Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
12-16-2018, 12:40 AM,
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मेरा रंगीला जेठ और भाई 


मित्रो एक और कहानी पोस्ट कर रहा हूँ जिसे मैने नही लिखा और इस फोरम पर भी नही है आपको पढ़ कर मज़ा आएगा 

मैं सुमन २० साल की महिला हूँ !मेरी शादी करीब १ साल पहले रमेश से हुई !मैं दिल्ली में रहती हूँ और लखनऊ के पास एक गांव में मेरा ससुराल है !ससुराल में मेरी सास अपने दो बेटों के साथ रहती है ! मेरा देवर का बचपन में ही दौरे पड़ने की बीमारी लग गई थी ,और वो अपाहिज की ज़िन्दगी जी रहा था !दौरे के वक़्त उसको तुरंत इंजेक्शन देना पड़ता था,जिसके लिए एक नर्स हमेशा उसके साथ रहती थी !वो बिस्तर पर ही पर रहता था ,और चल फिर नहीं पाता था !सास को भी घुटनो के परेशानी की वज़ह से व्हील चेयर और बेड पर ही रहना पड़ता था !मेरे जेठ जी ने जनरल फिजिशियन और gynacology के डाक्टर का कोर्स किया था पर गावं में रहकर ही सबकी देखभाल करते थे , और मरीज़ों को देखते थे !गावं के औरतों की डिलीवरी भी इन्ही के क्लिनिक में होती थी,जिसके लिए एक और नर्स रखी हुई थी! दूर दूर के गावं में उनका नाम था, और लोगों को विश्वास था की उनके इलाज़ से बाँझ को भी बच्चा हो जाता था !लोग उनको भगवान की तरह मानते थे और इज़्ज़त करते थे ! एक चीज़ जो उन्हें और भी महान बनाती थी .वो ये की घर में दो दो अपाहिजों के चलते , ४५ साल के होते हुए भी उन्होंने शादी नहीं की थी !वैसे अभी भी वो २५ साल के लड़कों को कुश्ती में हरा देते थे ,दिखने में भी डाक्टर काम पहलवान ज्यादा लगते थे !शादी के बारे उनका कहना था की कोई भी पत्नी दो दो अपाहिजों को नही झेल सकती !उनकी इस बात का रमेश हमेशा जिक्र करते थे और खुद को छोटा समझते थे की वो नौकरी के लिए बाहर हैं! मैं भी जेठ जी की इस बात पर बहुत गर्व महसूस करती थी, क्योंकि एक दिन में मैं बहुत परेशान हो जाती थी ! देवर के चलते मुझे भी इंजेक्शन लगाना सीखना पड़ा था ,क्योंकि घर में हर आदमी को सिखाया गया था की क्या जाने कब जरुरत पड़ जाए ! रमेश हर हफ्ते गावं जाते थे , और बड़े भाई का हाथ खेती में और छोटे भाई और माँ की सेवा में लगाते थे !मैं भी कभी कभी साथ जाती थी ,पर कभी एक रात से ज्यादा नही रूकती थी ! घर में सब मुझे बहुत प्यार करते थे और जेठ जी मुझे सोना बेटा कहते थे ,और मैं उनको भैया कहती थी !
साल में एक बार पिताजी के बरसी पे घर के सभी रिश्तेदार को बुलाया जाता था, और पूरे गावं को खाना खिलाया जाता था ! मेरे लिए ये दूसरा मौका था !पहली बार मैं नई नवेली दुल्हन थी ,और चुप चाप बिस्तर पर ही बैठी रही थी !लेकिन इस बार सारा काम मेरे जिम्मे था !रमेश की ट्रेनिंग चल रही थी ,और ट्रेनिंग के बाद उसको १० दिन के लिए अमेरिका जाना था !शहर में खाली समय रहने के कारण मैंने एक बहुत महंगा कोर्स ज्वाइन कर लिया था !रोज़ एक घंटे की क्लास होती थी !छुट्टी एडजस्ट करना मुस्किल था !गावं की नर्स एक हफ्ते छुट्टी पर थी , जिसकी वजह से भैया भी,देवर के कारण गावं से नहीं आ सकते थे !अंत में ये फैसला हुआ कि रमेश मुझे गावं छोड़ कर ,उसी रात लौट आयेगे! और भैया मुझे तीन दिन के बाद वापस दिल्ली छोड़ आएंगे और मेरे साथ वहां १० दिन रहेंगे ,जब तक रमेश अमेरिका से वापस नहीं आ जाते !
सुबह हम पहुंचे ,और मैं काम में लग गई !शाम को गावं को खाना खिलने के बाद रमेश को दिल्ली वापस जाना था ! मैं पुरे दिन काम काज में लगी रही !पूरा बदन टूट चूका था !लगता था कि अब बेहोश हो जाउंगी !मुझे दो बार चक्कर सी आई ,पर रमेश को नहीं बताया क्योंकि वो बेकार परेशान होता !मैंने भैया से कहा, उन्होंने चेक करने के बाद दो सफ़ेद और दो गुलाबी टेबलेट दी !सफ़ेद वाली आज और कल रात के लिए और गुलाबी दिन में खाने को बोला !
घर में मेहमान के कारण मुझे किचन के ऊपर का कमरा दिया गया था ,जो आँगन के दूसरी तरफ था !ऊपर दो कमरे थे !एक में भैया और देवर को रखा गया था !भैया के न होने पर मैं इंजेक्शन दे सकती थी , इसलिए मुझे उनके साथ ही रखा गया था !रमेश के जाते ही मै अपने कमरे में आ गई !दूसरे कमरे में देवर सो रहा था !मैंने गुलाबी साटन कि साड़ी और और ब्लाउज पहन राखी थी !अंदर शैतान कि ही मैचिंग ब्रा और पॅंटी पहनी थी !सर में दर्द था और चक्कर भी आ रहे थे !मैंने सोचा कि दवा खा कर थोड़ी देर लेटती हूँ ,फिर नाईट ड्रेस पहन लुंगी !बिस्तर पर लेटते ही कब नींद आ गई ,पाता नहीं चला !करीब पांच बजे सुबह नींद खुली तो कुछ अजीब सा लगा !साड़ी पूरी उठी हुई थी ,पेटीकोट के साथ !पैंटी में बहुत गीलापन था !ब्रा के हुक अंदर से खुले थे और निप्पल के पास पूरा गीला था !मैंने जल्दी से कपड़े ठीक किये और बाथरूम भागी !पैंटी उतारते ही मैं चौंक गयी,क्योकि पैंटी उलटी थी !मैंने ज़िन्दगी में कभी उलटी पैंटी नही पहनी थी ,और मुझे पूरा विस्वास था कि कल भी मैंने सीधी पहनी थी! ब्लाउज उतारा तो देखा कि ब्रा का सिर्फ एक हुक लगा है वो भी गलत जगह !इसका मतलब था कि किसी ने मेरी ब्लाउज और ब्रा खोली,पैंटी उतारी और वापस पहना दिया !मेरे चिकने चूत पर भी एक चमक थी,जैसे किसी ने उसको रगड़ रगड़ के साफ़ किया हो !मेरे तो होश उड़ गए कि कौन हो सकता है ,क्या किसी ननद ने किया है या किसी मर्द ने !ताज़्ज़ुब इस बात का था कि मुझे पाता नहीं चला !किसी तरह इस टेंशन में मैं तैयार होकर नीचे उतरी ,घर के काम काज के लिए !
अंदर से मैं बहुत डर गई थी , ज़िन्दगी में पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था ! किसी से कुछ पूछना या बोलना मेरे लिए असंभव था ! एक बार सोचा की रमेश से बात करूँ ,पर मुझे लगा कि अभी तो क्या ,मैं पूरी ज़िन्दगी यह बोलने का साहस नहीं कर पाउंगी ! किचन से चाय लेकर निकली तो देखा कि भैय्या खेत से वापस आ गए थे ! उन्होंने पुछा कि तबियत कैसी है , दवा टाइम पर ले रही हो या नहीं ! मैंने हाँ में सर झुकाया ,और आगे बढ़ गई !बदन में अजीब सी सनसनाहट हो रही थी ! चूत बहुत ज्यादा कोमल लग रही थी ! पैंटी के साथ हलकी सी रगड़ भी सनसनाहट दे रही थी !मेरे लिए ये नया अनुभव था ! कौन है वो जिसने मेरे अंगों से खेला है !औरत होने के नाते एक बात का मुझे पक्का यकीन था कि मेरे साथ सेक्स नहीं हुआ है ,पर बाहर से किसी ने जी भर के चूमा चाटा है ! मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था ! मैं इतनी बेहोश कैसे हो सकती हूँ कि मुझे पता नहीं चला !दिन भर रिश्तेदारों के साथ बातें होती रही ! दिन में आराम का मौका ही नहीं मिला ,जिससे थकावट बहुत ज्यादा हो गई थी !भैया किसी जरुरी डिलीवरी पर बगल के गावं चले गए थे , उनके आने का कुछ पता नहीं था ! बोल कर गए थे कि शायद न भी आ सकें रात को ! शाम होते होते मुझे बहुत ज्यादा थकावट होने लगी थी !मैंने खाना शाम को ही खाया था ,इसलिए रात को खाना नहीं खाना था !मेरी सास ने कहा कि मैं जा के आराम कर लूँ !मैंने कह दिया कि अब मैं रूम में जा रही हूँ सोने के लिए ! ऊपर रूम में आकर मैंने कपड़े बदलने कि सोची , नाईट ड्रेस पहना और दवा खाकर सोने चली गई ! नाईट ड्रेस के साथ मैं ब्रा और पैंटी नहीं पहनती थी ! दिमाग में कल कि बातें चल रही थी !मैंने सोच लिया था कि अगर आज ऐसा कुछ हुआ तो मैं जरूर पकड़ लुंगी उस अनजान चेहरे को !शाम के ७ बजते बजते मुझे गहरी नींद आ गई !देर रात मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे चूत को जीभ से चाट रहा है !मैं डर के मारे आँख नहीं खोल पाई !मेरी नाईट ड्रेस ऊपर गर्दन तक उठे हुए थे , अजनबी के दोनों हाथ मेरे चूची को सहला रहे थे !कमरे में हलकी रौशनी तो थी, पर आँखें खोल कर देखने का साहस मुझमे नहीं था !चूत चाटने वाला बड़े आराम से चूत का कोना कोना जीभ से साफ़ कर रहा था , कोई जल्दी नहीं लग रही थी ! ज़िंदगी में पहली बार किसी मर्द ने मुझे उस जगह छुआ था !रमेश ने तो आज तक मेरी चूत देखी भी नहीं थी ! पूरा बदन सनसना रहा था ! कि अचानक मेरे पूरे बदन में एक तनाव सा आया , और लगा जैसे मेरी चूत से फौवारा छूटा है ! उसके बाद मेरे कमर के नीचे का हिस्सा बिलकुल ही ढीला पर गया !शायद अज़नबी को कुछ शक हुआ की मैं जाग रही हूँ !थोड़ी देर के लिए सब कुछ शांत हो गया !मैं समझी की चलो बला टली !मैं चुप चाप लेटी रही !मैं यह चाहती थी की अजनबी को लगे कि मुझे कुछ पता नहीं चला कि मेरे साथ क्या हुआ !मैं किसी आहट का इंतज़ार कर रही थी कि उसके जाते जाते मैं उसे देख पाउ और कम से कम ये जान तो लूँ कि ये कौन है !कुछ समय ऐसे ही बीत गया !मैं चाहती थी कि जल्दी से मैं नाईटी को नीचे करू ,क्यूकि नंगे बदन मुझे बड़ा अजीब लग रहा था !मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी मेरे साथ ऐसा हो सकता है !रमेश ने भी मुझे कभी नंगा नहीं किया ! बस अँधेरे कमरे में नाईटी कमर तक उठा कर जो भी उससे बन पड़ता था ,कर लेता था !मुझे भी सेक्स के बारे ज्यादा पता नहीं था ,जीभ से चूत को चाटा जाता है , ये तो बिलकुल मेरी समझ के बाहर था ! मुझे बस एक ही बात अच्छी लगी थी कि मेरी चूत ने उसे बहुत पसंद किया था और पहली बार मुझे पूरा संतोष लग रहा था !लेकिन अनजाने मर्द का ख्याल आते ही मन घृणा से भर गया ! मैं किस मुह से रमेश के सामने जाउंगी ,मेरे दिमाग में ये बात चल रही थी !मुझे पहली बार ऐसा लगा कि मैंने रमेश के साथ धोखा किया !लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी !जब पहली बार मेरी चूत और चूची चाटी गई, तो मुझे पता भी न चला , अब आज अगर रोक भी लेती तो दाग तो लग ही चूका था मेरे दामन पे ! इन उलझलों में अभी खोई ही थी कि एक ऊँगली का अहसास मेरे चूत को हुआ ! वो ऊँगली से मेरे चूत को सहला रहा था !स्पर्श इतना हल्का था कि मेरे रोएँ खड़े हो गए थे !वो मेरे चूत के आस पास ऊँगली से सहला रहा था और बीच बीच में चूत में भी थोड़ा सा घुसा कर आगे पीछे कर रहा था ! अज़नबी की ऊँगली रमेश के लण्ड से मोटी थी ! फिर मुझे लगा कि कोई मेरे बगल में आकर लेटा है! उसका एक हाथ मेरे चूत पर था और दूसरे से वो मेरे होंठ सहला रहा था !फिर अचानक से मेरे चूची पर जीभ फिराने का अहसास होने लगा, और उसने एक निप्पल मुंह में ले लिया !जैसे जैसे वो मेरे निप्पल को मुंह में लेकर चूस रहा था ,मेरा शरीर मेरा साथ छोड़ रहा था !शरीर और अंतरात्मा में जंग छिड़ गयी थी !बदन पूरी तरह अज़नबी का साथ दे रहा था और अंतरात्मा मुझे धिक्कार रही थी ! मुझे लगा अगर जल्दी से मैंने कोई कदम नहीं उठाया तो अनर्थ हो जायेगा !शरीर में कंपकपी होने लगी थी !मैंने पूरी हिम्मत के साथ अपनी आँख थोड़ी सी खोली !हलकी रौशनी कमरे में थी ! डर से आँख ज्यादा नहीं खोल रही थी क्योंकि मैं यही चाहती थी कि मुझे उसका सामना न करना पड़े और वो बस इतने पर वापस चला जाये ! उसकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी,क्योकि वो बीच बीच में मेरे होंठ भी चूस लेता था !अब मुझे लगा कि अब नहीं तो फिर बहुत देर हो जाएगी ! मैंने अपने बदन को इस तरह घुमाया , जैसे मैं करवट ले रही हूँ !लेकिन मेरी उम्मीद के उलट अज़नबी ने मुझे अपने बाँहों में ले लिया ! शुक्र था कि उसने कपड़े पहन रखे थे !अब मेरे बगल में अजनबी लेटा था !उसने अपना एक पैर मेरे दोनों पैर के ऊपर डाल कर मुझे हिलने डुलने से रोक दिया !बहुत ही ताक़त थी उसके बंधन में और बहुत गठीला जवान मर्द का अहसास हो रहा था मुझे !अब उसने मेरे मुंह में अपनी जबान डाल दी और रास पीने लगा !मेरे लिए अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा था ,और मुझे लग रहा था कि अब किसी भी वक़्त वो मुझे चोद सकता है ,क्योंकि वो आक्रामक होता जा रहा था ! न जाने क्यों ये सब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ,लेकिन रमेश के साथ मैं मरते दम तक बेवफाई नहीं कर सकती थी ! काश ये सब रमेश कर रहा होता , मैं तो गुलाम बन जाती उसकी ! 
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12-16-2018, 12:40 AM,
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अब बस और नहीं , मैंने अपनी पूरी हिम्मत जुटाई और ऑंखें खोल दी !आँखें खोलते ही जैसे भूचाल आ गया !मैं पूरी जोर से चीखी.......भैया आप !लेकिन मेरी चीख में उतना जोर नहीं था कि वो आँगन के उस पार सो रहे लोगों तक पहुँच पाती , और फिर भइया ने अपना हाथ मेरे मुंह पर रख दिया था जिससे रूम में ही मेरी आवाज़ दब कर रह गई ! मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि भैया मेरे साथ ऐसी हरकत कर सकते हैं !हैरानी कि बात ये थी कि मेरे जागने के बाद भी भैया को कोई डर या पछतावा नहीं था !मेरा मुंह उन्होंने बंद कर रखा था ! मेरी आँखों में आंसू थे ! भैया ने बोला , देखो सोना बेटा, अगर तुम चिल्लाओ नहीं तो मैं तुम्हारे मुंह पर से हाथ हटाउ ! मेरा मुंह गुस्से से लाल हो रहा था !भैया के भारी हाथ के कारण मेरा मुंह दर्द कर रहा था ! मैंने आँखों से ही उनसे रिक्वेस्ट किया , उन्होंने फिर पूछा 'चिल्लाओगी तो नहीं' ! मैंने पलकें झपका कर ना कहा !उन्होंने कहा 'प्रॉमिस ',और हाथ थोड़ा हल्का किया ,मैंने दबी जबान में बोला 'प्रॉमिस ! उन्होंने हाथ हटा लिया था !मैंने गिरगिराना शुरू कर दिया . भैया आप ये क्या कर रहें हैं ..मैं आपके छोटे भाई कि बीवी हूँ ,आप मेरे लिए पिता समान हैं !आप ऐसा मत कीजिये मेरे साथ !मुझे छोड़ दीजिये , मैं किसी से नहीं कहूँगी ,कि आपने मेरे साथ ऐसा किया !भैया ने कहा 'ठीक है, मैं तुम्हें छोड़ दूंगा लेकिन एक शर्त पर '!मुझे आपकी सब शर्त मंजूर है भैया , बस आप मुझे छोड़ दीजिये ! भैया बहुत शर्मिंदा लग रहे थे ,बोले 'देखो बेटा ,मैंने ऐसा क्यों किया ,ये मैं बाद में बताऊंगा तो शायद तुम मुझे माफ़ कर सको ! मैंने कल और आज तुम्हारे शरीर के हरेक अंग को छुआ है ,लेकिन तुम नींद में थी !मैं सिर्फ १० मिनट तुम्हारे जागते हुए तुम्हें महसूस करना चाहता हूँ , तुम्हारे साथ वो सब करना चाहता हूँ ,जो मैंने कल और आज किया है, तुम्हारी नींद में ! लेकिन जो भी मैं करूँगा वो अपने संतुष्टि के लिए करूँगा ,तुम उसमे बिलकुल शामिल न होना !अगर तुम्हारे शरीर ने मेरा साथ दिया , तो तुम शर्त हार जाओगी , और मैं समझूंगा की ये सब तुम्हें अच्छा लग रहा है ; फिर तुम वही करोगी जो मैं चाहूंगा ! और अगर तुम दस मिनट तक बगैर किसी उत्तेज़ना के चुप चाप लेटी रही तो ,मैं ज़िंदगी में कभी दुबारा तुम्हारी साथ ये सब नहीं करूँगा !
मैं बहुत असंजस में फँस गई थी , एक तरफ अपनी आत्मा को मारना था ,दूसरी तरफ भैया से हमेशा के लिए छुटकारा ! एक बात का तो मुझे पक्का यकीन था, मैं और मेरा शरीर, उनके किसी भी हरकत पर उनका साथ नहीं देंगे,क्यूंकि एक तो मुझे उनसे नफरत सी हो गई थी और दूसरा कि उनके घंटो चूमने चाटने के बाद भी मैंने अपने आप पर कंट्रोल रखा था और उनको ये पता नहीं लगने दिया था कि मैं जागी हुई हूँ !वैसे भी अगर मैं उनकी शर्त न मानती तो शायद वो अभी मेरी चुदाई कर दें ;और मुझे पता था कि मैं उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाऊँगी ! सब यही बोलेंगे कि बहू में ही बदचलन है ,नहीं तो जिस आदमी ने अपने परिवार कि भलाई के लिए शादी नहीं की ,वो भला कैसे छोटे भाई कि बीवी के साथ ऐसा कर सकता है !लोग तो ये भी कह सकते हैं कि तुम्हारे परिवार के लिए जिसने ज़िन्दगी सौंप दी ,उसके लिए तुम अपना शरीर नहीं सौंप सकी !
जल्दबाज़ी में मुझे कुछ नहीं सूझा.मैंने कह दिया ,"मुझे मंजूर है , लेकिन आप भी प्रॉमिस कीजिये कि मेरे शर्त जीतने पर मुझे कभी नहीं छुएंगे" ! मेरे बोलने के दौरान ही भैया ने मेरी नाईटी गर्दन से निकल कर अलग कर दी ,और पूरी तरह मेरे ऊपर लेट गए !उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा प्रॉमिस और उनके होंठ मेरे होंठ से सिल गए और हाथ मेरे पूरे बदन को सहलाने लगे ! मैंने नज़र उठा कर देखा ,सुबह के चार बज़कर १० मिनट हो रहे थे !

भैया ने मुझे पूरी तरह से अपने कंट्रोल में कर लिया था ! मुझे चारों तरफ से घेर रखा था ! मैंने वादे के मुताबिक अपने आप को ढीला छोड़ दिया था !जो भी करना था , उनको ही करना था !मुंह को खुलवा के उन्होंने अपनी जीभ अंदर डाल दी ! मैंने अपनी जीभ अंदर खींच रखी थी !उन्होंने मेरे मुंह पर दवाब बनाया और मेरी जीभ को अपने जीभ के बीचों बीच रखकर चूसने लगे ! जब भी में जीभ हटाने का प्रयास करती , वो मुंह दबाकर विरोध करते और मैं ढीला छोड़ देती ! उनका दोनों हाथ मेरी दोनों चूचियों को हलके हलके मसल रहे थे ! उन्होंने अपना पूरा बोझ अपनी कोहनी और पैर पर बैलेंस किया हुआ था ,जिससे बीच में जगह बनी हुई थी और मैं दबा हुआ भी महसूस नहीं कर रही थी ! उनके विशाल गठीले शरीर के आगे मैं बिलकुल छुप सी गयी थी ! वैसे तो मैं भी बिलकुल दुबली नहीं थीं , पर मेरे शरीर पर कोई मोटापा नहीं था ! अपने फिगर, कपड़े और अपनी सफाई का मैं पूरा ध्यान रखती थी ! गावं आने से पहले ही मैंने पूरे बाल साफ़ किये थे ,बगल में और चूत के आसपास मैं रोज क्रीम लगाती थी ,जिससे वो बिलकुल मुलायम रहते थे ! मेरी चूची भैया के हाथों रौंदी जा रही थी ! भैया के हाथों में बिलकुल फिट हो गए थे ,जैसे उनके लिए ही नाप से बने हों ! मेरे चूचियों की घुंडियों को भैया ने अपने दो उँगलियों के बीच फसा लिया और उसको भी आहिस्ता आहिस्ता मसलने लगे ! कमाल का कंट्रोल था ,एक ही हथेली की ऊँगली अलग तरीके से काम कर रहे थे और हथेली अलग तरीके से !भैया दवाब भी इतना ही बना रहे थे ,जितना मैं बर्दाश्त कर पा रही थी ! कभी जान बूझ कर जोर से दबा देते थे , तो मेरी आह निकल जाती थी ! मेरे मुंह का सारा रस वो पीते जा रहे थे ! मैंने कभी इतनी गहरी किस नहीं की थी ! कभी कभी तो सांस रुकने लगती थी !एक साथ मेरे तीन अंग भैया का जुल्म सह रहे थे ! बदन कह रहा था कि ये हसीं पल कभी खत्म न हो , पर जमीर मुझे धिक्कार रहा था ! अभी मुश्किल से दो तीन मिनट बीते होंगे , और मैं टूटने के कगार पर थी , पर रमेश का ख्याल आते ही वापस अपने होश सम्हाल लेती थी ! अब भैया ने चूमना धीमा कर दिया था , होठ को धीरे से हटाकर मेरे गालों को चाटने लगे , फिर कान और गर्दन !जब वो कान के पीछे और गर्दन को चारो तरफ से चूमते चाटते थे , तो उनकी गर्म साँसे मुझे पागल कर देते थे !थोड़ी देर बाद वो चूचियो तक पहुंच गए ! कभी बायीं चूची तो कभी दायीं चूची मुंह में लेते और हल्का सा दांत मेरे निप्पल पर लगा देते ,मेरी सीत्कार निकल जाती थी ! मेरी चूत का तनाव बढ़ता जा रहा था, लगता था अभी बिस्फोट हो जायेगा ! चूत से पानी लगातार निकल रहा था ,जो मेरी जांघों से होकर बिस्तर गीला कर रहा था ! मेरे गोर चिट्टे बदन पर अब लाल लाल निशान बनने लगे थे !भैया जब भी चूची जोर से चूसते तो मुझे लगता कि अगर मेरा बच्चा होता तो मुझे ऐसा ही महसूस होता ! आज पहली बार मुझे पता लग रहा था कि मेरे बदन मुझे इतना सुख दे सकते है ! पूरी जिंदगी में जो नहीं मिला वो आज ५ मिनट में मिल गया था !जब भैया ने चूमना शुरू किया था तो रमेश मेरे दिमाग पर छाए हुए थे , पर अब वो बीच बीच में याद आ रहे थे और मैं अपना नियंत्रण बनाने कि कोशिश कर रही थी ! 
भैया अब बिस्तर पर बैठ गए थे, अपने दोनों पैर मोड़ कर ! मेरे दोनों पैर उन्होंने अपने दोनों तरफ फैला दिए और मेरी कमर के नीचे दो तकिये लगा दिए ! अब उनके मुंह के सामने मेरी चूत थी ! मैंने इससे ज्यादा शर्मिंदगी कभी महसूस नहीं किया था ! शायद मैं रमेश को भी ये नहीं करने देती !भैया नें कमर के नीचे हाथ डाल कर मेरे निचले हिस्से को ऊपर उठा लिया और भैया ने मेरी गुदा के छेद से नाभी तक जीभ फिरानी शुरू कर दी ! मैं एक खिलोने कि तरह उनके हाथ में थी ! कितनी ताक़त थी उनके हाथों में और उतनी ही नाजुक उनका स्पर्श था मेरे अंगो के लिए ! उनके चाटने से मेरी हालत पागलों वाली हो गयी थी ! चूर फड़फड़ा रहे थे ! हर स्पर्श से बदन सिहरन से भर जाता ! पूरा कमरा चाटने कि आवाज़ से संगीतमय हो गया था ! अब उन्होंने मेरे चूत को अपना निशाना बनाया !जीभ अंदर बाहर करने लगे !एक हाथ कि ऊँगली भी मेरे चूत के आस पास ही फिसल रही थी ! अचानक पता नहीं भैया ने कौन सी जगह छू दी, मुझे एक करंट सा अनुभव हुआ और मेरे चूत ने जोर से पानी का फौवारा मारा ! मुझे लगा ,जैसे मैंने झटके में जोर से पेशाब कर दिया हो !भैया का पूरा चेहरा भीग गया होगा , सोच कर ही मैं शर्म से मरी जा रही थी !पिछले कुछ देर में मुझे रमेश बिलकुल याद नहीं आये , पर जैसे ही भैया ने मुझे नीचे रखा , रमेश मेरी नज़रों के सामने महसूस होने लगे ! मैंने बहुत मुश्किल से अपने को सम्हालने कि कोशिश की, पर न तो शरीर काम कर रहा था , न ही मन ! आज मुझे समझ में आ गया था कि, औरत क्यों अच्छी चुदाई के आगे, लोक लाज की परवाह नहीं कर पाती है ! मैंने हल्का सा आँख खोलने कि कोशिश की ! दीवार पर टंगी घड़ी अभी भी ढाई मिनट का टाइम बचा हुआ बता रही थी ! मैं अब निराश होने लगी थी ! पता नहीं भैया अब क्या करने वाले है ! वैसे अगर वो इस वक़्त अपना लण्ड भी मेरी चूत के अंदर डाल देते , तो मैं शायद मन नहीं कर पाती ! लेकिन भैया की ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी, कि उन्होंने अपना लण्ड अभी तक इन सब से अलग रखा था ! भैया अब मेरे बराबर करवट लेकर लेट गए थे ! एक हाथ को मेरे सर के पीछे से ले जाकर मेरी बायीं चूची को मुट्ठी में लेकर दबाने और सहलाने लगे ! दूसरा हाथ मेरी चूत पर हाथ फ़िर रहा था !फिर अचानक एक ऊँगली मेरी चूत में डाल दी ! मेरी चीख निकली पर तब तक उन्होंने जीभ मेरे मुंह में घुसेड़कर कर मेरे मुंह को बंद कर दिया ! फिर से एक साथ भैया के हाथ ,मुंह ,ऊँगली सब अलग अलग काम कर रहे थे !मैं हैरान थी कि , इतना परफेक्शन कितनी प्रैक्टिस के बाद आया होगा , वो भी एक बिना शादी किये हुए 45 साल के ऊपर के इंसान को ! मैं चुप चाप लेटी थी , फिर भी थक के चूर थी , और वो पुरे जोश के साथ लगे हुए थे ! एक बार ख्याल आया कि काश रमेश में ये सारे गुण होते , तो पराया मर्द मुझे हाथ लगाता, इससे पहले मैं जान दे देती !भैया ने अपनी कारवाही जारी रखी , कभी ये चूची तो कभी वो चूची ! कभी ऊँगली कि स्पीड बढ़ा देते और कभी घटा देते ! कभी उस अनजाने स्पॉट को दबा देते ! उन्होंने जीभ से मेरे मुंह के अंदर का कोना कोना चूस लिया था ! मुझे पता भी न चला कि मैं मस्ती में सीत्कार मार रही थी ,भैया के जीभ को चूस रही थी और एक हाथ से भैया कि पीठ को सहला रही थी !सब कुछ अपने आप चल रहा था , मुझे कुछ पता नहीं था कि मेरे साथ क्या हो रहा है , कौन सी शर्त थी और हार जीत पर क्या होना था !फिर अचानक चूत में एक जोर का भूचाल आया और सबकुछ शांत सा हो गया ! भैया ने हलके से जीभ बाहर निकली ,और मेरे कान में बोले, सोना बेटा, तुम शर्त हार गयी हो ! मैं जैसे बेहोशी से जागी ! मुंह से मुश्किल से निकला कैसे ? भैया बोले , बेटे मैंने तुम्हारे अंदर सिर्फ ऊँगली रखी है ! मुझे झटका सा लगा , ध्यान दिया तो महसूस हुआ कि भैया कि ऊँगली मेरी चूत में स्थिर है और मैं नीचे से उसे अंदर बाहर कर रही हूँ !फिर ध्यान में आया कि मैं भैया कि पीठ भी सहला रही हूँ ! मैं जैसे नींद से जागी , निराशा भरी नज़रों से भैया को देखा और हारे हुए जुआरी कि तरह सर झुका लिया,अभी भी ३० सेकंड बचे थे !अब मैं समझ गयी कि भैया ने मुझे छल से जीत लिया था !
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12-16-2018, 12:41 AM,
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RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
मेरे लिए अपनी बात से वापस होना नामुमकिन था !मुझे बहुत जोर कि पेशाब आ रही थी ! बाथरूम जाना था, पर हिल नहीं पायी! भैया ने मेरी नाइटी बिस्तर से उठाकर , टेबल पर रख दिया और अपना कुर्ता उतार दिया ! बालों से भरा चौड़ा सीना मेरे सामने था ! भैया ने पजामा भी उतार दिया !अब सिर्फ अंडरवियर में मेरे सामने थे ! मेरी सूनी ऑंखें आंसुओं से भरी हुई थी ! रमेश आज मुझसे दूर हो रहा था , और भैया मेरे चूत के ख्यालों में मुस्करा रहे थे ! उनके बिस्तर पर लेटने से पहले ही मैंने कहा , मुझे बाथरूम जाना है !उन्होंने सहारा दिया , पर मैं सम्हल नहीं पायी और उनकी बाँहों में झूल गयी ! उन्होंने मेरी हालत समझी और मुझे गोद में उठा लिया, और बाथरूम की तरफ चल पड़े ! उनके बालों से भरे सीने में मेरे मुंह था , अजीब सी मरदाना खुश्बू मुझे पागल करने लगे ! भैया ने मुझे सीट पर बिठाया और खुद बाहर चले गए ! जाते जाते दरवाजे को ठीक से लगाते गए !उन्होंने कहा , मैं बाहर हूँ , आवाज़ दे देना ! मैंने लगातार पता नहीं कितनी देर तक पेशाब किया , बाथरूम में आवाज़ गूँज रही थी ! फिर पता नहीं मुझमे कहाँ से इतनी हिम्मत आई , मैंने दरवाज़े तक पहुँच कर अंदर से बाथरूम बंद कर ली ! रमेश मेरे दिमाग पर फिर से हावी थे ! मैंने सोच लिया की कम से कम आज नहीं चुदूँगी ! भैया बाहर से आवाज़ लगाते रहे , मुझे वादाखिलाफी करने के लिए कोसते रहे , पर मैंने कहा भैया , आज प्लीज मुझे माफ़ कर दो ! मैंने वादा नहीं तोड़ा है ,पर आज में इस हालत में नहीं हूँ ! चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ आने लगी थी , यानि सुबह हो चुकी थी ! भैया सुबह के सैर के लिए निकल गए थे शायद.

पूरा उजाला होने पर मैं तैयार होकर नीचे आई ! घर पर अब बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं थी , सिर्फ घर के ही लोग रह गए थे ! सबने कल तक चले जाना था , मेरी भी ट्रेन कल रात की थी और वो भी भैया के साथ !ख्याल आते ही बदन काँप गया ! कब तक बच सकती हूँ, ट्रेन में भी रमेश हमेश फर्स्ट AC का टिकट लेते थे ! यानि दो बर्थ वाला केबिन मिला तो पूरी रात छोटे से केबिन में मैं और भैया ! परसो हम सुबह दिल्ली पहुंचेंगे और रात में रमेश की अमेरिका की फ्लाइट है !उसके बाद दस दिन सिर्फ मैं और भैया , मेरे बचने की कोई सूरत नहीं ! सोचते सोचते ही पैन्टी में गीलापन महसूस किया !मुझे अपने शरीर से बहुत शिकायत थी , वो अब मेरा साथ बिलकुल नहीं दे रहे थे ! हालत ऐसी थी मेरी कि, भैया अगर मुझे छू भी दें तो शरीर उत्तेजना से भर जाता था !
भैया दो दिन पहले तक ऐसे बिलकुल नहीं थे !अभी भी दिन में अगर हम आमने सामने होते , तो वो बिलकुल नार्मल लगते !आखिर ऐसा हुआ क्या ? मैंने एक एक बात याद करनी शुरू की ! हो सकता है उस रात मैं बहुत ज्यादा थकी थी , दवा खाने के बाद सो गयी थी , बगैर कपड़े बदले ! भैया जब देर रात को रमेश को स्टेशन छोड़ लौटे होंगे , तो मुझे अस्त व्यस्त देखा होगा !कमरे की लाइट भी मैंने बंद नहीं की थी .और साड़ी .पैन्टी ,पेटीकोट सब साटन की, बहुत सेक्सी दिखी होगी भैया को ! मुझे बेहोश सा देखकर कुछ लालच आ गया हो, छूने का , कोई हलचल ना देखी हो तो चूम चाट भी लिया हो ! पर दूसरी रात...... हे भगवान मुझे याद आया की कहीं फिर से मैं वैसी ही हालत में तो नहीं थी . उसपर मैंने ब्रा और पैन्टी भी नहीं पहनी थी ! कहीं भैया ने ये तो नहीं सोच लिया की मैंने जान बूझकर ब्रा पैन्टी नहीं पहनी, कि उन्हें खोलने और पहनाने की जरुरत ना पड़े ! मुझे अपनी गलती का अहसास हो रहा था ! लेकिन फिर मैंने सोचा , चाहे जो भी हो , मैं कैसी भी हालत में क्यों ना रहूँ ,उनको कोई हक़ नहीं बनता इस तरह बहु के साथ पेश आने का ! अभी इन उलझनों में खोई ही थी की सास ने आवाज़ दी !सास अकेले ही बैठी थी , मुझसे इधर उधर की बात करने लगी !फिर उन्होंने बोला , बेटी एक चीज़ मांग सकती हूँ तुमसे ! जी , आप आज्ञा दीजिये . मांगने की क्या जरुरत है , मैंने कहा !बेटी पहले कसम खा की तू मन नहीं करेगी !अगर तूने मना किया तो मेरा मरा मुंह देखेगी ! मैंने तुरंत हाँ कर दी ! सास बोली , बेटी तुमलोग नए ज़माने की हो ,मॉडर्न हो , तुम्हे जल्दी बच्चा नहीं चाहिए , फिगर ख़राब हो जायेगा ,ऐसा सोचती हो !लेकिन अब मैं ज्यादा जीनेवाली नहीं हूँ , खानदान का वारिस देख के जाना चाहती हूँ ! बड़े ने शादी नहीं की , छोटा दिमाग और शरीर से अपाहिज है !अब सिर्फ रमेश है ,जो खानदान आगे बढ़ा सकता है ! लोगों ने बातें बनानी शुरू कर दी है , तीन तीन बेटों के होते मेरा खानदान अभी तक वारिस को तरस रहा है ! मुझे अगले दो महीनों में बच्चे की खुशखबरी मिलनी चाहिए ! तुम्हारे लिए मैंने शाम को गावं की सभी बहुओं को खाने पर बुलाया है !उनके साथ बातें करो, कुछ पूछना हो , सीखना हो खुल कर बातें कर लेना !सब के सब या तो माँ बन चुकी हैं या बननेवाली हैं !मेरे मुंह से बस इतना निकला ..."जी" ! मैं किचेन की तरफ जाने लगी तो सास ने अपनी आवाज़ थोड़ी रूखी करके कहा की बहू,बिना खुशखबरी के गावं मत आना ,शहर में ही अपनी मनमानी करो ! मेरे ऊपर जैसे एक और बम फट गया ! अभी भैया के कारण दिमाग ख़राब था अब सास ने एक और सरदर्द दे दी ! मैं बहुत दुखी थी ! सास को जवाब नहीं दे सकती थी ,नहीं तो बोल देती की मैं तो खुद ही माँ बनने को मरी जा रही हूँ , लेकिन कैसे बनूँ !हम तो कुछ यूज़ भी नहीं करते , अब बच्चे नहीं ठहरे तो मैं क्या करूँ ! मैं रमेश को अभी टेंशन नहीं देना चाहती थी , सोचा कि अमेरिका से लौटने पर बताउंगी ! 
शाम के पार्टी के लिए मैं तैयार होकर आँगन में आ गयी ! ननद ने देखते ही कह दिया , भाभी किस पर बिजली गिरानी है, रमेश भैया तो यहाँ है नहीं ! मैं सच में बहुत सेक्सी लग रही थी ! क्रीम कलर कि प्योर सिल्क कि साड़ी , ब्लाउज और अंदर साटन वाली फैंसी ब्रा पैन्टी !चिकनाहट ऐसी कि कपड़े बार बार फिसल रहे थे !गहरे लाल रंग कि लिपस्टिक और बिंदी क़यामत ढा रहे थे !मैंने गावं की बहुओं के खूबसूरती कि बहुत तारीफ सुनी थी , इसलिए मैंने अपने को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी !सास का आर्डर था की मैं दुल्हन की तरह लगूँ! पार्टी शुरू हो गयी थी ! इस गावं के लोग कहाँ से ढूंढ के बहुएं लाते हैं , एक से एक बढ़कर ख़ूबसूरत ! मैं बस उनसे कपड़ों के मामले में आगे थी क्योंकि मेरे कपड़ों की फिटिंग और सलीका सब से अलग और सुन्दर था !सब मेरी तारीफ़ कर रहे थे , एक बहू मेरे लिए गज़रा लायी थी , बालों में लगा दिया ! ये सिर्फ बहुओं की पार्टी थी , सिर्फ नौकरानी ही सर्व कर रही थी ! हम आपस में बातें करने लगे , हंसी मज़ाक करने लगे ! एक ने कहा दीदी , आप कितनी लकी हो , जब आपको बच्चा होगा तो डाक्टर घर में ही है ! मैंने कह दिया, नहीं नहीं मैं तो शहर में ही दिखाउंगी किसी लेडी डाक्टर से , वो मेरे जेठ है ! दूसरी ने कहा , तो क्या हुआ बहन , हैं तो वो डाक्टर; यहाँ जितने भी बहुएं आई हैं ,सबके डाक्टर वही हैं ! और बहन , आज तक सभी के सभी नार्मल डिलीवरी हुई है ! एक दो बहुओं ने शहर में डाक्टर को दिखाया , ऑपरेशन करना पड़ा , और बहुत तकलीफ उठानी पड़ी !हमारे डाक्टर से तो दूर गावं से लोग आते हैं इलाज़ कराने ! गावं की सबसे खूबसूरत बहू 'चंपा' थी , जो रमेश के दोस्त कमल की बीवी थी ! क्या खूबसूरती थी , कोई हीरोइन की तरह लगती थी , मैंने अपनी ज़िन्दगी में इससे खूबसूरत औरत नहीं देखी थी , एक साल का बेटा था, पर मस्त माल लग रही थी ! उसने मुझसे पुछा की आप अकेली जा रही हैं , जेठ जी के संग , मुझे कुछ अटपटा सा लगा सवाल , पर मैंने सिर्फ हाँ में सर हिला दिया ! मैं जेठ जी जिक्र तक से दूर रहना चाहती थी , पर पूरी पार्टी में उन्हीं की बातें हो रही थी ! मैं तो पहले से जली भुनी थी , पार्टी में उनकी तारीफ़ ने और मेरा दिमाग ख़राब कर दिया ! कम से कम किस्मत के मामले में जेठ जी बहुत धनी थे ! एक से एक सुन्दर औरतें , और सब के सब खुद चल के जाती थी ,जेठ जी से अपने चूत की जांच कराने ! मैंने मन ही मन में सोचा की ऐसे आदमी को शादी की क्या जरुरत ! मैं अगर इनकी बीवी होती तो रोज़ झगड़ा करती ! 
पार्टी खत्म हो गयी थी , मैं भी सास से इज़ाज़त लेकर अपने रूम की तरफ चल पड़ी ! अभी तक तो पार्टी में ख्याल ही नहीं था की भैया मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे ! देवर आज थोड़ा परेशान कर रहा था , इसलिए भैया शाम से ही रूम में ही थे , उसे रात को नींद की दवा देकर सुलाया जाता था ! मैंने नीचे अंदर से दरवाज़ा बंद किया और रूम में आ गयी ! भैया मेरे पलंग पर एक कोने में बैठे,मोबाइल पर कुछ कर रहे थे, पूरा रूम खुश्बू से भरा हुआ था ! भैया ने सुगंध वाली अगरबत्ती चारो कोने में जला रखी थी ! मैंने पुछा की ये कैसी खुशबु है , उन्होंने कहा कि मच्छर ज्यादा थे , इसलिए जला दी है ! मैं भी पलंग पर दूसरे कोने में बैठ गई ! थोड़ी देर तक हम दोनों ही चुप रहे , फिर भैया बोले 'अच्छी लग रही हो' ! मैंने जवाब नहीं दिया ! मैंने सोच लिया था कि एक आखिरी कोशिश जरूर करुँगी , अपने सुहागन का फ़र्ज़ निभाने की ! इस वक़्त रमेश मेरे दिलो दिमाग पर छाए थे ! भैया ने कहा ,कपडे बदलने हैं क्या ? मैंने कहा ,नहीं, पहले आप से बात करनी है ! भैया मेरे तरफ देखने लगे ! मेरा चेहरा तमतमा रहा था , मैंने अपनी आवाज़ कड़ी की , और कहा देखिये भैया , मैं रमेश को ये सारी बातें बताने वाली हूँ, जो कुछ भी आपने किया मेरे साथ ! अगर आप आगे कुछ ना करने का वादा करें तो मैं इस बात को यहीं दफ़न कर दूँगी ! भैया ने कहा .'और तुम्हारी प्रॉमिस' ? मैं आपके पैर पकड़कर आपसे माफ़ी मांग लुंगी ! भैया बोले ये चीटिंग है ! अचानक पता नहीं कहाँ से मेरे अंदर इतनी ताक़त और हिम्मत कहाँ से आई , मैं लगभग चीखते हुए उन पर गालियों की बौछार कर दी , कुत्ते हो , कमीने हो ,अपनी बहू की इज़्ज़त लूटने वाले हवसी हो आप ! आपने अपनी बहनो के साथ भी यही किया होगा ! मेरे स्वर थोड़े नरम पड़े , मैं मज़बूर थी , पता था , रोते हुए बोली ' अगर फिर भी आपको लगे की आपको अपनी बहू की इज़्ज़त लूटनी है , तो लीजिये मैं आपके सामने खुद नंगी होती हूँ, जितना लूटना है लूट लीजिये अपने छोटे भाई की पतिव्रता पत्नी को ! मेरी आखों में आंसू थे ,और मैंने अपना आँचल अपने चूचियों पर से उतारकर , बिस्तर पर रख दिया ! मेरी साँसें जोर जोर से चल रहे थे , और चूचियाँ सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थी ! भैया की आँखें नम हो रही थी , उन्होंने कहा ,'मैंने जो भी किया बहुत मज़बूर होकर किया '! मैंने फिर तेज़ आवाज़ में कहा , कोई मज़बूरी नहीं हो सकती , आपको शादी कर लेनी चाहिए इन सब के लिए , क्यों ढोंग कर रहें हैं आप अपने 'मेहरबानी' का ! 
ठीक है , मैं तुम्हें अपनी प्रॉमिस से आज़ाद करता हूँ , पर तुमने जो आरोप मेरे ऊपर लगाये हैं , उसका जवाब इस मोबाइल में है , देख लो ! मेरे तेवर कम नहीं हुए थे , बोल पड़ी , मेरी फिल्म बना ली होगी ,और आप कर भी क्या सकते हैं ! तभी मोबाइल से मेरे पति की आवाज़ आई ........
रमेश : भैया , आज माँ मुझसे कह रही थी कि, मुझे एक महीने के अंदर बहू के माँ बनने की खुश खबरी दो , नहीं तो मैं तुम्हारी दूसरी शादी कर दूंगी !
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12-16-2018, 12:41 AM,
#4
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
भैया : मैं समझा दूंगा , तू फिक्र मत कर !
रमेश : क्या समझा देंगे भैया , आपको तो पता है कि मैं बाप नहीं बन सकता , मेरे अंदर कमज़ोरी है !
भैया : तू ठीक हो जायेगा मेरे भाई , दवा कर रहा हूँ ना मैं तेरी , बस 5 - 6 साल की बात है !
रमेश : कोई गारंटी तो नहीं है ना भैया कि मैं ठीक हो जाऊँगा , और माँ का क्या !भैया ये बेकार कि बातें हैं , आप वैसा ही करेंगे जैसा मैंने आपको कहा है !आप अपने भाई के बच्चे के बाप बनेंगे ! पिछले 8 महीने से मैं आपको समझा रहा हूँ , कि आप 'सोना' के साथ सेक्स कर लो और उसको माँ बना दो !
भैया : तू पागल हो गया है , वो मेरी बेटी कि तरह है , बहू है वो मेरी , मैं ये पाप नहीं कर सकता !मैं कोई और इंतज़ाम कर दूंगा , किसी भरोसे के आदमी का वीर्य उसके गर्भ में ट्रांसप्लांट करा दूंगा , या अगर वो तैयार हो गई तो सेक्स करा दूंगा !लेकिन मैं ये पाप नहीं करूँगा !
रमेश: वाह भैया , तीन भाई हैं हम और हमारा खानदान कोई और आगे बढ़ाएगा , मैं ये नहीं होने दूंगा ! आपको करना ही होगा सेक्स !
भैया : देख अगर ये बात है तो वीर्य मैं डोनेट कर दूंगा ! पर मैं उसको छू नहीं सकता , मुझे ये सोच कर भी अपने पर घिन आती है !
रमेश :भैया, आपका वीर्य अगर उसके गर्भ में जाता है , तो आपको अच्छा लगेगा लेकिन सेक्स नहीं , ये मेरी समझ में नहीं आया ! देखिये भैया , मैं उसे अपने जान से ज्यादा प्यार करता हूँ , मैंने उसे अधूरे सेक्स के बाद तड़पते हुए देखा है ! उसको हक़ है कि पति उसको पूरा संतुष्ट करे ! बदन कि भूख अगर उसे किसी और मर्द के पास ले गयी , तो मेरा क्या होगा !मैं खुद चाहता हूँ कि उसको पूरा सेक्स का आनंद मिले , और मुझे आपसे ज्यादा सही आदमी कोई नहीं लगता !घर कि बात घर में रहेगी , खानदान को वारिस भी मिल जायेगा , माँ भी खुश, मैं भी खुश ! और आपने भी तो शादी नहीं की, वो हम दोनों भाइयों की पत्नी रहेगी, आप भी पत्नी सुख ले पाएंगे ! 
भैया : फालतू बातें मत कर यार ! ये सब मुझसे नहीं होगा !
रमेश : भैया मैं नपुंसक का कलंक नहीं झेल सकता , माँ जिद करेगी तो मैं सुसाइड कर लूंगा , लेकिन शादी नहीं करूँगा !
भैया : (रोते हुए ) मत बोल भाई ऐसा , मैंने तुम दोनों भाइयों के लिए अपनी सारी खुशियां क़ुर्बान कर दी , अब तू ऐसा कुछ नहीं करेगा ! तू जैसे कहता है , मैं वैसे ही करूँगा ! तू क़सम खा मेरी की फिर कभी ऐसा सोचेगा भी नहीं !
रमेश: ठीक है , पर आप भी क़सम खाओ की मैं जैसा कहूँगा वैसा ही करेंगे ! देखिये भैया , मैंने आप की दी हुई दवा बदल दी है ! रात में जब आप मुझे स्टेशन छोड़ कर लौटेंगे ,वो गहरी नींद में होगी , फिर आप उसके साथ सेक्स कर लेना !
भैया : नहीं रमेश ! मैं सेक्स उसकी मर्ज़ी से ही करूँगा ! हाँ , मैं कोशिश करूँगा कि उसमे सेक्स कि भूख जगे , और वो खुद मेरे पास आये ! जहाँ तक मैं उसे जानता हूँ , वो मुझे जलील ही करेगी , पर तुम्हारे लिए और अपने परिवार के लिए मैं सब सह लूंगा !
रमेश :भैया , ये सारी बातें आपके मोबाइल में रिकॉर्ड हो रही है ! आगे से भी हमारी हर कॉल रिकॉर्ड होगी ,आपके मोबाइल में ! आपको जब सही लगे, आप उसे ये सुना देना !
5 सेकंड के बाद फिर रमेश बोले "सोनू ,मेरी जान , तुमको मेरी क़सम है , भैया के साथ मेरे जैसा ही व्यव्हार करना ! जब भी वो तुम्हारे साथ हों , समझना मैं तुम्हारे साथ हूँ !मैं तुम्हारे पांव पड़ता हूँ , इस नामर्द पति कि इज़्ज़त रखना , मुझे शर्मिंदगी का मौका मत देना !सच कहता हूँ ,जब मुझे तुम्हारे और भैया के सेक्स कि खबर मिलेगी,मैं दुनिया का सबसे खुस्किस्मत इंसान हूँगा ! प्लीज जानू , कसम है तुझे , पूरा एन्जॉय करो ज़िन्दगी , मैं भी तो हूँ तुम्हारे साथ !मैं ,भैया और तुम , मज़ा आ जायेगा ! कुछ मत सोचो !"
पुरे कमरे में सन्नाटा था !भैया कि आँखों से झड़ झड़ आंसू गिर रहे थे ! सच में , कित्तने महान थे भैया ! मैं अपने आप को बहुत छोटा महसूस कर रही थी ! मुझे अपने सारे गुनाहों कि माफ़ी मांगनी है भैया से ! मेरा पति खुद चाहता है , और भैया मज़बूर हैं , मेरा फ़र्ज़ बनता है कि मैं आगे बढूँ और इस टूटते परिवार को सम्हालूँ ! आज मुझमें बहुत हिम्मत आ गयी थी , मैं उठकर भैया के पास बैठ गयी !उनके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लिया और अपने होंठ उनके होंठों पर टिका दिए !धीरे धीरे उनका एक हाथ उठाकर अपनी एक चूची पर टिका दिया ! भैया ने मुंह खोल दिया था , दुसरे हाथ से मुझे बाँहों में ले लिया था ,और मैं उनका जीभ चूसने लगी,और भैया मेरी चूची सहलाने लगे

जेठ जी अब अलग ही रूप में नज़र आ रहे थे ! कल तक जो मज़े मैंने आँख मूँद कर लिए थे , अब आँखों में ऑंखें डाल कर ले रही थी ! धीरे धीरे उन्होंने मुझे अपने बाँहों में पूरी तरह से ले लिया ! हम बैठे थे दिवार के सहारे पलंग पर !मैं जैसे जेठ जी की गोदी में ही थी , वो मुझे चुम रहे थे ,और मैं भी बीच बीच में चुम कर जवाब देती थी ! कभी कभी तो हमारे चुम्बन की आवाज़ पूरे कमरे में फ़ैल जाती थी ! उनका एक हाथ मेरी दोनों चूचियों को बारी बारी से दबा रहा था ! प्योर सिल्क की ब्लाउज में इंतनी सलवटे पड़ गई थी , की लगता था अभी धो के निचोड़ा है ! भैया बोले , कपड़े ख़राब हो जायेंगे , उत्तर लो ! मैंने कहा जब आपका मन हो, उतार दीजियेगा , आज से ये आपका काम है !वो मेरी बात सुनकर और भी जोश में आकर चूमने लगे ! बोले ' अभी थोड़ी देर पहले तो गालियाँ दे रही थी , और अब इतना प्यार' ! भैया जो आपको गालियाँ दे रही थी , वो एक परायी व्याहता आदर्श नारी थी , और अब ये वही नारी अपने पति की आज्ञा का पालन कर रही है , जो मेरा धर्म है ! भैया बोल पड़े , सच में अगर तुम मुझसे शादी करती तो मैं मन नहीं करता , तुम दिल से भी बहुत खूबसूरत हो ! अब तो मैंने मन ही मन आपको भी पति मान लिया है , आखिर पति का असली सुख तो आपसे ही मिल रहा है !भैया बहुत भावुक हो गए , उन्होंने मुझे चूम चूम कर निहाल कर दिया ! अब भैया मेरा ब्लाउज खोल रहे थी ! सारे हुक खोलने के बाद ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगे ! फैंसी चिकनी ब्रा भैया को बहुत अच्छी लगी !उन्होंने साडी ऊपर कर के पैन्टी भी देखी , मैचिंग थी ! तुहारी ब्रा पैन्टी बहुत सेक्सी होती है , कपडे का तुम्हारे पसंद का जवाब नहीं ! तुम कई गुना सुन्दर लगने लगती हो ! पैन्टी को सहलाते हुए भैया बोले , तुम तो तैयार बैठी हो , गीली है तुम्हारी पैन्टी ! जो घडी आने वाली है , उसको सोचते ही , मैं गीली हो जाती हूँ ! भैया ने पैन्टी उतार दी , हाथ में लेकर सूँघा और चूम लिया ,मैं शर्मा गयी ! ब्लाउज को उतार दिया और मुझे लिटा कर खुद मेरे बगल में लेट गए !मेरे ब्रा के चारों तरफ चूमते रहे , जीभ से चाटते रहे, और धीरे धीरे उतारते रहे ! ऐसा ब्रा उतारना मुझे बहुत अच्छा लगा ! साड़ी उतार कर बिस्तर पर अलग रख दिया ! अब सिर्फ साटन की पेटीकोट रह गयी थी , जिसे भैया ने कमर तक उठा दिया और मेरे चूत को चूमने लगे ! चूत उन्होंने कल भी चूसा था पर मेरी ऑंखें बंद थी ! मैंने भैया का सर हिलाया ,बोली मैं देखना चाहती हूँ ! उन्होंने तकिये के सहारे मुझे थोड़ा उठा दिया ! भैया जीभ से मेरी चूत को चाट रहे थे और मेरा रोमांच बढ़ता जा रहा था ! अचानक भैया ने मेरी खास जगह मसल दी , चूत से फौवारा छूट गया , मैं रोक न सकी और , पीछे तकिये पर लेट गयी ! थोड़ा होश आने पर दुबारा देखा , भैया के पूरे मुंह पर पानी के छींटे थे , जैसे अभी भीग के आ रहे हों बरसात में ! मुझे बहुत शर्म आई , और भैया से नज़र मिलते ही शर्मा गयी ! भैया फिर से जीभ मेरी चूत में घुसा कर इधर उधर ऐसे घुमा रहे थे , जैसे कुछ ढूंढ रहें हों ! चपड़ चपड़ की आवाज़ से कमरा गूंज रहा था ! मैं तो जैसे सातवें आसमान पर थी ! फिर भैया मेरी चूचियो का जायजा लेने लगे ! चूस चूस कर लाल कर दिया , दबा दबा कर उसे मुलायम कर रहे थे ! घुंडी तो बिलकुल कड़क हो गयी थी ! सच में मैंने कभी अपने बदन को इतना कीमती नहीं समझा था ! भैया ने समझा दिया था की असली खज़ाना यही है ! भैया मेरे ऊपर लेट गए थे , मेरे दोनों हाथों में अपना हाथ फंसा लिया था , और मुझे गर्दन , कान , कान के पीछे चूमने चाटने लगे ! मैंने कहा की भैया आपका हाथ मुझे जांघ पर चुभ रहा है , उन्होंने कहा , हाथ तो दोनों तुम्हारे हाथ में है ! अचानक मेरे दिमाग में जैसे बिस्फोट हो गया , मुंह से निकला "बाप रे" ! वो हाथ जैसी चीज़ भैया का लण्ड था ! मेरे तो होश उड़ गए , इतना बड़ा , मैं कैसे ले सकूँगी अपने अंदर ! भैया शायद समझ गए , बोले 'पगली घबराती क्यों है ' सब कुछ आराम से हो जायेगा , तुम बस मेरा कहा करती जाओ ! भैया ने अपना कुरता पजामा उतारा , और अंडरवियर उतार दी ! काला, मोटा और डंडे सा लम्बा लण्ड हवा में लहरा रहा था ! मैं तो बेहोश हो जाती लण्ड देखते ही , पर भैया बोले , घबराओ मत , मैं पहले तुम्हें इसके लिए तैयार करूँगा , फिर थोड़ा थोड़ा कर के पूरा अंदर करूँगा ! देखो आज जीता ले सकती हो , ले लो ,फिर अगले बार थोड़ा और ले लेना !भैया ने मुझे लिटा कर , अपना लण्ड मेरे चूत पर सहलाना शुरू कर दिया , लण्ड से धागे की तरह लसलसा पानी चू रहा था ! भैया ने अपना लण्ड मेरे चूत के छेद पर रखा ! मेरी चूत काफी ढीली होकर फड़फड़ा रही थी !भैया ने जगह बनाते हुए अपने आप को मेरे ऊपर कर लिया , मेरे मुंह को अपने मुंह से बंद किया और हाथों को अपने हाथों से जकड लिया ! हल्का सा एक धक्का और भइया का सुपाड़ा अंदर लगा जैसे कोई दीवार गिरी थी चूत के अंदर , मेरी जान भी बाहर होने को थी ! मेरी चीख भैया के मुंह में रह गयी ! थोड़ा सा और अंदर गया लण्ड ,फिसलन की वज़ह से जो भैया ने चूस चूस कर बनाया था ! मुझे लगा किसी ने दो टुकड़े कर दिए मेरे ! जांघ के बीचों बीच कील ठोक दिया था भैया ने ! दो मिनट तक सब कुछ शांत रहा , मैं कुछ नार्मल हुई , और भैया ने आगे पीछे करना शुरू किया ! लग रहा था की चूत की दीवार ता चला गया है भैया का लण्ड ! एक बार उठकर देखना चाहा , भैया ने थोड़ा ऊपर उठकर दिखाया , अभी आधा लण्ड बाहर ही था ! अंदर बहुत जलन हो रही थी , लगता था चूत फैट गयी है और खून बह रहा है ! मैंने कहा , भैया आज इतना ही ! भैया समझ गए , उन्होंने उतने तक ही अपना लण्ड आगे पीछे करना जारी रखा ! हवा भी अंदर नहीं जा सकती थी, इतने टाइट होकर लण्ड अंदर बाहर हो रहा था ! मुझे मज़ा आने लगा था , अब भैया भी पूरी मस्ती में आ गए थे ! मैं बार बार पानी छोड़ रही थी चूत में, जिससे बहुत फिसलन हो गयी थी ! भैया ने स्पीड बढ़ा दी , मेरा अब तक का सबसे बड़ा झरना अब बह निकला ,तभी जैसे चूत में गरम पानी का नलका खोल दिया हो, भैया ने पिचकारी छोड़ दी ! कमरा वीर्य के खुसबू से भर गया ! भैया झड़ते रहे, लण्ड सिकुर्ने लगा , और भैया ने दवाब बना कर पूरा लण्ड अंदर ठोक दिया ! लण्ड में ढीलापन आ रहा था , लेकिन असली मर्द ने अपना जादू एक ब्याही बिनचुदी औरत को दिखा कर उसे अपना गुलाम बना लिया था ! एक जेठ ने अपने छोटे भाई की पत्नी के साथ मस्त सुहागरात मन ली थी ! हम लस्त पस्त लेटे थे , की भैया के फ़ोन की लाइट जल पड़ी , शायद फ़ोन साइलेंट पर था !.
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12-16-2018, 12:41 AM,
#5
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
जेठ जी की मोबाइल पर कॉल देखकर मैंने एक हाथ मोबाईल से उठा लिया , नाम पर नज़र पड़ी, किसी "चंपा" का फ़ोन आ रहा था ! मेरा दिमाग ठनका , इतनी रात को भैया के मोबाइल पर कोई औरत क्यों फ़ोन कर रही है ! जेठ जी की नज़र भी उस पर पड़ी , उनको पसीना आ गया ! मैं समझ गयी कुछ गड़बड़ है ! मैंने पुछा , किसका है ! भैया बोले वो कमल की बीवी है , जो पड़ोस में रहती है ! मैंने कहा ,हाँ,मैं जानती हूँ , आज आई थी डिनर पर ! आपके बारे भी पूछ रही थी ! मेरे से भी अजीब सा सवाल पुछा था कि, मैं आपके साथ क्यों जा रही हूँ , रमेश मुझे लेने क्यों नहीं आया !मुझे उसकी बातें अच्छी नहीं लगी थी, लेकिन है वो बहुत सुन्दर; पर वो इतनी रात को आपको क्यों फ़ोन कर रही है !अगर उसे कोई प्रॉब्लम है तो कमल को फ़ोन करना चाहिए , आखिर वो आपके छोटे भाई का जिगरी दोस्त है , आपका भी तो भाई ही हुआ ! भैया बोले , हाँ , सो तो है ! मोबाइल अब बंद हो गया था ! मैंने ऐसे ही चेक किया , ६ मिस्ड कॉल्स थी उसकी , हम चुदाई में इतने मस्त थे कि फ़ोन पर ध्यान ही नहीं गया था ! मैंने कहा ,भैया .जरूर कोई सीरियस बात है, आप उसको फ़ोन कर लीजिये ! भैया ने मना कर दिया ! कुछ सोचकर भैया बोले , तुम्हें मेरे पर कुछ शक है , क्यूंकि इतनी रात को उसने इतने फ़ोन किये ! मैंने कुछ नहीं कहा , पर दिल कह रहा था कि कुछ चक्कर जरूर है ! भैया फिर बोले ,तुम्हारी नज़र में मेरा चरित्र ठीक नहीं , यही सोच रही हो ना ! अब मैं बोल पड़ी , भैया आपका चरित्र पिछले तीन दिनों में मेरी नज़र में अच्छा बुरा दोनों रहा है ! लेकिन मुझे अब फर्क नहीं पड़ता कि पीछे आपने किसके साथ क्या किया है , और आगे क्या करेंगे ! मेरी नज़र में आप एक महान इंसान हैं , जो हर रिश्ते, हर फ़र्ज़ को बखूबी निभाता है , और अपनी मेहरबानियों कि कीमत नहीं वसूलता !भैया की आँखे छलक आई !बोले , काश तुम मेरी पत्नी होती ,तो मैं और भी बहुत कुछ दुनिया को दे सकता था ! मैंने उनको किस किया और बोली , अब और कितना पत्नी बनाना है !मैंने तो रमेश का कहना दिल से मान लिया है , तभी मैं आगे बढ़कर आपसे अपना प्यार ले रही हूँ !भैया बोले , देखो सोनू , कमल को भी वही प्रॉब्लम है ,जो रमेश को है, उसमे बाप बनने की शक्ति नहीं ! रमेश ने ही मुझे कसम देकर मज़बूर कर दिया था , और मुझे कमल की बीवी को माँ बनाना पड़ा ! उसको जल्दी गर्भ नहीं ठहर रहा था ,जिसके कारण मुझे उसकी बीवी के साथ बहुत बार सेक्स करना पड़ा !यही समझ लो की हम रात में एक साथ ही सोया करते थे ! मैं अगर मना भी करता तो कमल मुझे रमेश का वास्ता देकर अपनी पत्नी के पास भेज देता ! रमेश भी बार बार गावं आकर मुझसे अनुरोध करता था ! सच पूछो तो मुझे तुम्हारे साथ ये सब करने में उतनी टेंशन नहीं हुई ,जितनी उसके समय होती थी !भाई का दोस्त तो भाई ही होता है ना ! मेरे मन में भैया की इज़्ज़त और बढ़ गई थी , कितने महान थे और कितनी मेहरबानी की थी उन्होंने लोगों पर ! मैं बोली ,'लेकिन भैया वो अब क्यों आपके पीछे पड़ी है , उसको तो बेटा भी है ना' ! हाँ , पर अब उसको सेक्स का चस्का लग गया है ! अगर मैं एक महीने का गैप कर दूँ तो नाटक शुरू कर देती है ! कमल तो कुछ कर नहीं पाता,पर वो उसे बहुत जलील करती है , सुसाइड की धमकी देती है ! अब तो वो मुझे भी धमकाती है ,की माँ से सब कुछ कह देगी !अब डर से मैं उसके साथ सेक्स करता हूँ !मुझे अपनी परवाह नहीं है , लेकिन वो जानती है की रमेश को भी यही प्रॉब्लम है ! माँ ये बात बर्दाश्त नहीं कर पायेगी ! अब मुझे भी फिक्र हो गयी थी , मैंने भैया से कहा "भैया , अब आपके साथ आपकी पत्नी है , हम मिल के इसका हल निकल लेंगे ! अब मैंने माहौल को हल्का करने के लिए भैया से मज़ाक करना शुरू कर दिया !मैं बोली क्या भैया , आप भी किस मिटटी के बने हो , आपकी जगह मैं होती तो उसको अपने बाँहों से बाहर जाने ही नहीं देती !क्या औरत है भैया , किसी की भी तपस्या भंग कर दे ! भैया भी बोल पड़े , कोई बात नहीं अब तुम हो ना ,अब बाँहों से बाहर जा के दिखाओ ,और एक लम्बी किस का सिलसिला चल पड़ा ! मुझे अपनी चूत में कुछ हलचल सी लगी , फिर ध्यान आया कि भैया का लण्ड तो अभी तक मेरे चूत में जड़ तक धंसा हुआ है ! सेक्स की बाते सुनकर मैं भी उत्तेजित हो गई थी और भैया भी , इसलिए लण्ड में थोड़ा तनाव आ रहा था ! मुझे लगा की भैया ने अगर अभी लण्ड नहीं निकला, तो पूरा खड़ा होने पर मेरी चूत के दो फाड़ हो जायेंगे ! मैंने भैया से रिक्वेस्ट की, कि निकल लें ! भैया का मूड बन रहा था , पर मेरा दर्द समझ रहे थे , बोले कि सोना , मेरा मन इस वक़्त बहुत बेचैन हो गया है , पर अभी शायद मैं कंट्रोल नहीं कर पाउँगा ! अगर तुम झेल नहीं पाओगी , तो कल एक कदम भी पूरा नहीं चल पाओगी ; फिर किस किस को बताते रहोगी कि क्या हुआ है ! वैसे भी किसी कुंवारी के लिए बहुत मुश्किल है , मेरे साथ सेक्स करना ! मैं चौंक पड़ी , क्या भइया , क्या बात कर रहें हैं , एक साल से शादीशुदा हूँ , कई बार सेक्स किया है रमेश के साथ , ठीक से नहीं हुआ तो क्या ! भैया बोले ," देखो सोना , मैं पड़सो तुम्हारा अंग देखते ही समझ गया था कि अभी तुम कुंवारी हो , इसीलिए मैंने ऊँगली को भी एक सीमा तक ही अंदर किया था ! सेक्स इतना आसान नहीं है कि हर कोई कर ले !आज कल के लड़कों में बहुत कम ज्ञान होता है सेक्स का ! वो अपनी तरफ से तो सेक्स कर लेते है , पर औरत को संतुष्ट नहीं कर पाते ! रमेश कि प्रॉब्लम मुझे पता है , वो केस थोड़ा अलग है , लेकिन वो भी तुम्हारा कौमार्य भंग नहीं कर पाया ! लेकिन आज तुम लड़की से औरत बन गयी हो , मेरी तरफ से मुबारकबाद, और भैया ने चुम लिया ! मैंने भी उनको चुम लिया और कहा , एक कुंवारी कन्या के कौमार्य को भंग करने का आपको भी मुबारकबाद !
अब भैया ने धीरे धीरे लण्ड निकालना शुरू किया ! अंदर इतनी फिसलन और वीर्य भरा हुआ था मेरी चूत में कि , कोई भी झड़ा लण्ड पुच से बाहर आ जाता , पर झड़ने का बाद भी फौलाद कि तरह टाइट था मेरे चूत में , तभी तो चंपा इसको लेने के लिए पागल हो जाती थी ! मैं भी उसकी जगह होती तो दो साल कि चुदाई के बाद कभी हाथ से जाने ना देती ! भैया लण्ड को थोड़ा हिला डुला कर धीरे धीरे ऊपर खींचने कि कोशिश कर रहे थे ! जैसे ही लण्ड थोड़ा भी ऊपर आता , मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी बच्चेदानी भी साथ साथ खींची आ रही है ! भैया ने थोड़ा आगे पीछे किया तो मैं चिल्ला पड़ी , लगा कि वो फिर से चोदने लगे है ! आखिरकार फच्च कि जोरदार आवाज़ के साथ के साथ लण्ड बाहर निकला ! भैया तजुर्बे वाले थे , शायद इसी लिए , मेरी पेटीकोट नहीं उतारी थी, मेरे चूतड़ के नीचे पेटीकोट पहले ही फैला दिया था , अब ऊपर का हिस्सा लेकर , मेरे पेट और चूत के ऊपर के हिस्से को पोछने लगे ! मैंने थोड़ा सर उठाया तो देखा कि भैया के लण्ड का जो हिस्सा मेरी चूत के अंदर था , वीर्य रसगुल्ले के रस कि तरह टपक रहा था ! मैंने सामने पड़े ब्रा और पैंटी से उसे पोछना शुरू कर दिया ! भैया के लण्ड को मेरा पहला स्पर्श था , भैया का लण्ड सर उठाने लगा ! भैया ने कहा , तुम छोड़ दो अभी , नहीं तो तुम्हे परेशानी होगी ! अब मैंने अपने चूत को पोछने के लिए उठ कर धीरे से बैठी ! चूत से लगा जैसे अंदर किसी ने एक छोटा गिलास वीर्य उलट दिया हो , धार सी बह निकली ! मैंने जल्दी से अपनी साड़ी से पोछना शुरू किया ! भैया ने रोकना चाहा , बोले साड़ी ख़राब हो जाएगी , मैं गन्दा कपडा लाता हूँ ! मैंने कहा , ये मेरे ज़िन्दगी का पहला गिफ्ट है मेरे जेठ पति का , मैं एक एक बून्द समेटना चाहती हूँ ! मेरी ब्रा ,पैंटी , पेटीकोट और साड़ी , भैया के वीर्य से लथपथ थे , कहीं कहीं खून के क़तरे मेरी सील टूटने कि गारंटी दे रहे थे !मेरी चूत का मुंह खुल गया था , लग रहा था कि मेरा पूरा हाथ अंदर आराम से चला जायेगा ! पेटीकोट भी मैंने खोल दी और सबकी एक गठरी बना दी ! भैया टॉवल ले आये थे , मैं उठने ही वाली थी कि मोबाइल कि लाइट फिर जल उठी ! देखा , फिर से 'चंपा' का फ़ोन था !भैंया ने इशारा किया कि जाने दे , पर मैं बोली वो कुछ भी कर सकती है , एक औरत होने के नाते मैं समझ सकती हूँ ! भैया को पलंग पर बिठाया , खुद उनके गोद में बैठ गयी, और भैया को इशारा किया कि बातें करो ! मोबाइल मेरे हाथ में थी , और स्पीकर ऑन कर दिया ! चंपा बोली " सो गए राजा " ! 
भैया : हाँ थक गया था , नींद में था , मोबाइल कि आवाज़ कम कर रखी थी !
चंपा : वह मेरे राजा , मेरी नींद उड़ाकर खुद मज़े कि नींद ले रहे हो !
भैया : मैंने क्या किया, मैंने तो देखा भी नहीं तुम्हें !
चंपा : इसी बात का तो दुःख है , आज दो घंटे लगाकर तैयार होकर मैं गयी थी, कि तुम्हारी तपस्या भंग करुँगी , पर तुम दिखे ही नहीं ! मेरा शृंगार अधूरा रह गया !
भैया :देखो चंपा , भाई कि तबियत ठीक नहीं थी , उसी के साथ था !
चंपा : अब मेरी तबियत ठीक नहीं है , मेरे साथ आओ ! मेरा शृंगार अधूरा रह गया , उसे पूरा करो ! 
भैया : आज नहीं हो सकता , कल देखेंगे !
चंपा : मुझे उल्लू मत बनाओ ! कल तुम दिल्ली जा रहे हो अपनी छम्मकछलो के साथ !
भैया : जबान संभलकर चंपा ! वो बहु है मेरी !
चंपा : तो मैं क्या हूँ तुम्हारी , बहु नहीं हूँ क्या ? अगर मुझे नंगा कर सकते हो , तो उसके साथ कितना टाइम लगाओगे ,सब समझती हूँ मैं ! रमेश क्यों नहीं आया ? तुम और तुम्हारे छोटे भाई कि बीवी १० दिन तक अकेले होगे दिल्ली में ,एक साथ ! जिसका पति सेक्स नहीं कर पाता है , उसको नंगा होने में ज्यादा टाइम नहीं लगता ! तुम नंगे नहीं होगे तो वो हो जाएगी ! सुबह ही मैं तुम्हारी करतूत तुम्हारी माँ और रखैल दोनों को बताऊंगा !
(भैया गुस्से में आ गए थे , पर मैंने आराम से बात करने को कहा , और हाँ करने को कहा )
भैया : देखो चंपा , जो भी मैंने किया , तुम्हारे बच्चे के लिए किया , लेकिन मेरा मन नहीं मानता तुम्हारे साथ अब ये सब करने को !
चंपा : राजा मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना ! मैं रोज़ तड़पती हूँ , सेक्स के लिए ! तुम्ही बताओ , इस नामर्दों के गावं में किसके पास जाऊँ ! अब मैं एक महीने एक एक मिनट मरती हूँ तुम्हारे लिए , क्या तुम महीने में एक बार भी मेरी प्यास नहीं बुझा सकते !
(कमल ने चंपा से फ़ोन ले लिया था , बोला , भैया ये रो रही है , प्लीज भैया , ये मेरा जीना हराम कर देगी , आप आ जाओ या बोलो तो मैं इसको छोड़ आता हूँ आपके पास ! )
मैंने भैया को उसको बुलाने के लिए रिक्वेस्ट किया , बड़ी मुस्किल से तैयार हुए !मैंने इशारे से कह दिया कि मैं दूसरे कमरे में छुप जाउंगी , आप यहीं कर लेना !
भैया ने बोल दिया कि ठीक है आधे घंटे बाद पिछले दरवाज़े पर आ जाना ,उसको लेकर ! मैं फर्स्ट फ्लोर पर भाई के साथ अकेला हूँ ! कमल खुश हो गया ! कितना मजबूर पति था वो, जिगरी दोस्त के बड़े भाई से अपनी बीवी चुदवाने के लिए मिन्नतें कर रहा था ! भैया के लिए मेरा प्यार और आदर दुगना हो गया था ! जल्दी जल्दी मैंने बिस्तर के चादर वगैरह बदले , थोड़ा रूम स्प्रे कर दिया , भैया के वीर्य कि खुसबू अभी भी आ रही थी ! नहाने का टाइम नहीं रह गया था ,जल्दी से एक साड़ी लपेट ली ! भैया ने वही कुरता पजामा पहन लिया ! भैया कि मोबाइल में कॉल आने लगी , यानि चंपा कमल के साथ नीचे आ चुकी थी !भैया एक नज़र, कमरे पर मार कर , मुझे दूसरे कमरे में जाने को बोलकर , दरवाज़ा खोलने नीचे चले गए !
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12-16-2018, 12:41 AM,
#6
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
चंपा के आने से पहले मैंने दूसरे कमरे में अपने लिए जगह बनाई ! ऊपर दो कमरों का ही फ्लैट बना था , वैसे तो अलग अलग दरवाजे थे , पर दोनों कमरों के बीच एक दरवाज़ा था , जो लॉक नहीं होता था ! सबसे पहले मैंने अपने कमरे में अँधेरा कर लिया ! मैं देखना चाहती थी कि दोनों कैसे सेक्स करते हैं !दरवाजे के पास एक बड़ा सा छेद था , मैंने उसी पर आँखें टिका ली ! दूसरे कमरे में अच्छी रौशनी थी , सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था ! चंपा पहले आई , और बिस्तर पर बैठ गई !उसने सच में वही कपडे पहन रखे थे , जिसे पहन कर वो पार्टी में मिली थी !गहरी लाल लिपस्टिक और सुन्दर मेकअप, गज़ब कि लग रही थी ! मैंने जेठ जी के चरित्र जैसा समझा था , वैसा नहीं था , पहले मेरे साथ फिर चंपा के साथ को बातें हुई , उससे यह साबित हो गया कि वो बहुत उच्च चरित्र के मालिक थे ! जेठ जी दरवाज़ा बंद कर कमरे में आ गए थे ! वो भी पलंग पर बैठ गए ! चंपा ने पहले उनके पाँव छुए , फिर उनसे उस बात के लिए माफ़ी मांगी जो उसने मेरे बारे गलत बातें की थी ! जेठ जी कुछ बोल नहीं रहे थे , और कुछ कर भी रहे थे ! फिर चंपा जेठ जी के पास आकर उनसे चिपक गयी ! रूठे हो राजा , कहकर उनके होंठों को चूसने लगी ! उसका एक हाथ जेठ जी के पजामे के ऊपर था , और वो लण्ड को सहला रही थी ! इतनी खूबसूरत गोरी चिट्टी औरत ,जेठ जी से लिपटी थी ,पर वो बहुत विचलित नहीं लग रहे थे , इन सब से ! होंठ चूसते हुए चंपा ने जेठ जी के पजामे का नाड़ा खोल दिया और थोड़ा निचे सड़काकर उनका लण्ड हाथ में ले लिया ! दूर से भी जेठ जी का लण्ड मूसल लग रहा था ! फिर चंपा ने झुककर लण्ड का मुंह अपनी तरफ किया और जीभ से लण्ड चाटने लगी ! चंपा के सुन्दर गोल होंठ अपनी लिपस्टिक लण्ड पर निशान लगा रही थी ! मैंने कभी लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया था , थोड़ी घिन सी आ रही थी देखकर ! क्या मीठा लग रहा है चंपा को जो इतनी लगन से चूस रही है !भैया के लण्ड पर तो मेरे चूत का भी पानी लगा होगा , वो भी चाट गई चंपा ! मेर बदन में हरकत सी हुई , लगा नीचे चूत में गीलापन आने लगा है !मैंने बस एक साडी लपेट रखी थी, उतार कर बगल में रखे कुर्सी पर रख दी ! चंपा इतने प्यार से लण्ड चाट रही थी कि भैया के लण्ड में हरकत शुरू होने लगी !उन्होंने एक हाथ से चंपा के बाल सहलाने शुरू कर दिए और दूसरा हाथ चंपा के ब्लाउज में घुसा दिया ! चंपा बीच बीच में चिहुक जाती थी , शायद भैया उसके चूची कि घुंडी मसल देते थे ! अब लण्ड पूरा टाइट था ! क्या मर्द थे मेरे जेठ जी , अभी एक घंटे पहले उन्होंने मेरी चुदाई कि थी , अब फिर तैयार था , चंपा कि चूत बजाने के लिए ! वैसे मुझे उनपर दया भी आ रही थी क्योकि उन्होंने मेरा ख्याल रखते हुए , आधे लण्ड से मेरी चुदाई कि थी , कोई और होता तो रोक नहीं पाता ! जेठ जी अब दोनों हाथों से चंपा कि चूची मसल रहे थे , और चंपा पूरे मन लगाकर लण्ड चूसने में मगन थी ! मेरे कमरे तक इतनी आवाज़ आ रही थी कि मुझे लग रहा था कि मेरे कमरे में लण्ड चुसाई चल रही हो !जेठ जी ने चंपा कि ब्लाउज उतार दी , दो मस्त चूचियाँ फुदक के बाहर आ गई ! चंपा कि सुडौल चूचियाँ हवा में लटक रहे थे , एक बच्चे कि माँ होते हुए भी चूचियाँ अभी तक अपने आकार में थी ! भैया के हाथ आंटे कि तरह चूचियों को गूंद रहे थे !साड़ी भी उतार ली थी चंपा ने , और पेटीकोट को भैया ने उतार दिया ! बिलकुल नंगी चंपा , बिस्तर पर लेट गई , भैया ने उसके गांड के नीचे साड़ी फैला दी थी , कि वीर्य बिस्तर पर न फ़ैल जाये ! भैया ने झुककर चंपा कि चूत चटनी शुरू कर दी ! लगता था आज ही सफाई कि थी चंपा ने , चिकनी चूत कि चमक कमरे को रौशन कर रही थी ! भैया चूत चाटने कि कला में माहिर थे ,चंपा तो जैसे पागल हो गई थी , पैर पटकने लगी थी !भैया इतने मगन हो गए कि शायद भूल गए कि दूसरे कमरे में मैं हूँ, उन्होंने आसान बदला और 69 के पोजीशन में आ गए ! चंपा के मुंह में भैया का लण्ड लपा लप अंदर बाहर जा रहा था और भैया चंपा कि चूत में जीभ घुसा घुसा कर उसको चोद रहे थे !
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12-16-2018, 12:42 AM,
#7
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मैंने कभी किसी को चुदते नहीं देखा था , मेरे लिए ये बहुत ज्यादा था , चूत में ऊँगली अपने आप चली गयी और मैं अंदर बाहर करने लगी !अभी थोड़ी देर पहले तक तो मेरी चूत में दर्द था और जलन थी , पर अब वो सब गायब हो गया था !भैया ने मुझे इन तीन दिनों में बिलकुल बदल दिया था ! जिसको मैं सेक्स समझती थी , वो इस दुनिया से बिलकुल अलग था ! कितने माहिर थे भैया ! अब चंपा मस्ती में कांपने लगी थी , भैया समझ गए अब समय आ गया है ! भैया ने लण्ड को चंपा के चूत पर टिकाया और धक्का दे दिया , चंपा कि चीख निकल गई , शायद काफी दिनों बाद चुद रही थी !भैया थोड़ा आगे पीछे करते रहे , और एक जोरदार धक्के में पूरा लण्ड अंदर !चंपा को बहुत दर्द हो रहा था , उसके चेहरे से लग रहा था , पर वो सब झेल गई ! भैया का मूसल लण्ड बाहर तक आता और फिर घुस जाता ! हर चोट पर चंपा ही आह निकल जाती थी ! मैं मन ही मन सोचने लगी कि जब चंपा भैया से सैकड़ों बार चुद चुकी है ,और एक बच्चे कि माँ भी है , तब उसका दर्द से बुरा हाल है , फिर मैं तो मर ही जाउंगी ,अगर ऐसे ही चुदी तो ! फिर भैया का ख्याल आया कि वो मेरा कितना ध्यान रखते है , खुद अपनी प्यास अधूरी रखी पर मुझे ज्यादा दर्द नहीं होने दिया ! शायद मेरे साथ उनके अधूरे चुदाई का असर था जो वो चंपा कि चूत फाड़ रहे थे ! अब मेरी दो ऊँगली आराम से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रही थी! भैया ने तो जैसे तूफ़ान मचा दिया था , आधे घंटे से चोद रहे थे चंपा को ,पर झरने का नाम नहीं ले रहे थे ! फिर अचानक भैया ने लण्ड बाहर निकला , फूला हुआ लम्बा लण्ड रस से सराबोर था ! भैया ने चंपा को पलट दिया , पलटते हुए उसकी चूत में ऊँगली डाल के रस से ऊँगली गीला किया और चंपा कि गाँड के छेद में ऊँगली घुसा दी ! दुबारा चूत के नीचे हाथ लगाकर टपकते हुए रस को हाथ में लिया और चंपा के गाँड के छेद में डाल दी और ऊँगली घुसा के मैसेज करने लगे ! चंपा कि गाँड बहुत मस्त लग रही थी , और फूली हुई थी ! मैं बहुत डर गई थी कि भैया क्या गाँड मरने वाले हैं चंपा की ! भैया ने रस से सन हुआ लण्ड धीरे धीरे चंपा की गाँड में घुसाना शुरू किया ! चंपा की हालत ख़राब थी , पलंग को कस के पकड़ रखा था और मुंह को तकिये में घुसा रखा था , मुझे लग रहा था की वो चीख रही है पर आवाज़ बाहर नहीं आ रही ! भैया चंपा के ऊपर पूरा लेट गए थे , अंदर हाथ घुसकर चंपा की दोनों चूची अपने दोनों हाथों में पकड़ रखा था और पूरा दम लगाकर धक्के लगा रहे थे ! मेरी आँखों के सामने भैया का लण्ड 'पुच' की आवाज़ के साथ गाँड से बाहर निकलता और फिर चंपा की गाँड में समां जाता, आवाज़ आती थी फच्च ! दस मिनट तक उसकी गाँड मारते रहे , अब वो हांफने लगे थे सो उन्होंने लण्ड निकल कर चंपा को फिर पलट दिया ! चंपा का चेहरा लाल हो गया था , वो शायद दर्द बर्दाश्त नहीं कर पायी थी और उसके चेहरे पर आश्चर्य का भाव था ! मुझे लगा या तो भैया चंपा पर अपना गुस्सा निकल रहे थे , या फिर उनको मुझे चोदने का ख्याल आ रहा था और वो मेरे साथ की अधूरी चुदाई को पूरा कर रहे थे ! मुझे तो भैया ने अपना ये रूप दिखाकर पागल कर दिया था , ये भी तो हो सकता है कि उनको ये लग रहा हो कि मैं कहीं न कहीं से ये देख रही हूँ ,इससे उनका जोश और बढ़ गया हो ! सच पूछो तो मुझे अपनी चुदाई से ज्यादा मज़ा भैया और चंपा की चुदाई देख कर आया था ! अब भैया पसीने से लथपथ थे , चंपा ने भी शायद पहले कभी भैया को नहीं झेला था , उसके चेहरे पर घबराहट थी ! भैया ने पूरे जोर से चंपा को चोदना शुरू किया , चंपा छटपटा रही थी , आगोश से निकलना चाहती थी ,पर भैया की स्पीड बढ़ती ही जा रही थी ! फच्चाक फच्चाक की आवाज़ जोर से आ रही थी , हर धक्के पर चंपा की चीख बाहर आ जाती थी ! फिर एकाएक दोनों में गुथमगुथि होने लगी ! भैया झड़ रहे थे, झड़ते हुए पूरा लण्ड चूत में ठांस देते ,और चंपा का मुंह खुल जाता ! पूरा झड़ कर दोनों एक मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे , फिर भैया ने करवट लेते हुए लण्ड चंपा की चूत से खींच लिया !फौलादी लण्ड अभी भी झुका नहीं था , थोड़ा छोटा जरूर हो गया था और सिकुड़ भी गया था लेकिन चूत के पानी और वीर्य से लथपथ रौशनी में गज़ब का चमक रहा था !मेरे चूत से पानी छूटने ही वाला था कि चंपा उठ के खड़ी हो गई, अपने पेटीकोट से चूत को पोछा ,और जल्दी से साडी लुंगी की तरह बांध ली ! उसने पेटीकोट से भैया का लण्ड पोछना चाहा पर भैया ने उसे जल्दी जाने को बोला , और जाते जाते नीचे वाले गेट को ठीक से खींच के बंद कर देने को बोला , क्योंकि गेट अपने आप लॉक हो जाता था ! चंपा ने जल्दी से ब्लाउज डाला , शॉल ओढ़ी और उसके अंदर ब्लाउज का हुक लगते हुए चली गई ! मैंने भाग के खिड़की से नीचे झाँका, दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और चंपा हाथ में पेटीकोट और मोबाइल उठाये नीचे दिखी ! बेचारा कमल वहीँ उसका इंतज़ार कर रहा था ! मैं अब भैया के रूम में आ गई , नंगी तो मैं पहले से ही थी , लाइट बंद कर भैया के साथ लेट गई ! भैया बुरी तरह थक गए थे , तभी नीचे तक भी नहीं गए ! मैंने करवट लेकर एक पैर भैया के पेट पर रख दिया , भैया ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया ! अब मैं भैया के ऊपर लेटी थी, भैया को चूमते हुए मैंने "गुड नाईट" बोला ! भैया ने भी मुझे बोला और फिर बोले 'सॉरी सोनू' ! मैंने कहा भैया मैंने सब देखा , अच्छा लगा , मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगा ! मेरी तीन दिन में ऐसी हालत है की आपके बगैर ये एक घंटा मैंने बहुत मुश्किल में काटा, वो तो आप को ही देख रही थी , इसलिए ज्यादा बुरा नहीं लगा ! भैया आपसे रिक्वेस्ट है की आप इस दुखियारी की इच्छा समय समय पर पूरी करते रहें , मुझे बहुत अच्छा लगेगा और ये कमल को भी इज़्ज़त देगी, उसका परिवार भी खुश रहेगा ! भैया भावुक हो गए थे , बोले अब तो तुम मेरी भी बीवी हो , जो भी आज्ञा दोगी , मैं वही करूँगा ! चूमते चूमते मेरी चूत से लगा की पानी छूटने वाला है , तभी भैया ने अपना सुस्त हो रहे लण्ड को मेरी चूत के दरवाज़े पर रखकर धक्का दे दिया ! इतनी देर तक चुदाई के बाद भी झड़े हुए लण्ड ने मेरी चीख निकल दी ! भैया हल्का हल्का धक्का देकर अंदर करते रहे , लण्ड चंपा की चुदाई के रस से सराबोर था इस लिए फिसल कर अंदर जा रहा था ! अचानक मेरी चूत ने पानी छोड़ा और गीलेपन की वज़ह से लण्ड पूरा ही अंदर घुस गया ! इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ , मीठा सा दर्द और गुदगुदी से चूत मस्त हो गयी थी ! मैं बिलकुल फंस कर भैया के ऊपर टेंट की तरह फिक्स हो गई थी ! कब नींद आ गई पता ही नहीं चला ! सुबह पूरा उजाला होने का एहसास हुआ , तो उठने की कोशिश की , पर अभी भी भैया का लण्ड पूरी तरह से मेरी चूत में भरा था ! मैंने धीरे धीरे निकलने की कोशिश की , भैया सोते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे !हलके हलके आगे पीछे करते करते मैंने लगभग चुदाई का ही मज़ा ले लिया , जोश इतना आ गया की चूत ने पानी छोड दिया , फिसलन में लण्ड बाहर ! मैं फटाफट भैया पर चादर डालकर बाथरूम का रुख किया, काम बहुत बाकी था , रात को हमारी दिल्ली की ट्रैन थी भैया के साथ, सोच कर ही रोमांच से भर गयी !
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12-16-2018, 12:42 AM,
#8
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
मैंने जल्दी जल्दी तैयार होकर, भैया को जगाया और नीचे रसोई में पहुँच गई ! भैया भी आधे घंटे बाद घर से निकल गए ! हमारी नर्स छुट्टी से वापस आ गई थी इसलिए अब देवर की देखभाल की चिंता भी ख़त्म हो गई थी, और उसे वापस नीचे शिफ्ट करा दिया गया था ! नास्ते के बाद वापस कमरे में आकर मैंने जल्दी जल्दी अपनी पैकिंग पूरी कर ली !भैया भी पैकिंग के लिए कमरे में आ गए थे !इसी कमरे में रात चुदाई का दौर चला था , पर अब बिलकुल सामान्य था जैसे कुछ हुआ ही न हो ! मैं भैया से उम्मीद कर रही थी कि शायद मुझे बाँहों में ले लेंगे , पर उन्होंने ऐसा नहीं किया ! मैं ज्यादा ही उत्तेजित हो रही थी , मौका देखकर कोने मैं भैया को अपनी तरफ खींच लिया , और होंठ उनके होंठ से चिपका दिए ! भैया ने मुझे बाँहों में ले लिया , फिर चूमते हुए बोले , देखो सोना , बंद कमरे में हम पति पत्नी रह सकते है , जो भी करना चाहे कर सकते हैं , पर खुले कमरे में मैं तुम्हारा जेठ ही हूँ , कभी गलती से भी मेरे पास मत आना , न हीं ही मेरी तरफ देखना ; वरना ऐसी चीज़ें दूसरों को पता लगने में देर नहीं लगती ! तभी भैया का मोबाइल बजा , रमेश का फ़ोन था , मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा ! मैं भैया कि बांहों में थी , मैंने इशारा किया कि मैं नहीं हूँ यहाँ ! भैया ने हाँ में सर हिलाया और मोबाइल का स्पीकर ओन कर दिया !
रमेश : भैया प्रणाम !
भैया : खुश रहो !क्या बात है दो दिन फ़ोन नहीं किया ?
रमेश : भैया बहुत बिजी था , ट्रैनिंग से लौटते लौटते रात के दो बज जाते थे , फिर क्या फ़ोन करता !
भैया : अमेरिका की तैयारी हो गई !
रमेश : हाँ भैया , पैकिंग भी कर ली है , एक दो चीजें हैं , वो सोनी से पूछकर डालनी है !अरे हा भैया कहाँ तक पहुंचा हमारा काम, सोनी कहाँ है ?
भैया : वो नीचे है ! जितनी गाली तू सुनवा सकता था , मैंने सुन लिया !
रमेश : भैया वो रिकॉर्डिंग नहीं सुनाया ?
भैया : उसी से तो जान बची , नहीं तो मर ही गया था !
रमेश : भैया गोल हुआ की नहीं ये बताइये , या अभी तक मैच ही खेल रहे हैं !
भैया : तू जीत गया मेरे भाई ! पर बहुत संभलकर चलना पड़ेगा , बहुत नाज़ुक है !
रमेश : भैया, आज आपने जो मुझे खुशखबरी दी है , मैं बहुत खुश हूँ भैया ! वो मेरी जान है भैया , आपका साथ मिलेगा तो वो और खिल जाएगी , मैं आप दोनों को बहुत प्यार करता हूँ भैया !
भैया : ठीक है रमेश , अब तैयारी भी करनी है , सुबह मिलते हैं !
रमेश : हाँ भैया , अपनी पत्नी को सम्हाल कर लाइयेगा , उसका पहला पति स्टेशन पर उसे लेने आएगा ! और हाँ भैया , एक भी मौका नहीं छोड़ना, ट्रैन में कूपे में सिर्फ आप दोनों ही होंगे !
भैया : चल पगले , कैसी बात करता है , रखता हूँ !
रमेश : ठीक है भैया , अभी सोनी को कुछ मत बताइयेगा , मैं उसका खिला नया चेहरा देखना चाहता हूँ ! 
मैं शर्म से लाल हो गई थी , रमेश को क्या मुंह दिखाउंगी ! अभी तीन दिन पहले तक मुझे ये भी नहीं पता था की मैं कुंवारी हूँ , अब दो दो पति मेरे सेवा में लग गए है !
पांच बजे हमें लखनऊ के लिए निकलना था , तीन घंटे का रास्ता था , दस बजे रात की हमारी ट्रेन थी !
भैया ने कमल को साथ ले लिया था , वापसी में गाड़ी लेकर आने के लिए ! मैं चार बजे तक अपनी सास के पास आकर बैठ गई ! बहुत बातें चलती रही ! चंपा भी हमें छोड़ने आ गई थी , लंगड़ा रही थी !मैंने पूछा , क्या हुआ बहन ? थोड़ा घबड़ा गई , फिर बताया की फिसल गई थी , मोच आ गई !मन ही मन मैं मुस्करा रही थी , भैया के लण्ड ने मेरे सामने उसकी चूत फाड़ी थी ! चंपा का बेटा भी साथ आया था ,मैंने उसे खूब चूमा , हर बार अपनापन लगता , आखिर मेरे पति , मेरे जेठ जी का ही खून था ! मुझे चंपा की जली कटी बातें भी याद आ गई , अचानक मेरे दिमाग में एक आईडिया आया ! मैं अपने सास के पास गई , और उनके कान में कहा , " माँ, मेरी माहवारी दस दिन से नहीं हुई है , मन थोड़ा घबड़ा भी रहा है ,डर लग रहा है , कहीं रास्ते में कुछ .... भैया से भी कैसे बोलूंगी ! मेरी सास के चेहरे पर चमक आ गई , खुश हो गई , बोली पहले क्यों नहीं बोला , पगली तू माँ बनने वाली है ! तूने मुझे धन्य कर दिया बेटी , मैं आज ही लड्डू बाँटूंगी ! नहीं माँ प्लीज , अभी कुछ मत करिये , मैं दिल्ली जाकर लेडी डाक्टर को दिखाउंगी , फिर आपका आशीर्वाद लेने आउंगी ! अरे तेरा जेठ डाक्टर है , पुरे गावं की बहु बेटिओं की डिलीवरी उसी ने कराइ है , मैं अभी उसे बुलाती हूँ !मैंने माँ के पैर पकड़ लिए , नहीं माँ मैं मर जाउंगी पर उनको मैं अपना बदन छूने नहीं दूंगी ! माँ बोल पड़ी , अरे जेठ है तो क्या हुआ , डाक्टर भी तो है , और ये चंपा से पूछ ले , उसका भी तो जेठ है , पर उसकी डिलीवरी भी तो उसी ने कराइ ! चंपा साथ में खड़ी थी , उसके चेहरे पर घबराहट , आश्चर्य और ख़ुशी के मिले जुले भाव थे ! चंपा भी बोल पड़ी , हाँ हाँ डाक्टर से क्या शर्म ! पर मैंने अभी के लिए साफ़ मना कर दिया ! माँ ने आर्डर सुनाया , देख बेटी , अभी तो तू दिखा ले अपने लेडी डाक्टर से , पर डिलीवरी मेरा बेटा ही करायेगा ! और या तो तू गावं आ जा , या फिर मैं चंपा को भेज दूंगी , तेरी देख भाल के लिए, कमल भी तो कोई काम धाम कर नहीं रहा आजकल , रमेश वहीँ कोई नौकरी लगवा देगा ! हाँ माँ ये ठीक रहेगा , मैं आपको बता दूंगी !
चलते समय माँ ने भैया के कान में कुछ कहा , भैया का मुंह फटा का फटा रह गया !मेरी तरफ उन्होंने तिरछी नज़र से देखा , मैंने भी सीरियस सा चेहरा बना लिया ! रास्ते में हलकी फुलकी बातें होती रही , कमल को मैंने चंपा के साथ दिल्ली आने का न्योता दिया , ये भी कहा की मैं रमेश को बोलूंगी कि आपके लिए कोई काम ढूंढे !
ट्रेन में हमेशा कि तरह ए सी फर्स्ट के दो बर्थ वाले कूपे में रिजर्वेशन था ! सामान सेट करके कमल ने विदा ली , और हम ट्रेन चलने का इंतज़ार करने लगे ! ट्रेन खुलने के बाद भैया टी टी का इंतज़ार करने लगे कि वो टिकट चेक कर ले और हम कूपे को बंद कर लें ! भैया ने बातों के दौरान पूछा, ये गर्भ ठहरने का झूठ मम्मी से क्यों बोला ? मैंने इतराते हुए कहा , आप ही ने रमेश को वादा किया है कि मुझे माँ बनाएंगे , सो तो आप मुझे बना ही देंगे ! दरअसल भैया मुझे चंपा का डर था कि वो बोलती कि आपने शहर जाकर रमेश के गैरमौजूदगी में मुझे माँ बनाया ! भैया खिल उठे , बोले 'क्या दिमाग पाया है तुमने' ! अब भइया, जिसको दो दो पति सम्हालने हों , उसका दिमाग भी तो दूसरों से डबल होना चाहिए ! इससे पहले कि भैया कुछ बोलते , टी टी आ गया ! जाते जाते बोल गया कि सर अंदर से दरवाज़ा ठीक से बंद कर लीजिये , जरुरी न हो तो दिल्ली में ही खोलियेगा !
दरवाज़ा बंद करने के बाद मैंने बिस्तर लगा दिया ! खिड़की कि तरफ भैया तकिया लगाकर आराम से बैठे थे ! मैं भी बीच में बैठी तो भैया ने अपनी ओर खींच लिया ! ट्रेन धीरे धीरे स्पीड पकड़ने लगी थी , और भइया ने भी किस करने कि स्पीड बढ़ा दी थी ! आज बहुत इत्मीनान लग रहा था ,कोई जल्दी नहीं थी , किसी के आने का या किसी भी तरह का कोई डर नहीं था ! भैया ने मुझे पूरा आराम दे रखा था , मैं उनपर लदी हुई थी ! साडी का आँचल कहीं दब गया था ! सिर्फ ब्लाउज के अंदर मेरी चूचियाँ भैया के हाथों के जादुई मज़े ले रहे थे !भैया ने एक एक हुक खोलकर ब्लाउज नीचे कालीन पर डाल दिया , मैंने थोड़ी ढील दी तो भैया ने साड़ी भी उतार कर ब्लाउज के पास रख दी ! मेरी ब्रा के ऊपर हाथ फेरते हुए भैया बोले , तुम्हारी ब्रा और पैंटी बहुत सुन्दर होती है , खुद खरीदती हो ! हाँ भैया , मुझे बहुत शौक है , रमेश को फिसलन वाले कपडे जैसे सिल्क और साटन बहुत पसंद है , इसलिए मैं हर कपडे उसकी पसंद का लेती हूँ ! भैया ने मुझे थोड़ा ऊपर उठा लिया था , चूची को चारो ओर से चूमते और अपना थूक लगाते हुए ब्रा भी उतार दी ! पेटीकोट को उठा कर पैंटी को उतारने के लिए हाथ लगाया ,तो मेरी चूत हाथ में आ गई ! मुझे हंसी आ गई , बोली , भैया वो बाथरूम गई थी न ,तो उतार दी , सोचा आपके साथ अकेले हूँ तो ,कितनी देर तक रहेगी बदन पर ! भैया ने कहा, तुम कितनी शरारती हो , मेरा मज़ाक उड़ाती हो ! नहीं भैया , मैं अपनी कमी छुपाती हूँ , सच तो ये है कि मैं अब आपके बिना नहीं रह सकती , हर वक़्त आपसे चिपकी रहना चाहती हूँ ! भैया थोड़ी देर चुप रहे , फिर बोले , तुम्हें शादी के एक साल हुए है , पति भी साथ में है तुम्हारे ! सच पूछो तो जो दो दिनों में तुमसे मिला , वो पूरी ज़िंदगी में नहीं मिला ! मुझे सच का लगता है कि तुम मेरी पत्नी हो , और ये अहसास मुझे इतना खुश कर देता है कि मैं डरता हूँ कि ये बस थोड़े समय का न हो ! सच पूछो तो मुझे लगता है कि मैं कई जनम से तुम्हें प्यार करता हूँ ! मैंने जोर से भैया को चूमा , बोली , भैया अब ये पूरी ज़िन्दगी का बंधन है ,इसे कोई नहीं तोड़ सकता !भैया कि आँखों से आंसू छलके तो मैंने उनकी आँखें चूम ली , और आंसू चाट गई ! बस भैया , अब एक शब्द नहीं , सिर्फ प्यार ! भैया एक रिक्वेस्ट है , मैं रमेश से नज़र कैसे मिलाउंगी , मुझे पता नहीं , पर आज कि रात कुछ ऐसा मत कीजियेगा कि मैं लंगड़ाते हुए ट्रेन से उतरुं ! तू फ़िक्र न कर पगली , तुमसे भी टाइट और कुंवारी औरतों को मैंने बड़े आराम से इस लायक बनाया है कि सबकी डिलीवरी नार्मल हुई !भैया थोड़ा झेंप गए , कि क्या बोल गए ! मैं चौंक गई , भैया बोले अभी छोड़ न पगली, फिर बताऊंगा , इस गावं में सभी औरतें चंपा ही है , यही समझो ! मुझे चंपा कि बात याद आ गई जो उसने बोला था कि नामर्दों का गावं है !
एक घंटे हो गए थे ट्रेन खुले , मैं ज्यादा देर तक जागना भी नहीं चाहती थी !भैया को बेतहाशा चूमने लगी , भैया भी अब सिर्फ चुदाई का ही सोच रहे थे ! मुझे नीचे करके भैया ऊपर आ गए , और चूत को मुंह से सटा लिया ! भैया का मुंह लगते ही जैसे जादू हुआ हो , मैं पिघलने लगी और पूरा बदन चूत का पानी बनकर बहने लगा ! भैया अब पहले से भी ज्यादा अच्छी तरह से चूत चाट रहे थे ! जीभ घुसा कर मेरे चूत के अनजाने कोनो तक भी चाट ली और चूस ली ! जितना भैया जीभ से चोद लेते थे , रमेश लण्ड से भी नहीं चोद पाता था ! चूत अब पूरी खुल चुकी थी , और पूरी तरह से गीली थी ,आखिर मैं दो बार झड़ भी तो चुकी थी , चूमने चाटने के दौरान ! अब भैया ने चूचियों को भी मसलना , चूमना और चूसना शुरू कर दिया ! इस बीच उन्होंने अपने कपडे भी उतार लिए थे ! भैया चूची से लेकर गर्दन , होंठ , कान सब को चूमते चूसते जा रहे थे ! इसी तूफानी चुम्मियों के बीच उन्होंने लण्ड हल्का दबा दिया था मेरी चूत में ! आह सी निकली , पर मैं दर्द झेल गई !भैया ने मेरे होंठ के सारे रस निचोड़ लिए थे , इधर होंठ का रस चूसते उधर चूत से पानी बाहर आता ! मैं समझ भी नहीं पायी और लण्ड ने चूत का आधे से ज्यादा रास्ता पार कर लिया ! अब दर्द तेज हो गया था , मैं छटपटाने लगी थी ! चेहरा लाल होते ही , भैया ने अब लण्ड को अंदर घुसाना बंद कर दिया ! थोड़ी देर तक रुके , फिर मुझे बाँहों में जकड़ा और बर्थ से उठ गए ! मुझे समझ में नहीं आया कि क्या करने वाले है ! थोड़ी देर तक मैं भैया का लण्ड अपने चूत में लिए , भैया कि गोद में रही , फिर भैया आराम से लेट गए , और मैं उनपर लेट गई थी अपने आप ! बहुत आराम मिला था ! दो मिनट तक भइया मुझे सहलाते रहे ! जब वो चूत से होते हुए हाथ मेरी गाँड के छेद तक लाते, तो अजीब सी सिहरन उठती ! एक दो बार तो उन्होंने गाँड में ऊँगली भी करनी चाही , पर मैंने गाँड हिलाकर विरोध किया ! 
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12-16-2018, 12:42 AM,
#9
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
ट्रेन फुल स्पीड में जा रही थी , पूरा डब्बा हिल रहा था , भैया कुछ ज्यादा कोशिश भी नहीं कर रहे थे , पर लण्ड चूत में ऊपर नीचे हो रहा था ! दर्द कम हो रहा था ! भैया हल्का हल्का धक्का लगा रहे थे , एक इंच तक लण्ड ऊपर आता और फिर सवा इंच अंदर जाता ! मुझे लग रहा था कि कहीं मुंह से न बाहर आ जाये ! हर धक्के पर एक आह चीख की तरह निकलती थी ! आधे घंटे तक ऐसा ही चला , फिर जैसे भैया ने जैसे चूत के अंदर फौवारा चला दिया , वीर्य की पहली धार ने मेरा संयम भी तोड़ दिया और मैं भी अंदर अपना फौवारा छूटते महसूस कर रही थी ! हमारे पानी की चिकनाहट में भैया का लण्ड सिकुरता महसूस हो रहा था , और मैं अंदर लण्ड को आखिरी सीमा तक घुसता महसूस कर रही थी ! हम दोनों निढाल होकर बेहोश जैसे हो गए थे , हिलने डुलने की भी हिम्मत नहीं थी ! ट्रेन झटके ले रही थी , हमारी चुदाई तो पूरी हो गई थी , लेकिन ट्रेन हमें अभी भी चुदवा रहा था ! मैं अपने जेठ की आगोश में सो गई , जेठ जी का खूंटा मुझे बैलेंस किये था , गिरने का कोई डर नहीं था ! पैर से मैंने कम्बल ऊपर खींचा, और जेठ जी के हलके हलके खर्राटों के बीच कब सो गई , पता ही न चला !

सुबह नींद खुली तो , जेठ जी अभी तक सो रहे थे ! काफी हिला डुला कर जेठ जी के लण्ड के कैद से अपनी चूत को आज़ाद किया , वीर्य का थक्का चूत से बहार आ रहा था ! जल्दी जल्दी रेलवे के तौलिये से पोछा अपनी चूत को ! भैया का लण्ड साफ़ कर ही रही थी की भैया जाग गए , उन्होंने भी मेरी हेल्प की !हमने 10 मिनट तक एक दुसरे को किस किया और आलिंगन किया , फिर भैया ने अपने हाथों से मुझे पेटीकोट , ब्रा , ब्लाउज पहनाया और साड़ी बाँधने में मदद की ! भैया का सिर्फ अंडरवियर मैंने पहनाया , बाकि कपडे उन्होंने खुद पहन लिए ! गाडी स्टेशन पर लगी तो रमेश कूपे में आकर सामान लेकर गाडी में डालकर चल पड़े ! मैं नज़र नहीं मिला पा रही थी रमेश से ! रास्ते भर ज्यादातर रमेश और भैया इधर उधर की बात करते , बीच बीच में मैं भी हूँ हाँ कर देती थी ! 
रमेश फरीदाबाद में एक बड़ी कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे , कंपनी के तरफ से उन्हें दिल्ली में एक बड़ा सा घर (पेंट हाउस) मिला हुआ था !सबसे ऊपर की मंज़िल पर पहुँचते ही हम लॉक कर देते थे और ऊपर का पूरा हिस्सा बिलकुल अलग हो जाता था ! ये अकेली ऊँची बिल्डिंग थी , चारों तरफ दूर दूर तक एक दो मंज़िल के घर ही थे , इसलिए कहीं से भी किसी के भी तांक झांक की गुंजाईश नहीं थी ! कंपनी के ही सिक्योरिटी स्टाफ, जो २४ घंटे गेट पर मौजूद रहते थे , को फ़ोन करने पे वो जरुरत का सामन बाजार से लेकर डिलीवर कर देते थे !घर पहुंचते ही मैं दंग रह गई, रमेश ने घर के अंदर बहुत चेंज किया था, रोमांटिक पेंटिंग और फैंसी लाइट से घर का लुक ही बदल गया था ! रमेश ने नास्ते के लिए नौकरानी को बोल रखा था ! हम तैयार होकर नास्ते के टेबल पर आ गए , और रमेश अमेरिका के टूर के बारे बताने लगे ! अभी से चार घंटे रह गए थे , रमेश के फ्लाइट के , निकलने की तैयारी थी ! हम सब रमेश के साथ पूजा रूम तक आये ! रमेश ने मुझे और भैया को हैरान करते हुए कहा , भैया आज मैं बहुत खुश हूँ , एक बहुत बड़ा बोझ मेरे सर से उत्तर गया है ! भैया आपने सोनी को अपनी पत्नी का स्थान देकर जो अहसान किया है , उसको मैं आपकी तरफ से ज़िन्दगी का सबसे कीमती गिफ्ट समझता हूँ ! बस एक तमन्ना और पूरी कर दीजिये , कि हममे से किसी को भी ये न लगे कि ये मज़ाक है , आप सोनी कि मांग में सिंदूर भर दीजिये ! रमेश ने भैया के आगे सिन्दूर बढ़ा दिया , कांपते हाथों से भैया ने मेरी मांग में सिंदूर लगा दिया ! मैंने भरी आँखों से रमेश की तरफ देखा , रमेश ने भी मेरी मांग में सिन्दूर लगा दी ! फिर रमेश ने एक थैले से दो जयमाल वाले माला निकाले, जो मैंने भैया को और भैया ने मुझे पहनाया ! फिर भैया ने रमेश को माला दिया ,जो उसने मुझे पहनाया , और मैंने अपनी माला रमेश को पहना दी ! मैंने झुक कर दोनों के पावं छुए , और हम एक साथ आलिंगनबद्ध हुए !अब रमेश विदा हो रहे थे , उसने टैक्सी मंगा रखी थी ! हमें एयरपोर्ट जाने से रोकते हुए उसने कहा की आप आपलोग 10 दिनों का हनीमून मनाएं , और घर से बहार जाने की जरुरत नहीं थी ! रमेश ने मुझे भैया के सामने किस किया और घर से निकल गए , हमने दरवाज़ा बंद कर लिया !
भैया और मैं बैडरूम में आ गए , सब कुछ अच्छी तरह सजा हुआ था , ताज़े फूल रूम में खुशबू बिखेर रहे थे ! मै जेठ जी के सीने से लग गई ! जेठ जी ने धीरे धीरे मेरे चूचियों को सहलाते सहलाते मुझे चूमने लगे ! अब १० दिनों तक हमें कोई टोकने नहीं आएगा , ये सोच कर मन बहुत रोमांचित हो गया था ! रमेश के अमेरिका जाने का गम , अब जेठ जी मुझे चुदाई की दुनिआ की सैर करा के , दूर करने वाले थे ! मैंने नाईटी पहन रखी थी जो भैया ने उतार दी , अंदर फैंसी ब्रा और पैंटी थी , भैया भी अब सिर्फ अंडरवियर में थे ! मैंने भैया के लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया , भैया लगातार मुझे चूसते जा रहे थे ! भैया ने मेरा पूरा बदन चूमना शुरू कर दिया ! पैर से शुरू कर , पैंटी और ब्रा से होते हुए ,होंठ और माथा भी !मैं अब अपने होश खोती जा रही थी ! भैया का ध्यान अब ब्रा पर था , ब्रा के चारों और उन्होंने जीभ से ब्रा के किनारों को चाटा, और चूमते चूसते हुए ब्रा उतार ली ! भैया का ये स्टाइल मुझे बहुत अच्छा लगता था ! अब भैया ने उसी स्टाइल में पैंटी को भी चूसना और चाटना शुरू कर दिया ! मैं पैंटी गीली कर चुकी थी , भैया ने ऊपर से चाट चाट कर और गीली कर दी , पता ही नहीं चल रहा था की भैया के थूक से गीली की है या मेरे चूत के पानी से !चूत से पैंटी हटती जा रही थी और भैया की जीभ खुले जगह को चाटती जा रही थी ! मैं बस ऑंखें बंद किये हुए इसका अनुभव करती रही ! चूत का पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था ! भैया की चूत चुसाई शुरू हो गई , और मेरी छटपटाहट भी ! मेरे मन से अब जेठ जी का लिहाज बिलकुल ही चला गया था , और रमेश की ही तरह मैं उनको महसूस कर रही थी ! आज जेठ जी मूड में थे , जीभ से चूत के अनजान कोनो से भी जान पहचान कर ली ! चपड़ चपड़ जीभ ऐसे मेरी चूत चोद रहा था ! मेरी चूत बुरी तरह फैलने सिकुड़ने लगी थी ! चूत की फड़फड़ाहट मैं साफ़ साफ़ महसूस कर रही थी ! भैया के दोनों हाथ मेरी चुचों को बड़ा करने में लगे थे , आंटे की तरह गूंदते जा रहे थे ! भैया धीरे धीरे मेरी टाँगे फैलाकर , मेरे चूत के मुंह पर अपना लण्ड टिका दिया ! मेरे ऊपर झुककर मेरी एक चूची को मुंह में लेकर गुलगुलाने लगे ! मेरी घुंडी पर दांत लगते ही मैं चिहुंक जाती , दूसरे हाथ से वो दूसरी चूची को दबाते जा रहे थे ! भैया चूची दबाने में इतने मास्टर थे की , चूची को दर्द भी मीठा लगता था ! भैया ने अचानक से चूची की घुंडी को थोड़ा तेज काटा दांत से, मैं जब तक उसका दर्द समझती , भैया के लण्ड का सुपाड़ा चूत के अंदर था, एक चीख सी निकली और मैं तड़पने लगी ! मेरी चीख दूर दूर तक सुनने वाला कोई नहीं था ! भैया अब मेरे होंठ चूस रहे थे ! इतना मीठा लग रहा था उनका चुम्बन की मैं उसी में खो गई , कभी वो मेरे मुंह में जीभ डालकर मुझे चूसते और कभी मैं उनके मुंह में अपनी जीभ डालकर उनके जीभ को चूसती ! मैं इधर चुम्मी के खेल में उलझी रही , और भैया के लण्ड ने आधा रास्ता पार कर लिया ! जब तक मेरे ध्यान अपनी चूत की तरफ जाता भैया अपनी मंजिल से दो इंच दूर थे ! लगता था जैसे किसी ने पूरा हाथ डाल दिया था ! भैया के लण्ड में मुझे कुछ चिकनाहट सी लग रही थी , शायद भैया ने कोई क्रीम लगाया हो ! मेरी चूत भी पानी की सप्लाई लगातार दे रही थी और भैया का भी लसलसा पदार्थ सुपाड़े से बहार छूटा महसूस हुआ था ! आज चूत में उतना दर्द नहीं था , शायद कई कई घंटे भैया का लण्ड चूत में लेकर सोई थी मैं ! भैया अब आखिरी मक़ाम तक पहुंचना चाहते थे, पर चूत इतनी टाइट थी की आगे जाने का नाम नहीं ले रही थी ! भैया वापस लण्ड थोड़ा ऊपर लाते, पर धक्का लण्ड को वहीँ तक जाने देता था ! भैया के लण्ड पीछे करते ही मेरी साँसे चल पड़ती थी , पर धक्का लगते ही रुक जाती थी ! भैया ने मुझे बड़े प्यार से धक्के देने शुरू किये , आज लण्ड काफी अंदर तक जा रहा था पर भैया आखिरी मंज़िल को छूना चाहते थे, वो नहीं हो पा रहा था ! अब धक्के आराम से जा रहे थे , चूत में इतनी ज्यादा चिकनाहट आ गई थी ! मैं तो चाहती थी भैया मुझे बस चोदते रहें , दर्द को मैं भूल चुकी थी ! अब मैं भी नीचे से हलके हलके धक्के लगा रही थी ! भैया बहुत खुश थे की आज वो मुझे ठीक से चोद पा रहे थे ! पता नहीं चला आधा घंटा बीता या एक घंटा , भैया उफान पर थे , शायद अब वीर्य की बरसात होगी , लग रहा था ! मैं तो तीन चार बार पहले झड़ चुकी थी ! एक तूफान सा चला हमारे चुदाई का खेल , मैं पहले गई , पानी का फौवारा छूट गया ! पीछे भैया ने फौवारा छोड़ते हुए , एक जोर का झटका दिया , चूत फट गई और भैया का लण्ड मेरे बच्चेदानी से जा टकराया ! मेरी चीख सुनकर कोई भी डर जाता , पर यहाँ दूर दूर ता कोई नहीं था सुनने को ! मैं दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, लण्ड के सिक़ुरने से राहत तो मिली थी पर चूत की जलन बता रही थी की अंदर भैया ने तोड़ फोड़ कर दी है ! भैया हांफते हुए , मुझे चूमते हुए निढाल हो गए ! एक पहलवान का बोझ मुझे फूलों की तरह लग रहा था ! भैया ने आराम से करवट ली ,और मुझे अपने ऊपर ले लिया ! अब मैं आराम से सोई हुई थी भैया के ऊपर ! चूत का दर्द बीच बीच में याद आ जाता था , पर चुदाई के मज़े में उसको कौन याद करता ! घडी बता रही थी कि रमेश कि फ्लाइट उड़ने को थी , और हमारी लैंड हो चुकी थी ! हम दोनों एक दूसरे के आगोश में एक साथ नींद के आगोश में खो गए !
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12-16-2018, 12:42 AM,
#10
RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
जब मेरी नींद खुली , तो शाम हो चुकी थी , मेरी चूत अभी तक दर्द कर रही थी ! बहुत ज्यादा सनसनाहट सी हो रही थी ! भैया के ऊपर से हटी , तो गाढ़ा वीर्य इधर उधर फ़ैल गया ! उसको साफ़ किया, भैया का लण्ड पोछा , लण्ड की एक हलकी किस ली और बिस्तर से उत्तर गई ! नंगी बाथरूम जाकर चूत की सफाई भी की और नहा भी लिया ! चूत देखकर मैं हैरान हो गई , अभी दो दिन पहले तक दोनों हिस्से होंठ की तरह चिपके होते थे , अब मुंह खुला हुआ था ! अगर रमेश अभी मेरी चूत में लण्ड डालें तो पता भी नहीं चलेगा , की अंदर कुछ गया है ! जेठ जी का लण्ड अपने चूत के घंटों तक अंदर लेने से मुझे अब चुदाई में तो आसानी हो रही थी , पर चूत का शेप बिगड़ना मुझे अच्छा नहीं लग रहा था ! नहाने के बाद नंगी ही बाथरूम से बहार आई , देखा जेठ जी उठ गए थे , मुझे देखकर मुस्कराने लगे ! मैंने नाईट ड्रेस निकला तो भैया ने मन कर दिया , ऐसे ही रहो , अच्छा लगता है !मैं शर्म से मरी जा रही थी , जेठ जी से कम से कम ब्रा पैंटी का अनुरोध किया, भैया ने कहा मैं पहना देता हूँ !भैया ने पहनाते पहनाते भी अपनी शरारतें कर दी ! चूची खूब दबाया और चूत भी सहलाई ! भैया थोड़े मूड में आने लगे थे , मैंने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगी , चूत में दर्द भी बताया ! भैया ने दर्द की एक टेबलेट दी और एक क्रीम से चूत की मालिश भी कर दी ! भैया नहाने चले गए और मैं चाय बनाने ! चाय पीकर हम खुले में छत पर अपने छोटे से गार्डन में आ गए ! भैया का साथ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था , बहुत मज़ाकिया स्वाभाव के थे भैया , मैंने पहले कभी ज्यादा बातें नहीं करती थी भैया से , इसलिए उनके स्वाभाव से मैं परिचित नहीं थी ! मैंने भैया से पूछा की आखिर रमेश को और कमल को किस तरह की प्रॉब्लम है ! भैया ने बताया कि दरअसल ये दोनों ही नहीं , हमारा पूरा गावं और आस पास के गावं के सभी मर्द को ये समस्या है ! असल में हमारे गावं के शुरू में एक बहुत बड़े ग्रुप की केमिकल फैक्ट्री है , उसमें करीब डेढ़ सौ लोग काम करते हैं, जो हमारे और आस पास के गावं के हैं ! कमल वहां काम करता था , लेकिन रमेश पढाई पूरी करने के बाद उसी फैक्ट्री में तीन साल तक कंप्यूटर इंजीनियर था , और बाद में दिल्ली शिफ्ट हो गया ! उस फैक्ट्री से कोई ऐसी गैस निकलती थी , जिसका असर सीधा मर्द को नामर्दी के तरफ ले जाते थे , वीर्य में बच्चा पैदा करने लायक दम नहीं रह जाता था और ऑर्गन भी कमज़ोर हो जाता था , जल्दी ही वीर्य निकल जाता था ! ज्यादातर लोग तो शादी के कई सालों तक अपनी पत्नी का कौमार्य नहीं भांग कर पाते हैं ! मुझे देर से पता लगा , तो मैंने कंपनी में शिकायत की और अब कंपनी ने इस खतरनाक गैस को बहुत कंट्रोल कर दिया है ! मैं तो कंपनी बंद करवाना चाहता था ,पर लोगों की रोज़ी का सवाल था ! हर एक काम करनेवालों का मैं इलाज़ कर रहा हूँ ! रमेश का इलाज़ बहुत सही चल रहा है , अब उसे खुद में कॉन्फिडेंस लाना पड़ेगा , तभी वह सही से सेक्स कर पायेगा ! समय आने पर मैं तुम्हें बता दूंगा , तुम उसके लिए क्या कर सकती हो ! तुम्हारे साथ जो कुछ भी मैं कर रहा हूँ , वो उसका इलाज़ ही समझो ! मेरी समझ में कुछ नहीं आया ! जेठ जी ने पूछा की क्या रमेश शराब पीता है ! मैंने कहा की पार्टी में पी लेते हैं ,लेकिन उनको पीने से ज्यादा जमा करने का शौक है !घर में बहुत सारी विदेशी शराब की बोतलें हैं ! भैया ने मुझसे पूछा की मैं लेती हूँ ! मैंने कहा एक दो बार रमेश ने जिद करके पिला दिया था , पर मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा , और एक पैग में ही मेरी हालत ख़राब हो गयी थी ! चलो आज हम अपने नए रिश्ते को सेलिब्रेट करतें है ! मैंने भी हाँ कर दी , कैसे टाल सकती थी , जेठ पति की बात ! मैंने चिकन की कुछ आइटम फ़ोन पर आर्डर कर दिया ! भैया ने जूस के पैकेट्स भी मंगवा लिए ! रात के नौ बज चुके थे , भैया ने दो पैग बनाये , मेरे वाले पैग को उन्होंने जूस में बनाया था , जिससे मुझे शराब के टेस्ट का पता ही न चला ! हम आराम से शराब पी रहे थे , और इधर उधर कि बातें भी कर रहे थे ! अब मुझ पर नशा छाने लगा , मैं क्या बोल रही थी , मुझ पर कंट्रोल नहीं रहा ! एक दो बार मुझे लगा कि मैंने गाली भी दी है ! भैया और मैं चुदाई जरूर करते थे पर अभी तक हम दोनों बहुत सभ्य भाषा का इस्तेमाल करते थे ! चूत, लण्ड, चुदाई जैसे शब्द मुंह से निकले नहीं थे !भैया भी एक दो बार मेरी बात सुन कर चौंके , पर समझ गए कि मैं पूरे नशे में हूँ ! हम दोनों बेड पर ही बैठे थे , साथ में टेबल पर चीज़ें सजी थी ! मैंने भैया से बोला , भैया पता है , मुझे आपकी चुदाई बहुत अच्छी लगती है , पर एक चीज़ मैं कभी नहीं कर सकती , मैं आपका लण्ड मुंह में नहीं ले सकती , मुझे घिन आती है ! भैया ने पूछा , तुमने कभी टेस्ट किया है ! मैंने कहा 'नहीं' ! फिर तुम कैसे कह सकती हो . बिना टेस्ट किये , दुनिया हर कि औरतें पागल हैं जो , मर्द का लण्ड चूसने को बेक़रार रहती है ! एक काम करो , तुम अभी चूस के बताओ कि कैसा लगा , अगर अच्छा नहीं लगा तो फिर कभी नहीं कहूँगा चूसने को , ये मेरा वादा है ! मुझे सच में घिन आती थी , मैंने सोचा , कि आज के बाद मुझे इससे छुटकारा मिल जायेगा ! भैया का लण्ड अब उठने लगा था ! भैने ने तौलिए उतार दिया , लण्ड सामने था ! मैंने पहले उसको सूंघा , फिर जीभ लगाया और मुंह मैं ले लिया ! कुछ भी बुरा नहीं था , खारा सा टेस्ट था , पर खुशबू बड़ी प्यारी थी ! मैंने लण्ड चूसना शुरू कर दिया , भैया ने मेरा नया गिलास बनाया , शराब थोड़ी ज्यादा डाल दी , और बूँद बूँद कर लण्ड पर गिराने लगे , मैं चाटने लगी ! अब मुझे लण्ड चाटने में मज़ा आ रहा था ! 15 मिनट के अंदर मैंने पैग खाली कर दिया ! अब मैं खड़ी होने लायक नहीं थी , लगा गिर जाउंगी ! भैया ने तकिये के सहारे मुझे लिटा दिया और मेरे मुंह में शराब डालकर ,अपना मुंह सटाकर चूमने के अंदाज़ में अपने मुंह में शराब डलवा लेते ! थोड़ी देर बाद मेरी चूची पर शराब गिराकर , उसको चूसकर और चाटकर साफ़ कर देते ! मेरे पूरे बदन में सिहरन हो रही थी ! बीस मिनट तक यही सब चलता रहा , बस भइया ने मेरे चूत में शराब नहीं डाली , बाकि सारे अंग चूस और चाट चुके थे ! अब भैया मेरी चूत चूसने लगे , सब कुछ वैसा ही था , बस फर्क ये था कि मैं नशे में भैया को कई बार चोदने को बोल चुकी थी ! जब मेरे बर्दाश्त के बाहर हुआ तो मैंने चिल्ला उठी , चोदते क्यों नहीं भैया , फाड़ डालो न मेरी चूत , आग लगी हुई है , जल्दी चोदो न भैया ! भैया का जोश अब उफान पर था ! लण्ड को मेरे चूत पर लगाया और एक झटके में आधी चूत पार कर दी ! मैं बस मुंह खोल पायी, आवाज़ जैसे निकला ही नहीं ! दर्द तो बहुत हुआ होगा पर पर मुझे मज़ा ही आ रहा था ! तीन चार बार हलके हलके धक्के देने के बाद , भैया ने जड़ ता ठूंस दिया लण्ड ! मुझे समझ नहीं आ रहा था कि चीखना भी है , जब तक आगे का सोचती , भैया ने दुबारा धक्का लगाया ! अब तो भैया शुरू हो गए , स्पीड धीरे धीरे बढ़ रही थी , मुझे थोड़ा आराम मिल रहा था ! चूत भी झड़ती जा रही थी ! भइया को आज बहुत मजा आ रहा था , तीन दिन में कुंवारी चूत को सटा सट पेलने में सफल हो गए थे भैया ! मैं चीख रही थी , चिल्ला रही थी , बोलना था कि बस करो भैया , मेरी चूत फट गई ! लेकिन मुंह से निकल रहा था , और चोदो भैया , फाड़ दो अपने छोटे भाई कि कुंवारी बीवी कि चूत ! मेरे बार बार भैया कहने पर भैया को और जोश आ जाता था , और मैं हर बात पर भैया लगाना नहीं भूलती थी ! ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार आया था ! शराब के नशे कि चुदाई ऐसी होती है , आज ही पता चला ! अब भैया कि साँसे उखड रही थी , एक लम्बा शॉट लगाया , और भैया के लण्ड नें मेरी चूत में उलटी कर दी , मैं तो पहले ही खलास थी ! मेरी चूत का भोंसड़ा भैया के लण्ड से हो गया था ! मुझे याद नहीं कौन किसके ऊपर था , पर दोनों बेहोश थे !
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