Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
07-12-2018, 01:04 PM,
#11
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
दोस्तो अब तक आपने पढ़ा की किस तरह दो हसिनाओ ने मुझे अपने प्रेम से सरोबार किया जिन्हे मैं जनता ही नही था कि आख़िर वो कौन थीं?????????????? 

अब आप तीसरा वाक़या भी सुनिए देखिए इस बार एक शादी मे क्या हुआ

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शादी मे

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मैं एक अच्छी फॅमिली से हू. इंडिया मे देल्ही मे रहता हू. मेरे पेरेंट्स का बिज़्नेस है. मेरी हाइट तकरीबन 6 फुट रंग बोहोत गोरा चोवडा सीना और सीने पे बाल. मैं अपने इंजिनियरिंग कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन भी था. ऑन दा होल मैं एक बोहोत ही हॅंडसम लड़का हू. किसी अच्छे ख़ासे सेक्सी मॉडेल से कम नही हू लोल.

यूँ तो कॉलेज मे बोहोत सारे दोस्त थे लैकिन कुछ दोस्त बोहोत करीबी थे जिस्मै एक अरुण भी था. हम दोनो हमेशा ही साथ रहते, साथ खेलते और अपने सीक्रेट्स भी एक दूसरे से शेर करते थे. दोनो की कॉलेज की प्रेमिकाएँ भी थी और हम उनके साथ चुदाई भी कर चुके थे और कभी कभी तो हम एक दूसरे की प्रेमिकाओं से बदल बदल के भी चोद चुके थे. मेरा लंड भी बोहोत अछा लंबा, मोटा और सख़्त है. लंड के सामने का लंड का सूपड़ा एक दम से चिकना और हेल्मेट जैसा है और पायंटेड है जो चूत के अंदर घुस्स के बच्चे दानी को डाइरेक्ट हिट करता है और चुदवाने वाली लड़की या औरत को बोहोत मज़ा आता है. और जिसने एक बार मुझ से चुदवा लिया वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती है और बार बार मुझ से चुदवाना चाहती है.

अरुण की शादी को तकरीबन 1 साल हो रहा था और मेरी शादी को तकरीबन 6 महीने हुए थे. अरुण ने मुझे बताया के उसकी वाइफ को हमारे कॉलेज के सारे किस्से सुना चुक्का है तो उस दिन से मुझे उसकी वाइफ उषा से शरम आने लगी है.

उषा भाभी एक बोहोत ही सुन्दर लड़की है उमर भी उतनी ज़ियादा नही है होगी कोई 23 – या 24 साल की. रंग भी बोहोत गोरा और सिडोल बदन. मैं ने कभी उनकी तरफ ग़लत नज़रों से नही देखा.

खैर. हुआ ऐसे के अरुण की किसी कज़िन की शादी थी और वो प्रेशर डाल रहा था के मैं भी अपनी वाइफ के साथ वो शादी मे उन लोगो के साथ कोलकाता जाउ. शादी कोलकाता मे थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ जाऊं या ना जाऊं. मेरी वाइफ अपने मैके गई हुई थी. मैं अकेला ही था. इधर जॉब क़ा भी मसला था.

अरुण ने कहा के अरे यार ऐसे मौके बार बार नही आते और तू ने अभी तक कोलकाता देखा भी नही है और एक आँख दबा के बोला के बेंगाल का रसगुल्ला तो बोहोत मशहूर है खाएगा नही क्या. इतना सुनना था के मेरे बदन मे जैसे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई और मैं ने कहा के देखो मैं ट्राइ करता हू और अगर मुझे छुट्टी मिल जाती है तो मैं चलता हू नही तो जाने दो फिर कभी देखेंगे. वो मान गया. अगले दिन मैं ने एक वीक की छुट्टी की अप्लिकेशन दे दी जो थोड़ी सी आगे पीछे कर के अप्रूव हो गई.

यूँ तो अरुण था गुजराती और हमेशा ही कहता था के यार कभी मेरे साथ आमेडबॅड चल और किसी गुजराती चूत का मज़ा ले. गुजजु चूते बोहोत सेक्सी, गरम आंड गीली होती हैं. मैं ने सोचा के अरुण के रिलेटिव्स’ ज़रूर आएँगे तो मैं भी देखु के आख़िर गुजजु लड़कियाँ होती कैसी हैं. मैं ने कभी कोई गुजराती लड़की को इतने करीब से देखा नही था इसी लिए देखने की और चोदने की तमन्ना थी दिल मे.

अरुण की दो सिस्टर थी कमला. कमला अरुण से तकरीबन 5 - 6 साल बड़ी थी. उसकी शादी हो चुकी थी पर अभी तक उसके कोई संतान नही हुई थी. घाटेला बदन गोरा रंग काली बड़ी बड़ी लाइट ब्राउन आँखें लंबे बाल मस्त चुचियाँ, होंगे तकरीबन 36 के साइज़ की. ऑन दा होल कमला एक सुंदर औरत थी लैकिन वो मेरे दोस्त की बहेन थी और मुझ से बड़ी थी इसी लिए मुझे कमला के साथ चुदाई का ध्यान भी नही आया. मैं ने कमला की आँखों मे एक प्यास देखी है ऐसी प्यास जिनकी चूत प्यासी हो और आचे लंबे मोटे लंड से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हो. वो मुझे से डबल मीनिंग के मज़ाक करती थी जैसे उषा भाभी क्या करती हैं तो मेरी हालत बुरी हो जाती कभी कभी तो लंड भी उठ खड़ा होता और उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ती तो वो मुस्कुरा के कहती लगता है वाइफ की बोहोत याद आ रही है.

कहो तो कुछ खिला दू या कुछ पीला दू तो मैं उनकी सूरत देखता का देखता ही रह जाता. कभी कभी ख़याल आता के शाएद उनका पति उनको सही तरीके से चोद्ता नही होगा. वो मोस्ट ऑफ दा टाइम्स खामोश ही रहा करती थी जिस से यह यकीन होता दिखाई देता के वो किसी सच मे अछी और लंबी चुदाई का मज़ा नही ले सकी होगी अभी तक और इसी लिए उनकी चूत प्यासी की प्यासी ही रह गई होगी. कभी कभी तो मंन करता के हिम्मत कर के उसको इतनी ज़ोर से धक्के

मार मार के चोद डालूं ताकि उसकी प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए और उसकी आँखों की चमक वापस आ जाए.
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07-12-2018, 01:06 PM,
#12
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
और दूसरी है शांता. शांता अरुण से तीन या चार साल छोटी है. बोहोत चंचल. हमेशा उछाल कूद करती रहती धमाल मचाती रहती. कॉलेज मे पढ़ती थी. बहुत सुंदर थी. गोरा रंग, काले बाल, चमकती आँखें, कड़क ऐप्पल जैसी चुचियाँ तकरीबन 32 या 34 के साइज़ के होंगे जिन्हें देख के कोई भी अपने हाथो मे ले के मसल्ने की तमन्ना करे. लड़कियो मे ब्रस्सिएर और पॅंटी पेहेनने का फॅशन तकरीबन ख़तम ही हो गया है और वो जब घर मे जब उछल कूद करती तो उसकी मस्त चुचियाँ डॅन्स करती बोहोत अच्छी लगती थी. कमला और शांता मुझ से काफ़ी क्लोज़ थे और दोनो मुझ से मज़ाक भी करते ही रहते थे मैं भी दोनो को सता ता रहता था. शांता को तो कभी कभी मैं अपनी बाहो मे पकड़ भी लेता कभी कभी ऐसा भी होता के मैं शांता को अपने से लिपटा लेता तो उसकी चुचियाँ मेरे बदन से चिपक जाती जिस से मेरे बदन मे एक तूफान आ जाता और कभी कभी तो लिपटा के जब उसके बॅक पे हाथ घुमा ता तो उसके चूतड़ तक भी हाथ फिसल जाता था और मैं उसके चूतडो को धीरे से दबा भी देता तो वो हंस देती. कभी तो अपने बदन से ऐसे ज़ोर लिपटा लेता के उसे मेरे लंड का स्पर्श उसके बदन पे महसूस हो जाए और फिर छोड़ देता था. शांता को चोदने का ख़याल मेरे मन मे कई बार आया लैकिन क्या करू दोस्त की बहेन जो थी. अब यह भी तो हो सकता है के कमला और शांता दोनो मुझ से चुदवाने की इच्छा रखती हो लैकिन शाएद कभी मौका नही मिला हो या मुझे बता ना सकी हो.

मैं अरुण के घर बोहोत साल से आता जाता रहता था तो सब ही मुझ से अछी तरह ट्रीट करते थे. अरुण की वाइफ उषा चटर्जी बेंगाली है. अरुण से उसकी लव मॅरेज थी. उषा भाबी भी बोहोत सुंदर हैं. हाइट होगी तकरीबन 5’ 6” गोरा रंग काले लंबे बाल जो उनके चूतड़ तक आते हैं और काली हिरनी जैसे चमकती आन्खै जिनमे ऐसीमस्ती भरी रहती है जैसे हमेशा ही अपनी अरुण के साथ चुदाई को याद कर रही हो इसी लिए हमेशा उनके मूह पे एक सीक्रेट सी मुस्कान रहती है. नाज़ुक सा बदन लैकिन चुचियाँ बोहोत मस्त थी उनकी. कभी तो उनके शर्ट मे से तने हुए निपल्स भी नज़र आ जाते तो मंन करता के बस इन्हें पकड़ के मसल डालूं और चूस लूँ. शाएद 36 का साइज़ होगा उनकी मस्त और टाइट चुचिओ का. उनकी चुचिओ को देख के मंन करता है के बस पकड़ के बेड पे गिरा दू और चोद डालु और नंगा करके चुचिओ को चूस चूस के उनका सारा रस पी जाउ और ज़ोर से चोद के उनकी चूत फाड़ डालूं इतनी सेक्स अपील थी उषा भाभी के अंदर. उषा भाबी का चिकना बदन

और गोरा रंग देखते हुए यह मैं यकीन से कह सकता हू के उनकी चूत भी मक्खन जैसे चिकनी होगी. उषा भाभी भी कमला की तरह मेरे साथ डबल मीनिंग वाला मज़ाक करती थी और हंस देती थी और मैं कभी कभी तो शरम से लाल लाल हो जाता लैकिन उषा को मैं अपनी भाभी मानता और उनको चोदने का ख़याल मेरे मन मे नही आया पर कभी सोचता के जैसे के अरुण अपनी वाइफ को हमारे कॉलेज के टाइम्स की प्रेमिकाओं को बदल बदल के चोदने के किस्से सुना चुक्का था तो शाएद उनके मन मे चुदवाने का ख़याल हो लैकिन मैं कुछ यकीन से नही कह सकता. हा यह ज़रूर है के अगर वोही अपनी तरफ से पहेल करती चुदवाने के लिए तो मैं ऐसे चोद्ता के वो ऐसी चूत फाड़ चुदाई करता के वो ऐसे चुदाई को कभी भूल नही पाती और हमेशा याद रखती.

मैं तो बस यह चाहता था के शादी मे एक रस्स भरी बेंगाली और एक गरम गुजराती चूत का मज़ा मेरे मोटे लंड को मिल जाए तो मेरे लंड की और मेरी दिली तमन्ना पूरी हो जाए और मज़ा आ जाए.
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07-12-2018, 01:06 PM,
#13
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
हम देल्ही से कोलकाता के लिए निकल के कोलकाता पोहोन्च गये. शादी के ग्रूप मे हम सब मिला के तकरीबन 60 या 70 आदमी थे. उसका कज़िन जिसकी शादी थी वो भी देल्ही मे ही रहता था और उसकी होने वाली दुल्हन भी उसके ही किसी रिलेटिव्स मे से थी. ट्रेन मे मस्ती करते रहे कुछ लड़किया भी थी और कुछ औरतें भी थी कुछ बुढ़ियाँ भी थी. ट्रेन का फुल डिब्बा रिज़र्व कर लिया गया था मॅरेज पार्टी के लिए. मस्ती करते करते सारी रात ट्रेन मे जागते रहे अरुण के कज़िन जिसका नाम अशोक था उसको सता ते रहे. रात जागते ही गुज़र गई पता ही नही चला के कब दिन निकल गया और वैसे भी रिज़र्व्ड कॉमपार्टमेंट मे कोई और आ भी नही सकता था. सुबह सुबह टी कॉफी वाले आ गये तो जो नींद आ रही थी वो भी चली गई.

कोलकाता पहुचने तक सुबह के तकरीबन 11 बज गये थे. अरुण के रिलेटिव्स हमै लेने के लिए स्टेशन पे आ गये थे. एक बस ले के आए थे जिस्मै सारा समान डाल दिया गया और सब बैठे के चल दिए. कोलकाता पहली बार आया था एक अजीब सा लग रहा था सिटी को देख के. खैर जहा हमै ठहराया गया था वो एक बड़े साइज़ का घर जैसा था. ग्राउंड प्लस वन का था. जिस्मै 60 – 70 लोग ऐसे समाए थे जैसे लगता था के कोई मेला लगा हो.

थोड़ी ही देर मे उसके कुछ और रिलेटिव्स दूसरी ट्रेन से गुजरात और बॉम्बे से भी आ गये. अब तो लगता था के रियली शादी वाला घर है.

क्रमशः.......................
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07-12-2018, 01:07 PM,
#14
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
गतान्क से आगे...................

बाजे बाज रहे हैं. हसी मज़ाक हो रहा है. लड़किया मस्ती मे नाच रही थी. हंस रही थी. जोक कर रही थी. नये लोग एक दूसरे से इंट्रोड्यूस हो रहे थे. छोटी लड़कियाँ अपनी आगे की लड़कियो से मिलने के बाद एक दूसरे के साथ बैठ के अपने सीक्रेट्स बात रही थी और शर्मा रही थी. यह सब देख के मुझे बोहोत अछा लग रहा था. यह सारे रिलेटिव्स थे बस मैं ही एक था जो सिर्फ़ अरुण और अशोक का दोस्त था लैकिन किसी ने मुझे महसूस होने नही दिया के मैं उनका रिलेटिव नही हू. सब लड़के, लड़किया, मर्द और औरतें, लड़के लड़किया मेरे साथ ऐसी पेश आ रहे थे जैसे मैं भी उनका कोई रिश्ते दार ही हू जो मुझे बोहोत अछा लग रहा था. मैं भी अपने आप को फॅमिली का एक हिस्सा समझ ने लगा. मैं भी घर के हर काम मे हाथ बटा ने लगा. कही जाना हो, कुछ लाना हो या जो भी हो मैं ऐसे बिज़ी हो गया था जैसे मेरे ही कज़िन की शादी हो.
मैं सारी रात का जागा हुआ था और सारा दिन मस्ती करता रहा और इधर उधर के काम से शाम तक तबीयत अछी ख़ासी थक चुकी थी. सरदीओ के दिन थे जैसे जैसे रात बढ़ रही थी ठंड भी बढ़ती जा रही थी. और फिर थोड़ी ही देर मे ठंडी ठंडी हवाए चलने लगी जिस से ठंड बोहोत हो ने लगी. घर के कमरे कुछ छोटे कुछ बड़े थे. मुझे आइडिया नही था के मेल्स के सोने का इंतेज़ाम कहा हुआ है. सारे कमरो मे बड़ी बड़ी बेडशीट्स बिछा दी गई थी ता कि ज़ियादा से ज़ियादा लोग सो सकें. मैं उपर जा के एक छोटे से कमरे के आखरी कॉर्नर मे दीवार के करीब जा के लेट गया. उस कमरे मे तकरीबन आधे हिस्से मे चावल की बोरियाँ बड़े सलीके से ऊपेर तक जमी हुई थी. चावल की बोरियाँ ऐसे रखी के यहा बॅस 8 या 10 आदमी ही सो सकते थे लाइन से और थोड़ी सी जगह और रहती थी चलने फिरने के लिए.
जब मैं उस कमरे मे गया तो पॅसेज वाले हिस्से मे किसी के सोने का इंतेज़ाम नही था या यह भी हो सकता था के बाद मे अगर जगह कम पड़ जाए तो शाएद उस पॅसेज वाले हिस्से को भी यूज़ किया जा सकता था. उस कमरे मे एक खिड़की थी जो चावल के हवा के लिए थी जो खुली हुई थी उस खिड़की मे से ठंडी हवा आ रही थी और कमरे मे अछी ख़ासी ठंड होने लगी. मुझे लगा के अभी इतनी ठंड है तो लेट नाइट को क्या होगा. खैर मैं सब से लास्ट वाले हिस्से मे दीवार के साथ जा के लेट गया. मेरा सर चावल की बोरियो की तरफ था और पैर दूसरे साइड की दीवार के तरफ पॅसेज बना के लेट गया और ब्लंकेट तान कर एक ही मिनिट मे बोहोत ही गहरी नींद सो गया. बहुत थका हुआ होने से गहरी नींद बोहोत जल्दी आ गई. मैं लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स और बनियान पहेन के सोया था. पता नही कियों मुझे पंत शर्ट पहेन के सोना आता ही नही था. मैं या तो लूँगी बानयन पहेन के सो सकता था या बर्म्यूडा शॉर्ट्स या लूस बॉक्सर्स शॉर्ट्स. मुझे पता नही
था के यह कमरा लॅडीस के लिए सेपरेट है या जेंटस के लिए या मिक्स है जिसे जहा जगह मिले सो जाए. मैं तो बस लेटा और गहरी नींद सो गया.
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07-12-2018, 01:07 PM,
#15
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
रात का पता नही क्या समय हुआ था मुझे लगा के कोई मेरे बदन से खेल रहा है. थोड़े से अपने होश ओ हवास मे आया तो पता चला के मेरा लंड एक दम से आकड़ा हुआ है और कोई लंड को किस कर रहा है. मेरा लंड अछा ख़ासा बड़ा और मोटा है. जब अकड़ जाता है तो लोहे जैसा सख़्त हो जाता है और क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा हो जाता है. हा तो मैं पूरे सर से ब्लंकेर ओढ़ा हुआ था और कोई मेरी ब्लंकेट के अंदर मेरी फैली हुई टाँगों के बीच से ही मेरे लंड को कोई चूस रहा था. पहले तो मेरी समझ मे कुछ नही आया. थोड़ा सा सर ब्लंकेट के बाहर निकाला तो पता चला के कमरे मे घुप अंधेरा छाया हुआ है शाएद लाइट चली गई थी और सारे घर मे सन्नाटा छाया हुआ है और इस रूम मे किसी किसी के ग्ग्गहररर ग्ग्गररर खर्रातो की आवाज़ें आ रही हैं. यह समझ मे नही आ रहा था के यह खर्राटे लॅडीस के हैं या जेंट्स के.
मैं ने महसूस किया के मेरा बॉक्सर्स शॉर्ट्स नीचे को सरका हुआ है और तकरीबन मेरे घुटनो से नीचे है और कोई मेरी टाँगों के बीच मे लेटा है और मेरे लंड के डंडे को हाथ से पकड़ के चूस रहा है. लंड का सूपड़ा और आधे से ज़ियादा डंडा उसके मूह मे है. यह सब कुछ इतनी खामोशी से हो रहा था के अगर कोई जाग भी रहा होता तो पता नही चलता के कौन क्या कर रहा है. अब मेरी आँख अछी ख़ासी खुल चुकी थी मैं ने उसके सर को पकड़ के उसके मूह को अपने मोटे तने हुए लंड से चोदना शुरू कर दिया और वो लॉली पोप की तरह मेरा लंड चूस रही थी. उसके सर को हाथ लगाने के बाद पता चला के वो कोई फीमेल है अब यह पता नही के लड़की है या कोई औरत. जो भी हो वो बड़ी मस्ती मे चूस रही थी और लंबे मोटे लंड को मज़े ले ले के चूस रही थी
उसके सर को पकड़ के उसके मूह मे लंड पेल रहा था पूरा लंड तो अंदर नही घुस रहा था और मैं पूरा घुसाने को डर भी रहा था के कही लंड पूरा उसके हलक तक चला जाए और वो चीखे और किसी की आँख खुल जाए तो मुश्किल हो सकती थी. इसी लिए बस धीरे धीरे ही चोद रह था. मुझे उसका मूह अपने लौरे पे बोहोत अछा लग रहा था. गीला गीला गरम गर्म मूह आहह पता नही कितनी देर से वो चूस रही थी बॅस थोड़ी ही देर मे मेरा बदन टाइट होने लगा उसी टाइम मुझे लगा जैसे उसने मेरा लंड अपने हलक तक ले लिया हो. मुझे उसके हलक का सुराख अपने लंड के सूपदे पे महसूस हो रहा था. एक दो धक्के ज़ोर ज़ोर से मारे और मेरी गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई लंड मे से निकल के उसके हलक मे डाइरेक्ट चली गई जिसे वो निगल गई.
उसने चूसना नही छोड़ा लगता था जैसे सारी मलाई निचोड़ निचोड़ के पी जाना चाहती हो वो लंड को कंटिन्यू चूस्ति जा रही थी.
थोड़ी ही देर मे जब सारी मलाई निकल गई तो लंड थोड़ा सा सॉफ्ट हुआ. मैं ने कुछ उसके अंदर मूव्मेंट महसूस की. शाएद वो पलट गई थी मेरे मूह के सामने उसकी चूत की स्मेल आ रही थी. वो अपनी दोनो टाँगें मेरे सर की तरफ लंबी कर के लेटी थी उसके थाइस मेरे सर के दोनो तरफ थे उसकी चूत मेरे मूह के सामने और मेरे लंड के पास उसका मूह पर्फेक्ट 69 पोज़िशन मे थी. उसने अपनी चूत को मेरे मूह पे टीका दिया और मेरे लंड को फिर से किस करने लगी और चूसने लगी. उसके गरम मूह के स्पर्श से एक ही सेकेंड मैं मेरा लंड फिर से क़ुतुब मीनार बन गया.. मैं उसके छूतदों को पकड़ के उसकी चूत को किस कर रहा था और चूस रहा था. वाह क्या मस्त गरम और रसीली चूत थी उसकी बिल्कुल मक्खन जैसे चिकनी एक झाँत भी नही थी लगता था जैसे अभी अभी झांतें साफ कर के आई हो. उसकी चूत का जूस मेरे मूह मे ऐसे टपक रहा था जैसे अमृत. वो अपनी चूत को मेरे मूह पर घिस्सने लगी. मेरे दाँत उसकी चूत के अंदर लगते तो वो मस्ती मे आअहह करती और मेरे लौदे को अपने दन्तो से काट देती. बड़ा मज़ा आ रहा था.
मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर घुसी हुई थी. हम दोनो के ऊपेर ब्लंकेट पड़ा हुआ था. जब मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने दांतो मे पकड़ के काटा तो वो ऊऊऊऊीीईईईईईईईई आआआआहह की आवाज़ निकालने लगी और चूत को मेरे मूह से निकाल लिया और उतनी देर मेरे लंड से मूह हटा लिया और जब मैं उसकी चूत को पान जैसा चबा रहा था तो उसका बदन एक दम से अकड़ गया वो अपने हाथ मेरे बाज़ू मे टेक के थोड़ा सा उठ गई और मेरे मूह को अपनी चूत से चोदने लगी और सडन्ली उसकी साँसे गहरी गहरी चलने लगी और फिर उसका बदन कापने लगा और एक ही सेकेंड के अंदर वो झड़ने लगी उसकी चूत मे से मीठा मीठा अमृत जैसा जूस निकल ने लगा जिसे मैं मज़े से पी गया. थोड़ी देर तक उसका ऑर्गॅज़म चलता रहा. जैसे ही उसके चूत ने झड़ना बंद किया वो मेरे ऊपेर जैसे गिर पड़ी. मेरे तने हुए लंड के पास ही उसका मूह था. जब उसकी साँसें ठीक हुई तो उसने फिर से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसे देख के मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूतड़ को पकड़ के अपने मूह मे उसकी चूत को घुसाने लगा वो तुरंत ही गरम हो गई और उसकी चूत फिर से गीली हो गई.
अब वो फिर से पलट गई और मेरे क़ुतुब मीनार जैसे लंड पे बैठने लगी. उसकी छूट बोहोत ही गीली हो चुकी थी और टाइट भी थी. लंड उसके चूसने की
वजह से गीला था और उसकी चूत भी गीली थी इसी लिए मेरे लंड पे उसकी चूत फिसल के लंड को अपने अंदर लेने लगी. वो मेरे ऊपेर थी. उसकी दोनो टाँगे मेरे बदन के दोनो तरफ थी और वो मेरे लंड पे बैठ रही थी. लंड अंदर जा रहा था और उसके मूह से आआआहह ऊऊओईईइ म्‍म्म्माआआअ जैसे हल्की हल्की आवाज़ें निकल रही थी. धीरे धीरे मेरा लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी टाइट गीली चूत मे पूरा जड़ तक अंदर घुस चुक्का था और उसके मूह से एक लंबी आआआआआआआआआहह निकल गई. अब मैं ने देखा के वो नाइटी पहने हुए थी जो सामने से पूरी खुली हुई थी. वो मेरे लंड पे उछल उछल के लंड की सवारी कर रही थी जैसे जॉकी घोड़े की सवारी करते हैं. उसकी टाइट चूत मेरे लंड को अपने मुस्सेलस से टाइट पकड़ी हुई थी बोहोत अछा लग रहा था मोटा तना हुआ लंड टाइट गीली चूत के अंदर.
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07-12-2018, 01:07 PM,
#16
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
उसके दोनो हाथ मेरे बदन के दोनो तरफ थे. जब वो मेरे लंड पे फिसल रही तो उसकी चुचियाँ मेरे मूह के सामने डॅन्स कर रही थी. मैं ने उसकी चुचिओ को पकड़ लिया और दबा ने लगा.. आअहह क्या चुचियाँ थी उसकी बोहोत ही मस्त. बड़े साइज़ के मौसम्बी जैसी सख़्त चुचियाँ थी. मैं उसकी चुचिओ को ऐसे दबाने लगा जैसे मौसम्बी का रस्स निकाल ने से पहले मसल रहा हू. उसको झुका लिया और उसकी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगा. आहह वंडरफुल चुचियाँ थी उसका साइज़ होगा तकरीबन 36.इंच लंड अंदर बाहर हो रहा था अपनी गंद ऊपेर उठा उठा के उसको चोद रहा था. वो ऊपेर नीचे हो के उछल रही थी मेरे लंड पे. मैने उसको झुका लिया और अपनी गंद उठा के उसकी चूत मे अपना मूसल जैसे लंड घुसा घुसा के चोदने लगा. जब वो उछल के लंड पे बैठ ती तो मेरा लंड उसकी चूत की पूरी गहराईओं मे घुस के उसकी बच्चे दानी को छू लेता तो वो ज़ोर से मस्ती की सिसकारी भरती और आआआआअहह ऊऊऊऊहह ईईईईईहह और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसे आवाज़ें निकालती. अब मैं उसको झुका के उसकी चुचियाँ चूस रहा था और मेरे हाथ उसके शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़े हुए थे और लंड अंदर बाहर अंदर बाहर चुदाई कर रहा था.

मेरा मन कर रहा था के उसकी चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारू इसी लिए अचानक मैं ने उसको पलटाया और उसको नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया तो उसकी टाँगें मेरे बॅक से ऑटोमॅटिकली लिपट गई. मैने अपने पैर पीछे कर के दीवार से टीका दिए और गंद उठा उठा के चोदने लगा. पूरा
लंड सूपदे तक चूत से बाहर निकाल निकाल के अंदर ज़ोर से घुसा देता तो वो बोहोत धीरे से हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प और ऊऊऊऊओिईईईईईईईईई उउउफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जैसे आवाज़ें निकाल ने लगती. चुदाई फुल स्पीड से चल रही थी. कमरे मे चुदाई की प्प्प्पकक्चह्क्कक प्प्प्पक्चह्क्क जैसे आवाज़े भी आ रही थी जो शाएद ब्लंकेट के अंदर से बाहर नही निकल रही थी.. उसके बगल के अंदर से हाथ निकाल के उसके शोल्डर्स को पकड़ के अपने मूसल जैसे लंड को पूरा हेड तक चूत से बाहर निकाल के एक सेकेंड के लिए ऐसे ही रख के इतनी ज़ोर से लंड उसकी चूत मे घुसेड के धक्का मारता के वो सिसकारी भरती और उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआअहह उउउउउउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प जैसे आवाज़ निकल जाती और हर झटके के साथ वो मुझ से ज़ोर से चिपेट जाती.
मेरे लंड को उसने चूस के एक टाइम झाड़ा दिया था इसी लिए अभी मैं झड़ने के मूड मे नही था और मस्त चुदाई कर रहा था और ऐसी चूत को चोद के मैं एक लंबी चुदाई का मज़ा लेना चाहता था.
मैं लंड पूरा बाहर निकाल निकाल के पीछे की दीवार से पैर टीका के पूरी ताक़त से झटका मारता तो उसका बदन काँप उठ ता और उसके चुचियाँ ऐसे आगे पीछे होती जैसे किसी ख़ास स्टाइल मे डॅन्स कर रही हो और उसके मूह से ईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआहह ऊवूवुयियैआइयीयैयुयुयुवूवयू और ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवयफ्फ्फफ्फ्फ्फ जैसे आवाज़्जे निकलती उसकी अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर रह जाती और मेरे बदन को टाइट पकड़ लेती. उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी और मेरे बॉल्स मे भी अब हलचल होने लगी थी लगता था के अब मैं भी झड़ने वाला हू तो मैं भी उसे एक्सप्रेस की रफ़्तार से चोदने लगा और वो मुझ से पूरी ताक़त से लिपट गई उसका बदन अकड़ गया और वो काँपने लगी और तेज़ी से साँस लेते लेते वो झड़ने लगी बॅस उसी समय मेरे लंड मे से भी मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी चूत को भरने लगी.

मेरे झटके स्लो होते गये और मैं धीरे धीरे झाड़ता ही चला गया और उसके ऊपेर गिर गया लंड उसकी गीली चूत के अंदर ही था. थोड़ी ही देरमे मेरा लंड बाहर निकल गया और मैं उसके बदन से नीचे स्लिप हो गया और उसके बाज़ू मे लेट गया. वो मुझ से लिपटी रही और एक मिनिट तक तो गहरी गहरी साँसें लेती रही और फिर मेरे मूह पे किस किया और मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली तुम्हारा लंड बोहोत कड़क मज़े दार है तुम बोहोत अच्छा चोद्ते हो आज तो तुम ने मुझे मस्त कर दिया चोद के और फिर इस से पहले के मैं कुछ पूछता या बात करता वो मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से बोली “ ऐसा मस्त मज़ा कभी नही आया मुझे लगता है आज पहली बार चुदी हू मैं और ऐसे लगा जैसे आज ही मेरी
सुहाग रात हो” और एक किस कर के धीरे से फिर मेरे कान के लास्ट वाले हिस्से को पहले तो चूसा और फिर थोड़ा सा अपने दांतो से काट के कान मे कहा “आइ लव यू” और उठ के चली गई. अब इतना तो यकीन हो गया था के वो जो भी थी कुवारि नही थी और मैं सोचता रह गया के क्या मैं ने यह आवाज़ पहले भी कही सुनी है क्या यह आवाज़ उषा भाबी की थी या कमला की थी या महमानो मे से किसी की. आवाज़ भी इतनी धीमी थी के मैं डिफरेन्षियियेट नही कर पाया के वो किस की आवाज़ थी. . मैं थोड़ी देर तक उसका वेट कर ता रहा सोचा के शाएद वो बाथरूम मे जा के फिर वापस आएगी पर वो नही आई और मेरी आँख फिर से लग गई और मैं एक बार फिर से गहरी नींद सो गया.
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07-12-2018, 01:07 PM,
#17
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
सुबह उठा तो कमरे मे सब ही उठ चुके थे और मेरा लंड चिप चिपा हो रहा था दोनो की मिक्स मलाई मेरे लंड पे ड्राइ हो चुकी थी. बाथरूम मे जा के शवर लिया और जब चेंज कर के नीचे आया तो नाश्ता रेडी था कुछ लोग नाश्ता खा रहे थे कुछ वेट कर रहे थे. मैं ने इधर उधर देखा तो बोहोत सारी लड़कियाँ और औरतें भी खड़ी थी जिसमे से एक लड़की मेरी तरफ देख के मुस्कुराइ तो मैं समझा शाएद यही थी तो मैं भी मुस्कुरा दिया और गौर से उसे देखने लगा. फिर दूसरी तरफ देखा तो 4 – 5 लड़कियाँ मुस्कुरा रही थी.
उनको देख के मैं भी मुस्कुरा तो दिया फिर उषा भाबी ने अपने स्टाइल मे पूछा लगता है रात नींद नही आई इसी लिए आँखे लाल हो रही हैं. चाइ पीओगे या दूध ??. दूध कहते हुए उन्हों ने एक आँख बंद कर ली थी. और हंसते हुए बोली लगता है बंगाल का रस गुल्ला खा लिया रात को इसी लिए नींद नही आई रात भर. फिर कुछ ही देर मे कमला भी सामने आ गई और इत्तेफ़ाक़ से उसने भी ऐसे ही पूछा क्या हुआ रात डर तो नही लगा ना तुम्है अकेले सोने मे ??. सर्दी तो नही लगी तुम्है ?? और नींद अच्छी तो आई ना ?? और फिर वो भी एक आँख दबा कर बोली के किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो बता देना मैं इंतेज़ाम कर दूँगी. मेरा दिमाग़ चकरा गया समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ (अब मैं उन्है क्या बता ता के मुझे क्या चाहिए. मुझे चाहिए थी चुदाई के लिए उनकी चूत या उषा की चूत क्या वो यह इंतेज़ाम कर सकती है मेरा ?? लैकिन पूछ नही पाया.). इतना सुनना और सोचना था मेरा के मैं तो पागल जैसे हो गया अब मेरी समझ मे नही आ रहा था के रात जिसने मेरे साथ चुदाई की क्या वो उषा भाबी थी या वो कमला थी या कोई और मेहमानो मे से कोई थी आख़िर वो कौन थी ???
नाश्ता करने के बाद हम शादी के डिफरेंट कामो मे लग गये शाम मे शादी का महुरत था. सारा दिन भागम भाग मे और कामो मे गुज़र गया और शाम मे फेरो की रसम के बाद शादी हो गई. अशोक की पत्नी उर्मिला बोहोत ही
सुन्दर थी. हाइट भी अच्छी ख़ासी थी. रंग भी इतना गोरा था लगता था हाथ लगाओ तो मैली हो जाए. शादी के ड्रेस मे वो बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी. शादी बोहोत धूम धाम से हुई थी. बहुत सारे मेहमान थे. सब का डिन्नर होने तक रात के 12 बज गये. फिर नाच गाने का सिलसिला चलता रहा. बहुत सारे मेहमान तो सारी रात जागते रहे. मुझे भी शादी मे मज़ा आ रहा था और लड़कियाँ जब डॅन्स करती तो उनकी उछलती मचलती चुचियाँ देख कर मेरा लंड भी अकड़ने लगता. सब ने बोहोत एंजाय किया. उस रात मे नही सो पाया.
शादी के दूसरे दिन रिसेप्षन था. स्टेज पे दूल्हा और दुल्हन बैठे थे. दूल्हा और दुल्हन का चेहरा रात की चुदाई से शाएद चमक रहा था. दोनो एक दूसरे की तरफ देख के मुस्कुरा रहे थे शाएद आँखो आँखों मे इशारा कर के रात की चुदाई का मज़ा ले रहे थे. हाथों मे हाथ डाले बैठे थे कभी एक दूसरे का हाथ दबा देते. कभी कोई मेहमान ऊपेर आके उनसे मिलता और गिफ्ट देता तो दोनो खड़े हो जाते और उन से मिलते फिर बैठ जाते. और उसी स्टेज पे कोई कोई लड़की या कई लड़किया आके डॅन्स करती तो कभी स्टेज के नीचे ही डॅन्स करते. बहुत धमाल मच रहा था. बजे बज रहे थे गाने चल रहे थे. लोगों के खाने के लिए स्वीट्स और पूरी की और डिफरेंट खाने की स्टॉल्स लगी हुई थी जहा लोग अपने मान पसंद खानो को अपनी प्लेट मे ले के खा रहे थे.
रात का तकरीबन 1 बज चुक्का था और लास्ट नाइट भी नही सो पाया था इसी लिए मुझे अब नींद आने लगी थी. नींद का ख़याल आते ही मुझे वो अंजान लड़की से चुदाई याद आ गई और फिर क्या था लंड एक दम से फॅन फनाता हुआ उठ खड़ा हुआ. बड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभलता हुआ मैं उसी रूम मे आ गया जहा पहले सोया था. आज कमरे मे कोई और 2 आदमी बैठे बातें कर रहे थे. थोड़ी देर उन से बात कर ने के बाद मैं अपनी जगह पे आगेया और उस अंजान लड़की का इंतेज़ार करते करते सो गया. यह भी तो पता नही था ना के वो आएगी भी या नही.
क्रमशः.......................
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07-12-2018, 01:07 PM,
#18
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
गतान्क से आगे...................

खैर फिर से वोही हुआ गहरी नींद से आँख खुली तो वोही तकरीबन वैसे ही पोज़िशन थी मेरा लंड आकड़ा हुआ था और उसके हाथो मे था. मैं करवट से लेटा हुआ था और वो मेरे राइट साइड मे दीवार की तरफ लेती थी उसकी करवट मेरी तरफ थी. वोही अंधेरा कमरा वोही ठंडी ठंडी हवा सर्दी के मारे सब अपने अपने ब्लंकेट मे घुसे गहरी नींद सो रहे थे. वो मेरा हाथ लंबा कर के उसपे अपना सर रख के लेटी थी और मुझे किस कर रही थी. मेरे बॉक्सर्स को नीचे तक खिसका के मेरे लंड को पकड़ के अपनी चूत मे घिस्स रही थी.

उसकी एक टांग मेरी कमर पे रखी थी. ऐसी पोज़िशन मे उसकी चूत की फाँकें खुली हुई थी और वो मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड का सूपड़ा अपनी चूत के अंदर ऊपेर से नीचे और नीचे से ऊपेर कर रही थी. मेरे बदन से उसका बदन चिपका हुआ था. लंड मे से प्री कम निकल के उसकी ऑलरेडी चूत को और ज़ियादा स्लिपरी बना रहा था. ऐसी ठंड मे मेरे लंड के सूपदे पर उसकी गरम और गीली चूत का स्पर्श बोहोत अछा लग रहा था.

उसने मुझे पुश किया और सीधा लिटा दिया और मेरे ऊपेर आ गई सेम उसी पोज़िशन मे जैसे उस रात थी. मेरा लंड इतनी ज़ोर से अकड़ गया थे कि सीधा खड़ा होने के बजाए मेरे पेट से सॅट गया था. वो मेर ऊपेर आ गई और मेरे लंड के डंडे पे अपने चूत रख दी ऐसे के उसके चूत की दोनो लिप्स के बीच मे लंड का डंडा था और वो अपनी गीली चूत मेरे लंड के डंडे पे आगे पीछे कर के फिसलने लगी मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मेरा लंड उसकी खुली चूत की फांको मे और मेरी जाँघो के बीच मे सॅंडविच बना हुआ था. मंन कर रहा थे कि अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसेड के ज़ोर ज़ोर से चोद डालूं लैकिन वो ऐसे ही फिसलती रही मुझे भी उसका अपने लंड पे फिसलना अछा लग रहा था. लंड से प्री कम भी निकल रहा था जिस की वजह से वो मेरे लंड पे उसकी गीली चूत बोहोत आसानी से फिसल रही थी. कभी कभी उसकी गीली चूत का सुराख मेरे लंड के सूपदे पे टिक जाता तो उसकी चूत का सुराख बोहोत अछा और टाइट लगता और लंड मे से निकल ता हुआ प्री कम उसकी चूत मे लग जाता जिसे से उसकी चूत और स्लिपरी हो गई थी. पता नही कियों वो लंड को अपनी चूत के अंदर नही डाल रही थी. मैं उसकी चुचिओ को मसल रहा था. हाथ लगा ते ही मैं चौंक गया कियों के यह वो चुचियाँ नही थी जिनको कल मैं ने मसाला था और चूसा था. यह चुचियाँ तो पहले वाली से थोड़ी सी छोटी थी और कुछ ज़ियादा ही कड़क थी. निपल भी थोड़े से अलग थे अंधेरे मे नज़र तो नही आ रहे थे लैकिन मूह मे लेने से पता चल गया के यह निपल्स कुछ अलग हैं और चुचिओ का साइज़ भी अलग है यह चुचियाँ मेरे पूरे मूह मे समा रही थी जिन्है मैं चूस रहा था. मैं कुछ सोच मे पड़ गया फिर ख़याल आया के मुझे क्या करना है वो कोई भी हो अब तो बस मेरे ऊपेर वासना की भूक चढ़ि हुई थी और लंड दीवाना हो चुक्का था उसको तो बॅस यह चूत चाहिए थी जो उसके साथ मस्ती कर रही थी.
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07-12-2018, 01:08 PM,
#19
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
वो मेरे लंड पे आगे पीछे हो के फिसलती रही फिसलती रही मगर अब मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा था. मैं ने उसको भी पहले वाली की ही तरह से

पलटा दिया और उसके ऊपेर चढ़ गया और उसकी चुचिओ को मूह मे ले के चूसने लगा तो उसके लेग्स भी ऑटोमॅटिकली मेरे बॅक पे आ गये और वो मुझ से लिपट गई और मेरे सर को पकड़ के अपनी चुचिओ मे घुसाने लगी. शाएद यह नॅचुरल था के उसकी टाँगें इमीडीयेट्ली मेरे बॅक से लिपट गई. मैं उसकी चुचिओ को चूस्ता रहा मेरा लंड उसकी चूत के ऊपेर ही रखा हुआ था उसमे से प्री कम निकल रहा था. मैं ने अपनी गंद उठा के लंड को बिना देखे ही धीरे धीरे धक्के मार के चूत के लिप्स के अंदर ही आगे पीछे करने लगा मेरा लंड उसकी चूत के नीचे से ऊपेर फिसलने लगा और क्लाइटॉरिस को हिट करने लगा तो उस के मूह से वासना भरी आआहह उउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसे धीमी धीमी आवाज़ निकल रही थी अब मैं उसको चोदना चाहता था और शाएद उसको भी अब शक हो गया था के अब मैं अपना लंड उसकी चूत मे घुसेड़ने वाला हू तो उस ने किसी कपड़े को अपने मूह मे दबा लिया ता के कोई आवाज़ ना निकले.

मुझे वो पोज़िशन बोहोत अछी लगती है जिस्मै मैं पीछे दीवार से या बेड के कॉर्नर से अपने पैर टीका के चोद्ता हू. तो मुझे लगता है के बोहोत पवरफुल और ताक़त से चुदाई होती है जिसको लड़की पसंद करती है तो उसी तरह से अपने पैर पीछे कर के दीवार से टीका दिए. लंड उसकी चूत के लिप्स के बीचे मे था कभी कभी चूत के सुराख से भी टकरा जाता तो मन करता के घुसेड ही डालु.

पर वेट कर रहा था. जब पोज़िशन सही मिल गई और उसकी चूत समंदर जैसे गीली और मेरे प्री कम से चिकनी हो गई तो लंड को एक ही झटका इतनी ज़ोर से मारा के मेरा क़ुतुब मीनार जैसा लंबा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी चूत फाड़ के अंदर जड़ तक घुस गया और उसके मूह से जो चीख निकली ऊऊऊऊऊईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममममममाआआआआआआआअ म्‍म्म्ममममाआअरर्र्र्र्र्र्र्

र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगगाआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई लैकिन उसके मूह मे कुछ कपड़ा ठुसा हुआ था इसी लिए उसकी आवाज़ बस ब्लंकेट के अंदर ही अंदर घुट के रह गई और वो मुझ से बोहोत ज़ोर से लिपट गई उसकी ऊपेर की सांस ऊपेर और नीचे की साँस नीचे रह गई बदन पूरा अकड़ गया. मुझे यकीन भी हो गया के उसकी आँखें अपने सॉकेट मे से भी बाहर निकल गई होगी और उसकी आँख से पानी भी निकल गया होगा. और उसके चेहरे का रंग भी उड़ गया होगा सच मे बोहोत ही ज़ोर का धक्का मारा था जिस से उसकी चूत फॅट गई थी.

मैं ने अपना लंड उसकी चूत मे थोड़ी देर के लिए ऐसे हो छोड़ दिया. जब उसकी साँसें कुछ ठीक हुई और उसकी ग्रिप ढीली होने लगी तो फिर चुदाई शुरू कर दिया. आअहह क्या टाइट चूत थी उसकी लंड तो गीला होने की वजह से अंदर

बाहर फिसल रहा था लैकिन मुझे महसूस हो रहा था के जैसे उसकी चूत मेरे लंड को कस्स के पकड़ी हुई है और जैसे मेरे लंड को निचोड़ रही हो. मुझे यह भी महसूस हो रहा था के जब मैं अपना लंड बाहर निकाल ता तो उसकी चूत के छेद का थोड़ा सा हिस्सा भी थोड़ा मेरे लंड के डंडे से लग के बाहर आता और फिर मैं उसी ताक़त से लंड अंदर घुसा देता. चुदाई एक दम से पवरफुल थी. वो मुझ से लिपटी पड़ी रही और मैं चोद ता रहा लंड पूरा सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के. पैर तो पीछे दीवार से टीके हुए थे और दोनो हाथ उसकी बगल से निकाल के शोल्डर्स को कस्स के पकड़ा हुआ था ता के ग्रिप अछी मिले और पीछे दीवार से पैरो की ग्रिप ले के अपनी गंद उठा के लंड को पूरा सूपदे तक बाहर खेच के एक दम से ज़ोर का झटका मारता तो उसके मूह से हमम्म्म हप्प्प्प्प्प सस्स्स्स्स्सस्स ऊऊईईइ उउउफफफफफफफ्फ़ आआहह और ऊऊऊऊहह जैसी आवाज़ें निकलती. अब उसकी ग्रिप थोड़ी सी लूस हुई और वो चुदाई का मज़ा लेने लगी नीचे लेटे लेटे अपने चूतड़ उठा उठा के मेरे धक्के का जवाब अपनी चूतड़ उठा के देने लगी.
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07-12-2018, 01:08 PM,
#20
RE: Hindi Porn Kahani वो कौन थी ???
मस्त टाइट चूत थी उसकी और ऐसी टाइट चूत को चोदने का मज़ा बोहोत आ रहा था. मैं उसके मम्मो को चूस रहा था. उसके निपल्स उतने बड़े तो नही लैकिन अच्छे थे जैसे छोटे साइज़ का अंगूर और लगता था के चुचियाँ रस्स भरी हो और टाइट थी मज़ा आ रहा था चूसने का और उसकी टाइट चूत को चोदने का.

चुदाई ज़ोर पकड़ती जा रही थी और झटके तेज़ हो रहे थे उसी के साथ उसकी आवाज़ भी ऊऊऊओईईईई म्‍म्म्ममाआआअ आअहह बहुत मज़ा आवे है रीए आअहह ऊऊईईइ सस्स्स्स्स्सस्स आआआहह और फिर दोनो के बदन टाइट होने लगे वो मुझ से फिर से ज़ोर से लिपट गई और ज़ोर से मुझे पकड़ लिया और मैं ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था मुझे लगा के मेरे बॉल्स मे से क्रीम अब ट्रॅवेल कर के लंड के डंडे मे से होती हुई सूपदे के सुराख के तरफ आ रही है और फिर लंड को पूरा बाहर निकाल के एक बोहोत ही ज़ोर का धक्का मारा तो वो काँप गई और आआआआआआआआआआआआहह की आवाज़ के साथ ही उसके बदन मे जैसे एलेक्ट्रिक जैसे झटके लगने शुरू हो गये और वो ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और साथ ही झड़ने भी लगी और मैं भी झड़ने लगा. मेरी मलाई की पिचकारियाँ निकलती रही और उसकी चूत को भरती रही. दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी लंड को चूत ने टाइट पकड़ा हुआ था जैसे कोई लंड को अपने हाथ से मुट्ठी मे ज़ोर से दबा के पकड़ लेता है और मुझे लगा के उसकी चूत के मसल्स मेरे लंड को निचोड़ रहे हैं ता के लंड मे से निकली हुई मलाई का एक एक क़तरा निचोड़ लेना चाहती हो.

मैं बे दम होके उसके बदन पे ही गिर पड़ा. दोनो गहरी गहरी साँसें लेते ऐसे ही पड़े रहे जैसे दोनो के बदन मे जान ही ना रही हो. उसने मेरे होंठो पे एक ज़बरदस्त टंग सकिंग किस किया और उसने भी मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से कहा और इतना धीरे से कहा के मुझे बही सुन के समझने मे टाइम लगा “यह चुदाई मुझे ज़िंदगी भर याद रहेगी सच मे मज़ा आ गया तुम ने मुझे चोद के लड़की से औरत बना दिया. मुझे खुशी है के Mआईन ने अपनी कुवारि चूत की सील इतने कड़क और मस्त लंड से खुलवाई” और “आइ लव यू” कहते हुए मुझे अपने ऊपेर से पुश किया और उठ के शाएद बाथरूम चली गई. मुझे यह भी याद नही के कब मैं उसके बदन से लुढ़क के नीचे बेड शीट पे आ गया और कब मैं सो गया. सुबह जब आँख खुली तो रात का सीन दिमाग़ मे आ गया और मैं लेटे लेटे सोचने लगा के कही मैं कोई हसीन और रंगीन सपना तो नही देख रहा था ??.

देखा तो अभी कुछ लोग और भी सो रहे थे कुछ लोग उठ के नाश्ते के लिए जा चुके थे. मैं ऐसे ही लेटा रहा और रात के सीन को सोचता रहा. यकीन नही हो रहा था के वो एक हसीन सपना था या हक़ीक़त. नीचे बिछी हुई बेडशीट डिफरेंट कलर की थी. बेड शीट पे नज़र पड़ी तो पता चला के वाहा तो थोड़ा सा खून भी गिरा हुआ है जिसका धब्बा बेडशीट पे लगा हुआ है तब यकीन हो गया के मैने कोई सपना नही देखा और जो भी हुआ रियल मे हुआ. मैं ने अपने लंड को देखा तो पता चला के उस पर भी थोड़ा सा खून लगा हुआ है जो ड्राइ हो चुका है. उफ्फ तो क्या सच मे वो कोई कुवारि चूत थी जिसकी मैने सील तोड़ डाली. मैं यह सोचता ही रह गया के वो कौनसी कुवारि चूत थी जिसने मेरे लंड को पसंद किया था और आख़िर वो कौन थी ?????? दोस्तो आप भी हैरान होंगे लेकिन मेरी भी समझ मे कुछ नही आ रहा था पर जो भी हो रहा था मुझे बहुत मज़ा आ रहा था

सुबह जब मैं नीचे आया तो फिर से सब कुछ वैसा ही था. कुछ लोग नाश्ता कर रहे थे.. कुछ लोग वेट कर रहे थे. कुछ लोग वापसी की तय्यारि कर रहे थे. वैसे ही लड़किया और औरतें हंस रही थी मुस्कुरा रही थी. इतना तो शुवर था के जिसे मैं ने चोदा उसमे से एक लड़की पहले ही से चुदी चुदाई थी और दूसरी कवारी चूत थी. मैं किसी को भी पॉइंट आउट कर के नही कह सकता था के जिसे मैं ने दो रातों को चोदा पहली रात को क्या वो अरुण की बड़ी बहेन कलमा की गुजराती गरम और प्यासी चूत थी या अरुण की वाइफ उषा की चंचल बेंगाली चूत थी या मेहमानो मे से किसी की नटखट चंचल और प्यासी चूत थी ?? आख़िर वो कौन थीं ???????????किसकी चूते थी जिन्है मैं ने चोदा ????????????? ??.

और दूसरी रात जिस कुँवारी चूत ने चुदवाया कही वो चंचल चूत शांता की तो नही या किसी मेहमानो मे से कोई ब्रांड न्यूचूत जिस मे खुजलीहुई थी. क्या इस मैं से एक गरम गुजराती चूत थी और एक रस्स भरी बेंगाली चूत थी या दोनो रस भरी बेंगाली चूते या दोनो गरम गुजजु चूते थी लैकिन जो भी थी ; थी दोनो ही सेक्सी. मैं आज तक नही जान पाया के जिन्होने अपनी चूते मेरे लंड की भेंट चड़ा दीं वो किनकी चूते थी और आख़िर वो कौन थी ??? 



आख़िर वो कौन थी ???
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