Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
04-08-2019, 12:19 PM,
#1
Lightbulb  Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--1 

लेखक- तुसार

मुकेश आज देल्ही से वापिस अपने घर आ रहा था…..वो देल्ही अपने दोस्त के छोटे भाई के शादी मे आया था……साथ मे उसका ड्राइवर भी था…मुकेश गुरदासपुर का रहने वाला था, और रात को वापिस अपने घर गुरदासपुर जा रहा था….रात के 1 बजे का टाइम था…..सड़क सुनसान थी, और चारो तरफ अंधेरा फेला हुआ था….वो अभी गुरदासपुर से कुछ 100 किमी के दूरी पर थी……मुकेश ड्राइवर के साथ अगली सीट पर बैठा हुआ था….

तभी हेडलाइट के रोशनी मे सामने सड़क पर कोई पड़ा हुआ नज़र आया…मुकेश का ड्राइवर कार को ड्राइव करते हुए एक साइड से आगे बढ़ गया. “ड्राइवर गाड़ी पीछे लो” मुकेश ने सड़क पर पड़े जिस्म की ओर देखते हुए कहा…..

ड्राइवर: साहब रहने दो…….पता नही कोन है…..फज़ूल मे लफडे मे काहे को पढ़ना…..

मुकेश: मेने कहा ना गाड़ी के पीछे लो, देखेने मे कोई बच्चा लगता है…..

ड्राइवर: ठीक साहब जैसे आपकी मर्ज़ी…..

ड्राइवर ने गाड़ी रिवर्स गियर मे डाली, और उस बच्चे के पास जाकर रोक दी, दोनो गाड़ी से नीचे उतरे, तो उन्होने देखा, एक 1***साल का बच्चा, खून से लत्पथ सड़क पर बेहोश पड़ा था…उसके सर और मूह से बहुत खून बह रहा था….मुकेश ने नीचे बैठते हुए, उसकी नब्ज़ देखी, और ड्राइवर के तरफ देखता हुआ बोला, अभी जिंदा है….चलो जल्दी से उठाओ इसे, इसको हॉस्पिटल लेकर जाना होगा….

ड्राइवर और मुकेश ने उस बच्चे को उठाया, और कार की पिछली सीट पर लेटा दिया….मुकेश जानता था कि, वो अपने सहर से 100 किमी की दूरी पर है, और अगर वो वक्त रहते वहाँ पहुच गया तो, इस बच्चे के जान बचाई जा सकती थी. मुकेश ने ड्राइवर के साथ आगे बैठते हुए कहा….जल्दी कार चलाओ, जितना तेज चला सकते हो….उतना तेज चलाओ….

मुकेश का ड्राइवर भी एक्सपर्ट था…..फिर क्या था, वो एक घंटे मे ही गुरदासपुर के सबसे बड़े हॉस्पिटल के अंदर थे…उस
बच्चे को आइसीयू मे भरती करा दया….और पोलीस को भी इनफॉर्म कर दिया गया…..मुकेश अपने इलाक़े का नामी गिरामी ज़मींदार था…..कई सो एकड़ ज़मीन और कई फार्महाउस थे….बड़े-2 लोगो से उसकी जान पहचान थी.

मुकेश को जो पता था, उसने सब पोलीस को बता दया था……अब बच्चे के होश मे आनने का इंतजार था….मुकेश हॉस्पिटल की लॉबी मे टहलता हुआ, रिसेप्षन तक फुँचा, और उसने वहाँ से अपने घर अपनी पत्नी शीला को फोन लगाया……थोड़ी देर बाद शीला ने फोन उठया…..दोस्तो ये 1988 की बात है, जब मोबाइल फोन नही हुआ करते थे…सिर्फ़ लॅंडलाइन फोन ही बात करने का ज़रिया थे……थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी शीला ने फोन उठाया.

शीला: हेलो कॉन….

मुकेश: शीला मैं हूँ मुकेश……

शीला: आप अभी तक आए नही क्या हुआ ? सब ठीक तो है ना ?

मुकेश: हां मैं ठीक हूँ…..दरअसल अभी मैं हॉस्पिटल मे हूँ.

शीला: (घबराते हुए) जी क्या हुआ ? आप ठीक तो है ना ?

मुकेश: हां शीला मैं एक दम ठीक हूँ…दरअसल बात ये है कि,

उसके बाद मुकेश ने शीला को सारी बात बताई, और कहा कि, वो सुबह ही घर वापिस आ पाएगा….उसके बाद उसने फोन रख दया…

मुकेश 35 साल का हॅंडसम और उँची कद काठी वाला आदमी था…उसकी पत्नी निहायत ही खूबसूरत और 32 साल की थी…..बहुत ही धार्मिक विचारो वाली, दोनो मे बहुत प्यार था….पर शादी के 10 साल बाद भी उनके कोई संतान नही थी…..वजह थी शीला की बच्चेदानी मे कुछ प्राब्लम थी…..मुकेश ने शीला का कई जगह इलाज करवाया…..पर भगवान के आगे किसी की क्या चलती है….

सुबह के 6 बजे, मुकेश लॉबी मे एक बेंच पर बैठा हुआ था….तभी डॉक्टर ने उसे आकर बताया कि, उस लड़के को होश आ गया है….वहाँ का इनस्पेक्टर भी वही था…..बच्चे के होश मे आने के खबर सुनते ही मुकेश और इनस्पेक्टर दोनो रूम मे चले गये….इनस्पेक्टर ने बड़े ही प्यार से उस लड़के से पूछा…..

इनस्पेक्टर: बेटा तुम्हारा नाम क्या है ?

लड़का: (अपने आप को इस हालत मे देख कर घबराते हुए) जी जी साहिल…

इनस्पेक्टर: साहिल तुम्हारे मा पापा कोन है…….तुम्हारा आक्सिडेंट हुआ था….और तुम इनको (मुकेश की तरफ इशारा करते हुए) सड़क पर बेहोश मिले थे…..ये ही तुम्हें यहाँ लेकर आए है….कोन है तुम्हारे मा बाप. उनको खबर कर देते है……
Reply
04-08-2019, 12:19 PM,
#2
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
इनस्पेक्टर के बात सुन कर वो लड़का खामोश हो गया…मानो जैसे उसके जखमो को फिर से किसी ने कुरेद दिया हो…..उसकी आँखें नम हो गयी..और वो सुबक्ते हुए बोला……”मैं अनाथ हूँ” मुझे नही पता मेरे मा बाप कोन है…..

इनस्पेक्टर: ओह्ह अच्छा फिर ये बताओ तुम कहाँ रहते हो…….कोई तो होगा जिसे तुम जानते होगे ?

बच्चा: मैं नही जानता किसी को……मैं तो सड़क पर ही रहता हूँ…..

उसने बड़ी मासूमियत से कहा…..”अच्छा तो फिर ये बताओ तुम्हारा आक्सिडेंट कैसे हुआ” इनस्पेक्टर ने बहुत ही प्यार से पूछा….

लड़का: वो मैं सड़क पर चल रहा था क़ी, पीछे से एक ट्रक ने मुझे टक्कर मार दी….उसके बाद मुझे कुछ याद नही…

इनस्पेक्टर: (मुकेश की ओर देखते हुए) मुझे लगता है कि ये लड़का सही बोल रहा है….हम इसमे ज़यादा कुछ नही कर पाएँगे…कोई गवाह भी नही है…जिसने देखा हो, कि किसने इसे टक्कर मारी है….

उसके बाद इनस्पेक्टर और मुकेश रूम से बाहर आ गये….. इनस्पेक्टर ने मुकेश को थॅंक्स बोला, और कहा कि, आप जैसे लोगो के कारण ही आज के दुनिया मे इंसांयत है…वरना आपकी जगह कोई और होता तो सड़क पर पड़े इस अनाथ मर रहे बच्चे की तरफ कोई देखता भी नही……..

मुकेश ने हॉस्पिटल मे बिल दिया, और डॉक्टर को बोला कि, वो अब घर जा रहा है…लड़के की देखभाल करें….वो दोपहर को फिर आएगा…उसके बाद मुकेश अपने घर चला गया…शीला बेसबरी से मुकेश का इंतजार कर रही थी……मुकेश को सही सलामत देख कर उसकी जान मे जान आई…..उसके पूछने पर मुकेश ने सारा किस्सा अपनी पत्नी को बता दया.

मुकेश: शीला तुम थोड़ा सा खाना बना कर पॅक कर दो….मुझे फिर से हॉस्पिटल जाना है….उस बेचारे बच्चे का तो इस दुनियाँ मे कोई भी नही है. इतनी सी उमर मे ही नज़ाने अब तक उसने क्या-2 दुख देखे होंगे.

शीला: जी बना देती हूँ…..मैं भी चलु आपके साथ ?

मुकेश: तुम क्या करोगी वहाँ जाकर ?

शीला: बस ऐसे ही.

मुकेश: ठीक दोपहर को चलते हैं…..

शीला: ठीक है आप जाकर आराम करिए….मैं खाना बनाती हूँ…आप कल रात से सोए नही है….

मुकेश अपने रूम मे चला गया……..शीला ने घर मे करने वाली नौकरानी को खाना तैयार करने के लिए कहा….और खुद उसकी मदद की. दोपहर को जब वो अपने रूम मे गयी तो, उसने देखा के मुकेश पहले से तैयार हो चुका है…

शीला: आप उठ गये….खाना लगाऊ क्या ?

मुकेश: हां जल्दी करो…..खाने के बाद हॉस्पिटल भी जाना है….

शीला: जी आप तैयार होकर बाहर आ जाए…मैं खाना लगाती हूँ…

खन्ना खाने के बाद दोनो हॉस्पिटल पहुच गये……वहाँ इनस्पेक्टर पहले से ही माजूद था….मुकेश को देखते ही इनस्पेक्टर बोला…अब तो लड़के की हालत मे काफ़ी सुधार है….बेचारा बच गया….

मुकेश: इनस्पेक्टर अब क्या करना है इस बच्चे का…

इनस्पेक्टर: करना क्या है सर जी. सिटी मे एक अनाथ आश्रम है…आश्रम के ट्रस्टी से कॉंटॅक्ट किया है, थोड़ी देर मे आता होगा…..वही पर इसको भेज देंगे…

मुकेश: ह्म्म ठीक है……

उसके बाद मुकेश और शीला उस रूम मे आ गये……जहाँ पर वो लड़का लेटा हुआ था…मुकेश को देखते ही साहिल बेड पर उठ कर बैठ गया….

मुकेश: और कैसे हो……दर्द तो नही हो रहा…..

साहिल: नही अंकल….अब ठीक हूँ….

उसने अपने मासूम से चेहरे से मुकेश और शीला की ओर देखते हुए कहा….और फिर अपनी नज़रे नीचे कर ली………शीला साहिल को एक टक देखे जा रही थी…जिसकी वजह से साहिल थोड़ा नर्वस फील कर रहा था…और अपने छोटे- 2 हाथों की उंगलयों को आपस मे दबा रहा था..
Reply
04-08-2019, 12:19 PM,
#3
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
मुकेश: खाना खाया तुमने ?

साहिल: नही अभी नही खाया…

मुकेश: देखो हम तुम्हारे लिए खाना लेकर आए है….

साहिल ने एक बार शीला के हाथ मे पकड़े हुए लंच बॉक्स की तरफ देखा, और फिर से अपने सर को झुका लिया….

मुकेश: अर्रे शीला देख क्या रही हो. खाना डालो प्लेट मे….

शीला: जी………जी अभी डालती हूँ…..

शीला ने प्लेट मे खाना डाला, और साहिल की तरफ बढ़ा दया…साहिल ने एक बार फिर से शीला की तरफ देखा…और प्लेट लेने के लिए जैसे ही ही हाथ आगे बढ़ाया….वो एक दम से चीख उठा. शायद उसके हाथ मे चोट लगी थी….”अहह माआ”

साहिल की दर्द भरी पुकार सुन कर शीला के माँ मे अजीब सी टीस उठी, और उसने प्लेट को एक साइड मे रखते हुए, उसका हाथ पकड़ लिया. और फ़िकरमंद अंदाज़ मे बोली, क्या हुआ बेटा…….कहाँ दर्द हो रहा है…

साहिल: वो हाथ मे चोट लगी है….

शीला: अच्छा रहने दो…..मैं खिला देती हूँ….

मुकेश बैठा सब देख रहा था…वो जानता था कि, शीला के मन के किसी कोने मे आज भी मा बनने के चाहत है…जो साहिल को देख कर दबी ना रह सकी..शीला को जब ख़ुसी से साहिल को खाना खिलाते देखा, मुकेश को भी अच्छा लग रहा था…… तभी इनस्पेक्टर अंदर दाखिल हुआ और मुकेश से बोला…

इनस्पेक्टर: मुकेश जी वो अनाथ आश्रम के ट्रस्टी आ गये है….उनसे बात कर लेते हैं…..

मुकेश: हूँ जी चलिए …….

मुकेश उठ कर इनस्पेक्टर के साथ बाहर आ गया……और अनाथ आश्रम के ट्रस्टी से बात करने लगा….शीला भी बाहर आ गये…जब मुकेश ट्रस्टी से बात कर रहा था….तब शीला ने मुकेश को आवाज़ देकर बुलाया.

मुकेश: हां शीला क्या बात है ?

शीला: जी ये इनस्पेक्टर क्या कह रहा है….वो इस बच्चे को अनाथ आश्रम भेंजेगे क्या ?

मुकेश: हां शीला अब उस बेचारे का घर तो है नही, और कहाँ जाएगा..

शीला: थोड़ी देर सोचने के बाद) जी क्या हम वो मैं कह रही थी कि,क्या हम साहिल को अपने साथ नही रख सकते….

मुकेश: (शीला के बात सुन कर थोड़ी देर सोचने के बाद) ह्म्म सोच तो मैं भी यही रहा था. पर शीला किसी को पालना और वो भी किसी गेर को बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है…….


शीला: हां जानती हूँ…..पर क्या हम दोनो मिलकर भी ये ज़िम्मेदारी नही संभाल सकते…..

मुकेश ने मुस्करा कर शीला की तरफ देखा , और बोला, ठीक है मैं इनस्पेक्टर और आश्रम के ट्रस्टी से बात करता हूँ…फिर मुकेश ने इनस्पेक्टर और आश्रम के ट्रस्टी को अपने और शीला के दिल के बात बता दी… वो लोग झट से राज़ी हो गये….

इनस्पेक्टर: ठीक है मुकेश जी, आप दोनो हमारे साथ चल कर कुछ फॉरमॅलिटी पूरी कर लें. उसके बाद आप इस बच्चे को घर ले जा सकते है.

मुकेश: ठीक हैं इनस्पेक्टर चलिए…….

उसके बाद मुकेश इनस्पेक्टर के साथ पोलीस स्टेशन चला गया…और ज़रूरी कागज़ी करवाई करने के बाद उन्होने ने साहिल को गोद लिया……शीला तो ख़ुसी से फूली नही समा रही थी….औलाद के लिए वो कई सालो से तरसी थी. और आज साहिल के रूप मे उसे अपना बेटा मिल गया था….और आज मुकेश साहिल को हॉस्पिटल से घर लाने वाला था….

शीला तो जैसे बादलों मे उड़ रही थी….उसने अपने कई रिस्तेदारो और दोस्तो को ये खबर बता दी, और उसने साहिल के घर पर आने की ख़ुसी के मोके पर बहुत बड़ी पार्टी रखी थी…

क्रमशः
Reply
04-08-2019, 12:19 PM,
#4
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
2



दोस्तो अब मैं जिन किरदारों के बारे मे आपको बताने जा रहा हूँ. उनका इस कहानी मे बहुत बड़ा रोल है….शीला ने पार्टी मे अपने दोनो भाइयो को बुलाया था…उसके दोनो भाई शादी शुदा था…शीला के बड़े भाई का नाम कुलवंत सिंग था. कुलवंत सिंग शीला से उमेर मे दो साल बड़ा था…उसकी पत्नी का नाम नेहा था…नेहा की उमर लगभग 30 साल के करीब थी…उनकी शादी को लघ्भग 10 साल हो चुके थे…..

कुलवंत और नेहा की शादी के एक साल बाद ही, उनके घर एक बेटे ने जनम लिया…पर उनकी खुसिया ज़यादा दिन तक कायम ना रही, 3 साल के बाद एक आक्सिडेंट मैं उनके बेटे क़ी मौत हो गयी….उसके बाद उनकी किस्मेत ने ही मानो उनसे मूह फेर लिया हुआ, नेहा उसके बाद कभी मा नही बन पाई…कुलवंत सिंग का छोटा भाई भी उस के साथ रहता था, तीन साल पहले कुलवंत के छोटे भाई रवि की शादी हुई थी….और शादी के एक साल बाद ही उनके घर एक बेटे ने जनम लिया था….रवि की पत्नी बहुत तेज तरार औरत है……उसका नाम पायल है…

जिसे अब 6 महीने हो चुके है….दोनो भाई और उनकी पत्नियो के अलावा उनके घर मे कुलवंत सिंग की मा भी रहती है…जो अब काफ़ी बूढ़ी हो चुकी है…जब कुलवंत सिंग के बेटे की मौत हुई थी, तो कुलवंत सिंग ने अपने छोटे भाई और पत्नी से मिल कर यह फैंसला किया था कि, वो अपने बेटे की मौत का जिकर अपनी मा से नही करेंगे…..

क्योंकि कुलवंत सिंग की मा अपने पोते से बहुत प्यार करती थी….और कुलवंत सिंग ये जानता था कि, अगर उसकी मा को ये खबर पता चली तो, उसकी मा उसी वक़्त दम तोड़ देगी…क्योकि उसकी मा को पहले ही दो बार हार्ट अटॅक आ चुका था….इसलिए उन्होने अपनी मा को यही बता कर रखा था कि, उनका बेटा अपनी बुआ (यानी शीला के पास सहर मे रह कर पढ़ाई कर रहा है) कुलवंत सिंग भी दोबारा संतान ना होने के कारण बहुत दुखी था.

चलिए अब आगे बढ़ा जाए….तो शीला साहिल के घर आने को लेकर बहुत ही खुस थी…..जिसके लिए उसने इतनी बड़ी पार्टी अरेंज की थी…कुलवंत सिंग ने जो झूट अपनी मा से बोला था….वो शीला और उसका पति भी जानते थी. इसलिए कुलवंत सिंग अपनी मा को साथ लेकर नही आया था……साहिल के घर आने की ख़ुसी मे बहुत धूम धाम से पार्टी की गयी….उस दिन के बाद तो शीला और मुकेश की जिंदगी ही बदल गयी…..मुकेश तो अपने काम के लिए सुबह घर से चला जाता, और रात को घर आता….पर शीला एक पल के लिए भी अपनी आँखों से साहिल को दूर नही होने देती…….

उसके बचपन के खेल देख कर खुस होती रहती…..जल्द ही साहिल का अड्मिशन स्कूल मे करवा दिया गया…घर पर उसके लिए प्राइवेट ट्यूशन भी रखी गयी ताकि वो जल्द ही अपनी हमउमर बच्चो की क्लास मे पहुच सके….साहिल ने भी उनको निराश नही किया…और एक साल मे ही वो अपनी उमर के बच्चो की क्लास मे पहुच गया…

साहिल की भी जैसे जिंदगी बदल गयी हो….हर तरह की सुख सुविधा, पैसे और किसी चीज़ की कमी नही थी…मोहल्ले मे उसके कई दोस्त बन चुके थे…जिनके साथ वो शाम को क्रिकेट खेलता था….साहिल अब 8थ क्लास मे पहुच गया था…साहिल रोज स्कूल से आता और अपने दोस्तो के साथ क्रिकेट खेलन लग जाता……

साहिल जिन दोस्तो के साथ खेलता था…..उनमे से कुछ उससे दो तीन साल बड़े थे. शीला का घर बहुत बड़ा था…..घर के पीछे की तरफ बहुत सी खाली जगह थी….जैसे कि आप जानते है कि, उस उमर मे बच्चो के अंदर बहुत जिग्यासा होती है, वैसे ही साहिल के अंदर भी थी…एक दिन जब साहिल सब बच्चो के साथ क्रिकेट खेलते-2 थक गया…तो सब बैठ कर आराम करने लगे…उनमे से एक लड़का था विजय जो अक्सर गालियाँ निकाल कर बातें करता था…..

विजय:ओये लोडीये तेरी बेहन दी साले….तुझे कल कहा था कि, मेरे लिए वो मैथ की बुक ला देना तूँ लेकर आया नही….

साम: यार क्या करूँ…..कल भूल गया….

विजय: चल फुद्दि दिया…साले कल ज़रूर मूठ मार रहा होगा…..तभी भूल गया तूँ….

साहिल ये शब्द पहली बार सुन रहा था, क्योंकि ये लड़के उसके स्कूल के नही थे..”विजय ये लोड्‍ा और फुद्दि क्या होता है”

विजय: (हंसते हुए) क्या नवाब साहिब आप को फुद्दि लंड का भी पता नही..

साहिल: नही मुझे नही पता….

विजय: देखेगा क्या होता है…..

साहिल: हां दिखाओ…

विजय ने एक बार साहिल और साम के तरफ मुस्करा कर देखा और फिर चारो तरफ देखाते हुए अपनी पेंट की ज़िप खोल कर अपने 6 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल लिया…और अपने हाथ से पकड़ कर साहिल को दिखाते हुए बोला “ये देख इसे लंड कहते है” साहिल हैरत भरी नज़रों से कभी साम के तरफ़ देखता, और कभी विजय के लंड की तरफ….
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#5
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
विजय: क्या हुआ अरे लंड तो तेरे पास भी है….और औरतों के यहाँ पर छेद होता है….जिसे चूत यानी फुद्दि कहते है…तूने देखी है कभी किसी की चूत……

साहिल: नही पर एक बात पुच्छू….

विजय: (अपने लंड को पेंट के अंदर करते हुए) हां बोल…..

साहिल: तुम्हारी ये सुसू इतनी बड़ी क्यों है.

विजय: (हंसते हुए) क्या क्या बोला तूने सुसू…अबे बच्चे मर्दों का लंड होता है……तुम्हारे क्या सुसू लगी है…दिखा ज़रा अपनी सुसू….

साहिल: नही मुझे शरम अत्ती है…

विजय: यार क्या बच्चो जैसी बातें करता है……..दिखा ना..

साहिल ने शरमाते हुए, अपनी पेंट की ज़िप खोली, और अपना सिक्युडा हुआ 2 इंच लुली बाहर निकाल कर बोला “ये देखो मेरा लंड” विजय और साम ने कुछ देर एक दूसरे की तरफ देखा और फिर ज़ोर-2 से हँसने लगे….

विजय: (हंसते हुए) अर्रे लल्लू लाल ये लंड नही ये तो नूनी है हा हा हा…

दोनो को यू हंसता देख कर और उन्हे अपना मज़ाक उड़ाता देख कर साहिल खड़ा हुआ, और घर के अंदर चला गया….विजय और साम उसको पीछे से आवाज़ देते रहे…पर साहिल एक पल के लिए नही रुका…वो दोनो भी वापिस अपने घर चले गये….साहिल अपना सा मूह बना कर अपने रूम मे आ गया… दोपहर का वक़्त था….शीला साहिल के रूम मे आई….

शीला: साहिल उठो तैयार हो जाओ…..आज हमने पार्टी मे जाना है…

साहिल: नही मा मुझे नही जाना….

शीला: अर्रे क्या हुआ……..इतने गुस्से मे क्यों हो ?

साहिल: कुछ नही मुझे नही जाना कही….

शीला: ठीक है ठीक है……गुस्सा क्यों हो रहे हो….मैं निर्मला को बोल देती हूँ, वो तुम्हारे लिए खाना बना देगी …हम शाम तक घर आ जाएँगे…..

उसके बाद शीला नीचे आ गयी….अभी कुछ दिन पहले ही उन्होने अपने घर मे नयी नौकरानी रखी थी, निर्मला विधवा थी…उसका एक बेटा था जो कि **** साल का था…शीला ने नीचे आकर निर्मला से साहिल के लिए खाना बनाने के लिए कहा…और उसे कहा कि, जब तक वो घर वापिस नही आ जाते, वो साहिल के साथ ही रहे…उसके बाद शीला और मुकेश पार्टी के लिए निकल गये…

निर्मला ने खाना तैयार किया, और ऊपेर साहिल के रूम मे गयी…साहिल अभी भी अपने बेड पर टेक लगा कर बैठा हुआ था….उसका चेहरा लटका हुआ था…निर्मला साहिल को बाबू कह कर पुकारती थी…”बाबू खाना तैयार है…नीचे आकर खाना खा लो”

साहिल: (बुझे हुए मूड के साथ)मुझे नही खाना कुछ भी………

निर्मला: (साहिल के उतरे हुए चेहरे को देखते हुए) क्या हुआ बाबू मेम्साब ने कुछ कहा क्या….

साहिल: नही …..

निर्मला: तो फिर उदस्स क्यों लग रहे हो…दोस्तो से झगड़ा हुआ….

साहिल: सब के सब बेकार दोस्त है…..मेरा मज़ाक उड़ाते है….आगे से कभी उनके साथ नही खेलूँगा………

क्रमशः....................................
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#6
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--2

निर्मला: तो फिर उदास क्यों लग रहे हो…दोस्तो से झगड़ा हुआ….

साहिल: सब सब के बेकार दोस्त है…..मेरा मज़ाक उड़ाते है….आगे से कभी उनके साथ नही खेलूँगा………

निर्मला: क्या हुआ किसने हमारे बाबू का मज़ाक उड़ाया….मुझे बताओ मैं उसकी खबर लेती हूँ..

साहिल: (थोड़ा घबराते हुए) किसी ने नही….

निर्मला: बाबू मुझे नही बताओगे तो मेमसाहब से कह कर उनकी क्लास लगवा दूँगी…

साहिल: रहने दो …….वो सब बहुत गंदे है….गंदी गंदी बातें करते है, और मेरा मज़ाक उड़ाते है….

निर्मला: क्या ? क्या गंदी बातें करते है….

निर्मला के बात सुन कर साहिल एक दम से चुप हो गया……..अब उस उमर का लड़का इन सब बातों को कैसे हॅंडल कर सकता था….वो अपने सर को नीचे झुका कर बैठा रहा..निर्मला उसके पास आकर बेड पर बैठ गयी, और उसके सर पर हाथ फेरते हुए, उसे पूछने लगी…

निर्मला: क्या कहा था बाबू उन्होने…..मुझे बताओ….

साहिल: वो वो नही मुझे शरम अत्ती है….

निर्मला: बाबू बताओ ना क्या हुआ…

साहिल: वो वो कह रहे थे कि, जो सुसू वाली होती है ना ….

निर्मला: (एक दम चोन्कते हुए) नूनी….

साहिल: हां वो कह रहे थी कि मेरे नूनी अभी लंड नही बनी…और बहुत छोटी है….

साहिल के मूह से ऐसे लंड शब्द सुन कर निर्मला को जोरदार झटका लगा…उसने एक बार साहिल की तरफ देखा और फिर बोली….

निर्मला: हाए है मर जाने ऐसे बातें करते है…शरम नाम की तो चीज़ नही है आज कल के लौन्डो मे….

साहिल: हां और ये भी कह रह थे कि, औरतों की सूसू वाली जगह पर छेद होता है…..जिसे फुद्दि कहते है….

निर्मला: हाए आग लगे मरजाानिए नू…ज़मीन तों बाहर निकले नही, और कैसी-2 बातें करते है…तो फिर तुमने उनसे क्या कहा…और उन्हे कैसे पता लगा कि तुम्हारी नूनी छोटी है….

साहिल: वो जो विजय है ना…..उसने अपनी नूनी मुझे दिखाई थी…काकी इतनी बड़ी थी उसकी (साहिल हाथ से इशारा करके बताता है)

निर्मला: हाए ओये रब्बा….की जमाना आ गया…..अगर तुम्हारी मा को पता चला तो, वो तुम्हारा घर से निकलना ही बंद करवा देगी….तूँ ना उनसे दूर ही रहा कर….तूँ तो अच्छा बच्चा है….

साहिल: नही मैं उनसे अब कभी बात नही करूँगा….बस आप माँ को मत बताना…मैं नही करूँगा उनसे बात….

निर्मला: साहिल के गालो पर हाथ फेरते हुए)हां अच्छा बच्चा…दूर रहना उनसे…चल अब नीचे खाना खा ले…

साहिल: काकी वो एक बात पूंच्छू….

निर्मला: हां बोल….

साहिल: क्या सच मे औरतों के सुसू वाली जगह पर छेद होता है….?

निर्मला: (साहिल के इस सवाल से एक दम चोंक जाती है, और फिर संभालते हुए बोलती है) हां छेद होता है…..

साहिल: मेने कभी नही देखा……तुम भी तो औरत हो…..क्या तुम्हारे भी वहाँ पर छेद है….?(साहिल निर्मला की सलवार की तरफ इशारा करते हुए कहता है……उसकी ये बात सुन कर निर्मला के दिल की धड़कने बढ़ जाती है..)
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#7
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
निर्मला: बाबू ये कैसे सवाल पूछ रहे हो…..सब औरतों के होता है…

साहिल: मुझे दिखाओ…….मेने कभी नही देखा….

निर्मला: पागल हो गये हो क्या……उसमे देखने वाली क्या चीज़ है…

साहिल: मुझे नही पता मुझे देखना है….सब मेरा मज़ाक उड़ाते है, कि मेरे लंड छोटा है…मेरे कभी फुद्दि नही देखी….

निर्मला: नही बाबू अभी तुम बहुत छोटे हो……जब तुम बड़े हो जाओगे तुम्हे सब पता चल जाएगा….

साहिल: नही मुझे अभी देखना है….

निर्मला: नही बाबू ऐसी ज़िद नही करते….ये ग़लत बात है…..और तुम्हारी नूनी भी बड़ी हो जाएगी…जब तुम बड़े होगे….छोटे बच्चो की नूनी भी छोटी होती है…..

साहिल: नही मेरे बाकी सब दोस्तो की बड़ी है…फिर मेरी छोटी क्यों है..ये देखो…(ये कहते हुए, उसने अपनी निक्कर नीचे कर दी…उसकी लुली जो अभी सुकड कर उसके बाल्स से चिपकी हुई थी, निर्मला के आँखों के सामने आ गयी….निर्मला कभी साहिल के फेस की तरफ देखती, तो कभी उसकी टट्टो के साथ चिपकी उसकी लुली को….

निर्मला: (अपने सामने साहिल को नंगा देख कर)तुम्हारी उमर के बच्चो की इतनी ही होती है…तुम ऐसे ही घबरा रहे हो….(निर्मला के पति के मौत को 3 साल बीत चुके थे…अपने सामने साहिल को इस हालत मे देख कर उसके बदन मे अजीब सी झुरजुरी होने लगी)

साहिल: काकी ये कैसे बड़ी होगी….?(साहिल ने मासूमियत से पूछा)

निर्मला: अब मैं तुम्हे क्या बताऊ बाबू…ये उमर के हिसाब से बड़ी होती है, और हां अच्छा अच्छा खाना खाना…उससे ताक़त आती है…और ये और बड़ी हो जाती है…….(ये कहते हुए, अंजाने मे ही निर्मला ने साहिल की दोनो जाँघो के बीच मे हाथ लगाते हुए सहला दिया…_)

उसके इस तरह चुने भर से साहिल के बदन मे सरसारहात सी दौड़ गयी, और उसकी लुली थोड़ी सी सख़्त हो गयी ये देख कर साहिल खुस होते हुए बोला. “ये देखो काकी ये अब बड़ी होने लगी है” साहिल की ये बात सुन कर निर्मला हँसने लगी. और साहिल को छेड़ते हुए बोली. „अर्रे वाह ये तो सच मे बड़ी होने लगी.ये कहते हुए, निर्मला हँसने लगी…वो अभी भी साहिल की जाँघो के बीच मे हाथ डाल कर सहला रही थी…..

अचानक निर्मला की आँखें उसकी लुली पर ऐसी गढ़ गयी, जैसे उसने कोई अजूबा देख लिया हो….निर्मला के इस तरह साहिल की जाँघो के सहलाने के कारण उसका लंड पूरी तरह तन चुका था….जो तन कर 4 इंच के करीब हो गया था….ये देख निर्मला के बदन मे झुरजुरी दौड़ गयी…..उसने देखा कि साहिल की टाँगे बुरी तरह से काँप रही थी…..

साहिल: ये ये देखो काकी ये क्या हो रहा है..मुझे मेरे सूसू मे पेन हो रहा है….(साहिल ने अपने लंड पर हाथ रखते हुए कहा)

निर्मला: (वो एक टक साहिल के तने हुए 4 इंच के लंड को देख रही थी….साहिल की आवाज़ सुन कर उसे होश सा आया) क्या कहा पेन हो रहा है कहाँ पर…..

साहिल: काकी सूसू पर अजीब सी गुदगुदी हो रही है…..इसे ठीक करो ना..

निर्मला: (अपने होंटो पर मादक मुस्कान लाते हुए) देख कितना बड़ा तो है, और कितना बड़ा चाहिए तुझे….(ये कहते हुए, उसने साहिल के लंड को अपनी हाथ मे ले लिया, और धीरे-2 सहलाते हुए उसकी ओर देखने लगी)

निर्मला: साहिल मेरे इसे छूने से तुम्हे अच्छा लग रहा है ना ?

साहिल: हां काकी बहुत अच्छा लग रहा है….
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#8
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
निर्मला: (अब निर्मला के दिल मे अजीब सी हलचल मची हुई थी…वो जानती थी कि साहिल इतना समझदार नही है कि, वो इन सब बातों को छुपा कर रख सके…पर वासना के असर के कारण उसने अपनी सारी मान मर्यादा ताक पर रख दी थी) साहिल तूने कभी किसी औरत की फुद्दि नही देखी ना….

साहिल: नही काकी सच मे नही देखी…..

निर्मला: देखेगा ? (निर्मला ने साहिल के लंड को सहलाते हुए धीरे से कहा)

साहिल: क्या….?

निर्मला: मेरे फुद्दि….

साहिल ने शरमाते हुए हां मे सर हिला दया….”जा पहले जाकर मैन डोर चेक करके आ….और अच्छे से सब बंद करके ऊपेर आना….” निर्मला की बात सुनते ही, साहिल ने अपनी निक्कर ऊपेर की, और दौड़ता हुआ नीचे गया. मेन डोर बंद करके सब चेक करके ऊपेर आ गया….निर्मला बेड पर बैठी थी, उसने मुस्करा कर साहिल की तरफ देखा, और अपने पास आने का इशारा किया….साहिल निर्मला के पास जाकर खड़ा हो गया…

निर्मला: साहिल तूँ ये बात किसी से कहेगा तो नही कि, तूने मेरे फुद्दि देखी है….(निर्मला ये पक्का कर लेना चाहती थी कि, साहिल बच्पने मे ये बात किसी को ना कह दे)

साहिल: नही मैं नही बताउन्गा….

निर्मला: पहले कसम खाओ…

साहिल: मा कसम काकी किसी को नही बताउन्गा….

निर्मला ने एक बार फिर से साहिल की ओर देखा, और फिर बेड पर पीठ के बल लेट गयी…उसके पैर नीचे लटक रहे थे….फिर उसने अपनी कमीज़ को अपनी कमर तक ऊपेर उठाया, और अपने दोनो हाथों से अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी…..ये सब करते हुए, वो साहिल की तरफ देखते हुए मुस्करा रही थी…..साहिल बड़े गोर से निर्मला की हर हरकत को देख रहा था.

निर्मला ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपनी टाँगों को घुटनो से फोल्ड करके पैरों को बेड के किनारे पर रख दिया….फिर अपनी सलवार के जबरन को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी…जैसे ही थोड़ी सी सलवार नीचे हुई, उसने अपने पैरों पर वजन डालते हुए, अपने चुतड़ों को ऊपेर उठा लिया…और फिर सलवार को अपने चुतड़ों के नीचे से सरकाते हुए,अपने घुटनो तक नीचे कर दिया….

अब साहिल के सामने निर्मला लेटी हुई थी….उसकी सलवार उसके घुटनो तक नीचे उतर चुकी थी….उसकी दोनो जांघे आपस मैं सटी हुई थी…और उसकी घनी काले बालो वाली चूत दोनो जाँघो के बीच मे दबी हुई थी…जो सिर्फ़ एक लकीर की तरह साहिल को दिखाई दे रही थी….

निर्मला: (साहिल को अपनी चूत की तरफ देखते हुए देख कर ये देखो बाबू इसे कहते है फुद्दि…..क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो…

साहिल: पर काकी ये तो ठीक से दिखाई नही दे रही….

निर्मला: इधर मेरे पास….देख अब मैं अपनी टाँगों को मोड़ कर उठुन्गि, टू अपने हाथों से खोल कर देख लेना…..

साहिल: ठीक है….

फिर निर्मला ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया, और फिर अपनी जाँघो को दोनो तरफ फेला लिया…सलवार उसके घुट्नो मे थी, इसलिए वो अपनी पूरी टाँगों को फेला नही पाई….पर फिर भी दोनो टाँगों के बीच 6-7 इंच का गॅप सा बन गया…जिससे उसकी चूत के फाकें थोड़ी फेल गयी…साहिल जिंदगी मे पहली बार चूत देख रहा था….उसका छोटा सा लंड उसके निक्कर मे एक दम तन गया…..

निर्मला: अब क्या देख रहा है…अपने हाथों से खोल कर देख ले ना,

साहिल निर्मला के पास आ गया, और बेड के साथ नीचे बैठ गया…उसने अपने दोनो हाथों से निर्मला की चूत की झान्टो को साइड मे किया, और फिर उसकी दोनो पंखुड़ियों को अपने हाथों की उंगलयों से फेला दिया….साहिल के हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही, निर्मला एक दम से सिसक उठी.”आह सीयी” साहिल एक दम से घबरा गया..और उसने अपने हाथों को हटाते हुए पूछा.

साहिल: क्या हुआ दर्द हुआ ?

निर्मला: (गहरी साँसे लेते हुए) अर्रे नही गुदगुदी हो रही है.तूँ देख ले, जल्दी से….

साहिल ने फिर अपने काँपते हुए हाथों से निर्मला की चूत की फांको को पकड़ कर फैलाना शुरू कर दिया…और फिर साहिल की आँखों के सामने निर्मला की चूत का गुलाबी छेद आ गया….”काकी तुम्हारी फुद्दि पर इतने बाल क्यों है” साहिल ने पूछा….

निर्मला: अर्रे सब औरतों के होते है….जब तुम बड़े हो जओगे.तो.तुम्हारे लंड के आस पास भी ऐसे बड़े-2 बाल आ जाएँगे….”सीयी ओह्ह्ह साहिल दबा ना इसे”

साहिल: क्या काकी किसे दाबू…

निर्मला: मेरी फुद्दि को दबा धीरे-2 ….

साहिल ने अपनी उंगलयों को निर्मला की चूत की फांको पर रख कर दाबना शुरू कर दिया….और निर्मला एक दम से तड़प उठी”अह्ह्ह्ह साहिल बहुत मज़ा आ रहा है”

तभी अचानक बाहर डोर बेल बजी…..निर्मला एक दम से हड़बड़ा गयी… वो जल्दी से बेड से खड़ी हुई, और अपनी सलवार ऊपेर करके नीचे चली गयी…साहिल ने आज पहली बार किसी के चूत देखी थी….
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#9
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--3

दोस्तो आप तो जानते है क़ि, जिंदगी एक पल नही ठहरती….हर सख्स की जिंदगी जहाँ खुशियाँ लाती है, वही दुख भी आ हैं….ऐसा कुछ साहिल की जिंदगी मे हो रहा था…जब निर्मला नीचे गयी और डोर खोला, तो उसने अपने सामने एक इनस्पेक्टर को देखा…उसने निर्मला से पूछा…

इनस्पेक्टर: मुकेश जी का घर यही है…

निर्मला: जी हां…

इनस्पेक्टर: जी उनका अभी-2 आक्सिडेंट हो गया है….उनको और उनकी पत्नी को बहुत चोट आई है….दोनो बहुत घायल है….आप कोन है….

निर्मला: जी मैं यहाँ पर काम करती हूँ…..पर आक्सिडेंट कैसे हुआ…

इनस्पेक्टर: उनकी कार की ट्रक के साथ टक्कर हुई है…उनका कोई रिस्तेदार है… तो उन्हे खबर कर दो….

निर्मला: जी मैं अभी फोन कर देती हूँ…..

निर्मला ने फिर कुलवंत सिंग को फोन पर सारी जानकारी दी. कुलवंत सिंग अपने भाई के साथ हॉस्पिटल पहुच गया….आक्सिडेंट बहुत बड़ा हुआ था…जिसमे शीला चल बसी…पर मुकेश किसी तरह बच गया……कुलवंत सिंग पर एक बार फिर से मुसबीतों का पहाड़ टूट पड़ा….

दिन गुज़रते गये….वो कहते है ना जाने वाले तो चले जाते है.पर जिंदगी अपनी रफ़्तार से चलती रहती है…..मुकेश ने किसी तरह अपने आप को संभाल लाया….पर साहिल की जिंदगी एक बार फिर से बदल गयी थी….अभी दो साल ही तो उसे इस घर मे आई हुई थी……एक बार फिर से किस्मत ने उससे उसकी माँ छीन ली थी….

मुकेश अपने काम मे बहुत बिज़ी रहता था….जिसके चलते वो साहिल पर ध्यान नही दे पा रहा था…आख़िर बहुत सोचने समझने के बाद उसने फैंसला किया कि, वो साहिल को कुलवंत सिंग और नेहा को सोन्प देगा. क्योंकि उनके वैसे भी कोई संतान नही थी….जब मुकेश ने इस सिलसिले मे कुलवंत सिंग और नेहा से बात की, तो वो झट से राज़ी हो गये……

एक बार फिर से साहिल की जिंदगी मे बदलाव आ गया….कुलवंत सिंग और नेहा का परिवार मुकेश की तरह अमीर नही था….बस दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता था….अमंदनी भी ठीक ठाक थी…..कुलवंत सिंग अपने भाई के साथ गाओं मे रहता था,…..दोनो भैंसो का व्यापार करते थे….इसलिए उनके घर पर बहुत सी भैंसे थी….जो घर के पिछले हिस्से मे बने घेर मे बाँधी जाती थी….साहिल की जिंदगी मे आया ये बदलाव क्या क्या लाता है..वो तो वक़्त आने पर पता चलेगा….

अब कुलवंत सिंगके घर मे जैसे कि आप जानते है कि, उसकी बीवी उसका छोटा भाई और उसकी पत्नी रहती है.और एक बच्चा जो पायल ने कुछ समाए पहले जनम दिया है….जितना प्यार दुलार साहिल को मुकेश और शीला से मिला था, उतना ही प्यार उसे कुलवंत सिंग और नेहा देने वाले थे…हालाकी वो लोग इतने अमीर नही थे….

अब साहिल का अड्मिशन गाओं के बाहर एक सरकारी स्कूल मे करवा दिया गया …मुकेश भी हर महीने साहिल के लिए कुछ पैसे भेज देता था…जिससे साहिल की परवरिश मे कोई कमी ना रहे…पायल जो कि रिस्ते मे अब साहिल की चाची लगती थी…उसका मायका पास के ही गाओं मे था….जो उनके गाओं से महज 3 किमी दूर था….

पायल के मायके मे उसकी मा छोटा भाई विजय और विजय से छोटी बेहन गीता थी.जो कि उस समय उसी सरकारी स्कूल मे 11 क्लास मे पढ़ रही थी..जिसमे साहिल का ऐड्मिशन करवाया गया था….गीता दिखने मे बेहद खूबसूरत तो ना थी, पर ठीक ठाक थी.उसकी हाइट 5, 7 इंच थी. भरा पूरा बदन माममे अभी से 38 साइज़ के हो गये थे…मोटी गान्ड उसके चलने से हमेशा थिरकति रहती थी…पायल का भाई विजय उसकी अभी-2 2 महीने पहले शादी हुई थी..

विजय आर्मी मे जॉब करता था.इसलिए वो कुछ दिनो पहले ही वापिस चला गया था….विजय की पत्नी भी काफ़ी खुले विचारो वाली थी……उसका नाम पूनम था…..पूनम अपने नाम के तरह ही चाँद का टुकड़ा थी…पूरे गाओं मे उसकी खूबसूरती के चर्चे थे….हर कोई उसे देख कर ठंडी आहें भरता था…..

कुलवंत सिंग का बेटा जो कि बहुत पहले मर चुका था….इसके बारे मे पायल के मायके वाले नही जानते थे….इसलिए जब साहिल कुलवंत सिंग के घर रहने आया तो, वो उसे उसका अपना ही बेटा मानते थी….पायल ने भी कभी इस बात का जिकर नही किया था….इन सब के अलावा पायल के मायके मे उसके मामा की लड़की सोनिया भी रहती थी……जो कि उमर मे साहिल के जितनी थी…..और उसी की क्लास मे पढ़ती थी….

अब धीरे-2 साहिल उस घर मे घुलने मिलने लगा था….वो स्कूल से जब घर आता तो, सीधा पायल के रूम मे चला जाता….और उसके बेटे वंश के साथ खेलता रहता…..पायल भी वंश को साहिल को पकड़ा देती, और अपने घर के कामो को निपटाने लग जाती….
Reply
04-08-2019, 12:20 PM,
#10
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
अपने दोस्तो से लंड चूत फुद्दि ये शब्द तो साहिल पहले ही सुन चुका था…और वक़्त के साथ-2 उसका इंटेरस्ट इन चीज़ों मे और बढ़ता जा रहा था. धीरे साहिल के दिमाग़ मे पिछली यादें कम होती चली जा रही थी. वो अक्सर अपनी चाची पायल को वंश को दूध पिलाते हुए देखता तो, उसकी नज़र चाची पायल के मम्मो पर ही रहती….जैसे कि आप जानते हैं कि, पायल पढ़ी लिखी और बहुत ही तेज तरार औरत थी……उसकी नज़रे साहिल की नज़रों को पकड़ लेती…..पर कहती कुछ नही बस उसकी तरफ देख कर मुस्करा देती….जैसे कि आप जानते है कि, सरकारी स्कूल का हाल कैसा होता है, खास तोर पर गाओं के सरकारी स्कूल मे होता है……

जब साहिल को घर इस घर मे पहली बार लाया गया था….तब उससे मिलने पायल के मायके से सभी लोग आए थे…इस लिए पायल की छोटी बेहन गीता साहिल को जानती थी..वो हाफ टाइम मे अक्सर साहिल से आकर अपनी बेहन पायल और वंश के बारे मे पूछती थी…दोनो मे काफ़ी जमने लगी थी… साहिल उमर मे गीता से 4 साल छोटा था…..जबकि गीता 11थ मे पढ़ रही थी…..और साहिल 7थ क्लास मे था……

स्कूल के कुल मिलाकर 200 के करीब बच्चे थे…बड़ी क्लासो के बच्चे तो अक्सर ख़ासतोर पर लड़के हाफटाइम मे ही बंक मार कर चले जाते थे. स्कूल एरिया वाइज़ बहुत बड़ा था…..एक दिन गीता साहिल को हाफटाइम मे ढूँढ रही थी…..पर साहिल अपनी क्लास मे नही था….वो उसको ढूँढते हुए, ग्राउंड मे आ गये…..पर वहाँ भी साहिल उसे नही मिला…

गीता: ये साहिल का बच्चा आख़िर गया कहाँ……शायद ऊपेर स्कूल की छत पर होगा….(ये सोचते हुए, गीता सीडयों से स्कूल की छत पर चली गई. छत भी सुन सान थी…”ये साहिल आज कहा मर गया” गीता ने खीजते हुए मन ही मन मे कहा, और पलट कर नीचे आने लगी. तभी उसे कुछ सरसराहट सी सुनाई दी….गीता के कान तुरंत खड़े हो गये…वो आवाज़ पानी की टंकी के पीछे से आ रही थी…..

गीता दबे पाँव पानी की टंकी की तरफ बढ़ने लगे…..इतना धीरे कि उसके कदमो की आवाज़ किसी को ना सुनाई ना दे….धीरे-2 गीता पानी की टंकी के पास पहुच गयी….और पानी की टंकी की ओट मे छुप कर अपना चेहरा बाहर निकालते हुए देखने लगी….जैसे ही उसकी नज़र पीछे छुप कर बैठे साहिल पर पड़ी….उसका मूह हैरत से खुला का खुला रह गया…

साहिल पानी की टंकी से पीठ टिका कर बैठा हुआ था….उसके हाथ मे एक किताब थी….जिसमे बहुत सी ट्रिपल ऐक्स फोटो छपी हुई थी…जिस पिक्चर को साहिल देख रहा था..उसमे एक 30-32 साल की औरत एक दम नंगी बेड पर अपनी टाँगों को ऊपेर उठाए हुए थी….जिससे उसकी चूत सॉफ दिख रही थी…….ये देख गीता के पाँव वही जम गये….उसके हाथ पैर काँपने लगी….

पर अगले ही पल गीता टंकी के पीछे से निकल कर साहिल के सामने आ गयी. और साहिल को घूरते हुए देखने लगी…..जब साहिल को इस बात का अहसास हुआ, साहिल एक दम से घबरा गया, और खड़ा होते हुए, उस बुक को अपने पीछे छुपाने लगा….”मौसी आप”

गीता: हां मैं, तुम यहाँ क्या कर रहे हो वो भी अकेले….

साहिल: मैं वो वो मैं……

गीता: (अपनी आँखें निकाल कर साहिल को देखते हुए) क्या मैं मैं लगा रखी है दिखा पीछे क्या छुपा रहा है….

साहिल: कु कुछ भी तो नही….

गीता: दिखाता है या नही….

ये कहते हुए, गीता ने साहिल की कमर के पीछे हाथ ले जाकर, उससे बुक छीनने की कॉसिश करने लगी….और साहिल उससे बुक्स को बचाने की, इस दौरान दोनो आपस मे सॅट गये….जिससे साहिल और गीता का बॅलेन्स बिगड़ गया, और साहिल और गीता दोनो नीचे गिर पड़े…..साहिल के हाथ से वो बुक निकल कर दूर जा गिरी….साहिल अब गीता के ऊपेर था….उसका लंड जो थोड़ा ढीला पड़ चुका था….गीता के सलवार के ऊपेर से उसकी चूत की गरमी पा कर अकड़ने लगा….साहिल का लंड तो आप जानते ही है, करीब साढ़े 4 इंच लंबा था….
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,772 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,285 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,092 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,909 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,187 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,887 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,771 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,336 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,573 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,179 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)