Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
उन्होने मेरी गंद पकड़ी और मुझे चोद्ने की सुरुआत की.

सागर किनारे, हमारी चुदाई का खेल पुर ज़ोर से, पूरे जोश से चल रहा था. खुले आसमान के नीचे, चट्टानों के पीछे, दो प्यार करने वाले, दो चुदाई के प्रेमी, दो चुड़क्कड़, मैं और मेरा पति, दुनिया से बेख़बर, अपना चहेता चुदाई का खेल खेलने मे व्यस्त थे.

जैसे जैसे वो मुझे चोद्ते रहे, वैसे वैसे मुझे चुद्वाने का मज़ा आने लगा और धीरे धीरे उनके चोद्ने की रफ़्तार भी बढ़ने लगी. उनका लॉडा तेज़ी से मेरी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनो सातवें आसमान की सैर करने लगे.

जब उनको पता लगा कि मैं चुद्वाते हुए झड़ने वाली हूँ तो उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार और भी बढ़ा दी. अब वो मुझे और ज़ोर ज़ोर से, और तेज़ी से चोद्ने लगे. मैं भी अपनी चूत, अपनी गंद आगे पीछे करके उनके चुदाई के औज़ार का मज़ा अपनी गीली चूत मे ले रही थी. उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जा रहा था, बाहर आ रहा था और फिर अंदर जा रहा था. सागर किनारे मेरी चुदाई चल रही थी.

हम दोनो ही नही चाहते थे कि हमारी वो शानदार चुदाई जल्दी ख़तम हो जाए, इसलिए उन्होने मेरी चूत को चोद्ता हुआ अपना लॉडा मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे उपर लेट गये. वो अपने दोनो हाथों मे मेरी दोनो चुचियाँ ले कर उनको मसल्ने लगे. कुछ ही देर मे मेरी निप्पल उनके मूह मे थी और वो मेरी निप्पक को किसी बच्चे की तरह चूसने लगे. वो मेरी निप्पल को चूस्ते, अपने होठों से पकड़ते, थोड़ा बाहर निकालते और फिर से अपने मूह के अंदर ले कर चूस्ते. ऐसा उन्होने मेरी दोनो निप्पल के साथ बारी बारी किया.

मैं उनके तने हुए लौडे को अपनी जांघों के बीच सॉफ सॉफ महसूस कर रही थी. मैने अपना हाथ नीचे करके उनके तन्तनाते हुए लौडे को पकड़ लिया. उनका लॉडा पूरा गीला था. मैने उनका लॉडा अपनी हथेली मे कुछ इस तरह पकड़ा कि मेरा अंगूठा उनके लंड के सूपदे पर था. अपने हाथ मे उनका खड़ा लंड पकड़ कर मैं अपने अंगूठे को उनके लौडे के गीले सूपदे पर गोल गोल घुमाने लगी ताकि उनका लंड भी पानी निकालने के नज़दीक पहुँच जाए. उनके लौडे पर मेरा ये खेल उनको झड़ने के करीब ले जाएगा, ये मुझे पता था. मेरा तो ये रोज़ का काम था. मुझे पता है कि उनके लौडे से पानी निकलने मे कितना वक़्त लगता है और मैं ये सब इसलिए कर रही थी कि मैं चाहती थी मेरा झड़ना और उनके लौडे से लंड रस निकलना साथ साथ हो. उनके लौडे के सुपाडे पर अपना अंगूठा फिराने का परिणाम जल्दी ही दिखने लगा था. उनका लंड मेरे हाथ मे नाचने लगा था और उनकी गंद भी हिलने लगी थी.

वो बहुत गरम हो चुके थे और जल्दी ही वो और आगे, मेरे उपर आए तो उनका लंड लॉलीपोप मेरे मूह के पास था. मैने तुरंत ही उनके लंड को अपने मूह मे ले लिया और जैसे मैं पहले उनके लंड के सूपदे पर अपना अंगूठा घुमा रही थी, वैसे ही मैं अब अपनी जीभ उनके लौडे के सूपदे पर फिराने लगी. अब उनका लंड अपने मूह मे ले कर उसको चाट ते हुए, चूस्ते हुए, उनके सूपदे पर अपनी जीभ घूमाते हुए, मैं उनका लंड अपने हाथ मे पकड़ कर आगे पीछे करने लगी, यानी मूठ मारने लगी. जल्दी ही वो मेरे मूह को ऐसे चोद्ने लगे जैसे हमेशा मेरी चूत चोद्ते हो. वो अपने गंद हिला हिला कर, आगे पीछे हो कर, अपना लॉडा मेरे मूह मे डाल रहे थे, निकाल रहे थे. जैसे चूत मे लंड अंदर बाहर होता है, वैसे उनका लंड मेरे मूह मे अंदर बाहर होने लगा.
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08-14-2019, 03:59 PM,
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मेरे मूह को चोदते हुए वो भी अपने झड़ने के करीब आ चुके थे और ये सही समय था कि वो अपना लॉडा मेरी चूत मे डाल कर मेरी चुदाई करे ताकि हम दोनो साथ साथ झाड़ जाएँ.

वो फिर से मेरे बदन के नीचे के हिस्से पर आए. मेरे फैले हुए पैरों के बीच बैठ कर उन्होने फिर एक बार मेरी बहती फुददी मे अपनी जीभ डाल दी. मुझे पता है कि मेरी चूत के रस का स्वाद उनको बहुत पसंद है. उन्होने जल्दी से मेरी चूत का तना हुआ दाना अपने मूह मे लिया और उसको चूसने लगे जैसे मेरी निप्पल चूस रहे हो. मेरी चूत का दाना चूस्ते हुए वो मेरी उपर नीचे होती हुई चुचियो को देख रहे थे जो मेरी हर साँस के साथ उपर नीचे हो रही थी. मैं तो इतने जोश मे आ गई थी कि मैने उनके सिर के बाल पकड़ कर उनका मूह ज़ोर से अपनी फड़कती हुई फुददी पर दबा दिया. और फिर उन्होने अपनी बीच की उंगली मेरी चूत मे घुसा दी.

अब तो मुझ से रहा नही गया. मैं चाहती थी कि जल्दी से जल्दी वो अपना लंबा लॉडा मेरी चूत के अंदर डाले और मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदे. मेरे पैर कभी उनको कस लेते, कभी ढीला छ्चोड़ देते और ये निशानी थी कि मैं चुद्वाने के लिए कितनी बेचैन थी. वो भी मेरी तमन्ना समझ गये थे और मुझे चुद्वाने के लिए और तडपाना नही चाहते थे. वो अपने घुटनों पर बैठे, अपना तना हुआ लॉडा अपने हाथ मे पकड़ा और अपने सख़्त लौडे को मेरी मखमली चूत के दरवाजे पर लगाया. मैने भी अपनी गंद उठा ली और उनका लंड अपनी चूत मे डलवाने के लिए तय्यार हो गई. मुझ से रहा नही जा रहा था, मैने अपने पैरों से उनकी गंद जाकड़ ली और उनको अपनी ओर खींचा ताकि उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जा सके.

उन्होने भी देर नही की और अपने लंड का दबाव मेरी चूत पर बढ़ाया तो उनका सख़्त लंड मेरी मखमली मुलायम चूत के अंदर घुसने लगा. हमेशा की तरह, धीरे धीरे अपने लौडे को मेरी चूत मे आगे पीछे करते हुए, थोड़ा अंदर डालते हुए और थोड़ा बाहर निकालते हुए, धक्के लगाते हुए अपना पूरा का पूरा लंबा लॉडा मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. लौदा चाहे कितना भी लंबा हो और चूत चाहे कितनी भी छ्होटी हो, लंड को अपने अंदर ले ही लेती है.

अब तो बकायदा मेरी चुदाई शुरू हो चुकी थी. उनका तना हुआ लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होता रहा. वो मुझे चोद्ते रहे और मैं उनसे चुद्वाती रही.

धीरे धीरे उनके चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई और मैं भी अपने नंगी, गोल गोल, गोरी गोरी गंद उपर नीचे कर के उनकी ताल से ताल मिला रही थी. चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो चुकी थी और उनके चोद्ने की रफ़्तार और भी बढ़ गई जब उनको अहसास हुआ की मैं झड़ने वाली हूँ.

मेरी नंगी गंद तो चुद्वाते हुए जैसे नाच रही थी. मैं उनके लंड के मेरी चूत मे हर धक्के का जवाब अपनी गंद उपर कर के दे रही थी. वो अपने लंड का धक्का नीचे मारते तो मैं अपनी गंद उपर करती. इस तरह उनका लॉडा मेरी चूत की आख़िरी दीवार पर दस्तक दे रहा था. मेरी चुचियाँ भी लगातार उनके हर धक्के के साथ नाच रही थी. मैने अपने होंठ भींच लिए, मेरी उंगलियाँ, बिछि हुई चद्दर के पार, सागर किनारे की मिट्टी मे घुस गई. मेरे बदन मे अकड़न होने लगी और मैं अपने झड़ने के बहुत करीब थी.

मेरे मज़े का ठिकाना नही था. उनका लंड मेरी चूत मे रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता रहा और उनके लौडे के नीचे लटकती गोलियों की थैली, उनके हर धक्के के साथ मेरी गंद के छेद से टकरा रही. मेरा सेक्सी पति अपनी सेक्सी पत्नी को सागर किनारे मज़े ले ले कर चोद रहा था. मैं सागर किनारे अपने पति के सामने नंगी लेट कर उनसे चुद्वा रही थी. हम दोनो ही किस्मत वालें हैं जिन को इतना सेक्सी, इतना चुड़क्कड़ साथी मिला है.

मेरे मूह से ज़ोर ज़ोर से चुदाई के जोश मे आवाज़ें निकालने लगी अओर वो मेरी गंद पकड़ कर, ज़ोर ज़ोर से मुझे चोद्ते जा रहे थे. उनका लॉडा जब भी मेरी चूत के अंदर जाता, मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से टकरा कर वापस आता. मैने खुद ही अपनी चुचियाँ अपने हाथों मे ले कर मसल डाली.

अचानक मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गई, मेरे बदन ने एक ज़ोर की झुरजुरी ली और मैं चुदाई की आख़िरी मंज़िल पर पहुँच चुकी थी, पर उनका मुझे चोद्ना लगातार, तूफ़ानी रफ़्तार से जारी था और मैं जानती थी कि उनके लंड का पानी भी बस निकलने ही वाला है. मैने उनके लौडे का सूपड़ा अपनी चूत मे आते जाते फूलता महसूस किया था.

और उनके लौडे ने अपना गरम गरम लंड रस मेरी चूत मे बरसाना शुरू कर दिया. उन्होने मुझे और मैने उन्हे कस कर जाकड़ लिया. उनका लॉडा मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से लग कर नाचते हुए मेरी चूत मे अपने लंड रस की बरसात कर रहा था.
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08-14-2019, 03:59 PM,
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वो मेरे उपर लेटे हुए थे और उनका लॉडा अभी भी मेरी चूत के अंदर था. उन्होने मुझे चुदाई के बाद का प्यारा सा चुंबन दिया तो मैने अपनी चूत के रस का स्वाद उनके मूह से लिया.

फिर उन्होने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और खड़े हो कर इधर उधर देखा. कोई नही था जो हमारी चुदाई देख पाता. मैने ध्यान से उनके लंड को देखा जो नरम पड़ता हुआ नीचे की ओर आ रहा था.

उन्होने अपनी तैरने के काम आने वाली चड्डी उठा कर पहन ली थी. मैं तो चद्दर पर नंगी लेटी हुई उनकी ओर देख रही थी. सागर किनारे की ठंडी हवा मेरे नंगे बदन से टकरा रही थी. मुझे बड़ा आनंद आया जब ठंडी हवा का एक झोंका मेरी टाँगों के बीच से, मेरी गीली चूत को छूता हुआ गुजर गया.

मैने अपने पति से उनके कपड़ों के बारे मे पुछा तो उन्होने बताया कि उनके कपड़े क्लब के लॉकर मे है.

मैने अपनी बिकिनी की ब्रा और चड्डी फिर से पहनी और अपने पति का हाथ पकड़ कर उनके साथ सागर मे तैरने के लिए तय्यार हो गई. हमने करीब करीब एक घंटे तक साथ साथ तैराकी की. तैरते हुए उन्होने बहुत बार मेरी चुचियाँ दबाई, गंद दबाई और मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैने भी कई बार उनका लॉडा पकड़ा था. मैने देखा कि वहाँ तैरने वाले करीब करीब सब जोड़े वही कर रहे थे जो हम कर रहे थे. मुझे पक्का पता था कि अगर वहाँ उस समय तैरने वाले दूसरे लोग नही होते तो मेरे पति मुझे ज़रूर, एक बार फिर, तैरते हुए भी चोद्ते .

हम ने तैराकी ख़तम की और मैने अपने कपड़े बदल लिए थे. मैने बिना अंदर ब्रा और चड्डी पहने अपने वो कपड़े पहन लिए जो मैं यहाँ पहन कर आई थी. अपनी गीली बिकिनी और चद्दर फिर से बेग मे रख कर हम जाने के लिए तय्यार हो गये.

मैं सीधी कार पार्किंग मे आई जबकि मेरे पति क्लब के अंदर अपने कपड़े पहन ने को गये थे और मैं कार मे बैठ कर उनका इंतज़ार करने लगी.

मैं अपनी चुदाई के बारे मे सोच सोच कर खुश हो रही थी.

क्रमशः...........................
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08-14-2019, 04:00 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-26

गतान्क से आगे.....................

ये मेरी मेरे पति के साथ के अगले दिन की बात है. आप को याद होगा कि कैसे खुले आसमान के नीचे, सागर किनारे मेरे पति ने मेरी जम कर चुदाई की थी.

दोपहर का वक़्त था. हम सब ने खाना खा लिया था और मैं अपने कमरे मे थी. मेरे पति वहाँ ही बैठे थे और अपने मा बाप से बातें कर रहे थे. मैं अपने कमरे मे बैठी अंजू के बारे मे सोच रही थी. ( आप को याद होगा, अंजू मेरे पति की पुरानी प्रेमिका है जो हमारे पड़ोस मे रहती है. वो शादीशुदा है पर उसका पति ना-मर्द है और उसको चोद नही पाता है ) आप को ये भी याद होगा कि मेरी शादी के पहले हम तीनो ने, मैने, मेरे पति ने और अंजू ने एक बार सामूहिक संभोग का मज़ा लिया था. मेरा मन चाहता था कि मेरे पति फिर से एक बार मुझे और अंजू को साथ साथ चोदे.

आप की जानकारी के लिए बता दूं कि मैं और अंजू हमेशा ही एक दूसरी के संपर्क मे रहती हैं. हम एक दूसरी को नियमित रूप से मैल देती हैं, फोन पर बात करती हैं. इसलिए मुझे पता है कि अंजू भी फिर से मेरे पति से चुद्वाना चाहती है. उसका पति तो उसको चोद नही पाता है और वो और किसी से चुद्वाना नही चाहती. वो सिर्फ़ मेरे पति से ही चुद्वाना चाहती है. जैसा कि मैने पहले लिखा था, उसका पति तो अभी तक उसकी फुददी मे अपना लंड कभी भी नही घुसा पाया था. जब भी अंजू का पति अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, हमेशा उसके लंड का पानी अंजू की चूत के दरवाजे पर ही, बाहर ही निकल जाता है. उस का लॉडा खड़ा तो होता है, पर जैसे ही वो अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, उसके लौडे का पानी निकल जाता है.

मैने अंजू से वादा किया था कि इस बार हम जब भी गोआ आएँगे, मैं ज़रूर उसको अपने साथ ही, अपने पति से फिर से चुद्वाउन्गि. अब वादा पूरा करने का समय आ गया था.

मैने बहुत मुश्किल से अपने पति को मेरे साथ साथ अंजू को भी चोद्ने के लिए राज़ी किया था. दरअसल, मेरे पति मेरे सिवाय किसी और को चोद्ना पसंद नही करते. मैने बड़ी मुश्किल से उनको अंजू की मज़बूरी और उसकी बदक़िस्मती का वास्ता दे कर इस बार राज़ी किया था.

मेरे ख़यालों मे अंजू मेरी आँखों के सामने आ गई. अंजू बहुत सुंदर है, उसका बदन बहुत खूबसूरत, बहुत सेक्सी है. लंबाई मे वो मुझ से थोड़ी कम है. उसके बाल लंबे है और अंजू की गंद तक आते हैं. अंजू की गंद बहुत मस्त है, एक दम गोल गोल, प्यारी प्यारी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरी चुचियों से थोड़ी सी बड़ी है. कुल मिला कर उसका बदन बहुत नशीला और सेक्सी है जिसे देखते ही शायद मर्दों का मन उसको चोद्ने का करता होगा. हम दोनो बहुत अच्छी दोस्त हैं. मैं जब भी गोआ आती हूँ, हम हमेशा मिलते रहते हैं, कभी उसके घर पर और कभी मेरे घर पर. उसका घर मेरे ससुराल के एकदम पड़ोस मे है. वो बहुत कम अपने घर से निकलती है और जब भी बाहर निकलती है, सीधे हमारे घर ही आती है, ये सब जानते हैं.

तो…. मैं अपने कमरे मे थी और मेरे पति बाहर के कमरे मे बैठे अपने माता पिता से बातें कर रहे थे. तभी अंजू हमारे घर पर आई. उसने मेरे कमरे मे आने से पहले, बाहर के कमरे मे बैठे मेरे पति और मेरे सास ससुर से थोड़ी देर बातें की. फिर वो मुझ से मिलने मेरे कमरे मे आई. अंजू ने उस समय पंजाबी सूट पहना हुआ था. उस की चुचियों की निप्पल सख़्त थी, उठी हुई थी, जिस से पता चल रहा था कि वो अंदर ब्रा नही पहने है. खाना खा कर अपने रूम मे आ कर मैने भी अपने कपड़े बदल लिए थे. मैं अब टी – शर्ट और स्कर्ट पहने हुए थी, और नीचे ब्रा और चड्डी नही पहनी थी. अंजू मेरे कमरे के अंदर आई, दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझ से लिपट गई. मैने उसके होठों को चूमा और हम बंद दरवाजे के पीछे बातें करने लगी.
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अंजू ने मुझे बताया कि वो हमेशा संतुष्ट होने के लिए हस्त मैथून करती है. वो अपनी चूत मे खुद ही उंगली कर के झड़ती ज़रूर है, पर फिर भी ज़ोर से नही झड़ती और उसको वो पूरा मज़ा नही आता है, जो मज़ा मैने उसको लेज़्बीयन चुदाई के दौरान उसकी चूत मे उंगली कर के दिया है. वो मुझ से हस्त मैथून करने का सही तरीका जान ना चाहती थी ताकि जब भी वो चाहे, अपनी चूत रगड़ कर, चूत मे उंगली कर के जड़ने का पूरा पूरा मज़ा ले सके.

मैने अंजू को फिर से, उसकी चूत मे उंगली कर के, प्रॅक्टिकल कर के समझाया. वो मुझ से हस्त मैथून करवा कर, अपनी चूत मे उंगली करवा कर, झाड़ कर, जल्दी ही वापस अपने घर चली गई. मैने अंजू को बताया कि मैं अपने पिताजी के फार्म हाउस पर, अपने पति के साथ जाने का प्रोग्राम बना रही हूँ और चाहती हूँ कि वो भी हमारे साथ चले, ताकि वहाँ वो और मैं, दोनो ही जाम कर मेरे पति से चुद्वा सकें. वो हमारे साथ आने के लिए मान गई. उसने कहा कि वो हमारे साथ आने के लिए तय्यार है पर हम को उसके सास ससुर से पर्मिशन लेनी होगी. मैने उसको कहा कि ये मैं कर लूँगी.

अंजू के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे पति कमरे मे आए. मैने अपने पति से कहा कि अगले दिन हम को मेरे पिताजी के फार्म हाउस जाने का प्रोग्राम बनाना है, अंजू भी हमारे साथ आने को तय्यार हो गई है और अब उनको हम दोनो को एक साथ चोद्ने को तय्यार हो जाना चाहिए. अंजू के बारे मे तो पता नही, पर मेरे पति मेरे मूह से चोद्ने की बात सुन कर मुझे तुरंत चोद्ने को तय्यार हो गये.

माहौल बन रहा था और हम चुदाई की गर्मी महसूस करने लगे थे. मैने उन से पुछा ” आप ने जब मुझे समुंदर किनारे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखा तो आप को कैसा लगा था?”

” वो एक बहुत शानदार अनुभव था. मैने तुम को पहली बार अपनी खुद की चूत मे उंगली करते हुए देखा और मुझे देखते हुए बड़ा मज़ा आया था. मैं तो काफ़ी गरम हो गया था और इसीलिए तुम को वहाँ पर चोदा था” मेरे पति ने स्वीकार किया और उत्तर दिया.

” मैं भी आप को शुरू से आख़िर तक, लंड से पानी निकालने तक मूठ मारते हुए देखना चाहती हूँ ताकि जो मज़ा आपने मुझे चूत मे उंगली करते देख कर लिया है, मैं भी वही मज़ा आप को मूठ मारते हुए देख कर ले सकूँ.” मैं बोली.

वो मुस्काराए और उन्होने हां मे सिर हिलाया.

” लेकिन तुम अंजू के साथ इस बंद कमरे मे काफ़ी देर थी. तुम दोनो ने बंद दरवाजे के पीछे क्या किया था?” उन्होने एक शरारती मुस्कान के साथ पुछा.

” मैं आप को सब बताउन्गि, लेकिन जैसे मैं चाहती हूँ, उस तरह बताउन्गि” मैने सेक्सी आवाज़ मे कहा. चुदाई की गर्मी मेरे सिर चढ़ कर बोलने लगी थी.

मैने अपने घुटने मोड और अपने घुटनों को अपने मूह के पास ले जा कर उनको पकड़ लिया. मेरे टी शर्ट मे मेरी चुचियाँ तो उनको नज़र नही आराही थी पर मेरे इस तरह घुटने मोड़ कर बैठने से मेरी चिकनी चूत उनको सॉफ सॉफ नज़र आ रही थी क्यों कि मैने बताया है कि मैने अपने स्कर्ट के नीचे चड्डी नही पहन रखी थी. मैने अपने पैर थोड़े चौड़े किए तो अब मेरी चूत से साथ साथ उनको मेरी मस्तानी गंद का दरवाजा भी नज़र आने लगा था. उनकी नज़रें मेरी चिकनी चूत पर जम गई क्यों कि मेरी चूत तो जैसे मेरे पैरों के बीच से बाहर निकल कर झाँक रही थी. मेरी गुलाबी चूत के होंठ गीली होने शुरू हो चुके थे. मैने महसूस किया कि मेरे पति का मस्ताना लंबा लॉडा उनके शॉर्ट मे बड़ा हो रहा है, कड़क हो रहा है, खड़ा हो रहा है. उन्होने मेरे चेहरे की ओर देखा और फिर से मेरी चूत की तरफ देखा.

मैं बोली ” मैं आप का खड़ा हुआ लॉडा देखना चाहती हूँ. मुझे अपना चुदाई का हथियार दिखाओ ना.”
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
वो अपनी कुर्सी पर बैठे बैठे थोड़ा पीछे हुए तो मुझे उनके शॉर्ट के अंदर उनके लंबे लौडे के खड़े हो कर सख़्त होने का अहसास हुआ. उनके शॉर्ट के उपर से उनके खड़े लौडे का मूह, सूपड़ा बाहर झाँक रहा था. उन्होने मेरी तरफ देखा पर मैं तो बस एक तक उनके शॉर्ट मे खड़े लौडे को ही ताक रही थी.

मैं बोली ” मुझे पता है कि आप मुझे चोद्ना चाहते हैं. पर आज के इस खेल मे हम एक दूसरे को टच भी नही करेंगे. सिर्फ़ एक दूसरे को देखेंगे.” मैने उनको आज के खेल का नियम बताया. वो पूरी तरह शायद समझ नही पाए कि मैं क्या कहना चाहती हूँ पर ये मेरी खुसकिस्मती है कि वो मेरी हर बात पर राज़ी हो जाते हैं. वो इतना तो समझ ही गये थे कि आज कुछ नया होने वाला है. वो खड़े हुए और उन्होने अपना टी शर्ट उतारा और अपना शॉर्ट भी उतार दिया. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे.

” आप का लॉडा कितना सुंदर है, कितना शानदार है, मैं जब भी इस को देखती हूँ, पागल हो जाती हूँ.” मैने फिर एक बार उनको कहा जो मैं कई बार कह चुकी हूँ.

मैने उनको बिस्तर के एक किनारे पर बैठने को कहा और मैं बिस्तर के दूसरे किनारे पर बैठ गई. वो नंगे चलते हुए बिस्तर के पास आए और मेरे सामने बिस्तर के दूसरे किनारे बैठ गये. हम दोनो आमने सामने, एक दूसरे की तरफ मूह कर के बैठे थे. उनका तन्तनाता हुआ लॉडा सीधा खड़ा था और उपर की ओर मूह कर के नाच रहा था. मैने अपनी टी शर्ट उतारी और उनको अपनी खूबसूरत, गोल गोल, गोरी गोरी चुचियों के दर्शन कराए. मेरी दोनो निप्पल तनी हुई थी.

अब मैने उनको बताना शुरू किया कि अंजू क्यों आई थी.

“अंजू मुझ से जान ना चाहती थी कि सही तरीके से चूत मे उंगली कैसे की जाती. औरत या लड़की कैसे सही तरीके से हस्त मैथून कर सकती है. मैने उस से कहा कि वो पहले मुझे अपनी चूत मे उंगली कर के बताए कि वो हमेशा कैसे अपनी चूत मे उंगली करती है. उसने अपने कपड़े उतारे और बिस्तर पर बैठ गई. फिर उसने उल्टे सीधे ढंग से अपनी चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ना शुरू किया. वो बस अपनी चूत को रगड़ रही थी, लेकिन उस जगह से नही, और उस तरीके से नही जैसे एक औरत को हस्त मैथून करते वक़्त पूरा मज़ा लेने के लिए अपनी चूत को रगड़ना चाहिए. उस को खुद को पता नही था कि वो क्या कर रही है. मैने उस को रुकने को कहा. मैने खुद अपने कपड़े उतारे और नंगी हो कर अंजू की बगल मे लेट गई. मैने उसको ध्यान से देखने को कहा कि मैं कैसे अपनी चूत मे उंगली करती हूँ, कैसे उसको रगड़ती हूँ ताकि वो अच्छी तरह से सीख जाए.”

उन को ये बताते हुए मैने एक बार अपने पति के तन्तनाते हुए, सख़्त, लंबे और मोटे लौडे को देखा. मैं अपनी पीठ टिका कर, सहारा ले कर बैठ गई. मैने अपना एक पैर पलंग के नीचे रखा और अपना दूसरा पैर पलंग पर लंबा किया और अब मेरा पलंग के उपर वाला पैर उनके पैर के नीचे था. उन्होने मेरी फुददी को देखा जो अब पूरी तरह उनकी आँखों के सामने थी. जैसे दिल धड़कता है, वैसे ही उनका लॉडा धड़क रहा था. हमेशा की तरह वो लोहे के डंडे जैसा सख़्त था. वो भी अब मुझे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए फिर से वही देखने को पूरी तरह तय्यार थे. मैं उनको फिर से वही दिखाने जा रही थी जो उन्होने कल समुंदर किनारे मुझे करते हुए छुप छुप कर देखा था.

मैने फिर से उनको अंजू के बारे मे बताना शुरू किया.

” मैने अंजू से कहा कि वो किसी तरह की जल्दबाज़ी ना करे. चूत को पूरी तरह गरम होने दे. फिर उसने मुझे देखते हुए, जैसा मैं अपनी चूत के साथ कर रही थी, उसने भी अपना हाथ धीरे धीरे अपनी जांघों पर फिराया और धीरे धीरे अपना हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाने लगी. उसकी साँसे तेज होने लगी थी. फिर मैने उसको अपनी चूत पर कर के बताया कि पहले वो अपना हाथ धीरे धीरे अपनी चूत के बाहरी भाग पर फिराए और फिर जब चूत से रस निकलना शुरू हो जाए तो अपनी उंगली चूत के होठों के बीच घुमाए. फिर मैने उस को दिखा कर बताया कि कैसे चूत का मूह खोल कर, अपनी उंगली से चूत के दाने को रगड़ना चाहिए, मसलना चाहिए. मैने उसको बताया कि इस तरह धीरे धीरे शुरुआत करने पर उस को पूरा मज़ा आएगा. उसको दिखाते हुए मैने अपनी फुददी को अपनी उंगलियों की मदद से खोला और अपनी बीच की उंगली अपनी चूत मे, चूत के दाने को रगड़ती हुई उपर नीचे घुमाई. उस को बताते बताते मेरी चूत भी बहुत गरम हो गई थी, बहुत गीली हो गई थी. मैने उसको ये भी बताया कि अगर चूत पूरी तरह गीली नही हुई हो तो अपनी उंगली मूह मे ले कर गीली करनी चाहिए और और फिर उसको अपने चूत मे डालनी चाहिए ताकि चूत मे गीली उंगली आराम से घूम सके.”
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अपने पति को ये बताते हुए मैने अपनी उंगलियों की मदद से अपनी चूत के होंठ खोले और अपनी चूत के बीच मे अपनी उंगली घुमाई. मेरी चूत गरम हो चुकी थी और काफ़ी गीली भी हो चुकी थी. मैने उनको भी वही दिखाया जो मैने अंजू को दिखाया था. मेरी चूत और उंगलिया अपनी चूत से निकले रस की वजह से काफ़ी गीली थी और जब मैं अपनी गीली चूत अपनी उंगलियों से रगड़ रही थी तो रगड़ने से निकलने वाली आवाज़ मैने सॉफ सॉफ सुनी.

सुनते हुए और मुझे देखते हुए उन्होने अपने हाथ से अपने खड़े हुए लंबे लौडे को पकड़ लिया. मैने ध्यान से देखा, उनका लॉडा इतना लंबा है की मेरी हथेली तो बहुत ही कम पड़ती है, पर उनकी बड़ी हथेली भी कम पड़ रही थी और उनके लंड का काफ़ी भाग उनके हाथ की पकड़ से बाहर था. मैने सोचा था कि अब वो अपने लौडे को हिलाना शुरू करेंगे, मूठ मारना शुरू करेंगे. पर उन्होने जैसे मेरी आँखों मे पढ़ लिया. उन्होने कहा कि वो पहले मुझे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखना चाहते हैं. मैने ध्यान से देखा कि उनके लंड के सुपाडे पर पानी की एक बूँद चमक रही थी जो अब उनके हाथ पर गिर गई थी.

मैने उनको आगे की बात बताई. मैं उनको बताती जा रही थी की मैने अंजू को क्या बताया, क्या दिखाया, उसके साथ क्या किया और अपनी चूत के साथ क्या किया. और ये सब बताते हुए मैं से सब अपनी चूत पर कर के उनको दिखा रही थी.

” फिर मैने अंजू को दिखाया कि जब उंगली गीली हो जाती है तो कैसे उसको अपनी चूत मे घुमाना आसान हो जाता है. मैने उसको ये भी अपनी चूत पर कर के दिखाया कि कैसे अपनी उंगली अपनी चूत मे डाली जाती है जैसे कोई छ्होटा लंड चूत मे जाता है.” मैं अपने पति को बता रही थी और साथ ही वैसा ही कर रही थी.

मैने अपनी उंगली से अपनी चूत के दाने को सहलाया और उसके बाद अपनी उंगली अपनी चूत के अंदर घुसा दी. जैसे ही मेरी उंगली मेरी चूत के अंदर गई, मेरी गंद अपने आप ही गोल गोल, आगे पीछे हिलने लगी जैसे सचमुच मुझे कोई मेरी चूत मे लॉडा डाल कर चोद रहा है. उनके तने हुए लौडे की तरह, मेरी दोनो निप्पल भी तन कर खड़ी थी. मैने महसूस किया की इतना देखने के बाद मेरे पति तुरंत ही अपना लॉडा मेरी चूत मे घुसा कर मुझे जल्दी से जल्दी चोद्ना चाहते हैं. लेकिन मेरा खेल तो कुछ और ही था. मैं उनको सताना चाहती थी, उनको मूठ मारते हुए देखना चाहती थी. मुझे ऐसा करने मे बहुत मज़ा आ रहा था.

मुझे यकीन था कि मेरे पति को भी बहुत मज़ा आ रहा होगा. उनके लिए भी ये ये पहला अनुभव था. मैं खुश थी की बंद दरवाजे के पीछे हम आज एक नया खेल खेल रहे थे. मैने देखा कि उनके खड़े हुए लौडे के मूह से चुदाई के पहले का पानी निकलता जा रहा था और उनके लंड का सूपड़ा पूरा गीला हो चुका था. मेरी खुद की साँसे अपनी चूत मे उंगली करने की वजह से तेज हो रही थी. उनका खड़ा हुआ लॉडा तो जैसे नाच रहा था और मैं जानती थी कि उन्होने बड़ी मुश्किल से अपने आप को मुझे चोद्ने से रोक रखा होगा.

मैने आगे बताया “फिर अंजू मेरी बगल मे बिस्तर पर लेट गई और वही करने लगी जो मैने उसको दिखाया था और जो मैं कर रही थी. और अंजू के मूह से सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी जो इस बात का सबूत था कि उसको अब हस्त मैथून का पूरा पूरा मज़ा आने लगा था.”

उनको बताते हुए मैं अपनी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल रही थी और फिर से बाहर निकाल रही थी. वो मुझे बहुत ध्यान से देख रहे थे. मुझे मज़ा आरहा था तो मेरा सिर पीछे की ओर हो रहा था और मेरी आँखें बार बार बंद हो रही थी. अब मैने अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल कर अपनी चूत को चोद्ना शुरू कर दिया था. मेरा दूसरा हाथ भी मेरी चूत तक आया और मैं अपने दूसरे हाथ की उंगली से अपनी चूत के दाने को मसल्ने लगी. एक हाथ की दो उंगलियों से मैं अपनी चूत चोद रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत का दाना मसल रही थी. मेरी चूत तो गीली थी ही, मेरे दोनो हाथों की उंगलियाँ भी मेरे चूत रस से गीलो हो गई. मैने अब बोलना बंद किया और अपना पूरा ध्यान अपनी चूत को चोद्ने मे, हस्त मैथून करने मे, अपनी चूत मे उंगली अंदर बाहर करने और अपनी चूत का दाना रगड़ने मे लगा दिया.

मैने अपना पैर जो उनके पैर के नीचे दबा था, निकाला और अपना घुटना मोड़ कर, उपर कर के, अपने पैर को और भी चौड़ा किया ताकि मेरी फुददी उनको और भी सॉफ सॉफ नज़र आए. मेरी साँसें तो पहले से ही तेज तेज चल रही थी और अब तो मेरे मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें भी निकलने लगी थी.

मैं अपनी पूरी ताक़त से, अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे जितना हो सकता था, उतनी अंदर डाल रही थी और वापस बाहर निकाल रही थी, बिल्कुल उसी तरह, जैसे लॉडा चूत मे आता जाता है. मेरे दूसरे हाथ की उंगलियाँ भी अपना काम बराबर करती जा रही थी. मैं खुद ही अपनी उंगलियों से अपनी खुद की चूत चोद रही थी और मैं झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी. मेरी उंगलियों की रफ़्तार बढ़ चुकी थी और वो मेरी चूत मे तेज़ी से, जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगी थी.

अचानक, मैने अपना हाथ अपनी चूत के दाने से हटाया और अपनी गीली उंगलियों से अपनी चुचि की निप्पल को मसल्ने लगी. मेरी निप्पल मेरी चूत के रस से गीली हो गई थी और………… और…………. मैं एक झटके के साथ झाड़ गई. मैने तुरंत ही अपनी दोनो उंगलियाँ अपनी चूत से निकाली और अपनी चूत पूरी तरह अपनी पति की आँखों के सामने कर दी. मुझे पूरा यकीन है कि उन्होने मेरी झड़ती चूत को फड़फदते हुए ज़रूर देखा होगा.

मैं अपने दोनो हाथों से अपनी दोनो चुचियाँ रगड़ रही थी जिसकी वजह से मेरी दोनो चुचियाँ लाल लाल हो गई थी. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ और मेरी साँसें काबू मे आई तो मैने उनकी तरफ देखा. उनका लॉडा तो जैसे तन्तना रहा था, चोद्ने के लिए बेताब हो रहा था और जैसे नाच रहा था. मैने अपने नीचे की तरफ देखा तो पाया कि मेरी चूत से इतना रस निकला था कि मेरी गंद के पास गीला धब्बा सा बन गया था. ये घटना इतनी शानदार, इतनी सेक्सी और इतनी मज़ेदार थी की मुझे हमेशा याद रहेगी.

फिर मैं उन से बोली ” अब आप की बारी है. मैने अंजू को जो बताया और जो कर के दिखाया, वो सब आप को भी दिखा दिया. मेरे ख़याल से अब अंजू सही तरीके से हस्त मैथून करना, अपनी चूत मे उंगली करना सीख गई है और वो अब हर रात अपनी चूत मे सही तरीके से उंगली कर के पूरा पूरा मज़ा लेगी जो उसको पहले नही मिलता था. अब आप मुझे अपना लॉडा पकड़ कर, हिला हिला कर, मूठ मार कर दिखाओ.”
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मुझे पता था कि इतनी देर तक मुझे अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखने के बाद उनका लंड भी जल्दी से जल्दी अपना पानी निकालने को बेताब था. मैं खुश थी कि मेरे पति ने फिर एक बार अपनी सेक्सी पत्नी को अपनी चूत मे उंगली कर के हस्त मैथून करते हुए देखने का मज़ा लिया है, दो दिनो मे दो बार ! वैसे तो मैने उन से पूरी तरह चुद्वाने के बाद, उनको मूठ मारते हुए कई बार देखा है जब वो अपना लॉडा पकड़ कर, हिला हिला कर, मूठ मार कर मेरी चुचियों पर, मेरे पेट पर और मेरे मूह मे अपने लंड का पानी निकालते हैं. लेकिन आज वो मौका था बाब मैं उन से चुडवाए बिना, उनके सामने बैठ कर, उनको शुरू से मूठ मारते हुए देखूँगी. मैं जानती थी कि ये खेल हम दोनो के लिए कितना मज़ेदार है. पति पत्नी दोनो नंगे, एक बंद कमरे मे, आमने सामने बैठे है, पर पति अपनी पत्नी को चोद नही रहा है, पत्नी अपने पति से चुद्वा नही रही है. दोनो, एक दूसरे को मूठ मार कर, हस्त मैथून कर के दिखाने का मज़ा ले रहे हैं.

“मैने कभी भी, किसी को भी आज तक अपना लंड पकड़ कर शुरू से आख़िर तक मूठ मारते हुए नही देखा है. मैं आज आप को देखना चाहती हूँ. वैसे आप को कैसा लगा मुझे मेरी चूत मे उंगली करते हुए देखने मे ?” मैने कहा.

वो बोले “बहुत अच्छा, बहुत सेक्सी. मैं बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया हूँ. कल की तरह आज भी तुम्हारा अपनी चूत मे उंगली करना ला-जवाब था.”

“तो फिर देर किस बात की. मुझे भी वही मज़ा लेने दो जो आप ने लिया है.” मैने कहा.

इतना सुनते ही उन्होने अपना मचलता हुआ, फड़फदता हुआ, तनटनाता हुआ लंबा, मोटा और सख़्त लॉडा अपने हाथ मे पकड़ा और उस से निकलता हुआ पानी लौडे के सूपदे के उपर मला. मैं बहुत ध्यान से देख रही थी कि वो क्या क्या करते हैं. और फिर उन्होने अपना लॉडा अपनी हथेली के बीच मे टाइट पकड़ कर उसको धीरे धीरे हिलाना शुरू किया. वो अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर आगे पीछे करने लगे जैसे उनका हाथ मेरी चूत का काम कर रहा हो.

मेरे पैर अभी भी चौड़े थे और उनको मेरी गीली चूत के दर्शन हो रहे थे. उन्होने अपने पैर ज़मीन पर रखे और ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी अपना लॉडा पकड़ कर हिलाने लगे, आगे पीछे करने लगे, मूठ मारने लगे. मैने देखा की उनके लौडे से निकला चुदाई के पहले का पानी उन के लंड पर कुछ सुख गया है और उनको मूठ मारने मे कुछ परेशानी हो रही है.

“क्या बात है?” मैने पुचछा.

“मुझे कुछ क्रीम या ऐसा ही कुछ चाहिए, लौडे को चिकना बनाना है.” वो बोले.

“रूको ज़रा” मैने कहा और उठ कर ड्रॉयर से एक वॅसलीन की डिब्बी निकाली. मैने डिब्बी का ढक्कन खोला, अपनी उंगलियों से थोड़ी वॅसलीन निकाली और उनके लौडे पर लगाई. मुझे पक्का पता था कि मेरी उंगलियों ने उनके लौडे को टच करके उनके अंदर चुदाई की आग को और भी भड़का दिया था. मैने जल्दी से उनके लौडे से अपना हाथ हटा लिया. हालाँकि मैने अपने आप को उनका लॉडा पकड़ कर मूठ मारने से रोक लिया था पर मैं अपने मन मे चाहती थी कि उनके तने हुए लौडे को पकड़ कर, हिला हिला कर उनके लंड का पानी निकाल दूं. पर आज मैं ये सब उनको खुद की करते हुए देखना चाहती थी. मैं ये ज़रूर देखना चाहती थी कि मैं जब उनसे दूर होती हूँ तो वो कैसे अपने लौडे को हिला हिला कर मूठ म्मार कर पानी निकालते हैं. मैं ये भी देखना चाहती कि मर्द लोग कैसे किसी लड़की को दिमाग़ मे रख कर मूठ मारते हैं.

मैने अपने आप को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन रोक नही सकी. उनका तना हुआ, खूबसूरत लॉडा मुझे मज़बूर कर रहा था. आख़िर मैने अपने हाथ मे उनके खड़े हुए लौडे का मूह, सूपड़ा पकड़ ही लिया. फिर मैं उनके लंड के सूपदे पर हाथ फिराने लगी, अपना हाथ उपर नीचे करने लगी तो उन्होने अपनी गंद आगे पीछे करनी शुरू करदी और उनका लॉडा मेरे हाथ को ही चोद्ने लगा. लेकिन मैने अपने आप पर काबू किया और वापस अपनी जगह पर आ कर बैठ गई. मैने उन से कहा ” आप ने तो मुझे दो दिनो मे दो बार हस्त मैथून करते हुए देखा है, पर मैने आप को कभी भी पूरा हस्त मैथून करते हुए नही देखा है. जो मज़ा आप ने लिया है, अब वो मज़ा मुझे भी तो मिलना चाहिए.”

अब उन्होने अपने एक हाथ से अपना खड़ा लंड पकड़ा और एक हाथ से अपने लंड के नीचे लटकती गोलियों को पकड़ा. मैने महसूस किया कि वो मेरे लिए अपना हाथ धीरे धीरे घुमा रहे थे ताकि मैं पूरी तरह से उनके लौडे को मूठ मरवाते हुए देख सकूँ. मुझे सचमुच बहुत अच्छा लग रहा था अपने पति को अपने सामने बैठा कर, उनको मूठ मारता हुआ देखा कर. वो एक हाथ से अपना लॉडा पकड़ कर हिलाने लगे और उनकी हिलने की, हाथ के लौडे पर आगे पीछे करने की, मूठ मारने की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ती गई. अपने दूसरे हाथ से वो लगातार अपने लंड के नीचे की गोलियो को मसल रहे थे. इतनी देर तक मुझे अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखने के कारण वो बहुत गरम हो चुके थे और इसी जोश की वजह से उनकी गंद भी उत्तेजना के मारे आगे पीछे होने लगी थी. उनका पूरा लॉडा वॅसलीन मे लिपटा हुआ होने की वजह से उनका हाथ बड़े आराम से, तेज़ी से उनके अपने लंड पर घूम रहा था. मैने देखा कि उनके लौडे पर लगाई गई वॅसलीन बह कर अब उनके लंड के नीचे लटकती गोलियों की थैली को भी गीला कर दिया है.

उनके मूठ मारने की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी और मैने अपनी चूत मे फिर से खुजली महसूस की. मैने कोई देर नही की. मैने तुरंत ही अपनी पहले से ही गीली फुददी मे अपनी उंगली डाली और अपनी खुद की चूत को फिर से एक बार अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनको भी मेरा ये काम बहुत पसंद आया. अब हम दोनो पति पत्नी, एक बंद कमरे मे, साथ साथ, नंगे हो कर, आमने सामने बैठ कर हस्त मैथून कर रहे थे, वो अपने लौडे पर मूठ मार रहे थे और मैं अपनी चूत मे उंगली कर रही थी. क्या शानदार नज़ारा था. अक्सर नंगे पति पत्नी बंद कमरे मे होते है तो चुदाई का खेल होता है पर हमारे बीच मे एक दूसरे को हस्त मैथून करते हुए देखने का खेल हो रहा था. मैने तो शुरू से अपनी चूत को अपनी उंगली से तेज़ी से चोद्ना चालू कर दिया.

मैने देखा कि उनका लॉडा बहुत ही सख़्त हो चला है और उनका सूपड़ा भी काफ़ी फूल गया है. मुझे पता लग गया था कि ये निशानी है कि लंड से पानी निकलने मे अब ज़्यादा वक़्त नही है. वो अपनी आँखें बंद किए, लगातार अपने लौडे को पकड़ कर तूफ़ानी रफ़्तार से मूठ मार रहे थे. उनकी गंद तो ऐसे हिल रही थी जैसे वो किसी को चोद रहे हो. मैने भी अपनी चूत मे अपनी उंगली की रफ़्तार बढ़ा दी. उनका लंड तो तेज़ी से उनके हाथ को चोद ही रहा था. अचानक मुझे एक शरारत सूझी.

मैने एक हाथ से उनके लंड के नीचे की गोलियाँ पकड़ी और और उनसे पूछा” झड़ने मे कितनी देर है?”

” जल्दी ही पानी आने वाला है.” वो अपनी साँसों पर काबू करते हुए बोले.
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने अपना हाथ धीरे धीरे उनकी गंद की तरफ बढ़ाया और अब मेरी उंगकी उनकी गंद के मूह पर थी. मेरी उंगली के साथ उनके लॅंड पर लगाई गई वॅसलीन जो उनकी गोलियों पर आ गई थी, वो भी उनकी गंद के दरवाजे तक पहुँच गई थी. मतलब, अब उनकी गंद का मूह भी चिकना हो गया था. मैने देर नही की और अपनी उंगली उनकी गंद मे घुसा दी. मैं एक हाथ की उंगली अपनी चूत मे डाल कर अंदर बाहर कर रही थी और दूसरे हाथ की उंगली उनकी गंद मे डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. मैं अपनी उंगली से अपनी चूत भी चोद रही थी और दूसरे हाथ की उंगली से उनकी गंद भी मार रही थी. उन्होने भी अपनी गंद ढीली छ्चोड़ दी जैसे गंद मरवाने का मज़ा ले रहे हो, और वॅसलीन तो थी ही, जिस से मैं अपनी उंगली आराम से उनकी गंद के अंदर बाहर कर रही थी.

कुछ देर बाद, उनका बदन अकड़ने लगा और गंद उपर उठने लगी और मैं समझ गई कि समय आ गया है उनके लंड से पानी की बरसात होने का.

अचानक ही, उनके लंड से सफेद पानी की जोरदार धार किसी फव्वारे की तरह निकली. मैने देखा की उनके लंड से निकला पानी हवा मे काफ़ी उपर तक गया था. उनके लंड से एक के बाद एक धार निकलती रही और हवा मे जा कर नीचे गिरती रही. उनके लौडे से निकला बहुत सारा पानी उनके पेट पर गिरा, उनके हाथ पर गिरा और मेरे उपर भी गिरा. जब उनके लंड ने अपना पानी बरसाना बंद कर दिया तो मैने उनकी गंद से अपनी उंगली बाहर निकाल ली. उन्होने मेरी तरफ देखा और मैने उनकी तरफ देखा. हम दोनो ही मुस्काराए.

“बहुत मज़ा आया.” हम दोनो एक साथ बोले.

” लेकिन मुझे ज़्यादा मज़ा आया. क्यों कि मैने आज पहली बार आप को पूरा हस्त मैथून कर के लंड से पानी निकालते हुए देखा है.” मैं बोली.

मैने नीचे देखा तो हर तरफ उनके लंड से निकला पानी फैला पड़ा था. मैं उठी और एक कपड़ा ले कर ज़मीन पर फैला उनका लंड रस सॉफ करने लगी. मेरा ध्यान उनके लौडे पर भी गया. मैने टवल से उनका लॉडा, उनका हाथ और उनका पेट भी सॉफ किया. उनका लॉडा अभी छोटा नही हुआ था पर अब उतना सख़्त नही था. वो धीरे धीरे मुलायम हो रहा था.

सब सॉफ करने के बाद मैं वापस अपनी जगह अपने पैर फैला कर बैठ गई और वो मेरी चिकनी चूत को निहारने लगे. मैं चूत मे उंगली कर के दूसरी बार झड़ी नही थी और बीच मे ही उठ कर सफाई करने लग गई थी. अब मैं जल्दी से जल्दी झड़ना चाहती थी. मैने जैसे ही अपनी उंगली अपनी गीली चूत मे फिर से डालने की सोची, मैने देखा कि मेरी नंगी, चिकनी चूत देखते ही उनका चुदाई का हथियार, उनका लॉडा फिर से खड़ा होने लग गया है. मैं मन ही मन बहुत खुश होती हूँ कि मेरे पति का लॉडा कितना शानदार है, कितना सुंदर है, कितनी जोरदार चुदाई करता है. हमेशा मेरी चूत को चोद्ने को तय्यार रहता है.

उनके खड़े होते लौडे को देख कर मैने चूत मे उंगली करने का ख़याल छोड़ दिया. अब तो मैं उनके लंड से अपनी चूत चुद्वाने का मज़ा लेना चाहती थी और उनको भी चोद कर लंड से पानी निकालने का मौका देना चाहती थी.

मैने आगे हो कर उनके गरमा गरम लौडे को पकड़ लिया. मेरा हाथ उनके तने हुए लौडे पर घूमने लगा. उनका हाथ भी मेरी टाँगो के बीच से झाँकति चूत को सहलाने लगा. मेरी गंद तो चुद्वाने की चाह मे आगे पीछे हिलने लगी. मैने उनको गर्दन पकड़ कर उनको अपने उपर, पलंग पर गिरा लिया. इस तरह उनका तनटनाता हुआ लंड मेरी गीली, चिकनी और रसीली चूत के दरवाजे पर दस्तक देने लगा. दूसरी बार नही झाड़ पाने की वजह से मैं काफ़ी गरम थी और जल्दी से जल्दी उनका लंबा लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वाना चाहती थी. मेरी गंद मचल मचल कर उपर होने लगी और मेरी चूत उनके लंड के लिए बेताब हो उठी.

“अब और मत तडफाओ. जल्दी से मुझे चोदो ना.” आख़िर मैने उनसे अपने दिल की बात कह दी.

उन्होने अपनी गंद ज़रा उपर की तो मैने हमारे दो नंगे बदन के बीच मे उनके तने हुए लौडे को देखा. मैने अपना हाथ नीचे किया और अपनी उंगलियों से अपनी चूत का दरवाजा उनके लंड के लिए खोल दिया. जब मैने अपनी चूत को खोला तो मैने सॉफ सॉफ महसूस किया कि मेरी चूत से रस की एक बड़ी बूँद निकल कर मेरी गंद के मूह की तरफ गई है. उन्होने अपना लंड अपने हाथ मे पकड़ा और मेरी चूत के खुले हुए मूह पर लगाया. हम दोनो ही चोद्ने के लिए और चुद्वाने के लिए बहुत बेचैन थे. हम दोनो को ही हस्त मैथून करने के बाद अब असली चुदाई की ज़रूरत थी. उन्होने अपना लंड निशाने पर लगाया और एक झटके साथ मेरी गीली चूत मे घुसा दिया.

ये हमारी चुदाई के लिए बेताबी का ही असर था कि अपना लंड मेरी चूत मे डालते ही, बिना रुके, तुरंत ही उन्होने मुझे ज़ोर ज़ोर से चोद्ना शुरू कर दिया.

हमेशा की तरह मैं जल्दी ही झाड़ गई थी. वो केवल कुछ देर तक रुके, एक बार मुझे चोद्ना बंद किया और तुरंत ही फिर पूरी रफ़्तार से मुझे फिर से चोद्ना शुरू कर दिया. उनका लॉडा मेरी चूत मे तेज़ी से आ जा रहा था. वो मुझे लगातार चोद्ते रहे और मैं उनके नीचे लेटी उनसे चुदवाती रही. वो मुझे फका फक……… फका फक चोदे जा रहे थे और मैं फिर से अपने झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी. तभी मैने उनके लौडे मे भी और अधिक सख्ती महसूस की और मुझे पता चल गया कि वो भी झड़ने से ज़्यादा दूर नही है. मैं भी पहुँचने वाली थी और वो भी पहुँचने वाले थे. उन्होने अपनी चुदाई की रफ़्तार और बढ़ाई और मेरी चूत ने तो झाड़ कर जवाब दे दिया. पर इस बार वो रुके नही, क्यों कि वो भी काफ़ी नज़दीक थे. कुछ धक्कों के बाद उनके लौडे ने भी मेरी चूत मे अपना पानी छोड़ दिया और हम दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लिपट गये.

क्रमशः....................................
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08-14-2019, 04:01 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-28

गतान्क से आगे.....................

अपनी जीभ बाहर निकाल कर वो अंजू की चूत के होठों पर फिरा रहे थे, उपर से शुरू करके, नीचे की ओर, उसकी चूत के दरवाजे की ओर उनकी जीभ बढ़ रही थी. अंजू के पैर फैले होने की वजह से उसकी फुददी के होंठ खुले हुए थे. मुझे पूरा यकीन है कि उनको अंजू की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो कि मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत स्वदिस्त है. अंजू के मूह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिसकी निकली. मेरी आँखें तो जैसे मेरे पति की, अंजू की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थी. अब उन्होने अंजू की गंद पकड़ कर, पीछे दबा कर अंजू की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था. मैने अंजू का एक पैर पकड़ कर उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत आट मेरे पति की जीभ अपनी चूत पर देख सके. लेकिन जल्दी ही मेरे पति ने अपना मूह खोला और अंजू की चूत को अपने मूह मे ले लिया. अंजू के चूत के होंठ मेरे पति के मूह के होंठों के बीच थे और मेरे पति की जीभ अंजू की चूत मे घूम रही थी.

मुझे पता चल रहा था कि वो अंजू की चूत मे अब नीचे से उपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे. अंजू की चूत के दरवाजे से अंजू की चूत के दाने तक, अंजू की चूत चाती जा रही थी और जल्दी ही मैने देखा कि उन्होने अपनी जीभ अंजू की चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू तो जैसे उच्छल ही पड़ी. उसके मूह से जोरदार सिसकारी निकली, आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

थोड़ी देर अंजू की फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली अंजू की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए अंजू की चूत चोद्ने लगे. मुझे पता लग रहा था कि अंजू की बहुत कम चुदि हुई चूत कितनी टाइट थी. अंजू की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैने देखा कि अंजू तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है. वो अपनी गंद हिलाने लगी, अपने पैर हिलने लगी और अपने मूह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मेरे पति उसकी चूत मे उंगली करते हुए उसके चूत के दाने को चूस रहे थे. ऐसा लगता था कि अंजू जल्दी ही झड़ने वाली है. वो जल्दी जल्दी मेरे पति के हाथ पर और मूह पर अपनी चूत दबाने लगी. उसकी चूत मेरे पति की उंगली से चुद्ति जा रही थी.

अचानक ही अंजू झाड़ गई और मेरे पति की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जाकड़ लिया. मेरे पति अभी भी उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे. अंजू तो जैसे चिल्लाई ” ओह…….. आअहह.. रूको…….बस करो…… मेरा हो गया है……. बस करो जान……………….., वो नीचे झुकी ओर मेरे पति का सिर पकड़ कर उनका मूह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे पति की उंगकी अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी. कुछ देर रुकने के बाद, मेरे पति ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनकी उनकी उंगली अंजू की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी.

धीरे धीरे शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से अंजू की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे. मुझे मेरे पति को अंजू की चूत मे उंगली करते हुए, अंजू की चूत अपनी उंगली से चोद्ते हुए, अंजू की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अंजू की गंद हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था कि वो फिर से एक बार झड़ने वाली है. और अचानक ही, वो फिर से झाड़ गई.

” हे भगवान…… जूली…….. ऐसा लगता है कि मेरी पूरी चुदाई हो गई है. मेरी प्यास बुझ गई है.” अंजू मस्ती मे बोली.

” तो……. एक बार फिर हो जाए? ” मैने कहा.

” नही यार……….. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है. लेकिन मज़ा बहुत आया.” वो बोली

लेकिन मेरे पति ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नही रहा गया. अंजू की चूत एक बार फिर से चुद्ने लगी. इस बार मेरे पति की जीभ से. मेरे पति जी जीभ किसी मर्दाना लौडे की तरह अंजू की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और अंजू फिर से मज़े ले कर चुद्वाने लगी. अंजू बहुत दिनो के बाद चुद्वा रही थी और क्या खूब चुद्वा रही थी. मैं अपनी पति से अंजू को चुद्वा रही थी. मैने अंजू के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी कि अंजू की चुचियाँ रह रह के काँप रही थी, हिल रही थी. मेरे पति फिर से अंजू को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से छूने लगे थे. अंजू फिर से झड़ने वाली थी.

” आआआआअहह………………..ऊऊऊहह…” अंजू के मूह से निकला.

मैने अपने पति के कान मे कहा कि वो हट जाए और अब मुझे अपनी जीभ अंजू की चूत मे डालने दे. मेरे पति ने तुरंत ही अपना मूह अंजू की चूत से हटाया और मैने जल्दी से अपनी जीभ अंजू की रसीली, बहती, गीली और स्वदिस्त फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने लगी. अंजू ने अचानक अपनी आँखें खोल कर देखा कि क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी. मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से अंजू की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी. अंजू के दोनो पैर मेरे कंधे पर थे और अंजू बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी, मेरी जीभ से अपनी चूत चुद्वा रही थी. एल औरत, दूसरी औरत की चूत चाट रही थी और एक मर्द, मेरे पति हम दोनो को देख कर मज़ा ले रहे थे. अंजू फिर से एक बार झड़ने वाली थी.

” तुम्हारी जीभ कमाल है जूली………. आआहह” वो बोली.

मैं तो बस उसकी चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर कर रही थी. अंजू की चूत को अपनी जीभ से चोद्ते चोद्ते, मैने अपना हाथ नीचे पानी मे, अपनी टाँगों के बीच, अपनी चूत पर ले गई. मेरे पति मेरे पीछे आए और उन्होने पीछे से हाथ डाल कर मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ ली. उनका हाथ लगते ही मेरे चुचियाँ तन कर खड़ी हो गई. वो पीछे से मेरी चुचियाँ दबाते हुए मेरे और नज़दीक आए तो उनका तना हुआ, खड़ा हुआ, लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरे गंद के नीचे, मेरी टाँगों के बीच मे आ गया. पानी मे ही मैने अपनी गंद को उनके लंड पर दबाया. उनका गरमा गरम लॉडा पानी मे मेरी गंद को बहुत मज़ा दे रहा था. पानी के अंदर, उन्होने अपना लॉडा अपने हाथ मे पकड़ कर, मेरे टाँगों के बीच से मेरी चूत के दरवाजे पर लगाया तो मैने पानी मे अपनी टाँगें और चौड़ी कर ली. जैसे ही उन्होने पानी के अंदर एक झटका लगा कर अपने लंड का अगला भाग मेरी चूत मे घुसाया, पानी के बाहर चूत चुस्वाती अंजू झाड़ गई. अंजू ने अपनी टाँगों से मेरे सिर को जाकड़ लिया. उधर पानी के अंदर, मैं अपनी गंद आगे पीछे करके उनके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. अंजू के मूह से मज़े के मारे चीखें सी निकलने लगी. वो वाकई मे बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी. मैने अंजू के पैर अपने सिर से हटाए और पूल मे लटकाए, तो अंजू भी पानी मे गिर पड़ी. उसने पानी मे डुबकी लगा कर, मेरे पति के लौडे को मेरी चूत के अंदर बाहर होते देखा.

कुछ देर यौं ही पानी के अंदर ही चुद्वाने के बाद, वक़्त आ गया था कि चूत और लंड की असली चुदाई का. मैने उनका लॉडा अपनी चूत से बाहर निकाला और पूल की सीढ़ियो की तरफ तैरते हुए बोली ” बाहर चुदाई करते हैं.”

मैं आगे आगे थी, अंजू मेरे पीछे थी और मेरे पति आख़िर मे थे. हम तीनो पानी से बाहर आ गये. हम तीनो को ही शानदार चूत चुदाई की ज़रूरत थी. मुझे और अंजू को चुद्वाने की और मेरे पति को चोद्ने की. जैसा कि मैने बताया है कि मैं अंजू को ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती थी ताकि वो इस चुदाई को बहुत दिनो तक याद रखे. ना जाने बेचारी की चूत की किस्मत मे फिर कब चुद्वाना लिखा है. मुझे पूरा यकीन था कि अंजू ने आज वो मज़ा लिया है जो उसको कभी नही मिला.

मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे इतने मज़बूत है कि वो एक साथ मे हम दोनो को चोद सकते है और दोनो को पूरा संतुष्ट कर सकते हैं. और आज भी वही होने वाला था. मेरे पति मुझे और अंजू, दोनो को, एक के बाद एक को चोद्ने वाले थे. मेरी चूत मे उनके लौडे से चुदाई की खुजली हो रही थी, इसलिए मैने अपने पति से पहले चुद्वाने का सोचा. अंजू की चूत मे उंगली करके, जीभ डाल कर के हम दोनो ने उसको कई बार झाड़ दिया था. और फिर मैं अंजू को मेरी चुदाई होते हुए देखने का मज़ा भी देना चाहती थी.
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