Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 03:55 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-22

गतान्क से आगे.....................

मैं आंजेलीना से गोआ मे मिली तो वो मुझे बहुत खुश लगी. उसमे मुझे बताया कि उसका पति चुदाई मे बहुत होशियार है और काफ़ी मज़बूत भी है. वो उसे करीब करीब रोज़ ही चोद्ता है और चुदाई का पूरा मज़ा देता है. उसने मुझे बताया कि कैसे उसका पति उसको अलग अलग तरीकों से, काफ़ी देर तक चोद्ता है. मैं ये जान कर बहुत खुश हुई कि मेरी सब से प्यारी, सब से अच्छी सहेली भी मेरी तरह चुदाई का पूरा मज़ा ले रही है और अपने पति से चुदाई मे पूरी तरह संतुष्ट है. मैं एक आम आदमी या आम औरत से ज़्यादा जानती हूँ कि जिंदगी मे चुदाई का क्या महत्व है.

अपने बचपन की सहेली के साथ ऐसी चुदाई की बातें करते करते मैं गरम होने लगी और मेरी चूत से रस निकलना शुरू हो गया. गरम तो वो भी हो रही थी और हम दोनो ही आपस मे लेज़्बीयन चुदाई करना चाहती थी. मगर उस समय ये संभव नही था क्यों कि उस के घर मे सब लोग मौजूद थे और ये ठीक नही होता कि सब लोगों की मौजूदगी मे हम किसी कमरे मे जा कर अंदर से दरवाजा बंद कर के लेज़्बीयन प्यार और चुदाई करते. मैने आंजेलीना को अपने घर आने का निमंत्रण दिया क्यों कि मेरे घर मे हमें अपना लेज़्बीयन चुदाई का खेल खेलने का पूरा मौका और एकांत मिल सकता था. उसने मुझ से कहा कि वो भी मुझे प्यार देना चाहती है और मुझ से प्यार लेना चाहती है. उसने मौका मिलने पर मेरे घर आ कर लेज़्बीयन चुदाई का वादा किया. वो मुझ से गले मिली, हम ने चुंबन किया और मैं उसकी चुचियाँ दबाना नही भूली थी. उसने भी मेरे पैरों के बीच हाथ डाल कर मेरी गीली चूत को जैसे मसल दिया.

मैं अपनी साड़ी के नीचे, अपनी चूत रस से गीली चड्डी पहने, अपने घर की तरफ रवाना हुई जहाँ मेरे पति सिनिमा जाने के लिए मेरी राह देख रहे थे. आप की जानकारी के लिए बता दूं कि हम बहुत कम सिनिमा हॉल मे सिनिमा देखने जाते हैं. पर जब भी जातें हैं, पूरा पूरा मज़ा लेते हैं. सिनिमा का भी और आपस मे अपनी प्राइवेट सिनिमा का भी, जितना भी संभव हो.

हम समय पर सिनिमा हॉल पहुँच गये और अपनी कोने की सीट पर बैठ गये. सिनिमा हॉल मे ज़्यादा भीड़ नही थी. मैने अपने आप को ज़्यादा रोकने की कोशिश किया बिना उनके कंधे पर अपना सिर रख दिया और प्यार से उनके हाथ को पकड़ कर दबाया. उन्होने भी अपना हाथ मेरी गर्दन के पीछे से मेरे कंधे पर रखा तो उनकी हथेली मेरी चुचि तक पहुँच गयी. उन्होने मेरी चुचि और मेरी निप्पल को दबाया और मसला. मैं उनसे करीब करीब चिपक कर बैठी हुई थी और मैने अपना हाथ उनके पैरों के जोड़ पर ले जा कर उनके गरम, उठे हुए, कड़क लौडे को उनकी पंत के उपर से ही पकड़ लिया. मैने पाया कि हमेशा की तरह उनका चुदाई का औज़ार लॉडा अपना आकार बढ़ा कर बड़ा…..और बड़ा, कड़क…… और कड़क……, गरम ……. और गरम हो रहा है. वो मेरी चुचि से खेलते जा रहे थे और मैं पॅंट के उपर से उनके लौडे से खेलती रही. ये बहुत खास बात थी कि हम हम बे काबू नही हुए. उन्होने मेरी चुचि मेरे ब्लाउज से बाहर नही निकाली थी और मैने भी उनका लॉडा उनकी पॅंट से बाहर नही निकाला था. लंड और चुचि का खेल चलता रहा और हम ने अपने अपने हाथ पीछे खींच लिए जब हमने देखा कि इंटर्वल होने वाला है और हॉल की बत्तियाँ धीरे धीरे जलनी शुरू हो गई है.

इंटर्वल मे मैं बाथरूम गई और अपनी ब्रा उतार कर अपने पर्स मे रखी ताकि उनके हाथ का पूरा मज़ा अपनी चुचियों पर ले सकूँ और उनके हाथ को भी अपनी गोल गोल कड़क चुचियों का पूरा मज़ा दे सकूँ. मैं वापस अपनी सीट पर आई जहाँ मेरे पति मेरा इंतज़ार कर रहे थे और सिनिमा शुरू होने वाली थी.
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08-14-2019, 03:55 PM,
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मैने अपने ब्लाउज के उपर के हुक खुद ही खोल कर, उनका हाथ पकड़ कर अपनी नंगी चुचियों पर रखा. उनको ये बहुत पसंद आया कि मैं अपनी ब्रा उतार चुकी हूँ. वो कुछ देर तक तो मेरी नंगी चुचियों से, मेरी तनी हुई निप्पल से खेलते रहे और फिर उन्होने अपना हाथ नीचे, मेरी फुददी की तरफ बढ़ाया. मैं थोड़ा आगे हो कर, अपनी टाँगें चौड़ी कर के कुछ इस तरह बैठ गई की उनका हाथ आराम से मेरी चूत तक पहुँच सके. मैने अपनी साड़ी और पेटिकोट कुछ ऐसे उपर किया ताकि और कोई दूसरा मेरी चड्डी को ना देख पाए मगर मेरे पति अपनी उंगली मेरी चूत मे डाल सकें. मेरे पति ने बहुत ही होशियारी से और बहुत ही क़ाबलियत से मेरी पहनी हुई चड्डी की साइड से अपनी उंगली मेरी गीली चूत के मूह तक ले गये. मेरी चूत तो जैसे टपक टपक कर उनको चोद्ने का निमंत्रण दे रही थी. उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के होठों के बीच मे डाल कर उसे उपर की ओर बढ़ाना शुरू किया और वो मेरी चूत के दाने तक पहुँच गये. मेरी चूत के दाने पर उनकी उंगली घूमती रही और ये सब बड़े आराम से हो रहा था क्यों कि मेरी चूत तो पहले से ही काफ़ी गीली थी और उनको अपनी उंगली मेरी फुददी मे घुमाने मे कोई दिक्कत नही हो रही थी.

मैं तो पहले से ही काफ़ी गरम थी जब से आंजेलीना से मिली थी, और इस वजह से मुझे झड़ने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. थोड़ी ही देर मे मैं झाड़ गई और उनकी मेरी चूत मे घूमती हुई उंगली को मैने अपनी चूत मे ही जाकड़ लिया.

मैं उनका लंड पकड़ कर दबा रही थी, हिला रही थी, मसल रही थी. पर मैने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि कहीं उनके लंड का लंड रस ना निकल जाए. और वैसे भी मुझे पता है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. मैने तो उनको नही झाड़ा, पर मैं तो झाड़ चुकी थी. लेकिन मुझे ये बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है की उन्होने मेरी चूत मे उंगली कर के, सिनिमा ख़तम होने तक मुझे दोबारा झाड़ दिया था. सिनिमा हॉल मे सब लोग सिनिमा देखने मे मगन थे और किसी को भी पता नही चला की एक जवान और सेक्सी जोड़ा सिनिमा का दोहरा मज़ा ले रहा है. हम सिनिमा का मज़ा भी ले रहे थे और अपनी सेक्सी हरकतों की वजह से चुदाई का मज़ा भी ले रहे थे. जब सिनिमा ख़तम होने आई तो हमने अपने आप पर काबू किया और अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए, शरीफ मियाँ – बीबी की तरह अपनी अपनी कुर्सी पर सीधे बैठ गये. एक मर्द – औरत का जोड़ा, जो हमसे कुछ सीट पीछे बैठा हुआ था, हमारी तरफ देखा रहा था. वो लोग ज़रूर ये सोच रहे होंगे कि हमने वहाँ कुछ ऐसा किया था जिस पर उनकी नज़र नही पड़ी थी.

सिनिमा देख कर हम घर पहुँचे. रात का खाना मैने अपने सास ससुर और पति के साथ खाया और खाना खाने के बाद मेरे सास ससुर तो सोने चले गये और मैं अपने बेड रूम मे अपने पति का इंतज़ार करने लगी. मेरे पति अपने किसी दोस्त से मिलने के लिए बाहर गये थे. मैने अपनी एक सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी जिसके अंदर मैने ब्रा और चड्डी नही पहनी थी. रात को करीब 11 बजे मेरे पति आए और आते ही उन्होने मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और मुझे चूमने लगे.

उनका हाथ घूमता हुआ मेरी जाँघो पर और उसके बाद मेरी गंद की दरार तक पहुँचा. उनको तुरंत ही पता चल गया कि नाइटी के अंदर मैने कुछ नही पहना है. उन्होने मेरी गंद की गोलाईयों को दबाया तो मुझे बहुत आनंद आया. मुझे लग रहा था जैसे मैं अभी अभी जवान हुई हूँ और मैने अपने सेक्सी बदन को उनके सेक्सी बदन से चिपका दिया. उन्होनेमुझे अपने आप से अलग किया, मेरी नाइटी को नीचे से पकड़ा और एक झटके मे उसे मेरे बदन से उतार फेंका. मैं उनके सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थी और मेरी चुचियाँ, मेरी तनी हुई निप्पल्स, दब्वाने, मसलवाने और चुसवाने के किए पूरी तरह तय्यार थी. मैं भी चुद्वाने के लिए तय्यार थी क्यों की मेरी नटखट चुड़क्कड़ चूत जम कर चुद्वाने के लिए मरी जा रही थी. तुरंत ही वो मेरी तनी हुई निप्पल को अपने मूह मे ले कर चूसने लगे तो मेरी पहले से गीली फुददी और भी गीली हो गई. जल्दी ही उन्होने मुझे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया. मैने उनकी टी-शर्ट के दोनो बटन खोल कर उनकी टी-शर्ट को उनके बदन से अलग कर दिया. उनकी चौड़ी और नंगी छाती पर हाथ घूमाते हुए मैने उनकी निप्पल को अपनी उंगलियों के बीच ले कर मसल दिया तो वो उच्छल पड़े. फिर मैने उनकी बेल्ट खोल कर उनकी पॅंट को भी खोल दिया. उन्होने अपनी पॅंट को अपने पैरों से निकाल दिया. मैने देखा कि उनका लॉडा खड़ा हुआ है और उनकी चड्डी मे तंबू मे बंबू की तरह लग रहा है. मैने ज़मीन पर बैठते हुए उनकी चड्डी पकड़ कर नीचे खींच ली. उनका प्यारा सा, तना हुआ, मज़बूत, सख़्त, लंबा, मोटा और तन्ततनाता हुआ चुदाई का औज़ार, उनका लंड मेरी आँखों के सामने था. मैने जब उनके लौडे को हाथ लगाया तो वो हमेशा की तरह लोहे के डंडे जैसा सख़्त था.

पहली कोशिश मे मैं उनके खड़े हुए मोटे और लंबे लौडे का सिर्फ़ सूपड़ा ही अपने मूह मे ले पाई. मैने आगे हो कर उनका लंड थोड़ा और अपने मूह मे लिया और उसे चूसने लगी. अपने हाथ से मैने उनके लंड का मेरे मूह से बाहर नीचे का हिस्सा पकड़ और हिलना शुरू किया. बीच बीच मे मैं उनके लंड के नीचे लटकती गोलियों को भी सहला रही थी. उन्होने मुझे पकड़ कर खड़ी करना चाहा मगर मैं तो उनका लंड चूसने का मज़ा लेना चाहती थी इसलिए मैं उनके लौडे को चुस्ती रही, चाट ती रही, हिलाती रही. अब उन्होने जैसे आगे पीछे हो कर मेरे मूह को ही चोद्ना शुरू कर दिया था. उनके लौडे का आगे का भाग मेरे मूह मे अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनो मुख मैथून का मज़ा लेने लगे. कुछ देर बाद उन्होने मुझे पकड़ कर खड़ी कर दिया और मुझे ले कर फिर से बिस्तर मे आ गये.
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08-14-2019, 03:56 PM,
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मुझे बिस्तर पर पीठ के बल लिटा कर उन्होने मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मूह मेरी सॉफ सुथरी, बिना बालों वाली सफाचट और बहती चूत पर रख दिया.

मेरी चूत के होठों को अपनी उंगलियों से खोल कर उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी. वो अपनी जीभ मेरी चूत मे डाल कर अपनी जीभ से मेरी चूत को चोद्ने लगे. मुझे लग रहा था जैसे कोई बच्चा अपनी नुन्नि से मुझे चोद रहा है. मेरी चूत से जैसे रस की नदी बहने लगी और वो मेरी चूत से निकले रस का रस पान कर रहे थे. मैं अपने आप को स्वर्ग मे महसूस कर रही थी. मुझे तो लगता है जितना अच्छी तरह मेरे पति मुझे अपने लौडे से चोद्ते हैं, उतनी ही अच्छी तरह अपनी जीभ से भी चोद्ते हैं. मैं तो जैसे हवा मे उड़ी जा रही थी.

वो अपनी जीभ किसी लंड की तरह मेरी चूत मे अंदर बाहर कर रहे थे और मैं मज़े लेती हुई झड़ने की तरफ बढ़ने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा और पूरे बदन मे जैसे आग लग गई. मुझे लग रहा था जैसे मेरे बदन का सारा खून मेरी चुचियों और मेरी चूत की तरफ दौड़ रहा है. एक पल को तो लगा जैसे मेरी चूत मे धमाका होने वाला है और मैं एक झटके के साथ झाड़ गई. बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी मैं और मेरी चूत से निकलने वाले सारे रस को मेरे पति पीते जा रहे थे. कुछ देर बाद मेरी चूत पूरी तरह चाट कर वो मेरे उपर आए. उनका सख़्त लॉडा मेरे पेट और चूत के बीच मुझे गढ़ने लगा. मैने अपना हाथ नीचे कर के उनका लंड पकड़ कर जोश मे ज़ोर से दबा दिया. मेरे पति का लंड बहुत ही सख़्त है जब भी उनका लंड खड़ा होता है, उनके लंड का गुलाबी सूपड़ा बाकी लंड के मुक़ाबले मे मोटा हो जाता है.

उन्होने मेरी गंद के नीचे एक तकिया लगाया और वो मुझे चोद्ने के लिए पूरी तरह तय्यार हो गये. मैने अपनी टाँगें और चौड़ी कर ली और वो मेरी टाँगों के बीच मे अपना लंड अपने हाथ मे ले कर मुझे चोद्ने के लिए बैठ गये. उन्होने मुझ से कहा कि वो धीरे धीरे चोदेन्गे, मगर मैने कहा कि मुझे धीरे धीरे नही, जोरदार चुदाई चाहिए. उन्होने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के मूह पर लगाया और एक धक्का मारा. मेरी चूत ने अपना मूह खोल कर उनके लंड का स्वागत किया. हल्का सा दर्द ज़रूर हुआ जैसे हमेशा होता है क्यों की उनका लंड सचमुच काफ़ी बड़ा, लंबा और मोटा है.

वो धीरे धीरे धक्के लगते हुए अपने लंबे चौड़े लंड को मेरी चूत मे घुसते गये और मेरी चूत की अंदर की दीवारें उनके लंड को रास्ता देने लगी. अब जब उन्होने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाल कर अपने लंड का एक जोरदार धक्का मेरी चूत मे लगाया तो उनका आधा लंड मेरी गीली चूत मे उतर गया. और इसी तरह कुछ हे देर मे, अपने लंड को मेरी चूत मे अंदर बाहर करते, धक्के लगाते हुए उन्होने अपना पूरे का पूरा लंबा लंड मेरी चूत मे घुसा दिया. मेरी नन्ही सी दिखने वाली चूत उनके पूरे लंड को अपने अंदर ले चुकी थी.

अब उन्होने बाक़ायदा मेरी चुदाई शुरू कर दी थी. उनका लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर हो कर मुझे चोद रहा था और मेरी मस्तानी चूत उनके लंड को जैसे खा कर, उगल कर चुद्वाने लगी. उनका मोटा लंड मेरी चूत की अन्द्रुनि दीवारों से रगड़ खा कर मुझे मस्त किए जा रहा था. उनका लंड मेरी चूत के सब से आख़िर के हिस्से से टकरा कर वापस आ रहा था और बार बार यही कर रहा था. कड़क लंड की मज़ेदार चुदाई कुछ ऐसी थी कि मैं फिर से झाड़ गई. उनका लंड मेरे चूत से गीला हो चुका था और मेरी चूत की कोने से, उनके लंड के अंदर बाहर होने से, मेरी चूत का रस बाहर निकलने लगा. हालाँकि मैं झाड़ चुकी थी पर मैने उनको रुकने नही दिया. मेरे पति मुझे लगातार, बिना रुके चोदे चले जा रहे थे. उनके लंबे और मोटे लंड को अब मेरे झड़ने से, मेरी चूत पूरी तरह गीली होने से, अंदर बाहर होने मे आसानी हो रही थी और हम दोनो को ही चोद्ने और चुद्वाने का मज़ा आने लगा. उनके चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और मैं तो जैसे उनसे चुद्वा कर जिंदगी के मज़े ले रही थी. मेरे बदन मे फिर से हलचल होने लगी और मैं एक बार फिर झड़ने के रास्ते पर बढ़ने लगी. मेरे मूह से निकलने वाली आवाज़ों को मैं रोक नही पा रही थी. मेरी बेचैनी देख कर उन्होने चोद्ने की रफ़्तार बढ़ाई और जल्दी जल्दी मुझे चोद्ने लगे. मैं तो झाड़ते ही जैसे ज़ोर से चिल्ला ही पड़ी और वो मुझे लगातार चोदे जा रहे थे. अंदर बाहर…… अंदर बाहर……. उनका मस्ताना लॉडा मेरी चूत मे घूम रहा था, मेरी चूत मे आ जा रहा था और उनके चोद्ने की रफ़्तार तूफ़ानी हो चुकी थी. एक बार तो मैं उनकी जीभ से चुद्वा कर झाड़ चुकी थी और दो बार उनके लंड को अपनी चूत मे ले कर चुद्वाते हुए झाड़ चुकी थी पर उनके लंड से अभी तक पानी नही निकला था. मैं भी चाहती थी कि जल्दी ही उनके लंड का पानी निकले ताकि उनको भी चुदाई का आनंद आए. अचानक मैने महसूस किया कि मेरी चूत मे अंदर बाहर होते, मुझे चोद्ते, उनके लंड का सूपड़ा बड़ा होता जा रहा है तो मैं समझ गई कि वो भी अपने झड़ने से ज़्यादा दूर नही है. मैं एक बार फिर, अपने पति से चुद्वाते हुए झड़ने को तयार थी और मेरी गंद अपने आप ही उपर होने लगी. मैं एक झटके से झाड़ गई और मुझे लगा कि मेरी चूत के अंदर, आख़िरी हिस्से पर कुछ ज़ोर से टकराया है. ये तो उनके लंड से निकले लंड रस की तेज धार थी जो मेरी चूत को भरती जा रही थी. मैने अपनी टाँगों से उनकी गंद को कस कर जाकड़ लिया और उनका लंड अपने प्रेम के पानी की बरसात मेरी चूत मे करता हुआ मेरी चूत को भरता जा रहा था. मेरी गंद के नीचे लगा तकिया भी गीला होने लगा था. हम दोनो वैसे ही, एक दूसरे से चिपते हुए बिस्तर पर पड़े थे जैसे एक दूसरे के अंदर घुस जाएँगे. जब उनका लॉडा मेरी चूत मे नरम पड़ने लगा तो वो मेरे उपर से उठ कर मेरी बगल मे सो गये.
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08-14-2019, 03:56 PM,
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फिर उन्होने मुझे अपनी बाहों मे उठाया और मुझे बाथरूम मे ला कर फव्वारे के नीचे खड़ा कर्दिया और मुझे नहलाने लगे. उन्होने मेरी चुचियाँ दबाई, चुचियाँ मसली और अपना हाथ मेरी टाँगों के बीच मे ले जा कर मेरी चूत को धोया और मैने भी उनके लंड को पकड़ कर धोया. एक दूसरे के नंगे बदन को तौलिए से पूंछ कर हम वापस अपने बिस्तर पर आए और हमेशा की तरह नंगे, एक दूसरे को बाहों मे ले कर सो गये.

अगले दिन सुबह, मेरे सास ससुर नाशता करने के बाद एक रिश्तेदार से मिलने चले गये और घर पर सिर्फ़ मैं और मेरे पति ही रह गये. आप को तो पता है कि जब भी हम दोनो अकेले होते है, हमारे अंदर चुदाई का कीड़ा मचलने लगता है.

मेरे सास ससुर के जाने के बाद मैने घर के कुछ ज़रूरी काम निपटाए और दोपहर का खाना बनाया. मेरे पति भी किसी काम से बाहर गये थे पर जल्दी ही वापस आ गये. जितना बड़ा चुदाई का कीड़ा मेरी चूत मे है, उतना ही बड़ा चुदाई का कीड़ा उनके लंड मे भी है. मैने टेबल पर खाना लगाया और उनको खाना खाना खाने के लिए बुलाया.

वो रसोई मे आए और मुझ से लिपट गये, उनके हाथ मेरी गंद पर फिरने लगे. जिस तरह से वो मेरी गंद दबा रहे थे और सहला रहे थे उस से मैं समझ गई कि आज वो मेरी गोल गोल गंद मारने वाले हैं. मैं तो जैसे तय्यार ही थी. मेरे पति बेड रूम मे गये और जब वापस आए तो उनके हाथ मे वही, बिना सुई वाला, लंबी नली वाला इंजेक्षन था. यहाँ मैं अपने नये पाठकों को बताना चाहती हूँ कि वो बिना सुई का, लंबी नली का इंजेक्षन ऐसी दवा से भरा हुआ था जो गंद को सॉफ करके उसे मुलायम बनाता है ताकि बिना निरोध के ही गंद मारने और गंद मरवाने का मज़ा लिया जा सके. हमने वो दवा युरोप मे अपने हनीमून के दौरान खरीदी थी. उन्होने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी किया और उस इंजेक्षन की लंबी नली मेरी गंद मे घुसा कर मेरी गंद मे दवा को खाली कर दिया. कुछ देर इंतज़ार करने के बाद, हमेशा की तरह, मेरी गंद मे गई दवा अपना रंग दिखाने लगी और मुझे गंद के अंदर गुदगुदी सी और हलचल महसूस होने लगी. समय आ गया था कि मैं टाय्लेट सीट पर बैठ कर अपनी गंद की सफाई करूँ. मैं बाथरूम की तरफ दौड़ी ताकि अपनी गंद सॉफ करके उसे मरवाने के लिए पूरी तरह तय्यार कर सकूँ. मैं बता दूं कि वो दवा ना केवल गंद को अंदर से पूरी तरह सॉफ करती है बल्कि गंद को अंदर से चिकना भी बनती है ताकि मर्द का मोटा और लंबा लंड गंद मे ले कर गंद मरवाने का पूरा मज़ा लिया जा सके. ये दवा गंद मे डाल कर गंद सॉफ करने के बाद मेरे पति को अपने लॉड पर निरोध लगाने की ज़रूरत नही पड़ती क्यों कि ये दवा गंद को पूरी तरह सॉफ और कीटाणु मुक्त कर देती है.

मैं बाथरूम से बाहर आई. मेरे पति भी अपने सभी कपड़े उतार कर मेरी गंद मारने के लिए तय्यार थे. उन्होने मुझे रसोई के फर्श पर घोड़ी बनाया और अपने खड़े लंड पर गंद मरवाने के सामान के साथ आई क्रीम लगाई. थोड़ी क्रीम उन्होने मेरी गंद के छेद पर भी लगाई और अपनी उंगली मेरी गंद के छेद मे अंदर बाहर करके क्रीम को मेरी गंद के अंदर भी लगाया. अब हम दोनो तय्यार थे, वो मेरी गंद मारने के लिए और मैं गंद मरवाने के लिए. उन्होने अपना लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार, सख़्त लंड मेरी गंद के छेद पर रखा और थोड़ा ज़ोर लगाया तो उनके लंड का अगला भाग, सूपड़ा मेरी गंद मे घुस गया. मेरी गंद का छेद उनके लंड की मोटाई के अनुसार फैलने लगा और मैने अपने दाँत भींच लिए क्यों कि उनके लंबे और मोटे लौडे के सामने मेरी गंद का छेद बहुत छ्होटा है. उनके लंड की मोटाई की वजह से मुझे गंद मरवाने मे शुरू मे हमेशा थोड़ा दर्द होता है.
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08-14-2019, 03:56 PM,
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बहुत मामूली सा दर्द मेरी गंद मे उनके लंड के सुपाडे के गंद के अंदर जाने मे हुआ. मैने दर्द सहन किया और मैने खुद ही अपनी गंद का धक्का पीछे उनके मेरी गंद मे घुसे हुए लौडे पर मारा तो उनका लंड थोड़ा और मेरी गंद मे उतर गया. उन्होने पीछे से मेरी कमर पकड़ी, अपने लंड को थोड़ा सा वापस बाहर निकाला और अपने लंड का एक जोरदार धक्का मेरी गंद मे मारा तो करीब करीब उनका पूरा लॉडा मेरी गंद मे घुस गया. दर्द के मारे मेरे मूह से हल्की सी चीख निकली पर वो रुके नही और अपने लौडे को अंदर बाहर करते, धक्के लगाते हुए अपना लंबा और मोटा लंड पूरे का पूरा मेरी गंद मे घुसा दिया. मुझे इतना मज़ा आया कि मैं बता नही सकती. थोड़ी ही देर मे मेरा दर्द गायब हो गया और उसकी जगह गंद मरवाने मे आने वाले मज़े ने ले ली. उनका गरमा गरम और सख़्त लंड मेरी चिकनी गंद मे अंदर बाहर हो रहा था और वो मेरी गंद मारने लगे. हालाँकि मैं गंद मरवा रही थी मगर मेरी चूत से भी रस टपकने लगा था और जल्दी ही मैं गंद मरवाते हुए झड़ने के करीब पहुँचने लगी. मेरी गंद मारते मारते उन्होने अपनी उंगली से मेरी चूत से निकलते रस को, मेरी गंद मे अंदर बाहर हो रहे अपने लंड पर लगाया तो मेरी गंद का रास्ता और भी चिकना हो गया जिस से उनका लंड आराम से मेरी गंद मे अंदर बाहर होने लगा. मेरी खुद की चूत से निकला रस उनकी मदद मेरी गंद मारने मे कर रहा था. अब वो बड़े आराम से अपना लंड मेरी गंद मे अंदर बाहर करते हुए मेरी गंद मार रहे थे और मैं मज़े लेती हुई अपनी गंद मरवा रही थी. मुझे पता था कि हमेशा की तरह उनके लंड से लंड रस निकलने मे काफ़ी वक़्त लगने वाला है और मैं तब तक कई बार झाड़ जाउन्गि. मैं अपनी चूत का दाना मसल कर जल्दी ही झड़ना चाहती थी इसलिए मैने अपने एक हाथ नीचे से मेरी चूत के तरफ बढ़ाया. हे भगवान ! मेरी चूत तो जैसे बह रही थी. इतनी गीली चूत मे उंगली करना बहुत आसान था. उनको भी पता चल गया कि मैं अपनी चूत मे खुद ही उंगली करने जा रही हूँ. मैने अपने हाथ की बीच की उंगली अपनी चूत की दरार के बीच डाली और शुरुआत से ही ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली अपनी खुद की चूत मे घुमाने लगी. जिस तेज़ी से मेरी उंगली मेरी चूत के बीच, चूत के दाने पर घूम रही थी, उसी तेज़ी से वो अपने लंड के धक्के मेरी गंद मे लगा लगा कर मेरी गंद मार रहे थे ताकि मैं ज़ोर से और जल्दी ही झाड़ जाउ. और……और.. मैं तो ज़ोर से झाड़ कर जैसे स्वर्ग मे पहुँच गई. मैने अपनी टाँगें भींच ली और झड़ने का आनंद उठाने लगी. मेरे टाँगों को भींचने की वजह से उनका मेरी गंद मारना मुश्किल हो गया था इसलिए वो थोड़ी देर अपना लंड मेरी गंद के अंदर ही डाले रुक गये और धक्के लगाना बंद कर दिया. जैसे ही मैने अपने पैर थोड़े से चौड़े किए, वो फिर से मेरी गंद मारने लगे, इस बार ज़ोर ज़ोर से. उनका लंड मेरी गंद मे बड़े मज़े से अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनो को ही गंद मारने का और गंद मरवाने का मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद मैने महसूस किया कि उनका लंड भी मेरी गंद मारते हुए, अपना लंड रस बरसाने के करीब है क्यों कि मैने उनके लंड का सूपड़ा अपनी मरवाती हुई गंद मे फूलता सा महसूस किया. वो तो लगातार, ज़ोर ज़ोर से मेरी गंद मारते जा रहे थे.

मैने तो उनसे गंद मरवा कर बहुत मज़ा लिया था और मैं चाहती थी कि उनको भी मेरी गंद मार कर अपने लंड से पानी बरसाने का भरपूर मज़ा आए और वो मेरी गंद अपने लंड रस से भर दें. वो मेरी गंद मे लंड अंदर बाहर कर रहे थे…… तेज़ी से…… ज़ोर ज़ोर से……… किसी मशीन की तरह. और……… और अचानक उनके लंड ने मेरी गंद मे अपना गरमा गरम लंड रस पूरी तेज़ी से बरसाना शुरू कर दिया. वो अपना लंड मेरी गंद के अंदर घुसा कर पीछे से मुझ से चिपत गये और उनके लंड के प्रेम रस का फव्वारा मेरी गंद को भरता रहा. वो काफ़ी देर तक मुझसे पीछे से चिपके रहे और जब उनका लॉडा नरम होने लगा तो उन्होने अपना लंड मेरी गंद से निकाल लिया. और इसके साथ ही उनके लंड से छोड़ा गया पानी मेरी गंद से अपने आप ही बाहर आने लगा.

वो मेरे पास ही ज़मीन पर लेट कर लंबी लंबी साँसें लेने लगे. मैं उनके उपर सो गई और उनको चूमने लगी.

कितनी भाग्यशाली हूँ मैं. मेरे भाग्य पर मुझे बहुत गर्व है. मेरे पास जम कर और काफ़ी देर तक चुदाई करने वाला, सही मायने मे मर्द पति है और हम दोनो ने चुदाई करने का कोई भी मौका नही खोया है. जब भी मौका मिला, जब भी हम ने चाहा, बिना ज़्यादा सोचे, हम ने जम कर चुदाई की है.

हम दोनो उठकर साथ साथ नंगे ही बाथरूम गये और मैने अपनी चूत और गंद की और उन्होने अपने लौडे की सफाई की.
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08-14-2019, 03:57 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मेरे सास ससुर के आने मे अभी भी काफ़ी वक़्त था इसलिए हम ने बिना कपड़े पहने ही, साथ साथ, नंगे ही दोपहर का खाना खाया. खाना खाते खाते उन्होने कई बार मेरी नंगी चुचियो को दबाया और मसला था. मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी. मैने भी कई बार उनके लंड को पकड़ कर हिलाया था, मसला था और उनके लंड के नीचे को गोलियाँ दबाई थी. जल्दी ही उनका लॉडा फिर से खड़ा होने लगा जैसे गुब्बारे मे हवा भर रही है.

मगर हमारे पास उस वक़्त एक और चुदाई करने का मौका नही था क्यों कि दोपहर के 2.30 हो चुके थे और कुछ ही समय बाद मेरे सास ससुर घर लौटने वाले थे. खाना खाने के बाद हम ने बेडरूम मे आकर, एक दूसरे के नंगे बदन से छेड़खानी करते हुए अपने अपने कपड़े पहन लिए.

तो इस तरह मैने अपनी गंद भी मरवाई.

क्रमशः....................................
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08-14-2019, 03:57 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
गतान्क से आगे.....................

ये उस समय की बात है जब मैं अपने पति के साथ गोआ, अपने ससुराल गई थी कुछ दिनो के लिए. मेरे पति तो चार दिन वहाँ मेरे साथ रहने के बाद वापस देल्ही जाने वाले थे पर मेरा वहाँ कुछ और दिनो तक रुकने का इरादा था. वो बरसात का मौसम था और ये कहानी भी उसी बरसात के मौसम की एक तूफ़ानी रात की है जब बाहर बरसाती तूफान था और अंदर चुदाई का तूफान था.

मैने अपना रात का खाना जल्दी ही अपने सास ससुर के साथ खा लिया था. मेरे पति अपने दोस्तों के साथ बाहर गये थे और बाहर से ही खाना खा कर आने वाले थे.

मैं अपने बेडरूम मे बैठी खिड़की से बाहर देख रही थी. बाहर पूरा आसमान घने काले बादलों से भरा हुआ था. बार बार बिजलियाँ कड़क रही थी और तेज तूफ़ानी हवा चल रही थी. लगता था बहुत ज़ोर से बरसात आने वाली थी. तूफ़ानी बरसात.

मज़े की बार तो ये थी कि बाहर जो मौसम का मिज़ाज़ था, वो हो मेरे दिल मे हो रहा था. मेरे मन मे भी बाहर के बिगड़ते मौसम के साथ चुदाई की चाहत बढ़ती चली गई. मैं अपने पति का इंतज़ार कर रही थी और चाहती कि वो जल्दी ही आए और मेरी चुदाई कर के मेरी प्यास बुझाएँ. एक और भी कारण था चुदाई के लिए बेकरार होने का. मेरे पति अगले ही दिन वापस देल्ही जाने वाले थे और मैं कुछ दिनो के लिए गोआ मे ही रहने वाली थी. अपने पति से दूर, चुदाई से दूर. इसलिए मैं चाहती थी कि आज रात मैं अपने पति से जम कर चुद्वाऊ.

बाहर का मौसम मुझे गरम कर रहा था. मैं जल्दी से जल्दी अपने पति की मज़बूत बाहों मे आना चाहती थी. गुज़रते हुए हर पल के साथ मेरी चुदाई की चाहत बढ़ती चली गई. जल्दी ही बाहर ज़ोर से बरसात शुरू हो गई, तूफ़ानी हवाएँ तो पहले से ही चल रही थी. बड़ी बड़ी पानी की बूँदों और तूफ़ानी रफ़्तार से चलती हवा की आवाज़ें आने लगी.

कुछ देर बाद, मैने अपने पति को घर मे आते देखा तो मैं बेडरूम के दरवाजे की ओर बढ़ी. मैने देखा कि उनकी हालत बहुत खराब थी. वो बुरी तरह बरसात मे भीगे हुए थे और बेडरूम के बाहर ही रुक गये थे, अंदर नही आए. मैं समझ नही सकी कि वो अंदर क्यों नही आ रहे हैं. जब मैं उनके नज़दीक पहुंसी तो उन्होने मुझे भी बेडरूम के दूसरे दरवाजे से, जो बाहर लॉन मे खुलता था, बाहर आने को कहा. मैं समझ गई कि बाहर लॉन मे भीगते हुए प्यार होने वाला है. मैने बेडरूम का घर मे खुलने वाला दरवाजा बंद किया और बाहर लॉन मे खुलने वाले दूसरे दरवाजे की तरफ बढ़ी. जब तक मैं वहाँ पहुँची, मेरे पति भी घर का चक्कर काट कर, बेडरूम के लॉन की तरफ खुलने वाले दरवाजे तक पहुँच गये. उस समय रात के 11.30 बजे थे. मेरे सास ससुर अपने बेडरूम मे सो चुके थे. जैसे ही मैने लॉन मे खुलने वाला दरवाजा खोला, उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर खींच लिया. मुझे भी अपने पति के साथ बरसात मे भीगने मे बहुत आनंद आता है. बाहर की जोरदार बरसात की वजह से मैं तुरंत ही पूरी तरह भीग गई. मेरी साड़ी गीली हो कर मेरे भीगे हुए सेक्सी बदन से छिप गई जैसे की मेरी दूसरी चमड़ी हो. भीगने की वजह से मेरी साड़ी पारदर्शी हो गई थी तथा मेरा ब्लाउस, उसके अंदर की गुलाबी ब्रा और ब्रा के अंदर मेरी गोल गोल, गोरी गोरी चुचियाँ भी नज़र आने लगी थी. जब भी बिजली कड़कती तो रोशनी होती और मैं जानती थी कि उस रोशनी मे मैं अपने पति को उपर से करीब करीब नंगी नज़र आ रही थी.

मैं जानती थी कि अगर हम चाहते तो उस बरसाती और तूफ़ानी मौसम मे, बरसते पानी मे भीगते हुए हम पूरी चुदाई कर सकते थे. पर घर मे हम दोनो अकेले नही थे. बाहर से किसी के देख लिए जाने का डर नही था, पर घर मे मेरे सास ससुर अपने बेडरूम मे सो रहे थे और अगर किसी वजह से उन मे से कोई बाहर आता तो हमको देख लिए जाने का पूरा पूरा ख़तरा था. हम दोनो ने अपने आप पर पूरा काबू रखा और बरसात मे भीगते हुए आपस मे चिपक रहे थे, चुंबन हर रहे थे और एक दूसरे के अंगों को छ्छू रहे थे.

थोड़ी देर तक साथ साथ भीगने के बाद हम वापस अपने बेडरूम मे आए और सीधे बाथरूम मे गये. बाथरूम मे पहुँचते ही हम ने वो करना शुरू कर्दिया जो हम बाहर बरसात मे भीगते हुए नही कर सके थे. हम ने एक दूसरे को कस कर पकड़ा और एक एक कर के हम दोनो ने अपने अपने गीले कपड़े उतार दिए. ह्म ने अपने नंगे बदन को एक दूसरे के नंगे बदन से रगड़ा. हमारे दिल और दिमाग़ हम दोनो को चुदाई की तरफ ले जाने लगे और हम भी तय्यार थे फिर से एक बार, एक शानदार, जोरदार और मज़ेदार चुदाई के लिए. हम दोनो की आँखें मिली और बिना कुछ बोले हम ने बहुत सारी बातें कर ली. हम जानते थे कि हम दोनो के ही बदन चुदाई की चाह मे जल रहे थे. मेरे पति ने मुझे गले लगाया और अपना मूह मेरी गर्दन पर रगड़ने लगे. पता नही वो मेरी गर्दन चूम रहे थे या चाट रहे थे, क्यों कि हम दोनो ही उस समय एक अलग ही दुनिया मे थे. उनका मूह घूमता हुआ मेरे रसीले होठों तक पहुँच और उनके होठों ने मेरे होठों को जाकड़ लिया. उनकी गरम गरम साँसें मेरे चेहरे से टकराने लगी. मेरे पति चुदाई की तरह चुंबन की कला मे भी माहिर है. उनका चुंबन किसी भी लड़की को चुदाई की तरफ ले जा सकता है. उनके मज़बूत हाथ मेरी नंगी पीठ पर रेंगने लगे. हम दोनो मे चुदाई की इतनी गर्मी आ चुकी थी की हमारे बदन को पोंछने के लिए तौलिए की ज़रूरत ही नही पड़ी. हम दोनो का बदन वैसे ही सूख चुका था.
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08-14-2019, 03:57 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
उन्होने मुझे अपनी मज़बूत बाहों मे उठाया और बेडरूम मे ला कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. मुझे नंगी बिस्तर पर लिटा कर वो मेरे पास बैठ गये और मेरे नंगे बदन को देखने लगे. वो तो हमेशा ही मेरे सेक्सी नंगे बदन को काफ़ी देर तक देखते हैं जैसे मुझे पहली बार नंगा देख रहे हो. फिर धीरे धीरे वो मेरे पास आए और मुझे सिर से पैर तक चूमा. मुझे बहुत आनंद आया और मेरे मूह से प्यार और चुदाई की आवाज़ें निकालने लगी जब उनके गरम होंठ मेरी तनी हुई निप्पल्स को चूम रहे थे. उन्होने मुझे मेरे मस्तक पर, मेरी आँखों पर, मेरे नाक पर, मेरे गाल पर, मेरी गर्दन पर, मेरी चुचियों और मेरी निप्पल्स पर, मेरी बगलों पर, मेरे पेट पर, मेरी चूत पर और अंत मे मेरी जाँघो पर चुंबन दिया. फिर तो वो जैसे मेरे सेक्सी नंगे बदन को चाटने लगे. उन्होने मुझे उपर से ले कर नीचे तक चाटा . अपना चाटना पूरा करके उन्होने अपना ध्यान मेरे सब से खास नंगे सेक्सी अंगों पर लगाया. पहले उन्होने मेरी एक तनी हुई निप्पल को अपने मूह मे ले कर चूसा, पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से जैसे मेरा दूध पीना चाहते हो. फिर इसी तरह उन्होने मेरी दूसरी निप्पल को भी चूसा. फिर उन्होने मेरे होठों पर गहरा चुंबन दिया और साथ ही मेरी जीभ के अपने मूह मे ले कर चूसने लगे. जवाब मे मैने भी उनकी जीभ को अपने मूह मे ले कर चूसा.

अब उन्होने अपना ध्यान मेरी कड़क और सेक्सी चुचियों पर लगाया. वो चाहते थे कि मैं बिस्तर पर बैठ जाओं और जैसे किसी बच्चे को दूध पिलाया जाता है उस तरह उन को अपनी चुचि चूसने को दूं. मैं बिस्तर पर बैठ गई और उनका सिर अपने हाथ मे ले कर अपनी गोदी मे रखा और अपने दूसरे हाथ से खुद की चुचि पकड़ कर उसकी निप्पल उनके मूह मे चूसने को दी. उन्होने मेरी निप्पल मूह मे ली और चूसना शुरू किया. मेरी एक चुचि और निप्पल तो वो अपने मूह मे ले कर चूस रहे थे और दूसरी चुचि और निप्पल को अपने हाथ मे ले कर उस से खेलने लगे, दबाने लगे और मसल्ने लगे. मेरी हमेशा नरम और मुलायम रहने वाली निप्पल्स उनके चूसने और खेलने की वजह से तन कर खड़ी हो गयी थी. मेरी चुचि उनकी हथेली मे किसी नरम बाल की तरह लग रही थी. कुछ देर बाद उन्होने मेरी चुचियों की अदला बदली की और जो चुचि वो चूस रहे थे उस से खेलने लगे और जिस चुचि से वो खेल रहे थे उसको चूसने लगे. इस तरह मेरी दोनो चुचियों को उन्होने चूसा और दोनो को मसला. ये खेल काफ़ी देर तक चलता रहा क्यों कि मुझे मेरी चुचियाँ चुस्वा कर, मसलवा कर और दब्वा कर मज़ा आरहा था और उनको मेरी चुचियाँ चूस कर, दबा कर और मसल कर मज़ा आ रहा था.

इस खेल का पूरा मज़ा लेने के बाद उन्होने मुझे फिर से बिस्तर पर मेरी पीठ के बल लिटा दिया. अब उनका मूह घूमता हुआ मेरे नंगे बदन के नीचके हिस्से पर जाने लगा. जैसे ही उनके होठों ने मेरी सफाचट चूत को टच किया, मैं रोमांचित हो उठी और मेरे रोएँ खड़े हो गये. मेरी चूत पर उन्होने बहुत सारे चुंबन दिए. बीच बीच मे वो अपनी थोड़ी मेरी चूत पर चुभ रहे थे. और अचानक ही वो पागलों की तरह मेरी चूत को चूसने लगे. उनकी इस हरकत ने मुझे अचानक ही बहुत गरम कर दिया. वो मेरी फुददी ऐसे चाट रहे थे जैसे किसी कपड़े से फर्श की सफाई की जाती है.

फिर उन्होने अपनी उंगलियों की मदद के मेरी चूत को खोला और मेरी चूत के दाने को अपने मूह मे ले कर चूसने लगे.

“ऊऊऊऊओह…………….. आआआअहह…………. हूऊऊऊऊओ” मेरे मूह से निकला. वो लगातार, बिना रुके मेरी चूत का दाना चूस्ते जा रहे थे. मेरी चूत का दाना चूस कर उन्होने मुझे और मेरी चूत को इतना गरम कर दिया कि मैं झड़ने की तरफ बढ़ने लगी और मेरी चूत से रस की नदी सी बहने लगी. जल्दी ही, उन्होने मेरी चूत का मूह खोला और अपनी जीभ मेरी चूत मे डाल दी. मेरी चूत के अंदर वो अपनी जीभ घुमाने लगे और मैं आसमान मे उड़ने लगी. उनकी इस सेक्सी हरकत ने मुझे इतना बेचैन कर दिया कि मेरे मूह से आनंद भारी आवाज़े निकालने लगी और मैं अपनी गंद बिस्तर से उठाने लगी और पटाकने लगी. मैने उनके सिर के बाल पीछे से पकड़े और उनका मूह अपनी बहती चूत पर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी तो वो और ज़ोर ज़ोर से मेरी फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने लगे. मुझे तो जैसे असली चुदाई का मज़ा आने लगा. जिस तरह से वो मेरी चूत चूस रहे थे, चाट रहे थे और मेरी चूत मे अपनी जीभ घुमा रहे थे, उस से लगता था कि आज वो मेरी चूत का सारा रस निकाल कर पी जाएँगे. लेकिन मेरी फुददी का जितना रस वो चाट रहे थे, उतना ही और रस मेरी फुद्दि से निकल रहा था. उनके इस तरह से मेरी चूत के चाटने से, मेरी चूत मे जीभ घुमाने से सीटी के बजने जैसे आवाज़ आ रही थी. मैं कुछ इस तरह बिस्तर मे उच्छल रही थी, इस तरह अपनी गंद उठा और पटक रही थी की लगता था जैसे मैं बिस्तर से नीचे गिर जाउन्गि.
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08-14-2019, 03:57 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
अचानक, मैने अपना विचार बदला और उनको बिस्तर पर सीधे लेटने को कहा. वो समझ गये कि मैं क्या चाहती हूँ. उनके सीधे लेटने के बाद मैं उनकी छाती पर चढ़ गई और जितना हो सकता था, अपने पैर चौड़े किए और अपनी रिस्ति हुई चूत को उनके मूह पर सटा दिया. जैसे ही मेरी फुद्दि उनके मूह पर लगी, मैने उनके सिर को अपने पैरों मे, जांघों के बीच जाकड़ लिया. उन्होने मेरी चूत को चूसना शुरू किया और मैं मैं बार बार उपर नीचे हो कर अपनी चूत चुसवाने का मज़ा लेने लगी और बार बार अपनी चूत उनके मूह पर ज़ोर से दबाने लगी.

क्यों कि मैं भी उनका लॉडा चूसना चाहती थी, इसलिए, मैने उनको रोका और उनके उपर बैठी बैठी ही घूम गई और 69 की पोज़िशन मे आ गई. अब फिर से उनका मूह मेरी चूत पर आ गया था. मैने उनके तने हुए, खूबसूरत, मज़बूत, गरम, लंबे और मोटे लौडे को फिर एक बार ध्यान से देखा. क्या शानदार और जानदार लंड का मालिक है मेरा पति और मैं कितनी भाग्यशाली हूँ के मैं ऐसे लौडे की मालकिन हूँ. उनके लंड मूंद पर कुछ पानी की बूँदें थी जो कि हमेशा ही चुदाई के पहले होती है. मैने अपनी जीभ उनके तने हुए चुदाई के औज़ार पर घुमाई और उनके लौडे से निकले पानी का स्वाद लिया. मैने उनके लंड का घूँघट उठाया, यानी उनके लंड के मूह की चॅम्डी नीचे की और उनके लौडे का गुलाबी, मोटा सूपड़ा अपने मूह मे लिया. मैं तबीयत से उनका लंड चूसने लगी. मैने एक हाथ से उनका लंड नीचे से पकड़ रखा था. मैं उनका लंड चुस्ती जा रही थी और साथ ही साथ नीचे से उनका लंड पकड़ कर मूठ भी मार रही थी ताकि उनको चुदाई के रास्ते पर आधी दूर तक ले जाऊ जिस से उनके लंड का पानी चोद्ते हुए मेरी चूत मे जल्दी निकले. आप को तो पता है कि मेरे पति चुदाई मे बहुत मज़बूत है और चुदाई करते हुए उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. ज़्यादा तर उनसे चुद्वाते समय मैं दो बार झाड़ जाती हूँ जब की उनके लौडे से एक बार ही पानी निकलता है. इसलिए मैं उनका लॉडा चूस कर, मूठ मार कर इतना गरम कर देना चाहती थी कि मुझे चोद्ते हुए वो भी मेरे साथ ही झदें.

उनके तेज़ी से मेरी चूत चाटने की वजह से मैं जल्दी ही झाड़ गई और मैने अपनी चूत उनके मूह पर ज़ोर से दबाई. वो धीरे धीरे मेरी चूत से निकला रस चाटने लगे.

उनके मूह से चुद्वा कर, उनकी जीभ से चुद्वा कर तो मैं एक बार झाड़ गई थी और अब मैं चाहती थी कि उनका लंबा और मोटा, उनकी चुदाई का हथियार, उनका गरमा गरम लॉडा अपनी चूत मे डलवा कर उनसे चुद्वाते हुए उनके लंड को अपनी चूत मे निचोड़ लूँ.

मैं चुद्वाने के लिए तय्यार हो कर बिस्तर पर सीधी लेट गई और अपनी टाँगें फैला ली जो उनको मेरे उपर आ कर चोद्ने का खुला निमंत्रण था. मैं उनके लौडे को, जिसको मैं अभी अभी चूस रही थी, को ध्यान से देख रही थी और चाहती थी उनका मज़बूत लॉडा मेरी नन्ही सी चूत मे घुस कर हमेशा की तरह मुझे खूब चोदे.

वो मेरे उपर आए. पर मेरी चूत मे अपना लॉडा डाल कर मुझे चोद्ने के लिए नही. उनका लंड मेरी चुचियों के उपर, मेरी आँखों के सामने था. उन्होने अपना वजन मेर बदन पर बिल्कुल भी नही डाला था और मैं अपने आप को चुदाई की उस्ताद ऐसे ही नही समझती. मैं समझ गई कि वो मेरी चुचियों को चोद्ना चाहते हैं. मैने अपने दोनो हाथों से अपनी खुद की चुचियों के एक दूसरी की तरफ दबाया और उन्होने अपना लंबा लंड मेरी दोनो चुचियों के बीच घुसा दिया. वो मेरी चुचियों को ऐसे चोद रहे थे जैसे मेरी चूत को चोद रहे हो. उनका लॉडा आगे पीछे हो कर, मेरी अपने हाथों से दबाई हुई चुचियो के बीच मे आता जाता मेरी चुचियों को चोद्ने लगा. हम दोनो को ही मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर मेरी चुचियों को चोद्ने के बाद अब असली चुदाई का समय आ गया था. उन्होने मुझे बिस्तर के किनारे पर मेरी गंद रख कर मुझे सुलाया और मेरी गंद के नीचे तकिया लगाया. मैने अपने पैर फैलाए और घुटनों को मोड़ कर बिस्तर के किनारे पर रख लिया. इस तरह मेरी गीली चूत थोड़ी उपर हो गई और खुल कर चुद्वाने के लिए तय्यार थी. वो मेरे पैरों के बीच मे आए और अपने लंबे लंड का मोटा सुपाडा मेरी चूत के दरवाजे पर रखा. मेरी गीली चूत ने जैसे उनके लौडे का अपने दरवाजे पर स्वागत किया. उन्होने अपने लंड का एक हल्का सा धक्का मेरी चूत पर लगाया तो मेरी चूत पहले से ही काफ़ी गीली होने की वजह से उनके लंबे लंड का आगे का भाग मेरी चूत के अंदर घुस गया. धीरे धीरे धक्के लगाते हुए उन्होने अपना पूरा लंबा लॉडा मेरी चूत मे उतार दिया. लंड चाहे जितना भी लंबा हो और चूत चाहे कितनी ही छ्होटी हो, पूरे लंड को अपने अंदर ले ही लेती है, कभी थोड़ी तकलीफ़ से या कभी थोड़े आराम से.

एक बार अपने लंबे और मोटे लौडे को मेरी फुददी मे पूरा घुसाने के बाद अब उन्होने धक्के लगाते हुए मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. पहले धीरे धीरे और फिर उनके लंड की मेरी चूत आने जाने की रफ़्तार, धक्के लगाने की रफ़्तार, चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई. हमेशा की तरह मुझे उनसे चुद्वाने का मज़ा आने लगा और उनको मुझे चोद्ने का मज़ा आने लगा. चुदाई की रफ़्तार और जोश बढ़ता गया और मैने अपने पैरों से उनकी गंद को जाकड़ लिया और अपनी तरफ से भी अपनी चूत को उठा उठा कर उनके लंड पर मारने लगी. दोनो ही एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे. हम धक्के से धक्का मिला कर चुदाई करने लगे और उनका लंड हर धक्के के साथ मेरी चूत के सब से अंदर के हिस्से से टकराने लगा.

उनके लंड के मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरे मूह से चुदाई के आनंद की आवाज़ें निकालने लगी. उन के लंबे और कड़क लौडे के मेरी रसीली चूत मे आने जाने से फाका फक………फाका फुक………फाका फक की चुदाई की सेक्सी आवाज़ें भी आने लगी. मैं तो जैसे करीब करीब चिल्ला ही रही थी…….. ” ओह डियर………….. चोदो……. ज़ोर से……… हां……… और अंदर……… जानू……… चोदो…….. चोदो…. आआहह … ओह.” और जवाब मे उनका लंड किसी एंजिन के पिस्टन की तरह 1000 किमी की रफ़्तार से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. जल्दी ही उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जाता और जल्दी ही फिर से बाहर आता तो सिर्फ़ वापस अंदर जाने के लिए. चुदाई चलती रही…. वो मुझे चोद्ते रहे और मैं चुद्वाति रही और जल्दी ही मैं समझ गई कि मैं झड़ने वाली हूँ. मेरे बदन ने अकड़न होने लगी. मेरी चूत ने उनके लौडे को कसना शुरू किया जो कि मुझे पता है कि उनको बहुत पसंद आया होगा. और कुछ ही देर मे, अचानक मैं झाड़ गई……. बहुत ज़ोर से झाड़ गई. और मेरी आँखें बंद हो गई.
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08-14-2019, 03:58 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
कुछ देर बाद मैने अपनी आँखें खोली तो उन्होने ज़रूर मेरी आँखों मे चुदाई मे परम संतुष्टि का भाव देखा होगा. उन्होने अपना खड़ा लॉडा, बिना पानी निकाले मेरी चूत से निकाल लिया था और वो मेरी चूत से निकलने वाले रस को चाट रहे थे. फिर मैने उनको चोद्ने की सोची क्यों कि अभी उनके लंड से पानी निकलना बाकी था. वो बिस्तर पर सीधे अपनी पीठ के बल लेट गये. मैं उनके उपर सवार हो गई. मैं अपने दोनो पैर उनके दोनो तरफ कर के उनके लौडे के पास बैठ गई. मैने उनका गरमा गरम खड़ा हुआ लंड अपने हाथ मे पकड़ा और उसको अपनी खुली हुई फुद्दि के मूह पर लगाया. मैने अपनी गंद को थोड़ा झटका दिया, उपर नीचे किया और चूत की तरफ हिलाया तो उनका लंबा लॉडा मेरी चूत मे घुसने लगा.

इस तरह मैने उनके पूरे लौडे को अपने चूत मे ले लिया. जैसे ही उनका लंड मेरी चूत मे घुसा, मैने तुरंत ही तेज़ी से, उपर नीचे हो कर, अपनी गंद हिला हिला कर उनकी चुदाई शुरू कर दी. मैं उनके लंड पर बैठी, उनका लंड अपनी फुद्दि मे ले कर उछाल उछाल कर, उपर नीचे हो कर उनको चोद रही थी और खुद भी चुद्वा रही थी. हम दोनो को ही चुदाई का मज़ा आ रहा था. उन्होने भी मेरी गंद पकड़ रखी थी ताकि मैं ज़ोर ज़ोर से उनके लंड पर उपर नीचे हो सकूँ. उनका लंड बड़ी तेज़ी से मेरी रसीली चूत मे आ जा रहा था. आप को तो पता ही है कि ऐसी चुदाई मे मेरी दोनो चुचियाँ हवा मे उपर नीचे होने लगी थी. बीच बीच मे वो मेरी नाचती हुई चुचियों को भी मसल रहे थे. चुदवाते हुए मैं फिर एक बार झड़ने के करीब थी. उनके उपर बैठी हुई, उनका लंबा लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वाति हुई, उपर नीचे होती हुई, अपनी नंगी गंद उपर नीचे करती हुई मैं आगे की ओर झुकी और उनके होठों पर चुंबन दिया, पर चुदाई लगातार जारी थी. वो भी नीचे से अपनी गंद उठा उठा कर मुझे चोद रहे थे. और इस तरह मैं फिर से एक बार झाड़ गई पर उनका अपनी गंद उठा उठा कर अपने लंड के धक्के मेरी चूत मे मारना जारी था जो मुझे बता रहा था कि उनके लंड से भी पानी निकलने वाला है. और फिर उन्होने एक जोरदार धक्का अपने लंड का मेरी चूत मे मारा और उनके लंड से भी लंड रस की बरसात मेरी चूत के अंदर होने लगी. उनका चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरी चूत मे अपना पानी बहुत फोर्स के साथ फेंक रहा था.

जोरदार और शानदार चुदाई के बाद कुछ देर हम ने बिस्तर पर पास पास नंगे लेट कर आराम किया और जल्दी ही हम दोनो चुदाई का और एक खेल खेलने को तय्यार थे.

हम दोनो को ही चुदाई करते हुए अपने आप को आईने मे देखना बहुत पसंद है जिस का कि चुदाई मे एक अलग ही मज़ा है. हम दोनो खड़े हुए और मेरी ड्रेसिंग टेबल के पास आए. मेरी ड्रेसिंग टेबल पर फुल साइज़ आईना लगा हुआ था. उन्होने कोने मे रखी राइटिंग टेबल ड्रेसिंग टेबल के सामने रखी और मुझे टेबल के पास आईने के सामने खड़ा किया. उन्होने मुझे अपना ऊपरी बदन टेबल पर रख कर थोड़ा झुकने को कहा. इस तरह मैं राइटिंग टेबल पर उल्टी लेट सी गई और मैने अपने पैर थोड़े चौड़े किए और चुदाई की पोज़िशन बनाई और पीछे से चुद्वाने के लिए तय्यार हो गई.

वो मेरे पीछे खड़े हो कर, अपना खड़ा लॉडा अपने हाथ मे ले कर मुझे चोद्ने के लिए तय्यार थे. मैने और थोड़ा झुकते हुए अपनी चूत को पीछे से बाहर निकाला ताकि वो अपना लॉडा पीछे से मेरी चूत मे डाल सकें. थोड़े अड्जस्टमेंट के बाद उन्होने मेरी चूत पर अपना लंड रख कर एक धक्का मारा तो उनका आधा लंड मेरी चूत के अंदर घुस गया. और फिर उसके बाद तो वो रुके नही. उनके लंड के धक्के पर धक्के मेरी चूत मे लगने लगे. वो भी पीछे से मेरे उपर जैसे सो गये, मेरे नंगे बदन को अपने बाहों मे जकड़ा और अपने पैरों को मेरे पैरों मे फसा दिया. अपने हाथ मेरे बदन के नीचे डाल कर मेरी दोनो चुचियों को कस कर पकड़ा और मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. ऐसे लग रहा था जैसे कोई कुत्ता किसी कुतिया को चोद रहा है. वो अपने मज़बूत और लंबे लौडे के जोरदार धक्के मेरी चूत मे लगा रहे थे. उनका लॉडा तेज़ी से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा और अपने हाथों से वो मेरी चुचियाँ भी मसल रहे थे. इस पोज़िशन मे उनका लंड मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से टकरा रहा था जो मेरी चुदाई का मज़ा बढ़ा रहा था. हम दोनो ही अपने आप को चोद्ते हुए और चुद्वाते हुए सामने आईने मे देख सकते थे. हम दोनो को ही चुद्वाने की ये पोज़िशन बहुत पसंद है जिसमे हम दोनो चुदाई करते हुए अपने आप को नंगे देख सकते हैं. जैसे जैसे उनके लंड के धक्के मेरी चूत मे लगते जा रहे थे, वैसे वैसे मेरा नंगा बदन आगे की ओर खिसकने लगा और जल्दी ही मैं फिर एक बार झड़ने को तय्यार थी. तय्यार क्या थी, मैं तो झाड़ भी चुकी थी और मेरे मूह से जैसे चीख सी निकल गई. मैं तीसरी बार झाड़ चुकी थी.

हम एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए फिर से बिस्तर पर आ गये, हम थोड़ा थक भी चुके थे.
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