RE: Hindi Porn Stories थोड़ा कस कर दबाओ ना लल्ला
भाभी पलंग पर पेट के बल लेट गईं और अपने घुटनों के बल उठ कर अपने चूतड़ों को हवा में उठा दिया।
देखने लायक नज़ारा था… भाभी के गोल-मटोल गोरे-गोरे चूतड़ मेरी आँखों के सामने लहरा रहे थे।
मुझसे रहा नहीं गया और झुक कर चूतड़ों को मुँह में भर कर कस कर काट लिया।
भाभी की चीख निकल गई…
फिर मैंने ढेर सारी वैसलीन लेकर भाभी के चूतड़ों की दरार में लगा दी।
भाभी बोलीं- अरे मेरे भोले सैयाँ.. ऊपर से लगाने से कुछ नहीं होगा… ऊँगली से लेकर अन्दर भी लगाओ और अपनी ऊँगली पेल-पेल कर पहले छेद को ढीला करो।’
मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली पर वैसलीन लगा कर भाभी की गाण्ड में घुसड़ने की कोशिश की… पहली बार में जब नहीं घुसी तो दूसरे हाथ से छेद फैला कर दोबारा कोशिश की.. तो मेरी ऊँगली थोड़ी सी ऊँगली घुस गई।
मैंने थोड़ा बाहर निकाल कर फिर झटका दे कर डाली तो ‘घपाक’ से पूरे ऊँगली अन्दर धँस गई।
भाभी ने एकदम से अपने चूतड़ों को सिकोड़ लिया जिससे कि ऊँगली फिर बाहर निकल आई।
भाभी बोलीं- शाबास.. अब इसी तरह कुछ देर तक ऊँगली अन्दर-बाहर करते रहो।
मैं भाभी के कहे मुताबिक ऊँगली जड़ तक अन्दर-बाहर करने लगा।
मुझे इसमें बड़ा मज़ा आ रहा था।
भाभी भी कमर हिला-हिला कर मज़ा ले रही थीं।
कुछ देर यूँ ही मज़ा लेने के बाद भाभी बोलीं- चलो राजा आ जाओ मोर्चे पर.. और मारो गाण्ड अपनी भाभी की…
मैं उठ कर घुटने का बल बैठ गया और लंड को पकड़ कर भाभी की गाण्ड के छेद पर रख दिया।
भाभी ने थोड़ा पीछे होकर लंड को निशाने पर लिया.. फिर मैंने भाभी के चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर धक्का लगाया।
भाभी की गाण्ड का छेद बहुत टाइट था।
मैं बोला- भाभी नहीं घुस रहा है।
भाभी ने तब अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ों को खींच कर गाण्ड की छेद को चौड़ा किया और दोबारा ज़ोर लगाने को कहा।
इस बार मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया और मेरा सुपारा भाभी की गाण्ड के छेद में चला गया।
भाभी की कसी गाण्ड ने मेरे सुपारे को जकड़ लिया.. मुझे बड़ा मज़ा आया।
मैंने दोबारा धक्का दिया और भाभी की गाण्ड को चीरता हुआ मेरा आधा लंड भाभी की गाण्ड में दाखिल हो गया।
भाभी ज़ोर से चीख उठीं, ‘ऊ माँ.. दुख़ता है.. मेरे राजा…’
पर मैंने भाभी की चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया और लंड थोड़ा पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगाया।
मेरा 9′ का लौड़ा भाभी की गाण्ड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अन्दर दाखिल हो गया।
भाभी फिर चीख उठीं।
वो बार-बार अपनी कमर को हिला-हिला कर मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थीं।
मैंने आगे को झुक कर भाभी की लटकती चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।
मेरा लंड अभी भी पूरा का पूरा भाभी की गाण्ड के अन्दर था।
कुछ देर बाद भाभी की गाण्ड में लंड डाले हुए उनकी चूचियों को सहलाता रहा।
जब भाभी कुछ सामान्य हुईं तो अपने चूतड़ों को हिला कर बोलीं- चलो राजा अब ठीक है…
भाभी का सिग्नल पाकर मैंने दोबारा सीधे होकर भाभी के चूतड़ों को पकड़ कर धीरे-धीरे कमर हिला कर लंड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
भाभी की गाण्ड बहुत ही टाइट थी… इससे चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
अब भाभी भी अपना दर्द भूल कर सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगीं।
उन्होंने अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में डाल कर कमर हिलाना शुरू कर दिया।
भाभी की मस्ती देख कर मैं भी जोश में आ गया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी।
मेरा लंड अब पूरे तेज़ी से भाभी की गाण्ड में अन्दर-बाहर हो रहा था।
भाभी भी पूरी तेज़ी से कमर आगे-पीछे करके मेरे लंड का मज़ा ले रही थीं।
लंड ऐसे अन्दर-बाहर हो रहा था मानो इंजिन का पिस्टन… पूरे कमरे में चुदाई का ‘ठप-ठप’ की आवाज़ गूँज रही थी।
जब भाभी के थिरकते हुए चूतड़ों से मेरी जांघें टकराती थीं तो लगता कोई तबलची तबले पर ठाप दे रहा हो।
भाभी पूरे जोश में पूरी तेज़ी से चूत में ऊँगली अन्दर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थीं।
हम दोनों ही पसीने-पसीने हो गए थे.. पर कोई भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
भाभी मुझे बार बार ललकार रही थीं, ‘चोद लो मेरे राजा चोद लो अपनी भाभी की गाण्ड… आज फाड़ डालो इसे… शाबाश मेरे शेर और ज़ोर से राज्ज्जा और ज़ोर से… फाड़ डाली तुमने मेरी तो…’
मैं भी ‘हुमच-हुमच’ कर शॉट लगा रहा था… पूरा का पूरा लंड बाहर खींच कर झटके से अन्दर डालता तो भाभी की चीख निकल जाती।
मेरा लावा अब निकलने ही वाला था।
उधर भाभी भी अपनी मंज़िल के पास थीं।
तभी मैंने एक झटके से लंड निकाला और भाभी की चूत में जड़ तक ठूँस दिया। भाभी इसके लिए तैयार नहीं थीं.. इसलिए उनकी ऊँगली भी चूत में ही फंसी रह गई थी.. जिससे उनकी चूत बहुत ही टाइट लग रही थी।
मैं भाभी के बदन को पूरी तरह अपनी बाँहों में समेट कर दनादन शॉट लगाने लगा।
भाभी भी अब सम्हल कर ज़ोर-ज़ोर से ‘आह उहह’ करती हुई चूतड़ों को आगे-पीछे करके अपनी चूत में मेरा लंड लेने लगीं।
हम दोनों की सांस फूल रही थी… आखिर मेरा ज्वालामुखी फूट पड़ा और मैं भाभी की पीठ से चिपक कर भाभी की चूत में झड़ गया।
भाभी की भी चूत झड़ने को थी और भाभी भी चीखती हुई झड़ गईं।
हम दोनों उसी तरह से चिपके हुए पलंग पर लेट गए और थकान की वजह से पा ही चला कि कब सो गए।
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