी…घर पर कोई नहीं था तो मैने सोचा कि……नीता दीदी को मत बताना…प्लीज़” सुरेश के मुँह पर पसीना आ चुका था. शिल्पा मुस्कुराइ और आगे बढ़ कर सुरेश के कंधे पर हाथ रख कर बोली,” बहनचोड़ मुझे दीदी कहता है और मेरे सामने लंड निकाल कर मूठ मारते हुए शरम नहीं आती? अब सच बता किस को याद कर के ये सब कर रहा था?” कहते हुए शिल्पा आगे की तरफ झुकी जिस कारण उसकी चुचि का काफ़ी बड़ा भाग नंगा हो गया. सुरेश की नज़र उसकी गोरी चुचि से हट नहीं रही थी.

” नहीं दीदी, ऐसी बात नहीं है….ये तो मैं पहले से ही कर रहा था…आप एक दम सामने आ गयी..मैं अभी कपड़े पहन लेता हूँ” वो हड़बड़ा कर बोल रहा था. शिल्पा ने उसकी नंगी छाती पर हाथ फेरते हुए उसके लंड पर हाथ रख दिया. लंड किसी व्याकुल जानवर की तरह फड़फड़ा उठा.” सुरेश मैं किसी को नहीं कहूँगी कि तुम यहाँ क्या कर रहे थे. तुम मुझे बताओ कि मूठ मारते हुए मुझे याद कर रहे थे या नहीं? तुमको मैं कैसी लगती हूँ. सपने मे मुझे कभी चोदा है या नहीं?” शिल्पा ने महसूस किया कि उसका लंड और भी टाइट हो गया है.

“नहीं दीदी….ऐसा तो नहीं है…..मैने कभी….” शिल्पा ने उसके लंड को मसल्ते हुए कहा” बहन्चोद तेरी ज़ुबान कुच्छ कह रही है और ये लंड कुच्छ और. तेरा लंड तो मेरे हाथ मे और भी कड़ा हो गया है, साले ये तो मुझे चोद्ने को तड़प रहा है और तू कहता है कि तुमने कभी अपनी शिल्पा दीदी को चोद्ने के बारे नहीं सोचा? सच बता, मैं तुझे कैसी लगती हूँ? अगर तेरा जवाब ठीक हुआ तो तुझे चूत मिल सकती है” सुरेश की समझ मे कुच्छ नहीं आ रहा था.” दीदी, आप तो बस पटाखा हो! आप बहुत सेक्सी हो…सच मे मैं आपको नंगा देखने के सपने देखता रहता हूँ…अभी भी मैं आपकी कल्पना मे मूठ मार रहा था. आप तो नीता दीदी से भी सेक्सी हो!” शिल्पा सारी बात समझ कर मुस्कुराइ,” तो साले नीता को भी कल्पना मे नंगा देखता है तू? उसको कभी नंगा देखा है क्या?” सुरेश ने गर्दन झुका कर कहा” हाँ दीदी. नीता दीदी को नहाते हुए देखा करता हूँ मैं बाथरूम मे. मैं क्या करूँ? औरत का जिस्म मुझे बेकाबू कर देता है वो चाहे मेरी दीदी का ही क्यो ना हो. मैं उसको चोद्ने के लिया पागल हो जाता हूँ”

“अच्छा बेटा, तो तू चोद्ने के लिए पागल हो जाता है? कितनी को चोद चुके हो, बेह्न्चोद?”शिल्पा को यकीन हो गया था कि आज सुरेश से चुदवा लेगी.”दीदी अभी तक किसी को असलियत मे नहीं चोदा. बस कल्पना मे ही.” सुरेश ने कहा. शिल्पा ने अपना हाथ उसके मस्त लंड के ऊपर नीचे करते हुए कहा” मुझे चोदोगे? अपनी शिल्पा दीदी की चूत चोदोगे? मुझे स्पर्श तो करो, मेरे भाई!” सुरेश का हाथ काँप रहा था जब उसने शिल्पा के सीने के उभार पर हाथ रखा. हाथ रखते ही उसकी चुचि मे आग लग गयी और उसने सुरेश के लंड को ज़ोर से थाम लिया और उसके निपल को चूसने लगी. सुरेश का तो सपना सच हो गया था.

सुरेश के हाथ शिल्पा की चुचि को मसल्ने लगे और दोनो वासना की दुनिया मे उतरते चले गये.”दीदी अपनी कमीज़ उतार दो और मुझे अपने उरोज़ देख लेने दो” वो बोल उठा तो शिल्पा ने उसको कहा”बहन्चोद, अपनी शिल्पा दीदी को चोद्ने वाले हो तो कमीज़ भी उतार लो ना, रोका किसने है?मुझे अपनी तरह नंगा कर दो सुरेश. अगर शिल्पा दीदी को खुश कर दिया तो नीता दीदी की चूत भी दिलवा दूँगी तुझे. मुझे नंगी कर दो भाई”

सुरेश ने आव देखा ना ताव और उसके कपड़े उतारने लगा. कमीज़ उतरते ही उसके सामने शिल्पा दीदी का तराशा हुआ जिस्म नंगा हो गया. उसके सीने का उठान ब्रा मे ग़ज़ब ढा रहा था, गोरी चुचि पर ब्राउन चुचक, सपाट पेट और पतली कमर देख कर उसका लंड उठक बैठक करने लगा. सुरेश ने पहले ब्रा के हुक खोले और फिर सलवार का नाडा खोला. वाह! पैंटी मे धकि हुई चूत किसी को पागल बना सकती थी. उसके चुतडो का उभार देखने लायक था. सुरेश ने उसके चुतडो पर हाथ फेरा और पैंटी को नीचे सरका दिया. शिल्पा ने मदहोशी मे सुरेश को गले लगा लिया और उसके होंठों पर अपने तपते हुए होंठ रख दिए. दोनो मादरजात नंगे हो कर एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे मे समा जाने की कोशिश करने लगे.

सुरेश का लंड अपनी शिल्पा दीदी की चूत के मुँह पर ठोकर मार रहा था और शिल्पा के निपल उसके सीने मे धँस रहे थे. वासना का तूफान उठ चुका था. सुरेश ने उसकी चुचि को दबा कर अपने होंठ चुचक पर रख दिए और चूमने लगा. सुरेश के होंठ और ज़ुबान को अपने निपल पर महसूस करते ही शिल्पा भड़क उठी और अपने हाथ को चूत पर ले जा कर मसल्ने लगी. चूत से रस की जो बरसात थोड़ी देर पहले बंद हुई थी, फिर से बरसने लगी.” सुरेश, जल्दी करो….मुझे बिस्तर पर ले चलो…मेरी प्यासी चूत को ठंडी कर दो…मैं जल रही हूँ..वासना मुझे जला रही है….अपना लंड मेरी प्यासी चूत मे डाल कर मुझे तृप्त कर दो मेरे भाई” सुरेश ने अपनी बालिश्ट बाज़ू मे अपनी प्यारी शिल्पा दीदी को उठाया और अपने मम्मी डॅडी के डबल बेड पर लिटा दिया.

दोनो गुथम गुत्था हो कर एक दूसरे के जिस्म को चूमने और चाटने लगे. साँसों का तूफान मचल रहा था और फिर अचानक शिल्पा के ऊपर चढ़ कर अपना लंड उसकी चूत पर रख कर सुरेश ने धक्का मार दिया, “उ…सुरेश, बेह्न्चोद बता तो देता कि पेलने लगे हो…मुझे बहुत दर्द हुआ है…आराम सेमेरे भाई..तेरी दीदी भी पहली बार चुद रही है…बेह्न्चोद कोई रंडी नहीं हूँ जो पेलते ही जा रहा है…कितना मोटा है तेरा…!” शिल्पा चीख ही पड़ी, लेकिन सुरेश रुका नहीं. सुरेश के कुंवारे लंड को शिल्पा दीदी की टाइट चूत नसीब हो गयी थी अब रुकने का काम ही क्या था. उसने शिल्पा दीदी के निपल को हाथों से मसलना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन को चूमने शुरू कर दिया. चूत चाहे चिकनी थी फिर भी टाइट इतनी थी कि लंड का अंदर जाना मुश्किल हो रहा था.” चुप साली, चुप हो जा…चोद्ने दे मुहे अपनी प्यारी शिल्पा दीदी की चूत..कब से सपने मे चोद रहा हूँ…आज असल मे चोद लेने दो और अपने सुरेश भैया का लंड ले ले अपनी चूत मे” सुरेश फुन्कार उठा.

“बहन्चोद, अपनी दीदी का दूध पी ले….मेरी चुचि चूस मदेर्चोद…अपनी मम्मी के बेड पर अपनी बेहन को चोद रहे हो साले इसी बेड पर तेरे डॅडी तेरी मम्मी को चोद्ते हैं, साले चोद अपनी दीदी को!!” शिल्पा ने भी उसको उत्तेजित करने के लिए बोलना शुरू कर दिया. असल मे चूत रस के कारण अब लंड आसानी से चूत मे परविष्ट होने लगा था और दोनो को खूब मज़ा आ रहा था.” मम्मी को भी तो मज़ा आता ही होगा डॅडी के लंड से…तू भी ले ले मज़े मेरी प्यारी शिल्पा दीदी. ला मैं तेरा दूध पी लेता हूँ अगर मेरी दीदी को ये ही पसंद है…मम्मी का दूध तो पी चुका हूँ अब दीदी का भी पी लेता हूँ!!”

शिल्पा की नज़र के सामने अपने विनोद भाई का लंड घूम रहा था और अपनी सहेली की चुदाई का सीन एक बार फिर से उभर आया. उसने अपनी चुचि उठा कर सुरेश के मूह मे दे दी और वो प्यार से उसको चूसने लगा. शिल्पा मस्ती से भर गयी और चुतड उठा कर चुदने लगी.” वाह मेरे भाई..खूब चूस मेरी चुचि…चाट ले मेरी चुचि….चोद ले मेरी चूत..आआ…ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…बहुत मस्त है तेरा लोड्‍ा…..अपनी नीता दीदी को भी चोदेगा क्या?” सुरेश मस्ती मे चुचि चूस्ता रहा और फिर चुदाई की स्पीड बढ़ाता हुआ बोला”हां दीदी…नीता को भी चोदुन्गा..अगर उसने चुदवाया तो….अपनी मम्मी को भी….चुदाई मे इतना मज़ा मिलता है…पता नही था”

शिल्पा भी आनंद की चर्म सीमा पर थी. वो अपनी चूत सुरेश के लौडे पर ज़ोर ज़ोर से मार रही थी. फिर उसने एक हाथ नीचे ले जा कर उसके अंडकोष पकड़ लिया.” साले मम्मी को भी चोदेगा? पहले अपनी शिल्पा दीदी को तो चोद, मदेर्चोद! ज़ोर से चोद…..मिटा दे खुजली इस निगोडी चूत की…वाह मेरे भाई…हम तो घर मे लंड ना देख कर कितना तड़पे हैं….अब तो खुल चुके हैं…खूब पेलो मुझे…चोद लो अपनी बेहन को!” सुरेश तूफ्फानी स्पीड से चूत को चोद्ने लगा,” चोद तो रहा हूँ….और क्या मैं पूजा कर रहा हूँ..इस से पहले की मैं झाड़ जाऊ, दीदी तुम मेरे लंड पर चढ़ कर मुझे चोद लो….मेरे लंड की सवारी कर लो..मुझे नीचे लिटा कर चोदो मेरी प्यारी दीदी!”

शिल्पा की चूत से उसने लंड निकाल लिया और खुद बिस्तर पर लेट गया. शिल्पा दीदी का गदराया जिस्म देख कर उसकी वासना और भी बढ़ गयी. शिल्पा ने टाँगें चौड़ी कर के अपनी चूत को सुरेश के सुपाडे पर रख दिया और धीरे से दबाव डाला. इस बारी लंड आसानी से घुस गया. नाग देवता अपनी बिल का रास्ता पहचान चुके थे. शिल्पा ने अपना जिस्म लंड के ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. उसकी भारी चुचि मस्ती मे नाचने लगी. सुरेश ने उसके चुतडो को थाम कर नीचे से चोद्ना शुरू कर दिया और सिर उठा कर चुचि को मूह मे ले लिया और चूसने लगा. चुदाई अपनी चर्म सीमा पर थी. शिल्पा एक कुतिया की तरह हाँफ रही थी. तभी सुरेश का लंड छूट पड़ा. अंडकोषों से रस लंड की तरफ उठने लगा. उसने धक्के नीचे से और भी तेज़ कर दिए,” उफफफ्फ़..दीदी मैं झाड़ रहा हूँ…मेरा लंड अपनी दीदी की चूत मे झाड़ रहा है…दीदी मुझे माफ़ कर दो मैं झाड़ा”

गरम लावे की धारा शिल्पा की चूत मे जा गिरी और वो और भी ज़ोर से उठक बैठक करने लगी. उसकी चूत से रस बहने लगा था लेकिन उसको कुच्छ और देर चाहिए थी झड़ने के लिए, कुच्छ और लंड की पिटाई होनी थी उसकी चूत की तब जा कर उसकी चूत की संतुष्टि होनी थी. लेकिन चर्म-सीमा से पहुँचने से पहले ही सुरेश का लंड ढीला पड़ गया. सुरेश का लंड अभी शिल्पा की चूत मे ही था और वो दोनो एक दूसरे से लिपटे हुए थे. सुरेश ने शिल्पा के नंगे जिस्म को चूमते हुए पूछा” दीदी, कैसा लगा, मेरा लंड? मुझे तो तेरी चूत बहुत पसंद आई” शिल्पा का मन हुआ कि कह दे कि तेरे लंड मे दम नहीं है, लेकिन फिर सोचा कि बेचारे का पहला टाइम है. कोई बात नहीं धीरे धीरे तज़ुर्बे से एक्सपर्ट बन जाएगा. शिल्पा ने उसके मुँह को चूमते हुए कहा,” अपनी दीदी की चूत की धज़ियाँ उड़ा कर पूछ रहे हो कि लंड कैसा था. बहुत दम है तेरे लंड मे, मेरे छ्होटे भाई. ऐसे ही चुदाई करेगा तो चॅंपियन बनेगा एक दिन. अब बस करो, नीता आती ही होगी और मुझे खिसक लेना चाहिए”

शिल्पा ने कपड़े पहने और जाने लगी,” शिल्पा दीदी अब कब?” शिल्पा हंस पड़ी,” जल्दी ही, सुरेश. अगर लंड को आराम ना मिले तो नीता पर हाथ साफ कर लेना”

क्रमशः……………………….
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02-26-2019, 09:35 PM,
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दो कामुक सहेलियाँ-4


गतान्क से आगे………………

शिल्पा तेज़ी से घर की तरफ चल पड़ी. आसमान मे काले बदल आ चुके थे. किसी भी वक्त बारिश आ सकती थी. अभी वो घर से कुच्छ दूर थी कि बारिश ने आ घेरा और वो भीगने लगी, उसके कपड़े जिस्म से चिपक गये. वो तेज़ी से घर पहुँची. सोच रही थी कि नीता वहाँ होगी या नहीं. घर पर सिर्फ़ विनोद भैया थे. वो बाथरूम मे नहा रहे थे और बाथरूम मे पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी. शिल्पा अपने रूम मे गयी और अपने गीले कपड़े उतारने लगी. उसने सलवार और फिर कमीज़ उतारी और टवल से अपने जिस्म को सुखाने लगी, उसके बालों से पानी टपक रहा था और वो उस वक्त ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी जब बाथरूम का दरवाज़ा खुला और विनोद कमर पर टवल लपेटे बाहर निकला. शिल्पा की मांसल चुचि ब्रा ढकने मे कामयाब नहीं हो रही थी. उसकी टाइट पैंटी के बाहर शिल्पा के गोरे चुतड भीग कर चमक रहे थे.

भाई और बेहन की नज़रें मिली. नीता को चोद्ने के बाद विनोद का लंड शांत नहीं हुआ. उसके लंड की आग और भड़की हुई थी. अपनी सग़ी बेहन के लगभग नंगे जिस्म को देख कर विनोद के शरीर मे एक करेंट सा लगा. एक बार तो शिल्पा ने आँखें झुका ली. लेकिन उसको सॉफ दिखाई दिया कि विनोदा भैया के कमर पर लिपटे टवल मे कुच्छ हरकत हुई. जो नाग देवता दोपहर को नीता की बिल मे घुसे थे, फिर से सिर उठा रहे थे. झेम्प्ते हुए शिल्पा बोली,” भैया क्या देख रहे हो, मुझे शरम आ रही है. आप ने मुझे पहले कभी देखा नहीं है क्या?” विनोद भी झेंप गया और कमरे से बाहर चला गया.

अपने कमरे मे जा कर भी उसके मन से अपनी बेहन का भीगा बदन नहीं हट रहा था. शिल्पा का दूधिया बदन उसकी वासना को भड़का रहा था.विनोद की अंतरात्मा ने उसको कोसा,” साले विनोद, बेह्न्चोद, अपनी सग़ी बेहन की सहेली को चोद चुके हो और अब अपनी ही बेहन को वासना भरी नज़र से देख रहे हो! शरम आनी चाहिए तुझे! कई सोचती होगी शिल्पा?” विनोद ने लाख चाहा लेकिन शिल्पा के नंगे जिस्म की तस्वीर उसकी आँखों से नहीं हट रही थी. उसने रात के लिए निक्केर और टीशर्ट पहन ली और कमरे से बाहर निकला. तभी आकाश मे बिजली चमकी और बदल गरजे. उसी वक्त विनोद के मन मे शैतानी योजना ने जनम लिया.

शिल्पा का रूम बंद था. विनोद ने कीहोल से झाँका. शिल्पा कमरे के बीच बिल्कुल नंगी खड़ी हुई बिस्तर की तरफ झुकी हुई थी और उसकी मस्त गांद दरवाजे की तरफ थी. शिल्पा चादर पर हाथ फेर रही थी. उसके मस्त चुतडो के बीच उसकी गांद का छेद दिख रहा था. विनोद का लंड एक बार फिर मस्ती से खड़ा हो गया. तभी शिल्पा अलमारी की तरफ बढ़ी और एक पारदर्शी कुरती और ढीला सा पाजामा पहनने लगी. विनोद का दिल धक धक करने लगा जब उसने अपनी बेहन की फूली हुई चूत देखी. विनोद झट से दरवाज़े से हट गया और फ्रिड्ज से ठंडे कोक की बॉटल निकाल कर डाइनिंग रूम मे चला गया.

शैतानी प्लान जो उसके मन मे चल रहा था वो ये था कि कोक की बोत्तल मे उसने वोडका मिक्स कर डाली और दो ग्लास भर लिए. वो बिना अपनी बेहन को बताए वोड्का उसको पिला देगा. कोक की वजह से मीठा होने से शिल्पा को कुच्छ फरक नहीं पता चले गा और वोड्का के असर से शिल्पा पर मस्ती चढ़ जाएगी. इतनी सेक्सी बेहन को चोदे बिना आज की रात नहीं कटेगी. आज शैतानी भाई किसी भी कीमत पर अपनी बेहन को नहीं चोदेगा. आज की रात भाई बेहन के मिलन की रात होगी जिसको देख कर शैतान भी खुश हो जाएगा. बस अगर विनोद को नहीं पता था तो ये कि उसकी बेहन भी अपने भैया से चुदवाने की प्लान बना रही थी.

बारिश तेज़ हो चुकी थी. “भैया, देखो ना बारिश कितनी तेज़ है? मुझे तो डर लग रहा है. उफ्फ मुझे तो प्यास लगी हुई है” शिल्पा ने अंदर आते हुए कहा. “मैने तेरे लिए ये ड्रिंक बनाई है, शिल्पा” विनोद ने कहा और तभी उसकी नज़र अपनी बेहन के सीने पर चली गयी. शिल्पा के वक्ष-स्थल का उठान देख कर विनोद की साँस ऊपर की ऊपर रह गयी. शिल्पा की चुचि बहुत मस्त थी और चुचक बहुत नोकिले थे.” आओ बहना, मेरे पास बैठ जाओ” विनोद ने सोफे पर इशारा करते हुए कहा. शिल्पा चुतडो मटकती हुई भैया की बगल मे बैठ गयी.

“विनोद भैया, आज नीता आई थी क्या? उसकी मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है शायद” शिल्पा ने ग्लास से घूँट भर कर पूछा. कोक के स्वाद मे कुच्छ कड़वापन था. वो समझ गयी कि कुच्छ गड़बड़ है. कहीं ऐसा तो नहीं की भैया मुझे पटाने की कोशिश मे हैं? चलो देखते हैं.” नीता, नहीं तो. तुझे नहीं मिली?” शिल्पा अपने भाई के झूठ से खुश हुई. यही झूठ आज उसको अपने भाई के लंड से चुदवाने मे हेल्प करेगा. एक ही घूँट मे उसने ग्लास खाली कर दिया और तभी उसके सिर मे कुच्छ होने लगा.” भैया मुझ से झूठ क्यो बोल रहे हो? मेरे बिस्तर पर मेरी सहेली को हम बिस्तर बनाया है आपने, मुझे पता है, मैने आपको देखा है अपनी इन आँखों से. बोलो सच है या नहीं?” शिल्पा ने अपना हाथ अपने भाई की नंगी जांघों पर रख कर पुछा.

विनोद ने अपना हाथ अपनी बेहन की मस्त चुचि पर रखा और बोला” शिल्पा, अगर सब देख ही चुकी हो तो पूछ क्यो रही हो? नीता मुझ से चुदने को मचल रही थी और मैं भी तो जवान मर्द हूँ. जवानी मे मर्द का लंड कुच्छ नहीं देखता, शिल्पा” कहते ही उसने अपनी बेहन की भारी भारी चुचि को मसल दिया,” औरत बेशक मर्द की बेहन की सहेली हो या उसकी बेहन ही क्यो ना हो” शिल्पा के मुँह से एक कामुक सिसकारी निकल गयी और उसका हाथ भी अपने आप विनोद के उठाते हुए लंड पर चला गया.” तो फिर बेहन को इतनी देर से क्यो नहीं चोदा, भैया? आपको अपनी बेहन की जवानी पर तरस क्यो नहीं आया? उस छिनाल नीता को मेरे ही बिस्तर पर क्यो चोदा आपने? भैया बताओ ना? तुम जानते हो कि आपके लंड पर मेरा अधिकार है, फिर नीता को क्यो चोदा आपने?”

विनोद को ये उम्मीद ना थी कि उसकी बेहन खुद ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाएगी. वो सम्भल कर बोला,” इसी लिए तो मैं उसे तेरे बिस्तर पर ले कर गया था क्यो कि मैं अपनी बेहन को चोद्ना चाहता था, शिल्पा, मुझे डर था कि तू नाराज़ ना हो जाए. खैर अब मुझे पता चल गया है कि मेरी बेहन भी मेरे लंड से प्यार करती है तो तुझे ही चोदुन्गा, और किसी को नहीं” विनोद अपनी बेहन को चूमने लगा, उसकी चुचि को मसल्ने लगा और वासना भरी हरकत करने लगा. शराब और वासना का संगम अब शिल्पा के बदन मे आग लगा रहा था. उसने अपने भैया की निक्केर की ज़िप खोल डाली और लंड बाहर निकाल लिया.

“भैया, मुझे प्यार करते रहो….मेरी चूत को वैसे ही चोद्ना जैसे मेरी सहेली को चोदा था….इस बरसात की रात को कभी ना भुला देने वाली रात बना दो मेरे भाई…अपनी बेहन को चोद कर उसको अपना लो भैया!” शिल्पा बोल रही थी और विनोद अपनी किस्मत पर खुश हो रहा था. उसने एक ही झटके मे उसकी कुरती उतार डाली और शिल्पा की गोरी चुचि नंगी हो गयी. उसकी बेहन तो नीता से भी अधिक सेक्सी थी. आज तो उसकी लॉटरी निकल पड़ी थी, पहले नीता और अब उसकी सेक्सी बेहन शिल्पा चुदने के लिए मिन्नत कर रही थी. विनोद के हाथ अब शिल्पा का पाजामा खोलने लगे. वाह! शिल्पा ने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी थी. शेव की हुई फूली हुई चूत देख कर विनोद मस्ती मे भर गया. उसका लंड निक्केर से बाहर आने के लिए तड़प रहा था.

“मेरी प्यारी बहना, अपने भाई का हथियार तो बाहर निकालो! मेरा लंड तेरे कोमल हाथों का स्पर्श महसूस करना चाहता है, मेरी निक्केर खोल कर मेरा लंड अपने हाथ मे ले लो मेरी बहना!” विनोद अब खुले शब्दों मे बोल रहा था और दोनो भाई बेहन लाज शरम छोड़ कर सेक्स की दुनिया मे उतर चुके थे. शिल्पा ने हाथ बढ़ा कर अपने भैया की निक्केर नीचे सरका डाली और भैया के काले लंड को हाथ मे ले कर उसको आगे पीच्छे करने लगी. उसके भैया का लंड सुरेश के लंड से काफ़ी मोटा और लंबा था. लंड एक गरम लोहे की रोड की तरह आकड़ा हुआ था और उसको स्पर्श करते ही शिल्पा उत्तेजना से काँप उठी.

शिल्पा की उंगलियाँ भैया के सुपाडे को स्पर्श करने लगी और उसने महसूस किया कि कुच्छ लंड रस का पानी उसके हाथ मे लग चुका था. एक हाथ से भैया के अंडकोष स्पर्श करते हुए शिल्पा ने अपने होंठ भैया के मस्त लंड पर रख दिए. विनोद ने अपने हाथ अपनी बहन के सिर के पीछे रखते हुए उसके बाल खोल दिए और अपनी कमर उचका कर मुँह चोदन करने लगा. शिल्पा की कोमल उंगलियाँ उसके अंडकोष से खेल रही थी और उसका रेशमी मुँह उसके लंड को चूसने लगा. शिल्पा ने ऐसा स्वाद कभी ना चखा था. वो उत्तेजित होती हुई अधिक से अधिक लंड को मूह मे लेने लगी और फिर सूपड़ा उसके कंठ से टकराने लगा. जब वो लंड को मुँह से बाहर निकलती तो “पच” की आवाज़ कमरे मे गूँज जाती.

विनोद का लंड अब मस्त से उच्छल रहा था लेकिन वो भी अपनी बेहन के ख़ज़ाने को स्पर्श करना चाहता था, चूमना चाहता था. विनोद ने शिल्पा की चुचि को मसल्ते हुए कहा” मेरी प्यारी बहना, अब मुझे भी अपनी चूत पर हाथ लगाने का मौका दो, इसका स्वाद चखने दो, चलो हम बिस्तर पर चलते हैं जहाँ हम जिस्मानी मिलन मे बँध जाएँ और हम भाई बेहन मे कोई फासला ना रहे” शिल्पा ने अपनी भैया का लंड चूसना बंद कर दिया और अपनी गुलाबी आँखों से अपने भैया को प्यार से निहारती हुई मुस्कुरा कर बोली,”भैया जब तुमको सब कुच्छ सौंपने का फ़ैसला कर लिया है तो मुझे जहाँ चाहो ले चलो. अब से तेरी बहना सिर्फ़ तेरी है. जो चाहो कर लो और जो चाहो करवा लो अपनी बेहन से”

नग्न अवस्था मे दोनो भाई और बेहन बिस्तर की तरफ बढ़ गये. विनोद पीछे था और अपनी बेहन की मस्त गांद को ठुमक ठुमक करते हुए देख कर मस्ती से भर गया.”एक दिन शिल्पा की गांद ज़रूर चोदुन्गा” उसने मन ही मन अपने आप से कहा. पलंग पर जा कर शिल्पा बैठ गयी और विनोद उसके साथ चिपक कर उसको चूमने लगा. विनोद को अपनी बेहन के होंठों से अपने लंड का स्वाद आ रहा था. भाई ने बहना को बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगों को फैलाते हुए अपनी सग़ी बेहन की चूत पर अपने होंठ जमा दिए.

शिल्पा की चूत मक्खन जैसी मुलायम थी लेकिन उसमे से एक आग की गरमी निकल रही थी. विनोद के तपते होंठ अपनी बेहन की की चूत के आस पास घूमने लगे और उसकी ज़ुबान चूत के होंठों को चूमने लगी. भाई की गरम साँसें बेहन की चूत को भड़का रही थी और प्यासी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.” ओह..भैयाआ…तुम ने कैसी आग लगा दी है मेरे जिस्म मे…मेरी चूत फड़ फाडा रही है…ऊओह मेरे भाई…सम्भालो मुझे….मेरी आग शांत कर दो मेरे भैया…मैं मर जाऊगी मेरे भैया…आअहह….भगवाआअँ…मत तड्पाओ भैयाआआ!!!” विनोद अपनी ज़ुबान को शिल्पा की चूत मे घुस चुका था और शिल्पा अपने चुतडो ऊपर उठा रही थी ता कि अपने भाई की ज़ुबान को आसानी से अपनी चूत मे समा ले.

क्रमशः……………………….
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दो कामुक सहेलियाँ-5

गतान्क से आगे………………

शिल्पा के हाथ अब उसकी मस्ती से भरी चुचिओ को दबा रहे थे और उसने आँखें बंद कर रखी थी. कुच्छ देर चूत रस चाटने के बाद विनोद ने अपनी बेहन की जांघों को चूमा और फिर अपना मूह उसके चुचक पर ले गया. गदराई चुचि मूह मे भर के वो पागल सा हो गया और उसका लंड अब उसको बेह्न्चोद बनाने के लिए तड़पने लगा. “शिल्पा, मेरी बेहन, अब चुदाई शुरू करते हैं. तुम मेरे ऊपर चढ़ जाओ और मैं तेरे नीचे लेट जाता हूँ. मैं अपना लंड अपनी बेहन की चूत मे जाते हुए देखना चाहता हूँ. मुझे लगता है कि मेरी प्यारी बहना भी अब चुदाई के लिए तैयार हो चुकी है”

विनोद ने शिल्पा को बाहों मे उठाया और चूमते हुए लेट गया. शिल्पा अपने भाई के ऊपर चढ़ गयी और दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से मिलने लगे. शिल्पा ने अपनी टाँगों को फैलाया और चूत को खड़े लंड पर रगड़ने लगी. विनोद से रुका नहीं गया तो उसने अपनी बेहन को कमर से पकड़ कर अपने लंड पर उतार दिया. “फूच” की आवाज़ से लंड उसकी बेहन की चूत को चीरता हुआ गरम गुफा मे परवेश कर गया. चूत की दीवारों से रस टपक रहा था और चिकनाई की वजह से लंड महाराज बेहन की चूत मे घुसते चले गये.

शिल्पा की चूत का रास्ता पहले ही सुरेश के लंड ने खोल दिया था. इसी लिए वो मस्ती से चुदने लगी. वो झुकती चली गयी और उसकी मस्त चुचि अपने भाई के सीने पर रगड़ खाने लगी,”ओह्ह्ह भैया आप का लंड जड़ तक घुस चुका है मेरी चूत मे….बहुत मस्त लोड्‍ा है आपका भैया…आपका तो सुरेश से भी मोटा है…अपनी बेहन की चूत को पूरा खोल रखा है आपके लंड ने भैया…चोदो मुझे मेरे भैया….वाह मेरे भैया…मैं आनंद से मरी जा रही हूँ..खूब चोद अपनी बहना को मेरे भाई!!”

विनोद को अपना लंड शिल्पा की चूत की गहराई मे घुसता हुआ महसूस हो रहा था. उसने शिल्पा के निपल को मूह मे ले लिया और नीचे से ज़ोर दार धक्के मारने लगा,” तो मेरी प्यारी बहना सुरेश से चुदवा चुकी है?” शिल्पा लंड के ऊपर नीचे होती हुई बोली” हां भैया जब मैने अपने भाई को नीता की चुदाई करते देखा तो रह ना सकी. अगर मेरा भाई मेरी सहेली को चोद सकता है तो सुरेश मुझे क्यो नहीं चोद सकता? मेरी चूत को भी लंड उसी तरह से चाहिए जिस तरह से मेरे भाई के लंड को चूत चाहिए. अब तो मेरे भाई का लंड ही मुझे चोद रहा है, अब और क्या चाहिए मुझे, भैया ज़ोर से चोदो मुझे, मेरी चूत का रस टपकने वाला है, आपके लंड मेरी चूत को तृप्त कर रहा है!!!” इस के साथ ही शिल्पा ने तेज़ी से विनोद के लंड की चुदाई शुरू कर दी.

विनोद उत्तेजना की सीमा पर कर चुका था. वो अब चुदाई का आसन बदलना चाहता था. वो बोला” शिल्पा, अब तुम बस करो और घोड़ी बन जाओ. मैं तुझे घोड़ी बना कर चोद्ना चाहता हूँ!” शिल्पा ना चाहते हुए भी लंड से उठी और हाथों और घुटनो के बल चौपाया हो गयी और उसने अपने चुतडो ऊपर उठा लिए. विनोद ने उसकी गांद पर हाथ फिराया और अपना भीगा हुआ लंड एक बार उसकी गांद पर रगड़ना शुरू कर दिया. शिल्पा को लगा कि शायद विनोद उसकी गांद पेलने लगा हो. लेकिन तभी विनोद ने लंड चूत मे पेल दिया. चूत ने भैया के लंड को एक दम से निगल लिया.

विनोद का लंड बुरी तरह से फूला हुआ था और वो अपनी बेहन की कमर पकड़ कर धक्के मारने लगा. कुतिया की तरह झुकी हुई उसकी चुदासी बहना उसको अपनी शक्ति का एहसास दिला रही थी. “अब मैं जो कहूँगा, शिल्पा वो ही करेगी, मेरी बहन अब मेरी गुलाम बन के रहे गी और मैं शिल्पा और नीता दोनो को चोदुन्गा!!” विनोद ने अपने आप से कहा और मस्ती मे उसने शिल्पा को बालों से पकड़ कर चोद्ना शुरू कर दिया जैसे वो घोड़ी हांक रहा हो. “भैया मेरी चुचि दबाओ, प्लीज़…मैं झरने वाली हूँ…मेरे निपल दबाओ, मुझे ज़ोर से पेलो, मेरे भाई..आआहह…ज़ोर से भैयाआ..ऊऊहह चोद लो अपनी बहना को!!!” शिल्पा चिल्ला रही थी और अपनी गांद को अपने भाई के लंड पर धकेल रही थी.

विनोद ने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और मस्ती से चोद्ने लगा. उसके अंडकोष उसकी बेहन के नंगे चुतडो से टकरा रहे थे और कमरे मे पच पुच की आवाज़ें गूँज रही थी. विनोद का लंड भी झरने को थी. बगल से हाथ डाल कर उसने शिल्पा की चुचि मसल डाली और लंड की चोट और तेज़ कर दी. शिल्पा ने एक हाथ से अपने क्लिट को स्पर्श किया और वो झरने लगी,” ओह्ह्ह भयियैययाया..मैं गाईए…मेरी चूत…आपका लंड..मैं मरी…भैयाअ मैं बस….ओह्ह्ह्ह भगवाां…आअहह!!”

इसी के साथ विनोद का लंड अपना रस एक फव्वारे की तरह छोड़ने लगा. बेहन की चूत मे भाई का लंड पिचकारी छोड़ रहा था और दोनो आँखें बंद कर के चुदाई के आनंद मे डूब चुके थे.

समाप्त
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02-26-2019, 09:35 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मेरी तन्हाई का साथी--1


मेरा नाम शबनम है. मेरे परिवार मे सिर्फ़ मम्मी, पापा, मेरे बड़े भैया और मैं हैं. हां, और हमारा अल्सेशन कुत्ता भालू. जब मैं 11 साल की थी हम एक छ्होटे से घर में रहते थे. एक किचन, बाथरूम और दो कमरे. भैया एक कमरे में सोते थे और मैं मम्मी पापा के साथ एक कमरे में. घर छ्होटा होने के कारण मैने कई बार पापा और मम्मी को प्यार करते देखा था.

पापा मेरी मम्मी के उपर चढ़ जाते थे और मम्मी अपनी लातें फैला देती थीं और फिर पापा अपना लंड उनके अंदर डाल देते थे. फिर पापा उपना लंड मम्मी की चूत में अंदर बाहर करते थे और कुछ देर बाद मम्मी सिसकारियाँ लेने लगती थी. मुझे लगता था के उन दोनो को खूब मज़ा आ रहा है. उन दिनो में मुझे यह बातें अजीब नहीं लगी. मैं नादान थी और मुझ पे अभी जवानी का जोश नही चढ़ा था.

जब मैं 12 साल की हुई तो मेरा बदन बदलने लगा. मेरी छाती पे मेरे बूब्स आने लगे, मेरी चूत पर हल्के हल्के बाल उगने लगे.मैं जवान होने लगी. मैने आजमाया कि अपने बूब्स को सहलाने से मुझे अजीब सा मज़ा आता है.

जब मैं अपनी चूत पर हाथ फेरती तो बहुत ही अछा लगता. जब मैं मम्मी पापा को चुदाई करते देखती तो जी करता के मैं भी उनके साथ यह प्यार का खेल खेलूँ: पापा मेरे भी बूब्स को दबाएँ और अपना लंड मेरे अंडर डालें और में उनका लंड मुँह में लूँ और चूसू, जैसे मम्मी करती थी. फिर स्कूल में मेरी सहेलियों ने मुझे बताया के यह चुदाई का क्या मतलब है. मेरी सहेली लता ने तो अपने परोसी लड़के के साथ ट्राइ भी किया था.

उसने बताया के लड़के के लंड को हाथ मे लेके सहलाने से वो बड़ा हो जाता है और वो लोहे जैसे सख़्त अकड़ जाता है और उसको फिर मुँह में लेके चूसने में बहुत मज़ा आता है. उसने अपने फ्रेंड का लंड अपनी चूत पे भी उपर नीचे रगड़ा था.

उसको बहुत अछा लगा था. उसने बताया के लंड चूसने के बाद वो झाड़ जाता है और उसमे से खूब सारा मलाई जैसा पानी निकलता है जिसको पीने में बहुत मज़ा है. उसने बताया के वो अब अपने फ्रेंड का लंड अंदर भी लेना चाहती है. सिर्फ़ मौका मिलने की बात है. यह बातें सुनती तो मेरे अंदर अक्सर एक अजीब सी गरमाइश उठती थी और मेरा दिल करता था के मैं भी यह बातें आज़माऊ. तब तक मैं 18 साल की हो गयी थी.

एक दिन मैं स्कूल से आकर होमवर्क करने को बैठी. मम्मी, पापा दोनो ऑफीस गये हुए थे और मैं घर में अकेली थी. गर्मी थी इस लिए मैने सिर्फ़ टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे. हमारा कुत्ता भालू कमरे में आकर मेरे पास बैठा था. मेरा मन होमवर्क पर नहीं था. मेरे सर में तो सेक्स के ख्याल आ रहे थे जैसे लता ने सुनाए थे. मैं बेड पे पीछे लेट गयी और अपने बूब्स को, जो अब साइज़ 34 के हो गये थे, अपने हाथों के साथ मसल्ने लगी. फिर मैने अपनी

टी-शर्ट उतार दी ताके मेरे हाथ अछी तरह सब जगह पहुँच सकें. फिर मैने एक हाथ शॉर्ट्स के अंदर डाला और में अपनी चूत को सहलाने लगी. मेरी चूत हल्की सी गीली होने लगी और मेरी उंगलियाँ आसानी से मेरी चूत पे घूमने लगी. मेरा एक हाथ मेरे बूब्स पे और दूसरा हाथ चूत पे घूम रहा था. फिर अचानक मुझे महसूस हुआ के भालू की गरम गरम गीली ज़बान मेरी जाँघो को चाट रही है.

मैने भालू को पीछे धकेला और गुस्से से बोली “ नो भालू, बॅड बॉय”. मगर सच बताऊ तो वो भालू का चाटना मुझे बहुत अछा लगा था. कुछ देर बाद भालू फिर आकर मेरी जाँघो को चाटने लगा. मैं कुछ नहीं बोली और उसको चाटने दिया. आहिस्ता आहिस्ता वो उपर की तरफ, मेरी चूत के पास चाटने लगा. उसकी ज़बान बहुत गरम थी और उसका मुलायम फर मेरी चमड़ी पर रगड़ रहा था. मुझे बहुत अछा लग रहा था.

मेरी चूत भी खूब गीली हो चुकी थी और मेरे अंदर खूब गरमाइश चढ़ चुकी थी. मैने अपनी शॉर्ट्स नीचे खिस्काई और उतार दी. अब मैं बेड पर नंगी पड़ी थी. मैने भालू का सर अपने हाथ में लिया और उसको उपर अपनी चूत की तरफ खींचा. वो चाटने लगा. में तो बहाल होने लगी. मैने अपनी टाँगें फैलाईं और भालू को अपनी चूत का पूरा प्रवेश दिया.

अब उसकी ज़बान मेरे दाने पर भी घिस रही थी और कभी कभी मेरी कुँवारी चूत में भी प्रवेश करती थी. मैं बेड के किनारे तक खिसक गयी ताके भालू की ज़बान सब जगह तक पहुँच सके. उसकी लंबी, गरम और खर खरी ज़बान मेरी गांद से उपर मेरे दाने तक चाट रही थी. मेरी टांगे काँपने लगी. मैं अपने चुतड उपेर करके भालू से और जोश से चटवाने लगी. उसकी ज़बान मेरी चूत में घुस गई और मेरी गरमाइश बढ़ गई. मेरे अंदर में से यह गरमाइश मेरे पूरे बदन में फैल गई.

मेरी चूत अचानक झटके देने लगी और में मज़े में खो गई. मैं तब पहली बार झाड़ गई. मेरी चूत से और पानी बहने लगा जिसको भालू ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा. मेरा बदन पूरा थर थारा उठा. जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैने भालू को उपर बेड पर खींच लिया. वो दो पैर के साथ मेरे उपर खड़ा था और मेरे बूब्स को चाटने लगा. मैने फिर अपना हाथ नीचे उसके पैट को खिसकाया और मैं उसके लंड को सहलाने लगी, जोकि अभी उसके कवर में था.

आहिस्ता आहिस्ता उसका लंड बाहर आने लगा. वो बहुत गरम और गीला चिकना था. थोड़ी ही देर में वो लंबा मोटा और सख़्त हो गया और भालू हांफता हुआ हवा में, मेरे उपर धक्के लगाने लगा. मैने नीचे देखा तो उसका लंड अब कम से कम 9 इंच लंबा हो चुका था. मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके लंड को अपनी चूत पर फेरने लगी. जन्नत का मज़ा मिल रहा था. मेरी साँस फूल गयी और मैं फिर से काँपति, झटके खाती हुई झर गई.

अब मेरा कुत्ता पूरे जोश में था. उसका लंबा सख़्त लंड मेरी चूत के फांको के बीच था. कभी कभी वो मेरी चूत के छेद पर भी आता था और थोड़ा अंदर भी जाता था. वो झटके मारने लगा और अचानक उसका लंड मेरे अंदर कोई 3-4 इंच तक समा गया. मेरी चूत तो पूरी तरह से गीली थी और उसका लंड आगे से तीखा और चिकना था. पहले तो मुझे डर सा लगा. मेरे दिमाग़ मे आया कि अभी तो आधे से ज़्यादा लंड बाहर है, बाकी कैसे अंदर लूँगी? मगर भालू को इन सब बातों का क्या पता था. वो तो चोद्ने में मगन था.

वो अपनी कुत्ते की रफ़्तार से मेरे अंदर बाहर जा रहा था. हर झटके के बाद उसका लंड थोड़ा और मेरे अंदर समा जाता. उसके लंड में से थोड़ा थोड़ा गरम गरम पानी सा मेरी चूत को और भी गीला और चिकना कर रहा था. मेरी चूत भरी जा रही थी और में मज़े से अपने कुत्ते से चुद रही थी. मैने जोश में आ कर भालू को पीछे से पकड़ा और ज़ोर से अपनी तरफ खींचा. मुझे नही पता था कि क्या होगा.

उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर पूरा समा गया. मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर कुछ फटा है और में दर्द से चीख पड़ी. भालू ने मेरी सील तोड़ दी थी. मैने उसे धकेल कर उसको मेरे अंदर से निकालने की कोशिश करी मगर मैं उसको पीछे नही हटा पाई. उसने अपने अगले पैर मेरे बदन के पीछे अटकाए हुए थे और वो मेरे उपर चिप्टा हुआ था. उसका धड़ मेरे बूब्स और पेट पर सरक रहा था. उसकी ज़बान मेरी गर्दन और मुँह को चाट रही थी. मैं अपनी दर्द बिल्कुल भूल गयी और उसकी चुदाई का मज़ा लेने लगी.

अब भालू का पूरा 10 इंच लंबा गरम गरम मोटा लंड मेरे अंदर बाहर जाने लगा. में भी अपनी लातें फैला कर अपने चुतड उठा उठा उसके धक्कों का मुक़ाबला कर रही थी. जन्नत का मज़ा आ रहा था मुझे. उसका लंड हर धक्के के साथ मेरी पूरी गहराई तक पहुँच रहा था. मैं तब बहुत ही ज़ोर से झर गयी. मेरा पूरा बदन फिर से काँप उठा और मेरी चूत झटके खाने लगी. भालू नही रुका और मुझे चोद्ता रहा.

उसकी रफ़्तार बढ़ती गयी और मुझे ऐसे लगा जैसे उसका लंड और भी मोटा होता जा रहा है. मैने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ा तो मैने महसूस किया कि उसका लंड जड़ के पास बहुत ज़्यादा मोटा था. मोटा ही नहीं वो तो एक टेन्निस बॉल जैसे गोल था. हर धक्के से यह गोला मेरी चूत के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. फिर वही हुआ. वो गोला मेरी चूत के अंदर चला गया.

मुझे लगा जैसे मेरी चूत फॅट जाएगी. भालू फिर मेरी चूत में झरने लगा और उसने अपना गरम गरम वीर्य मेरे अंदर एक पिचकारी जैसे छोड़ दिया. अब वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. हम दोनो चूत और लंड से जुड़े हुए थे. फँसे हुए थे जैसे कुत्ता और कुतिया जुड़े हुए दिखते हैं.

मेरा कुत्ता और में पूरे 15 मिनिट ऐसे ही पड़े रहे. उतने में मैं एक बार फिर झाड़ गयी.

फिर उसका लंड ढीला हुआ और वो मेरी चूत में से निकला. साथ ही उसका ढेर सारा पानी निकला. भालू मेरे उपर से उठा और कमरे के एक कोने में बैठके अपना लंड चाटने लगा. में बेड पर लेटी रही और अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेती रही.

एक तरफ मेरा दिमाग़ कह रहा था कि भालू एक जानवर है, इंसान नहीं. मगर मन कह रहा था कि यह मज़ा फिर से ले लो. काफ़ी कन्फ्यूज़्ड थी मैं. अगले दिन दोपहर को जब मैं पलंग पे लेटी हुई थी, भालू खुद ही आकर मेरी जांघे चाटने लगा. मैने कुछ देर सोचा कि मैं क्या करूँ. फिर मेरे से रहा नहीं गया और मैने अपने टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिए. बेड पे सरक कर में किनारे पर आ गयी और मैने भालू को पूरा रास्ता दे दिया मुझे चाटने को. वो तुरंत मेरी चूत को चाटने लगा.

आहिस्ता आहिस्ता उसका चाटने में और जोश आया. उसकी लंबी खर खरी ज़बान मेरी गांद के छेद पे शुरू होकर मेरी चूत और मेरे दाने तक चाट रही थी. कभी कभी उसकी ज़बान मेरी चूत के अंदर भी पहुँच रही थी. मेरा बदन अकड़ने लगा और कुछ ही मिनिट में मैं झटके खा खा कर झाड़ गयी. कुछ देर तक में ऐसे लेटी रही. जब मुझे थोड़ा आराम आया मैं उठी और फर्श पर आ गयी. भालू का लंड उसके कवर में से निकला हुआ था और उसके पेट के नीचे लटक रहा था.

उसको मैने अपने हाथ में लिया और उसको हल्के हल्के सहलाने लगी. वो अकड़ने लगा और थोड़ा थोडा पानी छोड़ने लगा. मैने आगे झुक कर उसके लंड के छेद पर ज़बान लगाई. उसका पानी गरम था और टेस्टी. नमकीन सा और थोड़ा मीठा. फिर मैं भालू का लंड चूसने लगी. वो इतना लंबा था कि मैं उसको पूरा मुँह में नहीं ले पा रही थी. फिर भालू आगे को धक्के मारने लगा और अपने लंड को मेरे मुँह में पेलने लगा. साथ ही वो अपना सर मोड़ के मेरी गांद को चाटने लगा.

में फिर झाड़ गयी में अपने हाथों और घुटनों के सहारे में बैठी थी कुतिया जैसे. भालू ने अपना लंड मेरे मुँह से खींचा और वो घूम के मेरे पीछे आ गया, और मेरे ऊपर चढ़ गया. उसका बदन मेरी पीठ पर था और उसने मुझे अपने अगले पैरों से ज़ोर से चिपका लिया था. उसका लंड मेरे पीछे धक्के मार रहा था. कभी गांद के पास और कभी चूत के पास. अचानक उसका निशाना ठीक हुआ और उसका लंड मेरी चूत में समा गया.

दो तीन धक्कों में उसका पूरा 10 इंच का लंड मेरे अंदर आ गया, और वो तेज़ रफ़्तार से मेरी चुदाई करने लगा. उसका मोटा लंबा और गरम लंड मुझे पेलते पेलते मेरी पूरी गहराई तक प्रवेश कर रहा था. मैं परमानंद में थी स्वर्ग का मज़ा ले रही थी. कुच्छ 15 तो 20 मिनिट के बाद में फिरसे झाड़ गयी. मेरा पानी छूट गया और मेरा पूरा बदन थर थराने लगा. मेरी चूत झटकने लगी. भालू उसी रफ़्तार से चोद्ता रहा. उसका लंड मेरे अंदर भरा हुआ था.

मेरा क्लाइमॅक्स जारी रहा. बहुत देर के बाद भालू ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. उसका लंड इतना मोटा हो गया था के वो मेरे अंदर फँसा ही रहा. निकल नहीं पा रहा था. जैसे कुत्ता और कुतिया फँसते हैं वैसे हम दोनो फँसे हुए थे. में लगातार झाड़ रही थी. सोच रही थी के यह कब ख़तम होगा. फिर 15 मिनिट के बाद उसका लंड मुरझाया और वो मेरे अंदर से निकला. साथ साथ उसका ढेर सा पानी मेरी चूत में से निकला. में थकावट के मारे वहीं फर्श पर लुढ़क गयी.

भालू मेरे सामने लेट गया और मेरे मुँह और बूब्स को चाटने लगा. मैने उसको अपनी बाहों में ले लिया और मैं वैसे ही सो गयी. मैने अपनी सहेली लता को इस बारे में कुछ नहीं बताया. हम उस वक़्त दोनो 13 साल की उमर के थे. लता अपने पड़ोस के लड़के रवि, के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही थी. उसने रवि का लंड चूसा था और अपनी चूत पर भी रगड़ा था. फिर उसने मुझे बताया कि उस रात उसके परिवार वाले बाहर जा रहें हैं और उसने रवि को घर बुलाने का प्रोग्राम बनाया है.

उसने पूछा शबनम, तू भी आएगी? मैं बोली लता, तू पागल है ? मैं वहाँ क्या करूँगी ?लता बोली अरे यार मैं बहुत नर्वस हूँ. तू साथ होगी तो मुझे सहारा मिलेगा. तो मैं मान गयी. शाम को मैं पढ़ाई के बहाने मम्मी से इजाज़त लेकर लता के घर गई. लता बेडरूम में बैठी थी. बहुत सेक्सी कपड़े पहने थे उसने. एक पीले रंग का टाइट टॉप जिसके अंदर उसके छ्होटे छ्होटे बूब्स तने हुए थे और उसके उभरे हुए निपल्स सॉफ सॉफ दिख रहे थे. नीचे उसने हॉट-पॅंट्स पहनी थी.

उसका फिगर बहुत ही सुन्दर लग रहा था. हॉट पॅंट्स के अंदर उसके चूतड बहुत सेक्सी लग रहे थे. मैं बोली लता तू तो बहुत प्यारी लग रही हो. जी करता है के तुझे चूम लूँ. तो लता ने जवाब दिया “अर्रे शबनम, मैं भी तो कब से ये ही चाहती हूँ. आ मेरे पास. मैं हैरान हो गई और लता के पास गयी. उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और हम ने अपना पहला किस किया. शुरू में तो कुछ संकोच और शरम के साथ था. हम दोनो को शायद अच्छा लगने लगा.

तो लता ने अपना मुँह खोल लिया और मैने उसको चूमते हुए अपनी ज़बान उसके मुँह में डाली. मुझे एक बिजली का शॉक सा लगा उसकी ज़बान के मिलन से. मीठा मीठा टेस्ट आया उसके मुँह का. हम एक दूसरे की बाहों में लिपटे ऐसे किस करते रहे. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. मैने एक हाथ से लता के बूब्स को दबाया और सहलाने लगी. लता सिसकारियाँ लेने लगी और उसके हाथ भी मेरे बदन पर फिरने लगे.

लता मेरी सलवार के उपेर से ही मेरी जाँघो पे अपना हाथ फेरने लगी. मैने अपनी लातें थोड़ी फैला दी और उसका हाथ उपर आया और मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं पागलों जैसे सिसकारियाँ लेने लगी. लता ने मेरा नाडा खोला और मेरी सलवार नीचे गिर गई. उसका हाथ मेरी चड्डी के अंदर गया और वो मेरी नंगी चूत पर फिरने लगा. मैं गीली होने लगी. उतने में मैं लता को किस कर रही थी मैं उसकी गर्दन और कंधों को चाटने लगी. फिर मैने लता के टॉप को नीचे खिसकाया.

उसके प्यारे गोल बूब्स जिनके उपर गुलाबी निपल्स को देख कर मैं बहाल हो गई. मैं झुकी और उसके बूब्स को चूसने लगी. उसकी एक उंगली मेरी चूत के फांकों के बीच थी और मेरी गीली चिकनी चूत उसकी उंगली को प्रेशर देने लगी. अचानक उसकी उंगली मेरी चूत के अंदर समा गई. कुच्छ देर बाद हम दोनो अलग हुए. हमारी आँखें मिली और तब हम दोनो को अहसास हुआ के हम एक दूसरे को बहुत चाहते हैं. हमारा दोनो का प्यार कुच्छ ही देर पहले पैदा हुआ था.

लता कुच्छ महीनो से अपने दोस्त रवि के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही थी. उसने रवि का लंड चूसा था और उसका पानी भी पिया था. मगर अभी तक उसने रवि के साथ चुदाई नही की थी. आज उसने रवि को अपने घर इसी लिए बुलाया था.

जब बेल बजी तो मैने लता से पूछा ‘अब क्या करें ?’

तो लता बोली ‘अर्रे यार शबनम, तू तो मेरी बेस्ट फ्रेंड है. तू तो सब कुच्छ जानती है. तू कपबोर्ड में छुप जा और सब कुच्छ देख ले. मुझे अच्छा लगेगा अगर तू मेरे साथ होगी.’

लता के कमरे में उसके कपड़ों के लिए एक बड़ी कपबोर्ड थी. उसने मुझे उस में छुपा दिया और दरवाज़ा थोड़ा खुला छोड़ दिया ताके मैं सब कुच्छ देख सकूँ. फिर उसने घर का दरवाज़ा खोला और रवि को अंदर बुलाया.

लता की चेहरा, हमारी कुच्छ ही मिनिट पहले की कारिस्तानी से,बिल्कुल खिला हुआ था. उसके निपल अभी आकड़े हुए थे और उसके सेक्सी टॉप के अंदर से सॉफ दिख रहे थे, और उसकी हॉट-पॅंट का उपर का बटन खुला था, जिस से उसकी पैंटी का एलास्टिक दिख रहा था. रवि थोड़ा शरमाता हुआ अंदर आया और बोला ‘हाई लता, तू बहुत सुंदर लग रही है.’

क्रमशः......................................
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02-26-2019, 09:35 PM,
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मेरी तन्हाई का साथी--2


गतान्क से आगे............

लता कुच्छ नही बोली. उसने दरवाज़ा बंद किया और रवि को अपने कमरे में ले आई. अंदर आते ही लता, रवि से लिपट गयी. अब रवि ने उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसको मुँह पे किस करने लगा. लता ने अपना मुँह खोल दिया और रवि की ज़बान उसके मुँह में चली गयी. रवि ने अपने हाथ लता के टॉप के अंदर खिसकाये और वो लता की पीठ पर फेरने लगा. लता हल्के हल्के ‘उन्ह उन्ह उन्ह’ की आवाज़ें निकालने लगी. उसने रवि के शर्ट के बटन एका एक खोलने शुरू किए और उसके पॅंट की ज़िप भी नीचे खींच दी. रवि की चड्डी की उभार सॉफ दिखने लगी. लता बाहर से ही रवि के लंड को सहलाने लगी. उनका किस अभी जारी था. रवि ने फिर लता का टॉप उपर खींचा. लता ने अपनी बाहें उपर करी और रवि ने उसका टॉप उतार दिया और वो लता के 32 साइज़ के उभरे हुए गोल बूब्स को उसके ब्लॅक ब्रा के उपर से ही दबाने लगा.

फिर लता झुकी और घुटनों बल बैठ गयी … उसने रवि की पॅंट और चड्डी एक झटके से नीचे खींच दी. रवि का तना सख़्त लंड बाहर निकला. मैं देख के अचेत हो गयी … इतना सुंदर लग रहा था उसका 6 इंच लंबा लंड . मैं तो पहली बार किसी लड़के का साधन देख रही थी …. ब्लू मूवीस में तो देखे थे मगर असलियत में नहीं. लता ने उसको हाथ में लिया और ज़बान निकाल कर उसके टोपे को चाटने लगी. फिर लता ने रवि के लंड को मुँह में ले लिया और वो हल्के हल्के उसको अंदर बाहर करने लगी. रवि ने उसके सर पे हाथ रखा और वो लता को अपनी ओर खींचने लगा. अब उसका लंड आहिस्ता आहिस्ता और गहराई तक लता के मुँह में समाने लगा.

थोरही देर बाद रवि ने लता के मुँह में तेज़ी से झटके मारना शुरू किया. उसकी साँस फूली हुई थी और वो हर झटके के साथ ‘हुंग…. हुंग…. हुंग ‘ की आवाज़ कर रहा था. उसने लता का सर ज़ोर से पकड़ा और अपनी तरफ खींचा. उसका लंड अब जड़ तक लता के मुँह में पूरा गले तक चला गया. लता पीछे खींच रही थी मगर रवि ने नही छोड़ा. लता का मुँह अब रवि की झांतों पे दबा हुआ था. अचानक रवि अकड़ सा गया और उसका बदन थर थराने लगा. मुझे पता लग गया के वो लता के मुँह के अंदर ही झाड़ रहा है … पूरी गहराई तक. फिर रवि ने लता को कुच्छ ढील दी और लता ने अपना सर पीछे किया. उसके मुँह में से रवि का लंड बाहर निकला. उसके गाढ़े पानी की तारें लता के लबो से लटकी हुई थीं. रवि का पानी लता के गले में छूटा था तो उसको सब निगलना ही पड़ा था.

अलमारी में से यह सब देख कर मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी. मैने दो उंगलियाँ चूत में डाली हुई थी और मैं लातें चौड़ी कर के अपनी चूत को रगड़ रही थी.

अब रवि और लता बेड पे लेट गये और एक दूसरे को सहलाने लगे. रवि के हाथ लता के बदन पर फिर रहे थे, कभी उसके बूब्स को दबाते, कभी उसकी चिकनी जाँघो को मसल्ते और कभी उसकी चूत को प्यार करते. लता पीठ पे लेटी इस सब का मज़ा ले रही थी. उसके एक हाथ में रवि का लंड था और वो उसको हल्का हल्का मसल रही थी. कुच्छ ही देर में रवि का लंड फिर अकड़ने लगा और वो जल्दी ही अपनी पूरी लंबाई पे आ गया. रवि लता के निपल को, जो बिल्कुल खड़े हो गये, ज़ोर से चूस रहा था और उसके बूब्स ज़ोर से दबा रहा था.

लता भी अब पूरी गरम हो गयी थी. उसने रवि को अपने उपर खींच लिया और वो दोनो जोश से टंग किस्सिंग कर रहे थे. रवि का लंड पूरी तन्नाव में था और लता की चूत के ऊपर लटका हुआ था. लता ने खुद ही उसका लंड हाथ में लिया और अपनी चूत के मुँह पर लगाया. दूसरे हाथ से उसने रवि के कूल्हो को दबाया. रवि का अकड़ा लंड लता की चिकनी गीली चूत में समाने लगा. आधा लंड तो आराम से लता की चूत में खिसकता गया.

तब लता की हल्की सी चीख निकली, ‘हाइ म्मूऊउम्म्म्मय्ी मै मर गयी. बड़ी दर्द हो रही है. है रवि निकालो इसको’.

रवि तो अब पूरे जोश में था. वो अपने कूल्हे दबाता गया और अचानक उसका लंड एक ही झटके में लता की गीली चूत में पूरा समा गया. फिर रवि रुक गया. लता उसके नीचे दर्द से हल्के से रो रही थी. मैने देखा के उनके नीचे चादर लाल होने लगी थी …. लता के खून से. रवि ने लता के कुँवारापन का फूल लूट लिया था.

कुच्छ देर वो दोनो ऐसे ही पड़े रहे. फिर रवि आहिस्ता आहिस्ता लता के ऊपर हिलने लगा. वो अपना लंड धीरे से निकालता और फिर धीरे से फिर लता की चूत में पेलता. शुरू में लता ने दर्द की आहें ली मगर जल्दी ही वो अपनी लातें फैला कर रवि के लंड को मज़े से अंदर लेने लगी. अब वो अपने कूल्हे उठा उठा कर रवि के झटकों का साथ देने लगी. ऐसे ही वो चुदाई में मगन हो गये. उनकी रफ़्तार तेज़ होने लगी और अब उनकी चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूंजने लगी. एक तो लंड और चूत के मिलन की आवाज़ और दूसरे रवि के ‘उन्ह.. उन्ह.. उन्ह’ और फिर लता का ‘आ.. आ.. आ’, यह सब आवाज़ें एक साथ मुझे भी पागल कर रही थी.

मैं तेज़ी से अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फेर रही थी …. मेरा दाना उभर कर बड़ा हो गया था, मेरी चूत पानी छोड़ रही थी. मुझ में मौज की लहरें दौड़ रहीं थी. और फिर मैं इन दोनो की चुदाई देखते देखते झड़ने लगी.

उधर लता और रवि भी जोश की हद पे पहुँच गये थे. लता मस्ती में चिल्ला रही थी ‘रवि, मेरी जान …. और चोदो … और चोदो…. पेल दो मेरे अंदर …. ऊओह आअहह एम्म्म ‘ और रवि की रफ़्तार और भी तेज़ हो गे थी. उसका लंड लता की पूरी गहराई तक जाता था और फिर उसकी झांतों पर रगड़ता था. लता का बदन अकड़ने लगा, और वो झटके खाती खाती झड़ने लगी. वो रवि से चिपेट गयी. उसकी लातें उसकी पीठ पर टाइट हो कर लिपटी हुई थीं और उसका बदन ज़ोर से काँप रहा था. फिर रवि भी झटकने लगा. मैं समझ गयी के वो मेरी सहेली लता की चूत में झाड़ रहा है. मुझसे भी रहा नही गया और मैं भी तब बहुत ही ज़ोर से झाड़ गयी.

कुच्छ देर बाद रवि उठा और अपने कपड़े पहन ने लगा. लता बेड पे ही पड़ी रही. फिर रवि, मेरी नंगी लता को किस करके चला गया. मैं बाहर आई और अपनी चुदि हुई सहेली के साथ लेट गयी. मैने उसकी चूत में उंगली डाली. उसकी चुदाई का जूस उसकी चूत में से टपक रहा था … लता का पानी और रवि की वीर्य का मिक्स्चर. मैने उंगली को मुँह मे डाला और उस मिक्स्चर को चाट गयी. लता गहरी नींद में सो गयी और मैं भी कपड़े पहन कर घर चली गयी.

अगले दिन हम ने स्कूल में तय किया के हम दो दिन बाद लता के घर में ही ट्राइ करेंगे अपने नये जगे हुए प्रेम को आज़माने के लिए. क्या था के लता को अभी चुदाई से काफ़ी तकलीफ़ हो रही थी. दो दिन के बाद मैं लता के घर, स्कूल के बाद पहुँची. लता अपने कमरे में बिल्कुल नंगी बैठी पॉर्न मूवी देख रही थी. जैसे मैं अंदर आई तो लता ने उठ कर पहले दरवाज़ा लॉक किया और मुझे अपनी बाहों में ले लिया. वो मुझे लिप्स पे किस करने लगी. मैं भी गरम थी और में साथ देने लगी. मैने लता के खुले मुँह में अपनी ज़बान डाल दी. फिर से खूब ज़ोर से बिजली जैसा शॉक लगा और मैने लता की मिठास को टेस्ट किया.

हम ऐसे किस करते रहे. लता ने मेरे बूब्स पर हाथ फेरना शुरू किया. मैं सिसकारियाँ लेने लगी और मैने लता की चूत पर हाथ फेरा. उसने तुरंत अपनी लातें चौड़ी कर दी ताके मैं अच्छी तरह से पहुँच जाउ. उसकी चूत चिकनी और गरम थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसको सहलाते हुए. मैने अपनी एक उंगली लता की गीली चूत में खिसका दी. उसने अपनी चूत आगे करके मेरे हाथ पर दबाई. कुच्छ देर बाद हम दोनो बहुत गरम हो गये थे तो हम बेड पर बैठ गये. लता ने मेरी टी-शर्ट और पॅंट उतारनी शुरू करी. साथ साथ लता मुझे चाट रही थी. कभी गाल पर, कभी नेक, और कभी बाहों पर. मैने कपड़े उतरवाने में खूब साथ दिया और जल्दी से मैं भी बिल्कुल नंगी हो गयी.

अब हम बेड पर लेटे एक दूसरे को खूब किस और लीक करने लगे. हमारे बूब्स, जिन में जवानी की मज़बूती थी, एक दूसरे से दब रहे थे … निपल्स हम दोनो के स्टिफ हो गये थे. फिर लता ने भी अपनी उंगली मेरी चूत में खिसका दी और हम एक दूसरे को फिंगर फक्किंग करने लगे. लता की उंगलियाँ कभी मेरे दाने पर फिरती और कभी मेरी चूत में सरक्तीं. मैं भी लता को ऐसे ही कर रही थी. कुच्छ ही देर में हम दोनो झड़ने लगे. हमारा पानी छूटने लगा.

में बोली ‘ लता जल्दी 69 में आजा. मैने तेरा जूस पीना है.’

उसने मुझे पीठ पे लिटाया और वो मेरे उपर आई और उसकी चूत मेरे मुँह के सामने आ गयी. उसकी चूत में से थोड़ा थोड़ा पानी टपक रहा था. मैने अपनी ज़बान से उसको टेस्ट किया. बहुत टेस्टी था … कुच्छ मीठा और कुच्छ नमकीन. मैं जल्दी से उसका स्वीट जूस पीने लगी और उसे चाटने लगी, कभी मैं अपनी ज़बान उसकी चूत में डालती तो लता का पूरा बदन झटके खाने लगता.

उतने में लता भी बिज़ी थी. मैने अपनी लातें पूरी चौड़ी कर दी थीं और लता का सर मेरी चूत को दबा रहा था. वो भी मुझे चाट रही थी और मेरा माल पी रही थी. 10 मिनिट्स के बाद मैं फिर झाड़ गयी और मेरे बाद लता भी झड़ने लगी. हम दोनो एक दूसरे का जूस पीते रहे. कुच्छ देर बाद हम अलग हुए और बेड पर लूड़क पड़े. उसके बाद मैं अपने घर आ गई .

मैने अपने कुत्ते भोलू के साथ कई बार सेक्स किया और मज़ा लिया दोस्तो भोलू मेरी तन्हाई का साथी था

समाप्त
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02-26-2019, 09:35 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मेरी भूख


मेरा नाम शालु है. मेरी शादी को 26 साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ. मेरे हज़्बेंड का नाम मुन्ना है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकिन अब कुच्छ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले ले कर चुड़वाती हूँ. मेरी उमर अब 43 साल है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उमर 18 साल और उनकी उमर 19 साल की थी. मेरा हज़्बेंड का लंड बहुत ही छ्होटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल 3" लंबा और 1" मोटा हो पता है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छ्होटी थी. सुहग्रात को जब उन्होने अपने छ्होटे से लंड से मुझे चोडा तो मेरी चूत से खून आ गया था. सुहग्रात के दिन उन्होने मुझे 5 बार चोडा था. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. उनके छ्होटे से लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकिन शरम के मारे कुच्छ कह नहीं पाती थी.

लगभग 1 साल तक मैं उनसे खूब चुड़वाती रही लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोद्ते समय बहुत जल्दी झाड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी 5-10 मिनिट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छ्होटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दिन मैने उनसे कहा, "मुन्ना, तुम्हारा लंड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छ्होटा है. मुझे तुम्हारे लंड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ. मैने काई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड से बहुत लंबा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड से चुड़वाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लंड को अंदर लेना चाहती हून. मेरी शादी को अब 1 साल हो गये हैं. मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुच्छ बोल नहीं पा रही थी लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दस्त नहीं कर पा रही हून. जब तुमने मुझे सुहग्रात के दिन चोडा था तब मेरी चूत एक दम टाइट थी और मुझे केवल 2-4 दीनो तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया. मैं सुहग्रात के कुच्छ दिन के बाद से ही तुम्हारे छ्होटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकिन मैं नयी नयी आई थी इसलिए कुच्छ भी नहीं बोली.

अब हमारी शादी को 1 साल हो गये हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ." उन्होने कहा, "शालु, मैं अपनी कमी जनता हून और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैने बहुत इलाज़ कराया लेकिन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूँ. तुम ही कुच्छ बताओ. मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छ्चोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मार जौंगा." मैने कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हून और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले तोड़ा बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता."
वो सोच में पद गये. कुच्छ देर बाद वो बोले, "अगर मैं एक मोटी कॅंडल ला कर तुम्हें कॅंडल से चोद डून, तो कैसा रहेगा." मैं कुच्छ देर सोचने के बाद राज़ी हो गयी. वो बाज़ार से एक कॅंडल ले आए. उन्होने मुझे वो कॅंडल दिखाई तो मैने कहा, "ठीक तो है. वो कॅंडल लगभग 8" लंबी और 1 1/4" मोटी थी. मैने कहा, "लेकिन ये तो आदमियों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुच्छ हद तक शांत हो जाएगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये कॅंडल मेरी चूत में दल कर खूब चोदो मुझे."

हम बेडरूम में आ गये. मैं बेड पर लेट गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगे. 2-3 मिनिट में ही मैं पुर जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी फिर बोली, "मुन्ना, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूखी हूँ. दल दो पूरी कॅंडल मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस कॅंडल से मुझको." वो बोले, "ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये कॅंडल दल कर चोद्ता हून और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गये. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. कॅंडल उनके लंड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग 5" तक घुस गयी. मेरे मूह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली. उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर बाहर करने लगे.

मैं सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक वो कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गये की अब मैं झड़ने वाली हून और 2 मिनिट में ही मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. मैने कहा, "मुन्ना, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा अंदर डालो ना इस कॅंडल को मेरी चूत में." उन्होने कॅंडल को तोड़ा और ज़्यादा मेरी छूट के अंदर डाला तो मुझे कुच्छ दर्द महसूस हुआ. वो कॅंडल अब तक मेरी चूत में 6" तक घुस चुकी थी. मैने कहा, "रुक जाओ मुन्ना, अब और ज़्यादा मत डालो. दर्द हो रहा है. इतना ही अंदर दल कर चोदो मुझे." उन्होने कॅंडल को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिसकारियाँ भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गये थे और मेरे मूह में ही झाड़ गये. मैने उनके लंड का सारा पानी निगल लिया. वो कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगे. 8-10 मिनिट बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी और बोली, "मुन्ना, बहुत मज़ा आ रहा है. काश तुम पहले ही ये कॅंडल ले आते और मेरी छूट में डालकर चोद्ते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती. मुन्ना, अब देर ना करो, दल दो पूरी कॅंडल मेरी छूट में और खूब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करो." उन्होने उस कॅंडल को मेरी चूत में पूरा अंदर दल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मुझे थोड़ी देर के लिए कुच्छ दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपना चूतड़ उच्छल उच्छल कर कॅंडल को पूरा अंदर लेने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अभी 10 मिनिट भी बीता था की मैं फिर से एक बार झाड़ गयी. मैं अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "मुन्ना, मुझे अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. खूब तेज़ी के साथ अंदर बाहर करो इस कॅंडल को मेरी चूत में." वो भी जोश में आ गये थे और उनका लंड दूसरी बार फिर से एक दम टन गया था. वो बोले, "शालु, मैं भी बहुत जोश में आ गया हून और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लून." मैने कहा, "मुझे इस कॅंडल से बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज़. अभी मुझे कॅंडल से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना." वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गये. उन्होने मुझे उस कॅंडल से चॉड्ना ज़ारी रखा. मैं खूब मज़े के साथ कॅंडल को अपने चूत के अंदर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

5 मिनिट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. वो मुझे 30-35 मिनिट में 4 बार झाड़ता हुआ देखकर सोच में पद गये क्यों की एक साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छ्होटा होना था. वो मेरी चूत में कॅंडल को अंदर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रहा था. मेरी चूत ने कॅंडल को एक दम जाकड़ रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने कॅंडल को मेरी चूत से बाहर निकल लिया तो मैं बोली, "मुन्ना, तुमने कॅंडल क्यों निकल ली. प्लीज़, कुच्छ देर तक और अंदर बाहर करो. मुझे एक बार और झाड़ जाने दो, प्लीज़." उन्होने कॅंडल को दोबारा में चूत में दल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झाड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर पूरी कॅंडल को अपने चूत में ले रही थी.

लगभग 20 मिनिट के बाद मैने अपना चूतड़ बहुत तेज़ी के साथ उपर उठना शुरू कर दिया तो वो समझ गये की मैं अब फिर से झड़ने वाली हून. उन्होने कॅंडल को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैने कहा, "प्लीज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम छत लो. इस बार ये बहुत मेहनत के बाद निकला है." उन्होने मेरी चूत का सारा पानी छत लिया और बोले, "शालु, अब मैं चोद लून." मैने कहा, "तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं एक साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तय्यार हूँ."

उनका लंड तो पहले से ही खड़ा था. उन्होने मेरी चूत में अपने लंड को डाला तो कॅंडल से चुड़वाने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम आराम से घुस गया. उनके लंड पर मेरी चूत की कोई पकड़ नहीं थी और मुझे कुच्छ भी पता नहीं चल रहा था. उन्होने मुझे चॉड्ना शुरू कर दिया लेकिन उनको कोई मज़ा नहीं आ रहा था. वो बोले, "कॅंडल से चुड़वाने के बाद तुम्हारी चूत तो एक दम ढीली हो गयी है. मुझे मज़ा नहीं आ रहा है." मैने बहुत जोश में थी और बोली, "मेरी गांद अभी तक एक दम टाइट है. प्लीज़, अगर तुम चाहो तो मेरी गांद मार लो. लेकिन एक शर्त है." उन्होने पूचछा, "क्या." मैने कहा, "हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हूमें एक दूसरे के दर्द का एहसास भी है. मुझे कॅंडल से चुड़वाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन असली लंड से जो मज़ा आएगा वो कॅंडल में कहाँ है. तुम मेरे लिए किसी आदमी का इंतेज़ाम कर दो जिसका लंड लंबा और मोटा हो. मैं प्रॉमिस करती हून की तुम्हारे अलावा मैं पूरी ज़िंदगी केवल उस आदमी से ही चुदवौन्गि." वो सोच में पद गये. थोड़ी देर बाद वो बोले, "ठीक है. बाद में बता दूँगा." मैने कहा, "ठीक है. तुम मेरी गांद मार लो." मैं पेट के बाल लेट गयी.

उन्होने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया और मेरी गांद के च्छेद पर रख दिया. मैने अपना चूतड़ और उपर उठा दिया जिस से उनका लंड आराम से पूरा मेरी गांद में घुस जाए. उन्होने एक धक्का मारा तो मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से एक चीख निकल गयी. उनका लंड तो बहुत छ्होटा था ही. एक ही धक्के में मेरी गांद में आधे से ज़्यादा घुस गया. उन्होने और ज़्यादा नहीं डाला और मेरी गांद में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. मेरा दर्द 2 मिनिट में ही काम हो गया और मैं शांत हो गयी. मुझे मज़ा आने लगा और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उनसे गांद मरने लगी. उनको भी मज़ा आने लगा. उन्होने फिर एक ज़ोरदार धक्का मार दिया तो उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. मेरी गांद बहुत ही टाइट थी. पूरा लंड घुसते ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी. लेकिन वो बहुत जोश में थे और रुके नहीं.

उन्होने तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गांद में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. थोड़ी हो देर बाद मेरा दर्द कुच्छ काम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैं अपनी गांद उपर उठा उठा कर उनका साथ देने लगी. आज उनके छ्होटे से लंड से मुझे गांद मरने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, "मुन्ना, तुम्हारा छ्होटा लंड तो मेरी गांद के ही लायक है. ये मेरी गांद में बहुत टाइट है. मुझे खूब मज़ा आ रहा है. जब मुझे कोई दूसरा चोदेगा तो मेरी चुत तुम्हारे लंड के लायक नहीं रह जाएगी, यह एक दम ढीली हो जाएगी. तुम मेरी गांद मार लिया करना. इस से तुम्हें भी मज़ा आएगा और मैं भी गांद मरने का मज़ा ले पौँगी." वो बोले, "ठीक है." 10 मिनिट तक मेरी गांद मरने के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. उन्होने अपना लंड जैसे ही मेरी गांद से बाहर निकाला तो मैने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. इतने प्यार से आज तक मैने उनका लंड कभी नहीं चटा था. उन्हें खूब मज़ा आने लगा. उसके बाद हम थोड़ी देर तक आराम करते रहे.

15 मिनिट बाद मैने उनके लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया. वो बहुत जोश में आ गये और बोले, "आज तुम मुझसे दोबारा चुद्वओगि क्या." मैने कहा, "हन, अभी तुमने मेरी गांद मारी है अब चूत का भी मज़ा ले लो." लगभग 10 मिनिट तक मैं उनका लंड चूस्टी रही. उनका लंड फिर से खड़ा हो कर टन गया था. उन्होने मुझे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पद रहा था लेकिन मैं वो मुझे चोद्ते रहे. चूत में लंड के ढीला होने की वजह से मुझे बहुत काम मज़ा आ रहा था. उनके लंड पर मेरी छूट की पकड़ एक दम ढीली पद गयी थी. इस वजह से वो जल्दी झाड़ नही रहे थे और मैं भी नहीं झाड़ रही थी. वो मेरी चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे. उन्होने मुझे आज लगभग 1 घंटे तक चोडा. मैं भी आज बहुत खुश थी क्यों की उन्होने मुझे पहले कभी इतनी देर तक नहीं चोडा था. वो मुझे कभी भी 10 मिनिट से ज़्यादा नहीं चोद पाते थे. वो जल्दी झाड़ जाते थे. आज ज़्यादा टाइम लगने की वजह से उनको भी बहुत मज़ा आ रहा था. लगभग 10 मिनिट और चोदने के बाद वो झाड़ गये. आज मैं भी उनकी चुदाई से बहुत मस्त हो गयी थी और 2 बार झाड़ चुकी थी. चोदने के बाद जब वो मेरे उपर से हटे तो तुरंत ही मैने उनके लंड को बड़े प्यार से चाटना शुरू कर दिया. आज हम दोनो बहुत खुश थे. थोड़ी देर बाद हम सो गये.

दूसरे दिन जब वो मुझे कॅंडल से चोदने लगे तो मैं बोली, "तुमने मेरे बारे में कुच्छ सोचा." वो बोले, "मेरा दोस्त केशरी जो की मेरी दुकान में नौकरी भी करता है, वो कैसा रहेगा. हम लोग जब छ्होटे थे तो अपनी च्छूननी लंड को एक दूसरे की च्छूननी से नपते थे. उस समय मेरे सभी दोस्तों में केशरी की च्छूननी सबसे लंबी और मोटी थी. उसकी च्छूननी सबसे ज़्यादा गोरी भी थी. अब तक उसकी च्छूननी एक लंबा और मोटा लंड बन चुकी होगी. अगर तुमको केशरी पसंद हो तो मैं उस से बात कर लून. अभी केशरी की शादी भी नहीं हुई है." मैने कहा, "केशरी तो बहुत हॅंडसम है और गोरा भी. अगर केशरी की च्छूननी उस समय सबसे लंबी और मोटी थी तो अब वो खूब लंबा और मोटा लंड बन गया होगा. सबसे अच्च्ची बात है की केशरी तुम्हारा दोस्त भी है. वो किसी से कुच्छ कहेगा भी नहीं." वो बोले, "ठीक है. मैं केशरी से बात करता हून. मेरा समान पॅक कर देना. मुझे 2 दिन के लिए बाहर जाना है."

मैने उनका समान पॅक कर दिया. दुकान बंद होने के बाद रात 8 बजे घर आए तो मैने पूचछा, "मेरे काम का क्या हुआ." वो बोले, "अभी मैने केशरी से बात नहीं की है. वापस अवँगा तो बात कर लूँगा." मैं उदास हो गयी. तुम मेरा खाना निकल दो. मैने खाना निकल दिया और वो खाना खाने लगे. खाने के बाद जब वो जाने लगे तो मैं उनको दरवाज़े पर छ्चोड़ने आई. मेरा चेहरा एक दम बुझा हुआ था और मैं एक दम उदास थी. उन्होने मेरी तरफ देखा तो बोले, "मैने केशरी से बात कर ली है. वो लगभग 9 बजे आएगा. मेरे वापस आने तक तुम केशरी से जी भर कर चुदवा लेना." मैं खुशी से फूली नहीं समा रही थी. मैने उनके होठों पर एक चुंबन जड़ दिया और कहा, "ठीक है.
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मेरी भूख -2




मैं केशरी का इंतेज़ार करने लगी. मैं खुशी से एक दम पागल हो रही थी. मैं बहुत जोश में थी और मैने अपनी सारी और ब्लाउस को उतार दिया. मैं केवल पेटिकोट और ब्रा में थी और खुशी के मारे डॅन्स करने लगी.

रात के 9 बजे कॉल बेल बजी तो मैने दरवाज़ा खोला. वो केशरी था. मैं उसे देखकर मुस्कुराई और वो भी मुस्कुराया. मैने दरवाज़ा लॉक कर दिया. केशरी मुझे अपनी बाहों में जाकड़ लिया. उसने अपने होठों को मेरे होठों पर रख दिया. मैं जोश में आने लगी. उसने मेरी पीठ पर अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और मेरे होठों को चूमने लगा. मैने भी उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया. उसने मेरे होठों को चूमने के बाद मेरे गाल और मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. मैं जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी, "ऑफ... केशरी.... ओह...... और..... चूमओ........ ." उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और उसे उतरने लगा. मैने अपने हाथ उपर कर दिए जिस से वो मेरी ब्रा को उतार सके. उसने ब्रा को उतार कर फेक दिया. अब मैं केवल पेटिकोट में उसके सामने थी. उसने मेरी एक चूची को अपने हाथ में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरी पीठ को सहलाने लगा.

उसने पयज़ामा और कुर्ता पहन रखा था. उसका लंड पयज़ामे के अंदर ही खड़ा हो कर टन गया था. मैं उसका लंड अपने चूत के पास महसूस कर रही थी. वो बहुत बड़ा लग रहा था. मैं भी उसके पीठ को सहला रही थी. उसने मेरी पीठ को सहलाने के बाद मेरी कमर को सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसने मेरे पेटिकोट ने नाडे पर अपना हाथ रखा. मैं एक दम जोश में थी. मैं समझ गयी की अब वो मेरा पेटिकोट खोलने वाला है. उसने पेटिकोट के नाडे को झटके से खीच लिया तो मेरा पेटिकोट खुल कर नीचे ज़मीन पर गिर गया. मैं अब उसके सामने एक दम नंगी हो गयी थी. उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर लगाया तो मेरे मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी, ऑफ.......... केशरी........ हाए....... ओह......... . वो मेरी चूत को सहलाने लगा. मैने उसे अपनी तरफ खीच लिया और उसके चूतड़ पर हाथ फिरने लगी. उसने एक उंगली मेरी चूत में डाल दी, उफफफ्फ़........... आअहह.......... . मेरी चूत एक गीली होने लगी. मैने उसके पयज़ामे के नडे को खोलने लगी. उसका पयज़ामा खुलने के बाद नीचे ज़मीन पर गिर गया.

उसने अंदर कुच्छ नहीं पहना था. वो नीचे से एक दम नंगा हो गया. मैने कहा, "क्या तुम नीचे कुच्छ नहीं पहनते हो." वो बोला, "पहनता हूँ. लेकिन मैं आज तुम्हारी चुदाई करने आ रहा था. इस लिए मैने केवल कुर्ता और पयज़ामा ही पहन रखा है. मैने अपना हाथ उसके लंड पर फिरना शुरू किया. उसका लंड बहुत लंबा और मोटा था लेकिन अभी मैने उसे देखा नहीं था. केवल अपने हाथों से महसूस कर रही थी. मैने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया. उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जाकड़ लिया. वो अभी भी अपनी एक उंगली को मेरी चूत में अंदर बाहर कर रहा था. मेरे बदन में सिहरन सी हो रही थी. थोड़ी देर में उसने अपनी उंगली बाहर निकल ली फिर अपनी दो उंगली मेरी चूत में दल दी. अब मुझे कुच्छ दर्द सा होने लगा. मैं सिसकारियाँ भर रही थी, अफ....... उम्म........ ऑश........... . मेरे सहलाने पर उसका लंड और ज़्यादा टाइट हो रहा था. मैं उसके बदन से एक दम चिपकना चाहती थी लेकिन उसने अभी भी कुर्ता पहना हुआ था.

मैने उसके कुर्ते को नीचे की तरफ खीचा तो वो समझ गया. उसने अपना कुर्ता भी उतार दिया. अब हम दोनो एक दम नंगे थे. मैं उस से एक दम चिपक गयी. मैने अभी तक उसका लंड नहीं देखा था. मैने उसके लंड को अपने हाथों में ज़ोर से पकड़ लिया और आयेज पीच्चे करने लगी. उसका लंड एक दम गरम था. वो मेरी चूत में अपनी दो उंगली दल कर अंदर बाहर कर रहा था. मैं बहुत जोश में आ गयी और 2 मिनिट बाद ही मेरी चूत से पानी निकल गया. वो नीचे ज़मीन पर बैठ गया और मेरी चूत के पानी को चाटने लगा. सार पानी चाटने के बाद भी वो रुका नहीं और मेरी चूत को चट्टा रहा. मैं पागल सी होने लगी. मैने उसके बलों में अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और उसके सर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ दबा दिया.

5 मिनिट बाद उसने मेरी चूत को चाटना बंद कर दिया और मुझे गोद में उठा कर बेड पर ले गया और बेड के एक किनारे बिता दिया. अब वो खड़ा होकर मेरे सामने आ गया. उसका लंड एक दम मेरे मूह के पास था. मैने अब जाकर उसके लंड को पहली बार देखा. उसका लंड एक दम गोरा था और लगभग 8" लंबा और 2 1/2" मोटा था. मैने ऐसा लंड पहले कभी नहीं देखा था. मैने बिना उसके कुच्छ कहे ही उसके लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे बलों में अपना हाथ फिरने लगा. कुच्छ देर चाटने के बाद मैने उसके लंड को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं जोश से एक दम पागल हो रही थी. उसका लंड अपनी चूत में अंदर लेने के लिए बेताब हो रही थी. वो समझ गया. उसने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगों के बीच आ गया.

उसने मेरी चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए तो मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसने मेरी टाँगों को फैलाया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया. मैं बहुत जोश में आ गयी बोली, "केशरी, अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत में और खूब चोदो मुझे." केशरी ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरी चूत में केवल 2" ही घुसा था की मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा. केशरी ने मेरी चूत में अपने लंड को घुसना शुरू कर दिया. मैं तो पहले ही कॅंडल से छुड़वा चुकी थी. इस लिए मुझे अभी ज़्यादा दर्द नहीं हो रहा था. तोड़ा दर्द इस लिए हो रहा था क्यों की केशरी का लंड कॅंडल से बहुत ज़्यादा मोटा था.

केशरी ने एक धक्का लगाया तो उसका लंड मेरी चूत में 4" तक घुसा गया. मेरे मूह से हल्की हल्की चीख निकालने लगी. उसने जब थोड़ा सा और अंदर डाला तो मेरे मूह से एक ज़ोरदार चीख निकल गयी. केशरी का लंड अब मेरी चूत में 6" तक घुस चुका था. उसने और ज़्यादा लंड घुसने की कोशिश नहीं की और मुझे छोड़ने लगा. पहले उसने धीरे धीरे धक्का लगाया. जब मेरा दर्द कुच्छ काम हुआ तो मैं जोश में आ गयी. जब मैने अपना चूतड़ उपर उठना शुरू कर दिया तो उसने तेज़ी के साथ मुझे चोदना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर तक चुड़वाने के बाद मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा. मैने अपना चूतड़ उठा उठा कर केशरी का साथ देना शुरू कर दिया. मेरे चूतड़ उठाते ही केशरी ने और तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. वो अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और धक्के पर धक्के लगते हुए मुझे चोद रहा था. बीच बीच में वो एक धक्का ज़ोर से मार देता था जिस से उसका लंड मेरी चूत में और ज़्यादा अंदर तक घुस जाता था. मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. मेरा सारा बदन उसकी चुदाई से ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था. मैं बहुत जोश में आ गयी थी और मुझे अब दर्द का कोई एहसास नहीं रह गया था.

8-10 मिनिट की चुदाई के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. मैं उसके लंड के सूपदे को अपनी बच्चेड़नी के मूह पर महसूस कर रही थी, जिस से मुझे और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उसके हर धक्के का जवाब दे रही थी. 2-3 मिनिट बाद मैं झाड़ गयी लेकिन वो रुका नहीं. मुझे चोद्ता रहा.

10 मिनिट तक चुड़वाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. केशरी मेरे उपर से हट गया तो मैने पूचछा, "अभी तो तुम्हारे लंड का पानी भी नहीं निकला है. तुम हट क्यों गये." वो बोला, "तुम्हारी चूत एक दम गीली हो गयी है. पहले इसे कपड़े से सॉफ कर डून, उसके बाद फिर चोदुन्गा." उसने बेड पर से चादर उठा ली और मेरी चूत सॉफ करने लगा. मेरी चूत को सॉफ करने के बाद उसने अपना लंड फिर से मेरी चूत में डालना शुरू किया. मेरी चूत सॉफ होने के बाद एक दम सूख गयी थी, इस लिए मुझे फिर से दर्द होने लगा. केशरी ने मेरे दर्द की कोई परवाह नहीं की और अपना लंड मेरी चूत में घुसता रहा. मैं थोड़ा सा चिल्लाई लेकिन वो रुका नहीं. पूरा लंड मेरी चूत में घुसने के बाद वो मुझे चोदने लगा. थोड़ी देर में मेरा दर्द फिर से काम हो गया तो मैं उसका साथ देने लगी. मैने अपने चूतड़ को उसके हर धक्के के साथ उठना शुरू कर दिया. मेरे चूतड़ उठाते ही उसका लंड एक दम ज़द तक मेरी चूत में घुस जाता था और मैं उसके दोनो बॉल्स को अपनी गांद पर महसूस करने लगती थी.

लगभग 20 मिनिट तक वो मुझे इसी तरह चोद्ता रहा. इस बीच मैं 2 बार और झाड़ चुकी थी. मेरी चूत फिर से गीली हो गयी थी. केशरी ने अपना लंड बाहर निकल कर मेरी चूत को फिर से सॉफ किया. फिर उसने अपने लंड के सूपदे को मेरी चूत के बीच रखा. फिर उसने अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को ज़ोर से पकड़ लिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरे मूह से एक ज़ोर की चीख निकली और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. उसने बिना देर किए मेरी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसालते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. मैं हिचकोले खाने लगी. उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. मैं एक दम ज़न्नत का मज़ा ले रही थी. जब उसका पूरा लंड मेरी चूत में जाता तो मैं उसके दोनो बॉल्स को अपनी गांद पर महसूस करती. मैं भी अपना चूतड़ उठा उठा कर उसके ताल से ताल मिलने लगी. लगभग 20 मिनिट तक वो मुझे छोड़ता रहा और फिर मेरी चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान मैं 2 बार फिर झाड़ चुकी थी. अपने लंड का पूरा पानी निकल जाने के बाद वो हटा तो मैने उसका लंड छत छत कर सॉफ कर दिया. मैं एक दम तक कर चूर हो गयी थी और बेड पर ही लेट गयी. वो भी मेरे बगल में लेट गया. मुझे आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का असली मज़ा मिला था.
30 मिनिट तक आराम करने के बाद केशरी ने फिर से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. मैं समझ गयी की वो मुझे फिर से चोदना चाहता है. मैं उसके उपर आ कर 69 की पोज़िशन में हो गयी. मैने उसके लंड को मूह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. 5 मिनिट बाद ही हम दोनो फिर से तय्यार हो गये.

इस बार केशरी ने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और खुद मेरे पीच्चे आ गया. उसने मेरी चूत को फैला कर अपना लंड बीच में फसा दिया और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया. फिर वो मुझसे बोला, "तुम तय्यार हो जाओ, जानेमन. तुमको अब फिर से दर्द होने वाला है. मैं अब बिना रुके तुम्हारी चूत में अपना पूरा लंड डाल कर तुम्हारी चुदाई करने वाला हूँ. मैने कहा, "मेरी जान, मैं तय्यार हूँ. मैने आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का मज़ा तुमसे पाया है. शादी के बाद आज तक मैं एक दम भूखी थी. आज तुमने मेरी भूख को शांत किया है. तुमने आज मेरी चुदाई करके मेरे जोश को और भी भड़का दिया है. चिल्लाने दो मुझे. तुम मेरे चिल्लाने की परवाह मत करना. दल दो अपना पूरा लंड एक झटके से ही मेरी चूत में. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे." उसने मेरी कमर को पकड़ कर एक ज़ोरदार धक्का मारा. अभी उसका केवल आधा लंड ही मेरी चूत में घुस पाया था की मेरे मूह से चीख निकल गयी. वो रुका नहीं. वो धक्के पर धक्का लगाने लगा और में चिल्लती रही. वो रुका नहीं. 8-10 धक्कों के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. उसने मुझे तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में जब मेरा दर्द कुच्छ काम हुआ तो मैं भी अपना चूतड़ आयेज पीच्चे करके उसका साथ देने लगी. वो मुझे आँधी की तरह चोद रहा था.

उसने इस बार मुझे लगभग 45 मिनिट तक बिना रुके चोडा. अभी तक मैं 3 बार झाड़ चुकी थी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. रूम में फ़च-फ़च और धाप-धाप की आवाज़ हो रही थी. केशरी का भी पानी अब निकालने ही वाला था. उसने मेरी कमर को और ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी. मैने भी अपना चूतड़ और तेज़ी के साथ आयेज पीच्चे करना शुरू कर दिया. लगभग 5 मिनिट और चोदने के बाद केशरी मेरी चूत में झाड़ गया और मैं भी एक बार फिर केशरी के साथ ही साथ झाड़ गयी. सारा पानी मेरी चूत में निकालने के बाद केशरी ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैने उसे चाटना शर कर दिया. मैने उसका लंड खूब चाता और एक दम सॉफ कर दिया.
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02-26-2019, 09:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सरीना मेरे साथ ज़ियादा फ्री थी
.

यह आज से 1 साल पहले की बात हे जब में Bऑओम फाइनल एअर में पढ़ता था. हमारे कॉलेज में बोहट लड़कियाँ पढ़ती थी और हमारे क्लास मे भी काफ़ी लड़कियाँ थी. लेकिन उन्न में दो 2 लड़कियाँ ऐसी थी क जिन को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और में सिर्फ़ उनकी तरफ देखता रहता था. ऐक का नाम सरीना था और दूसरी आनी.

सरीना मेरे साथ ज़ियादा फ्री थी जब क आनी इतनी न्ही थी. में हमेशा उनको छोड़ने का सोचा करता था लेकिन कभी भी मोक़ा न्ही मिल सका था. ऐक हमारी क्लासस ख़तम हुए तो हम सब स्टूडेंट्स नीचे आ गाए. कुछ देर बाद में ने देखा क सरीना और आनी ऊपेर जा रही हाइन में ने उन्न्का पीछा काइया. वो दोनो क्लास में चली गई और दरवाज़ा बंद केरलिया. में दरवाज़े क साथ लग कर खड़ा हो गया और सोचा क जेसे ही वो निकलेंगी तो में क्लास मे अंडर जाने क बहाने किसी ऐक क ब्रेस्ट्स को हाथ लगा लूँगा.
लेकिन काफ़ी देर गुज़र जाने क बाद जब हू बाहर न्ही आई तो में ने दरवाज़े से कान लगा लिया अंडर से कुछ सेक्शी वाय्सस आ रही थी लीके आआहह ओह ह्म्‍म्म्ममममम. में समझ गया क कुछ तो हो रहा हे में इधेर उधेर देखने लगा क कहीं से कोई ऐसी जगा नज़र आए जहाँ से में उनको देख सकूँ. अचानक मुझे खिड़की (विंडो) मे ऐक होल नज़र आया और मे वहाँ से उनको देखने लगा वो दोनो बिल्कुल नंगी थी उन क कपड़े साइड वाली चेर पेर रखे हुवे थे और वो लेज़्बीयन एंजाय कर रही थी सरीना वाज़ लिकिंग आनी'स पुसी. और आनी दर्द और सेक्स क मारे वाय्सस कर रही थी जब मे ने उनको ऐसा करते देखा तो मेरा डिक भी खड़ा हो गया और ऐसा लग रहा था क अभी अंडरवेर फाड़ कर बाहर आज़ाएगा. आनी चीख रही थी कम ओं सरीना फास्ट मोरे फास्ट फक मे फक मे. कोई 10 मिनिट बाद मे ने देखा क अन्य की टाइट ब्लॅक पुसी से पूरे वाइट जूस बहेर निकला जो सीधा सरीना क फेस और मौत पेर गिरा और सरीना उसे मज़े से पीने लगी और आनी से कहा क तुम भी छातो. आनी बिल्कुल मदहोश हो गई थी इश्स क बाद सरीना चेर पेर बेती & आनी से कहा क अब तुम मेरी पुसी को लीक करो आनी ने जब उसस्की लेग्स को ओपन काइया तो यह देख कर में बिल्कुल हेरान हो गया क सरीना की पुसी ओपन थी बिल्कुल लीके ब्लू प्रिंट मूवीस.

मुझे बोहट हैरत हुए आनी ने सरीना से कहा क तुम्हारी पुसी इतनी ओपन क्यूँ हे तो सरीना ने कहा क आनी जान तुम ने आज यह पहली बार काइया हे जब तुम रोज़ करोगी तो अपनी फिंगर इन आउट करोगी तो तुम्हारी भी ऐसी हो जाएगी और में तो रोज़ फक भी करवाती हूँ अगर तुम हमारे घर आओ तो मे तुम्हे भी चुड़वऊंगई अपने पड़ोसी से बोहट मज़ा आता हे और मेरी ऐक विश हे क मेरी पुसी इतनी ओपन हो जाए क में अपना पूरा हाथ इश्स मे अंडर ले सकूँ. कोई 8-10 मिनिट बाद सरीना भी रिलॅक्स हो गई और वो दोनो अपने कपड़े पहेनिने लगी क अचानक मेरे मूह से आवाज़ निकली और में भी रिलॅक्स हो गया. उन्हो ने वो आवाज़ सुननली तो आनी ने कहा क शायद कोई हमें देख रहा था तो सरीना बोल्ली कोई बात न्ही मे देखती हूँ सरीना ने दरवाज़ा थोड़ा सा खोला बिकॉज़ शी वाज़ स्टिल अनड्रेस्ड और बोल्ली कों हे? मे ने हिम्मत कर क कहा क मे सागर तो वो बोल्ली क क्यूँ आए हो? मे ने कहा क अपनी पेन भूल गया था हू लेने आया हूँ. यूयेसेस ने कहा ठीक हे अंडर आजओ मे जेसे ही अंडर गया तो देखा क वो दोनो अभी तक अनड्रेस्ड थी आनी ने ब्रा और अंडरवेर पहना था जब क सरीना बिल्कुल नंगी खड़ी थी यूयेसेस ने मुझसे कहा क मुझे पता था क तुम ज़रूर आओगे क्यूँ क में तुम्हे रोज़ क्लास मे देखती थी क तुम सिर्फ़ हमारी आस और ब्रेस्ट को देखते हो लेकिन तुम कुछ कर न्ही सकते थे मुझसे ज़ियादा तुम इश्स ब्लॅक ब्यूटी आनी मे इंट्रेस्टेड थे जब वो चलती थी तो तुम्हारी नज़र उसकी बॉडी को घूरती थी में भी तुमको देखती थी लेकिन कुछ कह न्ही सकती थी आज तुम आए हो तो तुम मेरी और में तुम्हारी पियास बुझाऊंगी यह कह कर यूयेसेस ने मुझे किस करना शुरू कार्डिया और मे भी उसे रेस्पॉन्स देने लगा आनी हम दोनो को देख रही थी वो बोहट डारी हुए लग रही थी.

मे ने उस्स्को हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और सरीना से कहा क प्ल्ज़ तुम मेरा लंड अपने मूह मे लेलो सरीना ने मेरे डिक को चूसना शुरू किया और में आनी को किस करने लगा में ने उसस्का ब्रा खोल दिया और यूयेसेस क अनटच्ड ब्लॅक मुम्मे चूसने लगा हू बेक़रार हो रही थी तो में ने कहा क तुम भी मेरा लंड चूस कर मज़ा लो तो यूयेसेस ने कहा क न्ही यह बोहट गंदा हे तो में ने उस्स्को कहा क देखो सरीना केसे मज़ा ले रही हे तुम भी लेलो लेकिन वो न्ही मानी तो सरीना और में ने ज़बरदस्ती यूयेसेस क मूह में अपना लंड डाल दिया तो उस ने धीरे धीरे चूसना शुरू काइया उससे मज़ा आने लगा और वो चूस्टी रही 15 मिनिट्स क बाद में ने उसस्का मूह अपनी क्रीम से भर दिया तो सरीना जो आनी की पुसी को लीक कर रही थी अचानक ऊपेर उठी और क्रीम यूयेसेस क मूह से अपने मूह में लेने लगी.

अब मे उन्न दोनो को छोड़ना चाहता था तो में ने सरीना से कहा क में आनी को छोड़ना चाहता हूँ पहले तो यूयेसेस ने कहा क शी इस टोटली वर्जिन बोहट मुश्किल हे यहाँ लेकिन में ने कहा क प्ल्ज़ तो यूयेसेस ने कहा ठीक हे लेकिन आनी क मूह पेर कोई कपड़ा बांधो तो में ने उसका ब्रा उस क मूह पेर बाँध दिया और अपना 7.5" इंच का डिक उसस्की पुसी पेर रख दिया और आहिस्ता आहिस्ता ढके मारने लगा उसे बोहट मज़ा आ रहा था फिर आहिस्ता आहिस्ता में ने ज़ोर लगाना शुरू कर दिया आहिस्ता आहिस्ता मेरा लंड उसकी पुसी को चीरता हुवा अंडर जा रा था और हू अपने हाथो से मेरा लंड हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन में ने यूयेसेस क हाथ पकड़ कर ऐक ज़ोरदार धक्का लगाया और अब मेरा पूरा लंड उसस्की पुसी में था हू ऐक दम ऊपेर उठी और नीचे गिर गई वो बेहोश हो गई थी उसस्की पुसी से ब्लीडिंग हो रही थी अब हम दोनो भी परेशन हो गाए क इस्सको होश में केसे लाएं वहाँ पेर पानी भी न्ही था में ने सरीना से कहा क अब काइया करें तो सरीना ने कहा क तुम मेरे मूह में पेशाब करो और में तुम्हारे पेशाब से आनी पेर स्प्रे करती हूँ में ने अपना लंड आनी की छूट से निकाल कर सरीना क मूह मे डाल दिया और पेशाब कार्डिया अभी सरीना ने थोड़ा ही स्प्रे काइया तो आनी होश मे आ गई तो सरीना ने बाक़ी पेशाब पी लिया और बोल्ली वॉववव काइया टेस्ट था तुम्हारे पेशाब मे आनी ने और फक्किंग से माना काइया और कहा क आज बोहट दर्द हो रहा हे लेकिन सरीना ने उसे समझाया क पहले दर्द होगा फिर मज़ा आएगा बड़ी मुश्किल से हू मानी तो मे ने अपना लंड फिर उसस्की पुसी मे डाल दिया और ढके मारने लगा अब उसे मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद में ने महसूस किया क आनी की छूट से क्रीम बहेर निकल रही हे तो मे ने और ज़ोर से ढके मारने शुरू कर दिए और 25 मिनिट बाद मेरी क्रीम आनी क मूह मे थी. मे भी 3 बार कम होने क बाद काफ़ी कमज़ोरी फील कर रहा था इश्स लाइ सरीना से कहा क तुम्हें कल करूँगा तो हू बोली न्ही ऐक बार आज करो मेरा लंड बिल्कुल ढीला हो गया था और यूयेसेस ने चूस कर दोबारा उस्स्को त्यार किया तो में ने सरीना को भी छोड़ा और जब उसे चोद रहा था तो आनी बोली प्ल्ज़ दोबारा मुझे करो तो मे ने उस्स्को भी दूसरी चेर पेर बिता कर उसकी लेग्स ऊपेर केरली अब थोड़ी देर आनी को थोड़ी देर सरीना को चोद रहा था और को 35 मिनिट्स क बाद मे ने अपने क्रीम सरीना की पुसी मे ही निकाल दी.
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02-26-2019, 09:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
राज और अनु


( अनु के लिए )
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका राज शर्मा एक ओर नयी कहानी लेकर हाजिर हूँ .
ये कहानी मेरी एक दोस्त अनु बंसल जो की मेरी ख्याली दुनियाँ की पत्नी है
मेरा नाम राज है. मेरी उमर 28 साल की है. मेरी शादी अभी नोव. 2008 में ही अनु के साथ हुई है. अनु की उमर 20 साल की है, दिखने में वो बहुत ही
खूबसूरत और सेक्सी लगती है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ लेकिन अनु तो मुझसे
भी ज़्यादा सेक्सी है. वो मुझसे हमेशा तरह तरह के स्टाइल में एक दम मस्त
हो कर चुड़वाती है. मैं शादी के पहले भी हमेशा नयी नयी लड़कियों के तलाश में
रहता था और बड़े आराम से उनको अपने जाल में फसा लेता था. फिर उन्हें अपने
घर बुला कर उनकी बुरी तरह से चुदाई करता था. ये सिलसिला अनु के आने के
बाद 1 मंत तक बंद रहा लेकिन फिर शुरू हो गया. अब मैं अनु के सामने ही उन
लड़कियों की चुदाई करने लगा.

दिसंबर के महीने में इस बात को लेकर अनु का मुझसे खूब झगड़ा हुआ. अनु ने कहा,
तुम हेमशा नयी नयी लड़कियों को फसा कर घर लाते हो और मेरे सामने ही उनकी
चुदाई करते हो. अगर ऐसा ही करना था तो मुझसे शादी क्यों की. अगर मैं भी तुम्हारी
तरह रोज रोज नये आदमियों से चुड़वाने लेगून तो तुम्हें कैसा लगेगा. मैने कहा, अगर
तुम्हारा मान भी रोज रोज नये लंड से छुड़वाने का करता है तो मुझे कोई एतराज़ नहीं है.
तुम मेरे सामने ही जिस से चाहो चुदवा सकती हो. मैं तुम्हें बिल्कुल भी माना नहीं करूँगा.
वो बोली, फिर ठीक है, अब मैं भी रोज रोज नये आदमियों को फसा कर उनसे तुम्हारे
सामने ही खूब चुड़वाऊंगी.
उसके बाद अनु रोज ही इस तरह के कपड़े पहन कर बाज़ार जाने लगी की लगता था की
अभी अभी उसकी शादी हुई है. वो आसानी से नये नये आदमियों को फसा कर लाने लगी
और मेरे सामने ही उनसे चुड़वाने लगी. एक दिन अनु एक आदमी को फसा कर लाई और
जब अनु ने उसका लंड देखा तो घबडा गयी और उस आदमी से बोली, तुम वापस चले जाओ,
मैं तुम्हारे इस मोटे और लंबे लंड से चुड़वा कर अपनी चूत को नहीं पदवौनगी. मैने कहा,
अब क्या हुआ. एक मोटा लंड मिल गया तो घबडा गयी. वो बोली, इसका लंड देख रहे हो.
इसका लंड तो लगभग 9" लंबा और बहुत ही ज़्यादा मोटा है. इसका लंड मेरी चूत को फाड़ कर रख देगा.
उस दिन मैने अनु को उस आदमी से जबदस्ती चुड़वा दिया. वो बहुत ही ज़्यादा चीखी और चिल्लाई.
उस आदमी से छुड़वाने के बाद अनु की चूत काई जगह से एक दम काट गयी. मैने उस आदमी
से फिर दूसरे दिन आने को कहा तो अनु माना करने लगी. मैने उस आदमी से कहा, इसे कहने दो.
तुम 4-5 दिन तक लगातार आ कर इसकी खूब चुदाई करो जिस से इसकी चूत का मूह एक दम
चौड़ा हो जाए. उसके बाद ये फिर किसी लंबे और मोटे लंड को देख कर नहीं घबदाएगी. वो बोला,
ठीक है. मैं कल सुबह 10 बजे ही आ जौंगा और पुर दिन इसकी जाम कर चुदाई करूँगा.

वो दूसरे दिन सुबह के 10 बजे आ गया. अनु बहुत चीखी चिल्लाई लेकिन उसने सारा दिन
जाम कर अनु की चुदाई की. शाम के 6 बजे तक उसने अनु को 6 बार बुरी तरह से छोड़ा.
वो लगातार 7 दीनो तक आता रहा और पुर दिन अनु की जाम कर चुदाई किया करता था.
वो एक दिन में कम से कम 5 बार नेहा की चुदाई करता था. नेहा की चूत का मूह भी 2 दिन
बाद एक दम खुल चुका था और उसे अब उसके लंड से चुड़वाने में कोई तकलीफ़ नहीं होती थी.
वो एक दम मस्त होकर उस आदमी से चुड़वति थी.
12 dec. 2008 को अनु के एक रिश्तेदार के घर शादी में हमें जाना पड़ा. उनके रिश्तेदार
का घर बहुत डोर एक आदिवासी इलाक़े के एक गाओं में था. वहाँ केवल एक बस जाती थी
जो दिन के 10 बजे जाती थी और शाम के 6 बजे वहाँ पहुचती थी. उसके बाद वो बस रात
के 8 बजे वहाँ से चल कर सुबह के 4 बजे वापस आती थी. हम दोनो उस बस से वहाँ गये.
शादी में शामिल होने के बाद हम दोनो वापस आने के लिए रात के 8 बजे उस बस में बैठ गये.
बस चल पड़ी. बस में हम दोनो के अलावा केवल 4 आदमी और थे. रात के 1 बजे वो बस एक
स्टॉप पर रुकी तो वो चारो आदमी वहाँ पर उतार गये. अब बस में केवल कोंडुक्तेर और ड्राइवर
के अलावा हम दोनो ही रह गये. ड्राइवर और कोंडुटेर दोनो ही आदिवासी लग रहे थे.
वो दोनो एक दम हटते काटते थे और उनका बदन किसी पहलवा से कम नहीं था.
मेरे मान में ख़याल आया की अगर इन दोनो ने अनु को ज़बरदस्ती चोदना शुरू कर
दिया तो मैं इन दोनो को बिल्कुल भी रोक नहीं सकता.

रात के 2 बजे उन दोनो ने एक सुनसान जगह पर बस रोक दी और कहा, थोड़ी देर आराम
करने के बाद हम यहाँ से चलेंगे. ड्राइवर ने बस के अंदर की एक लाइट जला दी और अपनी
सीट से उतार कर कनडक्टर के पास आ कर बैठ गया. थोड़ी देर बाद वो दोनो नेहा
को च्छेदने लगे. मैने उन्हें माना किया तो अनु बोली, तुम चुप रहो. इस समय बस में
हम दोनो अकेले हैं. थोड़ी देर बाद उन दोनो ने अपने नेकार को छोदकर बाकी के सारे
कपड़े उतार दिए. नेकार के उपर से ही अनुने उन दोनो का लंड महसूस कर लिया और
मुझसे धीरे से कहा, अगर ये दोनो मुझे छोड़ने की कोशिश करेंगे तो तुम इनको रोकना मत.
मुझे इन दोनो का लंड बहुत ही लंबा और मोटा लग रहा है. इन दोनो का लंड देखकर मेरी
चूत में खुजली होने लगी है. इन दोनो से छुड़वाने में मुझे मज़ा आ जाएगा. मैने कहा, ठीक है.
थोड़ी देर बाद ड्राइवर अनु के पीच्चे वाली सीट पर आ कर बैठ गया और उसने अनु के बूब्स
को मसलना शुरू कर दिया. अनु ने दिखाने के लिए उसे माना किया लेकिन वो नहीं माना और
बोला, तुम बहुत ही मस्त लग रही हो. आज हम दोनो इसी बस में तुम्हारी चुदाई करेंगे.
अनु ने कहा, तुम दोनो मुझे अकेला पा कर मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे हो. मैं तुम्हारी
शिकायत पोलीस से करूँगी. वो बोला, क्या कहोगी की हम दोनो ने तुम्हारी चुदाई की है.
तुम तो पोलीस वालों को जानती हो, वो पहले तुम्हारी चुदाई करेंगे उसके बाद तुम्हारी
रिपोर्ट लिखेंगे. अनु कुच्छ नहीं बोली. थोड़ी देर बाद ड्राइवर ने अपना नेकार उतार दिया.
उसे देखकर कनडक्टर ने भी अपना नेकार उतार कर अनु के आगे वाली सीट पर आ कर बैठ गया.
उन दोनो का लंड एक दम कला था. थोड़ी देर तक वो दोनो अपने लंड को सहलाते रहे
तो उन दोनो का लंड एक दम खड़ा हो गया. उनका लंड देखते ही अनु के मूह में पानी आ गया
और वो मान ही मान खुश हो गयी. ड्राइवर का लंड लगभग 9" लंबा और खूब मोटा था.
लेकिन कनडक्टर का लंड तो ड्राइवर के लंड से भी ज़्यादा लंबा और मोटा था. उसका
लंड लगभग 10" लंबा था. उसके बाद वो दोनो अनु को पकड़ कर ड्राइवर के पीच्चे वाली
सीट पर ले गये जिस पर की ड्राइवर सोता था. वो सीट ज़्यादा चौड़ी और लंबी थी. उन
दोनो ने अनु की सलवार और कमीज़ उतार दी तो अनु ब्रा और पनटी में ही रह गयी.
उन दोनो ने अनु से अपना लंड सहलाने को कहा तो अनु उन दोनो का लंड सहलाने लगी.
वो दोनो अनु के सारे बदन को सहलाने और चूमने लगे.
थोड़ी ही देर में अनु एक दम मस्त हो गयी और सिसकारियाँ भरने लगी. ड्राइवर ने अनु को
अपना लंड दिखाते हुए कहा, हम दोनो का लंड देख लो, आज हम दोनो इसी लंड से तुम्हारी
चुदाई कर के तुम्हारी चूत को फाड़ कर रख देंगे. हम दोनो तुम्हारी ऐसी चुदाई करेंगे की तुम
पूरी ज़िंदगी याद रखोगिऽनु तो उन दोनो का लंड देख कर एक दम मस्त हो चुकी थी. वो बोली
, तुम दोनो को अपने लंड पर बहुत नाज़ है. मैने इस से भी ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत
बार चुडवाया है. अभी पता चल जाएगा तुम दोनो को. ड्राइवर ने जोश में आ कर अनु की ब्रा
और पनटी फाड़ दी और उसे लिटा दिया.

उसने अनु की टाँगों को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत पर रख दिया. जैसे ही उसने
एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका लंड बड़े आराम से नेहा की चूत में 6" तक घुस गया
लेकिन नेहा के मूह से कोई आवाज़ नहीं निकली. उसने गुस्से में आ कर इस बार पुर ताक़त
के साथ बहुत ही जोरदार धक्का लगाया तो उसका पूरा का पूरा लंड सनसानता हुआ अनु की
चूत में समा गया. अनु के मूह से ज़रा सी भी आवाज़ नहीं निकली. ड्राइवर अनु को देखता ही
रहा गया. अनु ने कहा, क्या हुआ. तुझे तो अपने लंड पर बहुत घमंड था ना. अब देखना है की
तू कितनी देर तक मेरी चुदाई कर पता है. ड्राइवर बहुत ही गुस्से में था. उसने बहुत ही बुरी तरह
से अनु की चुदाई शुरू कर दिऽनु को भी मज़ा आने लगा और वो आहह.... ऊहह..... और..... तेज.
.... और.... ज़ोर.... से..... करते हुए पूरी मस्ती के साथ चुड़वाने लगी. दिरवेर बहुत ज़्यादा जोश
में था और वो 5 मीं ही झाड़ गया तो अनु बोली, बस हो गया. बहुत घमंड था ना तुझे अपने लंड पर.
साला 5 मीं भी ठीक से नहीं चोद पाया. हिज़ड़ कहीं का. ड्राइवर का सिर शरम से झुक गया.
ड्राइवर के हट जाने के बाद अनु ने कनडक्टर से कहा, चल तू भी आ जा. ज़रा मैं भी तो देखूं की
तेरे लंड में कितनी ताक़त है और तू कितनी देर तक मेरी चुदाई कर पता है. चल जल्दी कर,
आ जा, घुसेड दे अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में. चॉड मुझे अपने पुर ताक़त के साथ.
कनडक्टर अपना सिर झुकाए हुए अनु की टाँगों के बीच आ गया. उसने भी अपना लंड एक
झटके से anu की चूत में घुसा दिया. अनु की चूत ड्राइवर के लंड के जूस से पहले ही एक दम
गीली हो चुकी थी. इस लिए एक ही धक्के में कनडक्टर का पूरा का पूरा लंड सनसानता हुआ
अनु की चूत में घुस गया.

अनु 9" के लंड से छुड़वाने की एक दम आदि हो चुकी थी लेकिन कनडक्टर का लंड 10" लंबा था.
जैसे ही कोंडुक्तेर का 10" लंबा लंड नेहा की चूत में पूरा घुसा तो अनु के मूह केवल हल्की सी
सिसकारी बेर निकली. कनडक्टर ने बहुत ही तेज़ी के साथ अनु की चुदाई शुरू कर दी.

अनु पहले से ही बहुत ज़्यादा जोश में थी. कनडक्टर जब उसे बहुत ही तेज़ी के साथ छोड़ने लगा
तो 5 मीं में ही वो झाड़ गयी. अनु के झड़ने के 2 मीं बाद ही कनडक्टर भी झाड़ गया. अनु ने कहा,
साला तू भी हिज़ड़ है. 5 मीं में ही झाड़ गया. चला था मेरी चूत फाड़ने. और चोद सेयेल, मया का
दूध नहीं पिया है क्या. हरामी कहीं का. कनडक्टर का सिर भी शरम से झुक गया.
थोड़ी देर बाद जब ड्राइवर का लंड फिर से खड़ा हो गया तो वो अनु को फिर से छोड़ने लगा. इस बार
अनु को ज़्यादा मज़ा आ रहा था और वो एक दम मस्त हो कर ड्राइवर से चुड़वा रही थी. ड्राइवर ने
भी इस बार पुर जोश और ताक़त के साथ लगभग 30 मीं तक अनु की जाम कर चुदाई की और फिर
अनु की चूत में ही झाड़ गया. उसने अनु से पूचछा इस बार मज़ा आया तो अनु ने कहा, हन इस बार
थोड़ा मज़ा आया. लेकिन जब अगली बार तू मुझे फिर से चोदेगा तब ज़्यादा मज़ा आएगा. ड्राइवर अनु
को देखता ही रह गया.

उसके बाद कनडक्टर ने अनु को छोड़ना शुरू कर दिया. उसने इस बार बहुत ही बुरी तरह से anu की चुदाई की. अनुने भी इस बार ऊओ.... आहह.... और... तेज... और... तेज.... करते हुए कोंडुक्तेर
से पूरी मस्ती के साथ चुडवाया. कनडक्टर ने भी पुर जोश और दम खाँ से इस बार 35 मीं तक
अनु की चूद्याई की.
उसके बाद ड्राइवर ने अनु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और इस बार पुर जोश और ताक़त के
साथ अनु को 45 मीं तक छोड़ा. जब वो झाड़ गया तो उसने अनु से पुचछा, इस बार की चुदाई
कैसी रही. अनु ने कहा, इस बार मुझे ज़्यादा मज़ा आया. सुबह होने वाली थी. कनडक्टर ने ड्राइवर
से कहा, यार बहुत देर हो चुकी है. तुम बस को आगे बाधाओ मैं इस की चुदाई करता हूँ. ड्राइवर ने
अपने कपड़े पहने और बस लेकर चल पड़ा. कनडक्टर ने पुर जोश के साथ अनु को छोड़ना शुरू
कर दिया. इस बार उसने अनु को लगभग 1 घंटे तक छोड़ा. अनु उन दोनो से 3-3 बार चुड़वा कर
पूरी तरह मस्त हो चुकी थी. अनु की चुदाई में बस भी लाते हो चुकी थी. हम सुबह के 8 बजे वापस पहुचे.
उसके बाद हम दोनो अपने घर जाने लगे तो अनु ने कनडक्टर को अपने पास बुलाया और उसे घर
का पता बताते हुए कहा, मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आया है. तुम मेरे घर आना, मैं तुम से
चुड़वा कर पूरा मज़ा लूँगी और तुम्हें भी को खूब मज़ा आएगा. कनडक्टर ने एक टॅक्सी बुला
कर हम दोनो को बिताया और उसको मेरे घर तक का किराया भी दे दिया. फिर वो दोनो मुस्कुराते
हुए हूमें बाइ बाइ करने लगे.
उसके बाद कोंडुक्तेर मौका पाते ही मेरे घर आ जाता था और अनु की खूब जाम कर चुदाई करता था.
अनु भी उस से पूरी तरह मस्त हो कर चुड़वति थी. अनु को कनडक्टर का लंड बहुत ज़्यादा पसंद
आ गया था. वो अब किसी दूसरे मर्द की तलाश में कहीं नहीं जाती थी. कभी कभी जब मैं किसी
औरत को फसा कर घर ले आता और वो अनु के सामने छुड़वाने में ज़्यादा नाटक करती तो मैं
कनडक्टर को बुला लेता था. कोंडुक्तेर को मैं एक रूम में च्छूपा देता था. उसके बाद जब मैं उस
औरत को छोड़ने लगता तो उसी समय कोंडुक्तेर वहाँ पर आ जाता और उस औरत का एक फोटो
ले लेता था. फिर उस औरत को ब्लॅकमेल करने का दर दिखा कर कोंडुक्तेर उस औरत की जाम
कर चुदाई करता. कोंडुक्तेर के 10" लंबे और खूब मोटे लंड से चुड़वा कर उन सब के चूत का बुरा
हाल हो जाता था. उनकी चूत एक दम काट फॅट जाती थी. वो ठीक से चल भी नहीं पति थी. कोंडुक्तेर
भी उन सब की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करता था.

एक दिन जब अनु कनडक्टर से चुड़वा रही थी तो उसने मुझसे कहा, तुम भी अपना लंड मेरी
गांद में दाल दो और मेरी गांद की जाम कर चुदाई करो. मैं डबल मज़ा लेना चाहती हूँ. मैं जब
अनु की गांद में अपना लंड घुसने लगा तो वो बहुत चिल्लाई लेकिन मैं अपना पूरा का पूरा लंड
उसकी गांद में घुसा कर ही दम लिया. उसके बाद नीचे से उसे कनडक्टर छोड़ने लगा और उपर
से मैं उसकी गांद की चुदाई करने लगा. उस दिन अनु को बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया. अब वो
हम दोनो से एक साथ ही चूत और गांद का मज़ा लेने लगी.
एक दिन दोपहर में मैं घर पर नहीं था तो उसी समय कोंडुक्तेर आ गया. उसके आने के थोड़ी देर
बाद मैं घर आ गया तो अंदर से अनु के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. मैने धीरे से दरवाज़ा खोला
और अंदर आ गया. मैं एक पर्दे के पिच्चे खड़ा हो कर देखने लगा. मैने देखा की अनु के हाथ
पैर बँधे हुए थे और कनडक्टर अनु की गांद के च्छेद पर तेल (आयिल) लगा रहा था. कोंडुक्तेर
अनु की गांद मरने की तय्यरी कर रहा था और अनु चिल्ला रही थी. वो कनडक्टर की मिन्नटें
कर रही थी की मेरी गांद मत मरो. तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है, मेरी गांद फॅट जाएगी,
रहम करो मुझ पर. मैं भी मज़ा लेना चाहता था इस लिए मैं कुच्छ नहीं बोला.

कनडक्टर ने अनु की गांद के च्छेद पर तेल लगाया और उसके बाद वो अपने लंड पर तेल लगाने लगा.
अनु उसे माना करती रही लेकिन वो बिल्कुल ही मान नहीं रहा था. तेल लगाने के बाद उसने अपना
लंड अनु की गांद के च्छेद पर रख दिया. उसके बाद वो अनु की चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से
मसालने लगा. अनु को दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी. जैसे ही अनु ज़ोर से चिल्लाई तो
कनडक्टर ने एक धक्का लगा दिया. अनु और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. इस धक्के के साथ
केवल कनडक्टर के लंड का सूपड़ा ही अनु की गांद में घुस पाया था. कनडक्टर ने अपना लंड धीरे
धीरे गोल गोल घूमना शुरू कर दिया.
अनु थोड़ी देर तक चिल्लती रही. जैसे ही वो थोड़ा शांत हुई तो कोंडुक्तेर ने इस बार पुर ताक़त के
साथ बहुत ही ज़ोर का धक्का लगा दिया. अनु तड़पने लगी और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.
वो उसे हटाना चाहती थी लेकिन कनडक्टर ने अनु को इस तरह बाँध रखा था की वो बिल्कुल
भी हिल डुल नहीं पा रही थी. इस धक्के के साथ ही कोंडुक्तेर का लंड अनु की गांद में 2" तक
घुस गया. अनु बहुत ज़ोर से चीखी. कोंडुक्तेर ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और अनु
चीखती रही रही. कुच्छ देर में जब अनु की चीखें कम हो गयी तो उसने फिर से बहुत ही जोरदार
धक्का लगा दिया. अनु चीखते हुए तड़पने लगी. कोंडुक्तेर का लंड अब अनु की गांद में 3" तक
घुस चुका था और अनु की गांद से थोड़ा खून निकल आया था. मैं मान ही मान बहुत खुश हो
रहा था की आज अनु को तरह तरह के आदमियों से छुड़वाने की सज़ा मिल रही थी.

अनु चिल्लती रही और कोंडुक्तेर ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. थोड़ी देर बाद अनु
जैसे ही शांत हुई तो इस बार कनडक्टर ने फिर से पुर ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर का
धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही अनु बहुत ज़ोर से चीखी और कोंडुक्तेर का लंड
अनु की गांद को चीरता हुआ 5" तक घुस गया. लेकिन कनडक्टर ने इस बार अनु को
शांत होने का कोई मौका नहीं दिया और बहुत ही जोरदार 2 धक्के और लगा दिए. अब
उसका लंड अनु की गांद में 8" तक घुस चुका था. अनु बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी.
उसका सारा बदन पसीने से लत-पाठ हो चुका था. कनडक्टर ने बहुत ही तेज़ी के साथ
अनु की गांद मारनी शुरू कर दी.
लगभग 10 मीं बाद अनु शांत हो गयी और उसे मज़ा आने लगा. वो नहीं जानती थी की
अभी कोंडुटेर का पूरा लंड उसकी गांद में नहीं घुसा है. जब अनु शांत हो गयी तो कनडक्टर
ने फिर से बहुत जोरदार 2 धक्के और लगा दिए. अनु फिर से चीखने लगी. अब अनु की
गांद में कनडक्टर का पूरा लंड घुस चुका था. कोंडुक्तेर ने बहुत ही तेज़ी के साथ नेहा की
गांद मारनी शुरू कर दी. अनु चीखती रही और वो अनु की चुचियों को बहुत ही ज़ोर ज़ोर
से मसालते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी गांद मार रहा था.
लगभग 10 मीं बाद अनु एक दम शांत हो गयी. कोंडुक्तेर ने अपनी स्पीड और तेज कर दी
और बहुत ही बुरी तरह से अनु की गांद मरने लगा. अब अनु को मज़ा आ रहा था. उसने
कोंडुक्तेर से कहा, अब तो मेरे हाथ पैर खोल दो. कोंडुक्तेर ने कहा, हन, अब खोल देता हूँ.
उसने अपना लंड अनु की गांद से बाहर निकाला और उसके हाथ पैर खोल दिए. उसने बाद
उसने अनु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसकी चूत में अपना लंड दल कर उसकी
चुदाई करने लगा. नेहा एक दम मस्त हो कर छुड़वाने लगी.

5 मीं की चुदाई के बाद ही जब अनु झाड़ गयी तो कोंडुक्तेर ने अपना लंड उसकी चूत से
निकल कर एक झटके से नेहा की गांद में दल दिया. अनु फिर से चीखी लेकिन 8-10 धक्कों
के बाद ही शांत हो गयी. कोंडुक्तेर बहुत ही तेज़ी के साथ अनु की गाने मरने लगा. अनु भी
एक दम मस्त हो चुकी थी और अपना छूतड़ आगे पिच्चे करते हुए कोंडुक्तेर से गांद मरवा रही थी.
लगभग 20 मीं तक अनु की गांद मरने के बाद कोंडुक्तेर अनु की गांद में ही झाड़ गया
तो मैने ताली बजानी शुरू कर दी. कोंडुक्तेर और अनु ने चौक कर मुझे देखा. अनु ने
मुझसे पूचछा, तुम कब आए. मैने कहा, जब कोंडुक्तेर तुम्हारे गांद के च्छेद पर तेल
लगा रहा था. वो बोली, मैं इतना चीख और चिल्ला रही थी लेकिन तुमने इसे माना
नहीं किया. मैने कहा, मैं देखना चाहता था की इसका 10" लंबा और मोटा लंड तुम
अपनी गांद के अंदर कसिए लेती हो. वो बोली, तुम बहुत ही कसाई हो. मैं इतनी ज़ोर
ज़ोर से चीख रही थी लेकिन तुमने मेरे उपर कोई रहम नहीं किया और ना ही मुझे इस
से बचाया. अब तो तुमने देख ही लिया की कैसे मैने इसका 10" का लंबा और मोटा
लंड अपनी गांद के अंदर ले लिया. अब तो तुम बहुत खुश हो गये होगे. मैने कहा,
हन अब मैं बहुत खुश हूँ. अब तुम किसी का भी लंड अपनी गांद और चूत के अंदर
ले सकती हो. अब तुम्हें कोई तकलीफ़ नहीं होगी.
Reply
02-26-2019, 09:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--1

रेखा और लेखा दोनों बहने थी. रेखा की उम्र १८ साल और लेखा १९ साल की थी.
दोनों दिखने में बहुत सुन्दर थी. वो अपने माँ रुकमनी और बापू कल्याण जो
एक किसान था इस गाँव में सालो से रहते है. उनका बलदेव सिंह से अच्छी
बनती थी जो अपनी माँ और बेटा विक्रम के साथ उनके पड़ोस में ही रहता था.
बलदेव एक छोटा व्यापारी था इसलिए उससे ज्यादातर घर से दूर रहना पड़ता था
और उसकी माँ की भी काफी उम्र हो चुकी थी. जब विक्रम १० साल का था बलदेव
सिंह की पत्नी का देहांत हो गया. तब से कल्याण के परिवार वाले विक्रम का
बहुत ख्याल रखते थे. इसलिए रेखा, लेखा और विक्रम बचपन से एक दुसरे को
जानते है. अब विक्रम १९ साल का चूका है और काफी बड़ा हो गया है. गाँव
काफी पिछड़ा हुआ था इसलिए वहां बिजली तो थी ही नहीं और पानी के लिए एक
कुवा था जिसमे में से गाँव के सरे लोग पानी भरते थे. घरो में टोइलेट और
बाथरूम नहीं होता था. लोग खेतो में या पहाड़ी के पीछे जाकर अपने आपको
हल्का करते. नहाने के लिए वो घास फूस का छोटा सा बाथरूम होता था. अब
रेखा, लेखा और विक्रम जवानी की देहलीज़ पर कदम रख रहे थे. लेकिन उनकी
दोस्ती में अभी भी कोई बदलाव नहीं था. रेखा जो बड़ी थी वो थोड़ी होशियार
थी. अब वो धीरे धीरे सेक्स, औरत और मर्दों के बीच के सम्बन्ध उनके सेक्स
अंगो के बारे में जानने लगी थी. उसकी कुछ सहेलियां जो उससे उम्र में
बड़ी थी और जिनकी शादी हो चुकी थी वो रेखा को चूत , लंड , सम्भोग और
बच्चे पैदा करना इस सबके बारे में जानकारी दिया करती थी. रेखा ये सब
बातें लेखा को बता देती थी. रेखा ने देखा उसके बूब्स भी बड़े हो रहे थे
और उसकी चूत पर भी बाल उगे हुए थे. एक दिन उसने लेखा को कहा?लेखा तुम
अपनी फ्रोक्क उतारो?. लेखा ने पूछा ?क्यों दीदी?. रेखा ने कहा?मुझे तेरे
बूब्स और चूत देखनी है. मेरे बूब्स बड़े हो रहे है और चूत पर बाल भी
है, क्या तेरी चूत पर बाल है.? लेखा ने अपनी फ्रोक्क उतार दी. गाँव की
औरते और लडकियां पंटी नहीं पहनती, कभी एक अंगिया पहन लेते है अन्दर.
लेखा ने तो वो भी नहीं पहना था. रेखा उसकी नजदीक आ गयी और उसके छोटे छोटे
बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और हलके से दबाने लगी. लेखा बोली?दीदी
गुदगुदी हो रही है?. रेखा ने कहा?तेरे बूब्स तो मेरे बूब्स से थोड़े छोटे
है?. फिर रेखा ने देखा लेखा की चूत पर हलके और कोमल बाल उगे हुए थे.
वो उस पर हाथ फेरकर बोली?तेरे चूत पर भी बाल है. मतलब अब तुम भी औरत बन
रही हो?. फिर दोनों हसने लगे. अब विक्रम को भी इन सब बातो में दिलचस्पी
होने लगी थी. उसको कुछ ऐसे दोस्त मिल गए थे जो उससे सेक्स के बारे में
बताते थे. वो सब शहर जाकर आते और ब्लू फिल्म देखने के बाद सब किस्सा
विक्रम को बताते थे. विक्रम को उन्होंने एक किताब भी दिया था जिसमे नंगी
लडकियों और औरतो के फोटो होता था. ये सब देखखर विक्रम गरमा जाता. उसके
दोस्तों ने उसे मुठ मारना भी बताया. रेखा ने १०थ स्टड. पास किया और फिर
उसने पढाई छोड़ दी. लेखा १०थ फ़ैल हो गयी थी इसलिय उसने भी पढाई छोड़ दी.
विक्रम भी १०थ की पढ़ाई कर रहा था. विक्रम का मन पढाई में कम और सेक्स की
बातो में ज्यादा लगा रहता था. अब वो फोटो के बजाये हकीकत में किसी लड़की
या औरत तो नंगा देखने चाहता था. वो हमेशा इस्सी फिराक में रहता की कब
उसको ऐसा मौका मिले. एक दिन वो रेखा और लेखा से मिलने आया. विक्रम ने
रेखा को आवाज़ लगाईं . इतने में लेखा ने जवाब दिया?में नहा रही हु. माँ
और बाबूजी दुसरे गाँव में कुछ काम से गए है और दीदी अपनी किसी सहेली के
घर गयी है?. विक्रम को लगा यही मौका है लेखा के नंगे बदन को देखने का और
वो जहा लेखा नहा रही थी वही एक पेड़ के पीछे छुप गया. घास फूस का बना हुआ
बाथरूम था इसलिए यहाँ वहां से खुला हुआ था. विक्रम एक खुली जगह से ताकने
लगा. उसने देखा लेखा के बदन पर एक भी कपडे नहीं था . उसके बूब्स छोटे और
गोल थे. उसका पेट एकदम समतल था और निचे उसकी चूत पर हलके, हलके बाल उगे
थे. उसकी गांड भी छोटी और गोल थी.. लेखा अपने हाथो से अपनी चूत साफ़ कर
रही थी. बिच में वो अपने निप्प्लेस को भी मसल कर साफ कर रही थी. ये सब
देखकर विक्रम का लंड उसके पजामे के अन्दर खड़ा हो गया और लंड के आगे
से थोडा पानी निकला जिससे उसका पाजामा गीला हो गया. वो वही खड़े खड़े मुठ
मारने लगा. बहुत देर के बाद उसका लंड शांत हुआ. लेखा नहा कर बाहर
निकली. विक्रम पेड़ के पीछे से बाहर आया. इस वक़्त लेखा ने घाघरा और
चोली पहना था. विक्रम उसके पास आ गया. लेखा ने पूछा?क्या हुआ विक्रम?.
विक्रम ने कहा?ऐसी ही तुम दोनों से मिलने आया था?. लेखा ने कहा?अच्छा
किया. में भी अकेली थी?. विक्रम ने कहा?चलो कुछ खेलते है?. लेखा ने
कहा?क्या खेले?. विक्रम ने कहा?अन्दर कमरे में चलो. में तुम्हे आज एक नया
खेल सिखाता हु?. लेखा ने कहा?ठीक है?. दोनों अन्दर चले गए और विक्रम ने
दरवाज़ा बंद कर दिया. विक्रम ने कहा? मैन कुछ करतब दिखाउंगा . तुम्हे
वैसे ही करना होगा. अगर तुमने वैसे ही किया तो तुम जीत गयी. फिर तुम जो
बोलोगी वो मैं करूँगा?. लेखा ने कहा?क्या करना होगा मुझे?. विक्रम ने
कहा?पहले में जो करता हु वो देखो फिर वैसे ही करो?. विक्रम हाथ पैर
हिलाकर कुछ करतब दिखाता . लेखा वैसी ही करती थी. फिर विक्रम सर नीचे और
पेर ऊपर करके दिवार के सहारे खड़ा हो गया. काफी देर तक वैसी ही खड़ा रहा.
विक्रम ने लेखा से कहा?अब तुम इस तरह कड़ी हो जाओ?. लेखा ने कहा?में ये
नहीं कर पाउंगी ?. विक्रम ने कहा?इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. मैन
तुम्हरी मदद करूँगा.? और विक्रम की बात सुनकर वो सर नीचे करके पेर ऊपर
उठाने लगी तभी विक्रम ने उसकी दोनों टांग पकड़कर ऊपर कर लिया. ऐसे करने
में लेखा का घाघरा नीचे की और उसके मुह पर गिरा और लेखा का मुह ढक गया.
विक्रम को लेखा की जांघे और चूत दिखाई दे गए . लेखा चिल्ला रही थी और
कहा? मुझे कुछ दिख नहीं रहा है. में गिर जाउंगी . विक्रम मुझे सीधा कर
दो?. विक्रम लेखा के दोनों पेर पकड़कर खड़ा था. विक्रम ने कहा? कुछ नहीं
होगा? और उसके पेरो को दिवार के सहारे खड़ा किया. विक्रम ने कहा?तुम हिलना
मत और अपना हाथ उसके कोरी जांघो पर फेरने लगा. फिर उसने उसकी टाँगे
थोड़ी फैला दी और अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के छेद में डाल दी. अचानक
लेखा की टाँगे दिवार से थोड़ी दूर हो गयी और एक तरफ वो कमर के बल गिर पड़ी.
लेखा रोने लगी. विक्रम ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया. विक्रम ने
पूछा ?तुम्हे कही चोट तो नहीं लगी?. लेखा ने कहा?नहीं. पर कमर में थोडा
दर्द हो रहा है?. विक्रम ने पूछा ?तुमने अपने टाँगे क्यों दिवार से
हटाई?. लेखा ने कहा?वो तुमने मेरी चूत में ऊँगली डाली और मुझे गुदगुदी
हो रही थी?. विक्रम ने कहा?टीक है. में तुम्हारी कमर पर तेल से मालिश कर
देता हु?. विक्रम तेल लेकर आया और उसने लेखा के घाघरे को ऊपर किया. फिर
वो उसकी कमर में तेल की मालिश करने लगा. धीरे धीरे वो उसकी गांड और
जांघो का भी मालिश कर रहा था. विक्रम ने उसकी चूत में फिर से ऊँगली
डाली और हिलाने लगा. उसकी चूत पर भी तेल लगाया. लेखा अब हस रही थी और
कहने लगी?विक्रम मुझे वहां गुदगुदी होती है?. विक्रम ने पूछा ?तुम्हे ये
अच्छा लगता है?. लेखा ने कहा?हा बड़ा मज़ा आ रहा है?. विक्रम ने कहा?तुम
बस ऐसी ही लेटी रहो?. विक्रम ने उसकी चूत के बालो पर हाथ फेरा और उसकी
जांघो को चाटने और चूमने लगा. उसकी चूत के छेद को फैलाकर उसमे जीब
डालकर घुमाने लगा. लेखा मस्त हुए जा रही थी. वो कहने लगी?विक्रम बहुत
मज़ा आ रहा है? और आहे भर रही थी. विक्रम ने पीछे से उसके चोली का हूक
खोल दिया और चोली को अलग कर दिया. लेखा अब ऊपर से नंगी हो गयी और उसके
गोल बूब्स विक्रम के सामने थे. विक्रम दोनों हाथो से उसके दोनों बूब्स
को दबाने लगा. और बीच में निप्प्लेस तो उंगलियों के बीच में रखकर मसलता
था. लेखा विक्रम के बालो में हाथ फेर रही थी और उसके मुह को अपने बूब्स
पर दबा रही थी. इतने में उन्हें रेखा की आवाज़ सुनाई दी. वो लेखा को बुला
रही थी. तब ही विक्रम खड़ा हो गया और जल्दी से लेखा तो चोली पहना कर
उसको हूक लगा के दिए . लेखा ने दरवाज़ा खोला और रेखा ने देखा विक्रम अन्दर
बैठा हुआ था. रेखा ने पूछा ?विक्रम तुम कब आये? विक्रम ने कहा?अभी थोड़ी
देर पहले और हम दोनों बेठे बेठे बात कर रहे थे?.

रेखा नहाने चली गयी तब विक्रम ने लेखा से कहा ?मैन जा रहा हु?. लेखा ने
कहा?हम फिर कब ऐसे..? विक्रम ने कहा?हम फिर कभी फुरसत में मिलेंगे तब ये
खेल खेलेंगे?. लेखा मुस्कुरा दी. एक दिन सुबह विक्रम सुबह जल्दी उठ गया.
वो ऐसी ही सैर करने के लिए खेत की और चल पड़ा. उसने देखा एक औरत और लड़की
हाथ में लोटा लिए पहाड़ी की तरफ जा रहे थे. उसने पता चल गया की ये संडास
करने जा रहे है और वो उनके पीछे पीछे चल पड़ा. वो पहाड़ के पीछे की तरफ
जा रहे थे. विक्रम उनके पीछे पीछे जा रहा था. औरत वहां जाकर रुक गयी और
इधर उधर देखने लगी. विक्रम झाड़ियो के पीछे छुप गया. वो औरत झाड़ियो के
कुछ फसलो पर खड़ी थी और उसके साथ उसकी लड़की भी थी. विक्रम ने देखा उस औरत
ने अपना घाघरा कमर तक उपेर कर लिया. और अपने दोनों टाँगे घुटनो से मोड़कर
गांड फैलाकर बैठ गयी. विक्रम को उसकी बड़ी और घने बालो वालो काली चूत साफ
दिखाई दे रहा थी . उसने देखा वो औरत पेशाब कर रही थी और उसकी चूत से
पेशाब की धरा निकल पड़ी. उसकी गांड में से कुछ निकल रहा था. विक्रम समझ
गया वो संडास निकल रही है. उसने देखा लड़की ने अपना सलवार खोला और गांड
विक्रम की तरफ घुमाकर बैठ गयी. उसने देखा लड़की की गांड का छेद खुल रहा
था और उसमे से संडास की लम्बी लड़ी निकली. ये सब देखकर विक्रम का लंड खड़ा
हो गया और वो वही मुठ मारने लगा. थोड़ी देर बाद वो औरत अपनी गांड में
पानी डालकर हाथ से उसको साफ कर रही थी. उसने अपनी चूत को भी साफ़ किया.
लड़की भी गांड धोकर खड़ी हो गयी. वो दोनों वह से चल डी . विक्रम भी वहां
चला गया.
दोस्तों कहानी अभी बाकी है पढ़ते रहिये रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--२
आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.........................
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