Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 03:34 PM,
#61
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मुझे गंद मे थोड़ा दर्द ज़रूर हो रहा था पर जैसा की मैने लिखा है, मेरी गंद अब पूरी तरह चिकनी हो चुकी थी, भला हो गंद मारने और मरवाने वाले पॅकेट का.

वो पीछे से मेरी गोल गोल गंद को बहुत ही सेक्सी अंदाज़ मे पकड़े हुए थे जो मेरी गंद का बॅलेन्स सही ऊँचाई रखने मे सहायक हो रहे थे.

अब, जैसे वो मेरी चूत छोड़तें है, वैसे अपने लंड को मेरी गंद मे अंदर बाहर…….. अंदर बाहर करने लगे. वो अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकालते और हर धक्के के साथ, चतुराई के साथ और अंदर तक घुसा देते.

मेरी पूरी तरह से पहली गंद मराई हो रही थी और थोड़े दर्द के बावजूद मुझे मज़ा आ रहा था. मेरी आँखें मज़े के मारे बंद होने लगी. मैं अपनी गंद मरवाई का पूरा मज़ा लूटना चाहती थी. मुझे लग रहा था कि मैं अपनी गंद मरवा कर झाड़ सकती हूँ.

उन के लंड का मेरी गंद मे आना जाना, धक्के लगाना जारी था और थोड़ी ही देर मे मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को अपनी चूत पर टकराते हुए महसूस किया. इस का मतलब अब उनका पूरे का पूरा, लंबा लंड मेरी गंद मे आ जा रहा था. मुझे गंद मे ज़्यादा दर्द भी नही हो रहा था और ये मुझे चूत मे लंड ले कर चुद्वाने जैसा आसान लग रहा था. कुछ वैसा ही मज़ा आ रहा था. सचमुच उस पॅकेट ने मेरी गंद मरवाई कितनी आसान करदी थी. मेरी गंद नरम और चिकनी, बिल्कुल चूत जैसी हो गई थी, जिस ने उनके लंबे और मोटे लंड को अपने अंदर पूरी तरह समा लिया था.मुझे नही लगा था कि मैं गंद मरवाते हुए उनके पूरे लंड को अपनी गंद मे ले लूँगी. अब उनका लंबा लंड , मेरी गंद के अंदर से मुझे अपने दिल के पास पहुँचता लग रहा था. आख़िर मैने उन से पूछ ही लिया कि क्या उनका पूरा लंड अंदर है, तो उन्होने बताया कि हां, पूरा अंदर चला गया है. जिस तरीके से, वो अपना गरमा गरम लंबा और मोटा लॉडा मेरी गंद मे अंदर बाहर घुमा रहे थे, मुझे नशा सा होने लगा. उनकी गंद मारने की बढ़ती रफ़्तार बता रही थी की उनको भी मेरे जितना मज़ा आ रहा था.

मेरी पहले से गीली चूत और गीली और गरम हो गई, उपर से उनके लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली मेरी चूत से हर धक्के के साथ टकरा कर मेरी चूत मे और आग लगा रही थी. मुझे लग रहा था कि उनकी गोलियों की थैली भी मेरी चूत से निकलते रस से गीली हो गई थी.

मैं चाहती थी कि वो मेरी गंद तब तक मारते रहे जब तक उनके लंड का पानी मेरी गंद मे ना निकल जाए.

आप तो जानते ही है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. और कई बार तो मेरी पूरी चुदाई होने के बाद, मेरे एक बार से ज़्यादा झाड़ चूकने के बाद मुझे मेरा हाथ और मूह इस्तेमाल करना पड़ता है उनके लंड रस को निकालने मे. मगर इस बार मैने सोच लिया था कि चाहे जितना समय लगे, मैं उनके लंड रस की बरसात अपनी गंद के अंदर कर्वाउन्गि.

अचानक……. मेरी गंद मारते मारते वो अपना हाथ मेरी चूत पर ले गये और मेरी चूत को, चूत के दाने को मसल्ने लगे, मेरी गीली चूत से खेलने लगे. ये तो सोने पर सुहागा था. दोहरी चुदाई का आनंद. उन का लंड मेरी गंद मार रहा था और उनका हाथ मेरी रसीली, चिकनी चूत से खेल रहा था. उनका लंड तेज़ी से मेरी गंद मे आ जा रहा था और उनकी उंगलियाँ तेज़ी से मेरी चूत मे घूम रही थी.
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08-14-2019, 03:34 PM,
#62
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
गंद मारने की रफ़्तार और चूत मे उंगली घूमने की रफ़्तार, दोनो बढ़ती गई. मेरी गंद का दर्द गायब हो गया था और अब मज़ा ही मज़ा आ रहा था. होटेल के बंद कमरे मे हमारी चुदाई, मेरी गंद मरवाई जारी थी. हम दोनो, ताज़ा ताज़ा शादी किया हुआ सेक्सी जोड़ा, दुनिया से बेख़बर, अपनी पसंद का चुदाई वाले खेल मे मस्त था.

उनके मेरी चूत रगड़ने की वजह से, मेरी चूत मे उंगली करने की वजह से, मैं अपने झड़ने के करीब थी जो उनको मेरी हरकतों की वजह से पता चल गया .

उन्होने मेरी गीली फुददी पर से अपना हाथ हटा लिया और अपना पूरा ध्यान मेरी गंद मारने पर लगा दिया. मेरी गंद मे और उन के लौडे पर क्रीम लगी होने की वजह से, उनके लंड के मेरी गंद मे अंदर बाहर होने पर कुछ अलग तरह की आवाज़ आने लगी. चूत की चुदाई मे ऐसी आवाज़ नही आती है.

मैं झड़ने की ऐसी ऊँचाई पर पहुँच चुकी थी जैसे कि मैं बॉम्ब फटने की तरह झडुन्गि. उनके गरम लंड की गरमा गरम चुदाई से मेरी गंद भी अंदर से गरम हो गई. मैं महसूस कर रही थी कि उनका लंड मेरी गंद मे आते जाते और भी मोटा हो गया है, और भी कड़क, बिल्कुल लोहे के डंडे जैसा हो गया है. वो भी पहली बार मेरी गंद पूरी तरह मार कर भरपूर मज़ा ले रहे थे और बिना रुके मेरी गंद मारते जा रहे थे.

मेरे लिए ये हमेशा फ़ायदे की बात है कि मेरे पति बिना रुके, लगातार मुझे चोद्ते रहें. क्यों कि मुझे पता है कि अगर उन्होने बीच मे चुदाई रोकी तो उनके लंड का पानी निकलने मे और भी ज़्यादा वक़्त लगेगा.

बाहर इतनी ठंड थी पर होटेल के इस कमरे के अंदर चुदाई की गर्मी थी, यहाँ तक कि अगर हम हीटर बंद भी कर्देते तो हम को हमारी चुदाई के कारण ठंड नही लगने वाली थी. मेरी गंद उनके लंड के जबरदस्त धक्के सहन कर रही थी और हम को इतनी गर्मी लग रही थी कि सिर्फ़ पसीना निकलना बाकी था.

मेरी चोद्ने की मशीन……… मेरा पति……. मेरा चोदु……. मेरा प्यारा चुड़क्कड़ मुझे अपनी चुदाई का मज़ा, इस बार मेरी गंद मार कर दे रहा था. चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो चुकी थी और मैं घोड़ी बनी अपने पति से गंद मरवा रही थी.

प्यारे पढ़ने वालों ! मेरे पास शब्द नही है मैं आप को बताऊ कि पहली बार अपने पति से गंद मरवा कर मुझे कितना मज़ा आया. पर मैं जानती हूँ कि आप सब ने मेरी आप बीती पढ़ते हुए ज़रूर महसूस किया होगा.

मेरी गंद मारते मारते वो भी अपनी मंज़िल के पास थे, पर लगातार मेरी गंद मार रहे थे. मेरी चुचियाँ हवा मे झूल रही थी और उनके लंड के मेरी गंद मे हर धक्के के साथ हिल रही थी, नाच रही थी. मेरे पति को मेरे झड़ने के समय के बारे मे पूरा अंदाज़ा है. उनका हाथ फिर से मेरी चूत पर पहुँच कर कमाल करने लगा. तब तक मेरी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मेरा छुट रस निकल कर मेरे पैरो के जोड़ को गीला कर रहा था. उनकी उंगलियों के बीच मे मेरी चूत का दाना मसला जा रहा था. मुझे लग रहा था कि मैं अपनी गंद मरवाई के कारण ही झाड़ जाउन्गि. पर अब उनकी उंगलियाँ मेरी गीली चूत पर जो हरकत कर रही थी, मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी. मेरी चूत और गंद दोनो ही मारी जा रही थी. मैं तो कहती हूँ कि हर लड़की को ज़रूर से गंद मर्वानी चाहिए. मैं पहुँचने वाली थी, झड़ने वाली थी और मैं अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ों को रोक नही पा रही थी.
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08-14-2019, 03:35 PM,
#63
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
” ओह डियर…………. आआहह. आइ लव यू………… ज़ोर से चोदो जान……….. मैं गई………….. बाप रे……………. मैं गई…….. हे भगवान……………. आआआहह ओऊऊओःह्ह्ह्हा हान्ंननणणन्…….. या……….. मैं झड़ी डियर,……….. ऊऊऊहह”

मेरा बदन ऐंठा और और और मैं झाड़ गई, बहुत ज़ोर से, बहुत ज़्यादा, अलग तरीके से, नये तरीके से.

अचानक ही उन्होने पीछे से मुझे पकड़ा और करीब करीब चिल्लाए

“जुलीईईईईई! डार्लिंगगगगगगगगग” और उनका लंड मेरे पहले से क्रीम लगी गंद मे और क्रीम छ्चोड़ने लगा. उनके लंड से हो रही प्यार के रस की जोरदार बरसात मेरी गंद के अंदर होती मैने सॉफ सॉफ महसूस की. हमेशा की तरह उनका लंड नाचता हुआ पानी बरसा रहा था और मेरी गंद उनके लंड रस से भर गई. मैं उल्टी ही बिस्तर पर लेट गई और वो भी मेरे उपर, अपना लंबा लंड मेरी गंद मे डाले, मेरे उपर लेट गये.

धीरे धीरे जैसे जैसे उनका लंड नरम पड़ता गया , उनके लंड का मेरी गंद मे निकला पानी मेरी गंद से बाहर आने लगा.

हम दोनो के लिए ये एक बहुत मज़ेदार चुदाई थी.हम दोनो ही पूरे संतुष्ट थे, वो मेरी गंद मार के और मैं उनसे गंद मरवा के. और सब से खास बात हमारी इस पहली बार गंद मरवाई मे थी वो ये कि हम दोनो ही साथ साथ झाडे थे. और मैं खुश थी कि मैने अपने पति के लंड का पानी अपनी गंद मे लगातार, बिना रुके चुदाई करवा के निकाला था.

उन्होने जब अपना नरम होता लंड मेरी गंद से बाहर निकाला तो उनके लंड से निकला बहुत सारा पानी निकल कर, मेरी गंद की दरार के बीच से होता हुआ, मेरी चूत के पास, चद्दर पर गिर गया .

मैने बाथरूम जा कर अपनी गंद सॉफ की और उनके लंड का पूरा पानी गंद से निकाल दिया.मेरी गंद अंदर से आराम से सॉफ हो गई.

मेरे पति भी बाथरूम मे आए और हम ने साथ साथ गरम पानी से स्नान किया.

मैं यहाँ बताना चाहती हूँ कि अपने हनी मून के दौरान मैने कई बार अपने पति से अपनी गंद मरवाई और हमे पता चला कि एक पॅकेट करीब 15 बार गंद मारने के लिए काफ़ी है. हम ने वापस आने के पहले 10 पॅकेट्स खरीद कर साथ ले लिए ताकि जब भी हमारा मन करे, हम गंद मारने और गंद मरवाने का मज़ा ले सकें.

प्यारे दोस्तों! मैं आप को कहना चाहती हूँ कि गंद मारने और गंद मरवाने मे बहुत मज़ा आता है पर इस मे बहुत सावधानी रखने की ज़रूरत है. ये बहुत आम है कि मर्द को गंद मारते वक़्त इन्फेक्षन हो सकता है अगर वो कॉंडम ना लगाए या मारने वाली गंद अंदर से पूरी तरह सॉफ ना हो. अगर किसी मर्द को गंद मारने की वजह से इन्फेक्षन हो जाता है तो वो जिस औरत की चूत मे वो लंड डालेगा, उस औरत के चूत मे भी इन्फेक्षन हो जाएगा.

इसलिए, मेरा ये कहना है कि सब को चुदाई का पूरा मज़ा लेने का हक़ है, चाहे चूत चुदाई या गंद चुदाई, पर पूरी सावधानी ज़रूरी है. जहाँ तक गंद मारने और मरवाने वाले पॅकेट का सवाल है, अभी ये अपने देश मे नही मिलता है पर उम्मीद है कि जल्दी यहाँ भी ये गंद मारने और मरवाने के शौकीनों को मिलने लगेगा. तब तक गंद मारते और मरवाते वक़्त कॉंडम का ज़रूर इस्तेमाल करें.

क्रमशः............................
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08-14-2019, 03:35 PM,
#64
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली--16

गतान्क से आगे...........................

प्यारे दोस्तों,

जिंदगी मे सिर्फ़ चुदाई के बारे मे लिखना एक कठिन काम है और खास कर के एक लड़की के लिए. जैसा कि मैने आप को बताया है, मैने अलग अलग प्रकार से चुदाई करवाई है और वो आप को बताने मे कभी भी पीछे नही रही हूँ.

मेरे रास्ते मे कई रुकावटें आई, कुछ लोग मुझे पसंद नही करते, शायद वो मेरे उनके साथ चुद्वाने को ना कहने की वजह से मुझे पसंद नही करते. मैने पहले ही कहा है कि अपनी चुदाई के बारे मे लिखने का ये मतलब नही है कि कोई भी मुझे चोद सकता है.

ऐसे लोग मेरी मैल भी हॅक करने की कोशिश करतें है जिसकी वजह से मैं कई बार मैल भेज नही सकती और पा भी नही सकती.

खैर, इन सब ने मुझे और भी मज़बूत किया है.

अब पेश है मेरा नया कारनामा, शादी के बाद चुदाई…….

मैं उन भाग्यशाली लड़कियों मे हूँ जो एक बहुत ही खूबसूरत, सुखी और संतुष्टि के साथ चुदाई की जिंदगी जी रही है. मैने अपनी शादी के पहले भी कई बार शानदार चुदाई करवाई है और अब शादी के बाद और भी शानदार चुदाई करवा रही हूँ. इस का कारण शायद शादीशुदा होने के बाद चुदाई का परमिट मिलना है, खास कर के अपने देश मे.

आप सब को तो पता ही है कि किसी भी जोड़े की प्यार मे अंतिम मंज़िल होती है चुदाई, भले ही वो प्रेमी जोड़ा हो, पति पत्नी हो या किसी और प्रकार का मर्द – औरत का जोड़ा हो.. ये बात सब पर लागू है चाहे वो मर्द औरत का जोड़ा हो, दो औरतो का जोड़ा हो, दो मर्दों का जोड़ा हो या सामूहिक संभोग हो. सब की मंज़िल एक ही है और वो है चुदाई, पर मेरा ये मान ना है कि चुदाई एक कला है. आप चुदाई को हमेशा एक नया रूप दे सकतें है, अलग अलग जगह पर, अलग अलग तरीके से और हमेशा कुछ नया करके चुदाई को बहुत ही शानदार बना सकतें है.

बहुत से लोग इस कला को जानते है और मेरे जैसी लड़की तो हमेशा हर चुदाई को एक नई चुदाई समझती है. वरना, आप को पता है कि चुदाई मे कुछ नया नही है, चूत मे लंड डालो और चुदाई कार्लो. चुदाई इस धरती का सबसे पुराना खेल है और इस को हमेशा नया बना कर रखना चाहिए. शायद आप मेरी बात से सहमत होंगे.

अब तक मैने आप को मेरे हनी मून के बारे मे बताया जो हम ने युरोप मे मनाया था जहाँ मैने पहली बार अपने पति से पूरी तरह गंद मरवाने के मज़े लिए थे. मैने कभी भी नही सोचा था कि गंद मरवाने मे भी इतना मज़ा आता है. मेरे पति भी गंद मारने के आनंद से इस से पहले अंजान थे क्यों कि उन्होने भी पहली बार किसी की गंद मारी थी. अब गंद मरवाना मेरी चुदाई की जिंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा बन चुका है. मैं रोज तो गंद नही मरवाती, पर जब भी हम दोनो का मन होता है, वो मेरी गंद मारते है और मैं गंद मरवाती हूँ. कई बार अपने पति से गंद मरवा चूकने की वजह से मेरी गंद का छेद और अंदर का भाग कुछ बड़ा हो चुका है और अब मुझे उनका बड़ा और मोटा लंड अपनी गंद मे लेने पर बिल्कुल भी दर्द नही होता, सिर्फ़ मज़ा आता है, वो भी दोनो को.

मुझे दूसरी औरतों के बारे मे तो पता नही है जो अपने साथी से गंद मरवाती है, पर मैं तो गंद मरवा कर बहुत ज़ोर से झड़ती हूँ. ये एक और रास्ता है चुदाई के मज़े लेने का.

हम अपने लंबे, तीन साप्ताह के हनी मून से वापस आए और मेरे पति उसके एक साप्ताह के बाद देल्ही चले गये क्यों कि उनकी छुट्टियाँ ख़तम हो गई थी.

आप की जानकारी के लिए बता दूं कि वो देल्ही मे एक MणC मे मार्केटिंग हेड है. मेरा अधिकतम समय मेरे सास ससुर के साथ बीत रहा था और मुझे कभी भी ऐसा नही लगा कि मैं इस घर मे नई हूँ. आप सब जानते है कि मैं कितनी सेक्सी हूँ और अपने आप को चुदाई से दूर ज़्यादा दिनों तक नही रख सकती. मेरे दिन तो आराम से अपने सास ससुर के साथ निकल रहे थे मगर रातें अपने पति के बिना बहुत लंबी लग रही थी. इस दौरान मैं अपने पति से करीब दो साप्ताह तक दूर रही थी मगर हम फोन पर रात को घंटो बात किया करते थे. हम बहुत सेक्सी बातें करते हुए एक दूसरे को काफ़ी गरम कर देते थे. सेक्सी बातें करते हुए हम दोनो ही अपने हाथ इस्तेमाल करके, वो अपने लंड को और मैं अपनी चूत को शांत करते थे. मेरी पुरानी आदत है कि मैं रात को अपने बिस्तर मे बिना कपड़ों के, नंगी ही सोती हूँ. मुझे बिस्तर मे नंगा सोना ही पसंद है चाहे मैं अकेली हूँ या फिर अपने पति के साथ. ज़्यादातर हम रात को 11 बजे बात करते थे. वो मुझे पूछते थे कि दिन मे मैने क्या क्या किया और जल्दी ही हमारी बातें प्यार की बातों मे, चुदाई की बातों मे बदल जाती थी. वो हमेशा मुझे मेरी चुचियों के बारे मे, गंद के बारे मे और मेरी चूत के बारे मे पूछते थे और मैं उनको उनके चुदाई के औज़ार लौडे के बारे मे पूछती थी. आप मेरे जैसी सेक्सी लड़की की हालत समझ सकतें है जो अपने चुदाई के जोड़ीदार से दूर थी. लेकिन, ये जुदाई का समय भी निकल गया और अब समय आ गया था कि मैं उनके पास जा रही थी, अपने नये घर मे, अपने चोदु के पास, अपने चुड़क्कड़ पति के पास, मेरा नया घर मेरी चुदाई का इंतज़ार कर रहा था.
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08-14-2019, 03:35 PM,
#65
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैं हवाई जहाज़ से देल्ही पहुँची. वो मुझे लेने आए थे. हम इतने पागल हो गये थे कि एरपोर्ट से घर जाते समय कार मे ही शुरू हो गये. उन्होने कई बार चलती कार मे मेरी चुचियाँ दबाई जो मुझे गरम होने के लिए काफ़ी था. मैने भी उनके तने हुए लौडे को उनकी पॅंट के उपर से ही पकड़ कर कई बार हिलाया. रात काफ़ी हो चुकी थी इसलिए सड़क पर भीड़ नही थी. जो भी संभव था, वो हम ने चलती कार मे घर जाते वक़्त किया. मौसम सर्दी का ज़रूर था पर हम दोनो तो चुदाई की गर्मी मे जल रहे थे.

मैं अपने पति के साथ मेरे नये घर पर पहुँची. हमारा घर एक बहुमंज़िली इमारत मे तीसरी मंज़िल पर है. हम ने मेरा समान घर मे रखा और मैं अपना नया घर देखने लगी. ये बहुत बड़ा घर है, दो बड़े बेड रूम बाथरूम के साथ, एक मेहमान बेडरूम बाथरूम के साथ, एक समान घर, बड़ी रसोई, बाहर का बड़ा कमरा और अलग से बाथरूम. दोनो बेडरूम के बाहर बड़ी बड़ी बाल्कनी भी है. कुल मिलकर एक बहुत बड़ा घर शहर के बीचों बीच.

हम दोनो तो एक दूसरे के बिना प्यासे थे . हम सीधा अपने बेडरूम मे गये जहाँ एक बहुत बड़ा पलंग हमारा इंतेज़ार कर रहा था. हम ने जल्दी जल्दी एक दूसरे के कपड़े खोले और एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे भर लिया. उन्होने मेरे इंतेज़ार करते गरम होठों को चूमा और मैं सेक्सी होने लगी. मेरी चूत तो पहले से हो गीली थी जब कार मे वो मेरी चुचियाँ दबा रहे थे और मैं उनके गरम लंड को पकड़ कर हिला रही थी. उनका लॉडा भी मेरे नंगे बदन को छू कर और भी कड़क हो गया. हमेशा की तरह, कमरे की रोशनी चालू थी और हम एक दूसरे के नंगे बदन को आराम से सॉफ देख रहे थे. हम करीब 15 दिन बाद मिल रहे थे और हम दोनो ही जल्दी से जल्दी चुदाई कर के अपनी चुदाई की गर्मी को शांत करना चाहते थे. वो मुझे बिस्तर मे ले गये जहाँ मैं अपनी पीठ के बल लेट गई. उन्होने फिर से मेरी चुचियाँ मसली और मैने चुदाई की चाह मे अपनी टांगे चौड़ी करली. वो मेरे चौड़े पैरों के बीच बैठे और मेरे पैर अपने कंधों पर रखे.

अब मेरी चिकनी, रसीली, सफाचट और प्यारी सी चूत उनके सामने थी और मेरी चूत के खुले होंठ उनको अंदर आने का निमंत्रण देने लगे. उन्होने भी ज़्यादा देर नही लगाई और अपने लंड का मूह मेरी गीली चूत के मूह पर रखा. मेरी चूत ने उनके लंड का स्वागत किया और उनके खड़े लौडे के एक जोरदार धक्के ने उनके लंड को करीब करीब आधा मेरी गीली चूत के अंदर पहुँचा दिया. उनके गरम लंड को अपनी चूत मे 15 दिन बाद ले कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अपना लंड पूरी तरह मेरी चूत मे उतारने के लिए उन्होने अपने चुदाई के हथियार को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगाया. अब तो उनका पूरे का पूरा, लंबा, मोटा और गरम लंड मेरी रसीली चूत मे घुस चुका था. मेरे पैर उनके कंधों पर और उनके हाथ मेरी गंद के नीचे मुझे सहारा दे रहे थे. हम अपना चुदाई का सफ़र करने को तय्यार थे. मेरे पैर उनके कंधों पर होने के कारण उनका लंबा लंड मेरी रसीली फुद्दि मे गहराई तक घुस चुका था.
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08-14-2019, 03:35 PM,
#66
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
बिना देरी किए उन्होने अपना लॉडा मेरी चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर्दिया था. उनके लंड का मेरी चूत मे हर धक्का मुझे मज़े की अलग ही दुनिया मे ले जा रहा था और आनंद से मेरी आँखें बंद हुई जा रही थी. मेरा प्यारा पति, मेरा चोदु, मेरा चुड़क्कड़ पति मुझे चोद्ने मे मगन था. उनको, उनके लंड को भी 15 दिन बाद मेरी चूत मिली थी इस लिए वो जल्दी जल्दी अपना लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर कर रहे थे और ज़ोर ज़ोर से लंड के धक्के लगा रहे थे, चोद रहे थे जिसकी वजह से वही चुदाई का मेरा पसंदीदा संगीत मेरे नये घर के नये बेडरूम मे गूंजने लगा. मैं उनके लंबे लंड के तेज और जोरदार झटकों, धक्कों का मेरी गीली चूत मे स्वागत करती जा रही थी.

वो मुझे इतनी तेज़ी से, मेरी चूत के इतने अंदर तक मुझे चोद रहे थे कि जल्दी ही मैं अपने झड़ने की तरफ, चुदाई की मंज़िल की तरफ बढ़ने लगी. मेरा बदन ऐंठने लगा और ये देखकर उनकी चूत चुदाई की रफ़्तार और भी बढ़ गई. मेरे मूह से सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी ” ओह डियर……. हां जानू…………. आइ लव यू जान………. ओह………………. आ…….आ…..ऊऊहह……….. आआअहह ……….. हां……… चोदो……

मेरे बदन का सारा खून मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगा और मेरा बदन, झड़ने के पहले अकड़ने लगा और ऐंठने लगा. जल्दी ही, मैने अपने पैर उनकी गर्दन पर कस लिए क्यों कि मैं पहुँच चुकी थी, झाड़ चुकी थी, बहुत ज़ोर से झाड़ चुकी थी. आख़िरकार, 15 दिन बाद ही सही, मेरे पति ने चोद कर मुझे जोरदार तरीके से झड़ने का मज़ा दिया. मैं झाड़ गई ये जान कर उन्होने मुझे चोद्ना बंद किया, लंड के धक्के मेरी चूत मे रुक गये. उनका चुदाई का औज़ार, उनका लंबा और मोटा चुड़क्कड़ लंड अभी भी मेरी चूत मे अंदर तक फँसा हुआ था, घुसा हुआ था जो कि मुझे बहुत अच्छा एहसास दे रहा था. मैं अपनी चूत को उनके लंड पर भींच रही थी. मैं जानती थी कि हमेशा की तरह मेरे पति अभी भी अपनी चुदाई के बीच मे है, उनके लंड से प्रेम की बरसात होनी अभी बाकी है. मैने उनकी चुदाई से दुबारा झड़ने का सोचा ताकि तब तक उनके लंड रस को अपनी चूत मे भरलूँ.

मैने उनके कंधे से मेरे नंगे पैर नीचे किए. उनका लॉडा अभी भी मेरी चूत के अंदर इंतज़ार कर रहा था मुझे दोबारा चोद्ने के लिए. मैने अपने पैर बिस्तर पर चौड़े किए. वो मेरे उपर आए और मेरे चेहरे को हाथों मे लिया. मेरी गुलाबी निपल्स उनकी बालों बाहरी छाती मे दब रही थी. उन्होने अपने होठों से मेरे होठ पकड़ लिए और मेरी चूत मे अपना लंड आगे पीछे, अंदर बाहर करते हुए चुदाई की दूसरी पारी शुरू की.

हम गहरे चुंबन मे थे और उनकी गंद उपर नीचे हो रही थी और मेरी गोल गोल चुचियाँ उनकी छाती मे दब रही थी जब भी वे अपने कड़क लंड को मेरी गीली चूत मे अंदर बाहर करते थे.

मैं अपनी चुदाई की दूसरी पारी खेल रही थी और उनके लंड रस की बौछार अपनी रसीली चूत मे करवाने के मज़े की तरफ बढ़ रही थी. उन के लंड के मेरी चूत मे आने जाने से कमरे मे एक बार फिर से चुदाई का संगीत बिखरने लगा. मुझे लग रहा था जैसे उनका लंड मेरी चूत मे और भी गरम हो गया है, और भी सख़्त हो गया है.

हम दोनो ही अपनी चुदाई की मंज़िल के करीब थे. मैने भी अपनी गंद उपर नीचे करते हुए हर धक्के मे उनका साथ देना शुरू कर्दिया. वो और भी जोश मे आ गये और उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार बढ़ा दी. वो मुझे तेज़ी से चोद रहे थे और मैं तेज़ी से चुद्वाती हुई अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ने लगी. मेरी दूसरी बार झड़ने की तय्यारी थी और मैं चाहती थी कि हम साथ साथ झदें.

मैं करीब करीब चिल्लाति हुई बोली ” ओह डार्लिंगगगगगगगगग. मैं तो गैिईईईई………. ओह आअहह…….. ऊऊओह”

वो बोले ” बस……….. मैं भी आया जुलीईई. तुम्हारे साथ ही आया”
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08-14-2019, 03:40 PM,
#67
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
वो बहुत ही ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, मेरी चूत मे अपने लंड के धक्के लगा रहे थे और …… और………. एक जोरदार झटके के साथ हम दोनो साथ साथ अपनी चुदाई की मंज़िल पर पहुँच गये. मैं दूसरी बार झाड़ चुकी थी. उन्होने अपने लंड से गरम गरम लंड रस की बरसात मेरी चूत की गहराइयों मे की और उनका लंड नाच नाच कर पानी छ्चोड़े जा रहा था. हम दोनो ही चोद्ने और चुद्वाने के स्वर्ग मे थे.

वो मेरे उपर लेटे हुए थे और मैने अपने पैर उनकी गंद पर जाकड़ लिए. काफ़ी देर तक हम बिस्तर पर यौं ही पड़े रहे. कुछ देर बाद मैने महसूस किया कि उनका कड़क लॉडा मेरी चूत मे अब नरम पड़ने लगा है. उनके लंड से मेरी चूत मे छ्चोड़ा गया पानी मेरी चूत के रस मे घुला मिला मेरी चूत से बाहर आने लगा.

वो मेरे उपर से नीचे उतरे तो मैने उनके गाल पर चुंबन लिया और बाद मे उनके नरम पड़ते लंड को चूम लिया. उनके लंड रस के साथ मैने अपना चूत रस भी चखा. हमेशा की तरह रस स्वदिस्त था. मैं अपने आप को सॉफ करने के लिए बाथरूम मे गई और जब वापस आई तो मेरे हाथ मे एक मुलायम, छ्होटा तौलिया था जिस से मैं अपनी गीली चूत साफ कर रही थी. वो भी बिस्तर से उठे और मुझे आलिंगन करने के बाद बाथरूम गये. बातरूम का दरवाजा खुला था और मैने उन्हे खड़े रह कर मूत ते साफ साफ देखा.

एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे भरे हम प्यार भरी बातें करने लगे की कैसे हम ने जुदाई के दिन निकाले थे. और इसी तरह बातें करते करते हुए हम ना जाने कब सो गये.

सुबह मैं उनसे पहले जाग गई और किचन मे चाइ बनाने आई. यहाँ सब कुछ मेरे लिए नया था पर मुझे चाइ बनाने का पूरा सामान आसानी से मिल गया. चाइ लेकर मैं फिर से बेडरूम मे उनको जगाने के लिए आई. मैने देखा कि वो अपनी पीठ के बल सोए हुए हैं और उनका लंड खड़ा हुआ था जैसे मुझे सलाम कर रहा था. मैं अपनी मुस्कराहट नही रोक सकी.

चाइ की ट्रे साइड टेबल पर रख कर मैने उनका खड़ा लंड पकड़ कर, उनके होठों पर चुंबन दिया. तुरंत ही उनकी आँख खुली. मैं भी अभी तक नंगी थी और हम दोनो ने अपनी सुबह की चाइ नंगे ही, साथ साथ पी. चाइ पीने के बाद उन्होने मुझे अपने उपर खींच लिया तो मैं समझ गई कि मेरी सुबह की चुदाई होने वाली है. मैं तो हमेशा ही चुद्वाने के लिए तय्यार रहती हूँ और एक बार फिर सुबह सुबह हमारे बीच चोद्ने और चुद्वाने का खेल होने वाला था.

ये एक फटाफट चुदाई थी. उन्होने मुझे चोद कर झाड़ दिया था और फिर हम साथ साथ बाथरूम गये जहाँ मैने उनके गरम, खड़े हुए लंड को अपने मूह मे ले कर, गरम पानी के फव्वारे के नीचे, उनका लंड रस निकाल कर पिया.

हमने साथ साथ स्नान किया और और बाथरूम से बाहर आए. उन्होने किचन मे नाश्ता बनाने मे मेरी सहयता की क्यों कि मुझे नही पता था कि कौन सा सामान कहाँ पड़ा है. हम ने साथ साथ नाश्ता किया और फिर वो बेड रूम मे ऑफीस जाने के लिए तय्यार होने चले गये.

बाहर का मौसम थोड़ा ठंडा था पर घर मे इतनी ठंड नही लग रही थी. मैं बिना बाहों का टॉप पहने थी जिसके अंदर ब्रा नही थी और छ्होटा स्कर्ट पहने थी जिसके नीचे चड्डी नही पहनी थी. घर का दरवाजा और सभी खिड़कियाँ बंद थी. मैने अपना सामान खोला और अपने कपड़े निकाल कर बेडरूम की आलमरी मे रखे. दूसरा सामान जो मैं साथ लाई थी, उस को भी सही जगह पर रखा.

फिर मैं एक कागज और पेन ले कर उन चीज़ों की लिस्ट बनाने लगी जिसकी मुझे मेरे नये घर मे ज़रूरत थी. दोपहर तक मेरी लिस्ट तय्यार हो गई. मुझे पता था कि आने वाले दिनों मे मैं अपना घर जमाने मे काफ़ी व्यस्त रहने वाली हूँ और मैं इसके लिए तय्यार थी.

अब…………… मैं आप को मेरी दिनचर्या के बारे मे बताना चाहती हूँ. हमारे दिन की शुरुआत ही चुदाई से होती है. सुबह सुबह उनसे चुद्वाना करीब करीब रोज़ सुबह का काम था, कभी बेडरूम मे, कभी बाथरूम मे और कभी किचन मे. हम हमेशा ही साथ साथ स्नान करतें है. मैं नाश्ता बनती हूँ और हम साथ साथ नाश्ता करतें हैं. इसके बाद वो करीब 9.30 बजे ऑफीस चले जातें हैं. पहले जब तक हमारे घर पर कोई कामवाली नही थी तब तक मैं पूरे घर का काम, सॉफ सफाई करती थी. अब उपर का काम करने के लिए हमारे घर पर कामवाली है.
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08-14-2019, 03:40 PM,
#68
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैं दोपहर का खाना बना कर अपने पति का इंतज़ार करती हूँ. उनका ऑफीस हमारे घर के पास ही है, इसलिए वो मेरे साथ गरम खाना खाने के लिए हर रोज़ घर आते हैं. उनका लंच टाइम 1.30 से 2.30 है. वो 1.40 तक घर पहुँच जातें हैं. हम साथ साथ खाना खतें हैं और कई बार खाना खाने के पहले या खाना खाने के बाद हमारे बीच एक फटाफट चुदाई हो जाती है.

उनके वापस ऑफीस जाने के बाद मैं कंप्यूटर पर बैठती हूँ और अपने चाहनेवालों की मैल का जवाब देती हूँ. अब मैं फालतू और मुझे चोद्ने की चाहत वाली मैल का जवाब नही देती. मैं करीब करीब शाम तक कंप्यूटर पर बैठती हूँ. मेरे पति शाम को ज़्यादातर 6.00 और 6.30 के बीच घर पर आ जातें हैं.

उन के घर आने के बाद हम चाइ पीतें है. हम साथ साथ बैठ कर कई विषयों पर बात करतें हैं, और कभी कभी हम कपड़े पहने हुए ही एक दूसरे की पकड़ा पकड़ी करतें हैं, कभी कभी कपड़े खोल कर पकड़ा पड़ी करतें है, कभी कभी चुदाई भी करतें है और कभी कभी खरीद दारी करने या घूमने के लिए बाहर जातें हैं. अगर हम को वापस आने मे देर होती है तो हम रात का खाना बाहर ही खा कर आते हैं.

रात मे, हमारे बेडरूम मे फिर से चुदाई का तूफान उठता है. अब तक, दिन मे रोजाना हम कम से कम दो बार या तीन बार ज़रूर चुदाई करतें हैं.

अब………….. मेरे अपने पति से रोजाना चुदवाने के सिवाय मैं आप को कुछ अलग तरीके की बातें बताने जा रही हूँ ताकि आप को भी मज़ा आए.

हम को हमारे घर के लिए नया फर्निचर, ज़रूरत और घर के नक्शे के अनुसार बनवाना था. मेरे पति के एक दोस्त ने कार्पंटर का बंदोबस्त किया था. वो 4/5 आदमी थे जो सुबह 9.30 बजे से शाम को 6.00/6.30 बजे तक काम करते थे. ज़्यादातर वो अपना दोपहर का खाना अपने साथ ले कर आते थे और कभी कभी, कोई कोई बाहर भी जाता था खाना खाने के लिए. मैं उनको दिन मे दो/तीन बार चाइ पिलाती थी.

घर मे काम चालू होने की वजह से मैं ज़्यादातर अपने बेडरूम मे या किचन मे ही रहती थी. उनमे ज़्यादातर काम करने वाले जवान लड़के थे. मैं उनके सामने पूरे कपड़े पहनती थी. आप कहेंगे कि ये तो सामान्य बात है, इसमे नया क्या है?

अब मैं आप को बता रही हूँ कि इसमे नया क्या है. मैं आप को बताना चाहती हूँ कि मेरी एक इंटरनेट दोस्त है जिस के साथ मैं अपनी हर बात शेर करती हूँ. ( मैं यहाँ उसका नाम नही बताने वाली पर पढ़कर वो समझ जाएगी कि मैं उसकी बात कर रही हूँ ) उस ने एक दिन मुझसे कहा कि मैं काम करने वालों को ध्यान से देखूं. उसने मुझ से कहा कि भले ही मैं पूरे कपड़े पहनूं, पर मैं इतनी सेक्सी हूँ कि ज़रूर काम करने वाले भी मुझे देख कर गरम हो जाते होंगे. उनके चुदाई के औज़ार, उनके लंड उनके कपड़ों के अंदर मुझे देख कर ज़रूर हलचल मचाते होंगे. दोस्तों, सही बात तो ये है कि मैने ऐसा सोचा भी नही था. इसका पूरा पूरा श्रेय मेरी दोस्त को जाता है जिसका इतना सुंदर आइडिया था. अब मैं उनको ध्यान से देखने लगी. हे भगवान………… हे भगवान…….. मेरी दोस्त कितनी सही थी. मैने उन लोगों के लौडो को उनके पयज़ामों के अंदर खड़े होते देखा. वो जब भी मुझे रसोई मे काम करते देखते, चलते देखते, उनके पयज़ामों मे हलचल होने लगती. मेरे लिए ये अनुभव बिल्कुल नया था. मैं जब भी कंप्यूटर पर बैठती, मैं उनपर नज़र रखती थी और उनको कंप्यूटर स्क्रीन पर देखती रहती थी. उन लोगों को ये पता नही था कि मैं उनपर नज़र रख रही हूँ. कभी कभी मुझे थोड़ा डर भी लगता था कि मैं घर मे अकेली हूँ, कहीं वो सब मिल कर मुझे चोद ना दे. पर शुक्र है भगवान का, ऐसा कुछ नही हुआ. मैने उनको अपने अपने लंड को कपड़ों के उपर से मसल्ते देखा और वो सोच रहे थे कि उनको कोई नही देख रहा.

हालाँकि गरम और सेक्सी तो सब होते थे, पर खास कर के उनका लीडर, जो एक सरदार था, लगता था कि वो तो मुझपर बहुत ही मरता था. उस सरदार के लंड को उसके पयज़ामे के अंदर खड़ा देख कर लगता था कि उसका लॉडा काफ़ी लंबा है जिस को वो बार बार मसलता था. मैं हमेशा देखती थी कि मुझे कुछ देर देखने के बाद वो बाथरूम जाता था जहाँ वो काफ़ी समय लगाता था. वो ज़रूर बाथरूम मे जा कर खुद ही अपने लंबे लंड पर, मुझे याद करके मूठ मारा करता था.
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08-14-2019, 03:41 PM,
#69
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने अपनी दोस्त के कहने पर ये सब अपने पति को भी बताया. और………. और…….. मेरी दोस्त बिल्कुल सही कहती थी. सरदार के लंड को उसके पयज़ामे मे खड़ा होता हुआ देख कर मेरे पति का लंड भी झटके के साथ खड़ा हो गया था. उस के बाद बेडरूम अंदर से बंद करके हम ने जंगलियों की तरह चुदाई की और मैने पाया कि मेरे पति का लॉडा मुझे चोद्ते हुए और दिनों के मुक़ाबले ज़्यादा ही सख़्त है.

क्यों कि हमारी नई नई शादी हुई थी, मेरे पति के दोस्त हम को बारी बारी से खाने के लिए अपने घर बुलाने लगे थे. हर साप्ताह हमारा रात का खाना उनके किसी ना किसी दोस्त के घर पर होता था. मेरे पति और उनके सब दोस्त ये बड़े गर्व के साथ कहतें हैं कि उनकी औरतों मे मैं सब से खूबसूरत और सबसे सेक्सी औरत हूँ. मैने कई बार देखा है क़ी उनका हर दोस्त किसी ना किसी बहाने मेरे नज़दीक आने की कोशिश करता है, मुझे छुने की कोशिश करता है.

इसी तरह हँसी खुशी मे, चुदाई मे, मस्ती मे मेरे दिन बीतने लगे और एप्रिल के महीने मे हम फिर से गोआ आए क्यों कि मेरे ससुरजी का जनमदिन था. मेरे पति तो तीसरे ही दिन वापस देल्ही लौट गये और मेरी सासू मा के कहने पर मैं कुछ और दिनों के लिए उनके पास रुक गई.

मैं गोआ मे और मेरे पति देल्ही मे थे. दो प्यार करने वाले, चुदाई करने वाले, चुदाई के चुड़क्कड़ जोड़ीदार एक दूसरे से अलग थे. देल्ही मे मेरे पति अपने हाथों से, अपने आप ही मूठ मार कर अपने लंड से पानी निकालते थे और मैं भी अपने आप ही, मेरी चूत मे उंगली करके चूत की खुजली मिटती थी. कभी कभी मैं चूत मे मोमबत्ती डाल कर भी खुद ही अपनी चूत को चोद देती थी.

एक सुबह, मुझे अंजू की याद आई. ( आप शायद भूले नही होंगे कि अंजू मेरे ससुराल के, पड़ोस मे रहने वाली, मेरे पति के दोस्त की पत्नी है जिसको की उसका पति चोद नही पाता था और वो मेरे पति से चुद्वाया करती थी. हम तीनो ने भी, मैने, मेरे पति ने और अंजू ने मेरी शादी के पहले एक बार सामूहिक संभोग भी किया था.) दोपहर का खाना खाने के बाद मैं उस से मिलने उस के घर गई. मेरी खुसकिस्मती थी कि उसके सास ससुर बाहर गये हुए थे, पति ऑफीस मे था और वो घर पर अकेली थी. वो मुझे देख कर बहुत आश्चर्यचकित और खुश हुई. पर मैने उदासी सॉफ सॉफ उसके चेहरे पर देखी.
मैं – हाई अंजू…….

अंजू – हाई जूली…….

मैं – क्या बात है ? सुस्त लग रही हो.

अंजू – हां यार. और तुम को पता है कि क्यों सुस्त हूँ.

मैं – हां. मुझे पता है. क्या अभी भी तुम्हारा पति वैसा ही है ?

अंजू – हां यार ! ये मेरी बदक़िस्मती है. वो हमेशा कोशिश करतें है और हमेशा ही अंदर डालने के पहले ही उनका पानी निकल जाता है. मुझे समझ मे नही आता कि क्या करूँ. लगता है मेरी किस्मत मे यही सब लिखा है.

मैं – फिर तुम संतुष्ट होने के लिए क्या करती हो ? क्या कोई दोस्त है चोद्ने वाला ?

अंजू – नहीं यार. कोई दोस्त नही है. मेरी सासू मा दिन भर घर मे रहती है और मुझे कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नही पड़ती. दोस्त कैसे बनेगा और बन भी गया तो बहुत मुश्किल है उस से चुद्वाना. मैं तो रात को बिस्तर मे अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके ही अपनी जलन मिटाती हूँ.

मुझे उसकी बातें सुन कर बहुत दुख हुआ. एक सुंदर, जवान, शादीशुदा औरत, पर चुदाई के लिए तरसती है.

मैने उसको बाहों मे भर्लिया तो उसने भी मुझे जाकड़ लिया. मैं महसूस कर रही थी कि वो बहुत ही गरम है, सेक्सी है. मेरे दिमाग़ ने मुझसे कहा कि ये अच्छा मौका है दो सेक्सी औरतों के बीच मे चुदाई का खेल खेलने का.

मैं बोली – तुम्हारी सासू मा कब तक आएगी ?

अंजू – शायद शाम तक. सासू मा और ससुरजी, दोनो किसी सगे वाले के घर गये है.

समय हमारे साथ था. हम दोनो के अंदर चुदाई का शोला भड़कने लगा. दो सेक्सी औरतें भी आपस मे चुदाई का पूरा आनंद ले सकती है. अंजू मेरी तरफ देख कर मुस्कराई. उस ने घर का दरवाजा अंदर से बंद किया और हम दोनो उसके बेडरूम मे आ गई.
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08-14-2019, 03:41 PM,
#70
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम दोनो को अपने अपने कपड़े उतार कर नंगी होने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. मैने अपने कपड़े संभाल कर सोफा पर रख दिए क्यों कि मुझे वही कपड़े पहन कर चुदाई के बाद अपने घर जाना था. मैं नही चाहती थी कि मेरे कपड़े देख कर किसी को पता चले कि मैं चुद कर या चोद कर आ रही हूँ.

वो भी चुदाई के लिए मेरी तरह प्यासी थी और उसने मुझे पकड़ कर मेरे नंगे बदन को बिस्तर पर खींच लिया. मैने अपने होंठ उसके रसीले, गरम होठों पर रख दिए और हम एक बहुत गहरे, गरम और लंबे चुंबन मे खो गयी. चुंबन के दौरान मैं उसकी, मेरे से ज़रा छ्होटी चुचियों से खेल रही थी और वो मेरी चुचयों और निपल्स को दबाने और मसल्ने लगी. मैने महसूस किया कि चुदाई हमारे दिमाग़ पर च्छा गई और उत्तर मे हम दोनो की चूत अपने ही रस से गीली होने लगी. हमारे प्यार की जगह, प्यार का रास्ता चुदाई की चाहत मे भीग कर गीला हो गया.

मेरी पहले से कड़क हो गई निपल को अंजू ने अपने मूह मे लिया और उसे किसी बच्चे की तरह चूसने लगी. मेरी दूसरी चुचि और निपल उस के हाथ मे खिलोना बन चुकी थी. मेरी चुचियाँ और मेरी निपल्स रोज ही मेरे पति द्वारा चूसी जाती है और मैं हमेशा ही अपनी चुचि चुसाइ का मज़ा लेती हूँ.

लेकिन, अब जब अंजू मेरी चुचि चूस रही थी और उनको दबा रही थी, मसल रही थी तो एक अलग प्रकार का आनंद आ रहा था. अंजू तो इतनी गरम हो चुकी थी और चुदाई की इतनी प्यासी थी कि उसने मेरी निपल पर अपने दाँतों से काट ही लिया. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे बदन मे समा जाना चाहती है. कुछ देर तक वो मेरी चुचियाँ चुस्ती रही और फिर मैने भी उसकी चुचियाँ चूस कर उस को चुदाई के लिए एकदम गरम कार्डिया. अंजू ने अपनी प्यारी सी, कम चुदि, गीली, रसीली चूत मेरी चूत से रगड़नी शुरू कर दी.

हम दोनो की ही फुद्दियो से रस छलक रहा था और हमारी टाँगों के जोड़ पर दोनो चूत से निकला रस आपस मे मिल गया था.

मैने अपना हाथ उसकी प्यारी सी चूत की तरफ बढ़ाया और हल्के से उसकी मुलायम रसीली चूत को छुआ. मेरे हाथ से उसकी चूत छुते ही वो तो जैसे हवा मे उच्छल पड़ी. ऐसा शायद इसलिए हुआ था कि उसकी चूत को किसी और ने बहुत दिनों बाद हाथ लगाया था. उसका पति तो वैसे ही ना मर्द था, और वो खुद ही अपनी चूत मे उंगली करके शांत होती थी.

मुझे उस की चूत बिना देखे ही, सिर्फ़ छुने से ही पता चल चुका था कि उस की फूली हुई चूत सफाचट है, बिल्कुल मेरी जैसी.

हम दोनो ही अपने आप को ज़्यादा देर तक रोक नहीं सकी और हम बेताब थी अपना लेज़्बीयन खेल खेलने के लिए. हम अब लेज़्बीयन चुदाई की 69 पोज़िशन मे आ चुकी थी. 69 पोज़िशन एक उत्तम पोज़िशन है सब के लिए. अब अंजू की चूत मेरी आँखों के सामने और मेरी चूत अंजू की आँखों के सामने थी. यहाँ मैं ये ज़रूर लिखना चाहूँगी कि अंजू की चूत बहुत ही प्यारी, छ्होटी सी, बहुत मासूम और उसकी चूत के होंठ आपस मे पूरी तरह जुड़े हुए है. एक छ्होटी सी, बहुत ही कम चुदि चूत, जैसे अंजू की चूत है, से खेलने का अपना अलग ही मज़ा है. सबसे पहले मैने उसकी चूत पर एक प्यारा सा चुंबन दिया और उसकी चूत से निकलने वाले रस को चखा. अंजू भी लगातार मेरी रसीली गीली चूत को चूसे जा रही थी. मैने अपने होंठ उसकी चूत पर रखते हुए अपनी जीभ अंदर डाल कर उपर नीचे घुमाई और उसे जैसे बिजली का झटका लगा जब मैने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छुआ. मैने तुरंत ही इसका असर देखा. वो काँपने लगी, पैरों को पटकने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह पर और दबाने लगी. मैं उसकी सुडौल गंद पर, गंद की दरार पर, गंद की गोलाईयों पर हाथ घूमते हुए देखा कि उस की गंद का छेद बहुत ही छ्होटा सा, प्यारा सा और भूरे रंग का था. मैने अपनी बीच की उंगली अपने मूह मे ले कर गीली की और थोड़ा थूक उसकी गंद के छेद पर भी लगाया. मेरी उंगली की मौजूदगी अपनी गंद पर महसूस करते ही उसकी गंद का छेद अपने आप ही भींच गया. मैने अपनी उंगली उसकी चूत पर ले जा कर उसकी चूत से निकलते हुए रस को भी उसकी गंद के छेद पर लगाया ताकि उसकी गंद का छेद और चिकना हो जाए.

इसी बीच, वो तो जैसे मेरी फुददी को खा रही थी और उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ना भी शुरू कर्दिया. उस के हाथ मेरी गोल गोल गंद पर घूम रहे थे. मैने अपनी बीच की उंगली उसके भींचे हुए गंद के छेद पर रखकर दबाई तो मेरी उंगली थोड़ी सी उसकी गंद मे घुस गई और वो हवा मे उच्छल पड़ी. और इसके जवाब मे वो मेरी चूत को अपनी जीभ से और ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगी. उस की गंद मे मेरी केवल थोड़ी सी ही उंगली गई थी क्यों कि उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा था. जब उसने अपनी गंद का छेद थोड़ा ढीला छ्चोड़ा तो मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डालना आसान हो गया. धीरे धीरे मैने करीब अपनी आधी उंगली उसकी गंद मे डाल दी. साथ ही साथ मैने भी अब उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी थी. अब मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से और उसकी गंद को अपनी उंगली डाल कर चोद्ने लगी.हम दोनो को अपने अपने कपड़े उतार कर नंगी होने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. मैने अपने कपड़े संभाल कर सोफा पर रख दिए क्यों कि मुझे वही कपड़े पहन कर चुदाई के बाद अपने घर जाना था. मैं नही चाहती थी कि मेरे कपड़े देख कर किसी को पता चले कि मैं चुद कर या चोद कर आ रही हूँ.

वो भी चुदाई के लिए मेरी तरह प्यासी थी और उसने मुझे पकड़ कर मेरे नंगे बदन को बिस्तर पर खींच लिया. मैने अपने होंठ उसके रसीले, गरम होठों पर रख दिए और हम एक बहुत गहरे, गरम और लंबे चुंबन मे खो गयी. चुंबन के दौरान मैं उसकी, मेरे से ज़रा छ्होटी चुचियों से खेल रही थी और वो मेरी चुचयों और निपल्स को दबाने और मसल्ने लगी. मैने महसूस किया कि चुदाई हमारे दिमाग़ पर च्छा गई और उत्तर मे हम दोनो की चूत अपने ही रस से गीली होने लगी. हमारे प्यार की जगह, प्यार का रास्ता चुदाई की चाहत मे भीग कर गीला हो गया.

मेरी पहले से कड़क हो गई निपल को अंजू ने अपने मूह मे लिया और उसे किसी बच्चे की तरह चूसने लगी. मेरी दूसरी चुचि और निपल उस के हाथ मे खिलोना बन चुकी थी. मेरी चुचियाँ और मेरी निपल्स रोज ही मेरे पति द्वारा चूसी जाती है और मैं हमेशा ही अपनी चुचि चुसाइ का मज़ा लेती हूँ.

लेकिन, अब जब अंजू मेरी चुचि चूस रही थी और उनको दबा रही थी, मसल रही थी तो एक अलग प्रकार का आनंद आ रहा था. अंजू तो इतनी गरम हो चुकी थी और चुदाई की इतनी प्यासी थी कि उसने मेरी निपल पर अपने दाँतों से काट ही लिया. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे बदन मे समा जाना चाहती है. कुछ देर तक वो मेरी चुचियाँ चुस्ती रही और फिर मैने भी उसकी चुचियाँ चूस कर उस को चुदाई के लिए एकदम गरम कार्डिया. अंजू ने अपनी प्यारी सी, कम चुदि, गीली, रसीली चूत मेरी चूत से रगड़नी शुरू कर दी.

हम दोनो की ही फुद्दियो से रस छलक रहा था और हमारी टाँगों के जोड़ पर दोनो चूत से निकला रस आपस मे मिल गया था.

मैने अपना हाथ उसकी प्यारी सी चूत की तरफ बढ़ाया और हल्के से उसकी मुलायम रसीली चूत को छुआ. मेरे हाथ से उसकी चूत छुते ही वो तो जैसे हवा मे उच्छल पड़ी. ऐसा शायद इसलिए हुआ था कि उसकी चूत को किसी और ने बहुत दिनों बाद हाथ लगाया था. उसका पति तो वैसे ही ना मर्द था, और वो खुद ही अपनी चूत मे उंगली करके शांत होती थी.

मुझे उस की चूत बिना देखे ही, सिर्फ़ छुने से ही पता चल चुका था कि उस की फूली हुई चूत सफाचट है, बिल्कुल मेरी जैसी.

हम दोनो ही अपने आप को ज़्यादा देर तक रोक नहीं सकी और हम बेताब थी अपना लेज़्बीयन खेल खेलने के लिए. हम अब लेज़्बीयन चुदाई की 69 पोज़िशन मे आ चुकी थी. 69 पोज़िशन एक उत्तम पोज़िशन है सब के लिए. अब अंजू की चूत मेरी आँखों के सामने और मेरी चूत अंजू की आँखों के सामने थी. यहाँ मैं ये ज़रूर लिखना चाहूँगी कि अंजू की चूत बहुत ही प्यारी, छ्होटी सी, बहुत मासूम और उसकी चूत के होंठ आपस मे पूरी तरह जुड़े हुए है. एक छ्होटी सी, बहुत ही कम चुदि चूत, जैसे अंजू की चूत है, से खेलने का अपना अलग ही मज़ा है. सबसे पहले मैने उसकी चूत पर एक प्यारा सा चुंबन दिया और उसकी चूत से निकलने वाले रस को चखा. अंजू भी लगातार मेरी रसीली गीली चूत को चूसे जा रही थी. मैने अपने होंठ उसकी चूत पर रखते हुए अपनी जीभ अंदर डाल कर उपर नीचे घुमाई और उसे जैसे बिजली का झटका लगा जब मैने उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छुआ. मैने तुरंत ही इसका असर देखा. वो काँपने लगी, पैरों को पटकने लगी और अपनी चूत को मेरे मूह पर और दबाने लगी. मैं उसकी सुडौल गंद पर, गंद की दरार पर, गंद की गोलाईयों पर हाथ घूमते हुए देखा कि उस की गंद का छेद बहुत ही छ्होटा सा, प्यारा सा और भूरे रंग का था. मैने अपनी बीच की उंगली अपने मूह मे ले कर गीली की और थोड़ा थूक उसकी गंद के छेद पर भी लगाया. मेरी उंगली की मौजूदगी अपनी गंद पर महसूस करते ही उसकी गंद का छेद अपने आप ही भींच गया. मैने अपनी उंगली उसकी चूत पर ले जा कर उसकी चूत से निकलते हुए रस को भी उसकी गंद के छेद पर लगाया ताकि उसकी गंद का छेद और चिकना हो जाए.

इसी बीच, वो तो जैसे मेरी फुददी को खा रही थी और उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ना भी शुरू कर्दिया. उस के हाथ मेरी गोल गोल गंद पर घूम रहे थे. मैने अपनी बीच की उंगली उसके भींचे हुए गंद के छेद पर रखकर दबाई तो मेरी उंगली थोड़ी सी उसकी गंद मे घुस गई और वो हवा मे उच्छल पड़ी. और इसके जवाब मे वो मेरी चूत को अपनी जीभ से और ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगी. उस की गंद मे मेरी केवल थोड़ी सी ही उंगली गई थी क्यों कि उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा था. जब उसने अपनी गंद का छेद थोड़ा ढीला छ्चोड़ा तो मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डालना आसान हो गया. धीरे धीरे मैने करीब अपनी आधी उंगली उसकी गंद मे डाल दी. साथ ही साथ मैने भी अब उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल दी थी. अब मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से और उसकी गंद को अपनी उंगली डाल कर चोद्ने लगी.
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