Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
05-10-2019, 07:26 PM,
#31
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
घर पहुँचते ही राज बाथरूम की ओर चला गया….उसे अब किसी का डर तो था ही नही…बाथरूम का दवाजा खोले हुए ही लंड निकालकर मूतने लगा….उसे काफ़ी ज़ोर की सुसूसू आ रही थी……अपनी आँखे मुन्दे हुए करीब 5 मिनट तक मूतता रहा था….जब मूत ख़तम हुआ तो अपना लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा और टर्न हो गया…..सामने रश्मि खड़ी देख कर मुस्कुरा रही थी………राज ने जब देखा कि रश्मि सबकुच्छ देख ली है …तो मुस्कुराते हुए उसके पास आ गया और बिना चैन लगाए ही उससे चिपक गया………और उसके गालो पर एक पप्पी ले ली….रश्मि भी उसे चिपक गयी………..और बोली:

रश्मि: नेहा कैसी है?

राज: ठीक है….लंड का इंतजार है….

रश्मि: तो दे क्यो नही दिया?

राज: मे तो चाहता था पर उसने हां नही कहा तो मे क्या करू

रश्मि: औरत का “ना” हां होता है…..समझे बुद्धू

राज: मुझे मालूम है पर मुझे ज़बरदस्ती चोद्ना पसंद नही है….अब स्मृति के केस मे देखो…ये आख़िर-कार चुदी पर मुझे अच्छा और मज़ा नही आया……

रश्मि: ह्म्‍म्म्म मे समझ सकती हू…पर औरते इतनी आसानी से नही खुलती….सामाजिक बंधन होते है….क्या करे…बचपन से सिखाया जाता है कि किसी पराए मर्द से बात मत करना….अकेली मत घूमना…वग़ैरह वग़ैरह…….

राज: पर ये तो तुम पर भी लागू होता है…पर तुम हो कि……………..

रश्मि : इस बंदिश मे मैं भी थी…मे यू आपको अपना शरीर नही दिया है…इसमे मेरे हज़्बेंड की भी रज़ामंदी थी…कई दफ़ा वो कह चुक्का था कि किसी दूसरे मर्द के पास चली जाओ…मे क्या करती………….और उसपे उसकी “नामर्दि”…..मे क्या करू….मेने तो इस घर को बर्बाद होने से बचाया है…..घर की इज़्ज़त घर मे रहनी चाहिए….तभी हम और आप एक हुए है….

राज: अब ज़्यादा भाषण मत दो….इसके बारे मे सोचो…इसमे आग लगी हुई है…

रश्मि: तो मे कब मना कर रही हू….लेकिन पहले खाना खा लीजिए………………और इसे अंदर करो

राज: क्यू…इसने क्या किया…ये तो बेचारा हवा खा रहा है.

रश्मि: हवा नही घूर रहा है…कि घर मे कौन कौन है…किसका दरवाजा खुला है….. ……जिसे देख कर मेरा दरवाजा भी खुलने को तैयार है.

राज: ने उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और वैसे ही सीढ़ियाँ चढ़ते हुए स्मृति के रूम की तरफ चलने लगा….रश्मि सिर्फ़ एक गाउन मे थी….अंदर एक पिंक कलर की पॅंटी और ब्रा पहन रखी थी…जो कि काफ़ी दिख रही थी…..उसका सारा जिस्म तराशा हुआ था…और ऐसा लगता था कि रश्मि आज सुबह ही ब्यूटी पार्लर गयी थी..क्योकि टाँगो मे एक भी बाल नही था….एक दम चिकनी….जिसे देख कर राज का लंड और कड़ा हो गया….वो सोचा कि अगर पैर मे बाल नही है तो चूत पर भी बाल सॉफ होगे……वैसे भी रश्मि अपनी चूत हमेशा शेव्ड रखती है….जिसका राज को पता है….उसे कई बार चोद चुक्का है…तो उसे पता है कि इस काम मे रश्मि एक दम परफ़ेक्ट है…वो ये भी जानती है कि राज को क्या चाहिए…….अब वो उसके आर्म-पिच को देखने लगा…जो कि सफाचट थी….रश्मि काफ़ी सेक्सी दिख रही थी…..जब 1स्ट फ्लोर पर आ गया तो रश्मि ने कहा …आप मुझे नीचे उतारो….दीदी का रूम आ गया है….आप अंदर चलो…मे खाना लगाती हू……स्मृति को भी बुला लो…मैं डिन्निंग रूम मे वेट करती हू….

जब रश्मि नीचे उतरी तो उसके लंड से टकरा गयी……लंड का टच उसकी गांद पर हुआ….

रश्मि: उईईईई म्माआ लग गयी….आप को कहा था ना कि इसे अंदर करो….लग गयी….

राज: लग गयी….कहाँ मेरी जान

रश्मि: चुप बेशर्म…..कुत्ते

राज: बताओगि भी कुतिया

रश्मि: मेरी आस पर

राज: आस मीन्स???

रश्मि: गाआाआंद……………….खुस?

राज:ह्म्‍म्म्म तो कहने मे शरमाती क्यू हो

रश्मि: शरमाती नही….आक्टिंग करती हू….जब आक्टिंग होगी तभी इसमे जोश आएगा…है ना?

राज: तुम्हारी इसी अदा पर मे मरता हू…..आज मे तुम्हे पूरी नंगी करके चोदुन्गा

रश्मि: ह्म पर पहले खाना खाया जाए.

राज: अच्छा तुम चलो मे अभी आया…..और वो अंदर रूम मे चला गया…

क्रमशः............................
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05-10-2019, 07:28 PM,
#32
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-15

राज रूम मे आया तो देखा कि मिरर के सामने स्मृति और ब्रा का हुक लगा रही है …वो बार बार अपना दोनो हाथ पीछे ले जाकर हुक लगाने की कोशिश कर रही थी……ये सीन देख कर कर राज को जोश आ गया…..क्या सीन था…उसने मिरर मे देखा….स्मृति की दोनो चुचिया….आज़ादी के लिए मिन्नते माँग रही थी…..कि आओ और मुझे मुक्त कराओ….ये मुझे मार डालेगी………………

राज: अरेरररीएरएरीई ये क्या कर रही हो….क्यो इन बेचारो पर इतना ज़ुल्म करती हो….देखो कैसे लाल हो गये है…ये दोनो……………..छोड़ो इसे मे कुच्छ करता हू….और ब्रा का स्ट्रॅप अपने हाथो मे लेना चाहा…तभी स्मृति ने उसे धकेल दिया………………….

स्मृति: खबरदार जो इन्हे च्छुआ…….तुम्ही ने इन्हे बिगड़ दिया है..हमेशा आज़ाद रहने को कहते है…मे क्या करू?….और फिर ये बिगड़ जाती है तो हमारी मुनिया भी बिगड़ जाती है….और आप को क्या है…..मतलब निकल जाने के बाद……….कोई मरे…या कोई जिए…उससे आपको क्या मतलब?

राज: अरे बाप रे….ये तो आग और धुआ दोनो साथ साथ है…..रब मुझे बचाए इन हसिनाओ से.

मेडम क्या बात है…..क्या मेरा कसूर है….क्यो मुझपर इल्ज़ाम लगा रही हो? अब देखो इस बेचारे को…जो तुम्हे देख कर आहे भर रहा है..

स्मृति: अरे बाप रे…ये तो हमे खड़े खड़े निगल जाएगा….ऐसे देख रहा है जैसे मानो खा जाएगा……पर है बहुत प्यारा……आइ लव इट.

राज: अब तुम आए हो लाइन पर….कितने नखरे कर रही थी….पर आइ आम अगेन सेयिंग “सॉरी फॉर दा दट” मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा…तुम्हारे साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती करते हुए.

स्मरती: कोई नही….मुझे पता है कि आपलोगो ने जो भी किया है मेरे लिए…मेरी भलाई के लिए…मेरी लाइफ के लिए….थॅंक यू सो मच……सेक्स करने के बाद मेने जाना कि प्यार क्या होता है….मर्द का सुख क्या होती है.आपका और रश्मि का सुक्रिया …जो हमे जीना सिखाया.

राज: मेने जो कुच्छ भी किया रश्मि के कहने पर किया...और ये मेरा फ़र्ज़ भी था.....वाकई तुम बहुत हॉट लेडी हो...चोद्ने मे मज़ा आ गया क्या मस्त माल है...क्या मस्त चूत है.....

स्मृति: च्चिईीई....कितनी गंदी बाते करते हो

राज: क्यो...तुम्हे अच्छा न्ही लगा

स्मृति: ह्म्म पर मुझे कुच्छ कुच्छ होता है

राज: तो हो जाने दो.....कौन रोक रहा है

अच्छा छोड़ो ये लो लगाओ ब्रा का हुक

राज: ओह...हो....क्यो परे शान कर रही हो...अच्छा लाओ...और राज ने ज़ोर से खींच कर लगा दिया....बूब्स टाइट हो गयी....स्मृति ने यू तुर्न ले कर के अपनी बाँहे राज के गले मे डाल दी और उसके होंठो पर अपने होंठ रख लिए और चूसने लगी....दूसरी तरफ राज भी इसे आगोश मे ले कर उसके होंठो को चूसने लगा...साथ ही उसकी चुचियो से खेलने लगा.....स्मरती का एक हाथ उसके लंड पर था और दूसरा हाथ उसके सीने पर....दोनो फोरप्ले कर रहे थे...तभी रश्मि ने तालिया बजाई और कहा...खाना लग गया है....सॉरी फॉर इंट्रप्ट....पर खाना खाने के बाद अपना प्रोग्राम सुरू कर सकते है......

दीदी चले???

स्मरती: ह्म ठीक है...चलो

राज: ऐसे ही?

स्मृति: क्यो?

राज: सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे ही?

स्मृति: तो कौन सा सिनिमा देखने जा रही हू..घर मे ही तो हू...और फिर रश्मि को देखो...गाउन मे है सुबह से

राज: अरे नही मे तो ये कह रहा था कि आज कुच्छ स्पेशल करे क्या?

स्मृति: स्पेशल>>>> क्या?

राज:ह्म चाहते है कि तीनो बिल्कुल नंगे....हो जाए और जो मर्ज़ी आए वो करे....क्या कहती हो?

स्मृति: तुम्हारे सामने तो मे हो जाऊंगी...पर रश्मि के सामने मुझे शर्म आएगी.

राज: नही आएगी...मे हू ना.....और फिर रश्मि भी तो यही चाहती है....हम तीनो आज जी भर के सेक्स करेंगे...और जो मर्ज़ी होगी वो करेंगे...मंजूर?

स्मृति: ह्म्‍म्म्म अब मे भी आपके दौर मे शामिल हो गयी हू

जो चाहे वो करो..पर मर्यादा का ध्यान रखो.

राज: अरे मेरी जान चुदाई ही करेंगे...कारगिल लड़ाई करने नही जाएँगे.....तुम चिंता मत करो....बस मज़े लुटो....

अगर तुम्हारी इज़ाज़त हो तो ये ब्रा खोल दू?

स्मृति: अभी नही खाना खने के बाद....

राज ने अपने आपको समझाया...बेटा समय से पहले जल्द बाजी मत करो...उल्टी पड़ेगी...और फिर घी खुद दाल मे गिर रहा है तो उंगली क्यो टेढ़ी करे....?और मुस्कुरा कर वन्हा से चल दिया.

डिन्निंग टेबल पर रश्मि खाना लगा चुकी थी…..राज एक नेकेर पहने हुए था और आते ही सबसे पहले रश्मि को अपनी बाँहो मे लिया और उसके होंठो की चूमने-चूसने लगा……..रश्मि भी उनसे लिपट गयी और अपनी बाँहो का हार उन्हे पहना दिया…तभी रश्मि चौंक गयी…..क्योकि स्मृति सिर्फ़ एक ब्रा और पॅंटी मे सामने दिखी……आज पहली बार अपनी बड़ी बहन को इस रूप मे देख रही थी…वाउ…क्या ग़ज़ब का रूप था स्मृति का…..रश्मि अस्चर्य चकित रह गयी….

जब राज ने देखा तो उसे भी आनी बाँहो मे ले लिया….और कहा….

राज: ये रही ना बात…. क्या मस्त जवान है तुम्हारी……

स्मृति: सब आपका आसिर्वाद है…..

रश्मि: सिर्फ़ इनका ही नही मेरा भी है

स्मृति: ऑफ कोर्स यू ऑल्सो….

रश्मि:….थॅंक्स मेरी मा

राज: अरे यार तुम दोनो बाते ही करोगी भी या कुच्छ खिलाओगी.

रश्मि: अरे हां…खाना लगा है आ जाओ.

रश्मि खाना लगाने लगी…3 प्लेट लगाया…..पर राज ने कहा…नही सिर्फ़ 1 प्लेट होगी…और हम एक दूसरे को खिलाएँगे….और वो भी ज़मीन पर….

रश्मि:ये क्या बात हुई….? ज़मीन पर क्यू….टेबल पर क्यो नही

राज: इसलिए मेरी जान कि तुम दोनो मेरी गोद मे बैठकर खाना खओगि….और तुम दोनो ही मुझे खिलाओगी …और वो भी अपनी हाथो से नही ….अपने होंठो से….

रश्मि: ये क्या बात हुई…?? मेरे होंठो से खाएँगे….क्या मेरा जूठा खाएँगे?

राज: तो क्या हुआ….? अगर मे तुम्हारे होंठ चुसूंगा तो क्या वो जूठा नही होगा….तो फिर खाना खाने मे क्या है.

रश्मि: जैसी आपकी मर्ज़ी…..

रश्मि ने ज़मीन पर चादर बिच्छाया…..और राज, स्मृति और खुद बैठ गये…खाने को ज़मीन पर ही लगाया….एक तरफ रश्मि और दूसरी तरफ स्मृति………………….खाने को प्लेट मे लगाने के बाद रश्मि ने एक रोटी का टुकरा उठाया….और राज की तरफ बढ़ाया….

राज: अहहाा…मेडम…अपने होंठो से..ना कि हाथो से….

रश्मि : ओह यस….और रोटी का टुकड़ा अपने मुँह मे दबाया और फिर राज के होंठो के पास आ गयी…..पर बगल बैठे रहने से कनफ्र्टबल फील नही कर रही थी…..राज ने उसे कहा…तुम मेरी गोद मे आ जाओ एंटी डाइरेक्षन मे……रश्मि उठ कर उसकी गोद मे बैठ गयी रश्मि की चूचियाँ राज की छाती से टच करने लगी….रश्मि की चूत….राज के लंड पर दबने लगी.

पर गाउन की वजह से रश्मि को दिक्कत होने लगी…..राज ने कहा…डार्लिंग गाउन उतार दो….रश्मि ने मुस्कुराते हुए स्मृति को देखा….स्मृति ने भी मुस्कुराते हुए हामी भर दी…..रश्मि ने उठ कर अपना गाउन बड़ी अदा से उतारा…फिर राज के सर पर रख दिया….राज ने उसके गाउन को अपने लंड पर रगड़ा और फिर स्मृति के उप्पर फेंक दिया……स्मृति ने उसे टेबल पर रख दिया……रश्मि सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे कयामत लग रही थी….भरा भर बदन, टाइट चुचिया…..(36द साइज़ की) और मोटी गांद पॅंटी के उप्पर से काफ़ी सेक्सी दिख रही थी….रश्मि ने अपने बदन को तोड़ते हुए टर्न किया जिससे रश्मि की गांद राज की नाक के पास आ गयी….राज गांद की गहराई मे अपनी नाक ले गया और सूंघने लगा…क्या मस्त सेंट थी….चूत के रस और गांद की गंध आ रही थी राज को ….जो कि काफ़ी मादक लग रही थी……अब उसने आगे बढ़कर रश्मि को टर्न किया जिससे उसकी चूत उसकी नाक के सामने आ गयी उसको भी ऐसा ही किया………..उधेर रश्मि को गुदगुदी हो रही थी….क्या कर रहे हो??? गुदगुदी हो रही है…..कुच्छ नही मेरी जान…? प्यार कर रहा हू….एक बात तो है…मे तुम्हारे बाप को धन्याबाद देना चाहता हू…क्या मस्त कुड़ी पैदा की है…मे तो जन्नत का सैर कर रहा हू…..भाई वाह क्या मस्त माल है.
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05-10-2019, 07:28 PM,
#33
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
रश्मि, राज और स्मृति तीनो नंगे ही बेडरूम मे आ गये....रश्मि ने झुक कर राज के लंड को अपने होंठो से किस किया फिर चूसने लगा....राज स्मृति की चुचियो को दबाने लगा....साथ ही उन्हे चूसने चाटने लगा.......लंड एक दम रोड बन चुका था.........राज पागल सा हो गया....वो ज़ोर ज़ोर से हान्फ्ते हुए स्मृति को चूसने, चाटने लगा....रश्मि ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी..ये उसका 1स्ट टाइम ब्लो जॉब था...इससे पहले कभी नही किया था..लंड की मुटाई और लंबाई उसके कंठ तक आ रही थी...कभी कभी जब राज जोश मे आ जाता था तो ज़ोर से लंड घुसा देता था...लंड उसके कंठ तक आ जाता था...जिससे कि वो खांसने लगती पर वो उसके लंड को नही निकालती..................यही प्रक्रिया करीब 30 मीं तक चली.....फिर रश्मि ने उसे छोड़ दिया और स्मृति की गांद और चूत को पकड़ कर कर चाटने लगी....स्मृति की गाड़ और चूत गीली थी क्यो की एक तो नहा कर आई थी दूसरे जम कर चुदाई हुई थी...अभी भी राज का वीर्य उसके आस-होल पर था....चूत और अशोल को चाटने लगी..............................स्मृति जोस मे आ गयी......अब उसने राज को धक्का मारा.....राज बेड पर पीठ के बल सो गया...और स्मृति उसके उपर....

राज लंड ने को अपने हाथो मे लिया और स्मृति की चूत मे डाल दिया और चोद्ने लगा...रश्मि भी वही पर सब कुच्छ देख रही थी....एक हाथ से रश्मि की चुचियो को दबाते हुए स्मृति को चोदे जा रहा था....आज रश्मि को लाइव टेलिकास्ट देखने को मिल रहा था...उसने कभी भी किसी को यू चोद्ते हुए नही देखा था.........और वो भी उसकी सग़ी बड़ी बहन..............हां कभी कभी उसके मा-पापा की चुदाई देख चुकी थी जब वो छ्होटी थी................

स्मृति ने राज के कान मे कहा....सिर्फ़ मुझे ही करोगे या रश्मि को भी...................

मे तो तैयार हू...पर रश्मि ने कहा है कि आज मेरी बहन की सुहागरात है....तुम उसे ही चोदो...मे सिर्फ़ साथ दूँगी............

स्मृति कुच्छ नही बोली...सिर्फ़ चुदति रही......फिर करीब 15 मीं मे ही दोनो ढेर हो गये..............

इसी तरह स्मृति की चुदाई पूरे 1 वीक चली…इस 1 वीक मे स्मृति और रश्मि ने जम कर चुदाई कराई…..स्मृति की चुचिया और चूत काफ़ी बड़ी हो गयी….गांद का तो क्या कहने…उसकी पँतिया छ्होटी होने लगी थी….और ब्रा भी…….पूरा रूम चुदाई का अखाड़ा बन चुक्का था….जब राज घर मे होता …सर्फ चुदाई ही होती रहती…बेडरूम मे, किचन मे, टाय्लेट मे और यान्हा तक की पूजा घर मे भी ये लोग चुदाई कर देते थे……………स्मृति को जम कर चुदाई करना और सेक्सी बाते करने बहुत अच्छा लगता था….तभी उसकी मा का कॉल आ गया…कि तुम वापस आ जाओ……..स्मृति, रश्मि & राज भी नाराज़ हो गये…..पर हर किसी को एक दिन तो जाना होता ही है…इसमे दुख किस बात का……यही सोचकर राज ने कहा…ठीक है साली साहिबा….तुम जाओ…मे फिर आउन्गा जल्द ही…और जम कर तुम्हारी मा के सामने ही चोदुन्गा…..हमे उस पल का इंतजार होगा….स्मृति ने कहा……स्मृति को बस बैठा दिया…और फिर अपने काम पे चला गया……………………………………………………………………………………..

क्रमशः...............................
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05-10-2019, 07:28 PM,
#34
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-16

आज पूरे 4 दिन बाद राज अपनी शॉप पे आया था…उसकी शॉप काफ़ी अच्छी चल रही थी…..छ्होटू ही अकेला हॅंडल कर रहा था…इन 4 डेज़ से अनिता भी नही आ रही थी…और ना ही राज ने उसे पूछा………जब वो ऑफीस आया तो सबसे पहले छ्होटू से पूछा

राज : अरे छ्होटू….अनिता का क्या हाल है…..क्या हो गया? क्यो नही आ रही?

छ्होटू: जी उसने रिज़ाइन कर दिया है…मेने आपको बताया तो था

राज: पर क्यो?

छ्होटू: बोल रही थी कि मेरी शादी होने वाली है…और पेपर भी होने है.

राज:क्या तुम जानते हो उसके घर का पता…

छ्होटू: जी…वो हमारे घर के पास ही रहती है…

राज: तुम अड्रेस्स देदो…मे उन्हे..मिल लूँगा…..

छ्होटू ने उसे अनिता का पता दे दिया….राज ने घड़ी देखी और फिर बिना कुच्छ बताए अनिता के घर की तरफ निकल गया…….करीब 20 मीं मे ही उसके घर के बाहर अपनी बाइक खड़ा की और फिर कॉल बेल बजा दी…….दरवाजा खुला उसमे से अनिता की मा बाहर आई…..आते ही चहकते हुए कहा

अनिता की मा: अरे बेटे अंदर आ जाओ….तुम राज हो ना…..अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ़ करती है……

राज: आपको कैसे पता कि मे राज हू……मे तो कभी आपसे मिला ही नही.

अनिता की मा: अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ्फ करती है बेटे…..अक्सर तुम्हारे बारे मे…कि सर बहुत अच्छे है…सर बहुत स्मार्ट है…, वग़ैरह वग़ैरह…..

राज: पर अनिता है कहाँ….कई दिन से शॉप नही आ रही है….मे उसका कुशल जानने के लिए आया हू.

अनिता की मा: बेटे वो एक सहेली के पास गयी है….आ जाएगी थोड़ी देर मे….वो तो जाना चाहती थी..पर मेने ही मना कर दिया…उसकी शादी फ़िक्स कर दी है….

राज: ना चाहते हुए भी…..कहाँ फ़िक्स की है उसकी शादी.?

अनिता की मा: मेरी बहन की रिस्तेदारि मे है….अजय है….एमआर का काम करता है

राज: किस कंपनी का एमआर है…मे इस शहर के करीब-करीब सभी एमआर को जानता हू.

अनिता की मा: अरे नही बेटे वो तो नैनीताल मे काम करता है..और घर भी वही है.

राज: ह्म्‍म्म ये तो बहुत अच्छी बात है….अनिता के तो भाग खुल गये….कनग्रॅट्स..

अनिता की मा: सब भगवान की मेहरबानी है……

राज : पर अभी शादी मे काफ़ी समय है//// अगर काम करती तो कुच्छ पैसे जमा होते और वो पैसे शादी मे लगाए जा सकते थे…….बाकी की आपकी मर्ज़ी..और वो चलने लगा.

अनिता की मा: बेटे रूको…चाय पी कर जाना…….मे चाय बना कर आती हू

राज: नही मा जी मे निकलूंगा…वैसे भी शॉप मे कोई नही है………

अनिता की मा:ठीक है बेटे……

राज: नमस्कार कर जाने लगा……तभी अनिता दरवाजा खोल कर आ गयी…..

अनिता: सर आप???? व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़??? मे तो आने वाली थी आज….अभी नहा धोकर आने वाली थी…..शादी के लिए इन्विटेशन देनी थी….

राज: हां….आंटी ने बताया…अब तो तुम नैनीताल मे घुमोगी….भाई देल्ही वालो को कौन पुछ्ता है………………..

अनिता; ऐसा नही है सर…मेने आपसे बहुत कुच्छ सीखा है…………………………..

अनिता की मा वन्हा से किचन मे चली गयी…अनिता ने कहा…सर बैठिए…मे अभी आई…..फिर चले जाइएगा….

राज वही पर बैठ गया…..अनिता की मा ने चाय और कुच्छ नमकीन रखा और वो भी टीवी ऑन करके चली गयी………राज टीवी देखते हुए चाय का आनंद ले रहा था….करीब 15 मीं तब वेट करने के बाद अनिता आई….ऐसा लग रहा था कि पहले वो नहाई थी उसके बाद ड्रेस चेंज की थी….आते ही चहकते हुए कहा…हां सर अब बताओ…………………….क्या चल रहा है?

राज: पहले तो ये सर कहना छोड़ो?

अनिता; क्यो सर…आप तो सर है मेरे….

राज: जी नही…सर था…अब मे तुम्हारा बॉय फ्रेंड?

अनिता: शर्मा गयी…..पर बोली कुच्छ नही

राज: अरे भाई अब तो तुम शादी करने जा रही हो अब काहे को शरमाती हो…..

अनिता: मे शर्मा नही रही…..आप जैसा बॉय फ्रेंड पाना खुस-किस्मेत का काम है.

राज: वो कैसे…? और हां मे तुमसे उस दिन के लिए माफी माँगना चाहता था….और राज ने अनिता का एक हाथ पकड़ कर वही पर अपने बगल मे बिठा लिया………

अनिता: बैठते हुए….माफी किस बात की माफी…

राज: वो भी मुझे बताना होगा..? मेने तुम्हारे वो (चुचिया) पकड़ जो लिया था….

अनिता ने अपना सिर नीचे कर लिया…..मेने तो आपको कब का माफ़ कर दिया था….मे आपसे नाराज़ भी नही हू…उस दिन में इसलिए आ गयी कि आपके यान्हा पकड़ने से मेरे नीचे कुच्छ होने लगा….था मुझे डर था कि कही……………………………………………………..

राज: अरे नही….ये सब इतना जल्दी नही होता…..टाइम लगता है …और फिर बिना तुम्हारी रज़ामंदी के संभव नही है.

अनिता: वही तो डर था….क्योकि मे अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी…और फिर मेरे प्रण था कि जो मेरे साथ शादी करेगा…अपना शरीर उसी को दूँगी…सॉरी सर….जो उस दिन मेने आपके साथ हार्ट किया………………

राज: अरे ये क्या? सॉरी मे माँग रहा था …अब तुम सुरू हो गयी….अच्छा छोड़ो…तुम शॉप मे कब अयोगी…मेरा रिक्वेस्ट है कि जब तक मे कोई दूसरा ना रखू तब तक तुम शॉप मे आयो…और हां मे वादा करता हू कि बिना तुम्हारी इज़ाज़त के मे तुम्हे हाथ नही लगाऊँगा…….और वो उठ कर चला गया….उसेजाते देख कर अनिता ना जाने क्या सोचने लगी……………..कैसा व्यक्ति है….? माफी माँगने आया था या….और कुच्छ……………..उसके मन को वो नही पढ़ सका…..तभी उसकी मा आ गयी…..

क्या कह रहे थे….बड़ी बाते हो रही थी तुम दोनो मे.

अनिता: अरे मा वो बोल रहे थी कि जब तक मे कोई दूसरा स्टाफ नही रख लेता तुम जॉब कंटिन्यू रखो...

अनिता की मा: ठीक ही तो कह रहे है....तुम 15 डेज़ और चले जाओ....सॅलरी ले कर मत जाना और वैसे भी शादी तुम्हारी 30 तारीख को है...तब तक तुम घर पर क्या करोगी......

अनिता मुस्कुरई पर बोली कुच्छ नही
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05-10-2019, 07:28 PM,
#35
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
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अनिता दूसरे दिन सुबह 9.00 बजे आ गयी थी….उसने एक सिल्क वाइट कलर की साडी पह्न रही थी…कानो मे लंबी चैन युक्त बाली…हाथो मे चूड़िया….और होंठो पे गुलाबी लिप-स्टिक…जिसे देख कर देख कर किसी का भी मन भटक सकता था………..राज उसे गौर से देख रहा था जिसे देखकर अनिता को शर्म आ रही थी…..जब रहा नही गया तो वो बोली….

अनिता: ऐसे क्या देख रहे है सर?

राज: फर्स्ट ऑफ ऑल प्लीज़ डॉन’ट से सर…ओके?

अनिता: तो फिर क्या कहु.

राज: आइ आम युवर बॉय फ्रेंड…यू कॅन कॉल मी राज ओन्ली

अनिता: मुझसे नही होगा? और फिर और स्टाफ क्या सोचेंगे.

राज: तो फिर अकेले मे तो बोल सकती हो….

अनिता: ठीक है बाबा……राज….सर

राज: फिर सर?

अनिता: राज…ओके

राज: ह्म्‍म्म्मम तुम वाकई बहुत समझदार लड़की हो..और खूबसूरत भी..

अनिता: खूबसूरत तो हू …पर समझदार का मतलब?

राज: हर चीज़ का मतलब नही होता …इंसान को खुद-ब-खुद समझना पड़ता है…और एक आँख मार दी.

अनिता: यू आर फ्लर्टिंग मी सर? सो मे जा रही हू….और मुस्कुराने लगी.

राज:कहाँ फ्लर्टिंग कर रहा हू…तुम हो ही खूबसूरत.और समझदार…तभी तो सारा स्टाफ तुम्हे चाहता है……देखो कितने खुस है….इस ख़ुसी मे मैं भी शामिल हू…ये लो मिठाई…और एक पॅकेट खोला जिसमे काला-जामुन था………………..

अनिता: अरे….ये किस ख़ुसी मे…….?

राज: अब तुम तो खिलाओगी नही अपनी मिठाई….तो मे ही खिला देता हू….इस द्वी अर्थ डायलॉग से अनिता शर्मसार हो गयी…….

अनिता:.आप पहले बोलते तो ज़रूर अपनी मिठाई खिला देती…पर अब तो…………………...वही अंदाज मे बोली….

राज: अभी भी कुच्छ नही बिगड़ा है…….तुम चाहो तो दावत दे सकती हो…मे तुम्हारे घर पे भी आ सकता हू….या चाहे जहा कहो….ज़्यादा खर्च नही कर्वाऊंगा….सिर्फ़ थोड़े पैसे मे हो जाएगा…

वन्हा पर हो रही बातो को और भी स्टाफ सुन रहे थे……सभी ने यही समझा कि राज सर….शादी की ख़ुसी की दावत के बारे मे बोल रहे है…..तभी छ्होटू बोला: हां दीदी…..तुम्हे तो सर को दावत देनी चाहिए….इन्होने तुम्हारे लिया क्या कुच्छ नही किया………..

राज:कोई बात नही छ्होटू…हम लोग वेट कर लेंगे…..शादी के बाद दावत कर लेंगे…क्या कहती हो.

अनिता: शादी के बाद लड्डू का स्वाद कुच्छ और हो जाता है क्या?

राज: मेरे हिसाब से तो शादी से पहले ही लड्डू अच्छे लगते है……ये बाते काफ़ी धीमी आवाज़ मे हो रही थी…जिसे सिर्फ़ ये दोनो ही सुन और समझ रहे थे……तभी राज ने छ्होटू को कहा….बेटा इसे सभी स्टाफ मे बँटवा दो…और 2 प्लेट मे हमे भी दो…खाने के लिए…

छ्होटू ऑफीस मे आया और स्वीट के डब्बे को ले कर चला गया….2 प्लेट मे 2-2 रसगुल्ले रख कर अनिता और राज के सामने रख दिए और वो वान्हा से चला गया..क्योकि काउंटर पर काफ़ी भीड़ थी.

ये लो मेडम ,,,,,,,,,,,दिस ईज़ फॉर युवर हॅपी मॅरीड लाइफ …………..

अनिता: ये क्या….मुझे आपको खिलाना चाहिए था……ये लीजिए….और एक स्वीट उठाकर राज को खिलाने लगी….राज ने उसे खा लिया….

अब राज भी उसे खिलाने लगा……….अनिता ने मुँह खोला….राज उसके होंठो को देखता रह गया..उसके चमकते दाँत, होंठ और चिक देखकर वो भूल गया कि उसे मिठाई खिलानी है….और फिर जब उसने बूब्स देखे तो उसने संयम खो दिया…स्वीट उसके हाथो से छूट गयी और सीधे उसके ब्लाउस मे घुस गयी……….और रस उसके ब्लाउस और ब्रा मे लग गया….

अनिता: आरीए..ईईई ये क्या किया आपने….? मेरी साड़ी खराब हो गयी……

राज: इसे उतार दो…अंदर बाथरूम मे चली जाओ …ब्लाउस उतार देना और रस को पानी से धो दो…

अनिता:आप भी कमाल हो…..पता नही कहाँ देख रहे थे……अब मे क्या करू….कोई अगर देख लेगा तो क्या सोचेगा……

राज: कुच्छ नही होगा मे देखता हू…दिखाओ….

अनिता: रहने दीजिए मे कुच्छ करती हू…और वो अंदर बाथरूम घुस गयी…और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया उसे यकीन था कि कही राजने जान भुज कर तो ऐसा नही किया…?

वॉश स्टॅंड पर एक छ्होटा टेबल लगा था …उसने ब्लाउस उतारा …फिर ब्रा को…फिर वो रस के दाग को अपनी चुचियो से हटाया…फिर ब्लाउस और ब्रा पर लगे रस को धोया….फिर अच्छी तरह धोने के बाद ब्रा और ब्लाउस पह्न लिया फिर वापस बाहर आ गयी……………………………

राज: अच्छी तरह धुल गया ना?

अनिता: ह्म …पर दाग रह जाएगा..

राज: कोई बात नही…उतार कर हमे दे देना ….लौन्डरि मे दे दूँगा……1-2 दिन मे आजाएँगे…

सॉरी फॉर दट…………

अनिता: कोई बात नही……

राज घूर घूर कर अनिता की चुचियो को देखे जा रहा था…..उसे लगा कि रस ठीक से सॉफ नही हुआ है…एक पिंक दाग अभी भी क्लीवेज पर लगा हुआ…था….मौका देख कर वो अनिता से बोला…

राज: लगता है ठीक से दाग साफ नही हुए है…ये देखो….वो क्लीवेज को दिखाते हुए कहा

अनिता: हाई…राम…..ये क्या कह रहे हो…अपनी चुचियो को ढँकते हुए…….बाकी के घर पर धो लूँगी.अब मे चली…………….

राज: अरे…अभी…..??? अभी तो 2 बजे है…5 तक रहना होगा….

अनिता: पर आप परेशान करोगे तो मे चली जाऊंगी.

राज: अब नही करूँगा…लो ये लो खाओ…और इस बार बड़े ध्यान से स्वीट खिलाई….और अनिता ने भी ध्यान से खाया.

राज ने देखा कि उसके लिप्स के नीचे एक रस लगा हुआ है…वो मौका देखकर अपना होंठ वन्हा रख दिया और उसे चूसने लगा……अनिता हड़बड़ा गयी….उसके मुँह से कोई आवाज़ नही आ रही हती…जमम्म्ममममममम उम्म्म्ममममममममममम की आवाज़ आ आयी थी….राज ने अपना एक हाथ उसकी चुचियो पर रख दिया और उसे सहलाने लगा….ऑफीस के दरवाजे को अंदर से नॉक कर दिया और उसके साथ खेलने लगा……………………..पहले उसकी चुचियो के साथ, फिर नंगे पेट और अंत मे उसकी गांद मे अपना हाथ डाल कर सहलाने लगा….और उधेर उसके होंठो को चूसे जा रहा था…जिससे अनिता को भी मज़ा आने लगा था….अब उसने भी विरोध करना छोड़ दिया था…पर राज को डर हो रहा था कि यान्हा कोई भी स्टाफ आ सकता है…..तभी राज ने उसे छोड़ दिया और दरवाजा खोल दिया……………………………………….

अनिता: आप भी ना…..बड़े वो हो….

राज: आइ आम सॉरी….

अनिता: सिर्फ़ मुस्कुरा दी….मे जा रही हू…….और अपना बॅग उठाया…और चली गयी

राज: जाते वक़्त राज ने बोला…कल 4 बजे मे तुम आना हमलोग एक फिल्म देखने जाएँगे…अगर तुम चाहो तो………………….

अनिता सिर्फ़ मुस्कुरई…पर बोली कुच्छ नही………………………………………………………………………………………..

उसे जाते हुए राज घूर रहा था………..क्या ग़ज़ब का माल है…मेरा लंड खड़ा हो गया…अब इसका क्या करू….? फिर वो सोचा…कोई बात नही….रश्मि तो है ही…इस काम के लिए……और 5 बने बजने को भी है.

________________________________________

उस रात करीब 10 बजे शाम को उसने रश्मि को अपनी बाँहो मे लिया और जम कर चुदाई की….रश्मि भी उसे काफ़ी सहयोग दे रही थी…आज राज को पता नही क्या हो गया था….चुदाई के समय उसे अनिता डार्लिंग बोल रहा था……..पर रश्मि मदहोश रहने से नही सुन सकी…………….

आज राज को कुच्छ नया करने का मन कर रहा था…उसने रश्मि के कान मे कहा….

राज: डार्लिंग…आज मे तुम्हारी गांद मारना चाहता हू.

रश्मि: ये कैसा सौक है आपका? अभी तक तो आपने मुझे चूत मे ही चोदा है….यान्हा तक मेरी दीदी को भी चूत ही चोदा…..पर आज?

राज: आज मे कुच्छ स्पेशल करना चाहता हू.

रश्मि: पर मेरी गांद फट जाएगी..और वैसे भी मेरा पेट खराब है….गॅस हो जाती है….नो प्लीज़….

राज: यार देखता हू…अगर दिक्कत होगी तो मे छोड़ दूँगा…

रश्मि: नही…जब लंड चूत मे जाता है तो आप इंसान से हैवान हो जाते है…और अगर गांद मे जाएगा तो पता नही क्या होगा….प्लीज़ मुझे माफ़ करो.

राज: प्लीज़ यार…..मे तुम्हारे गांद को चाटना चाहता हू.

रश्मि: वो आप कर सकते हो…..पर गांद मे उंगली मत करना.

राज ने रश्मि को घोड़ी बना दिया और उसके दोनो पुत्तो को हटा कर चाटने लगा…..

रश्मि उसकी गरम जीव अहसासपाते ही सिहर गयी…और उसने अपनी गांद उसके चेहरे पर पेश कर दी.

राज उसे चाटने लगा…क्या मस्त गांद थी…और फिर उसकी गांद की गंध भी कमाल की थी.

राज उसे बिदोर बिदोर कर चाटने लगा…..और एक उंगली उसकी गांद मे डाल दी……

रश्मि: उईईईईईईईईईईईई ये क्या किया आपने….मेरी गांद फाटजाएगी.

राज: नही फटेगी डार्लिंग……………..तुम मुझपर भरोसा रखो…..और हां….ये लो जेल लगा देता हू…उसने जेल की सीसी निकाली और उसकी गांद के होल पर रख और उसे अंदर करते हुए उंगली को अंदर बाहर करने लगा……………..जिससे कि अब रश्मि को कोई दर्द नही हो रहा था….

अब कैसा लग रहा है डार्लिंग………..कोई दर्द?

रश्मि: नही….कोई दर्द नही…..सिमिलर्ली मेरा लंड भी जब जाएगा तो दर्द नही होगा….और उसने लंड पर भी जेल लगाया और उसे उसकी गांद के होल पर लगाया और अंदर कर दिया…करीब 3 इंच जाते हुए वो ज़ोर से चीखने लगी…..वो तो अच्छा हुआ कि कमला घर पर नही थी और ना ही स्मृति है वन्हा…वरना सभी भागे भागे आ जाते………………………………………………

राज वही रुक गया और उसके गालो को चूमते हुए वही से अंदर बाहर करने लगा….अब लंड 4 इंच अंदर बाहर हो रहा था………अब 6 इंच…..और अंत मे पूरा लंड चला गया……थोड़ी देर रुकने के बाद वो चुदाई करने लगा…करीब 20 मीं की चुदाई के बाद वो ढेर हो गया……और बोला..कैसा लगा मेरा आइस क्रीम….अपनी गांद मे………………………..वो बोली….एक दम झकास…..आप वाकई मर्द हो. आइ आम रियली इंप्रेस्ड.

________________________________________

सुबह राज के शॉप जाने के बाद रश्मि ने घर को अंदर से बंद किया और पानी गरम किया फिर गरम पानी को प्लास्टिक टब मे डाल कर उसमे नंगी ही बैठ गयी…जिससे उसे काफ़ी राहत फील हुई…उसकी गांद से अभी भी ब्लड आ रहा था….जिसे देख कर रश्मि काफ़ी परेशान हो गयी…..पर राज ने बोला था कि घबराने की कोई ज़रूरत नही है ये…खूब-ब-खुद ठीक हो जाता है…..हां एक जेल मलम दे दिया था कि गरम पानी से सेंकने के बाद इसे अप्लाइ कर लेना……………………………मरता क्या नही करता….रश्मि की गांद फॅट गयी…पर उसे मज़ा भी तो बहुत आया…..ऐसा मज़ा जो कभी उसके हज़्बेंड से नही आया था….अच्छा हुआ वो मर गया…..(डिसपीयर्ड) …वरना मे मार डालती…………………वो दाँत को मिस्थे हुए बड़बड़ाई…..फिर बाथ लेने लगी….करीब 20 मीं के बाद बाथरूम से बाहर अपने बेडरूम मे आ गयी…………………तभी उसका मोबाइल बज गया…………………..रश्मि ने मोबाइल देखा तो स्मृति का फोन था………………..और वो स्विच ऑन कर दिया…………………

रश्मि: हेलो….

स्मृति: हाई कैसी हो?

रश्मि: ठीक हू…..(नीरस होते हुए)

स्मृति: क्या हुआ????

रश्मि: मेरी गांद फॅट गयी है

स्मृति: कैसे?

रश्मि: अरे यार बॅक गियर लगा दिया….जेठ जी ने

स्मरती: छीइ तुमने रोका नही

रश्मि: क्या रोकू…..ये मर्द कभी रुके है….हमेशा अपनी चलाते रहते है….भुगतना तो हमे पड़ता है ना…………….

स्मरीत: ये तो तुम सही कह रही हो….मेरा भी यही हाल था…पर है मजेदार…..जब से यान्हा आई हू मेरा मन नही लग रहा है………सोचती हू कि फिर वही आ जाऊ

रश्मि: तो आ जाओ….कौन मना करता है.

स्मृति: नही…मा पापा क्या सोचेंगे.

रश्मि: कोई कुच्छ नही सोचता…सब खुस है…तुम्हारी ख़ुसी देखकेर.

स्मृति:ह्म्‍म्म्म

रश्मि: वैसे मे बात करूँगी………कि कुच्छ दिनो के लिए वो देहरादून चला जाए…ठीक?

स्मृति: थॅंक्स…अपना इलाज़ कारवओ…वरना इन्फेक्षन हो जाएगा

रश्मि: वही तो कर रही हू….इन्होने जेल दिया है और आंटिबयाटिक…..गरम पानी से सेंक कर रही हू

स्मृति: तुम अपना ख़याल रखना…..

रश्मि: ह्म …..मा पापा कैसे है.

स्मृति:ठीक है…..तुम्हारी बहुत याद करते है…..इन्हे पता चल गया है कि राजेश लापता है.

रश्मि: अरे उन्हे कैसे पता? मेने तो बताया नही.

स्मृति: मा बता रही थी कि कमला दीदी बोली है…मा को

क्रमशः...................................
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05-10-2019, 07:28 PM,
#36
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-17

गतान्क से आगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रश्मि: साली कमला…इसकी तो गांद मर्वाऊन्गि………………………..वो भी नंगी करके…उसे किसने कहा था कि राजेश के बारे मे किसी को बोलने को. हज़्बेंड मेरा खोया है…और गांद मे दर्द इसे हो रहा है?

स्मृति: कूल डाउन बेबी……वैसे कमला ने काफ़ी सहयोग किया है …हमे और तुम्हे सो कम है क्या….?

रश्मि: सहयोग नही किया है…..खुद को बचाया है….अपने हज़्बेंड के भयानक लंड से….

स्मृति: हाआआआआ….वो तो है

रश्मि: ज़रा सोचो अगर मे और तुम ना होती तो राज इसे चोद चोद कर अधमरा कर देता.

स्मृति: चाहे जो भी हो तुम्हे ऐसा नही बोलना चाहिए था….

रश्मि: पर ये मम्मी को क्यो बताया…अभी आएगी तो मे बताऊँगी…इसे अच्छी तरह से…अपने भाई के पास गयी है चुद्वाने……………..साली रंडी….

स्मृति: चुप….? अब बहुत हो गया…..मे रखती हू…कूल रहो…और इलाज़ कर्वाओ..

रहस्मी: ठीक है…रखती हू………………….

फोन रखते ही उसे बहुत गुस्सा आ रहा था…पर वो करे क्या….तभी दरवाजे की घंटी बजी…..

रश्मि ने अपने आपको ठीक किया और एक गाउन पह्न लिया….और दरवाजा खोला….

दरवाजे पर पोलीस को देखते ही वो चौक गयी और डर भी गयी….

रश्मि: जी…आप????

पोलीस: मे इनस्पेक्टर शर्मा हू, इस एनडीएस थाने का इंचार्ज……

रश्मि: जी बताए?

पोलीस: मुझे एक लाश मिली है …जो कि आपके हज़्बेंड से मिलती है….थाने आकर देख ले…और सिनाख्त कर ले….आपके आने के बाद ही उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा….चलता हू.

रश्मि:के काटो तो खून नही…उसे समझ मे नही आ रहा कि मे क्या करू……वो घबरा गयी…..तभी उसने राज को फोन मिलाया….तुम जल्दी घर आ जाओ…..और सारी बाते उसे फोन पर ही बता दी…….सुनते ही राज ने बोला…डॉन’ट वरी मे देख लूँगा…मेरा आने का वेट करो…..साथ साथ पोलीस स्टेशन चलेंगे…..

एक अग्यात भय के साथ रश्मि और राज न्ड्स पोलीस स्टेशन पहुँचे….इनस्पेक्टर शर्मा ने कहा… हम आप ही की राह देख रहे थे…..कम वित मी…..और वो पीएस के पिच्छवाड़े मे पहुँच गये…जहा 2 लाशें रखी हुई थी…..एक पर टॅग लटका हुआ था और दूसरा ब्लॅंक था …यानी इस लास की सिनाख्त नही हो पाई थी……….

इनस्पेक्टर शर्मा: दरशाल ये लास यमुना रिवर के ईक गाव से मिली है…..ऐसा लग रहा है कि इसे रिवर मे गिरे हुए करीब 4-5 डेज़ हो चुके है…पानी काफ़ी भर जाने और लास के सड़ने से वन्हा बदबू आ रही थी. रश्मि, राज और इनस्पेक्टर शर्मा ने अपनी नाक पर रुमाल रख लिए……………………

जब इनस्पेक्टर शर्मा ने चादर को एक झटके मे हटा दिया….रश्मि अपने चेहरे को ढँक ली…..और फिर गौर से धीरे धीरे अपनी आँखे खोली…..देखा…तो वो काँप गयी…ये क्या??? ये सख्स तो काफ़ी मोटा है….जबकि मेरा पति काफ़ी पतला युवक था……तभी इनस्पेक्टर शर्मा ने बोला:

इनस्प शर्मा: दरशाल पानी मे 5 डेज़ रहने से ये काफ़ी फूल गया है…पर आप बॉडी को देखकर सिनाख्त कर सकते है…कोई कटे का निशान, तिल, वग़ैररः…..वग़ैररः…और ये देखिए जब ये पोलीस को लास मिली थी तक की चीज़े है………………………………………………………..

रश्मि ने देखते ही पहचान लिया…..ये तो वही शर्ट पॅंट है …..पर ये लाश का शरीर काफ़ी फूला है….जबकि मेरा पति एक पतला आदमी था….

राज: तुम और गौर से सिनाख्त करो….और वो पूरी बॉडी को देखने लगी…..चेहरे पर एक दाग था जो कि रश्मि से ही चाय पिलाते वक़्त चाय गिर गयी थी…वो दाग ढूँढने लगी…………………ढूँढने पर उसे वो दाग नही मिला…………………उसने इनस्पेक्टर से ये बात कह दिया…

इनस्प शर्मा: देखिए…पानी मे इतने दिन रहने से स्किन काफ़ी पिलपिला हो चुक्का है…..और हो सकता है दाग मिट या इरेज हो गया हो…आप ऐसी चीज़े देखे जो कि सिर्फ़ आप को ही मालूम हो…यानी इंटर्नल पार्ट्स.

रश्मिने शरमाते हुए पूरे शरीर को देखा…उसे याद था कि राजेश के लंड पर एक तिल था…वो उसे देखना चाहती थी पर राज और इनस्प शर्मा की वजह से नही देख पा रही थी…..तभी वो राज के कान मे कुच्छ बोली……राज ने इनस्प शर्मा को बोला…सर प्लीज़ थोड़ा इधेर आएँगे….वो ठीक से सिनाख्त नही कर पा रही है………….दोनो लास के थोड़ी दूर पर आ गये….रश्मि प्युरे बॉडी को चेक करने लगी…..लंड और उसके आंडो को अच्छी तरह देख रही थी..फिर उसके लंड को देखा….और देखते ही उसके दिल की धड़कने ज़ोर ज़ोर से चलने लगी…और फिर अंततः वो ज़ोर ज़ोर से वही पर रोने लगी…..और अंततः वही पर बेहोस हो गयी…इनस्पेक्टर शर्मा और राज ने उसे अपनी बाँहो मे थामा और उसे वही एक टेबल पर लिटा दिया……इनस्पेक्टर शर्मा ने एक हवलदार को पानी लाने को कहा और फिर राज को कहा आप यही रहिए मे अभी आया….और वो चला गया….थोड़ी देर बाद रश्मि को होश आ गया ….होश मे आते ही राज से लिपट कर रोने लगी……राज उसे हौसला दे रहा था…… तभी इनस्पेक्टर शर्मा वापस वन्हा आ गया……

इन्स शर्मा: आइ आम सॉरी मिसेज़. रश्मि…आपको कन्फेस करनी होगी…..कुच्छ क्वेस्चन का जवाब देना होगा …तभी लाश का पोस्टमॉर्टम हो सकता है…और उसके बाद लाश को आपके हवाले किया जाएगा…..रश्मि ने कहा पुच्हिए जो पुच्छना है….पर राज ने आपत्ति जताई…..वो पूछा….इनस्पेक्टर शहाब…ये तो बाद मे भी पूछा जा सकता है…अभी ये इस अवस्था मे नही है कि आपके प्रश्न का जवाब दे सके….पर रश्मि ने कहा…नही भैया…पुच्छने दीजिए….जो पुच्छना है…मे बिल्कुल ठीक हू और सभी क्विरीस का जवाब दे सकती हू…………………….
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05-10-2019, 07:28 PM,
#37
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
इनस्प शर्मा: वेल…..मिसेज़. रश्मि……………..राजेश 5 दिन से गायब है और आपने फिर भी कोई कांपलेंट नही किया……..क्यो???

रश्मि: नही सर…..फिर किया जा चुक्का है….मेरे जेठ ने खुद कॅंप्लेंड की थी गुमसुद्गी के…………

इनस्प. शर्मा: आप एफआइआर की कॉपी दिखा सकते है….क्योकि इस थाने मे तो नही किया गया है…मेने पूरा छान मारा है….

रश्मि: वो तो राज जी दे सकते है…..अभी आएँगे तो दे देंगे.

इनस्प शर्मा: आपके और राजेश के बीच संबंध कैसे थे

रश्मि: बिल्कुल नॉर्मल …..जैसे औरो का होता है.

इन्स. शर्मा: तो आपने कहा है कि जब वो घर छोड़ कर गये थे तो आपको बताया नही था….क्यो???

रश्मि: कभी कभी वो मुझे पूरी बाते नही बताता था……ऑफीस की बाते हो या पार्सनल……………………….

इनस्प. शर्मा: पर क्यो? क्या आप पुच्छना भी नही चाहती होंगी………

रश्मि: ऐसा नही है....वी आर गुड कपल.....पर कुच्छ अफीशियल मॅटर ना मे पुछ्ती थी और ना वो बताते थे....अक्सर वो बाहर टूर पर रहते थे....और बिना बताए घर से निकल जाते थे.

इनस्प. शर्मा: आपकी सेक्स लाइफ कैसी थी?

रश्मि: मतलब?

इनस्प. शर्मा: सेक्स सॅटिस्फॅक्षन

रश्मि : ठीक था नॉर्मली

इनस्प. शर्मा: तो फिर आप प्रेग्नेंट क्यो नही हुई

रश्मि: भड़क गयी....क्या घटिया सवाल है?????? मेरा पति मरा है आपको मज़ाक सूझ रहा है?

इनस्प.शर्मा: जो मे पुच्छ रहा हू उसका सही सही जवाब दो...वरना मुझे और भी तरीके आते है अपने मतलब के लिए

रश्मि:सहम गयी.....पर कुच्छ बोली नही

तभी राज भी वन्हा आ गया...और वो इनस्पेक्टर को आगे के सवाल पुच्छने से मना कर दिया........और बोला...मे अभी चल रहा हू......

बताइए डेड बॉडी कब मिलेगी....

इंसपे. शर्मा: 2 घंटे मे...आप ले जा सकते है.....

राज: ठीक है ...चलो रश्मि.....

राज और रश्मि एक केर (हाइयर्ड) से घर आ गयी..फिर सभी रिस्तेदारो को फ़ोन कर दिया गया.....

करीब 1 घंटे मे लोकल रिस्तेदार आ गये......डेड बॉडी को हॉस्पिटल से ले आया गया और फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया....

घर के सारे सदस्य काफ़ी भावुक दिखे.....पर इस समारोह मे जो नही आया वो थी स्मृति....जो कि जानते हुए भी नही आई......

स्मृति के बारे मे ज़िक्र आगे करेंगे...कि उस रात क्या क्या हुआ था और क्यो राजेश घर छोड़ने पर विवश हुआ.......

राजेश का अंतिम-संस्कार हो चुक्का था…सारे रिस्तेदार अपने अपने घर चले गये थे…अब घर मे सिर्फ़ राज, रश्मि और कमला रह गये थे…. राज भी अपनी शॉप चला गया….कमला भी अपना काम करने लगी…पर रश्मि को घबराहट हो रही थे….उसकी घबराहट की वजह था इनस्पेक्टर शर्मा…जो कि थोड़ी देर पहले उसका फोन आया था…….कि वो इनस्पेक्षन के लिए आ रहे है…पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आ गयी है…………………….तभी दरवाजे की घंटी बजी…..रश्मि ने उठ कर अपने आपको ठीक किया और दरवाजा खोला……….

इनस्प. शर्मा: गुड मॉर्निंग मेडम….हाउ आर यू नाउ?

रश्मि: ठीक हू…..

इनस्प शर्मा: ह्म गुड….ये लीजिए….पोस्टमोरटूम की रिपोर्ट….मौत की वजह…….गहरे पानी मे जाना… पेट मे पानी ज़्यादा चला गया था…अब ये हत्या है या आत्म-हत्या…ये तो साबित होने के बाद पता चलेगा….आप क्या कहते हो.

रश्मि: सर मुझे भी समझ मे नही आ रहा …….सुबह तक तो ठीक थे…अचानक घर से किसी को बताए बगैर घर से चले गये….मे सोची कि कही ऑफीस के काम से गये होंगे…पर ऐसा पहले कभी नही हुआ था….जब भी जाते थी…तो कम से कम फोन या स्मस ज़रूर करते थे…

इनस्पेक्टर शर्मा: अच्छा बताइए आपके घर मे कौन कौन रहते है…?

रश्मि: अब चार लोग रहते है…मे, मेरे पति, उनका भाई (राज जी) और भाभी (कमला)

इनस्पेक्टर शर्मा: पर आपके घर मे किसी और औरत को देखा गया है. जब पोलीस ने आपके पड़ोसी से पूछा तो बताया कि कोई लेडी रहती थी…..?

रश्मि: हाँ…वो मेरी दीदी आई थी…देहरादून से…यान्हा इलाज करवाने के लिए…..पर वो अब वापस देहरादून चली गयी है…………….

इनस्पेक्टर शर्मा:…ह्म्‍म्म्मममम क्या मे आपके बेडरूम देख सकता हू? इफ़ यू डॉन’ट माइंड?

रश्मि: शुवर…………………….सर

इनस्पेक्टर्स: थॅंक्स …चले?????

रश्मि और इनस्प. शर्मा दोनो रश्मि के बेडरूम मे आ गये……इनस्पेक्टर ने सभी जगह….चेक किया पर उसे कोई खास सबूत हाथ नही लगा……

अब वो राज के रूम की जाँच करना चाहता था…….जब वो टर्न किया तो देखा कि सोफे के नीचे एक काली पॅंटी गिरी हुई थी…….इंसपे. शर्मा ने एक दस्ताना पहना और उस पॅंटी को निकालने लगा…हालाँकि उसे निकालने मे सोफे को ही हटाना पड़ा……

इन्स. शर्मा: क्या आप एक ग्लास पानी ला सकती है?

रश्मि: अभी लाई…..

इनस्पेक्टर शर्मा ने पूरे घर की तलासी ली……पर कुच्छ हाथ नही लगा….पॅंटी को ध्यान से देखा…ये एक लिंगुरीस पॅंटी थी…इसमे पुरुष वीर्य लगा हुआ था…..जो कि अब सुख गया था……इनस्पेक्टर शर्मा ने उसे सूँघा…..तो वो खाँसने लगा..और उसे छींक भी आ गयी…..

तब तक रश्मि एक पानी का ग्लास ले कर आई…और उसे दिया..इनस्पेक्टर शर्मा ने पानी पिया…फिर रश्मि से पूछा……………………………….

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम…क्या ये पॅंटी आपकी है?????

रश्मि: नही तो….मे तो लिंगुरीस नही पहनती …मेरे ख्याल से ये पॅंटी मेरी सिस्टर की होगी????

इनस्पेक्टर शर्मा: व्हाट???????????

रश्मि: हां क्यो क्या हुआ????

इनस्प. शर्मा: मेडम अगर ये पॅंटी आपकी सिस्टर की है….तो हो ना हो कातिल आपकी सिस्टर ही होगी…

रश्मि: क्या मज़ाक है ये….??? ये आप क्या कह रहे है…बोलने से पहले कोई सबूत है आपके पास?

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम मेरे पास अभी तो कोई सबूत नही है….अगर होगा तो ज़रूर आऊंगा…..और हां…ये पॅंटी मे ले जाता हू…इसे फोरेन्सिक लॅब भेज रहा हू….देखिए….इसमे जो वीर्य लगा है …अगर वो तुम्हारे हज़्बेंड का है…या तुम्हारे जेठ का है??? और दूसरा सबसे अहम् है…इस पॅंटी पर पाए गये इस बाल …..(बॉल को दिखता हुए) ये बाल है किसी औरत की झांतो के बाल हो सकते हैं……………………………………या कोई मर्द के……….

रश्मि शर्मा गयी……..पर बोली कुच्छ नही

इनस्पेक्टर शर्मा: ये झांट और ये वीर्य ही कुच्छ राज बता सकता है…..चलता हू….अगर कोई इन्फर्मेशन होगी तो मे आ जाऊँगा………………………और वो चला गया…
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05-10-2019, 07:30 PM,
#38
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
इनस्पेक्टर शर्मा के जाने के बाद कई सवाल रश्मि के दिमाग़ मे आने लगे….ये झांट के बाल कहाँ से आ गये….जहा तक मालूम है……मे तो इतनी लंबे झांट रखती नही….और ना ही स्मृति दीदी की है और ना ही कमला दीदी की…..राजेश और राज के भी नही है इतने लंबे बॉल……..तो फिर ये है किसके…..?????

क्या ये कही सिर के बाल तो नही??? अगर ये सिर के बॉल है…तो पॅंटी मे क्या कर रहे है…… तभी उसे ख्याल आया….राजेश अक्सर कहता था कि उसकी एक फ्रेंड जो उसके साथ काम करती है (रंभा) उसके बाल काफ़ी लंबे है….तो क्या ये उसके बाल है? और ये पॅंटी भी??? तो फिर मेरे घर मे कैसे आए…..??

ओह माइ गॉड……अब तो मुझे कुच्छ करना होगा……इनस्पेक्टर सही कह रहा है..मेरे हज़्बेंड को पहले अगवा किया गया और फिर उसे रिवर मे लेजाकार कोई उसे धकेल दिया है…ज़रूर कोई लड़की का मामला होता है……तभी कुच्छ सम्झ बुझ कर अपने जेठ (राज) को फोन किया और पूरी बातो को बता दिया…..

राज: देखो…..जल्दिबाजी करने की ज़रूरत नही है…और ना ही कोई क्लू पोलीस को दो…मे अभी आ रहा हू….तब मिल कर बाते करते है और कोई रास्ता बताते है….अगर मेरे भाई का कत्ल हुआ है तो मे जहन्नुम से भी कातिल को पकड़ लूँगा…तुम चिंता मत करो……मेरे एक दोस्त है …जो कि डिटॅक्टेटिव का काम करता है……..मे अभी आया….तुम वेट करो………………………और राज जल्दी ही ½ घंटे मे घर आ गया….आते ही वो रश्मि से लिपट गया और फिर पूरी बातो को बिस्तार से पूछा……………………………………………………………………..

राज:ह्म्‍म्म्म ये तो बहुत गंभीर मामला है? पोलीस को बताना होगा….वरना कातिल देश से भाग भी सकता है…………..क्या कहती हो?

रश्मि: ये ही तो मे भी चाहती थी…..पर मे डरती हू कि कही आपके और मेरे, आपके और दीदी के संबंध कही सामने ना आ जाए…………………….??

राज: उसकी चिंता मत करो….. अभी ज़रूरत है…कातिल को पकड़ना…एक इंसान का कत्ल हुआ है…और कातिल सरेआम घूम रहा है…..तुम जल्दी से इनस्पेक्टर शर्मा को फोन लगाओ…………………………

रश्मि: ठीक है अबी करती हू….और इनस्पेक्टर शर्मा को फोन करके सारी बातो को बता दिया……….

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या तुम मिस. रंभा का आडड्रेस दे सकती हो.?

रश्मि: आडड्रेस तो है नही…पर उसका मोबाइल नम्बेर. है मेरे पास..

इनस्प. शर्मा: जल्दी से भेजो….

रश्मि ने स्मस कर दिया……..इनस्पेक्टर शर्मा ने नो. लगाया पर नंबर. एंगेज जा रहा था…बार बार नंबर. लगाने के बाद एक बार रिंग बज गयी……फोन कोई मेल पर्सन ने उठाया…………………

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या मे मिस. रंभा से बात कर सकता हू. आप कौन बोल रहे है?

जी..मे कारण मल्होत्रा बोल रहा हू सीएमएस कंप्यूटर से

इनस्पेक्टर शर्मा: मे मिस. रंभा के बारे मे कुच्छ जानना चाहता हू

कारण: सर उसने तो ऑर्गनाइज़ेशन छोड़ दिया है.

इनस्प. शर्मा: व्हाट?

कारण: हां…कुच्छ क्रिमिनल आक्टिविटीस मे इन्वॉल्व थी तो बॉस ने उसे निकाल दिया.

इनस्प. शर्मा: कॅन आइ हॅव सम इन्फो रेग मिस्टर. राजेश कुमार, हू ऑल्सो वर्क्ड वित युवर ऑर्ग.

कारण: ही ऑल्सो लेफ्ट ऑर्गनाइज़ेशन.

इनस्प. शर्मा: कब निकाला गया जॉब से?

कारण: नेक्स्ट फ्राइडे को (यानी 12 को)

इनस्प. शर्मा: ओह माइ गॉड…..सॅटर्डे को वो घर से गायब हुआ…और वेडनेसडे को उसकी लास पोलीस को मिली….ये क्या चक्कर है.

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या ये बता सकते हो कि अभी मिस. रंभा कहाँ मिलेंगी..

कारण: सॉरी सर…नो हॅव एनी इंडिविजुयल इन्फर्मेशन….वाइ-दा-वे क्या आप अपना इंट्रोडक्षन दे सकते है?

इनस्प शर्मा: मे इनस्पेक्टर राज कुमार शर्मा, न्ड्स पोलीस स्टेशन से बोल रहा हू.

आंड एइज यू अवेर….मिस्टर. राजेश का कत्ल हो गया है….

कारण: व्हाट????????????????????????????????

इनस्प शर्मा: जी…और उसी केस के सिलसिले मे बात कर रहा था…..और होप सो आगे भी आप हेल्प करते रहेंगे…

कारण: शुवर सर…………………………..मे तो इस ऑर्गनाइज़ेशन मे नया हू….पर जितनी जानकारी होगी …ज़रूर प्रवाइड कराऊंगा……

और फोन काट दिया…….और फिर कारण ने अपना कॉन्वर्सेशन को अपने बॉस मिस्टर. जोशी को बता दिया……………………………………………………………

इसका इन्फर्मेशन ऑफीस मे किसी के पास भी नही था…………………….ऑफीस मे सॅनाटा च्छा गया….जिसने भी सुना (राजेश जी अब नही रहे) शोकेड हो गया….

ऑफीस मे मिस्टर. जोशी ने एक मीटिंग बुलाई गयी…और कहा गया कि जिसके पास जो भी इन्फर्मेशन है मिस्टर. राजेश और रंभा के बारे मे वो पोलीस को ज़रूर शेर करे…क्योकि इस केस के साथ साथ इस ऑर्गनाइज़ेशन के स्टेटस और फ्यूचर भी सामिल है………

इस दौरान रश्मि और राज के बीच कोई सेक्स एनकाउंटर नही हुआ और ना ही अनिता और राज के बीच....क्योकि सिचुयेशन ही ऐसा बन चुकी थी...उधेर स्मृति का भी फोन आना बंद हो चुका था...पर कहते है समय सब ठीक करा देता है... पोलीस ने भी अब आना बंद कर दिया था.....पोलीस को रंभा की तलाश थी जो कि उसे ढूँढ रही थी...कभी कभी इनस्पेक्टर शर्मा रश्मि को परेशान करने आ जाता था.......राज भी चाहता था कि पोलीस का चक्कर जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए. पर अभी चुप रहने मे ही अपनी भलाई समझा……..सुबह घर से जल्दी निकल जाता और रात 10 बजे तक घर आता. रश्मि अपने अतीत के दिनो को याद करते करते सो जाती थी….अब वो बिध्वा की जिंदगी जी रही थी….क्या किस्मेत थी रश्मि चली थी अपनी बड़ी बहन की जिंदगी सँवारने पर खुद गहरी खाई मे गिर गयी…..ये समाज एक विधवा को किसी दूसरे की बाँहो मे नही देख सकता….भले ही कोई शादी-शुदा जोड़ा एक दूसरे को शेर करे………………

राज चाह करके भी रश्मि की कोई हेल्प नही कर सकता था..क्योकि अब पड़ोसियो की नज़र भी उन पर थी उनके रिस्ते अगर उजागर हो गये तो सोसाइटी मे नाक कट सकती थी..और जीना दुर्लभ हो सकता है.

रश्मि ने अपने आपको को समझाया और अपना जीवन नये सिरे से सुरू करना सुरू कर दिया…..राज ने उसे शॉप पर आने को कह दिया…क्योकि अगर वो काम करेगी तो दुख कुच्छ कम होगा और मन भी लगा रहेगा. सुरू मे तो रश्मि ने मना किया पर समझाने पर वो मान गयी….ठीक है मे कल से जाय्न कर लूँगी..और अपने कमरे मे चली गयी……राज ने उसे गले लगाना चाहा पर रश्मि ने उसे धक्का दे कर दूर कर दिया. राज उसे देखता रह गया……

क्रमशः...............................
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05-10-2019, 07:30 PM,
#39
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-18

गतान्क से आगे..................................

जिंदगी पानी के बुलबुले के सामान है…किसके जीवन मे कब क्या होज़ायगा कुच्छ नही कहा जा सकता था..अभी थोड़ी देर पहले रश्मि एक कमल के फूल की तरह घर मे महकती थी पर अब एक बेवा की जिंदगी जी रही थी……राज और कमला ने एक अहम् फ़ैसला लिया …..कि ये फ्लॅट बेच देंगे और कही और जगह फ्लॅट खरीद लेंगे…जहाँ लोग हमे नही जानते हो…….और मे रश्मि से शादी कर लूँगा….पर क्या रश्मि इसके लिए तैयार हो जाएगी………??? ये एक अहम् सवाल था…..कमला तो घर की ख़ुसी के लिए अपनी छाती पर पत्थर रख सकती है…..कमला ने एक ज़िम्मेदार गृहिणी की तरह रश्मि को समझाया….

कमला: बेटा…जो हो गया सो होगया…उसके लिए जान देने से तो वो वापस नही आएगा…अब तुम अपने आपको सम्भालो…और नये सिरे से अपने जीवन को संवारो…..हमलोग फ़ैसला किए हैं कि ये फ्लॅट बेच देंगे और किसी दूसरी जगह फ्लॅट ले लेंगे…और ये तुमसे शादी कर लेंगे…फिर हमलोग आराम से एक साथ रहेंगे….हमे सिर्फ़ तुम्हारी रज़ामंदी का इंतजार है.

रश्मि: जो उचित समझे…..अब तो आपलोगो का ही सहारा है…इस जीवन मे अब क्या बचा है……एक औरत के लिए उसका पति ही सबकुच्छ होता है…अगर पति ना हो तो किसके सहारे जीवित रहेगी…मे अपने मा-पापा के घर नही जा सकती…क्योकि वो पहले से ही अपनी बड़ी बेटी से परेशान है….और यदि मे चली गयी तो उनपर तो पहाड़ टूट पड़ेगा……….दीदी आप जो सही समझे??? और हां कल से मे भी शॉप पे जाऊंगी…ताकि मे भी अपने पैर पर खड़ी हो सकु.

कमला: क्यो नही बेटे…तुम मेरी छ्होटी बहन की तरह हो तभी मे तुम्हे बेटी कह रही हू. मेरी तो कोई औलाद नही है और ना ही होगी…..अब सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद है कि इस घर मे कोई किलकरिया गूंजेगी….जब इनकी मा मरी थी तो मुझसे उम्मीद की थी कि इस घर का वारिस तुम दोगि….भगवान ने तो मुझे वो सुख नही दिया….मे चाहती हू कि तुम राज से शादी करो और उनके बच्चे की मा बनो…..तुम पति-पत्नी की तरह रहना और मे तुम्हारे बड़ी बहन……या तुम जो समझो.

रश्मि: नही दीदी तुम भी हमारे साथ ही रहोगी…उनकी पत्नी बन कर…हम्दोनो उनकी पत्निया है….अगर किसी के सहारे के लिए शादी किया जाता है तो शादी नही सम्मान है…..और अगर ये सम्मान मेरे जेठ जी दे रहे है तो मे खुस-किस्मत हू…मुझे पता है…जब मे रोड पर चलती हू इन कपड़ो मे (वाइट सारी) सब लोग भूकी नज़रो से देखते है…………………….

सभी लोग एक मौके के तलाश मे रहते है…कब मौका मिले और निगल जाए…….

कमला: तो फिर तय रहा अब तुम मेरी सौतन हो….

रश्मि: सौतन नही दीदी……बहन……तुम मेरी बड़ी बहन और मेरे पति की पत्नी…और मे तुम्हारे पति की पत्नी…………………….

कमला ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया…और फिर किचन मे चली गयी खाना बनाने.

________________________________________

राज ने जल्दी ही एक बिल्डर की मदद से अपना फ्लॅट बेच दिया और देल्ही मे ही कोनट प्लेस के पास एक अप्पर्टमेंट मे 3 बीएचके का एक फ्लॅट खरीद लिया...जो कि 7थ & टॉप फ्लोर पर था...........घर का आनॉगरेशन खुद रश्मि और राज ने किया....साथ मे थी उसकी वाइफ कमला....... सब कुच्छ ठीक चल रहा था....पर अभी तक रश्मि और राज के बीच सेक्स एनकाउंटर नही हो रहा था....फ़ैसला ये किया गया कि सनडे को मंदिर मे रश्मि और राज की शादी हो जाएगी...और फिर हनिमून के लिए देल्ही से बाहर सिम्ला जाना तय हुआ....पर वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है....अभी भी रश्मि को उसका बीता हुआ समय वापस उसके आगे खड़ा हो जाता है.....यानी कि इनस्पेक्टर शर्मा.. ये अचानक उसके फ्लॅट मे आ धमका और राजेश के मौत का अपडेशन उसे बताने लगा.....रश्मि ने सोचा कि इसे किसने बताया यान्हा का पता........

इनस्पेक्टर शर्मा: रश्मि जी....वो पॅंटी वाली का पता चल गया है..और उस पॅंटी पर जो वीर्य लगा हुआ था वो आपके हज़्बेंड का था...पर उस पे जो झांतो के बाल थे वो किसी और लेडी के थे..........ये लेडी कौन है ये पता करना पड़ेगा...

रश्मि: (खीझते हुए)...तो फिर इतने दिन तक आप ने किया क्या???????आपको पता लगाना चाहिए ना............

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम, उसी सिलसिले मे तो यान्हा आया हू...बहुत मुस्किल से आपका फ्लॅट मिला है....अब पोलीस भी क्या कर सकती है जब आप जैसी हसीना मदद ना करे.

रश्मि ने गौर से देखा इनस्पेक्टर शर्मा के चेहरे पर एक शैतानी थी...

रश्मि: क्या मतलब है आपका???

इनस्पेक्टर शर्मा: मतलब सॉफ है...जो मे पुच्छ ता हू उसका जवाब चाहिए.

रश्मि: मे सारा कन्फेशन पहले ही दे चुकी हू...प्लीज़ हमे और परेशान मत करो.

इनस्पेक्टर शर्मा: सुना है कि आप शादी करने जा रही है?

रश्मि: ये आपको किसने कहा.

इनस्पेक्टर शर्मा: ये मत पुछो किसने कहा...ये बताओ ये सही है या नही?

रश्मि: हां सही है? और कुच्छ

इनस्पेक्टर शर्मा: आप दूसरी शादी नही कर सकती? इट्स ए मर्डर केस....जब तक ये सावित नही होगा तुम दूसरी शादी नही कर सकते....समझे.....

चलता हू.........................................नमस्ते...फिर मिलेंगे.

रश्मि ने अपना सिर पीट लिया.....अब क्या करे...???? तभी वो राज को फोन मिलाया ...और सारी बाते बता दी...................................

राज: अबे यार .....क्या करू इस इनस्पेक्टर शर्मा का....

तभी पास पड़ी डॉक्टर. नेहा ने कहा...क्या हो गया कुच्छ हमे भी बताओ.....

राज; कुच्छ नही..यार इनस्पेक्टर शर्मा बार बार परेशान करने आ जाते है रश्मि को.....वो एक्सप्लाय्ट भी कर रहे है............

डॉक्टर. नेहा: मे कुच्छ करू????

राज: तुम क्या कर सकती हो?

डॉक्टर. नेहा: मेरा फ्रेंड है कमिशनर ऑफ देल्ही पोलीस के ऑफीस मे..इसका ट्रान्स्फर करवा देते है..............

राज: उससे क्या होगा...अगर कोई दूसरा आएगा तो वो भी परेशान करेगा.

डॉक्टर. नेहा: ये तो है...पर क्या करे? कोई वकील से सलाह लेते है.

राज: इसमे वकील कुच्छ नही कर सकता जब तक कि पोलीस का आरोप ना लगे...अभी तक ये केस भी नही बनाया है.

डॉक्टर. नेहा; मेरी फिरेंड कुच्छ हेल्प कर सकती है...मे कुच्छ करती हू....कल फोन कर लेना..................

पर मुझे क्या मिलेगा इसके बदले.

राज: बताओ ना क्या चाहिए.

नेहा: वही जो आप भी चाहते हो

राज: सच?????????? वो माइ गॉड मेरी तो निकल पड़ी?

नेहा बुरी तरह शर्मा गयी……….

राज: पर मे बहुत परेशान करूँगा….सोच लो?

नेहा: मुझे मंजूर है

राज: तो फिर अभी????

नेहा: अभी????च्ीईीईईईई……

फिर कभी
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05-10-2019, 07:30 PM,
#40
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राज: थ्क्स डार्लिंग..तुम बहुत अच्छी हो.

नेहा: मस्का मत मारो….मे सब समझती हू……आख़िर कार हमे पटा ही लिया

राज: अभी कहाँ पटाया…..??? जब तुम अपनाओगी तभी पटी (फ्लर्टिंग) समझूंगा.

नेहा: आपको शर्म नही आती एक दूसरी औरत से फ्लर्ट करते हुए…जबकि आपके घर मे 2-2 औरते पहले से है.

राज: हमे कोई शर्म नही आती …..जो शर्मा गया वो घर गया…… और फिर अगर शरमाऊँगा तो घोड़ी कैसे चढ़ुंगा……..पर हां मे कभी भी किसी औरत से ज़बरदस्ती नही करता…..औरत की रज़ामंदी मेरे लिए ही सबकुच्छ है.

नेहा: आप महान है….जीजू.

राज: थॅंक्स डार्लिंग……और उसके गले लग गयी…..तभी बाहर कुच्छ नॉक हुआ….

नेहा: लगता है कोई पेशेंट है…आप निकलो.

राज: ठीक है..चलता हू…तुम अपने फ्रेंड से फोन कर लेना …पर हां केस को बिगाड़ने की कोशिश ना करे….इसका ध्यान रहे…………………मे अपने परिवार को गर्त मे देखना नही चाहता ……ये पोलीस का मामला है…..कुच्छ करो.

नेहा: आइ विल डू सम्तिंग …वेल…………….

राज के जाने के बाद नेहा ने 1-2 पेशेंट को और देखा फिर अपनी बेस्ट फ्रेंड सुनीता को फोन मिलाया जो कि देल्ही पोलीस एचके मे काम करती है…..

सुनीता: हाई…..मेरी जान कैसी हो…..सुना है शादी कर ली…पर मुझे नही बुलाया….जीजू कैसे है….सुहाग रात कैसी रही …वग़ैरह-वग़ैरह…..

नेहा: तुम सुनोगी भी मेरी तूफान मेल…..

सुनीता; हाई यार अब मुझसे भी रहा नही जाता…ये पोलीस की नौकरी करते करते थक गयी हू…अब मे भी चाह रही हू कि कोई मुंडा ढूँढ कर अपनी बॅंड बजा दू…जैसे तुम बजाई हो…..कोई खूसखबरी??????

नेहा: अरे यार…उसके लिए खेद है….

सुनीता: क्यो…….??? क्या हुआ….चुदाई नही हो रही है क्या????

नेहा: चुप बेशर्म……कही भी सुरू हो जाती है.

सुनीता: तो फिर ऐसे ही काम चलता है…??? जैसे मेरा चलता है?

नेहा: अच्छा///? तुम्हार क्या चलता है?

सुनीता: अपना हाथ तो जगन्नाथ…………………

नेहा: च्ीईीईईईईईईई

सुनीता: मेरी जान ऐसे मेरी किस्मेत कहाँ जो किसी की बाँहो मे रहू.......................

नेहा: कहो तो बंदोबस्त कर दू

सुनीता: हाई......तब तो मज़ा आ जाएगा....प्लीज़ अगर कुच्छ हो सके तो

नेहा: क्यो नही...पर उसके लिए तुम्हे एक काम करना होगा

सुनीता: कैसा काम

नेहा: अरे यार मेरी दीदी के देवेर के पिच्छने मंत गायब होने की रिपोर्ट पोलीस मे दर्ज कराया गया था.....फिर करीब 6 डेज़ के बाद पोलीस को उसकी लास यमुना नदी से मिली है...पोलीस का शक़ है कि ये केस मर्डर का है................और सारी बाते बता दी...कि कैसे रश्मि को वो इनस्पेक्टर बुरी नज़र से देखता है...

सुनीता: ह्म्‍म्म्म......मामला तो पेचीदा है...और इसमे कोई भी मदद नही कर सकता ...क्योकि पोलीस ने अभी अपनी रिपोर्ट पेश की नही है...सिर्फ़ तहकीकात कर रही है.

तुम ऐसा करो कि पोलीस जो तहकीकात करती है उसे करने दो..उससे घबराने की कोई ज़रूरत नही है.....अरे...जब हम ग़लत नही है तो क्यो डरे?? जहा तक पोलीस इनस्पेक्टर के चाल चलन की बात है तो आप कंप्लेंट भेज दो एचके मे ...मे देख लूँगी........................

उनसे बोल दो कि मत घबराए...अगर पोलीस आती है...तो जो भी पुच्छे सही सही बताओ और चाय पिलाकर बीदा कर दो..घबराने की ज़रूरत नही है.

राज रश्मि को बड़े प्यार से समझा रहा था…….आज पहली बार रश्मि के माथे को कोई सहला रहा था……इतने दिन हो गये राज के साथ सोए हुए……पर अभी भी कुच्छ झिझक रही थी….क्या वो जो कर रही है क्या वो ठीक है? क्या किसी बेवा को शादी और सेक्स करने का अधिकार है? उसके अंदर डबल क्वेस्चन चल रहे थे….पर जब राज ने उसे समझाया तो उसने ठान लिया कि जो होगा देखा जाएगा……..आख़िर कब तक वो समाज से डरती रहेगी….आज तक उसके जीवन मे जो भी हुआ उसके लिए वो खुद तैयार नही थी…हालात ने ही ऐसा कर दिया था…और फिर उसके हज़्बेंड ने ही चाहा था कि वो किसी और मर्द की बाँहो मे सोए……शायद इसलिए कि वो जानता था कि मे इस लायक नही हू कि अपनी वाइफ को खुस रख सकु………………………रश्मि को कभी भी राजेश से प्यार नही हुआ…..हां हमदर्दी ज़रूर थी….और ना ही कभी उसकी कमी खली…..तभी तो उसके गायब होने की खबर वो खुद पोलीस को नही बताई…..

राज; ऐसा कब तक चलेगा.

रश्मि: ह्म्‍म्म्ममम

राज: तुम्हे डरने की ज़रूरत नही है….मे हू ना….और फिर हमने किसी का कत्ल तो नही किया है.

रश्मि: पर समाज और क़ानून को क्या बताओगे…जब प्रश्न पार्ट दर पार्ट खुलेगे तो उंगली हमलोगो पर तो उठेगी ना……?

राज: तो बताओ इसका क्या इलाज है…..हमने वही किया …जो हमारी शारीरिक ज़रूरते थी……मेने और ना ही तुमने कोई ग़लत काम तो किया नही है… मेरी मानो तो हमलोगो को सनडे को शादी कर लेनी चाहिए…..शाम के 6 पीयेम राम मंदिर मे शादी कर लेते है…….

रश्मि: पर अगर इनस्पेक्टर शर्मा पुछ्नेन्गे तो क्या कहेंगे?

राज: उसका इलाज है मेरे पास?

रश्मि: और अगर वो ये कहे कि तुम अभी अभी विधवा हुई हो और अब शादी कर ली वो भी अपने पति के बड़े भाई से……तो?

राज: सवाल तो पेन्चिदा है ज़रूर …पर क्या कर सकते है……

रश्मि: तो मेरी राई ये है कि अभी 2-3 मंत तक ऐसे ही चलते है……जब पोलीस की कार्यवाही ख़त्म हो जाएगी तभी शादी कर लेंगे…….और फिर सेक्स के लिए शादी की क्या ज़रूरत है……हम लोग ऐसे ही मिलेंगे जैसे अभी तक मिलते रहे है….समझे?

राज: बात तो तुम ठीक कह रही हो…अभी शादी की खबर रिस्तेदारो मे जाएगी तो बदनामी होगी…

ठीक है जैसा तुम चाहो…..और उसके होंठो को चूम लिया….रश्मिने भी अपने होठ खोल दिए….और दोनो एक दूसरे मे खो गये….करीब 30 मीं. की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनो स्खलित हो गये….आज कई दिन बाद दोनो ने चुदाई की…..उसके बाद रश्मि ने खुद एक पत्नी की तरह राज के सीने को सहलाया और उसकी बाँहो मे ही सो गयी……………….राजने भी बिल्कुल नंगा अपनी वाइफ की तरह रश्मि को चिपका लिया और उसके होंठो और चुचियो से खेलते हुए सो गया………………………………..
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