Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
12-14-2017, 12:57 AM,
#21
RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
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जैसे ही उस साए ने अंदर देखा तो वो हैरान रह गया. अंदर जोत मॅम को विकी सर ने पीछे से पकड़ रखा था और जोत मॅम अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी. असल में आज विकी सर किसी बहाने जोत मॅम के रूम में घुस गये थे और ज़बरदस्ती उन्हे पीछे से पकड़ रखा था. उनके हाथ मॅम के पेट पे थे और उनका लंड जोत मॅम के चुतड़ों के बीच सटा हुआ था. जोत मॅम बार बार उन्हे छोड़ने की दुहाई दे रही थी मगर आज सर उन्हे छोड़ने के मूड में नही थे.
मॅम-प्लीज़ सर ये आप क्या कर रहे हो. छोड़िए ना प्लीज़.
सर-साली पहले तो चूतड़ मटका मटका कर चलती हो हमारे सामने अब छोड़ने को बोल रही है.
इतना कहते ही सर ने बहुत तेज़ी के साथ मॅम की सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार ढीली होकर मॅम के पैरों में गिर गई जोत मॅम ने सलवार पकड़ने की कोशिश की मगर उनके हाथ जब तक सलवार तक पहुचते वो नीचे उनके पैरों में पहुच चुकी थी. सर के हाथ अब ज़ोर ज़ोर से मॅम के मम्मे मसल रहे थे और मम्मों के मसले जाने की वजह से मॅम मदहोश होने लगी थी अब उनका विरोध कम होता जा रहा था. सर ने उनका कमीज़ दोनो किनारो से पकड़ा और उसे उपर खीच कर बाहर निकाल दिया थोड़ी ना नुकर के बाद मॅम ने अपने हाथ उपर उठा कर कमीज़ बाहर निकाल दी. अब मॅम के गोरे शरीर पे केवर ब्लॅक ब्रा और पैंटी थी और उन्हे ऐसी हालत में देखकर सर अपने होश गवा बैठे थे वो जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने लगे और एकदम नंगे हो गये जोत मॅम उनकी तरफ पीठ किए अपना चेहरा छुपाए खड़ी थी. सर ने आगे बढ़कर उन्हे पीछे से फिरसे बाहों में भर लिया. और उनकी ब्रा के हुक खोल कर ब्रा को उनके शरीर से अलग कर दिया और मॅम के गोरे गोरे मुलायम माममे अपने हाथों में भरकर मसल्ने लगे.
फिर उन्होने मॅम की पैंटी भी सरका कर उनके घुटनो तक कर दी और जैसे ही अपना हाथ मॅम की चूत पे लगाया तो मॅम का शरीर काँप उठा और वो बोली.
मॅम-प्लीज़ सर रहने दीजिए ना मैं शादी शुदा हूँ.
सर-फिर क्या हुआ मॅम अगर शादी शुदा हो. शादी शुदा के अंदर क्या लंड जाता नही है.
मॅम-प्लीज़ सर अगर किसी को पता चल गया तो मेरी बहुत बदनामी होगी.
सर-किसी को पता नही चलेगा बस तू मज़े कर मेरे साथ.
सर ने इतना कहते हुए पीछे से ही अपना लंड मॅम की चूत में डाल दिया और एक झटके के साथ ही पूरा लंड अंदर चला गया और सर ज़ोर ज़ोर से मॅम को चोदने लगे. मॅम के मूह से आनंद से भरी सिसकियाँ निकलने लगी जो कि पूरे कमरे में गूंजने लगी. सर ने मॅम को उठाया और बेड पे लिटा दिया और उनकी टाँगों के बीच आकर उनकी टाँगें चौड़ी की और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया. वो काफ़ी देर तक धक्के पे धक्के मारते रहे और जोत मॅम के होंठ चूस्ते रहे. मॅम भी अब उनका पूरा साथ दे रही थी और नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर सर का लंड अपनी चूत में ले रही थी. फिर सर ने उनको घुटनो के बल झुका कर घोड़ी बना दिया और पीछे जाकर अपना लंड मॅम की चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगे पूरे कमरे में पुच पुच की आवाज़ आने लगी. काफ़ी देर तक ऐसे ही मॅम को चोदने के बाद सर ने अपना सारा पानी मॅम की चूत में भर दिया. और वो दोनो बिस्तर पे गिर गये और हाँफने लगे. उन्हे कोई खबर नही थी कि कोई उन्हे खिड़की से ये सब करते देख रहा है और उसने उनकी चुदाई के कुछ फोटोस भी खींच लिए हैं. जब मॅम और सर थक कर बिस्तेर पे लेट गये तो वो आगे अपने असली मक़सद की ओर बढ़ा जिसके लिए वो आया था वो धीरे धीरे से चलता हुआ गर्ल'स के हॉस्टिल में पहुच गया और सीधा जाकर रीत एंड पार्टी के रूम के बाहर खड़ा हो गया उसने देखा कि पीछे का दरवाज़ा खुला था क्योंकि कुछ देर पहले ही करुणा बाहर आकर हॅरी से फोन पे बात करके गई थी और वैसे भी गर्मी का मौसम था इसलिए वो दरवाज़ा सभी रूम'स का खुला ही रहता था. उस शख्स ने दरवाज़ा थोड़ा सा ओपन किया और अंदर घुस गया और फिर खड़ा होकर कुछ सोचने लगा और फिर उस बिस्तेर की तरफ बढ़ा जहाँ पे रीत का बिस्तेर था और उस पे प्राची सोई हुई थी.
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12-14-2017, 12:57 AM,
#22
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सुबह रीत, करुणा न्ड नीतू प्राची से रात के बारे में पूछ रही थी मगर प्राची ने कुछ भी ना बताते हुए सिर्फ़ इतना कहा कि रात को जो कुछ हुआ शायद वो उसका वेहम था उसे कोई सपना आया था जिसकी वजह से वो डर गई. फिर वो सब कॉलेज के लिए रेडी होने लगी.
उधर करण न्ड हॅरी को पता था कि रेहान रात रीत को मिलने गया था. तो वो उस से पूछ रहे थे.
हॅरी-रेहान यार तुझे ये कैसे पता चला कि भाभी किस रूम में हैं.
रेहान-यार मैने एक दिन बातों बातों में रीत से सब कुछ पूछ लिया था कि वो कोन्से रूम में रहती हैं और कैसे और कब सोती हैं.
हॅरी-अरे वाह तो बेटा ना फिर रात क्या क्या किया रीत भाभी के साथ.
करण-अरे हॅरी तू पूछ रहा है क्या क्या किया अबे ये पूछ कि क्या नही किया.
रेहान-यार रात तो कुछ भी नही हुआ.
रेहान ने उन्हे कुछ भी नही बताया.
करण-अरे तो इतना टाइम कहाँ लगा दिया.
रेहान ने मोबाइल निकाला और जोत मॅम और विकी सर की सेक्स करते वक़्त की फोटोस उन्हे दिखाते हुए कहा.
रेहान-रात तो बस ये लाइव शो देखता रहा मैं.
करण और हॅरी जोत मॅम की फोटोस देखकर हैरान हो गये और उनके लंड जोत मॅम के नंगे शरीर को देखकर अंगड़ाई लेने लगे.
करण-आबे ये तूने कैसे खीची.
रेहान ने उन्हे सारी बात बता दी.
हॅरी-इसका मतलब तू भाभी के रूम में गया ही नही.
रेहान-यार ये लाइव शो देखते देखते ही टाइम हो गया.
कारण-साले लाइव शो देखने से ज़्यादा मज़ा तो लाइव शो बनाने में था रीत भाभी के साथ.
रेहान-चल चल अब बस कर कॉलेज भी जाना है अब.
वो तीनो भी रेडी होकर कॉलेज की तरफ निकल पड़े. रेहान के मन में एक डर था कि अगर प्राची ने रीत को सब कुछ बता दिया तो आज उसकी पोल सबके सामने खुल जाएगी. पर उसके मन में डर भले ही था पर उसे अपनी पोल खुल जाने पर भी कोई ज़्यादा फरक नही पड़ने वाला था. क्योंकि उसके लिए तो लड़की बस हवस मिटाने का एक खिलौना थी अगर रीत ना सही तो कोई और सही.
........................
वो सारे कॉलेज की कॅंटीन में बैठे कॉफी पी रहे थे रेहान सोच रहा था अब तक रात की घटना को लेकर कोई बात नही हुई है इसका मतलब है प्राची ने किसी को कुछ नही बताया है. सब एकदुसरे से हल्का फूलका मज़ाक कर रहे थे मगर प्राची बिल्कुल चुप चाप बैठी थी वो रेहान से तो नज़रे भी नही मिला पा रही थी. प्राची को आज ऐसे शांत देखकर करण ने पूछा.
करण-अरे साली साहिबा आप आज बड़ी गंभीर लग रही है क्या बात है.
हॅरी-सही कहा करण बता ना कूटी किसी ने कुछ कहा तुम्हे.
प्राची ने ना में सिर हिला दिया.
रीत को उसकी मासूमियत पर बड़ा प्यार आ रहा था और वो बोली.
रीत-करण जीजू असल में रात हमारी कूटी को किसी भूत ने सपने में आकर डरा दिया इसलिए ये खामोश और डरी सी बैठी है.
रेहान समझ गया कि प्राची ने उन सब को यही बताया होगा कि उसे कोई डरावना सपना आया है. अब उसका डर बिल्कुल ख़तम हो गया और वो बोला.
रेहान-अरे रीत भूत ने कुछ किया तो नही हमारी साली के साथ.
प्राची उसकी बात सुनकर शरम और ग्लानि से भर गई.
रीत-किसी की क्या मज़ाल कि हमारी कूटी के साथ कोई कुछ कर जाए.
करुणा-बिल्कुल अगर किसी ने इसे परेशान करने की कोशिश भी की तो देख लेना मैं. रीत न्ड नीतू उसका क्या हाल करेंगी.
हॅरी ने करुणा की बात सुनकर कहा.
हॅरी-अरे वाह फिर तो बच के रहना होगा आपसे.
नीतू-जी हां बच के रहिएगा हॅरी जीजू. मेरी करुणा दीदी जंगली बिल्ली हैं.
नीतू की बात सुनकर सब हँसने लगे और करुणा नीतू को मारने लगी.
करुणा-मुझे जंगली बिल्ली बोल रही है तू भी तो चुड़ैल है.
रीत-अरे करू बस करो अब तुम भी नीतू के साथ बच्ची बन जाती हो.
फिर वो ऐसे ही बातें करते रहे और एक दूसरे को मज़ाक करते रहे. फिर कॉलेज का टाइम ख़तम हुया और वो अपने अपने रूम'स की तरफ चल पड़े.
रूम में पहुच कर रीत प्राची के गले में बाहें डाल कर बोली.
रीत-मेरी प्यारी कूटी आज तेरा चेहरा ऐसे उतरा हुया क्यू है.
प्राची-कुछ नही दीदी आज मेरा दिल नही लग रहा.
रीत-घरवालों की याद आ रही है.
प्राची-हां दीदी मुझे घर जाना है.
प्राची ने सोचा कि कुछ दिन घर घूम आएगी तो शायद वो इस घटना को भूल कर वापिस पहले जैसी हो जाएगी.
रीत ने उसकी गालों को चूमते हुए कहा.
रीत-ओके मेरी कूटी हम कल ही चलते हैं कल शनिवार है हम कल जाकर सोमवार को वापिस आ जाएँगे.
रीत की बात सुनकर प्राची मुस्कुराने लगी और उसने भी रीत के गालो को चूमते हुए कहा.
प्राची-दीदी क्यू ना हम भी कोई फ्लॅट लेकर रहे.
रीत-अरे क्यू यहाँ पे क्या हुआ कहीं रात भूत से कुछ ज़्यादा ही तो नही डर गई तू.
प्राची-नही दीदी फ्लॅट में रहने का मज़ा ज़्यादा है यहाँ पे तो बहुत बंदिशें है वहाँ हम आज़ादी से रहेंगे.
रीत कुछ सोचती हुई बोली.
रीत-ओके हम घर तो जा ही रहे हैं मैं पापा से बात कर लूँगी और वो हमे कोई फ्लॅट खरीद कर ज़रूर दे देंगे यहाँ पे.
असल में रीत के पापा बहुत अमीर थे उनका अपने गाओं में बहुत बड़ा खेती का बिजनेस था उनके पास बहुत पैसा था मगर इतना पैसा होते हुए भी वो गाओं में रहना ही पसंद करते थे और गाओं में उनका बहुत बड़ा घर था.
रीत की बात को वो कभी नही टालते थे इसलिए अब उनका फ्लॅट में शिफ्ट होना लगभग पक्का था.
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12-14-2017, 12:57 AM,
#23
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इधर रेहान को जब पता चला कि रीत न्ड प्राची घर गई हुई हैं तो उसने करण न्ड हॅरी को कहा.
रेहान-सालो अच्छा मौका है नीतू न्ड करुणा को बजाने का सालो टाइम सेट कर्लो अब उनके साथ क्योंकि रीत न्ड प्राची के होते हुए वो आसानी से देने के लिए नही मानेगी.
करण-बात तो तेरी सही है यार मगर हम उन्हे लेकर कहाँ जाएँगे.
रेहान-साले फ्लॅट में ही ले आना 2 रूम्स तो है यहाँ एक में तू और नीतू न्ड दूसरे में हॅरी न्ड करुणा.
हॅरी-मगर वो इतनी जल्दी नही मान ने वाली.
रेहान-साले ट्राइ तो कर ही सकता है.
करण-हां यार सही कहा.
और करण ने अपना मोबाइल निकाला और नीतू का नंबर. डाइयल किया. नीतू ने फोन उठाया और कहा.
नीतू-हेलो जनाब.
करण-हाई जान कैसी हो.
नीतू-बढ़िया हूँ आप बताओ.
करण-मैं भी ठीक हूँ यार तुमसे मिलने का मन कर रहा है.
नीतू-ओह तो इस लिए फोन किया.
करण-हां शायद इसी लिए.
नीतू-मगर मैं नही आउन्गि.
करण-क्यू यार अपने आशिक़ से ही मुलाक़ात के लिए ही मना कर रही हो.
नीतू-एक तो रीत दीदी न्ड प्राची यहाँ पे नही हैं न्ड दूसरा आप का क्या भरोसा आप क्या करने लग जाओ.
करण-अरे यार अब तक हम 3-4 बार मिल चुके है अब तक मैने कुछ किया.
असल में वो दोनो 3-4 बार मिल चुके थे मगर कभी भी करण ने नीतू के साथ कुछ नही किया था.
नीतू-पहले की बात और थी लेकिन आज आचनक मिलने के लिए बोल रहे हो कुछ तो गड़बड़ है.
करण-अपना डीटेक्टिव माइंड मत चलाओ प्लीज़ तैयार रहना मैं एक घंटे तक तुम्हे लेने आउन्गा.
नीतू आगे कुछ बोलती इस से पहले ही करण ने फोन कट कर दिया.
नीतू ने कुछ सोचा और फिर मुस्कुराती हुई कपड़े लेकर वॉशरूम में घुस गई. करुणा पास ही बैठी थी मगर उसने नीतू फोन पे क्या बात कर रही थी इस पे ध्यान नही दिया था.
करण ने फोन कट किया और रेहान को जफ्फि डालते हुए कहा.
कारण-आज तो मज़ा आ जाएगा यार.
रेहान-मज़ा तो आएगा ही जब नीतू जैसी मस्त हसीना नंगी तुम्हारी सामने खड़ी होगी.
हॅरी ने भी कुछ सोचते हुए आख़िरकार अपना फोन उठाया और करुणा का नंबर. डाइयल करते हुए छत पे चढ़ गया.
करुणा ने उधर से फोन उठाया.
करू-हेलो हॅरी.
हॅरी-हाई करू कैसी हो आप.
करू-मैं ठीक हूँ आप कैसे हो.
हॅरी-मैं भी ठीक हूँ. क्या कर रही हो आप.
करू-कुछ नही बस पढ़ रही थी रीत न्ड कूटी गाओं गई हैं और नीतू भी अभी वॉशरूम में नहा रही है तो मैने सोचा थोड़ा पढ़ ही लिया जाए.
हॅरी-ओह फिर तो मैने आपको डिस्टर्ब कर दिया सॉरी मैं बाद में कॉल करता हूँ.
करू-नही नही अब कॉल की है तो बात करो ना प्लीज़.
हॅरी-ओके. करू मैं कुछ कहना चाहता था आपसे.
करू-अरे तो कहो ना.
हॅरी-वो...वो बात ये है कि मैं चाहता था कि अगर हम कहीं........घूमने चले अगर आप फ्री हो तो.
करुणा मन में सोचने लगी कि एकदम घूनचू है उसका हॅरी घूमने के लिए चलने के लिए भी कितना डर डर के पूछ रहा है. कुछ भी हो करुणा को हॅरी का यही अंदाज़ तो पसंद था.
करुणा-क्यू नही हॅरी मेरा भी तो दिल करता है कि मैं अपने प्रेमी के साथ घूमने जाउ. मगर इन 2 दिन में पासिबल नही है डियर ब'कॉज़ रीत न्ड प्राची भी नही हैं न्ड नीतू भी नये कपड़े लेकर वॉशरूम में घुसी है लगता है करण के साथ कुछ प्लान किया है उसने. इसलिए 2 दिन तो मुश्क़िल है हम ट्युजडे ओर वेडनेसडे को चलें क्या.
हॅरी-ओके डियर जैसी आपकी मर्ज़ी. हम वेडनेसडे को चलेंगे.
करू-ओके थॅंक यू सो मच डियर. आपने मेरी बात कितनी आसानी से मान ली.
हॅरी-आपसे प्यार करते है कोई मज़ाक नही आपकी खुशी में ही हमारी खुशी है डियर.
करू-ओह साची.
हॅरी-बिल्कुल जी.
करुणा खुश होते हुए.
करू-थॅंक गॉड मुझे आपके जैसा लवर मिला. साची हॅरी मैं आपको पाकर बहुत खुश हूँ.
हॅरी-अरे बस बस अब इमोशनल बातें मत करो. ओके बाइ मैं बाद में बात करूँगा.
करू-बाइ जानू.
...................
नीतू नाहकार बाहर निकली तो उसने एक टाइट ब्लॅक चुरिदार पहना हुया था जिसमे से उसके जिस्म का एक एक हिस्सा पूरा टाइट था. वो अपने गीले बालों को सुखाती हुई करुणा की तरफ आई और उसके बेड पे बैठ गई.
करुणा ने देखा की आज नीतू कुछ ज़्यादा ही निखर कर बाहर निकली थी. उसने नीतू को छेड़ते हुए कहा.
करू-क्या बात है चालू लड़की बड़ी निखर कर निकली हो किधर जा रही हो आज.
नीतू थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए.
नीतू-क्या करू दीदी आप भी उस कूटी की बच्ची की तरह मुझे चालू बताने लगी.
करुणा उसका माथा चूमते हुए.
करू-अरे पगली मैं तो प्यार से चालू बुला रही हूँ तुझे वैसे आज तो क़यामत लग रही है किस पर बिज़ली गिराने का इरादा है.
नीतू हंसते हुए.
नीतू-आपके जीजू यानी के करण के उपर.
करू-ओह वाह हमे बिना बताए मिलने का प्लान भी बना लिया.
नीतू-अरे दीदी आपको बता तो रही हूँ आपको बिना बताए कभी कुछ किया है क्या मैने.
करू-ओके तो कहाँ जाने का प्लान है आज.
नीतू-पता नही फिलहाल तो करण आता ही होगा मुझे लेने.
करू-ओके संभाल के रहना जीजू से. वैसे जब जीजू तुम्हे इन कपड़ों में देखेंगे तो आज लगता नही तुमको ऐसे ही छोड़ देंगे.
नीतू-अरे दीदी आप भी ना बस. ओके अब मुझे तैयार होने दो.
और वो उठ कर तैयार होने लगी.
उधर करण नीतू को लेकर आने के लिए तैयार था. उसने रेहान न्ड हॅरी को बोल दिया था कि वो शाम तक कहीं घूम आयें क्योंकि करुणा तो मानी नही थी. इसलिए रेहान न्ड हॅरी बाइक लेकर सूखना लेक की तरफ निकल गये थे और करण हॉस्टिल की तरफ.
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12-14-2017, 12:58 AM,
#24
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करण बाइक लेकर हॉस्टिल के बाहर पहुच गया और उसने वहाँ पहुच कर नीतू को कॉल की और कुछ ही देर में नीतू उसे सामने से आती दिखाई दी. नीतू के मस्त हुस्न को एक ब्लॅक चुरिदार में फसा देख करण का लंड हरकत करने लगा. जैसे ही नीतू उसके पास आई तो वो बोला.
करण-हाए जानेमन आज तो मार ही डालोगी लगता है.
नीतू-बस बस ज़्यादा मत बोलो.
करण-सच में जानू आज तो तुम अप्सरा ही लग रही हो.
नीतू-ज़्यादा फ्लर्ट मत करो और चुप चाप चलो.
करण-ओके तो बैठो.
नीतू करण की बाइक की पीछे वाली सीट पे एक तरफ टाँगें करके बैठ गई और उसने लेफ्ट टाँग उठा कर दूसरी टाँग के उपर रख दी ताकि पीछे आने वालो को उसकी मस्त जंघें दिखती रहे. अक्सर लड़कियों को जानबूझ कर अपना शरीर मर्दों को दिखाकर उन्हे तड़पाने में बहुत मज़ा आता है.
नीतू-तो कहा जा रहे हैं हम.
करण-पहले तो मेरे फ्लॅट पे जाएँगे.
नीतू थोड़ी घबराकर.
नीतू-वहाँ क्या करना है.
करण-अरे तुम्हे अपना ग़रीब खाना दिखाना है जानू.
नीतू-ओके फिर ठीक है.
करण बाइक को अपने फ्लॅट के सामने लेजा कर रोक देता है और नीतू नीचे उतर जाती है और करण भी बाइक खड़ी कर नीचे उतर जाता है और वो दोनो अंदर की तरफ चल देते हैं.
अंदर पहले करण नीतू को अपना पूरा फ्लॅट घूमाकर दिखाता है फिर उसे एक रूम में लेजा कर बैठने को कहता है और खुद बाहर आ जाता है. कुछ देर नीतू रूम को निहारती रहती है. फिर दरवाज़ा खुलता है नीतू को जो कुछ सामने दिखाई देता है उसे देखकर नीतू का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है. सामने करण सिर्फ़ एक अंडरवेर में खड़ा होता है वो दरवाज़े की कुण्डी लगाकर नीतू की तरफ बढ़ता है नीतू डर और शरम से लाल होकर सिकुड कर बैठ जाती है. करण उसके पास जाकर बेड पे बैठ जाता है और उसकी बाहों को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खीचता है और उसके होंठों पे अपने होंठ टिका देता है कुछ देर तक नीतू अपने आप को छुड़ाती रहती है मगर थोड़ी ही देर में वो करण का साथ देने लगती है. कोई 5 मिनट तक वो एकदुसरे के होंठों का रस चूस्ते रहते हैं. जैसे ही करण उसके होंठ आज़ाद करता है तो वो कहती है.
नीतू-क्या यही सब करने के लिए मिलना चाहते थे.
करण-मेरी जान मैं तुमसे प्यार करता हूँ और इतना तो हक है ही मेरा वैसे मैं तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करूँगा.
इतना कहकर करण नीतू को बेड पे लिटा देता है और उसके उपर चढ़ जाता है और कमीज़ के उपर से ही वो नीतू के मम्मे चूसने लगता है. नीतू भी मदहोश हो जाती है और करण के बालों में हाथ घुमाने लगती है. करण उसका कमीज़ पकड़कर उसे नीतू के शरीर से उतार देता है और कमीज़ उतरते ही नीतू का गोरा बदन उसके सामने आ जाता है. अब उसके उपर वाले शरीर के उपर सिर्फ़ एक रेड कलर की ब्रा होती है. करण उसकी ब्रा के हुक्स भी खोल देता है और नीतू का मम्मे बिल्कुल नंगे करण के सामने होते हैं. करण उसके मम्मे चूसने लगता है वारी वारी वो उसके दोनो मम्मे बहुत प्यार से चूस्ता रहता है. नीतू की आँखें बंद हो जाती है और वो नीचे पड़ी आहें भरती रहती है. करण अपनी जीभ को नीचे की तरफ ले आता है और नीतू के चुरिदार का नाडा खोल देता है. नीतू थोड़ा विरोध करती है मगर करण उसकी बात ना सुनकर उसका चुरिदार खीच कर उसकी टाँगों में से निकाल देता है और फिर रेड पैंटी भी देखते ही देखते नीतू के जिस्म से अलग हो जाती है. अब नीतू पूरी नंगी करण के सामने लेटी हुई थी. करण ने अपना अंडरवेर भी उतार दिया. नीतू की नज़र एक पल के लिए उसके लंड पे पड़ी तो वो काँप उठी. करण का लंड उसके चेहरे की तरह एकदम गोरा था और उसकी लंबाई 7इंच के करीब थी. नीतू ने अपनी आँखें बंद की और करण थोड़ा उपर हुआ और नीतू के होंठों के उपर अपने होंठ टिका दिए. उसने नीचे हाथ लेजा कर अपना लंड नीतू की कुँवारी चूत पे सेट किया. नीतू का सारा शरीर आगे आने वाले पल को सोच कर काँप उठा. करण ने नीतू के होंठ आज़ाद किए और एक हल्का सा दवाब अपने लंड पे दिया मगर उसका लंड अंदर नही घुस पाया. फिर उसने एक बार नीतू की आँखों में देखा और जोरदार धक्का दिया. नीतू की चीख पूरे कमरे में गूँज उठी और करण का लंड आधा अंदर घुस गया. नीतू दर्द से कराहती रही जब उसकी दर्द भरी आहें कुछ कम हुई तो करण ने एक और धक्का मारा और लंड पूरा अंदर घुसा दिया. नीतू दर्द से चीखती रही करण धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद नीतू की दर्द भरी चीखों की जगह आनंदमयी सिसकियों ने ले ली. और उसने करण को कस कर अपने से भींच लिया. करण ने भी नीतू की चूत में धक्को की बरसात तेज़ कर दी और हर धक्के का आनंद नीतू भी पूरे मज़े से लेने लगी. 10मिनट तक करण एक रफ़्तार से नीतू को चोदता रहा और फिर उसके धक्के आचनक तेज़ हो गये और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी छूटी जिसने कि नीतू की चूत को भर दिया. वो नीतू के उपर ही गिर पड़ा और वो काफ़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे. फिर नीतू ने उसे अपने उपर से हटाया तो उसने देखा कि उसकी चूत से तोड़ा खून निकल कर उसकी जांघों पे लगा हुआ था और थोड़ा सा खून करण के गोरे लंड पे भी चमक रहा था और जब उसने बेड शीट देखी तो उसके उपर भी कुछ निशान थे. नीतू ने जल्दी से कपड़े पहने उसके पेट में काफ़ी दर्द हो रहा था. उसने करण को एक लीप किस की और फिर करण उसे उनके हॉस्टिल के पास छोड़ आया.
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12-14-2017, 12:58 AM,
#25
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27
आज सनडे था तो रीत ने सोचा कि प्राची के साथ उनके खेतों में घूमने जाए और वो प्राची के घर पहुच गई. वहाँ पहुच कर रीत न्ड प्राची सन्नी के साथ उनके खेतों की तरफ चल पड़ी. खेतों में पहुच कर उन्होने देखा चारो तरफ हरियाली ही हरियाली थी फसले झूम रही थी जो कि मौसम को रोमॅंटिक ब्ना रही थी. वो तीनो खेतों के बीच बने रास्ते पे चल पड़े. सन्नी की नज़र तो रीत के उपर ही थी वो बस चलता हुआ भी एक तक रीत को ही देख रहा था. रीत ने रेड टॉप के साथ टाइट ब्लू जीन्स पहनी थी जिसमे से उसके बड़े बड़े चूतड़ एक दूसरे के साथ थिरक थिरक कर एक हॉट दृश्य पेश कर रहे थे. वो चलते चलते आम के बाग तक आ पहुचे थे. प्राची तो भाग कर एक आम पे चढ़ गई थी और आम तोड़ने लगी. रीत न्ड सन्नी नीचे खड़े उसे देख रहे थे. कुछ देर जब उनमे कोई बात नही हुई तो सन्नी ने कहा.
सन्नी-अब तो ये जल्दी नीचे नही उतरेगी रीत चलो हम आगे चलते हैं.
रीत उसकी बात सुनकर उसके साथ चलती हुई प्राची को बोली.
रीत-कूटी हम थोड़ा आगे तक घूम कर आते हैं तू तब तक आम खाती रह.
प्राची-ओके दीदी.
वो दोनो आगे चल पड़े. सन्नी ने बात शुरू की.
सन्नी-कैसी चल रही है आप दोनो की स्टडी रीत.
रीत-बहुत अच्छी चल रही है सन्नी.
सन्नी-ओके कोई प्रॉब्लम तो नही है ना आपको वहाँ पे.
रीत-नही नही प्रॉब्लम कैसी.
फिर कुछ देर तक वो खामोश रहे और फिरसे सन्नी ने कुछ सोचते हुए बात शुरू की.
सन्नी-रीत मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ.
रीत-अरे तो क्या पर्मिशन लेनी पड़ेगी तुम्हे.
सन्नी-असल मैं बात ही कुछ ऐसी है रीत.
रीत थोड़ी गंभीर होकर.
रीत-ऐसी क्या बात है.
सन्नी-ऐक्चुलि रीत मैं बहुत देर से तुमसे ये बात करनी चाहता था मगर आज तक कर नही पाया लेकिन आज सोच रहा हूँ कि अगर आज भी ना कह पाया तो शायद कभी नही कह पाउन्गा.
रीत सन्नी की बात सुनकर थोड़ा परेशान हो गई और उसके आगे बोलने का इंतेज़ार करने लगी.
सन्नी-रीत मैं बचपन से ही तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और ये बात तुम अच्छे से जानती हो और मेरी ये पसंद कब प्यार में बदल गई मुझे पता ही नही चला. और ये बात तुमसे कहने की मैने बहुत दफ़ा कोशिश की मगर आज तक नही कह पाया मगर आज ज़रूर कहूँगा....
रीत मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ.
'विल यू मॅरी मी'
रीत का दिल उसकी बात सुनकर तेज़ी से धड़कने लगा उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे.
उसे खामोश देखकर सन्नी ने कहा.
सन्नी-प्लीज़ रीत कुछ तो जवाब दो.
रीत ने थोड़ी हिम्मत जुटाते हुए कहा.
रीत-देखो सन्नी तुम बहुत अच्छे इंसान हो. हम एक साथ जवान हुए बचपन में एक साथ खेले मगर सन्नी मैने कभी तुम्हारे साथ प्यार करने के बारे में नही सोचा. मेरी लाइफ में तुम्हारी जगह एक अच्छे और सच्चे दोस्त की है और रही बात प्यार की तो पहले से ही मेरी लाइफ में कोई है.
इसलिए प्लीज़ ये सब भूल जाओ सन्नी.
रीत की बात सुनकर सन्नी का कलेजा उसके गले को आ गया. और उसकी आँखो से भी थोड़ा पानी बाहर आ गया.
रीत ने वापिस मुड़ते हुए कहा
रीत-अब हमे वापिस चलना चाहिए सन्नी कूटी हमारा इंतेज़ार कर रही होगी.
रीत पलट का वापिस जाने लगी तो सन्नी को ऐसा लगा कि रीत उस से अब हमेशा के लिए दूर जा रही है. उसकी आँखें ये सब सोच कर लाल होने लगी वो अपने होश गवाँ बैठा और तेज़ी से रीत की तरफ बढ़ा और उसका हाथ पकड़ कर उसे पास वाले गन्ने के खेत की तरफ खीचने लगा.
रीत को इस बात का अंदाज़ा तक नही था वो सन्नी की इस हरकत पे हैरान थी और वो अपना हाथ छुड़ाते हुए कहने लगी.
रीत-ये क्या कर रहे हो सन्नी छोड़ो मेरा हाथ.
मगर सन्नी उसे खीचता हुया खेत में ले गया और उसे बाहों में भर कर अपने होंठ रीत के गुलाबी होंठो पर टिका दिए. रीत को सन्नी की इस हरकत से बहुत गुस्सा आ रहा था वो अपने होठ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी मगर सन्नी की पकड़ बहुत मजबूत थी. रीत अपने हाथों से सन्नी को अपने से दूर धकेल रही थी मगर वो सफल नही हो पा रही थी. सन्नी के हाथ अब रीत के चुतड़ों को मसल्ने लगे थे. सन्नी इतनी ज़ोर ज़ोर से उसके होंठ चूस रहा था और चूतड़ मसल रहा था कि रीत के होंठ और चुतड़ों पे दर्द होने लगा था. रीत ने पूरी ताक़त लगाकर सन्नी को अपने से दूर कर ही दिया और उस से दूर होते ही एक जोरदार तमाचा सन्नी के गाल पे दे मारा. और लगभग रोती हुई बोली.
रीत-सन्नी तुम इतने गिर सकते हो मैने कभी सोचा भी नही था आइ हेट यू. आज के बाद मुझे कभी बुलाने की कोशिश भी मत करना.
और इतना कहकर वो खेत से बाहर निकल गई और तेज़ तेज़ कदमो से चलती हुई प्राची के पास पहुच गई. रीत को थोड़ा परेशान देख प्राची ने पूछा.
प्राची-क्या हुआ दीदी.
रीत ने अपने आप को संभालते हुए कहा.
रीत-कुछ नही कूटी चल अब घर चलें.
प्राची-भैया कहाँ है उन्हे तो आने दो.
रीत-वो बाद में आएँगे जल्दी चल.
रीत न्ड प्राची घर की तरफ चल पड़ी. उधर सन्नी को तमाचा खाने के बाद थोड़ा होश आया तो उसे खुद पर ही गुस्सा आने लगा क्योंकि उसने ये सब करके अब रीत को हमेशा के लिए खो दिया था.
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12-14-2017, 12:58 AM,
#26
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28
मंडे को रीत न्ड प्राची को वापिस हॉस्टिल जाना था और वो हॉस्टिल जाने के लिए रेडी थी. रीत अपने घर बैठी प्राची का वेट कर रही थी. तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से प्राची और सन्नी बाहर निकले. सन्नी गाड़ी के पास ही रुक गया और प्राची अंदर आ गई. सन्नी ने गाड़ी में कल जो उस से ग़लती हुई थी उसके बारे में प्राची को बता दिया था. प्राची भी अपने भैया पे बहुत गुस्सा हुई इस बात को लेकर. सन्नी अब बहुत परेशान था वो अब रीत से एक दफ़ा माफी माँगना चाहता था मगर उसे समझ नही आ रहा था कि किस मूह से माफी माँगे.
प्राची रीत के पास पहुच चुकी थी. रीत ने अपना बॅग लिया और अपने एक नौकर को उसे गाड़ी में रखने को बोल दिया और खुद अपने मम्मी पापा के पास जाकर उनसे मिलने लगी.
रीत अपनी मम्मी से गले मिलते हुए.
रीत-ओके मम्मी बाइ.
मम्मी उसका माथा चूमते हुए.
मोम-ओके बेटा अपना ध्यान रखना और जल्दी मिलने आना.
रीत-ओके मोम मैं जल्दी ही मिलने आउन्गि.
मम्मी को मिलने के बाद रीत पापा से भी गले मिली और कहा.
रीत-ओके पापा बाइ.
पापा-बाइ बेटा और ये पकड़ तुम्हारे नये फ्लॅट की चाबी.
रीत खुशी से उछलती हुई.
रीत-पापा अपने इतनी जल्दी फ्लॅट भी ढूंड लिया हमारे लिए.
पापा-बिल्कुल बेटा तुम्हारे लिए तो अपनी जान भी हाज़िर कर देंगे हम दोनो. वैसे भी ये सब कुछ तुम्हारा ही तो है. मैने सन्नी का सब समझा दिया है वो तुम दोनो को वहाँ छोड़ आएगा और तुम्हारा समान भी हॉस्टिल में से फ्लॅट में शिफ्ट करवा देगा. ओके.
रीत-ओके. थॅंक यू सो मच पापा.
पापा-अरे थॅंक यू की क्या बात है. तुम हमारी बेटी हो यार.
रीत-ओके पापा अब हम चलते हैं.
पापा-ओके. अपना ख्याल रखना. कूटी तू ख़याल रखा कर इसका.
रीत हँसते हुए बोली.
रीत-पापा आप किसे मेरा ख्याल रखने को बोल रहे हो उल्टा इसका ख्याल मुझे रखना पड़ता है.
वो सब रीत की बात सुनकर हंस पड़े.
रीत न्ड प्राची आकर गाड़ी में बैठ गये पहले की तरह ही प्राची आगे बैठी थी और रीत पीछे. पूरे रास्ते सन्नी और रीत आपस कुछ नही बोले. प्राची सारे रास्ते बक बक करती रही और रीत न्ड सन्नी उसकी बात का हुंगरा भरते रहे. हॉस्टिल पहुच कर रीत न्ड प्राची गाड़ी से बाहर निकली और सन्नी को रुकने को बोल कर अपने रूम में पहुच गई. अंदर करुणा न्ड नीतू एअर फोन्स लगाकर म्यूज़िक सुन रही थी. रीत न्ड प्राची को देखकर वो उठ कर उनके गले मिली और करुणा ने कहा.
करुणा-आ गई आप दोनो.
रीत-येस करू अब जल्दी करो अपना समान पॅक करो.
करू-क्यू क्या हुआ.
प्राची-अरे दीदी हम फ्लॅट में शिफ्ट हो रहे हैं रीत दीदी के पापा ने हमारे लिए एक फ्लॅट खरीद कर दे दिया है.
करुणा न्ड नीतू को ये बात सुनकर खुशी तो हुई मगर थोड़ी परेशान होकर बोली.
करुणा-मगर रीत क्या हम तुम्हारे साथ वहाँ पे ऐसे ही फ्री में रहेंगी. यार ये ठीक नही है.
रीत अपनी कमर पे हाथ टीकाकार गुस्सा होते हुए बोली.
रीत-करू आज तुमने ये बात बोल दी मगर आगे से कभी कहा तो मुझसे बुरा कोई नही होगा. चुप चाप समान पॅक करो और कूटी मेरा बॅग भी तू पॅक कर दे मैं वॉर्डन सर को हॉस्टिल छोड़ने के बारे में बता कर आती हूँ. कुछ फॉरमॅलिटीस होगी जो पूरी करनी पड़ेगी. आप समान पॅक करो मैं आती हूँ.
प्राची बुदबुदाती हुई बोली.
प्राची-मुझे ज़्यादा काम करना पड़ेगा.
मगर रीत वहाँ से जा चुकी थी.
उन्होने अपना अपना समान गाड़ी में रखा और प्राची ने नीतू और करू को सन्नी से मिलवाया. इतने में रीत भी आ गई और वो निकल पड़े फ्लॅट की ओर दिल में एक रोमांच लिए.
फ्लॅट पहुच कर वो गाड़ी से बाहर आई अंदर चली गई. अंदर जाकर उन्होने देखा कि फ्लॅट बहुत ही सुंदर था. फ्लॅट में एंटर होते ही लॉबी थी जहाँ पे सोफा और मेज़ रखा हुया था और एक तरफ डाइनिंग टेबल पड़ा था. एंटर होने के बाद लेफ्ट में किचन था उसके साथ छोटा सा स्टडी रूम था न्ड सामने की ओर एक बड़ा कमरा था जहाँ पे 4 सिंगेल बेड पड़े थे जो की रीत न पार्टी के सोने के लिए थे. राइट साइड की और एक और कमरा था जिसमे एक डबल बेड पड़ा हुया था और उसके साथ अटॅच्ड वॉशरूम था. फ्लॅट के बाहर थोड़ी जगह थी जिसमे घास लगाई हुई थी सर्दी में बाहर निकलकर वहाँ पे बैठ कर धूप सेकि जा सकती थी. वहीं से एक सीढ़ी छत की और चढ़ती थी और उपर छत पे भी बैठा जा सकता था. कुल मिलाकर पूरा फ्लॅट बहुत अच्छा था. उन्होने अपना समान अंदर रख दिया और घूम कर सारा फ्लॅट देखने लगी. तभी सन्नी ने प्राची से कहा.
सन्नी-ओके गुड़िया मैं चलता हूँ. बाइ.
प्राची-ओके भैया बाइ.
सन्नी-बाइ करुणा न्ड बाइ नीतू.
करुणा न्ड नीतू ने भी उसे बाइ किया.
सन्नी ने एक बार रीत की ओर देखा जो कि उदास नज़रो से नीचे देख रही थी. वो हिम्मत जुटा कर बोला.
सन्नी-रीत क्या आप 1 मिनिट के लिए बाहर आएँगी.
रीत ने थोड़ा सोचा और बाहर की ओर चल पड़ी.
सन्नी और रीत गाड़ी के पास खड़े थे. सन्नी ने बात शुरू की.
सन्नी-रीत मैने जो कुछ तुम्हारे साथ किया उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूँ मैं तो माफी का हक़दार भी नही रीत. मैं जोश में होश खो बैठा रीत मुझे ऐसा लगा कि मैं तुम्हे खो रहा हूँ. प्लीज़ अगर हो सके तो मुझे माफ़ कर देना. तुम मुझे चाहो या ना चाहो मगर मैं हमेशा तुम्हे चाहता रहूँगा.
कहते हुए सन्नी का गला भर गया.
रीत काफ़ी देर कुछ नही बोली. उसकी आँखें भी भर आई थी. वो थोड़ा संभाल कर बोली.
रीत-सन्नी तुमने जो ग़लती की है वो माफी के लायक नही है.
और रीत अंदर चली गई.
सन्नी भी भरे मन से वापिस गाओं चल पड़ा.
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12-14-2017, 12:58 AM,
#27
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29
रीत फ्लॅट में वापिस आई तो देखा कि वो तीनो मेडम रूम'स देखने में बिज़ी थी. रीत ने झुंजलाते हुए कहा.
रीत-अरे करू यार पहले समान तो सेट कर लो बाद में आराम से देखते रहना जो देखना है.
करुणा-ओके रीत. चलो कूटी न्ड नीतू जल्दी से सेट्टिंग करवायो हमारे साथ.
नीतू-दीदी सोने के लिए कोन्सा रूम चूज किया जाए.
प्राची-चालू नीतू अंधी है क्या देखा नही सामने वाले रूम में 4 बेड लगे तो हुए हैं.
नीतू-तो इस डबल बेड वाले रूम में कॉन सोएगा.
रीत-तू सो जा अगर सोना है.
नीतू-मैं तो जहाँ आप सब सोएंगी वही पे सोउंगी.
करू-ओके तो चलो रूम की सेट्टिंग करते हैं.
रूम में 2 अलमारी'स थी. रीत ने अलमारी की तरफ इशारा करते हुए कहा.
रीत-चलो एक अलमारी में नीतू न्ड करू दीदी आप अपने कपड़े सेट कर लो न्ड दूसरी में मैं और कूटी कर लेते हैं.
करुणा-ओके रीत.
फिर उन्होने अपने अपने कपड़े अलमारी'स में सेट किए और फिर बेड की सेट्टिंग करने लगी. उन्होने हॉस्टिल वाले रूम की तरह ही बेड सेट करने की सोची. नीतू, करू न्ड रीत बेड सेट कर रही थी लेकिन कूटी बार-2 उन्हे आकर छेड़ रही थी. रीत न्ड करुणा बार बार उसे मना कर रही थी. करुणा न्ड रीत ने बेड को अपने हाथों से उपर उठा रखा था उसे उन्होने दीवार के साथ सेट करना था. प्राची के मन में शरारत आई और उसने जाकर अपनी उंगलियाँ दोनो तरफ से रीत की कमर में ज़ोर से मारी और उसके ऐसा करने से रीत के हाथ से बेड छूट गया और बेड सीधा जाकर रीत के पैर के उपर गिरा और रीत ज़ोर से चिल्लाई. करू, प्राची न्ड नीतू भाग कर उसके पास आई. रीत फर्श पर ही अपना पैर पकड़ कर बैठ गई थी. बेड उसके पैर के बीचो बीच लगा था जिसकी वजह से उसके पैर से खून निकलने लगा था. रीत के पैर की हालत देखकर करुणा गुस्से से प्राची की तरफ देखती हुई बोली.
करुणा-कूटी कब से तुम्हे हम सब समझा रहे थे आख़िरकार तुम्हारी शरारत की वजह से देखो बेचारी रीत के पैर का क्या हाल हो गया.
प्राची घबराकर बोली.
प्राची-करू दीदी मैने जान बुझ कर तो नही किया. रीत दीदी सॉरी मुझे माफ़ करदो प्लीज़.
रीत दर्द से कराहती हुई बोली.
रीत-सॉरी की बच्ची जल्दी से मेरे बॅग में से फर्स्ट एड का बॉक्स निकालकर लेकर आ.
प्राची जल्दी से रीत के बॅग में जाकर फर्स्ट एड वाला बॉक्स ढूँडने लगी.
करुणा ने दवाई लगाने से पहले पैर के जखम को धोने का सोचा और नीतू को गरम पानी लेकर आने को कहा. नीतू जल्दी से किचन में पानी लेने चली गई. 5 मीं बाद नीतू थोड़ा सा गरम पानी ले आई. करुणा ने पहले रीत के पैर के ज़ख़्म को अची तरह से धोया और फिर उसे सॉफ करके उसके उपर दवाई लगाई और फिर उपर पट्टी बाँध दी. फिर करू न्ड प्राची ने रीत को सहारा देखार खड़ी किया और उसे लेज़ाकार बेड पे लिटा दिया. प्राची रीत के सिरहाने के पास बैठ गई और रीत से माफी मांगती हुई बोली.
प्राची-सॉरी दीदी मेरी शरारत की वजह से आपके पैर का क्या हाल हो गया.
रीत-बस बस अब ज़्यादा प्यार मत जता तू और तेरी शरारातें कभी ना रुकी हैं और ना रुकेंगी.
प्राची थोड़ा मुस्कुरई और रीत का सर दबाने लगी.
रीत के चेहरे पे भी मुस्कुराहट आ गई.
रीत-देखो पहले इतना बड़ा ज़ख़्म दिया और अब सेवा करने का नाटक कर रही है.
प्राची थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए.
प्राची-मैं कोई नाटक वातक नही कर रही दीदी सच में आपकी सेवा कर रही हूँ आगे आप मेरी केर करती हो आज मैं आपकी केर करूँगी.
करू-बस बस बड़ी आई केर करने वाली. अपनी केर तो पहले अच्छे से करना सीख ले चली रीत की केर करने.
नीतू करू की बात सुनकर हँसने लगी. प्राची ने उसे हंसते देख लिया और बोली.
प्राची-ये छुप छुप कर क्या हंस रही है चालू लड़की.
नीतू-अब हँसने वाली बात होगी तो हँसूगी ही और क्या रोने लगू.
प्राची-कोई बात नही हंस ले जितना हसना है जिस दिन करण जीजू ने डाल दिया ना अंदर फिर देखना कैसे आँसू बहाएगी जीजू के नीचे पड़ी.
करुणा ने सोचा कि अब नीतू को सता कर माहौल को थोड़ा हल्का किया जाए इस से रीत भी अपने दर्द को थोड़े टाइम के लिए भूल जाएगी. करुणा ने प्राची की बात को और आग दे दी.
करू-अरे कूटी तुम और रीत जब गाओं गयी हुई थी तब करण जीजू ने इसके आँसू तो निकाल भी दिए.
नीतू इशारे से करुणा को छुप रहने के लिए बोलती रही मगर करुणा तो खुद उसकी खिचाई के मूड में थी.
प्राची और रीत करुणा की बात सुनकर हैरान हो गई.
रीत- नीतू ये मैं क्या सुन रही हूँ सच में क्या जीजू ने तेरी ओपनिंग सेरमोनी कर डाली.
नीतू को तो कुछ सूझ ही नही रहा था वो चुप चाप खड़ी रही. प्राची उठी और नीतू को पीछे से जाकड़ लिया.
प्राची-देखो देखो अब कैसे शर्मा रही है चालू लड़की. मुझे तो पहले से ही पता था कि ये अपनी खुजली जल्दी ही मिटवा लेगी मगर इतनी जल्दी मिटा लेगी मैने सोचा नही था.
रीत-बता ना जीजू ने क्या क्या किया.
नीतू-क्या रीत दीदी आप भी इनके साथ मिल गई अब मैं क्या बताऊ आप को.
रीत-ओके ओके मत बता पर ये तो बता दे मज़ा आया या नही.
नीतू ने शरमाते हुए हां में सर हिला दिया. और उसे शरमाते देख प्राची उसके गाल चूमती हुई बोली.
प्राची-देखो देखो कैसे दुल्हन की तरह शरमा रही है. ये तो बता जीजू का कितना बड़ा था.
रीत-तुझे लेना है क्या.
प्राची-रीत दीदी आप भी ना मैं तो ऐसे ही पूछ रही थी.
फिर वो ऐसे ही नीतू को चिड़ाती रही. और बिना कोई सेट्टिंग किए बातें करती करती ऐसे ही सो गई.
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12-14-2017, 12:58 AM,
#28
RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
सुबह वो चारो उठी और सबने रीत का हाल पूछा. रीत अब कुछ अच्छा फील कर रही थी मगर उसे चलने में अभी भी बहुत प्रॉब्लम. हो रही थी. करू उसे सहारा देकर वॉशरूम तक छोड़ आई और फिर रीत फ्रेश होकर फिरसे करू का सहारा लेकर अपने बेड पे आ गई. करू रीत के पास बैठती हुई बोली.
करू-रीत आज हम कॉलेज नही जाएँगी.
रीत-अरे क्यू नही जाओगी. चुप चाप कॉलेज के लिए रेडी हो जाओ तुम तीनो.
करू-रीत तुम से चला तो जा नही रहा.
रीत-तो फिर मैं थोड़े ना जाउन्गि आप तीनो तो जाओ.
करू-अगर आपको वॉशरूम जाना पड़ा तो कैसे जाओगी.
रीत-मैं चली जाउन्गि कैसे भी करके.
करू-ऐसे कैसे चली जाएगी पागल लड़की. हम नही जाएँगी आज.
रीत-ओके तो ऐसा करो तुम मेरे पास रुक जाओ. बाकी नीतू न्ड कूटी तुम कॉलेज जाओ.
प्राची मूह बनाते हुए.
प्राची-मैं नही जाउन्गि आपके बिना. मैं रुकती हूँ करू दीदी आप और नीतू चली जाओ.
रीत-ठीक है करू इसे छोड़ दो मेरे पास.
नीतू-ये क्या सहारा देगी आपको रीत दीदी. उल्टा और परेशान करेगी.
करू-कूटी की बच्ची अगर तूने रीत को परेशान किया तो कॉलेज से आकर मैं और नीतू तुझे इतना पिटेन्गि कि याद रखेगी.
प्राची-अरे मैं कोई बच्ची थोड़े हूँ मुझे पता है दीदी को दर्द हो रहा है तो मैं क्यू परेशान करूँगी दीदी को.
करू-ओके तो हम चलते हैं. करुणा न्ड नीतू रेडी हो कर कॉलेज के लिए निकल पड़ी. . में उन्होने फर्स्ट लेक्चर लगा न्ड उस से नेक्स्ट फ्री था इसलिए वो कॅंटीन में जाकर बैठ गई. आज करण न्ड पार्टी भी गायब थी. वो बैठी कॉफी पी रही थी. तभी रेहान ,हॅरी न्ड करण उन्हे आते दिखे. वो उनके पास आकर बैठ गये और उनका हाल चल पूछा और रेहान ने रीत के बारे में पूछते हुए कहा.
रेहान-करू वो रीत न्ड प्राची क्या अभी आई नही गाओं से.
करू-रेहान वो तो कल की आ चुकी है और हमने हॉस्टिल से फ्लॅट में शिफ्ट भी कर लिया है.
रेहान-अरे वाह फिर तो मुबारक हो आपको नया फ्लॅट.
करू-थॅंक यू सो मच रेहान.
हॅरी-मगर करू वो दोनो है कहाँ आज.
नीतू-असल में हॅरी जीजू कल रात हम जब रूम की सेट्टिंग कर रहे थे तो कूटी की शरारत की वजह से रीत के पैर पे काफ़ी चोट आ गई उस से ठीक से चला नही जा रहा था. इसलिए वो फ्लॅट में ही आराम कर रही हैं न्ड कूटी भी उनके पास ही है.
रेहान-अरे हमारी डार्लिंग के साथ इतना कुछ हो गया हमे खबर तक नही की. हमे बता देते हम डॉक्टर से पट्टी करवा लाते यार.
करुणा-वो हम भूल गये . रीत के पास फर्स्ट एड का बॉक्स था इसलिए हमने खुद ही दवाई लगाकर पट्टी बाँध दी.
रेहान-ओके अब कैसी है वो.
करुणा-अब तो ठीक है बस पैर में थोड़ा दर्द है.
रेहान उठता हुया बोला.
रेहान-ओके मैं फ्लॅट पे ही उसे मिलकर आता हूँ. अपने फ्लॅट का अड्रेस्स दो मुझे.
करुणा ने रेहान को फ्लॅट का अड्रेस्स दे दिया और रेहान उन्हे बाइ बोलकर फ्लॅट की ओर अपनी बाइक पे चल पड़ा. आख़िर उसने फ्लॅट ढूंड ही लिया और जाकर फ्लॅट की रिंग बजाई.
अंदर रीत न्ड प्राची बैठी बातें कर रही थी.
रीत-लगता है करू न्ड नीतू आ गई जा खोल जाकर डोर.
प्राची उठती हुई बोली.
प्राची-मगर इतनी जल्दी.
और वो रीत जहाँ बैठी थी उस रूम से बाहर आ गई और ड्रॉयिंग रूम से होती हुई डोर की तरफ बढ़ी. प्राची ने जैसे ही दरवाज़ा ओपन किया तो सामने रेहान को देखकर एक बार तो सकपका गई और फिर संभालती हुई बोली.
प्राची-अरे जीजू आप आइए अंदर आ जाइए.
रेहान ने प्राची को उपर से नीचे तक देखा उस सेम प्राची ने एक वाइट टी-शर्ट और पिंक पाजामा पहना हुआ था जिसमे वो बहुत सेक्सी दिख रही थी. प्राची को रेहान की नज़रें अपने जिस्म में चुभती हुई महसूस हुई और वो दरवाज़ा लॉक कर के जहाँ पे रीत बैठी थी उस रूम की तरफ चलती हुई बोली.
प्राची-आइए रेहान जीजू दीदी अंदर है.
रेहान बिना कुछ बोले प्राची के पीछे पीछे उसके पाजामे में से हिलते हुए चूतड़ देखता हुया चल पड़ा. प्राची न्ड रेहान उस रूम में . गये जहाँ रीत बैठी थी. रेहान को देखकर रीत बोली.
रीत-अरे रेहान आप यहाँ.
रेहान उसके पास बैठता हुया बोला.
रेहान-बिल्कुल अपनी डार्लिंग का हाल पूछने आया हूँ. जब मुझे करू ने बताया कि तुम्हे चोट लगी है तो मैं जल्दी से यहाँ आ गया.
रीत को प्राची के सामने रेहान के दवारा डार्लिंग कहा जाना थोड़ा अजीब सा लगा और उसने प्राची को कहा.
रीत-कूटी जा जल्दी से इनके लिए कॉफी बना कर ला.
प्राची-ओके दीदी अभी लेकर आती हूँ.
प्राची वहाँ से उठ कर किचन की तरफ चली गई.
प्राची के जाने के बाद रेहान ने रीत का पैर देखा और उसका हाल चाल पूछा और फिर उसके सर के पास जाकर बैठ गया और बोला.
रेहान-रीत डार्लिंग तुम्हारे लिए एक मेडिसेन लेकर आया हूँ.
रीत-कोन्सि मेडिसेन.
रेहान ने रीत का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और अपने होंठ रीत के होंठो पे टिका दिए. रीत ने अपने होंठ छुड़ाने चाहे मगर वो कामयाब नही हो पाई. रेहान ने रीत का एक लंबा सा चुंबन लिया और उसको आज़ाद कर दिया.
रीत उसकी छाती में मुक्के मारकर बोली.
रीत-आप भी ना कहीं भी शुरू हो जाते हो अगर कूटी आ जाती तो.
रेहान-अरे वो भी देख लेती आख़िर साली है हमारी वो भी थोड़ा मज़ा कर लेती.
रीत-बस बस अब बकवास बंद करो.
रेहान ने कुछ सोचते हुए रीत से पूछा.
रेहान-रीत वॉशरूम कहाँ है.
रीत-बाहर किचन के बिल्कुल सामने है. और वो वॉशरूम बेडरूम के साथ अटॅच्ड भी है.
रेहान-ओके मैं अभी आता हूँ.
वो बाहर निकला और किचन के गेट पे जाकर अंदर देखने लगा.
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12-14-2017, 12:59 AM,
#29
RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
31
रेहान बाहर जाकर किचन के दरवाज़े पे खड़ा हो गया और अंदर देखने लगा. अंदर प्राची शेल्फ के पास खड़ी कॉफी बना रही थी. प्राची ने अभी तक रेहान को नही देखा था. रेहान किचन के अंदर घुस गया और धीरे से जाकर प्राची को पीछे से बाहों में जाकड़ लिया. जैसे ही रेहान के हाथ प्राची के पेट पे कसे तो प्राची एकदम चौंक गई और उसने पीछे देखा तो रेहान को देखकर घबरा गई और बोली.
प्राची-ये क्या बदतमीज़ी है रेहान.
रेहान-डार्लिंग उस दिन के बाद तो कोई भूत नही आया ना सपने में.
प्राची कसमसाती हुई बोली.
प्राची-अपनी बकवास बंद करो और छोड़ो मुझे.
रेहान का एक हाथ प्राची की टी-शर्ट के उपर से उसके एक बूब को मसल्ने लगा.
रेहान-डार्लिंग आज क्या हुआ उस दिन तो बहुत चिपक चिपक कर किस कर रही थी.
प्राची उसका हाथ अपने बूब्स पर से हटा रही थी.
प्राची-प्लीज़ रेहान छोड़ो मुझे उस्दिन जो भी हुआ वो एक ग़लतफहमी थी और मैं बहक गई थी. प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
रेहान-तो आज भी बहक जाओ ना डार्लिंग.
और रेहान ने उसे अपनी तरफ घुमा लिया और अपने होंठ प्राची के होंठों पे रख दिए और प्राची के होंठ चूसने लगा. प्राची उसका चेहरा अपने चेहरे से दूर धकेलने की कोशिश करती रही मगर वो कामयाब नही हो पाई और रेहान उसके होंठ चूस्ता रहा और उसके हाथ पाजामे के उपर से प्राची के चुतडो को मसल्ते रहे. प्राची बहुत घबराई हुई थी उसकी आँखों से आँसू तक निकल आए थे. रेहान का एक हाथ अब आगे आकर पाजामे के उपर से ही प्राची की चूत मसल्ने लगा था. प्राची ने अपनी जांघों को एक दूसरे के उपर चढ़ा रखा था. ताकि रेहान का हाथ उसकी चूत तक ना पहुच पाए मगर रेहान का हाथ तो उसकी जांघों के बीच घुसता हुया उसकी चूत को कुरेद रहा था. रेहान ने अपने दोनो हाथ प्राची की जांघों पे रखे और वहाँ से उसका पाजामी पकड़ी और झटके के साथ नीचे कर दी और पाजामी प्राची के घुटनो तक नीचे सरक गई. प्राची की गोरी गोरी जंघें अब रेहान के सामने आ चुकी थी. पाजामी घुटनो तक सरक जाने का एहसास जब प्राची को हुआ तो बहुत घबरा गई और पूरी ताक़त लगाकर अपने आप को रेहान की गिरफ में से छुड़ाने लगी. रेहान के हाथ उसकी नंगी जांघों और उसकी पैंटी में क़ैद चुतड़ों पे घूम रहे थे. प्राची मदहोश होती जा रही थी. अब प्राची अपने होंठो रेहान के होंठों में से आज़ाद करवाने में सफल हो गई थी और वो लगभग रोती हुई कह रही थी.
प्राची-रेहान प्लीज़ जाओ यहाँ से अगर रीत दीदी ने देख लिया तो क्या सोचेंगी.
रेहान के हाथ उसी तरह से प्राची के चूतड़ मसल रहे थे.
रेहान-अरे डार्लिंग रीत से मत डरो वो तो बेड के उपर पड़ी है वो यहाँ कैसे आएगी.
प्राची-रेहान प्लीज़ मैं ये सब नही करना चाहती और तुम्हे कितना टाइम हो गया है यहाँ रीत दीदी को शक हो जाएगा प्लीज़ जाओ यहाँ से.
रेहान-ओह मतलब अगर रीत यहाँ ना होती तो तू तैयार थी.
प्राची कुछ नही बोली और नज़रें नीची कर ली.
रेहान ने उसे छोड़ दिया और कहा.
रेहान-ओके डार्लिंग मैं रीत के पास चलता हूँ जल्दी कॉफी लेकर आ जाना.
रेहान ने एक बार फिरसे प्राची के होंठ चूसे और बाहर निकल कर रीत के पास चला गया. प्राची ने कपड़े ठीक किए और उपर वाले का शुक्रिया किया और कॉफी कप में डालने लगी.
थोड़ी देर बाद प्राची कॉफी लेकर आ गई.
रीत-बड़ी देर लगा दी कूटी. जीजू के लिए स्पेशल कॉफी बनाई है क्या.
प्राची कुछ नही बोली और मुस्कुरा कर कॉफी रीत न्ड रेहान को दे दी.
रीत-अरे तूने खुद के लिए नही बनाई क्या कॉफी.
प्राची-नही दीदी मुझे नही पीनी और मैं थोड़ा बाहर घूमने जा रही हूँ तब तक आप बातें करो.
रीत-बाहर कहाँ जाएगी तू अकेली.
प्राची-दीदी मैं क्या बच्ची हूँ जो अकेली नही जा सकती मैं साथ वाले पार्क में जा रही हूँ.
रीत-ओके जा जल्दी आ जाना मुझे अगर वॉशरूम वगेरा जाना हुआ तो कॉन लेके जाएगा.
रेहान-रीत डार्लिंग उसे जाने दो ना मैं हूँ तब तक तुम्हारे पास मैं गोद में उठाकर वॉशरूम तक ले जाउन्गा तुम्हे.
रीत ने एक मुक्का रेहान को मारा और कहा.
रीत-मैं तुम्हारी गोद में नही चढ़ने वाली समझे.
प्राची वहाँ से निकल गई वो अब 1मिनट के लिए भी रेहान के पास नही रहना चाहती थी उसे अब रेहान से डर लगने लगा था.
प्राची के बाहर जाते ही रेहान ने अपना कप टेबल पे रखा न्ड रीत के हाथ से भी कप ले लिया.
रीत-क्या हुया रेहान आप को कॉफी तो पी लो.
रेहान रीत के साथ उसके बेड पे लेट ता हुआ बोला.
रेहान-डार्लिंग आज कॉफी नही आज तो कुछ और पीने का मन है.
रेहान ने रीत को अपने उपर खींच लिया.
रीत-प्लीज़ हटो ना मुझे कॉफी पीने....
रीत बस इतना ही बोल पाई इस से आगे वो कुछ बोलती इस से पहले ही रीत के होंठों के उपर रेहान के होंठ आकर चिपक गये और रेहान रीत के नीचे वाले होंठ को अपने दोनो होंठों में जकड़कर चूसने लगा रीत कुछ देर कसमसाती रही और फिर रेहान का साथ देने लगी उसके हाथ रेहान के गले का हार बन गये. रेहान पूरी मस्ती से रीत के होंठों का रस पीता रहा और उसके हाथ रीत की सलवार के उपर से ही उसके चूतड़ मसल्ते रहे. रेहान ने उसे पूरी तरह से अपने उपर ले रखा था. रीत के मम्मे रेहान की छाती में धन्से हुए थे. आख़िरकार रीत ने अपने होंठ रेहान के होंठों में से वापिस खींचे और उसके उपर ऐसे ही पड़े पड़े कहा.
रीत-आप भी ना रेहान एक तो मुझे पैर में दर्द हो रहा है उपर से आप ये सब कर रहे हो.
रेहान कोई जवाब ना देते हुए फिर से रीत के होंठ चूमने लगा.
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12-14-2017, 12:59 AM,
#30
RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
32
रीत भी चुंबन में रेहान का पूरा साथ दे रही थी. रेहान के हाथ रीत के सलवार में क़ैद गोल गोल चुतड़ों पे घूम रहे थे जिसकी वजह से रीत के जिस्म में मदहोशी छाने लगी थी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. रेहान का हाथ पूरी गरम्जोशी के साथ रीत के शरीर पे घूम रहा था. अचानक रेहान ने उसे अपने उपर से उतारकर अपने नीचे दबा लिया और ऐसा करते वक़्त रीत के जिस पैर में चोट लगी थी वो रेहान की टाँग के दवाब में आ गया और रीत ज़ोर से चिल्लाई. रीत के एकदम इतना चिल्लाने से रेहान डर गया और रीत के उपर से उठ गया और बोला.
रेहान-क्या हुआ डार्लिंग.
रीत ने दर्द से कराहते हुए कहा.
रीत-रेहान आपने मेरा पैर दबा दिया. आअहह
रेहान ने रीत का पैर हाथ में पकड़ा और उसे चूमने लगा.
रीत को रेहान की ये हरकत देखकर हसी आ गई वो कुछ पल के लिए अपना दर्द भूल कर रेहान को ही देखने में खो गई वो कितने प्यार से उसका पैर चूम रहा था. रेहान ने जब उसका पैर छोड़ा तो उसे फिरसे दर्द का एहसास हुआ और वो कराहने लगी.
रेहान-डार्लिंग आइ एम सॉरी मुझे ख्याल नही रहा तुम्हारे पैर का. अगर दर्द ज़्यादा है तो डॉक्टर के पास चले क्या.
रीत-कोई बात नही रेहान शायद कम हो जाए दर्द.
रीत को पेशाब आ रहा था और उसने रेहान को शरमाते हुए कहा.
रीत-मुझे वॉशरूम जाना है.
रेहान-अरे तो हम किस लिए है जानू.
और इतना कहकर रेहान ने रीत को गोद में उठा लिया और वॉशरूम की तरफ चल पड़ा.
रेहान-बहुत भारी हो डार्लिंग थोड़ा कम खाया करो.
रीत-मैं भारी कहाँ हूँ आप हो मोटे कहीं के.
रेहान ने रीत को लेज़ा कर टाय्लेट सीट पे बिठा दिया. और दरवाज़े का पास आकर खड़ा हो गया.
रीत ने उसे दरवाज़े के पास खड़ा देखा तो कहा.
रीत-रेहान आप बाहर जाओ ना प्लीज़.
रेहान-अरे डार्लिंग मुझसे क्या शरमाना. ऐसे ही करो ना मुझे तुम्हे पेशाब करते देखना है.
रीत का चेहरा शरम से लाल हो गया.
रीत-प्लीज़ रेहान जाओ ना मुझे बहुत ज़ोर से बाथरूम लगी है.
रेहान-तो कर लो ना डार्लिंग.
रीत को कंट्रोल करना मुश्क़िल हो रहा था. आख़िर उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और पैंटी के साथ सलवार को थोड़ा सा नीचे किया और जल्दी से टाय्लेट सीट पे बैठ गई और पेशाब करने लगी. रेहान को बस थोड़ी सी झलक रीत की गोरी जाँघ की मिली उसने देखा की रीत ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पे रखे हुए थे और पेशाब कर रही थी. रेहान अंदर जाकर बिल्कुल उसके सामने खड़ा हो गया. रीत ने पेशाब करने के बाद जैसे ही अपने हाथ चेहरे के उपर से हटाए तो सामने रेहान को देखकर चौंक गई और जल्दी से उठ कर सलवार और पैंटी उपर खीचने लगी. मगर रेहान ने उसे सफल नही होने दिया और उसके दोनो हाथ अपने हाथों में जाकड़ लिए. अब रीत रेहान के सामने खड़ी थी और उसकी सलवार सरक कर उसके पैरों में गिर चुकी थी. और उसकी रेड पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी. रीत अपने हाथ छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी मगर असफल थी. रीत की गोरी गोरी जंघें देखकर रेहान के मूह में पानी भर आया था.
रीत-प्लीज़ रेहान छोड़ो ना मुझे दर्द हो रहा है.
मगर रेहान ने उसकी एक ना सुनते हुए उसके हाथ छोड़ कर रीत की कमीज़ दोनो तरफ से पकड़ी और उसे उपर खीच दिया. अब रीत के मम्मे बस कमीज़ में छिपे थे और उसके नीचे रीत पैरों तक नंगी थी बस एक रेड कलर की पैंटी उसकी गोरी जांघों में अटकी हुई थी. रीत का पूरा शरीर शरम की वजह से काँप रहा था और उसका चेहरा सुरख लाल हो गया था. अब रेहान के हाथ रीत के नंगे चुतड़ों पे घूमने लगे थे और रीत उसकी गिरफ़्त में कसमसा रही थी. रेहान बहुत ज़ोर ज़ोर से रीत के नगन शरीर पे घूम रहे थे. वो मदहोश होकर रेहान के होंठ चूसने में खोई हुई थी. रेहान ने अपना एक हाथ आगे किया और रीत की चूत पे फिराने लगा. चूत पे हाथ लगते ही रीत सिकुड सी गयी. उसने अपनी दोनो जंघें पूरी तरह से आपस में कस ली. मगर रेहान का हाथ रीत की जांघों के नरम मास को दबाता हुया उसकी चूत तक पहुच ही गया. रेहान ने एक उंगली रीत की गीली हो चुकी चूत में डाल दी और रीत ने एकदम कमर के पास से अपने चूतड़ पीछे की तरफ किए ताकि वो उंगली उसकी चूत में ना जा सके. मगर रेहान ने दूसरा हाथ रीत के चुतड़ों पे रखा और उसे अपनी तरफ खीच लिया. रीत रेहान के साथ सट गई और रेहान की उंगली रीत की चूत के अंदर पहुच गई. वो पहले धीरे धीरे उंगली अंदर करता रहा. रीत की सिसकियाँ पूरे वॉशरूम में गूंजने लगी. रेहान की उंगली अब पूरी स्पीड के साथ रीत की चूत में जाने लगी. और रीत उसकी उंगली का प्रहार ना सहते हुए झड़ने लगी. उसने रेहान को कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत में से उसका प्रेमरस निकल कर उसकी जांघों पे बहने लगा.
रीत को अब थोड़ा होश आया तो उसने कहा.
रीत-प्लीज़ रेहान ये सब मत करो. मेरा पैर बहुत दर्द करने लगा है.
काफ़ी देर से वो खड़ी थी इसलिए पैर पे उसका पूरा बोझ आया हुआ था जिसकी वजह से उसका पैर बहुत दर्द करने लगा.
रीत-प्लीज़ रेहान अब कुछ मत करना मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
रेहान ने भी सोचा जल्दबाजी काम बिगाड़ सकती है.
रेहान-ओके डार्लिंग जैसा तुम कहो.
उसने रीत की पैंटी और सलवार पकड़ कर उपर खींच दी और रीत ने सलवार का नाडा बाँध लिया. जैसे ही रीत ने एक कदम आगे रखना चाहा तो उसे पता नही क्या हुआ वो धडाम से एक तरफ को गिर गयी.
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