Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 03:58 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मेरे पति पलंग पर पीछे सहारा ले कर बैठे थे और मैं उनके उपर, उनकी छाती का सहारा ले कर बैठी हुई थी. मेरे पैर फैले हुए थे. उनका एक हाथ मेरी चुचियों से खेल रहा था तो उनका दूसरा हाथ मेरी चूत से खिलवाड़ कर रहा था. मुझे उनके इस खेल मे बहुत मज़ा आ रहा था पर मैं जल्दी ही चुदाई के लिए गरम होने लगी. और उनकी इन सेक्सी हरकतों की वजह से हम दोनो फिर से एक बार हमारा पसंदीदा खेल चुदाई चुदाई खेलने को तय्यार थे.

मेरे कहने पर वो ज़मीन पर, फिर से आईने के सामने खड़े हो गये और मैं उनके सामने खड़ी हो गई. हम दोनो आईने मे अच्छी तरह नज़र आ रहे थे. मैने अपने हाथों से उनकी गर्दन का पिच्छला हिस्सा पकड़ा और उन्होने अपने दोनो हाथों से मेरी कमर और गंद पकड़ी. फिर मैने एक छलाँग लगा कर, उनकी कमर को अपने पैरों से पकड़ लिया. मैं चाहती तो ये थी की मेरी इस हरकत से उनका तना हुआ लॉडा मेरी चूत मे एक झटके के साथ घुस जाए, मगर ऐसा नही हो सका. आप को मालूम ही है कि ये कितना मुश्किल काम है. अब मैं उनकी कमर को अपने पैरों से पकड़ कर लटकी हुई थी और उनके दोनो हाथ मेरी गंद के नीचे थे जो मुझे संभाले हुए थे. इसी तरह बिना उनका लंड पकड़े, उन्होने और मैने, दोनो ने, उनका लंड अपनी चूत मे डालने और डलवाने की कोशिश की. मैने कई बार अपनी नंगी गंद उपर नीचे की पर उनका लॉडा मेरी चूत मे ना घुस कर इधर उधर हो जाता. अंत मे मैने अपना एक हाथ उनकी गर्दन से हटाया और उनका टनटनाता हुआ लॉडा पकड़ कर अपनी रसीली गरम चूत मे घुसाया. मैने फिर से अपने हाथों से उनकी गर्दन पकड़ ली. मैं जैसे उनकी गर्दन मे अपने हाथ डाल कर, उनके हाथों पर अपने गंद रख कर बैठी हुई थी और मेरी चूत मे था उनका लंबा मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा. मैने अपनी गंद कुछ इस तरह से हिलाई और उन्होने भी अपनी कमर इस तरह अड्जस्ट की, के अब उनका लॉडा मेरी चूत मे पूरी तरह घुस चुका था और हम चुदाई के लिए पूरी तरह तय्यार थे. उनके उपर लटकी हुई मैं अब अपनी गंद उछाल उछाल कर हिला रही थी और इस तरह उनका लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होता हुआ मुझे चोद्ने लगा, मेरी चूत को चोद्ने लगा. हम दोनो ने ही आईने मे अपने आप को चोद्ते और चुद्वाते हुए देखा. हम दोनो को ही अपने आप को देखते हुए चुदाई का आनंद आने लगा. मैं अपनी नंगी, गोल गोल गंद उनके हाथों पर रखे हुए उन के लौडे पर नाच रही थी और इस तरह उनका लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा.

इस बार मैं चाहती थी कि उनके लौडे का प्रेम रस, चुदाई का पानी मेरे साथ ही निकले, क्यों कि मैं तो तीन बार झाड़ चुकी थी पर उनके लंड से अभी तक केवल एक बार ही पानी निकला था. मैं चाहती थी कि अपने लंड रस से मेरी चूत को पूरी भर दें. मैं अपने छूटने झड़ने की तरफ बढ़ रही थी पर मैने अपना पूरा ज़ोर अपने आप को झड़ने से रोकने मे लगा दिया और चाहती थी कि मुझे झड़ने मे जितनी देर हो उतना ही ठीक है ताकि वो मेरी चूत मे अपने लंड का पानी मेरे झड़ने के साथ ही छ्चोड़ें. मैने महसूस किया कि उनको इस तरह खड़े खड़े, मुझे हाथों मे उठा कर चोद्ने मे थोड़ी तकलीफ़ हो रही है तो मैने उन से पलंग पर चलने को कहा.

बिना अपना लॉडा मेरी चूत से बाहर निकाले, वो मुझे पलंग तक ले आए. मैं उसी तरह उनका लंड अपनी चूत मे लिए बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर चौड़े कर लिए. अब वो आसानी से मुझे पुर ज़ोर शोर से चोद्ने लगे. उनका लंड हमेशा की तरह मेरी चूत की गहराइयों मे जाता और फिर बाहर निकल आता. फिर अंदर जाता और फिर बाहर निकल आता. वो ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी मुझे चोद्ने लगे और फिर से चुदाई का वोही संगीत फ़चा फॅक……….फ़चा फूच……फ़चा फॅक……….. रूम मे गूनगुनाने लगा. मेरी मस्त चुदाई हो रही थी…फाका फक…..फाका फक,,,,फाका फक. मेरी चूत इतनी बार झड़ने की वजह से इतनी गीली थी कि उनका इतना मोटा, इतना लंबा लॉडा भी मेरी चूत मे आराम से आ जा रहा था. उनकी चुदाई की रफ़्तार, उनके लौडे मे अधिक अकड़न और उनके सुपाडे को मेरी चूत मे आते जाते फूलते हुए महसूस करते हुए मैं समझ गई कि उनके लंड से पानी की धार निकालने मे ज़्यादा वक़्त नही है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के करीब थी ही.

और हे भगवान…….. हम दोनो ही एक साथ ही ज़ोर से झाड़ गये, हमने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और और उनका लंड मेरी चूत की गहराइयों मे घुसा हुआ अपना लंड रस मेरी चूत मे बरसाने लगा. उनका लॉडा नाच नाच कर अपना गरम गरम रस मेरी चूत मे निकाल रहा था. वो मेरे उपर, अपना लॉडा मेरी चूत मे डाले, मुझे पकड़े हुए लेटे हुए थे और हम दोनो ही अपने अपने झड़ने का मज़ा ले रहे थे. मैने उनका मूह चूम लिया.

कुछ समय बाद, उन्होने धीरे से अपने नरम होते लंड को मेरी चूत से निकाला तो उसके साथ ही उनके लंड से निकला रस मेरी चूत से निकले रस मे घुल मिल कर बाहर आ कर मेरी गंद की तरफ बहने लगा.

हम दोनो फिर से एक बार बाथरूम मे आए और एक दूसरे के नंगे बदन को सॉफ किया. जब वो शवर के नीचे खड़े हुए थे तो उनके बदन पर गिरता पानी उनके लंड से बहने लगा जैसे वो मूत रहे हो. मैं अपने आप को रोक नही सकी और उनके नरम लंड से बहते पानी को पीने लगी.

अपना बदन सॉफ कर के हम वापस बेडरूम मे आए. बाहर अभी भी बरसात हो रही थी और बिजलियाँ कड़क रही थी. लेकिन हमारे अंदर का चुदाई का तूफान शांत हो चुका था.

बातें करते करते हम कब एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए सो गये, ये हमे पता ही नही चला.

क्रमशः...........................
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08-14-2019, 03:58 PM,
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जुली को मिल गई मूली-24

गतान्क से आगे.....................

मेरे प्यारे दोस्तों,

जैसा कि मैने अपनी पिच्छली दास्तान मे वादा किया था, मैं आप की जूली फिर से हाज़िर हूँ अपनी चुदाई की दास्तान का अगला भाग ले कर. हमेशा की तरह इस बार भी आप को पता चलेगा कि मैने अपनी जिंदगी मे चुदाई का कोई भी मौका नही छ्चोड़ा है और मेरी आज की दास्तान इस का ताज़ा उदाहरण है. तो, बिना आप सब का ज़्यादा वक़्त लिए, मैं शुरू करती हूँ अपनी चुदाई की दास्तान कि कैसे मैने नीता को अपना लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाया.

शाम का वक़्त था और मैं अपने घर मे अकेली थी. घर का कुछ काम करते हुए मैं अपने पति का इंतज़ार कर रही थी. शाम के करीब 5.00 बजे थे. मेरा प्रोग्राम अपने पति के साथ, उनके ऑफीस से आने के बाद, बाज़ार जाने का था और हम रात का खाना बाहर ही खाने वाले थे. मैने करीब करीब घर का सारा काम कर लिया था और फ्रेश होने के लिए मैने स्नान किया. मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई लेकिन मैने तय्यार होने की कोई कोशिश नही की. मैं जानती थी मेरे पति ऑफीस से आने के बाद, बाहर जाने से पहले मेरी एक फटाफट चुदाई ज़रूर करेंगे. अगर उन्होने शुरुआत नही की तो क्या है, मुझे पता है कि मैं ही शुरू कर दूँगी और अपने पति से जल्दी जल्दी, फटाफट चुद्वा लूँगी. मैने अपने नंगे बदन पर खुश्बू लगाई और अपने पति का पस्न्दीदा पारदर्शी गाउन अपने सेक्सी बदन पर पहन लिया.

अचानक, दरवाजे की घंटी बजी. मैने की होल से देखा तो बाहर मेरे पड़ोसी की खूबसूरत, सेक्सी, 19 साल की सेक्रेटरी नीता को खड़ा पाया. मैं जानती थी कि मेरी पड़ोसन तनु के अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई के संबंध है. जैसा कि मैने अपनी पहले की दास्तान मे लिखा है कि मेरी पड़ोसन तनु एक शादी शुदा, लेकिन चुदाई मे असंतुष्ट औरत है. उसका पति उसको चोद कर उसकी प्यास नही बुझा सकता क्यों कि चुदाई करते वक़्त उसके लंड का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है और तनु प्यासी की प्यासी ही रह जाती है. इसलिए, वो अपने पति की सेक्रेटरी नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई करती है. मैने दरवाजा खोला और नीता को अंदर आने को कहा. मैने ध्यान से उसे देखा. वो एक बहुत ही खूबसूरत, भोली सूरत वाली, तीखे नाक नक्श वाली लड़की है और उसका बदन बहुत ही सेक्सी है. उसने अपने कंधे पर एक बेग लटका रखा था. जैसा की मैने लिखा है, मैं चाहती थी कि मैं भी इस सेक्सी लड़की के साथ लेज़्बीयन चुदाई करूँ.

अंदर आते ही उसने ज़ोर की साँस ली और मेरे बदन पर लगाई गई खुसबू का आनंद लिया.

” वाउ……….आप इस गाउन मे बहुत सुंदर लग रही है. क्या आप के पति घर पर है? मैने आप को डिस्टर्ब तो नही किया? मैं माफी चाहती हूँ अगर आप को मेरी वजह से कोई भी तकलीफ़ हुई है तो.” वो बोली.

“नही. ऐसी कोई बात नही है. मैं अकेली ही हूँ. मैं तुम को जानती हूँ. तुम नीता हो ना? तूँ ज़रूर तनु से मिलने आई होगी” मैने कहा.

“हां. मैं तनु से ही मिलने आई हूँ पर वो घर पर नही है. मैने उसको फोन किया तो उसने बताया कि वो बाहर है और उसको आने मे ज़रा देर लगेगी. उसने मुझ से कहा कि या तो मैं आप के यहाँ से उनके फ्लॅट की चाबी ले कर उनके फ्लॅट मे उसका इंतज़ार करूँ या आप के घर मे बैठ कर उसका इंतज़ार करूँ. अगर आप को कोई परेशानी ना हो तो उसके फ्लॅट मे अकेली बैठने के बजाय मैं आप के साथ बातें करना पसंद करूँगी” उसने कहा.

“मुझे कोई परेशनी नही होगी. तुम मेरे पास बैठ कर तनु का इंतज़ार कर सकती हो. मैं तो अपने पति का इंतज़ार कर रही हूँ और हमारा दोनो का बाहर जाने का प्रोग्राम है. मीं उसी के लिए तय्यार हो रही थी.” मैने कहा

मुझे वो थोड़ी सी विचलित सी होती दिखी. मैने उस से कहा कि मेरे पति के आने मे अभी बहुत वक़्त है और वो तब तक आराम से मेरे फ्लॅट मे बैठे. और अगर तब तक तनु बाहर से वापस नही आई तो वो तनु के घर की चाबी ले कर तनु के घर मे जा सकती है. अब मैने उसके चेहरे पर संतोष देखा.

मैने उस से कहा कि मैं अपने लिए कॉफी बनाने जा रही थी, क्या वो मेरे साथ एक कप कॉफी पीना चाहेगी? उसने हां मे सिर हिलाया और अपने कंधे पर लटका बेग वहाँ सोफा के पास रख दिया. मैं कॉफी बनाने रसोई की ओर बढ़ी तो वो भी मेरे पीछे पीछे रसोई मे आ गई. वो लगातार मेरी खूबसूरती की, मेरी चाल की, मेरे सेक्सी बदन की तारीफ़ करती जा रही थी. उस ने मुझ से कहा कि जब मैं चलती हूँ तो मेरे कूल्हे बहुत मस्त अंदाज़ मे मटकते है. मैने अपने सेक्सी बदन की तारीफ़ मे उसकी बातें सुनते सुनते कॉफी बनाई और हम दोनो वापस बाहर के कमरे मे आ गई और सोफा पर बैठ कर कॉफी पीने लगी.

नीता ने एक शॉर्ट स्कर्ट और ढीला ढाला टॉप पहन रखा था. मुझे सॉफ सॉफ पता चल गया कि उसने अपने टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी है. उसकी चुचियाँ आकार मे छोटी, गोल गोल थी और उसकी निप्पल्स तनी हुई सी लग रही थी. उसके टॉप के महीन कपड़े से अंदर का नज़ारा दिख रहा था. कॉफी पीते पीते मैने उस से पुछा कि क्या वो कॉफी के साथ कुछ खाना पसंद करेगी? तो वो बोली ” नही. सिर्फ़ कॉफी ही बहुत है. मैने दोपहर का खाना ऑफीस मे ज़रा देर से खाया था.” और इसी तरह हम इधर उधर की बातें करते रहे.

जब मेरे फोन की घंटी बजी तो मैं समझ गई कि ये ज़रूर मेरे पति का फोन होगा. और सचमुच ये उनका ही फोन था. मेरे फोन उठाते ही उन्होने फोन पर ही मुझे चुंबन दिया और मुझ से माफी माँगी कि वो आज मेरे साथ बाहर नही जा सकते क्यों कि उनके ऑफीस मे अचानक ही एक विदेशी बिज़्नेसमॅन आ गया है और उस के साथ मीटिंग मे काफ़ी समय जाएगा. उन्होने मुझे कहा कि वो अगले दिन मेरे साथ बाहर ज़रूर जाएँगे. मुझे थोड़ी सी निराशा हुई पर मैने उनसे कहा कि कोई बात नही और मैने भी फोन पर उनको वापस चुंबन दिया और फोन रख दिया.
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08-14-2019, 03:58 PM,
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मैं जब वापस सोफा पर बैठी तो मैने देखा की नीता थोड़ी खुश नज़र आ रही है. उसने मुझ से कहा कि उसने मुझे अपने पति से बात करते सुना है और अब जब की हमारा बाहर जाने का प्रोग्राम रद्द हो गया है तो उसको लगता है कि उसने मेरे घर आकर मुझे परेशान नही किया है. मैने उस से कहा कि मेरे पति को अब ऑफीस से आने मे काफ़ी वक़्त लगेगा और वो आराम से मेरे घर मे बैठ कर तनु का इंतज़ार कर सकती है.

क्यों कि मैने अपने गाउन के नीचे ब्रा और चड्डी नही पहन रखी थी, इस लिए मैं कपड़े पहन ने के लिए आलमरी की तरफ बढ़ी तो नीता ने मुझे रोक लिया. उस ने कहा कि मैं ऐसे ही बहुत अच्छी लग रही हूँ और वो मुझे ऐसे ही देखना चाहती है. उसने मुझे कहा कि हम दोनो ही लड़कियाँ हैं और इस तरह उसके सामने बैठने मे मुझे कोई परेशानी नही होनी चाहिए. मैने भी उसकी बात मान ली. उस ने मुझ से कहा कि मेरे पति बहुत ही भाग्यशाली है जो उनको मेरे जैसी खूबसूरत, सेक्सी और सेक्सी बदन वाली पत्नी मिली है.

वाउ……………….. जब वो एक बार झुकी तो मैने उसकी हिलती हुई चुचियों को, उसकी तीखी निप्पल्स को सॉफ सॉफ देखी. बहुत ही शानदार नज़ारा था. उस की चुचियों की दो गोल गोल पहाड़ियों और गहरी घाटी ने मेरा रक्त चाप बढ़ा दिया था. मेरे हाथ मे अब पूरा समय था और मैं इस मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी. मैने जैसे ही नीता के साथ लेज़्बीयन खेल खेलने का विचार बनाया, मैं तो गरम होने लगी.

मैने जान बूझ कर अपने हाथ मे पकड़ी रुमाल नीता के सामने गिराई और उसे उठाने को फर्श पर झुकी, तो मैने उसकी फैली हुई सेक्सी टाँगों के बीच देखा. मेरी आँखें खुली की खुली रह गई जब मैने साफ साफ उसकी चूत को देखा. वो ब्रा तो नही पहनी हुई थी ये तो पहले ही पता चल चुका था और अब पता चला कि उसने चड्डी भी नही पहनी है. मुझे उसके पैरों के बीच से झाँकति चूत बहुत मस्त लगी. मैं जानती थी कि वो यहाँ तनु के साथ लेज़्बीयन खेल, चूत चूत का खेल खेलने आई है और शायद इसी लिए इसके लिए पूरी तरह तय्यार हो कर आई है. इसीलिए उसने ब्रा और चड्डी नही पहन रखी है. कुछ दिन पहले जब मैने तनु और नीता को आपस मे चूत चूत खेलते देखा था तो मैने बड़ी मुश्किल से अपने आप को उनके खेल मे शामिल होने से रोका था. मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि आज वो खुद मेरे घर चल कर आई है मेरे पास उसके साथ चूत चूत खेलने का पूरा मौका था. मैं जानती थी कि नीता को ये पता नही था कि मैं उस का राज़, उसके तनु के साथ लेज़्बीयन संबंध होने की बात जानती हूँ. मैने वो राज़ नीता के सामने खोलने का निस्चय किया ताकि उसको अपनी लेज़्बीयन पार्ट्नर बनाने मे आसानी हो.

मुझे भी चूत चूत का प्यार किए काफ़ी दिन हो गये थे. मैं जब गोआ मे थी, तब मैने अपनी बचपन की सहेली आंजेलीना के साथ और मेरे पति की पुरानी प्रेमिका अंजू के साथ लेज़्बीयन चुदाई की थी. वो सारी यादें मेरे दिमाग़ मे ताज़ा हो गई. मैं एक बार फिर लेज़्बीयन चुदाई का मज़ा नीता जैसी प्यारी और सेक्सी लड़की के साथ लेना चाहती थी.

मैने उसको बताया कि मैने उसको और टानू को कुछ दिन पहले तनु के घर मे लेज़्बीयन चुदाई करते हुए देखा है जब तनु के घर का दरवाजा शायद ग़लती से खुला रह गया था. मैने जैसे उसके सामने बम फोड़ दिया. वो ये सुन कर भोच्चाक्की रह गई. उस का चेहरा सफेद हो गया. उसको काटो तो जैसे खून नही. अपना राज़ खुलने के कारण वो बहुत घबरा गई थी. मैने उसको यकीन दिलाया कि उस का राज़ मेरे पास राज़ ही रहेगा और मैने उसको शांत करने की कोशिश की. धीरे धीरे वो नॉर्मल हो गई.

मुझे लग रहा था कि मैने सही समय पर सही बात की है. इस से हम दोनो को एक दूसरी के साथ खुलने मे और चुदाई की बातें करने मे आसानी होगी. मैं इस मौके को अपने हाथ से नही जाने देना चाहती थी क्यों कि नीता एक बहुत ही सेक्सी, भोली सी, प्यारी सी लड़की थी. वो भी अब मेरे साथ खुलने लगी थी और अब हम दोनो आराम से, खुल कर सेक्स और चुदाई की बातें करने लगे थी.

उस ने मुझे अपने बारे मे बताया. उस ने कहा कि वो मंजीत सिंग (तनु का पति) की दूर की रिश्तेदार है और वो उसके ऑफीस मे उसकी सेक्रेटरी का काम करती है. वो देल्ही के बाहरी हिस्से मे अपनी मा के साथ रहती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि वो अब कुँवारी नही है. तनु के पति मंजीत सिंग ने करीब 6 महीने पहले उसकी कुंवारेपन की सील तोड़ दी थी. मुझे ये सुन कर आस्चर्य हुआ क्यों कि मुझे पता था कि मंजीत सींग किसी भी औरत को पूरी तरह चोद कर संतुष्ट नही कर सकता था. मुझे बहुत आस्चर्य हुआ कि जो आदमी अपनी पत्नी को चोद कर संतुष्ट नही कर सकता, वो अपने घर के बाहर, अपने ऑफीस मे काम करने वाली एक 19 साल की लड़की को चोद्ता है. मैने नीता से पुछा कि क्या मंजीत सिंग पूरा मर्द है और उस को चोद कर पूरी तरह संतुष्ट करता है, तो उस ने बताया कि वो चुदाई मे बहुत कमजोर है और चोद्ते हुए बहुत जल्दी उसके लंड का पानी निकल जाता है. उस ने ये भी बताया कि वो उसका मालिक है और वो उसे चोद्ने के अलग से पैसे भी देता है, इसलिए वो इस बात की परवाह नही करती कि वो उसको कितना चोद पाता है. वो उसको अपने ऑफीस मे, सोफे पर, साप्ताह मे एक या दो बार ही चोद्ता है. हमेशा ही वो उसको बिना पूरे कपड़े उतारे हुए ही चोद देता है. ज़्यादातर वो उसके नीचे पहना हुआ कपड़ा और चड्डी उतारता है और अपनी पॅंट और चड्डी उतार कर ही चोद्ता है. हमेशा वो उसको जल्दी जल्दी चोद्ता है और जल्दी ही उसके लौडे का पानी भी निकल जाता है. वो बिना किस किए, बिना उसकी चुचियाँ दबाए, बिना प्यार किए, सीधा उसकी चूत मे लंड डालता है और चुदाई शुरू कर देता है. उस की चूत तो गीली भी नही हो पाती, वो तो पूरी तरह गरम भी नही हो पाती और तब तक उसके लंड से पानी निकल जाता है. उस से चुद्वा कर वो कभी भी नही झड़ी है. वो तनु के साथ लेज़्बीयन चुदाई कर के अपनी प्यास बुझाती है. तनु भी उसके साथ पूरी तरह संतुष्ट होती है. उस ने मुझे ये भी बताया कि तनु को पता नही है कि उसका पति उसको चोद्ता है.
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08-14-2019, 03:58 PM,
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हे भगवान! एक ही आदमी के कारण, चुदाई की प्यासी दो औरतें आपस मे लेज़्बीयन चुदाई कर के अपनी अपनी चुदाई की प्यास बुझाती है और उसमे से एक को तो पता भी नही है कि उसका पति उसकी लेज़्बीयन चुदाई की साथी को भी चोद्ता है. उसने मुझे बताया कि जब भी मंजीत सिंग ऑफीस के काम से बाहर जाता है तो वो नीता को अपनी पत्नी तनु के साथ रहने को कहता है ताकि तनु घर मे अकेली ना रहे और उसका मन लगा रहे.

वो दोनो रात को एक ही बिस्तर पर सोती थी और उन दोनो मे लेज़्बीयन चुदाई का सिलसिला तब शुरू हुआ जब एक रात को नींद मे ही दोनो ने एक दूसरी को अपनी बाहों मे लिया था. अब वो तनु के साथ बहुत खुश है और तनु भी उसके साथ बहुत खुश है. उसने मुझ से पूछा कि क्या मैने भी कभी लेज़्बीयन चुदाई की है? मैने उस को सच सच बताया कि मैने भी लेज़्बीयन चुदाई कई बार की है. मेरे मूह से मेरा कबूलनामा सुन कर वो बहुत खुश हो गई और उसकी आँखों मे मैने प्यार की चमक सॉफ सॉफ देखी. शायद मेरी तरह, जैसे मैं उसके साथ लेज़्बीयन चुदाई करना चाहती थी, वो भी मेरे साथ लेज़्बीयन चुदाई के लिए बेचैन थी. और मेरे लिए ये बहुत अच्छी बात थी.

मुझे बहुत आस्चर्य हुआ जब अचानक वो अपनी जगह से उठकर मेरे पास आई और मेरे मेरे गुलाबी गालों पर हाथ फेरने लगी और उस की उंगलियाँ मेरे होठों पर रेंगने लगी. तो उसने शुरुआत कर दी थी. मुझे पहल करने की कोई ज़रूरत नही पड़ी, उसने खुद ही पहल कर दी थी. मैने उसको रोकने की कोई कोशिश नही की. वो मुझे प्यार करती जा रही थी और उसने मुझे बताया कि जब से उसने मुझे पहली बार देखा था, तब से ही वो मुझे प्यार करने लग गई थी और वो कई दिनो से ऐसे ही किसी मौके की तलाश मे थी जब वो मेरे साथ लेज़्बीयन प्यार करे. तो आग दोनो तरफ बराबर लगी थी. मैं तो ये जान कर बहुत खुश हो गई थी. मैने अपने आप को उसकी बाहों मे ढीला छ्चोड़ दिया था और मैं गरम होने लगी. उसने मेरे होठों पर चुंबन दिया तो मैने उसका चुंबन मे पूरा साथ दिया. प्यार और चुदाई के जोश मे उसने मुझे कस कर अपनी बाहों मे ले लिया तो मैने भी उसके सेक्सी बदन को जाकड़ लिया.

उसके हाथ मेरे सेक्सी बदन को टटोलने लगे. बार बार उसके हाथ मेरी पीठ पर घूमते हुए मेरी गोल गोल गंद को दबाने लगे. उसने मेरे कान मेफुसफुसा कर कहा कि आज का दिन उसके लिए हमेशा याद रहने वाला दिन है. मैं भी उसकी प्यार की गर्मी मे पिघलती जा रही थी. मैं भी गरम होने लगी और मैने उस के गालों को चूमा, उसके कंधों पर हाथ फिराया, जहाँ जहाँ संभव हो सकता था उसके पूरे बदन पर हाथ फिराया. नीता ने कहा कि जब से उसने मुझे पहली बार देखा था, तब से वो इस मौके की तलाश मे थी कि मेरे साथ प्यार करे और आज उसकी तम्मन्ना पूरी हो गई थी. इसका मतलब वो भी उतनी ही बेकरार थी जितनी मैं बेकरार थी उसके साथ लेज़्बीयन चुदाई करने को. हम दोनो ने एक दूसरी को बेकरारी से चूमना शुरू कर दिया था.

उस ने सलाह दी कि सबसे पहले हम को अपने कपड़ों से आज़ाद हो जाना चाहिए. हाँ दोनो मेरे बेडरूम मे आई और हम ने ऐसा ही किया. उसने मेरा गाउन मेरी सेक्सी बदन से अलग कर दिया, मैने तो पहले से ही अपने गाउन के अंदर कुछ नही पहना था और मैं जान गई थी कि वो भी अपने कपड़ों के अंदर ब्रा और चड्डी नही पहने हुई है. मैने भी उसका टॉप और स्कर्ट उसके बदन से अलग कर दिया. अब हम दोनो एक दूसरी के सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थी और हम एक दूसरी के नंगे सेक्सी बदन को निहारने लगे.

जब मेरे पति मुझे चोद्ते हैं तो ज़्यादातर मैं चुदाई मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हूँ और ज़्यादातर लगता है जैसे मैं उनको चोद रही हूँ. मगर पता नही क्यों, इस बार मैं चाहती थी कि नीता का मेरी चुदाई मे मैन रोल हो. वो जैसे चाहे मेरे बदन से खेले, चाहे जैसे मुझे चोदे. नीता भी यही चाहती थी. उस ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और और मेरे सेक्सी बदन को उपर से नीचे चाटने लगी जैसे बहुत प्यासी हो, बहुत भूखी हो. मैं चाहती थी की वो मुझे चुंबन दे ताकि हम एक दूसरे के मूह का स्वाद ले सकें. इसलिए मैने उसे अपने उपर खींच लिया और उस के होठों पर अपने होंठ रख दिए. मैने अपनी जीभ उसके मूह मे घुसा दी और मैने जैसे चूस्ते हुए उसके रसीले होठों को काट ही लिया. उस ने भी अपनी मीठी जीभ मेरे मूह मे डाल दी तो मैने उसकी जीभ को बहुत चूसा. वो मेरे उपर लेटी हुई थी और हम चुंबन कर रहे थे तो मैने अपने हाथ उसकी नंगी पीठ पर घुमाए और इस तरह मेरे हाथ उसकी नंगी, गोल गोल, प्यारी गंद पर पहुँचे. उस की कड़क चुचियाँ मेरी चुचियों को दबा रही थी. उसने थोड़ा उपर हो कर, चुंबन जारी रखते हुए ही मेरी चुचियों को अपने हाथों मे ले कर मसल दिया. उसने मेरी तनी हुई निप्पल्स को भी मसला. उसकी चूत बिल्कुल मेरी चूत के उपर थी. उसने मेरी टाँगों मे अपनी टाँगें फसा कर, अपनी गंद हिला कर अपनी चूत को मेरी चूत पर दबाया. लगता था जैसे हम दोनो की चूत आपस मे गले मिल रही हो. वो अपनी चूत को मेरी चूत से रगड़ने लगी. इस तरह हम दोनो की चूत का दाना एक दूसरी की चूत से कई बार मसला गया. हम दोनो की चूत से रस निकलने लगा था.
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08-14-2019, 03:58 PM,
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मैने जोश मे उसे नीचे गिरा कर उस पर सॉवॅर हो गई. मैने उसकी एक निप्पल को अपने मूह मे लिया और उसको किसी बच्चे की तरह चूसने लगी. उसका एक हाथ नीचे, हमारे बीच से, मेरी चूत तक पहुँचा और वो मेरी बिना बालों वाली फुददी पर हाथ फिराने लगी. मैने भी अपनी गंद उपर कर के उसका साथ दिया ताकि वो आराम से मेरी चूत पर हाथ फिरा सके. अचानक, उसने मेरी चूत के दाने को अपनी दो उंगलियों के बीच ले कर मसल दिया तो मेरे सारे बदन मे जैसे बिजली सी दौड़ गई. मेरे मूह से सिसकियाँ निकलने लगी, अजीब अजीब सी आवाज़ें निकलने लगी क्यों कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरा कोई भी बस अपने आप पर नही चल रहा था. नीता एक पर्फेक्ट चुड़क्कड़ थी. लेज़्बीयन चुदाई मे मास्टर थी वो. मैं अपने आप को रोक नही सकी और मैने नीता को नीचे पटक कर उस के उपर सवार हो गई. मैने उसकी गर्दन पर, चुचियों पर, पेट पर, उसके पूरे सेक्सी और नंगे बदन को चुंबन से भर दिया और मैं इसी तरह उसके बदन को चूमती हुई उसकी रसीली चूत तक पहुँची. नीता ने मुझे पकड़ कर घुमा दिया और हम दोनो 69 की पोज़िशन मे आ गई. मेरी चूत उसके मुँह के सामने थी और उसने मेरी गंद पकड़ कर मेरी रसीली फुद्दि को अपने मूह पर रखा लिया. मैं भी अपनी चूत उसके मूह पर रख कर अपनी गंद हिलाने लगी. और मैने जैसे ही अपनी जीभ उसकी फड़कती हुई चूत के बाच मे डाली, उसके बदन मे भी जैसे बिजली सी दौड़ गई. मैने उसके चूत के होठों को सॉफ सॉफ काँपते हुए महसूस किया. उसकी नन्ही सी चूत भी मेरी चूत की तरह पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उस मे से रस बाहर निकल रहा था. यहाँ मैं आप को एक बात और बता दूं कि उसकी चूत पर भी मेरी चूत की तरह बाल बिल्कुल भी नही थे. शायद वो भी मेरी तरह अपनी चूत को हमेशा सफाचट रखती थी.

हम दोनो के सिर एक दूसरी की चूत के बीच मे घुसे हुए थे और हम दोनो ही एक दूसरी की चूत को बहुत ही प्यार से चाट रहे थे, चूस रहे थे. बीच बीच मे हम दोनो ही साँस लेने की लिए अपना अपना सिर उठा रही थी लेकिन ना तो मेरी चूत से उसकी जीभ बाहर निकली और ना ही उसकी चूत से मेरी जीभ बाहर निकली.

वो मेरी चूत चाट रही थी और मैं उसकी चूत चाट रही थी. वो मेरी गंद पर हाथ फिरा रही थी और मैं उसकी गंद पर हाथ फिरा रही थी. मैं कुछ ही देर मे झाड़ गई थी और जैसे मेरी चूत उस के मूह पर घूम रही थी, उस से मुझे पता चल रहा था कि मेरी चूत का रस उस के पूरे मूह पर लगा हुआ था. मैं तो जैसे अपनी जीभ उसकी चूत मे डाल कर किसी मर्द के लौडे की तरह अंदर बाहर कर के उसकी चूत को चोद रहे थी. वो भी अपनी गंद उठा उठा कर मज़े से चुद्वा रही थी. मैने भी इसी तरह उस को चोद चोद कर झाड़ दिया था और उसके चूत रस का स्वाद लेने लगी.

हम दोनो ही झाड़ चुकी थी और हम दोनो की तमन्ना पूरी हो गई थी क्यों कि हम दोनो ही एक दूसरी के साथ काफ़ी दिनों से लेज़्बीयन चुदाई करना चाहती थी और आज हमारी कामना पूरी हो गई थी, हम दो नो बहुत खुश थी और संतुष्ट भी थी. हमने एक दूसरी के सेक्सी और नंगे बदन को अपनी बाहों मे लिए झड़ने का मज़ा लिया.

लेकिन पता नही क्यों, शायद ये सोच कर कि पता नही दुबारा नीता के साथ लेज़्बीयन चुदाई करने का मौका कब मिले, मैं नीता के साथ और भी लेज़्बीयन चुदाई करना चाहती थी. मेरे पास अभी पूरा मौका था. नीता मेरी बाहों मे थी, मेरे पति देर से आने वाले थे और तनु भी अभी तक नही लौटी थी. और मैं मौके का फ़ायदा उठाना अच्छी तरह जानती हूँ.

मैने अपनी एक उंगली नीता की बहती चूत मे डाल कर गीली की और उसकी चूत का रस उसकी गंद के दरवाजे पर लगाया. वैसे भी उसकी चूत से निकलता रस उस की गंद की ओर बह रहा था. जब उस की गंद का छेद पूरा गीला और चिकना हो गया तो मैने अपनी बीच की उंगली उसके चिकने गंद के छेद पर रखी और उसकी गंद मे दबाई. वो तो हवा ने उच्छल गई जब मेरी उंगली का अगला हिस्सा उसकी गंद मे घुसा. उस ने मुझ से कहा कि उसको ये बहुत अच्छा लग रहा है. उस ने बताया कि आज किसी ने पहली बार उसकी गंद मे उंगली डाली है. इस से पहले ना तो उसने खुद कभी अपनी गंद मे उंगली डाली, ना ही तनु ने कभी उसकी गंद मे उंगली डाली और ना ही कभी तनु के पति मंजीत सिंग ने उसको चोद्ते हुए कभी उसकी गंद को किसी भी तरीके से इस्तेमाल किया था. उसकी हिलती हुई गंद बता रही थी कि उसको कितना मज़ा आ रहा है.
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08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अब तो उसने भी मेरी गंद मे अपनी उंगली डाल दी थी. मैने महसूस किया कि उसको मेरी गंद के छेद मे उंगली घुसने मे ज़्यादा परेशानी नही हुई क्यों कि मेरी गंद का छेद उसकी गंद के छेद से बड़ा था. शायद अपने पति से नियमित रूप से गंद मरवाने के कारण मेरी गान्ड का छेद थोड़ा खुला हुआ था और मेरी गंद को मरवाने की आदत थी. उसकी गंद का छेद बहुत छ्होटा और टाइट था. मेरी उंगली का केवल अगला हिस्सा ही उसकी गंद मे घुसा था और उसने अपनी गंद भींच ली थी. मैने नीता से कहा कि वो अपनी गंद का छेद ढीला छोड़े ताकि मेरी उंगली आराम से उसकी गंद मे आ जा सके. उसने जब अपनी गंद को थोड़ा ढीला किया तो मेरी उंगली उसकी गंद के अंदर तक घुस गई और मैं अपनी उंगली को उसकी गंद मे अंदर बाहर करते हुए उसकी रेशमी गंद को चोद्ने लगी, उसकी गुलाबी गंद मारने लगी. मुझे तो गंद मरवाने का पहले से ही काफ़ी अनुभव था, इसलिए मैने तो अपनी गंद ढीली छोड़ी हुई थी और नीता आराम से अपनी उंगली से मेरी गंद मार रही थी. नीता जिस तरह मेरी गंद मे अपनी उंगली डाल कर मेरी गंद मार रही थी, मुझे लग रहा था जैसे कोई बच्चा अपने पतले लंड से मेरी गंद मार रहा हो. उसकी गंद मे अपनी बीच की उंगली घुमाते हुए मैने अपने अंगूठे को उसकी गीली चूत के बीच मे रखा. अब मेरे लिए उसकी गंद मे उंगली डाल कर उसकी गंद मारना और अपनी अंगूठे से उसके चूत के दाने को मसलना बहुत आसान था. नीता को दोहरा मज़ा आने लगा था जो उसके हिलने डुलने से सॉफ सॉफ पता चल रहा था. उसने भी मेरी नकल करते हुए ऐसा ही किया. वो भी अपनी उंगली से मेरी गंद मार रही थी और अपने अंगूठे से मेरी चूत का दाना मसल रही थी. मुझे भी चूत चुद्वाने और गंद मरवाने का दोहरा मज़ा एक साथ आने लगा. हम दोनो की चूत से फिर एक बार रस की नदी बहने लगी.

इस तरह हम दोनो ही एक दूसरी से चुद्वाती हुई और एक दूसरी को चोद्ति हुई, चूत और गंद मे उंगली लेती हुई तथा चूत और गंद मे उंगली देती हुई अपने अपने झड़ने की तरफ बढ़ने लगी. जैसे जैसे हम अपने अपने झड़ने के करीब आने लगी, वैसे वैसे हमारी उंगली की रफ़्तार गंद मे, और हमारे अंगूठे की रफ़्तार चूत का दाना मसल्ने मे बढ़ती गई. मेरी उंगली तेज़ी से नीता की रेशमी गंद मे तूफ़ानी रफ़्तार से अंदर बाहर हो रही थी और साथ ही साथ उसी रफ़्तार से मैं अपने अंगूठे से उसकी चूत का दाना मसल रही थी. नीता भी मेरी चूत और गंद के साथ ऐसा ही कर रही थी और जल्दी ही हम दोनो एक बार फिर झाड़ गई. इस बार हम दोनो ही जोरदार तरीके से झड़ी थी, शायद दोहरी चुदाई की वजह से.

हम दोनो दो बार जोरदार तरीके से झाड़ कर पास पास लेटी हुई एक दूसरी की आँखों मे देखने लगी और हम दोनो ही संतुष्ट हो कर मुस्करा रही थी.

उसने मुझे बताया कि मेरा अपनी उंगली से उसकी गंद मारना उसको बहुत पसंद आया, क्यों कि आज से पहले वो नही जानती थी कि गंद मरवाने मे भी इतना मज़ा आता है. उसने मुझ से पुछा कि क्या उसके साथ लेज़्बीयन चुदाई मे मुझे मज़ा आया? मैने उसको सच सच बताया कि मुझे भी उसके साथ बहुत मज़ा आया.

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि वो मूतने के लिए बाथरूम जाना चाहती है. मुझे भी मूतना था, इसलिए हम साथ साथ बाथरूम गये और हम ने साथ साथ मूता. फिर हमने एक दूसरे का बदन साबुन और पानी से सॉफ किया ताकि हम फ्रेश हो जाएँ. हम दोनो ने अपने अपने सेक्सी बदन पर खुसबू लगाई.

एक दूसरी को बाहों मे लिए हम वापस बेडरूम मे आ गये. हम दोनो ही एक बार और इस लेज़्बीयन चुदाई के खेल को खेलना चाहते थे. मेरी रोज़ चुद्वाने वाली चूत के लिए नीता की जीभ थोड़ी कम पड़ रही थी. मैं रसोई मे गई और फ्रिड्ज से एक ककड़ी ले आई. ये ककड़ी करीब एक फुट लंबी और 3 इंच मोटी थी. नीता की आँखें उस ककड़ी को देखते ही चौड़ी हो गई क्यों कि वो जानती थी कि इस का क्या इस्तेमाल होने वाला है.

मैने ककड़ी का एक हिस्सा उसकी चूत मे धीरे धीरे घुसाया और दूसरा हिस्सा मेरी अपनी चूत मे डाला. अपनी अपनी चूत मे उस ककड़ी के दोनो हिस्से डाले हमारी चूत पास पास आ गई. हम ने एक दूसरी को पकड़ा और आपस मे चुंबन लेते हुए अपनी अपनी गंद हिलाने लगी. ह्म ने कई बार एक दूसरी की चुचियों को भी दबाया और मसला. हम दोनो की गंद आगे पीछे होने लगी और ककड़ी हम दोनो की चूत मे अंदर बाहर होने लगी. वो ककड़ी हम दोनो का ही लॉडा बन गई. नीता जैसे अपनी लौडे से मेरी चूत चोद रही थी और मैं अपने लौडे से नीता की चूत चोद रही थी. ह्म एक दूसरी को चोद रही थी और साथ ही साथ एक दूसरी से चुद्वा भी रही थी. हमारी दोनो की गंद हिलती जा रही थी और ककड़ी हम दोनो की चूत मे अंदर बाहर हो रही थी. ककड़ी से चुद्वाने मे लंड से चुद्वाने का मज़ा आ रहा था. इसी तरह चोद्ति और चुद्वाती हुई हम दोनो एक बार फिर अपनी चुदाई की मंज़िल पर पहुँच गई. काफ़ी देर तक हम आपस मे लिपटी हुई, ककड़ी को अपनी चूत मे घुसाए बैठी रही.

फिर हमने अपनी अपनी चूत से ककड़ी बाहर निकाली और खड़ी हो गई. हम दोनो ही बहुत थक चुकी थी और हम दोनो को ही एक एक कप कॉफी की ज़रूरत थी.
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08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम दोनो नंगी ही, बिना कपड़े पहने रसोई मे आई और मैं कॉफी बनाने लगी. जब तक कॉफी बनती रही, हम आपस मे चुचियों से, गंद से खेलते रहे. कॉफी पीते हुए हम ने अपने अपने मूह मे कॉफी ले कर एक दूसरी का चुंबन लिया और हमरी दोनो की कॉफी हमारे मूह मे मिल गई. अलग अलग हो कर हम ने अपना कॉफी का घूँट पिया तो पता नही था कि उसमे कितनी नीता के मूह की कॉफी थी और कितनी मेरे मूह की कॉफी थी. कॉफी ख़तम करने के बाद नीता मेरे सामने खड़ी हो गई और अपनी निप्पल्स को मेरी निप्पल्स से रगड़ा. हम दोनो की ही दोनो निप्पल्स फिर से सख़्त हो गई.

मैने घड़ी देखी तो रात के 8.45 हो चुके थे. तो समय हो गया था कपड़े पहन ने का. हम दोनो वापस मेरे बेड रूम मे आई. मैने अपना गाउन पहना और नीता ने अपने कपड़े पहने. पहले की तरह, ना तो मैने मेरे गाउन के नीचे ब्रा और चड्डी पहनी थी और ना ही नीता ने अपने कपड़ों के नीचे ब्रा और चड्डी पहनी थी. क्यों कि हम दोनो ही जानती थी कि चुदाई अभी बाकी है.

मैं अपने पति के आने के बाद उनसे चुद्वाने को तय्यार थी और नीता तनु के साथ फिर से लेज़्बीयन चुदाई करने को तय्यार थी.

नीता ने उम्मीद जताई कि हम फिर से जल्दी ही मिलेंगी और फिर से यही लेज़्बीयन चुदाई करेंगी. मैने भी उसकी उम्मीद से अपनी उम्मीद मिलाई. मैने उस से कहा कि मैं दिन मे अकेली ही रहती हूँ और जब भी उसको मौका मिले, वो मेरे घर आ सकती है. नीता ने मुझ से कहा कि मैं तनु को कुछ नही बताऊ. उसने और मैने दोनो ने ये उम्मीद लगाई कि वो दिन जल्दी ही आएगा जब मैं, नीता और तनु, तीनो एक साथ लेज़्बीयन चुदाई करेंगी और मैने नीता से वादा किया कि तब तक तनु को हमारे संबंधों का पता नही चलेगा.

हम ने जैसे ही बाहरी कमरे मे कदम रखा, दरवाजे की घंटी बजी. मैने दरवाजा खोला तो सामने तनु खड़ी थी. मैने तनु को अंदर आने को कहा तो वो अंदर आई. उसने मुझे धन्यवाद दिया और सॉरी भी कहा कि उसको अचानक अपने किसी रिश्तेदार को देखने हॉस्पिटल जाना पड़ा. उसने मुझे फिर से धन्यवाद दिया कि मैने नीता को इतनी देर तक अपने घर मे रखा. ( उस बेचारी को क्या पता कि इतनी देर मे हमने क्या कुछ किया) उस ने मुझे बताया कि उसका पति बाहर गया हुआ है और कल शाम को आएगा और नीता रात को उसके साथ ही, उसके घर मे रहेगी. (मैं तो जानती थी कि रात को दोनो क्या करने वाली है) नीता ने मुस्करा कर मुझ से विदा ली और अपना बेग उठाकर तनु के साथ चली गई.

मैने उनके जाने के बाद दरवाजा बंद किया और अपने पति को फोन किया. उन्होने बताया कि वो घर के रास्ते मे है. मैं अब अपने पति के साथ असली चुदाई का खेल खेलने के लिए, उनसे मज़ेदार चुदाई करवाने को तय्यार थी. मुझे पता था की घर के अंदर आते ही सबसे पहले वो मुझे चोदेन्गे.

और सच कहूँ तो मैं खुद ही चाहती कि नीता के साथ चूत चूत का प्यार करने के बाद अब मुझे मेरे पति की ज़रूरत थी और मैं उनका जानदार, शानदार, कड़क, गरम, सख़्त, लंबा और मोटा लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वाना चाहती थी.

क्रमशः..........................
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08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-25

गतान्क से आगे.....................

मैं एक बार फिर से गोआ मे थी अपने पति के साथ. इस बार हम अपना क्रिस्मस और नया साल अपने माता पिता और अपने सास ससुर के साथ मनाने आए थे. मैं अपने गोआ मे आने के बाद पहले दो दिन अपने ससुराल मे रही थी और फिर दो दिनो के लिए अपने मा बाप के घर आई थी.

हम सब ने हँसी खुशी से क्रिस्मस और नया साल मनाया. दो / तीन दिन बाद हमको देल्ही लौटना था.

यहाँ ना तो ज़्यादा ठंड थी और ना ही ज़्यादा गर्मी. मैं अपनी कार मे मेरे माता पिता के घर से अपने ससुराल आ रही थी. मेरे सास ससुर दोपहर का खाना खा कर मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे. मुझ से कुछ देर बातें करने के बाद वो अपने बेडरूम मे आराम करने चले गये. उनके अपने बेडरूम मे जाने के बाद जैसे ही मैं अपने बेड रूम मे पहुँची, मैने दरवाजा अंदर से बंद कर के सब से पहला काम जो किया वो ये था कि मैने अपने सेक्सी बदन के सारे कपड़े उतार फेंके. रूम मे ए.सी. चालू था जिस से मुझे बहुत राहत मिल रही थी. मैने अपने नंगे और सेक्सी बदन को आईने मे देखा तो मुझे अपने आप पर गर्व होने लगा की मेरे पास इतना शानदार सेक्सी बदन है. ठंडी हवा के मेरे बदन से टकराने की वजह से मेरे रोएँ खड़े हो गये थे और मेरी चुचियों की निप्पल्स भी सख़्त हो कर खड़ी हो गई थी. मेरे पति सुबह से बाहर अपने दोस्तों के पास थे और जैसी की मेरी उन से फोन पर बात हुई थी, वो शाम को मुझे समुंदर किनारे मिलने वाले थे. हालाँकि हमारा प्रोग्राम शाम को वहाँ मिलने का था ताकि हम साथ मे समुंदर मे तैरने का आनंद ले सकें और दूसरे सेक्सी जोड़ों की तरह वहाँ प्यार कर सकें. मैने पहले नहाने का निस्चय किया और घर मे अकेली बैठने के बजाय मैने दोपहर बाद, अपने प्रोग्राम से पहले ही समुंदर किनारे जाने का निस्चय किया ताकि मैं वहाँ के खूबसूरत मौसम का पूरा आनंद ले सकूँ. नहाने के बाद मैने अपने कपड़े पहने, अपने बीच बॅग को पॅक किया और अपनी कार मे बैठ कर समुंदर की तरफ रवाना हो गई.

जैसे ही मैं हाइवे पर पहुँची, मैने अपनी कार का ए.सी. बंद किया और कार के शीशे खोल कर बाहर की खुली हवा का आनंद लेने लगी.

उस वक़्त सड़क पर ज़्यादा भीड़ भाड़ नही थी. मैने कार मे गाने की सी.डी. लगाई और आराम से कार चलाने लगी. ज़्यादा गर्मी नही थी और दौड़ती कार मे तो वैसे भी गर्मी नही लग रही थी. बाहर की ठंडी हवा मुझे आनंद देने लगी. पतले कपड़े का टॉप जो मैं पहने हुए थी, वो तेज हवा के कारण मेरे बदन से चिपक सा गया था. मैने अपना एक हाथ अपनी टाँगों के बीच मे डाल कर, अपनी फुद्दि पर फिराया और उसको थपथपाया. शायद मैं गरम हो रही थी. मैने हल्के से फिर एक बार अपने चड्डी के उपर से ही अपनी चूत पर हाथ फिराया और हल्के से चूत के दाने को मसला. मैं सचमुच गरम हो चली थी.

मेरे अंदर की जो शरारती लड़की थी, वो इस तरह चलती कार मे ऐसा ही करती थी. मैं धीरे धीरे गरम होती जा रही थी और जल्दी से जल्दी पहले से निस्चित की गई जगह पर, एक निज़ी क्लब के सामुद्री किनारे पर पहुँच कर, अपने पति का इंतज़ार करते हुए, वक़्त का सही इस्तेमाल करना चाहती थी.

मैने कार की गति बढ़ाई. मेरे रेशमी बाल हवा मे उड़ते हुए मेरे चेहरे से खेलने लगे. हालाँकि बाहर थोड़ी धूप थी, पर मैं जानती थी की धूप इतनी तेज नही और धीरे धीरे कम ही होने वाली है.

आधे घंटे से भी कम समय मे मैं वहाँ पहुँच गई थी. क्लब के मैन गेट से अंदर आने के बाद मैन पार्किंग की ओर बढ़ी. उस वक़्त पार्किंग करीब करीब खाली थी और मैने अपनी सुविधा के अनुसार अपनी कार पार्क की. मैने कार पर करने बाद अपना बेग उठाया और कार लॉक की.

क्यों कि अभी वहाँ पर कुछ भीड़ नही थी, इसलिए मुझे लग रहा था कि मुझे सही जगह, एकांत वाली जगह मिलने मे कोई परेशानी नही होगी.
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08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैं समुंदर के किनारे किनारे चलती हुई आगे बढ़ रही थी. समुंदर की लहरों का पानी मेरे पैरों से टकरा रहा था, उनको गीला कर रहा था और ठंडा कर रहा था. मैं सही जगह की तलाश मे आगे चलती गई और किनारे पर कुछ चट्टानों के पास आ गई. ये एक अच्छी जगह थी जहाँ सूरज की धूप नही आ रही थी और उन चट्टानों के बीच मे किसी की भी नज़र मुझ पर नही पड़ सकती थी. बहुत सही जगह थी. आस पास कोई नही था. मैने अपनी बेग खोल कर उस मे से एक चद्दर निकाली और चट्टानों के बीच, समुंदर की रेत पर वहाँ बिच्छा दी. मैने अपने टॉप के बटन खोले और टॉप को अपने हाथों के बीच से निकाल कर नीचे गिर जाने दिया. मैने अपनी ब्रा भी उतारी तो मेरी गोरी गोरी, गोल गोल चुचियाँ दिन के उजाले मे चमक उठी. मैने अपनी बिकिनी ब्रा पहनी जिस के पीछे मेरी चुचियाँ काफ़ी हद तक छुप गई. फिर मैने अपना स्कर्ट उतारा और बिकिनी की चड्डी निकालने के लिए अपनी बेग पर झुकी. समुंदर की तेज हवा मेरे पैरों के बीच से निकली, मेरी गोल गोल गंद से टकराई और मेरी थोड़ी से गीली हो चुकी चड्डी से टकराई तो मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर मैने अपनी रेग्युलर पह्न ने वाली चड्डी उतारी और उस की जगह बिकिनी वाली चड्डी पहन ली. अपने बदन पर से उतारे कपड़ो को मैने अपनी बेग मे रखा और बिच्चाई हुई चद्दर पर बैठ कर अपने सेक्सी बदन पर, जहाँ जहाँ मेरा हाथ पहुँच रहा था, वहाँ वहाँ पर बीच क्रीम लगाई. मैने अपने मोबाइल पर एक सेक्सी गाना लगाया और पानी की बॉटल खोल ली.

जल्दी ही मैं थोड़ी बोर हो गई और मैने समुंदर मे तैरने का मन बनाया. अपने चाहने वालों को मैं बता दूं कि मैं एक अच्छी तैराक हूँ. मैं तैरती हुई समुंदर मे काफ़ी अंदर तक गई और अपने बदन को ढीला छ्चोड़ दिया तो किनारे की तरफ आती लहरों ने मुझे वापस किनारे पर पहुँचा दिया. उस समय मेरी नज़र अपने पति पर नही पड़ी थी जो चट्टानों के पीछे खड़े हो कर मुझे देख रहे थे. ( मुझे मेरे पति ने बाद मे बताया था कि वो भी वहाँ जल्दी पहुँच गये थे और उन्होने मुझे कार से उतरते हुए देखा था.) मेरे पति मुझे चट्टानों के पीछे से देख रहे थे और मैं बे खबर थी. तैरते हुए मेरे हाथ पानी से बाहर आते तो मेरी चुचियाँ पानी की सतह से टकरा रही थी. कुछ देर तैर कर मैं पानी से बाहर आ गई. अपने बदन पर लगाई गई बीच क्रीम की वजह से पानी मेरे बदन पर टिक नही पा रहा था और मैने अपने सिर को झटक कर अपने बालों का पानी झटक दिया था. और मैं वापस अपनी जगह पर, चद्दर पर आ गई थी.

मैने इधर उधर देखा तो मुझे कोई भी नज़र नही आया. मैने अपनी गीली बिकिनी, ब्रा और चड्डी दोनो, अपने बदन से उतारी और उनको सूखने के लिए फैला दिया. अपने पति की उपस्थिति से अंजान, मैं पूरी तरह नंगी थी और मैं वहाँ चद्दर पर नंगी ही बैठ कर अपने बदन पर फिर से क्रीम लगाने लगी. मुझे तब पता नही था कि मेरे पति मुझे देख रहे हैं.

अपने नंगे और सेक्सी बदन पर क्रीम लगाते हुए, अपने बदन पर अपने ही हाथ फिराने से मैं गरम होने लगी. क्रीम लगाते लगाते मैने खुद ही अपनी तनी हुई निप्पल को अपनी उंगलियों के बीच ले कर मसल दिया. मैं खुद ही अपनी चुचियाँ दबाने लगी और आँखें बंद कर के खुद के ही सेक्सी बदन से खेलने लगी.

आस पास कोई नही था और मुझे पता नही था कि मेरे पति मुझे चट्टानों के पीछे से देख रहे हैं. मुझे आनंद आने लगा और मेरे मूह से आवाज़ें निकालने लगी. जल्दी ही मेरा हाथ अपने बदन पर घूमता हुआ मेरी फुददी तक पहुँचा. मैने अपने एक हाथ से अपनी रसीली चूत का मूह खोला और अपने दूसरे हाथ की उंगलियाँ अपनी चूत के दाने पर गोल गोल घुमाने लगी. धीरे धीरे मेरी उंगलियों की रफ़्तार बढ़ने लगी और जैसे जैसे मैं झड़ने के करीब आने लगी, वैसे वैसे मेरी उंगलियाँ मेरी अपनी ही चूत पर ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी घूमने लगी.

चट्टानों के पीछे खड़े मेरे पति मुझे बड़े प्यार से देख रहे थे. उन्होने कभी भी मुझे अपनी खुद की चूत मे उंगली करते हुए नही देखा था. कभी ज़रूरत ही नही पड़ी थी कि मैं उनके सामने अपनी चूत मे उंगली डालूं. उनका लॉडा जो है मेरी प्यास बुझाने के लिए जब वो मेरे पास होते हैं. उन के लिए मुझे हस्त्मैथून करते हुए देखने का ये पहला उर शानदार मौका था. उन्होने मुझे कई बार नंगी देखा है, वो मेरे बदन के हर हिस्से से वाकिफ़ है, उन्होने बार बार मेरे बदन के हर हिस्से को, मेरे हर अंग को बड़े ध्यान से देखा है, पर अपनी सुंदर, सेक्सी पत्नी को नंगे, समुंदर के किनारे, हस्त्मैथून करते हुए, चट्टानो के पीछे छुप कर देखना एक अलग ही नज़ारा था. मेरी दो तनी हुई गोल गोल चुचियाँ, मेरी रेशमी सफाचट फुददी, मेरी गोल गोल मस्तानी गंद और मेरा पेट, सभी मेरी फूलती हुई साँसों के साथ, मेरे चलते हाथों के साथ काँप रहे थे, हिल रहे थे. मेरे हाथों का जादू मेरी फुददी पर चल रहा था. मेरे फैले हुए पैर अपनी जगह टिक नही पा रहे थे और मेरी उंगलियाँ अपना कमाल मेरी अपनी रसीली फुददी पर दिखा रही थी. मेरे पति से अब रहा नही गया. वो मुझे अपनी खुद की ही चूत मे उंगली करते हुए, मुझे हस्त मैथून करते हुए और पास से देखना चाहते थे और वो धीरे धीरे मेरी ओर बढ़े.

लेकिन उनके अपने पास आने के पहले ही मेरे मूह से आनंद की एक चीख सी निकली और मैं झाड़ गई. मैने अपनी टाँगें कस कर भींच ली और मैं अपने झड़ने का मज़ा लेने लगी.

मुझे नही पता कि मैं कितनी देर ऐसे ही लेटी रही. शायद अधिक देर तक नही. क्यों कि अचानक मैने अपने पीछे किसी का साया महसूस किया. मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया, मुझे लगा कि बादल का कोई टुकड़ा सूरज के सामने आया है और ये उसका ही साया है. मुझे नही पता था कि वो साया मेरे पति का है जो मेरी सारी कारगुजारी देख चुके हैं.

सागर किनारे, चूत पुकारे, लेकिन मुझे पता नही था कि पति भी निहारे.

पूरी तरह झड़ने का मज़ा लेने के बाद, मैं अपनी बाहें फैला कर, अपनी टाँगें चौड़ी कर के लेट गई और अपनी आँखें बंद किए लंबी लंबी साँसें लेने लगी. मेरे पति मेरे काफ़ी करीब आ चुके थे और मैं इस से अंजान थी. वो मेरी सफाचट, गीली चूत को बहुत नज़दीक से देख पा रहे थे. वो मुझे चोद्ने के लिए पूरी तरह तय्यार थे. वो मेरे फैलाए हुए पैरों के बीच मे, अपने घुटनों पर बैठ गये. अपने पति की मौजूदगी से पूरी तरह से अंजान, मैं हिली भी नही, सिर्फ़ मेरे घहरी गहरी साँसें लेने की वजह से मेरी गंद ज़रूर एक दो बार उपर नीचे हुई थी और मेरी चुचियाँ मेरी हर साँस के साथ उपर नीचे हो रही थी.

उन्होने ज़रा भी हिचकिचाहट नही दिखाई. अब तक वो खुद भी मेरी तरह नंगे हो चुके थे. उन्होने अपने तैरने वाली चड्डी मेरी बिछाई गई चद्दर के किनारे उतार फेंकी थी. उन्होने अपने एक उंगली मेरी गीली चूत पर धीरे से फिराई.
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08-14-2019, 03:59 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अचानक, अपनी चूत पर उनकी उंगली महसूस कर के मैं चौंक गई और मेरी आँखें खुल गई. और जब मैने अपने पति को नंगा हो कर, मेरी टाँगों के बीच मे बैठा देखा तो मेरे आस्चर्य का कोई ठिकाना ना रहा. एक पल के लिए मेरी साँस रुक गई थी, मेरी चुचियाँ हिलनी बंद हो गई थी और उस एक पल मे मेरे मन मे ना जाने कितने विचार आए और गये.

और तब, मेरे पति ने मुझे बताया कि वो मुझे तब से देख रहे है जब से मैं यहाँ सागर किनारे पहुँची थी.

मुझे थोड़ी शर्म सी महसूस हुई की मेरे पति ने मुझे यहाँ, अपनी खुद की चूत मे उंगली डाल कर हस्त मैथून करते हुए देखा है. लेकिन उन्होने कहा कि उनका इस तरह छुप कर मुझे हस्त मैथून करते हुए देखना उनको बहुत पसंद आया. उन्होने चोरी से मुझे मेरी चूत मे उंगली करते हुए देखा तो उनको बहुत मज़ा आया. उन्होने ये भी कहा कि मैं इतने सेक्सी तरीके से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी कि उन से रहा नही गया और वो जल्दी ही मेरे सामने आ गये. आज पहली बार उन्होने मुझे अपनी चूत मे उंगली कर के हस्त मैथून करते हुए देखा था. मैं शर्मा भी रही थी और मन ही मन खुश भी हो रही थी.

वो मेरी फड़कती हुई फुददी के नज़दीक आए तो मैने अपनी गंद उपर उठा कर अपनी चूत उनके और नज़दीक कर दी. उन्होने पहले तो अपनी बीच की उंगली मेरी चूत के बाहरी हिस्से पर धीरे धीरे घुमाई और फिर अपनी उंगली मेरी चूत के गीले होठों के बीच मे डाल दी. मेरी चूत तो पहले से ही गरम और गीली थी. फिर उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर घुसा कर गोल गोल फिराई तो मैं मस्त होने लगी.

जब उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर से वापस बाहर निकाली तो मैने सॉफ सॉफ देखा की उनकी उंगली पूरी तरह गीली हो गई थी, जैसे अपने मूह मे अपनी जीभ होती है. अपनी गेली उंगली से उन्होने मेरी गीली चूत का गीला दाना सहलाना शुरू किया तो मैने अपनी गंद हवा मे और भी उपर उठा ली.

मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली शुरू हो चुकी थी और उसका परिणाम ये हुआ कि मेरे मूह से तरह तरह की सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी. जब भी मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली होती है और वो मुझे चोद्ते हैं तो मैं अपने मूह से सेक्सी आवाज़ें निकलने से नही रोक पाती. ये इस बात का सबूत है कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. उन्होने अपने हाथ मेरी हवा मे झूलती नंगी और गोल गोल गंद पर घुमाए तो मेरी गंद अपनी आप ही भींचने लगी और अपने आप ही ढीली होने लगी. उन्होने ज़रूर मेरी गंद का ये कंपन महसूस किया होगा. उन्होने मेरी गंद की गोलाइयाँ दबाई और अपने हाथ मेरी गंद के नीचे रख कर मेरी गंद को ओर उपर किया तो मेरी चूत के होंठ उनके मूह के होंठों के लिए खुल गये. उन्होने ज़रा झुक कर, मेरी चूत के मूह पर अपना मूह रखा तो मेरे सारे बदन मे झूर झूरी सी दौड़ गई. उन्होने मेरी चूत के रस का स्वाद लिया जो की उनको हमेशा पसंद है. उनकी लप्लपाति हुई जीभ जब मेरी चूत के तने हुए दाने पर पहुँची तो मैं जैसे स्वर्ग की सैर करने लगी. मैने अपने घुटने मोड़ कर अपनी गंद को ऑर भी उपर किया. इस तरह मेरी गंद उपर करने के कारण उनको मेरी चूत चाटने मे बहुत सुविधा हो गई थी.

फिर मेरी चूत का दाना चूस्ते चूस्ते अचानक अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी. मैं उस वक़्त सब कुछ भूल कर बस उनसे चुद्वाने मे व्यस्त थी. मैं ये भूल गई थी कि मैं कहाँ हूँ, जैसे मैं अपनी चूत मे उंगली करते वक़्त सब कुछ भूल गई थी.

मैं बहुत रोमांचित महसूस कर रही थी, पता नही अपनी चुदाई के कारण, या खुले आसमान के नीचे, सागर किनारे की जगह के कारण. पर बहुत मज़ा आ रहा था. उस सुनसान जगह पर केवल मेरे पति ही ऐसे थे जो मेरे मूह से निकलने वाली सेक्सी आवाज़ों को सुन सकते थे. थोड़ी देर तक मुझे अपने मूह से चोद्ने के बाद उन्होने अपना लोहे जैसा सख़्त, गरम, लंबा और मोटा लॉडा मेरी लंड के लिए प्यासी चूत मे डाला. जसी ही उन्होने अपना लॉडा मेरी चूत मे डाला, उन्होने अपने लंड का धक्का आगे की ओर मारा और मैने अपनी चूत का धक्का भी आगे की ओर मारा. और ऐसा हम तब तक करते गये जब तक कि उनका पूरे का पूरा लंबा लंड मेरी फुददी मे नही घुस गया.
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